17-05-2022, 05:01 PM
रेनू भाभी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
Adultery रेनू भाभी
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17-05-2022, 05:01 PM
रेनू भाभी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
17-05-2022, 05:01 PM
मेरा नाम अजय सिन्हा है.. मैं राँची का रहने वाला हूँ। अभी तो मेरी उमर 29 साल है.. मैं यहाँ अकेले ही रहता हूँ।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
17-05-2022, 05:02 PM
रा मानना है कि सबके जीवन में कुछ ना कुछ ऐसा होता है जो एक अच्छी कहानी का शक्ल ले सकता है।
मेरी बात अभी से 2 साल पहले की है.. जब मेरा ट्रान्सफर राँची हुआ था। मैंने राँची के अच्छे इलाके में एक घर ले लिया था, वहाँ पड़ोस में 3 परिवार और रहते थे। मैंने भी रहना शुरू कर दिया.. मेरे घर का डिज़ाइन ऐसा था कि एक परिवार का और मेरा एंट्रेन्स गेट एक की बरामदे से था। उनकी फैमिली में 3 लोग थे। हज़्बेंड.. उनकी वाइफ.. और 6 साल की बेटी। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
17-05-2022, 05:04 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
17-05-2022, 05:05 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
17-05-2022, 05:07 PM
मेरे आने के 4-5 दिन बाद उन लोगों से परिचय हुआ।
भाभी का नाम रेनू था। कुछ दिनों के बाद मैं उनसे घुल-मिल गया.. पर घर आना-जाना लगभग ना के बराबर था। मैं रोज़ ठीक 9 बजे नहाता था.. तो अपना तौलिया सूखने डालने बरामदे में आता था।एक दिन भाभी भी नहा कर बाहर आई थीं। मैं तो उस दिन उनको देखते ही रह गया.. क्या सुंदर लग रही थीं। गीले बाल.. बालों से उनका क्रीम कलर का सूट भी हल्का गीला हो रहा था। मेरी तो नज़र ही नहीं हट रही थी।उस दिन भाभी मुस्कुराईं.. तभी मेरा ध्यान टूटा.. भाभी के बारे में आपको बता दूँ कि वो एक क़यामत माल थीं। शादी को 13 साल हो गए थे.. उमर 35 की पर लगती थीं बिल्कुल 28 साल की.. उनकी चूचियाँ 34 इंच की.. लचकती कमर 32 इंच की.. ऊपर की ओर उठे हुए चूतड़ 36 इंच साइज़ के.. मतलब बिल्कुल चोदने लायक माल.. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
17-05-2022, 05:08 PM
अब तो रोज़ मैं उनको देखता.. वो भी मुझे कभी-कभी देख लेती थीं। मैं तो अपना सुबह-शाम गेट खोल कर ही रखता और उनके बाहर आने का इन्तजार करता रहता कि कब वो आएं और मैं उनकी मदमस्त जवानी का रस लूँ।
ऐसे देखने का सिलसिला 10 दिन तक चला.. अब भाभी भी मुझे देख कर मुस्करा देती थीं और मेरे हाल-चाल पूछ लेती थीं कि सब ठीक है ना? मैं मन में सोचता कि तुम ठीक रहने दोगी.. तब ना ठीक रहूँगा. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
17-05-2022, 05:08 PM
क दिन उनके पति ऑफिस के काम से बाहर चले गए.. वो भी 15 दिन के लिए..
