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मैंने मेरी बहन से बोला की मै कुछ समझा नहीं तो वो बोली की भैया तुम मेरे साथ सेक्स करो और मुझे प्रेग्नेंट कर दो मै तुम्हारे जीजाजी को बोलदूंगी की ये उनका बच्चा है. फिर मैंने मेरी बहन से बोला की आज तेरा ये भाई तुझे प्रेग्नेंट कर देगा चोद चोद कर और तेरे सर से गम के सारे काले बदल हटा देगा.
फिर हम भाई बहन सेक्स करने के लिये मेरे बहन और जीजाजी के बैडरूम में चले गए. बैडरूम में पहुचते ही मै मेरी बहन के जिस्म पर टूट पड़ा. मै मेरी बहन के होंठो को मेरे मुह में लेकर जोर जोर से चूसने लगा. मेरी बहन की आहे निकलना शुरू हो गयी. मैं अब उनकी दूध से भरी मोटी मोटी चूचियों को ब्लाउज के ऊपर से ही जोर जोर से दबाने लगा.
मेरी बहन के बूब्स बहुत मोटे मोटे थे वो मेरे हाथो में समां नहीं पा रहे थे. पर मैं पुरे मन से बहन के कोमल कोमल बूब्स मसल रहा था… और बहन की अह्हह्ह्ह्ह… ओह्ह्ह्हह्ह… मादक आवाजे निकल रही थी जिन्हें सुन मेरे अंदर और जोश भर रहा था. फिर मैंने मेरी बहन के ब्लाउज की डोर खोल दी और उनके मोटे मोटे बूब्स को झुकने के लिये आजाद कर दिया. ब्लाउज की डोर खोलते ही मेरी बहन के दो बड़े बड़े पपीते झूलने को आजाद हो गए… बहन का ब्लाउज खोलने के बाद मैंने उसकी ब्रा फाड़ दी और उसके बूब्स को खूब दबाया और चूसा.
फिर मैंने बहन की साड़ी उतर दी और पेटीकोट भी. अब बहन पूरी नंगी मेरे सामने थी…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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मैं अपनी सगी बहन की चिकनी चूत की गुलाबी गुलाबी फांखो को अपने मुह से चूसने लगा… चूत चाटने के कारण मेरी बहन अब काफी एक्ससिटेड हो गयी थी और अपने सगे भाई से चुदने के लिए मचल रही थी. मैंने अपना 12 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा लंड अपनी बहन की चिकनी चूत में सेट किया और जोर का शॉट मारा. लंड बहन की चिकनी चूत को चीरता हुआ आधा अंदर चला गया और दर्द के मारे मेरी सगी बहन की चीखे निकल आयी. मैंने लंड को पूरा बाहर निकाला और लम्बा शॉट मारा.
मेरा 12 इंच लम्बा लंड अब पूरा का पूरा मेरी बहन की चिकनी चूत में जा चूका था… मेरे लंड से चुदवाने चुदवाते मेरी सगी बहन की आँखों से आंसू निकलने लगे. मैं थोड़ी देर की चुदाई के बाद अपना 12 इंच लम्बा लंड बहन की चिकनी चूत में धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करने लगा. बहन: आह्ह्हह्ह्ह्ह उउउउउ मेरे प्यारे भाई आह…. आह……. चोद अपनी सगी बहन को चोद….. आह….. आह………….. हाँ भाई और जोर से चोद…. आह आह…. चोद भाई चोद आज तो अपनी इस बहन को माँ बना कर ही छोड़ना …
मैं: उफ्फ्फ्फ़ बहन बहुत टाइट बुर है तेरी ऐसा लग रहा है की या तो जीजाजी ने तुझे चोदा ही नहीं है या जीजाजी का लंड बहुत छोटा और पतला है… मजा आ गया आप को चोदने में. बहन: ओह्ह्ह्हह …. अह्ह्ह्ह भाई बहुत दिनों बाद चुदी हूँ तू सच बोल रहा है तेरे जीजाजी का लंड बहुत छोटा और पतला है उनके सात सेक्स करने में मुझे भी बिलकुल भी मजा नहीं आता है… ऐसे ही पेलते रह अपनी बहन को मैं: आआहहहह बहन… कैसा लगा अपने भाई का गिफ्ट रक्षाबंधन पर…..
