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SAAHAB, AAPKI PATNI KEE CHOOT SABSE PYARI HAI
#21
wah kya likh rho ho lajabaab
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#22
(14-09-2022, 02:08 PM)saya Wrote: wah kya likh rho ho lajabaab
Thanks , 

Tum loag eise hee mera hausla badhate raho , kahani aur bhee badhia banegi .
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#23
गजब की कहानी है। मंजू के गांड का उद्घाटन कब होगा?
राजीव, प्यारे और अफजल का थ्रीसम।
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#24
(15-09-2022, 09:10 PM)Anil1992 Wrote: गजब की कहानी है।  मंजू के गांड का उद्घाटन कब होगा?
राजीव, प्यारे और अफजल का थ्रीसम।

मंजु की गॉंड का उद्घाटन तो विनोद ने पिछली शाम ही कर दिया । उसने ज़बरदस्ती राजस्व भी गॉंड मरवाया ।
‘LIVE LIFE CHAMPA STYLE
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#25
मैं मंजु , आपको आगे की कहानी सुनाती हूँ । 
विनोद जब मुझे देखने आय था तभी मुझे बहुत पसंद आ गया था । ससुराल आई तो विनोद से ज़्यादा मुझे उसके बाबू जी “विजेंद्र बहुत पसंद आ गये । उन्हें पटाने की कोशिश करती या चुदवाती हम तीन चर दिन के लिए मैं विनोद के साथ राँची आ गई  । विनोद ने मेरी चूत फाड़ी, लड़की से औरत बनाया , तीन बार चोद।  . सच कहीं ही बहुत ही बढ़िया लगा था । लेकिन जब होटल के एक कमरे में प्यारे ने चोदा तो बहुत ही ज़्यादा ही बढ़िया लगा । प्यारे की लंबी और मस्त चुदाई ने मंजु को सिर्फ़ शारीरिक और मानसिक सुख ही नहीं दिया , स्त्री और पुरुष के रिश्ते को देखने का नज़रिया ही बदल दिया । बाद में जब विनोद ने अपने सामने मंजु के ही उम्र के एक वेटर से चुदवाया तो उसे वो कपिल ही मंजु को अपना घरवाला लगने लगा । कपिल की चुदाई से वह इतनी खुश हुई कि खुद ही विनोद से गॉंड मरवाया  । कपिल से कहा कि विनोद को रात भर किसी दूसरी रंडी के पास भेज कर कपिल पूरी रात उसे चोदे । सिनेमा देखते समय एक अनजान आदमी के साथ पूरी बेशर्म होकर मस्ती मारी । रात में कपिल से आ बार चुदवा कर उस अनजान आदमी से भी चुदवाया । सुबह एक नये वेटर के साथ विनोद के सामने चुदवाया । जैसा मंजु ने कहा था प्यारे अपने समय पर कमरे में आ गया । मंजु बहुत ही खुश थी । आपने पढ़ा कि विनोद की मालिश करने के बाद प्यारे ने मुझे चोदा । अपनी चूत से निकले प्यारे के लौडा को मैंने विनोद से चुसवाया । विनोद ने ख़ुशी ख़ुशी मेरे सामने प्यारे के लौडा को चूसा और चाटा । बाद में उसने कहा कि प्यारे जैसा ज़्यादा देर तक और पूरी ताक़त से जो भी मुझे चोदेगा वह सबका लौडा तुलेगा और उन सबका लौडा का रस भी पियेगा । 
मैं सोच रही थी कि अपनी चूत से निकले लौडा को विनोद से चुसवा कर उसकी बेइज़्ज़ती करुंगी लेकिन विनोद खुद सबका लौडा चूसने को तैयार था । और अचानक विनोद ने प्यारे से उसका ( विनोद) का लौडा चूसने को कहा । 

विनोद—— काका , तुमने कहा था कि मेरी पत्नी को नंगा देखोगे तो मैं जो भी कहूँगा तुम सब करोगे , मेरा लौडा चूसोगे । अब अगर तुम अपनी इस बेटी की नंगी जवानी से फिर खेलना चाहते हो तो तुम मेरा लौडा चूसो और तब तक चूसतेरहो जब तक यह पुरा टाईट न हो जाए । और मंजु तुम भी दिखाओ कि तुम कैसे लौडा चूसती हो । तुम प्यारे का लौडा चूसो और प्यारे मेरा लंड चूस कर टाईट करेगा । 

विनोद की आवाज़ में मैं ने इतना लड़कपन पहले नहीं सुना था । २ मिनट में और प्यारे वैसे ही बैठे रहे । 

अब आगे ——

मंजु -

मुझे प्यार करते रहने के लिए प्यारे कुछ भी करने को तैयार था । जैसा विनोद ने कहा था प्यारे ने क़रीब २० मिनट विनोद का लंड चूसा और लौडा फनफनाते लगा । मेरे मुँह में प्यारे का लंड था जो १०-१२ मिनट में ही पत्थर जैसा कड़क हो गया था । 

 विनोद——— प्यारे , अभी १२ ही बजा है , हमारे पास एक- डेढ़ घंटा समय है । पहले अपनी मंजु बेटी की झॉंट साफ़ कर दो उसके बाद तुम एक बार इसकी , अपनी बेटी की गॉंड का भी मज़ा लेना । मैंने पिछली शाम काफ़ी देर तक इस प्यारी रंडी की गॉंड मारी थी । 

विनोद अब हमारी बात सुन नहीं रहा था  बल्कि वो अब हमें आर्डर दे रहा था । विनोद के बात मानने के अलावा मेरे पास कोई और रास्ता नहीं था । ख़ासकर मैं नहीं चाहती थी कि मेरी किसी बात से विनोद मुझे नये नये मर्दों से चुदवाना बंद करा दें। दो दिन में एक से एक बढिया लंड, मस्त चुदाई की मस्ती को में खोना नहीं चाहती थी । प्यारे. कपिल, राजीव और अफ़ज़ल के बाद मुझे कोई और नया मर्द, उसका लौडा और चूदाई चाहिए थी । 

मैं प्यारे के गोद में ही थी । विनोद ने पाजामा और कुर्ता पहना । एक हाथ से मेरी चूत और दूसरे हाथ से प्यारे के लंड को दवाया । 

विनोद———-तुम दोनों इतनी लंबी चुदाई कर थक गये होंगे । रानी तुम झॉंट साफ़ करवाओ, मैं कुछ खाने पीने का बोल कर आता हूँ । कोई भी वेटर आये, दोनों ऐसे ही नंगा रहना , झॉंट साफ़ करते रहना । 

दरवाज़ा पूरा खुला छोड़ विनोद बाहर चला गया । 

प्यारे ने दरवाज़ा को बंद किया । कुछ हेर मेरी चूचियों और ओठों को चूसा । 

प्यारे—— रानी बेटी , तैयार रहो , तुम्हारा पति तुम्हें हर रोज़ नया नया आदमियों के सामने नंगा करेगा । 

मंजु ———- दूसरा कोई मुझे नंगा देखे या ना देखो तुम मुझे रोज़ ऐसे ही प्यार करते रहो । जैसा उसने कहा , आज ही अपनी बहु को  इस हरामी से चुदवा दो और जल्दी से मेरे ससुराल आ जाओ। इस नामर्द के सामने इसकी दोनो खुबसूरत जवान बहनों और इसकी ४०-४१ साल की मस्त मॉं को तुमसे चुदवाऊँगी और हर रात तुम्हारी बाँहों में सोउंगी । जल्दी से झॉंट साफ़ करो और मेरी गॉंड को भी अपने मस्त लौडा का मज़ा दो । 

प्यारे झॉंट साफ़ करने में जुट गया । प्यारे चुत पर दूसरी बार क्रीम लगा रहा था कि एक नये वेटर को साथ लेकर बिना दरवाज़ा पर नॉक किये विनोद अंदर घुसा । 

एक नये आदमी ने मुझे नंगा देखा वो भी एक दूसरे आदमी के साथ । हम दोनों के नंगा देख वो आदमी ज़रूर समझ गया होगा कि हमने चुदाई की है। 

नया वेटर —-   प्यारे काका , दुनिया में आप शायद अकेले आदमी मी हो जो औरत के पूरे बदन की की मालिश करते हो, झॉंट साफ़ करते हो फिर भी उसे चोदते नहीं । मैं तो समझता था कि आप नामर्द हो लेकिन आपका लौडा देखकर ऐसा लगता नहीं । बहुत ही मस्त लौडा है आपका । और मैं ने इससे पहले कभी कहीं इतनी खुबसूरत औरत नहीं देखी । अभी साहब १५-२० मिनट नीचे थे । आपकी जगह कोई भी दूसरा होता , मैं होता तो जवरदस्ती भी इस मस्त माल को चोद लेता । आप नंगे हो . कितनी देर से मस्त बूर पर आपका हाथ है फिर भी लौडा को आपने कंट्रोल में रखा है और मेरी हालत देखिये । 

हम देखते रहे और एक मिनट के अंदर उसका पैंट और अंडरवियर नीचे था । मेरी आॉंखों के सामने एक नया मस्त लंड था । यह लंड भी अफ़ज़ल के लौडा जैसा ही लंबा और मोटा था । 

मंजु ————— क्या नाम है तुम्हारा? लौडा बढिया है इसका मतलब यह नहीं कि जो औरत सामने आये उसे दिखा दो । ये काका इस कमरे में दो घंटा से हैं, मेरे बदन की मालिश की , साहब के बदन की मालिश की और अब आधा घंटा से मेरी झॉंट साफ़ कर रहे हैं लेकिन एक बार भी गंदी बात नहीं की और तु मादरचोद पहली झलक मुझे देखा और चोदने की बात कर रहा है। जल्दी से बाहर जा और ठीक डेढ़ बजे जो भी बढिया खाना हो, मछली, दही  जो भी हो तीन आदमियों के लिए ले आना । जल्दी जल्दी बाहर जाओ। 

नया वेटर -         मालकिन , मेरा नाम जतीन हैं , अहमदाबाद का रहने बाला हूँ लेकिन पिछले तीन साल से इसी होटल में हूँ ! 

जतीन मेरे बग़ल में आकर खड़ा हुआ। बेझिझक दोनों हाथों से मेरी चूचीयों को दबाया, साथ ही चूत को चूमा । 

जतीन————— मालकिन . मैं प्यारे जैसा नामर्द नहीं जो घंटो नंगी औरतों के साथ रहकर भी उसे ना चोदूं ! साहब कुछ भी कहिए, आपकी पत्नी की चूत सबसे प्यारी चूत है। मालकिन. एक बार इस लौडा को अपनी चूत में घुसने दीजिए, चोदने दीजिए, आप बाक़ी सभी मर्दों और लौडा को भूल जायेंगी । 

बहुत हिम्मत थी इस जतीन में । चूत में एक अंगुली पेलता हुए मेरे ओठों को थोड़ी देर चूसा और पैंट ठीक करता हुआ बाहर चला गया । 

मेरी चुत को प्यारे ने गीले कपड़े से साफ़ किया , एक फर्फ्युम लगाया और मेरा हाथ पकड़ चूत पर सहलाया । 

मंजु ———- विनोद देखो,  मुझे खुद नहीं विश्वास हो रहा है कि ये मेरी ही चूत है। लग रहा है कि कभी झॉंट उगा ही ना हो । 

विनोद भी मेरी चूत को सहलाने लगा । 

विनोद——— सच प्यारे, तुमने अपनी बेटी की चूत को सच में दुनिया का सबसे प्यारा चूत बना दिया है। रानी , मुझे ही सबसे पहले इस चिकने चूत में लौडा पेलने दो । तुम अपनी बेटी की गॉंड में लौडा पेलो। 

मैं यह देख बहुत खुश हुई की दोनों का लौडा पूरा टाईट  था । 

प्यारे ———- मालिक लौडा पूरा टाईट है । आप बेड पर लेट जाओ और बेटी जैसे थोड़ी देर पहले साहब को उपर से चोदा था फिर से वैसा ही चोदना शुरु करो । 


दो बार की ज़बरदस्त चुदाई और प्यारे की बातों और हरकतों ने मुझे, एक १८ साल की जवान और खूबसूरत लड़की को ५२-५३ साल के मर्द की दीवानी बना दिया था । कपिल और अफ़ज़ल ही क्या मैं राजीव के साथ गुज़ारी प्यार भरी रात भी भूल गई थी । 

जैसा प्यारे ने कहा मैं ने विनोद को बेड पर दवाया और विनोद के चेहरे की तरफ़ देखते हुए ४ घंटा में तीसरी बार चूत के अंदर लौडा लेने लगी थी । 

प्यारे———-बेटी , पहले ही जैसा खुब दबा दबा कर साहब को चोदो । आज तुम्हें एक नया तरीक़ा सिखाऊँगा । एक बाप बेटी को सिखायेगा कि कोई माल एक साथ कैसे २ लौडा को खुश कर सकती है। इस होटल में हर २-३ महिना पर एक खाश रंडी आती है । उसकी एक घंटा की चुदाई की किमत ५०००/- है। हमने कई बार उसे एक साथ अपने अंदर २-२ लौडा को लेते देखा है। ये जो जतीन आया था बहुत बड़ा चुद्दकर आदमी है। बहुत पैसा लेकर बड़े बड़े घर की औरतों को चोदता है । तुम्हें मुफ़्त में ही चोदने आया था । अगर समय है तो एक बार जतीन से ज़रूर चुदवाना । 

मंजु ——— मैं नहीं मानती कि तुमसे ज़्यादा बढिया कोई भी मुझे खुश कर सकता है । जल्दी से लौडा गॉंड में पेलो । साहब ने कल शाम ही बढ़िया से गॉंड का दरवाज़ा खोल दिया था । पूरी ताक़त से गॉंव में भी धक्का मारना । 

मैं तेज़ी से विनोद के लौडा पर उछल रही थी । प्यारे ने कुछ देर मेरी पीठ को सहलाया । सहलाते सहलाते वह मेरी पीठ को विनोद के उपर दबाता भी गया । अचानक उसने हम दोनों को एक साथ घुमाया । पहले हम बेट की लंबाई की तरफ़ लेटे थे लेकिन प्यारे ने हमें एसा घुमाता कि विनोद का चुत्तर बेड के किनारे आ गया । विनोद का दोनों पैर बेड से नीचे लटक गया । 

प्यारे ने एक हाथ से ताक़त लगाकर मेरे पीठ को विनोद की छाती के उपर दबाया । मुझे अपनी गॉंड के छेद पर सुपारा का फ़ील हुआ । 

और 

“ बाप रे मर गई “ 

राजीव ने रात में आधा घंटा से ज़्यादा लौडा पेला था । लेकिन जब प्यारे का लौडा गॉंड में घुसने लगा तो गॉंड की छेद थोड़ी भी गीली नहीं थी । प्यारे धक्का मारता गया । पाँचवें धक्का में प्यारे का आठ इंच लौडा पूरा अंदर घुस गया और उस समय विनोद का लौडा मुश्किल से ३ इंच ही अंदर था । 

कुछ ही धक्कों के बाद मैं आराम से उपर नीचे दोनों के धक्के का मज़ा लेने गई । क़रीब १५ मिनट ही गुजरा होगा कि रूम में एक आवाज़ गुंजी । 

“ काका , इतना बढ़िया से कमसीन माल का मज़ा ले रहे हो , बढिया लौडा है फिर सबको क्यों नहीं चोदते हो । लेकिन अभी आप लोग ग़लत कर रहे हो । “ 

यह जतीन था । प्यारे को मेरे उपर से अलग किया । मुझे दगोगे  हाथों से पकड़ विनोद के उपर से उठाया । जतीन ने विनोद को फिर लंबाई में सुलाया । जतीन ने खुद मेरी चूत को विनोद के लौडा के उपर दबाया । उसने भी प्यारे जैसा विनोद को खुब तेज़ी से चोदने बोला । ५ मिनट की चुदाई के बाद उसने एक हाथ से मेरी पीठ दवाया और दूसरे हाथ से मेरी चुत्तरों को थोड़ा उपर उठाया । तीन इंच के क़रीब ही लौडा मेरी बूर में रहा । प्यारे फिर गॉंड में लौडा पेलने लगा । क़रीब ५-५ मिनट की डवल चुदाई के बाद जतीन बोला । 

“ आप तीनों एक दूसरे को खुब कस कर पकड़ करवट ले। ध्यान रहे लौडा बाहर नहीं निकालना चाहिए । हम तीनों ने एक दूसरे को कस कर पकड़ा । चूत और गॉंड में एक साथ लौडा अंदर बाहर होता रहा। जतीन ने करवट लेने में मेरी मदद की । 
 
अब मेरा पति मुझे सामने से पकड़ चूत में लौडा पेल रहा था और प्यारे का लौडा आराम से मेरी गॉंड के अंदर बाहर आ जा रहा था । विनोद दोनों हाथों से मेरा चुत्तरों को दवाये हुए पूरी ताक़त से लौडा चूत में पेल रहा थार प्यारे मेरा पीछे था. हाथ आग बढ़ाकर दोनो चूचियों को मसलते हए पूरा लौडा गॉंड में पेल रहा था । एक साथ आगे पीछे का दोनों छेद लौडा का पूरा मज़ा ले रहा था । मैं सच बहुत ही मज़ा ले रही थी इस दोहरी चूदाई में । 

मंजु ——— जतीन, ऐसा मज़ा पहले कभी नहीं आया , बहुत ही ज़्यादा मज़ा आ रहा है । 

जतीन ——— रानी अभी और मज़ा आयेगा । 

वह मेरे सामने खड़ा हुआ । मेरा जो पैर उपर था उसे पकड़ कर धीरे धीरे उपर उठाने लगा । 

जतीन ——रानी , बदन को पूरा ढीला रखो । 

मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि बदन आप से आप पूरा रिलैक्स हो गया था । जतीन ने मेरे एक पैर को जितना हो सकता था बुरा उपर उठा दिया और अब मुझे और भी मज़ा आने लगा । विनोद और मेरे लिए यह पहला मौक़ा था ही प्यारे भी ऐसी चूदाई पहली बार ही कर रहा था , पहली बार ही किसी की गॉंड में लौडा पेल रहा था । १५ मिनट भी नहीं हुआ दोनों एक साथ मेरे अंदर झड़ने लगे । उफ् एक साथ चूत और गॉंड में गर्व गर्व रस गिरने का मज़ा कुछ और ही था । 

२-३ मिनट बाद दोनों ने लौडा बाहर निकाला । 

जतीन ने मेरा बैर छोड़ दिया । 

जतीन——— साहब . आपने मेरी रानी के बूर में रस गिराया है तो बुर को भी आपको ही साफ़ करना पड़ेगा और प्यारे तुम जल्दी से गॉंड साफ़ करो । 

कपिल के बाद अब एक दूसरा आदमी मुझे अपनी रानी कह रहा था और मुझे बढिया भी लगा । 

मुझे बाद में मालूम हुआ कि होटल का मालिक सिर्फ़ बढिया बढिया माल को चोदता है असल  मालिक यही जतीन है। मालिक की घरवाली अपने पति के सामने जतीन से चुदवातीं है। प्यारे को यह बात मालूम नहीं थी । वह मेरी गॉंड चाटने लगा और विनोद ने बहुत प्यार से चूत को चूस चाट कर साफ़ किया । 

हम तीनों मस्ती में व्यस्त थे और जतीन हमारे लिए खाना लेकर आया था । जतीन भी नंगा ही था । उसने टेबल पर से एक लाल रंग के शरबत से भरे गिलास को उठाया । मुझे अपने लौडा पर बिठाया । ग्लास से शरबत पिलाने लगा । 

जतीन ——- साहब. हमने और आपकी पत्नी ने जो भी कहा आपने किया इसलिए जाने दे रहा हूँ  । लेकिन आप दोनों महामूर्ख है जो इतनी बढ़िया माल को मुफ़्त में बॉंट रहे हैं । ख़ैर जो हो गया सो हो गया । अब इस होटल में मेरे सिवा इस ख़ूबसूरत परी को कोई दूसरा हाथ भी नहीं लगायेगा । मैं ने ५० से ज़्यादा औरतों के साथ इस तरह की चूदाई की मज़ा लिया है लेकिन ऐसी चुदाई सिर्फ़ बहुत चुदवाई हुई औरतें ही करती हैं । यह पहला मौका है कि किसी १७-१८ साल की लड़की को एक साथ २-२ लौडा से मस्ती लेते देखा है । आप जल्दी से खाना खाकर कहीं बाहर जाइए । 

विनोद—— हमें ८ बजे रात की ट्रेन पकड़नी है। 

जतीन —- अभी एक ही बजा है , आप सात बजे के बाद ही आइयेगा । तब तक आपकी प्यारी घरवाली मेरी घरवाली बन कर रहेगी । आप खाकर काका को लेकर जल्दी बाहर जाओ । 

जतीन ने मुझे पूरा ग्लास शरबत पिलाया । विनोद और प्यारे ने खाना खाया और जतीन ने दोनों को  कमरे से बाहर जाने कहा । विनोद से दुबारा कहा कि वो सात बजा के पहले वापस ना आये । 

विनोद जब सात बजे वापस आया तो उसने देखा कि जतीन नहीं एक ४०-४५ साल का दूसरा आदमी मुझे चोद रहा है और रुम में जतीन  नहीं है । 

उन दोनों के बाहर जाते ही जतीन ने डोर को अंदर से लॉक किया । २०-२५ मिनट की ओरल मस्ती के बाद उसने मुझे जो चुदाई की सबसे कॉमन पोज है , मेरे उपर आकर चोदने लगा । मैं यही समझ रही थी प्यारे और राजीव से बढिया कोई और चुदाई नहीं कर सकता । लेकिन मैं ग़लत थी । 

जतीन के पहले ही धक्के से मेरी मुँह से मस्ती की सिसकारी निकलने लगी । हर दूसरे धक्का के बाद सिसकारी का आवाज़ तेज होती गई और बाद में इतने ज़ोर ज़ोर से मस्ती की आवाज़ निकालने लगे कि दरवाज़ा बंद होने के बाद भी बाहर बालों को मेरी सिसकारी साफ़ साफ़ सुनाई देती होगी । जतीन ने प्यारे या राजीव जैसा लंबी चूदाई नहीं की लेकिन जब उसने २४-२५ मिनट के बाद मेरी चूत में पानी गिरा कर लौडा बाहर खींचा तो मुझे लगा कि मैं उठ भी नहीं पाऊँगी । जितनी संतुष्ट मैं जतीन की चुदाई के बाद हुई थी वैसी संतुष्टि पहले कभी नहीं मिली थी । 

जतीन के उपर लेट कर , उसने नहीं पूछा फिर भी मैं ने अपनी शादी से लेकर तब तक की सारी बात सुनाई । 

जतीन———तुम्हारा घरवाला कोई वैसा अकेला आदमी नहीं जो अपने घर की औरतों को दूसरे से चुदवा कर खुश होता है। हमारे मालिक कडेडपति है । हर हफ़्ते अपनी माल बदलते हैं लेकिन हर रात अपनी घर की किसी ना किसी औरत को अपने सामने मुझसे चुदवाते हैं । मालिक की मॉं से लेकर उनकी दोनो बहनो, घरवाली के साथ साथ अपनी दोनो बेटियों की कुँवारी चूत को अपने सामने मुझसे ही फडवाया है । रानी , अक्सर दोनों मॉं बेटी को अग़ल बग़ल लिटा कर चोदता हूँ लेकिन तुमसे बढिया और सुंदर माल मैं ने पहले कभी नहीं देखी । रानी , तुम सिर्फ़ देखने में ही नहीं चुदाई में भी सबसे बढिया हो । तुम ने बेकार में अपनी जवानी मुफ़्त में बॉंटी । 

जतीन ने अगले १५-२० मिनट मुझे ज्ञान दिया । मेरी खुबसूरती और जवानी की किमत समझाई । आख़िर में उसने मुझसे वादा लिया कि जैसा हमारा प्लान है हम रात में चले जायेंगें लेकिन अगले हफ़्ते शनिवार की सुबह रॉंची आयेंगे और यहॉं होटल में नहीं उसके मालिक के घर मेहमान रहेंगे । 

 एक चूदाई के बाद ही मुझे जतीन से प्यार , बहुत प्यार हो गया था । मैं उसके लिए कुछ भी करने को तैयार थी । जतीन ने बताया कि वह ३२ साल का  है , शादी हो गई है । बीबी साथ ही रहती है । उसे मालूम है कि उसका घरवाला मालिक के घर की सभी औरतों को चोदने के अलावा दूसरा रंडियों को भी चोदता है। शादी के ८ साल हो गये हैं , कोई बच्चा नहीं है लेकिन उसने पति के अलावा किसी और से नहीं चुदवाया है । 

अपनी कहानी सुनाकर जतीन ने मुझसे नहाने कहा । यह कहकर चला गया कि बह जल्दी वापस आयेगा । तुम खाना खा कर नहा लो , मैं थोड़ी देर में आता हूँ ।

पिछले दिन की प्यारे से चुदवाने से शुरु  कर कपिल. राजीव, अफ़ज़ल के बाद ये जतीन २ दिन में पॉंचवा लौडा था । मुझे इसका कोई दुख या ग्लानि नहीं था  कि मैं ने दूसरों से क्यों चुदवाया । अब विनोद के बदले कोई और राजीव या जतीन ही मुझे अपनी घरबाली बना लें मैं दूसरों से चुदवाते रहना चाहती थी । मैं यही सब सोचकर खाना खाती रही । खाने के बाद नहाने गई । पूरे बदन को रगड़ रगड़ कर खुब नहाया और तौलिया से बदन को पोंछकर नंगी ही बाहर आई । 

सिर्फ़ जतीन ही नहीं , कमरे में एक ४०-४२ साल का सेठ बैठा था । 

सेठ ——- वाह क्या माल है जतीन , देखकर ही दिल ख़ुश हो गया । 

सेठ ने एक मोटा लिफ़ाफ़ा जतीन के दिया । जतीन ने उसे मेरे सामने अलमारी खोल उसमें रखा । 

जतीन —— सेठ यह माल एक घंटा के लिए तुम्हारी है । 

जतीन के जाते ही वह सेठ मेरे उपर टूट पड़ा । जितना संभव था मैं ने भी रिस्पॉंन दिया । उसने बूर को खुब मसला और मैं ने लौडा चूसा । सेठ था । पेट बाहर की ओर निकल गया था । लौडा भी ५ इंच के आस पास ही था । एक राउंड की १५-१६ मिनट की चूदाई के बाद उसने फिर लौडा चुसवाया  । 

जतीन रुम में आये और सेठ से कहा कि २ मिनट ही समय है , अगला कस्टोमर आने ही बाला है। हर घंटा कस्टोमर बदलता गया । सभी जतीन को मोटा लिफ़ाफ़ा देता था थे जिसे वो अलमारी में रख देता था । ७ बजे के कुछ ही देर बाद जब विनोद कमरे में घुसा तो जतीन के बाद पॉंचवा आदमी का लौडा मेरी चूत के अंदर था । विनोद किनारे बैठ हमारी चुदाई देखने लगा । कुछ ही देर बाद जतीन भी आ गया । वो भी विनोद के साथ बैठ हमारी चुदाई देखता रहा । कुछ ही देर बाद वह झड़ गया । अपने कपड़े पहनते हुए वो बोला , 

“ साहब , आपके घरवाली की चूत सबसे प्यारी है । “ 

कस्टोमर के जाने के बाद जतीन ने विनोद को भी मनाया कि वो मुझे लेकर अगली शनिवार को रॉंची वापस आयेगा और अगली रात वापस चला जायेगा । जतीन ने ऐसा ऑफ़र दिया कि विनोद तुरंत मान गया । जतीन ने हमें तैयार होने कहा और आधा घंटा बाद हमारे लिए बढिया वास्ता लेकर आया । साथ ही यह भी कहा कि हम यहाँ जब भी चाहें आये , यहॉं रहना , खाना पीना सब मुफ़्त में होगा । जाते समय हमने दोनो कपिल और अफ़ज़ल को देखा । मैं उन्हें भुल चुकी थी । जतीन ने हमें स्टेशन पहुँचाया । ट्रेन समय पर आई । हम अगली सुबह अपने घर आ गये । 

मैंने दो दिनों में १० नये आदमियों से चुदवाया । मेरे पति विनोद ने २ नई माल को चोदा । 
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#26
ohhhhh very good but fast moving. needs more details
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#27
जब विनोद साक्षात्कार के लिए गया उस समय होटल के एक कमरे में अपनी शादी के १५ वें दिन ही अपने बाप से १०-१२ साल बड़े एक मालिश करने बाले प्यारेलाल से विनोद की १८;साल की पत्नी ने खुब जम कर चुदवाया । और उसके बाद वो रुकी ही नहीं । मेरे सामने अपने ही उम्र के एक वेटर कपिल से चुदवाया । अगले दिन शाम तक होटल के उस कमरे में ९ आदमियों से चुदवाया । बाद में उसने बताया कि होटल में जब रात में मैं एक रंडी को चोद रहा था उसने एक राजीव नाम के आदमी से चुदवाया । इस राजीव ने ही साक्षात्कार के समय मेरी पत्नी के बारे में कुरेद कुरेद कर पूछ रहा था । मंजु ने २ दिन में १० नये मर्दों से चुदवाया और मैंने एक रंडी के अलावा प्यारे लाल की ३०-३२ साल की मस्त बहु को प्यारे के सामने ही २ बार चोदा । 

