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Incest भाई बहन की चुदाई की सेक्सी स्टोरी
#21
ये सब सुन कर रमेश और काजल और जोश में आ गए. रमेश ने एक झटका लगा दिया और उसका लगभग आधा लंड काजल की चूत में चला गया. काजल दर्द के मारे चीख पड़ी. उसने जोर से सोफे को पकड़ लिया और उसकी आँखों से आंसू बहने लगे.

इतनी टाइट चूत होने की वजह से रमेश को भी अपने लंड में थोड़ा दर्द का एहसास हुआ, पर उसको काजल की आँखों में आंसू देख कर थोड़ी देर रुकने का ख्याल आया. वो काजल की चूत में लंड डाले हुए वैसे ही थोड़ी देर तक उसके ऊपर पड़ा रहा.

थोड़ी देर में काजल का दर्द कम हो गया तो वो अपनी गांड को नीचे से धीरे-धीरे उठा उठा कर रमेश को चोदने लगी. रमेश भी समझ गया कि बहन की चूत फिर से तैयार है. उसने धीरे से एक और झटका लगाया और इस बार उसका लंड काजल की चूत में पूरा घुस गया.

काजल फिर से चीख पड़ी, पर उसको इस बार दर्द से ज्यादा सुख का अनुभव हो रहा था. वो दर्द और ख़ुशी के मिले जुले भाव में बोली- आह.. भैया..
रमेश- हाँ बहना..
काजल- चाहे मैं जितना भी रोऊँ.. चीखूँ.. मुझे जितना भी दर्द हो, आप रुकना मत.. आप चुदाई जारी रखना.. प्लीज..

रमेश उसकी इस बात से बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो गया और उसने जोर-जोर से धक्के मारना शुरू कर दिए. वो इतने जोर-जोर से धक्के मार रहा था कि काजल का पूरा शरीर इस चुदाई की वजह से आगे पीछे हो रहा था और उसकी कामुक सिसकारियों की आवाज़ भी काँप रही थी.
काजल- भाई.. आआहह.. आह.. पेलो.. बहुत मजा… आ… रहा.. है… प्लीज.. और जोर.. से.. चोदो.. अह.. मैं पागल हो जाऊँगी..

रमेश को काजल की ये बातें और उन्मादित करने लगी थीं और वो पूरे जोर की ताकत से धक्के लगाने लगा.
सुरेश और मयूरी अपना प्रेमालाप छोड़ कर रमेश और काजल की चुदाई का ये मनमोहक दृश्य एकटक देखे जा रहे थे. सुरेश अब मयूरी की मादक चूचियों पर अपनी जोर आजमाइश कर रहा था. वो अपनी पहली चुदाई में धीरे धीरे आगे बढ़ना चाहता था. वो अपने जीवन के सेक्स के ये पहले अनुभव को बड़े आराम से आनन्द लेना चाह रहा था. उसकी भाभी एक अनुभवी खिलाड़ी की तरह इसमें उसका पूरा साथ दे रही थी. साथ ही साथ वो अपनी छोटी बहन की पहली चुदाई भी देखना और उसका लुत्फ़ उठाना चाह रहा था.

इधर करीब 15 मिनट की लगातार घनघोर चुदाई के बाद रमेश अब झड़ने वाला था. वो काजल को देखते हुए कहने लगा- काजल… मैं झड़ने वाला हूँ..
काजल- भाई.. आह आ… प्लीज.. मेरी चूत में ही झड़ना.. मैं आपके लंड के रस को अपनी चूत के अन्दर महसूस करना चाहती हूँ. तभी मेरी ये पहली चुदाई पूरी हो पाएगी.. प्लीज.. भैया…

काजल जैसे रमेश से अपनी चूत में झड़ने के लिए अनुरोध कर रही थी. उससे लग रहा था कि वो अपने सेक्स के इस अनुभव को पूरी तरह से एन्जॉय करना चाह रही थी.
रमेश के लिए ये चुदाई पहली नहीं थी, पर वो अपनी बहन की चूत को चोदते हुए सेक्स का एक अलग ही अनुभव कर रहा था. ऊपर से वो पहली बार किसी लड़की का सील तोड़ रहा था. उसने देखा कि उसके लंड पर थोड़ा थोड़ा खून लगा हुआ है, जो काजल की चूत की सील के टूटने के कारण लग गया था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#22
अब वो झड़ने वाला था. उसका शरीर धीरे धीरे अकड़ने लगा और उसने काजल की चूत में अपने प्यार की धारा को खोल दिया. उसने महसूस किया कि वो इससे ज्यादा कभी नहीं झड़ा. शायद मयूरी की चूत में भी कभी इतना नहीं झड़ा था.

