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02-06-2022, 09:57 AM
(This post was last modified: 03-06-2022, 09:46 AM by bharatbarsh47. Edited 4 times in total. Edited 4 times in total.)
सौदा का फायदा
प्रिय पाठक,
हिंदी में कुछ भी लिखने का यह मेरा पहला प्रयास है। हिंदी मेरी मातृभाषा नहीं है। कई गलतियां होंगी, खासकर लिंग के मामले में। उन गलतियाँ के लिए में पहले से ही क्षमापार्थी हूँ।
धन्यवाद,
भारत
सुबह से ही कामना आज काफी व्याकुल हैं। और होना भी चाहिए। आज वास्तव में एक विशेष दिन है। आज शाम उसे और उसके पति को उनके डिपार्टमेंट का क्षेत्रीय अधिकारी द्वारा दी गई एक पार्टी में आमंत्रित किया गया है। पार्टी उनके फार्म हाउस पर है। वैसे तो रोहित एक मेहनती इंसान है। लेकिन किस्मत कभी उनके साथ नहीं देती। टैलेंट भी उनमे थोड़ा कम है। इसलिए करियर में खभी आगे बार ना सके। लम्बे आरसे के बाद आखिर भगवन ने तराश खा कर एक सुनहरा मौका उनके झोली में दान में दी है। बड़े इंतजार के बाद आज उनकी अभिलाषा पूरी होगी। ये सव पार्टियां नौकरी में आगे बढ़ने के लिए महत्वपूर्ण हैं। डिपार्टमेंट के शीर्ष अधिकारियों हमेशा ऐसी पार्टियों में मौजूद रहते हैं। अगर वह किसी तरह उनकी गुड बुक्स में शामिल हो जाये, तब ये उम्मीद की जा सकती है रोहित की करियर जल्दी से एक तेज लेन पाकर लेगी। सात साल कड़ी मेहनत के बावजूद वह अभी भी डिपार्टमेंट में केवल एक जूनियर क्लर्क रहे गये है। ये निराशा के अलावा और कुछ नहीं हैं। पोर अब लगता हे की आखिरकार कुछ अच्छा होने वाला है। इस बार पति और पत्नी दोनों इस सुनहरे अवसर को खोना नहीं चाहते हैं।
हमेशा से ही कामना अपने पतिदेव की हर तरह से मदद करने के लिए तैयार खरी है। वह जानती है कि आज उन्हें उसकी सबसे ज्यादा जरूरत पड़ेगी। और वह उनके शाम को सुहावना बनाने का ठान ली हैं। आज कुछ भी गलत नहीं होना चाहिए। वह जानती है कि वह अपने पति पर भरोसा नहीं कर सकती। वह एक नंबर का अनाड़ी इंसान है। यही कारण है कि दिनरात गधे की तरह काम करने के बाद भी उनसे एक भी प्रमोशन हासिल ना हो पाया। अब सब कुछ कामना के ऊपर निर्भर है। अगर वह नहीं चाहती कि यह सुनहरा मौका भी हाथ से निकल जाए, तब उसे ही कुछ करना पड़ेगा। इसलिए उसके पास आज की शाम के लिए एक ज़बरदस्त योजना है। उसके पास एक मासूम चेहरे के साथ एक भड़कीला बदन है, जिसे आज शाम वह काम पे लगाना चाहती है। पुरुषों ने हमेशा उसमे काफी दिलचस्पी ली है। कामना कॉलेज के दिनों में अपनी खूबसूरती और मस्ती भरे स्वभाव की वजह से काफी लोकप्रिय थी। कॉलेज के उन तीन बावला सा वर्षों में वह कुछ तूफ़ानी रिश्तों में उलझ गई। अपने कॉलेज जीवन को पूरी तरह से जीने के बाद, वह अपने पिताजी की एक सरकारी नौकरी करने वाला युवा के साथ शादी के बंधन में बंधने के प्रस्ताव पर खुशी-खुशी राजी हो गई। रोहित से उसकी शादी के बाद, हालाँकि कई पुरुषों ने उससे संपर्क किया था, लेकिन वह अपनी पवित्र वैवाहिक प्रतिज्ञाओं को पालन करने में कभी नहीं चुके। हालाँकि वह कभी भी अपने प्यारे पति से पूरी तरह संतुष्ट नहीं थी, फिर भी वह हमेशा उनके प्रति वफादार रही है। और आज भी वह उसी सम्मान को बनाए रखना चाहती है। लेकिन रोहित की भलाई के लिए, वह अच्छी तरह जानती है कि आज उसे किनारे पर चलने की जरूरत है, लेकिन कभी भी सीमा पार नहीं करनी। और आज वह ये चमत्कार करने की ठान चुकी है।
कामना इस योजना में इस कदर घुश चुकी है कि, पिछले दो सप्ताह से रोज़ शाम को अपने पति के घर लौटने के बाद वह उनके साथ शराब पीने का अभ्यास कर रही है। एक दिन रोहित ने मजाक में उससे कहा है कि इन पार्टियों में शराब नदी की तरह बहती है और सभी उसमे बहे जाना पसंद करता है। अगर कोई सभी के साथ, विशेष रूप से बॉस लोगों के के साथ, अच्छे तरह से घुलमिल जाना चाहते हैं, तो उन्हें एक अच्छा छाप छोड़ने की आवश्यकता है, विशेष रूप से पीने के विभाग में एक शानदार प्रदर्शन करना पड़ेगा। और वह भली-भांति जानती है कि ज़िन्दगी की हर पहलू की तरह उसका पतिदेव सामाजिकता में भी काफी अनारी है। काफी अभ्यास के बाद भी उनसे शराब सम्हाल नहीं जा रहा। अभ्यास के दौरान, हर बार चार पेग के बाद वह होश खो बैठते है। हालाँकि, यही प्रथा कामना को पीने में माहिर बना दिया। अब बहुत आसानी से उसको नशा चरती नहीं है।
उसके नए शराब पीने के क्षमता ने वास्तव में कामना को इतना आत्मविश्वास दिया है कि उसने पार्टी के लिए एक काफी सरल योजना तैयार की है। पार्टी में वह शीर्ष अधिकारियों को बहकाने की कोशिश करने की चाहत रखती हे। कामना जानती है कि पार्टी में शराब बहेगी तो हर कोई थोड़ा बोहोत नशे में होगा। बॉस लोग भी नशे में रहेंगे। और इसलिए उनके साथ खेलने के लिए उसके पास एक खुला मैदान होगा। उनके साथ फ़्लर्ट करने का पर्याप्त अवसर उसको मिलेगा। सिर्फ उसे पकड़ने की जरूरत है। वह आसानी से अंदाजा लगा सकती है कि रोहित बहुत ज्यादा नशे में होंगे और उसे कुछ भी करने से नहीं रोक पाएंगे। वास्तव में, उसे शत-प्रतिशत यकीन है कि उसका पति इतना नशे में होगा कि उसे कुछ पता नहीं चलेगा। कामना सचमुच चाहती है कि रोहित पूरी तरह से नशे में धुत हो जाए। होश में रहा तो उसके पति कुछ गड़बड़ मचा सकता है, जो वह बिल्कुल भी नहीं चाहती। आज शाम उसकी योजना के सफल होने के लिए, यह आवश्यक है कि रोहित अपनी चेतना खो दे। अपने पति को रस्ते से हाट जाने के बाद ही वह निश्चिंत हो कर उनके बॉस लोगों के साथ खुल्लमखुल्ला फ्लर्ट कर सकेगी हे। पार्टी में अये अन्य मेहमान लोग थोड़ा बोहोत कामना को जज करेंगे, पर उसे कोई फरक नहीं परता। वह आसानी से कोई एक पि हुई दिलफेंक आशिक टाइप शीर्ष अधिकारि को पकड़ के फुसला सकती है और अपने प्यारे पतिदेव के लिए एक लाभदायक सौदा हासिल करते हुए वह वास्तव में उनके साथ अपनी शाम का आनंद उठा सकती है। जब तक वे पवित्र रेखा को पार नहीं करते, उसे किसी भी बात की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। उसको यकीन है कि पार्टी में की गई सभी छेड़खानी को एक हंसी-मजाक के रूप में लिया जाएगा और अगले दिन लोग सब भूल जायेंगे।
कामना अट्ठाईस के हो चुकी है। वह भारतीय महिलाओं की तुलना में थोड़ी लंबी है। पांच साल के वैवाहिक जीवन के बाद उसकी शरीर भी थोड़ी भारी हो चुकी है। लेकिन उसने उन वज़न को सही जगहों पर हासिल की है। उसकी तरबूज जैसी बड़े बड़े मम्मे, चर्बीयुक्त कमर, फैली हुई नितंब और उलटे घड़ा की जैसी विशाल गांड किसीके भी मुंह में पानी ले अये। कुल मिला कर वह एक आकर्षणीय शादीशुदा भारतीय महिला की आदर्श उदाहरण बन चुकी हैं। कामना ने आज पार्टी के लिए बहुत ही आकर्षक तरीके से सजधज कर तैयार हुईं है। इस खास पार्टी के लिए तैयार होने में उसे करीब चार घंटे लगे। परिणाम वास्तव में मंत्रमुग्ध कर देने वाला है। उसने आज लाल रंग का ऑफ शोल्डर स्ट्रैपलेस एंड बैकलेस स्पैन्डेक्स ट्यूब टॉप मिनी ड्रेस पहनी है। यह एक बॉडीकॉन है, जो आगे और पीछे दोनों तरफ से ही हद से ज्यादा गहरा कटा हुआ है। यह ललचाने वाली वस्र उसकी भरा हुआ बदन पर एकदम कसकर चिपकके बैठा हुआ है और बड़े ही अश्लीलता से उसकी रसीले वक्र का प्रदर्शन कर रहा है। इसकी लंबाई इतनी काम हे की यह वस्र उसकी दोनों मोठे मोठे जांघो पर पहुंचते पहुंचते ही खत्म हो गया। पोशाक के निचे से निकली हुई उसकी दोनों टांगे बिलकुल नंगी है। उसकी कंधे पुरे खुले हुए है। उसके बड़े बड़े मम्मे हद से ज्यादा उभर रहे है और उनको देख के लगता भी है की वे किसी भी वक़्त उसकी कसी हुई पोशाक के बंधन को तोड़ के बाहर निकल सकती है। नतीजा, उसकी क्लीवेज कुछ ज्यादा ही बड़े लग रहा है। उसकी पोशाक के नीचे उसके बड़े बड़े निपल्स की रूपरेखा भी बड़ा ही साफ तरीके से दिख रहा है। पीछे से भी ये विदेशी परिधान एकदम खुल्लम खुल्ला हो के उसकी चिकना पीठ को नंगा करके रखा है। उसके फुले हुए मम्मेओं की तरह उसकी उभरी हुई बिशाल गांड भी उसकी टाइट पोशाक को एकदम किनारे तक खींच रहा है। मोटिवेशन बनाए रखने के लिए, उसने जानबूझकर कोई अंडरगारमेंट नहीं पहना। अंतिम रूप करण के लिए, उसने चार इंच का स्टिलेटोस पहनी है और अपने खूबसूरत चेहरे पर हैवी मेकअप कि है। यह एक्सोटिक ड्रेस पहन के वह काफी ज्यादा हॉट दिख रही है।
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Good start.....
Keep it up....
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Nice start and good story
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जब रोहित ऑफिस के बाद अपनी खूबसूरत पत्नी को पार्टी में ले जाने के लिए घर आया, तब कामना को ऐसी खुली हुई पोशाक में देख के वह बहुत ही नाराज हुए। उसे वह कुछ जरूरत से ज्यादा विस्फोटक लगे। ऐसी अश्लील पोशाक कोई जानबूझकर पहनती है क्या? लोग क्या कहेंगे? ऐसे जाएगी तो पार्टी में अये सभी मेहमानों को लागेका की उसने एक रैंड से शादी की है। अपने भरे बदन को हद से ज्यादा दिखा रही है। इससे गलत संकेत जा सकता है। पार्टी में कोई भी उससे बत्तमीज़ी कर सकता है। ऐसी पार्टिओं में बहुत सरे लोग आते है। कौन जाने किसकी नीयत क्या है?ऐसे खुल्लम खुल्ला जाएगी तो जरूर अपने साथ उसे भी ले डूबेगी। पार्टी में उसके बोस लोग भी आएंगे। कुछ उल्टा सीधा हो गया तो उन लोगों के सामने उसके मान-संमान का धजिया उर जायेगा।
उसने अपने पत्नी को गंभीर आवाज में कहा, "ये क्या पहनी हो? पार्टी में क्या ऐसे जाओगी?"
पति का गंभीर मुँह देख कर कामना को अंदाजा लग गया की उसे उसकी पहनावा पसंद नहीं आया। उसे इसी बात का डर था। रोहित बारे पुराने ख़यालात के इंसान हे। वह पहले से ही जानती थी की उनसे ये मॉडर्न ज़माने का ड्रेस हजम नहीं होगा। पर फिर भी उम्मीद लगाए बैठी थी की सायद इस आधुनिक परिधान में उसका मनमोहक रूप देखने के बाद उनका रूढ़िवादी मन गल जाये। लेकिन दुर्भाग्यपूर्व, उसे फिर से हताश होना पड़ा। पर इस बार उसने भी मन बना ली थी। जरूरत पड़ने पर वह उससे लड़ेंगी। और उसने वही किया।
वह कड़कती आवाज़ में बोली, "किउं इसमें क्या बुराई है? तुमको क्या अच्छे नहीं लगे?"