ट्रेन समय पर ८ बजे स्टार्ट हुईं । हम फ़र्स्ट क्लास के डिब्बे में थे । हमारे साथ एक और पति पत्नी थे । पति क़रीब ३५ साल का था और पत्नी ३०-३१ साल की । मंजु १८ साल की ही थी, बहुत ही खुबसूरत  थी लेकिन मुझे दूसरी औरत की गठीला बदन बहुत बढ़िया लग रहा था । मैं जब भी उसकी ओर देखता तो पाता कि वो मुझे घूर रही है। बातों बातों में मालूम हुआ कि वे लोग वहीं रहते हैं जहां हम रहते थे । हमने आपस में परिचय किया । आदमी का नाम राघव था और पत्नी का नाम था किरण । 

राघव—- हम आपके बाबूजी विजेंद्र बाबू को और आपकी मॉं कल्पना को बढिया से जानते हैं । आपकी जब शादी हुई , मंजु ससुराल आई तब हम बाहर गये हुए थे । 

राघव हमारे इलाक़े के सबसे बड़े किराना दुकान का मालिक था । 

होटल से निकलते समय मंजु के दलाल जतीन ने हमारे लिए खाना दे दिया था । किरण ने भी खाने का डब्बा निकाला । हम चारों ने मिल कर खाना खाया । कुछ देर बाद मैं ने देखा कि किरण ने अपने पति को मेरी ओर देखते हुए दवाई दी । 

राघव—- विनोद जी आप लोग हँसेंगे, इतनी कम उम्र में ही मुझे दिल का दौड़ा पर गया है । 

वो बात मुझसे कर रहा था लेकिन देख रहा था मंजु की ओर । उसने यह भी नहीं देखा कि पत्नी ने उसे क्या दिया क्या नहीं । कुछ देर बाद सोने की बात हुई । हर एक आदमी को अपनी पत्नी से ज़्यादा दूसरे की पत्नी ज़्यादा अच्छी लगती है। 

मंजु —- राघव जी , आप यहॉं मेरी सीट पर नीचे सो जाइए मैं उपर सो जाऊँगी । 

लेकिन राघव मुस्कुराते हुए किरण जहां लेटी थी उस के उपर बाले बर्थ पर  चढ़ गया । 

राघव —- मंजु , तुम बहुत ही ज़्यादा सुंदर हो,  बहुत ही प्यारी हो । 

किरण ने पति की बात सुनी और मेरी ओर देख कर मुस्कुराई। 

पिछले २ दिनों में मंजु को चोदने बाले सभी ने बार बार ये कहा कि 

“ साहब, आपकी पत्नी सिर्फ़ देखने में ही सबसे सुंदर ही नहीं आपकी पत्नी कि चूत भी सबसे प्यारी है। “ 

मेरा मन करने लगा कि चलती ट्रेन में ही मंजु को इस  इस राघव से  चुदवाउं ।  लेकिन दोनों सिर्फ़ बातें ही करते रहे । मैं भी मंजु के उपर बासी सीट पर चला गया और किरण की मस्त जवानी का रस पीता रहा । 

सुबह से मंजु ने लगातार चुदवाया  था । ज़रूर थक गई होगी । वो सो गई । मंजु सोईं तो राघव ने भी दूसरी तरफ़ करवट ले लिया । मैं किरण को लगातार घूर रहा था । कुछ देर बाद मंजु के साथ राघव की स्नोरिंग सुनाई पड़ने लगी । 

मैं लगातार किरण को ही देख रहा था लेकिन देखा कि किरण को भी नींद नहीं आ रही है । वो बार बार करवट बदल रही है । जब कभी भी उसकी नज़र मेरी तरफ़ होती थी हम दोनों की नज़र टकराती थी । ग़ुस्सा होने के बजाय हर बार उसके चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती थी । 

कुछ समय और गुजरा और वे झटके  से उठ गई । मेरे पास आई । 

किरण— मुझे नींद नहीं आ रही हैं । चाहो तो नीचे आकर मेरे साथ बैठो । 

वे वहाँ खड़ी ही थी कि मैं नीचे उतरा और उसे अपनी बाँहों में बांध गालों और होंठों को चूमा । उसने मुझे धक्का दिया और खिड़की से सटकर बैठ गई । 

किरण— घर पहुँचते ही सबसे पहला वीणा को फ़ोन करुंगी और उसे बताउँगी कि चलती ट्रेन में मंजु और राघव के सामने तुमने कैसे मेरा बलात्कार किया । 

किरण ने जो कहा उसका तो मतलब साफ़ था कि वो मेरी छोटी बहन वीणा , जिसकी शादी दो साल पहले ही हुई थी उसे बढिया से जानती थी और दूसरा कि उसकी चुत को एक बढिया चुदाई की ज़रूरत है । 

पिछले दो दिनों मंजु को अलग अलग लोगों से चुदवाते देख बहुत कुछ सीखा और प्यारे की वहु शीला ने औरतों को तड़पाने और खुश करने का नया तरीक़ा सिखाया  । चुदाई के पहले और चूदाई की बाद के ओरल  सेक्स का फ़ायदा बताया । 

शीला ने कहा था , 

“ अगर प्यारे सिर्फ़ हाथ पॉंव की मालिश करता तो तुम्हारी घरवाली कभी प्यारे से नहीं चुदवाती । प्यारे ने अनजाने में ही मंजु के पॉंव और जाँघों को सहलाना, मसलना शुरु किया और मंजु इतनी गर्म हो गई कि अपने बाप से बड़े उम्र के आदमी से चुदवा लिया । “ 

शीला ने मेरा लौडा चूसा , चुदवाया और बोली , 

“ अगर कोई औरत प्यारे के जैसा हल्लबी, मुसल जैसे लौडा से नहीं चुदवायेंगी तो उसे आपका लौडा और आपकी चुदाई दोनों बहुत पसंद आयेगी । १०० में ९० माल ऐसी हैं जिन्हें चुदाई से ज़्यादा मज़ा बूर चुसवाने , अंग अंग चटवाने में आता है फिर वो चाहे मॉं हो, बहन , बेटी या कोई भी हो बिना चुदवाये आपको जाने नहीं देगी । मंजु ने प्यारे से २-२ बार चुदवा लिया है उसे आपके इस ७ इंच लम्बा और मोटा लौडा से कोई मज़ा नहीं आयेगा । मंजु जिससे चुदवाती है चुदवाते दो आप शरीफ़ घर की औरतों को पटाओ, उनकी बूर चुसो. अंग अंग चाटो और खुब चोदो और ज़िंदगी भर अपनी ऑंखें के सामने मंजु को दूसरे से चुदवाते देखते रहो । “ 

मैंने शीला को उसके ससुर के सामने दूसरी बार चोदते हुए कहा था, 

“ तुम दोनों जल्दी मेरे घर आओ और जैसे मंजु को चोद कर रंडी बना दिया वैसे ही मेरे सामने मेरी मॉं और बहन को चोदो । “ 

शीला या प्यारे किसी ने मेरी बात का जबाब नहीं दिया था । 

किरण ने मेरी बहन ले शिकायत करने की बात की और मैं उस पर टूट पड़ा । वो हंसते हुए मुझे अलग करने की कोशिश कर रही थी लेकिन कुछ देर बाद हम दोनों नंगे थे । किरण ने मेरा लौडा पकड़ा , 

किरण— राघव को मैंने नींद की गोली खिला दी है वो ४-५ बजे के पहले नहीं उठेगा लेकिन मंजु ने तुम्हें मेरी चुदाई करते देख लिया तो ! “ 

सुबह से मंजु ने इतना चुदवाया था कि वो बहुत ही ज़्यादा थक गई होगी । 

किरण की मस्त चूचियों को मसलते हुए बोला , 

“ १५ दिनों से देख रहा हूँ कि ये औरत मंजु एक बार सोती  है तो फिर सुबह से पहले नहीं उठती, बहुत ही गहरी नींद है इस रंडी की । “ 

किरण— अपनी रंडी की बूर दिखाओ । देखूँ सिर्फ़ चेहरा ही सुंदर है कि बूर में भी कुछ दम है । 

मैं एक टक किरण को देखता रहा । जब कुछ देर नहीं उठा तो उसने मुझे ठेला । 

“ अगर अपनी प्यारी घरवाली की चूत नहीं दिखाओगे तो मैं भी नहीं चोदने दूँगी जाओ सो जाओ । “ 

किसी नंगी औरत को बिना चोदे कैसे छोर दूँ । मैं अपनी जगह से उठा । मंजु के वॉडी पर जो चादर था मैं ने उसे नीचे गिराया । एक साथ साड़ी और साया को नीचे से पकड़ा और उपर उठाने लगा । मंजु के वॉडी में कोई हलचल नहीं । साड़ी साया दोनों को उपरी जाँघ तक उठा दिया । किरण की ओर देखा । 

किरण—- कपडें को कमर तक खींच लो । 

मैंने वही किया । मंजु के चुत्तर के नीचे से दोनों साड़ी साया को कमर से उपर उठा दिया । 

किरण— चूत भी बहुत प्यारा है । आ जाओ, मेरी बूर बहुत प्यासी है , चोदो। 

मैंने मंजु के एक पॉंव को वर्थ के नीचे किया । मंजु की चूत को २ बार मसला और  किरण के बाँहों में आ गया । किरण ने एक हाथ से मेरा लौडा पकड़ा और अपनी बूर पर दबाया । मैंने धक्का मारा । 

“ थोड़ा धीरे यार , ये तेरी रंडी मंजु का बूर नहीं है शरीफ़ औरत की चूत है । डेढ़ साल के बाद कोई लौडा बूर में घुसा है । “ 

मैं किरण के बदन को सहलाते हुए पेलता रहा । मुझे भी लगा कि मैं किसी सालों से चूदी हुई बूर में नहीं २-३ बार ही चुदवाई हुए बूर में लौडा पेल रहा हूँ । 

मैं धक्का पर धक्का मारता रहा और वह मुझे अपने बारे में बताती रही । उसने कहा कि डेढ़ साल पहले राघव को दिल का दौरा पड़ा और क़रीब १८ महिना बाद उसकी चूत में कोई लौडा घुसा है । 

किरण—- तुम शायद मुझे रंडी समझ रहे होंगे कि जो आदमी मेरे सामने आता है मैं उससे चुदवा लेती हूँ । भगवान की क़सम तुम सिर्फ़ दूसरे आदमी हो जो मुझे नंगा देख रहे हो । तुम ट्रेन में घुसे और मुझे बहुत पसंद आ गये । बहुत ही बढ़िया चोद रहे हो यार । 

मुझे भी बैठे बिठाए बढिया माल मिल गई थी । मुझे भी किरण पहली झलक में ही पसंद आ गई थी । 

मंजूँ से एक डेढ़ इंच ज़्यादा लंबी , रंग भी मंजु जैसा गोरा नहीं था । बहुत ही छडहडा बदन । मंजु से थोड़ा ज़्यादा गोलाई लिए हुए कंधे , मंजु से बड़ी चूचियाॉं, धक्का मारते हुए ब्रा उठाकर देखा । किरण ३६ इंच साइज़ की ब्रा पहन ती थी । लेकिन चूची मंजु जैसी गोल नहीं आगे की ओर फैली हुई थी । सपाट पेट । पतली कमर और ३६ इंच की चुत्तर । लम्बी सुडौल जॉंघे मर्दों को पागल करने के लिए काफ़ी था । 

१५-१६ मिनट की चुदाई हो गई थी । 

मैं —- मुझे भी तुम पहली नज़र में बहुत पसंद आ गई । कल दोपहर २ बजे अजंता होटल आ जाओ, हम प्यार करेंगे । 

किरण ने कुछ जबाब नहीं दिया । मैं पेलता रहा और हम दोनों के हाथ एक दूसरे के बदन पर थिरकते रहे । ट्रेन एक स्टेशन पर रुकी और फिर चल भी दी । एक दूसरे की ऑंखें में देखते हुए हम चुदाई करते रहे । 

किरण—     हमारी शादी को ९ साल से ज़्यादा हो गया । राघव का लौडा लंबा तुम्हारे लंड जैसा ही है लेकिन थोड़ा ज़्यादा मोटा है । डेढ़ साल से उसने मुझे चोदा ही नहीं । डाक्टर ने उसे चुदाई करने की परमीशन दी है फिर भी डरता है । 

कुछ देर की चुप्पी । 

किरण — मैं ने समय देखा था । तुमने १० बजकर ३५ मिनट में बूर में लौडा पेला था और अब ११ बजकर २० मिनट हो गया । ४५ मिनट से पेल रहे हो , राघव ने कभी 10 मिनट भी बूर में लौडा को टाईट नहीं रखा । 

मैं ने उसे बेतहाशा चुमा । 

मैं—- रानी , मैं मंजु को कभी २० मिनट से ज़्यादा नहीं चोद पाया लेकिन तुम्हारी प्यारी बूर ने मेरे लौडा को बहुत पसंद किया है इसलिए कल फिर प्यार करना चाहता हूँ । 

किरण— मैं २ बजे तक आ जाऊँगी , तुम कमरा बूक करके रखना । कितना पेलोगे यार , तेरे लौडा ने बूर का सारा रस चूस लिया । थोड़ी देर मुझसे चिपक कर रहो , एक बार फिर चुदाई करेंगे । 

लेकिन मैं पेलता ही रहा । अचानक किरण ने धक्का दिया और ज़ोर से बोली । 

“ मादरचोद प्यार से बोल रही हूँ तो समझ नहीं आ रहा है क्या । वीणा की बूर में इतनी देर लौडा रखोगे तो वो लौडा कच्चा चबा जायेगी । उतरो यार । सवा घंटा से पेल रहे हो , क्या खा कर आये हो ? लाओ चूस कर ठंडा कर देती हूँ। 

मैंने दोनों , मंजु और राघव की ओर नज़र दौड़ाया । लेकिन दोनों गहरी नींद में थे । मैं बूर से लौडा निकाल कर किरण के सामने खड़ा हो गया । वो उठ कर बैठी । अपने पेटीकोट से मेरे लौडा को पोछा और आधा से ज़्यादा लौडा मुँह में लेकर चूसने लगी । ७-८ मिनट के बाद ही लौडा ने पानी छोड़ना शुरु किया और उसने तुरंत लौडा बाहर निकाला और सारे रस को अपनी चूचियों पर गिरने दिया / 

किरण की आँखें और चेहरा देखकर कोई भी कह सकता था कि वह बहुत खुश है । मैं भी बहुत खुश था । एक इसलिए कि किरण जैसी शरीफ़ और प्यार करने के लिए मिली और दूसरा कि प्यारे और कपिल ने जितनी देर मंजु को चोदा था उससे ज़्यादा देर मैंने किरण को चोदा । 

किरण कुछ समझती या बोलती , जैसा शीला ने सिखाया था मैं ने किरण को बर्थ पर दबाया और उसके उपर ६९ पोज में आ गया । पहले तो औरत ने बहुत हाथ पाँव मारा लेकिन कुछ ही मिनट बाद किरण ज़ोर ज़ोर से सिसकारी मारती हुई मस्ती मारती रही । जैसा शीला से बताया था मैंने बूर के अंदर बाहर खुब चूसा , खुब चाटा , क्लीट और बूर की पत्तियों कों चबाया । किरण नागिन जैसा फुँकार मार रही थी । 

“ बहनचोद जल्दी से बूर में लौडा पेलो नहीं तो ऐसे ही नंगी बाहर चली जाऊँगी । “ 

मैं — रानी , कुतिया बन जाओ । मंजु के उपर कुतिया बनो । 

जिस बर्थ पर मंजु सोईं थी उसे पकड़ कर किरण कुतिया बन गई और मैं खड़े खड़े किरण को पेलने लगा । हम और मंजु तो बेशर्म हो ही गये थे ये किरण भी वेशर्मी पर उतर आई । मैं पिछे से चोद रहा था और कुतिया बनी किरण कभी मंजु के बूर को दबाती थी तो कभी चूची को मसलती थी । मैं फिर एक घंटा से ज़्यादा चोदना चाहता था लेकिन किरण की हरकतों ने मुझे तो गर्म किया ही किरण भी बहुत गर्म हो गई । फिर ज़ोर से चिल्लाई , 

“ विनोद, मैं गई “ 

और इस बार हम दोनों एक साथ झडे । मेरा पूरा रस बूर में ही रहा ।  मैं कुछ देर बूर में लौडा दबाये रख अलग हुआ । वो जब खड़ी हुई तो बूर से एक बूँद भी बाहर नहीं गिरा । हम दोनों ने एक दूसरे को खुब चुमा, प्यार किया । 

किरण—- विनोद, तुमने दूसरी बार ४५ मिनट चोदा । मैं बहुत ही ज़्यादा खुश हैं, कल तो होटल आऊँगी , जल्दी तुम्हें ऐसा इनाम दूँगी कि तुमने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा । कपड़े पहन कर सो जाओ । किसी को कुछ मालूम नहीं होना चाहिए । 

मैं ने पुछा कि मंजु के कपड़े टीक कर दूँ । 

किरण -     नहीं यार , रंडी के ऐसा ही नंगा रहने दो । राघव तो अब मुझे चोदने से डरता है । देखें तुम्हारी खुबसूरत माल की जवानी देखकर भी उसके लौडा में जोश आता है कि नहीं । 

मंजु को कोई और चोदे उससे ज़्यादा ख़ुशी मेरे लिए क्या होती । मैं खुद भी चाहता था कि राघव मेरी पत्नी को चोदे वो भी मेरे सामने । 

मैं जब अपने बर्थ पर आया तो रात के तीन बजे थे । मंजु की कुँवारी चूत को फाड़कर जो मज़ा आया था उससे कहीं ज़्यादा मज़ा किरण ने दिया । किरण ने आँखें बंद कर ली थी । उसे देखते हुए मैं भी सो गया । राघव ने जब मुझे उठाया तब मेरी नींद खुली । 

राघव —- तैयार हो जाओ, अगला स्टेशन अपना ही है । 

अब मंजु की जवानी….

पिछले दो दिन होटल में सब कुछ बहुत ही बढ़िया हुआ । सिर्फ़ एक बात मुझे पसंद नहीं आई। जतीन का लौडा प्यारे या राजीव जैसा नहीं था लेकिन उसने सबसे बढिया चोदा था ! लेकिन उसने मुझसे घंघा   करवाया वो मुझे बिलकुल पसंद नहीं आया । 

ट्रेन में देखा कि राघव बार बार मुझे घूर रहा है लेकिन साथ में उसकी घरवाली थी इसलिए मैं ने कुछ इशारा नहीं किया । खाना खाने के बाद मैं लेट कर होटल में हुई घटनाओं का जायज़ा लेने लगी । बार बार सोचने के बाद मैंने यही निष्कर्ष निकाला कि अगर मुझे मौक़ा मिले तो मैं सिर्फ़ राजीव या फिर कपिल के साथ ही बार बार,  हमेशा चुदवाना चाहूँगी । दोनों बढिया चुदाई के साथ बहुत ही प्यारी बातें भी करते हैं । होटल के आख़िरी ६ घंटा में जतीन और उसके ५ आदमियों ने चोद कर बहुत ही ज़्यादा थका दिया था । राजीव और कपिल के साथ की मस्ती को याद करते हुए सो गई । बहुत ही चैन से सोईं । 

जब नींद खुली तो सबसे पहले राघव पर नज़र पड़ी जो मेरे पॉंव के पास बैठा था । नज़र घुमा कर देखा , किरण मेरी तरफ़ पीठ कर सो रही थी । राघव ने चूत को सहलाया । 

राघव—- मंजु , किरण के बाद ये तुम्हारी पहली चूत है जो मैं देख रहा हूँ, बहुत ही प्यारी चूत है । 

पिछले दो दिन में प्यारे से लेकर जतीन के आख़िरी कस्टोमर तक सबने एक बात ज़रूर कही कि 

“ आपका चूत सबसे प्यारा है “ 

और ये सामने बैठा ३५ साल का आदमी भी वही बोल रहा है । 

मैं -       तुमने मुझे नंगा किया । विनोद को मैं सँभाल लूँगी लेकिन किरण दीदी देखेंगी तो सोचो कितनी बदनामी होगी । 

राघव आगे की ओर झुका और चूत को चूमा और सहलाते हुए बोला , 

“ जो क़सम ले लो , भगवान जानता है कि मैं ने तुम्हें नंगा नहीं किया । आधा घंटा पहले पेशाब करने उतरा तो तुम्हें ऐसा ही देखा । “ 

ज़रूर विनोद ने ही मेरी नंगी जवानी इस राघव को दिखाने के लिए ही मुझे नंगा किया होगा । 

राघव— तुम्हारी ख़ूबसूरत जॉंघे और प्यारा चूत देख लिया अब अपना उपर का ख़ज़ाना भी दिखा दो । उम्मीद करता हूँ कि किरण नहीं देखेगी । 

मैं—- तुम मेरे ससुराल के सभी को जानते हो , तुम मुझे बदनाम कर दोगे । 

राघव ने झट मेरे दोनों पैर पकड़ कर चूमा । 

राघव— विश्वास करो कभी किसी को मालूम नहीं होगा कि तुमने मुझे अपनी खुबसूरत जवानी दिखाई । प्लीज़, चूची दिखा दो । 

मैं — जो देखना है खुद देख लो । 

राघव उठा और मेरे बग़ल में आकर खड़ा हो गया । पहले झुककर मेरे गालों और होंठों को चूमा और एक एक कर सारे बटन खोल डाले । मैंने हाथ पीछे कर ब्रा का हुक खोल दिया । राघव ने ब्लाउज़ और ब्रा को मेरे बदन से अलग कर दिया । उसने ५-७ मिनट चूचियों को मसला और चूसा । 

“ तुम्हारी चूत जैसा ये दोनों फूल भी बहुत ही प्यारा है । “ 

राघव मेरे बग़ल में खड़ा था । खड़े खड़े ही उसने अपना ट्राउजर और अंडरवियर नीचे ठेला । वो कमर के नीचे नंगा था । उसने मेरा एक हाथ पकड़ अपने लौडा पर रखा । 

ये राघव, प्यारे और राजीव से २ इंच ज़्यादा लंबा था और लौडा भी क़रीब ८ इंच का था ही , बढिया मोटा था । हाथ में कड़क लौडा बहुत ही बढ़िया लग रहा था । 

राघव—   डाक्टर तीन चार महीने से कह रहा है कि मैं फिर से पहले जैसा चुदाई कर सकता हूँ लेकिन मालूम नहीं क्यों किरण को चोदने की कभी हिम्मत नहीं हुई । लेकिन अब अगर तुम्हें नहीं चोदुंगा तो मर जाउंगा। रानी , थोड़ी देर चूस दो । 

और कुछ हो या ना हो लौडा मुझे बहुत पसंद आ गया था । राघव के तरफ़ घुम कर लौडा को चूसने लगी । मैं ने शायद ५ मिनट लौडा चूसा होगा । राघव बहॉं से हट कर मेरे पॉंव के बीच आया । पहले की तरह इस बार भी मैंने एक बार भी उसे मना नहीं किया । मैं कभी उसके ऑंखें में तो कभी किरण की ओर देखती रही । राघव ने जाँघों को सहलाते हुए लौडा को बूर से सटाया और सही में बहुत ही ज़ोर दार धक्का मारा ॥ 

“ थोड़ा धीरे यार किरण उठ जायेगी । “ 

लेकिन किरण नहीं उठी । ८-१० बार उसने ज़ोर दार धक्का मारा और उसके बाद आराम से मेरी चूचियों को , जॉंघो को सहलाते हुए पेलता रहा । क़रीब २०-२२ मिनट पेलने के बाद लौडा ने पानी छोड़ दिया । 

राघव— में बहुत ही ज़्यादा खुश हूँ कि डेढ़ साल के बाद चुदाई शुरु कि तो दुनिया की सबसे खुबसूरत आौरत के साथ किया । रानी , कल २ बजे “ अप्सरा “ होटल में आ जाना । तुमने पत्नी से ज़्यादा ख़ुशी दी है इसलिए कोई बढिया उपहार तो तुम्हें देनी ही है , प्लीज़ ज़रूर आना । एक बार और प्यार करने दोगी ? अभी ६ बजा है , अपना स्टेशन ८ बजे आयेगा । 

मैं —- चोद सकते हो तो चोद लो लेकिन तुम्हें अगर फिर दिल का दौड़ा आ गया तो मेरी कोई ज़िम्मेदारी नहीं । मेरे साथ बाथरूम चलो । 

मैं बर्थ से नीचे उतरी । ना ब्रा ही पहना और ना ब्लाउज़ । साड़ी, साया को नीचे किया और ऑंचल के कंधे पर डाल बाहर निकाल गई । राघव भी पैंट का बटन बंद करते, बेल्ट बांधते हुए मेरे पीछे पीछे आया । बाथरूम तक जाते समय कोई दूसरा नहीं दिखा । लेकिन जब हम वापस आ रहे थे तो सामने से एक औरत अकेली बाथरूम जा रही थी । जब हमारे पास आई तो उसने मेरा हाथ पकड़ा , 

औरत —- ( राघव से ) , तुम्हारी घरवाली सुंदर है तो इसका ये मतलब नहीं कि इसके नंगे बदन की नुमाइश करते रहो । लड़की ( मुझे) अगर मेरा घरवाले कभी भी मुझे बिना ब्लाउज़ के भी बाहर चलने बोलेगा तो मैं उसी समय ऐसे घटिया आदमी को छोड़ दूँगी और तुझे इसने ब्रा भी नहीं पहनने दिया । छी , कितने गंदे आदमी हो तुम ! 

