Thread Rating:
  • 0 Vote(s) - 0 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Incest भाई बहन की चुदाई की सेक्सी स्टोरी
#1
भाई बहन की चुदाई की सेक्सी स्टोरी

जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
#2
मध्यमवर्गीय खुश परिवार की…
रमेश (26 साल) और सुरेश (24 साल) दो भाई थे. दोनों जॉब करते थे और दोनों के दफ्तर पास पास थे, इसलिए दोनों भाई रोज़ एक ही कार से ऑफिस जाते थे. रमेश रोज़ सुरेश को उसके दफ्तर के बाहर पिक एंड ड्राप कर लेता थाएक दिन शाम को दोनों भाई घर वापिस आये तो दोनों ही काम से थके हुए थे. घर का दरवाज़ा खुला था, दोनों अन्दर आये और हॉल में लगे सोफे पर गिर गए. अन्दर से मयूरी (24 साल) आई जो कि बड़े भाई रमेश की पत्नी थी और दोनों को देख कर मुस्कुराते हुए बोली- आ गए दोनों?
छोटा भाई सुरेश बोला- हाँ भाभी!
मयूरी- तुम दोनों काफी थके हुए लग रहे हो?
सुरेश- हाँ भाभी, आज का दिन काफी हेक्टिक रहा.
मयूरी- ओह.. अच्छा, मैं तो मंदिर जा रही हूँ, तो मुझे वापिस आने में 30 से 45 मिनट लग जाएंगे. मैं काजल को बोल देती हूँ, वो तुम्हें पानी वानी पिलाएगी.
मयूरी ने काजल को आवाज़ लगाई और दोनों को पानी देने को बोल कर चली गई. मयूरी बहुत ही खूबसूरत औरत थी. अभी रमेश और मयूरी की शादी को एक साल ही हुआ था. वो देखने में किसी हीरोइन से कम नहीं लगती थी. गोरी, लम्बी, पतली कमर, बड़ी-बड़ी चूचियां, प्यारी सा चेहरा और जानलेवा मुस्कराहट. Exclamation [url=https://www.antarvasnastory.co.in/category/desi-sex-kahani/][/url]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#3
काजल (21 साल) रमेश और सुरेश की छोटी बहन थी. काजल किसी भी मामले में मयूरी से कम नहीं थी, वो भी बिल्कुल ही परी जैसी लगती थी. पतली, लम्बी, 36 के साइज की चूचियां और लगभग 36 की ही गांड. जब वो गांड मटका के चलती थी तो लोगों के होश हवा हो जाते थे. अभी शादी नहीं हुई थी और कोई बॉयफ्रेंड भी नहीं था. बेचारी किस्मत की मारी अभी तक वर्जिन थी और अपनी जवानी के भार से मरी जा रही थी.

काजल अपने कमरे से बाहर आई और अपने भाइयों के लिए ग्लास में पानी ले आई.

तीनों भाई बहन के बीच में बहुत प्यार और लगाव था, आपस में बहुत खुले हुए थे और खुलकर बातचीत करते थे.

पानी पीने के बाद रमेश और सुरेश फिर से सोफे पर आराम करने लगे. हॉल में टीवी चल रहा था और किसी म्यूजिक चैनल पर बॉलीवुड के गाने बज रहे थे.

तभी रमेश ने काजल से कहा- काजल, मेरा हेड (माथा) मसाज कर देगी? थोड़ा रिलैक्स हो जाएगा?
काजल- जरूर भैया…

रमेश और सुरेश दोनों ही अपना सर सोफे के पीछे की तरफ सहारा लेकर आराम कर रहे थे. काजल रमेश को सोफे के पीछे की तरफ से हेड मसाज देने लगी. रमेश को रिलैक्स लगने लगा और धीरे धीरे उसकी आँखें बंद होने लगीं. थकान के कारण वो वही सो गया.

फिर सुरेश ने कहा- यार काजल, मेरा भी थोड़ा हेड मसाज कर दे.
तो काजल रमेश को छोड़कर सुरेश को हेड मसाज देने लग गई.
फिर पता नहीं उसको क्या सूझा, उसने पूछा- भैया, मैं आपको आगे से आकर आपका हेड मसाज कर दूँ?
सुरेश- हाँ, कोई दिक्कत नहीं, जैसे तुझे कम्फर्टेबल लगे.

फिर काजल, सुरेश के ऊपर चढ़ गई, उसके पेट पर बैठ कर उसको हेड मसाज देने लग गई. उसके इस पोजीशन में बैठने की वजह से, सुरेश को काजल के गोल गोल चूचे नज़र आने लगे, जो उसकी आँखों के एकदम सामने पहाड़ की तरह खड़े थे. भाई बहन की चुदाई की सेक्सी स्टोरी

काजल ने काले रंग का टॉप पहना हुआ था और उसकी 36c साइज की चूचियां एकदम से उभर कर सुरेश को ललचा रही थीं. इन सब चीज़ों की वजह से धीरे धीरे सुरेश का लंड खड़ा होने लगा.
कुछ देर बाद काजल को सुरेश का लंड खड़ा होने की वजह से चुभने लगा और उसको सुरेश के खड़े लंड का एहसास होने लगा. वो समझ गई कि सुरेश भैया को मेरे चूचे अच्छे लग रहे हैं.

