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Adultery अंजलि
#41
Angel
Gia Derza



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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#42
(10-06-2022, 06:05 PM)neerathemall Wrote:
Angel




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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#43
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#44
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#45
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#46





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#47
(10-06-2022, 06:08 PM)neerathemall Wrote:
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#48
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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#49
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#50



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#51
(19-05-2022, 03:24 PM)neerathemall Wrote:
अंजलि
























..

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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#52
https://cdni.pornpics.com/1280/7/264/874...9_31b9.jpg[Image: 87447549_189_31b9.jpg]

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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#53
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#54
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#55
Dear Admin Pl make some Restriction This Cind of So Cold stories. There are Only 2 Post peregraf of story and Then Only Pic.
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#56
(19-05-2022, 03:24 PM)neerathemall Wrote: ये कहानी मेरी बहन अंजलि और मेरी है। मेरी बहन अंजली और मैं, अपनी मां के साथ, एक छोटे से शहर में रहते हैं, जहां पर मेरी विधवा मां अपने दो पुत्रियों यानी हम दोनों के साथ अपने घर में रहती है। मां एक प्राइवेट कंपनी में नर्स का काम करती है और हम दोनों पढ़ाई करती हैं।
मेरी उम्र 18 साल की है और मेरी बहन की उम्र 23 साल की है। मैं हाई कॉलेज बहुत मुश्किल से पास कर चुकी हूं, दो बार फेल होने के बाद। कंपार्टमेंट एग्जाम निकाला है और अभी 12वीं की छात्रा हूं ।मेरी बहन स्नातक कर रही है और एक कॉलेज में पढ़ती है।
चुकी मेरी बहन पढ़ने में तेज है, इसलिए मैं ईर्ष्या भी करती हूं।
एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार की जिंदगी जिस प्रकार की होनी चाहिए, ठीक उसी प्रकार की जिंदगी हमारी है, जो आराम से कट रही है।माता जी नौकरी करती है, हम पढ़ाई करते हैं। हमारा दैनिक जीवन इसी दिनचर्या पर आधारित है और दिन गुजरते जा रहे हैं।
मेरी बहन बहुत ही खूबसूरत है यदि आप उसे देखेंगे तो उसका रूप इस प्रकार का है कि आप उसे कुछ देर तो निहारते रहेंगे ।उसका चक्कर कॉलेज में कुछ लड़कों के साथ था लेकिन कुल मिलाकर वह एक शर्मीली लड़की के रूप में ही जानी जाती हैं।एक ऐसी लड़की, जिस पर मां भरोसा कर सकती है,और समाज भी उसे इज्जत दे सकता है।
हमारी परिवार की दिनचर्या सामान्य ढंग से चल रही थी और उसमें किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं थी ।समस्या उत्पन्न होनी शुरू हुई....इसकी कथा की यात्रा अलग से...
दीदी एक पढ़ाकू लड़की थी और मोहल्ले में हमारी पहचान पढ़ने लिखने वाली और अपने काम से काम रखने वाली लड़कियों की तरह ही थी।मोहल्ले वाले हमारे परिवार को इज्जत की निगाह से देखते थे क्योंकि उनका यह मानना था कि ये लड़कियां आज के आधुनिकता वादी समाज में भी संस्कारों से बंधी हुई हैं।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#57
(19-05-2022, 03:40 PM)neerathemall Wrote: माता जी के गांव जाने के बाद दीदी घर पर ही रहती।वह कॉलेज भी नहीं जाती थी।दिन भर किताबों में डूबी रहती थी।
पहले तो मुझे लगा कि यह भी कोई नया ढोंग है। लेकिन चुकीं दीदी पढ़ने की शौकीन थी, इसलिए यह लगने लगा कि शायद अपनी पूर्व के कृत्यों के कारण वह शर्मिंदा अनुभव कर रही हैं और अपने आप को सुधारने का प्रयास कर रही हैं ।
मैंने चुपचाप उनको कई बार कमरे में रोते हुए भी देखा था ।
जब मैं उसे यह कहती कि वो क्यों रो रही है? तो, मुझे चुप करा देती।फिर भी मेरी और उनकी बातचीत कम हो पाती थी। मैं उन्हें डिस्टर्ब करने का प्रयास नहीं करती थी क्योंकि मुझे लगता था कि वह अपनी आदतों को सुधारने का प्रयास कर रही हैं।
जो लड़के दीदी को बार-बार स्टोक किया करते थे,उनका भी आना जाना बहुत ही कम हो गया था। इसलिए एक तरफ से शांति का अनुभव हो रहा था।
बगल वाली अंकल आंटी के ट्रांसफर होके चले जाने के बाद दीदी को मानसिक शांति का आभास हो रहा था, क्योंकि माताजी को बताने वाला कोई नहीं था।
इसलिए उन्होंने भी चैन की सांस ली। माताजी इस बार लंबे समय के लिए गांव गए थीं। खेती का सीजन था और खेती कराने का पूरा कार्यभार उन्हीं के कंधों पर था।

Smile
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#58
Ye story hai ya pic section?
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#59
(13-06-2022, 06:12 AM)Urmila1 Wrote: Shy Namaskar
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#60