वो औरत बाथरूम की ओर गई और हम दोनों अपने केबिन में घूसे । उसने दरवाज़ा वंद किया । मुझे बाँहों में लेकर बोला , 

“ रानी , ये दोनों अभी नहीं उठने बाले । २ बजे अप्सरा होटल आ जाना खुश कर दूँगा । पुरे कपड़े उतार कर अपनी मस्त जवानी का दीदार करवा  दो रानी । “ 

बोलते हुए राघव सारे कपड़े उतार कर नंगा हो गया । उसने एक बार मुझे अपनी बाँहों में खींचा । मुझे अपने पति की  कोई चिंता नहीं थी लेकिन मुझे किरण से डर था । वो हमारी बेशर्मी को कैसे लेगी मालूम नहीं थी । राघव को दिल का दौरा डेढ़ साल पहले हुआ था लेकिन उस समय वो मेरे साथ राजीव या जतीन जैसा ही मज़बूत लग रहा था । खुद तो नंगा था ही मुझे भी पुरा नंगा किया । उसने मुझे नीचे दोनों बर्थ के बीच खिड़की के रॉड को पकड़ कुतिया बनाया । नीचे बैठकर क़रीब १० मिनट पीछे से ही मेरी बूर और गॉंड को चाटा चूसा । और उसके बाद खड़ा हुआ । एक हाथ मेरे कंधे पर रखा । दूसरे हाथ से लौडा पकड़ २-३ बार बूर के फाँक पर रगड़ा और अचानक खूब ज़ोर से अपनी पूरी ताक़त से पेला । 

“ आह राघव मज़ा आ गया , और ज़ोर से , पूरा अंदर तक ।… “ 

उसके धक्के की स्पीड, पावरफ़ुल धक्का देखकर कोई नहीं कह सकता था कि ये आदमी दिल का मरीज़ है । कभी दोनों कंधे के पकड़ कर पेलता और कभी हाथ आगे बढ़ा कर चूचियों को पकड़ कर । पहली राउंड में कोई खाश मज़ा नहीं आया था लेकिन इस राउंड में राघव ने पूरा मस्त कर दिया । मैं अपने को कंट्रोल नहीं रख पाई और मेरे मुँह से मस्ती की सिसकारी निकलने लगी । समय गुजरा । 

राघव की चुदाई की स्पीड बहुत बढ़ गई । अचानक इस राघव ने भी प्यारे जैसा मुझे अपनी बाँहों में पूरी ताक़त से बांधा । राघव के लौडा मेरी बूर में पानी स्प्रे करने लगा और मैं भी झड़ गई । हम दोनों ठंडे हुए । खिड़की के बाहर सुबह की धूप थी । 

मेरी नज़र किरण के नज़रों से मिली। राघव गर्दन झुकाये खड़ा था । किरण ने मेरा हाथ पकड़ा । 

किरण—    मंजु , डरने या दुखी होने की कोई ज़रूरत नहीं । मैं पिछले ६ महीने से कोशिश कर रही थी कि ये आदमी फिर से मुझे चोदना शुरु करें लेकिन ये मेरे साथ सोने से भी डरता था । थैंक्यू मंजु, तुमने इस आदमी का डर ख़त्म कर दिया । 

राघव—- किरण, मंजु की नंगी जवानी देख अपने को सँभाल नहीं पाया । तुम भी जिससे चाहो , घर में, घर के बाहर , कोई तुम्हें नहीं टोकेगा। 

किरण ने राघव के ढीले लौडा को दबाया । 

किरण-    तुम्हें कैसे मालूम कि मैंने दूसरों से नहीं चुदवाती हूँ! अपने अपने कपड़े पहनो और विनोद को उठाओ। मंजु ने हमारा बहुत बड़ा काम किया है इसे बढिया इनाम देना मत भूलना । और मंजु , मैं ग़ुस्सा से नहीं बोल रही तुम्हें जब भी राघव के लंड की ज़रूरत महसूस हो मेरे घर आ जाना । 

राघव ने मुझे उठाया । ना मुझे कभी मालूम हुआ कि ट्रेन में मंजु ने राघव से चुदवाया और किरण ने चूदाई देखी भी और ना ही मंजु या राघव को कभी मालूम हुआ कि सिर्फ़ ट्रेन में ही नहीं अगले कई सालों तक हम और किरण चुदाई करते रहे । 

रात किरण ने जब मंजु के नंगा करने कहा तो ना मैं ने उस समय समझा ना ही बाद में कि किरण चाहती थी कि राघव मंजु को नंगा देखे और उसे चोदे । 

ट्रेन समय पर स्टेशन पहुँच गई । राघव की कार आई थी उसने हमें घर पहुँचाया । 
‘LIVE LIFE CHAMPA STYLE
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#28
मैं मंजु , आगे की कहानी सुनाती हूँ । 

होटल में प्यारे ने जब पहली बार चोदा तब मुझे नहीं मालूम हुआ कि उसने मेरी चुदाई की भूख मिटाई नहीं बल्कि हज़ारों गुना बढ़ा दिया । 

ट्रेन में राघव ने जब पहली बार चोदा तो बढिया नहीं लगा । लेकिन दूसरी बार की चुदाई बहुत ही पसंद आई । राघव ने दिल ख़ुश किया ही चूत की गर्मी भी शांत कर दी । किरण ने हमारी चुदाई देखी लेकिन मुझे ना कोई शर्म ही आई ना कोई गिल्ट फिलिंग ही हुई । राघव ने अप्सरा होटल बुलाया था , मैं वहाँ जाने को तैयार थी । 

हम राघव की कार से ही अपने घर पहुँचे । हमने नॉक किया और बाबू जी ने ही दरवाज़ा खोला । सुबह का ९ बजने बाला था । उन्होंने कमर में एक लुंगी ही बॉंघा था । कमर के उपर नंगे थे । मैं उनका पॉंव छुने नीचे झुक ही रही थी कि उन्होंने बीच में ही पकड़ लिया और ऐसा पकड़ा कि उनका एक हाथ मेरी एक चूची पर था । चूची पर हाथ स्थिर रहता तो भी ठीक था लेकिन उस बेटीचोद विजेंद्र ने ४ बार कस कर चूची को मसला और मुझे छोड़ा  । 

 मैं ख़ुद ही अपने ससुर को पसंद करती थीं । लेकिन मैं ने ये नहीं सोचा था कि मेरे २-३ दिन ही घर के बाहर रहने से मेरा ससुर इतना बेसब्र हो जायेगा कि मेरे घर आते ही मेरी चूची मसल देगा । मैं मन ही मन प्रार्थना की कि किसी ने नहीं देखा हो कि ससुर ने बहु का चूची मसला । 

बाबू जी —— आ जाओ, हम कब से तुम दोनों का इंतज़ार कर रहे हैं । मंजु बेटी, तुम्हारे बिना घर अब सूना लगने लगा है। 

तब तक वहॉं विनोद की मॉ कल्पना और छोटी बेटी केतकी भी आ गई । 

, मैंने सास का पॉंव छु कर  प्रणाम किया और केतकी के गले लगाकर गालों को चुमा । 

केतकी —- भाभी , आप क्या जादू करवा कर आई हैं । पहले ही आप ग़ज़ब की खुबसूरत थी लेकिन अब तो आपके उपर ऑंख ही नहीं ठहर रही है । भैया क्या खिलाया भाभी को । 

मैं क्या बोलती कि दो दिनों में मैं ने क्या क्या और कितना खाया । 

केतकी —- भाभी, हाथ मुँह धो लीजिए, मैं आपलोगों को स्पेशल चाय पिलाती हूँ । 

केतकी ने चाय की बात की और मेरी ऑंखें के सामने पहले कपिल और बाद में अफ़ज़ल की तस्वीर दौड़ने लगी । कपिल ने विनोद के सामने भी चोदा और रात में भी चोदने आया । अगली सुबह अफ़ज़ल चाय लेकर आया और मेरे और अफ़ज़ल की चुदाई भी विनोद ने देखी । और पहली बार मुझे पछतावा हुआ कि मैं राँची के उसी संगम होटल में क्यों नहीं रह गई । 

लेकिन अभी अपने ससुराल में थी । ससुराल आते समय रास्ते में मुझे एक मुझसे दोगुने उम्र के आदमी ने चोदा ही उसने अगले दिन ( यानी आज ) होटल अप्सरा में बुलाया है । मुझे इसकी कोई चिंता नहीं है कि उसकी घरवाली ने हमारी चुदाई देखी । 

कुछ देर के बाद केतकी चाय लेकर आई । हम तीनों , मैं,  विनोद और केतकी चाय पी रहे थे , बाबू जी भी आ गये और बेशर्म जैसा मेरे बग़ल में बैठ गये । 

मैं —- ननद जी , सच बहुत ही बढ़िया स्वाद है । होटल में भी बढिया चाय मिला लेकिन ऐसा स्वाद नहीं मिला । 

बाबूजी एक हाथ से चाय पी रहे थे और दूसरा हाथ मेरी जाँघ पर था । 

विनोद—-   हॉं, ये चाय बहुत बढिया है लेकिन संगम होटल में चाय के साथ जो गरमा गरम नमकीन मिलता था उसका कोई मुक़ाबला नहीं । है न मंजु । 

केतकी-   क्या कैसा नपकीन ! 

मैं —-  विनोद, अगली बार राँची जायेंगे तो साथ में अपनी बहन को भी ले लेंगें । कपिल और प्यारे को बोलेंगे तो दोनों केतकी को भी बढिया से खिला देंगें । 

मुझे विश्वास था कि अगर केतकी गई तो विनोद अपनी बहन को भी अपने सामने कपिल और प्यारे से ही नहीं चुदवायेंगा, जतीन और उसके आदमियों से धंधा भी करायेगा । लेकिन अब मुझे राँची या कहीं और जाने की ज़रूरत नहीं थी । बेटा और बेटी दोनों बैठे हैं फिर भी मेरे ससुर ने कपड़ों के उपर से चूत दबा कर बता दिया कि वो मुझे चोदेगा ही । मैं ने मन ही मन सोचा कि ससुर से ही कहुंगी कि मुझे अप्सरा होटल पहुँचा दे । राघव से इनाम भी लेना था और चुदवाना भी था । 

हम क़रीब आधे घंटा वहीं बैठ कर चाय पीते हुए बातें भी कर रहे थे और मेरा ससुर पूरे समय मुझे दबाता रहा , चूत मसलता रहा । केतकी ने ही जब दुकान जाने की बात कही तब ससुर ने मुझे छोड़ा । साल ने नहाने कहा तो मैं अपने रुम से नया पेटीकोट और ब्लाउज़ के साथ टेबल लेकर बाथरूम में घुस गई । घर में तीन बाथरूम थे लेकिन कोई भी अटैट्च्ट नहीं था । 

२० मिनट बाद बाथरूम से पेटीकोट और ब्लाउज़ पहन कर , बालों में टॉवेल बांध कर निकली तो देखा कि हमने जो देवगढ़ में सामान ख़रीदा था विनोद अपनी मॉं बहन के दिखा रहा था । ससुर जी नज़र नहीं आये । 

मैं बाथरूम में घुसी और किसी ने मुझे कसकर अपनी बाँहों में बॉंघा । पुछने या सोचने की ज़रूरत नहीं थी । जितना कसकर इस आदमी ने पकड़ा था वैसी मज़बूत पकड़ ना प्यारे की थी और ना राजीव की । 

ससुर—।     मंजु , तुम तीन दिन यहाँ नहीं थी , तुम्हारा प्यारा चेहरा नहीं देखा तब मुझे महसूस हुआ कि मैंने तुम्हें अपने बेटे के साथ ब्याह करवाया है सिर्फ़ अपने लिए, विनोद से चुदवाने के लिए नहीं । जल्दी से मुझे एक मेरा बेटा दे दो फिर विनोद को मार दुंगा । 

मैं —— विनोद तो बाद में मरेगा लेकिन अभी अगर किसी को मालूम हो गया तो सब हम दोनों को ही मार देंगें । अभी बाहर जाइए, बढ़िया मौक़ा मिलेगा तब वात करेंगे । 

ससुर—- जल्दी से अपनी खुबसूरत जवानी दिखा दो मैं चला जाऊँगा । 

बेटीचोद ने कहा और झट से पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और पेटीकोट नीचे गिरा । इतना ही नहीं मेरी नंगी चुत्तरों से कड़क लौडा टकराया । अफजल या कपिल से बहुत ज़्यादा हिम्मत थी । घर में सभी थे और घर का मालिक बहु के नंगे चुत्तर पर लौडा रगड़ रहा था । 

उसने मुझे अपने तरफ़ घुमाया । मैं अपने हाथ को रोक नहीं पाई । मैंने दोनों हाथों से लौडा पकड़ा । 

मैं —— बाबूजी, मैं तो बहु हूँ आपकी बेटी केतकी और वीणा भी ये मस्त मुसल  . घोड़ा के जैसा मस्त कड़क  लौडा देखेगी तो बिना चूत में लिए आपको नहीं जाने देगी । 

मेरी बात सुन बाबू जी बहुत खुश हुए । व्लाउज के सारे बटन खोल मुझे नंगा कर दिया । लौडा मैंने दोनों हाथों से पकड़ा था फिर भी ससुर अपने हाथ से पकड़ चूत पर रगड़ने लगे । दूसरे हाथ से चूचियों को मसलते हुए बोले . 

“ मंजु रानी , तुम्हारी चूत सबसे प्यारी है “ 

मैंने लौडा को कस कर दबाया । 

मैं —- बाबूजी आप अपनी जान दे देंगे फिर भी आपकी ये बहु खुद आप से चुदवाने नहीं आयेगी । आप अगर मेरी चूत में अपना लौडा पोसना चाहते हैं और अपने बेटे से खुशामद किजीए कि विनोद अपनी घरवाली को आपसे चुदवाने दे, आपके दोस्तों से भी चुदवाने दे । वैसे सच कहती हूँ मुझे भी आपकी लौडा बहुत ही ज़्यादा पसंद है । विनोद का लौडा आपके लौडा से क़रीब २ इंच खोट ा भी है और पतला भी । लौडा देखकर लगता ही नहीं कि विनोद आपकी बेटी है । बिनोद की खुशामद किजीए, उसे अपना लौडा दिखाइए शायद वो अपने सामने अपनी घरवाली के आँवले चुदवा दे। 

मैंने बाबू जी के लौडा को ज़ोर से दवाया । 

मैं—— मुझे आज २ बजे अप्सरा होटल पहुँचना है । आप को ही पहुँचाना होगा । 

मेरी बात सुनकर ससुर मुस्कुराया । 

ससुर—- अपने किसी यार से चुदवाना है ? 

मैं —- हॉ, उसका लौडा आपके सामने छोटा भी है और पतला भी लेकिन बहुत ही प्यार से चोदता है
 । अगर मुझे समय पर होटल नहीं पहुँचाया तो फिर बहु की जवानी छूने के लिए क्या देखने के लिए भी  नहीं मिलेगी । बहुत मस्ती हो गई , बाहर जाओ । 

२-३ मिनट बूर और चूची को दबा कर बाबू जी ने कपड़ा पहना और जाने लगा । 

“ रानी , डेढ़ बजे तैयार रहना । अप्सरा होटल १५ मील है , अगले बार से अजंता होटल में बुलाने के लिए बोलना । पैदल का रास्ता है । मैंने भी अप्सरा होटल में कई माल को चोदा है । 

वे बाहर गये और मैं भी तैयार होकर बाहर आई । सास और बहु के लिए जो सामान्य लाए थे वो उन्हें बहुत पसंद आया । 

हम चारों घर में रहे । मैंने भी खाना बनाने में मदद की । एक बजे से पहले बाबू जी खाने के लिए घर आ गये । हम सब ने साफ़ खाना खाया । खाना खाने के बाद विनोद बोला कि उसे अपने एक दोस्त से मिलना है । विनोद के जाने के बाद , 

बाबू जी, अगर श्री नहीं हो तो चलो तुम्हें अपनी दुकान दीखाता हूँ । आख़िर तुम्हें ही तो सब संभावना है । दोपहर में दोनों सास और ननद सोते थे । उन्होंने ने मुझे नहीं रोका । 

२ बजने के ५-७ मिनट पहले अप्सरा होटल पहुँच गई । कार से उतरी तो बाबू जी ने पूछा कि वे कब मुझे लेने आये । 

मैं— मेरा यार मुझे पहली बार चोदेगा , कम से कम २ बार तो रगड़ेगा ही । आप जाइए मैं उसी को बोलूँगी कि दुकान पर छोड़ दे । वो आप सब को जानता है । 

ससुर — रानी , जितनी बढ़िया माल हो वैसा ही मीठा बोलती भी हो । ये लो , इस बुर्का को पहन लो । अपने घर और अपने यार के साथ जितने देर रहो उसके अलावा कभी किसी को अपना प्यारा मुखड़ा या जवानी मत दिखाना । 

मैं यह सुनकर बहुत खुश महुआ कि बेटे की तरह बाप को भी मेरा किसी लोभी चुदवाने से कोई समस्या नहीं है । यह जानकर मन ही मन ईश्वर से प्रार्थना किया कि जल्दी से जल्दी प्यारे को मेरे पास भेज दे। मैं ने न तो उसे अपने यहाँ का पता दिया था ना ही अपने बाबू जी का ।  लेकिन अगर बुद्धिमान होगा तो होटल के रजिस्टर से हमारा पता लेकर आ सकता था । ससुर से बुर्का लेकर वही पहना । 

मैं —- लेकिन आपका बेटा बोलता है कि मेरी चूत बहुत गर्म, नमकीन और मसालेदार है । और ये बुर्का देकर आपने अपनी बहु को बदनामी से बचा लिया । 

ससुर —— अपने यार से जितना चुदवाना है चुदवा लो , विनोद बोले या ना बोले आज मेरा लौडा भी अपनी प्यारी बहु के बूर की गहराई मापेगा ही । 

किसी ने देखा या नहीं मुझे नहीं मालूम लेकिन मेरा ससुर दिन दहाड़े मेरी चुत्तर मसल कर कार में बैठा और कार मेरी ऑंखों से ओझल हो गई । 

मैं इस इलाक़े में पहली बार ही आई थी लेकिन मुझे ना कोई डर था ना ही चिंता । औरत सिर्फ़ अपना चुदाई के कारण ही डरती है लेकिन मैं किसी से भी कहीं भी चुदवाने को तैयार थी । किसी को कभी बलात्कार करने का मौक़ा ही नहीं देती । 

मैं होटल में घुसी और अपने नये आंशिक राघव को घबराये हुए एक किनारे खड़ा देख मुस्कुराई । उसके बिलकुल पास पहुँच गई । मै ने बुर्का पहना था इसलिए उसने नहीं पहचाना । 

मैं—-    मैं एक रंडी हूँ । सुबह से कोई गाहक ढूँढ रही हूँ लेकिन अब तक कोई नहीं मिला । ५०० दो , चुदवाने का साथ लौडा भी चूस दूँगी । 

मैंने देखा कि मेरी बात सुनकर राघव घबड़ा कर इधर उधर देखने लगा । 

राघव—- पहली बात , अभी मेरी अपनी ही हुस्न की परी आने बाली है , तुम रंडियॉं उस हसीना की नौकर बनने लायक़ भी नहीं हो । और तुम ५०० मॉग रही हो मुफ़्त में भी बोलोगी तो नहीं चोदूंगा । जाओ कोई दूसरा आदमी ढूँढो । 

राघव के जबाब ने मुझे बहुत खुश किया । पिछले दिन जतीन ने मुझसे धंधा करबाया वो मुझे बिलकुल पसंद नहीं आया था । 

मैं —— राघव, रंडी को नहीं चोदोगे तो मंजु को चोदोगे ना , जल्दी रुम में ले चलो , चूत आग से जल रही है । 

५-६ मिनट बाद हम रुम में थे । राँची के होटल से बढिया भी था और रुम भी बड़ा था । मैं खड़ी रही । राघव पहले खुद नंगा हुआ और बाद में मुझे भी नंगा किया । “ 

हमदोनों बेड पर चिपक कर लेट गये । 

मैं —- रेणुका दीदी ने बहुत ग़ुस्सा किया होगा , बहुत गाली दी है ना ? 

राघव मेरे उपर आकर चूचियों को मसलते हुए एक हाथ से लौडा पकड़ चूत से सटाया । मुझे इतनी जल्दी बाज़ी पसंद नहीं आई । मैं प्यार करते कराते हुए चूदाई करना चाहती थी जैसा कपिल या राजीव ने किया था । राघव ने तीसरे घक्के में ही पूरा लौडा अंदर घुसेड़ कर धीरे धीरे पेलने लगा । 

राघव -      तुम दोनों को उतार कर आगे बढ़ा कि रेण ने अपनी बात कही । 

“ मैं डेढ़ साल से तुम्हारे लौडा को बूर में लेने के लिए तरस रही थी । मेरे सामने एक बार भी लौडा टाईट नहीं किया और उस खुबसूरत ज़हरीली नागिन को पहली बार देखते ही चोद दिया एक बार नहीं मेरे ही सामना २.बार चोदा । “ 

मैं -  बढिया हुआ ना । अब हम आराम से तुम्हारे घर में भी प्यार कर सकते हैं । और ज़ोर से पेलो यार । 

राघव— तुम्हें प्यार करने से अब शायद कभी मना ना करें लेकिन उसने मुझसे साफ़ साफ़ कहा कि मैं अब उससे कभी ना पुछु कि कहॉं जाती हूँ, कब आती हूँ या किससे चुदबाती हूँ , कहॉं चुदवाती हूँ। 

मैं —- यह तो और भी बढिया है । रेण दीदी को जहां जिससे चूदवानी है चुदवाये । अब ये तुम्हारे रंडी तुम्हारे घ आकर भी अपने यार से मस्ती मारेगी । राघव, मेरा एक काम करोगे  ? 

राघव ने इस बार खुब ज़ोर दार धक्का मारा । 

मैं — धीरे यार । फिर दिल का दौरा पड़ेगा तो मुझे मत कुछ बोलना । 

राघव—- नहीं रानी , मेरी क़िस्मत इतना ख़राब नहीं कि मंजु जैसी परी के साथ रहते इतनी जल्दी मर जाउं । बोलो क्या काम करना है ? 

मैं ने चुदवाते हए राघव से अपना काम कहा । 
राघव ने वादा किया कि मेरा संदेश कल तक पहुँच जायेगा । 

मैं थोड़ी बहुत ओरल के साथ चुदाई चाहती थी । लेकिन राघव ने ओरल बिलकुल नहीं किया लेकिन आधा घंटा उसने बढिया चोदा । कुछ दे हम वैसे ही नंगा ही चिपक कर लेटे रहे । एक दूसरे के फ़ैमिली के बारे में और जानकारी ली । 

उसने बताया कि उसके एक चाचा की लड़की है जो राघव से ४- ५ साल बड़ी है । उसकी शादी हुई थी । शादी के बाद ४-५ साल बम्बई में रही और अचानक एक दिन अकेले वापस आ गई । उसने कहा कि उसका घरवाला रंडीबाजी करता है , रंडियों को घर भी लाकर चोदता है इसलिए उसे छोड़ कर आ गई है । १० साल से ज़्यादा हो गया है , न तो उसकी घरवाला ही उसे लेने आया ना ही उसके ससुराल से ही कोई आया । अब वो संगीता ६ साल से एक ब्यूटी पार्लर चलाती है । बहुत ही पौपुलर है वो जगह । अजंता होटल के पास है । लेकिन … 

मैं —- लेकिन क्या ? राँची में हर रोड पर एक पार्लर देखा । 

राघव— कहने को तो वो एक लेडीज़ पार्लर है लेकिन वहाँ मर्द भी जातें हैं वहाँ काम करने बाली औरतों से मालिश करवाने और उन्हें चोदने । 

मैं —- होता होगा ! तुम्हारी बहन की दूकान है  इसलिए तुम नहीं जाओगे । तुम्हारी बहन अपने घरवाला को छोड़ कर आई है उसे भी लौडा की ज़रूरत होती होगी , चुदवाने दो उसे । 

राघव—   राघव, मुझे अपनी संगीता की चिंता नहीं है । तुम्हारी बड़ी ननद वीणा बहॉ जाती ही है रॉंची जाने से पहले मैं ने ११ बजे , कॉलेज के समय पर तुम्हारी छोटी ननद केतकी को उस पार्लर में घुसते देखा । 

राघव की बात सुन की १८ साल की जवान खुबसूरत लड़की वैसी जगह जाने लगी है मुझे बढिया नहीं लगा । 

मैं एक राउंड चुदाई और चाहती थी लेकिन राघव बेड से उतर कपड़े पहनते हुए बोला , 

“ रानी , रुम मैं ने चार घंटा के लिए बुक किया है लेकिन बहुत ज़रूरी काम है जाना ही पड़ेगा । चलो तुम्हें घर छोड़ देता हूँ । “ 

और मेरी ऑंखों के सामने कपिल और अफ़ज़ल की तस्वीर नाचने लगी । मेरे दिल ने कहा , 

“ रानी, बढिया मौक़ा है , देख लें कि इस मँगहे होटल का वेटर तेरे कपिल से बढिया है कि ख़राब । “ 

मैं— राघव, तुमने एक ही चुदाई में मेरी हालत ख़राब कर दी है , जब तुमने चार घंटा के लिए रुम लिया है तो क्यों ना कुछ देर और इसका फ़ायदा उठाउं । मैं यहॉं से अपने ससुर जी के ऑफिस जाउंगी । जाने का रास्ता बता दो । चार बजे के पहले यहाँ से निकल जाऊँगी । और यह भी बोलो कि मेरे साथ लंबा समय कब गुजारोगे ।और हॉ,  नीचे रिसेप्शन पर मेरे लिए कुछ खाने और चाय के लिए बोल देना । “

मेरी प्यारी , मीठी मीठी बातें सुनकर राघब बहुत  खुश हुआ। मुझे चुम कर , मेरी चूचियों को मसल कर जाने लग। उसने कहा कि मुझे  कुछ भी देने की कोई ज़रूरत नहीं है , वह सब पेमेंट कर के जायेगा । 

राघव गया और मैं अपने क़िस्मत के बारे में सोचने लगी । मुझे इसका थोड़ा भी अफ़सोस नहीं था कि मैं ने दो - तीन दिनों में इतने लोगों से चुदवाया । मेरा घरवाला एक नम्बर का ‘ ककोल्ड था । दूसरों  के साथ की मेरी चुदाई देखना उसे बहुत बढ़िया लगता था । मेरे ससुर ने साफ़ साफ़ बता दिया कि मुझे, अपनी बहु को चोदेगा। जब मैं ने उससे कहा कि मैं अपने यार से चुदवाने जा रही हूँ तो भी वो बिलकुल नाराज़ नहीं हुआ। क्या वो भी अपने बेटे के सामने बहु को चोदेगा ? जो भी हो मुझे अपने ससुर की पर्सनालिटी बहुत पसंद थी ही ससुर का लौडा मेरा अब तक सबसे बढ़िया लौडा था । अब सवाल था कि वो बेटा जैसा ही चोदेगा कि प्यारे और राजीव जैसा या फिर जतीन जैसा चोदकर मुझे पागल करेगा। एक सवाल और था, 

“ क्या ससुर भी मुझे दूसरों से चुदवाते देख खुश होंगा कि मुझे अकेले ही चोदेगा। 

दरवाज़े पर कॉलबेल बजा , मैंने ज़ोर से कहा , 

॰ अंदर आ जाओ “।

बोलकर में ने अपने को एक शीट से ढँक लिया । सिर्फ़ चेहरा और माथा दीख रहा था । शीट के नीचे मैं बिलकुल नंगी थी । 

जो आदमी अंदर घुसा उससे ज़्यादा काला आदमी मैंने पहले कभी नहीं देखा था । कोयले ले भी ज़्यादा काला था लेकिन बहुत ही गठा हुआ शरीर था । लंबाई में शायद मुझसे भी एक डेढ़ इंच छोटा था । कोयला जैसा काला लेकिन उसने सफेद यूनिफ़ॉर्म पहनी था । क़द काठी जैसा भी हो उसका चेहरा बहु ही मासूम था । 

उसने सेंट्रल टेबल पर ट्रे रखा और टेबल को बिलकुल मेरे पास ले आया । 

वेटर —- मेरी क़िस्मत बहुत बढिया है कि रीटा मैडम ने मुझे यहॉं इस रुम में भेजा । आपके जैसी खुबसूरत औरत ना पहले कभी देखी और ना बाद में देखूँगा । 

बिना मेरा जबाब सुना दरवाज़ा को खिंचते हु ए बाहर चला गया । मैं ने अपने क़िस्मत को कोसा और दिल को यह कह कर समझाया कि सभी वेटर कपिल या अफ़ज़ल जैसा बोल्ड नहीं हो सकते । मैं इत्तिमान से चाय पी रही थी खा रही थी । खाते पीते हुए बदन से शीट हट गया था । मैं बेड पर क़रीब क़रीब नंगी ही थी । मैं ने चाय पीकर ख़ाली कप ट्रे में रखा । वेटर को गये हुऐ क़रीब २० मिनट हो गया था । बेड से यह सोच कर उतरी कि इस होटल में कपिल, अफजल या प्यबारे जैसा मुझे या मेरी चूत को खु करने बाला और कोई नरो मेरी चूत को खुश करने वाला कोई नहीं । 

लेकिन तभी दरवाज़ा खुला । वहीं काला वेटर रुम में घुसा और घुमकर उसने दरवाज़ा को अंदर से बंद किया । मेरे पास आया । मैं वैसे ही नंगी बैठी थी । व इतनी जल्दी से रुम में घुसा और मेरे पास आया कि मुझे संभलने का मौक़ा ही नहीं मिला । उसने मेरे दोनों गालों को अपने दोनों हाथों से पकड़ा और होंठों प्र एक गहरा चुम्मा लिया । मेरे कंधे को दबा कर मुझे बेड पर लिटाया । 

इतनी फुर्ती से वह सबकुछ कर रहा था कि मुझे विरोध करने का कोई मौक़ा ही नहीं मिला । वैसे भी विरोध करना कौन चाहता था । हिम्मती आदमी वैसे भी मुझे बहुत पसंद थे । और उपर से मुझे लगा कि मुझे होटल के वेटर बहुत पसंद है । 

वेटर —-   आपको पहली बार ही देख रहा हूँ लेकिन विश्वास से कह सकता हूँ कि आप जिस आदमी के साथ यहाँ आई थी वो आपका घरवाला नहीं कोई यार था । उसने आपके जैसी मस्त खुबसूरत औरत की जवानी के साथ मज़ा लूटने का कितना दिया ने मुझे ही मालूम लेकिन वो जो भी था आपके लायक़ नहीं था । उपर से लेकर नीचे तक आपकी जवानी प्यासी है । 

वो जो भी था उसने सबकुछ सही कहा था । राघव के साथ कोई मज़ा नहीं आया था तभी तो होटल के कमरे में अकेली रह गई थी । दिल तो किसी वेटर
से ही चुदवाना चाहता था और भगवान ने एक बहुत ही हिम्मती वेटर को मेरे पास भेज ही दिया । 

बोलते बोलते वो काला कलूटा आदमी नंगा हो गया । मेरे सामने जो लौडा था वह बहुत ही खाश था । मेरी चूत को मसलकर वह भी वही बोला जो मेरे सभी यार पहले बोल चुके थे , 

“ आपकी ये चूत सबसे प्यारी है । “ 

मैंने लौडा को पकड़ कर कहा 

“ और तुम दुनिया के सबसे बदसूरत आदमी ही नहीं एक नंबर के मादरचोद हो , सुबह शाम अपनी मॉं को चोदते हो उसकी गॉंड मारते हो ।” 
‘LIVE LIFE CHAMPA STYLE
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#29
Wow so hot
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#30
waooo so sexy now. good detailed and nice flow. keep writing dear writer. its a xxxxxx story
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#31
(22-09-2022, 01:24 AM)blackdesk Wrote: waooo so sexy now. good detailed and nice flow. keep writing dear writer. its a xxxxxx story

Thanks , more to come
‘LIVE LIFE CHAMPA STYLE
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#32
मैं मंजु , आगे की कहानी लेकर हाज़िर हूँ । 

आपने पढ़ा कि रॉंची में दो दिन ही होटल में रही और १० लोगों से मस्ती से चुदवाया । रात में ट्रेन में मुझसे दुगुनी उम्र के आदमी राघव ने चोदा। वो जब दूसरी बार पेल रहा था तब उसकी घरवाली किरण ने देखा लेकिन वो चुप रही । राघव ने अगले दिन मुझे एक होटल में बुलाया । मैं ने हॉं कर दी । वापस घर आई तो ससुर ने अपना नंगा बदन, अपना मस्त लौडा दिखाकर साफ़ साफ़ कहा कि जैसे भी हो रात में मुझे उससे चुदवाना ही है। मैं ने उसे चैलेंज दिया कि वो अपना बहु को बेटा के सामने ही चोदे । मैं ने उससे यह नहीं कहा कि उस के बेटे को मुझे दूसरों से चुदवाने देखने में अपना चुदाई से ज़्यादा मज़ा आता है । मैंने ससुर से ही कहा कि वो मुझे २ बजे होटल अप्सरा पहुँचा दे । उसने जब पूछा कि क्या मैं अपने यार से चुदवाने जा रही हूँ तो मैं ने हॉ  कर दिया । ससुर ने मुझे समय पर होटल पहुँचाया । राघव ने एक बार ही मुझे चोदा । वो चला गया लेकिन मैं कमरे में ही रह गई । 

