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वाह ग़ज़ब की लंड फाड़ उत्तेजना से भरी कहानी है
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Seema Ji
Its a long time for an update
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one of the best desi story ever read
update more ?
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(03-09-2022, 04:24 PM)Seema Ji ek request hain.. kya aap edit kar ke san kahani ka font size badha sakati hain.. ? isko 5 size kar de puri. meri uamr 50 ki hain or muzse itni choti font size bilkum padhi nahi jati. aapse request haimaapki sandhya SEEMA SINGH Wrote: **************************************
१८
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"अरे, इतना सिखाया पढ़ाया पर फिर भी भाभी की सारी मेहनत पर तेल फेर दिया। अरे भैय्या का क्या ? उनकी नाक ? या उनका हाथ ? और क्या उनका पैर बहुत बड़ा है ?" मैंने नीलू के चूचुकों को इस बार इतना कस कर दबाया की उसकी लम्बी चीख वंदना में समाप्त हुई।
"भाभी हाय, नहीं बहुत दर्द कर रही हो। अच्छा सॉरी। मेरे भैया का लंड। अब तो ठीक है। प्लीज़ थोडा धीरे से मसलों ना," नीलू ने राहत की सांस ली जैसे हे मैंने अपनी गिरफ्त उसके चूचुकों पर कुछ ढीली कर दी।
"अब समझ आई ना बात, " मेरे दोनों हाथ पूरे उद्यमी थे औए नीलू की सिकारियां कभी ऊंची कभी मद्यम स्वर में कमरे में गूँज रहीं थीं।
"नीलू रानी, बड़ी सयानी, चूत मरानी तुम्हारे भैया का लंड इतना लंबा है कि मेरी चार मुठियों के बाद भी उनका बड़े सेब जैसा सुपाड़ा अनढका रहता है। तुम्हारे भैया के लंड की मोटाई तो हाथी के लंड जैसी है। मेरे दोनों हाथ मुश्किल से मिल पाते हैं। उनके अंडकोष तो किसी सांड को भी शर्मिंदा कर दें ,इतने विशाल और भारी हैं, " नीलू अब आधे खुले मुंह से ज़ोर ज़ोर से सांस ले रही थी। उसकी सिस्कारियां और उसके लाल कामवासना से उज्जवलित चेहरे को देख कर मुझे अपने बचपन के दिन याद आ गए।
"भाभी, आप ही बताइये मैं क्या करूँ ?,” नीलू ने सिसकारते हुए पूछा , "कोई बहन अपने बड़े भाई से कैसे चुदवा सकती है ?"
कम से कम नीलू ने चोदने के लिए कोई मंगलभाषी शब्द का प्रयोग नहीं किया।
"अरे इसमें शर्माने की क्या बात है ? तुम्हारे भैया के पास लंड है और तुम्हारी चूत को उनका लंड चाहिए। बस उनसे पूछ लो ," मैंने एक बार फिर से नीलू के चूचुकों को निर्ममता से मसला और उसकी मादक चीख ने मेरी चूत गीली कर दी।
"भाभी अब मेरी चूत से नहीं सहा जाता। प्लीज़ उसे देखों ना ," नीलू के गोल मटोल मुलायम चूतड़ मेरी चूत को मचलते हुए रगड़ रहे थे।
"क्या देखूं तुम्हारी चूत में नीलू रानी?" मैंने अपनी नन्ही कमसिन ननद को चिड़ाते हुए कहा।
"सॉरी भाभी। मेरी चूत को ठंडी कर दीजिये प्लीज़। जब मैं अपने आप करती हूँ तब उतना मज़ा नहीं आता। पर जब आप करती हैं तो मैं बहुत देर के लिए ठीक हो जातीं हूँ और पढ़ाई भी बहुत अच्छे से होती है," मेरी नादान ननद अब भाभी के गुर सीख रही थी।
