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बुआ ने भी नीचे से अपनी गांड उठाते हुए मेरे लंड का मुकाबला शुरू कर दिया और कहने लगीं- आह और जोर से चोद मादरचोद … भोसड़ी वाले चोद साले … जितनी दम है आज पूरी लगा कर चोद दे.
मैंने भी उनकी गांड में थप्पड़ मारे और लौड़ा चुत की जड़ तक पेलते हुए कहा- ले भैन की लौड़ी साली … चुदक्कड़ ले लंड खा रांड.
अब पूरे रूम में हम दोनों की चुदाई का घमासान शुरू हो गया था. कोई भी हार मानने को राजी नहीं था.
‘फच फचफच … उन्ह आह उह आह ..’ की मादक आवाजें ही सुनाई दे रही थीं.
हम दोनों ने बीस मिनट तक चुदाई की और एक साथ झड़ कर शांत हो गए.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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विधवा बुआ को चोदा उसी के घर में
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क दिन मेरे घर से फोन आया कि राज वहीं मानेसर में बबली बुआ रहती हैं और वो परेशान हैं। तू उनसे मिलने चला जा और उसकी जो भी मदद हो कर देना।
ये बबली बुआ मेरे पापा के ताऊजी की बेटी थी। बबली बुआ विधवा हैं. उनके दो बच्चे हैं.
मैंने उनका फोन नंबर ले लिया।
उसी समय मैंने बुआ को फोन किया.
सामने से आवाज आई- कौन?
मैंने अपने बारे में बताया.
तो वो फ़ोन पर ही रोने लगी।
इस पर मैंने उनसे कहा- बुआ, आप रोना बंद करो. मैं अभी आपके पास मानेसर आता हूं।
मैं तुरंत निकल गया.
मैंने उन्हें फोन करके बताया तो वो मुझे स्टैंड पर लेने आ गई।
हम उनके रूम गये एक छोटा रूम और किचन था।
उनके दोनों बच्चे कॉलेज गए थे।
मैं उनसे बहुत टाइम बाद मिला था।
मैंने बुआ से कहा- आपके लिए पापा का फोन आया था मेरे पास! क्या दिक्कत है आपको?
वो रोने लगी.
बोली- मेरा काम छूट गया है। दोनों बच्चों को लेकर में कहाँ जाऊँ?
मैंने उनसे कहा- काम मिल जाएगा। मैं बात करूंगा.
वो बोली- राज, रूम का किराया बाकी है. मकान मालकिन बोल रही है कि घर खाली कर दो।
वो रोते रोते मेरे सीने से लग गई।
उसकी चूची टाइट थी, मेरे सीने में दब गई।
मैं बोला- बुआ, रूम का किराया मैं दे दूंगा।
और बुआ की पीठ पर हाथ फेरने लगा।
बुआ के गर्म जिस्म से अब धीरे धीरे मेरे लौड़े में करंट आने लगा।
बुआ ने कोई जवाब नहीं दिया तो मैंने अपने हाथ से उसकी गान्ड दबा दी.
उन्होंने मुझे कस के पकड़ लिया।
अब मेरी हिम्मत बढ़ने लगी मैंने उसकी साड़ी ऊपर जांघों तक उठा दी और हाथ घुमाने लगा।
तो बुआ एकदम से बोली- राज, तुम ये क्या कर रहे हो? मैं तेरी बुआ हूं।
और दूर हो गई, बोली- ये सब गलत है।
मैंने कहा- कुछ ग़लत नहीं है। रूम का किराया और काम . मैं दोनों की जुगाड़ कर दूंगा लेकिन मेरा क्या फायदा होगा?
वो बोली- मैं तेरी बुआ हूं। किसी को पता चला तो?
मैंने उन्हें अपनी ओर खींचा और कहा- किसी को पता नहीं चलेगा. बस तुम मुझे खुश कर दो. मैं तुम्हें कोई परेशानी नहीं होने दूंगा।
बुआ भी मजबूर थी और कोई सहारा नहीं था।
तो थोड़ी देर सोचने के बाद वे बोली- तुम वादा करो कि किसी को भी हमारे रिलेशन का पता नहीं चलेगा कभी!
मैंने कहा- हां!
और उसकी साड़ी हटा दी.
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(10-06-2022, 03:45 PM)neerathemall Wrote: बुआ ने अपनी चूत में मेरे लन्ड को सेट किया और अपने चूतड़ उचकाये.
मैंने जोर से धक्का लगाया तो मेरा लंड बुआ की कसी हुई चूत के अंदर चला गया.