शाम को भाभी ने बताया कि वो चले गए हैं.. तो मैं खुश हुआ कि चलो अब शायद थोड़ा खुल कर बात हो। एक दिन शाम को भाभी ने मेरा नंबर माँगा- अजय तुम अपना नंबर दे दो.. कभी कोई ज़रूरत होगी.. तो कॉल करूँगी.. उसी दिन रात को 11 बजे के आस पास किसी का whatsapp पर मैसेज आया- हैलो..! मैंने प्रोफाइल की फोटो को देखा तो भाभी की थी.. मैंने भी जबाव दिया- हैलो.. और पूछा- अभी तक सोई नहीं हैं? बोली- मुझे देर से सोने की आदत है। दोस्तो, whatsapp की प्रोफाइल फोटो में वो क्या मस्त माल लग रही थी.. नाभि से नीचे साड़ी बँधी हुई थी.. आअहह.. मैंने उनकी थोड़ी तारीफ करनी शुरू की- भाभी.. लगता नहीं कि आपकी एक 6 साल की बेटी भी है। तो उसने पूछा- क्यों? तो मैंने कह दिया- आप तो 26-28 साल की लगती हैं और आजकल तो इस उमर में शादी ही होती है। तो उन्होंने कहा- नहीं.. ऐसा नहीं है.. फिर कहा- अच्छा कॉल पर बात करते हैं। मैंने कहा- ठीक है कॉल कीजिए.. तुरंत भाभी का कॉल आ गया। भाभी मन ही मन अपनी तारीफ में बहुत खुश थीं। उनके ‘हैलो’ बोलते ही मैंने कहा- भाभी आपकी आवाज़ बहुत प्यारी है.. बिल्कुल आपके जैसे.. तो हंस दी.. बोली- अच्छा बात घुमाओ मत.. बोलो की क्या बोल रहे थे। मैंने फिर कहा- आप तो 28 की लगती हो.. उसने कहा- अच्छा अजय तुम मेरी असली उम्र का अन्दाजा करो। मैंने कहा- अधिकतम 30-32 साल..। तो बोली- नहीं अजय.. मेरी उमर 35 है.. मैं तो दंग रह गया, मैंने कहा- सच में भाभी आप तो खुद को ग़ज़ब का मेनटेन किए हैं। तो बोली- हाँ.. मुझे अच्छा लगता है.. खुद को मेनटेन करना.. अब बात थोड़ी आगे जाने लगी.. मुझे भी नहीं पता था कि अब बात कितने आगे जाएगी। मैंने अब तो खुल कर उनकी तारीफ करना शुरू कर दी, शायद वो भी अब बातों में या मुझमें इंटरेस्ट ले रही थीं। भाभी ने पूछा- सच में मैं 28 की लगती हूँ क्या? तो मैंने कहा- हाँ जी.. सच में.. वो बहुत खुश हुई.. अब बात करते-करते 12 बज गए थे.. तो वो बोली- चलो ठीक है अजय.. कल सुबह बात करते हैं। फिर गुड नाइट बोल कर फोन रख दिया। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
17-05-2022, 05:09 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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17-05-2022, 05:10 PM
अब मुझे नींद कहाँ आ रही थी। थोड़ी देर बाद देखा तो अभी भी वो whatsapp पर ऑनलाइन थी।
तो मैंने ‘हैलो’ भेज दिया.. तुरंत उनका जबाव आया- सोए नहीं क्या? मैंने कहा- नींद ही नहीं आ रही है। भाभी ने कहा- मुझे भी नहीं आ रही। मैंने कहा- आओ बाहर बरामदे में बैठते हैं थोड़ी देर.. तो तुरंत तैयार हो गई.. और बोली- चेंज करके आती हूँ। मैंने कहा- ऐसा क्या पहना है.. जो चेंज की ज़रूरत है? तो बोली- एक हल्का सा नाईटी है। मैंने कहा- आ जाइए ना वैसे ही.. मेरा भी आपको वैसे ही देखने का मन कर रहा है। बोली- अच्छा बदमाश.. अच्छा आती हूँ। बरामदे में अंधेरा था.. बाहर से हल्की लाइट आ रही थी.. मैं झटपट पहुँच गया। दो मिनट बाद ही उनका गेट खुला और वो बाहर आई। ‘आअहहाहह…’ उनको यूँ देख कर ही मुँह से ‘आहह..’ निकल गया। जाँघों तक की ही नाईटी थी.. पैर खुले हुए थे.. बिल्कुल गोरे और चिकने पैर। स्लीवलैस नाईटी थी.. जिसे बेबीडाल टाइप फ्रॉक कह सकते हैं.. इसका गला भी काफ़ी खुला हुआ था.. अन्दर का नजारा भी साफ़ दिख रहा था.. उसने अन्दर ब्रा नहीं पहनी हुई थी.. तो उसकी आधी चूचियाँ बाहर दिख रही थीं। मैं तो बस देखता ही रह गया। मुझे ऐसे देखते हुए कटीले अंदाज में बोली- ऐ.. मिस्टर क्या देख रहे हो.. मुझे कभी देखा नहीं क्या? मैंने कहा- हाँ.. मैडम आपका ये सेक्सी बदन नहीं देखा था.. तो वो हल्की सी शर्मा गई.. बोली- धत्त.. अब हम दोनों बैठ गए.. बातें होने लगीं, अब बात थोड़ी खुल कर हो रही थी, भाभी ने पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है क्या? मैंने कहा- अभी तो नहीं है.. पर जब मैं पुणे में पढ़ाई कर रहा था.. तो वहाँ कई थीं। बोली- कैसी थीं? मैं बोला- आपके जैसी तो एक भी नहीं थी.. पर एक ठीक थी.. उसका फिगर भी आपके जैसा तो नहीं था। भाभी अब पैर पर पैर चढ़ा कर बैठ गई थीं.. जिससे उनके बगल से जाँघें साफ़ दिख रही थीं… क्या चिकनी जांघ थी यार.. थोड़ी सी पैन्टी भी दिख रही थी। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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17-05-2022, 05:15 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
17-05-2022, 05:15 PM
भाभी- कुछ किया भी था.. कि केवल दोस्ती ही थी?
