13-05-2022, 05:24 PM
भाभी की चचेरी बहन
...
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
Adultery भाभी की चचेरी बहन
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13-05-2022, 05:24 PM
भाभी की चचेरी बहन
...
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
13-05-2022, 05:24 PM
(This post was last modified: 23-05-2022, 03:05 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
(13-05-2022, 05:24 PM)neerathemall Wrote:उस रात निशा की चूत चोदते मैंने उससे कहा था कि मुझे शिल्पा की चूत भी चोदने का मन है तो उसने मुझे आश्वासन दिया था कि मैं तुम्हारे लिए शिल्पा की चूत का इंतजाम करूंगी. पहले मेरी चूत की आग तो शांत करो. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
13-05-2022, 05:26 PM
ये सुनते ही मैं निशा की चूत को भोसड़ा बनाने के लिए पिल पड़ा.
अगले ही पल निशा अपने हाथों से इशारे करने लगी कि आह वो शांत होने वाली है और तेज तेज चोदो. उसकी बात समझ कर मैं उसकी ताबड़तोड़ चुदाई किए जा रहा था. कुछ धक्के मारने के बाद निशा ने अपना मुँह दबा लिया और वो गांड हिलाती हुई शांत हो गई. उसकी चूत का गर्म पानी मेरे लंड पर पड़ा, तो मेरे लंड ने भी हिम्मत हार दी और कुछ धक्के मारने के बाद मुझे भी लगा कि मेरा होने वाला है. मैं भी उसकी और जोर जोर से चुदाई करने लगा और जोर जोर से धक्के मारने लगा. मैं और निशा पसीने से पूरे नहा गए थे. निशा अपना मुँह दबाए हुए मेरा साथ दे रही थी. कुछ धक्के मारने के बाद मैंने सारा पानी उसकी गांड के ऊपर गिरा दिया और शांत हो गया. हम दोनों कुछ पल के लिए लेट गए. पांच मिनट बाद निशा ने अपने कपड़े पहने और बाथरूम में फ्रेश होकर आ गई. उसके आने के बाद मैं भी फ्रेश होकर आ गया और दोनों साथ में लेट गए. निशा बोली- यार, तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी. मैंने कहा- बेबी, ये तो आराम से किया है ताकि आपकी आवाज ना निकले. अभी तो काफी दिन हैं, कभी मौका मिलेगा तो तेरी असली चुदाई करूंगा. निशा ने मेरे होंठों को चूम लिया. मैंने एक बार फिर से उससे कहा- शिल्पा की भी दिलवा दो यार! निशा बोली- ठीक है … कुछ करूंगी. वो गुड नाईट बोल कर सो गई और मैं भी सो गया. सुबह नींद खुल गई पर मैं जानबूझ कर लेटा हुआ था और निशा के आने का इंतजार कर रहा था. रात में मैंने उसकी दमदार चुदाई की थी तो सुबह मैं उसे देखना चाहता था. थोड़ी ही देर में निशा आई. मैं कम्बल में सोने का नाटक करने लगा. निशा जैसे ही कम्बल पकड़ कर खींचने लगी, मैंने भी जोर से कम्बल को खींच कर रखा. अगली बार उसने जोर दिया तो मैंने कम्बल के साथ उसे भी खींच लिया. निशा सीधे मेरे ऊपर आकर गिर गई. उसका मुँह मेरे सीने पर था. निशा ने जल्दी से मेरे होंठों को चूमा और बोलने लगी- जल्दी से उठो यार! मैं उसे अपनी बांहों में भींचे हुए था. निशा हंसने लगी और बोली- तुम जगे हुए थे, तो नाटक क्यों कर रहे थे? मैंने कहा- अब तो मुझे तुम्हारी आदत सी हो गई है. निशा मुस्कुराती हुई बोली- अच्छा एक बार में ही आदत हो गई? मैंने कहा- हां जी. बड़ी नमकीन माल हो तुम. वो मुस्कुरा कर मेरी आंखों में झाँकने लगी. मैंने कहा- निशा रात में तो खुल कर खेल हुआ ही नहीं था. तब भी बताओ कि रात में कैसा लगा? निशा के चेहरे पर गहरी मुस्कान आ गई और वो बोली- अच्छा था. मैंने कहा- दिन में मौका मिलेगा तो और अच्छा लगेगा. निशा हंस कर बोली- देखते हैं, दिन में मौक़ा भी मिल सकता है. वो मेरे ऊपर से हट गई. अब मेरा ध्यान निशा के ऊपर गया. निशा ने आज काले रंग की जींस पहनी हुई थी, उस पर लाल रंग का टॉप पहना हुआ था. मैं बोला- आज