यहाँ भी देंखे माँ की चुत चुदाई कर के प्रेग्नेंट किया माँ बेटा सेक्स रिश्तों में चुदाई माँ को फिर से माँ बनाया मेरी बात पर मेरी बहन बोली उईईईईई आअह्ह्ह्हह भाई तेरी बहन कब से प्यासी थी माँ बन्ने के लिये आज रक्षाबंधन पर तेरा लंड गिफ्ट में पाकर सारी मुराद पूरी हो गई …. तूने अपनी बहन की जवानी बचायी है और मेरा घर टूटने से भी… रक्षाबंधन पर ऐसा गिफ्ट किसी ने अपनी बहन को नहीं दिया होगा मेरे प्यारे भाई… फिर मैंने मेरी बहन से बोला: ओह्ह्ह्हह …. उफ्फफ्फ्फ़ बहन सबकी बहन आपकी तरह सेक्सी माल थोड़े ना होती है… कसम से बहन मेरा लंड धन्य हो गया तेरी चुत मार कर… बहन: आअह्ह्ह्हह भाई… फ़क मी… फ़क …आह…………….. आह…….. और जोर से आह……… आह…………… उमह………….
मैंने बहन को कामसूत्र की नई पोजीशन में लिया मै निचे लेट गया और बहन को मेरे उप्पर आकर बैठने को बोला इर फिर अपना लंड उसकी चूत में सेट कर दीया और उसे उप्पर निचे कूदने को बोला. फिर मेरी बहन मेरे लंड पर बैठी और उप्पर निचे कूदने लगी, और मैं उसे लेट लेट चोदने लगा दोस्तों ऐसा लग रहा था की जैसे मै नहीं बल्कि वो मेरे लंड को चोद रही हों…. उसकी टांगे मेरी कमर को जकड रही थी. मैं निचे से घचा घच अपना लंड अपनी चुदाई की प्यासी बहन की चूत में अंदर तक पेले जा रहा था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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री जवान और सेक्सी शादी शुदा बहन भी बच्चे की चाहत में उछल उछल कर मेरा लंड अपनी चुदाई की भूखी चूत को खिला रही थी. बहन: अह्ह्ह्हह उउइइइइइइइ भाई तू तो रक्षाबंधन के दिन ही अपनी बहन के साथ चुदाई कर रहा है मैं: उफ्फ्फ्फ़ बहन मैं तेरी चिकनी चूत चोद कर तेरा दुःख दूर कर रहा हूँ अब मै पूरी गारेंटी के साथ तुझे माँ बनाने …
फिर मेरी बहन बोली उईईईईई भाई और चोद मुझे… मेरी चूचियों को दबा दबाकर चोद मुझे…. ओह्ह्ह माय लिटिल ब्रदर कीप फकिंग माय पुसी… फ़क मी हार्डर बेबी… मैं: आआह्ह्ह्हह्ह संगीता मेरी रांड … मस्त बदन है तेरा… बहुत मजा आ रहा है तेरी चिकनी चूत में लंड डालकर.. बहन: ओह्ह्ह्हह भाई… फ़क मी मोर…. आह…………. आह………… माय ब्रैदर फक आह…. … फ़क योर सिस्टर..
