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इतना कहकर अब जावेद ने उसके हाथों की मसलने की दिशा को बदल दिया। अब तक वो चुचों को गोल गोल मसल रहा था। अब उसने मिताली के बड़े मम्मो को ऊपर से निचे हिलाना शुरू किया। और ऐसे मसलने लगा जैसे की आटा गुंथा जाता हो। इससे मिताली के निप्पल और ज्यादा जोर से मसाले जाने लगे। ये आनंद अब उसके चेहरे पर साफ़ साफ़ दिखाई देने लगा। अब मिताली जोर जोर से आहें भरने लगी थी।
जावेद : क्या तुम्हे ये मालिश पसंद आ रही है ?
मिताली : हाँ.…… ह्म्म्म्म्.......... ये काफी अच्छी है। …… हम्म्म्म…… प्लिज् और मसलो............. येस……हाँ.…… ह्म्म्म्म्म्म्.............
अब जावेद और मिताली के बीच में जो अंतर था अब वो जावेद ने मिटा दिया। वो मिताली से पूरी तरह चिपक गया। पीछे से उसे कसकर पकड़ा।
जावेद : तुमने काफी देर से तुम्हारे हाथ ऊपर कर रखे है। तुम तुम्हारे हाथ मेरे कंधो पर रख सकती हो।
जावेद : ओके। तुम्हारी कोनियां थोड़ी ऊपर लो। ………… हा इस तरह। ............. गुड। ………… अब आराम से ठहरो और मजे लो।
मिताली : ह्म्म्म्म्..........
(जावेद मिताली के कानो को पीछे से किस किया और हलके से उसके कानो में बोला। )
जावेद : अब तुम्हे क्या चाहिए ?
मिताली : और ज्यादा प्रेशर बढ़ाओ। और ताकत लगाओ।
जावेद : तो तुम्हे अभी और मसाज चाहिए ?
मिताली : हाँ। बड़ी बेसब्री से मैं इंतज़ार कर रही हु।
अब जावेद उसकी जीत पर मुस्कुरा रहा था। और फिर उसने हलके से मिताली के कान की लो को किस किया। इससे मिताली के बॉडी को जोर का झटका लगा। और मिताली ने के जोर से आह भरी। इससे जावेद के हाथ जगह पर रुक गए। और उसने जोर से मिताली को स्तनों को दबाकर पकड़ा। कुछ देर रुकने के बाद फिर धीरे धीरे से मसलना शुरू किया।
जावेद : क्या इतना प्रेशर काफी है?
मिताली : नहीं। …… और जोर से। ………… प्लीज
जावेद : तो फिर मुझे एक बात बताओ ? क्या तुमने यह टी-शर्ट सिर्फ मेरे लिए ही खरीदी है न ?
मिताली : (कोई जवाब नहीं)
जावेद : बताओ न जानू। नहीं तो मै रुक जाऊंगा।
मिताली : प्लीज मत रुको। हा…… मैंने ये सिर्फ तुम्हारे लिए ही खरीदी और पहनी है। प्लीज और ताकत लगाओ न। मुझे और प्रेशर चाहिए।
जावेद ने फिर अपना स्पीड और ताकत बढ़ा दी। और ज्यादा ताकत से मसलने लगा। इससे मिताली की बॉडी थरथर्राने लगी। मिताली से उसका भी बोझ नहीं संभल रहा था। उसने अपनी पूरी बॉडी जावेद के ऊपर झोंक दी।
जावेद : क्या अब इतना प्रेशर ठीक है?
मिताली : हाँ …… लेकिन मुझे और दबाव चाहिए। और कसके मसलो। …… प्लीज। तुम्हारी पूरी ताकत लगाओ।
जावेद : क्या मेरे हाथ अच्छी तरह का काम कर रहे है ?
मिताली : ह्म्म… हाँ.……। ह्म्म्म्म्म्..........
जावेद : तो उन्हें इस काम का बक्षीस चाहिए।
मिताली : क्या.......... प्लीज बताओ ?
जावेद : ह्म्म्मम…………। ये हाथ तुम्हारे चूचियों को डायरेक्टली महसुस करना चाहते है।
मिताली : नहीं प्लिज………… अभी नहीं। .............
जावेद : चिंता मत करो बेबी। शांत रहो। मै पूरा ध्यान रखूँगा।
जावेद पूरी ताकत लगाकर चुंचे मसलने लगा। इससे मिताली अब ऐसे आहें भरने लगी जैसे की और ही दुनिया में पहुँच गयी हो। फिर जावेद का एक हाथ मिताली के पेट पर मसलते हुए निचे की तरफ जाने लगा। जैसे ही वो टी-शर्ट के एंड में पहुंचा। वैसे ही जावेद ने दूसरे हाथ का पूरा जोर मिताली के मम्मे पर लगाया और उसका एक निप्पल जोर से मसल डाला। इससे मिताली थर्रा उठी। इसका फायदा उठकर निचे का हाथ जावेद ने टी-शर्त के अंदर सरका दिया। और धीरे धीरे वो हाथ ऊपर की तरफ सरकने लगा।
मिताली : नहि…। प्लिज………। ये मत करो।
जावेद : शांत हो जाओ जान। इतस ओके।
जावेद ने मिताली के पेट को धीरे से मसला और वो हाथ ऊपर की तरफ सरकने लगा. इससे अचानक मिताली ने अपना एक हाथ नीचेकी तरफ सरकाया और जावेद के हाथ को पकड़ा।
जावेद : श्श्श्श्श् तुम्हारे हाथ फिर से ऊपर कर दो। बस कुछ सेकण्ड के लिए रुको। उसके बाद अगर तुम चाहो तो मेरे हाथ वहां से हटा सकती हो।
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ये सुनकर मिताली ने उसके हाथ फिर ऊपर की तरफ कर दिए। और जावेद के हाथ ऊपर की तरफ सरकने लगे और आखिर में उसने उस खजाने को जो मैंने सजाया था। टी शर्ट के अंदर से पकड़ ही लिया। जैसे ही उसने मिताली के मम्मो को जोर से छुआ वैसे ही मिताली के मुंह से एक जोर की आह निकली। मै इसका मतलब जानता था। इसका मतलब था मिताली उसके आनदं के परमोच्च शिखर को पार कर चुकी है। मै यह देखकर आश्चर्यचकित हो गया की किसी लड़के बस मम्मे छूने से किसी लड़की को ऑर्गैस्म हो सकता है। जो यहाँ मिताली को हो चूका था।
जावेद के टी-शर्ट के अंदर वाला हाथ मिताली के राईट मम्मे को मसल रहा था, जब की दूसरा हाथ भी अपने काम में लगा हुआ था। मेरे बीवी के चेहरे पर अब आनंद की कई भावनाए थी। वो पूरी तरह खो चुकी थी। कुछ मिनट ऐसे ही बीत गए। मिताली ने जावेद को नहीं रोक। और रोकती भी कैसे उसे इतना आनंद जो मिल रहा था।
जावेद : ओके जानू। मेरे हाथ को डिरेक्ट फिल करके क्या तुम्हे अच्छा लग रहा है ?
मिताली : ह्म्म्म् म……… हाँ. ……… ये काफी अच्छा है ह्म्म्म्म……। ह्म्म्म्..........
जावेद : तो क्या अब तुम चाहती हो की अब मै अपने हाथ निकाल दू ?
मिताली : नहि……।प्लीज कन्तिन्यु……। ह्म्म्म्म्म्.......... प्लिज……
अब उसका दूसरा हाथ भी टीशर्ट के अंदर चला गया और वो अंदर से ही उसके पेट को मसलने लगा। उसकी बॉडी अब पूरी तरह हिल रही थी। वो हाथ अब ऊपर की तरह सरकने के ऐवजी जावेद ने मिताली का पूरा टी शर्ट खिंच कर निकाल दिया। मेरी बीवी जावेद को रोकने के लिए इस दुनिया में थी ही नहीं। फिर जावेद ने लगतार मेरे बीवी के कानो को चूमना शुरु किया जो गर्मी से लाल हो चुके थे। मिताली का सर जोरो से हिल रहा था। मिताली अब जोर जोर से और तेज़ी से आहें भरने लगी थी। फिर उस ट्रेनर उसका दूसरा हाथ भ टी-शर्ट उतरने के लिए निचे किया। फिर भी उसने चूमना जारी रखा। फिर उस ट्रैनर ने हलके से मिताली का टी-शर्त ऊपर की तरफ खिंचा जिससे अब मिताली का पेट का हिस्सा दिखने लगा जो बहुत ही सेक्सी था। उसके बाद उसकी बेम्बी दिखाई देने लगी।
मिताली का पेट काफी सक्सी और फ्लैट था। थोड़ी देर बाद मिताली के ब्रेस्ट का निचला हिस्सा दिखाई देने लगा जो थोड़ा सा लाल रंग का हो चूका था। फिर उसने खींचकर पूरी तरह टी-शर्ट निकल दिया। उसके निप्पल्स काफी डार्क और पूरी तरह कड़क हो चुके थे। मेरा दिल अभी जाकर उन निप्पलो को चूसना चाह रहा था। लेकिन मुझे यह पता था की ये अब मेरे लिए नहीं है। मिताली की चूचियों पर हर जगह लाल कलर के निशान उमट चुके थे। जो उस ट्रेनर द्वारा की गयी मालिश का परिणाम था।
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मैंने इस तरह बेरहमी से मिताली के मम्मो को कभी नहीं मसला था जितनी बेरहमी से जावेद ने उन्हें मसला था। मेरी बीवी अब पूरी टॉपलेस खड़ी हुई थी। उस ट्रेनर के हाथ फिर से उसकी जॉब की तरफ आये। और उसने पीछे से मिताली के नंगे मम्मो को कसकर पकड़ा। मेरी बीवी पूरी तरह टॉपलेस एक मस्क्युलर बन्दे के साथ खड़ी थी जो पहले कभी प्रोेफेशनल बॉडी बिल्डर भी था। मेरी बीवी के हाथ उस ट्रेनर के कंधो पर आराम कर रहे थे। मेरी बीवी जोर से कतराकर एक थर्राहट के साथ आहें भर रही थी। वो जगह इतनी गर्म हो चुकी थी की कहीं खुद ही न जल जाये।
मेरी बीवी ने उसकी बॉडी को जावेद की बॉडी की तरफ सरकाया, लेकिन अब वो ट्रेनर थोडासा पीछे हट गया। मुझे अब यह समझ नहीं आया की उसने ऐसा क्यों किया। और जावेद ने फिर से बोलना शुरू किया
जावेद : मैंने अपने जिंदगी में कभी इतने सेक्सी और बड़े मम्मे नहीं देखे। तुम काफी गर्म ब्यूटी हो जान।
मिताली : ह्म्म्म………
जावेद : तुम्हारे चूचियों को मेरे हैंडलिंग कैसे लगी ?
मिताली : बहुत अच्छी..…….. ह्म्म्म्म……। प्लिज…… इनके साथ और खेलो। …… जोरसे………।
जावेद : जरूर बेबी। तुमने तुम्हारी पति को जानबूझकर घर पर भेजा न, है न?
मिताली : ह्म्म्म…… हं..........
जावेद : तुम्हे ये आज चाहिए था। है न ?
मिताली : हं..........
जावेद : जैसा की तुम मेरे लिए बगैर ब्रा पहने आई हुई हो। इसलिए वैसाही एक फेवर मैंने तुम्हारे लिए किया है ?
