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11-06-2022, 05:03 PM
(This post was last modified: 11-06-2022, 05:10 PM by Aryanraaj69. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
कहानी हैं सरायपुर गांव की।।।।
ये छोटा सा गांव UP के मिर्जापुर के पास था। लगभग सौ घर होगे इस गांव में।।
यहां के लोग ज्यादातर गरीब और मजदूर तबगे के थे।।
गांव में बस कुछ लोगो के पास अपनी जमीन थी वो भी इतनी कम थी कि मुश्किल से अपना और अपने परिवार का गुजारा चला पाते थे।
इसी गांव के मुखिया थे ठाकुर सुरज सिंह।।
जो इस गांव और आस-पास के लगभग सारी जमीन के मालिक थे।
गांव के बीचों-बीच इनकी बड़ी सी हवेली थी।
हवेली इतनी बड़ी और आलिशन थी कि गांव के लगभग सारे लोग आराम से में आ जाए।।
ठाकुर साहब का शान ऐसा था कि गांव मे किसी कि हिम्मत न थी इनके सामने कुछ बोलने की।
गांव के लगभग सारे लोग ठाकुर के खेत में काम करते थे।
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Osm plot bhidu ...dekhte hai story kaisi hoti hai...
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11-06-2022, 08:58 PM
(This post was last modified: 11-06-2022, 09:02 PM by Aryanraaj69. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
ठाकुर साहब कि उम्र 42 साल थी।। ठाकुर सुरज सिंह का इस दुनिया में कोई नहीं ।।
एक समय था कि ठाकुर का भरा पुरा परिवार था-बीवी,दो बच्चे ,मां ,एक बहन और एक भाई।।।
लेकिन 5 साल पहले शहर किसी काम से जाते समय सड़क दुर्घटना में इन सब कि मृत्यु हो गई।
उसके बाद ठाकुर सुरज सिंह ने दुसरी शादी के बारे में नहीं सोचा।।
ऐसा नहीं था कि ठाकुर शरीफ था शादी के पहले और बाद में भी ना जाने गांव कि कितनी बहु बेटियों का बुर और गांड का भोसरा बना दिया था।
गांव के किसी भी घर में जब भी किसी को पैसो कि जरूरत हो तब वो ठाकुर से मदत लेता था।।
ठाकुर भी कभी किसी को पैसे के लिए मना नहीं करता था।
लेकिन पैसे के ऊपर ब्याज बहुत लेता था।
पैसे और ब्याज न मिलने पर ठाकुर उनकी बीवी बेटी बहु और बहन से अपना सुद और मुल वसूलता हैं।
ठाकुर इतना हरामी हैं कि अगर उसे गांव मे कोइ औरत या लड़की पसंद आ जाए तो उसे कैसे भी चोद के रहता हैं।
और एक बार जो ठाकुर के लंड से चुद जाए वो ठाकुर की दिवानी हो जाती थी।
एक तो ठाकुर 6 फिट का लम्बा चौड़ा था ऊपर से 9" लम्बा और 2" मोटा लंड।।।
ठाकुर एक बार जो चोदना शुरू करता वो 2-3 घंटे के पहले रूकता ही नहीं।।।
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ऐसे ही ठाकुर कि नजर बहुत दिनो से धनसुख कि बीवी चम्पा और उसकी बेटी सीता और गीता पर थी।
धनसुख का गांव में ही एक छोटा सा किराने कि दुकान थी जो धनसुख और उसकी बीवी चम्पा मिल कर चलाते थे।
धनसुख कि उम्र 42 कि होगी पर ज्यादा दारू पीने के कारण धनसुख का शरीर एक दम मरियल की तरह हो गया था।
पर धनसुख कि बीवी चम्पा एक दम गदराई माल थी चम्पा की उम्र लगभग 35 होगी।
चम्पा एक दम दुध कि तरह गोरी थी और उसके चुची और गांड ऐसे कि किसी का भी देख लंड खड़ा हो जाएगा।
