14-06-2022, 06:22 PM
पड़ोसन भाभी के साथ नहाते वक़्त
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
Adultery पड़ोसन भाभी के साथ नहाते वक़्त
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14-06-2022, 06:22 PM
पड़ोसन भाभी के साथ नहाते वक़्त
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
14-06-2022, 06:22 PM
मेरे पड़ोस में एक मस्त भाभी रहती हैं. उनका नाम अनिमा भाभी (काल्पनिक नाम) है.
भाभी की फिगर की बात कहूँ तो उनका 38-32-40 का मदमस्त बदन देख कर किसी का भी सोता हुआ लंड तुरंत खड़ा हो जाएगा. भाभी का भरा भरा कातिल फिगर और ऊपर से उनका दूध जैसा गोरा बदन आंह… उनके बारे में सोचते ही मैं उत्तेजित हो जाता हूं. दो बच्चे की मां होने के बाद भी भाभी की चूचियां एकदम सुडौल और तनी हुई हैं. मैं हमेशा सोचता रहता हूं कि भाभी को कैसे चोदूं. भाभी के नाम से मैंने हजार बार से भी ज्यादा बार मुठ मारी होगी. एक दिन मेरी किस्मत खुल गई. दरअसल हमारे यहां हमेशा पानी की दिक्कत रहती है. पिछले चार दिन से भाभी के बाथरूम में पानी नहीं आ रहा था. इस कारण से भाभी हर रोज मेरे बाथरूम में नहाने आ रही थीं. एक दिन भाभी बाथरूम में झुक कर कपड़े धो रही थीं. उस समय भाभी के दोनों बड़ी बड़ी चूचियां ऐसे तनी हुई दिख रही थीं … मानो वो भाभी की नाईटी को फाड़ कर बाहर आ जाना चाह रही हों. इस नजारे को देखते ही मेरा लंड एकदम रॉड बन गया. तभी अचानक से भाभी की नजरों ने मेरी नजरों को भांप लिया और उनको पता चल गया कि मैं उन्हें निहार रहा हूं. फिर मेरा खड़ा लंड देख कर भाभी शर्मा गईं और जल्दी जल्दी नहाकर मेरे घर से चली गईं. मैं भी बाथरूम में आ गया और उस दिन मैंने भाभी के नाम से एक बार नहीं, तीन बार मुठ मारी. तब जाकर मेरा लंड शान्त हो पाया. दूसरे दिन भाभी कल के जैसे ही बाथरूम में झुक कर कपड़े धो रही थीं और उसी समय मुझे मूतने जाना था. मैंने उनसे कहा, तो भाभी उठ कर खड़ी हो गईं और मैं उनके बाजू से अन्दर जाने लगा. जगह कम होने के वजह टॉयलेट में अन्दर जाते वक़्त भाभी की गांड के बीच मेरा लंड रगड़ गया. भाभी की कोमल गांड के स्पर्श से मेरा लंड खड़ा हो गया. भाभी सीधी खड़ी हो गईं और शर्म के मारे लाल हो गईं, फिर वो बाहर आ गईं. मैं दिन भर सोचता रहा कि भाभी को कैसे चोदा जाए. जब तक मैं भाभी की चूत न चोद लूं, तब तक मेरे लंड को आराम नहीं मिलने वाला था. दूसरे दिन मैं जब नहा रहा था, उसी वक्त मुझे किसी की आवाज सुनाई दी- ओम जरा इधर आइए ना! ये आवाज भाभी की थी. मैंने जाकर देखा कि मेरे दूसरे बाथरूम में भाभी पूरी तरह नंगी बैठी थीं और बाहर की तरफ पीठ करके भाभी नहा रही थीं. भाभी ने मुझसे कहा- ओम … जरा मेरी पीठ को रगड़ दो … मेरा हाथ पीठ तक नहीं पहुंच रहा है. ये सुनकर मेरे तो मानो होश ही उड़ गए थे. मैंने मन ही मन सोचा कि आज तो जन्नत का दीदार हो गया. मैं धीरे धीरे भाभी की नंगी पीठ पर हाथ फेरने लगा. आह … कितनी कोमल और चिकनी पीठ थी. उनकी त्वचा