बहन की बात सुनकर मेरा लंड बहन की चिकनी चूत की तेजी से चुदाई करने लगा. अब हमदोनो क्लाइमेक्स में पहुंच गए थे… मैं उनकी हवा में उछलती हुई चूचियों को दबा दबाकर शॉट मार रहा था.. बहुत धक्कम पेलाई के बाद हम दोनो फिनिश हो गए और मैंने मेरा सारा का सारा वीर्य बहन की चूत में भर दिया और नंगे ही एक दुसरे से चिपक कर लेटे रहे.
दोस्तों मै सात दिन मेरी बहन के ससुराल रहा और हम भाई बहन ने सातों दिन खूब जमकर सेक्स करा और उसके बाद मै मेरे घर आ गया. फिर एक महीने बाद मेरी बहन का फ़ोन आया और उसने बताया की वो रक्षाबंधन के दिन से मेरे साथ जो सेक्स कर रही थी उकसा उन्हें फल मिल गया है और अब वो मेरे से प्रेग्नेंट है. दोस्तों मेरी बहन की बात सुन मै बहुत खुश हुआ क्यों की अब मेरी बहन के घर में बहुत जल्द एक नन्हां महमान आने वाला था
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रक्षाबंधन के दिन बहन की चुदाई की सच्ची कहानी
रक्षाबंधन आने वाला था और एक हफ्ते पहले ही मेरी चाची का फोन आ गया था।“बेटा प्रीतम… याद से रक्षाबंधन वाले दिन घर पर सुबह ९ बजे तक आ जाना। देखो भूलना मत!!” मेरी खुशमिजाज चाची बोली.“ठीक है चाची!! मैं समय पर आ जाऊंगा!!” मैंने कहा और फोन काट दिया
चाची से बात करते ही किम्मी का चेहरे मेरो आँखों के सामने आ गया। २४ साल की मेरी जवान चचेरी बहन। ये बात एक राज थी की किम्मी मुझसे पटी हुई थी। उसे ३ ४ बार मैं चोद भी चुका था। पर जादा दिनों के लिए चाची के घर मुझे रहने को नही मिलता था। मेरा बी.टेक चल रहा था, इसलिए मेरे पास जादा लौंडियाबाजी करने का वक़्त नही था। उपर से मेरा बाप पढाई को लेकर मेरे पीछे पड़ा रहता था और जल्दी मुझे कहीं भेजता नही था।
र अब तो मुझे किम्मी से मिलना का मौक़ा मिल गया था। मेरी चाची का घर मेरे घर से १० किमी दूर था। मैंने बस पकड़ ली और मिठाई के कुछ डिब्बे मैंने साथ ले लिए जो मेरी माँ ने मुझे दिए थे। मैंने चाची के पैर छुए और लॉबी में सोफे पर जाकर बात करने लगा। मुझे हवा लग सके इसलिए चाची ने कूलर का पंखा मेरी तरह मोड़ दिया। कुछ देर में जैसी ही किम्मी वहां आई। मेरा दिल बल्लियों उछलने लगा।
“कैसी हो बहन…..???” मैंने हंसकर पूछा। सिर्फ ये बात हम दो ही जानते थे की मैं कितना बड़ा बहनचोद था। कुछ देर में चाची खाना बनाने चली गयी और हम दोनों इकदम अकेले हो गये। मैंने किम्मी को पकड़ लिया और किस करने लगा
कैसी हो बहन…..???” मैंने हंसकर पूछा। सिर्फ ये बात हम दो ही जानते थे की मैं कितना बड़ा बहनचोद था। कुछ देर में चाची खाना बनाने चली गयी और हम दोनों इकदम अकेले हो गये। मैंने किम्मी को पकड़ लिया और किस करने लगा।
“छोड़ो प्रीतम अगर मम्मी आ गयी तो….???” किम्मी घबराने लगी
मैंने उसे कमर से कपड लिया और एक दो चुम्मा मैंने उसके गाल का ले लिया। डर था की कहीं चाची वहाँ ना आ जाए, इसलिए मैंने किम्मी को छोड़ दिया। हम दोनों दूर दूर बैठकर भाई बहनों को तरह बात करने लगे।
“चलो भाई……राखी बाँधते है!!” किम्मी बोली
“एक शर्त पर की तू मुझे आज चूत देगी!!” मैंने कहा
