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“विनोद! (मेरे फूफा जी) तुमसे शादी करके मेरी जिन्दगी खराब हो गयी। एक भी रात मेरी प्यास नही बुझी!! तुम मर्द नही नामर्द हो। अगर मुझे पता होता तो तुमसे शादी नही करती” बुआ तेज तेज चिल्लाकर कहने लगी।
“तो जा किसी और से चुदवा लिया कर और अपनी जवानी की प्यास बुझा लिया कर। अन्नू का लौड़ा क्यों नही खा लेती। वो भी तो अब जवान हो गया है” फूफा जी बोले
“हाँ हाँ चुदवा लुंगी। अगर तुम मेरी प्यास नही बुझा सकते तो अन्नू से जरुर चुदवा लुंगी” बुआ जी बोली
दोस्तों जब मैंने ये सब बात सुनी तो मुझे काफी अजीब लगा। कुछ देर बाद दोनों की बहस ख़त्म हो गयी। दोनों जाकर बेड पर लेट गए और दूर दूर होकर सो गये। सुबह फूफा जी अपने काम पर चले गये। दोस्तों पता नही क्यों सुबह सुबह मुझे BF देखने में कुछ जादा ही मजा मिलता था। मैंने अपना कम्प्यूटर ऑन किया और ब्लू फिल्म देखने लगा। धीरे धीरे मैंने अपने हाफ पेंट को नीचे उतार दिया और सोफे पर बैठकर ही लंड को हाथ में लेकर मुठ मारने लगा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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“ओह्ह ….बुआ जी!!” मेरे मुंह से निकला। पर तब तक दोस्तों मैं झड़ने वाला हो गया और खुद को रोक न सका और बुआ के सामने ही मेरे लौड़े से अपनी पिचकारी छोड़ने शुरू कर दी।
“तो सुबह सुबह ये पढ़ाई चल रही है। गरमा गर्म चुदाई और कामशास्त्र वाली पढ़ाई” बुआ जी मेरी हालत बोलकर बोली
दोस्तों शर्म से मैं गीला हो गया और इतनी हिम्मत न थी की अपने हाफ पेंट को उपर खीच लेता। बुआ जी को मेरा लंड और गोलियां दिख गयी।
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“वो बुआ जी मैं…मैं… पढने जा ही रहा” मैं बहाने सोच ही रहा था की बुआ ने मुझे बीच में रोक दिया
“बहाने मारने की कोई जरूरत नही है” बुआ जी बोली और मेरे पास आकर बैठ गयी। मेरे लंड को पकड़ लिया और फिर से फेटने लगी। मैंने कुछ नही बोला। क्यूंकि मैं कुछ समझ नही पा रहा था।
“अन्नू बेटे!! आज तू मुठ मत मार। असली वाली चूत को चोद !! बुआ जी बोली फिर मेरे बगल ही बैठ गयी और अपने ब्लाउस के उपर से साड़ी का पल्लू हटा दिया। फिर ब्लाउस की बटन खुद ही खोलने लगी। जैसे जैसे उन्होंने ब्लाउस उतारना शुरू किया उनके सुडौल और सेक्सी जिस्म का दर्शन मुझे होने लगा। ब्लाउस निकल गया। अब बुआ के 36” के दूध पिंक ब्रा में कैद थे जिसमे सफ़ेद रंग की बिंदी बिंदी बनी हुई थी
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“बता अन्नू!! कैसी दिखती हूँ मैं। आओ मुझसे प्यार करो। डरने को कोई बात नही” बुआ जी बोली
“क्या सच में बुआ जी!! कही ये कोई मजाक तो नही??” मैंने पूछा
“नही बेटे!! तू आज मुठ मत मार। सीधा असली चूत को चोद!!” बुआ जी बोली
उसके बाद मैं भी अपनी जवानी के जोश में आ गया। मैं भी 23 साल का जवान मर्द था और चूत के वियोग में जी रहा था पर आज तो दोस्तों चूत का जुगाड़ मेरे घर में ही हो गया था। मैंने भी बुआ को पकड़ लिया और सीने से चिपका लिया। उसके बाद उसके गोरे गोरे गालो पर चुम्बन और किस की बरसात कर दी। मेरी बुआ जी काफी चिकनी और गोरी चिट्टी माल थी। बिलकुल मैदे जैसे सफ़ेद रखी थी तापसी पन्नू की तरह। मैं भी उनके गाल और गले पर जोश में आकर किस करने लगा।