वैसे अब से पहले काजल के मन में सुरेश को लेकर कोई भी ऐसे-वैसे ख्याल नहीं थे, पर पता नहीं क्यों उसको शरारत सूझी, उसने अपने आपको ऐसे एडजस्ट किया कि अब वो सुरेश के लंड पर सीधा बैठ गई और थोड़ा और हिल-हिल के सुरेश को मसाज़ देने लगी, जिससे उसका लंड और उफान मारने लगा. वो थोड़ा और झुक गई, जिससे सुरेश को उसके चूचे और ज्यादा सामने से नज़र आने लगे.

अब दोनों भाई बहनों के मन में कुछ और ही ख्याल आने लगा था, दोनों को ही अभी तक सेक्स नसीब नहीं हुआ था और शायद यही बात दोनों को बेकाबू किये जा रहे थी. दोनों जवान थे और सेक्स के लिए प्यासे थे.
काजल ने सुरेश से मुस्कुराते हुए पूछा- भैया?
सुरेश- हाँ…
काजल ने अपने मम्मों को लगभग सुरेश के सीने से टच करते हुए कहा- मसाज़ में मजा आ रहा है कि नहीं?
सुरेश- हाँ.. इतना मजा तो पहले कभी नहीं आया.
काजल- हेड मसाज में.. कि कुछ और में?
सुरेश- काजल, मैं पागल हो रहा हूँ तुझे देख के.. तू बड़ी सेक्सी लग रही है.
काजल- वैसे अभी तो बहुत कुछ है मेरे पास दिखाने को.

सुरेश ने रमेश की तरफ देखा, वो गहरी नींद में सो रहा था. वो बोला- तो क्यों तड़पा रही हो काजल, दिखा दे ना अब?
काजल मुस्कुराते हुए- पक्का?
अब दोनों की साँसें तेज हो रही थीं, धड़कनें बढ़ गई थीं और एक दूसरे को लेकर ख्याल बदल चुके थे.
सुरेश- प्लीज काजल, दिखा दे ना यार!

काजल ने अपने ब्लैक टॉप के ऊपर के 3 बटन खोल दिए और सुरेश को अब काजल के क्लीवेज के साथ साथ उसकी रेड कलर की ब्रा भी नज़र आने लगी. काजल की चूचियां बाहर आने को बेताब थीं. इधर सुरेश का लंड भी उफान मार रहा था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#4
काजल- भैया?
सुरेश- हाँ बहना?
काजल- ये जो नीचे खड़ा है, क्या मैं उसको देख सकती हूँ प्लीज?
सुरेश- हाँ, पर धीरे-धीरे खोलना और आवाज़ नहीं आनी चाहिए. भाई यही सो रहा है.
काजल- थैंक्स भाई.

और काजल सुरेश के ऊपर से उतर गई. उसने सुरेश की पैंट का हुक और ज़िप खोल दिया, पैंट को थोड़ा सा नीचे किया और उसके अंडरवियर के ऊपर से ही उसके लंड को पकड़ लिया.
सुरेश- ससससीईई… काआआ…ज…ल…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#5
ब काजल ने उसका अंडरवियर भी नीचे खिसका दिया और सुरेश का टनटनाता हुआ लंड बाहर आ गया. काजल ने वास्तव में लंड पहली बार देखा था. एक्साइटमेंट के मारे सुरेश का लंड झटके मार रहा था. काजल ने झट से अपने दोनों हाथों से उसको पकड़ लिया और उसके साथ खेलने लगी.

काजल वैसे तो वर्जिन थी, पर जवान थी. उसने पोर्न मूवीज देख रखा था और उसको पता था कि इसके आगे क्या करना होता है. थोड़ी देर में काजल ने सुरेश के लंड को मुँह में ले लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी. इधर सुरेश का हाल बुरा हुआ जा रहा था. वो तो जैसे जन्नत की सैर कर रहा था. पहली बार उसका लंड किसी लडकी के मुँह में गया था और वो भी उसकी सगी बहन के मुँह में.

उसका रोम रोम रोमांचित हो उठा था. और उसने जोर जोर से सिसकारियां लेना शुरू कर दिया. दोनों भाई बहन के वासना भरे प्यार मोहब्बत में करीब 20 मिनट कैसे निकल गए, पता ही नहीं चला. इधर तेज़ सिसकारियों की आवाज़ की वजह से रमेश की नींद खुल गई. दिन भर के गहरी थकान की वजह से उसने बिना कोई हरकत किये अपनी आँखें हल्की सी खोलीं और सामने का नज़ारा देखा तो सन्न रह गया.