उधर काजल को जैसे तृप्ति मिल गई हो. वो रमेश के लंड का पानी अपनी चूत में महसूस कर पा रही थी. उसने जोर से रमेश को पकड़ लिया और रमेश भी उसके ऊपर गिर गया. दोनों थक चुके थे.

इधर सुरेश ने अब अपने हाथों से मयूरी के चूत का रुख किया. उसने मयूरी की ब्लैक कलर की पैंटी को उसकी चूत के ऊपर से हटाया और देखा कि मयूरी की चूत बहुत गीली हो चुकी थी. उसने आव देखा न ताव और अपनी भाभी की पैंटी को निकाल फेंका.
आज सुरेश को सौभाग्य से घर की दोनों औरतों की पैंटी खोलने का मौका मिला था.

मयूरी ने भी वक़्त न गंवाते हुए अपनी चूत को सुरेश के खड़े लंड पर सैट किया और ऊपर से ही सुरेश को चोदने लगी. सुरेश का लंड रमेश से थोड़ा बड़ा था और मयूरी बहुत चुदी होने के बावजूद भी एक टाइट चूत की मालकिन थी. उसको सुरेश का लंड अपनी चूत में लेने में थोड़ा सा दर्द हुआ, पर सुरेश का मोटा लंड एक ही बार में फिसलते हुए पूरा अन्दर चला गया.
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#23
अब धक्के लगाने की बारी मयूरी की थी. वो जोर-जोर से सुरेश की चुदाई करने लगी. सुरेश भी नीचे से अपनी गांड उठा उठा कर चुदाई के इस खेल में मयूरी का पूरा साथ देने लगा
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#24
धर काजल की बाँहों में पड़े पड़े थोड़ा सा आराम करने के बाद रमेश का लंड फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गया. उसका लंड पहले की तरह फिर से खड़ा हो गया था.

रमेश काजल की आँखों में देखते हुए पूछने लगा- काजल, एक राउंड फिर से करें?
काजल- हाँ भैया, क्यों नहीं.. मैं तैयार हूँ. और मेरी चूत भी अपने भैया का लंड लेने के लिए रेडी है.

रमेश को जैसे ही काजल की तरफ से हरा सिग्नल मिला, उसने अपना लंड फिर से बहन की चूत पर सैट किया और एक झटका दे दिया. इस बार उसका लंड पहले झटके में ही बहन की चूत के अन्दर पूरा चला गया.

काजल उत्तेजना के मारे चिल्लाने लगी- आह.. माँआ… पूरा डाल दो भैया.. और जोर से चोदो मुझे.. फाड़ दो मेरी चूत को. उम्म्ह… अहह… हय… याह… आज से ये चूत तुम्हारी है. मैं तुम्हारी बहन नहीं.. तुम्हारी दूसरी पत्नी हूँ. चाहो तो तुम मुझे अपनी रखैल बना लो.. पर जोर से चोदो मुझे..

कामुकता के प्रवाह में काजल बोली- मैं आज बहुत खुश हूँ कि मेरे बड़े भाई ने मुझे चोद कर मेरी सील खोली
काजल उत्तेजना के मारे कुछ भी बड़बड़ा रही थी. उसे अभी सिर्फ चुदाई चाहिए थी, वो भी निर्मम चुदाई.

अब इस घर के हॉल में लगे सोफे पर दो जोड़े जबरदस्त चुदाई में लगे हुए थे. दोनों जोड़ों की चुदाई के कारण हॉल में हच हच.. की आवाज़ें गूंज रही थीं. इन दो जोड़ों में एक भाई-बहन थे और दूसरा देवर-भाभी लंड चूत के खेल में लगे थे.

पर इस समय सब लोग सेक्स की भूख में अंधे हुए पड़े थे. उनको सिर्फ एक ही चीज़ चाहिए थी और वो थी चुदाई. उन्हें किसी बात की कोई परवाह नहीं थी.

पर उनको परवाह करनी चाहिए थी. उनको परवाह करनी चाहिए थी कि अब मोहनलाल (इन भाई-बहन का पिता और मयूरी का ससुर) घर आ चुका था और वो हॉल में दरवाज़े के पास खड़ा, ये दृश्य देख रहा था. वो देख रहा था कि उसके घर के अपने ही बच्चे आपस में चुदाई में व्यस्त थे
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#25
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