धनसुख और चम्पा के दो बेटे रामु और सामु थे और दो बेटी थी सीता और गीता।
धनसुख के दोनो बेटे ठाकुर साहब के खेत मे काम करते।
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12-06-2022, 02:19 AM
(This post was last modified: 12-06-2022, 02:42 AM by Aryanraaj69. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
धनसुख अक्सर दारू पीने के लिए ठाकुर साहब से पैसा लेता रहता था और ठाकुर भी धनसुख को पैसा दे देता था।
ये जानते हुए भी कि धनसुख पैसे वापस नही कर पाएगा ठाकुर बस चम्पा और उसकी दोनो बेटियों को भोगने के लालच में धनसुख जितने पैसा मांगता उतना दे देता था।
एक दिन ठाकुर अपने हवेली के बाहर अपने बगीच मे बैठा आरम कर रहा था तभी ठाकुर का खास आदमी हरीया आता है और बोलता है - मालिक धनसुख आया है और पैसे मांग रहा है।
ठाकुर- अच्छा फिर आ गया वो कमीना जरा ले आ उसे मेरे पास आज उसका हिसाब करता हुॅ।
हरिया - ठीक है मालिक।
ये बोल हरिया चला जाता है।
कुछ देर बाद ठाकुर के दो आदमी धनसुख को पकड़े हुए हरिया के साथ ठाकुर के पास आते है।
और
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और धनसुख को ठाकुर के पैर में पटक देते हैं।
ठाकुर- क्यों रे धनसुख तुने बोला था पिछले महिने सारा पैसा दे देगा लेकिन तुम तो फिर पैसे लेने आ गया।
धनसुख ठाकुर के पैरो में गिर कर - मालिक माफ कर दो मालिक लेकिन क्या करू इतने पैसे मै कहा से लाउ। एक छोटी सी दुकान हैं वो भी आज कल नहीं चल रहा हैं।
ठाकुर- (गुस्से से) अबे साले दुकान कैसे चलेगा पुरे दिन दारू पि कर कही पड़ा रहेगा तो दुकान कैसे चलेगी। मैं कुछ नहीं जानता मुझे मेरे पैसे चाहीए।
ये सुन धनसुख का डर से हाल खराब हो गया।
धनसुख(डरते-डरते) - मालिक मुझे माफ कर दो मालिक।
ठाकुर- सुन बे साले अगर तुने मेरे पैसे नही दिये तो तेरा घर और दुकान सब ले लुगा और तो और तुझे और तेरे बेटों की मार मार कर चमरी उधेर दुगा।।
धनसुख (ठाकुर के पैरो में गिर के)- माफी कर दो मालिक माफ कर दो आप जो बोलोगे वो करूंगा ।
ठाकुर- देख धनसुख तेरी औकात नहीं है मेरे पैसे देने कि तु एक काम कर अपनी पत्नी चम्पा और दोनो बेटियों को मेरे पास हवेली मे भेज दे कल से वो यहां काम करेगी तो तेरा कर्ज भी कम होगा और मैं तुझे रोज दारू का एक बोतल भी दुगा।।
ये सुन धनसुख कि आँखो मे चमक आ गई वैसे तो धनसुख अच्छे से जनता था की ठाकुर उसकी बीवी और दोनो बेटियों को हवेली में काम करने के लिए क्यो बुला रहा क्योकी ठाकुर पुरे गांव मे इसके लिए बदनाम हैं।
आज तक ऐसी कोई औरत या लड़की नही जो हवेली मे आई और बिना चुदे बाहर गई हो
लेकिन एक तो कर्ज का डर ऊपर से रोज दारू मिलने का लालच।
ठाकुर- बोल बे माधर क्या सोच रहा हैं।
धनसुख- कुछ नही मालिक सोचना क्या है आप जो बोलो सो मै कल से ही चम्पा सीता और गीता को काम पे भेज दुंगा।
।।।।।।
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यह सुन ठाकुर मन ही मन खुश होते हुए बोला- ठीक है धनसुख कल से तीनो को काम पे भेज दे।
ये सुन धनसुख ठाकुर के पैरो मे से उठा और जाने लगा।।
