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भाभी अब हल्का हल्का गर्म होने लगी थी। अब मैंने भाभी के कूल्हों को दबाते हुए अपने होंठ उनके कान के लोब पर रखे तो उनकी सिसकारी निकल गई- आआह्ह्ह्ह!
मैं उनके कान को चूस रहा था, भाभी ने मेरी कमर में हाथ डाल कर मुझे अपने से और चिपका लिया, मेरा मजबूत लंड उनकी साड़ी के ऊपर से ही बुर पर रगड़ खा रहा था।
अब मैं अपने हाथों से उनकी सेक्सी गांड को मसल रहा था, साथ ही साथ अपने सीने से उनकी पहाड़ जैसे चूचे दबा रहा था, बहुत मज़ा आ रहा था हम दोनों को।
मैंने उनके पल्लू को सीने से नीचे गिरा दिया- आअह्ह आअह्ह्ह आःह्ह्ह… क्या मस्त नज़ारा था अब… ऐसा लग रहा था कि ब्लाउज़ फाड़ के चूची बाहर आ जायेगी।
दोनों चूची दबने से उनका क्लीवेज बहुत सेक्सी दिख रहा था। मैं अपना एक हाथ गांड से हटा के उनके सीने पर रख कर सहलाने लगा।
उनकी सांसें बहुत तेज़ होने लगी थी जिससे चूची ऊपर नीचे हो रही थी, मस्त दिख रही थी ऊपर नीचे होते उनकी चूची।
भाभी जो अब पूरी मस्ती में आ गई थी, मेरे कूल्हे मसल रही थी और अपनी बुर को मेरे लंड से रगड़ रही थी।
अब मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए, क्या मखमली अहसास था, उसके निचले होंठ को अपने होंटों के बीच में लेकर चूसने लगा।
मस्त रसीले होंठ…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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तभी भाभी ने अपनी जीभ मेरे मुख में डाल दी और मेरी जीभ से अपनी जीभ को रगड़ने लगी।
पूरी तरह से एक दूसरे की बाँहों में हम लोग मदहोश हो चुके थे, बस एक दूसरे के होंठों को चूसे जा रहे थे।
अब मैं अपनी जीभ उनके मुँह में डाल चुका था, भाभी मस्ती से मेरी जीभ को चूस रही थी। मैं उनकी चूची को अपने हाथ में लेकर मसल रहा था।
अब तक मैं ब्लाउज के बटन खोल कर चूची दबा रहा था, 15 मिनट के चुम्बन के बाद भाभी ने मेरे आँखों में देखा, मैंने पीछे हाथ करके भाभी के ब्रा का हुक खोल दिया।
अब उनकी बड़े चूचे मेरे हाथ में थे, मैं एक चूची के निप्पल को हल्का हल्का मसल रहा था जिससे उनके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी, मस्त मादक सिसकारी।
तभी मैं झुक कर एक निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा। भाभी ने मचल कर मेरे सर को अपनी चूची में दबा लिया।
मैं भी मस्त होकर उनका दुधु पी रहा था, नीचे वो मेरे लंड से खेल रही थी जो बेहद कड़क हो चुका था, मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर मुठ मार रही थी।
अब मैं भाभी के आगे बैठ गया जिससे मेरा मुँह भाभी की बुर के आगे हो गया, भाभी ने मेरा सर साड़ी के ऊपर से ही बुर के पास दबा लिया।
यह उनका इशारा था कि ‘बुर को चूस लो।’
पर मेरा इरादा तो आज दूसरा ही था, मेरी नज़र भाभी के गदराई हुई गांड पर थी जिसे मैंने नीचे बैठ के पीछे से पकड़ा हुआ था।
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धीरे धीरे मैंने उनकी साड़ी को ऊपर उठाना शुरू किया।
आःह्ह्ह क्या गोरी टांगें हैं बिल्कुल चिकनी! कल रात कम रोशनी में अच्छे से दिखी नहीं थी।
मैंने अब भाभी को पीछे घुमा दिया, पीछे से उनकी साड़ी ऊपर करने लगा तो पूछने लगी- पीछे क्यूँ हो अजय?
