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Adultery Sexy Biwi ki Chudai Padosi se (With Pics)
#1
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Renu
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#2
मैं देख रहा था की कैसे रेनू अपने शॉर्ट्स उतार रही है और धीरे-धीरे अपनी खूबसूरत गांड को नंगा कर रही है। उसकी गांड उसकी बिकिनी से बाहर आने को बेताब थी। उसकी कमीज पहले से ही उसके बगल में कपड़ों के ढेर में थी और उसके बड़े मम्मे उसकी बिकिनी के टॉप में कसकर जकड़े हुए थे। मैं अपने घर के पीछे स्विमिंग पूल के पास कुर्सी पर लेटा उसे देख रहा था और मार्गरीटा पी रहा था।
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मेरी पत्नी रेनू एक बहुत सुंदर महिला है। उसके काले घने बाल, भूरी आँखें और आकर्षक चेहरा किसी को भी दीवाना बना सकता है। उसक बड़े मम्मे, सपाट पेट और मोटी गांड जिनका मैं शादी के इतने साल बाद भी आशिक हूं। घर में उछलते हुए उसके खूबसूरत मम्मे और गांड मुझे आज भी उतना ही उत्तेजित करते हैं जितना शादी के तुरंत बाद करते थे।

मेरी बीवी का कद 5 फुट 7 इंच के करीब है और उसका बदन कामुकता से भरपूर है लेकिन वो स्वभाव से शर्मीली और थोडा रिज़र्व है। वह कॉलेज तक तो काफी अलग थलग रहती थी लेकिन नौकरी करने के बाद धीरे धीरे उसके व्यक्तित्व में निखार आता गया और अब उसे देखते हुए यह असंभव लगता है ये कभी बहुत कंजरवेटिव थी। वो अब एक बड़े बैंक में कस्टमर रिलेशन की VP है और वह जहां भी जाती है वासना भरी निगाहों को खुद को घूरते हुए पाती है और यह बात मुझे बहुत उत्तेजित करती है की मैंने मैं इतनी खूबसूरत महिला से शादी की है फिर भी वह यह मानने से इनकार करती है कि वह वास्तव में कितनी आकर्षक है।
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दोस्तों मेरा नाम मनीष है। मेरी पत्नी रेनू 32 साल की है और मैं 34 साल का हूं। मैं एक बिजनेस मैन हूं। रेनू यूनिवर्सिटी में मेरी जूनियर थी और हम एक दोस्त के जरिये पहली बार मिले और जल्दी ही हमें प्यार हो गया। ग्रेजुएशन के बाद मैंने मैं फ़ौरन एक नौकरी कर ली और उसके 4 साल बाद हमारी शादी हो गयी। अब हमारी शादी को 8 साल हो गए हैं।

शादी के दो साल बाद रेनू ने भी नौकरी शुरू कर दी और मैंने मैं नौकरी छोड़ कर बिज़नस शुरू किया। शुरुआती दौर काफी मुश्किल था लेकिन फिर मेरा काम ठीक होता गया और रेनू भी तरक्की करती गयी। अब हम दोनों ही का करियर काफी ठीक हो गया है।

अभी एक साल पहले हमने राजधानी से सटे हुए इलाके में अपना पहला घर खरीदा था। ये एक काफी बड़े एरिया में बसी हुई सोसाइटी थी लेकिन इसमें सिर्फ डुप्लेक्स विला ही थे। यह काफी पॉश सोसाइटी थी जहाँ केवल दो घर एक दूसरे के बगल में बने थे और फिर 200 मीटर के बाद दो घरों का एक और ब्लॉक था। इस तरह के कुल 30 ब्लाक और कुल 60 मकान इस सोसाइटी में थे। हमारे घर के ठीक सामने एक Golf कोर्स था और इस घर को लेने के लिए सबसे बड़ी वजह इसके पीछे बना निजी स्विमिंग पूल था जो की सिर्फ 20 घरों में था। बाकी लोगों के लिए क्लब हाउस का स्विमिंग पूल था।
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#3
मैं आराम से अपने ड्रिंक की चुस्कियां ले रहा था की तभी रेनू ने पूल में छलांग लगे और पानी के छींटे उड़ कर मेरे ऊपर गिरे। रेनू ने डुबकी लगाई और वह सतह के नीचे तैरती हुई अंत में दूसरे छोर पर निकली। मैं अपना ड्रिंक टेबल पर रखकर खड़ा हो गया और मैंने मैं जल्दी से अपनी शर्ट उतार दी।

मैं 6 फुट का हूँ और बहुत मोटा भी नहीं हूँ और बहुत दुबला भी नहीं हूँ। मैं अपनी पत्नी की तुलना धीरे से पानी में कूद गया और तैरते हुए रेनू के पास चला गया और उसे अपनी बाँहों में भर लिया, हमारे गीले चेहरे धीरे धीरे करीब आये और मैंने मैं उसके होठो को अपने होठो से बंद कर दिया।
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"मैं कल छुट्टी लूंगी" उसने किस तोड़ कर बोला। उसके सुंदर होंठ पानी की नाजुक बूंदों से ढके हुए बहुत खूबसूरत लग रहे थे। आज रविवार था और अब तक बहुत अच्छा बीता था लेकिन दोपहर ढल रही थी और जल्दी ही शाम होने वाली थी।

मैं उसे फिर से चूमा, "काम करने का तो मेरा भी मन नहीं है बेबी।"
"चलो दोनों कल छुट्टी लेते हैं, एक दिन अपने लिए निकालें, मस्ती करेंगे।"
मैं मुस्कुराया, "तुम्हें तो पता है की कल मुंबई से क्लाइंट आ रहे हैं तो मीटिंग के लिए जाना ही होगा। कल तो छुट्टी मुश्किल होगी..."

इससे पहले कि रेनू जिद करती बगल के यार्ड से एक आवाज आई।

"हेल्लो!"
ये हमारे पड़ोसी राजेश जी थे। वो एक सज्जन व्यक्ति थे जिनकी उम्र लगभग 48 वर्ष होगी। वो पेशे से एक वकील थे। लगभग 5'-8 " का कद और एक गठा हुआ शरीर। जिम वाला नहीं लेकिन निश्चित रूप से अपनी उम्र के हिसाब से वो काफी फिट थे। वह मिलनसार स्वभाव के थे और अक्सर हमसे बातें करने आ जाते थे। उनकी पत्नी दिव्या बैंगलोर में अपनी सॉफ्टवेयर इंजीनियर बेटी के साथ रहती है और वह 3 साल से अधिक समय से यहाँ अकेले रह रहे थे। उनकी बेटी साल में एक बार दफ्तर से छुट्टी लेकर अपनी माँ के साथ उनसे मिलने आती थी और बीच बीच में राजेश भी उनसे मिल आते थे लेकिन ज्यादातर वह बगल के घर में अकेले रहते थे।

मैंने मैं उनसे एक बार पूछा की वो भी बंगलौर क्यों नहीं शिफ्ट हो जाते तो उन्होंनेन्हों कहा की काम धंधा तो यहाँ ह तो वहां क्या करेंगे और एक दो सालों में बेटी की शादी हो जाएगी तो दिव्या भी वापस आ जाएगी। हालाँकि वो बहुत कम ही ऑफिस या कोर्ट जाते थे और मैंने मैं उनको ज्यादातर घर पर ही देखा था। उन्होंनेन्हों कोई नौकर भी नहीं रखा था और अपने सारे काम वो खुद ही करते थे।
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#4
वैसे तो दूसरे सारे घरों के बीच दीवार थी पर पता नहीं क्यों हम दोनों के घर सिर्फ कुछ पेड़ लगा कर अलग किये गए थे। बिल्डर ने कहा था की यदि आप चाहें तो दीवार खड़ी करवा सकते हैं लेकिन दीवार न होने से हमारा लॉन बड़ा लगता था तो हमने जरूरत नहीं समझी। राजेश हमेशा अपने घर पर काम करते रहते थे और उनका ज्यादातर वक़्त लॉन को ठीक करने में जाता था। उनके लॉन की स्थिति हमारे मुकाबले काफी बेहतर थी। इस वक़्त भी वो अपने गमलो में खाद डालने आये थे।

"अरे वकील साहब, कैसा चल रहा है?" मैंने मैं उत्तर दिया।

रेनू उन्हें देख कर पानी के नीचे चली गई, उसको लगा की पानी में उसकी बिकिनी ज्यादा छोटी लग रही होगी तो वो राजेश से बचना चाहती थी।
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राजेश ने खाद के बैग को रख दिया और मुस्कुराते हुए हमारे हिस्से में चले आये।

"अरे मनीष जी बस लॉन का कभी न खत्म होने वाला काम, कभी खाद डालो तो कभी घास काटो तो कभी पेड़ों की छटाई, यही सब चलता रहता है।" 
वो रुके और पूल में रेनू की तरफ देखने लगे जो अब वापस पानी की सतह पर आ गयी थी।

"जी खुद करने में मेहनत तो है लेकिन हमारा लॉन देखिये। माली के भरोसे छोड़ने से क्या हालत है और आपका लॉन इसके मुकाबले शानदार है और आप मुझे मनीष जी न कहा करें। आप तो मुझे मोनू कह कर बुलाया करें। सभी दोस्त इसी नाम से बुलाते हैं" मैंने कहा।
"तय रहा लेकिन आप भी मुझे राजेश पुकारेंगे। आप दोनों हमेशा मुझे राजेश जी कहते हैं। भाई मैं इतना भी बूढा नहीं हूँ।" वो हँसते हुए बोले।

"आप दोनों इस पूल का खूब आनंद लेते हैं वर्ना आपस पहले यहां रहने वाले लोगों ने तो कभी इसका इस्तेमाल नहीं किया। हर इतवार को मैं देखता हूं तो आप लोग तैर रहे हैं।"
"बस पैसे वसूल कर रहे हैं।" मैंने मैं मुस्कुराते हुए जवाब दिया।
“मार्गरीटा पीयेंगे? आज हमने थोड़ी ज्यादा बना ली है।”

उन्होंने  अपना सिर न में हिलाया,
“पहले तो मुझे इधर आना ही नहीं चाहिए था लेकिन अब और रुक कर आप लोगो को डिस्टर्ब नहीं करूंगा।”
“अरे कैसी बात करते है, इसमें डिस्टर्ब करने की क्या बात है” मैंने मैं जोर देकर कहा “रेनू डार्लिंग, प्लीज राजेश के लिए एक ड्रिंक ले आओगी” मैंने रेनू की गांड को पानी के नीचे थपथपाया।

रेनू मुस्कुराई और थोड़ा शरमाते हुए बोली “बिल्कुल अभी लाई”
रेनू धीरे-धीरे सीढ़ियों से ऊपर चली गई और पूल से बाहर निकलते ही उसके बड़े मम्मो से पानी बह निकला। उसकी बिकनी नार्मल पुराने ज़माने टाइप की थी लेकिन फिर भी उस सुर्ख गुलाबी टू पीस बाथिंग सूट में उसका जितना बदन दिख रहा था उतना आज तक राजेश ने नहीं देखा था। अपने पड़ोसी को अपनी सुन्दर बीवी का बदन दिखाने में मुझे एक गर्व सा महसूस हो रहा था।
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राजेश मेरी वजह से सीधे रेनू को घूर नहीं पा रहा था लेकिन यह तय था कि उसने जो देखा वह उसे बहुत पसंद आया। जब से हम यहाँ आए हैं, वो जब मौका मिलता तो मेरी नज़र बचा कर रेनू को ताड़ने में संकोच नहीं करता था, लेकिन मुझे बुरा नहीं लगता क्योंकि लगभग हर आदमी जो रेनू के संपर्क में आता है, वह यही करता है तो मुझे अब इसकी आदत सी हो गयी है।

जैसे ही रेनू ने ड्रिंक उसे थमा दी, उसने हवस भरी नजरो से मेरी बीवी को ऊपर से नीचे देखा और बोला “शुक्रिया मैडम”

रेनू ने फिर से पूल में छलांग लगा दी और मेरे साथ शामिल हो गयी और राजेश फटाफट अपना ड्रिंक पिया
और थोड़ी देर मुझसे बातचीत करने के बाद गुडबाय बोल कर चला गय
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#5
और हम भी पूल से निकल कर घर के अन्दर चले गए।

