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छोटी चाची के साथ सेक्स
#1
छोटी चाची के साथ सेक्स
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#2
राहुल अब २४ साल का हो चुका है तो पिछले ४ साल से लड़कियों और औरतों की चूत की खुस्बु सूंघ कर मजे ले रहा हूं तो मेरे काम वासना से ना मेरी मॉम बची है और ना मेरी बड़ी बहन दीपा, लेकिन उसकी शादी होने के बाद मुझे चूत की कमी सी हो गई है लेकिन मेरी चचेरी बहन रेखा फिर चाची बबीता और बुआ बिनीता…. सबों ने मेरा साथ बखूबी निभाया है और इन सबकी चूत चोदकर मैं सारे नाते रिश्ते भूल चुका हूं। मेरी छोटी चाची कानपुर से ५०-६० किलोमीटर दूर उन्नाव में रहती हैं तो उनकी शादी तकरीबन ९-१० साल पहले हुई है लेकिन यौन समस्या के कारण उनके बच्चे नहीं है और वो दोनों महीने में एक बार कानपुर इलाज के सिलसिले में जरूर आते हैं, ये बात जनवरी महीने की है और कड़ाके कि सर्द में अंकल और आंटी दोनों शाम के वक्त घर आए तो मैं टहलने निकला हुआ था फिर उधर ही कुछ दोस्तों के जिद्द पर मैंने दो पैक ड्रिंक्स लगा ली और एक पान चबाता हुआ घर वापस आ गया। घर घुसा तो अंकल और डैड दोनों बैठकर बातें कर रहे थे, मैं अंकल का चरण स्पर्श किया फिर अपने रूम जाकर कपड़ा बदलने लगा और फ्रेश होकर बाहर निकला तो बबीता आंटी मुझे देख मुस्कुराई फिर मैं उनकी ओर बढ़ा और झुककर चरण स्पर्श किया तो वो बोली ” इतनी ठंड है फिर भी घर से बाहर रहते हो
( मैं ) शाम को बिना घूमे मन नहीं लगता ” तभी मॉम एक ट्रे में कई प्याला लिए आईं तो मैं कॉफी से भरा प्याला लेकर बालकनी में चला गया और कुर्सी पर बैठकर कॉफी पीने लगा, उधर से बबीता आंटी आईं और मेरे बगल के कुर्सी पर बैठकर मुझे देख बोली ” तेरे लिए एक सरप्राइज गिफ्ट लाई हूं
( मैं उनको देख बोला ) तो फिर दीजिए
( वो कॉफी पीते हुए ) दूंगी आराम से ” तो बबीता आंटी ३२-३३ साल की मदमस्त जवानी है जिसके बदन थोड़े मानस्ल है तो छाती पर बूब्स मानो भेपर लाईट साथ ही उनके नाभि से पेट के नग्न हिस्सा को देखता हुआ मैं कॉफी की चुस्की ले रहा था तो उनका गोरा चेहरा और गोल गुंबदाकार चूतड़ का कई बार दर्शन कर चुका था, कॉफी पीने के बाद बबीता बोली ” ठंड बहुत है, अंदर ही चला जाए
( मैं उसको छेड़ते हुए ) रजाई के अन्दर चलूं
( वो शरमाने लगी ) तेरे अंकल भी साथ में हैं समझे ” फिर मैं अपने रूम गया और बेड पर लेटकर मोबाइल में न्यूज पढ़ने लगा, फिलहाल तो ड्रिंक्स की वजह से नशे में मस्त था और वक़्त ०८:०० बजने को थे तभी बबीता आंटी मेरे रूम में आई और वो साड़ी सहित ब्लाऊज पहन रखी थी तो बदन पर वूलेन शौल भी था, मैं उनको देख बेड पर उठकर बैठा फिर वो भी बैठी और अपना हाथ मेरी ओर बढ़ाकर बोली ” लो तुम्हारा गिफ्ट ” उनके हाथ में एक कागज का लिफाफा था तो मैं लेकर उससे एक सामान निकाला तो देख मन प्रसन्न हो उठा, बबीता लंड को देर तक टाईट रखने वाली दवाई ज़नेगरा की एक स्ट्रिप लेकर आई थी, मैं देखता हुआ बोला ” ओह तो पहले से मन बनाकर आईं हैं
( वो ) क्यों अब तेरी आंटी बूढ़ी हो गई क्या या तेरी दिलचस्पी मेरे में नहीं है
( मैं हाथ बढ़ाकर शौल को नीचे कर बूब्स पकड़ दबाने लगा ) अभी यहीं पटककर चोद दूंगा
( वो ) हां और इस बार चार दिन मैं रुकूंगी तो तुम्हारे अंकल सुबह वापस जाएंगे
( मैं चूची छोड़कर बोला ) ओह तब तो मजा आ जाएगा
