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Incest सगी बहन के साथ अधूरा सेक्स
#21
वो कुर्सी पे बैठी थी, मैं पीछे से गया और उसको पढ़ाने लगा और मेरा चेहरा उस की गर्दन के पास था, बार बार उस की गरदन को भी चूम रहा था और अपना हाथ उसके जांघ पे रख कर सहला रहा था.
वो स्माइल दे रही थी और कुछ भी नहीं कह रही थी. फिर हमने मिल कर खूब पढ़ाई की.
मैं वहाँ पर अच्छा महसूस नहीं कर रहा था क्योंकि वहाँ बहुत गर्मी थी तो मैंने कहा- चलो अंदर कमरे में चलते हैं.
फिर मैंने उसको अपनी बांहों में उठा कर बेड पे लिटा दिया और उसके दोनों हाथों को पकड़ कर उसके होंठों पर किस करने लग गया. जब वो पूरी तरह गर्म हो गयी तो मैं अपना एक हाथ उसके बूब्स पे रख कर सहलाने लग गया.
अब वो भी पूरी तरह खुल चुकी थी तो उसने मेरे लंड पे हाथ रख दिया, उस समय तो दोस्तो, क्या बताऊँ… मैं सातवें आसमान पे था.
फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी टीशर्ट के अंदर डाल दिया और कुछ देर में मैंने उस के बूब्स को उस की टीशर्ट से आजाद कर दिया और बूब्स को चाटने लग गया. जब मैंने अपना हाथ उस की चूत पे रखा तो उसने मना कर दिया.
मैंने भी जबरदस्ती नहीं की कि जो काम प्यार से हो रहा हो तो जबरदस्ती क्यों!
कुछ घंटे बाद, वो रसोई में कुछ बना रही थी. मैं भी रसोई में चला गया और उस के पीछे खड़ा हो गया, मेरा लंड उस की गांड पे टच हो रहा था, मैं उस की गर्दन को चूम रहा था.
वो बोली- भाई देखो कुकर में से पानी निकल रहा है.
मैंने उस की गर्दन को दूसरी तरफ से टच करते हुए कहा- इधर से भी पी लूं पानी?
उसने हँसते हुए कहा- पी ले, सब तेरा ही तो है.
फिर मुझे क्या था, मैं तो लग गया और मेरे दोनों हाथ उसके चूचों पे थे और मैं धीरे धीरे सहला रहा था. फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी टीशर्ट के अंदर देना चाह तो उसने हाथ पकड़ लिया और बोली- यहाँ नहीं!

और फिर हम दोनो रसोई से बाहर आ गए.फिर मैं जल्दी से बाथरूम गया क्योंकि तब तक मेरा पजामा पूरा गंदा हो चुका था.
फिर मैंने बरमुडा पहना और बाहर आ गया, उसके बाद तो मैंने उसे पूरे दिन अपनी गोद में उठा उठा कर चूमा और बूब्ज दबाये और चूसे पर उसने चूत को टच नहीं करने दिया. मैं उस दिन में कई बार झड़ चुका था.
उसके अगले दिन मैं फिर से अपनी पढ़ाई करने बाहर चला गया पर अब मेरा मन नहीं लग रहा था क्योंकि मुझे अपनी और अपनी बहन की सील जो तोड़नी थी!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#22
अब मैं घर जाने की जल्दी में लग गया और 15 दिन बाद फिर से घर चला गया, मीतू के लिए यह सरप्राइज था, वो मुझे देखते ही खुश हो गुई, फिर उस दिन तो हमें कुछ भी करने को समय नहीं मिला, पर अगले दिन जब भी समय मिलता मैं किस और बूब्स दबा देता था.
फिर मम्मी शाम 3 बजे दूसरे घर गयी जहाँ हम हमारी गाय रखते हैं, वहाँ से मम्मी पूरा काम करके ही आती हैं तो हमारे पास डेढ़ दो घंटे का समय था.
मम्मी जाते ही मैंने मीतू को बाहों में उठाकर उसी बेड पे लिटा दिया जहां पहले लिटाया था और हम शुरू हो गए, इस बार मैंने देर न करते हुए अपनी बहन को नंगी कर दिया और उस की चूत के दर्शन किये, उस की चुत पे छोटे छोटे गोरे बाल थे, ऐसा लग रहा था कि कभी किसी ने इसको छुआ भी न हो, बिल्कुल सील बंद.