मिताली : वो…… वो क्या है?
जावेद : मैंने भी अपनी पेंट के अंदर कुछ नही पहना है।
मिताली के बॉडी कुछ देर तक के लिए तन गयी और वो कुछ नहीं बोली। फिर जावेद ने मिताली का एक हाथ उठाया और धीरे से सरकते हुए अपनी पेंट की तरफ ले जाने लगा।
जावेद का हाथ मिताली के हाथ को पकड़कर निचे सरकते हुए ले जा रहा है ये देखकर मेरे शरीर में भी कंपकंपी छूटी। मै नहीं जानता था की ये सब इतनी जल्दी होगा। फिर जावेद ने मिताली के हाथ से उस जगह पर एक जोरदार मालिश की। इसे मेरी बीवी को जोरदार झटका लगा उसका एक्सप्रेशन और बॉडी इस तरह हिल रही थी जैसे की उसने किसी इलेक्ट्रिक वायर को छुआ हुआ हो। जावेद ने मिताली का हाथ वहां से हटाया और अब पीछे से मिताली को कसकर ऐसे पकड़ा जैसे की दोनों की बॉडी अलग नहीं एक ही हो। अब जावेद का लंड उसकी पेंट के अंदर से ही मिताली के गांड को दबा रहा था। उसने मिताली को गर्दन को चूमा और लगातार चूमने लगा। उसके बाद उसने मिताली से पूछा।
जावेद : तुम्हारे हाथ में मेरा वो कैसा महसस हुआ ?
मिताली : हा……… अच्छा
जावेद : क्या वो मजबूत था ?
मिताली : हं.......... (उसका चेहरा अब पूरी तरह शर्म के मरे गुलाबी हो चूका था )
जावेद : अब जब वो तुम्हारे गांड को टच कर रहा है तो तुम्हे कैसा लग रहा है।
मिताली : ह्म्म्म……। आह्ह्ह्ह……… ये बहुत…… बहुत अच्छा है ……… काफी बडा……… और मजबूत है।
जावेद : क्या तुम्हरे पति का लंड भी इस तरह प्रेशर बना पाता है तुम्हारे गांड पे।
मिताली : नही....... वो बहुत छोटा है …… और कमज़ोर भी
ये सुनकर मई अपने आप पर रोने लगा। मुझे बहुत अपमानित फिल हो रहा था। अंदर जावेद ने फिर से मिताली के कानो की लौ को चूमना शुरू किया। और उसके बाद चूमते हुए मिताली के गालो तक चला गया। और अब वहां चूमने लगा।
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अब मिताली की सांसे जोर से ऊपर निचे होने लगी थी। वो आहें भर रही थी। उसकी सिस्कारियां की आवज़ हिल रही थी। जावद ने अब उसके हाथों से मिताली का चेहरा घुमाया। और फिरसे मिताली के गालों को चूमते हुए उसकी होटों की तरफ जाने लगा। जावेद ने मिताली के होठों के चारो तरफ चूमा लेकिन जानबूझकर होटों को नहीं चूमा। मिताली के होंठ थरथरा रहे थे जैसे वो जावेद के होंठों को कह रहे हो आओ मुझे चूमो।
लेकिन जावेद जैसे मिताली को चिड़ाना चाह रहा था वो जानबूझकर मिताली के होंठों को नहीं चुम रहा था। उसने कुछ देर तक ऐसे ही खेल खेला और आखिर में अपने होंठ मिताली के होंठों पर रख दिए। मिताली ने भी फ़ौरन इस किस का जवाब दिया। मिताली ने जावेद के बालों को जोर से पकड़ा और अपनी और खिंचा। अब जावेद मिताली के होंठों को चूस रहा था। मिताली ने अपने हाथों से जावेद के कंधो को कसकर पकड़ा था। और उसकी चूचियाँ जावेद के छाती पर मसली जा रही थी। वो दोनों करीब १० मिनट तक इस तरह ही एक दूसरे के मुंह में मुंह डालकर चूमते रहे। मुझे ये कभी भी नहीं पता था की मेरी बीवी इतनी अच्छी किसर है।
कुछ मिनट बाद जावेद ने अपने होंठ मिताली के होंठ से अलग किये और अब सामने की तरफ से मिताली के गर्दन को चूमने लगा। दोनों अब एक दूसरे की तरफ चेहरा किये हुए खड़े थे। मैंने जावेद की पेंट में खड़ा हुआ एक बड़ा तम्बू देखा। मुझे ये मानना तो पड़ा की उसका लंड काफी बड़ा था। मेरे लंड के दीडपट ज्यादा बड़ा था। मेरे वाईफ ने भी उस तंबू को देखा और फ़ौरन झेंपकर शर्मा गयी। जावेद अब होठों से गर्दन के साथ खेल रहा था। उसने अपना दाया हाथ उठाया और अपनी नाक मिताली के बगल की तरफ ले गया। उसनी उसकी नाक वहांपर रगड़ी। फिर जावेद ने उसके होठों से मिताली के बगल को रगड़ा और वहां चूमने लगा। मेरे वाईफ ने अब अपना कंट्रोल खो दिया और उसके चेहरे के उस संतोषजनक हावभाव से मुझे पता चल गया की उसे दूसरी बार ऑर्गैस्म हुआ है। जावेद सच में औरतों को हैंडल करने में माहिर था।
वो फिर से अब गर्दन की तरफ गया और वहां चूमते हुए निचे की तरफ सरकने लगा। और उसने अब उसके होंठ चूचियों की क्लीवेज के ऊपर रगड़ना शुरू किये। चूमते हुए उसके हाथ अब वापस से मेरी बीवी के मम्मो को मसलने में लग गए। लेकिन इस वक्त मम्मो की मालिश करने के ऐवजी जावेद ने मेरी बीवी के एक निप्पल को पकड़ा और जोर से उसे चिमटा काढ़ा। जिससे मिताली की एक जोर की सिसकारी निकल गयी। मिताली अपने दोनों हाथों से अपने ट्रेनर के कंधो को दबा रही थी। अभी भी जावेद चिढ़ाने के मुड में था। जावेद अब उसकी जबान से मम्मो को चाटने लगा। वो निप्पल के करीब आता और छोड़ देता। कुछ देर तक वो इस तरह से ही खेलता रहा। लेकिन अब मिताली से बर्दाश्त नहीं हो रहा था। उसने उसके दोनों हाथों से जावेद के सर को पकड़ा और अपने मम्मो पर दबाया।
जावेद हलके से मुस्कुराया और अब वो उसका चेहरा पूरी चूचियों पर घूमने लगा और उसने हलके से मिताली के निप्पल को काटा। मिताली अब सिस्कारियां जोर जोर से लेने लगी थी उसने जावेद के सर के बाल खिंचकर पकडे हुए थे। जावेद चेहरे से मिताली के चूचियों को मसाज दे रहा था और उसके हाथ मिताली के खुली पीठपर घूम रहे थे। और आखिर में उसने मिताली के निप्पलो को चूसना शुरू किया। कुछ देर तक एक के बाद एक कर के उसने मिताली के निप्पलो को चूस डाला। अब तीसरी बार मिताली ने पानी छोड़ दिया था। मिताली उसके आनन्द के परमोच्च शिखर पर घूम रही थी।
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अब जावेद मिताली के निप्पलो के छेड़खानी में लग गया। उसने अब दातो में निप्पलो को पकड़ कर उन्हें खींचना शुरू किया। इससे मिताली के निप्पल फूल गए और बड़े हो गए। उन निप्पलो को देखकर मेरे भी मुह में पानी आ गया अब तो मई भी उधर जाकर उन्हें चूसना चाह रहा था। निप्पल मुंह में लेकर अब वो जबान से निप्पलो के साथ खेल रहा था।
मिताली : ह्म्म…। ह्म्म्म्म्म्म………। आह्ह्ह्ह……… और जोर से। …… प्लीज
मिताली अब जावेद का सर और से खींचकर अपने मम्मो पर दबा रही थी। मिताली की उंगलिया अब जावेद के सर के बालो में घूम रही थी।
जावेद एक चुचीं से दूसरी चुचीं पर शिफ्ट हो रहा था। और अब वो पूरा जोर लगा कर किसी जंगली जानवर की तरह मिताली की नंगी चूचियों को चूस रहा था। मिताली अब जावेद के कंधो पर, पीठ पर, और जावेद की छाती पर अपने हाथ फेर रही थी और आहें भर रही थी। इसी दौरान जावेद फिर से उठकर खड़ा हो गया और मिताली के होठों पर जोर से अपने होठ रख दिए और ऐसे चूसने लगा मानो जैसे अब होठों से खून ही निकल जाये। और पूरी तरह कसकर मिताली को बाँहों में भर लिया।
मैंने अब ये सब रोकने का फैसला किया। और उन्हें रंगे हाथ पकड़ने के लिए चल दिया।
इस लिए मैंने अब मिताली के मोबाईल पर कॉल किया। जैसे ही मोबाईल की रिंग बजी वो दोनों अचानक एक दूसरे से अलग हो गए और उनकी खोई हुई दुनिया से असल दुनिया में लौट आये। मिताली को अब अपने पोसिशन का और अपनी अवस्था और परिस्थिति का ध्यान आया और उसने शर्म के मारे अपना सर झुका दिया। उसने अपना टी-शर्ट उठाया और अपने मम्मो पर इस तरह रखा जैसा वो इसे छुपाना चाहती हो जावेद से। यह देखकर मुझे हंसी आई। मेरी हंसी में दुख भी था और गुस्सा भी। अब तक मई मोबाईल पर दो बार रिंग दे चूका था। इस बार मिताली ने मोबाईल लेने के लिए हाथ बढ़ाया। लेकिन जावेद ने मिताली का हाथ पकड़ा और कॉल लेने से उसे रोका।
मिताली : क्या हुआ ?