मैंने कहा- आपकी गांड देखनी है भाभी।
वो बोली- पहले बुर चूस कर शांत करो, फिर गांड देखना।
भाभी ने खुद ही मुड़ कर अपनी बुर मेरे मुँह पर लगा दी, मैंने उनका एक पैर अपने बेड पर रख दिया, एक नीचे ही था जिससे उनकी बुर खुल गई और मैंने अपने होंठ भाभी के चूत के होटों पर रख दिए।
भाभी बोली- अजय, तुम्हें बहुत तरीका आता है औरतों को खुश करने का? खा जाओ मेरो चूत को आज!
भाभी बोले जा रही थी और मेरा सर अपने बुर में दबाये जा रही थी।
मैं भी अपनी जीभ से उनकी बुर चाट रहा था।
तभी मैंने उनकी बुर को अपने दोनों हाथों से फैला के जीभ से पिंक वाला अंदर का हिस्सा चाटा तो भाभी ने मेरा सर अचानक से अपनी बुर पर दबा लिया और काफी पानी आया उनकी बुर से, मैंने सब चाट कर साफ़ कर दिया।
अब मैंने भाभी को फिर से पीछे घुमा दिया, अपना गाल उनके कूल्हे से रगड़ रहा था, आगे हाथ करके उनकी बुर को फिर से सहलाने लगा था जिससे वो फिर से गर्म हो जाये, अपने होटों से गांड को किस कर रहा था, भाभी को थोड़ा आगे झुका कर अच्छे से गांड को मसलने लगा।
अब भाभी को भी मज़ा आ रहा था, आह्ह आह्ह्ह आह्ह्ह किये जा रही थी।
मैंने उनके गांड को हल्का फैला के गुलाबी छेद पर ऊँगली रखी तो भाभी ने अपनी गांड थोड़ी सिकोड़ ली जिससे छेद बहुत टाइट हो गया।
मैंने भाभी से कहा- आपकी गांड बहुत सेक्सी है।
तो बोली- कितनी?
मैंने कहा- सबसे अच्छी भाभी, जब गांड हिला कर चलती हो तो जान ले लेती हो। मुझे आज आपकी गांड पेलनी है, जम के गांड मारनी है।
भाभी बोली- मैंने कभी नहीं गांड मरवाई है।
तो मैंने कहा- कैसे भैया ने इतनी सेक्सी गांड छोड़ दी बिना चोदे?
तो भाभी हँसी और कहने लगी- शायद तुम्हारे लिए छोड़ दी हो।
तो मुझे लगा कि हो न हो भाभी के मन में भी गांड मरवाने का विचार है, तभी मैंने कहा- आज आपकी गांड मारता हूँ, चूत बाद में मारूँगा!
भाभी बोली- मुझे भी बहुत दिनों से मन था गांड मरवाने का क्यूँकि मेरी एक सहेली अक्सर गांड मरवाती है, कहती है कि बहुत मज़ा आता है, बिल्कुल शुरू के दिनों की याद आ जाती है।
मैं अपनी एक ऊँगली उनकी गांड के छेद पर रख के अंदर दबाने लगा, छेद बहुत टाइट था।
मैंने कहा- उंगली चूस के गीली करो!
तो भाभी मेरी बीच वाली ऊँगली मुँह में लेकर चूसने लगी, ढेर सारा थूक लगा कर गीली की, मैंने अब छेद पर रख के बढ़ाया अंदर तो थोड़ी अंदर चली गई।
भाभी कसमसाई तो अंदर आधी ऊँगली डाल कर ऊँगली से ही चोदने लगा और हल्का हल्का कर के पूरा ऊँगली डाल दी। अब मैं अच्छे से घुमा रहा था ऊँगली को अंदर ताकि लंड के लिए जगह बन जाये।
‘आह्ह्ह्ह्ह् आह्ह्ह आह्ह्ह…’ भाभी किये जा रही थी।
मैंने पूछा- कैसी फीलिंग है?
