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शालिनी ने पीछे कमरे से मुझे आवाज दी तो मैंने पूछा क्या हुआ तो उसने कहा भाई मैं अपने कपड़ो की फिटिंग चेक कर रही हूं, आप भी अपनी जींस चेक कर लीजिए, बट मैंने कहा मैं सुबह चेक कर लूंगा, तुम ट्राई कर लो.... मैं हसीन नजारे को देखने की तमन्ना लिए लेटकर टीवी देखता रहा.....
थोड़ी देर में शालिनी ग्रीन कलर की टीशर्ट और डार्क ब्राउन कलर की जींस पैंट पहने मेरे सामने खड़ी थी। वह बहुत ही ज्यादा हॉट लग रही थी। उसके बाल पूरे खुले हुये थे।
शालिनी - भाईजी, ये पैंट तो बहुत टाइट है, मैंने कमर के साइज २८ देख के लिया था। लेकिन ये यहाँ मेरी थाईज पे बहुत टाइट है।
मै - (टाइट पैंट में शालिनी की जांघें कसी-कसी थी और उसकी चूत का उभार भी साफ़ नज़र आ रहा था) हाँ , ये थोड़ी तो टाइट है। लेकिन इसमें तुम अच्छी दिख रही हो ।
(मैंने मुस्कराते हुए कहा और उठकर बैठ गया)
शालिनी -भाई,वो .... वो... मैंने ये पैंट बिना पैन्टी के पहनी है फिर भी ये इतनी टाइट है, तो पैन्टी पहनने के बाद और टाइट हो जाएगी।
(बिना पैन्टी के ?? शालिनी कीे बात सुनते हीे मैंने अपनी नज़र उसकी बुर वाले हिस्से पे गड़ा ली। ओह ....... शालिनी की बुर मुझसे बस कुछ इंच की दूरी पर थी । मेरा लंड खड़ा होने लगा)
शालिनी - (थोड़ा उदास होते हुये) मुझे सारे कपडे ट्राई कर के लेने चाहिए थे।
मै - कोई बात नहीं मेरी स्वीट बहना, ये अभी हल्का सा ढीली होयेगी पहनने पर, इसका फैब्रिक ऐसा ही है और नहीं तो दूसरी ले लेंगे। तुम बाकी के कपड़े भी ट्राई कर के देख लो,,,, ब्रा और पैन्टी भी ... कहीं वो भी तो छोटी नहीं है ?
मैंने मौका देख कर चौका मारा....
शालिनी - ठीक है भाई जी आप यहीं बेड पे बैठिये मैं बाकी के कपड़े भी ट्राई करती हूँ।
मै बेड पे बैठ गया, और शालिनी पीछे मुड़ कर कमरे में जाकर कपड़े उतारने लगी । आज के पहले वो हमेशा दरवाजा ढलका करके कपड़े बदलती थी और मैंने कभी उसे चोरी से देखा भी नहीं था, कपड़े बदलते हुए, मैं हल्का सा बेड से उतर कर पीछे कमरे की तरफ देखा तो खुले दरवाजे से उसकी नंगी गोरी चिकनी पीठ मेरे सामने थी ।
शालिनी शापिंग बैग से उसकी रेड ब्रा निकाल के पहन रही थी, शालिनी अपने हाथ पीछे करके ब्रा का हुक लगा रही थी, उसकी गोरी पीठ पर लाल ब्रा की सिर्फ एक पट्टी,,,,
मैं सोचने लगा की शालिनी के सामने से बूब्स अभी कैसे दिख रहे होंगे। मैं दिवार के तरफ पिलो लगा कर बैठ गया और वहां से शालिनी को ऐसे अधनंगा देख मेरा लंड रगड़ने का मन करने लगा और मैं अपना हाथ बरमूडे में डालकर लंड को मसलने लगा।
शालिनी ने बिना मेरी तरफ मुड़े अपनी ब्रा पहन ली,मेरा एक हाथ अभी भी लंड को मसल रहा था। शालिनी ने एक टॉवल लपेटकर अपनी पैेंट उतार कर बेड पे फेंक दी और पैर उठा के पेंटी पहनने लगी। मैं तेजी से मुठ मार रहा था। उसने पैेंटी और ब्रा पहनने के बाद टॉवल को नीचे गिरा दिया और मेरी तरफ मुड़ गई।
मेरी तो जैसे साँस ही अटक गई।। मेरी जवान बहन अपने भरे-भरे बदन को सिर्फ एक रेड कलर के ब्रा और पैन्टी में ढके मेरे सामने कुछ दूर खड़ी थी, शालिनी ने कई बार अपनी बाडी को इधर उधर करके अपने आप को एडजस्ट कर रही थी और फिर वो मेरी तरफ बढ़ी..... सिर्फ लाल पोल्का डॉट्स ब्रा और लाल रंग की पैंटी में.... क़यामत लग रही थी वो .....
मैने अपना हाथ स्लो कर दिया ताकि शालिनी को पता न चले के मैं मुठ मार रहा हूं।
शालिनी - (मेरे एकदम करीब आकर)कैसी लग रही हूँ भाईजी, इसकी फिटिंग तो ठीक है।
मैं - (मेरी साँसे तेज़ थी) बहुत अच्छी लग रही हो बहना,,,,, लाल कलर के ब्रा पैन्टी में बहुत गोरी लग रही हो.... और और.... सेक्सी भी... मैंने एक झटके में बोल दिया ।
शालिनी - (हँसते हुवे ) सच्ची भाई, ,,, मुझे भी इसका कलर बहुत पसंद है।
मेरे सामने ही अपने ब्रा को छूते हुये बोली....
शालिनी - भाई जी, इस ब्रा की क्वालिटी कितनी अच्छी है ना ? वैसे भी ये आपकी पसंद की हुई है ।
मै- (मैं हिम्मत करके शालिनी के पास आया और अपने हाथ उसके काँधे के पास ब्रा को हल्का सा छूते हुए बोला-- हाँ इसका फैब्रिक तो बहुत अच्छा है और फिटिंग भी,,,,
मैंने धीरे से अपना हाथ नीचे किया और साइड से शालिनी कीे ब्रा के थोड़ा सा अंदर हाथ ड़ालते हुये ब्रा के कपड़े को छूने लगा। मेरी उंगलियों ने शालिनी की जानकारी में पहली बार उसकी नंगी बूब्स को महसूस किया था ।
मैंने हाथ को जल्दी से वहां से हटा लिया क्योंकि मैं शालिनी को शक में नहीं आने देना चाह रहा था , इस सब के दौरान मेरा लन्ड इस तरह खड़ा था कि मैं अगर शालिनी को सट जाता तो पक्का वो मेरे औजार को महसूस कर लेती,,,,
मुझे लगा कि आज मेरी लाटरी लग रही है पहली बार मैने शालिनी को छुआ और वो भी सीधे उसके अपर ब्रेस्ट को,,,,,
शालिनी फिर से अपनी मदमाती गांड़ को लहराते हुए कमरे में जाकर दूसरी जींस टी-शर्ट पहनकर बाहर आई....
मेरा लौड़ा बदस्तूर खड़ा था और मैं उसे छुपाने के बजाय अब और दिखाना चाहता था कि देख मेरी सेक्सी बहना, तुझे देखकर कैसे तेरे भाई का लन्ड बेकाबू हो रहा है ।
शालिनी ने मुझसे पूछा- ये कैसी है ?
मैं- बहुत ही शानदार, इस जींस की फिटिंग तो तुम्हारी थाईज पर भी ठीक आ रही है..... और ये कहकर मैंने उसकी गुदाज और मांसल दाहिनी जांघ को छू लिया, जैसे मैं उसका फैब्रिक देख रहा होऊं ।
शालिनी- थैंक गॉड.... ये फिट है... ... थैंक यू ब्रदर फार शापिंग... यू आर ग्रेट और ये कहकर वो पीछे कमरे में चली गई।
मुझे लगा कि वो और ब्रा पैंटी पहन कर आने वाली है पर उसने अंदर जाकर कपड़े उतारने के बाद समीज और निक्कर पहनी फिर मेरे सामने से निकलते हुए वो सीधे बाथरूम में घुस गई ।
मैंने अपने दिल को समझाया कि बेटा.... कहते हैं ना कि सब्र का फल मीठा होता है... और थोड़ा थोड़ा ही मीठा खाओ, नहीं तो डायबिटीज होने का खतरा रहता है.... मतलब आज ही सारा मजा लेने के चक्कर में कहीं काम ना बिगड़ जाए ।
खैर, रात काफी हो चुकी थी अब तक मेरा लन्ड भी कुछ शांत हो गया था कि शालिनी आकर बेड पर बैठ गई ।
मैं भी उठकर बाथरूम में आया और हस्तमैथुन करने के लिए लन्ड हाथ में लिया, फिर कुछ सोचकर बिना मुठ मारे मैं टायलेट करके शालिनी के बगल में लेट गया और हमने एक दूसरे को गुडनाईट बोला ....