जावेद : थोड़ा ठहरो। तुम्हे बताऊंगा।
मिताली : मुझे ये कॉल लेना चाहिए।
जावेद : मुझे पता है , लेकिन वेट करो।
मिताली इससे काफी कन्फ्यूज हो गयी। फोन कुछ देर तक बजा और बाद में बंद हो गया। मुझे अब ये समझ में नहीं आ रहा था की क्या किया जाये। मुझे ये डर सता रहा था की कहनी उन्हें ये पता न चल जाये की मई वहां छुपा हुआ हु। मुझे अब पसीना आने लगा था पर थोड़ी देर बाद मेरा मन शांत हो गया। अगर मै उन्हें डिरेक्टली नहीं सुन पा रहा था तो ये कैसे शक्य था की वो मुझे डिरेक्टली सुने। जावेद के मन में कुछ अलग ही खिचड़ी शिज रही थी। थोड़ा कन्फ्यूजन में ही मैंने एक बार फिर मिताली को कॉल किया।
इस समय भी जावेद ने मिताली को फोन लेने नहीं दिया। अब मुझे ये समझ नहीं आ रहा था की क्या किया जाये। उस फाइल रूम से निकल कर बाहर चले जाने के अलावा मेरे पास दूसरा पर्याय नहीं था। वो दोनों किसी भी समय रिसेप्शन एरिया में आ सकते थे। तो मैंने फाइल्स उठकर वापस जहाँ थे वहां रख दिए। और रूम से निकल कर बाहर चला गया जहांपर मेरी बाइक पार्क की हुई थी। वहां से फिर से एक बार मैंने कॉल किया लेकिन मिताली ने रिप्लाय नहीं दिया। तो फिर मैंने कुछ देर तक बाहर इंतज़ार किया। अब जिम के अंदर घुसकर देखने के अलावा मेरे पास दूसरा पर्याय नहीं था। इसलिए मई वापस मेरी बाइक लेकर जिम पार्किंग में पहुँच गया। और बाइक पार्क करके जिम के अंदर चला गया।
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वहांपर वो जिम ट्रेनर रिसेप्शन एरिया में बैठा हुआ था। उसे देखकर मेरे दिमाग की नस फटने लगी लेकिन मैंने अपने आप को शांत किया। उसने मेरी तरफ ऐसा देखा जैसा वो किसि चीज़ में उलझ गया हो। मैंने उसे जाकर मिताली के बारे में पूछा। उसने मेरे तरफ अपमानित करनेवाली आँखों से देखा और बातो में एक तरह की जरब लाकर कहा, "कुछ देर पहले ही वो यहाँ से चली गयी। वो यहाँ जिम में उसकी की किसी स्कुल की सहेली से मिल गयी थी। उसकी सहेली यहांपर ट्रेनिंग प्लान के बारे में जानने आई थी। और तुम्हारी बीवी उसीके साथ चली गयी। "
मुझे उसके झूठ पर गुस्सा आ रहा था। लेकिन जावेद मुझसे ज्यादा तगड़ा था और इस वक्त गुस्से में भी था। इसलिए मैंने उससे कहा की, "मैंने आज ज्यादा वर्कऑउट किये नहीं, इसलिए मई अब अंदर जाकर थोडासा वर्कऑउट करता हु। "
इससे जावेद थोडासा बौखला गया, लेकिन ज्यादा गुस्सा दिखाते हुए उसने कहा, "तुम पर वर्कऑउट का कुछ असर तो होता नहीं। एक्स्ट्रा वर्कऑउट करके क्या उखाड़ लोगे। अब मेरा घर जाने का समय हो गया है। मैं तुम्हे अंदर जाने नहीं दे सकता। बेहतर होगा की अगर तुम यहाँ से जल्दी चले जाओ। "
आखरी वाली बात उसने धमकी के अंदाज़ में कही थी। इससे मुझे बहुत टेंशन आ गया। मै अब अपने आप को बहुत कमजोर और मजबूर महसूस करने लगा। मुझे ये पता था की अभी भी मेरी बीवी अंदर अधनंगी होकर खड़ी है और हमारी बाते सुन रही है। मै अभी उन्हें अंदर जाकर पकड़ सकता था। लेकिन मई यह सोचने पे मजबूर था की इससे मुझे क्या फायदा होगा। मेरी बीवी अब पूरी तरह जावेद के कंट्रोल में जा चुकी थी। और जावेद जैसे मुझे पीटने के इंतज़ार में था। ये सब मुझे और अपमानित महसूस होने लगा। मुझे अब ये समझ नहीं आ रहा था की मई क्या करू इसलिए मई कुछ देर तक वैसेही वहांपर खड़ा रहा।
वहां से निकालकर बाहर चले जाने के अलावा मेरे पास कोई पर्याय नहीं था। मैंने फिर से मिताली के मोबाईल पर कॉल किया लेकिन उसने फोन लिया नहीं। मै बाहर आया अपनी बाइक ली और कुछ दूर चले जाकर पार्क कर दी। मै कुछ देर तक वहां रुका रहा और वापस पहले की तरह जिम पर चला गया और जिम के गेट के बाहर बाइक पार्क कर दी। मै अब यही सोच रहा था की जावेद वापस अंदर चला गया हो। वैसे अगर वो रिसेप्शन में मिल भी जाता तो मैंने उस कंडीशन के लिए अपने आप को तैयार किया था। मेरा नसीब अच्छा था की वो रिसेप्शन एरिया में नहीं था।
इसलिए फिर से मै अंदर घुस गया और फाइल रूम में चला गया। और वहां से फिर से कुछ फाइल हटा दी। वो वहां पर खड़े थे और आपस में बाते कर रहे थे। मेरी बीवी अभी भी टॉपलेस खड़ी थी लेकिन इस समय उसने अपनी चूचियों को टी-शर्ट से ऐसे ढका हुआ था जैसे सतिसावित्री बनने की कोशिश कर रही हो। हाँ लेकिन उसकी उत्तेजना अब कम हो गयी थी। लेकिन उसकी इस अवस्था से जावेद खुश नहीं था उसका गुस्सा इसके चेहरे पर दिखाई दे रहा था।
जावेद के पुरे प्रयत्न अब पानी में जाते हुए दिख रहे थे। क्यूंकि मिताली का मूड उतर चूका था और मिताली अब थोडासा शर्म भी दिखा रही थी।
मिताली : मुझे अब जाना चाहिए। मै अब अपने पति को कॉल करती हु।
जावेद : जरूर। तुम जरूर जा सकती हो, लेकिन अभी नहीं।
(जावेद के बातो में अब एक जरब थी। उसने मिताली के हाथों से उसका टी-शर्ट खिंच दिया। अब मिताली के मम्मे फिर से नंगे दिखाई देने लगे )
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मिताली : प्लीज, मै अब इसे इससे आगे नहीं बढाना चाहती हु। प्लीज मेरा टी-शर्ट दो।
जावेद : क्या जान, मुझे पता है की तुम एक सेक्सी रंडी हो , और तुमने आज अपने आप को मेरे लिए ही संवरा सजाया है। मुझे सब पता है।
मिताली : नहीं, वैसा कुछ नहीं है। ह्म्म्म….... आह्ह्ह्ह्.......
(जब मिताली बात कर रही थी, तभी जावेद उठा और उसने पीछे से मिताली को कसकर पकड़ा। और अपना चड्डी खड़ा हुआ लंड मिताली के गांड के ऊपर कपड़ो के ऊपर से मलने लगा. इसीलिए मिताली सिस्कारियां लेने लगी )
मिताली अब जावेद की पकड़ से छूटने की कोशिश कर रही थी। लेकिन पूरी ताकत लगाकर वो कोशिश नहीं कर रही थी। वो पूरी दिल से अलग होना नहीं चाह रही थी। और फिर अचानक जावेद के पेंट में का तम्बू बड़ा हो गया और मेरी बीवी की गांड की दरार में घुसने की कोशिश करने लगा। इससे मेरी बीवी का विरोध ठंडा पड़ने लगा। उसने फिर से इसकी आँखे बंद कर ली। और फिर बीवी ने घूमकर फिर से जावेद को कसकर गले लगाया और उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगी। यहाँ पर मेरी बची कूची छोटीसी आशा भी टूटकर टुकड़ो में बाँट गयी।
जावेद : क्या जानू? क्या तुम्हारी चूत ने कभी इस तरह का एहसास किया है।
मिताली : ह्म्म्म्म…… आह्ह्ह्ह्ह्ह……… ह्म्म्म्म…। नहीं। … आह्ह
जावेद : तो तुम्हे अब कैसा महसूस हो रहा है ?
मिताली : तुम्हारा वो काफी मजबूत है। .... और....... और.......
जावेद : और क्या ?
मिताली : और…। तुम्हारा वो काफी मर्दाना है
जावेद : क्या तुम्हारा पति भी ये कर सकता है ?
मिताली : नही....... ह्म्म्म्म……। डेफिनेटली....... नहीं
जावेद : ऐसा क्यों जानू।
मिताली : उसका वो.... वो…। काफी छोटा है। …… उसपर चर्बि…… उसका वो बहुत नरम है…। ह्म्म्म्म्म……। और……।
जावेद : और क्या ?
मिताली : वो…। वो.... ठीक से। … खड़ा भी नहीं होता।
ए सुनकर मै अब अपने आप को और भी ज्यादा कमजोर और अपमानित महसूस करने लगा। इस समय, वो फिर से पूरी तरह जावेद के काबू में जा चुकी थी। और उसे अब ज्यादा कन्विंस करने के जरुरत नहीं पड़नेवाली थी। इसलिए अब जावेद थोडासा पीछे सरक गया।
उसने मिताली का हाथ खिंचा और उसकी पैंट के ऊपर से ही मिताली की हाथ उसके लंड पे मलने लगा। वो हिल रही थी। कुछ समय बाद मिताली ने खुद से ही पैंट के ऊपर से जावेद के लंड को पकड़ा। जावेद ने अब उसका हाथ हटा लिया लेकिन मिताली का हाथ अब भी जावेद का लंड पकडे हुए था। मिताली अब हलके से जावेद का लंड कितना जाड़ा है यह नापने लगी। और पैंट के ऊपर से ही हाथ आगे पीछे करने लगी। वो मिताली का स्पर्श अपने राक्षस जैसे बड़े लंड पर महसूस करने लगा।
इसी समय में, जावेद का लंड फूलकर बड़ा हो गया। पैंट के ऊपरी हिस्से का साइज़ देखकर ही मिताली के आँखे हवस में चमकने लगी। अब उसने दूसरा हाथ भी वहां रखा ताकि वो उसके लंड की गोलाई को पूरी तरह से जखड़ सके। वो सचमुच जावेद की उस लंड जैसे चीज़ को देखकर खुश हुई थी। लेकिन जावेद अब मिताली से पीछे थोड़ा दूर सरक गया। मिताली ने इस पर थोडीसी नाराज़ी दिखाई और वो सीधी खड़ी हो गयी।
जावेद : मै तुम्हे एक बात पूछना चाहता हु। मैंने तुम्हारे पति को वापस भेजा। क्या तुम्हे इस वजह से अब बुरा लग रहा है /
मिताली : नहि……
जावेद : वो अब परेशान होगा, सही है न ?
मिताली : उसे कुछ देर तक ऐसे ही फिरने दो . उसके कमजोर हथियार और कमज़ोर बोडी की वजह से मेरी कई रेट उजाड़ गई है . मेरी कई राते उसकी वजह से दर्दनाक बीती है .
(आज मेरी बीवी पूरी रंडीगिरी पर उतर आई थी . अब तो मुझे उससे भी नफरत होने लगी.)
जावेद : तो फिर ठीक है . हम लोग आगे चलते है .
मिताली : हम्म............
वो उठा और उसने मिताली को कसकर गले लगाया, मिताली ने भी उसे कसकर जखडा और दोनों एक दुसरे को चूमने में लग गए . और मेरी बीवी का हाथ जावेद की टी-शर्ट में चला गया . वो जावेद के पेट पर हाथ फेरने लगी . जैसे ही मिताली ने जावेद का टी-शर्ट निकलना चाहा जावेद ने मिताली का हाथ पकड़ कर उसे रोका .
जावेद : एक मिनट जानू, तुम्हारा निकम्मा पति फिर से आ सकता है . मै लॉक करके आता हूँ. ताकि वो अन्दर न आ सके
मिताली : ह्म्म्म........
मै ये सोचकर परेशां हो गया की कहीं वो मेन डोअर भी न लॉक कर दे . मै अब फ़ाइल् रूम के दरवाज़े की की-होल से बाहर देखने लगा . और जैसा मुझे दर था वैसा ही हुआ उसने मेन डोअर भी लॉक किया .
मुझे तो अब चक्कर आने लगी और मै यह सोचने लगा की अब क्या किया जाये . अगर मै पकड़ा जाता तो कंडीशन और भी बुरी हो जाती जितनी की अब थी . फिर मैंने सोचा मै क्यूँ फिकर करू चिंता तो उन दोनों को करनी चाहिए .