तो बहुत सुंदर लग रही हो. निशा- जरा झूठ कम बोला करो. मैंने कहा- सच में बहुत मस्त लग रही हो! निशा बोली- थैंक्स. मेरी नजर निशा के पूरे फिगर पर घूमने लगी तो मैंने ध्यान दिया कि निशा की काले रंग की जींस काफी टाइट थी और आगे से उसकी चूत की शेप साफ़ दिख रही थी. मुझे इस तरह से देखते हुए निशा बोली- क्या हुआ … ऐसे क्या देख रहे हो? मैंने कहा- तुमको देख रहा हूँ … सच में बहुत हॉट लग रही हो. निशा शर्माती हुई अपनी चूत पर हाथ रख कर बोली- अच्छा जी. मैं कहा- हां सच में. निशा बोली- चलो अब उठो … तुम्हें दीदी बुला रही हैं. जीजा जी और मम्मी कहीं बाहर जाने वाले हैं. वो शायद तुमको भी साथ ले जाएं. मैंने ओके कहा और निशा के जाते ही मैं नहाने चला गया. रूम खुला हुआ था तो मैंने दरवाजे पर कुंडी नहीं लगाई. बस दरवाजे को बंद ही किया था. मैं जैसे ही नहा कर बाथरूम से बाहर निकलने लगा तो बस तौलिया ही पहने था. मैं बाथरूम से जैसे ही बाहर आया तो देखा कि शिल्पा रूम में आई हुई थी. उसकी नज़र अचानक से मुझ पर पड़ी. मैंने भी जानबूझ कर तौलिया को खोल दिया और मेरी तौलिया जमीन पर जा गिरा. शिल्पा ने एक पल को मुझे देखा और अगले ही पल वो जल्दी से बाहर चली गई. मैंने भी मुस्कुरा कर तौलिया उठा कर एक तरफ रखी और अपने कपड़े पहन लिए. मैं नीचे आया तो शिल्पा मुझसे नजरें नहीं मिला रही थी. मैं उसके पास गया पर वो अपना मुँह दूसरी तरफ करके खड़ी हुई थी. मैंने शिल्पा से माफी मांगी और भाभी के पास चला गया. फिर मैंने नाश्ता किया. भैया भाभी और निशा हम सब मार्केट चले गए. मार्किट से वापस आते हुए शाम हो गई थी. घर आए तो देखा कि रसोई में शिल्पा और भाभी की मम्मी हैं. मैं उन दोनों से बातें करने लगा कि अभी क्या क्या काम है. रात को सबने खाना खाया. मैंने भी जल्दी ही खाना खा लिया. अब रात के 11 बज रहे थे, सब बातें करने लगे. थोड़ी ही देर में शिल्पा चाय लेकर आई और बोली- लो यश चाय पी लो, दीदी ने बनाई थी. शिल्पा ने शायद मुझे माफ़ कर दिया था इसलिए वो ठीक से बातें कर रही थी. मैंने चाय पी और थोड़ी बात करके उठ गया. मैं सोने चला गया. कुछ देर बाद निशा कमरे में आई और आते ही बिस्तर पर लेट गई. शिल्पा और मुझे नींद नहीं आ रही थी. निशा बोली- तुम मेरी जगह आ जाओ यश. मुझे नींद आ रही है. तुम दोनों बातें करो और मुझे सोने दो. अब मैं बीच में था और निशा और शिल्पा किनारे पर थीं. मैंने शिल्पा से कहा- कुछ बोलो अपने बारे में! शिल्पा बोली- क्या बताऊं? मैंने कहा- मैं जो पूछूंगा, सच बताओगी? शिल्पा बोली- हां ठीक है, पूछो. मैंने कहा- इतनी सुंदर हो और हॉट भी लगती हो, तो ये बताओ तुमको अभी तक कितने तो कितने लड़कों ने फ्रेंडशिप का ऑफर दिया? शिल्पा हल्के से हंस दी और बोली- तारीफ़ के लिए शुक्रिया. हां मुझे ऑफर तो कई लड़कों ने किया था. मैंने पूछा- तो तुमको उसमें से कोई पसंद नहीं आया क्या? शिल्पा बोली- उनमें से कई लड़के मुझे पसंद तो आए थे पर पता नहीं मुझे अन्दर से डर लगता था कि अगर घर पर किसी को पता चलेगा तो बहुत दिक्कत हो जाएगी. इसलिए मैं दोस्ती के के लिए किसी को हां नहीं बोलती थी. मैंने कहा- अरे उसमें कुछ नहीं होता है यार! फिर शिल्पा बोली- तुम भी तो बहुत अच्छे लगते हो, तो क्या तुमको किसी लड़की का ऑफर आया था? मैंने कहा- हां आया तो था. वो कुछ नहीं बोली. फिर मैंने कहा- अच्छा एक बात बताओ … अगर तुम्हारे घर में कोई दिक्कत नहीं होती, तो क्या तुम हां बोल देती? जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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13-05-2022, 05:27 PM
शिल्पा बोली- हां तो बोलती, पर पहले उसका व्यवहार देखती.