बीवी का करारी जवाब सुन के वह भी चुप नहीं बैठे। पलट के वार की, "सायद तुमको ठीक तरह से दिखाई नहीं दे रहा की तुम कितनी बदचलन दिख रही हो। क्या तुम भूल गयी हैं कि तुम एक शादीशुदा औरत हैं?तुम्हारे पहनावा देख के कोई भी तुम्हे बाज़ारू समझेगा। ऐसी खुली हुई ड्रेस को पहन ने का क्या मतलब? मुझे तो समझ में यह नहीं आ रहा के तुम छुपा रही हो की दिखा रही हो। आज पार्टी में कितने सारे लोग होंगे। वे सब क्या सोचेंगे। और मेरे बॉसेस। वे क्या कहेंगे? ऐसे अर्धनग्न हो कर जाओगी तो सब लोग मुझ पर हि हसेंगे। सबके लिए मैं एक भद्दा सा मजाक बन जाऊंगा।"
पति के मुँह से इतना घिनौना अपवाद सुनके कामना आगबबूला हो उठी और गला चढ़ा कर अपनी तेज़ कटारी प्रतिक्रिया दी, "में जाउंगी और ज़रूर जाउंगी। और यही ड्रेस पहन कर जाउंगी। तुम्ही को सायद यह नहीं पता की जिसे तुम अधनंगा कह रहे हो वो आज की दुनिया में फैशन बन चूका है। आजकल पार्टियों में औरतें ऐसे ही मॉडर्न ड्रेस पहन के जाती है। एहि लेटेस्ट ट्रेंड है। कभी सुना है कोई किसी पार्टी में साड़ी-सलवार पहन के कोई गयी हो?पर तुम्हें यह सब कैसे पता होगा? तुम कब पार्टियों में जाते हो? तुम्हारे जान तो वो ऑफिस में अटकी है। तुम्हारे लिए तो काम ही भगवन है। कभी अपने काम से फुर्सत पाओ तो एकबार बहार निकालके देख लेना ये दुनिया कहाँ से कहाँ पहुंच चुकी है।"
लड़ाई बद से बदतर हो गई पर किसी भी पक्षों ने पीछे नहीं हटा। दोनों ही अपने स्थान पर डटे रहे। आधे घंटे तक दोनों मियां बीवी खूब झगड़े। आखिरकार हताश हो के रोहित ने अपने पत्नी को स्पष्ट रूप से समझने की कोशिश की, "यह ललचानेवाला पोशाक पार्टी में पहनके जाएगी तो निश्चित रूप से तुम मुसीबत मोर लोगी। उधर सब लोग अनजान होंगे। किसकी दिमाग में क्या चल रहा है किसे पता? तुम खतरे में पड़ सकती है। मुझे डर है की तुम्हारा कोई अनर्थ ना कर बैठे। ऐसा चांस किउं लेना जो इतना जोखिमभरा हो? यदि तुम पार्टी को निश्चिंत मन से एन्जॉय करना चाहती है, तो इस ड्रेस को उतार के कुछ ढंग का पहन ले। सुरक्षित रहने में ही समझदारी है।"
लेकिन कामना उसकी बातों में फसने वाली नहीं है। वह बहुत ही ज़िद्दी किसम का औरत है। एकबार जो ठान ले वो करके छोड़ती है। वह जानती थी कि वह कोई ऑर्थोडॉक्स कपड़े पहन के पार्टी पे नहीं जा सकती। उसकी प्लान के लिए जरूरी है कि पार्टी में आने वाले पुरुष उसकी ओर आकर्षित हों। तभी वह अपने पति के ठप मरी हुई करियर को कुछ गति दे सकती है।
वह पूरा दृढ़ हो के बोली, "तुम जो भी कहो, मुझे यही ड्रेस पहन कर पार्टी में जाना है। मेरे लिए तुम ज्यादा पदेसन मत हो। में बहुत अच्छे तरीके से अपनी सुरक्षा कर सकती हूँ। तुम्हे मुझे गार्ड देना नहीं पड़ेगा। मैं अपना ख्याल खुद रख सकती हूँ। मुझे लोगों की सोच का परवा नहीं है। वो जो चाहे मेरे बारे में सोच सकते है। में पार्टी का आनंद अपने ढंग से उठाउंगी। मुझे अपनी ज़िन्दगी अपने तरीके से जीने का पूरा हक़ है। यह हक़ मुझसे कोई नहीं छीन सकता। मुझे रोकने का कोशिश भी मत करना। नहीं तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। मुझे अपने पसंद का ड्रेस पहन ने दो। नहीं तो मैं पार्टी पे नहीं जाऊंगी।"
यह अल्टीमेटम सुनने के बाद अपनी पत्नी की ज़िद के सामने रोहित ने हार मन लिया और दोनों मियां बीवी पार्टी पर चल दिए। पार्टी का आयोजन डिपार्टमेंट के आर.ओ. की फार्म हाउस पर किया गया है। बड़ा सा दो मंजिला माकन के सामने विशाल लॉन पर पार्टी चल रही है। लॉन के बीचोबीच एक गोल अस्थायी नाच ने की जगह बनाया गया है। पुरे डांस फ्लोर में ज्यादातर अंधेरा छाया हुआ है। एक ही लाइट टिमटिमाते हुए ज्वाल रही है। वह भी डिस्को। डीजे ब्यथ कर जोर जोर म्यूजिक बजा रहा है। लॉन के एक कोने में एक मिनी बार का भी बंदोबस्त किया गया है। ठीक उसके बगल में है फूड काउंटर। छे-सात वेटर पूरे लॉन में घूम रहे हैं और मेहमानों को खाना और ड्रिंक्स सर्वे कर रहे हैं। पार्टी जोरो शोरों से चल रही है।
फार्म हाउस पर पहुँचने के बाद भी पति-पत्नी के बीच विवाद मिट नहीं पाई। रोहित का निराश चेहरा चिल्ला चिल्ला कर बता रहा है कि अपनी खूबसूरत पत्नी से वह काफी ज्यादा नाराज है। इस पार्टी में आने के लिए अपने भद्दे पहनाबा ले कर कामना का जिद्दीपन रोहित ठीक तरह से हजम नहीं कर पाया। वह सचमुच गुस्से में था। जैसे ही वे पार्टी में पहुँचे, वह बार में जा के अपने लिए व्हिस्की की एक बड़ा सा पेग ले लेते है। दूसरी ओर, अपने उदास पतिदेव की भविष्यवाणी को पूरी तरह से सच साबित करते हुए कामना को पार्टी में आये पुरुषों से बहुत ज्यादा अटेंशन मिल रहा है और वह वास्तव में उनका आनंद ले रही है। अपनी लंबी बहस के चलते वे पार्टी में देर से आए हैं। हालाँकि, पहुँचने के बाद उसने तुरंत कुछ सिर घुमाना शुरू कर दिया। खासकर पार्टी के मेज़बान आर.ओ. महावीर गिल उसके एकदम दीवाने बन गए हैं। कामना ने जैसे ही पार्टी में प्रवेश कि, उन्होंने उसे काफी उत्साहपूर्वक स्वागत कि और तब से कभी भी उसे अपनी आंखों से दूर नहीं होने दि है। वह पास आने के बाद, कोई भी उसे फिर परेशान करने की हिम्मत नहीं दिखाई।
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महाबीर गिल एक बिशाल आदमी हैं, बहुत ही लम्बे और वैसे ही बलवान। बड़े ही आसानी से उन्हें एक छोटामोटा सा दानव बुलाया जा सकता है। लेकिन उनका स्वभाव एकदम ही राक्षस जैसे नहीं है। बड़े ही हंसमुख किस्म का आदमी है। वह चालीस के हो चुके, मगर देखने में तीस-पैंतीस के आसपास लगते है। वह एक विधुर है, लेकिन जीवन का पूरा आनंद लेना पसंद करते है। रंगीन मिजाज के आदमी है और निश्चित रूप से जानते हैं की एक खूबसूरत महिला के साथ कैसे पेश आये। कामना को गिल साहब अच्छे लगे। इतनी प्रभाबशाली व्यक्तित्व के अंदर एक बूँद भी घमंड नहीं है। खुद आये है अपने डिपार्टमेंट के एक टुच्ची सी क्लर्क के बीवी की स्वागत करने। उनकी मेहमाननवाजी सीखने लायक है। गिल साहब ने बड़े हंसमुख तरीके से कामना का स्वागत किया। पार्टी में आते ही उन्होंने उसके हात में वोदका की एक बड़ी पेग थमा दिया और खुद व्हिस्की की एक छोटा पेग ले ली। शराब पिटे हुए बातचीत आगे बढ़ते ही उन्हें उसकी असली इरादों के बारे में सब पता चल गया। कामना ने खुद ही अपने मुँह से उन्हें सब कुछ बोल डाली।
"वेलकम, वेलकम! आप सायद हमारे जूनियर क्लर्क रोहित की पत्नी मिसेस देसाई हो! हम है इस पार्टी के होस्ट मनबीर गिल। गुड इवनिंग।"
वह उनसे मुस्कुराते हुए कहा, "हाँ जी, अपने एकदम सही पकड़ा। में ही रोहित की पत्नी हूँ। पर आप प्लीज मुझे मेरे नाम से पुकारियेगा। मेरे नाम कामना है।"
जैसे ही वह मुस्कुराई, गिल साहब को लगा की इस सुंदरी को आसानी से वह फुसला सकते है। वैसे भी उसकी पहनावे देख कर ही अंदाज़ा लगाया जा सकता है की वह थोड़ा सेक्स की भूखी होगी। उसका निकम्मा पति उसे सायद ठीक तरह से नियमित तौर पर बिस्तर पे संतुष्ट नहीं कर पता। नहीं तो कौन सा भले घर की औरत ऐसे खुले कपड़े पेहेनते हुए सौ अनजान लोगों के बीच में पार्टी करने के लिए अति है। गिल साहब बातचीत आगे बढ़ाने की कोशिश में लग गए। "जैसी तुम्हारी मर्ज़ी। हम तुमको तुम्हारे नाम से ही बुलाएंगे। पर एक बात बताओ। तुम्हारा पति परमेश्वर किउं दिखाई नहीं दे रहे? तुम जैसे खूबसूरत बीवी को कोई अकेला छोड़ जाता है क्या? यहाँ आसपास बोहोत सारा गिर्द मंडरा रहे है। मौका पाते हि तुम जैसी परम सुंदरी को नोच के खाने के लिए तैयार बैठे है। हा हा हा हा!"
उनके मज़ाक थोड़ा सा अश्लील था, लेकिन उसने बुरा नहीं माना। कामना कतई एक स्पॉइलस्पोर्ट बनना नहीं चाहती। गिल साहब उसके मनोरंजन के लिए अन्य मेहमानों को जानबूझ कर टाल रहे थे। उनका उत्सुकता देख कर वह समझ गयी की उसकी प्रयाश सफल हो रही है। वह आज पार्टी में पति की कोम्पनी का कोई एक छोटामोटा अधिकारी को मन जितने आयी थी। पर उसकी किस्मत ऐसी चमकी की उसकी खूबसूरती देख कर खुद क्षेत्रीय अधिकारी या आर.ओ. ही उसपे लट्टू हो चुके है। ऐसे बड़े मगरमच्छ के ऊपर अपने पकड़ मज़बूत रखने के लिए थोड़ा सा छूट उन्हें देना ही पड़ेगा। मगरमच्छ का स्वभाब है काटना और यदि आप को उसे वश में करना हैं, तो आपको थोड़ा दर्द सहना पड़ेगा।
वह उनकी मज़ाक पे हस्ते हुए बोली, "अरे, रोहित नहीं है तो क्या! आप तो हो ना! मुझे तो आप तो बड़े हट्टे-कट्टे लग रहे है। आप मुझे बचाएंगे। वैसे भी, मुझे पता नहीं मेरे पति कहाँ चले गए। वह थोड़ा गुस्से में थे। वैसे कुछ नहीं, पार्टी पे आने से पहले हमारे बिच में थोड़ा लड़ाई हो गया। सायद इसीलिए वह जानबूझकर मुझसे दूर रह रहे है। रोहित के बिना मैं अकेली पार्टी पर बोर हो जाऊंगी। अगर आप मुझे थोड़ा कंपनी दे तो बहुत अच्छा होगा।"
कामना का जवाब सुन कर गिल साहब की तबियत एकदम हरी हो गया। यह शानदार औरत खूबसूरत ही नहीं मूर्ख भी है। इसके साथ सोने के लिए उन्हें ज़्यादा पापड़ नहीं बेलना पड़ेगा।
उन्होंने उसे तुरंत आश्वासन देते हुए कहा, "अरे, यह क्या पूछने की बात है! आप की ख्वाइश सर आंखों पर। तुम जैसी हसीना के लिए तो बन्दे का जान भी हाज़िर है। तुम्हारा पति एक नंबर का बेहकूफ है। इसीलिए तुम को अवॉयड कर रहा है। तुम्हारी जैसी सेक्सी बीवी अगर हमारे पाश होता तो हम उसे पलकों पर बिठा कर रखते। तुम उसको ज्यादा भाव मात दो। उसको जहाँ मर्ज़ी परे रहने दो। तुम एक ड्रिंक पकड़ो। रोहित को दिखा दो की उसके बिना भी तुम इस हसीन शाम का लुफ्त उठा सकती हो। ज्यादा मत सोचो। हम हैं ना। आज हम तुम्हारी मनोरंजन का प्रबंध करते है। और हम यह भी यकीन से कह सकते है के आज की शाम बड़ी रंगीन होने बलि है। इसलिए सबकुछ भूल कर सिर्फ एन्जॉय करो।"
गिल साहब एक वेटर को इशारे से बुलाया और वोडका का एक ग्लास उठा के कामना के हाथ में थमा दी। उन्होंने अपने लिए व्हिस्की ली और दोनों पिने लगी। उनके मीठी बोल सुनके कामना पूरी तरह से पिघल गई थी। बड़े दिनों के बाद कोई दिल खोल के उसके तारीफ कि है। उसके पतिदेव ने कभी भी ऐसे मीठे सब्द उसके ऊपर खरच नहीं किये है। इतनी तारीफें सुनने के बाद वह इतनी खुश हो गईं कि एक पल के लिए उसके पार्टी में आने की असली वजह ही भूल गईं। उल्टा भावुक हो के गिल साहब के सामने ही अपने पतिदेव की शिकायत करने बैठ गयी। अपना मन का पूरा भड़ास निकल दिया।
"जी, अपने एकदम ठीक कहा है। रोहित वाकई में बड़ा बेहकूफ है। इसीलिए इतनी साल से गधे की तरह काम करने की बाद भी एक भी प्रमोशन पाने में नाकामियाब रहे। आप को मालूम नहीं पर हमारे शादी को पांच साल हो चुके। फिर भी हम एक बच्चा नहीं लिए। सिर्फ उनकी लौ सैलरी की वजह से। अब तो यह नौबत आ गया है की रात को वह कुछ कर नहीं पते। ऑफिस करके जो थक जाते है। आप भले आदमी है। आप को यह सब कह सकती हूँ। वह तो मेरी बात सुनते ही नहीं। सारा दिन बस काम और काम। दिनभर काम में डूबे रहते है। उनके पास मुझे देखने को भी फुर्सत नहीं। ठीक है, में समाज सकता हूँ। बड़े डिपार्टमेंट में नौकरी करते है। काम का दबाव भी ज्यादा ही रहेगा। पर कठोर परिश्रम का कोई बढ़िया सा इनाम तो होगा। वह भी नहीं मिला तो इतना ज्यादा मेहनत का क्या मतलब। आदमी अच्छा पद और अच्छे कमाई के लिए ही तो इतना कष्ट उठाते है। पर मेरे पतिदेव इतने बुरबक है की वह सिर्फ काम करते है, फल कोई दूसरा ले जाते है। इसीलिए मैंने सोचा की में ही कुछ करूं। इतना सज धज के एहि सोच के पार्टी में आयी हूँ की सायद कोई भोलाभाला अधिकारी मुझसे टकड़ा जाये और वह मुझ लाचारी पे तरस खा कर अपनी नैया पार करा दे। लेकिन उनको इसमें भी आपत्ति है। उनको मेरी ड्रेसिंग सेंस पसंद नहीं आया। इसीलिए पार्टी में आने से पहले मुझसे झगड़ परे। अब आप ही बताओं, मैंने क्या बुरी पहनी है? हाँ, मानती हूँ मेरी ड्रेस थोड़ा खुली हुई है। पर आजकल तो एहि फैशन चल रही है। थोड़ा दिखाना, थोड़ा छुपाना। और यह बताओं, दिखाएंगे नहीं तो लुभाएंगे कैसे?"
कामना ने गिल साहब के बारे में जो सोचा वह पूरा का पूरा गलत है। मनबीर गिल बिलकुल ही अच्छे आदमी नहीं है। वह एक शातिर खिलाड़ी हैं। वह शिकार नहीं, खुद शिकारी है। कामना को आज की पार्टी में लाने का बंदोबस्त भी उन्ही की किया कराया है। उन्होंने ही दो हफ्ते पहले खुद उसके पास जा कर रोहित को अपने घर की पार्टी में आमंत्रित किया था। इत्तेफ़ाक़ से इस महीने की शुरुआत में उनकी नजर उनके ऑफिस में आयी एक बहुत ज्यादा सेक्सी औरत के ऊपर पड़ी। वह अपने पति को टिफिन देने आई थी, जिसे उल्लू के पट्ठे ने अपने घर पर भूल गया था। वह निकलने के बाद, उन्होंने उस सुंदरी के बारे में थोड़ा पूछताछ कि। पता चला कि वह डिपार्टमेंट में सात साल से गधो के तरह काम कर रहे एक जूनियर क्लर्क रोहित देसाई की प्यारी पत्नी है। ये भी पता चला की देसाईजी अपने ओहदे और कमाई से कुछ नाखुश है। और अगर जल्द ही कुछ अच्छा नहीं होता है, तो वह नौकरी से इस्तीफा भी दे सकते है।
मनबीर गिल ने योजना बनाई। महीने के आखिरी शनिवार को उनके घर पर हमेशा पार्टी होते हैं। वह हमेशा कुछ चुनिंदा लोगों को अपनी पार्टियों में आमंत्रित करते हैं। उनके कुछ भाग्यशाली कर्मचारियों को भी ये निमंत्रण मिलते हैं। इस बार उन्होंने रोहित और उसकी सेक्सी पत्नी को अपनी गेस्ट लिस्ट में शामिल करने का फैसला किया। उन्होंने उसे जा कर बताया की वह उसकी कड़ी मेहनत से बहुत खुश है और यह निमंत्रण उस मान्यता का प्रतीक है। वह सोच रक्खे थे की पार्टी में आने के बाद पतिपत्नी के प्यारे जोड़ी को किसी बहाने अलग कर दिया जाये। एक बार उनके रस्ते से वह निकम्मा पति हाट जाये, फिर उनके लिखे उसकी मासूम पत्नी को बहकना कुछ मुश्किल काम नहीं। पर इस बिशेष दिन पर किस्मत उनके ऊपर थोड़ा ज्यादा ही मेहरबान है। झगड़े में हारे हुए रोहित पार्टी में पहुँचने के बाद गुस्से में खुद बा खुद अपनी खूबसूरत पत्नी को अकेला छोड़ के शराब पिने बार स्टाल पर जा के बैठ जाता है और उन्हें बिना पसीना बहाए कामना के साथ अकेले समय बिताने का मौका मिल जाता है।
गिल साहब एक मंझे हुए खिलाड़ी है। वह मिनटों में कामना के दिल जीत ली। जब उन्हें पता चला कि ये शानदार औरत अपने पतिदेव से खुश नहीं है और चाहती है की ऑफिस में उसका कोई सिफारिश कर दे, उन्होंने अपना पासा फेंका।
उन्होंने अपने गले में शहद डालकर उससे कहा, "अरे डार्लिंग, इतना क्या पड़ेशानी! चलो तुमको थोड़ा हल्का कर देते है। तुम सिर्फ हमारा छोटा सा एक ख्वाइश पूरी कर दो, बाकि सोब कुछ हम संभल लेंगे। तुम्हारे निकम्मे पति को जूनियर क्लर्क से सीधा अफ़सर बना देंगे। तीन गुना कमाई होगी और रुतवा भी बढ़ जायेंगे। चाहो तो अपना परिवार भी शुरू कर सकते हो। रोहित को हम अपनी छत्रछाया में ले लेंगे। हम यह भी देखेंगे की वह तुमसे अच्छे से पेश आये। तुम्हारी ऊपर कोई रोकटोक ना हो। तुम जो मर्ज़ी पहनोगी। जो मर्ज़ी करोगी। वह कुछ नहीं कहेगा। एहि चाहती हो ना? तुम्हारी सभी मनोकामनाएं पूरी होगी। बस! अब तो खुश हो ना?"