कुछ देर बाद मैंने शालिनी को आवाज दी ... शालिनी..... शालिनी
वो भी अभी जाग रही थी और मेरी तरफ देख कर बोली - जी...
मैं- एक बात पूछूं ?
शालिनी- एक क्या .... कितनी भी पूछिए।
मैं- वो तुम्हे ब्रा के कप साइज और पैड वाली ब्रा, इस सबके बारे में कैसे पता चला ।
शालिनी- सिंपल भाई जी, गूगल बाबा से आप कुछ भी पूछो , उनके पास हर चीज का जवाब है,,,, वो ब्रा के बारे में भी मैंने गूगल से ही डिटेल जाना ।
मैं- ओहो... और क्या क्या सीक्रेट जाने हैं गूगल से ।
शालिनी- और क्या,,,, मतलब मैंने ब्रा डिजाइन सर्च किए फिर सारी डिटेल्स मिल गई ।
मैं- अच्छा,,,, और बाकी कपड़े भी कर ट्राई कर लेना...
शालिनी- जी, और ये कहकर उसने करवट ली और अब हमारे चेहरे आमने-सामने थे कुछ इंच की दूरी पर, फिर उसने आंखें बंद कर ली और मैं समीज के गले से बाहर निकल आई उसकी चूचियों को देखता रहा, उसकी सांसों की महक सीधे मेरी सांसों में समा रही थी....
कुछ देर बाद मुझे भी नींद आ गई और आज की रात मैं उसके शरीर से बिना खेले ही सो गया ।
सुबह मैं जब जगा तो शालिनी सो रही थी, मैंने देखा कि उसकी समीज थोड़ा ऊपर हो गई थी जिससे नीचे की तरफ से उसकी दाहिनी चूंची दिख रही थी मैंने ये मौका हाथ से जाने नहीं दिया और धीरे से अपना हाथ उसके मखमली पेट पर रख कर ऊंगली थोड़ा सा उसकी चूचियों तक पहुंचाकर सोने की एक्टिंग करके लेटा रहा,,,,,
ऐसा करते ही मेरा लौड़ा जबरदस्त तरीके से खड़ा हो गया पर अब मेरी हिम्मत बढ़ चुकी थी,,,,
काफी देर बाद शालिनी उठी और मेरे हाथ को साइड में करके बाथरूम में घुस गई,,,,
अब मैंने भी अपनी आंखें खोली, मेरा दिल और लन्ड दोनों बल्लियों उछलने लगा, क्योंकि अब मुझे यकीन हो गया था कि जल्दी ही मैं अपना हाथ शालिनी की जानकारी में उसकी चूचियों तक पहुंचा लूंगा, दबा लूंगा ।
बाथरूम के दरवाजे के खुलने की आवाज़ के साथ मैंने फिर से आंखें बंद कर ली और सीधे होकर लेटा रहा, इस तरह लेटने से मेरा लन्ड सीधा छत की ओर निशाना साधे हुए था ।
शालिनी कमरे में आई और मुझे बंद आंखों से ऐसा लगा जैसे वो मेरे लौड़े को ही देख रही हो, और ये सोच कर ही मेरे लौड़े ने हल्का सा झटका खाया, ये शायद कुछ ज्यादा ही हो गया था । शालिनी के किचन में जाकर चाय बनाने की आवाज़ आई ।
कुछ मिनट बाद वो आई और
भाई जी,,,, भाई,, उठिए,,, योर बेड टी इज वेटिंग ....
और मैंने अपने लौड़े के उभार को उसकी ओर देखते हुए एडजस्ट करने की कोशिश करते हुए उसे गुडमार्निंग बोल कर चाय अपने हाथ में ले ली।
मेरी चाय पकड़ाकर शालिनी अपनी चाय भी किचन से ले आयी और सामने कुर्सी पर बैठ कर चाय पीने लगी, मैं बेड पर ही बैठा था,,,,, आज मैंने गौर किया तो रोज की तरह उसने समीज उतार कर टीशर्ट नहीं पहनी थी, वो अब भी समीज में ही थी, मुझे ये देखकर और अच्छा लगा.... मतलब अब शालिनी भी मेरे साथ कम्फरटेबल है , कम कपड़ों में या या... आने वाले दिनों में बिना कपड़ों के.... सोच कर ही मैं मन ही मन में मुस्कुरा उठा ।
रोज की तरह मैं डेली रूटीन के काम करते हुए, शालिनी के मदमस्त यौवन को देखते हुए, और नहाने के समय मुठ मार कर, तैयार हो कर नाश्ता करके आफिस के लिए निकल लिया, एक नये दिन और नई उमंग के साथ.....
दिन में मैंने हमेशा की तरह उसे कई बार वीडियो काल की, और उसने मुझे बताया कि उसने सारे कपड़े चेक कर लिए हैं, साइज और फिटिंग ठीक है। तो मैंने कहा मुझे क्या पता कि फिटिंग ठीक है कि नहीं ...तो उसने कहा आप खुद देख लीजिएगा आकर, मैं कहीं जा नहीं रही हूं,,,, और हंसते हुए उसने बाय बोल कर फोन कट कर दिया ।
दोपहर तीन बजे शालिनी की काल आई और उसने मुझसे पूछा ...
शालिनी- दद्दा , वो पेन किलर टैबलेट कहां रखी है आपने ?
सागर- क्यों, क्या हुआ मेरी स्वीटी....?
शालिनी- जी... जी, दद्दा , वो मेरा पीरियड शुरू हो गया है और मुझे दर्द हो रहा है।
सागर- ओह,,,, वो मेरी बुक्स की साइड में जो डब्बा है उसी में है,देखो...
शालिनी- जी, मिल गई,
सागर- ज्यादा पेन हो रहा हो तो मैं आ जाऊं और हम किसी डॉक्टर के पास चलते हैं।
शालिनी- नहीं,,, नहीं, भाई जी, ये टेंशन तो हर महीने की है, शुरू के दो दिन पेन रहता है बट पेन किलर से आराम मिल जाता है, आप अपना काम करने के बाद ही आना.... आई एम फाइन दद्दा... डोन्ट वरी .... ।
सागर- ओके बेटा,,,, अपना ख्याल रखना मैं जल्दी ही आ जाऊंगा ।
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मैं रात को घर आया और शालिनी से उसकी तबियत के बारे में पूछा तो उसने कहा,
शालिनी- जी, पेन किलर से आराम मिल गया है ।
वो इस समय बेड पर लेट कर टीवी देख रही थी, उसने आज अभी तक समीज और निक्कर ही पहन रखा था, समीज में भी ब्रा की तरह कंधों पर सिर्फ पट्टियां होने से उसके खुले कंधों के नीचे दो नारियल साइज की चूचियों के दर्शन करना एक अलग ही मजा है। मुझे लगा कि इस तरह उसके सेक्सीे शरीर का दीदार आसानी से मिलता रहेगा । वो उठने को हुई तो मैंने मना कर दिया और कहा कि तुम आराम करो, मैं चेंज करके काफी बनाता हूं । मैंने चेंज करके काफी बनायी और शालिनी के पास बेड पर बैठ कर ,हम दोनों काफी पीने लगे,
मैं- मैं बाहर से जाकर खाना ले आता हूं, तुम आराम करो ।
शालिनी- नहीं,,, नहीं मैं बना लूंगी,ऐसी कोई प्राब्लम नही है, अभी हल्का सा दर्द हो रहा है बस,,,
मैं- अच्छा ठीक है कुछ हल्का फुल्का बना लो, बस...
आप नहा लो तब तक मैं कुछ खाना बना लेती हूं,,,,
मैंने कुछ देर बाद नहाने के बाद फिर से बिना अंडरवियर के बरमूडा पहना, उपर बनयान भी नहीं पहनी और शालिनी के पीछे किचन में जाकर खड़ा हो गया और उसने मुझे देख कर बोला कि आप दो मिनट बाद गैस बंद कर देना, अब मैं भी जरा नहा लूं....