( वो ) इस बार तेरा ध्यान सिर्फ मुझे प्रेगनेंट करने पर होगी ” फिर सारे लोग एक साथ खाना खाकर सोने चले गए तो मैं अपनी रजाई में घुसा हुआ बबीता का इंतजार कर रहा था लेकिन शायद ही वो अपने पति को छोड़कर मेरे पास आ पाती और फिर मुझे नींद आ गई, जानबूझकर दरवाजा सटाकर छोड़ा था और गहरी नींद में अचानक से मेरे बदन से किसी के चिपके होने का एहसास हुआ और मेरी आंखें खुली तो बबीता मेरे साथ रजाई के अन्दर थी और मैं लाल रंग के नाईट बल्ब में उसके खूबसूरत चेहरा को देख गाल सहलाया ” अगर अंकल जाग गए तो समझ में आएगा
( वो मेरे गाल चूमने लगी ) कौन डरता है साली ये अंदर की खुजली मिटती ही नहीं ” इतने में दोनों एक दूसरे को बाहों में लेकर चूमने लगे तो बबीता के चेहरा को किस्स करता हुआ मैं पहले तो रजाई को हटाया फिर उसको चित लिटाया और वो पीले रंग की नाईटी में सेक्सी लग रही थी और मैं उनके बदन पर सवार होकर उनके गाल और ओंठ चूमने लगा तो चाची मेरे बदन पर हाथ फेरने लगी। राहुल उनके बदन पर लेटकर उनके रसीले ओंठ को मुंह में लिए चूसने लगा तो बबीता मेरे पीठ सहलाते हुए मस्त थी, उनके बूब्स का दबाव मेरी छाती पर था तो मैं उसके ओंठ छोड़कर उसके सर के पीछे हाथ लगाकर अपना जीभ उसकी मुंह में डाल दिया और चाची जीभ चूसते हुए मेरे शॉर्ट्स को नीचे करने लगी, वो मेरे जीभ को चूसकर छोड़ी तो मेरा लंड अब टाईट होने लगा फिर में उसके मुंह से जीभ निकालकर बदन पर से उतरा फिर अपना टी शर्ट और शॉर्ट्स उतार नंगा हो गया तो बबीता खुद ही अपनी नाईटी की डोरी खोलकर बदन से हटा दी। बेड पर एक २४ साल का लड़का अपनी छोटी चाची जोकि ३२-३३ साल की है के साथ सेक्स को तैयार था तो उसके स्तन पकड़कर दबाने लगा और बबीता मेरे लंड को पकड़ सहलाने लगी तो मैं सर उसकी छाती पर लगाए उसकी बूब्स को मुंह में ले लिया फिर चूसने लगा तो चाची दोनों हाथ पीछे की ओर बेड पर रख बैठी रही तो मैं बबीता के स्तन को चूसता हुआ मस्त था और वो मेरे बाल सहलाते हुए अपनी छाती से मुझे लगाए दूध पिला रही थी तो मेरा हाथ उनके फैले हुए जांघों के बीच चला गया और उसकी बुर के फांकों के बीच उंगली रगड़ता हुआ मस्त था तो वो आहें भर रही थी ” उह ओह आह राहुल अब बुर चोद ना ” तो मैं उसकी बाईं चूची छोड़कर दूसरी चूची मुंह में लिए चूसने लगा, उसके बड़े बड़े बूब्स को पूरी तरह से मुंह में लेकर चूसने का आनंद ले रहा था तो मेरा लंड टाईट होकर चोदने को तड़प रहा था…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
देर रात मैं अपनी छोटी चाची बबीता के साथ बेड पर नग्न अवस्था में बैठा हुआ उसकी चूची चूसने में मस्त था तो ३२-३३ साल की मदमस्त जवानी मुझसे चूची चुस्वाकर चुदाई को आतुर थी लेकिन मैं ओरल सेक्स किए बिना चुदाई करता ही नहीं हूं तो चूसो हुए लंड से बुर चोदने का आनंद ही अलग है साथ ही बुर को चाट चाट कर गर्म करने के बाद ही चाची को चोदकर तृप्त करना चाहता हूं। बबीता के चूची छोड़कर उसके पेट से लेकर कमर तक को चूमने लगा तो गोरा बदन हीरे की भांति चमक रही थी और उनका भतीजा राहुल उनके पेट को चूमता हुआ उनके जांघ तक पर हाथ फेरने लगा फिर वो बोली ” पूरी रात चूमते रहो, छुपकर आई हूं तुझसे चुद्वाने
( मैं कमर चूमने लगा और उसके दोनों जांघों को फैलाकर बुर पर हाथ फेरने लगा ) ओह डार्लिंग, आराम से रह ना पिछले छह महीने से तुझे नग्न हाल में देखा तक नहीं हूं ” और मेरा ओंठ उसके जांघ पर चुम्बन देने लगा साथ ही उसकी बुर में एक उंगली डालकर रगड़ता हुआ बबीता के मोटे और केले के थंब से चिकने जांघ को चूमने लगा तो बबीता अब अपने चूतड़ ऊपर की ओर उठा उठाकर कामुकता दर्शा रही थी तो मेरी उंगली चूत को कुरेदते हुए मस्त थी, अब मैं चाची के जांघों के बीच मुंह लगाकर बुर से उंगली निकाला फिर ओंठ रखकर चुम्बन देने लगा, उसकी मोटी फांकें गद्देदार थी तो दरार स्पष्ट साथ ही चूत के छेद में साफ उसकी शिसनिका दिख रही थी तो चूत के ऊपर चूम चूमकर उसे कामुक कर दिया फिर उसकी बुर को फैलाकर जीभ अंदर घुसा दिया और चाटने लगा तो वो ” उह उई मां इतनी गुदगुदी हो रही है राहुल प्लीज़ अब चोदो ना