पहले तो कामना को समझ नहीं आया कि उन्हें क्या जवाब दे। प्रस्ताव इतना ज्यादा लाभदायक है कि इसे कभी भी आसानी से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। लेकिन उसे लग रहा है कि इसमें ज़रूर कुछ खोट हैं। यह सुझाव थोड़ा ज्यादा ही अच्छा है। इस लिए उसे शक है की जो दिख रहा है, वह असल में है नहीं।
कामना ने जल्दी से अपने ड्रिंक ख़तम की और सीधे सीधे पूछ लिया, "वाओ! आप यह कर सकते है क्या? मुझे यकीन ही नहीं हो रहा। सचमुच में आप मेरे लिए यह करनेवाले है? वाओ! आप सच में महान है। पर आप यह तो बोले ही नहीं के आप मुझसे क्या चाहते हो?"
सीधा सवाल का सीधा जवाब होना चाहिए। पर महाबीर गिल ने इस सवाल का सीधा जवाब देना उचित नहीं समझे। वह जानते थे इसका जवाब थोड़ा नजाकत से देना अच्छा होगा। उन्होंने फिर एक वेटर को इशारे से बुलाया और एक बार फिर शराब की दो ग्लास उठा ली। वोडका कामना को दे के खुद व्हिस्की की दो सिप लिए और फिर एकदम शांत तरीके से उसके सामने असली बात रख दि।
"देखो कामना, हम तुम्हे झूठ नहीं बोलेंगे। तुम हमको बहुत अच्छे लगे। और हमको लगता हे की हम भी तुम्हे पसंद आये। तुम जानती नहीं हो पर हम एक बिधुर है। हमारे प्यारे पत्नी को स्वर्गबास हुए बहुत शाल बिट गए। इतनी शाल अकेले बिताने के बाद, हम एक नारी की कोमल स्पर्श के लिए तरस गए है। तुम्हारे खूबसूरती देख कर बड़े दिनों के बाद हमारे मन में खुश ख्वाइशे जगी है। हम इतने सालों से एक संत की भूमिका निभाते चले आये है। जो काफी बोरिंग है। पर तुम्हे देखा तो बहक जाने का मन किया। आज का पूरा शाम हम तुम्हारे साथ बिताना चाहते है। तुमसे बातें करना चाहते है। तुम्हे थोड़ा सा छेड़ना भी चाहते है। तुम्हारी साथ थोड़ा डांस भी करने की आशा रखते है। तुम्हें थोड़ा छू के देखना चाहते हैं। हम तुम्हारे साथ आज एक मनोरंजक भरे शाम बिताना चाहते है। आज की रात तुम्हारे लिए भी एक चुनौती होगी। हमारे डिपार्टमेंट के सभी अफ़सर और उनके धरम पत्नी से एहि आशा रखते हे की वह हमारे सब के साथ बड़े मैत्रीपूर्ण तरीके से पेश आये और सबके साथ संपर्क बनाए रखें। मैनेजमेंट का काम आसान नहीं होता। सभी को खुश रख परता है। इसके लिए कभी-कभी थोड़ा समझौता भी करना परता है। नहीं तो तरक़्क़ी नहीं होती। हम जानते है तुम हुम्हे निराश नहीं करोगी और यही उम्मीद करते हैं कि इस परीक्षा में आसानी से खड़े उतरेगी। ज़िन्दगी में कुछ भी मुफ्त नहीं आता। कुछ पाना है, तो फिर कुछ देना भी पड़ेगा। यह जीबन के ही उसूल है।"
उनके शब्दों का एक गहरा अर्थ है। यह सब कुछ, या कुछ भी नहीं। कामना समझ गई। गिल साहब ने कुछ भी छुपाने की कोशिश नहीं की। बड़े ही स्पस्ट तरीके से बता दी है की उनसे कुछ काम निकलना है तो आज शाम अपनी हसीन सांगत से उन्हें भी खुश करना पड़ेगा। मनबीर गिल सुरुआत से ही उसके साथ इतने मीठे से पेस आये कि कामना को यकीन था की वह पक्का जेंटलमैन है और एक शादीशुदा औरत का ज्यादा फायदा नहीं उठाएंगे। हालाँकि उन्होंने बहुत ही विनय पुर्बक अपनी वासना को पेश कि है, पर उसे पक्का भदोसा था की उन जैसे सज्जन व्यक्ति कभी हदें नहीं पर कर सकते।
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यह एक बेमिसाल समझौता है जिसे किसी भी हालत में उसे पूरी करनी पड़ेगी। नहीं तो उसके हात में कुछ भी नहीं आएगा। अगर कुछ उल्टा सीधा हुआ तो कामना एक लम्बे खाई में भी गिर सकती है। वह दुविधा में पर गयी। निश्चित रूप से सौदा बहुत ही लाभजनक लग रहा है। एकबार गिल साहब को ठीक तरह से खुश दे तो यकीनन उसके ऊपर पैसा की बरसात होगी। पर आज के पुरे शाम का रिमोट कंट्रोल उन्हीं की हत में रहेगा। वह उसे किसी भी हद तक नचा सकते है। पर वह चाहे भी तो इनकार नहीं कर सकती है। उन्होंने यह पूरी तरीके से स्पष्ट कर दिया है कि अगर वह उनकी किसी भी इच्छा को पूरा करने में नाकामियाब रहती है, तो सौदा रद्द कर दिया जाएगा।
यह सौदा दो धारी तलवार है। कुछ इधर उधर हुआ तो उसके लिए यह बहुत भरी पर सकता है। उसे समझ में नहीं आया की वह करे तो क्या करे। एक तरफ समाज में मुँह काला होने का डर है, तो दूसरी तरफ उसी समाज में प्रतिस्ठा पाने का लालच। दोनों में से कोई एक को चुनना बड़ा ही कठिन है। गिल साहब जैसे इतने बड़े आदमी को इंकार करना कामना के लिए लगभग नामुमकिन है। उसकी इतने बड़े उपकार करने के लिए वह खुद आगे आये है। अब उन्हें वह ना बोल देती है तो उनके लिए यह काफी अपमानजनक होगा। और यह हुआ तो सायद उसकी पतिदेव को हमेशा के लिए अपनी नौकरी से हात धोना पड़ेगा, जो वह बिलकुल ही नहीं चाहती। लेकिन फिर, यदि वह पूरी तरह से किसी अजनबी पर भरोसा करके उसकी इच्छाओं के आगे घुटने टेक दे, तोह यह सच्ची में एक मूर्खता का परिचय होगा।
कामना बड़े उलझन में पर गयी और टेंशन में आ कर अपनी हात में पकडे हुए वोडका की ग्लास को एक ही घूँट में खली कर दिया। महाबीर गिल उसे गौर से घूर रहे थे। वह माहिर खिलाडी है। उसकी घबराहट देख कर उन्होंने हलके से उसके खुली पीठ पे अपने एक हात रखा और धीरे से दो-तीनबार थपथपाये।
"इतना मत सोचो डार्लिंग की सर फट जाये। हम कोई राक्षस नहीं है जो तुम्हे खा जायेंगे। हम तुमसे कभी भी ज़बरदस्ती नहीं करेंगे। खुदा ना खास्ता, हमारे कुछ भी तुम्हे पसंद नहीं आये तो कभी भी हमें बोल सकती हो। हम तुरंत रुक जायेंगे। लेकिन हमें लगता नहीं की ऐसी नौबत आएगी। जो भी होगा तुम्हारे मर्ज़ी से ही होगा। अब तो सब सही है ना? क्या अभी भी कोई परेशानी है?बोलो तो तुम्हारे लिए वो भी दूर किये देते है।"
वह उसे आश्वस्त करते हुए अपनी उँगलियों से उसकी कोमल पीठ को सहलाने लग गए। उसकी नरम पीठ पर उनकी प्यार भरा स्पर्श काम कर गया। कामना ने अपने मन बना ली। उसने गिल साहब के ऊपर अपनी आस्था ना खोने का फैसला लिया। इज़्ज़त और उन्नति में, वह दूसरे को चुना। सौदा इतना ललचानेवाला है की उसे ठुकराना बहुत ही मुश्किल है। थोड़ा जोखिम भरा ज़रूर है, पर चलेगा। गिल साहब उसके साथ काफी शरारती हो सकते हैं। पर उसे लगता नहीं की उनकी जैसे जेंटलमैन आदमी ज्यादा नीचे गिर पायेगा। ज्यादा से ज्यादा वह क्या कर सकते है?उसको चुम सकते है। थोड़ा बोहोत इधर उधर छू सकते है। लगता नहीं की इससे ज्यादा वह कुछ करने का सोचे है।
आजकल के पार्टियों में ऐसी छेड़खानी होना तो आम बात है। इससे ज्यादा तो कामना के साथ कॉलेज के दिनों में हो चुकी है। उन दिनों में स्मार्ट फोन नहीं हुआ करता था। इसलिए वह बच गई। नहीं तो ज़रूर कुछ पोर्नोग्राफिक साइट पे उसके आज एम्.एम्.एस पाए गए होते। यह एक चुनौतीपूर्ण परिस्थिति है और इससे झूझने के लिए थड़ासा साहस दिखाना ज़रूरी है। शायद वह पीछे हट जाती। लेकिन अब तक वो वोडका के दो बड़े पेग गटक चुकी है । शराब ने उसे थोड़ा ज्यादा ही आत्मविश्वासी बना दि है। वह ये चुनौती उठाने के लिए राजी हो गयी।
पूरा जोश के साथ कह दी, "ठीक है! मैं तैयार हूँ। आप जो भी चाहोगे में करुँगी। पर आप अपना वादा ना भूलना। रोहित को कल ही आप अफ़सर बना देंगे। और में भी कोशिश करुँगी की आप को कोई भी शिकायत का मौका ना मिले।"
महाबीर गिल एही तो सुनना चाहते थे। उन्होंने तुरंत अवसर का लाभ उठाया और कामना को उनके साथ डांस करने के लिए पूछा। "क्या बात है! बहुत बढ़िया! यहीं जुनून मुझे चाहिए। चलो अभी डांस फ्लोर पर चलो। वहां बोहोत लोग नाच रहे है। तुम भी हमारे साथ थोड़ा सा अपनी कमर हिलालो।"
दोनों सीधा लॉन के बीचो बीच अस्थायी डांस फ्लोर के तरफ अपने पैर बड़ा दी। जाते वक़्त दोनों की नज़र उसकी बगल में खरी हुई मिनी बार के ऊपर परे। दोनों ने देखा की वहां एक कोने में ज़मीन के ऊपर रोहित पुरे नशे में धुत हो कर सोये परे है। पति को इतनी बूड़ि हालत में देख के कामना एकदम से रुक गयी। दो पल के लिए तो वह अपने आँखों को ही बिस्वास कर नहीं पाई। कोई कैसे इतना लापरवाह हो सकते है? कोनसा आदमी एक निराले पार्टी में सौ अनजान लोगों के बिच में अपने ही खूबसूरत बीवी को अकेला असहाय छोड़ के दारू पि कर पुरे होश खो बैठता है?उसे रोना आ गया। ऐसी लाचारी उसने ज़िन्दगी में कभी महसूस नहीं की। वह शायद रो ही पड़ती, लेकिन गिल साहब ने उसकी आँखों में नमी देख कर तुरंत परिस्थिति को सुधरने को कूदे।
"तुम फ़िक्र मत करो कामना। हम है ना। तुम्हारे पति को लॉन पर सोने की ज़रूरत नहीं। हम उसे हमारे घर अंदर लेके जाने का आयोजन करते है। वह बाकी रात वहां बिता सकता है। कल सुबह वह पूरा नार्मल हो जायेगा। तब तुम उसे अपने घर ले जा सकते हो। तुम बस अपना मूड खराब मत करो। हम सब कुछ संभल लेंगे। तुम डांस करने के लिए आयी हो। जाओ डांस करो। बेहतर होगा कि पहले एक ड्रिंक ले लो, फिर जा के नाचो। एकदम टेंशन मत लो। सिर्फ एन्जॉय करो। हम अभी सब ठीक कड़ देते है। हमे बस दो मिनट दो। हम सब बंदोबस्त करके तुम्हारे पास चले आएंगे।"
गिल साहब सब कुछ संभल ने बार की ओर चल दिए। कामना को कुछ भी कहने का अवसर नहीं मिला। वह कहती भी तो क्या कहती? उसकी पियक्कड़ पति ने आज जो कांड किये है, उसके बाद कुछ भी कहना बेहकूफी होगा। कामना बहुत ही शर्मिंदा थी। और नाराज भी। अपनी नाराजगी और सर्मिंदगी दोनों को भूलने के लिए वह गिल साहब के सुझाव मान ली और वेटर से वोडका का एक बड़ा सा पेग उठके जल्दी जल्दी ख़तम कर दी। कुछी समय के अंदर तीन तीन पेग वोडका पि लेने से उसे हल्का सा नशा चढ़ गया। दारू पिने के बाद वह डांस फ्लोर पे पाँव रक्खी और मिनटों की अंदर उसपर आग लगा दिया।
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जिन पुरूषोंने शुरू से ही उन पर नजरें टिकाई बैठे थे, लेकिन आर.ओ. के डर से उसके निकट ना जा सके, अब उनको उसके करीब आने का मौका मिल गया। विशेष रूप से, छह युवा इंजीनियरों का एक छोटे से ग्रुप ने बाकी की तुलना में उसपर अधिक दिलचस्पी लिये और हद से ज्यादा जोश दिखा डाला। जैसे ही उसने अपने पैर डांस फ्लोर पर रखे, उन्होंने तुरंत उसे घेर लिया और उसके बहुत करीब नाचने लगे। हल्का नशे में रहने के वजह से कामना को कोई तकलीफ नहीं हुई। उसे पल भर के लिए भी ना लगा की उसे कोई खतरा हैं। यह एक पार्टी है और वह वहां मस्ती करने आई है। और पार्टिओं में थोड़ा सा बदमाशी, थोड़ी सी छेड़खानी चलता है। एक सुंदरी से हर कोई शरारत करना चाहेगा। इसमें कोई गलत नहीं है। अपने शराबी पति की भद्दे उपहास के बाद, वह भी चाहती थी की कोई उसे थोड़ा सहलाने का प्रयास करें।
नाचते नाचते उन युवा इंजीनियरों ने जिस जोशीले अंदाज से कामना को छेड़ने लगा, उससे वह बड़ा ही खुश हुई। हर गुजरते मिनट के साथ उनका शरारतें भी थोड़ा थोड़ा कर के बढ़ गया और जोश जोश में उन्होंने कब हदे पड़ कर दी, यह उसे पताही नहीं चला। वे उसके के बहुत ही करीब नाचने लग गए। कुछ ही मिनटों में उनकी पंतों पर तंबू लग गया। अतिशय उत्तेजित हो ने की वजह से वे बत्तमीज़ी पड़ उतर आये। वे उन तंबुओं को उसकी पोशाक के ऊपर से उसके बिशाल नितंब पर रगड़ने लगे। कुछ ने तो अतिरिक्त दिलेरी दिखते हुए उसकी खुली पीठ पर अपने हाथ फेरें। कई ने तो सामने से आ के उसकी टाइट ड्रेस के ऊपर से उसके बड़े बड़े मम्मे को भी दबाया।
कामना पि हुई थी और अपनी निकम्मे पति के अनाड़ीपन पर बहुत ज्यादा भड़की हुई थी। अपने दिल की भड़ास को वह नाच कुंड कर निकलना चाहती थी। वह अपना मूड ठीक कर के शाम का आनंद लेना चाहती थी। वह भी मौज-मस्ती के हकदार है। इसलिए डांस फ्लोर पर जब उन आवारा इंजीनियरों ने नाचने के बहाने उसे गंदे तरीके से छूने लगे, तब उन्हें रोकने के बजाय वह भी ख़ुशी ख़ुशी उनकों मस्त छेड़ने लगी। और जब उन्होंने अपने तंबुओं को उसके विशाल गांड पर घिसने लगा, तब उसने भी पलट के अपनी गांड को नाचते हुए उन तंबुओं से रगड़ दि। वह बहक गयी थी। दिमाग की गर्मी कब बदन के गर्मी में तब्दील हो चूका है, यह उसे पता ना चला। उसकी बेहया हरकतें ने उन युवा ठगों को मुफ्त में उस पर झपटने का खुला लाइसेंस दे डाला। डांस फ्लोर में भी काफी अँधेरा था। कोई भी बाहरवाला ठीक तरह से देख नहीं पाया की उस छोटे से ग्रुप के अंदर क्या खलबली चल रहे हे। उन बदमाशों ने सुनहरे मौके को लपकते हुए उसकी गरम बदन पर अपने हांथो को सेंक लिए। उसकी अधनंगी मम्मे और खुली पीठ पर उनकी गंदे हाथ पर तेहि वह खुद को खो बैठी और धीरे से कराहने लगी।