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“ठीक है रात में मेरी चूत ले लेना!!” वो बोली
उसके प्रोमिस करने के बाद ही मैंने उससे राखी बंधवाई। रात में मेरी चाची ९ बजे तक खाना बनाकर और हम दोनों को खिलाकर सो गयी। मैंने किम्मी को इशारा किया। वो मेरे कमरे में आ गयी। मैंने अंदर से कुण्डी लगा ली और किम्मी को बाँहों में भर दिया। हम दोनों वैसे तो भाई बहन थे, पर असलियत में मेरी चचेरी बहन मेरे लौड़े का माल थी। मेरी चुदक्कड बहन थी।
“ओह्ह्ह…….जान!! कहाँ थी तुम। कितनी याद आई तुम्हारी!!” मैंने किम्मी को बाहों में भरकर कहा
“प्रीतम……..आज मैं भी तुमसे खुलकर चुदवाना चाहती हूँ। याद है पिछले साल हम दोनों ने चुदाई की थी और मजे लिए थे!” किम्मी बोली
“हाँ…..बहन, हमारी चुदाई को पूरा १ साल बीत चुका है। पर तुम चिंता मत करो। आज मैंने तुम्हारी मांग भरकर तुमको सारी रात चोदूंगा और तुम्हारे साथ सुहागरात मनाऊंगा!” मैंने कहा। उसके बाद हम किस करने लगे और एक दूसरे के ओंठ चूस लगे। किम्मी ने एक मस्त नीली रंग की नाईटी पहन रखी थी। वो बहुत मस्त लग रही थी दोस्तों।
मैं उसको लेकर बिस्तर पर चला गया और हम दोनों किस करने लगे। मैंने उसे लिटा दिया और उसके उपर लेट गया। नाइटी में तो किम्मी किसी परी से कम नही लग रही थी। मैंने उसे दोनों बाँहों में भर लिया और उसे सीने से लगा लिया। फिर मैं उसके रसीले होठ चूसने लगा। मेरी चचेरी बहन का जिस्म तो अब और भी जादा खिल गया था। क्या मस्त गोरी गोरी माल थी वो।
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मेरा लंड तो खड़ा होकर १०” का हो गया था। मैं किम्मी के रसीले स्ट्राबेरी जैसे होठो को चूस रहा था और भरपूर मजा ले रहा था। आज मैं अपनी चेचेरी बहन को कसके चोदने वाला था। किम्मी भी मुझे अपने बॉयफ्रेंड की तरह चूस रही थी। जितना चुदाई का जूनून मुझे था…..उसके कहीं जादा जूनून उसे था। हम दोनों गर्मा गर्म चुम्बन में खो गये और १५ मिनट तो सिर्फ चुम्बन और किसिंग ही चलती रही। उसके बाद मैंने अपनी चचेरी बहन किम्मी की नाईटी उतार दी।
उसने अंदर ब्रा नही पहनी थी। सायद जादा गर्मी होने के कारण उसने ब्रा ना पहनी हो। बाप रे….. कितने बड़े बड़े दूध थे मेरी चचेरी बहन के। जब पिछले साल मैं आया था तो उसके दूध ३४” के थे, पर अब तो वो ३८” के हो गये थे। किम्मी काम और वासना की साक्षात देवी थी। मैंने उसके बालों वाले जुड़े से चिमटी निकाल दी, उसके बाल खुल गये। वो बहुत सुंदर और सेक्सी माल लग रही थी। मेरी चाची अपने कमरे में कूलर चलाकर सो रही थी। ये बहुत अच्छी बात थी वरना हम दोनों की चुदाई बड़ी मुस्किल हो जाती। मैं सोचा।
मैं किम्मी के मम्मो को जोर जोर से दबाने लगा। क्या शानदार दूध थे उसके। लग रहा था की मेरे हाथो कोई कायनात लग गयी है। मैंने किम्मी के उपर ही लेट गया और उसके मचलते दूध को मैं दबाने लगा। वो“…..ही ही ही ही ही…….अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह….. उ उ उ…” करके सिसकने लगी। मैंने और जोर जोर से उसके टमाटर दबाने लगा। किम्मी मचल रही थी। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।