उसके अपने दोनों छोटे भाई बहन आपस में प्यार करने में लगे हुए थे, पर ये प्यार भाई बहन के प्यार की तरह बिल्कुल नहीं था. इस समय उसको ये सब बहुत ही अनुचित लग रहा था और ऐसा दृश्य देख के एकदम से रमेश को बहुत गुस्सा आया, पर वो इतने गुस्से की वजह से कुछ कह नहीं पाया. भाई बहन की चुदाई की सेक्सी स्टोरी

पर तभी उसकी नज़र काजल की चूचियों पर गई, जो बड़ी थीं, गोल-गोल थीं और ब्रा के अन्दर अभी भी कैद थीं, पर बाहर आने को मचल रही थीं. काजल कमाल की रंडी लग रही थी. वो सुरेश का लंड चूसते हुए बहुत ही कामुक लग रही थी. थोड़ी देर तक इस नज़ारे को देखने के बाद रमेश का गुस्सा हवस में बदल गया. अब वो काजल को अपनी बहन से ज्यादा एक बहुत ही कामुक लड़की की नज़र से देख रहा था, जो अभी उसके छोटे भाई का लंड चूस रही थी.

उसका मन करने लगा था कि वो उठे और काजल को अपनी बाँहों में भर ले. उसके होंठों का रस चूस ले और उसकी गोल गोल चूचियों को पकड़ कर मसल दे. उसको चोद चोद कर उसकी चूत के चिथड़े चिथड़े कर दे. पर वो एकदम से ऐसा नहीं कर पाया.
वो जानता था कि अगर उसके दोनों भाई बहन को, जो इस समय वासना में लिप्त थे.. अगर रमेश के जाग जाने का एहसास भी हुआ तो वो डर जाएंगे. पर पता नहीं क्यूँ, अब वो उन दोनों को डराना नहीं चाहता था, विशेष रूप से काजल को. काजल के लिए उसके मन में अजीब सा प्यार पनप रहा था.

थोड़ी देर सोचने के बाद उसने धीरे से बोला- काजल…
रमेश की आवाज़ सुनते ही सुरेश और काजल भौंचक्के से रह गए. दोनों काफी डर गए. अब इनको काटो तो खून नहीं था. काजल ऊपर से आधी नंगी सी थी, उसकी दोनों चूचियां ब्रा के अन्दर से साफ़ नज़र आ रही थी और वो अपने ही भाई का लंड चूसते हुए पकड़ी गई थी.

इधर सुरेश का भी बुरा हाल था. उसकी पैंट आधी खुली हुई थी, लंड उसकी अपनी सगी बहन के मुँह में था. डर के मारे उसका लंड छोटा सा हो गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#6
मेश बिल्कुल यही उम्मीद कर रहा था. उसने माहौल को सामान्य करने के ख्याल से धीरे से फिर बोला- काजल..
काजल- ह.. हाँ भैया..
रमेश- काजल, घबराओ मत. लेकिन एक बताओ.. सिर्फ अपने छोटे भाई को ही अपना प्यार देगी. बड़े भाई ख्याल नहीं करेगी क्या? जरा मेरा भी लंड चूस दे मेरी प्यार बहना..
और ऐसा कहते हुए रमेश ने भी अपना पैंट ऊपर से आधा खोल दिया, उसका फनफनाता हुआ लंड बाहर निकल गया.

ये सब सुरेश और काजल के लिए उम्मीद के बिल्कुल विपरीत था, पर जल्दी ही दोनों संभल गए और मौके की नज़ाकत को समझ गए. और यही वो वक़्त था जब काजल और सुरेश का डर मुस्कराहट में बदल गया.
बचपन में तीनों भाई बहन सबसे छुपा के खूब शरारत किया करते थे और अभी तीनों बिल्कुल वैसे ही महसूस कर रहे थे. जैसे ये उनके बचपन के खेल जैसा कोई सीक्रेट हो. भाई बहन की चुदाई की सेक्सी स्टोरी

काजल ने धीरे से रमेश को जवाब दिया- जरूर भैया…
काजल ने नोटिस किया कि रमेश का लंड सुरेश के लंड से थोड़ा छोटा है, पर मोटा ज्यादा है, हालाँकि उन दोनों के लंड की लम्बाई का ये अंतर बहुत ज्यादा नहीं था, बस थोड़ा ही उन्नीस-बीस का था. वो अपने सामने दोनों भाइयों का लंड अपने ही लिए खुला देख कर बहुत ही रोमांचित हो उठी थी. उसको ये बात पागल किये जा रही थी कि आज उसको एक नहीं बल्कि दो दो लंड मिलने वाले हैं और वो भी अपने ही सगे भाइयों का पारिवारिक लंड मिलेंगे. उसकी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था.

काजल उठी और रमेश की तरफ बढ़ी. उसने रमेश के लंड पर एक नज़र मारी और उसको बड़े प्यार से अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया. थोड़ा सा रमेश के लंड के साथ खेलने के बाद उसने अपने रसीले खूसूरत होंठ उसपे लगा दिए और उसको चूसना शुरू कर दिया.