( मैं पल भर के लिए जीभ बाहर निकाला ) तुम चुदाने को इतनी आतुर क्यों हो डार्लिंग, चार रात में तुझे पेट से करके ही दम लूंगा ” फिर बुर के दोनों फांक को सटाकर ओंठो के बीच लिया और चूसने लगा तो मेरा हाथ उसके कमर को कसकर पकड़े हुए था, इधर मेरा लन्ड टाईट होकर चूत में घुसने को तड़प रहा था फिर मैं उसकी गंदी बातें सुनकर बुर छोड़ा ” अरे भोंसड़ी के छोड़ ना बुर चट्टा साले कुत्ते रण्डी की औलाद ” मैं उसकी चूत को मुंह से निकालकर वाशरूम गया फिर फ्रेश होकर आया तो आंटी अपनी चूत में उंगली घुसेड़ कर उसे कुरेद रही थी ” उह ओह अब निकल जाएगा राहुल
( मैं बेड पर उसके कमर के पास बैठकर उसके हाथ को पकड़ उंगली बुर से निकाला ) सेक्सी मेरा लंड अब तेरे चूत को चोदने को तड़प रहा है ” लेकिन उसके कहने पर मैं बुर के फांकों को मुंह में लिए चूसने लगा और कुछ देर तक चूत चूसा कि उसकी बुर से रज की तेज धार छूट पड़ी, गटागट पीकर बुर को चाटने लगा फिर उसकी गीली चूत को टॉवेल से पोंछ कर अपना लंड पकड़े जांघों के बीच बैठ गया फिर अपना लंड उसकी रसीली चूत में घुसा डाला तो आराम से बबीता की चूत मेरे लंड को निगल गई और मैं उसकी बुर दे दनादन चोदने लगा तो मेरा एक हाथ उनकी चूची को पकड़ ऐसे दबाने लगी मानो की आटा गूंथ रहा हूं और वो मस्ती में मेरा लन्ड निगल कर चुद्वा रही थी, उसका गोरा चेहरा तमतमा चुका था तो आंखें बन्द हो चुकी थी और वो सेक्सी आवाज ” उह ओह राहुल और तेज चोद ना मुझे मैं तो तेरी रण्डी हूं आह लौड़ा तो पूरा कड़ा लग रहा है
( मैं उसके बदन पर सवार होकर चोदने लगा ) अब गान्ड उछाल तो साली, जरा तेरे चिकने बदन का मजा ले लूं ” तो वो मेरे पीठ पर हाथ फेरने लगी फिर अपनी गोल गुंबदाकार गान्ड उछालना शुरू कर दी तो मेरा लंड उसकी चूत को गर्म कर रहा था, दो बदन का मिलन साथ ही आपस में रगड़ कामुकता को बढ़ा रही थी और ३-४ मिनट तक चोदने के बाद मैं हांफने लगा तो बबीता भी अपने चूतड़ को स्थिर कर ली और मेरे गाल चूमकर बोली ” जरा उतरो ना ” तो मैं उसके जिस्म पर से उतरकर बेड पर बैठ गया और बबीता मेरे सामने से गान्ड हिलाते हुए वाशरूम चली गई तो मैं भी उसके पीछे पीछे गया और वो बैठकर छर छर मूतने में मस्त थी, मुझे देख थोड़ा शरमाई फिर उसकी बुर को पानी से धोकर मैं उन्हें वाशरूम में ही घोड़ी बना दिया तो वो अपने दोनों हाथ दीवार पर रखकर टांगें फैलाई खड़ी थी, राहुल उसकी गान्ड के सामने खड़ा होकर उसके जांघ को थोड़ा फैलाया फिर लंड को बुर में घुसाने लगा, सरसरता हुआ लंड अंदर चला गया तो उसको चोदता हुआ उसके लंबे जुल्फों को पकड़कर उसके बदन को ही आगे पीछे करने लगा तो वो अपने चूतड़ हिला डुला कर चुदाई का मजा दे रही थी और दोनों सेक्स की दुनिया में खो चुके थे। बबीता की मोटी गान्ड मेरे अगले हिस्से से रगड़ खाकर मुझे बहुत मज़ा देने लगी तो अब मेरे लंड का वीर्य स्खलित होने पर था, उसकी गर्दन को पकड़ा फिर पूरे रफ्तार से चोदने लगा तो आंटी ” उह ओह अब झाड़ दो राहुल, बुर का तो भजिया बना दिए
( मैं ८-१० धक्के लगाने के बाद ) ओह उह ये लो बे कुत्ति मेरा निकला ” तो मेरे लंड से वीर्य स्खलित होकर चाची की चूत को शांत कर दिया फिर वो मेरा लंड चूसकर वीर्य का स्वाद चख ली…..