एकदम रेशम सी लग रही थी. भाभी की पीठ में हाथ फेरते ही मेरे तन बदन में करंट दौड़ गया था और मेरा लंड बिजली के खंभे जैसा हो गया. भाभी मुझसे कहने लगीं- बड़ा अच्छा लग रहा है ओम … मेरी पूरी पीठ को ऐसे ही सहलाते रहो, बड़ा अच्छा लग रहा है. भाभी की पीठ को सहलाते सहलाते मैं खुद को रोक नहीं पाया और मैंने अपना हाथ भाभी की बगल से आगे ले जाकर उनकी एक चूची को धीरे से प्यार से दबा दिया. भाभी कुछ नहीं बोलीं और आंख बन्द करके मादक सिसकारी भरने लगीं. इससे मेरी भी हिम्मत बढ़ गयी. मैंने दोनों हाथों से भाभी की बड़े बड़े चूचों को हौले हौले दबाना शुरू कर दिया. बीच बीच में मैं भाभी के निप्पलों को भी मसल रहा था. इससे भाभी और ज्यादा उत्तेजित होने लगीं. मेरा लंड लोहे की रॉड से भी ज्यादा सख्त हो गया था जो भाभी की पीठ को चुभ रहा था. भाभी ने सिसकारी लेते हुए मुझे ‘आई लव यू ओम …’ बोला. इससे मेरे तनबदन में जोश सा भर गया और मैंने भाभी को अपनी ओर घुमा लिया. अगले ही पल मैंने भाभी के गुलाबी होंठों को चूम लिया. भाभी ने भी प्रतिक्रिया देते हुए मेरे होंठों को चूम लिया. मैं भाभी की जीभ को चूसने लगा. हम दोनों ही बड़ी बेताबी से एक दूसरे की जीभ को चूसने लगे. फिर मैं भाभी के गालों को चूमते हुए उनकी गर्दन को चूसने लगा. भाभी के फुटबॉल जैसे दो बड़े बड़े चुचों को बारी बारी से चूसने और चूमने लगा. इससे भाभी उत्तेजना के चरम शिखर पर पहुंच गई थीं. भाभी जोर जोर से सांस ले रही थीं और वो पूरी तरह गर्म हो चुकी थीं. उन्होंने पूरी तरह से खुद को मुझे सौंप दिया था. मैं धीरे धीरे भाभी की नाभि को चूमते हुए नीचे आ गया और उनकी ट्रिम की हुई झांटों से सजी उनकी मक्खन चूत को चाटने लगा. कामरस से भाभी की चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी. मैं अपनी जीभ से भाभी की बुर के दाने को चाटने और कुरेदने लगा. इससे भाभी और ज्यादा उत्तेजित हो गईं और मेरे बालों को नौंचने लगीं; मेरे माथे को जोर से दबा कर अपनी चूत में दबाने लगीं. भाभी बोलने लगीं- आंह जानू … मुझे और मत तड़पाओ … प्लीज़ अब जल्दी से चोद दो मुझे. अब मैं भी पूरी तरह नंगा हो गया और मेरा लंड भाभी के सामने अजगर सा फुंफकारने लगा. मैंने उन्हें इशारा किया तो भाभी नीचे बैठ गईं और उन्होंने अपने मुँह में मेरा लंड ले लिया. भाभी मस्त होकर मेरा लंड चूसने लगीं. भाभी की गर्म जीभ के स्पर्श से मेरा लंड और ज्यादा सख्त हो गया. मैंने भाभी की दोनों चुचियों के बीच में लंड लगा दिया और उनके चूचों को चोदने लगा. भाभी आंख बन्द करके बार बार बोल रही थीं- आह मेरी जान … जल्दी से चोद दो मुझे … नहीं तो मैं मर जाऊंगी. मैंने भाभी को बाथरूम में फर्श पर ही लेटा दिया और अपना लंड भाभी की चूत के द्वार पर रख दिया. मैं अपने लंड के सुपारे को भाभी की बहती चूत की फांकों में रगड़ने लगा. भाभी गांड उठाने लगीं. उसी समय मैंने एक जोर का धक्का दे मारा. मेरा आधा लंड भाभी की चूत में अन्दर घुस गया. एकदम से लंड घुसा तो भाभी