तो ठाकुर बोला - कहा जा रहा है अपना आज का कोटा तो लेटे जा।। (हरिया से) अरे ओ हरीया जा जाकर धनसुख को दारू की दो बोतल और आनाज की एक बोरी और 5000 रूपय दे दे।
ये सुन धनसुख खुशी से ठाकुर के पैर में गिर गया और बोला - बहुत- बहुत धन्यावाद मालिक।।।आप महान हो।।
ठाकुर- ठीक है अब जा।
धनसुख दारू कि बोतल आनाज और पैसे लेकर घर कि तरफ मस्त होके चल परा।।
घर पहुंच कर धनसुख ने देखा उसकी बीवी चम्पा घर के बाहर दुकान पे बैठी है।
धनसुख चम्पा के पास पहुंच कर उसके पास आनाज की बोरी रख दी।
आनाज कि बोरी देख चम्पा बोली- ये कहा से ले आया तु।
धनसुख जेब से पैसे निकाल देते हुए बोला- मालिक ने दिया है ये सब।
ये सुन चम्पा बोली - तुम फिर ठाकुर साहब से कर्जा ले आए, कहा से वापस करेगा तु ये सब।
धनसुख- नही नही कर्ज नही है ये मलिक ने खुश होकर दिया है ये सब।
चम्पा- क्यों ऐसा क्या हुआ जो ठाकुर साहब खुश होकर आनाज और इतना सारा पैसा दिया है तुझे।
धनसुख- वो मालिक ने आज पैसे वापस करने के लिए बोला तो मै उनके पैरो मे गिर गया और बोला कि मै कहा से पैसे वापस करू। तो मालिक ने बोला एक काम कर तु अपनी बीवी और दोनो बेटीयो को मेरे पास काम करने भेज दे बदले मे धीरे धीरे कर्ज भी खत्म हो जाएगा और तेरे घर का हाल भी कुछ सुधर जाएगा।
ये सुन चम्पा सारा माजरा समझ गई क्योकि ऐसे ही ठाकुर ने चम्पा कि पड़ोसन सोभा और उसकी बहु रश्मी को कर्ज के बदले काम करने को हवेली बुलाया था और दोनो को एक साथ खुब चोदता था।
एक बार तो खेत मे जाते हुए चम्पा ने छुप के ठाकुर को सोभा और रश्मी को चोदते देखा था।
उनकी चुदाई देख चम्पा का भी बुर पनीया गई थी।
चम्पा का भी मन ठाकुर से चुदवाने को करता था लेकिन उसे अपने बेटियो कि चिन्ता थी।
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चम्पा अच्छे से जानती हैं कि एक बार उसकी बेटिया हवेली चली गई तो ठाकुर उन्हे भी नही छोड़ेगा।।
लेकिन चम्पा के पास और कोई उपाय भी नही था क्योंकी उसके घर की माली हालत बहुत खराब थी पति पूरे समय दारू के नशे मे रहता था दोनो बेटो का भी वही हाल था दोनो पूरे दिन ठाकुर के खेत मे काम करते थे और शाम को सारा पैसा दारू मे बर्बाद कर देते है एक छोटी सी दुकान थी वो भी भगवान भरोसे चलता है।
अभी तक धनसुख और चम्पा का घर ठाकुर के पैसो से चलता है।
इसलिए चम्पा फैसला करती है कि अब जो होगा सो होगा कल से वो और उसकी बेटीया सीता और गीता ठाकुर के हवेली जाएगी काम करने।
इतना सोचते ही चम्पा का बुर ठाकुर के साथ चुदाई का सोच के ही पनीया गई।
इधर धनसुख चम्पा को काफी देर चुप देख बोलता है- क्या सोच रही है चम्पा ।
चम्पा- कुछ नही।
धनसुख- कल से जाएगी ना हवेली।
चम्पा- हा जाना तो पड़ेगा ।
धनसुख- ठीक है।
ये बोल धनसुख वहा से चला जाता है दारू पीने।
चम्पा भी दुकान से उठ कर घर के अंदर चली जाती है और अपनी दोनो बेटियो को आवाज देती है - सीता अरे ओ सीता कहा है
सीता कमरे से निकल कर बोलती है - हा माॅ बोलो
चम्पा - गीता कहा है
सीता - छत पे है माॅ
चम्पा - बलाव उसे
सीता कुछ देर मे गीता को बुला कर चम्पा के पास ले आती है