मैं बोला- चलो तुम जब तक घर पर थी, तो घर वाली दिक्कत थी, पर अब तो घर से बाहर रहते हुए एक साल से ज्यादा हो गए हैं. इस बार वह बोली- हां मगर अभी कोई मिला नहीं. मैंने कहा- मिला नहीं या ध्यान नहीं दिया? तो शिल्पा थोड़ी देर चुप होकर बोली- अच्छा, आपको कसम है. मैं आपको एक बात बताती हूँ कि मेरा बॉयफ्रेंड है … पर आप किसी को मत बताना. मैंने कहा- ठीक है. एक बात बताऊं, मुझे पता था कि तुम्हारा बॉयफ्रेंड है, पर मैंने इसलिए नहीं बोला कि तुमको कोई परेशानी ना हो. शिल्पा बोली- तुमको कैसे पता चला? मैं बोला- जब हम रूम में सफाई कर रहे थे, तब … और बहुत बार मैंने तुमको कॉल पर बात करते हुए देखा है. शिल्पा बोली- हम्म … तो मुझ पर बड़ी नजर रख रहे हो. मैंने कहा- नजर नहीं यार, बस ऐसे ही! वो कुछ नहीं बोली. फिर मैंने ही पूछा कि तुम दोनों को कितना टाइम हो गया? शिल्पा बोली- अभी एक साल होने वाला होगा. मैंने ओके कहा. फिर शिल्पा बोली- तुम्हारी कोई गर्लफ्रैंड है? मैंने बोला- पहले थी, पर अभी तो कोई नहीं है. वो मेरी तरफ हैरानी से देखने लगी- ऐसा लगता तो नहीं है. मैंने उसकी बात को नजरअंदाज करते हुए पूछा- तुम अपने बॉयफ्रेंड के साथ कभी डेट पर गई हो … यदि हां तो कहां गई हो? शिल्पा बोली- मैं अपने बीएफ के साथ अब तक 4 बार वाराणसी गई हूँ. मैंने हंस कर कहा- अरे वाह … तुमने तो उसके साथ गंगा जी में डुबकी भी लगा ली? वो भी हंस दी- नहीं यार! फिर मैं बोला कि अगर मैं कभी तुम्हारे गांव आया, तो मेरे साथ घूमने चलोगी? शिल्पा बोली- हां चलूंगी … पर ये सब बातें दीदी को मत बताना ओके. मैंने कहा- ठीक है. इस तरह से हम दोनों ने एक घंटा तक बातें की और उसके बाद सो गए. सुबह करीब 9 बजे शिल्पा आ गई थी. उसने मुझे उठाया और जैसे कि वो हर सुबह मेरे लोवर में मेरा खड़ा लंड देखती थी तो लंड देखने लगी. मेरी हल्की सी आंखें खुली हुई थीं. उसके जगाने पर मैंने उससे कहा- अभी तो टाइम है यार … सोने दो न! शिल्पा बोली- आज तुमको जीजू के साथ कहीं जाना है, तो दीदी ने कहा है कि तुम्हें जल्दी उठा दूँ. मैंने आंखें खोलीं और उसे देख कर कहा- वाह, सुबह सुबह से सुन्दरी के दर्शन हो जाना कितना अच्छा लगता है. सच में वो आज और भी ज्यादा मस्त लग रही थी. उसने हरे रंग का सूट पहना हुआ था जो कि बिल्कुल टाइट था. उसकी कुर्ती से उसके मम्मे बड़े मस्त दिख रहे थे. शिल्पा ने बाल भी खुले हुए रखे थे. मेरी बात सुनकर वो थैंक्स बोल कर जैसे ही पीछे को मुड़ी, उसकी टाईट गांड को देख कर मैं अपना लंड सहलाने लगा. लंड को सहलाते हुए शिल्पा ने मुझे बहुत बार देखा है, उसने आज भी मुझे ऐसा करते हुए देख लिया था. फिर मैंने नहा कर नाश्ता किया और भैया के साथ निकल गया. वहां से आते हुए दोपहर हो गई पर भैया को कहीं और जगह भी जाना था तो उन्होंने मुझे घर पर छोड़ दिया. मैंने