और उसको नंगी करते ही मैं तो गंगा में डुबकी मारने कूद गया और उस के बूब्स को इस बार जोर जोर से दबा रहा था, हम दोनों होंठ एक हो चुके थे, मैंने अपना एक हाथ धीरे से उस की चुत तक ले गया और उसे बड़े ही प्यार से सहलाने लग गया और फिर थोड़ा सा थूक लगा कर मैंने एक उंगली अंदर डाल दी.

जब मुझे उस की चुत गीली महसूस हुई तो मैंने उसे चाटना शुरू किया और जोर जोर से अपनी जीभ से उसे चोदने लगा, वो जोर जोर से सिसकारियां भर रही थी और बोल रही थी- भाई आराम से!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#23
कुछ देर में ही उस की चूत से पानी रिसने लगा तो मैंने अपना तोप तान कर उस की चूत पे रख दिया, तो वो बोली- भाई, आज नहीं… ये फिर कभी करेंगे!
तो मैंने उसकी चूत का सारा पानी पी गया और फिर हमारी बात हुई कि हम चुदम चुदाई नहीं करेंगे पर जब भी मिलेंगे मजे खूब करेंगें!
सोमवार को मेरा कॉलेज था तो मुझे सुबह जल्दी निकलना पड़ा और सुबह मीतू को किस किया और आ गया, जैसे पति काम पे जाने से पहले पत्नी को करके जाता है!
इस बार मैं वापस आकर बहुत खुश भी था और दुःखी भी!
बताओ क्यों?
क्योंकि मेरा चुत देखने का प्लान तो कामयाब हो गया था पर मेरे लंड की सील तो अभी भी पैक थी!
दोस्तो, बहन के साथ सेक्स करना इतना भी आसान नहीं हैं, पकड़े जाने पर गांड भी टूटती है और इज़्ज़त की माँ बहन एक हो जाती है. तो मुझे हर एक कदम बहुत सोच समझ कर रखना था, और इस बार चोदने का प्लान करने लगा! मैं कोई भी काम ऐसे ही नहीं करता, उस के बारे में सब कुछ पढ़ कर करता हूँ, तो मैं किताबें पढ़ने लगा कि लड़कियों को सेक्स के लिए कैसे राज़ी करते हैं.
तो मैं कहानी के बीच में आप सबसे यही कहना चाहूंगा कि अगर आप भी अपने भाई या बहन को चोदने की सोच रहे हैं तो सोच समझ कर करना या किसी अनुभवी व्यक्ति की सहायता से करें!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#24
ने बहुत पढ़ने के बाद पाया कि लड़की की चुदने की वासना जगाना बहुत जरूरी होता है, अब मैं घर जाने की तैयारी में लग गया.
कुछ दिन बाद मम्मी ने मुझे फोन पर कहा- प्रदीप, मैं इस शुक्रवार को तेरे मामा के घर जा रही हूँ तो तू घर आ जा, मीतू अकेली कैसे रहेगी!


[Image: Misson-gf-sex-chuai-7.webp][Image: Misson-gf-sex-chuai-6.webp]