जावेद फिर से रूम में चला गया, इस बार मेरी रंडी बीवी फिर से उठी और खुद जावेद के गले पड गयी. जावेद ने मेरी बीवी को खिंचा और उसके होंठों को चूसने लगा . मेरी बीवी ने जावेद इतना कसकर जखडा की उसके नाख़ून जावेद की पीठ में धंस गए . इससे जावेद के चेहरे पर एक दर्दभरी ख़ुशी झलक गयी . फिर एक ही झटके में मितालीने ने जावेद का टी-शर्ट निकलकर फेंक दिया .
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जिससे अब जावेद की बॉडी दिखने लगी . उसकी बॉडी देखकर मेरा मुंह खुला की खुला रह गया . उसकी बॉडी किसी भी फिल्म स्टार से कम नहीं थी . ज्यादा फैट भ नहीं और ज्यादा मस्क्युलर भी नहीं . ज्याडा स्लिम भी नहीं और ज्यादा अथ्लेतिक भी नहीं . जावेद की बॉडी पूरी तरह से बैलंस थी . सोचो अगर मेरा दिमाग ये सोच रहा था तो मेरी बीवी का हाल जावेद की बॉडी को देखकर क्या हो गया होगा . वो कुछ देर तक ऐसेही खड़ी रहकर एक तुक जावेद कि बॉडी को निहारती रही . अगर सच कहा जाये तो उसकी बॉडी ऐसी थी जिसे देखकर कोई भी लड़की फ़ौरन उसके साथ सोने के लिए टायर हो जाये . और मेरी रंडी बीवी का भी हाल इससे अलग नहीं था .
जावेद ने हस्ते हुए कहा, "क्या हुआ जानू, क्या तुम ठीक हो?"
और फिर ये सुनकर वो होश में आई. वो धीरे से मिताली के नजदीक आया और उसने मिताली को बाँहों में भर लिया . मैंने देखा की मिताली की चुंचियां जावेद के मजबूत छाती को नज्दीक दबा रही है. और इससे मिलनेवाली स्वर्गीय अनुभूति की वजह से दोनों हांफने लगे. जावेद का उपरी हिस्सा भी अब नंगा था. मिताली उस पर हाथ फेरने लगी, पहले कंधे, फिर बायसेप्स, त्रायसेप्स करते हुए मिताली जावेद के पुरे शारीर पर हाथ फेरने लगी. मनो वो हर एक पार्ट का साइज़ जाँच रही हो . और अब मिताली ने जावेद को चूमा शुरू किया. मिताली जावेद के कान की लौ, फिर उसका माथा , उसके होंठ चुमते हुए जावेद के पुरे चेहरे को चूमने लगी.
फिर मिताली थोडा निचे सरकी और उसने जावेद के कंधो को चूमा. उसके बाद मिताली के हाथ निचे चले गए और पैंट के ऊपर से वो जावेद की गंद को सहलाने लगी . फिर उसके नितम्बो को पकड़कर मिताली ने उसे अपनी और खिंचा ताकि वो जावेद की मरदाना ताकत और ज्यादा महसूस कर सके.
फिर मिताली और निचे सरकी इस बार उसका सर एकदम जावेद के छाती के ऊपर था , उसने वहां पर पूरी चाहत से चूमना शुरू किया. अब वो जावेद के छोटे निप्पलो को चाटने लगी. उसका ये हाल देखकर मुझे धक्का लगा क्यूंकि इन तिन सालो में मिताली ने कभी मेरे साथ ऐसा नहीं किया था. उसे ये सब चीज़े कहाँ से पता चली. ये देखकर तो मै भी अपनी भावना पर काबू नहीं कर पाया। मेरा भी लंड पेंट के अंदर खड़ा हो गया जिसकी वजह से मुझे दर्द होने लगा. दर्द काम करने के लिए मै अपने ही हाथों से अपना लंड मसलने लगा.
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जब मिताली जावेद के निपल चूस रही थी. तब उसने खुद की आँखें बंद कर ली थी और मिताली का सर जोर से खुद की छाती पर दबाकर रखा था। फिर मिताली और निचे सरकी और अब वो जावेद के एब्स को चूमने लगी. उसने वहांपर हर जगह चूमा और उसकी नाभि को भी चूमा। जिससे जावेद के बॉडी एक बार थरथराई. और अब वो निचे की और सरकी और घुटनो के बल ठहर गई. जावेद के पेंट के तम्बू से अब मिताली का सर बस कुछ ही इंच के अंतर पर था। मिताली की आँखों फिरसे एक बार उस तंबू का साइज़ देखा और वो खुश हो गई। जावेद ने भी मिताली का रिएक्शन देखा और वो मुस्कुराया।
जावेद : क्यों जानू? क्या तुम इससे इम्प्रेस हो ?
मिताली : ह्म्म्म्म्....... हाँ। तुम बहुत ज्यादा मर्दाने हो जितना की मैंने सोचा था।
ये कहते हुए, मिताली उसकी नाक उस तंबू की तरफ ले गयी, और जावेद के लंड के गर्मी से निकलनेवाली उस मरदाना खुशबु को सूंघने लगी। अब मिताली के होंठ उस तम्बू पर फिरने लगे। अब मितालीने जावेद के लंड को पैंट के ऊपर से ही मसलना शुरू कर दिया। जिससे जावेद की बॉडी फिर से थरथाराने लगी। फिर हल्के से धीरे धीरे मिताली जावेद के पैंट को खींचने लगी। अब जावेद का लंड दिखने लगा था। आखिर में जावेद का लैंड झट से ऐसे बाहर आया जैसे की पिंजरे से कोई शेर निकलकर आ रहा हो।
जावेद के लंड के बारे में मै आपको बता दू। मै अब तक समझता था की ऐसे विशाल लंड सिर्फ एक तर काले लोगों के पास होते है किंवा पाश्चात्य लोगों के पास होते है। जावेद का बुल्ला देखकर मेरा ये गैरसमज चला गया। वो कम से कम ८ इंच लम्बा था। उसका लंड पूरा काला था लेकिन खतना करनी की वजह से उसके सामने का सुपाड़ा सफेद रंग का था। उसे देखकर मेरी छिनाल बीवी बहुत खुश हुई।
मिताली ने उसका काम बहुत जल्दी शुरू किया। मिताली ने अपने हाथ जावद के मांडी पर रखे और मांडी को फैला दिया ताकि वो जावेद के लंड अच्छे से देख सके। मेरी बीवी के कोमल हाथों का थोडासा स्पर्श जावेद के लंड को हुआ। इससे जावेद को झटका लगा।
मिताली वासना के झोके में खुद ही अपने होंठ चबाने लगी जब उसने देखा की उसके ऊँगली के स्पर्श की वजह से जावेद का डंडा और ज्यादा कठोर हो गया है। मिताली ने जैसे ही जावेद के अन्डो की कसकर मसला वैसे ही उसका शरीर झटके खाने लगा। अब मिताली ने जोर से दबाकर जावेद के लंड को पकड़ा जिसके वजह से जावेद के मुंह से एक हलकी आह निकली।
अब जावेद को चिढ़ाने की बारी मिताली की थी और मिताली ने अपना काम पर्फेक्ट्ली किया। मिताली ने ऊपर जावेद के चेहरे को देखा और वो जावेद के लंड के सुपाड़े को उसके जबान के टोक से चाटने लगी। मिताली ऐसा लगातार कर रही थी। इसलिए जावेद ने हल्का सा धक्का देकर अपना लंड मिताली के मुह में घुसेड़ना चाहा। मिताली ने आराम से जावेद के लंड पहले होठों में लिया और होठों से ही उसके लंड को जी भर चूमा। उसके बाद मिताली धीरे धीरे जावेद का लंड मुह में सरकने लगी। जावेद ने एक जोर की सिसकारी ली। और जावेद के हाथ अब मिताली के बालो में चले गए। और उसने मिताली का सर पूरी ताकत लगाकर दबोच लिया।
मिताली अब खुद जावेद लंड हाथ में पकड़ लिया और खुद्की जबान बाहर निकाली और अब मिताली जावेद के लंड के सुपाड़े को अपने जबान पर फिरने लगी. अब इस बार कंट्रोल मिताली के हाथ में था। ये काफी अच्छी फिलिंग थी और मिताली को भी इस बात का एहसास था।
प्री-कम की कुछ बुँदे मिताली की जबान को छू गयी। और मिताली ने उसे ऐसे चाट लिया जैसे वो उसका पूरा स्वाद ले रही हो। मुझे पता था मिताली और वीर्य का स्वाद चाहिये था क्यूकी पहले से ही उसे वीर्य पीना पसंद था। मिताली ने अब अपना मुह जावेद के लंड से दूर कर लिया।
मिताली ने अब जावेद के लंड को जोरदार धक्के देते हुए दोनों हाथों में पकड़कर हिलाना शुरू किया। इससे जावेद ने भी प्रभावित होकर मिताली के बाल जोर से खींचे। और दोनों सिस्कारियां भरने लगे।
जावेद : वाह जानू, तुम.... तुम काफी अच्छा चुसती हो। प्लीज मेरे लंड को और चूसो। प्लिज्....
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मेरे बीवी ने जावेद के लंड को जो जबरदस्त ट्रीटमेंट दिया था उससे जावेद अत्यधिक परमानंद में था। वो मिताली के कोमल हाथों के कोमल स्पर्श के जादू में खोया हुआ था। मिताली ने इतने सालो में मेरे लंड के साथ इस तरह नहीं खेला था। लेकिन मुझे पता था की मिताली को मोटे लंड के बारे में बहुत साड़ी फैंटसी थी। वो नेट पर भी अक्सर मोटे लंड के बारे में ही सर्च करती थी। वो नेट पर बहुत सारी फैंटसी विडियोज भी देखती थी। पर मुझे ये नहीं पता था की ये सब चीज़े उसे एक दिन छिनाल रंडी बना देंगे। एक धोकेबाज बीवी का पति बनने का एहसास मुझे और भी ज्यादा अपमानित करने लगा।
मिताली ने जावेद को एक सिड्यूसिंग स्माइल दिया और फिर से जावेद के लंड को चूसने लगी। मिताली की लंड चुसाई की वजह से जावेद का लंड अब पत्थर की तरह कड़क हो गया था। उसे और भी उत्तेजित करने के लिए मिताली जावेद के लंड को उंगलियो से मसलने लगी और सुपाड़े को चाटने लगी। सुपाड़े से लेकर जावेद के अंडे एक लंड के निचले हिस्से पर वो जबान फिरती ले जाने लगी। जावेद का लंड जब पूरी तरह उत्तेजित हो गया, और शायद वो निकल ही जाता तब ही मिताली ने ये रोक दिया। और पूरा लंड खुद के मुंह के अंदर धकेल दिया।
जब मिताली जावेद के लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर कर रही थी उसी वक्त वो अपने दोनों हाथों से जावेद के अन्डो को भी सहला रही थी। जिसकी वजह से जावेद के चेहरे पे आनंद की छटा साफ़ साफ़ दिखाई दे रही थी। और जैसे ही मिताली ने चूसने की स्पीड बढ़ा ली वैसे ही जावेद का पूरा शरीर जोर जोर से हिलने लगा। जिससे जावेद जोर की आवाज़ में गुर्राने लगा। उसकी गुर्राहट सुनकर मिताली और ज्यादा त्वेष में लंड चूसने लगी।
जावेद : या खुदा………ह्म्म्म्म्.......... गो जानु……… आह्ह्ह्ह्....... गो…… या.......