घर की बेल बजाई तो थोड़ी देर में भाभी के पापा आ गए. उनसे ज्यादा बात तो नहीं हुई, बस नमस्ते करके मैं अन्दर आ गया. मैंने पानी पिया और चारों तरफ देखा, कोई दिख नहीं रहा था. फिर मैं ऊपर आ गया. मैं कमरे का दरवाजा खोलने लगा तो देखा कि अन्दर से लॉक किया हुआ है. अगले ही पल मुझे कुछ आवाजें आने लगीं. मुझे थोड़ा सा शक हुआ कि कहीं अन्दर निशा तो नहीं है. मैंने निशा को कॉल किया और उससे पूछा- कहां हो? वो बोली- हम सब तो पूजा के लिए पास वाले मंदिर गए हैं, घर पर पापा और शिल्पा हैं. उससे बात करके मैं समझ गया कि शिल्पा ही अन्दर है. मैंने निशा से कहा- यार रूम लॉक है … मुझे कुछ सामान चाहिए था. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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13-05-2022, 05:28 PM
मैंने उससे रूम की चाभी मांगी, तो उसने बताया कि चाभी तो मैं शिल्पा को देकर आई हूँ.
मैंने भी बोल दिया कि शिल्पा कहीं नहीं दिख रही है. निशा ने बताया कि रसोई के पास एक जगह सारे कमरों की चाभी रखी रहती हैं, तुम उधर से ले लो. मैं जल्दी से चाभी को लेकर ऊपर आया और निशा के रूम के बाहर खड़ा हो गया. अभी आवाजें थोड़ी तेज तेज आने लगी थीं. मैंने चाभी से दरवाजे को खोला और हल्के से धकेलते हुए अन्दर झांका. मैं अन्दर का नजारा देखता ही रह गया. शिल्पा बेड पर बिना कपड़ों के लेटी हुई थी और वो फ़ोन पर किसी से कॉल पर बात कर रही थी. उसकी आंखें मस्ती के कारण बंद थीं और मादक सिसकारियां निकल रही थीं. उसने कान में लीड लगा रखी थी जिस वजह से उसे मेरी आवाजें सुनाई ही नहीं दे रही थीं. वो बस बातें किए जा रही थी. उसका एक हाथ चूत के ऊपर था, जिससे वो कभी अपनी चूत को सहलाती, तो कभी दाने को रगड़ती. इतना सब देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया. मैं जानबूझ कर अन्दर नहीं गया और अपने लंड को जींस के ऊपर से ही मसलने लगा. मैंने उसके पूरे बदन पर नज़र मारी. उसका गोरा बदन चमक रहा था, पर वो नेहा भाभी या प्रीत भाभी से कम ही गोरी थी. फिर भी मैं पहली बार शिल्पा को बिना कपड़ों के देख रहा था तो मस्त लग रही थी. उसके चुचे भी मस्त लग रहे थे. इस वक्त वो सेक्स के मूड में थी तो उसके मम्मे भी कुछ ज्यादा ही फूले हुए लग रहे थे. मैंने उसके चेहरे की तरफ देखा तो वो मस्ती में डूबी हुई थी. ये सब देख कर मेरा लंड जींस में बहुत टाइट हो गया था. मैंने जींस की चैन खोली और लंड पर थूक लगा कर और हाथ से पकड़ कर आगे पीछे करने लगा. ये सब मैं शिल्पा को करते हुए देखते हुए कर रहा था. मेरा मन कर रहा था कि अभी उसके ऊपर चढ़ जाऊं और लंड उसकी चूत में डाल कर उसकी जोरदार चुदाई कर दूँ. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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13-05-2022, 05:29 PM