उस रात में मैं रेनू को अपने बेडरूम में चोद रहा था। मैं उसको डॉगी पोज़ में चोद रहा था और देख रहा था की मेरा छह इंच का लंड जब उसकी चूत में अन्दर बाहर होता है तो उसकी गांड कैसे थिरकती है।
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मेरा लंड अन्दर लेते ही वह धीरे से कराह पड़ती थी, अचानक मेरा दिमाग दोपहर की बात पर चला गया और मैं अंदर ही अंदर मुस्कुराया। मैंने मैं सोचा की अगर राजेश मेरी बीवी को इस हालत में देखे तो बेहोश ही हो जायेगा।

इस विचार ने मेरे मन में एक घबराहट पैदा कर दी और मैंने जल्दबाजी में अपने दाहिनी ओर देखा। मैं हमारे बेडरूम का पर्दा देख रहा था जो की ठीक से बंद था। दरअसल घर खरीदने के बाद हमने ध्यान दिया की हमारे मास्टर बेडरूम की मेन खिड़की और राजेश के मास्टर बेडरूम की खिड़की करीब 10-12 फीट की दूरी पर एकदम आमने सामने थी। शिफ्ट होने के कुछ ही दिनों में हमने राजेश को कई बार अजीब हालत में देखा था क्योंकि वो कभी भी अपने परदे बंद नहीं करता था। 

लेकिन रेनू को अपनी प्राइवेसी को लेकर थोडा चिंतित हुई तो मैंने मैं खिड़की पर काफी भारी पर्दे लगाये जिनसे आर पार कुछ न दिखे और हमने अपने पर्दों को हमेशा बंद रखना शुरू कर दिया। कभी कभी तो मुझे लगता था कि अगर रेनू चुदाई के बहुत जोर से सिस्कारियां ले तो राजेश उसे आसानी से सुन लेगा और समझ जायेगा की हम क्या कर रहे हैं।

मैंने मैं अपने मन से इस विचार को हटाया और अपनी सेक्सी बीवी को चोदना जारी रखा। लेकिन इस विचार से मेरी उत्तेजना चरम पर पहुच गयी और मैं मेरी बीवी की चूत में ही झड गया। मेरे झड़ते ही रेनू धीरे से सिसकी भरी। अक्सर मैं उसे झडवा कर ही झड़ता था लेकिन आज राजेश के बारे में सोचते हुए मैं जल्दी झड गया।
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चुदाई के बाद हम दोनों साथ साथ नहाये और फिर सोने के लिए लेट गए। दोपहर की बात फिर से मेरे दिमाग में कौंध गई और मैंने मैं रेनू से कहा, “आज दोपहर को राजेश तुम्हे कुछ ज्यादा ताड़ रहा था न?”
रेनू ने आह भरी, “तुम्हें तो हमेशा लगता है कि लोग मुझे ताड़ रहे हैं।”
मैं हँसा, “क्योंकि वो ताड़ते हैं। खासकर हमारे पड़ोसी वकील साहब”
रेनू शरमा गई, “हो सकता है... वैसे उसने पहले भी तो मुझे स्विम सूट में देखा है।”
मैंने मैं बोला, “उस बेचारे को ज्यादा एक्शन तो मिलता नहीं है। बीवी साथ रहती नहीं और ज्यादा बाहर वो जाता नहीं और रंडी घर लाता हो उस तरह का आदमी भी नहीं है तो मैं उसे ऐसे माल को घूरने के लिए दोष नहीं ठहरा सकता।”

रेनू ने मुझे कंधे पर हलके से थप्पड़ मारा “ठरकी आदमी।” उसने मजाक में कहा।
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#6
2-3 हफ़्ते बीत गए और हम ये बात भूल गए। इस बीच आते जाते राजेश और मैं कई बार मिले और हर बार वह बहुत सभ्यता से पेश आया। एक दिन मैं और रेनू
शौपिंग के लिए जा रहे थे की राजेश हमें गेट पर ही मिल गया और उसने कहा “हेल्लो, मैंने अपने दोस्त से कुछ ख़ास गार्डन के लिए मंगाए हैं। आप चाहें तो कुछ
आप अपने लॉन में भी लगा सकते है। सब फूल देने वाले पौधे हैं।”

“जरूर, क्यों नहीं” मेरे कुछ कहने से पहले ही रेनू ने उसका प्रस्ताव स्वीकार कर लिया।

जीवन एकदम सामान्य चल रहा था लेकिन दो दिन बाद हुई एक घटना ने इसको एक अजीब और कामुक मोड़ दे दिया।
यहाँ मैं बताना चाहूँगा की मेरी बीवी की चून्चिया 38DD साइज़ की एक दम नेचुरल और टाइट हैं। देखने में वो एक पोर्न स्टार के मम्मे लगते हैं किसी भारतीय
गृहिणी के नहीं।
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मैं एक सुबह नाश्ता कर रहा था जब अचानक रेनू सीढ़ियों से नीचे भागती हुई आ रही थी, वो मेरे ऊपर चिल्ला रही थी। उसका चेहरा लाल था और वो बहुत
गुस्से में थी।

“मोनू! तुमने पर्दे खुले क्यों छोड़े!? तौलिया बेड पर पड़ा था और मैं बाथरूम से बाहर निकल आई!”
मुझे तुरंत समझ नहीं आया कि वो इतनी गुस्से में क्यों है, “तो...?” मैंने पूछा
“राजेश वहीं था! अपने बेडरूम से वह मुझे घूर रहा था!”
टोस्ट लगभग मेरे गले में अटक गया “ओह शिट। मैं तो देख रहा था की बारिश धीमे हुई या नहीं। शायद वापस बंद करना भूल गया। सॉरी बेबी, तुमने कुछ भी नहीं पहना था क्या?”

रेनू फिर भी चिल्ला रही थी, “बोला तो की कपडे और टॉवल बेड पर था। अब सॉरी बोल कर क्या होगा।
तुम्हारे पड़ोसी ने तुम्हारी नंगी बीवी के नंगे बदन को अच्छी तरह नापा!”
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मैं ये सुन कर हँसे बिना नहीं रह सका। मुझे हँसते देख रेनू और भड़क गयी “अजीब आदमी हो। कोई आदमी तुम्हारी बीवी को नंगा देख रहा है और तुम हंस रहे हो”

मैंने बोला “यार ये एक एक्सीडेंट था और राजेश तो बेचारा शरीफ आदमी है! तुमने तो राजेश का दिन बना दिया या शायद उसका ये साल ही तुमने खुशनुमा कर
दिया! अब ज्यादा परेशान मत हो, ये कोई बहुत बड़ी बात नहीं है”

रेनू परेशान हो उठी और चिढ कर बोली, “वाह, बहुत ख़ुशी की बात है कि यह तुम्हारे लिए कोई बड़ी बात नहीं है! अरे वो रोज आते जाते हमसे मिलता है। हे
भगवान, मैं अब उससे आंखे कैसे मिलाऊँगी!” वह उठकर बडबडाते हुए वापस ऊपर चली गई।
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#7
मैं नाश्ता ख़त्म करके ऑफिस के लिए निकला तो देखा की मेरी कार के पास राजेश खड़ा था और उसका चेहरा शर्म से लाल हो रहा था।

मुझे देखते ही वो बोला, “मनीष। I am extremely sorry! देखो, मुझे सच में बहुत खेद है, मैं नहाकर निकला और अचानक मेरी नज़र रेनू पर पड़ गयी और
मुझे कुछ समझ आता उससे पहले ही उसने पर्दे बंद किये और मैंने उसकी चीख सुनी, और ...”

मैंने उसे रोका, और हंसते हुए कहा “मैं समझ सकता हूँ राजेश, यह एक एक्सीडेंट था। यह कोई बड़ी बात नहीं है।”
“रेनू पता नहीं मेरे बारे में क्या सोच रही होगी” वो अभी भी घबरा रहा था।
“मैंने मैं रेनू को समझा दिया है। आप बिलकुल परेशान न हों” मैंने उसे दिलासा दिया।

उसने राहत की सांस ली, शायद उसको यह नहीं पता था कि मैं कैसे प्रतिक्रिया दूंगा, उसको लगा था की मैं शायद झगडा करूंगा।

मैंने मैं माहौल हल्का करने के लिए कहा, “और वैसे भी ऐसा तो कुछ भी नहीं होगा जो आपने पहले नहीं देखा हो।” और मैंने मैं उसकी पीठ थपथपाई।
वह शर्मिंदगी में अपने सिर के पिछले हिस्से को खुजाने लगा फिर मुस्कुरा कर बोला “अरे नहीं, मेरी बीवी भी सुन्दर है लेकिन इतनी नहीं और सच तो ये है ऐसी
सुन्दरता मैंने मैं पहले कभी नहीं देखी। आप बुरा मत मानियेगा लेकिन आप बहुत भाग्यशाली व्यक्ति हैं।” बोल कर वो फिर से परेशान हो गया। शायद यह सोचकर कि वो माफ़ी मांगने आया था और अब मेरी बीवी के नंगे जिस्म की तारीफ करने लगा।
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उसकी टिप्पणी ने मुझे भी आश्चर्यचकित किया क्योंकि वो एक तरह से कह रहा था की मेरी बीवी उसको सुन्दर लगती है खासतौर पर नंगी। उसके रेनू के
प्रति आकर्षण की बात स्वीकार करना मुझे काफी उत्तेजित कर रहा था, मेरा मतलब है की मैं वैसे भी ये बात समझता था लेकिन पक्का नहीं था, आज राजेश
के मुह से ये सुनना बिल्कुल अलग बात थी। लेकिन मैंने मैं बेवजह बात आगे बढ़ाना जरूरी नहीं समझा।
मैंने मैं मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरी बीवी की तारीफ के लिए शुक्रिया। मुझे पता है की रेनू के मामले में मैं बहुत लकी हूँ।”

अगर उसकी जगह कोई और होता तो मेरी बीवी पर की गयी टिप्पणी शायद मुझे नाराज करती लेकिन किसी वजह से राजेश के मुंह से सुनकर मुझे गुस्सा
नहीं आया और मैंने उसको हलके में लिया।

मैंने तय किया की उस रात रेनू घर का कोई काम नहीं करने दूंगा। मैं ऑफिस से जल्दी निकल आया और मैंने पर्दे खुले छोड़ देने के लिए रेनू से माफी के रूप में एक सरप्राइज डिनर तैयार किया और रेनू का इंतज़ार करने लगा। वैसे मुझे वास्तव में कोई दुः ख नहीं था की राजेश ने रेनू को नंगा देख दिया बल्कि मैं खुश था या फिर मुझे एक अजीब तरह का गर्व था।

रेनू अपने तय समय पर वापस आई और मुझे घर में देख कर अचम्भित हुई क्योंकि आम तौर पर मैं हमेशा उसके बाद ही घर आता था। वह थकी हुई लग रही
थी, लेकिन हमेशा की तरह बहुत सुंदर दिख रही थी। पहले तो उसने मुझसे नाराजगी दिखाते हुए बात नहीं की लेकिन मेरे माफ़ी मांगने से आखिरकार वो पिघल
गई।

“सॉरी, मैं सुबह बहुत ज्यादा चिल्लाई थी, मुझे पता है कि वो एक एक्सीडेंट था” उसने माना, “लेकिन मेरी हालत सोचो... पूरी नंगी और सामने से राजेश बेशर्मो
की तरह बिना पलक झपकाए एकटक मुझे घूरे जा रहा था।”

मैं मुस्कुराया और उससे कहा, “मैं जब ऑफिस के लिए निकल रहा था तो राजेश मुझसे मिलने आया था।”
वह तुरंत शरमा गई, “क्या बोला? हे भगवान। मुझे नहीं पता कि मैं उसका सामना कैसे कर पाऊंगी।”
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#8
“मैंने मैं यह सुबह भी कहा की ये कोई बड़ी बात नहीं है बेबी और वैसे भी इसमें तुम्हारी क्या गलती।” मैंने उसकी शर्म को कम करने की कोशिश की और बोला
“पहले तो उसने मुझसे माफ़ी मांगी और फिर बोला कि मैं बहुत भाग्यशाली व्यक्ति हूं।” जैसे ही मैंने मैं ये कहा, मैंने रेनू की ओर देखा, मैं उसकी प्रतिक्रिया के लिए उत्सुक था।