अगर डीजे ने उस वक्त अचानक से लु ब्रेक नहीं लेते, तो उसकी हालत और भी ज्यादा बदतर हो सकता था। म्यूजिक बंद हो गया और सभी ने डांस फ्लोर से उतर गये। विश्राम बिलकुल ही छोटा सा था, मगर उस ठरकी इंजीनियरों के लिए एकदम अवांछित था। उन्होंने बड़ी ही आसानी से एक शराबी सुंदरी को अपने जपेट ले लिया था। लेकिन इस बेकार के विराम ने उनकी ऊंची उड़ान पर अनर्थक ब्रेक लगा दिए। कामना को भी यही लगा। उसकी कामुक शरीर पूरी तरह से जग चुकी थी। नाचने के बहाने उन पाखंडिओं ने उसे छू छू कर बड़ी अच्छी तरह से गरम कर दिये है। अब उसकी कामोत्तेजित बदन को और भी ज्यादा मजे लेने थे। उसकी चूत अब तक नम हो चुकी है और अंदर गुदगुदी सी हो रहा है। उन लंपट इंजीनियरों की डल के साथ वह डांस फ्लोर पर वापिस जाने के लिए बेताब हो रही थी। लेकिन ये कम्बख्त ब्रेक ख़तम ही नहीं हो रहा था। इस बेतुके ठहराव के दौरान उसके गर्म शरीर के पारा को नीचे जाने से रोकने के लिए, उन्होंने उसे शराब भी पिलाई। उनके ग्रुप के ही एक लड़के ने बार से एक जिन की बोतल उठा ले आया और सभी ने उस बोतल से तीन-चार घूँट पि लिये। दारू की बोतल खत्म होने तक डीजे वापस आ गया। फिर से जोरो शोरो से म्यूजिक बज उठा। डांस फ्लोर पे कुछ लोग जा के नाचना चालू भी कर दिये। दारू खत्म कर के कामना भी अपने टीम के साथ वहीं पर जाने के लिए अपने पैरों को बस बड़ाई थी, की ठीक उसी वक़्त आर.ओ. महाबीर गिल प्रकट हो गये।
"तो लड़कों! तुम लोग हमारे खूबसूरत यार के साथ काफी नाच चुके। अब उनको हमारे हवाले कर दो। हम भी थोड़ा उनके साथ अपना कमर हिलाले।"
संकेत काफी सीधा और सरल है। आर.ओ. साहब ने अपने कर्मचारियों को साफ साफ बर्खास्त कर दिये। उन्होंने भी उनके निर्देश को अस्वीकार करने का साहस नहीं दिखाया और फ़ौरन वहां से चुपचाप निकल गये। महाबीर गिल को देख ते ही कामना भी थोड़ा ठंडी पर गयी। वह अपने वासना में इतनी बुरी तरह से खो गयी थी की गिल साहब के बारे में बिलकुल ही भूल गई। कुछ पल के लिए तो उसे यह भी याद ना था की वह एक शादीशुदा औरत है और असली में किसके लिए आज शाम पार्टी में आयी है। अब उनको अपने सामने देख कर एकदम घबड़ा गयी। वह बुरी तरह से पकड़ी गई है। उनके जैसे एक प्रभावशाली व्यक्ति उसको सबके सामने अपना दोस्त कहकर पुकार रहे है और वह मुर्ख उनकी ही तुच्चे कर्मचारियों के साथ अपनी जिस्म की भूख मिटाने में लगी हुई है। शर्म से उसकी गोरे गोरे गाल लाल हो उठी। क्या पता उन्होंने क्या देखा। अब क्या होगा?उनके नज़रों में वह गिर तो नहीं गयी?भगवान ना करे, उन्होंने अगर क्रोधित होकर उसे पार्टी से और बाद में उसकी पति को भी नौकरी से निकल है, तब शर्मिंदगी के साथ साथ उसे भारी नुकसान भी उठाने होंगे। रोहित अब होश में नहीं है। लेकिन बाद में उसे जब पता चलेगा उसकी बीवी क्या गुल खिला के बैठी हुई है, तब उसकी क्या हश्र होगी, यह सोच कर ही उसकी पसीना छूटने लगी।
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परन्तु वह बेकार ही परेशान हो रही थी। अपने नटखट युवा कर्मचारियों के चले जाने के तुरंत बाद, गिल साहब फिर से अपने हंसमुख स्वभाव में वापस आ जाता है। उसे पसीना पसीना होते देख कर वह फ़ौरन समझ गये की कामना बहुत ही घबरायी हुई है। और उसकी डरने की वजह भी उन्हें मालूम है। वह उसे छोड़कर उसके पियक्कड़ पति को संभालने चले गये और उसने उसकी अनुपस्थिति का पूरा फायदा उठाते हुये बेपरवाह अन्य पुरुषों के साथ ऐयाशी करलिए। अब रेंज हाथ पकड़े जाने पर डर से कपकपा रही है। लेकिन वह यह नहीं जानती की उसकी इस नाज़ुक हालत पीछे थोड़ा बहुत उनका भी श्रेय जाता है।
रोहित का बंदोबस्त करने में उनको ज्यादा वक़्त नहीं लगे। दस मिनट के अंदर ही वह सीधा डांस फ्लोर के सामने वापिस आ गये थे। यहां आके देखा की कामना अपनी कमर हिलने के लिए फ्लोर पर उठ चुकी है। उसे कुछ आवारा युवाओं ने घेर लिया है और उसके बहुत ही ज्यादा करीब हो के नाच रहे है। डांस फ्लोर पे अधिक अंधेरा होने की वजह से सब कुछ ठीक तरह से दिखा नहीं। लेकिन उनको शक था की वहां कुछ गड़बड़ हो रहा है। यह अनिवार्य है कि कामना के जैसी दिलकश सुंदरी ऐसी हॉट ड्रेस में एक दल लफंगे को थोड़ा ज्यादा ही उकसा सकती है और उन लोगोंने नाचने के बहाने जरूर उसके साथ कुछ ना कुछ बदतमीजी कर रहे होंगे। फिर भी उसने डांस फ्लोर नहीं छोड़ा। इसका मतलब वह भी मजे ले रही है।
उन्होंने एक वेटर को डांस फ्लोर पर तहक़ीक़ात करने भेजा। दो मिनट में वे वेटर अपनी भयानक रिपोर्ट लेकर वापस आ गया। उनका शक एकदम सही साबित हुआ। वहां माहौल एकदम गंदा हो चूका है। वेटर ने युवा एक बदचलन औरत को इंजीनियरों के एक छोटी सी ग्रुप के साथ बहुत ही शर्मनाक स्थिति में पाया। अंधेरे के आड़ में उन बदमाशों ने उस बेशर्म स्त्री को बहुत ही भद्दे तरीके से छू रहे है और उनको रोकने की बजाय वह हास् हास् कर इस अश्लीलता का लुफ्त उठाते हुये उनको बरवा दे रही है। अगर उन विकृत लोगों को तुरंत नहीं रोका गया, तो परिस्थिति नियंत्रण से बाहर हो जानी है।
लेकिन गिल साहब ने फ़ौरन कुछ नहीं किये। उनको कोई जल्दी नहीं थी। वह और पंद्रह मिनट रुक गये। ऐसे ही जो चल रहा था चलने दिए। उनके लिए यह जानना बहुत ही जरूरी था की अपनी हवस को बुझाने के लिए कामना कित हद तक गिर सकती है। पर वह फ्लोर से उतरने का नाम ही ले नहीं रही थी। वाकई में हालत और ज्यादा बिगड़ ना पाये, इसलिए उन्होंने हस्तक्षेप करने का फैसला किया। वह डीजे के पास गये और उसे एक छोटे से ब्रेक की घोषणा करने के लिए कहा।
अब जब कामना को डरे हुये देख कर उनको दया आयी। उसे तनाव से मुक्त करने के लिए वह मुस्कुराते हुए कहा, "सॉरी डार्लिंग! तुम हमे ज्यादा मिस तो नहीं करे?तुम्हारे पास वापस आने में हमने थोड़ा देर कर दिए। पर क्या करे? अचानक कुछ ज़रूरी काम आ गया था, जिसे हम टाल नहीं सके। और तुम्हारे परम पुज्जे पतिदेव का भी तो हमे बंदोबस्त करना था। उनको हम अपने गेस्ट रूम में टिका दिए। वे अभी बड़े मस्त सो रहे है। और बोलो, और कोई सेवा करना है? या अब हमे भी तुम्हारे साथ डांस करने का मौका मिलेगा?अब यह ना बोलना की उन बंदोरे के साथ उछलकूद के तुम थक गयी। हा हा हा!"
उन्होंने उसे हास् कर छेड़ते ही कामना की जान में जान आयी। वह फौरन राहत की सांस ली। उसे लगा जैसे उसके दिल से कोई भारी बोझ उतर गया हो। उसने हल्का महसूस की और हंसते हुए जवाब दी, "नहीं जी, में ऐसे आसानी से नहीं थकती। मैं बस आप के लिए वार्म उप हो रही थी। आप हुकुम तो करो, स्टेज पर अभी आग लगा देती हूँ।"
और उसने वही कि जो उसने कहा। वह अपने सामर्थ्यवान मददगार का दिल बहलाना करना चाहती थी। म्यूजिक जोर से बज रहा था। लय तेज थे। और वह फ्लोर पर फिरसे आग बरसाने लगी। सच कहे तो वह खुद आग बन गई। और आर.ओ. महाबीर गिल उसकी गर्मी में जल गए। कुछ समय पहले उसने उन युवा ठगों के साथ जो किया उससे वह बहुत शर्मिंदा थी। उसने अपनी शर्मिंदगी छिपाने के लिए कुछ ज्यादा ही मुआवजा दे दिए। डांस फ्लोर पर नाचने के दौरान, उसने अपनी गरम शरीर की रसदार संपत्तियों को उनके मजबूत शरीर पर रगड़ा और दबाया। उसने पैंट के ऊपर से उनकी मरदाना औजार को छूने की भी कोशिश की। फ्लोर पर अंधेरा होने की वजह से उसकी बेहूदापन किसी के भी नजर में नहीं आया।
गिल साहब, हालांकि पूरी तरह से हवस की जकड़ में आ चुके थे, किसी न किसी तरह अपना संयम बनाए रखा। वह एक प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं और अपनी सार्वजनिक छवि को नुकसान नहीं पहुंचना नहीं चाहते। उन फुर्तीले इंजीनियरों की तरह वह भी कामना की गरम बदन पर अपना हाथकों सेंकना चाहते थे। लेकिन एक भरी महफ़िल में सबके सामने वह ऐसा करने का जोखिम नहीं उठा सकते। मगर उनकी वासना हर गुजरते पल के साथ असहनीय होने लगा। वह अब और इंतजार नहीं कर सके और बेकरारी में एक दिलेर कदम उठाया। नाचते नाचते वह उनकी ऊपर जान-बूझकर गिरपर रही थी। उन्होंने उसे अपने लपेट में ले लिए और उसकी नरम कमर पकड़ के धीमी तरीके से नाचना शुरू कर दिए। वह भी फिर नहीं उछली। उसे समझ आ गयी की वह अब जाग चुके है और वह अब उसकी सेक्सी भड़कती जिस्म की गर्माहट के लुफ्त उठाना चाहते है। वह फौरन उनकी मज़बूत बाहों में समां गयी। बड़े ही धीमे ताल पर नाचते हुए कुछ देर तक दोनों इक दूसरे के तपती जिस्म से लिपटे रहे। डांस फ्लोर पर लगभग पूर्ण अंधकार ने उस अवैध जोड़ी को दूसरों की गंदी नजरों से बचाये रखा। गिल साहब ने इस सुरक्षा का पूरा लाभ उठाते हुए की कामुक साथी की विलासी बदन पर अपने दोनों हाथों को बड़े आराम से घुमाने लगे और जवाब में वह भी बार बार आहें भर के अपने सुख की घोषणा कर दी। उसका प्रोत्साहन पाकर उन्होंने जल्दी से अपना बायाँ हाथ उसकी पोशाक के नीचे से घुसा दिये और तुरंत चौंक गये। वह उसकी चूत को नग्न पाकर बिल्कुल हैरान रह गये। फिर भी, उन्होंने अपने आपको संभाला और फ़ौरन अपनी दो उंगलियाँ उसकी गर्म चूत के अंदर डाल दीं। नियमित शेव करने से उसकी चूत पर कोई बाल नहीं है और उत्तेजित रहने की वजह से इतनी देर से उत्तेजित रहने की वजह से एकदम गीली भी हो चुकी है। उनकी उंगलियां आसानी से अंदर फिसल गईं। उन्होंने तेजी से उसकी टपकती हुई चूत के अंदर ऊँगली करना चालू कर दिये, जिसकी वजह से उसकी आहें और भी गहरी हो गयी।
कामना अपने नाकाम पति की सहायता करने की उम्मीद लेके पार्टी में आई थी। मगर यहां आने के बाद उसकी इरादे कुछ और ही है। अब बस वह मजे लेना चाहती है। उसे हमेशा से ही सेक्स पसंद था। लेकिन रोहित, जीवन के हर पहलू की तरह, इसमें भी बिलकुल निकम्मा निकले। अगर उसे अपने परिवार का समर्थन मिलता, तो वह उसे तलाक दे देती। संगसार शुरू करने के बाद उसकी जिंदगी से मौज मस्ती उड़ चूका था। इसलिए पार्टी में दुसरो को बहकाने के बदले खुद ही बार बार बहक जा रही थी। अपनी प्यासी तन पर पहले उन नटखट इंजीनियरों का और फिर बाद में खुद प्रभावशाली क्षेत्रीय अधिकारी के असभ्य हाथों का अशालीन स्पर्श पाकर,वह धीरे धीरे बेकाबू होने लगी। जब उन्होंने अपनी उँगलियों से उसकी गर्म छूट पर हमला बोला, तो उसने खुद को पूरी तरह से खो दिया। उसकी कामोद्दीपक बदन पर जैसी की आग ही लग गयी। अब उसे इस गंदे खेल को अगले स्तर पार ले जाना था।
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कामना की गहरी आहें उनकी कानों में जाते ही गिल साहब की मन में खुशी से लड्डू फूटने लगे। उनको फ़ौरन समाज में आ गया की यह चटकदार रंड अब अपने इच्छा अनुसार उपभोग करने के लिये अच्छी तरह तैयार है। लोहा गरम हो चुका, अब हथोड़ा मार देना चाहिये। समय बर्बाद ना करते हुए, उन्होंने ने उसकी गीली चूत से अपनी उंगलियां निकल ली और उसे डांस फ्लोर और पार्टी दोनों से बाहर निकाल ले आये। दोनों सीधे उनकी बड़े से माकन के अंदर जाकर घुसे। दो मंजिला माकन के अंदर कुलमिलाकर पांच कमरे हैं, निचे दो और ऊपर तीन। और सब ही बहुत बड़े है। नीच का दो कमरा महेमान और नौकड़ के लिए है, जो अभी कामना के पियक्कड़ पति रोहित और एक पुराना खानसामा ने ले रक्खें है। ऊपर बाला तीन कमरे को एक मास्टर बेडरूम, एक दूसरा बेडरूम और एक स्टडीरूम बनाया गया है। उन पांच कमरों के अलावा, माकन में दो बड़े बाथरूम, एक बड़ा किचन, एक बड़ा हॉल और दो लम्बे से बालकनी भी है।
गिल साहब ने कामना को ऊपर मास्टर बेडरूम में ले गये। कमरे में जाते ही उन्होंने दरवाजा बंध कर दिये। एक बार फिर उन्होंने उसे अपनी बाहों में ले लिये और उसे चूमने के लिये झुके। उसने भी पूर्ण सहयोग दिखाई और उन्हें अपने नरम होठों को जुनून के साथ चूमने दि। उनके होंठ उसकी होंठो से लॉक होते ही उन्होंने अपनी दोनों हाथ उसकी बॉडीकॉन के ऊपर से गांड पर रख दिये। फिर उसकी टाइट पोशाक को ऊपर खींचकर उसकी विशाल गांड को नंगा कर डाला। और फिर दोनों हाथों से अच्छे से दबाने लगे। जवाब में वह भी अपनी दाहिना हाथ उनके लोहे जैसे सख्त लंड को उनकी पैंट के ऊपर से पकड़ लिया। पैंट के ऊपर से ही उसे लगा की उनकी लंड अपने मालिक के जैसे ही काफी ज्यादा बड़ा है। उसने झट से चैन नीचे खींची और अपना हाथ उनकी पैंट के अंदर डाल दि। महाबीर गिल ने जांघिया पहन रखे थे। थोड़ी देर टटोलने के बाद कामना जांघिया और पैंट के अंदर से उनकी लंड को बहार निकालने में सफल हुई। अब चौंकने की बारी उसकी थी। वह सही थी। वाकई में गिल साहब की लंड जरूरत से ज्यादा बड़ा निकला। ऐसे प्रकांड लंड उसने सिर्फ विदेशी ब्लू फिल्मों में देखि है। लंड विभाग में गिल साहब उसकी पति को आसानी से दस गोल मारेंगे। रोहित का लंड इनकी आकार का आधा भी नहीं है। ऐसी विपुल लंड कोई भारतीय का भी हो सकता है, यह वह कल्पना भी नहीं कर सकती। शानदार लंबाई और असाधारण परिधि, यह लंड एकदम अनोखा है। यह इतना बड़ा है कि केवल एक हाथ उपयोग करके इसे ठीक तरह से पकड़ा नहीं जा सकता। कामना इस अजीबोगरीब लंड के प्यार में गिर गयी और एकाएक हल्के हाथ से उसको रगड़ने लगी।
उसकी बेहया आचरण से खुश हो कर उन्होंने उसके कानों में फुसफुसा कर छेड़ते हुये पूछा, "तुम्हें हमारे औजार पसंद है, है ना? क्या तुम्हारे पति का इससे बड़ा है?"