अब जन्नत की सैर करने की बारी रमेश की थी. वो अपनी छोटी बहन जो हुस्न की परी थी, के मुँह में अपने लंड के होने से स्वर्ग का आनन्द ले रहा था. वैसे मयूरी से वो अपने लंड रोज़ ही चुसवाता था, पर अपनी ही छोटी बहन के मुँह से लंड चुसवाने की ख़ुशी का एक अलग मजा ही था.
वो धीरे धीरे सिसकारियां लेने लगा और काजल का सर पकड़ कर अपने लंड पर दबाने लगा. काजल को इससे कभी कभी अकबकाहट महसूस हो रही थी क्योंकि रमेश अपना लंड उसके गले तक डाल देता था, पर वो इस समय कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार थी.

इधर सुरेश ये सारा दृश्य बड़े प्यार और गौर से देख रहा था. अब तक उसका डर सामान्य हो चुका था, वो उठा और अपने बड़े भाई से बोला- भैया?
रमेश कामुक सिसकारियां भरते हुए बोला- ह.. हाँ भाई…
सुरेश- मैं काजल की चूत देख सकता हूँ प्लीज? मैंने आज तक किसी लड़की की चूत नहीं देखी.
रमेश- बिल्कुल… मैंने कब मना किया. तू चाहे तो इसकी चूत चाट भी सकता है. इसको भी मजा आएगा और तुझे भी. काजल, क्या तुमने कभी इसके पहले सेक्स किया है या किसी से चूत को चटवाया है?
काजल- नहीं भैया.
रमेश- मतलब तू अभी तक वर्जिन है? तेरी चूत की सील नहीं खुली अभी तक?
काजल- नहीं भैया. आप लोगों ने कभी किसी लड़के के नज़दीक जाने ही कहां दिया? मैं अपनी इस जवानी को जैसे तैसे झेल रही हूँ. कभी अपनी उंगली से कभी कलम से. एक बार गाजर से कोशिश किया था तो चूत छिल गई थी.. फिर नहीं किया.

रमेश- ओ मेरी बहना, तू चिंता ना कर. तेरी चूत की सील मैं ही तोडूंगा. हम दोनों भाई मिलके तुझे बहुत चोदेंगे. इतना चोदेंगे कि तेरी अभी तक की चुदाई की सारी ख्वाहिश पूरी हो जाएगी. सुरेश, तूने भी कभी चुदाई नहीं की है ना?
सुरेश- कहाँ भैया. अभी तक हाथ से ही काम चला रहा था.
रमेश ने हँसते हुए कहा- और पहला हाथ मारा भी तो अपने घर में ही? अपनी ही सगी बहन पर?
सुरेश रमेश के इस ताने से झेंप सा गया और हकलाने लग गया.

सुरेश- भैया वो… वो… वो…
रमेश- कोई नहीं मेरे भाई. ऐसा होता है कभी कभी. अब क्यों डर रहा है, अब तो मैं तेरे साथ हूँ. हम दोनों साथ में ही बहन की चुदाई किया करेंगे और बहुत चुदाई किया करेंगे. भाई बहन की चुदाई की सेक्सी स्टोरी

अब सुरेश उठा और काजल के नजदीक गया. वो झुक कर रमेश का लंड चूसने में व्यस्त थी. सुरेश ने पहले काजल की जीन्स उतारी और उसने देखा कि काजल ने मैचिंग रेड कलर की पैंटी पहनी हुई है. उसने काजल की गांड को बड़े प्यार से छुआ और उसकी पैंटी को भी नीचे सरका दिया. काजल ने अपनी टांगें ऊपर उठा कर सुरेश को अपने कपड़े उतरने में मदद की. सुरेश ने उसके टॉप और फिर ब्रा को भी निकाल फेंका. काजल अब दोनों भाइयों के बीच पूरी तरह से नंगी थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#7
सुरेश ने अपनी पैंट को पूरा निकाल दिया और इस तरह वो भी नीचे से नंगा हो गया. उसका लंड अब एकदम टाइट था और कांपते हुए झटके दे रहा था. रमेश सोफे पर लेटा हुआ था, काजल झुक कर उसका लंड चूस रही थी और सुरेश काजल के नीच लेट कर उसकी चूत के साथ खेलने लगा.
पहले तो उसने अपनी छोटी बहन की चूत को हाथ से छुआ. काजल की आँखें बंद हो गईं. फिर सुरेश अपने हाथ से काजल की चूत से खेलने में लग गया. वो भी पहली बार चूत देख रहा था. उस पर हल्के हल्के से बाल थे. वो उसको ध्यान से देख रहा था और बीच बीच में काजल की चूत को छेड़ रहा था.