उसने चौकते हुए कहा, “उसने ऐसा नहीं बोला होगा!” मैंने सिर हिलाया, “उसने बोला। उसने ये भी कहा कि रेनू के पास एक बहुत सेक्सी और सुंदर शरीर है और आपको इस पर बहुत गर्व होना चाहिए” मैंने बोला।
भले ही यह पूरी तरह सच नहीं था, लेकिन झूठ भी नहीं था। उसकी बात का मतलब यही था भले ही उसने इसे ठीक इस तरह न कहा हो।
“तुमने क्या कहा!?” उसने लगभग चिल्ला कर पुछा।
मैं मुस्कुराया, “क्या कहता? मैंने मैं उससे कहा कि मैं जानता हूं की मैं बहुत भाग्यशाली व्यक्ति हूं।”

वह शरमा गई लेकिन इस बार उसके चेहरे की लाली में शर्मिदगी के साथ आर भी कुछ था। इतने सालों में यह पहली बार था कि मेरे अलावा उसने किसी दूसरे
आदमी को खुले तौर पर उसके नंगे जिस्म की तारीफ करते सुना था। उसके चेहरे की लाली में शर्म के साथ साथ अपनी खूबसूरती पर एक गर्व और उत्साह भी
मौजूद था।

फिर हमने चुपचाप खाना खाया और मिनटों के बाद हम अपने बिस्तर पर नंगे थे और जानवरों की तरह चुदाई कर रहे थे। आज रेनू की चूत ईतनी गीली थी
जितनी मैंने मैं काफी लम्बे समय से नहीं देखी थी, और मेरा लंड लोहे की रोड की तरह सख्त था। ऐसा क्यों था मैं ये समझ नहीं पाया। 
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अचानक वो मेरे ऊपर आ गयी और एक काउगर्ल की तरह मेरे लंड की सवारी करने लगी। मैंने मैं उसके बड़े मम्मों को पकड़ लिया और उन्हें जोर से मसलते हुए उकसाया “अरे आज तो तुम्हारी चूत बहुत पानी छोड़ रही है मेरी जान, क्या बात है।”
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चुचिया दबाने से वो कराह उठी, उसने अपना सिर पीछे झुका लिया और मेरे कंधों को पकड़ लिया लेकिन कुछ नहीं बोली।
मैं खुद को रोक नहीं पाया और उसे और चिढ़ाया,
“मुझे लगता है की तुमको रोज राजेश को अपनी खूबसूरती के दर्शन कराने चाहिए।”
उसने मेरी छाती पर थप्पड़ मारा, “स्टॉप इट” उसका स्वर गंभीर था लेकिन सच में नहीं चाहती थी की मैं रुकूँ। वो भी उत्तेजित हो रही थी, उसके होठ थरथरा
रहे थे और वो मदहोशी में सिस्कारिया ले रही थी।

“मुझे यकीन है कि वह तुम्हारे खूबसूरत नंगे जिस्म पर एक और नज़र डालने के लिए कुछ भी करने का तैयार हो जायेगा।” मैंने मैं रेनू को फिर से छेड़ा और साथ ही उसके निपल्स को अपनी चुटकी में दबाते हुए कस कर मसला जो उसे बहुत पसंद था।
वह जोर से कराह उठी, वह जोर जोर से मुझ पर उछलने लगी और अचानक मेरे लंड पर जोर से बैठगयी जैसे मुझे पीस देगी, इसके साथ ही उसकी चूत बहने लगी और वो झड गई।

मुझे लगा की वो इतनी तेज़ कराही है की राजेश ने भी उसकी आवाज सुनी होगी और ये सोचते ही मैं भी उसके अंदर झड गया। ऐसा ओर्गास्म आज बहुत दिनों
बाद हुआ था। हम दोनों नंगे एक दुसरे से गुथे हुए लेते रहे और वैसे ही कब सो गए पता ही नहीं चला।
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#9
Waiting for next update
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#10
कुछ दिन बीत चुके थे और अगला वीकेंड नजदीक आ गया था। मैं शनिवार को देर से उठा और जब मैंने मैं खिड़की से बाहर देखा तो बाहर मुझे आश्चर्य में डालने वाला नज़ारा था क्योंकि मैंने रेनू और राजेश को बातचीत करते देखा। मेरी बीवी जो उस घटना के बाद से राजेश के सामने आने से कतराती थी वो हमारे बगीचे में कुछ पौधे लगा रही थी और राजेश उसकी मदद कर रहा था।

हालाँकि रेनू ने सलवार कुरता पहना था लेकिन उन्हें हँस हँस कर बातचीत करते देखकर मेरे अंदर कुछ हलचल मच गई। राजेश ने कुछ दिन पहले ही उसे नंगा देखा था और यहाँ दोनों बॉटनी की बात कर रहे थे।

थोड़ी देर में रेनू अंदर आई, हलके पसीने से उसका चेहरा चमक रहा था।
मैंने मैं मजाक किया, “तुम तो बोल रही थी की अब राजेश से कभी नजर नहीं मिला पाओगी।”। 
वह शर्मा गई और बोली “आखिर पडोसी है, सामने पड़ने से कब तक बचा जा सकता है”
मैंने मैं कहा, “ये तो है, वैसे क्या उस दिन के बाद आज उससे मिलना, बातें करना बहुत अजीब था?”
“हाँ! शुरुआत में” वह इस विषय पर बात नहीं करना चाहती थी और कुछ घबराई हुई लग रही थी।
“उसने क्या कहा?”
“कुछ नहीं”  बोलते-बोलते वह कांप उठी, उसकी शर्म उसका पीछा नहीं छोड़ रही थी “मैं बाहर टहल रही थी की वो अचानक कुछ पौधे लेकर आ गया और बोला की वो पौधे आ गए है जो मैंने मैं आपके लिए मंगवाए थे। ये आप अपने लॉन में लगा लीजिये। 

मैंने पौधे ले लिए तो वो बोला की अभी लगा लीजिये वरना मुरझा जायेंगे और जब मैं पौधे लगाने लगी तो वो मेरी मदद करने के बहाने हमारे लॉन में आ गया और इधर उधर की बाते करने लगा। पहले तो उससे बात करना अजीब लग रहा था फिर धीरे धीरे हम सामान्य बातें करने लगे...”
फिर वो रुक गयी और उसने फ्रिज से एक गिलास पानी लेकर पिया। जाहिर था की वो अटपटा महसूस कर रही थी लेकिन मैं पूरी बात जानना चाहता था इसीलिए मैंने  पूछा “फिर क्या हुआ?”।

“फिर क्या? उसने जाने से पहले उस दिन के लिए माफी मांगी, लेकिन मैंने उससे कहा कि कोई बात नहीं, गलती मेरी भी थी।” ये बोलकर वह और शरमा गई। “फिर उसने मजाक में मुझसे कहा कि अगर किसी को हर सुबह ऐसे नज़ारे मिलें तो उसको पूरे दिन किसी और नशे की जरूरत नहीं होगी।”
मैं ये सुन कर हसने लगा “देखा! उस दिन तुम बोल रही थी की वो ऐसा नहीं बोल सकता है। तुमने उससे क्या कहा?”
“अब ऐसी बात का कोई क्या जवाब देगा, मैं बस हँस कर वहां से वापस आ गयी। यही आज की बातचीत का अंत था।”

हम थोड़ी देर चुप बैठे रहे फिर रेनू ने कहा, “मुझे आश्चर्य इस बात का है कि तुमको उस दिन गुस्सा क्यों नहीं आया।”
मैंने मैं कहा, “बेबी इसमें गुस्सा ने वाली क्या बात थी, हम दोनों राजेश को जानते है। वह उस तरह का आदमी नहीं है और इसमें उसकी क्या गलती थी। He is Harmless.” मैंने मैं उसे और चिढ़ाया, “और तुमने किसी गैर मर्द को अपना नंगा जिस्म दिखाने का फैसला किया तो इसमें मैं क्या कर सकता था ।”

उसने हँसते हुए मुझे जवाब दिया, “सही बात है!... वैस मुझे लगता है कि तुमको इस सबमें बड़ा मजा आया और तुमको यह बहुत पसंद है कि लोग मुझे नंगी देखें!”
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मैं पकड़ा गया लेकिन केवल एक पल के लिए, “ऐसी बात नहीं है। वो तो तुमको उत्तेजित देखकर मुझे एक किक मिलती है, बस।” मैंने मैं बिना ज्यादा सोचे आगे कहा, “और तुम जानती हो कि मैं क्या सोचता हूं? मुझे लगता है कि तुमको राजेश को टीज करने में बहुत मजा आता है।”
“मोनू!” रेनू नाराज होकर उठ गयी।
“ओहो रुको रेनू, यह कोई नाराज होने वाली बात नहीं है। मैं तो तुमसे कहता ही हूँ की तुम एक खूबसूरत महिला हो, तुमको अपने शरीर को और दिखाना चाहिए। मुझे खुशी है कि तुमने आखिरकार मेरी बात मानी।”
“कमाल हैं! मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि तुमको लगता है की मैं जान बूझ कर उसके सामने नंगी चली गयी।”
मैं हँसा और उसे कमर से पकड़कर अपनी गोद में खींच लिया। “नाटक बंद करो और मुझे एक किस दो।” 
उसने जवाब में मुझे किस किया और मुझे लगा की इस बातचीत से वो भी काफी गरम हो गयी है और मैं उसे लेकर अपने बेडरूम में चला गया।
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#11
अगला हफ्ता बिना किसी असामान्य घटना के बीत गया और अगले रविवार को हम दोनों को कुछ दोस्तों ने ब्रंच के लिए बुलाया था। ब्रंच काफी मजेदार था और रेनू और मैंने मैं कुछ ड्रिंक्स भी ले लिए थे।
दोपहर तक हम घर पर वापस आ गए, हम दोनों ही थोड़े नशे में था और अपने लिविंग रूम के सोफे पर पड़े एक-दूसरे को सहला रहे थे।

रेनू ने अंगड़ाई लेते हुए बोला, “पूल में जाने का मन हों रहा है।”
“तो चलो पूल में चलते हैं।” मैंने मैं जवाब दिया।
वह उठी और ऊपर जाकर अपनी गुलाबी बिकनी पहन कर वापस लौट आई। मैंने तब तक हम दोनों के लिए स्कॉच के लार्ज पेग बना लिए थे।
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“अरे ये क्या पहन लिया।” मैंने मैं कहा, “यार जब हम गोवा गए थे तब तुमने एक महंगी बिकनी खरीदी थी, वह इतनी शानदार बिकिनी थी लेकिन तुमने कभी पहनी ही नहीं, फिर इतनी शानदार चीज खरीदने का क्या फायदा।”

हमने एक-दूसरे को एक पल के लिए देखा, और वह धीरे से मुड़ी और ऊपर चली गई।
दस मिनट बाद वह वापस नीचे आ गई, वही जी स्ट्रिंग पहन कर जिसके लिए मैंने मैं उसे बोला था। उसकी बड़ी चून्चिया तो पूरी खुली थी और मुश्किल से उसके निप्पल उस नीले काले कपड़े से छुप रहे थे, उसके चूतड़ पूरी तरह नंगे थे और एक छोटे से कपडे से उसकी चूत ढकी हुई थी। अचानक देखने पर ऐसा लगता था की उसने कुछ भी नहीं पहना हो। वो एक सेक्स की देवी दिख रही थी।
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वो बोली “मैं इस तरह बाहर नहीं जा सकती।”
मैंने उसे उसका ड्रिंक देते हुए कहा “क्यों डार्लिंग, तुमने एक बिकनी पहनी है जो ख़ास तौर से बाहर पहनने के लिए ही बनाई जाती है। इन्हें लडकिया घर के अन्दर पहनती हों ऐसे तो मैंने मैं नहीं देखा, ड्रिंक ख़तम करो और पूल में चलो, मैं हम दोनों के लिए एक ड्रिंक और लेकर आता हूँ।”