मैंने लेटकर उसके बूब्स को मुंह में ले लिया और मन लगाकर पीने लगा। किम्मी मेरे चेहरे को हाथ से सहलाने लगा। मैं जल्दी जल्दी मुंहचलाकर उसका सारा दूध पीने लगा। हालाँकि मेरी चचेरी बहन की छातियों में अभी दूध नही था। जब एक बार चुदवाकर माँ बन जाएगी तो उसकी एक खाली छातियाँ लबालब दूध से भर जाएंगी। मैंने सोचा। पर तब तक तो मुझे ऐसे ही काम चलाना होगा। मैंने पूरी शिद्दत से किम्मी के हसीन मम्मो को पीने लगा और भरपूर मजा लेने लगा।
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आह….मुझे कितना मजा आ रहा था। मैं बार बार चूचियों को बदल लेता था। एक चूची जी भरकर पीता था, फिर कुछ देर बाद दूसरी चूची मैं मुंह में भर लेता था। दिल कर रहा था की किम्मी की चूचियों को आज खा ही जाऊं। किम्मी मुझे अपना सैयां मान चुकी थी और मेरे सर को अपने हाथो से सहला रही थी। मैं उसके दुधिया थन पीने में बिसी था। उसकी निपल्स काम की ज्वाला में जलकर बिलकुल खड़ी हो गयी थी और तन गयी थी। मैं जीभ लगाकर किसी बच्चे की तरह उसकी कड़क हो चुकी खड़ी निपल्स को चूस रहा था। मेरा चाचा ने मेरी चाची को खूब चोदा था, उसकी रसीली बुर में खूब लौड़ा दिया था, तब जाकर किम्मी पैदा हुई था। आज वो जवान हो चुकी थी और अपनी माँ की तरह आज वो भी चुदवाने जा रही थी। मैं ये बाते सोच रहा था और मजा ले रहा था। किम्मी के विशाल ३८” के दूध मेरे मुंह में घुसे हुए थे। ये वाकई एक मस्त नजारा था।
अब मैं उसके बूब्स को अच्छे से चूस चुका था और अब मैं किम्मी की चूत पर आ गया था। उसकी चूत पर कुछ झाटो के बाल मुझे दिख रहे थे। किम्मी ने नाईटी के अंदर पैंटी नही पहनी थी। इसलिए मुझे साफ साफ उसकी चूत दिख रही थी। बड़ी देर तक मैं किम्मी की चूत के दर्शन करता रहा। फिर मैंने उसकी चूत में अपनी ऊँगली डाल दी और अंदर बाहर करने लगा। “……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” वो चिल्लाने लगी। मैं अपनी दौड़ती ऊँगली के बगल अपनी जीभ लगा दी और किम्मी के भोसड़े को पीने लगा।
मुझे बहुत मजा आ रहा था क्यूंकि किम्मी बड़ी तेज तेज आवाजे निकाल रही थी। उसे भी खूब मजा आ रहा था। मैंने ही ४ साल पहले अपनी चचेरी बहन की सील तोड़ी थी। इस वक्त मेरी उँगलियाँ बड़ी तेज तेज किम्मी की चूत में अंदर बाहर हो रही थी। मैंने उसकी चूत और उसके उपर की तरह चूत के दाने को भी पी रहा था। किम्मी कराह रही थी और अपनी गांड उठा रही थी। मैंने ऊँगली निकाली तो उसमे किम्मी के भोसड़े का सारा माल, सारा पानी लग गया था। मैं मुंह में ऊँगली डालकर सारा माल पी गया और फिर से मैंने अपनी ऊँगली किम्मी के भोसड़े में डाल दी और जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लगा।