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बोली- पूछो मत जान, बहुत अच्छा लग रहा है, सच में तुम बहुत अच्छे हो। तुम्हारे जैसा कोई मज़ा नहीं देता होगा किसी को। आजह्ह आह्ह्ह पेल दो अजय मेरी जान, आज अपनी भाभी की गांड फाड़ दो… मार दो देरी प्यासी गांड को… आआह्हह आह्हह्ह लव यू अजय… आह आअह्ह आह्ह्ह्ह!
भाभी पूरी तैयार थी गांड मरवाने का लिए।
भाभी ने खुद ही मुड़ कर अपनी बुर मेरे मुँह पर लगा दी, मैंने उनका एक पैर अपने बेड पर रख दिया, एक नीचे ही था जिससे उनकी बुर खुल गई और मैंने अपने होंठ भाभी के चूत के होटों पर रख दिए।
भाभी बोली- अजय, तुम्हें बहुत तरीका आता है औरतों को खुश करने का? खा जाओ मेरो चूत को आज!
भाभी बोले जा रही थी और मेरा सर अपने बुर में दबाये जा रही थी।
मैं भी अपनी जीभ से उनकी बुर चाट रहा था।
तभी मैंने उनकी बुर को अपने दोनों हाथों से फैला के जीभ से पिंक वाला अंदर का हिस्सा चाटा तो भाभी ने मेरा सर अचानक से अपनी बुर पर दबा लिया और काफी पानी आया उनकी बुर से, मैंने सब चाट कर साफ़ कर दिया।
अब मैंने भाभी को फिर से पीछे घुमा दिया, अपना गाल उनके कूल्हे से रगड़ रहा था, आगे हाथ करके उनकी बुर को फिर से सहलाने लगा था जिससे वो फिर से गर्म हो जाये, अपने होटों से गांड को किस कर रहा था, भाभी को थोड़ा आगे झुका कर अच्छे से गांड को मसलने लगा।
अब भाभी को भी मज़ा आ रहा था, आह्ह आह्ह्ह आह्ह्ह किये जा रही थी।
मैंने उनके गांड को हल्का फैला के गुलाबी छेद पर ऊँगली रखी तो भाभी ने अपनी गांड थोड़ी सिकोड़ ली जिससे छेद बहुत टाइट हो गया।
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तभी मैंने एक ज़ोर का धक्का मारा तो और लंड अंदर हो गया। भाभी हल्की सी चीखी पर खुद को रोक लिया।
मैं भी रुक कर उनको आराम देने लगा, अब हल्का हल्का फिर से चुदाई करने लगा।
अब आधा लंड बहार निकालता फिर पेलता, जिससे हम दोनों को बहुत मज़ा आने लगा था। मैं भी पूरे जोश में था तो ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा, भाभी भी मस्त होकर अपने चूतड़ हिला हिला के चुदवाने लगी, ऐसा लग रहा था कि मेरे से ज्यादा मज़ा उन्हें ही आ रहा है।
भाभी की फ़ुद्दी बुरी तरह से पानी छोड़ रही थी। अपनी बीच वाली ऊँगली पूरी पेल दी बुर में मैंने… गांड में लंड बुर में ऊँगली, भाभी तो जैसे पागल हो गई, लगभग चिल्लाने जैसे कहने लगी- फाड़ दो मेरी xxxxको… आःह्ह्ह आःह्ह्ह अजय और तेज़ करो।
तभी मैंने 2 उंगलियाँ डाल दी बुर में।
क्या बताऊँ दोस्तो, आगे बुर में उंगली थी और पीछेxxx… लंड का हर धक्का बुर में मेरी उंगली पर पूरी तरह से महसूस हो रहा था।
आआह्ह आःह्ह आअह…
भाभी की बुर अब अपनी पूरी रंग में आ चुकी थी, तभी भाभी कहने लगी- मैं अब झड़ने वाली हूँ… आआह्हह आअह्ह आःह्ह्ह अजय और तेज़ करो दोनों जगह पे… फाड़ दो मेरी बुर को अपने हाथों से।
तभी मैंने 3 उंगलियाँ डाल दी बुर में, आः आःह्ह्ह इससे बहुत टाइट हो गई बुर। अब मैं हाथ से बुर को औरx को पेल रहा था।
इतनी चुदाई के बाद भाभी झड़ने लगी, मेरा पूरा पंजा भीग गया भाभी के कामरस से, मैंने अपना हाथ निकल के भाभी के मुँह पर लगया तो वो अपना ही बुर का पानी चाटने लगी, पूरी तरह से वो पागल हो गई थी- आअह्ह आआह्ह!