काजल बहन की कामुकता इससे बहुत बढ़ रही थी. वो बीच बीच में मादक सिसकारियां ले रही थी. फिर सुरेश ने धीरे से अपनी जीभ काजल के चूत में घुसा दिया और मानो काजल इस वार के लिया जैसे तैयार नहीं थी. वो एकदम से चिहुंक पड़ी और चिल्लाते हुए बोली- भैयाआआ.. बहुत मजा आ रहा है.. अपनी जीभ मेरे चूत से मत निकालना प्लीज..
और ऐसा कहते कहते उसकी चूत से ढेर सारा पानी निकलने लगा, वो झड़ गई.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#8
सुरेश ने अपना मुँह उसकी चूत पे और जोर से लगा कर दबा दिया और सारा पानी चाट गया. अब भी वो अपनी जुबान से काजल की चूत को चाट रहा था. काजल इस बात का आनन्द ले रही थी और साथ में अपने बड़े भाई के लंड को भी मजे के साथ चूस रही थी.
तीनों भाई बहन कामुक हो कर एक दूसरे के जिस्मों के साथ खेल रहे. दोनों भाई अपनी जवान छोटी बहन के जिस्म का आनन्द ले रहे थे.

किस्मत का खेल देखो… ठीक एक घंटे पहले ये एक सामान्य घर में सामान्य से परिवार थे. भाई बहन के रिश्तों के अपने मायने थे.. पर इस एक घंटे में सब कुछ बदल चुका था. भाई बहन के रिश्तों का पूरा अर्थ भी खत्म हो चुका था. इनके बीच में प्यार अब भी था, शायद पहले से भी ज्यादा, पर ये अलग किस्म का जिस्मानी प्यार हो गया था.

लेकिन इनकी किस्मत शायद इतने से खुश नहीं थी, वो कुछ और ही करवाना चाहती थी. वैसे तो समाज की नज़रों में इन भाई बहनों के बीच में ये बिल्कुल ही नाजायज रिश्ते स्थापित हो चुके थे, पर इन तीनों भाई बहनों के लिए ये तो एकदम पवित्र प्रेम था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#9
खैर, तीनों अपने इस पवित्र प्यार या यूँ कहें कि हवस में इतने लीन थे कि भूल ही गए कि घर में और भी सदस्य हैं. ये भूल गए कि मयूरी कभी भी मंदिर से पूजा कर के वापिस आ सकती थी. ये भूल गए कि मोहन लाल भी कभी भी बाहर से वापिस आ सकता था.
अरे, मैं इन सब बातों के बीच आपकी इस कहानी के एक जरुरी पात्र से परिचय करवाना ही भूल गया- मोहन लाल. मोहन लाल इन तीनों बच्चों का पिता था, उसकी उम्र लगभग 49 साल थी. मोहन लाल की पत्नी यानि की इन बच्चों की माँ का देहांत हुए लगभग 7 साल हो चुके थे.

खैर कहानी पर वापिस आते हैं. भाई बहन के प्यार प्रसंग के होने के दौरान ही मयूरी मंदिर से वापिस आ गई. मयूरी ने घर का दरवाजा खोला और अन्दर आकर हॉल में घुसते ही देखा तो बस.. ये क्या…? वो अपनी आँखों पर यकीन ही नहीं कर पाई कि उसके घर में ये दृश्य चल रहा था.

मयूरी एकदम से भौंचक्की सी रह गई.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#10
https://desiscandals.net/bhai-bahan-chud...i-ghar-se/
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#11
मयूरी एकदम से भौंचक्की सी रह गई. मयूरी ने देखा कि सुरेश काजल के नीचे लेट कर उसकी चूत चाट रहा है और इसी वजह से उसका मुँह घर के मुख्य दरवाज़े की तरफ ही था. अचानक उसकी नज़र मयूरी पर पड़ी तो वो फिर से उसी हालत में हो गया जैसे वो थोड़ी देर पहले था. जब रमेश की नींद खुली थी और उसने सुरेश को अपना लंड काजल से चुसवाते हुए देख लिया था.

सुरेश धीरे से बोला- भा..भाभीईई.. आ..आआप..?
सुरेश के ऐसे बोलने से काजल और रमेश को भी घर में मयूरी की उपस्थिति का एहसास हो गया. काजल भी रमेश का लंड चूसना छोड़ कर पीछे पलट गई और मयूरी की तरफ देखने लगी.