अगर वो पहले से ही नशे में नहीं होती तो शायद कभी मेरी बात नहीं मानती। लेकिन उसने मेरे हाथ से ड्रिंक लिया और एक झटके में ख़त्म करके खाली गिलास मुझे वापस देकर बोली “तुम कहते हो तो मैं जा रही हूँ। लेकिन जल्दी से आओ। यह कहकर वो पीछे के स्लाइडिंग डोर को खोल कर तेज़ी से डेक के पार भागी और जल्दी में पूल में कूद गई।

मैं भी जल्दी से ऊपर गया और स्विमिंग शॉर्ट्स पहन कर नीचे आया और हमारे लिए ड्रिंक बनाने लगा कि अचानक मुझे बाहर से हंसने की आवाजें आने लगीं। जब मैं बाहर पंहुचा तो मैंने मैं देखा कि राजेश फिर से रेनू को देख कर मेरे पूल के पास आ गया था और रेनू के साथ बातचीत कर रहा था। रेनू पानी के अन्दर थी इसीलिए बाहर से ये ठीक से नहीं पता चल रहा था कि उसका बदन कितना दिखाई दे रहा था, लेकिन साथ ही, यह जरूर पता चल रहा था कि उसने ज्यादा कपड़े नहीं पहने थे। 
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रेनू के चेहरे पर राजेश से बात करने के दौरान एक अफसोस का भाव था की उसने मेरी बात क्यों मानी और वो सिर्फ अपने चेहरे को पानी से ऊपर रख कर राजेश से बात कर रही थी।
मेरे पहुचते ही राजेश ने मुझे हेल्लो कहा, “अरे मोनू। मैं रेनू से कह रहा था आज मैंने मैं भी वोडका और तरबूज मिला कर मेरा एक स्पेशल ड्रिंक बनाया है। क्या आप लोग उसे चखना चाहेंगे लेकिन वो कह रही है कि आप लोगों ने आज सुबह से ही ड्रिंक्स की शुरुआत कर दी है।”

मैंने मैं मुस्कुराते हुए कहा, “दरअसल कुछ दोस्तों ने सुबह एक पार्टी से रखी थी तो वही हमने थोडा ड्रिंक कर लिया लेकिन आप यह न समझे की हम दोनों पियक्कड़ हैं। वैसे भी आज रविवार है और दोस्तों के साथ बहुत दिन बाद बैठे थे, लेकिन फिर भी आपका स्पेशल ड्रिंक हम ख तो सकते ही हैं।”

राजेश ने हंसते हुए कहा, “रविवार को तो आप लोग फन डे कहते है ना? मैंने मैं अपनी बेटी को कई बार यह कहते सुना है।”
“बिलकुल ठीक कहती है वो सन्डे इज फनडे” मैं मुस्कुराया “हैं न रेनू?”
रेनू ने भी मुस्कुराते हुए अपने कंधे उचकाए और सहमति में बोली “बिलकुल, सन्डे फनडे।”
“बढ़िया है।” राजेश बोला, “लेकिन मुझे आपकी थोड़ी मदद चाहिए होगी। जार मैं अकेले यहाँ नहीं ला पाऊँगा। आपको मेरे साथ किचेन तक चलना होगा मोनू?”

मुझे पता नहीं की क्यों लेकिन मैंने मैं बोला, “ओह। मुझे अभी याद आया कि मुझे सुबह ही एक क्लाइंट को एक अर्जेंट मेल भेजना था। बहुत लेट हो गया, बस मुझे दस मिनट दीजिये। बेबी, तुम राजेश के साथ जाकर वो जार यहाँ लाने में इनकी मदद करो तब तक मैं वापस आता हूँ।”

मैंने बिना सीधे रेनू की तरफ देखे बोला और अंदर चला गया और छुप कर बाहर देखा। रेनू को उम्मीद नहीं थी की मैं ऐसे कुछ बोल सकता हूँ। वो समझ ही नहीं पाई की क्या करे लेकिन उसको पूल से बाहर न निकलते देख राजेश ने उससे बोला “चलिए रेनू, बस पांच मिनट लगेंगे”।
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#12
waiting
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#13
अब रेनू के पास कोई चारा नहीं था। मैंने मैं जल्दी से अपना सेल फोन उठाया और ऐसा दिखावा किया जैसे मैं कुछ टाइप कर रहा हूँ और खिड़की के पास जाकर खड़ा हो गया। मैंने मैं देखा कि रेनू घबराकर पानी से बाहर निकल रही थी, उसकी खूबसूरत गांड पूरी तरह से दिखाई दे रही थी। उसके बड़े मम्मों के केवल निप्पल ही ढके थे और बिकिनी का कपडा उन पर चिपक कर साफ़ दिखा रहा था की वो उत्तेजना से तन गए हैं।
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राजेश की आँखें चौड़ी हो गईं जब उसने देखा कि रेनू ने क्या पहना है, लेकिन अपने को संभाल कर वो बोला। “..बहुत ही सुंदर स्विम सूट है।”

रेनू शरमा गई, उसको समझ नहीं आया की क्या बोले। फिर वो सँभालते हुए बोली, “थैंक्स राजेश। मोनू ने जबरदस्ती मुझे बोला की मैं आज इसे पहनू।”

वो दोनों राजेश के घर की तरफ चल दिए। राजेश ने बोला “बढ़िया है, मोनू का टेस्ट काफी अच्छा है।”, ये बोलकर वो मुस्कुराने लगा।

जब वो राजेश के घर पहुचे तो राजेश रेनू से बोला, “आप दो मिनट रुकिए। मैं एक टॉवल ले आता हूँ वरना आपके गीले बदन की वजह से फर्श गीला हो जायेगा” और रेनू को वही छोड़ कर वो अन्दर चला गया। रेनू कुछ देर परेशान सी वहां खड़ी रही तब तक राजेश एक तौलिया लेकर आ गया। मैंने मैं देखा की उसने जल्दी से खुद को तौलिया से सुखाया और उसे राजेश को वापस कर दिया।

“पीछे गीला रह गया है” राजेश बोला और मौके का फायदा उठा रेनू की पीठ तौलिये से पोछने लगा।
“अरे अरे रहने दीजिये। मुझे दीजिये, मैं खुद पोछती हूँ” रेनू ने उसे रोकने की कोशिश की लेकिन राजेश बोला, “हो गया। अब चलिए अन्दर”
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मैंने मैं अजीब उत्तेजना के साथ देखा, मेरी बीवी अपनी लगभग नंगी गांड को आगे-पीछे उछालती राजेश के साथ उसके घर के अंदर चली गयी।
मैं आगे देखने के लिए हमारी रसोई की खिड़की के पास आ गया और राजेश की रसोई के अंदर देखने लगा। रेनू रसोई में घूम रही थी और राजेश फ्रिज से बर्फ निकाल कर एक बड़े जार में डाल रहा था। रेनू एकदम दिव्य लग रही थी। वो लोग क्या बात कर रहे थे अब मुझे सुनाई नहीं दे रहा था, लेकिन अचानक रेनू और राजेश हंसने लगे और रेनू ने एक गिलास भरकर वोडका उस जार में डाल दी। मैं जो देख रहा था उस पर मुझे विश्वास नहीं हो रहा था, मेरी अधनंगी बीवी लापरवाही से राजेश की रसोई में टहल रही थी और उससे बातें करके हँस रही थी। यह बहुत रोमांचक नजारा था और मैं बता नहीं सकता की मुझे यह देखने में कितना मजा आया।
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कुछ ही देर में वो दोनों घर से निकले और सावधानी से जार लेकर वापस मेरे घर पूल के पास आ गए।

मैंने मैं अब अपना फोन सोफे पर फेंका और जल्दी से उन दोनों के पास पहुच गया। “माफी चाहता हूँ लेकिन वो मेल बहुत जरूरी था।” मैंने मैं दोनों से कहा, लेकिन माफी रेनू के लिए ही थी। उसने गुस्से से मेरी तरफ देखा, लेकिन मैंने पाया कि अब वह अपने सूट को लेकर असहज नहीं थी। अब वो खुद को ढकने की जल्दी में भी नहीं थी।

“कोई प्रॉब्लम नहीं।हीं ” राजेश ने जार को हमारी एक टेबल पर रखते हुए कहा, “मैं तुमसे कभी इस बात की शिकायत नहीं करूंगा की तुमने रेनू को मेरी मदद के लिए क्यों भेजा और वो भी इस खूबसूरत बिकिनी में।”

रेनू ये सुन कर शरमा गयी और वापस पूल में चली गयी । राजेश खुलकर रेनू के जिस्म की तारीफ कर रहा था जिससे मैं बहुत खुश था।
मैंने चुटकी ली, “ये तो इसे पहनती ही नहीं 2-3 सालों से ऐसे ही रखी थी। क्या आप विश्वास करेंगे की आज भी मेरे बहुत कहने पर इन्होने ये पहनी है”
उसने उत्तर दिया, “रेनू ने मुझे बताया, लेकिन मुझे खुशी है कि आपने ऐसा किया। इसी बहाने मेरा भी थोडा फायदा हो गया।”

हमारी बातचीत से रेनू की बहुत शर्मिंदा हो रही थी और आखिर में वो बोल ही पड़ी, “हेल्लो! मैं यही हूँ और तुम दोनों को सुन रही हूँ! तुम लोग मुझे शर्मिंदा कर रहे हो!”
राजेश ने मुझे अपने ड्रिंक का एक गिलास देकर हँसते हुए रेनू को जवाब दिया, “आपको शर्मिंदा तो बिकुल नहीं होना चाहिए बल्कि आपको फक्र होना चाहिए और मुझे यकीन है कि मोनू मेरी बात से पूरी तरह सहमत है।”
मैंने मैं एक घूंट लेते हुए सिर हिलाया, “बिलकुल, अरे, यह तो काफी अच्छा है।” मैंने मैं कहा। सुबह से शराब पीने की वजह से अब मैं काफी लापरवाह हो गया था।
“धन्यवाद, मैं इसे सालों से बना रहा हूँ।” ये कहकर वो पूल के किनारे पर चला गया और उसने मेरी बीवी को भी एक गिलास दिया। रेनू ने जल्दी से एक घूंट लिया और उसने भी स्वाद की तारीफ की,
“वाह। यह वास्तव में काफी अच्छा है।”

राजेश ने सिर हिलाया, और फिर अपना गिलास भरने लगा। “लेकिन आराम से पीजिये ये अचानक से पंच करती है। अगर जल्दी जल्दी पियेंगे तो तेज़ नशा होता है।”

लेकिन हमने राजेश की बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और जल्दी जल्दी दो गिलास ख़त्म कर दिए। राजेश आराम से पहला गिलास ही पी रहा था। मेरा और रेनू का तीसरा गिलास लेकर मैं पूल में उतर गया अपनी बीवी के साथ तैरने लगा, जबकि राजेश किनारे पर बैठा आराम से ड्रिंक कर रहा था। व्यापार से लेकर खेल-कूद से लेकर मनोरंजन तक की बातचीत चलती रही, और हम तीनों ड्रिंक करते रहे और हम तीनों अच्छे खासे नशे में थे।

रेनू ने अब उस स्विम सूट में ऐसे रम गयी थी जैसे कि यह उसकी त्वचा थी, राजेश की आँखे नशे में बोझिल थी और वो अब मेरी परवाह किए बिना एकटक रेनू को ही देख रहा था। जैसे-जैसे उसका नशा बढ़ रहा था उसकी नज़रों में मेरी बीवी के लिए हवस बढ़ रही थी। ऐसा लग रहा था की वो रेनू के बदन को आँखों से ही खा जायेगा।

मैंने रेनू को पानी से बाहर निकालने का फैसला किया और उससे बोला “डार्लिंग मेरे और राजेश के लिए कुछ स्नैक्स तो ले आओ”

रेनू पूल से निकल कर घर के अन्दर चली गयी और कुछ देर में पनीर पकोड़े और चीज बर्स्ट की एक ट्रे लेकर लौटी। मैंने मैं देखा कि राजेश ने उसके चमकते हुए शरीर पर अपनी नज़रे गडा दी। मैंने सीधे उसके बड़े मम्मों को देखा जिसमें उसके निप्पल साफ़ दिखाई दे रहे थे। एक तारीफ मेरे होंठों हों ठोंसे निकल गई, “गॉडडैम बेबी। क्या मस्त चून्चिया हैं।”
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“मोनू! हम अकेले नहीं हैं, राजेश भी यहाँ है!” रेनू ने मुझे डांटा, उसके चेहरे पर शर्मिंदगी भरी मुस्कान थी। वह स्नैक्स लेकर राजेश के पास गई।
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#14
राजेश ने जो मैंने मैं कहा था उसे सुना। जैसे ही रेनू उसे स्नैक्स देने के लिए झुकी राजेश ने रेनू के मम्मों को देखते हुए कहा, “बुरा मत मानना लेकिन मैं मोनू से सहमत हूँ और वैसे भी ये टॉप इस समय सिर्फ एक औपचारिकता भर है।” उसके मुंह से यह शब्द निकल जाने के बाद वह शरमा गया, उसे लगा शायद रेनू बुरा मान सकती है।

लेकिन रेनू भी तो नशे में थी, वो उसने प्रतिक्रिया दी, “बस ठीक है! मैं जानती हूँ आप लोग पांच छेह पेग डाउन है इसीलिए कुछ बोल नहीं रही वरना...!”