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#4
माया चाचि की चुदाई
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#5
(11-01-2021, 05:17 PM)neerathemall Wrote: माया चाचि की चुदाई
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#6
री मम्मी की सहेली माया और मेरे बिच जिस्मानी रिश्ते कई दफ़े बन चुके थे और मेरी मम्मी को हमदोनो के बिच के सम्बंध के बारे मे मालुम था ! माया चाचि मेरी मम्मी की तरह मौज मस्ती करने वाली औरत थी तो मेरी नज़र मे वो मेरे सामने दुने उम्र की औरत थी ! सच पुछा जाय तो 40 साल की औरत के साथ सम्भोग करने मे उतना आनंद नही है जितना की 20-25 साल की लड़्की के साथ, एक तो वैसी औरत की चुत काफ़ी ढीली होती है साथ मे उनके स्तन हो या चुत्तर….. उनका आकार बड़ा और बेड़ोल होता है लेकिन माया अपने शरीर को काफ़ी हद तक फ़िट रखी थी ! उम्र के हिसाब से उनकी चुची काफ़ी गठीली और चुत्तर गोल गुम्बदाकार और सेक्सी थे, आज सुबह जब उनका फ़ोन आया तभी मै कालेज के लिये निकला ही था……… “हेलो माया आंटी कैसी हो
(माया) तूम्हे मिलने की फ़ुर्सत तक नही
(राहुल) देल्ही गया था बोलिये तो अभी आ जाता हु
(माया) ठीक है आ जाओ और साथ मे दो बोट्ल बियर भी ले लेना. ”
मै बाजार मे रुककर बियर और सिगरेट खरीदा फ़िर माया चाचि के घर पहुंच गया, उनका मेन गेट खुला हुआ था तो मै बाईक को लाउन मे खड़ा किया और फ़िर दरवाजा के पास गया, पर्दा के किनारे से अंदर की ओर झांका और आवाज दिया……… “माया आंटी किधर है. ” थोड़ो देर बाद आवाज आई…… “बैठो राहुल मै आती हु. ” मै अंदर घुसकर बैठ्ने की जगह उनके बेड़ रूम की ओर चला गया और दरवाजा के पास खड़े होकर पर्दे के किनारे से अंदर झांका तो होश उड़ गये ! एक बड़े से दर्पन के सामने माया नग्न खड़ी थी और मै उनके नग्न चुत्तर और पीठ को देख रहा था, उनके अगले हिस्से का प्रतिबिम्ब दर्पन पर बन रहा था तो मुझे दर्पन मे उनकी बड़ी-2 चुचि और जङ्हा के दर्शन हो रहे थे ! मेरा लंड़ तो खम्बा हो चुका था तभी बेड़ पर पड़े साया को माया हाथ मे ले ली और फ़िर कमर से साया पहनकर अपने नग्न निचले भाग को ढ्क ली, मै तभी कमरे मे घुस गया और शायद उनको मेरी आहट का आभास हुआ और वो पिछे कि ओर मुड़ी तो मै चाचि को अपने बाहो मे भर लिया ! वो मेरे से लिपट्कर गर्दन चुम रही थी तो उसके नग्न स्तन मेरे सिने से दब रहे थे, मै तभी माया को बेड़ पर सुला दिया और अपना शर्ट उतार फ़ेंका, उनके बदन पर सवार होकर ओंठ और गाल चुमने लगा तो वो मेरे पीठ को सहलाने लगी ! माया तभी अपना जिभ मेरे मुह्न मे ड़ालकर मेरे गर्दन को थाम ली और मै माया के जिभ को चुसता हुआ मस्त था, कुछ देर तक जिभ चुसने के बाद मुझे याद आया की दरवाजा खुला हुआ है ! मै जाकर दरवाजा बंद कर दिया और फ़िर वापस आया तो माया ब्लाउज पहन रही थी, अब दोनो ड़ायनिंग़ रूम मे सोफ़ा पर बैठ गये तो वो दो ग्लास लेकर आई ! मेरे सामने वो झुककर ग्लास मे बियर ड़ाल रही थी तो मै सिगरेट को सुलगाया और फ़िर दोनो बियर पीने लगे, वो मेरे सामने वाले सोफ़ा पर बैठी हुई थी तो मै बियर की चुस्की लेता हुआ माया के बुब्स को घुर रहा था, चुचि के कुछ भाग दिख रहे थे तो उनकी ब्लाउज से चुचि बाहर निकल आएगी….. ऐसा मुझे लग रहा था, माया को बोला……. “क्या बात है ब्लाउज पहन ली जबकी उसे तो उतारना ही पड़ेगा
(माया अपने सिने पर से साड़ि हटाकर) लो देखो अभी ब्लाउज भी खोल ड़ालती हु
(राहुल) ओह चाचि रहने दिजिये ना मै खोलुंग़ा. ”