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मेरी जीभ किसी कुत्ते की तरह लपलपा रही थी और किम्मी के चूत दे दाने और उसके होठो को चाट रही थी। उसे बहुत मजा आ रहा था। वो बेकाबू हो रही थी। कुछ देर बाद मैंने २ २ ऊँगली किम्मी के भोसड़े में पेल दी और अंदर बाहर करने लगा। किम्मी “आई…..आई….. अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…”करने लगी। मुझे उसकी सिसकियाँ बहुत मीठी लग रही थी इसलिए मैंने तेज तेज अपनी २ उँगलियों से उसका गुलाबी और भरा हुआ भोसड़ा फेट रहा था। किम्मी बेकाबू और बेताब हुई जा रही थी। मैं किसी तरह की जल्दीबाजी नही दिखाई और तेज तेज उसकी चूत में ऊँगली करता रहा। मेरी मेहनत रंग लाई और अब मेरी चचेरी बहन की बुर तर, नम और गीली हो गयी थी।
किम्मी की चूत की फांकें बहुत लाल लाल थी। मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और उसे चोदने लगा। किम्मी नंबर १ क्वालिटी की माल थी। वो मेरे चेहरे को सहला रही थी, मैं उसको धीमे धीमे ले रहा था। उधर मेरी चाची कूलर चलाकर सो रही थी। इधर किम्मी संग मैं चुदाई का प्रोग्राम कर रहा था। चुदते चुदते किम्मी का मुँह खुल जाता था और बड़ा अजीब चेहरा बन जाता था। मेरे धक्के धीरे धीरे तेज और तेज होने लगे। वो अपने होठ दांतों से चबा रही थी जिसमे वो बेहद चुदासी और सेक्सी लग रही थी। मेरी कमर नाच रही थी और किम्मी की चूत को चोद रही थी।
“ओह गॉड!! ओह गॉड!!…..यस बेबी !!..ओह यस!! कीप इट अप!! डोंट स्टॉप!!” किम्मी मोन करने लगी। मैं जोर जोर से उसकी चूत में धक्के मारने लगा। पच पच की किम्मी के चुदने की मीठी आवाज मेरे कमरे में गूंजने लगी। इस समय मेरी माल बिलकुल कोई होर्नी स्लट[रंडी] लग रही थी। “ओह्ह गॉड!! ओह्ह गॉड!!फक मी हार्डर!! प्रीतम……कमाँन फक मी हार्डर!!……” किम गुर्राने लगी। मैंने उसके गाल और मम्मो पर २ ४ चांटे कस कसके मार दिए।
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बिच!! आई विल फक यू वेरी हार्ड!!” मैंने कहा और जोर जोर से मैं धक्के मारने लगा। किम्मी की चूत अच्छे से चुदने लगी। मेरा लंड और भी जादा मोटा हो गया था और जोर जोर से अंदर तक किम्मी की चूत में मेरा लंड पहुच रहा था। उसका कुछ गाढ़ा मक्खन जैसा माल मेरे लंड पर लगा गया था जिससे अंदर बाहर होने में मुझे और चिकनाई और फिसलन मिल रही थी।
मैंने अपनी गांड हवा में उपर उठा दी और किम्मी को लेने लगा। कुछ देर में मैंने अपना माल अपनी चचेरी बहन की चूत में छोड़ दिया और हम दोनों प्यार करने लगे। कुछ देर बाद मैंने अपनी जींस की जेब से सिंदूर की डिब्बी निकाली और अपनी चचेरी बहन किम्मी की मांग भर दी और थोड़ा सिंदूर मैंने उसकी चूत में भी लगा दिया।
“ये क्या किया भाई……???” किम्मी हैरत से पूछने लगी
“देख बहन……कुछ सालो में तेरी शादी हो जाएगी और तेरा हसबैंड तेरी मांग भरा करेगा। तो मैंने सोचा की क्यों ना उसके भरने से पहले ही मैंने तेरी मांग भर दूँ!!” मैंने कहा। उसके बाद हम दोनों नंगे नंगे ही लेट गये और मैंने अपनी चचेरी बहन को सीने से लगा लिया। मैं उसके मस्त मस्त सफ़ेद और गोरे पुट्ठे सहलाने लगा। मेरी चचेरी बहन वाकई में बड़ी मस्त माल थी। हम दोनों प्यार की बाते करने लगे।
“बहन…….मैं तेरी कैसी ठुकाई करता हूँ????” मैंने किम्मी से पूछा
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“बहुत मस्त भाई…..किम्मी बोली!!”