अगर ये ऐसा ही जारी रहता तो जावेद का सारा क्रीम वहींपर छूट गया होता। लेकिन चूसते वक्त फ़ौरन मिताली को इसका एहसास हो गया। मिताली को भी जावेद का वीर्य चाहिए था लेकिन वो किसी और जगह पर। मिताली ने लंड चूसना रोक दिया। और सिर्फ जावेद के लंड के सुपाड़े पर आया हुआ थोडासा वीर्य चाटकर साफ करने लगी। लेकिन मिताली के हाथ अब भी काम करने में लगे हुए थे। मिताली ने ऊपर जावेद की तरफ देखा और जावेद फौरन समझ गया की मिताली क्या चाहती है।
जावेद : क्या हुआ जानू ? क्या तुम डर गयी की मै अपना पूरा माल यहीं पर छोड़ दूंगा।
मिताली ने सिर्फ सर हिलाया
जावेद : (हँसते हुए) ज्यादा चिंता मत करो जान। मै तुम्हारे उस नामर्द पति अतुल की तरह नहीं हूँ। मेरा लंड १० मिनट में फिर से पूरी तरह खड़ा हो जाता है। लेकिन क्या इसके बाद तुम भी आगे की और बढ़ना चाहती हो ?
मिताली : हाँ……।
जावेद : कहाँ तक जानु....... ?
मिताली : मुझे....... ह्म्म्म…… मुझे तुम्हारी ताकत महसूस करनी है। .......... हर तरफ.......... पुरे शरीर में
जावेद : सच में ? क्या तुम कुछ देर और यहाँ पर रुकना चाहोगी ?
मिताली : ह्म्म्म्म्म्..........
जावेद : तो तुम्हारे पति का क्या करना है ?
मिताली : छोड़ दो उस नामर्द को। तुम उसके बारे में बात मत करो। मुझे पर्वा नहीं है।
जावेद : दैट्स ग्रेट जावेद । तुम इस तरह रंडीगिरी करके मुझे और भी ज्यादा गर्म कर रही हो।
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जावेद ने मिताली को खिंचा और ऊपर उठाके उसी रूम के अंदर के एक टेबल पर बिठा दिया। जावेद ने मिताली को फिर उस टेबल के ऊपर सुला दिया और खुद टेबल के बाजु में खड़े होकर सोयी हुई मिताली के नंगे बदन को निहारने लगा और मजे लेने लगा। उस पोसिशन में भी मिताली के मम्मे कड़क और निप्पल खड़े हुए दिख रहे थे। जावेद इस तरह खड़ा था जैसा कोई मसाज करनेवाला मसाज करने के लिए क्लायंट के पास खड़ा होता है।
जावेद मिताली के ऊपर झुका और उसने मिताली को किस करना शुरू किया। पहले माथे पर, फिर होठों पर उसके बाद गर्दन पर चूमते हुए जावेद निचे की तरफ जाने लगा। गर्दन के बाद चूचियों को चूमा उसके बाद मिताली के नाभि को और आखिर में मिताली के ट्रैक पैंट के ऊपर से मिताली की चूत चूमकर जावेद रुका। फिर जावेद के हाथों ने ट्रैक पैंट के ऊपर से ही मिताली की चूत को पकड़ा।
जावेद : जानू, क्या ये मेरे लिए तैयार है ?
मिताली : ह्म्म्म्.......... बहुत ज्यादा……
जावेद : दैट्स ग्रेट जानू।
ये कहते हुए जावेद ने मिताली के पैंट को निचे की तरफ सरकाना शुरू किया। ये देखकर में भी मन निचे निचे जाने लगा। मैं गिर रहा था। मै अपने खुद के सामने ही मेरी बीवी को किसी दूसरे मर्द के हाथों खो रहा था। धोखेबाजी की वजह से जो दर्द मेरे दिल में उभरा था अब वो और भी ज्यादा तीव्र होते जा रहा था। लेकिन इसी वजह से जो भाव मेरे बीवी के चेहरे पर उभरके आ रहा था वो बिलकुल ही अलग था। इस पूर्व समय में मेरी बीवी बस जावेद के लंड को अपने हाथों से मसले जा रही थी।
मिताली की आँखों में अब एक कामुक चमक थी। इतने समय में उसने एक बार भी अपनी नज़रे जावेद के उस हत्यार से नहीं हटाई थी। मेरी बीवी पूरी तरह जावेद के लंड से सम्मोहित हो चुकी थी। और वो जावेद के लंड की तुलना मेरे लैंड से कर रही थी। और कह रही थी की जावेद का लंड देखने के बाद अतुल के नुन्नी को लंड कहना भी योग्य नहीं है।
जावेद ने पूरी तरह मेरी बीवी की ट्रैक पैंट निकल कर फेंक दी। मिताली की कामुक जांघे और बेहतरीन टाँगे अब दिखाई देने लगी थी। वो हर रोज़ एपिलेटर का इस्तेमाल करती और हमेशा अपनी टांगो को वैक्स करती थी। इसलिए वो काफी आकर्षक दिखाई दे रही थी। जावेद उसकी खरदूरी उंगलिया मिताली के टांगो पे फेरने लगा। उसके स्पर्श से होनेवाली गुदगुदी की वजह से मिताली अपनी टांगे खिंच लेती और उसका शरीर हिलने लगता था। जावेद ने मिताली के जांघो पर चूमना शुरू किया साथ ही साथ वो उसकी जांघो को हाथों से मसल भी रहा था।
फिर जावेद अपने हाथ मिताली की चूत के आसपास फेरने लगा लेकिन जानबूझकर उसने मिताली की चूत को टच भी नहीं किया। मिताली अब पूरी तरह गर्म हो चुकी थी उसने जावेद का ये खेल कुछ देर सहन किया लेकिन अब और नहीं। उसने जावेद का हाथ खिंचा और जावेद की हथेली पैंटी के ऊपर से ही अपनी चूत पर रखी और उसने वहां और से दबाया। मिताली ने जावेद का हाथ तब तक दबाकर पकड़ा जब तक उसे पूरी तरह शांति न मिली हो।
जावेद ने भी अब मिताली को चिढ़ाना छोड़ दिया। और उसका चेहरा मिताली की पैंटी के ऊपर ले गया। वहांपर उसने जोर की की सांस ली और वो मिताली के चूत की खुशबु सूंघने लगा। फिर वो उसके होठों से वहांपर चूमने लगा। जिससे मेरी बीवी का जिस्म बड़ी जोरो से धक्के खाने लगा। उसे फिर से उसका ओर्गास्म प्राप्त हो चूका था।
मिताली ने जावेद के बाल पकड़कर उसे खिंचा था और वो अब जावेद का चेहरा चूत पर दबाकर जोरदार सिस्कारियां भर रही थी। अब जावेद के उँगलियों ने धीरे धीरे पैंटी को और खींचना शुरू किया। जिसकी वजह से शर्म और हवस के मारे मिताली का चेहरा गुलाबी हो चूका था।
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वैसे तो मिताली हमेशा उसकी चूत क्लीन शेव्ड रखती थी। लेकिन उसे ये पता नहीं था की आज ये मामला शायद यहाँ तक पहुंचेगा इसलिए उस दिन उसने चूत शेव नहीं की थी। उसकी चूत पर छोटे छोटे कटे हुए हलके से बाल नजर आ रहे थे। लेकिन ये देखकर जावेद और गर्म हो गया। जावेद ने कुछ देर हथेली पूरी चूत पर घुमायी। जिससे अब मिताली अपने आप पे का नियंत्रण खो चुकी थी उसका शरीर हिलने लगा था। जावेद की उंगलिया अब मिताली के चूत के दाने को रगड़ रही थी। मिताली ने अब उसकी पीठ थोडीसी उठाई और जावेद के हाथ को जोर से थामा ताकि जावेद को रोक जा सके. लेकिन जावेद फिर भी चालू रहा।
मिताली : प्लिज्....... प्लिज…… रुक जाओ न। मुझे चक्कर सा आने लगा है।
जावेद : तुम्हे चक्कर नहीं आ रहा है जानू। वास्तव में तुम आनंद के परमोच्च शिखर पर पहुँच चुकी हो। पीछे हटो और बस एन्जॉय करो छिनाल रंडी।
जावेद ने अब अपने हाथ मिताली की चूत से हटा दिए लेकिन अब वहांपर खुद के होंठ टेक दिए। मिताली उसे रोकने के लिए जोर से गांड को आगे पीछे करने लगी। मिताली को लग रहा था की वो अब नहीं सहन कर पायेगी और आखरी बार चूत का पानी छोड़ देगी। लेकिन जावेद ने मिताली को धकेला और अपने होंठ मिताली की चूत पर रख दिए। वो मिताली के चूत को चूसने लगा। उसके चूसने की आवाज़े सुनकर शायद किसीका जगह पर ही पानी निकल जाये। जावेद ने मिताली के चूत के दाने को दांतो के बीच पकड़ा और हलके से खींचा जिससे मिताली अब हिलने लगी थी। और इस तरह तड़पने लगी जैसे मछली को पानी से बाहर निकल दिया हो।
मिताली : प्लिज्.......... प्लिज्.......... प्लिज……… प्लीज नहीं।
जावेद ने इस सबकी परवा नहीं की उसने उसका काम जारी रखा। जावेद ने अब खुदका सर वहां से हटाया और मिताली की बायीं जांघ को अंदर से चूमने लगा। थोडासा घुटने के ऊपर। मिताली की जांघ की मखमली नरम कोमल चमड़ी को जावेद अब जबान से चाटने लगा। मिताली के घुटने से उसकी चूत तक जावेद चाटते हुए जाने लगा।
जावेद को मुंह चूत के प्रवेशद्वार पर लगते ही मिताली एक बार फिर छटपटाई। मैंने मिताली के साथ कभी ऐसा नहीं किया था। जावेद का एहसास मिताली को पागल बना दे रहा था मिताली ऐसे थी जैसे मानो ये उसका सपना था जो पूरा हो रहा था। जावेद अभी तक मिताली के चूत के छेद तक नहीं पहुंचा था। लेकिन फिर अब तक मिताली जितनी गर्म हो चुकी थी उतनी इसके पहले जिंदगी में कभी नहीं हुई थी। और मैंने या मिताली ने कभी सोचा भी नहीं था उतना जिंदगी में पहली बार उसकी चूत गीली हो गई थी।
अब जावेद ने मिताली के बाये जांघ को चाटना शुरू किया। और ऊपर सरकने लगा। पूरी जांघ पर जावेद अपने जबान की लौ फिराए जा रहा था। जैसे ही वो चूत के छेद की नजदीक पहुंचा वैसे ही उसने चाटने की गति काम कर दी। और फिर एक दम से ही दबाव बढ़ाके पुरे दात मिताली के जांघ में घुसाकर चाटने की गति बढाई। इसकी वजह से मिताली अब उसकी गांड ऊपर की तरफ हवा में उछलने लगी।
जावेद ने अपनी जबान को थोड़ा फैलाया और वो उसके चूत के दाने पर जम के बरसाने लगा। जैसे दाने को फटकार लगा रहा हो। जावेद मिताली के चूत का रस पी रहा था उसकी आवाज़े ऐसी आ रही थी जैसा कोई कुत्ता पानी पी रहा हो। वैसे भी वो हरामी * किसी कुत्ते से कम नहीं था। लेकिन इसका नतीजा ये हुआ की फिर से मिताली के चूत में पानी की बाढ़ आ गयी। मिताली ने फिर से परमोच्च ओर्गास्म को प्राप्त किया था।