मेरे बड़े साले की पत्नी








मेरा नाम कमलेश है और में 30 साल का हूँ और मेरे साथ जो लड़की इस कहानी में है उसका नाम दीपिका है और उसकी उम्र 32 है और वो मेरे बड़े साले की पत्नी है. यह कहानी करीब एक साल पहले की है. में बंगाल का रहने वाला हूँ और में एक बंगाली हूँ. मेरी शादी को अभी दो साल से भी ज़्यादा टाइम हो गया है, लेकिन यह घटना जब हुई थी तब मेरी शादी को एक साल हुआ था. मेरी सगाई होने के बाद में अक्सर मेरे ससुराल जाया करता थाज मेरे ससुर के तीन लड़के और तीन लड़कियां है. और इसमें दीपिका मेरे दूसरे नंबर के साले की पत्नी है और बाकी के दो साले शहर से बाहर रहते है. तो इसलिए जब भी में मेरे ससुर के घर जाता था तो में मेरे साले की पत्नी के साथ बहुत हंसी मज़ाक करता रहता था.
और वो भी मुझसे और मेरी पत्नी को मिलने के लिए मुझे अपने ससुराल बुलाती थी, लेकिन उस टाइम मेरे मन में ऐसा कुछ नहीं था कि में इसके साथ इस तरह तक सेक्स में आगे बढूंगा? तो सगाई के एक साल बाद मेरी शादी हो गई और मेरी पत्नी भी मुझे बहुत अच्छा सेक्स में साथ देती थी.
लेकिन हुआ यह कि शादी के बाद जब में पहली बार मेरे ससुर के घर गया तो में दामाद था और अपने ससुर के घर पर मेरी बहुत अच्छी तरह स्वागत हुआ और दीपिका मेरा बहुत अच्छा ख्याल रखती थी. फिर उसके बाद जब मेरा साला और उसकी पत्नी (दीपिका) जब पहली बार मेरे घर पर आए तो में उसे बहुत जगह पर घुमाने लेकर गया.
मेरा साला बहुत बार अपने दूसरे रिश्तेदार के घर पर जाता तो में, मेरी पत्नी और दीपिका साथ में शॉपिंग के लिए भी जाते और उसको में बहुत बार शॉपिंग करवाता था. और हम जब भी में उसके साथ जाता तो में सब चीज़ उसको पहनकर देखकर लाने को कहता था और पहनाकर भी देखता था.
और उस टाईम पहली बार हुआ कि मेरी पत्नी घूमते समय मुझसे अलग हो गई और मेरे साले की पत्नी एक फिटिंग वाली ड्रेस पहनकर देखने के लिए ट्रायल रूम में गई थी तो वो जब वापस बाहर आई तो दिखाने के लिए तब कोई नहीं था. उसने मुझे कॉल किया तो में आ गया क्योंकि मेरी पत्नी का मोबाईल कार में पड़ा हुआ था, उसने मुझसे पूछा कि मेरी पत्नी कहाँ है?
तो मैंने उससे कहा कि में भी उसे बहुत देर से ढूँढ रहा हूँ, लेकिन वो ना जाने कहाँ चली गई है? तब उसने मुझसे बोला कि अब इस ड्रेस का क्या करें? तो मैंने उसे बताया कि इस ड्रेस में आप बहुत अच्छी लग रही हो और इसकी फिटिंग भी बहुत अच्छी आ रही है.
उसने अब उस ड्रेस को रख लिया और बाद में ट्रायल रूम से बाहर आकर उसने बोला कि मुझे तो और भी शॉपिंग करनी है, लेकिन सबसे पहले उसे ढूँढते है तो मैंने उससे कहा कि तुम टेंशन मत लो, थोड़ी देर में वो मिल जाएगी और आपको जो भी शॉपिंग करनी है में करवाता हूँ और अब उसे में अच्छी अच्छी ड्रेस दिखाने लगा और हर बार ट्रायल करवाने लगा. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
उसने बहुत सारी शॉपिंग की और वो मेरी पसंद से भी खुश हो गई और मॉल से जाते हुये वो अंडरगार्मेंट्स के पास जाकर रुक गई और अब वो सोचने लगी कि अब क्या करें? लेकिन उसे पहले से ही पता था कि में बहुत खुले दिमाग का हूँ तो मैंने उससे पूछा कि लेना है? “
तो वो थोड़ा सा शरमा गई, लेकिन जब मैंने बोला तो वो अपनी साइज़ देखने लगी और थोड़ी देर के बाद में भी उसे मदद करने लगा और कहा कि इसमे ब्रांडेड ही पहनना चाहिए जिससे कि अपनी साईज़ अच्छी रहती है. उस टाईम मुझे पता चला कि वो 32 साईज की ब्रा पहनती है, तो मैंने उसे मज़ाक मज़ाक में बोला कि क्यों इसको ट्राई नहीं करना है? तो उसने भी जवाब दिया कि बाद में दिखाउंगी किसको?
मैंने कहा कि लेकिन में अभी तैयार हूँ, तो वो मुस्कुराकर पैसे वाले काउंटर पर चली गई और वहां पर मैंने सब बिल दे दिया और फिर मेरी पत्नी भी मिल गई. उसके बाद हमने बाहर खाना खाया और घर पर आए तो वो मेरे सामने देख ही नहीं रही थी और उसके दूसरे दिन हम सब लोगों को बाहर एक रिश्तेदार कर यहाँ पर खाना खाने जाना था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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