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Incest छाया दीदी ने बारिश में चुदा लिया
#21
अब वो लोग मान गए और चले गए।

मैं अंदर दीदी के पास गया तो देखा दीदी बिस्तर पर लेटी हुई है और दीदी के पास 2 कंडोम पड़े हुए थे जो पिछले दिन मैं ले के आया था। ये देख कर मुझे अच्छा लगा कि उन लोगों ने दीदी को बिना प्रोटेक्शन के नहीं चोदा।

मैंने दीदी से कहा- दीदी … क्या सब ठीक है?
दीदी- हाँ, सब ठीक है पर इतनी चुदाई के बाद मेरी उठने की हिम्मत नहीं हो रही है। मैं नहाना चाहती हूँ पर उठने की ताकत नहीं बची है।
मैंने कहा- कोई बात नहीं दीदी, मैं आपको बाथरूम में ले जा कर नहलाता हूँ।

इतना कहकर मैंने भी अपने कपड़े खोले और नंगा होकर दीदी को उठाया और बाथरूम में ले गया। वहाँ मैंने शावर चालू किया और दीदी के बदन पर साबुन लगाने लगा और साथ में खुद को भी साबुन लगाया।

दीदी का भीगा बदन देख कर मेरा मन फिर से दीदी को चोदने का हो गया। पर मुझे पता था कि दीदी की बहुत चुदाई हो गयी है इसलिए मैंने दीदी के मुंह में अपना लण्ड डाला और दीदी के मुंह को चोद दिया।

नहाने के बाद मैंने ही दीदी को कपड़े पहनाये और मैं बाहर से खाना ले कर आया था। हम दोनों से मिलकर खाना खाया और बाद में मैंने दीदी को वो दवाई दे दी।
उसके बाद दीदी ने सारा दिन आराम किया।

रात को दीदी को सुमित का फ़ोन आ गया और दीदी डर के मुझसे कहने लगी- अब क्या करूँ?
तो मैंने कहा- उसको बोलो कि आज आपकी तबीयत खराब है और रमेश मेरे साथ है। इसलिए मैं 4-5 दिन तेरे साथ नहीं आ सकती।

दीदी ने सुमित के साथ ये सब बोल दिया और दीदी अपनी चूत और ज्यादा फड़वाने से बच गयी।

अगले दिन सुभाष को मैंने फ़ोन किया और वो भी दोपहर 2 बजे घर आ गया और उसने भी दीदी की चूत और गांड खूब मारी।

उसके बाद वो सब दीदी से दूर हो गए। हालाँकि हम दोस्तों में ऐसी गन्दी बातें तो चलती ही रहती थी। निशा दीदी की चुदाई के बाद भी हम सब दोस्तों ने कई लड़कियों को चोदा था पर मैं उनके साथ ज्यादा नहीं जाता था क्यूंकि मुझे तो घर में ही चुदाई की दुकान मिल गयी थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#22
मैंने दीदी को एक साल तक हर रोज़ चोदा है। हम एक साथ एक ही बिस्तर पर सोते थे। मैं रोज़ रात को दीदी की चुदाई करता था और हम दोनों नंगे ही एक दूसरे के साथ सोते थे। कभी मैं दीदी को बाथरूम में नहाते बार चोदता तो कभी रसोई में खाना बनाते बार तो कभी सफ़ाई करते वक्त।

वो एक साल मेरी ज़िन्दगी का बहुत सुन्दर साल था।

उसके बाद दीदी का कॉलेज खत्म हो गया और दीदी गाँव चली गयी और नौकरी की तलाश करने लगी। उसके बाद हम जब भी अकेले में मिलते तो मैं दीदी सेक्स का मजा लेता। कभी गाँव वाले घर में रात को मैं चुपके से दीदी के कमरे में जाता और मजे ले के वापिस अपने कमरे में वापिस हो जाता था।

कुछ साल बाद दीदी की सुमित से शादी हो गयी और मैं नौकरी लग गया था। समय के साथ हम सब दोस्त दूर हो गए और अब उनसे मिले काफी समय हो गया।

अभी भी शादी के बाद भी जब निशा दीदी अकेली मिलती है तो मैं दीदी की चूत मार लेता हूँ। फर्क बस इतना है कि अब दीदी की चूत नहीं भोसड़ा बन गया है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#23
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#24
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#25
......................60
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#26
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#28
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#29
(04-08-2020, 01:06 PM)neerathemall Wrote:
छाया दीदी ने बारिश में चुदा लिया

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#30
HAPPY
NEW YEAR
2022


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#31
(04-08-2020, 01:06 PM)neerathemall Wrote:
छाया दीदी ने बारिश में चुदा लिया

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#32
barish me
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