[Image: Image_406308_copy_330x400-rotated.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#25
इतना सुनते ही मेरा तो लंड खड़ा हो गया और फिर मैं बाथरूम में जाकर मीतू के नाम की मुठ मारने लग गया!
अब मेरा प्लान शुरू होता है, सबसे पहले मैंने अपने मोबाइल का स्पेस खाली किया और बहुत सारी बहन भाई की पॉर्न वीडियो भर ली!
अब मैं घर गया और शाम को पहुँचा तब तक मम्मी भी जा चुकी थी, और मैं तो हो गया शुरू!
खाने खाते ही मैंने अपनी बहन को गोद में उठा लिया तो वो बोली- रुको, मैं सारे काम करके आती हूँ. फिर हमारे पास दो दिन है, आराम से करना!
जब वो आयी तब तक मैं अपने लैपटॉप में पोर्न चला चुका था.
वो चिल्लाने लगी- बंद करो इसे! बाद में चला लेना!
मैंने उसे शांत करते हुए कहा- पगली आ कर तो देख मैं तेरे लिये क्या लाया हूँ!
वो चली आयी और आकर मेरे गोद में बैठ गयी और मजे लेने लगी! जब तक एक पूरी वीडियो खत्म नहीं हुई तब तक मैंने बूब्स और किस के अलावा कुछ नहीं किया क्योंकि घोड़ी कभी भी लात मार सकती है.
उस ने उस वीडियो में पूरी चुदम चुदाई देखी.
दोस्तो, मैं आपको बता दूं कि साइंस कहती है कि जैसा आंखें देखती हैं, बस मन वैसा जरूर सोचता है तो मुझे पक्का विश्वास था कि मीतू अब चुदने के बारे में सोच रही थी.
तभी मैंने एक और वीडियो चला दी, और इस बार मैंने लैपटॉप को पास ही एक कुर्सी पे रख दिया और हम दोनों भाई बहन साथ साथ देखने लगे.
इस वीडियो में लड़की लड़के के कपड़े उतारती है तो मैंने कहा- जयसे ये कर रहे हैं ना, वैसा ही हम करेंगे, बहुत मजा आएगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#26
फिर मीतू ने मेरे कपड़े उतारे और मुझे लिप किस करने लगी, फिर मैंने उसे बेड पे खड़ा किया और पूरे शरीर पे चूमना शुरू किया, जैसे गर्दन पे, नाभि, कान, पेट!
दोस्तो, ये सब करना बहुत जरूरी है, अगर आप कुंवारी चुत चोदने जा रहे हो तो!
मैं अब अपनी एक उंगली से उस की चुत को रगड़ रहा था. जितनी तेज मेरी उंगली चल रही थी, उतनी ही तेज उस की सिसकारियां निकल रही थी, और साथ ही मैं उस के चूतड़ों को भी चूम रहा था.
अब मैंने वीडियो के अनुसार मीतू को उठा कर अपनी गोद में बिठा लिया और बूब्स को चूसने लग गया. मेरी एक उंगली अभी भी उसकी चुत पर थी, अब मेरा लंड मुँह में लेना था पर उसने मना करते हुए बोली कि ये गन्दा है मैं मुँह में नहीं लूँगी.
मेरी बहन मेरे लंड को हाथ मे लेकर ऊपर नीचे करने लगी जैसे वीडियो में हो रहा था.
फिर मैंने बाजू में पड़ी पैन्ट से कंडोम निकाला और अपने लंड को पहना दिया और चुत को चाटने लगा.
कुछ ही देर में मैंने उसकी चुत गीली महसूस की तो मैंने अपना लंड चुत पे रख दिया तो उसने थोड़ा हिलने की कोशिश की पर एक बार कहते ही मान गयी.
बस फिर मैंने अपने हाथ बूब्स पे रखकर थोड़ा सा धक्का मारा तो मेरे लंड की टोपा उस की चुत में था और वो  सिसकारियां लेने लगे गयी, आंखों में आँसू… मुँह से साफ पता लग रहा था कि बहुत डर रही है.

फिर मैंने कुछ देर बाद एक और धक्का मारा तो उस की चीख निकल गयी पर मेरा लौड़ा आधा उस की चुत में जा चुका था. वो चिल्ला रही थी और बोल रही थी- बस भाई, निकाल लो, बहुत तेज दर्द हो रहा है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#27
फिर कोई 2-3 मिनट बाद मैंने तीसरे झटके में अपना लंड पूरा अंदर डाल दिया था और अब उसकी सील टूट गयी और खून निकलने लग गया!
अब कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे जब तक उसका दर्द कम नहीं हो गया, फिर कुछ देर में मैं अपने लंड को हिलाने लगा और ट्रेन की तरह अपनी स्पीड को बढ़ाने लगा अब तो उसको भी मजे आ रहे थे और सिसकारियां ले रही थी. अब मुझ में और बुलेट ट्रेन में कोई ज्यादा फर्क नहीं था, बहुत तेज चोदने लगा अपनी बहन की चूत को, पूरा बेड ऐसे हिल रहा था कि मानो बहुत तेज वाला भूकंप आया गया हो!
अब वो बेड भी डांसिंग बेड बन गया था. अब मैं झड़ने वाला था तो मैंने लंड भर निकाल कर पूरा माल उस के पेट और बूब्स पे डाल दिया और हम दोनों आराम से बेड पर लेट गए.


