Thread Rating:
  • 4 Vote(s) - 2.5 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Incest दीदी की चूत का जलवा
#61
दीदी की सहेली की चूत की खुजली मिटाई
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
#62
मेरी बड़ी बहन की बहुत सारी फ्रेंड्स हमारे घर पर आती जाती रहती है और मेरी दीदी मुझसे 9 साल बड़ी है और उनकी फ्रेंड्स भी उसी उम्र की है। यह घटना आज से दो महीने पहले घटित हुई थी। उस समय मेरी दीदी की परीक्षा चल रही थी तो ग्रुप स्टडी के लिए उनकी कई सहेली हमारे घर पर आती जाती रहती थी और उनमे से एक थी नेहा। दोस्तों वो बहुत ज़्यादा सुंदर थी.. उसकी 5.7 हाईट, कलर दूध से भी ज़्यादा गोरा, बड़ी बड़ी आखें, लंबे काले बाल और फिगर तो ऐसा कि अगर वो मेरी उम्र की होती तो में उससे ही शादी कर लेता। उसके फिगर का साईज 36-28-36 था और उसकी उम्र 29 साल थी। वो लोग MBA की पड़ाई कर रहे थे और जब पढ़ाई करते करते रात को कई बार वो लेट हो जाते तो में उन सबको घर पर छोड़ने जाया करता था।  banghead
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#63
H

 

[Image: FB_IMG_1639049198190-198x300.webp]
 दीदी की सभी फ्रेंड्स मुझसे बहुत घुली हुई थी और कई बार घर पर छोड़ते जाते टाईम हम सब आईसक्रीम भी खाते और इसी तरह मेरी लाईफ चल रही थी। तभी एक ऐसा मोढ़ आया जिसने मुझे उस परी के पास जाने का मौका दिया। एक दिन नेहा हमारे घर पर पढ़ने आई.. लेकिन दीदी उस वक्त घर पर नहीं थी और मुझे नेहा बहुत उदास लग रही थी। तो मैंने उसे अंदर बुलाया और पीने को पानी दिया.. वो सोफे पर बैठ गई में भी उसके साथ बैठ गया। फिर मैंने उससे पूछा कि वो आज इतना उदास क्यों लग रही है? लेकिन उसने कहा ऐसी कोई बात नहीं है और इतने में दीदी और उनकी बाकी फ्रेंड्स आ गई और मुझे फिर नेहा से बात करने का मौका नहीं मिल पाया। इसी तरह रात के 12 बज गये तो दीदी ने मुझसे कहा कि में सबको घर छोड़ आऊं.. तो मैंने अपनी कार बाहर निकाली और में और दीदी की 5 फ्रेंड्स चल पड़े.. नेहा मेरी साईड सीट वाली पर बैठी हुई थी और उसका मूड अभी भी खराब था। फिर एक एक करके मैंने सभी को घर छोड़ दिया और अब सिर्फ़ कार में मैँ और नेहा थे और मैंने मौका देखकर उससे बात करनी शुरू कर दी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#64
में : ऐसा क्या हुआ है नेहा दीदी.. अब कुछ बताओगे भी?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#65
नेहा : कुछ भी तो नहीं हुआ.. सब एकदम ठीक है।

में : प्लीज कम से कम झूट तो मत बोलो यार।
नेहा : नहीं तुम्हे बताने से कोई फायदा नहीं है क्योंकि तुम नहीं समझोगे।

में : में कोई इतना छोटा बच्चा भी नहीं हूँ कि में नहीं समझूंगा.. क्या बॉयफ्रेंड ने कुछ कहा?
तो मेरी यह बात सुनकर नेहा की आँखें एकदम भर आई.. मैंने कार साईड में लगाई और उसकी तरफ़ देखा वो मुझे गले लगाकर रोने लगी तो मैंने उससे पूछा कि हुआ क्या दीदी मुझे कुछ तो बताओ?
नेहा : तुम ही बताओ कि सन्नी मुझ में ऐसी क्या कमी है जो उसने मुझे छोड़ दिया?
में : लेकिन मुझे यह तो बताओ कि किसने आपको छोड़ दिया?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#66
[Image: FB_IMG_1640051019428-200x300.webp]

