13-05-2022, 05:36 PM
उर्वशी
दोस्त की चालू बहन
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
Adultery उर्वशी
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13-05-2022, 05:36 PM
उर्वशी
दोस्त की चालू बहन
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
13-05-2022, 05:37 PM
सार्थक के परिवार में उसके मम्मी पापा और उसकी दो बहनें हैं. दोनों बहनें एकदम कड़क माल लगती हैं.
अगर कोई उन्हें एक बार भी देख ले, तो बस देखता ही रह जाए. एक बहन का नाम उर्वशी है, जो हम दोनों से (मुझसे और सार्थक से) 2 साल बड़ी है … यानि उर्वशी 21 साल की है और वो एमसीए कर रही है. उर्वशी का रंग हल्का सा सांवला है … पर उसके नैन-नक्श बहुत तीखे हैं … जिससे उसके चेहरे पर एक रौनक सी रहती है. उर्वशी कुछ चंचल स्वभाव की है, वो सबसे हंसी मजाक करती रहती है. मुझसे तो वो कुछ ज्यादा ही मजाक करती है, जिसके बारे में मैं सेक्स कहानी में आगे बताऊंगा. उर्वशी की हाइट 5 फ़ीट 3 इंच है और उसका 34-30-32 फिगर एकदम गदराया हुआ है. उसके दूध बिल्कुल उठे हुए, किसी पहाड़ की चोटियों की तरह हैं. बलखाती कमर के नीचे उसकी गांड एकदम टाइट है … और कमर के तो कहने ही क्या हैं. कमर से नीचे उसका बदन बिल्कुल सुराही की तरह लगता है. जब वो अपनी गांड मटकाती हुई और बलखाती हुई चलती है, तो सच में मेरा मुँह खुला का खुला ही रह जाता है. अब मैं आपको सार्थक की दूसरी बहन के बारे में भी बता देता हूँ. उसका नाम प्रज्ञा है. वो हम दोनों से 3 साल बड़ी यानि बाईस साल की है. प्रज्ञा एमएससी कर रही है और उसकी हाइट 5 फ़ीट 4 इंच है. उसका साइज 32-30-28 का है जो कि उर्वशी से जरा कम है पर ये सील पैक आइटम है. प्रज्ञा कुछ सीधी सी है और अपने काम से काम रखती है. किसी से ज्यादा बोलती भी नहीं है. मुझसे थोड़ा बहुत बोलती और मजाक करती है क्योंकि मैं काफी सालों से सार्थक के घर जा रहा हूं. इस सेक्स कहानी में मैं आपको बताऊंगा कि कैसे उर्वशी मुझसे चुद गई. असल में मेरी कहानी लगभग दो महीने पहले से शुरू हुई थी. मैं सार्थक के घर लगभग रोजाना ही जाता था, तो मेरी उर्वशी से भी बात हुआ करती थी. वो मजाक में मुझसे वैक्सिंग के बारे में मजाक किया करती थी कि इतनी अच्छी वैक्सिंग कैसे कर लेते हो. असल में मैं आपको बताऊं कि मेरे पूरे शरीर पर एक भी बाल नहीं है, क्योंकि मैं जिम जाता हूँ तो मेरी बॉडी भी अच्छी है और इसीलिए मैं अपनी बॉडी को सेक्सी बनाने के लिए अक्सर वैक्सिंग करता रहता हूँ. उर्वशी की बात पर मैं उसको हंस कर बोल