और वो अंदर कमरे में जाकर हाथ में एक पैड लिए हुए निकली और बाथरूम में घुस गई । मतलब शालिनी अब अपना पैड बदलेगी, शायद पहले वाला ब्लड में भीग गया हो, लड़कियां माहवारी के दौरान अपनी बुर में पैड कैसे लगाती हैं मुझे कोई आईडिया नहीं था, ये सब सोच कर ही मेरे लौड़े में गज़ब की सनसनी हुई ।
मैं पीछे से उसकी लहराती कमर को देखकर फिर से उसके पीरियड के दर्द को भूलकर अपने लिए मौके की तलाश करने लगा, कि शालिनी के साथ शारीरिक छेड़छाड़ या प्यार का कोई मौका मैं कैसे निकालूं ।
मैं गैस बंद करके टीवी देखने लगा और रोज की अपेक्षा शालिनी ने नहाने में काफी समय लगाया,
और फिर हम दोनों ने साथ में खाना खाया और सोने की कोशिश करने लगे,,,, इस बीच काफी बातें होती रहीं इधर उधर की और मैं शालिनी की हिलती चूचियों को देख कर मजा लेता रहा ।
मैं टीवी पर चैनल बदल रहा था फिर एक म्यूजिक चैनल पर एक हाट सांग आ रहा था जिसमें हीरो पूरे सांग में हीरोइन को सिर्फ चूमता और चाटता ही रहता है,,, मैं कनखियों से शालिनी को देख रहा था और वो भी बड़े आराम से सांग देख रही थी ।। उस चैनल पर एक से एक हाट गाने आते जा रहे थे और हम दोनों देखते रहे करीब आधा घंटे तक और फिर हम टीवी आफ करके सो गए।
करीब दो बजे रात को शालिनी ने मुझे जगाया और
फिर शालिनी ने कहा भाई जी थोड़ा सा पेन बढ़ रहा है क्या मैं दूसरी पेन किलर खा लूं, तो मैंने मना कर दिया कि अब सुबह से पहले दूसरी टैबलेट नहीं खा सकते ।
और मैं शालिनी की ओर करवट बदल कर देखने लगा....
मैंने शालिनी के चेहरे को गौर से देखा तो उसके चेहरे से दर्द की रेखाएं नजर आ रही थी, शालिनी ने मुझे ऐसे देखते हुए देखा और
उसने मेरे हाथ पर अपना हाथ रखा और मेरी आंखों में देखते हुए बोली - भाई आप परेशान ना हों, थोड़ा दर्द तो होगा ही , घर पर कभी कभी रात में ज्यादा होता था तो मम्मी बाटल में गर्मपानी भरकर उससे पेट की सिंकाई कर देती थीं और फिर आराम हो जाता था ।
मैं वैसा ही करती हूं और वो उठने लगी तो मैंने उसे कहा तुम लेटो मैं लाता हुं पानी गर्म करके,,,,
पानी गर्म करके एक कांच की बोतल में भरकर शालिनी को बोला...
मैं- कैसे करना है बताओ तो मैं कर दूं ।
शालिनी- जी, जी, वो भाई मम्मी बोतल को पेट पर रख कर उसे गोल गोल घुमाया करती थी बस आराम हो जाता था,,,
मैं- ठीक है,,,,
और मैंने बेड पर शालिनी के साइड में बैठ कर पानी भरी बोतल उसके हाथ में छूआते हुए बोला कि देख लो ज्यादा गर्म तो नहीं है, उसने छूकर कहा - ठीक है ।
मैंने धीरे से बोतल शालिनी के पेट पर रख दी और समीज के उपर से ही बोतल को उसके पेट पर घुमाने लगा ।
मैं इस समय ऐसे बैठा था कि शालिनी की दाहिनी जांघ से मेरी जांघ छू रही थी और मैं धीरे धीरे उसके पेट पर हाथ से बोतल घुमाता रहा, इस बीच मेरा लन्ड खड़ा हो गयाशालिनी- जी, जी, वो भाई मम्मी बोतल को पेट पर रख कर उसे गोल गोल घुमाया करती थी बस आराम हो जाता था,,,
मैं- ठीक है,,,,
और मैंने बेड पर शालिनी के साइड में बैठ कर पानी भरी बोतल उसके हाथ में छूआते हुए बोला कि देख लो ज्यादा गर्म तो नहीं है, उसने छूकर कहा - ठीक है ।
मैंने धीरे से बोतल शालिनी के पेट पर रख दी और समीज के उपर से ही बोतल को उसके पेट पर घुमाने लगा । मैं इस समय ऐसे बैठा था कि शालिनी की दाहिनी जांघ से मेरी जांघ छू रही थी और मैं धीरे धीरे उसके पेट पर हाथ से बोतल घुमाता रहा, इस बीच मेरा लन्ड खड़ा हो गया, खैर शालिनी ने हल्का सा आंखें बंद कर रखीं थीं और वह इस तरफ देख भी नहीं रही थी, मगर अब मेरे लिए बहुत मुश्किल काम था अपने हाथों को उसकी चूचियां दबाने, सहलाने से रोकने के लिए,
पांच मिनट बाद शालिनी ने आंखें खोली और
शालिनी- भाई जी, पानी ठंडा हो गया है अब थोड़ा सा समीज हटा कर पेट पर बोतल रखिए,प्लीज़....
अधनंगी तो वो वैसे ही थी, एक पतली सी समीज उसके अंदर ब्रा भी नहीं,,,,
मैं- ठीक है बेटा, आराम तो मिल रहा है ना,,,, मैंने धीरे से उसकी समीज को उसकी चूचियों तक उठाया जिसमें उसने हल्के से उठकर मदद की, मेरी उंगलियों से उसकी चूची का निचला हिस्सा छू गया.... और मेरे लन्ड ने झटका खाया,पूरे शरीर के रोएं खड़े हो गए,,,
इन्ही चूचियों को मैं सहला भी चुका था मगर शालिनी के सोते हुए,, शालिनी ने आंखें फिर से बंद कर ली,, अब मैंने थोड़ा हिम्मत करके बोतल को बार बार उसकी चूचियों से लेकर नीचे उसकी निक्कर तक घुमाने लगा..... मैं बार बार हल्का सा दबाव बनाता जब मेरा हाथ उसकी चूचियों के नीचे जाता,,,, मैं अब खुल कर उसके नंगे, चिकने पेट को सहलाने लगा... मैं अब बिना डरे सिर्फ अपने हाथ से उसके पेट को सहलाने लगा...
तभी शालिनी के मुंह से आह,,,, उंह,,,, सी,,,,सी,,,, जैसी अजीब सी आवाजें आने लगी... मैं अचानक रुक गया ।
मैं- क्या हुआ स्वीटी,,, दर्द और तेज हो गया है क्या ?
शालिनी ने हल्की सी आंख खोल कर मेरी ओर देखा और उसके चेहरे पर बहुत ही मासूमियत भरी हल्की सी मुस्कान थी ।
शालिनी- भाई जी, अब काफी आराम है, दर्द बिल्कुल कम हो रहा है, प्लीज़ थोड़ा सा और कर दीजिए ऐसे ही...
मैं- पानी तो बिल्कुल ठंडा हो गया है मैं हल्का गर्म करके लाता हूं।
किचन में पानी गर्म करते हुए मैंने अपने लौड़े को बरमूडे से बाहर निकाल लिया और जल्दी जल्दी मुठ मारने के जैसे उसकी खाल को आगे पीछे करने लगा, मगर मेरा पानी जल्दी नहीं निकल रहा था तो मैं बोतल में पानी भर कर फिर से उसी तरह खड़े लन्ड के साथ फिर से शालिनी के खुले पेट की मालिश करने लगा । कुछ देर बाद शालिनी ने धीरे से कहा--- भाई थोड़ा सा और नीचे...
और मैं अब बोतल को उसकी निक्कर के उपर उसके पेट के नीचे तक घुमाने लगा । मैंने मौके का फायदा उठा कर अपना दूसरा हाथ उसकी पर रख दिया और हल्के हल्के सहलाने लगा । मैं एक साइड से उसकी कमर को दबाकर दूसरे हाथ से बोतल घुमाता रहा,,,, बीच बीच में शालिनी हल्का हल्का ऊंह,,,, आह करती रही, अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था... मैंने बोतल रख दी और अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स से लेकर चूत के उपर जहां तक पैड था वहां तक सहलाने लगा..... शालिनी की आंखें वैसे ही बंद थी,,,, मैंने सारी हिम्मत बटोर कर समीज के अंदर थोड़ा सा हाथ उपर करके उसकी चूचियों को सहला दिया,,,, उपर से नीचे तक सहलाते हुए मैंने कई बार उसकी चूचियों को सहलाया और धीरे-धीरे मैं उसके पूरे खुले पेट से लेकर चूंची तक सहलाता रहा,,,,, शालिनी के मुंह से हल्की सिसकियां जैसी निकल रही थीं और मैं भी सातवें आसमान पर पहुंच गया था.... लन्ड की नसें फूल कर फटने को हो रही थी कि शालिनी ने आंखें बंद करके ही बोला-
भाई ईईई ... अब मैं ठीक हूं,आप भी अब आराम कर लो....
इस समय भी मेरा दाहिना हाथ शालिनी की बायीं चूंची पर था, समीज के अंदर ही... मैंने उसे हटाया नहीं और शालिनी से कहा- ठीक है, तुम सो जाओ मैं थोड़ा सा और सहला देता हूं ,,,
शालिनी- हूं.... और वो वैसे ही लेटी रही.....
मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था कि मैंने अपनी जवानी से भरपूर , हुस्न की मल्लिका, अपनी ही बहन शालिनी की चूचियों को छुआ है और सहलाया भी है और अब तो शालिनी की तरफ से कोई रोक टोक नहीं है,,,
मैं फिर से अपने काम में लग गया और इस बार मैं समीज को जितना उपर हो सकता था उतना उठा दिया, एक साइड की चूंची का निप्पल भी दिखने लगा । मैं अब धीरे से उठा और शालिनी के दुसरी तरफ जाकर बराबर में लेटकर उसके पेट को सहलाने लगा,बीच बीच में मैं उसकी चूचियों को हल्के हल्के दबाने भी लगा,, शालिनी शायद अब धीरे धीरे नींद के आगोश में समा रही थी,
वो कहते है ना कि जब जितना मज़ा मिल रहा हो तो भूख और बढ़ जाती है, अब मेरा मन कर रहा था कि मैं शालिनी की चूंची को मुंह में लेकर चूस डालूं, उसके भूरे रंग के निप्पल को चूसने के ख्याल से ही शरीर में चींटियां रेंग गई...
मैंने अपने लालची मन को समझाया कि परेशान ना हो वो दिन भी जल्दी आने वाला है जब इन गुदाज चुचियों को मैं अपने होंठों से चाटूंगा,प्यार करूंगा । अब मैं इससे आगे बढ़ कर अपना काम ख़राब नहीं करना चाहता था, सो मैं बिस्तर से उठ कर बाहर आ गया और तभी मेरी नज़र शालिनी की नई ब्रा पर पड़ी जो उसने सूखने के लिए बरामदे में रही पर डाली थी, मैं उसे उतार कर बाथरूम में लेकर चूस गया और अपने लौड़े पर उसे लपेट कर रगड़ रगड़ कर आंखें बंद करके शालिनी की मादक चूचियों को याद करते हुए उसकी ब्रा में झड़ गया । झड़ने के बाद भी मेरे लौड़े में गज़ब का तनाव बाकी था, ऐसा लग रहा कि अभी फिर से खड़ा हो जाएगा । मैंने उसकी ब्रा को फिर से रही पर डाल दिया और अंदर आकर शालिनी की अधनंगी चूचियों पर हाथ रख कर सोने लगा ।
खैर, शालिनी ने हल्का सा आंखें बंद कर रखीं थीं और वह इस तरफ देख भी नहीं रही थी, मगर अब मेरे लिए बहुत मुश्किल काम था अपने हाथों को उसकी चूचियां दबाने, सहलाने से रोकने के लिए,
पांच मिनट बाद शालिनी ने आंखें खोली और
शालिनी- भाई जी, पानी ठंडा हो गया है अब थोड़ा सा समीज हटा कर पेट पर बोतल रखिए,प्लीज़....
अधनंगी तो वो वैसे ही थी, एक पतली सी समीज उसके अंदर ब्रा भी नहीं,,,,
मैं- ठीक है बेटा, आराम तो मिल रहा है ना,,,,
मैंने धीरे से उसकी समीज को उसकी चूचियों तक उठाया जिसमें उसने हल्के से उठकर मदद की, मेरी उंगलियों से उसकी चूची का निचला हिस्सा छू गया.... और मेरे लन्ड ने झटका खाया,पूरे शरीर के रोएं खड़े हो गए,,,
इन्ही चूचियों को मैं सहला भी चुका था मगर शालिनी के सोते हुए,, शालिनी ने आंखें फिर से बंद कर ली,, अब मैंने थोड़ा हिम्मत करके बोतल को बार बार उसकी चूचियों से लेकर नीचे उसकी निक्कर तक घुमाने लगा..... मैं बार बार हल्का सा दबाव बनाता जब मेरा हाथ उसकी चूचियों के नीचे जाता,,,, मैं अब खुल कर उसके नंगे, चिकने पेट को सहलाने लगा... मैं अब बिना डरे सिर्फ अपने हाथ से उसके पेट को सहलाने लगा...
तभी शालिनी के मुंह से आह,,,, उंह,,,, सी,,,,सी,,,, जैसी अजीब सी आवाजें आने लगी... मैं अचानक रुक गया ।
मैं- क्या हुआ स्वीटी,,, दर्द और तेज हो गया है क्या ?
शालिनी ने हल्की सी आंख खोल कर मेरी ओर देखा और उसके चेहरे पर बहुत ही मासूमियत भरी हल्की सी मुस्कान थी।।
शालिनी- भाई जी, अब काफी आराम है, दर्द बिल्कुल कम हो रहा है, प्लीज़ थोड़ा सा और कर दीजिए ऐसे ही...
मैं- पानी तो बिल्कुल ठंडा हो गया है मैं हल्का गर्म करके लाता हूं।
किचन में पानी गर्म करते हुए मैंने अपने लौड़े को बरमूडे से बाहर निकाल लिया और जल्दी जल्दी मुठ मारने के जैसे उसकी खाल को आगे पीछे करने लगा, मगर मेरा पानी जल्दी नहीं निकल रहा था तो मैं बोतल में पानी भर कर फिर से उसी तरह खड़े लन्ड के साथ फिर से शालिनी के खुले पेट की मालिश करने लगा । अब उसके पेट में अजीब सी थिरकन हो रही थी, जैसे वो कांप रही हो,,,,
कुछ देर बाद शालिनी ने धीरे से कहा--- भाई थोड़ा सा और नीचे...
और मैं अब बोतल को उसकी निक्कर के उपर उसके पेट के नीचे तक घुमाने लगा । मैंने मौके का फायदा उठा कर अपना दूसरा हाथ उसकी कमर पर रख दिया और हल्के हल्के सहलाने लगा ।
मैं एक साइड से उसकी कमर को दबाकर दूसरे हाथ से बोतल घुमाता रहा,,,, बीच बीच में शालिनी हल्का हल्का ऊंह,,,, आह करती रही,
अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था... मैंने बोतल रख दी और अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स से लेकर चूत के उपर जहां तक पैड था वहां तक सहलाने लगा..... शालिनी की आंखें वैसे ही बंद थी,,,,
मैंने सारी हिम्मत बटोर कर समीज के अंदर थोड़ा सा हाथ उपर करके उसकी चूचियों को सहला दिया,,,, उपर से नीचे तक सहलाते हुए मैंने कई बार उसकी चूचियों को सहलाया और धीरे-धीरे मैं उसके पूरे खुले पेट से लेकर चूंची तक सहलाता रहा,,,,,
शालिनी के मुंह से हल्की सिसकियां जैसी निकल रही थीं और मैं भी सातवें आसमान पर पहुंच गया था.... लन्ड की नसें फूल कर फटने को हो रही थी कि शालिनी ने आंखें बंद करके ही बोला-
भाई ईईई ... अब मैं ठीक हूं,आप भी अब आराम कर लो....
इस समय भी मेरा दाहिना हाथ शालिनी की बायीं चूंची पर था, समीज के अंदर ही... मैंने उसे हटाया नहीं
और शालिनी से कहा- ठीक है, तुम सो जाओ मैं थोड़ा सा और सहला देता हूं ,,,
शालिनी- हूं.... और वो वैसे ही लेटी रही.....
मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था कि मैंने अपनी जवानी से भरपूर , हुस्न की मल्लिका, अपनी ही बहन शालिनी की चूचियों को छुआ है और सहलाया भी है और अब तो शालिनी की तरफ से कोई रोक टोक नहीं है,,,
मैं फिर से अपने काम में लग गया और इस बार मैं समीज को जितना उपर हो सकता था उतना उठा दिया, एक साइड की चूंची का निप्पल भी दिखने लगा । मैं अब धीरे से उठा और शालिनी के दुसरी तरफ जाकर बराबर में लेटकर उसके पेट को सहलाने लगा,बीच बीच में मैं उसकी चूचियों को हल्के हल्के दबाने भी लगा,, शालिनी शायद अब धीरे धीरे नींद के आगोश में समा रही थी,
वो कहते है ना कि जब जितना मज़ा मिल रहा हो तो भूख और बढ़ जाती है, अब मेरा मन कर रहा था कि मैं शालिनी की चूंची को मुंह में लेकर चूस डालूं, उसके भूरे रंग के निप्पल को चूसने के ख्याल से ही शरीर में चींटियां रेंग गई...
मैंने अपने लालची मन को समझाया कि परेशान ना हो वो दिन भी जल्दी आने वाला है जब इन गुदाज चुचियों को मैं अपने होंठों से चाटूंगा,प्यार करूंगा , पियूंगा ।
अब मैं इससे आगे बढ़ कर अपना काम ख़राब नहीं करना चाहता था, सो मैं बिस्तर से उठ कर बाहर आ गया और तभी मेरी नज़र शालिनी की नई लाल ब्रा पर पड़ी जो उसने सूखने के लिए बरामदे में रस्सी पर डाली थी, मैं उसे उतार कर बाथरूम में लेकर घुस गया और अपने लौड़े पर उसे लपेट कर रगड़ रगड़ कर आंखें बंद करके शालिनी की मादक चूचियों को याद करते हुए उसकी ब्रा में झड़ गया ।
झड़ने के बाद भी मेरे लौड़े में गज़ब का तनाव बाकी था, ऐसा लग रहा कि अभी फिर से खड़ा हो जाएगा । मैंने उसकी ब्रा को फिर से रस्सी पर डाल दिया और अंदर आकर शालिनी की अधनंगी चूचियों पर हाथ रख कर सोने लगा ।
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रात की मस्ती भरी मालिश करने के बाद मुझे जबरदस्त नींद आयी थी और मैं सुबह देर तक सोता रहा, शालिनी उठ गई थी और बाथरूम में थी, मैं लेटकर मोबाइल में गेम खेलता रहा तभी शालिनी नहाकर कमरे में आई और उसकी मादक खुशबू से कमरा महक उठा ।
मैं- गुडमार्निंग स्वीटी... आज इतनी सुबह सुबह रेडी...