चम्पा - देखो कल से मै और तुम दोनो हवेली मे काम करने जाए।
ये सुन सीता और गीता सोच मे पर जाती है
(सीता और गीता बिल्कुल अपनी मां पर गई थी गोरा बदन गठिला शरीर
सीता कि उम्र 20 कि थी गोरा रंग लम्बे बाल गहरी आँखे गुलाबी होंठ सुराहीदार गर्दन 32 के चुचे पतली कमर 32 के गांड। कुल मिलाकर एक बेहद ही सुंदर लड़की।
वैसे ही गीता कि उम्र 18 की थी थोड़ी मोटी गोरा बदन बिल्कुल अपनी मां और बहन कि तरह मस्त माल।)
चम्पा- क्या सोच रही हो तुम दोनो।
सीता- कुछ नही मां बस थोड़ी चिन्ता हो रही है
चम्पा - चिन्ता मत करो बेटी बस कल जब हवेली जाव तो ठाकुर साहब जो भी कहे वो करना उनकी कोई भी बात को मना मत करना।।
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Very nice story...waiting for next update
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good begining..look forward to the next update.
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Good start. Champa को seduce karwae के chodna |
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13-06-2022, 11:19 AM
(This post was last modified: 13-06-2022, 11:19 AM by Aryanraaj69. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
ऐसे ही दिन बीत गई।
अगले दिन सुबह ठाकुर अपने आराम कुर्सी पर बैठा चाय पी रहा था तभी हवेली के गेट से चम्पा और उसकी बेटिया सितार और गीता अंदर आती दिखी ये देख ठाकुर की आँखे खुशी से चमक उठी। साथ मे ठाकुर का 9" लम्बा और 2" मोटा लंड झटका मारता है।
चम्पा ठाकुर के पास आकर - प्रणाम मालिक।
ठाकुर एक नजर चम्पा और उसकी बेटियो को देखता है ।। चम्पा लाल रंग के साड़ी मे एक दम कमाल लग रही थी वही उसकी बेटी सीता पीली सलवार कमीज मे और गीता हरी फ्राक मे अपनी मां को भी खुबसूरती मे पीछे छोड़ रही थी।
ठाकुर- कैसी है चम्पा (चम्पा के पुरे बदन को
घुरते हुए) तु तो आज कमाल लग रही है और तेरी बेटीया भी अब बड़ी हो गई है।
चम्पा - सब आपकी मेहरबानी है मालिक।( सीता-गीता से) ठाकुर साहब को प्रणाम करो बेटी।
सीता-गीता- प्रणाम मलिक।
ठाकुर (अपनी चाय की प्याली पास के टेबल पर रखते हुए) खुश रहो बेटा। इधर आव मेरे पास।
ये सुन सीता-गीता अपन मां के तरफ देखती है चम्पा इशारो मे उन दोनो को जाने को बोलती है।
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13-06-2022, 12:15 PM
(This post was last modified: 13-06-2022, 12:18 PM by Aryanraaj69. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
सीता गीता ठाकुर के पास जाती हैं तो ठाकुर गीता को खिंच कर अपनी गोद मे बैठा लिया जिससे गीता सिधा ठाकुर के लंड पे बैठ गई और बोला- देखू तो मै भी जरा मेरी बेटीया कितनी बड़ी हो गई है।
ये बोल सीता को अपने बगल मे खड़ा कर उसके सलवार के ऊपर से 32 के गांड पर हाथ रख सहलाने लगा।
गीता सीता से छोटी थी लेकिन वो सीता से थोड़ी मोटी थी और गीता के चुचे 34 के थे और गांड भी सीता से बड़े 34 के थे।
ठाकुर सीता की पूरे गांड को खुब मजे मे सहला रहा था।