मिताली : ओह्ह्ह्ह ह…… आह्ह्ह्ह्ह………नहि…नहि… ओह्ह्ह्ह……मै………मै छूट रही हूँ.……… ओह्ह्ह्....... आह्ह्ह्ह्ह्....... आआआआअ……… आह्ह्ह्ह्ह्ह………
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मिताली को जैसे जिंदगी भर का क्लायमैक्स मिल चूका था। मिताली अब पूरी तरह ख़त्म हो चुकी थी। लेकिन उसकी आँखों की वासना ख़त्म नहीं हुई थी। जावेद के होंठ और जबान निचे की तरफ जाने लगे और आखिर में उसकी चूत के द्वार पर पहुँच गए। जावेद ने मिताली के चूत का पानी किसी प्यासे जानवर की तरह पिया। मिताली अब किसी अनोखी अवस्था में थी वो अब खुद का होश खो चुकी थी।
मिताली के होंठ हिल रहे थे जैसे की वो कुछ गुणगुणा रही हो। ये सब अब बहुत हो चूका था। अब उस चीज़ की बारी थी।
जावेद ने अब उसके हाथ मिताली के जांघो पर अंदर की तरफ रखा। और उसके दोनों पैर जितने फ़ैल सकते थे उतना फैलाया। वो खड़ा हुआ और मिताली की चूत के ऊपर झुक गया। और जबान मिताली के चूत पर फिरने लगा। अब वो इतनी तेज़ी से जबान फिरने लगा जैसे जबान से वो मिताली की चूत चोद रहा था।
मिताली : ओह गॉड …, यस। और चूसो … और चाटो…… तेज़ी से चाटो
मिताली की आहे अब चीखो में बदल चुकी थी वो जोर जोर से चिल्लाने लगी।
जावेद अपनी जबान मिताली के चूत के दाने पर ले गया। और बड़ी तेज़ गति में वो वहां चूसने लगा। वो बस तेज, तेज और तेज अपनी गति बढ़ा रहा था। मिताली ने जावेद का सर दोनों हाथों से चूत पर दबाकर रक्खा था। लेकिन मिताली की गांड टेबल पर कूद रही थी। हाल ऐसा था जैसा मिताली जावेद का चेहरा चोद रही हो। मिताली अपनी पूरी ताकत लगाकर गांड को धक्के दे रही थी।
थोड़ी देर बाद मिताली ने टाँगे खींची और जोर से चिल्लाई, "येस्स्स्स्स्स्स……… यस !!! येस्स्स्स्सस……। ओह गॉड....... येस्स्स
मिताली अब दिमाग की सोच से ऊपर निकल चुकी थी। वो बस धक्के पर धक्के मारती चली गयी। मिताली की चूत के दाने पर, उसकी नाभि पर, कमर पर और निप्पल पर बस पानी ही पानी था। सफ़ेद पानी। वो पूरी बॉडी का ओर्गास्म था। जावेद का पहला पानी। वो काफी गाढ़ा था।
मिताली को कुछ मिनट लगे वापस जमीं पर लौटने के लिए। मिताली पूरी तरह ख़त्म हो चुकी थी और जावेद भी यह बात जानता था। इसलिए दोनों ने कुछ देर का ब्रेक लिया।
कुछ देर तक के लिए दोनों बस एक दूसरे को सहला रहे थे। और चुम्माचाटी कर रहे थे। मिताली टेबल पर लेटी हुई थी और जावेद वहीँ टेबल के पास खड़ा था। दोनों मादरजात नंगे थे। मिताली की बॉडी पसीने में भीगी हुई थी। जावेद जरा भी नहीं हिचकिचा रहा था वो लगातार मिताली के अर्दन को नाभि को पेट को चूमते जा रहा था।
मिताली ने हाथ में जावेद का लंड पकड़ा हुआ था जो अब किसी खम्बे की तरह खड़ा था। जावेद के अंडे पूरी तरह फूल चुके थे वो पूरा पानी से भरे हुए लग रहे थे। जावेद का एक हाथ अभी भी मिताली के जांघो के बीच था और वो मिताली के चूत के दाने को रगड़ रहा था। और दूसरा हाथ मिताली के चुचो पर था वो मिताली के निप्पल को पिंच कर रहा था। उस कमरे में अब गर्मी बढ़ती जा रही थी।
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जावेद : हे डॉल। क्या तुम्हे मेरा ये ट्रीटमेंट पसंद आया ?
मिताली : येस्स्स्सस....... ये काफी इंटेंस था। इस तरह का आनंद मुझे पहली बार हुआ है।
जावेद : क्या तुमने कभी तुम्हारे पति के साथ ये सब कुछ एन्जॉय किया है ?
मिताली : नहीं, कभी नहीं। उसे जिंदगी का मजा नहीं लेने आता। उसे बस कुछ ही चीज़े पता है। और बाकि चीज़े करने के लिए उसमे ताकत ही नहीं है।
जावेद : तो बताओ मेरे लंड के सामने उसका लंड कैसा है ?
मिताली : मुझे तुम्हारा लंड बहुत पसंद है। मुझे ऐसा लग रहा है जैसा। …… ह्म्म्म्म्.......... जैसा मैंने कोई स्टील का रॉड पकड़ा है।
मिताली : अतुल का लंड रबर की तरह है। वो बस पूरी तरह कचरा है। मुझे उसका लंड कभी पसंद नहीं आया।
जावेद : व्वा जानू। तुम असल में एक रंडी छिनाल हो जो इस तरह की बाते कर रही हो। इसके वजह से मै और भी ज्यादा गर्म हो रहा हु।
मिताली : ह्म्म्म्म्म……… थैंक्स।
जावेद : वो चोदता कैसे है ?
मिताली : उसकी नुन्नी कभी मुझे मेरे चूत के अंदर महसूस ही नहीं हुई। उसकी नुन्नी काफी ढीली थी चूत के अंदर भी वो कड़क नहीं हो पता था। मै बस लेटी रहती और उसके ख़त्म होने का इंतज़ार करती थी।
जावेद : गुड.…… बेबी ……… जारी रखो……और बताओ उसके बारे में
मिताली : (दोनों हाथों से जावेद का लंड मसलते हुए ) उसमे चोदने की शक्ति थी ही नहीं। बिस्तर पर वो पूरी तरह निरुपयोगी छक्का था। मुझे हमेशा से यही लगता था की मै उसके साथ सेक्स क्यों कर रही हूँ। मै उसके साथ हमेशा सेक्स वक्त मन ही मन में तुम्हारे जैसे जंगली मर्दो के बारे में सोचती थी।
जावेद : ह्म्म्म्म……… सुपर…… गो बेबी
मिताली : मुझे ये कभी एहसास ही नहीं हुआ की उसने कब पानी छोड़ दिया। वो पानी भी क्या था उसका वीर्य भी पेशाब की तरह पतला था। और बस १० - १२ बूंदो के बाद वो ठंडा जाता। पूरी तरह बगैर काम का पानी। वो पानी मुझे बच्चा भी न दे सका।
जावेद : ओके जानू। मै काफी ओवरलोड हो चूका हूँ। तुम मेरी अब गर्मी नहीं समझ सकती। बस हुआ। अब मै ज्यादा सहन नहीं कर सकता।
मै इस तरह की रंडीगिरी बाते सुनकर अपमानित हो गया था। अपमान की वजह से मेरी आँखों में आंसू आ गए थे। अगर मिताली मुझसे इससे पहले कह देती तो शायद मै अस्पताल में इलाज करवाता। हमारा भी बच्चा होता लेकिन ये सब उसने मुझसे नहीं कहा। मिताली की बातों में मेरे लिए नफरत थी।
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मै दिल पर बोझ लिए हुए अलग दुनिया में चला गया। मै ये सब कभी भूल नहीं सकता था। मैं ये सब कुछ भूल नहीं सकता था।
अंदर वो एक दूसरे को मसल रहे थे, चुम रहे थे, जोर जोर से सिस्कारियां भर रहे थे। तभी जावेद अपने अगले काम के लिए तैयार हो गया। जावेद ने मिताली को टेबल पर सुलाया और उसे एडजस्ट करने लगा ताकि उसकी गांड टेबल के कोने पर आ जाये। उसकी उंगलिया फिरसे मिताली के चूत पर चली गयी और दाने को रगड़ने लगी। मिताली को जावेद का मकसद समझ में आ गया इसलिए उसने अपनी टांगे थोड़ीसी फैला दी। इससे जावेद को मिताली के जांघो के बीच खड़े होकर चूत मसलने में आसानी हुई।
मिताली की चूत पूरी तरह से खुल चुकी थी। जोरदार ठुकाई की वजह से वो थोड़ा फ़ैल गयी थी और लाल हो गयी थी। जावेद ने अपनी दो उंगलिया मिताली के चूत में घुसा दी। मिताली ने एक जोर का धक्का लिया और अपने दोनों हाथों से टेबल के कोनो को कसकर पकडा। इस वजह से मिताली के मुंह से जोर की आह निकली।
जावेद ने अब उँगलियाँ चूत के बाहर निकली उसकी दोनों उँगलियाँ अब मिताली के चूत के रस से भरी थी। उस रस को जावेद ने अपने लंड के सुपाड़े पर लगाया और खुदका लंड मिताली के चूत पर सेट किया। मेरा दिल अब जोरो से धड़कने लगा था, "हे भगवन, मै अब मेरी बीवी को पूरी तरह से खो देने वाला था। एक बार वो जावेद के लंड को अंदर ले लेती तो मेरा चैप्टर ख़त्म होने वाला था। " पर ये सब तो अब होने ही वाला था।
उसका लंड अब मिताली के चूत के पुरे नजदीक जा चूका था। ताकि वो दोनों एक दूसरे की गर्मी महसूस कर सके। फिर जावेद के लंड ने मिताली के चूत के दाने को स्पर्श किया और जावेद ने अपना लंड वहां जोर से दबाया।
इससे मिताली की बॉडी जोर से धक्के देने लगी। फिर जावेद अपने लंड को मिताली के चूत पर ऊपर से निचे रगड़ने लगा। लेकिन अंदर घुसा नहीं रहा था। इससे मिताली चिढ गयी।
मिताली : प्लीज……………
जावेद : जानू, मै सच में तुम्हे कसकर चोदना चाहता हूँ।
मिताली : हम्म्म्म……………
जावेद : मै अपना कड़क खड़ा लंड तुम्हारी गर्म गीली चूत में डालना चाहता हूँ। क्या तुम इसके लिए तैयार हो जान?
मिताली : हाँ…………… प्लीज……………
जावेद : तो फिर मुझे करेक्ट बताओ की तुम्हे क्या चाहिए?
मिताली : हम्म्म्म…………… प्लीज……………
जावेद : जल्दी बता ना रांड। (जावेद अब तेज़ी से लंड चूत पे मसल रहा था)
मिताली : आह्ह्ह्ह…………… ह्म्म्म्म्म…………… मुझे वो चाहिए…………… आह्ह्हह्ह…………… मेरे अंदर ……………
जावेद : और ……………
मिताली : प्लीज मुझे तड़पाना बंद करो …………… प्लीज…………… मुझे वो चाहिए ……………
जावेद : तो फिर बताओ की तुम्हे क्या चाहिए ?