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2
तभी मैंने देखा कि शिल्पा अपने बॉयफ्रेंड से बातें करते हुए कह रही थी कि जानू तुम्हारा लंड लेने का बहुत मन कर रहा है … आह डाल दो अन्दर. पूरे चार हफ्ते हो गए हैं. हम दोनों ने सेक्स नही किया है. जानू आज तुम्हारा लंड अपनी चूत में लेने का मेरा बहुत मन कर रहा है. ये सब बातें करते हुए शिल्पा अपनी चूत में एक उंगली फेरने लगी. जैसे ही उसकी चूत में आधी उंगली गई, उसकी मस्त आवाज निकलने लगी ‘अअअह हहह …’ कुछ ही देर में उसने अपनी पूरी उंगली चूत में डाल ली और अन्दर बाहर करती हुई सिसियाने लगी. वो अपनी गांड उठा उठा कर बार बार नीचे रख रही थी. उसकी कामुक सिसकारियां मेरे कानों में भी पड़ रही थीं जिससे मेरा भी बुरा हाल हो चला था. मैं भी जोर जोर से अपने लंड को आगे पीछे कर रहा था. मैंने भी देर न की और जल्दी जल्दी लंड हिलाते हुए अपना सारा माल नीचे फर्श पर निकाल दिया और कमरे से निकल गया. जल्दी से नीचे जाकर मैंने लंड को धोया और सोचने लगा कि अगर अभी फिर से अन्दर चला गया तो शायद बात ना बने. फिर मैं शायद ही इससे चुदाई की बात कर पाऊं. मगर दूसरी तरफ एक बात ये भी सोच रहा था कि ये मौक़ा अच्छा है. अगर अभी कुछ कर पाया, तो ही कुछ बात बन पाएगी, नहीं तो ऐसा मौका नहीं मिल पाएगा. कुछ पल सोचने के बाद मैं फिर से कमरे के दरवाजे पर आ गया. इस बार मैंने दरवाजा जानबूझ कर तेज धक्के से खोला. पर साली के कान में लीड लगी हुई थी जिस वजह से उसको कुछ सुनाई ही नहीं दिया. मैंने देखा कि शिल्पा ने अभी अपनी चूत में दो उंगली डाल रखी थीं. वो मजे में जोर जोर से आंखें बंद किए अपनी उंगलियों को जोर जोर से अन्दर बाहर करने में लगी थी. कुछ देर बाद जब मुझे ऐसा लगा कि अब इसका होने वाला होगा, तो उससे पहले ही मैंने थोड़ी तेज आवाज सी की. मेरी इस तेज आवाज से उसकी नजर मुझ पर पड़ी. शिल्पा मुझे देख कर हड़बड़ा सी गई और जल्दी से उसने बेड की चादर को खींच कर अपने आपको ढक लिया. उसी पल उसने कॉल को भी काट दिया. नाटक करते हुए मैं भी उस रूम से बाहर निकल आया. मैं दरवाजे बाहर के जैसे ही गया, शिल्पा ने मुझे पीछे से आवाज लगाई- यश रुको. मैं पीछे मुड़ा. शिल्पा ने अभी भी चादर ही ढक रखी थी. मैं बोला- सॉरी शिल्पा मुझे पता नहीं था कि तुम यहां हो! शिल्पा बोली- सॉरी क्यों बोल रहे हो, कोई बात नहीं. मैं उसे देखने लगा. 2 जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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13-05-2022, 05:33 PM
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20-05-2022, 04:33 PM
(This post was last modified: 23-05-2022, 03:16 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
वो शर्माती हुई बोली- यश, प्लीज ये बात किसी को मत बताना.