वैसे तो वो मयूरी से बहुत ही खुली हुई थी. ननद भाभी के रिश्ते की वजह से दोनों के बीच बहुत प्यार और मजाक भी चलता रहता था. पर इस समय बात अलग थी. एक तो वो बिल्कुल नंगी थी, ऊपर से वो अपने बड़े भाई का लंड चूस रही थी और अपने दूसरे भाई से अपनी चूत चटवा रही थी. उसे इस समय अपने आप के लिए किसी रंडी होने जैसे एहसास होने लगा था. वो शर्म से गड़ गई और अपनी भाभी से आँखें नहीं मिला पा रही थी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#12
धर रमेश भी अभी तक अपनी आँखें बंद करके अपनी छोटी सगी बहन से लंड चुसवाने का असीम आनन्द ले रहा था, पर उसकी भी तन्द्रा टूट चुकी थी और वो भी मयूरी की तरफ देखने लगा. हालाँकि सामने उसकी अपनी पत्नी खड़ी थी, जिसके सामने वो कई बार नंगा हुआ था, उसको अपना लंड चुसवाया था, उसकी चूचियों के साथ खेला था, उसकी चूत चाटी थी, गांड भी मारी थी और कई बार उसकी घनघोर चुदाई भी की थी. पर वो अभी अपनी सगी बहन के साथ बाहर ही आपत्तिजनक अवस्था में उसके सामने लेटा हुआ था. इसलिए उसको भी अपराधबोध हो रहा था.तीनों भाई-बहन कुछ भी बोल नहीं रहे थे. माहौल में सन्नाटा सा छाया हुआ था. मयूरी को इस बात का एहसास हुआ. उसके दिमाग में पता नहीं क्या सूझा कि वो हल्के से मुस्कुराई और बोली- तुम लोग घबराओ नहीं. ये सब इस घर में मेरे लिए अनएक्सपेक्टेड था इसलिए मैं सोच में पड़ गई थी.

मयूरी की ये बात सब के लिए थोड़ी अटपटी सी थी, पर ये सब देखने के बाद मयूरी की ये प्रतिक्रिया इन तीन भाई-बहनों के लिए राहत की बात थी, क्योंकि इससे ये जाहिर हो रहा था कि मयूरी को इस बात का बुरा नहीं लगा. हालांकि वो अभी ये सोच ही नहीं पा रहे थे कि करना क्या है? मयूरी से बात क्या करनी है.

पर मयूरी तो खुश लग रही थी. फिर मयूरी आगे बोलने लगी- मुझे ख़ुशी है कि हमारे ‘इस घर में भी…’ इतना खुलापन आ गया है. मैं घर के मंदिर में भगवान की पूजा करके वापिस आती हूँ, फिर इस चुदाई के कार्यक्रम में मैं भी तुम्हें ज्वाइन करती हूँ. आज तो बहुत ही मजा आएगा. तुम लोग अपना चुदाई जारी रखो, मैं थोड़ी देर में ज्वाइन करती हूँ.

यह कह कर मयूरी अपनी सेक्सी सी बड़ी गांड मटकाते हुए घर के पूजा वाले कमरे में चली गई.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#13
मेश, सुरेश और काजल के लिए मयूरी का ये व्यवहार समझ के एकदम बाहर था. तीनों कुछ समझ नहीं पाए और इस उधेड़बुन में उनका सेक्स का मन भी उतर गया. तीनों उसी अवस्था में नग्न ही सोफे पर बैठ गए और मयूरी के वापिस आने का इंतज़ार करने लगे.
काजल रमेश और सुरेश के बीच में बैठ गई थी और तीनों रिलैक्स करते करते सोचने लगे.

तभी काजल के दिमाग में एक सवाल आया. वो रमेश की तरफ देखते हुए पूछने लगी- भैया?
रमेश- हाँ…
काजल- भाभी ने ये क्यों कहा कि उनको ख़ुशी है कि हमारे ‘इस घर में भी…’ इतना खुलापन आ गया है? क्या उनका ‘इस घर में भी…’ का मतलब ये तो नहीं कि उनके पुराने घर यानि कि मायके में भी ये सब होता है?

रमेश को काजल की ये बात एकदम सही लगी, पर मयूरी ने कभी अपने मायके के बारे में ऐसा कुछ बताया तो नहीं था.
रमेश- यार काजल, आज तक वैसे उसने मुझे ऐसा कुछ बताया तो नहीं है. वो मुझसे कुछ छुपाती तो नहीं, पर ये सब तो नहीं बताया… उसको आने दो फिर बात करते हैं
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#14
लगभग 20 मिनट के बाद मयूरी मुस्कुराते हुए बाहर आई. उसने कपड़े बदल लिए थे. अब वो उस साड़ी में नहीं थी, जिसमें वो अन्दर गई थी. वो इस समय अपने ब्लू नाईट सूट में थी. उसकी चूचियों को देख कर लग रहा था कि उसने अन्दर ब्रा नहीं पहनी हुई है. फिर भी उसकी चूचियां एकदम हिमालय जैसी खड़ी थीं… गोल-गोल और सख्त मम्मे किसी का भी लंड खड़ा कर देने को आतुर थे.