मैं- सब हुआ था भाभी.. कुछ भी बाकी नहीं रहा था। मैंने बातों-बातों में उन्हें बताया कि मुझे अपने से बड़ी भाभी या आंटी अच्छी लगती हैं। उसने पूछा- ऐसा क्यों? मैंने कहा- उन में एक अलग आकर्षण होता है.. जैसे आप में है। मैंने बताया कि पुणे में भी एक आंटी से मेरा फिजिकल रिलेशन बन चुका था.. दो साल उसे अच्छी तरह जम कर खिलाया भी था.. जबकि उनकी उमर भी 45 की थी। वो बोली- तब तो तुम मास्टर हो.. मैंने कहा- ऐसा भी नहीं है.. बस सेक्स के टाइम मैं खुद से ज़्यादा साथी का ख्याल रखता हूँ। चूंकि अब बात सेक्स पर शुरू हो गई थी.. तो वो भी खुल कर बात कर रही थी। बोली- जरा खुल कर बताओ कि कैसे ख्याल रखते हो? मैंने कहा- भाभी अब मुझे लगता है आपको सब खुल कर नहीं खोल कर ही बताना पड़ेगा। बोली- हाँ.. तो जब इतना हम लोग खुल कर बात कर रहे हैं तो और खुल कर बताओ ना.. मुझे अच्छा लग रहा है। मैंने कहा- मैं चुदाई में बहुत टाइम लेता हूँ। उसने कहा- कितना? तो मैंने कहा- आराम से करने में 3 घंटा.. बोली- बाप रे.. इतनी देर तक करते हो? जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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17-05-2022, 05:17 PM
मैंने कहा- इस टाइम में फोरप्ले बहुत करता हूँ। औरतों को 2 या 3 बार तो पहले ही झाड़ देता हूँ।
वो हैरत से बोली- अच्छा..! अब भाभी आगे झुक कर बैठी थी जिससे उनके चूचे बाहर लटक रहे थे। यार क्या मस्त बोबे दिख रहे थे.. मैं तो ललचाई आँखों से उनको ही देख रहा था। मैं एक 2 सीटर कुर्सी पर बैठा था, मैंने भाभी से कहा- इसी पर आप भी आ जाओ न.. नहीं तो बात कोई बाहर भी सुनाई पड़ सकती है। वो आ गई.. फिर बोली- अब बताओ.. मैंने कहा- पहले अच्छे से साथ में बैठ के बातें करते हैं, फिर सीने से देर तक कसके चिपका कर चुम्मियाँ करते हैं। मैंने अपने इतना पास सेक्सी भाभी को देखा तो मेरा लंड बहुत टाइट हो चला था। मैंने भी इस वक्त बिना चड्डी के एक हाफ-पैंट पहना हुआ था.. तो मेरा लंड ने हाफ पैन्ट में तंबू सा बनाया हुआ था और मैं लगातार उसे धीरे-धीरे सहला भी रहा था। भाभी लौड़े की तरफ देख कर बोली- और बताओ.. कि करते कैसे हो? मैंने कहा- सीने से चिपकाने के बाद मस्त वाली चूमा-चाटी होती है। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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17-05-2022, 05:17 PM
(This post was last modified: 17-05-2022, 05:19 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
अब भाभी भी मेरी बातों से गरम होने लगी थीं। मेरा कंधा उनके कंधे से टकरा रहा था।
अचानक मैंने अपना हाथ भाभी की कमर में डाल दिया, भाभी थोड़ा हिली.. पर बोली कुछ नहीं। मैं बताता भी जा रहा था और बगल में भाभी के कमर को सहला रहा था। भाभी थोड़ा काँपते आवाज़ में बोली- और क्या करते हो? मैंने जरा और जोर से कमर को दबाते हुए कहा- उसके बाद.. पूरी बॉडी की मसाज.. यह कह कर मैंने भाभी की कमर के बगल में थोड़ा दबा भी दिया.. जिससे भाभी के मुँह से ‘आअहह..’ निकला। अब मैंने भाभी के गले पर अपना होंठ रख दिया जिससे भाभी और गर्म होने लगी। मैंने भाभी का हाथ अपनी जाँघ पर अपने लंड के करीब रख दिया। अब मैं भाभी की जाँघ को सहला रहा था और उनके गले पर चुम्मी कर रहा था। फिर धीरे-धीरे मैं भाभी के होंठ की ओर बढ़ रहा था। आहह.. क्या फीलिंग थी दोस्तो.. अब भाभी के होंठ पर मैंने अपने होंठ रख दिए। अचानक भाभी ने अपने होंठ खोल दिए और मुझसे कसके किस करने लगी, उनका हाथ नीचे मेरे लंड पर आ गया था.. वो लौड़े को सहला रही थी। मैंने भाभी के कान में कहा- भाभी, अन्दर चल कर बाकी कहानी बिस्तर पर बताता हूँ। हम दोनों मेरे कमरे में आ गए। बिस्तर पर बैठा कर मैं भाभी के पीछे आ गया.. पीछे से उनको अपनी बाँहों में ले कर उनके कंधे पर किस करने लगा। भाभी गरम होकर बोली- और क्या करते हो? मैंने कहा- अब मुँह से क्या बताना है.. करके ही बताता हूँ.. मेरी प्यारी भाभी.. ‘आअहह.. क्या मज़ा आ रहा था..’ मेरा एक हाथ भाभी के पेट को सहला रहा था.. दूसरा उनकी चूचियों को नाप रहा था। भाभी पूछने लगीं- कैसी हैं मेरी चूचियाँ? मैंने कहा- कयामत हैं.. आज तक ऐसी एक भी नहीं मिली.. आपकी चूचियाँ अब तक टाइट हैं। अब भाभी को आगे झुका कर मैं उनकी पीठ को चूम रहा था, भाभी के पीठ काफ़ी चौड़ी थी.. बहुत मज़ा आ रहा था, भाभी ‘आअहह.. आअहह..’ कर रही थी। मैंने उनकी नाईटी को खोल दिया, अब उनकी चूचियाँ आज़ाद हो गई थीं। पीछे से मैं दोनों मम्मों को बेरहमी से मसल रहा था, भाभी सिसकारी ले रही थी, मेरा लंड भाभी की कमर में लग रहा था। भाभी ने पीछे हाथ करके मेरा लंड पकड़ लिया। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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17-05-2022, 05:20 PM
अब मैंने भाभी को लेटा दिया और होंठों को चूसने लगा। भाभी मेरा पूरा साथ दे रही थी। हम दोनों की आपस में जीभ टकरा रही थीं। नीचे मेरे हाथ भाभी की चिकनी जाँघों को मसल रहे थे, आअहह… दोस्तो, सच में हम दोनों जन्नत में थे।
अपने पैर से भाभी के पैरों को रगड़ भी रहा था। अब चुम्मीकरते हुए मैंने अपना हाथ भाभी की बुर पर रख दिया, वो एकदम से मचल गई.. मेरे सिर को जोर से पकड़ लिया। अब जैसे लग रहा था कि मेरे होंठों को खा ही जाएगी। मैं उसकी मखमली बुर को पूरे हाथ में ले कर मसल रहा था। वो मछली जैसे तड़प रही थी। अब भाभी को नंगा करके मैं खुद भी नंगा हो गया। आअहह.. क्या बदन था उसका..! मुआहह.. भाभी मेरे लंड को पकड़ कर सहला रही थी। मेरा लंड बहुत बड़ा नहीं है.. सिर्फ़ 6 इंच का है.. पर टाइट होने पर उस पर बहुत सी नसें उभर आती हैं.. जिससे वो और भी ख़तरनाक दिखता है। मैं भाभी का चूत सहला रहा था.. जो बिल्कुल चिकनी थी। अब मैं एक उंगली बुर के अन्दर डाल कर हिलाने लगा जिससे भाभी ने मेरे लंड को और कस के पकड़ लिया। मैं भाभी का मम्मा भी पी रहा था और साथ नीचे चूत में उंगली भी कर रहा था। भाभी तो जैसे पागल हो उठी थी.. ज़ोर से ‘आअहह.. अहह..’ कर रही थी। अब मैं किस करते हुए धीरे-धीरे नीचे की तरफ आने लगा.. उसके पेट पर किस कर रहा था। जैसे ही मैंने जीभ को उसकी नाभि में घुमाया.. तो भाभी का पेट बुरी तरह से काँप गया। इसी के साथ मैं भाभी की कमर को एक कुत्ते के जैसा चाटने लगा था। फिर मैंने धीरे से उसकी एक जाँघ पर किस किया.. तो भाभी ने अपनी जाँघ खोल दी, मैं उनकी बुर के आस-पास चाटने लगा था। अचानक से मैंने चाटना बंद किया तो भाभी इशारे में पूछने लगी- क्या हुआ? मैंने कहा- मुझे आप आपका पैर चूसना है.. अब मैंने भाभी का एक पैर उठा कर तलवों पर किस किया.. तो भाभी तड़प गई.. मैंने उनका एक अंगूठा अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा। ‘आहह.. आहह..’ भाभी ज़ोर-ज़ोर से सीत्कार करने लगी। दोस्तो, औरतों का अंगूठा भी चूसो तो उसे बहुत मज़ा आता है। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
17-05-2022, 05:22 PM
भाभी के दोनों अंगूठों को चूसने के बाद मैं ऊपर की ओर बढ़ने लगा, पूरे पैर को चाटने के बाद मैं भाभी की बुर की तरफ बढ़ा।
जैसे ही भाभी की बुर पर मैंने अपना होंठ रखा.. तो भाभी ने मचल कर मेरा सिर अपनी जाँघों में चूत के ऊपर दबा लिया। अब मैं बुर को पूरे मुँह में ले कर चूस रहा था। भाभी की बुर बहुत पानी छोड़ रही थी। मैं हाथ ऊपर करके चूचियों को भी मसल रहा था.. और उधर नीचे बुर पी रहा था। भाभी अब तक अपना पानी छोड़ चुकी थी.. उनका पूरा शरीर अकड़ गया था। भाभी मेरा हाथ पकड़ कर मेरी एक उंगली मुँह में ले कर चूसने लगी थीं। मैं अभी भी भाभी की बुर पी रहा था। उनकी चूत का पूरा पानी पी जाने के बाद मैंने उनकी ओर देखा.. तो वो मुस्कुरा दीं। मैंने पूछा- कैसा लगा? तो बोली- पूछो मत यार.. तुम तो ग़ज़ब करते हो.. कोई भी औरत तुमसे बार-बार चुदवाना चाहेगी.. तुमने तो बिना चोदे ही मुझे चरम पर पहुँचा दिया। मैंने कहा- अभी पूरा कहाँ किया है। मेरा तो अभी बाकी ही है। फिर मैंने भाभी को उल्टा लेटा दिया.. अब मैं उनकी कमर को अपने हाथों से मालिश कर रहा था। भाभी फिर से गरम होने लगी थी। अब मैं भाभी के चूतड़ों को मसल रहा था। भाभी ‘आहह.. आहह..’ करती जा रही थीं। मैंने भाभी की गाण्ड को थोड़ा फैला कर देखा.. तो ‘आहह..’ क्या नज़ारा था। हल्की गुलाबी रंगत लिए हुए फूल जैसा छेद.. आह्ह.. जैसे ही मैंने अपनी जीभ छेद पर रखी.. तो वो मचल गई, अपनी गाण्ड को उसने दबा लिया। थोड़ी देर यूँ ही चाटने के बाद मैंने भाभी को सीधा किया। अब हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए। मैं फिर से उनकी चूत चूसने लगा.. जिससे चूत में पानी आना फिर शुरू हो गया था। भाभी मेरे लंड को किस कर रही थीं मैंने हल्का सा दबा कर लंड को भाभी के मुँह में डाल दिया.. तो वो मजे से लौड़े को चूसने लगीं। आख़िर भाभी पुरानी खिलाड़ी थी.. बहुत अच्छे से चूस रही थी, पूरी जीभ अन्दर तक लंड पर फेर रही थी। मैंने अपनी जीभ भाभी की बुर में डाली तो भाभी मेरा लंड और ज़ोर से चूसने लगी। ‘आआहह..’ मैं सातवें आसमान पर था.. थोड़ी देर चूत चूसने के बाद मैंने कहा- अब भाभी कंट्रोल नहीं हो रहा है। तो बोली- डाल दो.. मुझे भी नहीं हो रहा है। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
17-05-2022, 05:23 PM
‘आहह..’ अब मैं भाभी के ऊपर आ गया, भाभी ने अपने दोनों पैर खोल दिए, मैंने अपना लंड भाभी की चूत पर रख दिया और रगड़ने लगा.. तो कहने लगी- हाय राजा तड़पाओ मत.. अजय मेरी जान.. पेल दो अपना लंड.. मेरी बुर में..