पढ़ाई के नाम से तो नीलू मुझसे कुछ भी करा सकती थी। मैंने अपने एक हाथ को मुश्किल से उसकी लाल सूजी चूची से अलग कर उसकी मादक गोल मटोल मोटी टांगें चौड़ा कर अपनी झाँगों के दोनों ओर फैंक दी। नीलू के गुलाबी नन्ही सी चूत मेरी उँगलियों के तड़प रही थी। नीलू की चूत पर अभी एक भी झांट का रेशा नहीं उगा था।
मैंने अपनी बीच की उंगली से उसकी चूत के द्वार तो सहलाया और उसकी ऊंची सिसकारी ने मुझे भी कामोन्माद से अभिभूत कर दिया।
मुझे याद था कि इस उम्र में चूत से उपजे आनंद का अलग ही मज़ा है और कोई भी कन्या इसे नहीं भूल सकती है।
मैंने नीलू की चूत के तंग संकरे मुंह को उंगली से कुरेदा पर अपनी उंगली को अंदर डालने से रोक दिया। नीलू की चूत का उद्घाटन तो एक मूसल से भी बड़े लंड से होना था।
शीघ्र मेरी उंगली ने नीलू के नन्हे से भाग-शिश्न को ढून्ढ लिया और जैसे ही मेरी उंगली ने उसे रगड़ा नीलू मेरी गोद में से उझल पड़ी ,"भाभी, आः ऐसे ही करो प्लीज़ भाभी। " नीलू अब अपने चूची के मर्दन के दर्द को भूल गयी। मैं उसके चूचुक और उरोज़ को निर्ममता से मसल रही थी पर अब नीलू चीखने के बजाय सिसक रही थी।
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१९
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मैंने नीलू के भाग-शिश्न [क्लिट] को तेज़ी से रगड़ना शुरू कर दिया और तीन मिनट में नीलू ऐसे कांप रही थी जैसे उसे मिर्गी का दौरा पड़ रहा हो।
जब तक उसका चरम-आनंद धीमा पड़ा तब तक नीलू दौड़ की घोड़ी की तरह हांफ रही थी।
"भाभी आप कसम से कितनी अच्छीं हैं। आई लव यू भाभी।, " नीलू ने हाँफते हुए कहा।
मैंने उसे प्यार से अपने से लिपटा लिया और उसके फड़कते हाँफते होठों को कस कर चूम लिया।
"भाभी आप मेरी लिए कुछ सोचेंगीं ना ?" मेरी नन्ही ननद अब पूरी तरह तैयार हो गयी थी।
मैंने कुछ देर सोचने की अभिव्यक्ती बनाई फिर अचानक जैसे मुझे उंसकी समस्या का कोई हल किसी देव-वाणी से मिल गया।
"नीलू मैंने यह पहले क्यों नहीं सोचा, मेरे भैया शायद होली पर यहाँ आये तुम्हारी कम्मो दीदी के साथ। मैं उनको तुम्हारी चूत के ऐसी कि तैसी करने के लिए मना लूगीं। "
नीलू की आँखें चमक उठीं ," भाभी क्या जीजू मुझे चोदना चाहेंगें। उनके पास तो दीदी हैं। मैं कम्मो दीदी के सामने तो कुछ भी नहीं हूँ।" मैंने उसे और भी कस कर भींच लिया और इसके होंठों को चूस चूस कर सुजा दिया, इतना प्यार आ रहा था मुझे अपनी बच्ची ननद पर।
"नीलू रानी , मेरे भैया तो तुम्हारे जीजू हैं। जीजू का तो साली पर हक़ तो होता ही है पर उनका कर्तव्य भी है की अपनी साली के कौमार्य को भिन्न-भिन्न करने का। तुम बस एक बार मन बना लो बाकी मेरे ऊपर छोड़ दो। फिर जब समय आये तो वैसे ही करना जैसे मैं कहूं, " मेरे हाथ अब नीलू के लाल मसले हुए चूचियों को प्यार से सेहला रहे थे।
"भाभी, जीजू इतने हैंडसम है और कम्मो दीदी इतनी सुंदर हैं यदि जीजू मुझे चोदने के लिए तैयार हो जायेंगें तो मैं जैसे आप कहेंगें वैसे ही करूंगीं। भाभी जीजू का लंड कितना बड़ा है ," मैं मुस्करा दी। कुंवारी नीलू अब लंड के लम्बाई मोटाई के बारे में भी फिक्रमंद हो गयी थी , "क्या जीजू का भी बड़े भैया जितना बड़ा है ?"