और वह उनकी विकट लंड से इतनी मंत्रमुग्ध थी कि वह अपने मन की बात तुरंत बोल डाली, "मुझे यह बहुत पसंद है। उनसे काफी बड़ा है। बहुत ही बड़ा। उनके तो आधे भी नहीं होंगे। उनका बहुत छोटा है। बिलकुल बच्चे जैसा।"
ऐसे कीमती जानकारी से महाबीर गिल बहुत ही प्रसन्ना हुये और हंसते हुए उसे थोड़ा और छेड़ा, "ऐसा क्या? तब तो तुम्हे आज बहुत ही मजा आनेवाला है। हमारे जैसे असली मर्द से जो टांका फेरा है। अब अपने हाथ को थोड़ा आराम दो। हमे मुँह में लो। हमे भी तो थोड़ा मजा मिले।"
कामना ने कभी भी अपने पति की लुल्ली को अपनी मुँह में नहीं लिये। रोहित है ही इतने अपरिवर्तनवादी के उसको कभी भी यह सब नहीं करना। वह पूरी तरह से ओरल और आनल सेक्स के खिलाफ है। वह संभोग क्रिया में बिलकुल ही दयनीय है। उसके सामने बिस्तर पर हमेशा अजीब हो जाते है। कभी नहीं समझ पाये कि अपनी सुंदर पत्नी की गर्म शरीर के साथ आखिर क्या करना है। अपने बेअक़ल पतिदेव का एहि रूढ़िवादी सोच और अनाड़ीपन कामना को नई चीजों को आजमाने के लिए कब का बेताब बना दिये थे। इसलिए जब उन्होंने अपने विशाल लिंग को उसके गर्म मुंह में डालने की ख्वाहिश बयान किये, तब वह भी तुरंत मान गयी। लिंग रगड़ना बंद करके उनके सामने अपने घुटनो की बल बैठ गयी। वह घुटने के बल बैठते ही वह उनकी प्रकांड लंड को अपनी खूबसूरत चेहरे के ठीक सामने लटकता पाया। उस अतिमानवीय लंड को इतना करीब से देखकर, उसे वो और भी ज्यादा बड़ा लगा। वह खुद को रोक ना पाई और फट से उसको अपनी दोनों हाथो से पकड़ ली। उनका शानदार लिंग उसे इतनी ललचाने वाला लगी की, वह उसकी बड़ा सा मुख को जल्दी से चाट लिये। उसे वो काफी स्वादिष्ट लगे। फिर वह नहीं रुकी और विशालकाय लिंग के पुरे लंबाई को अच्छे से चटा। चाट चाट के उसको पूरा गिला कर दिया।
गिल साहब बहुत संतुष्ट हुये। यह सौदा उनके लिए काफी लाभदायक हो रहा है। कामना सचमुच में रंडी निकली। वह जानती है कि एक असली मर्द को कैसे खुश करनी है। ताकि वह आसानी से अपने काम कर पाये, इसलिए उन्होंने उसे जरा ठहरने को कहा,"थोड़ा रुक जाओ डार्लिंग। हम अपने पैंट उतर ले। इसे तुम्हे आसानी होगी। तुम और भी अच्छे से हमको खुश कर सकोगी। तुम भी अपना कपड़े उतर दो। तुम तो हमे देख चुकी हो। तुम्हे हम पसंद भी आ गये। अब हमे भी तो तुम्हे पूरा देखना चाहिये। हमे भी तो जानना है तुम यह हॉट ड्रेस की अंदर क्या छुपा के राखी हो।"
कामना उनके बेमिसाल लंड से खेलना बंद नहीं करना चाहती थी। मगर गिल साहब का अभिलाषा को नकारना उसके लिये असम्भब है। वह लिंग छोड़रार खड़े हो गयी और धीरे धीरे कर के अपनी निहायत कसी हुई पोशाक को अपने सुडौल बदन से उतर के पूरी तरह से नंगी हो गयी। सिर्फ अपनी जूते नहीं उतरे। पैरों में हाई हील्स पहनी रही। जूते पहने रहने से वह और भी ज्यादा सेक्सी दिख रही थी। दूसरे तरफ, महाबीर गिल भी अपने सभी पोशाक उतर के पुरे नंगे हो चुके थे। एक मिनट के लिए दोनों ने लालची निगाहों से एक दूसरे को अच्छी तरह से नापा। दोनों ही एक दूसरे की आकर्षक शरीर से काफी प्रभावित हुये। एक ओर, उन्हें उसकी भरा हुआ बदन पर बड़े मम्मे और गोल उभड़ता हुआ विशाल गांड पसंद आये। दूसरी ओर, उनकी महाकाय लिंग की तरह, उनके पेशी बहुल ताकतवर शरीर उसे लुभा गई। पलों में, दोनों ही वासना के आग में जल कर राख हो गये और अपने बाहें फैलाकर एक दूसरे को अपनी छाती से लगा लिये। पुरे एक मिनट के लिये दोनों एक दूसरे से चिपके रहे। उसकी नरम स्तन उनकी मजबूत छाती पर दबे रहे। उसकी कोमल स्पर्श उन्हें और भी अधिक उत्तेजित कर डाला। वह अब अपने तेजस्वी लिंग को उसकी गर्म मुंह के अंदर डालने के लिये बहुत उत्सुक हो उठे।
"अब और देर ना करो डार्लिंग। प्यासा कब तक ऐसे ही कुएं के पास बिना पानी पिये सिर्फ खड़ा रहेगा? जो सुरु की थी, उसे अब फिर से चालू कर दो।"
उनकी उत्सुकता देख कर कामना ने बड़े ईमानदारी से उनकी फ़रमान तामील करने की कोशिश किये। वह फिर से उनके सामने अपने घुटनों की बल पर बैठ गयी। उसकी नजर गिल साहब की मुंडा अंडकोष के ऊपर जाकर गिरी, जो उनके लंड की जैसा ही काफी बड़े आकर के है। वह फिर से उनकी लंड को चाटने लगी। कुछ देर चाटने की बाद, उसने उस विशालकाय लंड का एक छोटे से हिस्से को अपनी मुँह में ले ली और चूसने लगी। उसकी ज्वालामुखी जैसी गर्म मुँह के अंदर अपना लंड डाल कर उन्हें बहुत आनंद मिला। वह उत्तेजित हो उठे और अपने दाहिने हाथ से उसकी सिर के पिछले हिस्से को पकड़ लिये। दृढ़ हाथो से उसकी सर पकड़ कर वह अपने प्रकांड लंड को उसके गरम मुंह की और गहराई में डालने की कोशिश किये। उनकी पकड़ इतने मजबूर थे कि वह अपने सिर को हिला भी ना पाई और उसका फ़ायदा उठा कर भरी बलबूटी से उन्होंने अपना विकट लंड को उसके गले की गहराई में धकेल दिये। उसके लिये ठीक तरह से सांस लेना मुश्किल हो गया। उसकी दम घुंटने लगी। उसकी आंखो से भी पानी निकल गया। मगर उन्होंने उसे नहीं छोड़ा। अपने कसी हुई पकड़ को एक मिनट के लिये भी ढीली नहीं होने दी। जब उसे समझ आ गया कि ऐसी आसानी से रिहाई नहीं मिलेगी, तब वह खुद ही अपने गले के अंदर उनके अतिमानव लंड की आदत डालने की दिलोजान से कोशिश की।
थोड़ी कोशिश करने के बाद, कामना को उस राक्षशी लंड की विशाल लंबाई से आदत पर गई। इससे गिल साहब को बड़ी खुशी हुई। उन्होंने शाबाशी देते हुए हर्ष स्वर में कहे, "ओह डार्लिंग! तुम हमारे लंड चूसते हुए कितनी हॉट लग रही हो! क्या बढ़िया चूस रही हो! बिलकुल मज़ा आ गया! वाह! वाह! बहुत खूब! ठीक यही तो हम तुमसे उम्मीद करते है! बहुत अच्छा कर रही हो! चुसती जाओ। अब मत रुकना!"
उसके गरम मुँह से अपने लंड चुसवाकर वह इतनी उत्तेजित हो परे की, अपने भीमकाय लंड को उसकी अब अभ्यस्त मुंह में पंप करना शुरू कर दिया। मगर तब तक वह अच्छी तरह से चूसना सीख चुकी थी। अपनी गर्म मुंह की गहराईओं में उस विशालकाय लंड ने पंपिंग चालू करने के बाद भी, वह नहीं घबराई और अपनी सांसे बचाने के लिए, उसे डीप थ्रोट करने लग पारी। उसकी दाँव-पेच काम करने लगी। गिल साहब के लिए और ज्यादा सहन करना बहुत कठिन हो गया। उन्होंने खुद को ज्यादा देर तक रोक नहीं पाए और दो मिनट के अंदर ही उसकी गर्म मुँह के अंदर वीर्यपात कर बसे। वीर्यपात करने के बाद भी उन्होंने कामना को अपनी स्थान से हिलने नहीं दिए। उन्होंने उसके सिर पर अपनी मजबूत पकड़ बनाये रखते हुए अपने वीर्य डालते रहें लंड को उसके गर्म मुंह पर दबाये रखा। मजबूरन उसे भी उनकी गर्म वीर्य को निगलनी पारी। मगर वीर्य इतने ज़्यादा थे की वह पूरी निगल ना पाई और उसकी होंटो के किनारे से कुछ बहार निकाल के उसकी नंगी मम्मे के ऊपर जा कर गिरा।
जब कामना उनकी लगभग पूरा वीर्य निगल लेती हैं, तब जा कर गिल साहब उस पर अपनी कड़ी पकड़ छोड़ देते हैं। एक बार उन्हें संतुष्टि मिल गया, तब उन्होंने अपने खूबसूरत साथी को वही सुख देनी की वासना व्यक्त किये, "ओह डार्लिंग! तुम तो कमाल कर दिये। क्या गर्म मुँह हे! क्या बढ़िया जलवा दिखाए! बिलकुल टॉप क्लास! दिल एकदम खुस कर दिये हो! अब हमे भी सेवा करने का एक मौका दो। हम भी तुमको थोड़ा खुस करना चाहेंगे। इतना हक़ तो तुम्हारा बनता है।"
यह एक अत्युत्तम प्रस्ताव है। कामना ने तुरंत स्वीकार कर ली। पहले से ही उसकी सांस फूल रहा था। उसे बहुत पसीना भी आ रहा था। साथ ही उनकी प्रकांड लंड को चूसते चूसते वह खूब भी बड़ी गरम हो चुकी थी। गिल साहब की सेवा का मतलब है कि उसे थोड़ा आराम मिलने के साथ मजा भी मिल जायेगा। जैसे ही उनके प्रस्ताव स्वीकारा गया, उन्होंने फ़ौरन उसे बिस्तर पर ले गये। उन्होंने उसे बिस्तर के किनारे से अपने पैर लटका कर अपनी पीठ के बल लेटने को कहा। जैसे ही वह बिस्तर पर लेट गई, उन्होंने बिलकुल उसके दो टांगों की बिच में जा कर अपने दोनों घुटने जमीन पर टेक दिये। फिर अपना मुँह उसकी गीली चूत पे डुबोकर लोलुपता से चाटने लगे। गिल साहब चाटने में बहुत माहिर है। पलक मारते ही, कामना की गरम बदन के सभी नसों में कामवासना के आग लग गया। अनियंत्रित सुख पा कर उसकी मुंह से जोरो जोरो से चीखें निकलने लगी।
"हे भगवान! में तो मर गयी! आप तो मुझे मर ही डालोगे! उफ़! माँ! में तो पूरी पागल हो जाउंगी! ओह! चाटो, मुझे आप और चाटो! चाट चाट के ही मेरा पानी निकल दो! आह!"
और उन्होंने ठीक वैसा ही किया। उसकी गीली चूत को अपनी लम्बी जीभ से चाटते रहे। चाटते वक़्त समय समय में, उसकी नाज़ुक भगशेफ को मुँह में ले कर चूस भी दिये। अपनी कामुक चूत को ऐसे निपुण तरीके से चाटवाकर उसे इतना अपार सुख मिला की वह खुद को संभाल ना पाई और मिनटों में ही अपना पानी छोड़ दि। एक माहिर खिलाडी की चतुर मुँह ने उसकी पूरी बदन को झंझोर के रख दिया। पानी निकलने वक़्त उसकी भारा हुआ बदन थरथर कांपने लगी। शरीर को चकनाचूर करके रख देने वाला चरमोत्कर्ष ने उसकी दिमाग के तारों को एक ही झटके में उड़ा दिया। थोड़ी देर के लिए तो वह बेहोश हो गयी। परंतु वह जानती नहीं के उसकी अपरिसीम आनंद को प्राप्त करने का समय निश्चित रूप से अभी भी खत्म ना हुई।
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गिल साहब अपने पैरों पर खड़े हुए और अपने बलबान हाथों से कामना के मोठे मोठे पैरों को उठा के अपनी मजबूत कंधों के ऊपर रख दिये। अब असली चीज़ का वक़्त आ चूका है। उन्होंने समय बर्बाद ना करते हुये अपनी सख्त हो चुके विपुल लंड को एक जोरदार झटके से उसकी टपकती हुई चूत में पूरा का पूरा धकेल दिया। जैसे ही उनकी प्रभाबशाली लिंग को अपनी स्वागत करती हुई योनी में प्रवेश करते हुये महसूस कि, वह फ़ौरन वापस अपने होश में आ गई। उसे लगा कि उसकी मख़मली चूत अपनी सीमा तक खिंच के फूल चुकी है। उसने पहले कभी इतना भरा हुआ महसूस नहीं किया। गिल साहब के प्रबल लंड की क्षमता से कामना इतनी अभिभूत हो गई की उसे लगा की वह अब फिर कभी भी खाली नहीं होना चाहेगी। मगर उसे उनकी ताकतवर लंड का पूरी तरह से सराहना करने का मौका नहीं मिला। तब तक उन्होंने दोनों हाथों से उसकी कमर पकड़ कर उसे चोदने लगे। वह फिर से गला फाड़ कर चिल्लाने लगी।
"हे भगवान! में फिर से मर ना जाऊ! ऊ माँ! इतना सुख! में और नहीं बर्दाश्त कर सकती! ओह! ओह! मुझे आप बास पागल बनाकर ही छोड़ोगे! आह! आह! चोदो, मुझे और चोदो! ऊ माँ! चोद चोद कर मुझे मार ही डालो! आह! ओह! आह! आप को भगवान की सौगंध, अब मात रुकना! आह! आह! ओह! ओह! चोद चोद कर मेरी चूत एकदम फाड़ डालो!"