राजेश और मैं दोनों उसकी बात सुन कर एक साथ हँस दिए और रेनू ने वापस मेरे पास पूल में आ गयी। राजेश और मैं चुपचाप स्नैक्स लेने लगे और रेनू चुपचाप तैरने लगी, अचानक रेनू की तरफ मुड़ी और बोली, “आप भी हमारे साथ पूल में क्यों नहीं आते राजेश, या फिर आप पानी से डरते हैं?”

राजेश ने खाते हुए जवाब दिया, “मेरे पास कोई बाथिंग सूट नहीं है, सच कहूं तो मुझे तैरना भी नहीं आता इसीलिए कभी खरीदा नहीं। ”

मैं चुपके से रेनू के पीछे गया और पानी के अन्दर उसकी कमर पकड़ ली। लगभग दो घंटे बीत चुके थे और मैं शराब के साथ साथ उसके अधनंगे शरीर के नशे में बहुत उत्तेजित था। मैं उसे चोदना चाहता था, और मुझे अब राजेश की कोई परवाह नहीं थी। साथ ही मैं ये भी चाहता था कि वह राजेश को एक बार और अपना बदन दिखाए।

मैंने मैं पीछे से उसके कान में फुसफुसाया। “तुम अगर अपना टॉप उतार दो तो सच में बहुत मजा आ जायेगा।”
वह मेरी तरफ मुड़ी और धीरे से बोली, “मोनू पागल हो गए हो क्या, राजेश सामने बैठा है। पहले इसे तो जाने दो।” मैंने मैं देखा कि उसकी आँखों में नशे के साथ एक शरारत भी थी।

मैंने उसे चढ़ाया, “उसको बैठा रहने दो बेब। तुम शुरू तो करो, वो बाद में टीज होकर खुद ही भागेगा या फिर मैं ही उसे जाने को बोल दूंगा ताकि हम कुछ मज़े कर सकें।”
रेनू ने अपनी आँखों में सेक्स भरकर मेरी तरफ देखा, फुसफुसाते हुए कहा, “ठीक है, लेकिन सोच लो, बाद में मुझे दोष मत देना। तुम ही मुझे उसको टीज करने को बोल रहे हो। अगर कुछ गड़बड़ हुई तो मुझ पर गुस्सा न करना।”

ये बोलकर वो अचानक पानी के अन्दर चली गयी और उसने धीरे से अपना टॉप खोल दिया, एक मिनट में ही उसकी बिकनी का टॉप पानी में तैर रहा था जिसे देखते ही मेरे लंड ने एक झटका खाया और जब मुझे लगा कि अब वो ऊपर आयेगी तो वो पानी में और भी गहराई में चली गयी।
अचानक काले नीले कपड़े का एक और गुच्छा पानी की सतह पर आ गया। उफ्फ्फ मेरी बीवी ने अपनी जी स्ट्रिंग पेंटी भी उतार दी थी!
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यह देखते ही मेरा लंड लोहे की रॉड की तरह सख्त हो गया उधर रेनू वापस ऊपर आई अपनी आँखों से मेरी ओर देख कर मुझे चिढ़ाया। फिर उसने स्विम सूट पकड़ लिया, और उसे अपनी हथेली में उठा राजेश पर फेंक दिया।

“लीजिये, आपके लिए एक स्विम सूट मिल गया!” उसने राजेश को चिढ़ाया।
मुझे विश्वास नहीं हो रहा था! उसके गीले कपड़े राजेश के सीने में लगे जिससे राजेश भी एक पल के लिए चौंक गया।

राजेश को तुरंत पता चल गया कि मेरी बीवी अब पूरी नंगी है। उसने रेनू की ब्रा पेंटी को अपने शोर्ट की जेब में डाल लिया। “अब ये वापस नहीं मिलेगा, ये मेरे लिये अनमोल तोहफा है ”, वह चिल्लाया।

रेनू और मैं दोनों इस बात पर हँसे लेकिन अब कामुकता की एक हवा चल रही थी जो पूल के आस पास फैल गई थी।
राजेश ने जल्दी से अपना खाली गिलास उठाया और मजाक में हिलाते हुए बोला, “एक और ड्रिंक की तमन्ना थी लेकिन इतना नशे में हूँ की उठ ही नहीं पा रहा। रेनू आपके हाथों एक ड्रिंक मिलेगा क्या?”
रेनू ने मेरी तरफ देखा, उसकी आँखें चमक रहीं थीं, थीं शराब के नशे में घुली उत्तेजना उसे अच्छी लग रही थी। उसने मुझ पर हाथ फेरते हुए कहा, “मैंने मैं कहा था की मुझे दोष मत देना।”

ये कह कर जब वह धीरे-धीरे पूल से बाहर निकली तो मैंने मैं उसे बड़े गौर से देखा। उसके मम्मे अब बंधन मुक्त थे, उसके सुंदर गुलाबी निप्पल बेहद सख्त महसूस हो रहे थे।
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इतनी पास से उसको नंगा देख राजेश का मुह खुल गया। धीरे धीरे रेनू की खूबसूरत गांड पानी से बाहर आई और जब वह मुड़ी तो राजेश को उसकी चूत की एक झलक मिली। मैं अपने जीवन में कभी इतना उत्तेजित नहीं हुआ था। मुझे रेनू के व्यवहार में बदलाव पर विश्वास नहीं हो रहा था, अभी कुछ हफ्ते पहले वह एक रिज़र्व और अलूफ औरतों में से एक थी और जो वो कर रही थी ईसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।

आज वह पूरी तरह से नंगी होकर हमारे आँगन में घूम रही थी, और हमारे पड़ोसी की आँखों को अपने शरीर की दावत दे रही थी। मुझे पता था कि इसके लिए कुछ शराब जिम्मेदार थी, और कुछ मेरा उसको लगातार उकसाना जिम्मेदार था।
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#15
राजेश और मैं दोनों उसको एकटक देखते रहे। वो पूल से निकल कर राजेश के पास गयी और उसके हाथ से गिलास लिया फिर वो मेज पर गयी और जार से उसने राजेश के लिए ड्रिंक निकाला और वापस जाकर उसने राजेश को वो ड्रिंक दिया।

राजेश ने थूक गटकते हुए उसके मम्मों को हाथ लगाना चाहा लेकिन रेनू फुर्ती से पीछे हो गयी और हँसती हुई वापस मेरे पास पूल में आ गयी। राजेश बेचारा हाथ मलते रह गया और मैंने मैं उसे बडबडाते हुए सुना “उफ्फ्फ! क्या मम्मे हैं !”
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रेनू ने मुझे एक जुनून के साथ चूमा और मुझे पता था कि वह अब चुदाई मांग रही थी, मैंने मैं सोचा की अब मैं राजेश को जाने को बोलता हूँ लेकिन तभी रेनू मेरे कान में फुसफुसाई, “क्यों बेबी, मजा आया न।”

ये कहकर वो पानी के नीचे चली गई और मैं कुछ सोच पाता उससे पहले ही उसने मेरे खड़े लंड को स्विमिंग शोर्ट से बाहर निकाल लिया। मेरे लिए ये एक एकदम अप्रत्याशित था, मेरे कुछ कहने से पहले ही उसने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत के अंदर धकेल दिया।
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अब कुछ कहने सुनने का वक़्त नहीं था। मैं भी काफी उत्तेजित था। मैंने मैं रेनू को ऊपर उठाया और उसने अपने पैरों को मेरे चारों ओर लपेट लिया। मैंने मैं इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया कि राजेश अब भी वहीं था। मैंने मैं उसे पूल की दीवार से सटाया और नीचे से धक्के मारने शुरू कर दिए। धक्को से उसके मम्मे पानी के अन्दर बाहर हो रहे थे। बाहर से देखने पर साफ़ पता चल रहा था की मैं रेनू को बेतहाशा चोद रहा हूँ और रेनू भी बिना राजेश की परवाह किये जोर जोर से सिस्कारियां लेने लगी।
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हम दोनों चुदाई में खोए हुए थे और भूल चुके थे की वहां हमारा पड़ोसी भी मौजूद है। हमने आज से पहले किसी दुसरे इन्सान के सामने चुदाई नहीं की थी। मैं ताबड़तोड़ अपना लंड रेनू की चूत के अन्दर बाहर किये जा रहा था और रेनू हर धक्के के साथ कराह उठती, “येस बेबी आःह्ह्ह और तेज़ आआअह्हह्हह” लेकिन अचानक रेनू ने आश्चर्य से चिल्लाकर मुझे चौंका चौं दिया, “ओह! गॉड ये क्या है!”

वह पूल के किनारे बैठे राजेश की तरफ देख रही थी। अब मैंने मैं भी राजेश की तरफ देखा। राजेश रेनू को घूर रहा था और देख रहा था की कैसे मैं उसकी चुदाई कर रहा था। लेकिन रेनू इस बात से नहीं चौंकी , जिस बात ने उसे चौंका दिया था वो था राजेश का लंड जिसे राजेश ने अपने शोर्ट से बाहर निकाल लिया था और वो रेनू की चुदाई देख कर उसे हिला रहा था।
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उसका लंड मुझसे बड़ा था, शायद आठ इंच या उससे भी कुछ ज्यादा लंबा और काफी मोटा भी। जब उसने मुझे रेनू की चूत में अपना लंड घुसाते देखा तो शायद उससे रहा नहीं गया और वो मुठ मारने लगा। हम दोनों का ध्यान एकसाथ उसके लंड के विशाल आकार पर गया और हम दोनों ही चौंक गए। राजेश ने हमें उसके लंड की ओर देखते हुए देखा, तो बोला “सॉरी... लेकिन मैं क्या करता। रेनू को इस तरह सेक्स करते देख मेरे दिमाग ने काम करना बंद कर दिया। शायद मुझे यहाँ से उठ जाना चाहिए था। मैं माफ़ी चाहता हूँ।” उसने अपने हलब्बी लंड को वापस अपने शॉर्ट्स में भरने की नाकाम कोशिश की लेकिन रेनू ने उसे बीच में रोक दिया।

“डोन्ट वरी!... करते रहो, मुझे कोई फरक नहीं पड़ता...”, बोलते हुए उसकी आँखे लाल हो गई, उसने भी आज से पहले कभी इतना बड़ा लंड नहीं देखा होगा।

वो अचानक पूल से बाहर निकली और राजेश के सामने घास पर लेट कर बोली “आओ मोनू, मुझे चोदो न।” उसने मुझे आमंत्रित किया।
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मैं सोचने लगा की यह औरत कौन है? मेरी बीवी तो एकदम बदल गयी है और मैं उसके हुस्न की पूजा करने उसके पास चला गया। मैंने मैं उसकी टांगो को उठा कर अपने कंधे पर रखा और अपना लंड उसकी चूत के मुहाने पर टिका कर एक जोर का धक्का मारा। मेरा लंड पूरा एक बार में ही उसकी चूत में उतर गया और मैं जोश में उसे चोदने लगा। मैंने मैं देखा कि चुदते हुए वह राजेश को घूर रही थी, और राजेश उसे देख रहा था, और केवल इसी बात ने मेरे जुनून को और भड़काने का काम किया।

रेनू जोर-जोर से कराह रही थी, मुझे चिंता होने लगी कि उसकी आवाज दूर तक जा रही होगी। उसके बावजूद मैंने मैं उसके चूतडो को कसकर पकड़ लिया और धक्को की रफ़्तार दोगुनी कर दी।
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राजेश मेरी बीवी की लंड अन्दर बाहर लेती हुई चूत में खो गया और मेरी बीवी से बोला, “ओह रेनू, तुमने तो मेरे लंड को एक चट्टान की तरह कर दिया है।” मैंने मैं एक बार फिर से उसके हलब्बी लंड को देखा, मुझे अभी भी यह विश्वास नहीं हो रहा थ कि हमारे पड़ोसी का हथियार इतना बड़ा है। जब मुझे लगा कि मैं और अधिक उत्तेजित नहीं हो सकता तभी रेनू की बात सुन कर मेरा लंड फटने को हो आया, रेनू ने राजेश की बात का जवाब देते हुए बोला था, “मैंने मैं आज तक इतना शानदार लंड नहीं देखा राजेश!”