मैंने एक हल्का धक्का मारा.. तो पूरा लंड सटाक से अन्दर चला गया। भाभी के मुँह से हल्की ‘आअहह..’ निकली और उसने मुझे कसके अपनी बाँहों में जकड़ लिया। अब मैं ऊपर चढ़ कर उसे चोदे जा रहा था। नीचे से भाभी अपनी कमर उठा-उठा कर मेरा पूरा साथ दे रही थी। करीब 15 मिनट मैं ऊपर चढ़ा रहा और उसको हचक कर चोदता रहा.. कभी तेज़.. कभी हल्के-हल्के.. धक्कों से वो फुल मस्त हो चुकी थी। क्या बताऊँ दोस्तो.. कि उसकी चुदाई में कितना मज़ा आ रहा था। कुछ देर के बाद मेरी परी जैसे भाभी अकड़ने लगी, उसने अपने पैरों से मुझे कसके जकड़ लिया। भाभी फिर से अपने चरम पर पहुँच चुकी थी, अब वो कहने लगी- कितनी देर और करोगे? मैंने कहा- बस भाभी मेरी जान.. अब थोड़ी देर और.. फिर मैंने और तेजी से धक्का लगाना शुरू किए। ‘आहह.. आहह..’ भाभी सीत्कार कर रही थी, उसे बहुत मज़ा आ रहा था, वो मज़े में बोले जा रही थी- और तेज़ अजय.. और तेज़.. तुम सबसे अच्छा चोदते हो.. आहह.. जीवन में इतना मज़ा कभी नहीं आया मुझे.. आह्ह.. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
17-05-2022, 05:24 PM
मैंने कहा- भाभी मैं आपको हमेशा बहुत मज़ा दूँगा.. जब आप चाहोगी खूब चोदूँगा.. आहह अहह आअहह..
‘हाँ मैं अब तुमसे खूब चुदूंगी.. आह्ह..’ अब मैंने कहा- भाभी अब आप ऊपर आ जाओ.. मैं अब नीचे आ गया और वो ऊपर चढ़ गई, अब भाभी मुझे चोदने लगी। ‘आहह..’ मैं भाभी की चूचियाँ अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। मैं कस कर निप्पल को चूस रहा था। भाभी तो जैसे पागल हो गई थी, वो ज़ोर-ज़ोर से मुझे चोदने लगी। वो एकदम से अकड़ गई.. भाभी का माल फिर से निकलने वाला था। अब मैं भी चरम पर पहुँच रहा था। नीचे से मैं भी ज़ोर-ज़ोर से शॉट लगा रहा था ‘आहह.. आआहह.. आहह.. आहह..’ भाभी ने अपनी स्पीड बढ़ा दी.. मैं भी नीचे से ज़ोर से चुदाई करने लगा, बहुत पानी की वज़ह से बुर से ‘फचाक..’ की आवाज़ आ रही थी.. जो और भी मादक लग रही थी। ‘आआहह.. आहह..’ अचानक भाभी तेजी सी अकड़ने लगी.. उनका पानी निकलने लगा। तो मैंने भी नीचे से अपनी रफ़्तार बढ़ाई.. और ‘आआआहह..’ मेरा भी लंड पानी छोड़ने लगा। इस बार हम दोनों साथ ही झड़े.. भाभी मेरे सीने पर सिर रख कर लेट गई। हम दोनों को बहुत रिलेक्स महसूस हुआ था। मैंने भाभी का चेहरा हाथों में ले कर उनके सिर पर किस किया और आँखों में देख कर बोला- लव यू जान.. जवाब में उसने भी मेरे सिर पर किस किया और मुस्करा दी। करीब 20 मिनट तक हम लोग ऐसे ही नंगे एक-दूसरे की बाँहों में पड़े रहे। मैंने पूछा- कैसा लगा? तो बोली- तुम रियल मर्द हो.. कैसे औरत को खुश किया जाता है.. तुम जानते हो.. मैंने समय देखा तो