उसकी बढ़ावा पा कर उनके भी छाती चौरे हो गये और उनकी चोदने की गति अपने आप तेज हो गई। उन्होंने भी खुश हो कर बोले, "वाओ डार्लिंग! हम तो तुमको फुलझरी समझ रहे थे, पर तुम तो एटम बम निकली! तुम्हारी चूत तो तुम्हारी मुँह से भी गरम निकली! इतना टाइट चूत हमने कभी नहीं चोदा! क्या तुम्हारे पतिदेव तुम्हे चोद भी नहीं रहा हे? चिंता मात करो, आज ही चोद चोद के हम तुम्हारी चुत को थोड़ा ढीला कर देंगे! क्या मस्त चूत हे! हमारे लंड को पूरा कसके जकड़ रखा हे! बहुत बढ़िया! बिलकुल मजा आ गया!"
उन्होंने जोर जोर से उसे चोदकर काममादकता की शिखर पर लेके चले गये। उसकी विशालकाय लंड से चुदवाकर उसकी भरा हुआ बदन कामलिप्सा की आग में पूरी तरह जल कर राख़ हो गयी। अपनी भयानक हवस में अंधी हो कर उनके साथ नाजायज संभोग करके उसे परमानन्द प्राप्त हुआ। चरमसुख की लुफ्त उठाते उठाते वह बिलकुल बावली हो गई। आवेश में उसकी कामातुर चूत से लगातार रस बहेने लग गये। उसकी बहती रस ने उनकी प्रकांड लंड को भी पूरा भिगोके रख दिया। कामना की गरम चूत में हल चलाते चलाते गिल साहब भी अपने वीर्यक्षालन के करीब आ चुके थे। उन्होंने अपनी पराक्रमी लंड को उसकी व्यभिचारी चूत में पांच-छेह कड़कदार तरीके से धकेल कर झरझर करके बरश परे।
इतना भारीभरकम संभोगक्रिया के बाद दोनों अवैध प्रेमी ही अपने पसीने से नाहा गये। दोनों ही थक चुके थे। अतिरिक्त वीर्यक्षालन ने कामना की भारी बदन को कुछ ज्यादा ही थका दी थी। जब उसकी जलती हुई चूत के गहराई में गिल साहब ने अपने गरमा गरम वीर्य छोड़े, तब फिर वह और नहीं सह सकी और अपने होश खो बैठी। उनका भी हालत कुछ ज्यादा अच्छा नहीं था। इतने देर से अपने भीमकाय लंड को लगातार उनकी मिलनसार चूत में बलवान पूर्वक धकेलके उनका भी दम निकल गया। उनकी पराक्रमी लंड ने अपनी कठोरता खो दी। परन्तु, वो फिर भी उसकी टपकती चूत के अंदर ही रहे गया। उन्होंने उसको बहार नहीं निकला। उन्होंने उसके पैरों को अपने कंधे से उतरा। उसकी दोनों टंगे बिस्तर के किनारे से लटकने लगे। महाबीर गिल ज्यादा देर अपने पैरों पर खड़ा नहीं रह पाये और थोड़े आराम करने के लिये कामना के थकी हुई गीली शरीर के ऊपर गिर पड़े। उनकी चौड़े छाती उसके बड़े बड़े स्तनों पर जा के टिक गया। उसने भी उनको नहीं धकेला। अपनी भरे बदन के ऊपर ख़ुशी से जगह दे दी। दोनों कुछ देर ऐसे ही पड़े रहे और अपने थकन दूर करने के लिए लम्बी सांसे भरते चले गये।
थोड़ी देर के लिये थकान के मारे कामना की आँख लग गयी। कुछ समय के बाद उसने जब आंखे खुली, तब उसने गिल साहब की मुँह को अपने मम्मे के ऊपर पाया। उनकी थकन तब तक दूर हो चुकी थी और वह उसकी चूचिओं को बड़े ही बेसब्री से चूस रहे थे। अपनी चूचियाँ चूसाते हुये उसे बड़ा ही आनंद मिला। कामना ने फिर से अपनी आंखे बांध कर ली और आहिस्ते से कराहती रही। उसकी नरम मम्मे को चूसकर महाबीर गिल को भी बहुत मजा आया। उनके मजबूत शरीर में ऊर्जा वापस आ गया। मिनटों में उसकी गिली चूत के अंदर उनकी प्रकांड लंड फिर से खड़े हो गये। अपने दोनों मजबूत हाथों से दोनों ओर से उसकी फैली हुई नितंब पकड़ के एक बार फिर से उसे चोदना शुरू करने में उन्हें देर नहीं लगा। क्यूंकि उनके एकबार वीर्यस्खलन हो चूका था, इसलिए इस बार वह उसकी गर्म चूत को बड़े ही आराम से लम्बे लम्बे थाप मारते हुये धीमीगति से चोदना चालू किया। ऐसे मृदु मंद गति से चोदवाकर उसे अपार सुख प्राप्त हुआ। धीरे धीरे उसके लिये स्वर्ग का द्वार खुल गया। उसकी रसभरी चूत खुली हुई नल की माफिक फिर बहने लगी। उसने अपने दोनों टंगे उठाकर उनकी शक्तिशाली कमर को कैंची की तरह लपेट लिये। उसकी कराहरॉ में भी जान आ गयी।
"हे भगवान! यह बहुत ही बढ़िया हे ! आप मुझे बहुत ही अच्छी तरह से चोद रहे हो! आप कितने अच्छे हो! आपका लंड कितना बड़ा है! यह मुझे और चाहिए! मुझे और दो! आप मुझे और चोदो! मत रुको! सिर्फ चोदते जाओ!"
कामना की असभ्य स्तुति से महाबीर गिल बड़े प्रसन्न हुये। मगर, उन्होंने पलट के कोई जवाब नहीं दिया। उन्हें अपनी ताकत बचाये रखना जरूरी था। उस संचित की गई बल ने उन्हें अधिक समय तक टिकने में बड़ी मदद की। इस बार धीमी गति की संभोग क्रिया बहुत ही लंबा चला। उन्होंने अपनी विशालकाय लंड से उसकी मखमली चूत की छोटे छेद को चोद चोद के उसमे गड्ढा खोद दिया। उन्होंने उसकी नाज़ुक चूत की ऐसी भद्दी हालत बना के छोड़ा की वह चाहे भी तो उसके पति की छोटे लिंग को अब फिर कभी सुख ना दे सकेगी। कामना को यह भयानक सच समझ में आ चुका था। फिर भी इससे उसे कोई फरक नहीं पारा। उसे जन्नत हासिल हो चुका है। उसकी दिल और दिमाग में अब उसकी बेकार पति के लिये कोई हमदर्दी बचा नहीं। जो मजा इस राक्षसी लंड से चोदवाकर उसे मिल रही है, ऐसी परमानन्द किसी छोटे लिंग कभी दे नहीं पायेगा।
यह घिनौना सच स्वीकार करते हुये वह चिल्ला चिल्ला के उन्हें ध्यन्यबाद दी, "हे भगवान! इतनी सुख! इतनी सुख मुझे रोहित कभी नहीं दे पाये! आप क्या कमाल के चोदते हो! में तोह स्वर्ग पहुंच गयी! आप सच में एक जादूगर हो! आप का विशाल लंड वाकई में जादू की छड़ी है! में तो सम्मोहित हो चुकी! आप मुझे रख लो! में अब रोहित के पास लौटना नहीं चाहती! वह बचें या मरे, मुझे उससे कोई लेनादेना नहीं! अब उसको तरक्की भी मत दो! सब काम में करू, और वह बैठे बैठे फल खाये! अब से ऐसा नहीं होगा! अब से में सिर्फ आपकी हूँ! अब मुझे रक्खो! हररोज ऐसी ही मुझे चोदो! जब मर्जी चोदो! जितना मर्जी चोदो! में हमेशा आपको दूंगी! कभी भी आपको निराश नहीं करूंगी! मुझे हररोज आपके साथ ऐसी ही मस्ती करना है! ऐसी सुख पाना है! में रोहित की बीवी बनके थक चुकी हूँ! आप चाहो तो मुझे अपना रखैल बना लो! मुझे कोई आपत्ति नहीं!"
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हसीन परपुरुषगामिनी की ऐसी अश्लील बिनती सुनके महाबीर गिल हवस में एकदम अंधे बान गये। चरम वासना की ताप से उनकी खून खोलने लगा। उनकी चोदने की गति अपने आप तेज हो गई। अपनी भीमकाय लंड से उसकी व्यभिचारी चूत को वह बेरहमी से चोदने लगे। भयंकर तरीके से चोद चोद कर उसकी मखमली चूत को बिलकुल फाड़ दिये।
चोदते चोदते उनके मुँह से गाली निकाल गया, "हां हां साली! क्यूँ नहीं?तुजे में जरूर अपना बना लूंगा! तेरी पति एक नपुंसक है! उसको तुज जैसी चिकनी चमेली की कोई कदर नहीं! तेरी सेक्सी बदन की सही कीमत सिर्फ हम दे सकते है! तू जो चाहेगी, वही होगा! हम तुजे पालेंगे! तुज जैसी गरम रंड को कौन पालना नहीं चाहेगा? ऐसी गर्म चूत में कौन अपनी लंड डालना नहीं चाहेगा? तेरी भरी जवानी का लुफ्त उठाना नहीं चाहेगा? सब कुछ हम करेंगे! चिंता मत कर! तुजे ऐसा मजा देंगे की तू अपनी उस निकम्मे पति को भूल जाएगी! चोद चोद के तेरी भरे बदन को और भी ज्यादा भरा कर देंगे! तेरी नामर्द पति के बदले तुझे ही हम अपना सहकारी रख लेंगे! फिर घर-ऑफिस जहां मौका मिला तुझे दिलखोलकर चोद देंगे! काल ही देखना हम सब फाइनल कर देंगे! मगर पहले आज रात मजे लेने दे! आज सारि रात तुझे में चोदूंगा! कमर कस ले! अभी सुभह होने में बहुत समय बाकि है! तुझे रातभर हमारी लंड की सेवा करनी है! तैयार रहना! हम चोद चोद के तेरी चूत की सारि गर्मी उतर देंगे!"
ऐसे जोरदार तरीके से चोदवाकर भी कामना को दर्द के बदले मजा मिला। वह गाला फाड़ के चीखने लगी, "हां हां! मुझे और चोदो! जितना मर्जी मुझे चोद डालो! चोद चोद के मुझे रंडी बना दो! सती सावित्री बन के बहुत देख ली! कुछ मजा नहीं आया! अब थोड़ा पतीता बनके भी देख लेते है! आप मुझे जैसे चाहे चोदो! चोद चोद के मुझे एकदम पागल बना दो! मेरी पूरी बदन में दर्द कर दो! इतना चोदो की में सुख से ही मर जाऊ!"
अपने खूबसूरत चरित्रहीन साथी की कामातुर अनुरोध की समादर करते हुए महाबीर गिल बिलकुल जंगली जानवर की तरह उसके साथ संभोग करने लगे। अपने तगड़े लंड को बल्पुर्बक उसकी बहती चूत की गहराईओं में धकेल धकेल कर उन्होंने उसे बड़े बेरहमी से चोदा। धीमी गति से शुरू हुई संभोग क्रिया अब तूफानी बन गया। वन्य उत्साह से दोनों ही बेकाबू हो गये। उसके पराक्रमी लंड को उसकी रससिक्त चूत के अंदर अपना खूब सरे बीज छोड़ने में ज्यादा देर ना लगा। उसने भी एक जबरदस्त रतिक्षण का अनुभव करते हुए गला फाड़ के चीख उठी और एकाएक बेहोश हो गयी।
उसकी आखिरी रतिक्षण सचमुच में बदन को चकनाचूर कर देने वाला था। जब वे उस पर गरजती हुई गिरी, तब कामना की पूरा शरीर उसके प्रभाव में थरथर करके कांप उठी और उसके होश उड़ गये। उस दैत्यकाय लंड ने उसकी रसीले चूत की गहराइयों में कुछ ज्यादा ही वीर्य छोड़ दिये थे। वे उसके गर्भ तक पहुंच गया। अपनी गर्भ में गरमा गरम वीर्य को महसूस करके वह भी खुद को रोक ना पायी और उसके कामोत्तेजित चूत से हद से ज्यादा कामरस बह गया। अपरिमित रस छोड़ कर उसकी भारी शरीर इतनी बुरी तरह से थक चुकी थी की, थकान के मारे वह बेहोश हो गयी। थकाऊ यौन क्रिया की अपार सुख ने मिनटों में उसे गहरी नींद में डुबो दिया। करीब दो घंटे सोने के बाद उसकी आंखें खुली। पहले तो कामना को याद नहीं आ रहा था कि वह कहाँ है। उसने खुद को किसी के विशाल बेडरूम के अंदर एक बड़े से बिस्तर पर नंगी पायी। सिर्फ अपने जूते पहनी हुई थी और कुछ नहीं। उसकी सिर थोड़ा सा चकरा रहा है। आंखे भी थोड़ी भारी है। दर्द से पूरा बदन टूट रहा है। योनि छेद में हल्की सी जलन हो रही है। फिर अचानक सारी की सारी यादें बांध तोड़ने की तरह एकसाथ वापस आ गईं।
पहले तो वह अपने आप को बहुत दोषी महसूस की - अपने पति को धोखा देने का दोष, हर सीमा पार करने का दोष, एक सस्ते सड़कचाप वेश्या की तरह आचरण करने का दोष। फिर कुछ देर बाद उसे लगा की इसमें गलत क्या है?समाज की सख्त नियमों से वह खुद को इतने लंबे समय तक बांधे रखा है कि वह भूल गई थी कि मौज-मस्ती कैसे की जाती है। उसकी अपने परिवार ने उसे कभी भी पर्याप्त समर्थन नहीं दिये। जीवन में हारे हुये एक निकम्मे व्यक्ति से उसकी गांठ बांध दी गयी। वह कुछ नहीं कर पायी। वह डाइवोर्स के बारे में सोची तो उसे ही सभी ने समझा दिये। समाज में सबकी छबि बनाय रखने के लिए, उसे ही बलि की बकरे की तरह एक लंबे अरसे से भुगतना पर रहा है। कभी अपने पिताजी की सुनो तो कभी अपने पतिदेव की। खुद की सब चाहतों को उनकी इच्छाओं के लिये दबा दो। कॉलेज की तीन साल छोड़ के वह अपने जीवन को अपनी इच्छानुसार कभी जी ना पायी। बहुत हो चूका! अब और नहीं! उचित या अनुचित, अब जब उसकी शादी का मानदंड की अवमान हो चूका है, तो वह अब और अपने आप को बंदिशे में जकरना नहीं चाहती। इस बगुलाभगत समाज की तमाम पाबंदी को तोड़ कर अपने जिंदगी को खुल के जीना चाहती है। उसकी मन से अपराध बोध मिनटों में गायब हो गया।
कामना बिस्तर पर ज्यादा देर लेट ना सकी और उठ के बैठ गई। उसकी नज़र बगल में रखे एक मुड़े हुये नोट पर पड़ी। अंदर की लिखावट काफी सीधी और सरल था - "सॉरी डार्लिंग! तुम्हें अकेला छोड़ के जाना पर रहा है। घर में एक पार्टी चल रही। तुम्हें अकेला छोड़ने में जी तो नहीं चाह रहा, पर क्या करे अपने मेहमानों में भी तो थोड़ा शामिल होना पड़ेगा। हम मेजबान जो ठहरे। लेकिन, चिंता मत करें। हम जल्द ही तुम्हारे पास वापस आ जायेंगे। पार्टी लगभग खत्म होने को है। इस बीच, तुम चाहो तो थोड़ा पी भी सकते हो। तुम्हारे बिस्तर की बगल में साइड टेबल के ऊपर हमने बीयर की एक खुली बोतल रख दि है। तुम बेझिजक पीओ। कोई तुम्हे परेशान नहीं करेगा। तुम बस मजे से पीओ। देखना तुम्हारी बीयर खत्म हो ने से पहले ही हम तुम्हारे बाहों में होंगे।"