मिताली : मुझे………मुझे …… हम्म्म………चाहिए……प्लीज।
जावेद : क्या तुम चाहती को के मै ये अंदर घुसा दू ?
मिताली : येस्स्स्स…………प्लीज…………करो ना …………मै चाहती हो की तुम मुझे तुम्हारे गर्म पानी से भर दो।
जावेद : तुम्हारे लिए मेरे पास बहुत सारा पानी है। मै तुम्हे तब तक चोदूंगा जब तक ये पानी तुम्हारे पुरे शरीर से गलने ना लगे।
मिताली : हाँ………प्लीज………मै अब और ज्यादा इंतज़ार नहीं कर सकती
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मिताली ने अपनी पीठ टाइट कर दी और अपनी गांड थोड़ा ऊपर उठाई। उसने खुद को उस जानवर के हवाले कर दिया। वो अभी भी अपना लंड उसकी सूजी हुई चूत के ऊपर निचे रगड़ रहा था। लेकिन अंदर घुसा नहीं रहा था। मिताली ने निराश होकर एक आह भर दी।
मिताली : प्लीज मुझे इस तरह से ना तड़पाओ ………अंदर घुसा दो ………प्लीज ……………
जावेद : तो फिर मुझे सही शब्दों में बताओ………छिनाल…………किसि रंडी की तरह बताओ
मिताली : मुझे चाहिए की तुम मुझे तुम्हारे इस फौलादी लंड से चोद दो……… प्लीज…………
जावेद : तुम्हे ये सभ्य प्रकार से चाहिए या किसी जंगली की तरह
मिताली : मुझे ये काफी वहशी प्रकार से चाहिए। …………आह्ह्ह्ह……… मै चाहती हूँ की तुम मुझे किसी जानवर की तरह चोदो…… हम्म्म्म………… तुम मुझे तब तक चोदो जब तक चिल्ला चिल्ला कर मेरा बुरा हाल न हो जाये
जावेद: बहुत अच्छा मेरी छीनाल जान। ………… क्या तुम मेरा गीला पानी निकलोगी
मिताली : हाँ …………अभी प्लीज …………तुम्हारा लंड मेरे अंदर डालो ना ………… मै और ज्यादा नहीं रुकूँगी …………प्लीज ………… आह्ह्ह्ह …………
जावेद : ओके जान।
जावेद ने अपना सर झुकाया। और मिताली के बॉडी के ऊपर झुक गया। अपने लंड का सुपाड़ा एक दम चूत के दरवाज़े पर रख दिया। धीरे से झुका और पूरी मोहब्बत से उसने मिताली के होठों को किस किया।
मिताली ने भी उसी नजाकत और मोहब्बत से रिस्पॉन्स दिया। मिताली अब गांड ऊपर की तरफ उठाने लगी ताकि लंड उसकी चूत में घुस जाये। उसने और थोड़ा गांड ऊपर उठाई और वासना के नशे में सिस्कारियां लेने लगी। अब जावेद का लंड धीरे धीरे चूत के अंदर घुसने लगा था।
मित्तली : आह्ह…… आग्ग्ग्ग्गह्ह्ह्ह …………आह…आह …… आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह……… आंगगगग……यस……प्लीज ……स्लो…… अहह
जावेद ने अपनी बॉडी को हाथों के ऊपर ठहरा किया था। वो और अब झुक गया। जावेद भी अब किसि जंगली जानवर की तरह गुर्राने लगा था। वो थोड़ा इंच इंच अपना लंड चूत के अंदर सरकाने लगा। मिताली ने जावेद के कंधो को कसकर लिपटा था। वो अब नाख़ून जावेद की पीठ के अंदर धंसने लगी थी। जावेद का अंदर घुंसना लेकिन जारी रहा। मिताली के चेहरे के भाव अब बदलने लगे थे। मैंने अब तक की जिंदगी में इससे पहले उसके चेहरे पर ऐसे भाव नहीं देखे थे।
अब जावेद का लंड उस एरिये में जा रहा था जिस एरिये में अभी तक कोई लंड नहीं पहुंचा था। क्यूंकि मेरा लंड उस जानवर के लंड के आधा ही था इसलिए मेरा लंड कभी इतना अंदर तक नहीं पहुंचा था। मिताली जिंदगी में पहली बार डबल साइज़ का लंड अंदर ले रही थी।
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आखिर में जावेद ने अपना लंड अंदर सेट कर दिया। उसका पूरा जंगली लंड मेरे बीवी के चूत के अंदर पहुँच चूका था। उसने अपनी पूरी बॉडी मिताली के बॉडी पर डाल दी और अब वो किस करने लगा। मिताली उसके पुरे लंड की ताकत अपने अंदर फिल करने लगी। मिताली ने चूत पूरी तरह से अकड़ ली। कुछ देर तक वे वैसे ही वासना के पहाड़ में पड़े रहे। मेरी बीवी किसी जंगली जानवर की तरह सिस्कारियां भर रही थी। अचानक मिताली ने अपने एक हाथ से जावेद के चेहरे को अपनी और खिंचा और किसी रंडी की तरह उसे चूमने लगी।
जावेद अपने लंड को उसकी चूत पर गोल गोल घूमने लगा और फिर अचानक उसने अपना लंड मिताली की चूत में ठोक दिया। मिताली जावेद के धक्कों से मैच करने की कोशिश करने लगी उसी चक्कर में मिताली का शरीर धक्को के साथ साथ हिलने लगा। मिताली जोर से सिस्कारियां भर रही थी। जावेद के लंड मिताली की चूत अंदर के दीवारों को टच करने लगा इसकी वजह से मिताली के मुंह से आनंदित किलकारियाँ निकलने लगी।
मिताली : हाँ ..................चोदो मुझे ................ अब और इंतज़ार नहीं होता .................. आह्ह्हह्ह ..................
जावेद : ठीक है जान जैसा तुम कहो ..................हम्म्म्म................मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा है ................ तुम्हारी चूत बहुत टाइट और फ्रेश है
मिताली : येस्स्स्स................ मुझे भी ..................ये फिल हो रहा है ..................
जावेद मिताली के शरीर पर से उठ गया और अपने दोनों पैरों पर खड़ा हो गया। मिताली का शरीर अभी भी किसि जंगली की तरह टेबल पर झटके मार रहा था। अब जावेद थोडासा पीछे हट गया जिसकी वजह से जावेद का आधा लंड मिताली के चूत से बाहर आ गया। और फिर से अचानक जावेद ने पूरा लंड जोर से अंदर घुसाया। इससे मिताली के शरीर को जोर का झटका लगा और मिताली जोर से चिल्लाई।
उसने जोर से दोनों हाथों से टेबल के कोनों को पकड़ लिया और उसका सर वासना और दर्द में इस तरफ से उस तरफ डोलने लगा। जावेद यही सब बार बार करने लगा। वो लंड निकालकर कुछ देर रुकता और फिर से जोर से अंदर घुसेड़ देता।
मिताली : आआईईई ................आग्ग्ग्ग्ग............... हम्म्म्म............... या................ और तेज प्लीज ................ हम्म्म्म............. आह्ह्हह्ह
कुछ देर के बाद तो वो पूरा लंड बाहर निकाल कर जोर के झटके से अंदर डालने लगा इससे मिताली के चेहरे पे ख़ुशी भी दुगनी हो गयी।
मिताली : आह्ह्ह्ह................ दैट्स गुड ............... याह.............. यु आर टू गुड ............... प्लीज.............. और करो ना ...............
जावेद : हाँ जान। तुम्हारी चूत बहुत टाइट है। ............... वो बहुत गीली हो गयी है ............... वाव............... यस
वो इसी तरह से धक्के मरकर चोदने लगा। जावेद उसका लंड इतना अंदर घुसाने लगा की उसकी गोटियां भी अब बाहर मिताली के चूत पर रगड़े जाने लगी। मिताली अब अपनी गांड को निचे की और धकेलने लगी ताकि वो भी जावेद के स्पीड को मैच कर सके। वो दोनों भी एक दूसरे को चोदने लगे थे। मिताली के रिएक्शन पर से ऐसे दिख रहा था की कोई भी लंड उसकी चूत के इतने अंदर तक नहीं चला गया था।
फिर कुछ देर बाद दोनों ने भी अपनी अपनी स्पीड बढाई। हर एक धक्के के साथ उनकी स्पीड बढ़ती जा रही थी।
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अब मिताली जावेद के लंड को चूत के अंदर लेकर अपनी गांड को गोल गोल घूमाने लगी। जावेद के लंड को मिताली की चूत निचोड़ रही थी। उसके लंड अंदर से मसल रही थी। जावेद ने फिर से एक बार जोरदार झटके से लंड इतने अंदर घुसाया जैसे की चूत के अंदर लंड को गाड़ दिया हो। मिताली ने अभी अपनी चूत को निचे धकेला जिससे उसकी मुंह से जोर की चीख निकल गयी। एक जोर के फव्वारे के साथ मिताली की चूत का पानी बाहर निकला।
मिताली की चूत से पानी बाहर निकलता जा रहा था और जावेद रुकने के बजाय तेजी से जोरदार झटके लगा रहा था। वो दोनों भी जोरो से सिस्कारियां भर रहे थे दोनों का शरीर अब थरथर्राने लगा था। वो कुछ पल के लिए उसी क्षण में खोये रहे। जावेद थोड़ा निचे झुका और मिताली के निप्पल चूसने लगा। मिताली भी दोनों हाथों से जावेद का सर खुद के मम्मो पर दबा रही थी।
जावेद अब टॉप गियर में चला गया था। किसी मशीन की तरह जावेद का लंड चूत के अंदर बाहर होने लगा था। जावेद ने मिताली की दोनों जांघों को कसकर पकड़ा और इस तरह धक्के मारने लगा जैसे इसके बाद दुनिया ख़त्म होनेवाली हो। मिताली ने अपनी दोनों टाँगे जावेद के कंधो पर रख दी। इसकी वजह से उसकी गांड थोड़ा ऊपर उठ गयी और जावेद का लंड और ज्यादा अंदर जाने लगा।
जावेद जोर से उसकी चूत बजा रहा था, उसका पूरा लंड चूत की अंदर डुबकी मार कर बाहर आ रहा था। उसके शरीर का हर एक हिस्सा जावेद से रुकने के लिए बोल रहा था। क्योंकि उन धक्को की तीव्रता उन्होंने कभी महसूस ही नहीं की थी। लेकिन वो रुका नहीं क्यूंकि उसे पता था की वो क्या कर रहा है।
मिताली की सांसे शरीर के हिलने से तेज हो गयी थी। उस तीव्र उत्कटता की वजह से उसे बाजू हो जाना चाहिए था लेकिन अब मिताली का शरीर हिल भी नहीं पा रहा था। बस वो चिल्लाती रही और चिल्लाती रही। वो पूरी तरह जानवरो जैसी वासना थी।
जावेद को लगा की मिताली को अब आराम की जरूरत है इसलिए वो थोड़ा रुक गया। जावेद ने अपना लंड अब बाहर निकल दिया। उसका लंड मिताली के चूत के पानी से पूरा भरा हुआ था और इसलिए वो चमक भी रहा था। लेकिन उसका लंड अभी भी खड़ा था। इतना चोदने के बाद भी जावेद के लंड पर कोई असर नहीं था।
जावेद ने मिताली को टेबल पर से खिंचा और निचे उतारा। वो दोनों पूरी तरह से पसीने में नहा चुके थे। वो दोनों इसके बाद किसि प्रेमी जोड़े की तरह एक दूसरे को किस करने लगे। परमानन्द में एक दूसरे की पीठ सहलाने लगे।
जावेद मिताली के कान में कुछ बोला। इसपर मिताली के चेहरे पर ख़ुशी झलकी और उसने हाँ में सर हिलाया। उसने अपना मोबाईल उठाया और किसी को कॉल करने लगी। और वो बदनसीब मै ही था। मैंने कॉल उठाया।
मै : हेलो। कहाँ हो तुम ?