मैंने आज तक अपनी बीवी के मुह से लंड शब्द पहले कभी नहीं सुना था और आज वो मेरे सामने दूसरे आदमी के लंड के साइज़ की तारीफ कर रही थी। मैं पहले ही झड़ने के कगार पर था लेकिन रेनू के मुह से निकले ये अल्फाज़ सुन कर मुझसे रहा नहीं गया और मैं झटके लेते हुए रेनू की चूत में फूट पड़ा, इसके साथ ही रेनू ने अपनी चूत मेरे लंड के चारों ओर कस ली जैसे वो उसको निचोड़ लेना चाहती थी और एक जोर की कराह के साथ उसकी चूत बह निकली और फिर हमने राजेश की आवाज सुनी।
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“बेहतरीन शो था, बहुत सही से चोदा।” अपना लंड हिलाते हुए उसने मुझसे कहा और उसके लंड ने भी पानी छोड़ दिया। हम दोनों उसे झड़ते हुए देख रहे थे, उसके लंड झटके लेते हुए एक वीर्य की एक धार के बाद दूसरी धार छोड़ रहा था, उसके टट्टे काफी बड़े थे और शायद वो काफी दिन बाद खाली हो रहे थे तो वो कामोन्माद में झड़ता गया। आखिरकार हम सब शांत हो गए, और एक सन्नाटा छा गया। 
अचानक मेरी हँसी छूट गयी, फिर मेरी देखा देखी रेनू भी हंसने लगी और फिर राजेश भी हमारी नकल करके हंसने लगा।
“ओके राजेश, गुड बाय, हम अब अन्दर जा रहे हैं।” मैंने अब उसे अपने घर जाने का इशारा किया।

मेरी बात सुनकर राजेश ने अपना लंड को, जो झड़ने के बाद मुरझा गया था, वापस अपने शॉर्ट्स में डाला और बोला, “ये जो मैंने मैं अभी किया वो पता नहीं कैसे हुआ, समझ नहीं आया?”
उसकी बात सुन कर रेनू हँसने लगी, और मैंने मैं जवाब दिया, “इट’स ओके, हम सबको मस्ती चढ़ गयी थी लेकिन अब इस पर बात न की जाए तो बेहतर है।”

राजेश खड़ा हुआ और बोला “ठीक है, मैं यह जार सुबह ले लूंगा।” वह अपने घर जाने के लिए मुड़ा और रुक कर बोला, “आप दोनों ने आज जो मेरी वर्ल्ड क्लास खातिरदारी की है उसके लिए बहुत धन्यवाद।” उसने मुस्कुराते हुए कहा, और तेजी से अपने घर चला गया।
राजेश के जाने के बाद मेरी बीवी ने अपनी नशीली आँखों से मेरी तरफ देखा और मुझे जल्दी से बेडरूम में चलने का इशारा किया। वो अभी भी काफी गरम थी और चुदाई का एक राउंड और चाहती थी, मैंने मैं उसे गोद में उठाया और बेडरूम की तरफ बढ़ गया।
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#16
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#17
उस दिन के बाद मैंने मैं जान बूझ कर इसके बारे में रेनू से कोई बात नहीं की और न ही रेनू ने इसका जिक्र मुझसे किया। लेकिन उस दिन के बाद हम एक दूसरे के साथ थोडा कम बात कर रहे थे, मुझे लगा की हम दोनों को ही थोडा समय चाहिए ताकि हम उस अनोखे अनुभव से उबर सकें। हालाँकि यह भी सच था कि आज तक हमको चुदाई में इतना मजा नहीं आया जितना की उस दिन पूल में सेक्स करके आया था, और इसकी वजह साफ़ थी, हमारी चुदाई के दौरान वहां राजेश का उपस्थित होना।

करीब 10 दिन बाद एक दिन डिनर करते वक़्त रेनू ने धीरे से मुझसे पूछा, “क्या तुम उस दिन के बारे में बात करना चाहते हो?”।
“यार अब उसमे बात करने के लिए क्या है? हम दोनों ने काफी पी ली थी, राजेश भी नशे में था और तुम्हारी कातिल खूबसूरती ने मुझे और राजेश को बहुत उत्तेजित कर दिया था और नशे में तुम भी पूरा मस्ती के मूड में थी, फिर तो जो हुआ वो होना ही था।” मैं रुका, “अब इस बारे में सोचना छोडो मेरी जान।”
“नहीं, यह ठीक नहीं हुआ। हम लोग शादीशुदा हैं और हमारी सोसाइटी में शादीशुदा लोग इस तरह का व्यवहार नहीं करते हैं।”
“अरे रेनू। आजकल शादीशुदा लोग क्या नहीं करते। उसके मुकाबले तो हमने कुछ नहीं किया। और जो हुआ उसमें तुम भी जिम्मेदार थी, सबसे पहले कपडे तुमने ही उतारे थे लेकिन इसमें कुछ भी गलत नहीं हुआ।” मैंने मैं उसे समझाते हुआ कहा, “तुमको क्या गिल्ट फील हो रहा है... तो ये बेवजह है, थोड़ी सी मस्ती करने में क्या गलत है?”
वह अपनी थाली में खाने को इधर उधर करते हुए बोल रही थी, “पता नहीं, मैं... वो मुझे कुछ सही नहीं लग रहा। राजेश को इतनी छूट...”

मैं उसकी बात बीच में ही काट कर बोला, “मैंने तुम्हें इतना खुश कभी नहीं देखा, तुम एक पूरी तरह से एक अलग औरत लग रही थीं। अब फालतू की बाते मत सोचो और वैसे ही रहो जैसे उस दिन थी, तुम्हारे उस दिन के व्यव्हार में कोई गलती नहीं थी। सच सच बताओ क्या तुम्हे उस दिन मज़ा नहीं आया था”।
मेरे इस सवाल से वह शरमा गई, “...नहीं ये तो मैंने मैं नहीं कहा।” उसने कहा।
मैं उसकी ओर देखकर मुस्कुराया, उसकी जवाब से मुझे राहत मिली, “लेकिन राजेश को उतना मज़ा नहीं आया होगा।”
इस बात से उसका चेहरा थोडा लाल हो गया और वह मुस्कुराई, “क्यों?” 
मैंने मैं हँसते हुए बोला, “उसको हाथ से काम चलाना पड़ा, तुम्हे उसे एक मौका देना चाहिए था, लेकिन तुम्हें तो उसे चिढ़ाने में मज़ा आता है।”

“ओफ्फो, तुम फिर शुरू हो गए ...” उसने झुंझला कर कहा और फिर उसकी आँखों में लाल डोरे तैर गए और वो बोली “लेकिन मुझे विश्वास नहीं हुआ, उफ्फ्फ उसका कितना बड़ा था।” और फिर से शरमाते हुए चुप हो गई। “सॉरी... मैं”
मुझे तो पता ही था कि राजेश के लंड ने उसे बहुत आकर्षित किया है। “बेबी, मुझे पता है। किसने सोचा होगा कि एक औसत कद काठी वाले राजेश के पास इतना बड़ा लंड होगा, इसीलिए तो बोला की तुम्हे उसको एक मौका देना चाहिए था।”

वह कुछ नहीं बोली बस शरमा गई, और चुपचाप अपना डिनर खाने लगी। धीरे अपना भोजन समाप्त किया और मैं उसे बिस्तर पर ले गया। रेनू की चुदाई करते हुए मैंने फिर से राजेश के लंड का जिक्र छेड़ दिया, मैं उसके मुह से सच्चाई सुनना चाहता था।
“जानेमन बुरा मत मानो, लेकिन उसके लंड को देखकर तुम्हे काफी अच्छा लगा था न, मुझे यकीन है कि तुम्हें वो बहुत पसंद आया।”

ये कहकर मैंने मैं अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और एक जोरदार धक्के के साथ जड़ तक अन्दर घुसेड दिया। वो कराह कर बोली, “आःह्ह्ह कक्कक-क्या? उफ्फ्फ्फ़ नहीं- हीं मैं...आआह्ह”
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मैंने मैं उसकी गांड पर कसकर तमाचा मारा, “ओह रेनू, जब तक मैं तुम्हें चोद रहा था, तुम उसके लंड को घूर रही थी।”
उसने कराहते हुए कहा, “मैं...वोआआह्ह्ह्ह तोह्ह्ह्ह मैंने मैं कभीईईइ.. ओह!... उफ्फ्फ्फ़ इतना बड़ाआआअ नहीं देखा।”
मैंने मैं नीचे झुक कर उसे चूमा, और धक्को की रफ़्तार बढ़ाते हुए कहा, “हाँ तो तुम्हे पसंद है न।”
वह इस बार जोर से कराह रही थी, और मैंने मैं फिर से लंड बाहर करके एक जोरदार धक्का मारा और बोला, “बस एक बार सच सच बता दो न!”
वह कराह उठी, “उफ्फ्फ्फ़ ओह!” और दाँत पीसते हुए बोली, “इस्स्स्सस्स्स ठीक हैआःह्ह! मुझे उसका लंड पसंद हईई... उफ्फ्फ्फ़ ओह! कितना बबबबबड़ा था... और
मोटाहाह्ह, उफफ्फ्फ्फ़ और जोरर्रर्र से करूऊओ!”