"नीलू मैंने अपने भैया के लंड के बारे में कम्मो से सुना है। उसके विवरण से तो मुझे लगता है कि मेरे भैया का लंड तुम्हारे भैया जैसा ही है। दोनों मर्द नहीं सांड और घोड़े का मिश्रित रूप हैं। "
नीलू का चेहरा अपने जीजू के लंड की बड़ाई सुन कर खिल गया।
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२०
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" लेकिन, ननद जी एक शर्त है। आप इस साल अपनी सब क्लासों में प्रथम आयेंगीं। " मैंने तुरंत स्थिति का फायदा उठाया।
"भाभी यदि इस होली पर जीजू मुझे चोद दें तो मैं कभी भी आपके बात नहीं टालूंगीं प्रथम आना तो बहुत आसान है ," नीलू ने मुड़ कर मेरे खुशी से खुले हुए मुंह को ज़ोर से चूम लिया।
" अपने कॉलेज का काम समाप्त कर लो। तुम तो मेरी बहुत ही प्यारी और सयानी ननंद हो। मैं तो प्रार्थना करती हूँ कि मेरी बेटी भी तुम्हारी तरह ही मेधावी हो ," मैंने कस कर नीलू को भींच लिया।
"भाभी नन्ही ननंद तो भी बेटी की तरह होती है ," नीलू के भावुक शब्दों से हम दोनों कुछ क्षणों के लिए मूक हो गए।
मैंने नीलू गुलाबी के होंठों को चूम कर कहा, "चलो अब वापस काम पे लग जाओ। "
जैसे ही मैं जाने लगी नीलू ने पूछा ," भाभी क्या भैया आपको रोज़ चोदते हैं ?"
मैंने मुड़ कर मुस्करा कर कहा ," हां नीलू जी रोज़। सिर्फ रात में ही नहीं सुबह बिस्तर से निकलने से पहले, कभी कभी बाथरूम में भी। और फिर वो मुझे काम के बहाने ऑफिस बुला लेते हैं और वहाँ उनके ऑफिस के साथ लगे बेडरूम में मेरे चूत का बैंड-बाजा बजा देतें है। जब मेरे भैया, तुम्हारे जीजू तुम्हारी चूत का उद्घाटन कर दें तो अपने भैया से भी मरवा लेना। कभी भी नहीं भूलोगी भैया की चुदाई को। "
मैं इस विचार को नीलू के मस्तिष्क में भर कर खाना बनाने चल दी।
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२ १
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रवि भी जब तक भोजन तैयार हुआ ऑफिस से आ गए। उन्होंने मम्मी को चूमकर आलिंगन में ले लिया। मैं उनके पीछे पीछे अपने शायह-कक्ष में चली गयी। बाहर की बैठक के बाद रवि का अध्यन-कक्ष और ऑफिस थे फिर उनसे के बाद विशाल शयन-कक्ष। रवि ने मुझे बाँहों में भरकर मेरे होंठों से होंठ लगा दिए। मेरी दिल की धड़कन बढ़ गयी। उनके मीठी जीभ मेरे गीले मुंह में घुस कर मेरे मुंह की तलाशी लेने लगी।
मैंने भी अपनी जीभ को उनके मुंह को अच्छे से तलाशने के लिए अंदर भेज दिया । उनके मजबूत हाथों ने मेरे बड़े विशाल गदराये चूतड़ों को पकड़ कर मुझे हवा में उठा लिया और मेरी भरी-भरी गोल गोरी बाहें उनकी गर्दन से लिपट गयीं।
अब हमारा गीला एक दुसरे की स्वादिष्ट लार चखने वाला चुम्बन जो शुरू हुआ तो तभी छूटा जब मैं सांस भी नहीं ले सकती थी।
उनके बलशाली विशाल हाथों मेरे ब्लाऊज़ के ऊपर से ही मेरी गदराई फड़कती चूचियों को मसलने लगे।
"हाय, रवि थोडा सब्र किजीये ना। सब खाने के लिए आपका इंतज़ार कर रहे थे," मैंने सिकारी मारते हुए मुश्किल से कहा।
“ शालू, तुम्हारी याद ने सारा दिन मेरी पैंट में तनाव बना रखा है। एक बार जल्दी वाली चुदाई करने के बाद खाना खाने चलेंगें," रवि ने प्यार से मेरी नाक की नोक को पहले चूमा फिर हलके से दातों तले दबा कर उसे काट लिया।