की चीख निकल गयी. मैं नहीं रुका और मैंने दुबारा धक्का दे मारा. इस बार मेरा पूरा लंड चूत के अन्दर चला गया. भाभी की चूत बहुत टाईट थी. भाभी की आंख से आंसू निकल आए. ये देख मैंने भाभी के गाल और माथे को चूमते हुए पूछा- क्या हुआ? भाभी ने कहा- तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है … मेरी बुर फट जाएगी, जरा धीरे करो. तुम्हारा भैया का लंड इसका आधा भी नहीं है. अब मैं भाभी के होंठों को चूसते हुए हल्के हल्के धक्के मारने लगा. पूरा बाथरूम फच फच फच की मधुर आवाज से गूंज रहा था. कुछ देर बाद भाभी भी पूरी तरह साथ देने लगी थीं; उनकी दोनों टांगें हवा में उठ गई थीं. भाभी बहुत जोर जोर से आह आह कर रही थीं और अपने दोनों पैरों से मेरे कमर को जकड़ कर गांड उठा रही थीं. भाभी मुझसे बोल रही थीं- आंह मेरी जान … बड़ा मजा आ रहा है … और जोर जोर से चोदो मुझे … मेरी चूत फाड़ दो … आंह जिन्दगी में इतना मज़ा मुझे कभी नहीं आया. इस तरह हम दोनों ने काफी देर तक न्यूड सेक्स का मजा लिया. फिर मैंने भाभी को डॉगी बनाकर चोदना शुरू किया. भाभी बाथरूम में बेसिन पकड़ कर कुतिया बनी हुयी थीं और मैं पीछे से भाभी की चूत में धक्का दिए जा रहा था. इस आसन में चुदाई से भाभी की खरबूजे जैसी चूचियां मस्त झूल रही थीं. यह सीन देख मेरी कामोत्तेजना और बढ़ रही थी. मैं दोनों हाथों से भाभी की चुचियों को बारी बारी से मसल रहा था. भाभी की सफेद चूचियां ज्यादा मसलने के कारण लाल हो चुकी थीं. मैं भाभी को ताबड़तोड़ चोदे जा रहा था और भाभी की चूत भी पूरी तरह गीली हो चुकी थी जिससे उन्हें चोदने में और ज्यादा मज़ा आ रहा था. भाभी जोर जोर से सिसकारियां भरने लगीं और कहने लगीं- आंह ओम … और जोर जोर से चोदो मेरे राजा … मैं झड़ने वाली हूं. मैं भी फ्रंटियर मेल की स्पीड से भाभी को चोदने लगा. फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए. मैं भाभी की चूत में ही झड़ गया था. भाभी की चूत को मैंने अपने गर्म वीर्य से नहला दिया था. कुछ देर तक हम एक दूसरे के साथ चिपके रहे, फिर मैं भाभी को चूमने लगा और उनके मम्मों को मसलने लगा. मैं तेज तेज हांफ रहा था और उनकी बगलों को सूंघ रहा था. मुझे उनका पसीना इतना नशा दे रहा था कि मैं अपनी जीभ से उनकी कांख के बालों को चूसने लगा. साथ ही साथ अपने हाथों से मैं उनके मम्मों को दबाने लगा. एक स्तन के निप्प्ल को मैं मींजने लगा. पसीना से भीगी बगल की महक मुझे फिर से कामांध करने लगी थी. लगातार चूमने और चाटने के कारण मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. भाभी लंड खड़ा देख कर बोलीं- इस बार मैं तुम्हें चोदूंगी. मैं लंड खड़ा किए हुए फर्श पर लेट गया और भाभी मेरी तरफ मुँह करके अपनी दोनों जांघों को खोल कर मेरे लंड के ऊपर बैठ गईं. मेरा पूरा लंड एक बार में चूत की जड़ के अन्दर भाभी की बच्चेदानी तक घुस गया. भाभी ने कामुकता के साथ आह की आवाज निकाली और मेरे लंड को अपनी बुर में हजम कर लिया. लंड लेकर भाभी