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गिल साहब की मेहमानबाजी ने कामना की दिल को एकबार फिर जीत लिया। माना कि उनकी उत्तेजना जैसे बढ़ जाती है, वह कभी कभी आपे से बहार हो जाते है। मगर एकबार शांत होते ही, वह शराफ़त की मिशाल बन जाते है। उन्हें थोड़े समय के भीतर दो अलग-अलग किरदार बनते हुये देखना वाकई हैरान कर देनेवाला है। उनकी यह परस्पर-विरोधी भूमिकाएं सफलतापूर्वक निभाना उसे ऐसी प्रेरणा दी कि वह भी उनके जैसे अपने जीवन में अलग-अलग किरदार निभाना चाहती है। उनकी हर इच्छा या अनुरोध अब उसके लिये वैद्य वाक्य बन चूका है। उसने ठीक वही कि जो उन्होंने उसे कहां। वह बिस्तर में बैठे बैठे ही बगल से बीयर की खुली बोतल उठाई और दो घूंट पी ली। अंदर शराब जाते ही उसकी भारी बदन की थकान थोड़ी सी दूर हो गया। पहले से ही उसने थोड़ी ज्यादा नशा कर रखी थी। उसपर थोड़ा शराब और जोड़कर उसे फिरसे बेकाबू बना दिया। उसे लगा कि उसे कुछ ताजी हवा मिल जाये तो वह और भी तरोताजा हो जाएगी। ताज़ी हवा खाने वह बीयर की बोतल हाथों में लिए खुली बालकनी पर जाकर बेशरमी से नंगी ही खड़ी हो गयी।
बालकनी के ऊपर से कामना ने देखि कि पार्टी अभी भी चल रही है। उसे लगी नहीं की कोई भी मेहमान पार्टी छोड़ के गये है। उसे शायद गिल साहब के लिये लंबा इंतजार करना होगा। इससे उसे कोई एतराज नहीं। लंबा इंतजार का मतलब उसे भी तरोताजा होने के लिये ज्यादा वक़्त मिलेगा। कुछ देर पहले एक दैत्यकाय बलवान पुरुष ने उसकी सुडौल शरीर के साथ जमकर संभोग की है। एक लंबी विश्राम उसके लिये वाकई में लाभदायक होगा। कुछ घंटे पहले उन्होंने जो तूफानी तरीके से उसके साथ संभोग किये, उससे उसकी पूरी बदन में दर्द हो चूका है। सोने के बाद भी उसकी सुडौल बदन थोड़ा थोड़ा दुख रहा है। एक वर्धित विश्राम का सही में हार्दिक स्वागत होगा। बालकनी में नंगी खड़े हुए वह आराम से बीयर की बोतल से छोटे छोटे घूँट ली और नीचे लॉन में चल रही पार्टी को देखती रही। बालकनी में रोशनी नहीं थी। इसलिए कोई उसे देख नहीं पाया।
बीयर काफी तगड़ा निकला। बोतल खत्म होते होते कामना को चढ़ गयी। पहले वोडका, फिर जिन और अब यह बीयर, इतना दारू पी कर टल्ली तो उसे होना ही था। वह सीधे खड़ी भी रह ना पाई और अपने विशाल नितंब को हवा में लटकता हुआ छोड़ कर अपने भारी वजन को सहारा देने सामने रेलिंग पर झुक पड़ी। अचानक उसे लगा कि कोई उसके ठीक पीछे आ कर खड़ा हो गया। इससे पहले कि वह कुछ समझ पाती दो मजबूत हाथ दोनों ओर से आ कर उसकी कमर को कसकर पकड़ लिया और साथ ही उसकी सिक्त योनी के अंदर एक तगड़ा लिंग धकेल दिया गया। गिल साहब के बलशाली लंड से भारी भरकम चुदाई खाने के बाद भी उसकी लंपट चूत ने अपनी गर्मी कभी नहीं खोई। इसलिए यह नया लंड, जो पहले वाले जितना ही काफी बड़ा है, को भी धकेलने के साथ साथ ही उसकी लालची चूत ने आसानी से अपने अन्तराल में गटक ली। पहले तो वह चीखना चाहती थी। परन्तु, जैसे ही उस बड़े से लंड उसकी गीली चूत के अंदर सरकते हुए घुसा, उसे एक सस्ती सी रोमांच मिली। उसने अपना मुँह बंद रखने का फैसला किया और अपने बलात्कारी को जी खोल कर उसकी भरी जवानी के मजे लूटने का मौका दिया। वह सिर्फ धीरे से सिसकियां लेती रही, जबकि वो अज्ञात बलात्कारी उसकी बेवफ़ा चूत में अपना बिशाल लंड डाल कर बिलकुल मौज लेते हुए चुपचाप उसे पीछे से चोदता गया।
खूबसूरत व्यभिचारिणी और उसकी अज्ञात हमलावर के बीच बालकनी पर हो रहे अश्लील संभोगक्रिया हर गुजरते मिनट के साथ तीखा होने लगा। एक सिसक रही है और दूसरा घुरघुरा रहा है। लेकिन दोनों ही अपने आवाज को कभी भी ऊँची ना होने दिया। दोनों के बीच में कमाल की समझबूझ है। उनके तालमेल इतने अच्छे हैं की देख के लग नहीं रहा एक बलात्कारी और दूसरा उसके शिकार है। उनकी तीखी हरकतों में और भी मसाला लग गये जब अज्ञात लुटेरे ने कामना की कोमल कमार छोड़ के उसकी बड़े बड़े मम्मे को दोनों बाहें फैलाकर दबौच लिया और उसके खरबूजों को दबा दबा कर उसे चोदने लगा। फिर एक बार कोई तूफानी रफ़्तार पकड़ कर उसकी गर्म चूत को अपने प्रकांड लंड से ठंडा करने की कोशिश की और निसंदेह सफल हुये। एक और नाजायज संबंध की हवस ने उसे आसानी से अपने लपेट में ले लिया और उसने खुद को पूरी तरह से खो दिया। उसकी गीली चूत से फिर से रस टपकने लगी। उसकी खामोश सिसकियां कराह में बदल गईं। वह चिल्ला कर दुनिया को अपनी अपार सुख के बारे में बताना चहातीति। लेकिन उसी वक़्त उसके अवैध साथी उसकी मुँह पर अपना एक हाथ रख कर उसे चुप करा दिये। मजबूरी में उसके कठोर हाथ पर ही वह दोबारा सिसकने लगी।
इस आदमी का स्टैमिना एकदम चौका देने वाला है। उनकी पापमय संभोगक्रिया लंबा खिंचा। कामना की चूत से रस की नदी बह गई। मगर इस हरामखोर ने कभी वीर्यपात नहीं कि। वह बस पुरे शिद्दत के साथ अपने बिकट लंड को उसकी गीली चूत के अंदर धकेल धकेलकर उसे जीजान से चोदता गया। चोदते वक्त उसके भरे हुए बदन पर जहां मर्जी हाथ डाला और दोनों हाथों से दबोज दबोजकर उसके पुरे बदन में दर्द कर दिये। जैसे-जैसे समय बीता दुःसाहसी दुराचारि ने कामना की खौफनाक बलात्कार को और भी ज्यादा घिनौना बना दिया। उसके लिये लगभग असहनीय हो गया। उसकी चूत से काम रस नदी की तरह बहती गयी। इतना ज्यादा रस छोड़ने की वजह से उसकी भारी बदन से तमाम ताकत खत्म हो गई। उसकी पूरी तरह दम निकाल गया। उसकी सिसकना कब का बंद हो चुकी थी। अब तो वह सांस के लिये भी हांफ रहा।
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जबरदस्त नशा और जोरदार सेक्स, दोनों तूफान मेल मिलकर उसकी हालत इतना भद्दा बना दिया की उसे यह भी समझ ना था की वह कहां है, किसके साथ है और क्या हो रहा है। उसके लिये खड़े रहना ही इतना कठिन हो गया की वह अपना पूरा वजन सामने की रेलिंग पर टिका दिये। भगवान की कृपा से उसके बलवान बलात्कारी ने उसे पीछे से पकड़ कर रक्खा था, नहीं तो वह शायद बालकनी से ही गिर जाती। जंगली जानवर को शायद कामना की शोचनीय दुर्दशा पर तरस आया। या फिर, शायद उसके खुद की दम अब खत्म होने को था। वजह जो भी हो, दुष्ट पापात्मा ने ज्यादा देर नहीं की और उसकी अपवित्र चूत के अंदर अपना ढेर सारा बीज छोड़ते हुये वीर्यपात करदी।
वो शातिर अजनबी जैसे चुपचाप आया था, वैसे ही अपना हवस बुझने के बाद वह बिना कुछ बोले, बालकनी में रेलिंग पर कामना की भारी शरीर को आधा अंदर आधा बहार लटकता हुआ छोड़कर, निकाल गया। उस दुष्ट के चले जाने के बाद वह कितनी देर तक वैसे खतरनाक तरीके से रेलिंग के ऊपर लटक के पड़ी रही, यह उसे मालूम नहीं। उसे यह भी नहीं पता चला की कौन हरामखोर इतना देर उसको पीछे से ऐसी भयानक तरह चोद दिये। वो चालबाज दबे पाओं पीछे से आया, अचानक उसपर हमला बोला और बिना शोर मचाय चुपचाप अपना काम करके निकाल लिये। अपनी वासना की आग बुझाने के चक्कर में उस अधर्मी बर्बर ने उसकी भरी हुई बदन को भूखे भेड़िये की तरह चीरफाड़ के खाके उसे एकदम बेदम कर दिये। थकान के मारे वह थोड़ी देर के लिये तो अपना होश खो बैठी। ऊपरवाले की दया से, बेहोशी की हालत में भी वह बालकनी की रेलिंग पर बेतुके तरीके से लटकती रही, और नहीं गिरी।
कामना की होश तब जाकर थोड़ी वापस आई, जब फिर कोई पीछे से अपना कड़क लंड उसकी गीली चूत के अंदर घुसा डाला। हालाँकि वह अभी आधी ही जागी है, लेकिन किसी तरह उसे पता चल गया कि यह किसका लंड है जो उसकी चूत की गहराईओं में जाकर घुसा है। इस तेजस्वी लंड का भीमकाय आकार से ही उसके मालिक को आसानी से पहचाना जा सकता है। यह अनोखा लंड केवल गिल साहब के ही हो सकता है। अंदर घुसते ही उनकी प्रकांड लंड ने उसकी मखमली चूत की गीली छेद के अपने सीमा तक खींचने लगा। एक बार फिर उसने अपनी मखमली चूत को बिलकुल भरा हुआ पाया। जैसे ही उन्होंने उसे पीछे से चोदना शुरू किये, पहली बार वह उनके दानवीय लंड की संपूर्ण परिमाप को महसूस की। उन्होंने चोदना चालू करते ही वह सिसकते हुये फिर से सुख की समंदर में तैरने लगी।
जब बालकनी पर कामना एक अनजान आदमी से चुदवा रही थी, नीचे लॉन पर पार्टी खत्म हो रहा था। उसके हवस मिटते मिटते, सरे मेहमान अपने अपने घर चले गये और उनके चले जाते हि महाबीर गिल ऊपर आ गये। वह सीधे मास्टर बेडरूम में आये, मगर कामना को वहां नहीं पाया। वह नींद से जाग चुकी है और रूम से बाहर निकली है। निकलते वक़्त उनके रक्खे हुये बीयर की बोतल को भी साथ ले गयी है। थोड़ी छानबीन करने के बाद उन्होंने आखिरकार उसे बालकनी पर खड़े रहते देखा। बालकनी आते ही उनपर बिजली कड़की। उन्होंने देखा की उसकी हालत थोड़ी नाजुक हो चूका है। वह बीयर की बोतल पुरे खत्म कर चुकी है। उसे नशा चढ़ गया है। बीयर पीते पीते शायद वह बालकनी से नीचे झुक कर पार्टी को देख रही थी। बोतल खत्म होते होते नशे उसकी दिमाग पर चढ़ बसी और वह रेलिंग के ऊपर ही बेहोश हो के लटक गयी। भगवान की अशेष कृपा से उसकी संतुलन नहीं बिगड़ा और वह नीचे नहीं गिरी। नहीं तो भगवान ही जाने क्या अनर्थ हो जाता।
अब जब उन्होंने उसे स्वस्थ और सुरक्षित पाया, उसकी अशालीन भंगिमा ने उनके पुरे ध्यान अपने तरफ खिंच लिया। उसकी अटपटा पोज ने उसकी विशाल गांड को हवा में लटका दिया है। बड़ा ही ललचाने वाली दृश्य है। महाबीर गिल अपने आप को रोक नहीं पाये। अपने निकम्मे जूनियर की बेशर्म बीवी के जैसे उन्होंने खुद भी नशा कर रखे थे। घर के अंदर कामना को चोदने के बाद बाहर लॉन पे पार्टी में दोबारा शामिल होने के लिये जब वह गये, तभी उनके सभी सहकर्मियों ने मिलकर जोर-जबदस्ती से उन्हें थोड़ा ज्यादा पिला दिया। अपने ही कर्मचारी की खूसूरत पत्नी को चोद कर वह इतने उत्तेजित थे की गर्मजोशी में किसी को इंकार भी नहीं कर पाये। कामना की विशाल गांड अपने नशे में चूर आंखों के सामने अशलील तरीके से लटकता हुआ पा के उनसे रहा नहीं गया। वह जल्दी से कपड़े खोल के नंगे हो गये और फ़ौरन जा कर अपने दोनों मजबूत हाथों से दोनों ओर से उसकी विपुल नितंबों को दबोज लिया। साथ ही साथ अपने विकट लंड को एक जोरदार धक्के से उसकी गरम चूत में घुसेड़ डाला। इतनी देर बाद भी अंदर अभी भी पूरी गीली है। उन्हें नहीं पता था की कुछ ही देर पहले एक अजनबी आके कामना को चोद कर गया है। उन्होंने सोचा की यह कामुक औरत कितने कमाल का है। उनसे संभोग किये इतने घंटे बीत गये, फिर भी अभी तक इसकी चूत से रस टपक रही है। वह बड़े ही प्रसन्न हुये। उनका उत्साह भी दुगना हो गया। पहले तो उन्होंने उसे धीरे से चोदना शुरू किये। फिर हर गुजरते मिनट के साथ उन्होंने अपनी रफ़्तार तेज करने लगे। और केवल पन्द्रह मिनटों में ही उनकी चोदने की गति सही मायने में तूफानी हो गया।
कामना की होश तो कुछ कुछ वापस आ गये थे। लेकिन उसकी भारी बदन में ताकत की एक बूंद भी बचा नहीं था। वह किसी तरह रेलिंग पर अपने भारी शरीर का पूरा भार टिका कर खड़ी रह पा रही है। उसके बड़े खरबूजे रेलिंग के बाहर कुत्सित ढंग से लटका हुआ हैं, जबकि नीचे उसके चर्बीदार पेट उसी रेलिंग से कुचल रहा है। उसकी हालत वैसे भी बुरा था। कुछ देर पहले किसी अनजान दुष्ट ने पीछे से आ के बड़ी बेहरमी से उसे चोदा और उसकी हालत एकदम खराप कर दी। अब फिर से गिल साहब ने पीछे से आके अपनी बृहत्काय लंड को उसकी रसीले चूत में घुसेड़ कर तूफानी रफ्तार से उसे चोद चोद कर उसके थके हुए शरीर को और भी बत्तर बना दिया। अपने पतिदेव के सर्वोच्च बॉस की बृहत्काय लंड से अपने बेवफा चूत को पीछे से चोदवाकर उसे मजा तो बिलकुल आ रहा था। मगर उसके पास उतनी ताकत बचा नहीं की वह अपने ख़ुशी का बयान कर सके। उसके मुंह से सिसकियां की सिवा कुछ ना निकला। हालांकि, उन सिसकियों से उन्हें अंदाजा हो गया की पीछे से चोदवाने में उसे काफी आनंद मिल रहा है। वह और भी ज्यादा जोश में आ गये। लेकिन, उनके सेक्स सेशन ज्यादा लंबा नहीं चल पाया। नशे में चूर गिल साहब ज्यादा देर तक अपने इमोशन को काबू में नहीं रख पाये। थोड़ी समय की भीतर कामना की वेश्या योनी के अंदर उनकी भीमकाय लिंग कंपकपा कर झरने की तरह झर परे। वीर्यपात के बाद उन्होंने अपने मजबूत पकड़ से उसकी बिशाल नितंबों को मुक्त कर दिये और पीछे हट कर अपने पीठ को विपरीत दीवार पर टिका दिये। अपने रसीले चूत में उनकी गरम बीज की गर्माहट को महसूस करते ही कामना भी खुद को रोक नहीं पाई। आखरी बार के लिये उसे भी एक जबरदस्त रतिक्षण हुआ, जिससे उसकी पूरी तरह से दम निकाल गया। उसकी दोनों टंगे अपनी भारी बदन की वजन को और ना उठा पाई। गिल साहब की तगड़ी जकड़ से रिहाई पाकर वह बालकनी की रेलिंग को छोड़ दी और धप करके फर्श पर गिर पड़ी। कुछ ही सेकंड के भीतर फिर से वह बेहोश हो गई।