शालिनी- गुडमार्निंग भाई,,, वो पैड चेंज करना था इसलिए साथ में ही नहा लिया,,, वो बाल बनाते हुए बोली
मैं- ओह.... क्या ज्यादा ब्लीडिंग हो गई,,,, और अब दर्द तो नहीं हो रहा है ।
शालिनी- हां, फर्स्ट डे ही ज्यादा ब्लीडिंग भी होती है और दर्द भी, अब ठीक है... बट आपने मेरी बहुत हेल्प की..... थैंक्स ब्रो... लव यू...
सागर- अरे.. कोई नई,, मैं नहीं करूंगा तो कौन करेगा, माम नहीं हैं तो मैं तो हूं ना....,,, लव यू टू स्वीटी...
ये बोल कर मैं बेड से उतरा और शालिनी के सेब जैसीे लालिमा लिए गाल पर एक हल्का सा प्यार वाला चुम्बन ले लिया और बाथरूम में घुस गया ।
ऐसी ही चुहलबाज़ियों में दिन निकल रहे थे, अब मैं खुलकर शालिनी को हल्का फुल्का टच कर लेता था और रात को सोते समय मैं रोज उसकी समीज में हाथ डालकर सोने लगा , उसकी चूचियों को सहलाते रहा,,, खुलकर मालिश करने का फिर से मौका नहीं मिला । मैं घर में चलते उठते बैठते हुए उसकी जवानी का दीदार करता रहा ।
आज शालिनी का पीरियड खत्म हो गया था और कल संडे था, तो हमने आज की रात मल्टीप्लेक्स में मूवी देखने का प्रोग्राम बनाया और रात के शो के लिए घर से निकल लिए ,
आज काफी दिनों बाद उसने सलवार सूट पहना हुआ था और हां, जबसे उसने ब्रा पहननी शुरू की थी, तबसे तो पहली बार मैं उसे सलवार सूट में देख रहा था,,,, मानो ना मानो मगर ब्रा पहनने के बाद लड़कियों की चूंचियां और बड़ी और सेक्सी दिखने लगती हैं,,, शालिनी की मस्त बड़ी बड़ी चूचियां और भी बड़ी लग रही थी.... मैंने शालिनी से घर से निकलते हुए बोला - गुड लुकिंग बेबी....
(बोलना तो मैं चाहता था कि गुड लुकिंग सेक्सी बेबी.... बट बोली नहीं पाया)
घर से कुछ दूर निकलते ही शालिनी ने बात करने के बहाने अपनी गुदाज चुचियों को मेरी पीठ पर लगा दिया और मैं उनकी गरमी को महसूस करते हुए मल्टीप्लेक्स पहुंच गया,,।
मैंने शालिनी को साइड में रोककर जानबूझकर दो हफ्ते पुरानी पूनम पांडे की नशा मूवी का टिकट ले लिया और काउंटर वाले से रिक्वेस्ट करके कार्नर की ही सीट ले ली ,,,
टिकट वाला- अरे कहीं भी बैठ जाईयेगा, पूरा हाल ही खाली है... और मुस्कराते हुए टिकट दे दिया ।
शालिनी की आज फर्स्ट मूवी थी मल्टीप्लेक्स में मेरे साथ.... अब तक हम दोनों एक दूसरे से काफी हद तक खुल चुके थे और मुझे पता था कि पूनम पांडे की मूवी में क्या होगा....
अंदर अभी लाइट जल रही थी और हमारा टिकट लास्ट की रो में था, हम दोनों जाकर अपनी सीट पर बैठ गए और आस पास देखा तो पूरे हाल में गिनती के लोग थे, पता नहीं कैसे शो चल रहा था। हमारी लाइन में दूसरे कोने पर एक नया शादी शुदा जोड़ा बैठा था और आगे भी एक कपल ही बैठे थे,,, इसी तरह दूर दूर ही लोग बैठे हुए थे ।
कुछ देर में मूवी शुरू हो गई और लाईट आफ हो गई ।
मैं- मूवी में भीड़ बिल्कुल भी नहीं है।
शालिनी- हां,,,, बट मूवी तो ठीक ठाक लग रही है,,,
मैं- मूवी रिव्यू तो अच्छे थे, आगे देखें कैसी है,,,
कुछ मिनट तक तो ठीक था पर फिर पूनम पांडे के एक से एक बढ़कर सेक्सी सीन शुरू हो गये और शालिनी बड़े गौर से देखने लगी और मैं मूवी के साथ साथ शालिनी और आगे वाले जोड़े पर भी नजर रखे हुए था,, ये मूवी मेरी उम्मीद से भी ज्यादा नंगेपन वाली साबित हो रही थी,,, और मुझे गरम कर रही थी,,,
तभी मेरे आगे बैठे हुए जोड़े में से लड़की उठकर लड़के की गोद में बैठ गई और दोनों ने जबरदस्त तरीके से चूमा चाटी शुरू कर दी... ऊं आआ आह ... छोड़ ना
मैं- (धीरे से) असली मूवी हमारे आगे चल रही है,,, देख,,,
शालिनी- (मेरे कान में फुसफुसाते हुए) हूं... दोनों मूवी ठीक चल रही हैं..
अब हम दोनों बराबर उस जोड़े पर भी नजर रखे हुए थे। कुछ देर किसिंग करने के बाद अचानक लड़की उस लड़के की गोद से उठी और कुछ तेज से बोली - भाई ईईईई ... क्या है,,, धीरे नहीं दबा सकते,,,
लडका- स्वारी दी,,,, वो मूवी इतनी हाट है कि मैं क्या करूं, कंट्रोल नहीं होता,, प्लीज़ दी आओ ना
लड़की- नहीं,, कंट्रोल करो,,, अब कुछ नहीं करने दूंगी,,,
लड़का- अच्छा मेरी प्यारी दी,,,, आप अपनी सीट पर ही रहो बट कम से कम दुध्धू तो सहलाने दो,,, प्लीज़... दी...
लड़की- अब यहां नहीं, घर पर दबा लेना और दुध्धू पी भी लेना...
लड़का- दी, आप घर पर बोलोगी ,मम्मी आ जायेंगी,,,, पापा को पता चल जाएगा,,, और आप घर पर कुछ करने नहीं दोगी ।
लड़की - अच्छा मेरे प्यारे राजा भाई प्रामिस... तू रात को मेरे रूम में आ जाना,,,, अब खुश,,, शांति से मूवी देख... ।
लड़का - ( अपनी सीट से थोड़ा उठकर लड़की को गले लगा कर किस करने लगा और लड़की ने उसे कुछ मिनट बाद हटा दिया ) थैंक्स दी,,, लव यू सो मच माई सेक्सी थी, , यू आर बेस्ट दी...।
और कुछ देर तक वो शांति से मूवी देखते रहे ।
मैं और शालिनी दोनों उनकी बातें थोड़ा आगे होकर सुन रहे थे,,, अब हमारा ध्यान मूवी में कम और उन दोनों पर ज्यादा था.. हम दोनों एक दूसरे के साथ कान के हिस्से से सटे हुए थे और मेरा एक हाथ शालिनी के कंधे पर था । मूवी की लाइट में बार बार मैं शालिनी के चेहरे को देख रहा था और वो कभी मुझे, कभी मूवी, कभी सामने वाले जोड़े को...
अब ये साफ हो गया था कि सामने बैठा जोड़ा सगे भाई बहन हैं और ज्वाइंट फैमिली की वजह से इनको शायद घर में मौका नहीं मिल पाता है, इसीलिए लड़का इतना उतावला हो रहा है । इसका मतलब दोनों भाई बहन में प्रेमी-प्रेमिका वाला प्यार है...
.
मुझे लगता था कि शायद शालिनी को ये सब अजीब लग रहा हो, मगर वो बहुत उत्सुकता से उन दोनों की हरकतों को देख रही थी,,,, मेरे लिए तो यह सोने पर सुहागा हो गया था....
इन दोनों की हरकतों से शालिनी को अब लगेगा कि भाई बहन के बीच प्रेमी-प्रेमिका वाला प्यार नार्मल है और यह आज़ कल सब करते हैं,,,, अब ये मेरे उपर था कि मैं इस कंडीशन का फायदा कैसे और कितना उठा पाता हूं ।
कुछ देर तक वो शांत रहे, तब मैंने अपनी लाइन के शादी शुदा जोड़े की ओर देखा तो स्क्रीन की लाइट में दिखा कि वो लोग भी चुम्मा चाटी में लगे हुए हैं,,, मैंने बातों का सिलसिला बढ़ाया....