माया अपने ब्लाउज खोलकर स्तन को नग्न कर दी तो मै अपना जिंस खोलकर उनके सामने गया, वो मेरे लंड़ के उभार को चड़्ही पर से ही सहलाने लगी….. “खोल कर देखु कुछ मोटा हुआ है क्या. ” वो मेरे चड़्ही को उतार दी और मुसललंड़ को पकड़ कर सुपाड़ा को अपने चेहरे और ओंठ पर रगड़ने लगी, माया बिना देर किये मेरे लंड़ को मुह्न मे भर ली और चुसने लगी तो मुझे काफ़ी मजा आ रहा था ! वो कुछ देर तक लंड़ को चुसकर अपने मुह्न से बाहर की और फ़िर जिभ से लंड़ चाट्ने लगी, मेरा मुसल लंड़ पुरी तरह से चुदाई को तैयार था लेकिन मेरा मानना है की चुसे हुए लंड़ से चाटे हुए बुर को चोदने का मजा ही कुछ अलग है ! माया के मुह्न मे लंड़ था तो मै उसके बाल को कसकर थामे उसके मुह्न को ही लंड़ से चोदने लगा, मेरा सुपाड़ा माया के गले तक जाकर अटक जाती थी, 4-5 मिनट तक माया के मुह्न को लंड़ से चोदता रहा और फ़िर वो मेरे लंड़ को मुह्न से बाहर निकाल दी ! मै बाथरूम जाकर पिसाब किया और फ़िर दोनो सोफ़ा पर बैठ्कर बियर पीने लगे लेकिन मै माया के साया को खोलकर नग्न कर दिया, दोनो नग्न अवस्था मे सोफ़ा पर थे तो बियर पीते हुए मै उसके स्तन को मसलने लगा…….. “माया रानी एक बात बता
(माया मेरे लंड़ को सहलाने लगी) पुछ ना जानु
(राहुल) तुझे किस काम मे मजा आता है समझी मेरा सवाल
(माया) जरुर काम मे तो अब अगर गांड़ ही चोदो तो सबसे अधिक मजा आयेगा. ”
हमदोनो दो बोट्ल बियर गटक चुके थे और मै अब सोफ़ा के निचे घुट्ने के बल हो गया फ़िर माया को सोफ़ा के किनारे बैठ्ने को बोला, वो दोनो पैर दो दिशा मे किये बैठी थी तो मै उसके जङ्हा को चुमने लगा ! उसकी बुर के फ़ांक को सहलाता हुआ अब बुर पर चुम्बन देने लगा, बुर की फ़ांक लम्बी और फ़ुली हुई थी तो बार के रोये बुर पर थे, मै चुमता हुआ उसके स्तन को मसल रहा था और फ़िर बुर को फ़ल्काकर जिभ से चुदवाने लगी, मै तेज गति से उसकी बुर को जिभ से चोद रहा था तो वो मेरे बाल सहलाते हुए….. “आह्हह ऊह्हह राहुल अब चोदो ना बुर मे खुजली हो रही है. ” मै अब बुर के फ़ांक को चुसने लगा और उसके स्तन को दबा रहा था ! अब दोनो बिस्तर पर दुबारा आये तो माया चित होकर लेट गयी और मै उनसे पुछा…… “माया घर मे मख्खन है की नही
(माया) है रेफ़्रिजिरटेर मे देखो. ” मै मख्खन लेकर आया तो माया बेड़ पर चित लेटी हुई थी ! अब माया को पट लेटने को बोला और उसके नितम्ब पर मख्खन रगड़्ने लगा, उसके गोल गुम्बदाकार गांड़ के दरार मे मख्खन रगड़्ते हुए मस्त था ! अब माया चाचि कुतिया बन गयी और मै उनके गांड़ के मुहाने पर मख्खन रगड़ने लगा, अब मै माया की गांड़ के दरार मे जिभ फ़ेरने लगा और मुहाने को पल भर तक चाटा !
माया के गांड़ मे लंड़ पेलता हुआ उसके कमर को थाम रखा था, आधा लंड़ तो आसानी से माया की मांसल गांड़ मे घुस गया और फ़िर मै जोर का धक्का गांड़ मे दे दिया ! मेरा मुसल लंड़ उसकी गांड़ मे था और वो चिंख पड़ी…… “ऊह्हह राहुल जरा आराम से गांड़ चोदो
(राहुल) क्यो साली फ़ट रही है क्या. ” मेरा लंड़ गांड़ के अंदर तेज गति से दौड़ लगा रहा था, फ़िल्हाल तो गांड़ के भितर मख्खन का भी असर था, माया पिछे की ओर मुड़ी और अपने चुत्तर को आगे पिछे करने लगी ! मेरा लंड़ गांड़ की चुदाई करके मस्त था, उसके सिने से झुलते चुचि को मसलता हुआ मजे ले रहा था ! कुछ देर बाद गांड़ की गर्मी चरम पर थी तो मै लंड़ को बाहर किया, फ़िर बुर मे लंड़ पेलकर चुदाई करने लगा, माया जैसी औरत के लिये 10-12 इंच लम्बा और 4-5 इंच मोटा लंड़ की जरुरत थी तभी ऐसी चुदककड़ औरत की बुर त्रिप्त हो सकती है ! मै माया की बुर को चोदता हुआ हांफ़ने लगा और वो ‘ आह्ह ऊम्मम राहुल और तेज चोदो ना बुर से पानी फ़ेंकने पर है. ‘ बोलते हुए अपने चुत्तर को आगे पिछे कर रही थी ! कुछ देर बाद बुर से रस निकला तो मै लंड़ को बाहर किया और माया रानी चित लेट गयी, अब उनकी बुर फ़ल्काए मै जिभ को अंदर पेलकर रस चाटने लगा, फ़िर वो बाथरूम चली गयी ! Namaskar
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#7
Sleepy Sleepy Sleepy
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#8
(11-01-2021, 05:16 PM)neerathemall Wrote:
छोटी चाची के साथ सेक्स

ड़ने के बाद मौसी मेरे ऊपर गिर गईं और हम दोनों हांफने लगे.
मैं मौसी की आंखों में संतुष्टि साफ़ देख सकता था.