फिर हम एक साथ नहाने गए और एक दूसरे को नहलाया और फिर से बाथरूम सेक्स किया, बाथरूम में पूरी चुदाई तो नहीं की पर खूब मजे लिए हम भाई बहन ने एक दूसरे के नंगे जिस्म के!
दोस्तो, बाथरूम सेक्स तो उसके बाद मेरा पसन्दीदा सेक्स बन गया.
अब हम थक चुके थे तो बांहों में बांहें डाल कर नंगे ही सो गए!
अगले दिन हमने फिर से सेक्स किया और बहुत किया.

ब मैं हर महीने घर जाता हूँ… कारण आप सभी जानते ही हो! जैसा सुख बहन के साथ सेक्स करने में और नंगा साथ बांहों में बाहें डालकर सोने में आता हैं वैसा सुख कही भी नहीं आता!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#28
फिर कोई 2-3 मिनट बाद मैंने तीसरे झटके में अपना लंड पूरा अंदर डाल दिया था और अब उसकी सील टूट गयी और खून निकलने लग गया!
अब कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे जब तक उसका दर्द कम नहीं हो गया, फिर कुछ देर में मैं अपने लंड को हिलाने लगा और ट्रेन की तरह अपनी स्पीड को बढ़ाने लगा अब तो उसको भी मजे आ रहे थे और सिसकारियां ले रही थी. अब मुझ में और बुलेट ट्रेन में कोई ज्यादा फर्क नहीं था, बहुत तेज चोदने लगा अपनी बहन की चूत को, पूरा बेड ऐसे हिल रहा था कि मानो बहुत तेज वाला भूकंप आया गया हो!
अब वो बेड भी डांसिंग बेड बन गया था. अब मैं झड़ने वाला था तो मैंने लंड भर निकाल कर पूरा माल उस के पेट और बूब्स पे डाल दिया और हम दोनों आराम से बेड पर लेट गए.


फिर हम एक साथ नहाने गए और एक दूसरे को नहलाया और फिर से बाथरूम सेक्स किया, बाथरूम में पूरी चुदाई तो नहीं की पर खूब मजे लिए हम भाई बहन ने एक दूसरे के नंगे जिस्म के!
दोस्तो, बाथरूम सेक्स तो उसके बाद मेरा पसन्दीदा सेक्स बन गया.
अब हम थक चुके थे तो बांहों में बांहें डाल कर नंगे ही सो गए!
अगले दिन हमने फिर से सेक्स किया और बहुत किया.

ब मैं हर महीने घर जाता हूँ… कारण आप सभी जानते ही हो! जैसा सुख बहन के साथ सेक्स करने में और नंगा साथ बांहों में बाहें डालकर सोने में आता हैं वैसा सुख कही भी नहीं आता![Image: image-left-girls.webp]

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#29
बड़ी बहन के साथ
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#30
में अपने अम्मी, अब्बू और बड़ी बहन लाबा के साथ रहता हूँ. में इस वक़्त 20 साल का हूँ और ये बात आज से 2 साल पहले की है, जब में 18 साल का था और मेट्रिक कर चुका था. मेरी बहन मुझसे 3 साल बड़ी है और उस वक़्त वो 21 साल की थी और वो बायोलॉजी में पढाई कर रही थी. मेरी बहन बिल्कुल हिरोइन जैसी है.

मैंने अपनी बहन को कभी सेक्स की नजर से नहीं देखा था और ना ही मेरी दिल में उसके साथ सेक्स की कोई इच्छा थी. उन दिनों एक फिल्म आई और इस तरह की फिल्म हमारी फेमिली में नहीं देखी जाती थी. फिर एक रात केबल वाले ने वो फिल्म लगा दी, तो मैंने टी.वी बंद कर दिया और सब अपने-अपने रूम में चले गये.