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वो पूरा साथ दे रही थी। ब्रा के उपर से मैंने उसके बड़े बड़े हॉर्न (दूध) पर हाथ रख दिया और दबाने लगा। ऐसा करने से बुआ जी गर्म होने लगी और “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….”करने लगी। फिर बुआ को सोफे पर पीछे साइड झुका दिया और उसके मुंह पर मुंह रख दिया और बड़े जोश में आकर उनके होठ चूसने लगा। दोस्तों आप लोगो को बताना भूल गया की बुआ जी के लब बहुत गुलाबी थे। बिना मेकअप और बिना किसी लिपस्टिक के ही उनके लब इतने गुलाबी लगते थे की आपको क्या बताऊँ। मैं भी मस्ती में आकर चुसने लगा और दोनों दूध को पिंक ब्रा के उपर से मसलने लगा। वो सी सी करने लगी।
“भतीजे!! तेरे में तो बड़ी आग है रे!! बेटा मुझे अच्छे से गर्म कर फिर चोद” वो बोली
“जैसा आप कहो बुआ जी!!” मैंने कहा और कुछ देर होठ चुसाई की। फिर अपनी बनियान को उतार दिया और अपना हाफ पेंट अंडरवियर के साथ ही उतार दिया। अब मैं पूरी तरह से नंगा था। बुआ जी ने अपनी ब्रा खोल दी। दोस्तों जब मैंने उनकी चूचियां देखी तो लंड अपने आप फिर से खड़ा हो गया। कितनी खूबसूरत और रसीली बड़ी बड़ी गोलाकार चूचियां का जवां सौंदर्य देखते ही बनता था। मैंने जब दोनों कसे और गर्व से तने बूब्स पर हाथ रखा तो करेंट सा लगा। अपने फूफा जी पर तरस आने लगा जो इतनी अच्छी बीबी मिलने पर भी उसे अच्छे तरह से चोद नही पाते है। फिर मैंने दोनों दूध पर हाथ घुमाना शुरू किया तो बुआ जी “ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह…अह्हह्हह…करो बेटा और करो!! .अई… उ उ उ उ उ…” करने लगी
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भी बुआ के आदेश का पालन करने लगा क्यूंकि उनके ही घर पर रहता था। उनकी ही रोटी पर पला बढ़ा था। मैंने बुआ के रस से लबरेज स्तनों को हाथ से दबाना शुरू किया और ओंठ लगाकर किस करने लगा। इतने कसे दूध को पाकर मेरी किस्मत चमक गयी। उनके स्तन बहुत मुलायम थे, छूकर गुदगुदी हो रही थी। मैं और तेज तेज हाथो से मसलने लगा और बुआ की सिसकियाँ निकलवा दी। फिर बुआ खुद ही 3 सीटर सोफा पर लेट गयी और मेरे हाथ पकड़कर मुझे अपने उपर लिटा लिया।
“अन्नू बेटा!! अच्छे से चूस दो। तेरा फूफा तो साला नामर्द है। अगर उसे औरत में दिलचस्पी नही तो मुझसे फिर शादी क्यों की गांडू ने। छोड़ो सब बेकार की बाते। आओ मौसम बनाओ बेटा!! अच्छे से मेरे स्तन चूसो!!” बुआ जी बोली
मैं भी लेट गया और मजे लेकर चूसने लगा। कुछ देर बुआ के 36” के दूधो को किस करता रहा, हाथ से दबाता रहा। फिर सेक्सी चूची को पकड़कर अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगा। अब मैं मुंह चला चलाकर रस निकाल रहा था। बुआ जी सु सु कर रही थी। साफ़ था की उनको बेहद मजा मिल रहा था। मैं भी कितने सालो से प्यासा था। आजतक कोई लड़की नही चोदी थी। सिर्फ BF देखकर और मुठ मारकर आज तक मैंने 23 साल काटा था। आज पहली बार असली चूत चोदने को मिल रही थी। मैंने भी बुआ जी के स्तन को चूस चूसकर उनकी चूत से पानी निकलवा दिया।
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खूब चोदा और जल्दी जल्दी धक्के देते देते चूत में अपनी क्रीम चूत में ही छोड़ दी
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