सुबह के 5 बज गए थे। भाभी को मैंने कपड़ा पहनाए.. भाभी बोली- कल शाम को फिर से मिलेंगे.. वे जाने लगीं.. तो मैंने उन्हें किस किया और एक अच्छा आलिंगन भी किया, भाभी फिर अपने घर में चली गईं। जब सुबह हुई तो आँख बहुत देर से खुली पर भाभी जग चुकी थी। मैं 10 बजे जगा, ऑफिस के लिए भी लेट हो चुका था। तो मैंने casual छुट्टी ले ली। जब पेपर लेने बाहर निकला तो भाभी नहा धो कर बाहर ही बैठी थी, शायद मेरा इंतज़ार कर रही थी। मैंने गुड मॉर्निंग बोला तो सिर्फ एक कातिलाना मुस्कान मेरी तरफ उछाल दी रेनू भाभी ने, बोली- फ्रेश हो लो, तो फिर बात करते हैं। मैंने कहा- जैसी आपकी इच्छा! जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
17-05-2022, 05:25 PM
मैं अपने रूम में आ गया, फ्रेश होने और नाश्ता करने में 12 बज गए थे। तभी उनका मेसेज आया ‘क्या कर रहे हो?’
मैंने फ़ोन किया- कुछ नहीं, बस रात की यादों में खोया हुआ हूँ। भाभी- मैं भी कल रात को कभी भूल नहीं सकती हूँ। मैंने पूछा- कैसा लगा? भाभी- पूछो मत अजय, आअह्ह… क्या मज़ा दिया तुमने! मैं तो पूरी तरह से मदहोश हो गई थी तुम्हारे आगोश में। मैंने कहा- आपने भी तो मुझे पागल कर दिया था। क्या मस्त चूचे हैं आपके, चिकनी चूत है और मस्त गांड… आःह्ह्ह ह्ह्ह! मैंने कहा- भाभी आप पूरी तरह से एक फिट माल हो जो किसी के भी होश उड़ा दे। तो हँसने लगी, कहा- तुम भी कहाँ कम हो अजय, तुम भी तो पागल कर देते हो अपनी अदाओं से जो उस समय करते हो। जब मैंने पूछा कि ‘सबसे अच्छा क्या लगा आपको?’ तो बोली- तुम बहुत अच्छा फोरे प्ले करते हो। और उस टाइम खुद पर कंट्रोल रखते हो। मैंने कहा- तो आज का प्लान बताओ? बोली- दोपहर के खाने के बाद आती हूँ। मैंने कहा- अभी आओ न, थोड़ा मन कर रहा है। तो थोड़ा न नुकुर के बाद मान गई और 5 मिनट में ही आ गई। गुलाबी रंग की साड़ी और स्लीव लेस ब्लाउज गोरे बदन पर जैसे ग़ज़ब ढा रही थी। पल्लू पेट से थोड़ा हटा हुआ था, नाभि की गहराई मुझे अपने में डूबा देने के लिए जैसे मुझे बुला रही थी। आते ही भाभी को एक कसा आलिंगन किया मैंने और भाभी के गले पर चुम्बन किया। हम लोग ऐसे ही खड़े रह के बात कर रहे थे, मेरे हाथ भाभी के कमर को सहलाते हुए उनके पहाड़ जैसे चूतड़ों पर चले गए, मैं अपने दोनों हाथों से उनके मस्त मांसल कूल्हों को हल्का हल्का दबा रहा था, उनके एवरेस्ट जैसे चूचे मेरे सीने में दबे हुए थे। ‘आह्हह्ह…’ क्या महसूस हो रहा था, पूछो मत! जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
17-05-2022, 05:25 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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