मयूरी उम्मीद कर रही थी कि बाहर तो अब घनघोर चुदाई चल रही होगी, पर सबको सोफे पर चुचाप बैठे हुए देख के समझ गई कि सब थोड़े असहज हो रहे हैं. उसको लगा कि अब अपने मायके के रहस्य से पर्दा उठाने का समय आ गया है. वो कहने लगी- देखो, तुम लोग कुछ गलत नहीं कर रहे थे. कम से कम मेरी नज़रों में तो बिल्कुल भी नहीं. क्योंकि मैं जानती हूँ कि एक बहन की जवानी पर, उसकी चूत पर उसके भाइयों का सबसे पहला अधिकार होना चाहिए
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#15
घर के बाकी लोग अभी भी प्रश्न भरी निगाहों से मयूरी को एकटक देख रहे थे. मयूरी आगे बोलने लगी- रमेश, मुझे तुम्हें बताने का कभी मौका नहीं मिला, पर आज ये बताने में मुझे कोई हिचक नहीं हो रही कि मैं तुम्हारे लिए वर्जिन नहीं आई थी. मैं पहले से ही चुदी हुई थी, पर यकीन मानो मेरा कभी कोई आशिक़ या बॉयफ्रेंड नहीं था. मुझे वो सारा प्यार अपने घर में मिला. मेरे दोनों भाई, एक मुझसे बड़ा और एक मुझसे छोटा है, दोनों ने मुझे खूब चोदा है और प्यार दिया है. मैं अपने मायके में एकदम लाड़ली हूँ. इसलिए मैंने जब भी जो भी माँगा, मुझे मिला है. मैं सिर्फ अपने भाइयों से ही नहीं, बल्कि मैंने अपने पापा से भी चुदाई की इच्छा जाहिर की थी तो मेरे पापा और भाइयों ने मुझे खूब चोदा और प्यार दिया है.

रमेश- पर तुमने ये बात मुझे पहले क्यों नहीं बताया?
मयूरी- क्योंकि तुम ये बात समझ नहीं पाते. बताओ, क्या अगर तुम अपनी बहन के साथ ऐसे रिश्ते नहीं रखते तो क्या कभी समझ पाते कि भाई बहन आपस में क्यों चुदाई करते हैं?
रमेश- हाँ, शायद तुम सही कह रही हो. पर तुम्हारे यहाँ ये सब शुरू कैसे हुआ? मेरा मतलब है तुमने सबसे पहले किसका लंड लिया?
मयूरी- ये एक लम्बी कहानी है, मैं तुमको बाद में बताऊँगी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#16
काजल ने इठलाते हुए अपनी चूत पसारी और कहा- भाभी, मुझे भी बताओ ना प्लीज…
सुरेश- और भाभी मुझे भी…
मयूरी- हाँ, हाँ… तुम सब को बताऊँगी. और काजल, मैं अब तुझमें अपने आपको देखती हूँ. इसलिए तुम्हें तो जरूर बताऊँगी.
काजल- आई लव यू भाभी..
मयूरी- आई लव यू तू मेरी जान…

और मयूरी ने काजल के माथे पर एक स्नेह भरा चुम्बन लिया. फिर मयूरी काजल से मुस्कुराते हुए नटखट अंदाज़ में पूछने लगी- काजल, तुम अपने भाइयों से कबसे चुदवा रही हो?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#17
काजल ने थोड़े शिकायत भरे अंदाज में कहा- भाभी, बस आज और अभी से ही शुरू हुआ था और आज ही हम सब पकड़े भी गए. अभी तक तो मैंने अपनी चूत में किसी का लंड लिया भी नहीं है.
काजल की मासूमियत भरी अदा से सब जोर से हंसने लगे.

मयूरी- कोई बात नहीं काजल.. तुम खुशनसीब हो जो पहली बार में ही दोनों भाइयों का लंड चूसने को मिला. अब हम सब बात ही करेंगे कि कार्यक्रम भी आगे बढ़ाया जाए?
सुरेश- भाभी, प्लीज… मैंने आज तक सेक्स करना तो दूर, किसी को किस भी नहीं किया. मैं कसम से कहता हूँ, मैंने अभी भी काजल की चूचियों को नहीं दबाया. सिर्फ चूत चाटी है… प्लीज चुदाई शुरू करते हैं ना
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#18
मयूरी ने अपना गाउन निकाल फेंका और उसके नशीले तनबदन के दर्शन सबको हो गए. रमेश ने तो ये कामुक शरीर बहुत बार देखा हुआ था, पर काजल और सुरेश के लिए एकदम नया था. दोनों उसको गौर से देखने लगे. मयूरी ने ब्रा नहीं पहनी थी, पर एक ब्लैक कलर की पैंटी पहनी हुई थी, जो जालीदार सी बड़ी ही सेक्सी लग रही थी. उसने अपनी पैंटी को नहीं उतारा.

मयूरी सुरेश के सामने फर्श पर बैठ गई और उसके लंड को अपने दोनों हाथों से पकड़ते हुए बोली- सुरेश, तुम चिंता मत करो मेरी जान.. आज तुम्हें सब कुछ मिलेगा और इतना मिलेगा कि तुम्हें किसी बात का कोई पछतावा नहीं रहेगा.