देता कि बस ऐसे ही! कुछ दिनों तक ऐसा ही चलता रहा. फिर कुछ टाइम बाद वो मुझसे कुछ ज्यादा ही घुली मिली हुई रहने लगी. उसका स्वभाव थोड़ा बदला सा लगने लगा था. एक दिन तो वो अपनी क़ातिलाना नजरों से आंख मारती हुई बोली- यार, कभी मेरी भी वैक्सिंग कर दो न … हमने कौन सा तुम्हारा कुछ बिगाड़ा है. मुझे फालतू में पार्लर जाना पड़ता है. मैंने भी हंस कर बोल दिया0 हां कभी टाइम मिलेगा तो कर देंगे. तब तो वो आंख मारती हुई बोली- अच्छा जी … इसके लिए भी टाइम निकालना पड़ेगा? मैंने भी उसे आंख मार दी. उस दिन मैं वहां से जल्दी चला गया. अब हमारी रोज ऐसे ही बातें होती रहतीं. कभी कभी हम चारों मैं, सार्थक, उर्वशी और प्रज्ञा एक साथ बैठ कर आपस में मस्ती कर लेते थे. ऐसे ही समय बीतता गया और एक महीना निकल गया. अब उर्वशी की हरकतें बढ़ने लगी थीं. मैं आपको उर्वशी के बारे मैं बता चुका हूँ कि वो एक हंसमुख लड़की है, जो बस अपनी लाइफ को एन्जॉय करना चाहती है. वो पैसा भी बहुत खर्चा करती है, जिसके लिए वो अपने बॉयफ्रेंड भी जल्दी जल्दी बदलती रहती है. अब उर्वशी मुझसे कुछ ज्यादा ही बातें करने लगी थी. वो मुझसे थोड़ा चिपक कर रहने लगी थी. मैं उसको कभी दीदी बुलाता था, तो वो मुझसे कहती कि क्या यार दीदी दीदी लगा रखा है. मैं तुमसे इतनी बड़ी थोड़े ही हूँ … जो तुम मुझे दीदी दीदी बोलते हो. मैंने कहा- आप मुझसे बड़ी तो हो ना. बाकी जैसे आप चाहोगी, मैं बुलाना शुरू कर दूंगा. मगर ऐसे आपका नाम लेना क्या सबको अजीब सा नहीं लगेगा! वो बोली- ठीक है, पर अकेले में तुम मुझे मेरे नाम से ही बुलाया करो. वैसे तो वो घर पर काफी बार अकेली रहती थी लेकिन मेरा उसके घर तब ही जाना होता था, जब घर पर सब होते थे. मुझको सार्थक से ही काम होता था और मैं उर्वशी को अपनी बड़ी बहन की तरह मानता था तो मेरे मन में उसके लिए कोई गलत फीलिंग नहीं थी. सार्थक का घर दो मंजिल का है, जिसमें नीचे उसके मम्मी पापा और प्रज्ञा रहते हैं और ऊपर सार्थक और उर्वशी का कमरा है. उनके पापा तो हमेशा बाहर ही रहते हैं, वो शाम को देर से घर आते हैं. उसकी मम्मी काम में लगी रहती हैं, तो हम पर कोई ज्यादा ध्यान नहीं देता था. एक दिन मैं उर्वशी के पास बैठा था और सार्थक बोल कर कहीं चला गया था कि उसे 15 मिनट का कुछ काम है. मैं इधर ही बैठूँ, वो अभी आता हूँ. फिर मेरे काम से चलेगा. मैं ओके बोल कर उसके रूम में ही बैठ गया. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
13-05-2022, 05:38 PM
तभी वहां उर्वशी आयी और मुझसे ऐसे ही बात करने लगी.