ऊपर नीचे, ऊपर नीचे होने लगीं और ‘आह आह उई मां मैं मर गयी …’ की आवाजें निकालने लगीं. भाभी जोर जोर से आहें भरने लगी थीं. ऐसा लग रहा था कि मेरा लंड भाभी की चूत को चीर रहा था. भाभी मेरी छाती पर झुकी थीं, तो मैं बारी बारी से उनके दोनों चूचों को दबाने और चूसने लगा. चुदाई की फक फक फक की आवाज से पूरा बाथरूम गूंजने लगा. भाभी अब जोर जोर से चिल्लाने लगीं- आंह ओम जोर जोर से करो … मैं झड़ने वाली हूं. मैं और जोर जोर से भाभी को चोदने लगा. कुछ ही पलों में भाभी झड़ गईं और उनकी चूत ने मेरे लंड को कामरस से नहला दिया. अब भाभी की गीली चूत को चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था. कुछ देर बाद मैं भी झड़ने वाला था. भाभी ने कहा- ओम इस बार तुम मेरे मुँह में झड़ो … मैं तुम्हारा सारा वीर्य पी जाना चाहती हूं. मैं जैसे ही झड़ने वाला था, मैंने अपना लंड चूत से निकाल कर भाभी के मुँह में दे दिया. मैं झड़ गया और मेरा सारा वीर्य भाभी मुस्कुराती हुई पी गईं. फिर हम दोनों एक साथ स्नान करने लगे और एक दूसरे को नहलाने लगे. मैं भाभी की बड़ी सी चौड़ी गांड पर साबुन लगा रहा था कि मुझे उनकी चौड़ी गांड पर दिल आ गया. भाभी की मखमली गांड देख कर मेरा आवारा लंड फिर से खड़ा हो गया. मैंने भाभी से कहा- मुझे आपकी गांड मारनी है. पहले तो भाभी ने मना किया, फिर राजी हो गईं. पर वो बोलीं- धीरे करना, मुझे गांड में लेने की आदत नहीं है. मैंने थोड़ा बॉडी आयल मेरे लंड पर और थोड़ा भाभी की गांड पर लगाया, फिर अपना लंड पकड़ कर भाभी की गांड में सैट कर दिया. लंड का सुपारा गांड के फूल को सहलाने लगा. भाभी को मजा आने लगा, उनकी गांड ने लुपलुप करना शुरू कर दिया. मैंने एक हाथ से बॉडी आयल की शीशी से भाभी की गांड में टपकाना शुरू कर दिया और उनसे कहा- भाभी, जरा मशीन में तेल डालने दो … इसको ढीली करो. भाभी ने बेफ़िक्र होकर गांड ढीली की उसी समय मैंने एक जोर का धक्का दे मारा. भाभी की गांड खुली थी, इस वजह से एक बार में ही पूरा लंड अन्दर चला गया. भाभी दर्द के मारे तड़प उठीं और उनकी आंखों से भी आंसू निकल आए. उनकी गांड से थोड़ा सा खून भी निकल आया. मैंने अपनी मुट्ठी में भाभी के बालों को पकड़ा और उनकी गांड में धक्का मारने लगा. अब भाभी को भी मज़ा आने लगा था. वो भी साथ दे रही थीं और अपनी गांड को आगे पीछे आगे पीछे कर रही थीं. बीच बीच में आवाज निकाल रही थीं- ओ यस ओम … और जोर से पेलो मजा आ गया. इस तरह मैंने 20 मिनट तक भाभी की गांड मारी और मैं झड़ने वाला हो गया था. मैंने भाभी से कहा- मैं झड़ने वाला हूं. भाभी ने कहा- परवाह मत करो ओम … तुम अपने गर्म और गाढ़े वीर्य से मेरी गांड के छेद को भर दो. मैंने भाभी की गांड के छेद को वीर्य से भर दिया. इसके बाद हम दोनों नहा कर बाहर आ गए. भाभी लंगड़ा कर चल रही थीं और मुस्कुरा रही थीं. वो अपने घर चली गईं. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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