राघव ने चाय नाश्ता का आर्डर दिया था वो लेकर जो वेटर रुम में आया था वह बिलकुल काला कलूटा था । चाय नाश्ता रखकर, बिना मुझ से कुछ बात किए  वो रुम से बाहर चला गया लेकिन क़रीब २० मिनट बाद फिर रुम में आया ।कमरे में घुसा और दरवाज़ा को अंदर से बोल्ट कर दिया । इतने लोगों से चुदवा चुकी थी कि दिल में डर नाम का कुछ भी नहीं था । वो ये बोलते हुए आगे बढ़ा कि जो भी मुझे यहाँ लेकर आया है वो मुझे असंतुष्ट छोड़ कर गया है । उसने कहा कि मैं बहुत ही प्यासी हूँ । राघव ने बढिया चोदा था लेकिन यह वेटर ठीक ही कह रहा था कि मुझे और भी चुदाई की ज़रूरत थी । मैं नंगी थी ही , वो भी मेरे तरफ़ आते आते नंगा हो गया । उसका बदन बहुत ही गठीला था , चेहरे पर मासूमियत थी , लौडा लोहा के रॉड जैसा टाईट था , अब तक मैं ने जितना लौडा खाया था यह लौडा उस सबसे मोटा था । मैं विश्वास के साथ नहीं कह सकती थी कि मेरे ससुर का लौडा ज़्यादा मोटा था या इस आदमी का । फिर भी मुझे लौडा बिलकुल पसंद नहीं आया । 

मेरे पास आकर मेरी चूत मसलकर बोला , 

“ आपकी ये चूत सबसे प्यारी है “ 

मैंने लौडा पकड़ कर कहा , 

“ और तुम दुनिया के सबसे बदसूरत आदमी ही नहीं एक नंबर के मादरचोद हो , सुबह शाम अपनी मॉं को चोदते हो , उसकी गॉंड मारते हो । चोदने आये हो तो पुरा लौडा लेकर आते , आधा लौडा अपनी मॉं के बूर में छोड़कर आये हो , मैं ऐसे आधा लौडा से नहीं खुदवाती । 

रुम में मैं अकेली वो भी नंगी । और रुम में था एक नंगा आदमी , चुदाई तो होनी ही थी । मैं बेड के पास  ही खड़ी थी । उसे अपने आप पर या लौडा पर बहुत भरोसा शा । उसने मुझे अपनी बाँहों पर उठाया और वॉंहो पर लिटा कर रुम में घुमाने लगा । उसका एक हाथ मेरी पीठ के नीचे था और दूसरा हाथ उसे दोनों चुत्तर के बीज घुसा कर बूर के ज़ोरों से दवा रखा था । वो मुझे इतनी आसानी से रुम में घुमा रहा था मानो मेरी कोई वजन हो ही नहीं । 

वेटर ——खुबसूरत परी , पहले इस आधे लौडा का कमाल देख लो अगर पसंद नहीं आया तो अपनी मॉं के बूर से बाक़ी लौडा निकाल कर आइंदा और आपको खुश करुंगॉं !  मेरा नाम कृष्णा है लेकिन जब से होश सँभाला है अपने को मैं कालिया के नाम से ही जानता हूँ । मेरे मॉं और बाबूजी इसी होटल में काम करते थे । बाबू जी यहॉं के गार्ड से और मॉं यहॉं आने बाले , रहने बाले लोगों की सेवा करती थी । सीधा बोलू  तो रंडी थी । यहॉं रहने बालों लोगों के साथ चुदाई कर रुपया कमाती थी । तीन साल पहले बाबू जी का साँप काटने से देहांत हो गया । मॉं के ही कारण मुझे यहॉं नौकरी मिल गई । तुमने गाली देकर कहा या या मज़ाक़ में कहा था , मैं ने अब तक सिर्फ़ अपनी मॉं के ही बूर में लौडा पेला है । तीन साल पहले जिस दिन मैं ने पहला दिन नौकरी किया उसी रात मॉं को पहली बार चोदा था । अब तीन साल से मैं मॉं को ही चोद रहा हूँ। वो औरत ३६-३७ साल की है लेकिन उस कुतिया की डिमांड इस होटल में बहुत है। होटल में रोज़ २-३ ग्राहक को खुश करती है और और घर में मुझे ऐसा मस्ती देती है कि किसी भी दूसरा माल की तरफ़ देखने का जी ही नहीं करता है । लेकिन तुम्हारे इस प्यारा मुखड़ा ने मुझे मुफ़्त का गुलाम बना दिया । आज मॉं के अलावा के पहली बार किसी दूसरी औरत को वो भी दुनिया की सबसे प्यारी चूत बाली सबसे खुबसूरत औरत के नंगे बदन को छुआ है । अब मेरी मॉं रुम रुम जा कर नहीं चुदवाती बहुत ही खाश खाश लोगों को खुश  करती है । इस होटल का मालिक ही मेरी मॉं केतकी को बहुत खाश खाश लोगों के पास भेजता है । मेरी केतकी मर्दों को चुदाई  का , औरत का ऐसा मज़ा देती है जो कोई और नहीं दे सकती । यहाँ की सबसे मंगही रंडी है । तुम तो अभी बच्ची हो  । तुम्हारा बदन देखकर लगता है  तुमने बहुत ही कम चुदवाया है लेकिन मेरी मॉं शादी के पहले से धंधा करती है और अब तक १० -१२ हज़ार लोगों से चुदवाया ही होगा लेकिन आज भी उस औरत के चोदने के लिए लोग पागल है और मैं उस रंडी को चोद कर पागल रहता  हूँ । 

इस रुम में आया तो तुम जिस तरह चादर ओढ़ कर सोईं थी,  साफ़ लग रहा था कि तुम बिलकुल नंगी हो और मेरा लौडा तुम्हें चोदने के लिए पागल हो गया । अपनी मॉं के बाद पहली औरत हो  जिसे मैं ने छुआ है । मेरी गंदी  सूरत देख कोई लड़की मेरी ओर देखती भी नहीं । 

मैं—— सूरत को छोड़ो , औरतो को सूरत नहीं बढिया लौडा चाहिए । तेरी रंडी  मॉं सिर्फ़ अपने बेटे को खुश रखने के लिए ही तुमसे चुदवाती होगी । तुम्हारा लौडा ४ इंच का ही होगा शायद , कौन चुदवायेंगी ऐसे छोटे लौडा से ?

मेरी बात ख़त्म हुई । कालिया ने मुझे बेड पर लिटाया । बिना कुछ बोले मेरे उपर आया । अपने एक हाथ से पकड़ लौडा को बूर के छेद से सटाया और एक ऐसा जवरदस्त धक्का मारा कि मेरा पूरा बदन चरमरा गया । 

“ मादरचोद , ये तेरी कुतिया मॉं का ढीला भोंसरा नहीं है १८ सास की १०-१२ बार ही चूदी हुई मंजु का बूर है धीरे पेल यार । आह कालिया मज़ा आ गया । “ 

और उसके बाद तो मैं मदहोश हो गई । बाक़ी सब कुछ भूल गई,  याद रहा सिर्फ़ ज़ोरदार धक्का  और ऐसी तेज चुदाई जैसे किसी ने , ना प्यारे ने, ना अफ़ज़ल ने ना ही राजीव ने की थी ।  अपना पूरा होशो  हवास खो बैठी थी । वो जीतनी देर चोदता रहा  मैं सिर्फ़ सिसकारी ही मारती रही । कभी उसे अपनी बाँहों और जाँघों से बांधने की कोशिश करती तो कभी उसे पागलों जैसा चूमती । 

उसने कितना देर चोदा मालूम नहीं । मैं झड़ गई, पस्त पस्त हो गई । उसके कुछ देर बाद कालिया भी मेरे बदन पर सुस्त हो गया । उसके लौडा ने मेरी बुर को अपने रस से दभर दिया । राघव ने जो मुझे प्यासा छोड़ा था इस ४ इंच के लौडा ने मुझे भरपेट पिला दिया , मुझे बिलकुल ठंडा कर दिया । हमदोनो एक दूसरे से चिपक कर लम्बी लम्बी सॉसे लेने लगे । मुझे होश तब आया जब मादरचोद मेरी बूर को चुसने चाटने लगा । मैं नहीं नहीं करती रही लेकिन वो कुत्ता रुका नही । 

मुझे उल्टा किया । मेरी कमर के नीचे २ मोटा तकिया लगाया । बहुत होगा तो १५-१६ मिनट ही बूर चुसा चाटा होगा । मेरे उपर आया । 

“ रानी , बहुत ही मस्त खुबसूरत चुत्तर और गॉंड का छोटा सा गुलाबी छेदा बहुत प्यारा है । अपनी कुतिया ( मॉं ) से बहुत बार कहा कि गॉंव में लौडा पेलने दें लेकिन हमेशा बोलती है उसकी गॉंड के  छेदा को एक खाश तरह का ही लौडा पसंद है । 

मैं — कैसा , कौन खाश तरह का लौडा ? 

उसने मेरी कान में जबाब दिया । उसी जबाब सुन मैं अवाक रह गई और उस ४ इंच का  लौडा बहुत ही तेज़ी से गॉंड में घुसा । 

“ हरामी , मादरचोद तुमने गॉंड फाड़ दी । “ 

मैं चिल्लाई लेकिन कुत्ता रुका नहीं। चूचियों को मसलते हुए गॉंड में भी राजधानी एक्सप्रेस चलाता रहा । गॉंड की दीवारों से रगड़ खाती हुआ वो चार इंच के लौडा ने राजीव और प्यारे के गॉंड मारने के मस्ती को भुला दिया । पहले जैसे जतीन ने कहा था मैंने सोचा था कि शुक्रवार की रात फिर राँची जाउंगी और जतीन के मालिक के साथ चुदवाना ही होगा प्यारे और कपिल के साथ भी मस्ती लुंगी । लेकिन इस कालिया के लौडा ने सब भुला दिया । मैं कुछ दिन लगातार कालिया और उसकी मॉं के साथ रहकर चुदाई के मज़े के साथ मर्दों को खुंश करने का तरीक़ा भी सीखना चाहती घी । 

कालिया ने चुदाई का मज़ा दिया ही था गॉंड मरवाने ने भी ऐसा मज़ा पहले नहीं आया था । मैं मस्ती लेती रही । 

जब फ़ोन की घंटी बजी । 

मै ने लेटे हुए ही फ़ोन का रिसीवर लिया । रिसेप्शन से फ़ोन था । लड़की ने कहा कि हमारा चार घंटा समय ख़त्म हो रहा है मुझे जल्दी रुम ख़ाली करना होगा । रिसीवर रख मैंने कालिया की ऑंखों में कुछ देर देखा और फिर खुब ज़ोर  से हंसी । 

“ रानी , इससे ज़्यादा प्यारी हँसी और हो ही नहीं सकती । “ 

मैं -      कालिया , आज जो तुमने मुझे चोदा, गॉंड मारी , मुझे खुश किया वो मैं कभी नहीं भूल सकती । तुम्हारा लौडा देखकर मुझे लगा था कि तुम बस मेरी खुबसूरती  और कमसीन ज़बानी देखकर मुझ पर पागल हो रहे हो लेकिन तुमने ७-८ इंच लम्बे और मोटे लौडा से जितना मैं ने कभी सोचा भी नहीं था उससे कहीं बढ़िया चोदा ।  मैं गॉंड में भी २ लंबा और मोटा लौडा ले चुकी हूँ लेकिन किसी ने तुम्हारे जैसा खुश नहीं किया । तेरा मोटा लौडा देखकर मैं डर गई थी लेकिन राजा तुमने अपना रानी को मस्त ही नहीं किया पस्त भी कर दिया लेकिन मुझे ये मस्ती बार बार चाहिए लेकिन मेरा रोज़ रोज़ यहाँ आना मुश्किल है । तुमने बहुत ही ज़्यादा थका दिया है लेकिन मेरे पास एक रुपया भी नहीं है । पहले कुछ खिला पिला दो और फिर मुझे घर भी पहुँचा दो । 

हम दोनों ने कपड़े पहने । 

कालिया ——- मंजु रानी , सिर्फ़ आपको बहकाने के लिए नहीं , आपकी बूर में लौडा पेलने से पहले तीन साल से अपनी रंडी मॉं को ही चोद रहा हूँ । लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा है कि आपका यार आपको लेकर यहाँ क्यों आया । रानी कोई इतना प्यारा मुखड़ा देखे उस से पहले आप बुर्का पहन लो । 

मंजु बुर्का पहन ही रही थी कि एक दूसरा वेटर आया । मैं ने उसे देखा । यह दूसरा वेटर ३०-३२ साल का था , देखने में भी कालिया से बहुत ही ज़्यादा बढ़िया था लेकिन अब  मुझे किसी भी दूसरे मर्द में कोई इनटेरेस्ट नहीं था । मुझे अब कपिल , प्यारे या राजीव नहीं सिर्फ़ यही कालिया ही चाहिए था । 

नया वेटर —- मैडम आपका समय ख़त्म हो गया है ,,,,

मंजु ने बीच में ही टोका । 

“ दिख नहीं रहा, मैं रुम ख़ाली कर रही हूँ । कृष्णा भैया चलो , मुझे घर पहुँचा दो । ॰ 

वेटर ने कालिया से पूछा कि वो कस्टोमर के रुम में काम कर रही है तो मैंने जबाब दिया , 

“ मैं ने बोला ना ये कालिया मेरा भाई है । चलो भैया , घर पहुँचा दो । “ 

वेटर ने क्या समझा मालूम नहीं हम तीनों रुम से बाहर निकले । नये वेटर को नहीं दिखा  कि कालिया के साथ जो औरत है वह कितनी हसीन और खुबसूरत है । रिसेप्शन में आकर कालिया ने कहा कि वह अपनी बहन ( मंजु ) को जल्दी घर छोड़ कर आता है । मैनेजर ने परमिशन दे दिया और दोनों बाहर आए । 

होटल के कई कस्टोमर और दूसरे लोगों के साथ मैनेजर भी कालिया की मॉं को कई बार चोद चूका था । 

कालिया को एक बुर्के बाली के साथ बाहर निकलते देख एक पैडल रिक्सा बाला आ गया । मंजु ने बिना कुछ बोले अपने बैग से एक पर्चा निकाल कर कालिया को  दिया । राघव ने उस पर्चे पर मंजु के ससुर के ऑफिस का पता लिखा था । कालिया ने पर्चा पढ़ा और उसे फाड़कर फेंक दिया । दोनों रिक्शा पर बैठे । रबुर्का के अंदर से कालिया के लौडा को सहलाती हुई मंजु ने पुछा , 

“ तुमने ऐसा क्यों कहा कि मेरा आदमी मुझे इस होटल में लेकर क्यों आया ? “ 

कालिया कुछ बोलता उससे पहले रिक्शा बाले ने कहा , 

“ मैडम, आपकी आवाज़ बहुत ही मीठी है । आवाज़ से लगता है कि आप किसी बढिया घर की है और इस होटल में सिर्फ़ रंडिया ही आती हैं । आप ने अगर बुर्का नहीं पहना होता तो कोई ना कोई आपकी किमत देकर आपको चोद ही लेता ।” 

कालिया —- जुगनू क्या फ़ालतू बात कर रहा है । क्यों डरा रहा है मेरी बहन को ! 

रिक्शा बाला —।      मैडम , सिर्फ पेशेवर रंडिया ही नहीं बड़े बड़े , बढिया घर की औरतें भी इस होटल में चुदवाने आती है और बढिया कमाई करके जाती है । आपको कभी अगर रुपया की ज़रूरत हो तो यहॉं कभी भी आ जाना । बाहर चुदाई का जो मिलेगा उससे ज़्यादा ही यहाँ मिलेगा और आपने एक बार भी इस होटल के खाश प्रोग्राम में भाग ले लिया तो रातों रात आप लखपति बन जायेगी । 

कालिया को जुगनू की बात सुन शरम आ रही थी लेकिन मंजु को मज़ा आ रहा था । मंजु रिक्शा वाले की हिम्मत देख दंग थी । 

मंजु —- जब यहॉं एक रात में ही औरत लाखों कमा लेती हैं तो तुमने भी अपनी मॉं , बहन , बेटी से इस होटल में धंधा करबाया होगा । तु भी यहॉं की रंडियों को चोदता होगा ? 

मंजु और कालिया दोनों को लगा कि मंजु की बात से जुगनू बहुत नाराज़ होगा । लेकिन वो बिलकुल नाराज़ नहीं हुआ । 

रिक्शा वाला — मेरे घर चलकर देख लो मेरी मॉं इतनी दुबली पतली है कि कोई उस कुतिया को नंगा भी देखेगा तो उसका लौडा ढीला हो जायेगा । मेरी बहन और बेटी दोनों इस होटल में इसलिए नहीं आती कि उन्हें डर है कि वे नहीं भी चाहेंगी तो भी कभी ना कभी होटल के स्पेशल तमाशा में भाग लेना ही पड़ेगा । दोनों मेरी बहन और बेटी चुदवा कर कमाती है लेकिन यहॉं नहीं शहर के अंदर जो ‘शालिन ब्यूटी पार्लर’   है बहॉं काम करती है । मैडम आपको शायद ये लगता होगा कि मेरी इतनी बड़ी बेटी कैसे हो सकती है जो चुदवाने भी लगी है। मेरी  शादी बहुत जल्दी हो गई थी । पहले बेटी हुई और फिर बेटा । मेरी बेटी रुक्मा आपके ही उम्र की १८-१९ साल की होगी और बहन ३० साल की है । कुतिया की शादी कर दी थी लेकिन एक लौडा से उसका मन नहीं भरा । अब मालिश भी करती है और चुदाई भी । बहुत बढिया मालिश करती है एक बार जरुर करवाइयेगा । मेरी बहन चंपा को चोदने बाले कहते हैं कि साली चुदाई में भी बहुत मज़ा देती है । 

मंजु ने नहीं पूछा कि क्या लोभी अपनी बहन और बेटी को चोदता है । 

मंजु — इस होटल में क्या स्पेशल तमाशा होता है और वो पार्लर कहॉं है ? 

रिक्शा वाला —-   मैडम जिस तरीक़े से आप बात कर रही है उससे साफ़ लगता है कि आप को चुदाई बहुत पसंद है। लेकिन आपका ये भाई बहुत ही शरीफ़ है। न ये ख़ुद किसी को चोदेगा ना अपनी बहन को, आपको किसी से यहाँ चुदवायेगा। ये एक साल से यहाँ काम कर रहा है लेकिन अब तक इसने किसी भी माल को हाथ नहीं लगाया । जब कि सुबह से मैं तीन औरत को चोद चूका हूँ । 

मुझे यह जानकर ख़ुशी हुई कि कालिया ने मुझसे झूठ नहीं कहा । वो सिर्फ़ अपनी मॉं  को ही चोदता है । रिक्शा वाला मुझे अपना ओर अट्रैक्ट करने की पूरी कोशिश कर रहा था । 

रिक्शा वाला—— मैडम , बहुत से लोग ऐसे होते हैं कि उनके पास बहुत ही ज़्यादा धन दौलत है लेकिन उनके लौडा में कोई दम नहीं होता है। ख़ूबसूरत जवान औरत को , कच्ची उम्र की लड़की को ख़रीद तो लेते हैं लेकिन चोद नहीं पाते हैं । वैसी भूखी औरतों को हम जैसे मर्दों को ही चोद कर खुश करना पड़ता है । आपको विश्वास नहीं होगा लेकिन कई आदमियों ने अपनी ऑंखों के सामने अपनी घरवालियाों को मुझसे चुदवाया है । 

रिक्शा वाला की बात से मुझे रॉंची के होटल में अपने घरवाला के सामने दूसरों से चुदवाने की बात याद आ गई । मैं कुछ बोलती उससे पहले रिक्शा एक होटल के सामने रुकी । 

जुगनू        -  यार ( कालिया ) , पहले भी तुमसे गुज़ारिश की है , आज भी खुशामद कर रहा हूँ । वो मेरी आँखों के सामने दूसरों का लौडा चूसती है, चुदवाती है, गॉड भी मरवाती है । तुम्हें मालूम है कि वो मुझे पसंद भी करती है लेकिन जब तक तुम नहीं बोलोगे वो मस्त माल मुझे हाथ भी लगाने नहीं देगी । यार मुझे वो रंडी बहुत पसंद है । बदले में तुम मेरी घरवाली, बेटी और बहन को जितना चाहे चोदो । 

कालिया ने कोई जवाब नहीं दिया । वह मेरा हाथ पकड़ होटल रेस्टोरेन्ट के अंदर घुस गया । अंधेरा हो गया था । होटल क़रीब क़रीब भरा था । कालिया मुझे लेकर एक केबिन में ले गया । बाद में मुझे पता चला कि फ़ैमिली केबिन था । 

हम अग़ल बग़ल बैठे । मैं चेहरा से पर्दा हटाना चाहती थी लेकिन कालिया ने रोक दिया । वेटर ऑर्डर लेकर गया । थोड़े देर बाद वो आर्डर भी लेकर आया । उसके जाने के बाद कालिया ने मेरे चेहरा का पर्दा ख़ुद हटाया । 

कालिया —— रानी , तुम्हारी जैसी सुंदर औरतो को अपने घर से बाहर निकलना ही नहीं चाहिए । जैसे मैं ने चोद लिया वैसे ही जो भी तुम्हें देखेगा अपना लौडा तेरी बूर में पेले बिना नहीं रुकेगा । हमारे होटल के मालिक अगर तुम्हें देखेंगे तो किसी भी क़ीमत पर तुम्हारे घर वालों से ख़रीद लेंगें । वो जुगनू मेरी माँ  को चोदने की बात कर रहा था । मैं मॉं को बोल दूँ कि उससे चुदवा ले ? 

मैं —— अगर तुम्हारी माँ भी जुगनू से चुदवाना चाहती है तो फिर तुम क्यों बीच में आते हो ? दोनो को मज़ा लेने दो जैसे हम दोनों ने लिया और तुम भी उसक बहन और बेटी को चोदो । 

कालिया —— तुमने कह दिया है तो आज ही दोनों को चोदने की छूट दे दूँगा । 

मैं —— उतना ही नहीं , जब जुगनू दूसरों को चोद सकता है तो तुम हर औरत को उससे ज़्यादा खुश कर सकते हो । फिर तुम क्यों नहीं चोदते । बढिया माल के साथ कमाई भी होगी । 

मेरी बात सुन उसने बहुत ही पते की बात की । 

कालिया—— रानी , मेरी क़िस्मत बहुत ही बढ़िया है कि तुमने अपनी बूर में मुझे लौडा पेलने से नहीं रोका और अब तुम मेरी चुदाई से इतनी खुश भी हो । लेकिन शायद ही कोई दूसरा ऐसा करें । मेरा रंग देखकर ही ज़्यादा तर औरतें मुझसे दूर भागती है , उपर से सिर्फ़ देखकर शायद ही किसी को मेरा लौडा पसंद आये । जुगनू का लौडा बढ़िया लंबा भी है और मोटा भी । हर रोज़ होटल में आई हुई ३-४ माल को चोदता है। रंडी की कीमत देता कोई और है और मस्ती जुगनू जैसे लोग मारते हैं और औरत खुश होकर बहुत इनाम भी देती है । । जुगनु जैसे बढ़िया चुदाई करने बाले १०-१२ और मर्द को होटल वालों ने रखा है जो चुदाई का मज़ा लेने बाली औरतों को खुश करता है। जैसा उसने कहा बहुत सी बढ़िया घर परिवार की औरतें चुदाई की मस्ती के साथ कमाने भी आती है । वैसी औरतों को क़ीमत तो कोई और देता है लेकिन चुराई सिर्फ़ वही आदमी नहीं जुगनू जैसे मर्द भी करते हैं । वैसी औरतें हर वार ३-४ आदमियों से चुदवा कर जाती है । 

मैं सारी बात समझा गई । लेकिन एक बात जानना बाक़ी था । 

मैं —- और सब समझ गई लेकिन तुमने अपने होटल में होने बाला तमाशा के बारे में नहीं बताया ? 

कालिया —- वो जब ख़ुद देखोगी तभी समझोगी । लेकिन वो तमाशा देखने के लिए तुम्हें पुरे समय , ७-८ घंटा नंगा ही रहना पड़ेगा । ख़ुद नहीं चाहोगी तो कोई तुम्हें हाथ भी नहीं लगायेगा । लेकिन एक ही हॉल में सैकड़ों ज़ोडों को चुदाई करते देख तुम ख़ुद ही अपने को नहीं सँभाल पाओगी । मेरे एक  लौडा के बदले हो सकता है कि पूरी रात में १५-२० लौडो से चुदवा लो । और जिस पार्लर की बात जुगनू कर रहा था , तुम जहां जा रही है उससे कुछ दूरी पर एक अजन्ता होटल है , उसी के बग़ल में पार्लर है । मैं वहाँ कभी गया नहीं लेकिन सुना है कि वहाँ काम करने बाली औरतें वंदन की मालिश बहुत बढिया करती है ।जुगनू की बेटी और बहन भी वहीं काम करती है । बदन की मालिश करवाना हो तो चले जाना । 

मुझे विश्वास था कि बदन मालिश करने के लिए प्यारे से बढिया और कोई नहीं हो सकता है । लेकिन इस कालिया के साथ की चुदाई ने मुझे मस्त कर दिया था । 

मेरे पास बोलने के लिए कुछ नहीं था । हम खा पीकर बाहर निकले । 

क़रीब आधा घंटा बाद मुझे ससुर के ऑफिस के पास उतार कर कालिया वापस होटल चला गया ।

मैं जब ससुर के ऑफिस में घुसी तो ७ से ज़्यादा हो गया था । मुझे देखते ही वो खड़ा हो गया और ऑफिस में बैठे दो आदमियों को बाहर भेज दिया । उनके जाने के बाद , 

बाबूजी — मेरी प्यारी बहु रानी,  तुमने कहा था कि सिर्फ़ एक ही यार होगा लेकिन तुम्हारा चेहरा देखकर लग रहा है कि ४-५ मर्दों ने मेरी प्यारी बहु को चोद चोद कर मस्त कर दिया है । 

मेरा ससुर भी मेरी ही तरह खुल कर चुदाई की बात कर रहा था । मैं ने थोड़ा झूठ बोला । 

मैं —- चोदने वाला एक ही था । पहला राउंड तो उसने आपके बेटा जैसा ही खुब प्यार से २०-२२ मिनट ही चोदा । लेकिन मालूम नहीं मादरचोद क्या ख़ाक आया चा , दूसरे राउंड में जब बूर में लौडा पेला तो बाबू जी हरामी ने पहले बूर में एक घंटा पेला और चुदाई करते करते साले ने गॉंड भी मार ली । पहली बार ही गॉंड मरवाया . बहुत मज़ा आया ।उसने लगातार २ घंटा से ज़्यादा चोदा और गॉंड मारी । आपके बेटे ने सब मिला कर जितनी देर मुझे चोदा होगा उस हरामी ने एक दिन में ही उतना देर पेल दिया । और आप विश्वास नहीं करेंगे , मेरे यार का लौडा मुश्किल से चार इंच लंबा ही होगा लेकिन चोद कर मस्त कर दिया उसने  । आप कितने देर पेलते  हो ? 