मैं- शालिनी,,, उधर भी मूवी चालू है...
शालिनी ने उधर देखा और थोड़ा सा हंसते हुए बोली
शालिनी- (कान में फुसफुसाते हुए) यहां तो सभी अपनी अपनी मूवी में बिजी हैं... और हंसती रही....
मूवी के इंटरवल तक यही सब देख देख कर मैं भी गर्म हो चुका था, मेरी भी इच्छा हो रही थी कि मैं भी शालिनी को किस करूं और और चूंचियां दबाऊं ...
लाइट जलते ही सब सामान्य हो गया और मैं बाहर आ कर कोल्ड ड्रिंक और पापकार्न लेकर जब सीट पर बैठने के लिए आया तो देखा कि वो सामने वाला लड़का और लड़की दोनों ही जबरदस्त स्मार्ट थे और किसी बड़े बाप की औलाद लग रहे थे । हम लोग पापकार्न खाते हुए धीरे धीरे बात करने लगे ।
मैं- यहां से निकल कर बाहर ही खाना खा लिया जाए ।
शालिनी- हां ठीक रहेगा, रात भी काफी हो जायेगी ।
कुछ देर बाद मूवी में पूनम पांडे की रोमांटिक चुदाई का जबरदस्त सीन शुरू हो गया और इस समय भी मेरा हाथ शालिनी के कंधे पर ही था...
अचानक मैंने अपने हाथ से उसके कंधे को थोड़ा जोर से दबा दिया और शालिनी ने हल्के से उंह ... किया, बट बोली कुछ नहीं और सामने वाली सीट पर तो हिलने डुलने और सी.... सी.. आह .... की सिसकारियां आ रहीं थीं,,,, वो दोनों फिर से चुम्मा चाटी में जुट गए थे,,,,,,।।
कुछ देर बाद जब एक हाट सांग स्क्रीन पर शुरू हुआ तो मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ और मैंने धीरे धीरे अपने दाहिने हाथ को शालिनी के कंधे से धीरे-धीरे उसकी ब्रा की स्ट्रिप के साथ नीचे करता गया और अपनी नजर स्क्रीन पर ही रखी,,,,, अब मेरा हाथ उसकी ब्रा के कप तक पहुंच चुका था इसके अंदर हाथ डालने के लिए मैं बहाने से थोड़ा हिला और अपने चेहरे को शालिनी के चेहरे से एकदम सटा दिया । इस हिलने में मेरी उंगलियां शालिनी की ब्रा के कप के थोड़ा अन्दर , उसके निप्पल के ऊपर तक पहुंच गई थी,,,,,, मैं कुछ देर ऐसे ही रुका रहा और तिरछी नजर से शालिनी के चेहरे को देखा..... वो भी सीधे सामने देख रही थी....!!!
अब तक मैंने शालिनी की चूचियों को किसी ना किसी बहाने से मतलब मालिश करने के बहाने या फिर सोते समय ही दबाया था और वो भी घर के अंदर.....
ये पहली बार था कि मेरा हाथ शालिनी की चूचियों पर था और हम दोनों के पास कोई बहाना नहीं था,,,, वो भी इस तरह पब्लिक प्लेस पर,,,, मेरे हाथ में जैसे कंपन हो रहा था सोच सोच कर कि शालिनी का क्या रियेक्सन होगा......
गाना खत्म होते होते मैं हौले हौले से उसकी ब्रा के अन्दर ही चूचियों को सहलाने लगा और सामने ही देखता रहा,,,, मेरी शालिनी से नजर मिलाने की हिम्मत नहीं हो रही थी,,,,, लेकिन मैंने गाना खत्म होने के बाद भी हाथ से उसकी दाहिनी चूंची को सहलाना बंद नहीं किया ,,,,,,,
करीब पांच मिनट बाद शालिनी थोड़ा सा ऊपर उठी और अपने सर को मेरे सर से सटा दिया और साथ ही मेरे चूंची वाले हाथ पर अपना हाथ रख दिया,,,,,,
मेरी तो एकदम सांस ही रुक गई एक मिनट के लिए,,, मगर शालिनी ने मेरे हाथ को हटाया नहीं बल्कि हल्का सा सहला दिया और मेरी जान में जान आई....
हम दोनों में कोई बात नहीं हो रही थी और अब मेरे हाथ ने खुलकर उसकी चूचियों सहलाना शुरू कर दिया.... मैं चाह कर भी उसकी दूसरी चूची को छू नहीं पा रहा था.... लेकिन उसकी गर्दन में हाथ डाल कर जहां तक पहुंच सकता था मैंने शालिनी की चूचियों को सहलाया ।
मेरे दूसरे हाथ ने अपना काम कब का शुरू कर दिया था, मतलब जींस के ऊपर से ही लन्ड को मसलना, मेरा लौड़ा किसी भी वक्त पानी छोड़ सकता था,,
अब तक मुझे शालिनी के कुर्ते में हाथ डाले काफी टाइम हो गया था और ना जाने मूवी में इस बीच क्या हुआ और कब मूवी ख़त्म हो गई, क्योंकि मेरी आंखें जरूर स्क्रीन पर थी मगर मैं देख और महसूस कुछ और कर रहा था,,,,, मतलब शालिनी की मस्त जवानी से भरपूर बड़ी बड़ी चूचियां
और लाइट जलते ही मैं शालिनी की चूचियों से अपना हाथ निकाल कर सीधा हो कर बैठ गया। जब सामने वाले भाई बहन की जोड़ी उठी तो मैं भी उठकर शालिनी के हाथ को पकड़ कर बाहर निकलने लगा,,,
अब बाहर की लाइट में पहली बार हमने उन भाई बहन को देखा.... लगभग हमारी ही एज ग्रुप के थे,, और एक दूसरे के हाथ में हाथ डाल कर प्रेमी-प्रेमिका की तरह कार पार्किंग की ओर जा रहे थे.... मैं भी उसी तरह शालिनी के हाथ को पकड़ कर उससे सटकर प्रेमी-प्रेमिका के जैसे बाईक पार्किंग की ओर चलने लगा ।
पीछे से उन दोनों को देख कर मैंने काफी देर की चुप्पी को तोड़ा.....
मैं- अच्छी जोड़ी है.... लविंग कपल
शालिनी- यस,,,, बटटटट ??
मैं- क्या,,,, बट क्या ?
शालिनी- (मुझसे सटकर चलते हुए) वो... वो .. कपल नही है मेरा मतलब... वो तो...
मैं- हां,,, वो तो क्या ?
शालिनी- मींस... ब्रदर सिस्टर ... लड़का बोल रहा था दी... उस लड़की को ।
मैं- ओह तेरी... तो क्या हुआ वो भाई बहन भी है और कपल भी... सिम्पल ।
शालिनी- हुंह ... हंसते हुए...बड़े लोग बड़ी बातें.... ।
(अब तक हम अपनी बाईक के पास आ चुके थे और मैंने मौका देख कर शालिनी के कंधे को हल्के से अपने कंधे से उचकाते हुए , हंस कर बोला)
मैं- सोनोरिटा,,, बड़े बड़े शहरों में ऐसी बड़ी बड़ी बाते होती रहती हैं,,,,
और हंसते हुए बाइक स्टार्ट की, शालिनी ने पीछे बैठते ही मेरी पीठ पर एक पंच मारा प्यार वाला और... चलती बाइक पर
शालिनी- हूं,,, तो आपको बड़े बड़े शहरों की बड़ी बड़ी बातें अच्छी लगती हैं.... हां.. हां है ना भाईजी...
मैं - और क्या,,, एक मूवी के टिकट में दो दो मूवी देखने को मिल गई,,,। हा .... हा ...
शालिनी ने फिर से मेरी पीठ पर पंच लगाया और हंसते हुए हम एक रेस्टोरेंट में खाना खाने के लिए आ गये, खाना खाने के बाद हम लोग घर के लिए निकल पड़े,,,,, मेरी तो पांचों उंगलियां घी में थी, ये सोच कर ही शालिनी को भी उन भाई बहन की चुम्मा चाटी में मजा आया
और उसने एक बार भी ये नहीं कहा कि मेरे प्यारे भैया आप भी तो अपनी बहन की चूचियां दबा रहे थे, मसलने की कोशिश कर रहे थे,,,, खैर मैं बहुत उत्सुकता से घर में अंदर आया और चेंज करने के बाद हम दोनों साथ में सोने लगे ।।
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घर आकर मैं रोज की तरह अंडरवियर निकाल कर बरमूडा पहनकर बिस्तर पर लेट गया, शालिनी आते ही बाथरूम में घुस गई शायद उसे बहुत तेज सूसू आयी थी, कुछ मिनट बाद शालिनी आकर मेरे बगल में लेट गई मगर आज उसने कपड़े चेंज नहीं किए और सलवार सूट में ही लेटी थी, अंदर की ब्रा भी नहीं निकाली थी ,,,
मैं कहां सोच रहा था कि आज तो शायद खुलकर कुछ मज़ा लेने को मिले, मगर यहां तो मेरे अरमानों पर पानी फिरता नजर आ रहा था, क्योंकि पिछले काफी दिनों से शालिनी बिना कहे, सिर्फ समीज और निक्कर पहन कर मेरे साथ सोती थी और मैं रात में जी भरकर उसकी रसीली चूचियों से खेलता था,,,, ये तो खड़े लन्ड पर धोखा था । मुझे अब तो नींद आनी नहीं थी तो मैं फिर से शालिनी से बात करने लगा ।
मैं- आज तुम्हें ठंडी लग रही है क्या ?