मैंने हाथ नीचे ले जा कर महसूस किया कि उनका बलशाली लंड पैंट के अंदर मुश्किल से समा पा रहा था।
"आपको नहाना भी है। प्लीज़ मेरी मानिये अभी रहने दीजिये। आपकी जल्दी वाली चुदाई भी घंटे से कम नहीं चलती ," मैंने खिलखिला के कहा।
उन्होंने मुझे बिस्तर पर खड़ा कर दिया। मेरी पांच फूट पांच इंच के कद से वो लगभग दस इंच ऊंचे थे। उन्होंने मेरे ब्लाउज़ को ब्रा सहित झटक के मेरे चूचियों ले ऊपर कर दिया और उन्होंने मेरा एक गदराया हुआ विशाल स्तन अपने हाथ में भर कर मसलना शुरू कर दिया और दुसरे उरोज़ के सख्त मोटे लम्बे चूचुक को मुँह में भर कर दर्दीले प्यार से चूसने लगे।
मैं सिहर कर सिसक उठी , "हाय, रवि प्लीज़, आग नहीं लगाओ। मुझे तो आप वैसे ही पागल कर देते हो।
रवि ने मेरे चूचुक को हलके से काट कर मेरे चीख निकलवा दी ,"शालू रानी आप रोज़ रात को मुझे सो जाने को कह देती हो। कि मेरे स्वास्थ्य के लिए लम्बी नीद ज़रूरी है। लेकिन कल मुझे जल्दी नहीं जाना। "
मैंने मुस्करा कर अपने देवता जैसे सुंदर पति को चूम कर प्यार से कहा ," मेरा मन तो चाहता है कि आप सारा दिन और रात मेरी चूत में अपना घोड़े जैसा लंड डाल कर मेरे साथ रहे पर मैं आपको बीमार नहीं देखना चाहती। लेकिन यदि कल आप देर से जायेंगें तो मैं आप को सारी रात नहीं रोकूंगी। आप मुझे जितनी बार मन करे चोदियेगा और कहीं भी ," मैंने प्यार से उनके घने घुंगराले बालों को पकड़कर ज़ोर से उनका सर झंझोड़ दिया।
"शालू, मुझे तुम से इतना प्रेम क्यों है ? मैं तुम्हारे बिना पूरा दिन बिताने से कितना परेशान हो जाता हूँ," रवि ने मेरे दोनों उन्नत भारी चूतड़ों को अपने बलशाली हाथों से मसल डाला।
"सनम , मैं भी तो अपने प्यार की भूख दबा कर आपकी प्रतीक्षा करतीं हूँ," रवि ने मुझे फिर से रोम रोम पुलकित कर देने वाले चुम्बन से पागल कर दिया।
मैंने रवि को जल्दी से शॉवर में धकेल दिया। उनका घोड़े जैसा लंड उनकी पेड़ के तने जैसी चौड़ी बलवान जाँघों के बीच में हाथी की सूंड की तरह हिल डुल रहा था।
हम दोनों किसी तरह अपनी कामांगनि को काबू में कर वापस पारिवारिक -भवन की ओर चले गये।
रवि ने भी लफ़रोए ली और मेरे लिए भी ग्लेनफिद्दिक का गिलास बना दिया।
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(04-09-2022, 04:44 PM)bhavna Wrote: Beautiful story! lekin page no.32 ke baad sidha 34 kaise aa gaya.... 33 kahan ha?
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सीमा सिंह जी, कहानी के अपडेट नहीं आ रहें है। क्या आपने कहानी समाप्त कर दी है या कुछ अपडेट आएंगे? कृपया बताएं।
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Looking For next update
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hottest story, please write more.
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Lot of potential in this story. Holi festival would be a good continuation. Pls continue
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