नेहा : कुछ भी तो नहीं हुआ.. सब एकदम ठीक है।
में : प्लीज कम से कम झूट तो मत बोलो यार।
नेहा : नहीं तुम्हे बताने से कोई फायदा नहीं है क्योंकि तुम नहीं समझोगे।

में : में कोई इतना छोटा बच्चा भी नहीं हूँ कि में नहीं समझूंगा.. क्या बॉयफ्रेंड ने कुछ कहा?
तो मेरी यह बात सुनकर नेहा की आँखें एकदम भर आई.. मैंने कार साईड में लगाई और उसकी तरफ़ देखा वो मुझे गले लगाकर रोने लगी तो मैंने उससे पूछा कि हुआ क्या दीदी मुझे कुछ तो बताओ?
नेहा : तुम ही बताओ कि सन्नी मुझ में ऐसी क्या कमी है जो उसने मुझे छोड़ दिया?
में : लेकिन मुझे यह तो बताओ कि किसने आपको छोड़ दिया?
 
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#67
नेहा : ( रोते-रोते ) अतुल.. मेरा बॉयफ्रेंड है और हम पिछले एक साल से बहुत अच्छे दोस्त है.. लेकिन उसे में दिखने में अच्छी नहीं लगती हूँ.. क्या में दिखने में इतनी बेकार हूँ?
तो यह बात सुनकर में एकदम हैरान था और में बोला कि वो कोई बदकिस्मत ही होगा जो आपको छोड़ेगा और अगर मुझे आप मिले होते तो अब तक में आपसे शादी कर लेता। तो वो मेरी यह बात सुनकर थोड़ा मुस्कुरा दी।

में : कहो तो में आपका बॉयफ्रेंड बन जाऊँ.. बोलो?
क्स
नेहा : हंसते हुए.. अच्छा तो मेरा बच्चा इतना बड़ा हो गया है और उसने मुझे हग किया में उसके बूब्स अपनी छाती पर महसूस कर रहा था और मेरा तो लंड एकदम जोश में आकर खड़ा होने लगा। फिर उसने कहा कि क्या अब घर नहीं छोड़ोगे अपनी गर्लफ्रेंड को? और वो अभी भी मुझसे लिपटी हुई थी और इस तरह हम घर पर पहुँचने ही वाले थे कि बहुत तेज़ बारिश शुरू हो गई और अब इतना प्यारा मौसम हो गया और इतनी सुंदर लड़की किसी को हग करके बेठी हुई हो तो कौन पागल नहीं होगा? मेरा लंड तो अब पेंट से बाहर निकलने के लिए तरस रहा था। तभी उसका एक हाथ मेरे लंड पर गया.. उसने मेरी आँखो में देखा और फिर मुस्कुरा दी.. दोस्तों मुझे डर भी लग रहा था और अच्छा भी। तभी उसने मुझे होंठ पर किस किया और में बहुत चकित हो गया इसलिए में उसकी किस का भी ढंग से जवाब नहीं दे पा रहा था। तभी उसने अपनी किस तोड़ी और कहा कि अब क्या प्यार नहीं करोगे अपनी गर्लफ्रेंड को?
cool2