बाबूजी—- मुझे गर्म करने के लिए ये सब बोल रही हो ना  । मैं वैसे ही तुमको , अपनी बहु को  चोदने के लिए हमेशा तैयार हूँ । 

एक बात तो मैं समझ गई कि जिस तरह मेरे पति देव को मेरा दूसरे से चुदवाना पसंद है वैसे ही मेरा ससुर भी मेरा दूसरे के साथ चुदवाने से बिलकुल ही नाराज़ नहीं है । फिर भी मैं ने पुछा , 

“ बाबू जी , मैं झूठ नहीं बोल रही । आपको अगर विश्वास नहीं तो आप जब भी बोलिए , जहां भी बोलिए मैं आपके सामने उस से,  अपने यार से चुदवा कर दिखा दूँगी कि वो कितना देर चोदता है ! लेकिन यह बोलिए कि आप को ग़ुस्सा नहीं आ रहा है की आपकी बहु किसी और से चुदवा कर आई है , दुबारा चुदवाने की बात कर रही है आपके ग़ुस्सा नहीं आ रहा है ? “ 

बाबूजी मुस्कुराते रहे । 

बाबूजी— आज तुम्हें वो बात बताता हूँ जो तुम्हें मालूम नहीं है । तीन महिना पहले मैंने तुम्हें अपने बाबा ( पिता जी ) के साथ बाज़ार में देखा था । और तुम्हें देखते ही मेरा लौडा फरफराने लगा था । तुम्हारी चुत में घुसने के लिए बेताब होने लगा । मैं तुम्हें ज़िंदगी भर चोद सकुं, तुम्हारे पेट से अपना बच्चा पैदा कर सकुं इसलिए विनोद की शादी तुमसे करवा दिया । इतना ही नहीं तुमको पहली बार देखकर ही समझ गया था कि तुम बहुत ही ज़्यादा चुदासी औरत हो । कितना भी बढिया मर्द हो तुम उसके ही साथ टीक कर नहीं रह सकती । आज भी तुम जिसके साथ उतनी लंबी चुदाई करबा कर आई हो , उस के साथ भी कुछ दिन चुदवाकर ही तुम्हें दूसरे मर्द की ज़रूरत महसूस लगने लगेगी । इसलिए तुम जिस किसी के भी साथ , घर में या घर के बाहर चुदवाना चाहो चुदवाओ, गॉंड  मरवाओ लेकिन आज रात मेरा लौडा अपनी बहु की बूर में रहेगा । तुमने सुबह कहा , मैं ने बहुत सोचा । अपने बेटे को ही खुशामद करुंगा कि वह मुंडे तुम्हारी चूदाई करने दे। मैं ९ बजे यहाँ से निकलूँगा , तब तक मेरी एक बहुत ही बढ़िया दोस्त ज्योति से मिल लो । 

बाबूजी मुझे लेकर हॉंल में आये । ऑफिस में जितने ३०-३२ आदमी थे , सभी को हॉल में बुलवाया और सबसे कहा 

“ यह मंजु है मेरे बेटे विनोद की पत्नी और अभी से हमारे साथ यह भी हमारे कंपनी की पार्टनर है । “ 

मैं ने सबको प्रणाम किया । सभी के उपर नज़र दौड़ाई । ग्रूप में ७ औरतें थी । मर्दों में ५ ऐसे मर्द थे जो मुझे दिखाकर पैंट के उपर से लौडा सहला रहे थे । एक दूसरे मर्द ने ज़ोर से कहा , 

“ साहब मंजु जी यहाँ आयेंगी तो हम में से कोई कुछ भी काम नहीं कर लायेगा । सभी इनके खुबसूरत चेहरे और सुडौल शरीर को ही देखते रहेंगे । “ 

मैं—-   आप सब भी बहुत खुबसूरत और सुंदर है । आप सब मुझे पसंद आये । रोज़ आउंगी तभी तो हमारी दोस्ती होगी । फिर मुझे आप सबसे काम भी सिखना है । 

बाबूजी ने एक औरत ज्योति से कुछ कहा और मुझे उसके साथ जाने के लिए कहा । मैं ने बुर्का पहना ही था सिर्फ़ चेहरा का कवर हटा दिया था । एक किलोमीटर ही चले होंगे कि मुझे “ शालिन ब्यूटी पार्लर “ का वोर्ड नज़र आया । 

वो औरत, ज्योति मुझे  अंदर ले गई । चार कुर्सियों थी और चारो पर एक एक औरत बैठी थी और चार जवान लड़कियों उनका काम कर रही थी । ज्योति ने सबसे कहा कि मैं मालिक की बहु हूँ और अब से इस पार्लर की मालकिन मैं ही हूँ । बाबूजी ने मुझसे यह बात नहीं कही थी । 

सबने मुझे नमस्ते, प्रणाम किया । सबके गाल थपथपाती हुइ ज्योति के साथ एक दूसरे कमरे में गई । यह वहाँ का पार्लर का मेन ऑफिस था । एक बड़ी सी मेज़ के एक तरफ़ एक आकर्षक डील- डौल की औरत बैठी थी । उसकी उम् ४० के आस पास की होगी । 

ज्योति —- कल्पना मैडम , हम सब की नई मालकिन मंजु जी , साहब की बहु से मिलिए । 

कल्पना हाथ जोड़ते हुए खड़ी हो गई । 

कल्पना— आप सच की औरत हैं या कोई जापानी गुडिया है । कितनी सुंदर है आप । बस मंजु मैडम देखते रहिए , अब हमारी कमाई कितनी बढ़ जायेगी । सिर्फ़ आपका प्यारा मुखड़ा देखने के लिए ही लोग यहॉं लाईन लगा देंगे । ज्योति तुम जाओ, मालकिन को मैं सब समझा देती हूँ । 

ज्योति चली गई । कल्पना ने मुझे पार्लर के बारे में सब कुछ बताया । दो बातों पर मेरा ध्यान गय। पहला कि सारे शहर को यही मालूम था कि पार्लर की असल मालकिन कल्पना है विजेंद्र बाबू नहीं। कल्पना ने अपनी चुदाई की शुरुआत मेरे ससुर के साथ ही की थी और अब भी दोनों एक दूसरे को बहुत प्यार करते हैं । दूसरा कि ब्यूटी पार्लर का वोर्ड लोगों को दिखाने के लिए है असल में यह एक मालिश करने कराने और चुदाई का अड्डा है । वहाँ ६ केबिन थे जिसमें या तो मालिश होती थी या फिर चुदाई चलती थी । 

कल्पना ने बताया कि उस समय भी २ केविन में औरतें औरत से ही नंगी मालिश करवा रही थी और दूसरे दो केविन में दो औरतें चुदवा रही थी । हमारे आने के २ मिनट पहले ही २ दूसरी औरतें पार्लर के २ काम करनेवाले मर्दों से पूरे बदन की नंगी मालिश करबा कर गई थी । 

कल्पना— उन दोनों औरतों को बहुत समझाया लेकिन वे चुदवाने को तैयार नहीं हुई । 

मैं —-  कल्पना दीदी , इसकी मतलब साफ़ है कि आपके मर्द औरतों को गर्म नहीं कर सकते हैं । 

कल्पना— ठीक बोल रही है आप । बहुत मर्दों को ट्राई किया लेकिन १५-२० मिनट की मालिश के बाद ही मादरचोद बूर में लौडा पेल देता हो जो ज़्यादातर औरतें को पसंद नहीं है । अधिकतर औरतें एक घंटा के मालिश के दौरान ४०-४५ मिनट की बहुत बढिया मालिश चाहती है , ऐसा मालिश की वो खुद लौडा को पकड़ कर चूसे , बूर में घुसाने के लिए खुशामद करे । अप्सरा होटल में कई ऐसे मर्द है लेकिन हम उन्हें उतना नहीं दे सकते जितना वहॉं मिलता है । मंजु , अप्सरा होटल में रोज़ २५-३० औरतें मस्ती मारने आती है और शनीवार और रविवार को १०० से ज़्यादा औरतें वहॉं चुदवाने जाती है । हमारे यहॉं कभी एक दिन में २० सेजायादा औरत नहीं आई । 

मैं —और उतनी औरतों को कौन चोदता है ? 

तभी दो औरतें अपने अपने कपड़े ठीक करते हुए निकली । उन औरतों ने घबराते हुए मेरी ओर देखा । 

कल्पना— डरिये मत , ये हमारी बॉस है । मेरे आदमियों ने आपको खुश किया कि नहीं ?

एक औरत— दोनों ठीक है लेकिन कोई खाश बात नहीं था । 

दोनों औरतें के जाने के बाद कल्पना ने बताया कि दोनों सीनियर सरकारी अधिकारी की घरवाली है । महिना में दो बार तो आती ही है । हम बात कर रहे थे और वही दोनों आदमी आये जिनसे चुदवाकर दोनों गई थी । 

दोनों का वॉडी जरुर बढिया था लेकिन मुझे भी दोनों में से कोई पसंद नहीं आया । कल्पना ने उन्हें उस दिन का फ़ीस दिया और वो चले गये । 

कल्पना—- हमारे  आदियों को हर एक औरत को चोदने का ५००/- मिलता है । आज दोनों ने तीन तीन रंडियों को चोदा । 

अब आफ़िस में हम दोनों ही थे । कल्पना ने मेरे सामने तीन बड़ा साईज़ का एल्बम रखा । 

कल्पना— इस एल्बम में सब मिलाकर २०० से ज़्यादा रंडियों के फ़ोटो है जो यहॉं आकर हमारे मर्दों से , अनजान मर्दों से चुदवाती है । 

मैं पन्ने पलट रही थी और कल्पना वहॉं का रेट बता रही थी । 
‘LIVE LIFE CHAMPA STYLE
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#33
(23-09-2022, 03:16 PM)bhukhalund Wrote: मैं मंजु , आगे की कहानी लेकर हाज़िर हूँ । 

आपने पढ़ा कि रॉंची में दो दिन ही होटल में रही और १० लोगों से मस्ती से चुदवाया । रात में ट्रेन में मुझसे दुगुनी उम्र के आदमी राघव ने चोदा। वो जब दूसरी बार पेल रहा था तब उसकी घरवाली किरण ने देखा लेकिन वो चुप रही । राघव ने अगले दिन मुझे एक होटल में बुलाया । मैं ने हॉं कर दी । वापस घर आई तो ससुर ने अपना नंगा बदन, अपना मस्त लौडा दिखाकर साफ़ साफ़ कहा कि जैसे भी हो रात में मुझे उससे चुदवाना ही है। मैं ने उसे चैलेंज दिया कि वो अपना बहु को बेटा के सामने ही चोदे । मैं ने उससे यह नहीं कहा कि उस के बेटे को मुझे दूसरों से चुदवाने देखने में अपना चुदाई से ज़्यादा मज़ा आता है । मैंने ससुर से ही कहा कि वो मुझे २ बजे होटल अप्सरा पहुँचा दे । उसने जब पूछा कि क्या मैं अपने यार से चुदवाने जा रही हूँ तो मैं ने हॉ  कर दिया । ससुर ने मुझे समय पर होटल पहुँचाया । राघव ने एक बार ही मुझे चोदा । वो चला गया लेकिन मैं कमरे में ही रह गई । 

राघव ने चाय नाश्ता का आर्डर दिया था वो लेकर जो वेटर रुम में आया था वह बिलकुल काला कलूटा था । चाय नाश्ता रखकर, बिना मुझ से कुछ बात किए  वो रुम से बाहर चला गया लेकिन क़रीब २० मिनट बाद फिर रुम में आया ।कमरे में घुसा और दरवाज़ा को अंदर से बोल्ट कर दिया । इतने लोगों से चुदवा चुकी थी कि दिल में डर नाम का कुछ भी नहीं था । वो ये बोलते हुए आगे बढ़ा कि जो भी मुझे यहाँ लेकर आया है वो मुझे असंतुष्ट छोड़ कर गया है । उसने कहा कि मैं बहुत ही प्यासी हूँ । राघव ने बढिया चोदा था लेकिन यह वेटर ठीक ही कह रहा था कि मुझे और भी चुदाई की ज़रूरत थी । मैं नंगी थी ही , वो भी मेरे तरफ़ आते आते नंगा हो गया । उसका बदन बहुत ही गठीला था , चेहरे पर मासूमियत थी , लौडा लोहा के रॉड जैसा टाईट था , अब तक मैं ने जितना लौडा खाया था यह लौडा उस सबसे मोटा था । मैं विश्वास के साथ नहीं कह सकती थी कि मेरे ससुर का लौडा ज़्यादा मोटा था या इस आदमी का । फिर भी मुझे लौडा बिलकुल पसंद नहीं आया । 

मेरे पास आकर मेरी चूत मसलकर बोला , 

“ आपकी ये चूत सबसे प्यारी है “ 

मैंने लौडा पकड़ कर कहा , 

“ और तुम दुनिया के सबसे बदसूरत आदमी ही नहीं एक नंबर के मादरचोद हो , सुबह शाम अपनी मॉं को चोदते हो , उसकी गॉंड मारते हो । चोदने आये हो तो पुरा लौडा लेकर आते , आधा लौडा अपनी मॉं के बूर में छोड़कर आये हो , मैं ऐसे आधा लौडा से नहीं खुदवाती । 

रुम में मैं अकेली वो भी नंगी । और रुम में था एक नंगा आदमी , चुदाई तो होनी ही थी । मैं बेड के पास  ही खड़ी थी । उसे अपने आप पर या लौडा पर बहुत भरोसा शा । उसने मुझे अपनी बाँहों पर उठाया और वॉंहो पर लिटा कर रुम में घुमाने लगा । उसका एक हाथ मेरी पीठ के नीचे था और दूसरा हाथ उसे दोनों चुत्तर के बीज घुसा कर बूर के ज़ोरों से दवा रखा था । वो मुझे इतनी आसानी से रुम में घुमा रहा था मानो मेरी कोई वजन हो ही नहीं । 

वेटर ——खुबसूरत परी , पहले इस आधे लौडा का कमाल देख लो अगर पसंद नहीं आया तो अपनी मॉं के बूर से बाक़ी लौडा निकाल कर आइंदा और आपको खुश करुंगॉं !  मेरा नाम कृष्णा है लेकिन जब से होश सँभाला है अपने को मैं कालिया के नाम से ही जानता हूँ । मेरे मॉं और बाबूजी इसी होटल में काम करते थे । बाबू जी यहॉं के गार्ड से और मॉं यहॉं आने बाले , रहने बाले लोगों की सेवा करती थी । सीधा बोलू  तो रंडी थी । यहॉं रहने बालों लोगों के साथ चुदाई कर रुपया कमाती थी । तीन साल पहले बाबू जी का साँप काटने से देहांत हो गया । मॉं के ही कारण मुझे यहॉं नौकरी मिल गई । तुमने गाली देकर कहा या या मज़ाक़ में कहा था , मैं ने अब तक सिर्फ़ अपनी मॉं के ही बूर में लौडा पेला है । तीन साल पहले जिस दिन मैं ने पहला दिन नौकरी किया उसी रात मॉं को पहली बार चोदा था । अब तीन साल से मैं मॉं को ही चोद रहा हूँ। वो औरत ३६-३७ साल की है लेकिन उस कुतिया की डिमांड इस होटल में बहुत है। होटल में रोज़ २-३ ग्राहक को खुश करती है और और घर में मुझे ऐसा मस्ती देती है कि किसी भी दूसरा माल की तरफ़ देखने का जी ही नहीं करता है । लेकिन तुम्हारे इस प्यारा मुखड़ा ने मुझे मुफ़्त का गुलाम बना दिया । आज मॉं के अलावा के पहली बार किसी दूसरी औरत को वो भी दुनिया की सबसे प्यारी चूत बाली सबसे खुबसूरत औरत के नंगे बदन को छुआ है । अब मेरी मॉं रुम रुम जा कर नहीं चुदवाती बहुत ही खाश खाश लोगों को खुश  करती है । इस होटल का मालिक ही मेरी मॉं केतकी को बहुत खाश खाश लोगों के पास भेजता है । मेरी केतकी मर्दों को चुदाई  का , औरत का ऐसा मज़ा देती है जो कोई और नहीं दे सकती । यहाँ की सबसे मंगही रंडी है । तुम तो अभी बच्ची हो  । तुम्हारा बदन देखकर लगता है  तुमने बहुत ही कम चुदवाया है लेकिन मेरी मॉं शादी के पहले से धंधा करती है और अब तक १० -१२ हज़ार लोगों से चुदवाया ही होगा लेकिन आज भी उस औरत के चोदने के लिए लोग पागल है और मैं उस रंडी को चोद कर पागल रहता  हूँ । 

इस रुम में आया तो तुम जिस तरह चादर ओढ़ कर सोईं थी,  साफ़ लग रहा था कि तुम बिलकुल नंगी हो और मेरा लौडा तुम्हें चोदने के लिए पागल हो गया । अपनी मॉं के बाद पहली औरत हो  जिसे मैं ने छुआ है । मेरी गंदी  सूरत देख कोई लड़की मेरी ओर देखती भी नहीं । 

मैं—— सूरत को छोड़ो , औरतो को सूरत नहीं बढिया लौडा चाहिए । तेरी रंडी  मॉं सिर्फ़ अपने बेटे को खुश रखने के लिए ही तुमसे चुदवाती होगी । तुम्हारा लौडा ४ इंच का ही होगा शायद , कौन चुदवायेंगी ऐसे छोटे लौडा से ?

मेरी बात ख़त्म हुई । कालिया ने मुझे बेड पर लिटाया । बिना कुछ बोले मेरे उपर आया । अपने एक हाथ से पकड़ लौडा को बूर के छेद से सटाया और एक ऐसा जवरदस्त धक्का मारा कि मेरा पूरा बदन चरमरा गया । 

“ मादरचोद , ये तेरी कुतिया मॉं का ढीला भोंसरा नहीं है १८ सास की १०-१२ बार ही चूदी हुई मंजु का बूर है धीरे पेल यार । आह कालिया मज़ा आ गया । “ 

और उसके बाद तो मैं मदहोश हो गई । बाक़ी सब कुछ भूल गई,  याद रहा सिर्फ़ ज़ोरदार धक्का  और ऐसी तेज चुदाई जैसे किसी ने , ना प्यारे ने, ना अफ़ज़ल ने ना ही राजीव ने की थी ।  अपना पूरा होशो  हवास खो बैठी थी । वो जीतनी देर चोदता रहा  मैं सिर्फ़ सिसकारी ही मारती रही । कभी उसे अपनी बाँहों और जाँघों से बांधने की कोशिश करती तो कभी उसे पागलों जैसा चूमती । 

उसने कितना देर चोदा मालूम नहीं । मैं झड़ गई, पस्त पस्त हो गई । उसके कुछ देर बाद कालिया भी मेरे बदन पर सुस्त हो गया । उसके लौडा ने मेरी बुर को अपने रस से दभर दिया । राघव ने जो मुझे प्यासा छोड़ा था इस ४ इंच के लौडा ने मुझे भरपेट पिला दिया , मुझे बिलकुल ठंडा कर दिया । हमदोनो एक दूसरे से चिपक कर लम्बी लम्बी सॉसे लेने लगे । मुझे होश तब आया जब मादरचोद मेरी बूर को चुसने चाटने लगा । मैं नहीं नहीं करती रही लेकिन वो कुत्ता रुका नही । 

मुझे उल्टा किया । मेरी कमर के नीचे २ मोटा तकिया लगाया । बहुत होगा तो १५-१६ मिनट ही बूर चुसा चाटा होगा । मेरे उपर आया । 

“ रानी , बहुत ही मस्त खुबसूरत चुत्तर और गॉंड का छोटा सा गुलाबी छेदा बहुत प्यारा है । अपनी कुतिया ( मॉं ) से बहुत बार कहा कि गॉंव में लौडा पेलने दें लेकिन हमेशा बोलती है उसकी गॉंड के  छेदा को एक खाश तरह का ही लौडा पसंद है । 

मैं — कैसा , कौन खाश तरह का लौडा ? 

उसने मेरी कान में जबाब दिया । उसी जबाब सुन मैं अवाक रह गई और उस ४ इंच का  लौडा बहुत ही तेज़ी से गॉंड में घुसा । 

“ हरामी , मादरचोद तुमने गॉंड फाड़ दी । “ 

मैं चिल्लाई लेकिन कुत्ता रुका नहीं। चूचियों को मसलते हुए गॉंड में भी राजधानी एक्सप्रेस चलाता रहा । गॉंड की दीवारों से रगड़ खाती हुआ वो चार इंच के लौडा ने राजीव और प्यारे के गॉंड मारने के मस्ती को भुला दिया । पहले जैसे जतीन ने कहा था मैंने सोचा था कि शुक्रवार की रात फिर राँची जाउंगी और जतीन के मालिक के साथ चुदवाना ही होगा प्यारे और कपिल के साथ भी मस्ती लुंगी । लेकिन इस कालिया के लौडा ने सब भुला दिया । मैं कुछ दिन लगातार कालिया और उसकी मॉं के साथ रहकर चुदाई के मज़े के साथ मर्दों को खुंश करने का तरीक़ा भी सीखना चाहती घी । 

कालिया ने चुदाई का मज़ा दिया ही था गॉंड मरवाने ने भी ऐसा मज़ा पहले नहीं आया था । मैं मस्ती लेती रही । 

जब फ़ोन की घंटी बजी । 

मै ने लेटे हुए ही फ़ोन का रिसीवर लिया । रिसेप्शन से फ़ोन था । लड़की ने कहा कि हमारा चार घंटा समय ख़त्म हो रहा है मुझे जल्दी रुम ख़ाली करना होगा । रिसीवर रख मैंने कालिया की ऑंखों में कुछ देर देखा और फिर खुब ज़ोर  से हंसी । 

“ रानी , इससे ज़्यादा प्यारी हँसी और हो ही नहीं सकती । “ 

मैं -      कालिया , आज जो तुमने मुझे चोदा, गॉंड मारी , मुझे खुश किया वो मैं कभी नहीं भूल सकती । तुम्हारा लौडा देखकर मुझे लगा था कि तुम बस मेरी खुबसूरती  और कमसीन ज़बानी देखकर मुझ पर पागल हो रहे हो लेकिन तुमने ७-८ इंच लम्बे और मोटे लौडा से जितना मैं ने कभी सोचा भी नहीं था उससे कहीं बढ़िया चोदा ।  मैं गॉंड में भी २ लंबा और मोटा लौडा ले चुकी हूँ लेकिन किसी ने तुम्हारे जैसा खुश नहीं किया । तेरा मोटा लौडा देखकर मैं डर गई थी लेकिन राजा तुमने अपना रानी को मस्त ही नहीं किया पस्त भी कर दिया लेकिन मुझे ये मस्ती बार बार चाहिए लेकिन मेरा रोज़ रोज़ यहाँ आना मुश्किल है । तुमने बहुत ही ज़्यादा थका दिया है लेकिन मेरे पास एक रुपया भी नहीं है । पहले कुछ खिला पिला दो और फिर मुझे घर भी पहुँचा दो । 

हम दोनों ने कपड़े पहने । 

कालिया ——- मंजु रानी , सिर्फ़ आपको बहकाने के लिए नहीं , आपकी बूर में लौडा पेलने से पहले तीन साल से अपनी रंडी मॉं को ही चोद रहा हूँ । लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा है कि आपका यार आपको लेकर यहाँ क्यों आया । रानी कोई इतना प्यारा मुखड़ा देखे उस से पहले आप बुर्का पहन लो । 

मंजु बुर्का पहन ही रही थी कि एक दूसरा वेटर आया । मैं ने उसे देखा । यह दूसरा वेटर ३०-३२ साल का था , देखने में भी कालिया से बहुत ही ज़्यादा बढ़िया था लेकिन अब  मुझे किसी भी दूसरे मर्द में कोई इनटेरेस्ट नहीं था । मुझे अब कपिल , प्यारे या राजीव नहीं सिर्फ़ यही कालिया ही चाहिए था । 

नया वेटर —- मैडम आपका समय ख़त्म हो गया है ,,,,

मंजु ने बीच में ही टोका । 

“ दिख नहीं रहा, मैं रुम ख़ाली कर रही हूँ । कृष्णा भैया चलो , मुझे घर पहुँचा दो । ॰ 

वेटर ने कालिया से पूछा कि वो कस्टोमर के रुम में काम कर रही है तो मैंने जबाब दिया , 

“ मैं ने बोला ना ये कालिया मेरा भाई है । चलो भैया , घर पहुँचा दो । “ 

वेटर ने क्या समझा मालूम नहीं हम तीनों रुम से बाहर निकले । नये वेटर को नहीं दिखा  कि कालिया के साथ जो औरत है वह कितनी हसीन और खुबसूरत है । रिसेप्शन में आकर कालिया ने कहा कि वह अपनी बहन ( मंजु ) को जल्दी घर छोड़ कर आता है । मैनेजर ने परमिशन दे दिया और दोनों बाहर आए । 

होटल के कई कस्टोमर और दूसरे लोगों के साथ मैनेजर भी कालिया की मॉं को कई बार चोद चूका था । 

कालिया को एक बुर्के बाली के साथ बाहर निकलते देख एक पैडल रिक्सा बाला आ गया । मंजु ने बिना कुछ बोले अपने बैग से एक पर्चा निकाल कर कालिया को  दिया । राघव ने उस पर्चे पर मंजु के ससुर के ऑफिस का पता लिखा था । कालिया ने पर्चा पढ़ा और उसे फाड़कर फेंक दिया । दोनों रिक्शा पर बैठे । रबुर्का के अंदर से कालिया के लौडा को सहलाती हुई मंजु ने पुछा , 

“ तुमने ऐसा क्यों कहा कि मेरा आदमी मुझे इस होटल में लेकर क्यों आया ? “ 

कालिया कुछ बोलता उससे पहले रिक्शा बाले ने कहा , 

“ मैडम, आपकी आवाज़ बहुत ही मीठी है । आवाज़ से लगता है कि आप किसी बढिया घर की है और इस होटल में सिर्फ़ रंडिया ही आती हैं । आप ने अगर बुर्का नहीं पहना होता तो कोई ना कोई आपकी किमत देकर आपको चोद ही लेता ।” 

कालिया —- जुगनू क्या फ़ालतू बात कर रहा है । क्यों डरा रहा है मेरी बहन को ! 

रिक्शा बाला —।      मैडम , सिर्फ पेशेवर रंडिया ही नहीं बड़े बड़े , बढिया घर की औरतें भी इस होटल में चुदवाने आती है और बढिया कमाई करके जाती है । आपको कभी अगर रुपया की ज़रूरत हो तो यहॉं कभी भी आ जाना । बाहर चुदाई का जो मिलेगा उससे ज़्यादा ही यहाँ मिलेगा और आपने एक बार भी इस होटल के खाश प्रोग्राम में भाग ले लिया तो रातों रात आप लखपति बन जायेगी । 

कालिया को जुगनू की बात सुन शरम आ रही थी लेकिन मंजु को मज़ा आ रहा था । मंजु रिक्शा वाले की हिम्मत देख दंग थी । 

मंजु —- जब यहॉं एक रात में ही औरत लाखों कमा लेती हैं तो तुमने भी अपनी मॉं , बहन , बेटी से इस होटल में धंधा करबाया होगा । तु भी यहॉं की रंडियों को चोदता होगा ? 

मंजु और कालिया दोनों को लगा कि मंजु की बात से जुगनू बहुत नाराज़ होगा । लेकिन वो बिलकुल नाराज़ नहीं हुआ । 

रिक्शा वाला — मेरे घर चलकर देख लो मेरी मॉं इतनी दुबली पतली है कि कोई उस कुतिया को नंगा भी देखेगा तो उसका लौडा ढीला हो जायेगा । मेरी बहन और बेटी दोनों इस होटल में इसलिए नहीं आती कि उन्हें डर है कि वे नहीं भी चाहेंगी तो भी कभी ना कभी होटल के स्पेशल तमाशा में भाग लेना ही पड़ेगा । दोनों मेरी बहन और बेटी चुदवा कर कमाती है लेकिन यहॉं नहीं शहर के अंदर जो ‘शालिन ब्यूटी पार्लर’   है बहॉं काम करती है । मैडम आपको शायद ये लगता होगा कि मेरी इतनी बड़ी बेटी कैसे हो सकती है जो चुदवाने भी लगी है। मेरी  शादी बहुत जल्दी हो गई थी । पहले बेटी हुई और फिर बेटा । मेरी बेटी रुक्मा आपके ही उम्र की १८-१९ साल की होगी और बहन ३० साल की है । कुतिया की शादी कर दी थी लेकिन एक लौडा से उसका मन नहीं भरा । अब मालिश भी करती है और चुदाई भी । बहुत बढिया मालिश करती है एक बार जरुर करवाइयेगा । मेरी बहन चंपा को चोदने बाले कहते हैं कि साली चुदाई में भी बहुत मज़ा देती है । 

मंजु ने नहीं पूछा कि क्या लोभी अपनी बहन और बेटी को चोदता है । 

मंजु — इस होटल में क्या स्पेशल तमाशा होता है और वो पार्लर कहॉं है ? 

रिक्शा वाला —-   मैडम जिस तरीक़े से आप बात कर रही है उससे साफ़ लगता है कि आप को चुदाई बहुत पसंद है। लेकिन आपका ये भाई बहुत ही शरीफ़ है। न ये ख़ुद किसी को चोदेगा ना अपनी बहन को, आपको किसी से यहाँ चुदवायेगा। ये एक साल से यहाँ काम कर रहा है लेकिन अब तक इसने किसी भी माल को हाथ नहीं लगाया । जब कि सुबह से मैं तीन औरत को चोद चूका हूँ । 

मुझे यह जानकर ख़ुशी हुई कि कालिया ने मुझसे झूठ नहीं कहा । वो सिर्फ़ अपनी मॉं  को ही चोदता है । रिक्शा वाला मुझे अपना ओर अट्रैक्ट करने की पूरी कोशिश कर रहा था । 

रिक्शा वाला—— मैडम , बहुत से लोग ऐसे होते हैं कि उनके पास बहुत ही ज़्यादा धन दौलत है लेकिन उनके लौडा में कोई दम नहीं होता है। ख़ूबसूरत जवान औरत को , कच्ची उम्र की लड़की को ख़रीद तो लेते हैं लेकिन चोद नहीं पाते हैं । वैसी भूखी औरतों को हम जैसे मर्दों को ही चोद कर खुश करना पड़ता है । आपको विश्वास नहीं होगा लेकिन कई आदमियों ने अपनी ऑंखों के सामने अपनी घरवालियाों को मुझसे चुदवाया है । 

रिक्शा वाला की बात से मुझे रॉंची के होटल में अपने घरवाला के सामने दूसरों से चुदवाने की बात याद आ गई । मैं कुछ बोलती उससे पहले रिक्शा एक होटल के सामने रुकी । 

जुगनू        -  यार ( कालिया ) , पहले भी तुमसे गुज़ारिश की है , आज भी खुशामद कर रहा हूँ । वो मेरी आँखों के सामने दूसरों का लौडा चूसती है, चुदवाती है, गॉड भी मरवाती है । तुम्हें मालूम है कि वो मुझे पसंद भी करती है लेकिन जब तक तुम नहीं बोलोगे वो मस्त माल मुझे हाथ भी लगाने नहीं देगी । यार मुझे वो रंडी बहुत पसंद है । बदले में तुम मेरी घरवाली, बेटी और बहन को जितना चाहे चोदो । 

कालिया ने कोई जवाब नहीं दिया । वह मेरा हाथ पकड़ होटल रेस्टोरेन्ट के अंदर घुस गया । अंधेरा हो गया था । होटल क़रीब क़रीब भरा था । कालिया मुझे लेकर एक केबिन में ले गया । बाद में मुझे पता चला कि फ़ैमिली केबिन था । 

हम अग़ल बग़ल बैठे । मैं चेहरा से पर्दा हटाना चाहती थी लेकिन कालिया ने रोक दिया । वेटर ऑर्डर लेकर गया । थोड़े देर बाद वो आर्डर भी लेकर आया । उसके जाने के बाद कालिया ने मेरे चेहरा का पर्दा ख़ुद हटाया । 

कालिया —— रानी , तुम्हारी जैसी सुंदर औरतो को अपने घर से बाहर निकलना ही नहीं चाहिए । जैसे मैं ने चोद लिया वैसे ही जो भी तुम्हें देखेगा अपना लौडा तेरी बूर में पेले बिना नहीं रुकेगा । हमारे होटल के मालिक अगर तुम्हें देखेंगे तो किसी भी क़ीमत पर तुम्हारे घर वालों से ख़रीद लेंगें । वो जुगनू मेरी माँ  को चोदने की बात कर रहा था । मैं मॉं को बोल दूँ कि उससे चुदवा ले ? 