उसके ये कहते ही हम दोनों एक लगभग एक साथ की झड गए और मैं उसके ऊपर गिर पड़ा। उसके बाद ये अक्सर होने लगा की मैं चुदाई के दौरान राजेश का जिक्र कर देता और ये हम दोनों में एक उत्तेजना भर देता था।
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#18
ऐसे ही कुछ और दिन बीत गए और मैंने मैं सोचा कि हमने राजेश को उस दोपहर के बाद से नहीं देखा है। मुझे लगा की अब वो भी हमारे सामने आने से बच रहा था तो मैं ऑफिस जाते समय उसके घर चला गया और इत्तेफाक से वो उस समय अपने बगीचे ही था।

“अरे राजेश, कैसे हैं, कई दिन से आप दिखे नहीं तो मुझे लगा की आपके हाल चाल ले लिए जाएँ”
मुझे देख कर वो मेरे पास आ गया और घबराकर कहने लगा, “मैं ठीक हूँ लेकिन उस दिन के बाद आप लोगों के सामने आने की हिम्मत ही नहीं हुई। मेरा उस दिन जो
किया वो ठीक नहीं था... आपकी पत्नी के सामने इस तरह...रेनू तो मुझसे काफी नाराज...।”
“नाराजगी कैसी, अरे चिंता की कोई बात नहीं है। रेनू जानती है की हम सभी ने काफी शराब पी रखी थी।” मैंने मैं उसे टोकते हुए कहा, “और सच तो ये है की मैं सालों से रेनू को थोडा ओपन होने को कहता आ रहा हूँ, मुझे लगता है कि अब आपकी वजह से आखिरकार वो थोडा फ्री हो रही है, याद कीजिये सबसे पहले उसने ही अपने कपडे खोले थे तो वो आपसे नाराज क्यों होगी, मैं तो इससे खुश हूँ और आप परेशान हो रहे हैं।”

मेरी बात सुन कर राजेश ने राहत की सांस ली, “तो तुम्हारी बीवी मुझसे नाराज़ नहीं है, वैसे वो है तो कमाल की चीज।” वह रुका, “अगर हर सन्डे ऐसा ही हो जैसा उस दिन हुआ था तो मेरी तो जिदगी जन्नत हो जाएगी।”
“नाराज? अरे सच तो ये है की उसी ने मुझसे कहा की बहुत दिनों से राजेश नहीं दिखे, जाकर देखो क्या बात है” मैंने झूठ बोल दिया और फिर हँसकर बोला, “अगली बार जब हमारा पूल डे होगा तो मैं आपको पहले से बता दूंगा ताकि आपकी जिंदगी जन्नत हो जाए ”।
“तुम्हारा एहसान होगा।” राजेश ने मुस्कुराते हुए कहा। इसी के साथ मैंने उससे विदा ली और दफ्तर के लिए निकल गया।
अगली सुबह जागने पर मैंने पाया की रेनू बाथरूम में शावर ले रही है और उसके कपडे और टॉवल हमेशा की तरह बेड पर पड़े हैं।
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मैंने मैं फ़ौरन जाकर अपने बेडरूम के पर्दे खोले तो पाया की राजेश बिना शर्ट के अपने बेडरूम में घूम रहा था। उसने मुझे देख कर हाथ हिलाया जिसका मैंने मैं जवाब दिया और जान बूझ कर पर्दे खुले रहने दिए।
जैसे ही रेनू शॉवर से बाहर निकल रही थी, मैं बाथरूम में चला गया और लापरवाही से बोला “तुम्हार आशिक वहां तुम्हारा इंतज़ार कर रहा है”।
वो समझी नहीं कि मेरा क्या मतलब है, “हुह?” उसने पुछा।
“राजेश तुम्हारा इंतज़ार कर रहा है। मैंने मैं पर्दे खोल दिए हैं”, मैंने मैं शरारत से मुस्कुरा कर कहा।
“ओफ्फो।” वह बोली, लेकिन नंगी ही बाहर निकल गयी।
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उसका चेहरा लाल था, और उसको हिम्मत देने के लिए शराब का नशा भी नहीं था, ये जानते हुए की राजेश उसे देख सकता है फिर भी अपने पूरे होश में वो नंगी रूम में चली गयी। वो बेफिक्री से बेडरूम में घुसी और इधर उधर टहलने लगी, उसके चलने के साथ उसके मम्मों को उछलते हुए देखा जा सकता था। मैं बाथरूम के दरवाजे पर खड़ा ब्रश करते हुए उसे देख रहा था।

“आई थिंक की राजेश के लिए इतना काफी है।” उसने शरारत से कहा, और परदा बंद करने के लिए खिड़की के पास चली गई। जैसे ही वह उन्हें बंद करने वाली थी, वह रुक गई, “ओह।” मैंने मैं उसे धीरे से कहते सुना फिर उसने पर्दे बंद कर दिए।
“क्या हुआ?” मैंने मैं ब्रश करते हुए पूछा। वह धीरे से बिस्तर के किनारे बैठ गई, और अपनी पेंटी पेहेनने लगी।
“कुछ नहीं।” उसने कहा। “बस तुम्हारा पड़ोसी तुम्हारी बीवी को अपना लंड दिखा रहा था।” वह यह कह कर हँसी। ब्रश लगभग मेरे हाथ से गिर ही गया और टूथपेस्ट से भरे मुंह से मैंने मैं बोला, “तुम मजाक कर रही हो।”
“नहीं... जैसे ही मैं खिड़की के पास आई उसने अपना अंडरवियर उतार दिया, और मुझे दिखा कर अपना लंड हिलाने लगा।” वह रुक गई, अपना होंठ काट रही थी। “सच में ... काफी बड़ा है उसका।” आखरी शब्द उसके मुंह से उत्तेजनावश निकल गए।
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मैंने मैं फ़ौरन कुल्ला किया और उसके पास जाकर बोला “ठीक है रेनू, अभी कपडे मत पहनो!” मैंने मैं यह कह कर अपनी पैंट उतार दी।
उसने मेरी ओर देखा, “ओह, वैसा तो नहीं है लेकिन काम चल जायेगा” यह मजाक में कहा गया था, लेकिन इसने और उत्तेजित किया। मैंने रेनू की पेंटी लगभग फाड़ते हुए उतार दी और उसे बिस्तर पर पटक कर उसके ऊपर चढ़ गया।

हमने उस सुबह तीन बार चुदाई की, और हम दोनों में से कोई भी ऑफिस नहीं गया। इस घटना ने हम दोनों को बहुत उत्तेजित कर दिया था और अगले दिन शनिवार और रविवार की छुट्टी थी तो मैंने मैं सोचा था की एक और पूल पार्टी की जाएगी।
दिन भर की चुदाई से थके उस रात रेनू और मैं डिनर के बाद सोफे पर बैठे एक फिल्म देख रहे थे कि मेरा फोन बज उठा, मैंने देखा की राजेश फोन कर रहा था। मुझे यह अजीब लगा, क्योंकि एक तो वो कभी मुझे फोन करता नहीं था और दुसरे की रात के दस बज रहे थे।

“हुकुम कीजिये वकील साहब।” मैंने मैं फोन उठा कर कहा।
“दरखास्त है” उसने मजाक में जवाब दिया।
“बताइए कैसे मदद कर सकता हूँ?” मैंने मैं पुछा।
“थोड़ी देर के लिए आपकी बीवी उधार मिलेगी?” राजेश के शब्दों में घबराहट साफ़ झलक रही थी।
“जी?” मेरे मुह से निकल गया। दरअसल राजेश से मुझे ऐसी किसी बात की उम्मीद बिलकुल नहीं थी।
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#19
उसने आवाज को थोडा शांत करके कहा, “दरअसल कल मेरे दोस्तों की एक पार्टी है और मुझे उसमे घर से बनी गार्लिक ब्रेड ले जानी है। इन्टरनेट से देख कर मैंने मैं कुछ कोशिश तो की है लेकिन बात बन नहीं रही। मुझे लगता है की ये बिना किसी महिला के हाथ लगाये ठीक से नहीं होगा। इसीलिए अगर आप थोड़ी देर के लिए अपनी पत्नी को भेज सकें तो?”

मुझे समझ नहीं आया कि उसके अनुरोध पर क्या कहूं, मैं ऐसी किसी बात के लिए तैयार नहीं था। मैं खड़ा हुआ और धीरे से दूसरे कमरे में चला गया, “हाँ। जी क्यों नहीं लेकिन मैं देखता हूँ कही रेनू व्यस्त तो नहीं है तो आपको बस गार्लिक ब्रेड बनाने के लिए रेनू की मदद की ज़रूरत है?” मैं चाहता था कि चीजे साफ़ रहे।
“ओह। मैं उन्हें उनकी बिकनी भी वापस देना चाहता था।”

मैं तो भूल ही गया था कि रेनू की बिकिनी अभी तक उसके पास है । “अच्छा हाँ, वैसे मुझे लगता है कि वह भूल गई है कि वो अभी भी आपके पास है।” मैं मुस्कुराया।
“अच्छा है! उन्होंने मुझे काफी चिढाया है तो मैं भी इसी बहाने उन्हें थोडा परेशान कर लूँगा। उन्हें भी पता चलना चाहिए की एक बूढ़े आदमी को इस तरह चिढ़ाना अच्छी बात नहीं है” वो हंसा।
“अब तो आपको बूढा समझने की गलती वो नहीं कर सकती। मैं आपकी बात से सहमत हूँ की आपको रेनू को सबक तो सिखाना चाहिए।” मैंने इसे कुछ मजाक में कहा था, लेकिन उसने न जाने इसे कैसे लिया।

राजेश ने उत्तर दिया, “अच्छा विचार है। देखना मैं तुम्हारी बीवी को किसी दिन उसी के तरीकों से छकाऊंगा।”
मेरा चेहरा उत्तेजना से लाल हो गया, और मैंने मैं जवाब दिया, “ठीक है। मैं उसे आपके पास भेज रहा हूँ, लेकिन सिर्फ किचेन में मदद के लिए।”
“निश्चिन्त रहिये।” उसने जवाब दिया और मैंने मैं फोन काट दिया।

मैं धीरे-धीरे वापस लिविंग रूम में गया, अब तक मैंने मैं चेहरे से उत्तेजना की झलक छिपा ली थी। रेनू मेरा इंतजार कर रही थी।
“कौन था?”
मैंने मैं बेफिक्री से कहा, “राजेश का फोन था, उसे किचेन में तुम्हरी कुछ मदद की ज़रूरत है।”
उसका चेहरा तुरंत लाल हो गया “क्या... इस वक़्त? तूमने क्या बोला?”
मैंने सिर हिलाया, “हाँ। उसे कल किसी पार्टी के लिए एक डिश बना कर ले जानी है, उससे बन नहीं रही तो मदद मांग रहा था, मना कैसे कर देता।” मैंने शांत रह कर जवाब देने की कोशिश की, जैसे कि राजेश के अनुरोध में कुछ अभी आपत्तिजनक नहीं था

रेनू बिस्तर में जाने के लिए तैयार थी, उस वक़्त उसने एक छोटी सी नाइटी पहनी हुई थी। यह बहुत कामुक लग रही थी और उसके कपडे ऐसे नहीं थे जिसमें वो घर के बाहर जा सके
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उसके चेहरे पर एक उलझन थी “अच्छा! तुमने बोल दिया है तो मैं कपडे बदल कर आती हूँ। तुम भी कपडे बदल लो।”
“मेरे जाने की क्या जरूरत है?” मैंने कहा, “तुम अकेली ही चली जाओ और कपडे क्या बदलने, तुम्हे वहां सिर्फ दस मिनट लगेगें।”
“अरे तो क्या इन्ही कपड़ो में चली जाऊं?”, उसने अपनी छोटी सी नाइटी की ओर इशारा करते हुए।
“क्या हर्ज है? वैसे भी आज तक उसने इतने ज्यादा कपड़ो में तुम्हे नहीं देखा होगा।” मैंने मजाक में कहा लेकिन ऐसे कपड़ो में उसे राजेश के पास भेजने के विचार से मेरे लंड ने एक झटका लिया।
वह मुस्कुराई, “अगर तुम कहते हो तो ठीक है। लेकिन पीछे के दरवाजे से चली जाती हूँ।”

उसने पिछला दरवाजा खोला मुझे बाहर जाते हुए पलट कर मुझे देखा - उसके चेहरे पर एक शरारती मुस्कान थी जैसे वह जानती थी कि राजेश के घर पर उसको सिर्फ गार्लिक ब्रेड बनाने के लिए नहीं बुलाया गया है।

मैं अपनी बीवी की इन अदाओ से बहुत प्यार करता था। मैंने खिड़की के पास जाकर बाहर देखा की राजेश भी अपने घर के पीछे के दरवाजे को खोल कर बाहर आया, उसने शर्ट नहीं पहनी थी और सिर्फ एक बॉक्सर पहना था। वे एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराए, रेनू शरमा गई, और राजेश ने मेरी बीवी की कमर में अपना हाथ डाला और उसे अपने घर के अंदर ले गया और वो मेरी नज़रों से ओझल हो गई।

मैं फ़ौरन घर से निकल कर राजेश की रसोई की खिड़की के पास पहुच गया लेकिन खिड़की बंद थी और शीशे काले थे तो अन्दर क्या हो रहा है कुछ नहीं दिख रहा था। मेरा दिल तेजी से धड़क रहा था, मैं घर लौट आया और चुपचाप सोफे पर बैठ गया। दस मिनट बीत गए, फिर बीस लेकिन रेनू लौट कर नहीं आई। मुझे लगा की कहीं राजेश रेनू को बेडरूम में तो नहीं ले गया। मैं फ़ौरन ऊपर अपने बेडरूम में गया लेकिन राजेश के बेडरूम में कोई नहीं था। मुझे लगा कि वो दोनों रसोई में ही होंगे।