मेरा और मेरी बहन का रूम एक ही है मगर बेड अलग-अलग है. भला हो उस मच्छर का, जिसके काटने की वजह से मेरी आँख खुल गई. उस वक़्त रात के 2 बज रहे थे तो तभी मैंने देखा कि मेरी बहन अपने बेड पर नहीं थी, तो में रूम से बाहर निकला तो मैंने देखा कि वो टी.वी चालू करके वो फिल्म देख रही थी. उस वक़्त फिल्म का आखरी चल रहा था. अब में हैरान रह गया था कि मेरी बहन ऐसी है.

फिर में अपने बेड पर आकर लेट गया, लेकिन अब मुझे नींद नहीं आ रही थी और यही सोच रहा था कि मेरी बहन भी कितनी ख़राब है? तो तभी इतने में वो अपने बेड पर आकर लेट गई. अभी में हैरानी से बाहर भी नहीं निकला था कि एक और हैरतअंगेज सीन ने मेरे होश उड़ा दिए. अब मेरी बहन अपने बेड पर उल्टी लेटकर हिल रही थी, तो पहले तो मैंने नोटीस नहीं किया और फिर थोड़ी देर के बाद ध्यान से देखा तो पता चला कि वो तो मज़े ले रही है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#31
ब वो अपने हिप्स हिला रही थी और फिर अपनी सलवार में अपना एक हाथ डाल दिया और फिर अपने हिप्स आगे पीछे हिलाने लगी. अब मेरी आँखें फटी की फटी रह गई थी. खैर में काफ़ी थका हुआ था इसलिए में पूरा सीन नहीं देख सका और ना जाने कब मुझे नींद आ गई? मुझे पता भी नहीं चला. फिर उस दिन के बाद से मैंने अपनी सेक्सी बहन को नोटिस करना चालू कर दिया, उसका फिगर वग़ैराह जब वो झाड़ू लगाने के लिए झुकती थी तो इतनी प्यारी क्लीवेज नजर आती थी कि वो किसी हिरोइन से कम होगी. फिर मैंने उससे फ्री होना शुरू किया, मतलब ये कि फ्री तो हम पहले भी थे, लेकिन में उसके और पास हो गया और उससे हर बात शेयर करने लगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#32
अब हम दोनों रात को अपनी-अपनी बातें एक दूसरे से शेयर करते थे और हँसी मज़ाक में धक्का मारना, सिर पर थप्पड़ लगाना, गुदगुदी करना वग़ैराह, तो कई बार गुदगुदी करते-करते मेरा हाथ उसके बूब्स से टच हुआ और में भी बगैर अंडरवेयर के उसके साथ उसको गुदगुदी करता. फिर वो भी मुझे गुदगुदी करती और उसका हाथ मेरे लंड से कई बार टकरा चुका था. बस यही चीज तो में चाहता था कि मेरी बहन ये जान जाए कि में सिर्फ़ उसका भाई नहीं बल्कि एक आम लड़का हूँ और मेरे पास भी वो औजार है जो लड़कियों को शांत कर देता है.

फिर एक रात हम दोनों बातें करते-करते सो गये. फिर थोड़ी देर के बाद मुझे बेड हिलने की आवाज़ आई तो मैंने देखा कि मेरी बहन पहले की तरह अपनी चूत सहलाकर मज़े ले रही थी. फिर मैंने दूसरी तरफ अपना मुँह किया और उल्टा लेट गया और मैंने भी बेड के ऊपर ज़ोर-ज़ोर से हिलना और धक्के देना शुरू कर दिया, तो बेड हिलने की आवाज़ से वो रुक गई और शायद मेरी तरफ पलटकर देखने लगी. अब मेरा मुँह उसकी दूसरी साईड में था इसलिए मैंने उसे नहीं देखा था कि वो अब क्या कर रही है. फिर में अपना लंड पकड़कर सहलाने लगा और बेड पर झटके देने लगा. अब मुझे उसे सिर्फ़ ये दिखाना था कि में भी उसकी तरह गर्म हूँ.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#33
फिर अगले दिन में जानबूझकर उसके करीब-करीब रहने लगा ताकि मुझे मौका मिले तो में उसकी क्लीवेज देख सकूँ और उसे टच कर सकूँ. अब में यह सब उसे ये जताने के लिए कर रहा था कि उसे ये अहसास हो की मेरी उसमें दिलचस्पी है. अब पहले तो वो दुप्पटा गिर जाने पर फिर से उसे सही कर रही थी, लेकिन फिर उसने अपना दुप्पटा भी हटा दिया, जिससे मुझे उसकी क्लीवेज देखने का और मौका मिल गया. अब मुझे भी ये अहसास होने लगा था कि ये भी मुझे अपनी बॉडी और फिगर दिखना चाहती है. अब उस रात भी वो फिंगरिंग कर रही थी और अपने हिप्स हिला-हिलाकर मज़े ले रही थी, उसकी पीठ मेरी तरफ रहती थी.