मौसी की चूत से मैं भी संतुष्ट हो चुका था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#9
(11-01-2021, 05:44 PM)neerathemall Wrote: Sleepy Sleepy Sleepy
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#10
भतीजे के लंड पर दिल आ गया





जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#11
Angry वासना की कहानी चाची भतीजे के बीच यौन सम्बन्ध को लेकर है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#12
रे पति हफ्ते में 3 दिन ही घर पर रहते हैं, बाकी दिन काम के सिलसिले में बाहर रहते हैं।

यहां पर मैं, मेरे पति समर और मेरा 3 साल लड़का सुमित साथ में रहते हैं।

मेरा फिगर 34-28-30 है, जिसके कारण सभी की निगाहें मुझ पर रहती है जो मुझे अच्छा नहीं लगता है
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#13
मेरे भतीजे को जयपुर के एक अच्छे इंस्टीटयूट से कोचिंग लेनी थी इसलिए वो हमारे साथ रहने के लिए आने वाला था।

मैं इस बात से बहुत खुश थी क्योंकि जब मैं उदयपुर रहती थी तो मेरी और उसकी बहुत बनती थी और हमने साथ में काफी टाइम भी बिताया है।
कुछ दिनों बाद वो हमारे घर आ गया और हम सभी उसे देखकर बहुत खुश थे।
उसे पढ़ाई के लिये अलग कमरे की जरूरत थी इसलिए उसे हमने एक अलग कमर दे दिया।
उसने अपना सारा सामान वहां पर रखा और मैंने उसकी समान सेट करने में मदद की, उसके बाद हमने साथ बैठ कर खाना खाया।
रात को समर घर नहीं आने वाले थे और हमारे घर एक ही AC लगा हुआ था इसलिए मैंने अमन को कहा कि वह मेरे साथ ही सो जाया करे जिस दिन घर पर चाचा नहीं होते हैं, ताकि उसे कूलर के आगे गर्मी में ना सोना पड़े।
ऐसा कहने के लिये मुझे समर ने ही कहा था।
रात को मैं बेड पर कार्नर वाली साइड पर सो गई और अमन को मैंने कहा कि वो चारपाई पर सो जाए।
चारपाई बेड को सटाकर इस तरह से रखी गयी थी कि मेरा सिर उसके सिर के पास ही था।
अमन को सुबह जल्दी उठकर नहाने की आदत है इसलिए वो सुबह जल्दी उठा और नहाने चला गया।
पानी और गेट के खुलने की आवाज़ से मैं जाग गयी।
मैंने बाथरूम की ओर मुँह किया हुआ था।
थोड़ी देर बाद अमन केवल अंडरवियर में ही बाथरूम से बाहर निकला और अपने कमरे में चला गया।
मैंने उसे देखा तो पाया कि वो अब बच्चा नहीं रह गया था और एक अच्छी फिजिक वाला लड़का बन गया था।
सुबह मैंने उसे नाश्ता करवाया उसके बाद वो अपनी कोचिंग चला गया।
दोपहर में वो कोचिंग से आया और खाना खाने के बाद हम बातें करने लगे।
मैंने गौर किया कि वो मुझे बार टच कर रहा था और मेरे ब्लाउज के बीच क्लीवेज को देख रहा था।
किन्तु मैंने उस पर ज्यादा शक नहीं किया क्योंकि मुझे लगा कि ये मेरा भतीजा है और मुझे और मेरे पति को अमन पर पूरा विश्वास था।
कुछ दिनों तक बस ऐसा ही चलता रहा।
फिर एक दिन शाम को मैं जब अमन के साथ सामान लाने के लिए मोटरसाइकिल पर अमन के साथ बाज़ार गयी तो मैंने नोटिस किया कि अमान बेवजह ही ब्रेक मार रहा था जिसके कारण मेरे दूध अमन की पीठ को टच कर रहे थे।
अब मुझे शक होने लगा था कि अमन के मन मे मुझे लेकर विचार बदल रहे हैं।
घर आने के बाद हमने खाना खाया और सोने चले गए।
सोने के बाद मैंने महसूस किया कि कोई मेरी चादर को सरका रहा है।
उसने चादर को हटाने के थोड़ी देर वापिस चादर को सही कर दिया।
अमन सुबह जल्दी उठा और नहाने चला गया।
फिर थोड़ी देर बाद उसने आकर मुझे उठाया और कहा- चाची बाथरूम में कई सारे कोकरोच हैं.
तो मैंने उसे कहा कि उसे बाथरूम के बाहर नहा लेना चहिये।
इस पर वो राजी हो गया और बाहर नहाने लगा।
मेरे कमरे की खिड़की से वो नहाता हुआ साफ दिख रहा था।
जब वो नहाकर खड़ा हुआ तो मैंने देखा कि जब वो अंडरवियर चेंज कर रहा था तब उसने टॉवल लपेट कर अपना अंडरवियर उतार दिया और जब वो दूसरा अंडरवियर पहनने लगा तो अंडरवियर पूरी टाइट होने के कारण जब उसने अंडरवियर से टॉवल निकलने की कोशिश की तो उसकी अंडरवियर थोड़ी नीचे सरक गई और मुझे उसका लंड की झलक मिल गयी.
उसका सोया लंड कम से कम 4.5 इंच लंबा और 2 इंच चौड़ा था।
इस वक़्त मैं भी उसे देखकर गर्म हो गयी थी, शायद उसने भी मुझे उसे देखते देख लिया था।
अब वो रोज ही बाहर नहाने लगा था।
मैं भी उसे और उसके हथियार को अंडरवियर के ऊपर से देखकर थोड़ी गर्म होने लगी थी।
एक दिन मैंने उसे एक शर्ट लाकर दी।
उसे शर्ट बहुत अच्छी लगी, वो अंदर कमरे में शर्ट बदलने चला गया।
फिर कमरे से उसकी आवाज़ आयी और उसने मुझे बुलाया।
मैं अंदर गयी तो देखा कि वो शर्ट उसे थोड़ी सी छोटी थी इसलिए वो उस शर्ट को मेरे सामने ही उतारने लग गया।
उसने शर्ट मेरे सामने उतारी जिसे देखकर मुझे शर्म सी आने लगी और मैं बाहर आ गयी।
एक दिन हमारे घर पर मेरे पति और उनके दोस्त सुबह सुबह ही आ गए.