मैं वापस पीछे के दरवाजे से बाहर निकला, और धीरे-धीरे उसकी रसोई की खिड़की के पास गया और खिड़की पर चढ़ कर एक्सास्ट फैन के होल से अन्दर देखने की कोशिश की। बत्ती जल रही थी और ऐसा लग रहा था कि चूल्हे पर कुछ बर्तन हैं, लेकिन राजेश या मेरी बीवी का वहां कोई नामोनिशान नहीं था।

मैं नीचे उतरा और लॉन के साइड से उसके लिविंग रूम की खिड़की पर पहुंच गया। पर्दे पड़े हुए थे लेकिन उनके बीच में थोड़ी जगह थी जिससे अन्दर देखा जा सकता था और अन्दर से दोनों की हलकी आवाजें आ रही थी।

मैंने जो देखा, उसने मुझे लगभग कामोत्तेजना से बेहोश कर दिया। राजेश और रेनू सामने सोफे पर बैठे थे। मेरी बीवी की नाइटी नीचे पड़ी थी और उसकी ब्रा को खीच कर उसकी कमर पर कर दिया गया था – जिससे उसकी बड़ी बड़ी चून्चिया नंगी हो गयी थी। राजेश उन्हें सहला रहा था, उनकी मालिश कर रहा था और निप्पलों को खींच रहा था। मैंने देखा की रेनू उत्तेजना में अपना सिर छत की तरफ करके हलके हलके कराह रही थी।
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राजेश अपना शॉर्ट् उतार चुका था और इस समय पूरा नंगा था और उसका हलब्बी लंड पूरा तना हुआ था। जब मैंने मैं देखा कि रेनू का नाजुक हाथ उसके लंड के चारों ओर लिपटा हुआ था तो मैं लगभग झड ही गया।

मेरी शर्मीली बीवी मेरे पडोसी के लंड को पकड़ कर ऊपर नीचे कर रही थी, राजेश का मोटा लंड पूरी तरह से रेनू की मुट्ठी में नहीं आ रहा था लेकिन फिर भी रेनू पूरे जोश से उसे हिला रही थी।

मेरा मुंह सूख रहा था, मेरी आंखें वासना से लाल हो गई थीं, थीं लेकिन इससे पहले कि मैं कुछ समझ पाता, राजेश ने एक जोर की आह भरी और खड़ा होकर रेनू के मुह पर झडने लगा।
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एक के बाद एक वीर्य की मोटी धार उसके लंड से निकलने लगी, रेनू का मुह राजेश के वीर्य से पूरी तरह भीग गया और रेनू उसी वीर्य का लेप अपने हाथ में लेकर राजेश के लंड पर लगा कर उसे तब तक हिलाती रही जब तक उसके लंड ने आखिरी बूँद नहीं छोड़ दी।

राजेश ने अपनी आँखे बंद कर ली और सिर सोफे पर टिका लिया, उसके चेहरे पर एक संतुष्टि का भाव था। उसका इस तरह झड़ना देख कर मेरी बीवी उत्तेजित होकर बोली, “वाह राजेश, इतना सारा वीर्य, लगता है कई दिनों का स्टॉक था।”

राजेश ने उत्तर दिया, “नहीं डार्लिंग। अभी दस मिनट बाद तुम फिर से करोगी तब भी इतना ही निकलेगा।” वह रुका, “लेकिन कुछ जादू तो तुम्हारे हाथों का भी है।” वो हंसा।
“मैं तुमको बता नहीं सकता कि मैंने जब तुमको पहली बार देखा था तब से ही मैं कितनी बुरी तरह चाहता था कि हम ऐसा कुछ करें।”

रेनू यह सुनकर उत्तेजित हो गई, “मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि मैंने अभी जो किया है! मोनू को पता चलेगा तो मुझे मार ही डालेगा!”
“मुझे नहीं लगता। मोनू को तो इसमें किक मिलती है, रेनू। जब तुम उसे बताओगी तो वो इसे बहुत पसंद करेगा।” राजेश की आवाज अचानक आश्वस्त करने वाली हो गई, मैंने अंदर झाँका तो देखा कि दोनों वापस कपडे पेहन रहे थे, रेनू ने अपनी नाइटी वापस अपने कंधों पर डाल ली और दोनों खड़े हो गए।

रेनू वापस जाने के लिए पिछले दरवाजे की तरफ बढ़ी, “मुझे आशा है कि ऐसा ही हो ...” जाते हुए उसने मुस्कुरा कर राजेश से कहा।
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#20
मैं दौड़ते हुए वापस अपने घर में चला गया, और लिविंग रूम के हमारे सोफे पर ऐसे बैठ गया जैसे वहां से कभी हिला ही न हूँ।
मैंने जल्द ही स्लाइडिंग दरवाज़ा धीरे-धीरे खुलने की आवाज़ सुनी, और मैंने मैं देखा कि मेरी बीवी घर में घुस रही है। उसके बाल अस्त-व्यस्त थे, और वो भारी साँसें ले रही थीं।

नाइटी में सिलवटे थी, और उसके चेहरे और आँखों में एक उन्माद दिखाई दे रहा था।
वो इस हालत में मुझे बहुत खूबसूरत दिखाई दे रही थी। मैंने मैं उसे पकड़ कर सोफे पर लिटा दिया, “मोनू। रुको तो...” वो बोली।
“चुप रहो।” मैंने कहा और उसकी नाइटी को उतार कर उसकी पेंटी पर हाथ लगाया। उसकी पेंटी पूरी तरह से गीली थी और उसकी पानी छोडती चूत की गवाही दे रही थी, मैंने उसकी पेंटी को खींच कर उसके घुटनों पर कर दिया और उसे पलटा कर पीछे से अपना लंड उसकी पनियाती चूत में डाल दिया। उसकी चूत अभी भी लगातार पानी छोड़ रही थी।
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“उफ़ रेनू। जब तुम एक रंडी की तरह बर्ताव करती हो तो मुझे बहुत अच्छा लगता है।” मैंने मैं उसकी गांड एक ज़ोर का थप्पड़ मारा।
वह जोर से कराह उठी, “आह्ह्ह्ह मोनू! नहीं! हीं मैंने मैं आःह्ह्ह कुछ्ह्ह्ह सोर्र्य्यय्य्य्य!”
“क्या तुमको उसके बड़े लंड के साथ खेलना पसंद हैं, बोलो मेरी रंडी?” मैंने मैं उसके चुतरो को पकड़ एक जोर का धक्का मारा।
“ओह! आआह्ह्ह नहीं!हीं” मेरे कहते ही रेनू ने अपना चेहरा तकियों में दबा लिया। वह शर्म से सोच रही थी की मुझे कैसे पता चला लेकिन उसकी चूत उत्तेजना से और गीली हो रही थी। मुझे वो बहुत ही कामुक लग रही।

मैंने जोर से धक्के मारना शुरू कर दिया और उसकी चूत उत्तेजना से खुलने बंद होने लगी और अचानक वो सोफे पर गिर कर जोर से चिल्लाई और झड गयी। उसके झड़ते ही मैं भी फट पड़ा और अपने माल से उसकी चूत को भर दिया फिर उसकी पीठ पर गिर गया। हम धीरे-धीरे एक दूसरे पर लुढ़क गए।
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जैसे ही मैं नार्मल हुआ तो मैंने मैं उसकी तरफ देखा, “बताओ वहां क्या हुआ। सब कुछ बताओ।”
वह बैठ गई। वह घबराई हुई थी, और अभी भी भारी सांस ले रही थी। “मैं... मैं अंदर गयी और हम दोनों उसकी रसोई में गए।” बोलते हुए वह हकला रही थी, “व-वहां वो, बार बार अपने बदन को किसी न किसी बहाने से मुझसे रगड़ रहा था, फिर वो मेरे पीछे से मुझसे चिपक गया और मैंने मैं महसूस किया की उसका लंड पूरा खड़ा था और मुझे चुभ रहा था।” उसने शर्मिंदगी से अपना चेहरा ढक लिया।

“बेबी, प्लीज मैं सुनना चाहता हूँ। बताओ न।”
“फिर उसने मेरी छातियों के साथ खेलना शुरू कर दिया ... फिर ...वो मैंने उसे रोकने के लिए कहा लेकिन उसने नहीं माना।”
मुझे विश्वास नहीं हो रहा था।
“वह उह ... उम, उसने कहा कि वह मुझसे प्यार करता है, और वह मुझसे नज़र नहीं हटा पाता ...” वह रुक गई।
“जब मैंने मैं खाने को ढक दिया और कुछ मिनटों के लिए स्टू करने के लिए सेट कर दिया और बोला की अब मैं जाती हूँ तो उसने मुझे लिविंग रूम में खींच लिया और मुझे सोफे पर बिठा दिया।” वह शरमा रही थी, “व-वह मेरे स्तन के साथ खेलता रहा, और फिर उसने जल्दी से अपने शॉर्ट्स को नीचे खींच लिया, और उसका डिक बाहर निकल आया।"
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मैं फिर से उत्तेजित होने लगा – वो जान बूझ कर लंड चूंची जैसे शब्द नहीं बोल रही थी लेकिन फिर भी मेरा लंड फिर से ऐठने लगा।
उसका शरमाना जारी था, वो मुझे नज़रे नहीं मिला रही थी, “उसने मुझसे पूछा कि क्या मुझे वो पसंद है।”
मेरा गला सूख गया, “क्या कहा तुमने?”
“... मैं... मैंने मैं उससे कहा कि कि... यह कितना बड़ा है।” वह रुक गई, और शरमा गई। “उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और धीरे से उसे उस पर रख दिया, मुझे नहीं पता कि लेकिन मैं बस ... मुझे नहीं पता!”
मैं कराह उठा, “बेबी...फिर क्या हुआ?”

उसने अपना होंठ काटा, “उसने मुझे अपने बड़े डिक के साथ खेलने के लिए कहा, और उसे खड़ा करने के लिए ...” वह रुकी, और एक गहरी सांस ली, “हिलाने के लिए ...तो मैंने मैं किया।”
“उफ्फ्फ। फिर?” मैंने  जवाब दिया।
“ओह बेबी हम ये बात क्यों कर रहे हैं!? प्लीज!” वह बोली और उसने अपना चेहरा अपने हाथों में दबा लिया। मैंने उसकी टांगों को खोल दिया और उसकी चूत मेरी आँखों के सामने थी। मैंने धीरे से उसे वापस सोफे पर धकेला और अपने तने हुए लंड को उसकी चूत के मुहाने पर रख कर कहा, “तुम बहुत शैतान औरत हो, और मुझे तुम्हारी शरारते जानने में बहुत मजा आता है!” इसके साथ ही मैंने मैं उसमें लंड उसकी चूत में डाल दिया और हम दोनों दुसरे राउंड में लग गए।
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कुछ दिन और बीत गए, और एक दिन मैं देर से घर पहुँचा लेकिन रेनू घर में नहीं थी, मैंने मैं गेरेज में देखा तो उसकी कार गेरेज में खड़ी थी।
मैंने मैं उसे मेसेज किया, “तुम कहाँ हो?”
दस सेकंड बाद मुझे जवाब मिला, “थोड़ी शरारत कर रही हूँ”, उसने स्माइली के साथ जवाब दिया।
मैंने राजेश के घर को देखने की कोशिश की लेकिन मैं ज्यादा कुछ समझ नहीं पाया।

“क्या कर रही हो?” मैंने फिर पुछा।
एक मिनट बीत गया, और फिर मुझे जवाब मिला।
यह एक छोटा सा वीडियो था, जो किसी भी पोर्न से ज्यादा उत्तेजित करने वाला था। मेरी बीवी राजेश को किस कर रही थी फिर राजेश उसकी चून्चियों को मुह में भरकर पी रहा था और रेनू उसके लंड की मालिश कर रही थी। अचानक मेरी बीवी राजेश के सामने घुटनों पर बैठ गयी और राजेश बोला, “मम्म। यस बेबी। अच्छे से चूसो इसको।”
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ऐसा लग रहा था की राजेश ने इसे अपने फोन से रिकॉर्ड किया है और अब रेनू राजेश का लंड अपने मुह में भर कर चूस रही थी हालाँकि वो इतना बड़ा था की उसके मुह में आ ही नहीं रहा था।
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