अब में आपको यहाँ बताता चाहता हूँ कि मेरे बेड और उसके बेड में थोड़ा सा ही फासला है और अगर में अपने बेड के आखरी पर आकर उसे टच करने की कोशिश करूँ तो मुश्किल से सही, लेकिन टच हो जाएगा. अब उस वक़्त मुझसे सब्र ही नहीं हो रहा था और फिर मैंने अपना एक पैर उसके हिप्स से लगा दिया, तो वो तुरंत रुक गई और मेरी तरफ देखने लगी, तो में सोने का नाटक करने लगा. फिर उसने थोड़ी देर के बाद मेरा पैर अपने हिप्स से हटा दिया और फिर हम सो गये.
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#34
ब अगली सुबह वो मुझे बहुत ही अजीब सी निगाहों से देख रही थी. फिर में उसके पास गया और उसे गुदगुदी करने लगा तो वो भी पलटकर मुझे गुदगुदी करने लगी. फिर मैंने उसका एक हाथ पकड़कर अपने लंड से टच करवाया तो उसने अपना हाथ हटा दिया और ऐसा बर्ताव किया कि जैसे में उसे सिर्फ़ गुदगुदी करने से रोकना चाह रहा था. फिर अगली रात में नींद में था कि अचानक से मेरी आँख खुली तो मुझे महसूस हुआ कि कोई भारी चीज मेरे लंड के ऊपर रखी हुई है तो मैंने देखा तो पता चला कि वो मेरी बहन का पैर था.ब में हैरान रह गया था कि ये भी मेरे लंड में दिलचस्पी ले रही है. अब मेरा लंड खड़ा हो चुका था और में बहुत गर्म हो रहा था. फिर मैंने अपने एक हाथ से उसके पैर को अपने लंड पर रगड़ना शुरू कर दिया. फिर मैंने सोचा कि अगर मेरा पानी निकल गया, तो उसका पैर गंदा हो ज़ाएगा, इसलिए मैंने बाथरूम में जाकर मुठ मार ली.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#35
ब इससे मुझे ये तो पता चल गया था कि आग दोनों तरफ लगी हुई है. अब दोपहर के वक़्त अब्बू ऑफिस में होते है और हमारी अम्मी कॉलेज में टीचर है, तो वो कॉलेज में होती है. मेरी बहन यूनिवर्सिटी से 2 बजे तक वापस आ जाती है और उन दिनों मेरी मेट्रिक के बाद छुट्टियाँ थी तो दोपहर के वक़्त में और मेरी बहन घर में अकेले होते है. अब उस दिन मैंने सोच लिया था कि बेटा आज तो कुछ ना कुछ करके ही रहना है. फिर मैंने एक कंडोम का पैकेट खरीद लिया और उसका घर आने का इंतज़ार करने लगा.

फिर थोड़ी देर के बाद वो घर आ गई और फिर उसके बाद वो नहाई और फिर खाना खाकर पढ़ने लगी. तो में उसको छेड़ने लगा, तो वो मुझे मज़ाक में मारने के लिए मेरे पीछे रूम तक आई. अब मैंने पहले से ही रूम के खिड़की और पर्दे बंद किए हुए थे. फिर मैंने उसे गुदगुदी करना शुरू कर दिया तो वो हँसते-हँसते बेड पर गिर गई, तो में उसके ऊपर चढ़कर बैठ गया. अब इस तरह की हरकतों में मेरा लंड उसकी चूत से टकराने से खड़ा हो चुका था. फिर में उसे गुदगुदी करने लगा और उसका एक बूब्स दबा दिया. फिर मैंने उसका चेहरा अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया तो उसने कहा कि तुम ये क्या कर रहे हो? फिर मैंने उसे किस करना शुरू कर दिया तो उसने मुझे हटा दिया. फिर पहले तो में डर गया कि वो नाराज हो ज़ाएगी, लेकिन फिर उसके चेहरे पर स्माइल देखकर में समझ गया कि वो अब बोतल में उतर चुकी है.