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17-05-2022, 05:35 PM
(This post was last modified: 17-05-2022, 05:50 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
अब भाभी मेरे लंड को अपनीबुर में डाल चुकी थी, चेहरा उनका बिल्कुल लाल हो गया था, क्या लग रही थी!
मैं भाभी की कमर पकड़ के नीचे से हल्का धक्का देने लगा, ऊपर से भाभी अपने चूतड़ ऊपर नीचे कर के मुझे चोदने लगी।
उनके ऊपर नीचे होने से उनकी बड़ी बड़ी चूचियाँ उछलने लगी, क्या सुन्दर लग रही थी।
मैंने चूची को पकड़ के मसलना चालू किया और नीचे सेबुर उठा उठा कर भाभी केबुरको चोदे जा रहा था।
आअह्ह्ह आःह्ह्ह आह्ह्ह… मस्त मज़ा आ रहा था।
अब मैंने भाभी की बुर को भी सहलाना चालू कर दिया था, एक हाथ से चूची मसल रहा रहा था, एक हाथ से बुर सहला रहा था।
भाभी पूरे जोश में मुझे चोदे जा रही थी और बोले जा रही थी- अजय आज से मैं तुम्हारी हूँ, जब चाहे मुझे चोदना आह… आआह्हह ह्हह्ह आआह्ह्हह… बस मुझे अपने से दूर मत करना।
कहते कहते भाभी ने अपने धक्कों की स्पीड और बढ़ा दी।
अब लग रहा था कि मेरा निकलने वाला है तो भाभी को रोक दिया और उतरने का इशारा किया।
उन्होंने पूछा- क्यूँ?
तो मैंने कहा- नहीं रूकती तो मेरा पानी तुम्हारी बुर भर देता और मैं अभी निकालना नहीं चाहता पानी अपना।
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थोड़ी देर रुकने के बाद। भाबी को नीचे पेट के बाल लेटा दिया। और मैं उनके ऊपर आ गया।
और बुर को फैला के लंड रख दिया। अब एक ही झटके में पूरा लंड पेल दिया उनकी बुर में।
‘आअह्ह्ह…’ भाभी चिल्लाई।
पर मैं अब कहाँ रुकने वाला था, पूरा बॉडी उनके पीठ पर रख के उनके बुर चोदने लगा।
भाभी भी कहने लगी- अजय आज बुर मरवाने की सारी तम्मना पूरी हो गई। आअह्ह्ह आःह्ह्ह चोदो और ज़ोर से… आआह्ह आःह्ह्ह
मैं भी पूरा ज़ोर लगा के चोदने लगा- आःह्ह्ह्ह्ह आःह्ह!