जिसके कारण ठाकुर का 9" का लंड पूरा खड़ा हो गया और गीता के गांड मे चुभ रहा था।
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कुछ देर तक सीता के गांड को सहलाने के बाद ठाकुर ने अपना दुसरा हाथ सीता के पेट पर रख दिए और दुसरे हाथ से सीता के गांड के दरार मे डाल कर उसके गांड के छेद को सलवार और पैन्टि के ऊपर से कुरेदने लगा।
ठाकुर के ऐसा करते ही सीता का पुरा शरीर सिहर गया और चेहरा लाल हो गया था।
सीता के जवान बदन पर पहली बार किसी मर्द का हाथ परा था और वो भी उसके नाजुक अंग पे जिसके कारण सीता कि कुवारी बुर से पहली बार पानी टपकने लगा।।
और सीता का पैर कापने लगा।।।
कुछ देर तक ठाकुर सीता कि गांड के छेद को अपनी उंगली से सहलाने के बाद ठाकुर सीता को छोड़कर अपनी उंगलिया को अपने नाक के पास लाकर सुघा ।
ठाकुर के उंगली से सीता के गांड का महक आ रहा था जिसके कारण ठाकुर को और जोश आ गया।।
और उसका लंड जोर जोर से गीता के गांड पे झटके मारने लगा।
ठाकुर पुरी तरह से जोश मे आकर गीता को जो ठाकुर के गोद मे बैठी थी उसे जोर से अपने सीने से चिपका लिया और जोर से अपना लंड गीता के गांड मे रगड़ने लगा और जोर से गीता के गाल पर एक किस किया और बोला- वाह चम्पा तेरी दोनो बेटीया तो पुरी तरह से जवान हो गई है।।। अब तुम चिन्ता न कर तेरे और तेरे परिवार कि पूरी जिम्मेवारी मेरी।
ये बोल कर ठाकुर अपनी जीभ निकाल कर गीता की गालो को कुते कि तरह चाटने लगा।
गीता का भी हाल खराब हो गयी थी।
गीता अभी अभी जवानी कि दहलीज पे कदम रखी थी।
और ठाकुर का लंड अपनी गांड पर महसुस कर करके गीता का बुर बुरी तरह से पानी छोड़ रही थी।
इधर ठाकुर चम्पा के सामने ही गीता के गाल आंख नाक और हाथ को बुरी तरह से चाट रहा था।
और अपना लंड गीता के गांड मे रगड़ रहा था।
कभी देर तक ठाकुर गीता के चेहरे को चाटने के बाद छोड़ा।
गीता बुरी तरह से हाफ रही थी जिसके कारण गीता कि चुचीया ऊपर नीचे हो रही थी जिसे ठाकुर ललचायी नजरो से घुर रह था।
फिर पता नही क्या सोच कर गीता को अपनी गोद से उठा दिया।
और बोला (सीता-गीता से बोला) तुम दोनो थक गइ होगी जाव जा कर थोड़ा आराम कर लो।
गीता के ठाकुर के गोद से उठने के कारण ठाकुर का लंड धोती मे बड़ा सा तंबू बन गया था।
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ठाकुर सीता और गीता के नाजुक बदन से खेल कर बुरी तरह से जोश मे था जिसके कारण ठाकुर का लंड जोर जोर से झटके मार रहा था।
इधर चम्पा सामने खड़ी ठाकुर के लंड को धोती के ऊपर से घुरे जा रही थी।
ये देख कर ठाकुर मुस्कुराते हुए बोला - अरे ओ चम्पा कहा खो गई।
चम्पा - (हड़बड़ाहट मे) कही नही मालिक।
ठाकुर- हरिया अरे ओ हरिया
हरिया दौड़ कर आते हुए - जी मालिक।
ठाकुर- सीता और गीता को अंदर ले जा कुछ खिला पिला।।। चम्पा तु भी जा हरिया के साथ और तौलिया साबुन ले आए मै नहा लेता हुए
ये सुन हरिया सीता और गीता को अंदर चला गया साथ मे चम्पा भी चली गई ।
ठाकुर अपनी आरामकुर्सी से उठा और बगीचे मे बनी नल के पास जाकर बैठ गया।
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