फिर उसने कहा कि ये सही नहीं है, तुम ये क्या कर रहे हो? हम दोनों भाई बहन है. फिर मैंने उससे कहा कि देखो तुम एक लड़की हो और में एक लड़का हूँ, हमारी कुछ सेक्स कि इच्छा होती है, क्या तुमने कल मेरे लंड पर अपना पैर नहीं रखा था? और फिर मैंने मुस्कुराते हुए उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए और उसके होंठो को चूसने लगा और अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स दबाने लगा. फिर उसने कहा कि अपना लंड पकड़वाओ.
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#36
मैंने तुरंत अपनी पेंट उतारी और अपना लंड उसके हाथ में दे दिया तो वो मेरे लंड को सहलाने लगी और फिर अपने मुँह में लेकर चूसने लगी, उफफफ्फ कितना मज़ा आ रहा था? फिर मैंने उससे कहा कि 1 मिनट रूको अपनी कमीज उतारो. फिर उसने अपनी कमीज और ब्रा उतार दी और फिर से मेरा लंड चूसने लगी. अब में उसके बूब्स दबा रहा था. फिर मैंने अपनी शर्ट उतार दी और उससे उसकी सलवार उतारने को कहा तो उसने झट से अपनी सलवार उतार दी. अब में ज़िंदगी में पहली बार किसी लड़की को नंगा देख रहा था.फिर उसने अपनी पेंटी उतारी और फिर से मेरा लंड पकड़कर अपने मुँह में अंदर बाहर करने लगी. अब मेरी इच्छा बढ़ रही थी तो मैंने सोचा कि अगर इतनी जल्दी पानी निकल गया तो मज़ा नहीं आएगा. फिर मैंने उसका मुँह अपने लंड से हटाया और अलमारी से कंडोम का पैकेट निकाला और एक कंडोम अपने लंड पर चढ़ा लिया. अब वो समझ गई थी की में क्या करना चाह रहा था? फिर जब में कंडोम पहनकर उसकी तरफ पलटा तो वो बेड पर लेटी हुई अपनी चूत में उँगलियाँ कर रही थी.
में उसके ऊपर आया और फिर अपनी पोज़िशन ली और फिर आहिस्ता-आहिस्ता अपना लंड उसकी चूत में अंदर करने लगा तो उसके मुँह से दर्द की वजह से हल्की-हल्की आह, आह की आवाजे निकलने लगी. फिर जब मेरा पूरा लंड उसकी चूत में अंदर अंदर चला गया तो मैंने अपना लंड बाहर निकालकर फिर से अंदर किया और फिर बाहर निकाला, फिर अंदर किया और इस तरह से झटके देने लगा और फिर अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स दबाने लगा और उसे किस करने लगा.
फिर थोड़ी देर के बाद मुझे अचानक से ऐसा लगा कि उसकी चूत सिकुड़ रही है और फिर मेरा पानी निकल गया और उसका भी पानी निकला और हम दोनों शांत हो गये और ऐसे ही एक दूसरे से चिपककर सो गये. [Image: FaceApp_1611747815941_copy_347x400.jpg]
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#37
बहन के साथ
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#38
तब की बात है जब एक दिन में अपनी कोचिंग से अपने घर पर आया, तो मैंने घर आकर देखा तो उस दिन मेरी तीन बहनें आई हुई थी, जो कि मेरी मौसी की लड़कियाँ थी, उनमें से एक का नाम सीमा जिसकी उम्र तब करीब 23 साल की होगी, दूसरी का नाम टीना उसकी उम्र करीब 21 साल की होगी और तीसरी का नाम रीमा जिसकी उम्र उस समय 18 साल के क़रीब होगी.
दोस्तों में उनको देखकर बहुत खुश हुआ और वो भी मुझसे मिलकर बड़ी खुश थी और उनकी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था, क्योंकि हम सभी बहुत दिनों के बाद एक दूसरे से मिल रहे थे और मेरी उन सभी से बहुत ही अच्छी बातचीत थी. में उन सभी के साथ बिल्कुल फ्री था और वो भी मेरे साथ बहुत फ्री थी, मुझसे वो लोग हमेशा अपनी सभी बातें किया करती और मुझसे कुछ भी नहीं छुपाती थी और वैसा ही मेरा भी हाल था.
मुझे पता चला कि वो लोग हमारे घर पर बस दो दिन के लिए रहने आए हुए थे, में उनके साथ बड़े मज़े मस्ती करते हुए बहुत आराम से खुश रहा और फिर दो दिन के बाद जब में उस दिन अपनी कोचिंग से वापस लौटकर आया तो मैंने देखा कि तब तक मेरी दो बहने वापस अपने घर जा चुकी थी, लेकिन उनमें से एक बहन को मेरी माँ ने घर पर थोड़े बहुत काम होने की वजह से उसको उनकी मदद करने के लिए रोक लिया था.
दोस्तों वैसे हमारे परिवार में हम सिर्फ़ तीन ही लोग है, में मेरी बहन और मेरी माँ और मेरे पापा बाहर विदेश में रहते है. दोस्तों मेरी बहन जो घर पर रुकी हुई थी, उसका नाम टीना था और उसका फिगर बहुत ही सेक्सी था और उसने एकदम टाईट कपड़े पहने हुए थे, जिससे उसके बूब्स बहुत ही सेक्सी आकर्षक लग रहे थे.
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#39
में अपने मन की सच्ची बात कहूँ तो मेरी उस पर नियत शुरू से ही खराब थी, लेकिन में उसके साथ ऐसा कुछ भी करने से बहुत ज्यादा डरता था, लेकिन फिर सेक्सी कहानियाँ पढ़ने की वजह से मुझमें धीरे धीरे थोड़ी हिम्मत आ गई और में धीरे धीरे उससे एकदम खुलकर बातें मस्ती मजाक करने लगा और उसको अपनी तरफ से में पूरी तरह से खुश करने की कोशिश करने लगा, लेकिन वो मेरी बहुत कोशिश करने के बाद भी मुझे वो कोई भी सिग्नल नहीं दे रही थी और में उसके पीछे बहुत पागल हो गया था, लेकिन में क्या करता? में कुछ कर भी नहीं सकता था.