जब उसने फिर से अपनी आँखें खोलीं, तब लगभग दोपहर हो चुकी थी। कामना खुद को मास्टर बेडरूम के अंदर बड़े बिस्तर पर नंगी सोते हुये पाया। खिड़कियों से आ रही सूरज की किरणों से पूरा कमरा जगमगा रहा है। उसे एहसास हुआ कि उसने सारी रात इसी बिस्तर पर बिताई है। हालांकि, उसे मालूम नहीं कि उसे बिस्तर पर कौन ले आया या उन्होंने उसके साथ क्या क्या किये। मगर पुरे बिस्तर की मनहूस हालत देख कर बड़े आसानी से वह अनुमान लगा सकती है की रातभर इसके ऊपर काफी शरारते की गई है। लेकिन अफसोस, वह खुद इतनी नशे में थी की उसे कुछ भी याद नहीं। उसकी मदहोशी का फायदा उठा कर किसी ने जी भर कर उसके साथ रातभर संभोग की है। उनके संभोग क्रिया की छाप चादर के ऊपर स्पष्ट रूप से दिख रहा है। चादर के चारों तरफ बहुत सारे धब्बे है, जो साफ तौर से सूखे वीर्य है। दो-तीन जगह में चादर थोड़ी फट भी गयी है। उसकी खुद की हालत भी इतनी अच्छी नहीं है। किसी ने पागलों की तरह चोद चोद के उसकी मखमली चूत की छोटी छेद को फाड़ के हमेशा के लिये एक बड़ा सा गड्ढे में तब्दील कर चुके है। रातभर भारीभरकम चोदवाने से उसकी नाजुक चूत अंदर से एकदम लाल हो चुकी है और थोड़ा जल भी रहा है। उसके गड्ढे जैसी चूत की कोटर में जमा हुई ढेर सारे सूखा वीर्य इशारे दे रहे है की यह सब भर भर के रातभर निक्षेपित हुया है। उसकी भारी बदन भी दर्द से टूटी जा रही है और उसकी सिर भी फट रहा है। उसका गला भी सुख गया है।
कामना उठकर बिस्तर पर बैठ गई। उसके नजर बगल की छोटे टेबल के ऊपर पड़ा। उसने देखा कि टेबल पर एक बीयर की भरी हुई बोतल रक्खा हुआ है। उसे एकदम जोरदार प्यास लगी थी। वह बिना सोचे ही अपने हाथ फैलाकर बीयर की बोतल उठा ली और एक ही गटक में उसे खली कर के छोड़ा। बीयर ने कमाल कर डाला। उसके सिर हल्का हो गया और उसकी बदन से दर्द भी चली गयी। उसकी चूत की जलन भी थोड़ा कम होने लगी। शराब ने उसे एक झटके में तरोताजा कर दिया। उसकी नजर फिर से बगल के टेबल पर पड़ी। इस बार उसे एक मुड़ा हुआ सफेद कागज एक बीयर की खाली बोतल के नीचे रक्खी हुई दिखी। उसकी पतिदेव की बड़े बॉस ने उसके लिये एक लंबी चिट्ठी छोड़ गये है।
गुड मॉर्निंग,
पहली बात, हमे खेद है की हमे आज सुभे सुभे ही ऑफिस निकल आये। तुम गहरी नींद में थी। इसीलिए हमने तुम्हे नहीं जगाया। उम्मीद करते है की तुम आराम से अपनी नींद पूरी की है। आज सोमबार है। हमे एक अर्जेंट मीटिंग अटेंड करना है। तुम जब यह चिट्ठी पढ़ रही होगी तब हम मीटिंग में होंगे।
अब, हम तुम्हे बधाई देना चाहते। कल रात तुम बहुत ही बेहतरीन किये। तुमने अपने पति पर एक अहम उपकार किये। तुम्हारे कल शाम की प्रदर्शन वाकई सराहने लायक था। कल जो जबरदस्त धमाका किये उसके विस्फोट से कोई भी घायल हो जायेगा। हम भी हो गये है। तुम्हें पहली बार देखते ही हमें पता चल गया था की हमारी संभंध बहुत ही रोचक होने वाली है। हम फैसला किये है की आज ही अपना वादा निभाएंगे और तुम्हारे पति को अपने सहायक बना लेंगे। इस प्रमोशन के बाद वह ऑफिस में काफी व्यस्त रहेगा। मगर तुम बेफिकर रहो। हम है ना। हम तुम्हारा ख्याल रखेंगे। हमारे दोस्ती तुम्हारे लिये हमेशा फायदेमंद रहेगा। हम तुम्हारे बेवकूफ पति को ऑफिस के कामों में इतना उलझा रखेंगे कि उसके पास तुम पर नज़र रखने का समय ही नहीं बचेगा। वैसे भी बंदा पूरा वर्कहोलिक है। तुम जैसी गर्म सामान को अकेला संभालना उस बेचारे की वश का नहीं है। तुम बिंदास मौज मस्ती करो। जिसके भी साथ चाहो मजा लूटो, जो मर्जी पहनो, जहां मर्जी जाओ, जितना चाहो बहार रहो। हम गारंटी देते है की तुम्हारे गांडू पति कभी तुम्हारे रस्ते का कांटा नहीं बन पायेगा। उस नामर्द को यह भी नहीं मालूम की कल रात तुम कितने आग बरसाई हो। शादी की इतने सालो में भी उसे अंदाजा नहीं है की तुम्हारी भरी हुई जिस्म में कितना बारूद भारा हुआ है। तुम्हारी सही कदर सिर्फ हम कर सकते है।
हमारे पास तुम्हारे लिये एक बड़ा ही लाभदायक प्रस्ताव है। कल शाम की बेहद मनोरंजक प्रदर्शन के बाद हम अपने सभी आने वाले पार्टियों में तुम्हें शामिल करना चाहेंगे। इनमें से कुछ पार्टियां बहुत ही खास होंगे। एकदम अलग। और बिलकुल रंगीन। इन विशेष पार्टियों में केवल कुछ गिने चुने लोग ही आमंत्रित रहते है। सब हाई सोसाइटी वाले है और हमारे दोस्त है। सभी मनोरंजन के शौकीन है। इन्हे अपने शौक के लिये पैसा पानी की तरह खर्च करते का बुरी आदत है। हमारे इन अइयाश दोस्तों की हमें खास ख्याल रखना पड़ता है। हम चाहते है कि तुम इन विशेष पार्टिओं में हमारे इन खास मेहमानों का भरपूर मनोरंजन करो। सबका दिल बहलाओ। हमारे पार्टिओं की एकदम जान बन जाओ। हमारे इन रंगीन पार्टियों का सिर्फ एक ही मकसद है की यहां सभी दिल खोल कर मौज मस्ती कर सके। हम चाहते है की तुम इन पार्टियों में आके इन पर चार चांद लगा दो। तुम्हारा भी फायदा होगा। हमारे इन खास पार्टियों में तुम्हारे जैसी हॉट लेडी की मन बहलाने का बहुत सारे बंदोबस्त रक्खे है। ऐसा ऐसा रोमांचक सब विकल्प है, जो तुम्हारे रोंगटे खड़े कर देंगे। हम गारंटी के साथ दावा कर सकते है की एकबार हमारे रंगीन पार्टियों के साथ जुड़ जाने के बाद तुम्हारी जिन्दगी में सिर्फ और सिर्फ मनोरंजन का कार्यक्रम चलेगा। इन खास पार्टिओं का नशा ही अलग है। एकबार जिसने इनकी चुस्की ले ली, वह दोबारा फिर इनसे अलग ना हो पाया। तुम्हारी जैसी आइटम बम के लिये ही तो ऐसी रंगदार मंचो को तैयार की जाती है। तुम बस आ जाओ और अपनी जबरदस्त विस्फोट से सबकी होश उड़ा डालो।
अपने नालायक पति के लिये बिलकुल परेशान मत होना। वह अभी हमारे साथ ऑफिस आये हुये है। रात से पहले घर लौट ना पायेगा। हम पहले ही कह चुके है की काल रात को क्या हुआ कमबख्त को कुछ भी नहीं पता। इतना पी रखा था की कुछ भी जानने का लायक ही नहीं बचा। तुम्हें जानकर खुशी होगी की हमारे डांट खाने के बाद उसे अकल आ चूका है। अपनी बेवकूफी पर पछता रहा है और बहुत शर्मिंदा भी है। उसे समझ आ चुका है कि तुम्हारे समर्थन के बिना वह ज़िन्दगी में कुछ भी ना बन पायेगा। अब से, तुम्हारे पति हमेशा तुम्हे हर तरह से सहायता करने के लिये तैयार खड़ा होगा। उसे बिना बताये तुम हमारे पार्टियों में आ कर बेपरवाह मौज मस्ती कर सकती हो। यह सभी पार्टियां सप्ताहांत पर होती है। और हम ऐसी जोरदार बंदोबस्त करेंगे कि उस वक़्त वह दिनभर अपनी काम से अपना मुँह तक ना उठा पायेगा।
हमारे खासम खास दोस्त बनने के और भी एक फायदा है। तुम्हे अपने जीवन में कभी भी पैसों की कोई चिंता करने की जरूरत नहीं होगी। हम और हमारे खास दोस्त तुम्हारे आर्थिक पहलू को बड़ी अच्छी तरह संभाल लेंगे। तुम्हारे नालायक पति की रोजगार चाहे कुछ भी हो, तुम्हे अब अपना जीवन का आनंद लेने के लिये उस पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। हम आज ही बैंक में तुम्हारे नाम से एक प्रीमियम अकाउंट खोल रहे है। उस अकाउंट में हर महीने बहुत सारा पैसा डाला जायेगा। तुम बस निकालकर खरच करना। हम चाहते है की तुम हर वक़्त टिपटॉप रहो। पार्टियों में सज धज कर चकाचौंध बन के आयो। महंगे कपड़े पहनो। महंगा मेकअप लगायो। दोस्तों के लिये महंगे तोफे खरीदो। जितना मर्जी चाहे पैसे खरच करो। बेजिझक उड़ाओ। हम तुम्हारे अकाउंट में पैसे डालते जायेंगे। तुम्हारे अकाउंट हमेशा पैसों से भरे पड़े होंगे।
अब एक बुरी खबर। कल शाम तुम जो ड्रेस पहन के आयी थी, वो खराब हो चूका है। उसका चैन टूट गया है। हमने उसे दुकान बेज दिये है। कल तक ठीक हो के आ जायेगा। घबराओ मत, तुम्हे नंगी रहना नहीं पड़ेगा। तुम्हारे रसभरी बदन को ढकने के लिये उसी दुकान से हम एक शानदार पोशाक मंगाये है। पोशाक यह भी थोड़ा टाइट ही है। पर तुम्हारे पर बहुत जचेगा। हमारे वार्डरॉब के अंदर रखा है। जब मर्जी निकलकर पहन लेना।
तुम जब नींद से जागोगी, तुम्हारे बदन दुख सकते है। परेशान ना हो। यह कुछ नहीं, सिर्फ कल के रंगीन शाम का ही असर है। हमने साइड टेबल की ऊपर बीयर का एक बोतल छोड़े जा रहे है। दो घूँट मार लेना। दो मिनट में सब दर्द चला जायेगा।
हमारे खानसामा घर में ही रहेगा। उसका नाम बब्बन है। खाना बहुत अच्छा बनाता है। तुम्हे भूख लगी तो उसे बुलाना। वह तुम्हें खाना परोस देगा। खा-पी लेने के बाद जब तुम्हे ठीक लगे तुम अपनी घर जा सकती हो। बब्बन को बोलना। वह गाड़ी अच्छी चला लेता है। वह तुम्हे हमारी कार में घर छोड़ आएगा। हम शाम को तुम्हे कॉल करेंगे। उम्मीद करते है की हमारे प्रस्ताव पर खुले दिमाग से तुम विचार करोगी और राजी हो जाओगी।
खुश रहो,
महाबीर गिल
रात भर धूम मचाने के बाद कामना अभी अभी नींद से जगी है। और उठते ही बीयर की एक पूरी बोतल गटक ली है। कल का नशा ठीक तरह से उतरा नहीं। उसपर और एक बोतल बीयर जुड़ गया। पहली दफा उसकी दिमाग में अपने बेकार पति का प्रभावशाली बॉस की सब बातें पहुंची नहीं। चिट्ठी का सही मतलब समझने के लिये उसे दोबारा पढ़ना पढ़ा। लेकिन, जब चिट्ठी का मूलतत्त्व समझ लेती है, तब वह खुशी की मारे चांद पर पहुंच जाती है। किस्मत आखिरकार उस पर चमक रहा है। एक निकम्मा आदमी से शादी करके वह फंस गयी थी। उसकी जीवन ही बर्बाद होने जा रहा था। मगर अब लग रहा हे की उसकी हालत सुधरने वाली है। गिल साहब जैसे शूरवीर उस पर मेहरबान हुये है। अब उसकी सारी परेशानी खत्म हमेशा के लिये चली जायेगी। आज से, अभी से वह अपना जीवन अपनी शर्तों पर जी सकती है। वह हमेशा से मौज मस्ती भरे ऐशो-आराम की ज़िन्दगी चाहती थी। गिल साहब की चिट्ठी पढ़ने के बाद उसे लगा कि आखिरकार जो वह चाहती है वही उसे मिलेगा। हालांकि उनके प्रस्ताव थोड़ी अशोभनीय है। पर वह शर्त लगा सकती है की इससे उसे बड़े ही लाभ होंगे। वैसे भी, उसे हमेशा से मालूम था की बहार से वह जितनी भी सती सावित्री बनने की कोशिश करे, अंदर से वह पूरी की पूरी छिनाल है। वह समाज के डर से एक घुटन भरी जिंदगी जी रही थी। मगर अब जब गिल साहब उसकी संरक्षक बन रहे है, वह बेपरवाह सबके सामने खुदको खोल सकती है। जिसके साथ चाहे, जहां चाहे, जितना देर चाहे मजे ले सकती है। कोई भी उसे रोकने की हिम्मत नहीं करेगा। खासकर उसके नामर्द पतिदेव ऐसे दुःसाहस करने के बारे में सोच भी नहीं सकेगा। वह मूर्ख हो सकता है। लेकिन अपनी नौकरी से बहुत प्यार करता है। और भलीभांति जान जायेगा कि अगर कामना चाही तो उसे अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ जायेगा। बहुत जल्द वह अपने निकम्मे पति पर अत्यधिक नियंत्रण हासिल कर लेगी। वह चाहे तो उसे अपनी पाला हुआ कुत्ता भी बना सकती है। तब उसकी शक्ल देखने लायक होगा। एकदम निराश। अपमान से लाल। बदला बिलकुल मीठा होगा। सिर्फ इसी कारण उसे यह फायदेमंद प्रस्ताब को हां बोल देना चाहिये। ढेर सारे पैसे के अलावा गिल साहब की उन खास दोस्तों के साथ उसे जो अपार सुख मिलेगा, वह सिर्फ बोनस होंगे।
कामना जीवन से सब कुछ चाहती है और अपनी इच्छाओं को पूरी करने का एहि सबसे बढ़िया तरीका है। हां, उसे थोड़ा समझौता करना होगा। गिल साहब उसे अपनी रखैल बनाकर रखना चाहते है। वह राजी हुई तो वह अब इस सभ्य समाज में एक वफादार गृहिणी के रूप में पहचानी नहीं जाएगी। हर कोई उसे वेश्या बुलायेगा। सब की नजरों से वह गिर जाएगी। उसका अपना परिवार उसे अस्वीकार करने का निर्णय ले सकता है। लेकिन एक रंडी बनकर उसे जो फायदे होंगे,उसके तुलना में यह नुकसान कुछ भी नहीं। वह एक कामुक शरीर की मालकिन है, जिसे सिर्फ सेक्स चाहिये। अगर अपनी शारीरिक जरूरतों को पूरी करने के साथ-साथ वह थोड़ी बहुत कमा भी लेती है, तो इसमें हर्ज ही क्या है। वह इस समाज की दोगलापन को खारिज करती है, जो उसे हमेशा जंजीरों में जकड़ के रखने की कोशिश की है। अब वह केवल खुश रहना चाहती है और अपनी खुशी के लिये कुछ भी कर सकती है। वह अब किसी से नहीं डरती। वह जानती है कि यह प्रस्ताव, हालांकि काफी अश्लील है, उसके लिये स्वर्गसुख पाने का टिकट है। वह अपने जीवन को सही मायने में आनंदमय बनाने का यह सुनहरा मौका गंवाना नहीं चाहती। कामना ने अपना मन बना लिया। आज शाम वह अपनी पति के बिग बॉस को हां कह देगी।
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