फिर में तो उसकी बात सुनकर मन ही मन जैसे खुशी से मचल गया और हम उसके घर की पार्किंग में थे और उस समय रात के एक बजे थे तो हमें किसी के आने भी डर नहीं था। तो मैंने उसे फिर से दोबारा होंठो पर किस किया और अब मैंने उसे ढंग से किस करना शुरू किया और मैंने उसके होंठो को ढंग से निचोड़ दिया। शायद वो भी बहुत भूखी थी और वो भी मुझे पागलों की तरह किस किए जा रही थी और लगभग 15 मिनट तक किस करने के बाद मैंने उसे कार से बाहर निकाला और दोबारा उसकी गर्दन पर किस करने लगा। तो उसने कहा कि सब कुछ यहीं पर करना है क्या? तो मैंने उसे अपनी बाहों में उठाया और लिफ्ट से ऊपर ले गया। फिर हम बस उसके घर में घुसे और बस हम पागलों की तरह किस किए जा रहे थे और फिर मैंने उसका टॉप निकाल दिया.. अब वो सिर्फ़ काली ब्रा में थी। में उसके बूब्स पर टूट पड़ा, मैंने उसकी ब्रा खोली और उसके पिंक निपल्स को मुहं मे लेकर बहुत ज़ोर से चूसने लगा। वो भी पागल हुए जा ही थी। फिर मैंने उसे बेड पर लिटाया और जीन्स का बटन खोलकर उतार दिया। मैंने बेड पर चड़ने से पहले अपनी शर्ट और पेंट भी उतार दी.. अब में उसकी टॅंगो के बीच में आया और उसकी पेंटी भी उतार दी। फिर में उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा। उसने कहा कि प्लीज मुझे और प्यार करो.. में उसकी चूत मे उंगली डालकर रगड़ने लगा.. वो पागल होती जा रही ही थी। फिर मैंने अपनी अंडरविर उतारी और उसकी चूत पर रगड़ने लगा। वो मोन कर रही थी.. आआआअहह, सन्नी डार्लिंग चोदो मुझे।



[Image: FB_IMG_1639137042847-239x300.webp]



 
Rक्स
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#68
Namaskar Namaskar Namaskar
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#69
(26-05-2022, 01:30 PM)neerathemall Wrote: Namaskar Namaskar Namaskar

Sleepy Sleepy
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#70
मैंने तभी एक ही झटके मे पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया। उसकी आँखों से आँसू निकल आए.. में उसके उपर आ गया और उसके बूब्स चूसने लगा। वो धीरे धीरे शांत हुई और कहने लगी कि और करो.. मैंने अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू किया। वो चिल्लाये जा रही थी.. आआआखह, ईईईआआाआआअहह मुझे कुतिया बनाओ, चोदो मुझे, अआह्ह मजा आ गया। मैंने उसे एक ही पोज़िशन में लगातार 25 मिनट तक चोदा.. जिसमे में 3 बार झड़ा और वो 5 बार से भी ज़्यादा। ऐसा लग रहा था कि जैसे मैंने वियाग्रा खा ली हो.. वो सच मे बहुत सुंदर थी। उसका भूत मुझे चड़ा हुआ था.. फिर में उसके ऊपर ऐसे ही सो गया।

सुबह उठने के बाद हमें महसूस हुआ कि हमने क्या किया था.. लेकिन नेहा खुश थी। फिर हम दोनों साथ में शावर में नहाए और फिर पूरा दिन में इतनी सुंदर लड़की के साथ रहकर बहुत खुश हुआ ।।

जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#71
पड़ोसन दीदी की अच्छी चूत चाटी

जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#72
एक रविवार के दिन मैं जब बाहर अपने काम से गया था और घर से सब लोग मौसी के यहाँ एक छोटे से फंक्शन में गए हुए थे, उनका रात नौ बजे तक आने का प्रोग्राम था, मेरा भी इसी समय के आस पास आने का था पर मेरा काम जल्दी खत्म हो गया और मैं सात बजे अपने घर पहुँच गया.

घर पहुँच कर याद आया कि सब लोग मौसी के यहाँ गए हुए हैं. मैंने दी के यहाँ टाइम पास करने का सोचा और उनके घर की बेल बजाई.
उन्होंने आकर दरवाजा खोला और बोलीं- क्या हुआ? घर पर ताला क्यों लगा है?
मैंने उन्हें सारी बात बताई तो वह बोलीं- ठीक है, तुम ऊपर आ जाओ, जब वो आ जाएँ तो चले जाना!
मैं जैसे उनके यहाँ जाता था, वैसे ही उनके यहाँ जाकर सोफे पर बैठ गया. सोफे के बराबर में ही एक सिंगल बेड बिछा हुआ था जिस पर वो भी बैठ गईं.
फिर हम लोग बातें करने लगे, उन्होंने मैक्सी पहन रखी थी.
बातें करते करते वो आलती पालथी मार कर बैठ गई तो मेरी नजर उनके पैरों की तरफ चली गई और मुझे उनकी चूत की हल्की सी झलक दिखलाई दी क्योंकि उन्होंने नीचे पेंटी नहीं पहन रखी थी.
और मेरी नजर वहीं रुक गई.
वो समझ गई कि मैं क्या देख रहा हूँ.
तो वो बोली- ये क्या हो रहा है?
मैं बिना सोचे बोल गया- अच्छी है!
सुनते ही वो बोली- बीवी की अच्छी नहीं है क्या?
मैं बोला- चाटने नहीं देती!