ऐसा कहते हुए मयूरी अपने देवर के ऊपर चढ़ गई, ठीक वैसे ही जैसे थोड़ी देर पहले काजल उसके ऊपर चढ़ी हुई थी. पर इस बार फर्क ये था कि मयूरी की चूचियां एकदम खुली हुई थीं और उसने पैंटी को छोड़ कर कुछ भी नहीं पहना हुआ था.
इस बार सुरेश को अपने भाई से डर नहीं था और वो एक शानदार चुदाई के लिए तैयार था.

मयूरी सुरेश के चेहरे की तरफ झुकी और अपने रसीले खूबसूरत होंठ सुरेश के होंठों पर रख दिए. सुरेश मयूरी के निचले होंठों को जोर से चूसने लगा. मयूरी ने अपनी जुबान सुरेश के मुँह में डाल दी और दोनों चुम्बन के इस प्रगाढ़ दौर में मस्त हो गए.
इधर रमेश ने अपनी बहन काजल को सोफे पर लिटा दिया और उसके बगल में बैठ कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए. काजल रमेश के होंठों को जोर से एक अनुभवी औरत की तरह चूसने लगी. रमेश साथ ही साथ अपने एक हाथ से काजल की एक चूचि को जोर-जोर से दबाने लगा और दूसरे हाथ को उसकी जाँघों पर फेरते हुए उसकी चूत का मुआयना करने लगा. भाई बहन की चुदाई की सेक्सी स्टोरी

थोड़ी देर काजल की जाँघों को सहलाने के बाद रमेश के हाथ ने काजल की चूत का रुख किया. वो अपनी बहन की चूत को हल्के हल्के से सहलाने लगा. फिर उसने अपनी बहन की चूत के छेद में अपनी एक उंगली डाल दी. रमेश को महसूस हुआ कि काजल की चूत बहुत गीली हो चुकी है. उसने अब अपनी एक और उंगली बहन की चूत में डाल दी और जोर जोर से अन्दर बाहर करते हुए अपनी उंगलियों से ही बहन की चूत की चुदाई करने लगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#19
पने भाई के इस वार से काजल की साँसें और धड़कनें बहुत तेज़ हो गई थीं और उसने अपने हाथ से रमेश के सर के बाल जोर से पकड़ लिए. काजल सिसकारियां भी नहीं ले पा रही थी क्योंकि रमेश ने अपने होंठों से उसके होंठों पर ताला लगाया हुआ था. वो अपने पैरों को जमीन पर रगड़ने और उमेठने लगी.

थोड़ी देर और चुम्बन के बाद रमेश ने अपने सारे कपड़े खोल दिए और काजल की दोनों टांगों को फैलाकर उस पर अपना लंड सैट कर दिया. अब रमेश और काजल, दोनों भाई बहन बिल्कुल नंगे चुदाई की मुद्रा में थे.

रमेश अपने लंड पर तेल लगाने की सोचने लगा क्योंकि काजल की चूत अभी नई थी, पर काजल की चूत में पहले ही इतना पानी भरा हुआ था कि वो एकदम चिकनी हो गई थी. रमेश ने अपनी दो उंगलियां उसकी चूत में डालकर चैक किया, तो उंगलियां फिसलते हुए एकदम से चूत के अन्दर चली गईं. इसका मतलब ये भी था कि काजल ने आज से पहले अपनी चूत को उंगली से चोदा था.

फिर रमेश ने काजल की चूत पर तेल लगाने का ख्याल अपने दिल से निकाल दिया. उसने अपना लंड काजल की चूत पर थोड़ा सा रगड़ा. इससे काजल की चूत का चिकना पानी उसके लंड पर लग गया और लंड भी गीला हो गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#20
अब समय आ चुका था जब काजल की चूत का सील टूटने वाला कार्यक्रम का उद्घाटन होना था.
रमेश ने काजल की तरफ देखा और पूछा- काजल, तू तैयार है?
काजल- भैया, अब मत तड़पाओ प्लीज.. अब मैं इससे ज्यादा तैयार कभी नहीं हो पाऊँगी. प्लीज मेरी चूत को चोद दो, मेरी सील तोड़ दो. मैं आपका ये एहसान जिंदगी भर नहीं भूलूंगी.
रमेश- ठीक है फिर.. थोड़ा दर्द होगा, पर थोड़ी ही देर में मजा आने लगेगा.
काजल- अगर मैं मर भी जाऊं तो आप चुदाई मत रोकना. अपने भाई से चुदते हुए मर जाने से अच्छी मौत नहीं हो सकती.

मयूरी ये बात सुनकर अपने होंठ और जुबान को सुरेश के होंठों से अलग करते हुए बोली- एकदम सही कहा काजल.. आज तुझे वही सब मिल रहा है, जो मुझे 5 साल पहले मिला था. बेस्ट ऑफ़ लक मेरी जान.. इस परमसुख का आनन्द ले लो. अपने भाई के लंड से चुदाई को एन्जॉय कर मेरी प्यारी काजल
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply




Users browsing this thread: 10 Guest(s)