शालिनी- नहीं तो, ऐसा क्यों लगा आपको ?
मैं- वो आज तुमने चेंज नहीं किया और सलवार सूट पहन कर ही लेट गई हो,,,,
शालिनी- नहीं.. नहीं.. बस ऐसे ही मन नहीं किया तो ...
मैं- अच्छा,जब गर्मी लगे तो चेंज कर लेना... वैसे तुमने बताया नहीं कि मूवी कैसी लगी ?
शालिनी- भाई जी, मूवी अच्छी थी, मेरे लिए तो वैसे भी यादगार रहने वाली है क्योंकि ये मेरे स्वीट और केयरिंग भैय्या के साथ मल्टीप्लेक्स में मेरी पहली मूवी थी... नाम भी अच्छा है... नशा.... हमेशा याद रहेगी ।
मैं- हां,,, अच्छी थी,,, और थोड़ा सा बोल्ड भी... पूनम वाज लुकिंग सो सेक्सी एंड हॉट....
शालिनी- हां,,, थोड़ा सा एक्सपोज तो अब सभी मूवीज में होता ही है,,, बट भाई,,, प्लीज़ माम से मत बोलना कि हमने ये मूवी देखी साथ में, उनको शायद ठीक ना लगे ।
मैं- ओह... कम आन बेबी, इसमें ऐसा क्या था जो माम को ठीक नहीं लगेगा,,, इतना सब नार्मल है ,,, चलो तुम कहती हो तो नहीं बताऊंगा,,, अच्छा मेरी प्यारी बहना और क्या-क्या छुपाना है माम से ?? हंसते हुए
शालिनी - (हंसते हुए) भाई ईईईई,,, आप फिर से मेरे से मजे लेने लगे,,,, मेरा और कोई सीक्रेट नहीं है... आपके जरूर हैं ??
मैं - अच्छा अच्छा,, बेबी,,, तुम्हारे तो सीक्रेट ही सीक्रेट हैं.... और मैं हंस दिया..।
शालिनी- मुझे भी आपके बहुत से सीक्रेट पता हैं,,,,, (और वो लेटे लेटे ही मेरी तरफ घूम गई और मेरी आंखों में देखने लगी,,,, मुस्कराते हुए... मैं भी अपलक उसकी बड़ी-बड़ी काली आंखों में देखता रहा ,,, फिर शालिनी ने ही नज़रें झुका ली.... वाह.... क्या जबरदस्त फीलिंग थी उसकी आंखों की गहराई में ,,, जैसे ढेरों सवाल...)
मैं- अच्छा, तो अब तुम मेरा कोई सीक्रेट बताओ,,, जो मैं सबसे छुपाता हूं ।
शालिनी- बताऊं... और हंसते हुए मेरे बरमूडे की इलास्टिक को खींचते हुए,,,, आप ना इसके अंदर कुछ नहीं पहनते,,,,, और वो हंसती रही,,,,
मैं - ओह... तो ये कौन सा सीक्रेट हैं, सभी रहते हैं ऐसे गर्मियों में आज कल,,, ये वाला कैन्सल ,,, और कुछ बताओ....
शालिनी - आपकी गर्लफ्रेंड
मैं- कोई है नहीं, सबको पता है,,, तुमको भी पता है,,, कैंसल...
शालिनी ने इसी तरह काफी चीजें बतायी मेरे बारे में लेकिन मैं सब को कैन्सल करता गया और आखिर में उसने जो बोला तो मेरी आगे की काम लीला की कहानी बन गई,,,,,
मैं- और कुछ बोलो... तुम्हें मेरा कोई भी सीक्रेट नहीं पता,,,, और मैं हंस दिया
शालिनी - वो वो ... आज मूवी में जो ...... "बड़े बड़े शहरों में ऐसी बड़ी बड़ी बातें होती रहती हैं" जो हो रहा था ,,,ना.... आपको वो पसंद है.... है ना भाई.... बोलो ... बोलो अब बोलो,,,, ये है आपका सीक्रेट,,,, गाट इट,,,,
मैं- हूं,,,, तो ये तो तुम्हारा भी सीक्रेट हैं... तुम भी तो कान लगाकर सुन रही थी और देखा भी मेरे ही जितना....
शालिनी - मेरा क्यों,,, वो तो आप दिखा रहे थे,,, तो
मैं- मतलब मैं तुम्हें कुछ भी दिखाऊं,,, तुम देखोगी ।
शालिनी- हां,, क्यों नहीं,,, आप मुझे कोई ऐसी-वैसी चीज थोड़े ना दिखायेंगे ।
मैं- अच्छा, मेरी प्यारी बहना को अपने भाई पर इतना भरोसा है,,, और मैं उसके चेहरे पर गिरे हुए बालों को सहला कर उसके चेहरे पर से हटाने के बहाने पूरे चेहरे को सहलाते रहा,,,, गर्दन के नीचे उसके कुर्ते के गहरे गले से उसकी रसीली चूंचियां भी दिख रही थी,,
शालिनी- हां,,,, मेरे स्वीट स्वीट राजा भैया,,,,, आप पर ही मुझे पूरा भरोसा है... आप कभी कुछ भी ग़लत नहीं होने देंगे मेरे साथ।
और हम दोनों एक दूसरे की नजरों में देखते हुए बिस्तर पर गले मिलने के जैसे लिपट गये और शालिनी मेरे सीने में बच्चों की तरह चिपक गई,,, वो बहुत इमोशनल हो गई थी और मैं काफी देर तक शालिनी की पीठ को सहलाता रहा,,,,
कुछ पलों तक तो ये भाई बहन वाले प्यार का आलिंगन रहा,,, मगर मेरे लिंग ने अपना काम शुरू कर दिया और शालिनी के पेट पर वो चुभने लगा, शालिनी की चूंचियां अब पूरी तरह मेरे नंगे सीने में धंस रही थी,,, उसके बदन में गजब की मादक खुशबू थी।।
मैंने एक कोशिश की कि इस समय लन्ड ना खड़ा हो लेकिन सब बेकार.... मैं शालिनी की पूरी पीठ सहला रहा था कुर्ते का कपड़ा बड़ा चिकना था और उससे भी ज्यादा चिकनी शालिनी की पीठ का खुला हिस्सा... बार बार मेरे हाथ में उसकी ब्रा की स्ट्रिप में अटक रहा था,,,
मैंने अपने लन्ड को शालिनी के पेट में घुसने से बचाने के लिए हल्का सा अपने आप को एडजस्ट करने की कोशिश की मगर लन्ड महाराज ने शालिनी के पूरे पेट पर रगड़ाई कर दी,,, और झटके लेने लगे,,, मैं कुछ और करता इसके पहले शालिनी अचानक मेरी बाहों के घेरे से बाहर निकल कर खड़ी हो गई और दरवाजे पर बाहर से खड़े हो कर हंस कर बोली ....
शालिनी- भाई ईईईई...ये रहा आपका सबसे बड़ा सीक्रेट (मेरे बरमूडे में खड़े लन्ड की ओर उंगली दिखाते हुए ),,, और इतना कह कर वो बाथरूम में घुस गई.....
अहा.... इतना सुनते ही मेरे लन्ड ने एकदम छत की ओर सीधे खड़े हो कर सलामी ठोकी....
मैं शालिनी के बाथरूम से आने के पहले लन्ड को बैठा देना चाहता था मगर साला बैठने का नाम ही नहीं नहीं ले रहा था,,,
इस कंडीशन में लन्ड को शांत करने का सिर्फ एक ही तरीका है मुठ मारकर गर्मी निकाल दो,,, इस समय मैं वो भी नहीं कर सकता था...