मिताली : सॉरी जानू। मै मेरे फ्रेंड के घर पर हूँ। वो इस शहर में अभी अभी आई है। मै उससे आजही अपने जिम में मिली।
मै : मै कब से तुम्हे कॉल करने की कोशिश कर रहा था।
मिताली : आय एम सॉरी जानू। मेरा मोबाईल सायलेंट मोड़ पर था। मैंने तुम्हारे मिस कॉल्स अभी अभी देखे।
मै : ओके। तुम वापस कब आ रही हो।
मिताली : वो मुझे छोड़ ही नहीं रही है। मै एक घंटे में वापस आ जाउंगी।
मै : क्या मै तुम्हे लेने के लिए वहांपर आउ ?
मिताली : नहीं जानू, मई रिक्शा से चली आउंगी। तुम आराम करो। हम लंच के लिए बाहर जायेंगे। और तुम इतना धीरे से क्यों बात कर रहे हो।
मै : कुछ नहीं गले में थोडीसी प्रॉब्लम हो रही है। ओके बाय।
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उसका ये धोकेबाजी का तरीका देखकर मुझे पूरा शॉक लगा। वो भी उसकी पहली बार में वो इस तरह से झूट बोल रही थी। क्या ये सचमुच पहली बार था? ये बात कौन जाने ?
मै फिरसे उन्हें फाइल्स के छेद में से देखने लगा वो एक दूसरे की और देखकर मुस्कुरा रहे थे। जावेद का लंड अब ढीला पड़ चूका था लेकिन उस में अभीभी जान थी। मिताली ने बड़े प्यार से अपना हाथ उस लंड पर रक्खा।
जावेद : अब क्या जान ?
उसका लंड मिताली के हाथ से सहलाने से फिर से खड़ा हो गया। जावेद ने मिताली के कान में कुछ कहा और मिताली ने हां में सर हिलाया। मिताली जावेद के सामने झुक गयी और उसने लंड के सुपाड़े को चूमना शुरू किया। साथ ही साथ उसकी जबान बाहर आती और लंड के टोंक को छूकर वापस चली जाती। मिताली ने ज्यादा देर तक चूमा नहीं। कुछ देर बाद मिताली ने हाथ हटा लिया और जावेद पीठ के बल जमीन पर सो गया।
मिताली फ़ौरन जावेद के ऊपर चढ़ गयी और उसकी मजबूत गठीली बॉडी को मसलने लगी। मिताली ने जावेद के शरीर पर मसाज करना शुरू किया। पहले कंधे , फिर छाती उसके बाद एब्स अपने दोनों हाथों से मसलते हुए मिताली निचे जाने लगी। जावेद के सेक्स की ताकत जिसका प्रूफ मिताली कुछ देर पहले चुदवाकर जान चुकी थी। अब वो हवस मिताली के आँखों में झलकने लगी। वो जावेद की ताकत को महसूस करने लगी।
मिताली फिर जावेद के ऊपर झुकी और उसने फिर से जावेद के होठों को चुना शुरू किया। उसने भी मिताली के मुंह को चूसना शुरू किया। मिताली के मम्मे जावेद के मजबूत छाती के ऊपर पीसे जा रहे थे। मिताली के मम्मो को जावेद चिरड डाल रहा था।
मिताली की गांड जावेद के मांडी के ऊपर थी। मिताली की चूत जावेद के डंडे के निचले हिस्से पर रगड़ी जा रही थी। जिसके वजह से मिताली रॉकिंग मुड में थी। और हलके से अपनी गांड हिला रही थी। लेकिन उसके हाथ अभी भी जावेद की बॉडी को मसल रहे थे। आखिर उसी नशे तोल जाकर वो जावेद के बॉडी पर गीर पडी। उसके बाद उसने जावेद के होठों को चूमना जारी रखा।
फिर उसने जावेद चेहरे को चूमना शुरू किया, उसके बाद गला, फिर छाती उसके बाद निप्पल इस तरह से वो हर तरफ चूमने लगी। जावेद ने अपने दोनों हाथ अपने सर के पीछे रखे थे इसलिए उसकी बगले साफ़ साफ़ दिखायी दे रही थी। मिताली ने अब चेहरा जावेद की बगल की और घुमाया और वो जावेद के बगलों की मर्दानी खुशबु को सूंघने लगी। और खुदकी नाक उस जगह पर रगड़ने लगी। ऐसे लग रहा था जैसे उसे उस खुशबु की वजह से नशा चढ़ चूका है। जिसकी वजह से वो और उत्तेजित हो गयी।
फिर कुछ देर तक यही खेल चलता रहा। इस पुरे वक्त में मिताली के चूत का दाना जावेद के लंड के सुपाड़े के ऊपर मसला जा रहा था। और उसके एहसास से वो दोनों और ज्यादा गर्म हो गए। फिर वो उठकर बैठ गयी। और वो उसके शरीर को निचे की और सरकने लगी। ताकि वो उसकी चूत के पानी से भरा हुआ जावेद का चमकीला लंड देख सके। जावेद का लंड अब भी किसि स्टील रॉड की तरह कड़क था।
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मिताली के चेहरे पर रुकने के कोई भाव नजर नहीं आ रहे थे। वो कुछ देर तक यूँही ख़ुशी से जावेद के लंड को घूरती रही। वो फिर से थोड़ा निचे झुकी और फिर से मिताली जावेद के लंड को चूसने लगी। जावेद के लंड से निकलता हुआ प्री-कम वो निगल रही थी। वो जावेद का लंड धीरे धीरे मुंह में लेती ही जा रही थी। और आखिर में जावेद का लंड मिताली के गले के अंदर घुस गया जिससे मिताली कुछ थम सी गयी। मिताली अब हवा में साँसे लेने के लिए छटपट कर रही थी। लेकिन उसे ए चूसना पसंद आने लगा था इसलिए मिताली ने ये जारी रखा।
मिताली जावेद के डंडे को पकड़ कर अपने होठों पर घूमाने लगी। और उस लंड को मुंह के अंदर एक जोरदार झटका देकर आखिर मिताली रुक गयी। और फिरसे बड़ी सावधानी के साथ उठकर बैठ गयी। मिताली ने अब उसकी चूत को जावेद के लंड के पोजीशन में सेट किया।
ये सब किसी सॉफ्ट पोर्न मुव्ही का तरह लग रहा था जो समय के साथ जंगली होती जा रही थी। मिताली की चूत अब बहुत गीली हो चुकी थी। मितालीने अब खुदकी गांड उठाई। मिताली अब घुटनो के बल खड़ी थी। और धीरे से ऊपर सरकी और इस तरह की पोजीशन बनायीं की जावेद का लंड चूत के करेक्ट जगह पर सेट हो गया।
मिताली ने थोडासा गांड को निचे दबाया इससे थोडासा लंड चूत में घुस गया। इसकी वजह से मिताली की चूत ने जावेद के लंड के सुपाड़े पर पानी छोड़ा। इसकी वजह से लंड का चूत में घुसना और आसान हो गया।
मिताली धीरे धीरे एक एक इंच से निचे सरक रही थी। और किसी चुड़ैल की तरह चीखे निकाल रही थी। दर्द से मिताली की बॉडी हील रही थी। जब आधा लंड चूत में घुस गया तब मिताली रुकी फिर उसने थोडासा लंड बाहर निकालकर और तेज़ी से दबाया।
उस धक्के की वजह से मिताली की चूत से पानी की एक और धार निकली उसे एन्जॉय करते हुए मिताली कुछ देर तक वैसे ही बैठी रही। फिर थोडासा उठकर वो जोरदार झटके के साथ बैठ गयी। अंदर मिताली की चूत ने जावेद के लंड को कसकर रखा हुआ था। लंड पूरी तरह चूत के अंदर जाने के बाद मिताली धीरे से ऊपर निचे होने लगी।
मिताली की स्पीड अब थोड़ा बढ़ गयी। मिताली अब जावेद के ऊपर झुक गयी और उसने खुदके पैर पूरी तरह से सीधे कर दिए। जावेद ने मिताली के नरम मम्मो को और कड़क निप्पल को जमकर पकड़ा और उनके साथ खेलने लगा। मिताली ने अब थककर धक्के कम कर दिए। लेकिन जावेद अभी तक थका हुआ नहीं लग रहा था।
उसने अब थोड़ीसी गांड उठकर निचे से मिताली के चूत में धक्के मारने शुरू किये। उस कमरे में अब मिताली की चीखों और जावेद की आहों के अलावा कोई और आवाज़ नहीं थी। मिताली की बॉडी पूरी तरह से रॉक हो चुकी थी। मिताली अब धीरे से उसके अगले ओर्गास्म की और जा रही थी।
मिताली ये पोजीशन हमेशा से पसंद थी। वो जब भी मेरे साथ सेक्स करती तो ईसि पोजीशन में करती। उसे कंट्रोल खुद के हाथों में रखना अच्छा लगता था। लेकिन मिताली को पता था उस दिन उस काउ गर्ल पोजीशन में उसके जिंदगी का सबसे अच्छा ओर्गास्म उसे मिलनेवाला था। क्यूंकि वो उसका फेवरेट पोजीशन था और उसके साथ जिस मजबूत लंड वाले मर्द का सपना वो हमेशा देखती थी।
वो अब आगे पीछे हिल रही थी और जावेद का लंड चूत के अंदर चूत के दीवारों को सहला रहा था। उसका जंगली मुसल जैसा लंड मिताली के चूत के दाने की मालिश कर रहा था। मिताली फिर से झुकी और उसने जावेद के होठों को फिर से जोश में चूमना शुरू किया।
मुझे ऐसा महसूस हुआ की उसका ओर्गास्म अब नजदीक है। मिताली ने अब अपने आप को जावेद के ऊपर से थोड़ा उठाया अपने घुटने फिर से मोड़े और फिर इक बार काउगर्ल पोजीशन में चली गयी। ये उसका हमेशा का फेवरेट पोजीशन होता था जब वो पानी छोड़ रही होती थी।
और फिर उसने जावेद को तेजी से चोदना शुरू किया। वो तेजी से ऊपर निचे हो रही थी और आगे पीछे झुक रही थी। उसका स्पीड इतना बढ़ गया की हर धक्के पर अब जावेद का जंगली लंड मिताली के बच्चेदानी को छू रहा था। मुझे उसकी यह टेक्निक पता थी। मुझे ये एहसास होने लगा था की जावेद का राक्षसी लंड मिताली को कितना आनंद दे रहा था। फिरसे उसकी आहें अब चीखों में बदल चुकी थी।
मिताली : आह्ह्ह्ह…………याआआअ …………हम्म्म्म…………आंग्गग्ग्ग्ग्ग्ग…………
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