हम दोनों बेड पर बैठे थे. अचानक से उर्वशी के दिमाग में पता नहीं क्या आया, उसने मेरे गाल पर किस किया और एकदम से हंसने लगी. मैं चौंक गया, तब उसने मेरी फोटो खींच ली. मैंने उससे पूछा- ये क्या था? वो बोली कि ये किस था … मुझे तुम्हारा रिएक्शन देखना था कि क्या होता है? मुझे काफी मजा आया था, तो मैं बोला- अच्छा तो लगा मगर ये अचानक वाला थोड़ा सा हैरान कर गया. वो हंसने लगी. मैंने कहा- इस बात का मैं तुमसे किसी दिन बदला जरूर लूंगा. फिर उसने हंसते हुए मुझे मेरी फोटो दिखाई, जिसमें मेरे गाल पर लिपस्टिक लगी हुई थी. उसके होंठों के निशान अपने गाल पर देखकर मैं भी मुस्कुरा दिया और थोड़ा गुस्सा भी हुआ. मैंने लिपस्टिक साफ़ की और कुछ देर बाद सार्थक आ गया. उसने मुझसे साथ चलने का कहा. हम दोनों चले गए. ऐसे ही समय निकलता रहा. फिर ऐसे ही एक दिन मैं उसके घर था तो मैं सार्थक से बोला- यार कोई जॉब हो तो बताना. उस पर उर्वशी बोली कि जॉब तो मैं ही तुम्हें दे दूंगी. मैंने कहा- क्या सच? तो वो बोली- हां. मैंने उससे कहा- ओके मुझे जॉब की डिटेल बताओ. वो बोली- मेरी वैक्सिंग की जॉब करोगे? मैं इस पर थोड़ा गुस्सा सा हुआ, फिर हंस कर निकल गया. ऐसे ही उर्वशी की हरकतों को दो महीने हो गए थे. फिर एक दिन जब मुझे कुछ काम था तो मैंने सार्थक को फ़ोन मिलाया. पर उसका नंबर नहीं मिला तो मैं सीधा उसके घर चला गया. उसका घर मेरे घर से दूर है. मैंने उसके घर जाकर बेल बजायी. तब उर्वशी आयी, उसने गेट खोला. मैंने पूछा- सार्थक है क्या दीदी! वो बोली- वो तो नहीं है. मैंने पूछा कि वो कब तक आएगा, उसका फोन भी नहीं उठ रहा है! वो कुछ सोच कर बोली- बाबू वो अभी आ जाएगा … वो बोलकर गया है कि अगर अगम आए तो उसे मैं बिठा लूं. मैंने उर्वशी से ओके कहा और सीधा ऊपर जाने लगा. उर्वशी गेट को लॉक करने लगी. मैंने कहा- दीदी, आप गेट क्यों लॉक कर रही हो … जब सार्थक आएगा तो आपको फिर से खोलने आना पड़ेगा. वो बोली- आज नीचे कोई नहीं है, सब बाहर गए हैं … और सार्थक के पास दूसरी चाबी है, वो दरवाजा खोल कर खुद आ जाएगा. मैंने कुछ नहीं कहा और मैं रूम में चला गया, उर्वशी भी कमरे में आ गई. उस समय लगभग 11 बज रहे थे. मैंने ऊपर रूम में देखा कि बेड पर वैक्सिंग का सामान रखा है. मैंने उर्वशी से पूछा कि क्या कर रही हो आप? वो उदास होकर बोली- बेटा, तूने तो वैक्सिंग की नहीं, मैं खुद ही कर रही हूँ. मैंने कहा- अरे तो इसमें उदास होने वाली क्या बात है. वो बोली कि कल मुझे अपने बॉयफ्रेंड के साथ बाहर जाना था … लेकिन वैक्सिंग न होने की वजह से मैं गई ही नहीं. उसकी इस बात पर मैं बहुत हंसा और वो मेरे हंसने पर गुस्सा हो गई. मैंने उर्वशी को सॉरी कहा और बोला- चलो, मैं आज वैक्सिंग कर देता हूँ. वो बोली- सच्ची में! मैंने कहा- हां. वो बोली कि ओके मैं चेंज करके आती हूँ. दो मिनट बाद वो शॉर्ट्स और एक हल्की सी हाफ स्लीब की टी-शर्ट पहन कर आयी. जिसमें मैंने उसे पहली बार देखा था. वो एकदम मस्त माल लग रही थी … मैं उसे देखता ही रह गया. आज मुझे पता नहीं क्या हुआ मैं उसके तने हुए मम्मे देखने लगा. वो बोली- क्या हुआ! मैंने खुद को सम्भालते हुए कहा- क…कुछ नहीं. वो मुस्कुराती हुई बेड पर बैठ गई. मैंने पहले