मैं —— अगर तुम्हारी माँ भी जुगनू से चुदवाना चाहती है तो फिर तुम क्यों बीच में आते हो ? दोनो को मज़ा लेने दो जैसे हम दोनों ने लिया और तुम भी उसक बहन और बेटी को चोदो । 

कालिया —— तुमने कह दिया है तो आज ही दोनों को चोदने की छूट दे दूँगा । 

मैं —— उतना ही नहीं , जब जुगनू दूसरों को चोद सकता है तो तुम हर औरत को उससे ज़्यादा खुश कर सकते हो । फिर तुम क्यों नहीं चोदते । बढिया माल के साथ कमाई भी होगी । 

मेरी बात सुन उसने बहुत ही पते की बात की । 

कालिया—— रानी , मेरी क़िस्मत बहुत ही बढ़िया है कि तुमने अपनी बूर में मुझे लौडा पेलने से नहीं रोका और अब तुम मेरी चुदाई से इतनी खुश भी हो । लेकिन शायद ही कोई दूसरा ऐसा करें । मेरा रंग देखकर ही ज़्यादा तर औरतें मुझसे दूर भागती है , उपर से सिर्फ़ देखकर शायद ही किसी को मेरा लौडा पसंद आये । जुगनू का लौडा बढ़िया लंबा भी है और मोटा भी । हर रोज़ होटल में आई हुई ३-४ माल को चोदता है। रंडी की कीमत देता कोई और है और मस्ती जुगनू जैसे लोग मारते हैं और औरत खुश होकर बहुत इनाम भी देती है । । जुगनु जैसे बढ़िया चुदाई करने बाले १०-१२ और मर्द को होटल वालों ने रखा है जो चुदाई का मज़ा लेने बाली औरतों को खुश करता है। जैसा उसने कहा बहुत सी बढ़िया घर परिवार की औरतें चुदाई की मस्ती के साथ कमाने भी आती है । वैसी औरतों को क़ीमत तो कोई और देता है लेकिन चुराई सिर्फ़ वही आदमी नहीं जुगनू जैसे मर्द भी करते हैं । वैसी औरतें हर वार ३-४ आदमियों से चुदवा कर जाती है । 

मैं सारी बात समझा गई । लेकिन एक बात जानना बाक़ी था । 

मैं —- और सब समझ गई लेकिन तुमने अपने होटल में होने बाला तमाशा के बारे में नहीं बताया ? 

कालिया —- वो जब ख़ुद देखोगी तभी समझोगी । लेकिन वो तमाशा देखने के लिए तुम्हें पुरे समय , ७-८ घंटा नंगा ही रहना पड़ेगा । ख़ुद नहीं चाहोगी तो कोई तुम्हें हाथ भी नहीं लगायेगा । लेकिन एक ही हॉल में सैकड़ों ज़ोडों को चुदाई करते देख तुम ख़ुद ही अपने को नहीं सँभाल पाओगी । मेरे एक  लौडा के बदले हो सकता है कि पूरी रात में १५-२० लौडो से चुदवा लो । और जिस पार्लर की बात जुगनू कर रहा था , तुम जहां जा रही है उससे कुछ दूरी पर एक अजन्ता होटल है , उसी के बग़ल में पार्लर है । मैं वहाँ कभी गया नहीं लेकिन सुना है कि वहाँ काम करने बाली औरतें वंदन की मालिश बहुत बढिया करती है ।जुगनू की बेटी और बहन भी वहीं काम करती है । बदन की मालिश करवाना हो तो चले जाना । 

मुझे विश्वास था कि बदन मालिश करने के लिए प्यारे से बढिया और कोई नहीं हो सकता है । लेकिन इस कालिया के साथ की चुदाई ने मुझे मस्त कर दिया था । 

मेरे पास बोलने के लिए कुछ नहीं था । हम खा पीकर बाहर निकले । 

क़रीब आधा घंटा बाद मुझे ससुर के ऑफिस के पास उतार कर कालिया वापस होटल चला गया ।

मैं जब ससुर के ऑफिस में घुसी तो ७ से ज़्यादा हो गया था । मुझे देखते ही वो खड़ा हो गया और ऑफिस में बैठे दो आदमियों को बाहर भेज दिया । उनके जाने के बाद , 

बाबूजी — मेरी प्यारी बहु रानी,  तुमने कहा था कि सिर्फ़ एक ही यार होगा लेकिन तुम्हारा चेहरा देखकर लग रहा है कि ४-५ मर्दों ने मेरी प्यारी बहु को चोद चोद कर मस्त कर दिया है । 

मेरा ससुर भी मेरी ही तरह खुल कर चुदाई की बात कर रहा था । मैं ने थोड़ा झूठ बोला । 

मैं —- चोदने वाला एक ही था । पहला राउंड तो उसने आपके बेटा जैसा ही खुब प्यार से २०-२२ मिनट ही चोदा । लेकिन मालूम नहीं मादरचोद क्या ख़ाक आया चा , दूसरे राउंड में जब बूर में लौडा पेला तो बाबू जी हरामी ने पहले बूर में एक घंटा पेला और चुदाई करते करते साले ने गॉंड भी मार ली । पहली बार ही गॉंड मरवाया . बहुत मज़ा आया ।उसने लगातार २ घंटा से ज़्यादा चोदा और गॉंड मारी । आपके बेटे ने सब मिला कर जितनी देर मुझे चोदा होगा उस हरामी ने एक दिन में ही उतना देर पेल दिया । और आप विश्वास नहीं करेंगे , मेरे यार का लौडा मुश्किल से चार इंच लंबा ही होगा लेकिन चोद कर मस्त कर दिया उसने  । आप कितने देर पेलते  हो ? 

बाबूजी—- मुझे गर्म करने के लिए ये सब बोल रही हो ना  । मैं वैसे ही तुमको , अपनी बहु को  चोदने के लिए हमेशा तैयार हूँ । 

एक बात तो मैं समझ गई कि जिस तरह मेरे पति देव को मेरा दूसरे से चुदवाना पसंद है वैसे ही मेरा ससुर भी मेरा दूसरे के साथ चुदवाने से बिलकुल ही नाराज़ नहीं है । फिर भी मैं ने पुछा , 

“ बाबू जी , मैं झूठ नहीं बोल रही । आपको अगर विश्वास नहीं तो आप जब भी बोलिए , जहां भी बोलिए मैं आपके सामने उस से,  अपने यार से चुदवा कर दिखा दूँगी कि वो कितना देर चोदता है ! लेकिन यह बोलिए कि आप को ग़ुस्सा नहीं आ रहा है की आपकी बहु किसी और से चुदवा कर आई है , दुबारा चुदवाने की बात कर रही है आपके ग़ुस्सा नहीं आ रहा है ? “ 

बाबूजी मुस्कुराते रहे । 

बाबूजी— आज तुम्हें वो बात बताता हूँ जो तुम्हें मालूम नहीं है । तीन महिना पहले मैंने तुम्हें अपने बाबा ( पिता जी ) के साथ बाज़ार में देखा था । और तुम्हें देखते ही मेरा लौडा फरफराने लगा था । तुम्हारी चुत में घुसने के लिए बेताब होने लगा । मैं तुम्हें ज़िंदगी भर चोद सकुं, तुम्हारे पेट से अपना बच्चा पैदा कर सकुं इसलिए विनोद की शादी तुमसे करवा दिया । इतना ही नहीं तुमको पहली बार देखकर ही समझ गया था कि तुम बहुत ही ज़्यादा चुदासी औरत हो । कितना भी बढिया मर्द हो तुम उसके ही साथ टीक कर नहीं रह सकती । आज भी तुम जिसके साथ उतनी लंबी चुदाई करबा कर आई हो , उस के साथ भी कुछ दिन चुदवाकर ही तुम्हें दूसरे मर्द की ज़रूरत महसूस लगने लगेगी । इसलिए तुम जिस किसी के भी साथ , घर में या घर के बाहर चुदवाना चाहो चुदवाओ, गॉंड  मरवाओ लेकिन आज रात मेरा लौडा अपनी बहु की बूर में रहेगा । तुमने सुबह कहा , मैं ने बहुत सोचा । अपने बेटे को ही खुशामद करुंगा कि वह मुंडे तुम्हारी चूदाई करने दे। मैं ९ बजे यहाँ से निकलूँगा , तब तक मेरी एक बहुत ही बढ़िया दोस्त ज्योति से मिल लो । 

बाबूजी मुझे लेकर हॉंल में आये । ऑफिस में जितने ३०-३२ आदमी थे , सभी को हॉल में बुलवाया और सबसे कहा 

“ यह मंजु है मेरे बेटे विनोद की पत्नी और अभी से हमारे साथ यह भी हमारे कंपनी की पार्टनर है । “ 

मैं ने सबको प्रणाम किया । सभी के उपर नज़र दौड़ाई । ग्रूप में ७ औरतें थी । मर्दों में ५ ऐसे मर्द थे जो मुझे दिखाकर पैंट के उपर से लौडा सहला रहे थे । एक दूसरे मर्द ने ज़ोर से कहा , 

“ साहब मंजु जी यहाँ आयेंगी तो हम में से कोई कुछ भी काम नहीं कर लायेगा । सभी इनके खुबसूरत चेहरे और सुडौल शरीर को ही देखते रहेंगे । “ 

मैं—-   आप सब भी बहुत खुबसूरत और सुंदर है । आप सब मुझे पसंद आये । रोज़ आउंगी तभी तो हमारी दोस्ती होगी । फिर मुझे आप सबसे काम भी सिखना है । 

बाबूजी ने एक औरत ज्योति से कुछ कहा और मुझे उसके साथ जाने के लिए कहा । मैं ने बुर्का पहना ही था सिर्फ़ चेहरा का कवर हटा दिया था । एक किलोमीटर ही चले होंगे कि मुझे “ शालिन ब्यूटी पार्लर “ का वोर्ड नज़र आया । 

वो औरत, ज्योति मुझे  अंदर ले गई । चार कुर्सियों थी और चारो पर एक एक औरत बैठी थी और चार जवान लड़कियों उनका काम कर रही थी । ज्योति ने सबसे कहा कि मैं मालिक की बहु हूँ और अब से इस पार्लर की मालकिन मैं ही हूँ । बाबूजी ने मुझसे यह बात नहीं कही थी । 

सबने मुझे नमस्ते, प्रणाम किया । सबके गाल थपथपाती हुइ ज्योति के साथ एक दूसरे कमरे में गई । यह वहाँ का पार्लर का मेन ऑफिस था । एक बड़ी सी मेज़ के एक तरफ़ एक आकर्षक डील- डौल की औरत बैठी थी । उसकी उम् ४० के आस पास की होगी । 

ज्योति —- कल्पना मैडम , हम सब की नई मालकिन मंजु जी , साहब की बहु से मिलिए । 

कल्पना हाथ जोड़ते हुए खड़ी हो गई । 

कल्पना— आप सच की औरत हैं या कोई जापानी गुडिया है । कितनी सुंदर है आप । बस मंजु मैडम देखते रहिए , अब हमारी कमाई कितनी बढ़ जायेगी । सिर्फ़ आपका प्यारा मुखड़ा देखने के लिए ही लोग यहॉं लाईन लगा देंगे । ज्योति तुम जाओ, मालकिन को मैं सब समझा देती हूँ । 

ज्योति चली गई । कल्पना ने मुझे पार्लर के बारे में सब कुछ बताया । दो बातों पर मेरा ध्यान गय। पहला कि सारे शहर को यही मालूम था कि पार्लर की असल मालकिन कल्पना है विजेंद्र बाबू नहीं। कल्पना ने अपनी चुदाई की शुरुआत मेरे ससुर के साथ ही की थी और अब भी दोनों एक दूसरे को बहुत प्यार करते हैं । दूसरा कि ब्यूटी पार्लर का वोर्ड लोगों को दिखाने के लिए है असल में यह एक मालिश करने कराने और चुदाई का अड्डा है । वहाँ ६ केबिन थे जिसमें या तो मालिश होती थी या फिर चुदाई चलती थी । 

कल्पना ने बताया कि उस समय भी २ केविन में औरतें औरत से ही नंगी मालिश करवा रही थी और दूसरे दो केविन में दो औरतें चुदवा रही थी । हमारे आने के २ मिनट पहले ही २ दूसरी औरतें पार्लर के २ काम करनेवाले मर्दों से पूरे बदन की नंगी मालिश करबा कर गई थी । 

कल्पना— उन दोनों औरतों को बहुत समझाया लेकिन वे चुदवाने को तैयार नहीं हुई । 

मैं —-  कल्पना दीदी , इसकी मतलब साफ़ है कि आपके मर्द औरतों को गर्म नहीं कर सकते हैं । 

कल्पना— ठीक बोल रही है आप । बहुत मर्दों को ट्राई किया लेकिन १५-२० मिनट की मालिश के बाद ही मादरचोद बूर में लौडा पेल देता हो जो ज़्यादातर औरतें को पसंद नहीं है । अधिकतर औरतें एक घंटा के मालिश के दौरान ४०-४५ मिनट की बहुत बढिया मालिश चाहती है , ऐसा मालिश की वो खुद लौडा को पकड़ कर चूसे , बूर में घुसाने के लिए खुशामद करे । अप्सरा होटल में कई ऐसे मर्द है लेकिन हम उन्हें उतना नहीं दे सकते जितना वहॉं मिलता है । मंजु , अप्सरा होटल में रोज़ २५-३० औरतें मस्ती मारने आती है और शनीवार और रविवार को १०० से ज़्यादा औरतें वहॉं चुदवाने जाती है । हमारे यहॉं कभी एक दिन में २० सेजायादा औरत नहीं आई । 

मैं —और उतनी औरतों को कौन चोदता है ? 

तभी दो औरतें अपने अपने कपड़े ठीक करते हुए निकली । उन औरतों ने घबराते हुए मेरी ओर देखा । 

कल्पना— डरिये मत , ये हमारी बॉस है । मेरे आदमियों ने आपको खुश किया कि नहीं ?

एक औरत— दोनों ठीक है लेकिन कोई खाश बात नहीं था । 

दोनों औरतें के जाने के बाद कल्पना ने बताया कि दोनों सीनियर सरकारी अधिकारी की घरवाली है । महिना में दो बार तो आती ही है । हम बात कर रहे थे और वही दोनों आदमी आये जिनसे चुदवाकर दोनों गई थी । 

दोनों का वॉडी जरुर बढिया था लेकिन मुझे भी दोनों में से कोई पसंद नहीं आया । कल्पना ने उन्हें उस दिन का फ़ीस दिया और वो चले गये । 

कल्पना—- हमारे  आदियों को हर एक औरत को चोदने का ५००/- मिलता है । आज दोनों ने तीन तीन रंडियों को चोदा । 

अब आफ़िस में हम दोनों ही थे । कल्पना ने मेरे सामने तीन बड़ा साईज़ का एल्बम रखा । 

कल्पना— इस एल्बम में सब मिलाकर २०० से ज़्यादा रंडियों के फ़ोटो है जो यहॉं आकर हमारे मर्दों से , अनजान मर्दों से चुदवाती है । 

मैं पन्ने पलट रही थी और कल्पना वहॉं का रेट बता रही थी । 

Wah suparb story. bahut dino bad yah site pe esi story padhne ko Mili. bas ek suzav he. bahut hi jyada carector ab tak hochuke he ab jyada mat badhana nhi to un carector ko insaf na milehga. dusra. puri story pyar se ja rhi he. sb Ek dushre se chudne chudvane ko taiyar he. to story monotonas hoti jayegi Vinod ne sikhay tha esa thoda na nukr thodi jabrdasti Thoda dra ke blackmail aur thoda dominetion add kro to bahut hi mja aayega. khs krke wo rajiv jo vinod ko job dene vala he. ( bhla Vinod ke bapki etni badi company he 25-30 aadmi kam krte he use Job krne ki kya jarurt) To aaje uplod me esa dikhana ki vinod ka bap us rajiv se partnarship krna chata he. us rajiv ki khanime uska naukar jab uski bibi aur beti ko rajiv ke samne ek sath chodega tab vah rajiv aur us ke bete ko khb dominent kre uske lando ko dorise bandhvade us se apna lund chusvaye aur sb se badi bat uski bibi aur beti kobhi berhemise thappd lat markr galiya de ke chode,
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#34
(24-09-2022, 06:11 PM)Bhikhumumbai Wrote: Wah suparb story. bahut dino bad yah site pe esi story padhne ko Mili. bas ek suzav he. bahut hi jyada carector ab tak hochuke he ab jyada mat badhana nhi to un carector ko insaf na milehga. dusra. puri story pyar se ja rhi he. sb Ek dushre se chudne chudvane ko taiyar he. to story monotonas hoti jayegi Vinod ne sikhay tha esa thoda na nukr thodi jabrdasti Thoda dra ke blackmail aur thoda dominetion add kro to bahut hi mja aayega. khs krke wo rajiv jo vinod ko job dene vala he. ( bhla Vinod ke bapki etni badi company he 25-30 aadmi kam krte he use Job krne ki kya jarurt) To aaje uplod me esa dikhana ki vinod ka bap us rajiv se partnarship krna chata he. us rajiv ki khanime uska naukar jab uski bibi aur beti ko rajiv ke samne ek sath chodega tab vah rajiv aur us ke bete ko khb dominent kre uske lando ko dorise bandhvade us se apna lund chusvaye aur sb se badi bat uski bibi aur beti kobhi berhemise thappd lat markr galiya de ke chode,

Dhanyawaad. Thoda sabra karo . Kuchh aur update pyar se chalenge . Abhi Manu hotel se baahar aa gaee hai lekin juldi hotel wala Kapil phir Manju se milega aur wo apna dominating pyar milega. 

Padhte raho , comment karte raho
‘LIVE LIFE CHAMPA STYLE
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#35
मैं मंजु , आगे की कहानी लेकर हाज़िर हूँ । 

आपने पढ़ा कि रॉंची में दो दिन ही होटल में रही और १० लोगों से मस्ती से चुदवाया । रात में ट्रेन में मुझसे दुगुनी उम्र के आदमी राघव ने चोदा। वो जब दूसरी बार पेल रहा था तब उसकी घरवाली किरण ने देखा लेकिन वो चुप रही । राघव ने अगले दिन मुझे एक होटल में बुलाया । मैं ने हॉं कर दी । वापस घर आई तो ससुर ने अपना नंगा बदन, अपना मस्त लौडा दिखाकर साफ़ साफ़ कहा कि जैसे भी हो रात में मुझे उससे चुदवाना ही है। मैं ने उसे चैलेंज दिया कि वो अपना बहु को बेटा के सामने ही चोदे । मैं ने उससे यह नहीं कहा कि उस के बेटे को मुझे दूसरों से चुदवाने देखने में अपना चुदाई से ज़्यादा मज़ा आता है । मैंने ससुर से ही कहा कि वो मुझे २ बजे होटल अप्सरा पहुँचा दे । उसने जब पूछा कि क्या मैं अपने यार से चुदवाने जा रही हूँ तो मैं ने हॉ  कर दिया । ससुर ने मुझे समय पर होटल पहुँचाया । राघव ने एक बार ही मुझे चोदा । वो चला गया लेकिन मैं कमरे में ही रह गई । 

राघव ने चाय नाश्ता का आर्डर दिया था वो लेकर जो वेटर रुम में आया था वह बिलकुल काला कलूटा था । चाय नाश्ता रखकर, बिना मुझ से कुछ बात किए  वो रुम से बाहर चला गया लेकिन क़रीब २० मिनट बाद फिर रुम में आया ।कमरे में घुसा और दरवाज़ा को अंदर से बोल्ट कर दिया । इतने लोगों से चुदवा चुकी थी कि दिल में डर नाम का कुछ भी नहीं था । वो ये बोलते हुए आगे बढ़ा कि जो भी मुझे यहाँ लेकर आया है वो मुझे असंतुष्ट छोड़ कर गया है । उसने कहा कि मैं बहुत ही प्यासी हूँ । राघव ने बढिया चोदा था लेकिन यह वेटर ठीक ही कह रहा था कि मुझे और भी चुदाई की ज़रूरत थी । मैं नंगी थी ही , वो भी मेरे तरफ़ आते आते नंगा हो गया । उसका बदन बहुत ही गठीला था , चेहरे पर मासूमियत थी , लौडा लोहा के रॉड जैसा टाईट था , अब तक मैं ने जितना लौडा खाया था यह लौडा उस सबसे मोटा था । मैं विश्वास के साथ नहीं कह सकती थी कि मेरे ससुर का लौडा ज़्यादा मोटा था या इस आदमी का । फिर भी मुझे लौडा बिलकुल पसंद नहीं आया । 

मेरे पास आकर मेरी चूत मसलकर बोला , 

“ आपकी ये चूत सबसे प्यारी है “ 

मैंने लौडा पकड़ कर कहा , 

“ और तुम दुनिया के सबसे बदसूरत आदमी ही नहीं एक नंबर के मादरचोद हो , सुबह शाम अपनी मॉं को चोदते हो , उसकी गॉंड मारते हो । चोदने आये हो तो पुरा लौडा लेकर आते , आधा लौडा अपनी मॉं के बूर में छोड़कर आये हो , मैं ऐसे आधा लौडा से नहीं खुदवाती । 

रुम में मैं अकेली वो भी नंगी । और रुम में था एक नंगा आदमी , चुदाई तो होनी ही थी । मैं बेड के पास  ही खड़ी थी । उसे अपने आप पर या लौडा पर बहुत भरोसा शा । उसने मुझे अपनी बाँहों पर उठाया और वॉंहो पर लिटा कर रुम में घुमाने लगा । उसका एक हाथ मेरी पीठ के नीचे था और दूसरा हाथ उसे दोनों चुत्तर के बीज घुसा कर बूर के ज़ोरों से दवा रखा था । वो मुझे इतनी आसानी से रुम में घुमा रहा था मानो मेरी कोई वजन हो ही नहीं । 

वेटर ——खुबसूरत परी , पहले इस आधे लौडा का कमाल देख लो अगर पसंद नहीं आया तो अपनी मॉं के बूर से बाक़ी लौडा निकाल कर आइंदा और आपको खुश करुंगॉं !  मेरा नाम कृष्णा है लेकिन जब से होश सँभाला है अपने को मैं कालिया के नाम से ही जानता हूँ । मेरे मॉं और बाबूजी इसी होटल में काम करते थे । बाबू जी यहॉं के गार्ड से और मॉं यहॉं आने बाले , रहने बाले लोगों की सेवा करती थी । सीधा बोलू  तो रंडी थी । यहॉं रहने बालों लोगों के साथ चुदाई कर रुपया कमाती थी । तीन साल पहले बाबू जी का साँप काटने से देहांत हो गया । मॉं के ही कारण मुझे यहॉं नौकरी मिल गई । तुमने गाली देकर कहा या या मज़ाक़ में कहा था , मैं ने अब तक सिर्फ़ अपनी मॉं के ही बूर में लौडा पेला है । तीन साल पहले जिस दिन मैं ने पहला दिन नौकरी किया उसी रात मॉं को पहली बार चोदा था । अब तीन साल से मैं मॉं को ही चोद रहा हूँ। वो औरत ३६-३७ साल की है लेकिन उस कुतिया की डिमांड इस होटल में बहुत है। होटल में रोज़ २-३ ग्राहक को खुश करती है और और घर में मुझे ऐसा मस्ती देती है कि किसी भी दूसरा माल की तरफ़ देखने का जी ही नहीं करता है । लेकिन तुम्हारे इस प्यारा मुखड़ा ने मुझे मुफ़्त का गुलाम बना दिया । 

कालिया बोलता रहा , 

आज मॉं के अलावा के पहली बार किसी दूसरी औरत को वो भी दुनिया की सबसे प्यारी चूत बाली सबसे खुबसूरत औरत के नंगे बदन को छुआ है । अब मेरी मॉं रुम रुम जा कर नहीं चुदवाती बहुत ही खाश खाश लोगों को खुश  करती है । इस होटल का मालिक ही मेरी मॉं केतकी को बहुत खाश खाश लोगों के पास भेजता है । मेरी केतकी मर्दों को चुदाई  का , औरत का ऐसा मज़ा देती है जो कोई और नहीं दे सकती । यहाँ की सबसे मंगही रंडी है । तुम तो अभी बच्ची हो  । तुम्हारा बदन देखकर लगता है  तुमने बहुत ही कम चुदवाया है लेकिन मेरी मॉं शादी के पहले से धंधा करती है और अब तक १० -१२ हज़ार लोगों से चुदवाया ही होगा लेकिन आज भी उस औरत के चोदने के लिए लोग पागल है और मैं उस रंडी को चोद कर पागल रहता  हूँ । 

इस रुम में आया तो तुम जिस तरह चादर ओढ़ कर सोईं थी,  साफ़ लग रहा था कि तुम बिलकुल नंगी हो और मेरा लौडा तुम्हें चोदने के लिए पागल हो गया । अपनी मॉं के बाद पहली औरत हो  जिसे मैं ने छुआ है । मेरी गंदी  सूरत देख कोई लड़की मेरी ओर देखती भी नहीं । 

मैं—— सूरत को छोड़ो , औरतो को सूरत नहीं बढिया लौडा चाहिए । तेरी रंडी  मॉं सिर्फ़ अपने बेटे को खुश रखने के लिए ही तुमसे चुदवाती होगी । तुम्हारा लौडा ४ इंच का ही होगा शायद , कौन चुदवायेंगी ऐसे छोटे लौडा से ?

मेरी बात ख़त्म हुई । कालिया ने मुझे बेड पर लिटाया । बिना कुछ बोले मेरे उपर आया । अपने एक हाथ से पकड़ लौडा को बूर के छेद से सटाया और एक ऐसा जवरदस्त धक्का मारा कि मेरा पूरा बदन चरमरा गया । 

“ मादरचोद , ये तेरी कुतिया मॉं का ढीला भोंसरा नहीं है १८ सास की १०-१२ बार ही चूदी हुई मंजु का बूर है धीरे पेल यार । आह कालिया मज़ा आ गया । “ 

और उसके बाद तो मैं मदहोश हो गई । बाक़ी सब कुछ भूल गई,  याद रहा सिर्फ़ ज़ोरदार धक्का  और ऐसी तेज चुदाई जैसे किसी ने , ना प्यारे ने, ना अफ़ज़ल ने ना ही राजीव ने की थी ।  अपना पूरा होशो  हवास खो बैठी थी । वो जीतनी देर चोदता रहा  मैं सिर्फ़ सिसकारी ही मारती रही । कभी उसे अपनी बाँहों और जाँघों से बांधने की कोशिश करती तो कभी उसे पागलों जैसा चूमती । 

उसने कितना देर चोदा मालूम नहीं । मैं झड़ गई, पस्त पस्त हो गई । उसके कुछ देर बाद कालिया भी मेरे बदन पर सुस्त हो गया । उसके लौडा ने मेरी बुर को अपने रस से दभर दिया । राघव ने जो मुझे प्यासा छोड़ा था इस ४ इंच के लौडा ने मुझे भरपेट पिला दिया , मुझे बिलकुल ठंडा कर दिया । हमदोनो एक दूसरे से चिपक कर लम्बी लम्बी सॉसे लेने लगे । मुझे होश तब आया जब मादरचोद मेरी बूर को चुसने चाटने लगा । मैं नहीं नहीं करती रही लेकिन वो कुत्ता रुका नही । 

मुझे उल्टा किया । मेरी कमर के नीचे २ मोटा तकिया लगाया । बहुत होगा तो १५-१६ मिनट ही बूर चुसा चाटा होगा । मेरे उपर आया । 

“ रानी , बहुत ही मस्त खुबसूरत चुत्तर और गॉंड का छोटा सा गुलाबी छेदा बहुत प्यारा है । अपनी कुतिया ( मॉं ) से बहुत बार कहा कि गॉंव में लौडा पेलने दें लेकिन हमेशा बोलती है उसकी गॉंड के  छेदा को एक खाश तरह का ही लौडा पसंद है । 

मैं — कैसा , कौन खाश तरह का लौडा ? 