हमारे घर में 2 कमरे होने के कारण 1 कमरे पति और उसके दोस्त और दूसरे कमरे में अमन बैठा था।
जब मैं नहाने गयी तो जब बाहर निकली तो मैं साड़ी पहनने के लिए अमन के कमरे में चली गई।
वहाँ पर अमन पहले से ही पढ़ रहा था।
मैं सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज में उसके सामने खड़ी थी।
अब मैं साड़ी पहने लगी तो अमन मुझे बारी बारी देखे जा रहा था और मेरी क्लीवेज को घूरे जा रहा था.
इसलिए अब मैं उसकी तरफ पीठ करके खड़ी हो गयी और साड़ी पहन के बाहर आ गयी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#14
मेरे बाहर आते ही अमन भी फटाफट वाशरूम में चला गया।

मुझे पता लग गया था कि अमन वाशरूम में क्या करने गया था।
उसी रात मुझे महसूस हुआ कि अमन मेरी कमर पर हाथ घुमा रहा है।
ये मेरी ज़िंदगी दूसरा आदमी था जो मुझे इस तरह छू रहा था।
उसका हाथ धीरे मेरे दूध पर आ रहा था और अब उसने मेरे दूध पर हाथ रख दिया।
अब मैं जानबूझकर थोड़ा हिली तो उसने हाथ साइड कर लिया।
सुबह जब वो नहाने गया तो मैंने देखा कि वो आज मेरी तरफ पीठ करके मुठ मार रहा है।
यह देख कर मैं भी गर्म हो गयी।
अगले दिन बाज़ार से आते टाइम मेरी मोटरसाइकिल से टक्कर हो गयी इसलिए मेरी पीठ में काफी दर्द हो रहा था।
अमन के साथ डॉक्टर के पास गई.
तो डॉक्टर ने कहा कि जैल लगाओ और शाम को मालिश कर लेना।
घर आने के बाद मैंने जैल लगा ली।
शाम को मैंने अमन से कहा कि वो मेरी पीठ पर मसाज कर दे.
तो वो तुरंत राज़ी हो गया।
मैंने उसे तेल लाने को कहा जो डॉक्टर ने दिया था।
वो फटाफट गया और तेल लेकर आ गया।
फिर मैं उसकी तरफ पीठ करके लेट गयी।
मेरा ब्लाउज सिर्फ 2 इंच की पटी से हुक से बंधा था इसलिए मेरी लगभग सारी पीठ नंगी थी।
मैंने अपनी पीठ से अपने साड़ी के पल्लू को हटा लिया ताकि अमन तेल सही से लगा सके और मेरे कपड़े भी खराब ना हो।
अब अमन ने अपने हाथ में तेल लेकर जैसे ही मेरे पीठ पर हाथ रखा तो एक मर्द के हाथ के छूने से में सकपका गयी।
अमन धीरे धीरे मेरी पीठ पर प्रेशर बढ़ा रहा था, अब मुझे मजा आने लगा था।
अमन- चाची क्या मैं ब्लाउज का हुक खोल दूं? अगर नहीं खोला तो ब्लाउज गन्दा हो जाएगा।
मैं- हाँ खोल दो!
फिर अमन ने ब्लाउज का हुक तो खोल ही दिया और साथ में मेरी ब्रा का हुक भी मुझसे बिना पूछे ही खोल दिया।
मैं भी गर्म होने लगी थी इसलिए मैंने उसे कुछ नहीं कहा।
अब अमन मेरी जांघों पर बैठ गया और मेरी पीठ की मालिश करने लगा।
मैं महसूस कर पा रही थी कि अमन का लंड खड़ा हो गया है क्योंकि अमन जैसे जैसे अपने हाथों को आगे लेकर आता वैसे वैसे उसका लंड मेरी गांड पर रगड़ लगा रहा था।
अब उसकी रगड़ मुझे सुहाने लगी थी और थोड़ी देर बाद वो मालिश करते हुए अपने हाथ मेरे दूध की ओर लेकर जा रहा था।
मैंने उसे नहीं रोका क्योंकि अब मुझे खुद मजा आ रहा था।
तभी समर का फ़ोन आया और उन्होंने कहा- मैं थोड़ी देर में घर आ रहा हूँ। तुम अपना मैदान साफ करके रखना, आज मुझे पिच एकदम क्लीन चहिये।
मैं- अमन, समर आने वाले हैं और मुझे उनके लिए खाना तैयार करना है इसलिए मैं जा रही हूँ।
अमन का सारा मूड ऑफ हो गया और वो एक आखिरी बार मेरी गांड पर जोर की रगड़ मार कर और साइड से मेरे दूध दबाकर बेड के साइड में बैठ गया।
मैं उसे ग्रीन सिग्नल देना चाहती थी- अमन, मेरी पीठ को साफ कर दो और मेरे ब्लाउज और ब्रा का हुक बंद कर दो।
अमन आया और उसने पहले मेरी पीठ को साफ किया और फिर ब्लाउज और ब्रा का हुक बंद कर दिया।
अब जैसे ही मैं उसके सामने पलटी तो अमन बोला- चाची, अगली बार दर्द हो तो मुझे बेझिझक बता देना, मैं आपकी अच्छे से मालिश करके आपका दर्द दूर कर दूंगा!