इसके बाद हमारी बातचीत कुछ इस प्रकार हुई:
मैं उनके इस तरीके से पूछने पर हिम्मत करके बोला- मेरी चाटने की इच्छा को वो ज्यादातर मना कर देती है… क्या मैं अपनी इच्छा इस समय पूरी कर सकता हूँ?
तो वो बोली- शर्म नहीं आती मुझसे इस तरह से बात करते हुए?
मैं बोला- आती है… पर आपने भी तो एक भी बार कोशिश नहीं की ढकने की!
और अपनी जीभ बाहर निकाल कर बोला- देखो ना, कैसे तड़प रही है वहां पर लगने के लिए!
और अपने हाथ को उनकी जाँघों पर रख दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#73
थ रखते ही वो बोलीं- ये ठीक नहीं है!

मैं बोला- प्लीज, बस एक बार चाटने दो, मुझे मालूम है आपकी शादी नहीं हुई है… और मैं आपके साथ चुदाई नहीं करूँगा!
कह कर अपने हाथ को मैंने थोड़ा और ऊपर सरका दिया.

वो बोलीं- सिर्फ चाटना ही… और कुछ नहीं!
इतना सुनते ही मैंने उनकी मैक्सी को ऊपर सरका दिया तो देखा कि उनकी चूत आज भी गुलाबी थी और शायद बाल भी उन्होंने आज ही बनाए थे.
मैं जमीन पर खड़ा हो गया और उनकी टांगों में हाथ डाल कर चूत को ऊपर किया और अपनी जीभ निकाल कर उनकी चूत के दाने पर रख दी तो वो बैठी पोजीशन से लेटने की पोजीशन में हो गईं.
मैंने अपनी जीभ से जैसे ही दाने को हल्का सा रगड़ा, वो बोली- ध्यान से… बहुत अच्छा लग रहा है. प्यार से और देर तक करना! आज ही मैंने अपनी चूत के बाल कई महीनों बाद साफ़ किये हैं और तभी तुम आ गये…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#74
यहाँ तक तो सब ठीक था, पर मैं पेंटी नहीं पहन पाई और तुमने चूत देख कर ऐसी बात बोली कि मेरी इच्छा हो आई… पर सिर्फ चाटना!

मैंने अपनी जीभ को नुकीला सा बना कर चूत के दाने को पहले धीरे धीरे, फिर थोड़ा दबाव दाल कर रगड़ना शुरू कर दिया और वो अपनी आँखें बंद कर के मेरे सिर पर हाथ फेरने लगीं.                                              
मैंने मुंह हटा कर पूछा- कैसा लग रहा है?
तो वो बोलीं- बहुत अच्छा!
मैंने बोला- क्या मुझे भी और अच्छा लगवा सकती हैं आप?
वो बोलीं- चुदाई नहीं… और कुछ बताओ, जो मैं तुम्हें भी अच्छा लगवा दूँ?
मैंने कहा- मेरा लंड थोड़ा-2 खड़ा होना शुरू हो गया है, इसे आप लोलीपोप समझ कर चूस दो!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#75
मैंने अपनी पैंट को उतार दिया. वो फिर बैठ गईं और बोलीं- चलो, तुम्हारे लिए कर देती हूँ!
और अंडरवियर के ऊपर से लंड पकड़ कर बोलीं- दिखाओ तो सही कैसा है?
मैंने अपना अंडरवियर भी उतार दिया और लंड को उनके हाथ में दे दिया.