और बुआ ‘ऊईईईई ईईईई ऊईईई उईईई मर गई बचाओ मर गई’ चिल्लाने लगी.
मैंने उनके मुंह में अपना हाथ रख दिया और झटके मारने लगा।
अब उनका दर्द कम हो गया, वो कमर को नीचे ऊपर करने लगी.
मैंने अपने लंड की रफ्तार बढ़ा दी।
अब बुआ बोलने लगी- आह आह ओहह आहां हहह . राज चोद अपनी बुआ को . आहहह आहहह . चोद . फाड़ दे मेरी चूत को!
मैं अपनी बुआ को पूरी रफ्तार से चोदने लगा.
अब उन्हें मज़ा आने लगा।
काफी अरसे बाद उनकी चूत में लन्ड घुसा था।
अब हम दोनों बुआ भतीजा चूत चुदाई का मज़ा लेने लगे।
मैं बहुत खुश था कि मैं अपनी बुआ को चोद रहा हूं।
बुआ की चूत ने पानी छोड़ दिया.
अब फच्च फच्च फच्च की आवाज आने लगी।
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आ बोली- राज, तेरा लंड तो कमाल है. आज अपनी रंडी बुआ को चोद चोद कर अपनी रखैल बना ले!
मैंने बुआ को लंड पर बैठा दिया और चोदने लगा।
वो उछल उछल कर लंड ले रही थी।
मैंने उनसे कहा- तुम मानेसर में थी और मुझे पता नहीं चला, मैं अपने दोस्तों के साथ मानेसर आता रहता हूं।
वो बोली- मैंने तेरे पापा को फोन किया; तब मुझे तेरे बारे में पता चला।
अब हम दोनों तेज़ तेज़ झटके मारने लगे लंड सट सट अंदर बाहर करने लगा.
बुआ फिर रोने लगी.
मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो वो बोली- मैं कितनी किस्मत वाली हूं; मेरा भतीजा मुझे चोद रहा है। और चोद . आज अपनी बुआ की फुद्दी फ़ाड़ दे!
मैं और जोश में आ गया और नंगी बुआ की चूत में झटके पे झटके लगाने लगा.
“उईई उईई ईईश्ह्स सीईई ईई आहहां हहम्म आहहह आहहहह . चोद चोद . अपनी रंडी बुआ को और चोद!
“आहहह अहहहह ओहह आहह”
बुआ खुश थी।
अब मैंने बुआ को कुतिया बना दिया और पीछे से लंड डालकर चोदने लगा।
‘उम्माह आहह अह हह आहह’ करके मस्त होकर बुआ लंड ले रही थी।
तभी एकदम से मेरे फ़ोन पर पापा का फोन आया.
वे बोले- कहां हो?
मैंने लंड चुदाई रोक कर कहा- बबली बुआ के घर आया हुआ हूँ।
वो बोले- वो बेचारी बिना पति के दो बच्चों को पाल रही है. तुम उसकी मदद कर दो!
मैंने कहा- मैं उनकी परेशानी खत्म कर दूंगा. आप टेंशन ना लो।
फिर पापा बोले- क्या कर रही है बबली?
मैंने कहा- वो भूखी थी तो खाना खा रही हैं।
पापा बोले- ठीक है, उसे खाने दो. तुम उसे कुछ पैसे दे देना।
मैं बोला- ठीक है. मैं बुआ को खिला रहा हूं. बाद मैं बात करूंगा।
फोन रखते ही मैंने अपने लंड की रफ्तार फुल स्पीड में कर दी और जोर जोर से झटके मारने लगा।
बुआ बोली- मैं भूखी हूं . खिला अपनी बुआ की भूख मिटा दे।
मैंने बुआ को धीरे से उल्टा ही लिटा दिया और ऊपर से झटके मारने लगा।
“आहह हहह उम्मह हहह हाह हहह आहहह हहह आह”
ऐसी सिसकारियों से रूम गूंजने लगा।
आज मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं 20 साल की टाइट चूत चोद रहा हूं।
अब दोनों चुदाई के अंतिम समय तक पहुंच गए.
और थोड़ी देर बाद एक साथ दोनों ने पानी छोड़ दिया।
मैं थक कर बुआ के नंगे जिस्म के ऊपर ही लेट गया।
हम दोनों का शरीर पसीने में भीग गया था।
बुआ बहुत खुश थी क्योंकि उनकी सारी समस्या अब खत्म हो गई थी।
अब दोनों अलग-अलग हो कर लेट गए.
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बुआ की अधूरी चुदाई की प्यास और मेरा मोटा लंड
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