उसने मेरी कान में जबाब दिया । उसी जबाब सुन मैं अवाक रह गई और उस ४ इंच का  लौडा बहुत ही तेज़ी से गॉंड में घुसा । 

“ हरामी , मादरचोद तुमने गॉंड फाड़ दी । “ 

मैं चिल्लाई लेकिन कुत्ता रुका नहीं। चूचियों को मसलते हुए गॉंड में भी राजधानी एक्सप्रेस चलाता रहा । गॉंड की दीवारों से रगड़ खाती हुआ वो चार इंच के लौडा ने राजीव और प्यारे के गॉंड मारने के मस्ती को भुला दिया । पहले जैसे जतीन ने कहा था मैंने सोचा था कि शुक्रवार की रात फिर राँची जाउंगी और जतीन के मालिक के साथ चुदवाना ही होगा प्यारे और कपिल के साथ भी मस्ती लुंगी । लेकिन इस कालिया के लौडा ने सब भुला दिया । मैं कुछ दिन लगातार कालिया और उसकी मॉं के साथ रहकर चुदाई के मज़े के साथ मर्दों को खुंश करने का तरीक़ा भी सीखना चाहती घी । 

कालिया ने चुदाई का मज़ा दिया ही था गॉंड मरवाने ने भी ऐसा मज़ा पहले नहीं आया था । मैं मस्ती लेती रही । 

जब फ़ोन की घंटी बजी । 

मै ने लेटे हुए ही फ़ोन का रिसीवर लिया । रिसेप्शन से फ़ोन था । लड़की ने कहा कि हमारा चार घंटा समय ख़त्म हो रहा है मुझे जल्दी रुम ख़ाली करना होगा । रिसीवर रख मैंने कालिया की ऑंखों में कुछ देर देखा और फिर खुब ज़ोर  से हंसी । 

“ रानी , इससे ज़्यादा प्यारी हँसी और हो ही नहीं सकती । “ 

मैं -      कालिया , आज जो तुमने मुझे चोदा, गॉंड मारी , मुझे खुश किया वो मैं कभी नहीं भूल सकती । तुम्हारा लौडा देखकर मुझे लगा था कि तुम बस मेरी खुबसूरती  और कमसीन ज़बानी देखकर मुझ पर पागल हो रहे हो लेकिन तुमने ७-८ इंच लम्बे और मोटे लौडा से जितना मैं ने कभी सोचा भी नहीं था उससे कहीं बढ़िया चोदा ।  मैं गॉंड में भी २ लंबा और मोटा लौडा ले चुकी हूँ लेकिन किसी ने तुम्हारे जैसा खुश नहीं किया । तेरा मोटा लौडा देखकर मैं डर गई थी लेकिन राजा तुमने अपना रानी को मस्त ही नहीं किया पस्त भी कर दिया लेकिन मुझे ये मस्ती बार बार चाहिए लेकिन मेरा रोज़ रोज़ यहाँ आना मुश्किल है । तुमने बहुत ही ज़्यादा थका दिया है लेकिन मेरे पास एक रुपया भी नहीं है । पहले कुछ खिला पिला दो और फिर मुझे घर भी पहुँचा दो । 

हम दोनों ने कपड़े पहने । 

कालिया ——- मंजु रानी , सिर्फ़ आपको बहकाने के लिए नहीं , आपकी बूर में लौडा पेलने से पहले तीन साल से अपनी रंडी मॉं को ही चोद रहा हूँ । लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा है कि आपका यार आपको लेकर यहाँ क्यों आया । रानी कोई इतना प्यारा मुखड़ा देखे उस से पहले आप बुर्का पहन लो । 

मंजु बुर्का पहन ही रही थी कि एक दूसरा वेटर आया । मैं ने उसे देखा । यह दूसरा वेटर ३०-३२ साल का था , देखने में भी कालिया से बहुत ही ज़्यादा बढ़िया था लेकिन अब  मुझे किसी भी दूसरे मर्द में कोई इनटेरेस्ट नहीं था । मुझे अब कपिल , प्यारे या राजीव नहीं सिर्फ़ यही कालिया ही चाहिए था । 

नया वेटर —- मैडम आपका समय ख़त्म हो गया है ,,,,

मंजु ने बीच में ही टोका । 

“ दिख नहीं रहा, मैं रुम ख़ाली कर रही हूँ । कृष्णा भैया चलो , मुझे घर पहुँचा दो । ॰ 

वेटर ने कालिया से पूछा कि वो कस्टोमर के रुम में काम कर रही है तो मैंने जबाब दिया , 

“ मैं ने बोला ना ये कालिया मेरा भाई है । चलो भैया , घर पहुँचा दो । “ 

वेटर ने क्या समझा मालूम नहीं हम तीनों रुम से बाहर निकले । नये वेटर को नहीं दिखा  कि कालिया के साथ जो औरत है वह कितनी हसीन और खुबसूरत है । रिसेप्शन में आकर कालिया ने कहा कि वह अपनी बहन ( मंजु ) को जल्दी घर छोड़ कर आता है । मैनेजर ने परमिशन दे दिया और दोनों बाहर आए । 

होटल के कई कस्टोमर और दूसरे लोगों के साथ मैनेजर भी कालिया की मॉं को कई बार चोद चूका था । 

कालिया को एक बुर्के बाली के साथ बाहर निकलते देख एक पैडल रिक्सा बाला आ गया । मंजु ने बिना कुछ बोले अपने बैग से एक पर्चा निकाल कर कालिया को  दिया । राघव ने उस पर्चे पर मंजु के ससुर के ऑफिस का पता लिखा था । कालिया ने पर्चा पढ़ा और उसे फाड़कर फेंक दिया । दोनों रिक्शा पर बैठे । कालिया ने रिक्सा बाले से कहीं चलने के लिए कहा । बुर्का के अंदर से कालिया के लौडा को सहलाती हुई मंजु ने पुछा , 

“ तुमने ऐसा क्यों कहा कि मेरा आदमी मुझे इस होटल में लेकर क्यों आया ? “ 

कालिया कुछ बोलता उससे पहले रिक्शा बाले ने कहा , 

“ मैडम, आपकी आवाज़ बहुत ही मीठी है । आवाज़ से लगता है कि आप किसी बढिया घर की है और इस होटल में सिर्फ़ रंडिया ही आती हैं । आप ने अगर बुर्का नहीं पहना होता तो कोई ना कोई आपकी किमत देकर आपको चोद ही लेता ।” 

कालिया —- जुगनू क्या फ़ालतू बात कर रहा है । क्यों डरा रहा है मेरी बहन को ! 

रिक्शा बाला —      मैडम , सिर्फ पेशेवर रंडिया ही नहीं बड़े बड़े , बढिया घर की औरतें भी इस होटल में चुदवाने आती है और नये नये लंड का मज़ा लेने के अलावा बढिया कमाई करके भी जाती है । बेकार से बेकार औरतों को भी एक घंटा ग्राहक के साथ रहने का तीन हज़ार मिलता ही  है । आपको भी कभी अगर रुपया की ज़रूरत हो तो यहॉं कभी भी आ जाना । बाहर चुदाई का जो मिलेगा उससे ज़्यादा ही यहाँ मिलेगा और आपने एक बार भी इस होटल के खाश प्रोग्राम में भाग ले लिया तो रातों रात आप लखपति बन जायेगी । 

कालिया को जुगनू की बात सुन शरम आ रही थी लेकिन मंजु को मज़ा आ रहा था । मंजु रिक्शा वाले की हिम्मत देख दंग थी । 

मंजु —- जब यहॉं एक रात में ही औरत लाखों कमा लेती हैं तो तुमने भी अपनी मॉं , बहन , बेटी से इस होटल में धंधा करबाया होगा । तु भी यहॉं की रंडियों को चोदता होगा ? 

मंजु और कालिया दोनों को लगा कि मंजु की बात से जुगनू बहुत नाराज़ होगा । लेकिन वो बिलकुल नाराज़ नहीं हुआ । 

रिक्शा वाला — मेरे घर चलकर देख लो मेरी मॉं इतनी दुबली पतली है कि कोई उस कुतिया को नंगा भी देखेगा तो उसका लौडा ढीला हो जायेगा । मेरी बहन और बेटी दोनों इस होटल में इसलिए नहीं आती कि उन्हें डर है कि वे नहीं भी चाहेंगी तो भी कभी ना कभी होटल के स्पेशल तमाशा में भाग लेना ही पड़ेगा । दोनों मेरी बहन और बेटी चुदवा कर कमाती है लेकिन यहॉं नहीं शहर के अंदर जो ‘शालिन ब्यूटी पार्लर’   है बहॉं काम करती है । मैडम आपको शायद ये लगता होगा कि मेरी इतनी बड़ी बेटी कैसे हो सकती है जो चुदवाने भी लगी है। मेरी  शादी बहुत जल्दी हो गई थी । पहले बेटी हुई और फिर बेटा । मेरी बेटी रुक्मा आपके ही उम्र की १८-१९ साल की होगी और बहन ३० साल की है । कुतिया की शादी कर दी थी लेकिन एक लौडा से उसका मन नहीं भरा । अब मालिश भी करती है और चुदाई भी । बहुत बढिया मालिश करती है एक बार जरुर करवाइयेगा । मेरी बहन चंपा को चोदने बाले कहते हैं कि साली चुदाई में भी बहुत मज़ा देती है । 

मंजु ने नहीं पूछा कि क्या लोभी अपनी बहन और बेटी को चोदता है । 

मंजु — इस होटल में क्या स्पेशल तमाशा होता है और वो पार्लर कहॉं है ? 

रिक्शा वाला —-   मैडम जिस तरीक़े से आप बात कर रही है उससे साफ़ लगता है कि आप को चुदाई बहुत पसंद है। लेकिन आपका ये भाई बहुत ही शरीफ़ है। न ये ख़ुद किसी को चोदेगा ना अपनी बहन को, आपको किसी से यहाँ चुदवायेगा। ये एक साल से यहाँ काम कर रहा है लेकिन अब तक इसने किसी भी माल को हाथ नहीं लगाया । जब कि सुबह से मैं तीन औरत को चोद चूका हूँ । 

मुझे यह जानकर ख़ुशी हुई कि कालिया ने मुझसे झूठ नहीं कहा । वो सिर्फ़ अपनी मॉं  को ही चोदता है । रिक्शा वाला मुझे अपना ओर अट्रैक्ट करने की पूरी कोशिश कर रहा था । 

रिक्शा वाला—— मैडम , बहुत से लोग ऐसे होते हैं कि उनके पास बहुत ही ज़्यादा धन दौलत है लेकिन उनके लौडा में कोई दम नहीं होता है। ख़ूबसूरत जवान औरत को , कच्ची उम्र की लड़की को ख़रीद तो लेते हैं लेकिन चोद नहीं पाते हैं । वैसी भूखी औरतों को हम जैसे मर्दों को ही चोद कर खुश करना पड़ता है । आपको विश्वास नहीं होगा लेकिन कई आदमियों ने अपनी ऑंखों के सामने अपनी घरवालियाों को मुझसे चुदवाया है । 

रिक्शा वाला की बात से मुझे रॉंची के होटल में अपने घरवाला के सामने दूसरों से चुदवाने की बात याद आ गई । मैं कुछ बोलती उससे पहले रिक्शा एक होटल के सामने रुकी । 

जुगनू        -  यार ( कालिया ) , पहले भी तुमसे गुज़ारिश की है , आज भी खुशामद कर रहा हूँ । वो मेरी आँखों के सामने दूसरों का लौडा चूसती है, चुदवाती है, गॉड भी मरवाती है । तुम्हें मालूम है कि वो मुझे पसंद भी करती है लेकिन जब तक तुम नहीं बोलोगे वो मस्त माल मुझे हाथ भी लगाने नहीं देगी । यार मुझे वो रंडी बहुत पसंद है । बदले में तुम मेरी घरवाली, बेटी और बहन को जितना चाहे चोदो । 

कालिया ने कोई जवाब नहीं दिया । वह मेरा हाथ पकड़ होटल रेस्टोरेन्ट के अंदर घुस गया । अंधेरा हो गया था । होटल क़रीब क़रीब भरा था । कालिया मुझे लेकर एक केबिन में ले गया । बाद में मुझे पता चला कि फ़ैमिली केबिन था । 

हम अग़ल बग़ल बैठे । मैं चेहरा से पर्दा हटाना चाहती थी लेकिन कालिया ने रोक दिया । वेटर ऑर्डर लेकर गया । थोड़े देर बाद वो आर्डर भी लेकर आया । उसके जाने के बाद कालिया ने मेरे चेहरा का पर्दा ख़ुद हटाया । 

कालिया —— रानी , तुम्हारी जैसी सुंदर औरतो को अपने घर से बाहर निकलना ही नहीं चाहिए । जैसे मैं ने चोद लिया वैसे ही जो भी तुम्हें देखेगा अपना लौडा तेरी बूर में पेले बिना नहीं रुकेगा । हमारे होटल के मालिक अगर तुम्हें देखेंगे तो किसी भी क़ीमत पर तुम्हारे घर वालों से ख़रीद लेंगें । वो जुगनू मेरी माँ  को चोदने की बात कर रहा था । मैं मॉं को बोल दूँ कि उससे चुदवा ले ? 

मैं —— अगर तुम्हारी माँ भी जुगनू से चुदवाना चाहती है तो फिर तुम क्यों बीच में आते हो ? दोनो को मज़ा लेने दो जैसे हम दोनों ने लिया और तुम भी उसक बहन और बेटी को चोदो । 

कालिया —— तुमने कह दिया है तो आज ही दोनों को चोदने की छूट दे दूँगा । 

मैं —— उतना ही नहीं , जब जुगनू दूसरों को चोद सकता है तो तुम हर औरत को उससे ज़्यादा खुश कर सकते हो । फिर तुम क्यों नहीं चोदते । बढिया माल के साथ कमाई भी होगी । 

मेरी बात सुन उसने बहुत ही पते की बात की । 

कालिया—— रानी , मेरी क़िस्मत बहुत ही बढ़िया है कि तुमने अपनी बूर में मुझे लौडा पेलने से नहीं रोका और अब तुम मेरी चुदाई से इतनी खुश भी हो । लेकिन शायद ही कोई दूसरा ऐसा करें । मेरा रंग देखकर ही ज़्यादा तर औरतें मुझसे दूर भागती है , उपर से सिर्फ़ देखकर शायद ही किसी को मेरा लौडा पसंद आये । जुगनू का लौडा बढ़िया लंबा भी है और मोटा भी । हर रोज़ होटल में आई हुई ३-४ माल को चोदता है। रंडी की कीमत देता कोई और है और मस्ती जुगनू जैसे लोग मारते हैं और औरत खुश होकर बहुत इनाम भी देती है । । जुगनु जैसे बढ़िया चुदाई करने बाले १०-१२ और मर्द को होटल वालों ने रखा है जो चुदाई का मज़ा लेने बाली औरतों को खुश करता है। जैसा उसने कहा बहुत सी बढ़िया घर परिवार की औरतें चुदाई की मस्ती के साथ कमाने भी आती है । वैसी औरतों को क़ीमत तो कोई और देता है लेकिन चुराई सिर्फ़ वही आदमी नहीं जुगनू जैसे मर्द भी करते हैं । वैसी औरतें हर वार ३-४ आदमियों से चुदवा कर जाती है । 

मैं सारी बात समझा गई । लेकिन एक बात जानना बाक़ी था । 

मैं —- और सब समझ गई लेकिन तुमने अपने होटल में होने बाला तमाशा के बारे में नहीं बताया ? 

कालिया —- वो जब ख़ुद देखोगी तभी समझोगी । लेकिन वो तमाशा देखने के लिए तुम्हें पुरे समय , ७-८ घंटा नंगा ही रहना पड़ेगा । ख़ुद नहीं चाहोगी तो कोई तुम्हें हाथ भी नहीं लगायेगा । लेकिन एक ही हॉल में सैकड़ों ज़ोडों को चुदाई करते देख तुम ख़ुद ही अपने को नहीं सँभाल पाओगी । मेरे एक  लौडा के बदले हो सकता है कि पूरी रात में १५-२० लौडो से चुदवा लो । और जिस पार्लर की बात जुगनू कर रहा था , तुम जहां जा रही है उससे कुछ दूरी पर एक अजन्ता होटल है , उसी के बग़ल में पार्लर है । मैं वहाँ कभी गया नहीं लेकिन सुना है कि वहाँ काम करने बाली औरतें वंदन की मालिश बहुत बढिया करती है ।जुगनू की बेटी और बहन भी वहीं काम करती है । बदन की मालिश करवाना हो तो चले जाना । 

मुझे विश्वास था कि बदन मालिश करने के लिए प्यारे से बढिया और कोई नहीं हो सकता है । लेकिन इस कालिया के साथ की चुदाई ने मुझे मस्त कर दिया था । 

मेरे पास बोलने के लिए कुछ नहीं था । हम खा पीकर बाहर निकले । 

क़रीब आधा घंटा बाद मुझे ससुर के ऑफिस के पास उतार कर कालिया वापस होटल चला गया ।

मैं जब ससुर के ऑफिस में घुसी तो ७ से ज़्यादा हो गया था । मुझे देखते ही वो खड़ा हो गया और ऑफिस में बैठे दो आदमियों को बाहर भेज दिया । उनके जाने के बाद , 

बाबूजी — मेरी प्यारी बहु रानी,  तुमने कहा था कि सिर्फ़ एक ही यार होगा लेकिन तुम्हारा चेहरा देखकर लग रहा है कि ४-५ मर्दों ने मेरी प्यारी बहु को चोद चोद कर मस्त कर दिया है । 

मेरा ससुर भी मेरी ही तरह खुल कर चुदाई की बात कर रहा था । मैं ने थोड़ा झूठ बोला । 

मैं —- चोदने वाला एक ही था । पहला राउंड तो उसने आपके बेटा जैसा ही खुब प्यार से २०-२२ मिनट ही चोदा । लेकिन मालूम नहीं मादरचोद क्या ख़ाक आया चा , दूसरे राउंड में जब बूर में लौडा पेला तो बाबू जी हरामी ने पहले बूर में एक घंटा पेला और चुदाई करते करते साले ने गॉंड भी मार ली । पहली बार ही गॉंड मरवाया . बहुत मज़ा आया ।उसने लगातार २ घंटा से ज़्यादा चोदा और गॉंड मारी । आपके बेटे ने सब मिला कर जितनी देर मुझे चोदा होगा उस हरामी ने एक दिन में ही उतना देर पेल दिया । और आप विश्वास नहीं करेंगे , मेरे यार का लौडा मुश्किल से चार इंच लंबा ही होगा लेकिन चोद कर मस्त कर दिया उसने  । आप कितने देर पेलते  हो ? 

बाबूजी—- मुझे गर्म करने के लिए ये सब बोल रही हो ना  । मैं वैसे ही तुमको , अपनी बहु को  चोदने के लिए हमेशा तैयार हूँ । 

एक बात तो मैं समझ गई कि जिस तरह मेरे पति देव को मेरा दूसरे से चुदवाना पसंद है वैसे ही मेरा ससुर भी मेरा दूसरे के साथ चुदवाने से बिलकुल ही नाराज़ नहीं है । फिर भी मैं ने पुछा , 

“ बाबू जी , मैं झूठ नहीं बोल रही । आपको अगर विश्वास नहीं तो आप जब भी बोलिए , जहां भी बोलिए मैं आपके सामने उस से,  अपने यार से चुदवा कर दिखा दूँगी कि वो कितना देर चोदता है ! लेकिन यह बोलिए कि आप को ग़ुस्सा नहीं आ रहा है की आपकी बहु किसी और से चुदवा कर आई है , दुबारा चुदवाने की बात कर रही है आपके ग़ुस्सा नहीं आ रहा है ? “ 

बाबूजी मुस्कुराते रहे । 

बाबूजी— आज तुम्हें वो बात बताता हूँ जो तुम्हें मालूम नहीं है । तीन महिना पहले मैंने तुम्हें अपने बाबा ( पिता जी ) के साथ बाज़ार में देखा था । और तुम्हें देखते ही मेरा लौडा फरफराने लगा था । तुम्हारी चुत में घुसने के लिए बेताब होने लगा । मैं तुम्हें ज़िंदगी भर चोद सकुं, तुम्हारे पेट से अपना बच्चा पैदा कर सकुं इसलिए विनोद की शादी तुमसे करवा दिया । इतना ही नहीं तुमको पहली बार देखकर ही समझ गया था कि तुम बहुत ही ज़्यादा चुदासी औरत हो । कितना भी बढिया मर्द हो तुम उसके ही साथ टीक कर नहीं रह सकती । आज भी तुम जिसके साथ उतनी लंबी चुदाई करबा कर आई हो , उस के साथ भी कुछ दिन चुदवाकर ही तुम्हें दूसरे मर्द की ज़रूरत महसूस लगने लगेगी । इसलिए तुम जिस किसी के भी साथ , घर में या घर के बाहर चुदवाना चाहो चुदवाओ, गॉंड  मरवाओ लेकिन आज रात मेरा लौडा अपनी बहु की बूर में रहेगा । तुमने सुबह कहा , मैं ने बहुत सोचा । अपने बेटे को ही खुशामद करुंगा कि वह मुंडे तुम्हारी चूदाई करने दे। मैं ९ बजे यहाँ से निकलूँगा , तब तक मेरी एक बहुत ही बढ़िया दोस्त ज्योति से मिल लो । 

बाबूजी मुझे लेकर हॉंल में आये । ऑफिस में जितने ३०-३२ आदमी थे , सभी को हॉल में बुलवाया और सबसे कहा 

“ यह मंजु है मेरे बेटे विनोद की पत्नी और अभी से हमारे साथ यह भी हमारे कंपनी की पार्टनर है । “ 

मैं ने सबको प्रणाम किया । सभी के उपर नज़र दौड़ाई । ग्रूप में ७ औरतें थी । मर्दों में ५ ऐसे मर्द थे जो मुझे दिखाकर पैंट के उपर से लौडा सहला रहे थे । एक दूसरे मर्द ने ज़ोर से कहा , 

“ साहब मंजु जी यहाँ आयेंगी तो हम में से कोई कुछ भी काम नहीं कर लायेगा । सभी इनके खुबसूरत चेहरे और सुडौल शरीर को ही देखते रहेंगे । “ 

मैं—-   आप सब भी बहुत खुबसूरत और सुंदर है । आप सब मुझे पसंद आये । रोज़ आउंगी तभी तो हमारी दोस्ती होगी । फिर मुझे आप सबसे काम भी सिखना है । 

बाबूजी ने एक औरत ज्योति से कुछ कहा और मुझे उसके साथ जाने के लिए कहा । मैं ने बुर्का पहना ही था सिर्फ़ चेहरा का कवर हटा दिया था । एक किलोमीटर ही चले होंगे कि मुझे “ शालिन ब्यूटी पार्लर “ का वोर्ड नज़र आया । 

वो औरत, ज्योति मुझे  अंदर ले गई । चार कुर्सियों थी और चारो पर एक एक औरत बैठी थी और चार जवान लड़कियों उनका काम कर रही थी । ज्योति ने सबसे कहा कि मैं मालिक की बहु हूँ और अब से इस पार्लर की मालकिन मैं ही हूँ । बाबूजी ने मुझसे यह बात नहीं कही थी । 

सबने मुझे नमस्ते, प्रणाम किया । सबके गाल थपथपाती हुइ ज्योति के साथ एक दूसरे कमरे में गई । यह वहाँ का पार्लर का मेन ऑफिस था । एक बड़ी सी मेज़ के एक तरफ़ एक आकर्षक डील- डौल की औरत बैठी थी । उसकी उम् ४० के आस पास की होगी । 

ज्योति —- कल्पना मैडम , हम सब की नई मालकिन मंजु जी , साहब की बहु से मिलिए । 

कल्पना हाथ जोड़ते हुए खड़ी हो गई । 

कल्पना— आप सच की औरत हैं या कोई जापानी गुडिया है । कितनी सुंदर है आप । बस मंजु मैडम देखते रहिए , अब हमारी कमाई कितनी बढ़ जायेगी । सिर्फ़ आपका प्यारा मुखड़ा देखने के लिए ही लोग यहॉं लाईन लगा देंगे । ज्योति तुम जाओ, मालकिन को मैं सब समझा देती हूँ । 

ज्योति चली गई । कल्पना ने मुझे पार्लर के बारे में सब कुछ बताया । दो बातों पर मेरा ध्यान गय। पहला कि सारे शहर को यही मालूम था कि पार्लर की असल मालकिन कल्पना है विजेंद्र बाबू नहीं। कल्पना ने अपनी चुदाई की शुरुआत मेरे ससुर के साथ ही की थी और अब भी दोनों एक दूसरे को बहुत प्यार करते हैं । दूसरा कि ब्यूटी पार्लर का वोर्ड लोगों को दिखाने के लिए है असल में यह एक मालिश करने कराने और चुदाई का अड्डा है । वहाँ ६ केबिन थे जिसमें या तो मालिश होती थी या फिर चुदाई चलती थी । 

कल्पना ने बताया कि उस समय भी २ केविन में औरतें औरत से ही नंगी मालिश करवा रही थी और दूसरे दो केविन में दो औरतें चुदवा रही थी । हमारे आने के २ मिनट पहले ही २ दूसरी औरतें पार्लर के २ काम करनेवाले मर्दों से पूरे बदन की नंगी मालिश करबा कर गई थी । 

कल्पना— उन दोनों औरतों को बहुत समझाया लेकिन वे चुदवाने को तैयार नहीं हुई । 

मैं —-  कल्पना दीदी , इसकी मतलब साफ़ है कि आपके मर्द औरतों को गर्म नहीं कर सकते हैं । 

कल्पना— ठीक बोल रही है आप । बहुत मर्दों को ट्राई किया लेकिन १५-२० मिनट की मालिश के बाद ही मादरचोद बूर में लौडा पेल देता हो जो ज़्यादातर औरतें को पसंद नहीं है । अधिकतर औरतें एक घंटा के मालिश के दौरान ४०-४५ मिनट की बहुत बढिया मालिश चाहती है , ऐसा मालिश की वो खुद लौडा को पकड़ कर चूसे , बूर में घुसाने के लिए खुशामद करे । अप्सरा होटल में कई ऐसे मर्द है लेकिन हम उन्हें उतना नहीं दे सकते जितना वहॉं मिलता है । मंजु , अप्सरा होटल में रोज़ २५-३० औरतें मस्ती मारने आती है और शनीवार और रविवार को १०० से ज़्यादा औरतें वहॉं चुदवाने जाती है । हमारे यहॉं कभी एक दिन में २० सेजायादा औरत नहीं आई । 

मैं —और उतनी औरतों को कौन चोदता है ? 

तभी दो औरतें अपने अपने कपड़े ठीक करते हुए निकली । उन औरतों ने घबराते हुए मेरी ओर देखा । 

कल्पना— डरिये मत , ये हमारी बॉस है । मेरे आदमियों ने आपको खुश किया कि नहीं ?

एक औरत— दोनों ठीक है लेकिन कोई खाश बात नहीं था । 

दोनों औरतें के जाने के बाद कल्पना ने बताया कि दोनों सीनियर सरकारी अधिकारी की घरवाली है । महिना में दो बार तो आती ही है । हम बात कर रहे थे और वही दोनों आदमी आये जिनसे चुदवाकर दोनों गई थी । 

दोनों का वॉडी जरुर बढिया था लेकिन मुझे भी दोनों में से कोई पसंद नहीं आया । कल्पना ने उन्हें उस दिन का फ़ीस दिया और वो चले गये । 

कल्पना—- हमारे  आदियों को हर एक औरत को चोदने का ५००/- मिलता है । आज दोनों ने तीन तीन रंडियों को चोदा । 

अब आफ़िस में हम दोनों ही थे । कल्पना ने मेरे सामने तीन बड़ा साईज़ का एल्बम रखा । 

कल्पना— इस एल्बम में सब मिलाकर २०० से ज़्यादा रंडियों के फ़ोटो है जो यहॉं आकर हमारे मर्दों से , अनजान मर्दों से चुदवाती है । 

मैं पन्ने पलट रही थी और कल्पना वहॉं का रेट बता रही थी । 
‘LIVE LIFE CHAMPA STYLE
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#36
Kaee mahino ke baad iss site par aaee hu . Yah dekh kar dil khush ho gaya kee Bhukhalunr ne 2 naee thread daali hai . 