“आज तुमने तू मेरी मस्त चूत बजाई है!!” वो बोली। मैं उसके गुलगुल पुट्ठो को सहलाए जा रहा था। आज मैंने उसको अपनी बीबी की तरह चोदा था और उसकी चूत में भी सिंदूर भर दिया था। उसके बाद हम फिर से प्यार करने लगे। मैं फिर से किम्मी के दूध पीने लगा।
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“किम्मी……आ बहन मेरा लौड़ा चूस आकर!!” मैंने कहा
वो मेरे पास आ गयी और मेरा लंड चूसने लगी। उसने तुरंत ही मेरा लंड हाथ में ले लिया और फेटने लगी। मैं उसी के बगल लेट गया था और वो मेरे पास बैठ गयी थी। मैंने अपने सर के नीचे दोनों हाथो को मोड़कर रख लिया जिससे मेरा सर थोडा ऊँचा हो जाए और अपनी चेचेरी बहन से लंड चुस्वाने में मजा आये। किम्मी मेरे मोटे लौड़े को देखकर आश्चर्य कर रही रही। वो मुश्किल से मेरे लंड को पकड़ रही थीक्यूंकि ये बहुत मोटा था। फिर धीरे धीरे वो उपर नीचे हाथ चलाकर फेटने लगी। मुझे मजा आ रहा था। मैंने उसके दूध को हाथ में लेकर सहलाने लगा। कुछ देर बाद किम्मी मेरे लौड़े पर झुक गयी और पूरा का पूरा मुंह में ले गयी और मेरा लंड चूसने लगी।
“……आआआआअह्हह्हह… सी सी सी… हा हा हा….ओ हो हो….” मैं आवाजे निकालने लगा। कुछ देर बाद तो किम्मी किसी चुदक्कड़ लडकी की तरह मेरा लंड चूसने लगी। उसे भरपूर मजा आ रहा था। मैं उसकी नंगी और चिकनी पीठ पर हाथ से सहलाने लगा। किम्मी तो मस्त लड़की निकली। उसने बताया की उसनेब्लू फिल्म में इसी तरह लड़की को लंड चूसते देखा था, वही से वो सीख गयी। कुछ देर बाद किम्मी के हाथो की रफ्तार बढ़ गयी और वो बिजली की रफ्तार से मेरा लंड फेटने लगी। मैं गर्म गर्म आवाजे निकाल रहा था।
किम्मी तेज तेज अपने सिर को उपर नीचे करके मेरा मोटा लंड चूस रही थी। मुझे बहुत मजा आ रहा था। उसके रसीले और गुलाबी होठ मेरे लंड को चूस रहे थे। मैं जन्नत में पहुच गया था। वो मेरे सुपाड़े को अच्छे से चूस रही थी। मैं उसकी चुचियों को दबा रहा था और निपल्स को अपनी ऊँगली से छेड़ रहा था। वो मेरे लौड़े से मंजन कर रही थी।
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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