जब रात हुई तो वो हमारे साथ बैठकर खाना खाने और फिर बातें हंसी मजाक करने के बाद मेरी बहन के कमरे में मेरी बहन के साथ ही सो गई, लेकिन मुझे अब बिल्कुल भी नींद नहीं आ रही थी और बार बार मेरे विचारों में वो ही आ रही थी, इसलिए में उसके बारे में सोचता ही रहा. फिर करीब रात के तीन बजे में उठा और में हिम्मत करके उनके कमरे में जाकर उसके पैरों की तरफ जाकर लेट गया.
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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#40
मेरी एक आदत है कि में हमेशा रात को एक जगह पर नहीं सोता हूँ और में कभी एक कमरे में तो कभी उठकर में दूसरे कमरे में चला जाता हूँ और कभी बाहर बरामदे में जाकर में सो जाता हूँ और इसलिए मेरी उस आदत के बारे में मेरी बहन और माँ को भी बहुत अच्छी तरह से पता है और उस बात का फायदा उठाकर में बिना किसी डर के में उन दोनों के पैरों की तरफ जाकर लेट गया.

मैंने कुछ देर बाद उसके पैर पर अपना हाथ रख दिया और में उसको सहलाने लगा. तब मैंने छूकर महसूस किया कि उसके पैर बहुत ही मुलायम चिकने थे और मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था और फिर कुछ देर बाद मैंने उसके पैर पर एक किस किया, में तब भी उसके पैर को सहला रहा था और किस करता रहा.

अब मैंने उसकी तरफ से थोड़ी सी हलचल महसूस की, शायद मेरे कामों की वजह से वो अब जाग चुकी थी, लेकिन अब वो मेरे सामने सोने का नाटक कर रही थी और जब मुझे उसकी हरकत से पूरी तरह से विश्वास हो गया कि वो अब जाग रही है और बस सोने का नाटक कर रही है. फिर में तुरंत समझ गया कि वो अब गरम हो चुकी है और वो भी अपने साथ यही सब मुझसे करवाना चाहती है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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