थोड़ी देर ऐसे चोदने के बाद भाभी को घोड़ी बनाया, अब मेरा मन भाभी का बुर पेलने का होने लगा था, आअह्ह ह्हह क्या लग रही थी
तभी मैंने अपना लंड बुर पर रखा, बुर ने बहुत पानी छोड़ा था तो लंड का सुपारा गीला हो गया, लंड से चूत को रगड़ने लगा तो भाभी चिल्लाने लगी- मत तड़पाओ जान, पेल दो,बुर मरवा के बुर में आग लग गई है। चोद दो मुझे रात जैसे, दे दो मुझे पूरा मज़ा… आआह्ह्हह…
मैंने भी देर न करते हुए भाभी का कमर पकड़ा और एक बार में ही पूरा लंड अंदर पेल दिया।
भाभी के मुख से एक सिसकारी निकली मज़े वाली ‘आः आःह्ह्ह आःह्ह्ह…’
भाभी ज़ोर ज़ोर से बके जा रही थी- फाड़ो चूत को… पूरी तरह से करो… पूरा चोदो… मस्त लंड है अजय तम्हारा। तुम्हारे जैसा कोई नहीं चोदता है। तुम मेरे हीरो हो। आज मुझे जन्नत दे रहे हो जान तुम। और तेज़ अज्जु बेटा और तेज़ बेटा। मेरी जान हो तुम अज्जु आआहह्हह्ह आअह्हह्हह…
ऐसा लग रहा था कि अब भाभी कभी भी झड़ सकती है और मैं भी तेज़ से किये जा रहा था, लगातार चोदने से मेरी भी हालत ख़राब थी, अब लग रहा था कि मेरा भी लंड कभी भी पानी छोड़ देगा।
तभी भाभी चिल्लाई ज़ोर से- मैं आ रही हूँ आःह्ह्ह आअह्ह्ह अज्जु कस के चोदो।
तभी मैं भी झड़ने लगा।
हम दोनों साथ में ही झड़े थे ‘आआह्हह आआह आअह्ह आअह्हह…’
मेरा लंड ने अंदर ही झटके मार मार कर अंतिम बून्द तक अपना पानी गिरा दिया, चूत से हम दोनों का मिला हुआ पानी बाहर आने लगा।
हम दोनों ने बहुत रिलैक्स महसूस किया, बाथरूम में जाकर अपना लंड धोया और साथ में भाभी की बुर और गांड भी मैंने ही धोई।
हम लोग थोड़ी देर ऐसे ही चिपक के बैठे रहे, फिर भाभी मेरे गोद में सर रख के लेट गई।
दोस्तो, सेक्स के बाद हमेशा थोड़ी देर पार्टनर के साथ चुपचाप लेटना चाहिए, इससे उसको बहुत अपनापन लगता है।
तो ऐसे ही लेट के हम लोग बाते करने लगे, मैं भाभी के सर को सहला रहा था, वो मेरे सीने पर हाथ फेर रही थी।
मैंने पूछा- कैसा लगा?
तो बोली- बता नहीं सकती कि कितना अच्छा लगा। तुमसे 2 ही बार चुदवा के ऐसा लगा कि जैसे 20 साल पहले की बात हो। आज फिर उसी जोश से चुदवाया।
मैंने कहा- क्यूँ ऐसा, भैया ऐसा नहीं करते क्या?
तो बोली- तुम सबसे अच्छा सेक्स करते हो। कैसे करना है, तुम्हें पता है कैसे औरतों को उतेजित करते हैं, फिर कैसे शांत करते हैं बड़े अच्छे से जानते हो।
मैंने कहा- बस मैं आपका ख्याल रखता हूँ और कुछ नहीं।
तो बोली- बस ऐसे ही ख्याल रखना मेरा!
मैंने कहा- हाँ रखूँगा।
अब तक 3.30 बज गए थे।
थोड़ी देर बाद ने हम दोनों एक दूसरे को कपड़े पहनाये, चूमा, एक फिर भाभी रात में आने का वादा करके चली गई।
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(18-05-2022, 12:30 AM)bhavna Wrote: एकदम मस्त कहानी।
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