26-05-2022, 05:05 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
Adultery दीदी की ननद को इतना चोदा की दीदी भी चुदने को बोली
|
26-05-2022, 05:05 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
26-05-2022, 05:07 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
26-05-2022, 05:09 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
26-05-2022, 05:11 PM
(26-05-2022, 04:13 PM)neerathemall Wrote: मैं भी पहली बार किसी लड़की के साथ सेक्स कर रहा था. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
26-05-2022, 05:13 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
26-05-2022, 05:14 PM
मैं उसके होंठो पे किस करने लगा .
जब उसका दर्द कम हुआ तो एक जोर का झटका दिया . इस बार मेरा लोड़ा पूरा अंदर चला गया. दीपशिखा रोने लगी. उसकी आँखों मे आंसू आ गए. मैने उसके आंसू पोछे और उससे बोला की पहली बार मे दर्द होता है.
फिर उसे किस करने लगा. 2-3 मिनट के बाद अपना लोड़ा आगे पीछे करने लगा. कुछ समय के बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वो अपनी गांड ऊपर कर के चुदाई के मज़े लेने लगी.
उसकी सिसकारी निकलने लगी और वो चूदाई के नशे में बड़बड़ाने लगी. थोड़ी देर चुदाई करने के बाद वो बोली कि उसका माल निकलने वाला है.
कुछ देर बाद उसकी चूत से रस बहने लगा और उसका शरीर ढीला पड़ गया.
करीब 10 मिनट चोदने के बाद मैने लोड़ा निकाला और उसे ऊपर आने को कहा. उसकी चूत से खून निकल रहा था. वो खून देख के डर गई.
मैने उसे समझाया कि पहली बार में ऐसा होता है. मैंने उसकी पैंटी से खून पोछा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
26-05-2022, 05:14 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
26-05-2022, 05:15 PM
(This post was last modified: 15-08-2022, 11:48 AM by neerathemall. Edited 7 times in total. Edited 7 times in total.)
अब बि स्तर पे लेट गया और
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
26-05-2022, 05:17 PM
(This post was last modified: 15-08-2022, 11:46 AM by neerathemall. Edited 4 times in total. Edited 4 times in total.)
अब बिस्तर पे लेट गया और वो मेरे ऊपर आ गयी. उसने अपनी चूत में लोड़ा सेट किया और मेरे लोड़ा पे बैठ गयी और ऊपर नीचे करने लगी.
मैं दोनो हाथो से उसके चुचे दबा रहा था और नीचे से धक्का भी दे रहा रहा. करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद मैंने दीपशिखा से कहा कि मेरा माल निकलने वाला है. तो उसने कहा कि अंदर ही गिरा दो. इस बीच वो 3 बार झड़ चुकी थी. मेरी स्पीड तेज़ हो गयी और मैं उसकी कमर पकड़ के धकापेल चुदाई करने लगा. करीब एक मिनट की चुदाई करने के बाद मेरा माल निकल गया और उसकी चूत से बहने लगा. हम दोनों किस करने लगे और 5 मिनट तक उसकी अवस्था में रहे. फिर हमने कपड़े पहने. उसकी माँ के भी आने का टाइम हो गया था. उसने बिस्तर को सही किया. आधे घंटे बाद उसकी माँ आ गयी. रात हुई. मैने खाना खाया. फिर उसके बाद किस किया. रात में वो अपने माँ के साथ सोती थी तो रात में हम सेक्स नही कर सकते थे. सुबह में मैं अपने घर आ गया. उसके बाद हमने कई बार सेक्स किया. एक बार तो दीदी खाना बना रही थी. उनके कमरे में उनका लड़का सो रहा था. उसी बिस्तर पे हमने सेक्स किया. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
27-05-2022, 02:44 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
27-05-2022, 02:47 PM
(26-05-2022, 03:29 PM)neerathemall Wrote: जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
27-05-2022, 02:53 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
27-05-2022, 02:54 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
27-05-2022, 02:59 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
27-05-2022, 03:01 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
27-05-2022, 03:03 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
27-05-2022, 03:04 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
27-05-2022, 03:06 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
27-05-2022, 03:18 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
27-05-2022, 03:19 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
|
« Next Oldest | Next Newest »
|