Ek sitting mey hee Ye kahani “ Saahab aapki choot sabse pyari hai “ 
padh gaee . Uff kya mast kahani
Hai . Site par ek se badhkar ek badhia kahani hai . Lekin eisee “ cuckold” kahani aur koi nahi . Maza aa gaya padhkar . Ye five star se bhee jyada star baali kahani hai .
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#37
वाह क्या लिखा है
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#38
Brilliant....
Amazing....
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#39
Update please
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#40
मैं मंजु , आगे की कहानी लेकर । 

विवाह के समय मुझे इतना ही बताया गया था कि मेरे ससुर कंस्ट्रक्शन का काम करते हैं और साथ ही ज़मीन का लेन देन भी करते हैं । विनोद ने भी सिविल इन्जीनियरिंग की पढ़ाई की है कि ज़रूरत पड़ने पर अपने बाबूजी का धंधा सँभाल सके । हमारे घर के लोगों को मालूम था कि नहीं लेकिन मुझे नहीं बताया गया था कि हमारे ससुर कोई ब्यूटी और मसाज पार्लर चलाते हैं । अब सिर्फ़ मालूम ही नहीं हुआ ससुर जी ने मुझे वहॉं का मालकिन भी बना दिया । 

मैं उसी पार्लर के ऑंफिस में बैठी थी और वहॉं की मैनेजर कल्पना मुझे वहॉं का रेट बता रही थी । कल्पना ने कहा कि दूसरे सभी पार्लर की तरह यहॉं भी अलग अलग रेट है । 

कल्पना — मंजु , पहले मर्दों का रेट सून लो, 

मर्द अगर मर्दों से ही मालिश करवायेंगे तो १०००/- , अगर मालिश के साथ गॉंड भी मरवायेंगे तो २०००/- । वे अगर औरत से मालिश करबायेंगे तो २०००/- , मालिश के समय लौडा चुसबायेगें तो १०००/- अलग से। ५००० में हमारी औरत लौडा  भी चूस देगी , चुदवायेंगी भी और बूर भी चुसने देगी । अगर कोई गॉंड भी मारना चाहता तो औरत खुद ही डील करती है । हमारी ४ रेगुलर मालिश करने बाली है और सब एक से बढिया एक मालिश करती हैं । कल आकर आप भी एक बार मालिश करवा दो , सच पुछो तो मैं खुद तुम्हारे खुबसूरत बदन की मालिश करना चाहती हूँ । 

मैं —- जल्दी क्या है ? यहॉं आती ही रहुंगी । 

कल्पना—- औरतों का रेट अलग है । हमारी अपनी ४ औरतें है , उसके अलावा रोज़ कम से कम १० औरतें आती है या तो चुदाई का मस्ती लेने या फिर चुदवा कर कमाई करने । वे अगर हमारे मर्दों से मालिश करवाती है और चुदबाती हैं तो हम उनसे ४०००-५००० लेते हैं और अगर धंधा करने आती है तो उनकी उम्र, खुसूरती  और जवानी देख कर हम उन्हें २ हज़ार से लेकर ५ हज़ार तक देते हैं । हम उन औरतों को जितना देते हैं कम से कम उससे दुगुना मर्दों से वसुल करते हैं । 

हम बात कर रहे थे कि दो ४०-४५ साल के आदमी अंदर आये । दोनों कल्पना के साथ मोल-भाव कर रहे थे लेकिन दोनों की नज़र मेरे चेहरे पर थी । अचानक एक आदमी ने हिम्मत दिखाई । 

आदमी — इन्हें पहली बार ही यहॉं देखा है  । मुझे इनसे मालिश करवाना है , कितना लगेगा ? 

कल्पना कुछ बोलती उससे पहले मैं ने कहा - 

“ मैं मैनेजर मैडम की रिश्तेदार हूँ । मैं खुद यहाँ मालिश करवाने आई हूँ , लेकिन मैं जिससे मालिश करवाती हूँ वो आज जल्दी घर चला गया । मैं रंडी नहीं हूँ । कोई मुझे एक लाख भी देंगा  तो भी नहीं चुदवाऊँगी । आप कोई दूसरी माल के ले जाओ , सभी बढिया मालिश भी करती हैं और लौडा भी बहुत बढिया चूसती है । “ 

इतनी फ़र्राटे से चुदाई की बात बोलते सुन सिर्फ़ दोनों मर्द ही नहीं कल्पना और दोनों मसाज लेडी दंग होकर मेरी ओर देखती रही । ख़ैर दोनों मर्दों ने रुपया जमा किया और हमारी मसाज लेडी को लेकर अंदर चले गये । तभी फ़ोन की घंटी बजी । कल्पना ने उससे बात की और वो बार बार डौली और रश्मि का नाम ले रही थी । आख़िर में कल्पना बोली , 

“ आप लोग हमारे मालिक हैं , आपको खुश करना हमारी ड्यूटी है । लेकिन साहब आपकी दोनों माल भी किसी इज़्ज़तदार आदमियों की घरवाली है , वहु है। वे पूरी रात आपके साथ नहीं रह सकती । कल २ बजे आप जहां बोलिए दोनों को एक साथ भेज दुंगी । आप अकेले मस्ती लीजिए या दूसरों के साथ मिलकर , रात आठ बजे तक दोनों आपके साथ रहेगी । रेट आपको मालूम है । “ 

कल्पना ने एक पैड पर शायद एक एड्डेस लिखा । 

“ दोनों २ बजे तक वहॉं पहुँच जायेगी । आप जितना चाहे १२ बजे तक हमारे पास भिजवा दीजिए । सर आप जानते हैं कि हम आपसे मोल  भाव नहीं कर सकते । “ 

कल्पना बात करते हुए मेरी ओर देखते हुई बोली , 

“ सर, एक १८-१९ साल की बहुत ही खुबसूरत और मस्त माल पर नज़र पड़ी है , उसे अपने जाल में फँसने की कोशिश कर रही हूँ । “

जो बात कर रहा था उसने कुछ कहा , 

कल्पना —- नहीं साहब, कुँवारी नहीं है , १५-२० दिन पहले ही शादी हुई है लेकिन उसका घरवाला कमजोर है। आपका गदहा जैसा मोटा और लंबा लौडा जब मेरे जैसी औरत नहीं सँभाल सकती तो कुँवारी लड़कियाँ क्या सँभालेंगी । अगर पट गई तो उसे सबसे पहले आपके लौडा पर ही बिठाऊँगी लेकिन सर बहुत ही क़ीमती माल है। 

फ़ोन कर रहे आदमी ने फिर कुछ कहा होगा । 

कल्पना—— सर, मुझे बहुत बढ़िया से मालूम है कि आप हीरा को परखना भी जानते हैं और तराशना भी , जब तक वो हाथ नहीं आती तब तक आपकी रश्मि और डॉली है ही । सर उन दोनों रंडियों को भी आपका गदहा वाला  लौडा ही पसंद है । आपके अलावा किसी और के साथ घंघा नहीं करती है। 

फिर कुछ बात । 

कल्पना—- सर आज शनिवार है , आप मैडम को परसों , यानी सोमवार को ११ बजे भेज दीजिए । उनको उनकी प्यार चूत भी मिलेगी और जैसा मैडम को लौंडा पसंद है वह भी मिलेगा । 


प्रणाम बोलकर कल्पना ने रिसीवर रख दिया । 

कल्पना— हमारे कमिश्नर साहब थे । ख़ुद तो रंडीवाज है ही, इसकी घरवाली बहुत बड़ी हरामजादी है , उसे हर तरह का मज़ा चाहिए । नई जवान छोकरडियों  की बूर चाटेंगी, कॉलेज के लड़कों से चुदवायेंगी और गॉंड भी मरवाती है । साली परसों आयेगी , चूत चटवाने के लिए लड़की तो है लेकिन सॉंढ जैसा चोदने वाला कॉलेज का लड़का कहॉं से लाउँगी। 

मुझे फिर मेर दूसरा घरवाला कपिल की याद आ गई । मैं भगवान से प्रार्थना करने लगी कि कपिल को जल्दी मेरे पास भेज दे । कपिल की चुदाई के बाद भी बहुतों ने बहुत बढिया चोदा लेकिन इतने लोगों से  चुदवाने के बाद भी मुझे कपिल और उसकी प्यार भरी चुदाई की बहुत याद आती रही। 

कल्पना की बात का मै क्या जवाब देती । मैंने ने कल्पना को ऑंख मारी । 

मैं —- रंडी, तु कमिश्नर से मेरे बारे में ही बोल रही थी ना । ये डॉली और रश्मि कौन है ? 

कल्पना ने अपने ड्रावर से एक और एल्बम निकाला और मेरी ओर बढ़ाया । 

कल्पना—      तुमसे क्या छुपाना ! ये सब हमारी बहुत ही स्पेशल माल है । हर २ घंटा का २० हज़ार लेती है फिर चाहे एक आदमी हो या एक सौ आदमी । २ घंटा में आदमी जो चाहेगा सब करेगी । हम कस्टोमर से ३० हज़ार लेते हैं और मालूम नहीं दोनों क्या करती है लोग इन्हें बार बार बुलाते है। कमिश्नर हर आठ - दस दिन पर दोनो को बुलाता है। कल दोनो ६ घंटा रहेगी , दोनों के लिए  हमें एक एक लाख मिलेगा । हम उन्हें ६०-७० हज़ार देंगे, बाक़ी हमारा । 

मैं एल्बम देख रही थी । एक फ़ोटो के नीचे डॉली लिखा था । 

मैंने कल्पना को देखा और अंगुली से उस फ़ोटो की ओर इशारा किया । कल्पना समझ गई । 

कल्पना—-        आपकी ये ननद  बहुत ही मस्त माल है । लोग पागल है इसे चोदने के लिए । शादी के १०-१२ दिनों बाद ही बाज़ार में आ गई । इसका घरवाला खुद ममता को मेरे पास लाया था । बाप इसे चोदने के लिए पागल है लेकिन आपकी ननद का बोलना है कि कुत्ता , गदहा से चुदवा लेगी लेकिन कभी अपने बाप और भाई से नहीं चुदवायेंगी । 

उस छोटे एल्बम में कुल १३ औरतों का फ़ोटो था । कल्पना का भी फ़ोटो था। सबकी शादी हो चुकी थी । 

कल्पना—- ये एल्बम हम सिर्फ़ बड़े बड़े सरकारी अफ़सरों और मंत्रियों को ही दिखाते हैं । 

मैं — दीदी , एक मेरा भी फ़ोटो इस एल्बम में डाल दो । कितना मिलेगा मुझे ? 

कुछ देर कल्पना मेरी ओर देखती रही । 

कल्पना—     तुम्हारा खुबसूरत मुखड़ा और बदन देख कर शुरु में कोई भी तुम्हें ५० हज़ार या एक लाख भी दे देगा लेकिन अगर तुम  उसे खुश नहीं कर पाओगी तो अगली बार से हमारी यहाँ की रंडियों जैसा सिर्फ़ २-३ हज़ार ही मिलेगा । मैं अब २३ सालों से चुदवा रही हूँ । २५०-३०० लंडो ने बूर में लौडा पेला होगा लेकिन आज तक यह बात समझ नहीं आई कि ये बहनचोद मर्द आख़िर खुश कैसे  होते हैं ।कोई कोई माल इतनी पसंद आती है कि उसे रोज़ बुलाएँगे  और कुछ बहुत खुबसूरत होती है फिर भी एक बार चोदने के बाद कोई दुबारा नहीं बुलाता है। 

पिछले साल तक एक निशा  नाम की ३०-३२ साल की औरत थी । बहुत ही साँवली और बदन भी बस ठीक ठीक। खुबसूरत दिखने वाली कोई चीज़ उसमें नहीं थी। एक बैंक ऑफ़िसर की पत्नी थी । कहीं से सुना होगा, चार साल पहले एक दोपहर आ गई । उसे कुछ रुपयों की ज़रूरत थी मेरे पास आ गई। उसने कहा कि उसे एक हफ़्ता के अंदर २५ हज़ार रुपया चाहिए और वो रोज़ सिर्फ़ २ घंटा समय देगी । एक करीब ५० साल के आदमी ने उसे देखा । उस आदमी ने कहा कि वो जो भी बोलेगा सब करेगी तो एक घंटा का ५ हज़ार देगा । औरत तैयार थी । और मंजु , पूछो मत , साली तीन बजे अंदर गई उस ५० साल के आदमी के साथ और ५ घंटा बाद निकली । ५ हज़ार के बदले वो कमरे से ३५ हज़ार लेकर निकली । इतना ही नहीं उस आदमी ने निशा  को अगले दिन के लिए भी बुक किया । साल २५ हज़ार कमाने आई थी हफ़्ता भर चुदवा कर और रोज़ ही ३०-३५ हज़ार कमाने लगी । अब हमारा ये पार्लर १२ साल से चल रहा है लेकिन जितना कमीशन उस निशा के कारण मिला उतना कमीशन बाक़ी सब रंडिया मिलकर भी नहीं दे पाई । निशा ने तीन साल यहाँ धंधा किया और जाते समय ख़ुद बोली कि धंधा की कमाई से उसने कलकत्ता में तीन बड़े बड़े मकान ख़रीद लिए हैं ।उसकी कमाई से उसका घरवाला इतना खुश हुआ कि वो खुद अपनी घरवाली के लिए अमीर से अमीर ग्राहक लाने लगा । यहॉं से ट्रांसफ़र होकर अभी बम्बई में है। निशा  ने कहा कि वह भी वही सब करती है जो दूसरी रंडिया करती है । उसे ख़ुद नहीं मालूम की सारे के सारे मर्द क्यों उसे अपने साथ नंगा रखना चाहते हैं ।

 मेरी बढिया क़िस्मत समझ लो कि अब तक जिसने भी एक बार चोदा उसने दूबारा जरुर बुलाया । 

मुझे ना कल्पना में कोई दिलचस्पी थी ना निशा की कहानी में । मैं ख़ुद मर्द के लिए सबकुछ करने को तैयार थी । 

मैं —        कोई अगर २ घंटा का ५० हज़ार देने को तैयार है तो मुझे बुक कर देना । 

कुछ देर कल्पना चुप चाप मेरी ओर देखती रही । 

कल्पना—        कल ११ बजे यहाँ आ जाना । हमारा फ़ोटोग्राफ़र तुम्हारी कुछ फ़ोटो लेगा , नंगी फ़ोटो भी लेग। , तुम्हें बस उसका लौडा चूसना होगा । वो चुदाई नहीं कर सकता है । कमिश्नर को बोल दूँ कि माल तैयार हो गई है । सच कहती हूँ  , तुम्हारे ससुर मुंझे २३-२४ साल से चोद रहे हैं बहुत ही खुश करते है मुझे लेकिन रानी कमिश्नर से चुदवाने का अलग ही मज़ा है । बूक कर दू? 

मैं —     इतनी जल्दी नहीं । अगले हफ़्ता देखुंगी । लेकिन ये बात अभी सिर्फ़ हमारे बीच ही रहनी चाहिए । 

कल्पना ने  नॉड किया और एक आलमारी खोल। कर एक बड़ा सा डौसियर जैसा फ़ाईल निकाला । मुझे दिया और देखते देखते मैं पसीने पसीने हो गई । उस डौसियर में बहुत सी लडकियों और औरतेों की नंगी तस्वीरें थी, कल्पना और मेरी बड़ी ननद ममता के साध निशा की भी नंगी तस्वीरें थी  । जिसने भी खींचा था ज़रूर बहुत ही बढ़िया फ़ोटोग्राफ़र था । एक से एक गंदी तस्वीरें थी । हॉ, किसी का भी मर्द के साथ कोई फ़ोटो नहीं था । 

कल्पना—      तुम्हारी भी नंगी तस्वीरें यहॉं लगेगी । एक तो इसे हम अपने खाश खाश कस्टोमर को दीखाते हैं और दूसरी बात , कोई भी रंडी हमारे ख़िलाफ़ कुछ नहीं बोल सकती । उसे मालूम है कि हमारे ख़िलाफ़ जाने से क्या होगा ? उसकी नंगी तस्वीरें शहर के सभी दीवारों पर होंगी । और कुछ बुड्ढे हैं जिन्हें जीती जागती औरतों की नंगी तस्वीरें देख कर लौडा हिलाने में हगाती मज़ा आता है । हम ये तस्वीरें बेचते भी है लेकिन डरो मत आज तक किसी ने ग़लत फ़ायदा नहीं उठवाया । 

कल्पना मुझे रंडी के धंधा के बारे में समझाती रही । ९ बजे से पहले ससुर जी भी आ गये । 

कल्पना—- साहब, आप की यह बहु चुदवायेंगी नहीं फिर भी अगर ये यहाँ रोज़ २-४ घंटा बैठे तो हमारी घंघा बहुत बढ़ जायेगा । कमिश्नर ने कल फिर डॉली और रश्मि को बूक किया है और परसों उसकी घरवाली अपनी माल का चूत खाने आयेगी लेकिन रंडी को फिर एक लौंडा चाहिए । कोई है नज़र में ? 

मेरे सामने ही ससुर जी ने कल्पना को अपनी गोदी में बिठाकर प्यार किया । 

कल्पना —- राजा,  ममता से आज भी बहुत  खुशामद किया लेकिन साली अब भी अपने बाप से चुदवाने को तैयार नहीं है । मंजु , विनोद से कहीं ज़्यादा मज़ा विनोद के बाप के साथ आयेगा ।मंजु , तुम्हारे ससुर ने चुदाई का ऐसा मज़ा दिया कि बाप और भाई क्या ससुर से भी चुदवा लिया लेकिन तुम्हारे ससुर जैसा  कोई नहीं । रानी कल ११ बजे तक आ जाना । 

मेरा ससुर मेरे सामने एक हाथ से उसकी चूचियों को मसलते हुए दूसरा हाथ साड़ी के अन्दर डाल मेरी ओर देखता रहा । जैसे कह रहा हो कि मेरे साथ भी ऐसा ही करेगा । 

मैं —— बाबू जी, लौडा बहुत फनफना रहा है तो किसी केविन ने ले जाकर चोदिए । मुझे क्यों गर्म कर रहे हैं ? 

कल्पना—- तेरे घरवाला विनोद को मालूम है कि विजेन्द्र की असल घरवाली मैं हूँ फिर भी उसने बहुत ज़िद की तो मैंने उससे चुदवा लिया । वो सिर्फ़ मुझसे ही नहीं दूसरी १०-१२ माल को चोद कर उनसे ट्रेनिंग लेकर तुम्हें चोदने गया । तुम्हें विनोद कैसा लगा तुम ही जानो लेकिन न तो मुझे न ही अपनी बाक़ी चार औरतों में से किसी को भी उसके साथ मज़ा आया । तुम्हारे आने के थोड़ी देर पहले ही आया था रुक्मा को चोदने लेकिन उस लड़की ने कहा कि भले ही वो एक एक रुपया में चुदवाये,  विनोद जैसे नामर्द से दूबारा नहीं चुदवायेंगी । 

कल्पना ने रुक्मा का नाम लिया तो मैं भूल गई कि रुक्मा जुगनू रिक्शा वाले की बहन है । मैं अपने ससुर की हरकत देख रही थी । मैं चाह रही थी कि कल्पना मेरे सामने लौडा को सहलाए , चूसे । 

मैं —- विनोद को तुम रंडियों ने क्या ट्रेंनिंग दिया मुझे नहीं मालूम । लेकिन उसने सुहाग रात से लेकर पिछली रात ट्रेन में भी मुझे चोदकर बहुत खुश किया । मेरे विनोद के लौडा को रंडियों की ढीली , घीसी हुइ बूर नहीं मेरी और केतकी जैसी टाईट और रसीली बूर जाहिए । “ 

मैंने उस समय ध्यान नहीं दिया कि मै ने अपनी छोटी ननद केतकी का नाम लिया कि विनोद को उसे चोदने में बहुत मज़ा आयेगा । 

कल्पना—-  केतकी क़रीब क़रीब रोज़ यहाँ आकर कुछ देर बैठती है । हमारे बहुत से कस्टोमर उसे चोदना चाहते है। एक सेठ लड़की की कुँवारी चूत के लिए  २-३ लाख देगा लेकिन लड़की घंघा करने के लिए तैयार ही नहीं हो रही है । मंजु उसे तैयार करो , में विश्वास के साथ कह सकती हूँ कि केतकी की डिमांड ममता से ज़्यादा होगी । 

एक रंडी बाप के सामने उसकी बेटी को रंडी बनाने की बात कर रही है लेकिन बाप आराम से सुन रहा है । 

मैं —— बाबू जी, आप ही क्यों नहीं उसे अपना लौडा दिखाकर मस्त करते है । लड़की जवान हो गई है बढिया लौडा देखकर ज़रूर चुदाई के लिए तैयार हो जायेगी । 

बाबू जी —- तुम्हारी ननद मेरा , अपने बाप का लौडा देखकर गर्म नहीं होगी . चुदाई के लिए तैयार होने के बदले डर कर भाग जायेगी । अब तक जितनी कुँवारीओ को चोदा वे फिर दूबारा मुझसे चुदवाने वहीं आई । 

कल्पना—- तुम्हारे ससुर ने पहली बार बहला फुसला कर चोद लिया । चूत फाड़ दी । एक चुदाई का बाद क़रीब तीन महिना मैं इनके सामने आई ही नही । लेकिन एक दिन , घर में मॉं बाप थे, भाई था , यह मेरे कमरे में घुस गया । बहुत खुशामद किया और बूर को चूस चाट कर इतना गर्म कर दिया कि मैं ने खुद लौडा को अपनी बूर में ले लिया । हम दोनों की चुदाई रोज़ होने लगी । हम दोनों बहुत रोए लेकिन हमारी शादी नहीं हो पाई । हम दोनों ने अलग अलग जगह शादी कर ली लेकिन शादी के बाद भी हमारी चुदाई चालू रही । 

सुहाग रात को मेरी बूर में इस आदमी का लौडा था और हमारे बग़ल में ही मेरा घरवाला मनीष तुम्हारी सास को चोद रहा था । मनीष लगातार १२ साल तक तुम्हारी सास को चोदता रहा और एक दिन मालूम नहीं कहॉं ग़ायब हो गया । मेरे तीनों बच्चों को मालूम है कि उनका असल बाप यही है । मेरे बाबू जी और बड़े भाई को साफ़ दीखा कि मैं विजेन्द्र के लिए पागल हूँ । उन्होंने साफ़ साफ़ कहा कि अगर हमदोनों चुदाई करते रहना चाहते हैं तो मुझे बीच बीच में उन दोनों से भी चुदवाना पड़ेगा । मैं ने उन दोनो से चुदवाया और मेरे बाबू जी ने ही इस पार्लर का आईडिया दिया और अपनी कुछ सहेलियों, दोनों ननद , भाभी और तुम्हारी सास के साथ मिलकर चुदाई का धंधा शुरु किया । फिर तो औरतें खुद हमसे जुड़ती गई । क़रीब ११ सालों से हम यह धंधा कर रहे हैं , कम से कम २०० औरतों ने यहाँ आकर चुदवाया और कमाई की । तुम्हारे ससुर और मेरे भाई से चुदवाने के लिए औरतों की लाइन लगी रहती थी । आज भी बहुत सी औरतें तुम्हारे ससुर से ही चुदवाने आती है । लेकिन आज कल की औरतों को कम उम्र के लड़कों से चुदवाना ज़्यादा पसंद है । तुम्हें कैसे मर्द पसंद है ? 

मैं —- कोई खाश पसंद नही । विनोद के अलावा एक ३४/३५ साल के मर्द से चुदवाया है । दोनों ने बढिया चोदा है । 

कल्पना की बातें सुन एक बात तो साफ हो गई कि विनोद की तरह यह आदमी , मेरा ससुर भी अपने घर की औरतों को अपने सामने दूसरों से चुदवाता है । बिनोद ने अब तक मुझसे धंधा नही करबाया है  लेकिन ये आदमी अपनी घरवाली और प्रेमिका दोनों को दूसरों से चुदवाया ही नहीं उनसे धंधा भी करबाया है । ज़रूर ही बहुत जल्दी मुझे और अपनी छोटी बेटी को भी अपने सामने दूसरों से चुदवायेगा । राँची में जतीन ने उंची किमत लेकर ५ आदमियों से चूदवाया  था । राघव ने भी बहुत बड़ी किमत , ११०००/- नगद और एक बीस- बाइस हज़ार का गोल्ड नेकलेस दिया । मै रंडी हो ही गई थी । 

मैं खुद अपने ससुर का लौडा अपने बूर में लेने को तैयार थी साथ ही मैं अपने ससुर के सामने इस रंडी कल्पना को अपने आशिक़ प्यारे और दूसरा  घरवाला कपिल से चुदवाना चाहती थी । राघव ने चुदाई करते हुए वादा किया था कि प्यारे और कपिल तक मेरा संदेश जल्दी पहुँचा देगा । पहले तो संदेह था कि मेरे ससुराल वाले प्यारे और कपिल को घर में रहने देंगे कि नहीं लेकिन अब पार्लर मेरा था । अब प्यारे और कपिल के साथ अफ़ज़ल और जतीन को भी अपने पार्लर में रख सकती थी । 

कल्पना से वादा कर की अगले दिन भी आउंगी मैं ससुर का साथ घर के लिए निकल गई । दोपहर में बाबूजी खुद ड्राइव कर मुझे अप्सरा होटल ले गये थे लेकिन अभी हम दोनों पिछले सीट पर बैठे थे और एक जवान आदमी कार चला रहा  था  । 

हम कार के पास आये और कल्पना और ड्राइवर के सामने बाबू जी ने मेरा एक गाल सहलाया । 

बाबूजी——- मंजु बेटी , यह बलवंत , बल्लू है। १५-१६ साल का था तभी से मेरे साथ है। मैं और कल्पना जितना बल्लू पर भरोसा करते हैं उतना किसी पर नही । यह हमारे लिए कुछ भी कर सकता है । तुम भी इसे अपना ही समझना कोई नौकर या ड्राइवर नही । 

मैं ने दोनों के सामने  झुक कर बल्लू का दोनों पॉंव छू कर प्रणाम किया । वो भी ससुर के ही उम्र का था । 

मैं —- बल्लू काका , जैसे कल्पना दीदी की ध्यान रखते हैं अपनी इस बेटी का भी ख़्याल रखना । 

मेरी बात सुन उसके चेहरे पर चमक आ गई । 

बल्लू भी अप्सरा होटल के कालिया जैसा ही नाटा था । मेरे दिमाग़ ने सोचा की कहीं इसकी भी लौडा कालिया के लौडा जैसा ४ इंच का ना हो लेकिन उस छोटे लौडा ने चुदाई की जो मस्ती दी थी वैसी मस्ती ना प्यारे ने दिया था ना ही कपिल ने । 

बल्लू—- बहुरानी , ये बल्लू आपके लिए कोई भी काम करेगा । मेरे रहते आप पर कभी कोई ऑंच नहीं आयेगी । 

बल्लू की परसोनालिटी मेरे ससुर जैसी नहीं थी लेकिन बहुत ही गठीला और कसरत बदन था । मुंझे लगा कि इस आदमी का धक्का सबसे पावरफुल होगा । मैं इसे भी अपनी चूत का दीवाना बनाने का सोचा लेकिन पहल उसके तरफ़ से चाहती थी । 

हम घर पहुँचे । हम कार से उतरे तो बलवंत भी उतर गया । ससुर के सामने मेरा हाथ पकड़ा । 

बलवंत —- बहु रानी , जब तक आप खुद नहीं कहेोगी आपकी बूर में लौडा नही पेलुंगा लेकिन एक बार यह देखना चाहता था कि इतनी खुबसूरत और प्यारी औरत की बूर कैसी होगी । बहुरानी आस पास कई नहीं है , कोई आने वाला भी नही , कपड़े उठा कर एक बार बूर दिखा दो । 

मैं ने सोचा कि बलवंत की बात सुन बाबूजी उसे मारेंगे लेकिन मारना तो दूर मेरा ससुर मुस्कुरा रहा था । मैंने भी ड्राइवर को उसके ही भाषा में जबाब दिया । 

मैं —— काका , इतनी रात वो भी रास्ते पर मेरा बूर देख कर क्या करोगे । अब तो हम मिलते ही रहेंगे मौक़ा मिलने पर सारे कपड़े उतार दूँगी । बूर , चूची सिर्फ़ देखोगे क्यों खुब मसलने , दवाने भी दूँगी , लौडा भी चुसुंगी और तुम्हारा लौडा पसंद आ गया तो चुदवा भी लुंगी । परसों एक ऐसे लड़के को लेकर आओ जिसने अब तक किसी को ना चोदा हो लेकिन उसका लौडा बढिया लंबा और मोटा होना चाहिए । मुझे नहीं एक बड़े उम्र की औरत को वैसा ही लौडा चाहिए । औरत जो भी बोले लड़के को सब करना पड़ेगा । २०००/- मिलेगा । 

बोलकर मैं घर का अंदर घुस गई । मंजु घर घुसी । बलवंत और मंजु के ससुर बात करते रहे । 

विजेन्द्र —- बलवंत भाई , कई और भी रंडीयॉं है जो चुदाई की बात करती है लेकिन मंजु जैसा कोई नहीं बोल सकती । इसे चोदने की बात की तो कुतिया ने साफ़ साफ़ कह दिया कि इसका घरवाला यानी मेरा बेटा जिसमें बोलेगा रंडी उसी से चुदवायेगी । विनोद से कैसे बोलूँ कि अपनी खुबसूरत घरवाली को मुझ से , अपने बाप से चुदवाओ । 

बलवंत —- विनोद बेटा से बोलिए कि अगर वो अपनी घरवाली को आप से चुदवायेगा तो आप अपनी घरवाली को उससे चुदवाइयेगा । हर बेटा अपनी मॉं को चोदना चाहता है । 

बलवंत भी अपने मालिक विजेंद्र के साथ घर के अंदर घुसा । बलवंत बहुत देर तक मंजु के सामने नहीं आया । 
‘LIVE LIFE CHAMPA STYLE
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