मैंने उसे कुछ नहीं कहा और रसोई में जाकर खाना तैयार करने लगी और फिर नहाने गयी।
जहां मैंने अपने नीचे के बाल अच्छी तरह से साफ किये और रात को चुदाई के लिये तैयार हो गयी।
मेरे पति आये और खाना खाने के बाद मुझे कमरे में ले गये जहां पहले हम दोनों नंगे हुए.
उसके बाद उन्होंने अपना लंड जो कि अमन से थोड़ा ही छोटा था, उसे मेरी चूत में डाल दिया.
दो मिनट में ही वे फ्री हो गये क्योंकि उनका स्टेमना कम है।
अब मैं अमन से मालिश करवाना चाहती थी लेकिन मेरे पति के होते हुए में ऐसा नहीं कर सकती थी।
दो दिन मेरे पति घर रहे इस दौरान मैंने और अमन ने कुछ नहीं किया।
अगले दिन सुबह मेरे पति जल्दी ही चले गए।
आज मैं अमन को नहाते हुए देखने का इंतज़ार कर रही थी.
इतनी देर में अमन आया और अपने कपड़े उतारने लगा और आज उसने अपना अंडरवियर भी उतार दिया और मेरे तरफ मुँह करके लंड हिलाने लगा.
अब मैं अपनी मिडल फिंगर अपनी चूत में डालकर जोर जोर से हिलाने लगी।
फिर उसने काफी देर बाद अपना पानी फर्श पर गिराया और चला गया।
आज मैंने सोच लिया था कि मैं आज अमन का पूरा साथ दूंगी इसलिए आज मैंने डीप नैक और डीप बैक का बिना ब्रा वाला ब्लाउज पहना।
इसमें मैं बहुत सेक्सी लग रही थी।
जब मैं अमन के सामने गयी तो वो मुझे देखता ही रह गया।
सारा दिन वो मुझे छुप छुप कर देखने लगा और मैंने भी जान बूझकर उसे देखने दिया।
आज रात को समर नहीं आने वाले थे इसलिए आज मैं और अमन एक ही कमरे में पास पास सोने वाले थे।
रात को मैंने अमन के सामने साड़ी के पल्लू को कंधे से बांधने के लिए लगी सेफ्टी पिन को निकाल दिया और बेड पर आ गयी।
आज अमन को देखकर लग रहा था कि उसने आज बिना अंडरवियर के लोअर पहन रखा है।
लगभग 2 बजे रात को अमन ने मेरे पल्लू को हटाया और मेरे दूध को ब्लाउज के ऊपर से ही दबाने लगा।
थोड़ी देर बाद उसने अपनी उंगली को मेरे क्लीवेज में डालकर उसे रगड़ने लगा।
मुझे मज़ा आ रहा था, अब मैं चाहती थी कि वो इस से आगे बढ़े और ज़ोर ज़ोर से मेरे दूध दबाए.
लेकिन उसने अगले ही पल मेरे दूध से हाथ हटाया हटा लिया और अब मुझे उसकी सिसकारियों की आवाज़ आ रही थी.
लगता था उसने मुठ मारना शुरू कर दिया था।
मुझे अपनी तरफ से पहल करने में शर्म आ रही थी इसलिए मैं भी सो गई।
अगले दिन पता चला कि अमन के मामा की शादी में अमन को बुलाया गया है इसलिए अब अमन को जाना पड़ेगा।
अमन दोपहर की बस से मामा के घर चला गया।
अब मुझे उसके बिना बहुत अकेलापन महसूस हो रहा था।
मेरा घर पर मन नहीं लग रहा था और मुझे पार्लर गए हुए भी काफी टाइम हो गया था।
मैं पार्लर गयी और वहां जाकर फेशीयल, मैनीक्योर, पेडिक्योर और पूरे शरीर की वैक्सिंग के साथ ही ब्राज़ीलियन वैक्स करवाकर एक दम चिकनी बन के घर आई।
अगले दिन अमन आने वाला था।
अगली शाम को अमन तो आया ही लेकिन साथ में मेरे पति भी आ गए।
इस कारण आज अमन मेरे साथ और में उसके साथ कुछ नहीं कर पाई और यहां बेड में मेरे पति मेरे साथ कुछ नहीं कर पाए।
सुबह समर आफिस गए तो मैंने अमन पर और अमन ने मुझ पर डोरे डालने शुरू कर दिए।
अमन बिना अंडरवियर के तो मैं बिना सिर पर पल्ला लिए नंगी पीठ दिखाते हुए घर में थे।
मैं- अमन, मेरी तबियत ठीक नहीं है इसलिए मैं नींद की गोली लेकर सोने जा रही हूँ। थोड़ी देर में तुम भी सोने आ जाना और सो जाना।
यह सुनकर अमन के मुँह पर अलग ही चमक आ गई।
मैं जाकर सो गई और अमन का इंतज़ार करने लगी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#15
s2 Shy
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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#16
(20-05-2022, 04:51 PM)neerathemall Wrote:
Angry वासना की कहानी चाची भतीजे के बीच यौन सम्बन्ध को लेकर है.

1701
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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#17
(20-05-2022, 04:50 PM)neerathemall Wrote:
भतीजे के लंड पर दिल आ गया






clps
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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#18
(11-01-2021, 05:16 PM)neerathemall Wrote:
छोटी चाची के साथ सेक्स
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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#19
Nice story
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