वो लंड दबाते हुए बोलीं- जमीन पर खड़े होकर चुसवाओगे क्या?                         
मैंने कहा- नहीं!
और उनको बेड पर लिटा दिया और बोला- आप अपनी मैक्सी अगर उतार दें तो मेरे लिए आसानी हो जायेगी!
इतना सुनते ही वो बैठ गईं और मैक्सी उतार कर लेट गईं. मैं पहले उनकी चूचियों को पकड़ कर सहलाने लगा तो वो बोलीं- सिर्फ चाटने की परमिशन है!
मैं बोला- फ्री में तो ये भी पकड़े जाते हैं.
फिर उनके उपर मैं घोड़ा स्टाईल में हो गया और अपना लंड उनके होठों पर रगड़ने लगा.
वो बोलीं- अपना काम भी तो शुरू कर! मुझे बहुत अच्छा लग रहा था! लंड अड़ा दिया बीच में!
मैं अब 69 की पोजीशन में हो गया, मैंने जैसे ही चूत चाटनी शुरू की, उन्होंने लंड मुख में लेकर जीभ से चाटना शुरू कर दिया जैसे लंड चाटने का बहुत अच्छा तजुर्बा हो!
मेरे चूत को चाटने पर जितना मजा उनको आता, वो लंड को उतना ही जोर से चूसतीं.    
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#76
फिर वो मुख से लंड निकाल कर बोलीं- अब तो तू मेरी कसम तुड़वायेगा… डाल दे अपना लंड मेरी चूत में… अब जीभ फेल हो रही है, चूत के अन्दर खुजली शुरू हो गई है, लंड से खुजा इसे अब!

मैं भी तुरंत इरादा बदलने से पहले घूम गया और लंड को चूत के मुंह पर रख कर रगड़ने लगा तो वो लंड पकड़ कर बोलीं- रगड़ मत, बस अब धक्का मार!
मैंने जैसे ही धक्का मारा, लंड घुसा मगर चूत ज्यादा नहीं पर टाइट थी, मुझे सुहागरात के बाद के दिन याद आ गए, बीवी के साथ भी ऐसा ही होता था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#77
मैंने लंड बाहर निकाल और उस पर थूक लगा कर दुबारा चूत के सुराख में पेल दिया, अबकी बार पूरा लंड चूत के अन्दर था और वो बोलीं- अब धक्के मार… खुजली सहन नहीं हो रही है!

मैंने कहा- ठीक है!
और पहले लंड आधा बाहर निकाला और जोर से धक्का मारा.                                     
वो बोलीं- हाँ, ऐसे ही!
मैंने फिर वही किया तो गांड उठा के बोलीं- ऐसे ही!
फिर ऐसे ही कुछ धक्कों के बाद वो मुंह से आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह करने लगी और गांड उछालने लगीं. मैंने भी लंड को आधे से ज्यादा निकालना और जोर से धक्का देना शुरू कर दिया, हर आह आह आवाज में लंड अन्दर जाता और फिर बाहर आता!
अचानक उन्होंने अपनी टांगें टाइट कर ली और मैंने भे लंड को जल्दी जल्दी आधे से ज्यादा बाहर निकालना और जोर से धक्का देना शुरू कर दिया. आठ दस धक्कों में ही मेरे लंड ने चूत में ही थूक दिया और वो मुझसे चिपक कर बोलीं- मेरा काम कर दिया आज तुमने… मजा आ गया!
और फिर दो मिनट तक मैं उनकी चूची चूसता रहा, वो मेरे सर पर हाथ फेरती रहीं.
फिर दोनों खड़े हुए और टाइम देखा तो नौ बजने ही वाले थे, कपड़े पहन कर हम दोनों एक बार फिर गले मिले तो वो बोलीं- अब दुबारा मत कहना इस चीज़ के लिए… मुझे नहीं पता, मैं कैसे तैयार हो गई.                                            
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#78
Smile Smile Smile Smile
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#79
(26-05-2022, 02:43 PM)neerathemall Wrote: Smile Smile Smile Smile

Shy Shy Shy Shy Shy Shy
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#80
(26-05-2022, 02:44 PM)neerathemall Wrote: Shy Shy Shy Shy Shy Shy
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply




Users browsing this thread: 71 Guest(s)