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(20-11-2018, 02:37 PM)firefly Wrote: घर आकर मैं रोज की तरह अंडरवियर निकाल कर बरमूडा पहनकर बिस्तर पर लेट गया, शालिनी आते ही बाथरूम में घुस गई शायद उसे बहुत तेज सूसू आयी थी, कुछ मिनट बाद शालिनी आकर मेरे बगल में लेट गई मगर आज उसने कपड़े चेंज नहीं किए और सलवार सूट में ही लेटी थी, अंदर की ब्रा भी नहीं निकाली थी ,,,
मैं कहां सोच रहा था कि आज तो शायद खुलकर कुछ मज़ा लेने को मिले, मगर यहां तो मेरे अरमानों पर पानी फिरता नजर आ रहा था, क्योंकि पिछले काफी दिनों से शालिनी बिना कहे, सिर्फ समीज और निक्कर पहन कर मेरे साथ सोती थी और मैं रात में जी भरकर उसकी रसीली चूचियों से खेलता था,,,, ये तो खड़े लन्ड पर धोखा था । मुझे अब तो नींद आनी नहीं थी तो मैं फिर से शालिनी से बात करने लगा ।
मैं- आज तुम्हें ठंडी लग रही है क्या ?
शालिनी- नहीं तो, ऐसा क्यों लगा आपको ?
मैं- वो आज तुमने चेंज नहीं किया और सलवार सूट पहन कर ही लेट गई हो,,,,
शालिनी- नहीं.. नहीं.. बस ऐसे ही मन नहीं किया तो ...
मैं- अच्छा,जब गर्मी लगे तो चेंज कर लेना... वैसे तुमने बताया नहीं कि मूवी कैसी लगी ?
शालिनी- भाई जी, मूवी अच्छी थी, मेरे लिए तो वैसे भी यादगार रहने वाली है क्योंकि ये मेरे स्वीट और केयरिंग भैय्या के साथ मल्टीप्लेक्स में मेरी पहली मूवी थी... नाम भी अच्छा है... नशा.... हमेशा याद रहेगी ।
मैं- हां,,, अच्छी थी,,, और थोड़ा सा बोल्ड भी... पूनम वाज लुकिंग सो सेक्सी एंड हॉट....
शालिनी- हां,,, थोड़ा सा एक्सपोज तो अब सभी मूवीज में होता ही है,,, बट भाई,,, प्लीज़ माम से मत बोलना कि हमने ये मूवी देखी साथ में, उनको शायद ठीक ना लगे ।
मैं- ओह... कम आन बेबी, इसमें ऐसा क्या था जो माम को ठीक नहीं लगेगा,,, इतना सब नार्मल है ,,, चलो तुम कहती हो तो नहीं बताऊंगा,,, अच्छा मेरी प्यारी बहना और क्या-क्या छुपाना है माम से ?? हंसते हुए
शालिनी - (हंसते हुए) भाई ईईईई,,, आप फिर से मेरे से मजे लेने लगे,,,, मेरा और कोई सीक्रेट नहीं है... आपके जरूर हैं ??
मैं - अच्छा अच्छा,, बेबी,,, तुम्हारे तो सीक्रेट ही सीक्रेट हैं.... और मैं हंस दिया..।
शालिनी- मुझे भी आपके बहुत से सीक्रेट पता हैं,,,,, (और वो लेटे लेटे ही मेरी तरफ घूम गई और मेरी आंखों में देखने लगी,,,, मुस्कराते हुए... मैं भी अपलक उसकी बड़ी-बड़ी काली आंखों में देखता रहा ,,, फिर शालिनी ने ही नज़रें झुका ली.... वाह.... क्या जबरदस्त फीलिंग थी उसकी आंखों की गहराई में ,,, जैसे ढेरों सवाल...)
मैं- अच्छा, तो अब तुम मेरा कोई सीक्रेट बताओ,,, जो मैं सबसे छुपाता हूं ।
शालिनी- बताऊं... और हंसते हुए मेरे बरमूडे की इलास्टिक को खींचते हुए,,,, आप ना इसके अंदर कुछ नहीं पहनते,,,,, और वो हंसती रही,,,,
मैं - ओह... तो ये कौन सा सीक्रेट हैं, सभी रहते हैं ऐसे गर्मियों में आज कल,,, ये वाला कैन्सल ,,, और कुछ बताओ....
शालिनी - आपकी गर्लफ्रेंड
मैं- कोई है नहीं, सबको पता है,,, तुमको भी पता है,,, कैंसल...
शालिनी ने इसी तरह काफी चीजें बतायी मेरे बारे में लेकिन मैं सब को कैन्सल करता गया और आखिर में उसने जो बोला तो मेरी आगे की काम लीला की कहानी बन गई,,,,,
मैं- और कुछ बोलो... तुम्हें मेरा कोई भी सीक्रेट नहीं पता,,,, और मैं हंस दिया
शालिनी - वो वो ... आज मूवी में जो ...... "बड़े बड़े शहरों में ऐसी बड़ी बड़ी बातें होती रहती हैं" जो हो रहा था ,,,ना.... आपको वो पसंद है.... है ना भाई.... बोलो ... बोलो अब बोलो,,,, ये है आपका सीक्रेट,,,, गाट इट,,,,
मैं- हूं,,,, तो ये तो तुम्हारा भी सीक्रेट हैं... तुम भी तो कान लगाकर सुन रही थी और देखा भी मेरे ही जितना....
शालिनी - मेरा क्यों,,, वो तो आप दिखा रहे थे,,, तो
मैं- मतलब मैं तुम्हें कुछ भी दिखाऊं,,, तुम देखोगी ।
शालिनी- हां,, क्यों नहीं,,, आप मुझे कोई ऐसी-वैसी चीज थोड़े ना दिखायेंगे ।
मैं- अच्छा, मेरी प्यारी बहना को अपने भाई पर इतना भरोसा है,,, और मैं उसके चेहरे पर गिरे हुए बालों को सहला कर उसके चेहरे पर से हटाने के बहाने पूरे चेहरे को सहलाते रहा,,,, गर्दन के नीचे उसके कुर्ते के गहरे गले से उसकी रसीली चूंचियां भी दिख रही थी,,
शालिनी- हां,,,, मेरे स्वीट स्वीट राजा भैया,,,,, आप पर ही मुझे पूरा भरोसा है... आप कभी कुछ भी ग़लत नहीं होने देंगे मेरे साथ।
और हम दोनों एक दूसरे की नजरों में देखते हुए बिस्तर पर गले मिलने के जैसे लिपट गये और शालिनी मेरे सीने में बच्चों की तरह चिपक गई,,, वो बहुत इमोशनल हो गई थी और मैं काफी देर तक शालिनी की पीठ को सहलाता रहा,,,,
कुछ पलों तक तो ये भाई बहन वाले प्यार का आलिंगन रहा,,, मगर मेरे लिंग ने अपना काम शुरू कर दिया और शालिनी के पेट पर वो चुभने लगा, शालिनी की चूंचियां अब पूरी तरह मेरे नंगे सीने में धंस रही थी,,, उसके बदन में गजब की मादक खुशबू थी।।
मैंने एक कोशिश की कि इस समय लन्ड ना खड़ा हो लेकिन सब बेकार.... मैं शालिनी की पूरी पीठ सहला रहा था कुर्ते का कपड़ा बड़ा चिकना था और उससे भी ज्यादा चिकनी शालिनी की पीठ का खुला हिस्सा... बार बार मेरे हाथ में उसकी ब्रा की स्ट्रिप में अटक रहा था,,,
मैंने अपने लन्ड को शालिनी के पेट में घुसने से बचाने के लिए हल्का सा अपने आप को एडजस्ट करने की कोशिश की मगर लन्ड महाराज ने शालिनी के पूरे पेट पर रगड़ाई कर दी,,, और झटके लेने लगे,,, मैं कुछ और करता इसके पहले शालिनी अचानक मेरी बाहों के घेरे से बाहर निकल कर खड़ी हो गई और दरवाजे पर बाहर से खड़े हो कर हंस कर बोली ....
शालिनी- भाई ईईईई...ये रहा आपका सबसे बड़ा सीक्रेट (मेरे बरमूडे में खड़े लन्ड की ओर उंगली दिखाते हुए ),,, और इतना कह कर वो बाथरूम में घुस गई.....
अहा.... इतना सुनते ही मेरे लन्ड ने एकदम छत की ओर सीधे खड़े हो कर सलामी ठोकी....
मैं शालिनी के बाथरूम से आने के पहले लन्ड को बैठा देना चाहता था मगर साला बैठने का नाम ही नहीं नहीं ले रहा था,,,
इस कंडीशन में लन्ड को शांत करने का सिर्फ एक ही तरीका है मुठ मारकर गर्मी निकाल दो,,, इस समय मैं वो भी नहीं कर सकता था...
అబ్బా అదరగొట్టేశాడు అన్నయ్య
నా చిట్టి చెల్లెలు గుర్తు చేశారు గురువుగారు
महाशय क्या स्टोरी बनाया
मेरे लुंड तो जोर से जाट का होगया मेरे नन्ही बहन को याधकर्के बेहनी लगा
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(06-02-2021, 10:31 AM)sunilserene Wrote: అబ్బా అదరగొట్టేశాడు అన్నయ్య
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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पहली चूत मौसी की चोदी
(06-02-2021, 10:31 AM)sunilserene Wrote: అబ్బా అదరగొట్టేశాడు అన్నయ్య
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