उसके हाथों की वैक्सिंग करना शुरू की. जिसमें उसे छूते ही मेरी बॉडी में करंट सा दौड़ने लगा. फिर जब मैंने उसके पैरों की वैक्सिंग की, तब मेरी हालत बुरी हो गई. मुझे कण्ट्रोल करना मुश्किल हो रहा था. उसकी आधी नंगी जांघों को देख कर मैंने खुद पर किसी तरह काबू किया. उर्वशी को देख कर मेरे साथ ऐसा पहली बार हुआ था. फिर वो इठलाती हुई उठी और नहाने चली गई. मैं उसकी नंगी देह पर अपने हाथों के स्पर्श को याद करके अभी भी अपने आपको समझा रहा था. कुछ देर बाद उर्वशी नहा कर एक सिंपल लोअर और टी-शर्ट डाल कर आयी. ऐसे कपड़े वो डेली पहनती थी, पर आज मुझे इसमें भी वो माल लग रही थी और मैं उसे ही देखे जा रहा था. मैं बेड पर बैठा था, वो सामने से गांड मटकाती हुई आ रही थी और मैं उसे देखकर गर्म हुआ जा रहा था. वो मेरे थोड़ा पास आयी और बोली- ऐसे क्या देखे जा रहे हो! मैं हड़बड़ा गया और बोला- कुछ नहीं … कुछ नहीं! वो बोली- मैं देख रही हूँ आज तुम मुझे ही अलग तरीके से देखे जा रहे हो! मैं बोला- नहीं, कुछ नहीं. वो मुस्कुराती हुई बोली- क्या हुआ बाबू … मुझसे डर गए क्या? मैंने कहा- क्यों? तब वो कुछ नहीं बोली और हंसती रही. वैसे उसकी इस बात को सुन कर मेरी भी गांड फट गई थी. वो बोली कि यार कसम से तुमने वैक्सिंग बड़ी अच्छी और सफाई से की है. मैंने कहा- थैंक्यू. फिर मैंने सार्थक के बारे में पूछा कि काफी देर हो गई, सार्थक अभी तक नहीं आया. वो बोली- आ जाएगा अभी … आज तुमको जाने की इतनी जल्दी क्या पड़ी है, क्या तुमको मेरे साथ रहना अच्छा नहीं लग रहा है? तब मैंने कहा- नहीं, ऐसा नहीं है. फिर वो कुछ सोच कर बोली- मैंने तुमसे जॉब के लिए कहा था कि मैं दूंगी जॉब. मैंने बोला- हां आपने कहा था. वो फिर बोली कि तुमने अपना काम किया … अब तुम्हारा गिफ्ट तो बनता ही है. मैं बोला कि मैं कुछ समझा नहीं. वो बोली- अभी समझ जाओगे. वो मेरे पास आयी और एकदम मेरी गोदी में बैठ गई. मैं अभी कुछ बोल पाता, उर्वशी ने मुझे किस करना शुरू कर दिया. दो मिनट बाद मैंने उसे झटके से हटाया और बोला- आप ये क्या कर रही हो … कोई देख लेगा … सार्थक आ जाएगा! वो वासना भरे स्वर में बोली- आज घर पर कोई नहीं है … और सार्थक तो शाम तक आएगा. मैंने कहा- क्या … आप तो बोल रही थी कि वो अभी आने वाला है. वो बोली- मैंने झूठ कहा था. मेरे तो मन में लड्डू फूट रहे थे कि आज इसे चोद कर मजा आ जाएगा. वो बोली- कितने सवाल करते हो, तुम्हें तुम्हारा गिफ्ट चाहिए या नहीं! इस पर मैं कुछ नहीं बोला और एक हल्की सी स्माइल करके चुप ही बना रहा. वो अभी भी मेरी गोदी में ही बैठी थी. उसने मेरे होंठों की तरफ अपने होंठ किए तो मैंने उसे किस करना शुरू कर दिया. वो भी मजा लेने लगी. हम दोनों ने लगभग दस मिनट तक लगातार किस किया. वो मेरी गोदी में ही बैठी मेरे लौड़े पर हिल रही थी. उर्वशी को अपनी गांड में मेरा अकड़ता हुआ लंड महसूस हो रहा था. मुझे भी उसकी दरार में लंड रगड़ने में मजा आ रहा था. वो बेहद कामुक हो गई थी और मेरे होंठों को खाने लगी थी. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
13-05-2022, 05:39 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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