मैंने बोला- ठीक है, किसी को नहीं बताऊंगा. तुम टेंशन मत लो. मेरे इतना बोलने पर शिल्पा बोली- थैंक्यू यश, तुम बहुत अच्छे हो. पर शिल्पा का चेहरा देखते हुए नहीं लग रहा था कि वो मेरी बात से सहमत है. मैं उससे बोला- तुम कपड़े पहन लो, मैं नीचे जा रहा हूँ. जैसे ही मैं मुड़ा तो पीछे से शिल्पा आ गई. उसने मुझे अपनी तरफ मोड़ कर मेरे होंठों पर अपने होंठों को रख दिया और मुझे चूमने लगी. मैंने थोड़ा नाटक करते हुए शिल्पा को अलग किया और कहा- शिल्पा ये क्या कर रही हो? पर शिल्पा बोली- जब तुमने सब देख ही लिया है, तो अब छुपाने से क्या फायदा. ये कहते हुए वो हॉट न्यूड गर्ल फिर से मुझे होंठों पर चूमने लगी. मैंने भी ज्यादा नाटक करना सही नहीं समझा कि कहीं बना हुआ काम भी खराब ना हो जाए. मैं भी उसके होंठों को चूमने लगा. शिल्पा के साथ पहली बार उसके होंठों को चूमने का अलग ही मजा आ रहा था. कुछ पल मैं ऐसे ही उसके होंठों को चूमता रहा. फिर मैंने उसके कान को चूमना शुरू किया, जो उसको और भी उत्तेजित कर रहा था. मेरा हाथ चादर के ऊपर से ही उसके पीछे उसकी गांड पर आ गया. मैं दोनों हाथों से उसकी चूतड़ों को सहला रहा था. अगले ही पल उसका हाथ मेरी जींस के ऊपर से ही लंड पर आ गया. शिल्पा मेरे लंड को सहलाने लगी. उसने मेरी चैन को खोला और लंड को बाहर निकाल लिया. उसके हाथ के छूने से मेरा लंड खड़ा होने लगा था. मैं भी उसकी लपेटी हुई चादर के ऊपर से ही उसके चूचों को दबाने लगा. उसको मजा आ रहा था. मैंने शिल्पा को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और उसको अपने आगे ले लिया. उसका मुँह दूसरी तरफ हो गया और पीठ मेरी तरफ थी. मैंने पीछे से शिल्पा को अपनी बांहों में कस लिया और हाथ को आगे कर लिया. उसकी चादर को थोड़ा साइड करके मैंने उसकी चूत को जैसे ही छुआ, वैसे ही शिल्पा की प्यारी सी आवाज निकलने लगी ‘ओ … यश …’ मैं उसकी चूत के दाने को रगड़ने लगा जिससे शिल्पा और भी उत्तेजित होने लगी. मैंने पीछे से चादर को ऊपर किया और उसकी चूतड़ों से खुद को सटा दिया. अपने लंड से उसके नंगे चूतड़ों को सहलाने लगा. वो भी अपनी गांड को पीछे किए जा रही थी. मेरा एक हाथ उसकी चूत पर रगड़ रहा था और अब दूसरा हाथ मैंने उसके सीने के ऊपर लिपटी हुई चादर को नीचे कर दिया. उसके दोनों चुचे साफ दिख रहे थे. इतनी देर से मैं इन चूचों को देख रहा था पर हाथ में लेने में मुझे और भी मजा आ रहा था. शिल्पा भी मजे में आती जा रही थी. उसकी चूत के साथ साथ उसका बदन भी गर्म होने लगा था. मैंने उसको फिर से घुमा दिया., अब उसका चेहरा मेरी तरफ था. मैंने देर न करते हुए उसके चूचों को अपने कब्जे में किया और एक निप्पल को अपने मुँह में ले लिया. मैं जोर-जोर से उसके दूध को चूसने लगा. शिल्पा मादक सिसकारियां लेने लगी- अअअअ … यश आआह … मैं शिल्पा का एक चूचा चूसने के साथ ही दूसरे चूचे को जोर-जोर से दबाए जा रहा था. कभी उसके निप्पल को अपनी दो उंगलियों के बीच में दबा कर हल्के हल्के रगड़ देता था, जिससे शिल्पा को और भी मजा आने लगता. शिल्पा पहले ही गर्म थी. मेरा हाल भी ऐसा ही था लेकिन तभी शिल्पा ने मुझे एक बात बताई, जिसे सुन कर मेरे हाथ रुक गए. मैं दंग रह गया. उसने बताया कि उसने मुझे प्रीत की चुदाई करते हुए देखा है. मैं एक बार को तो घबरा गया था. फिर शिल्पा बोली- तुम टेंशन मत लो. मैं किसी को कुछ नहीं बताऊंगी. अभी तुम जो कर रहे हो, उसको पूरा करो. मैंने अपने कपड़े जल्दी से उतार दिए. अब मैं भी बिना कपड़ों के हो गया था. मैंने जल्दी से शिल्पा के बदन से चादर को हटा दिया. शिल्पा मुझे देख कर अभी भी शर्मा रही थी. उसका नंगा बदन मस्त सेक्सी लग रहा था. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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23-05-2022, 03:16 PM
मैंने शिल्पा को लंड चूसने को कहा तो वो मना करने लगी.
मैं बोला- देखो तुमने इतना तो कर ही लिया है. अब अगर आगे मजा लेना है तो तुम्हें मेरा साथ देना होगा. कुछ देर मनाने के बाद शिल्पा बोली- ठीक है, पर अगर मुझे ये अच्छा नहीं लगा, तो मैं ज्यादा नहीं करूंगी. मैंने कहा- हां ठीक है. अब शिल्पा नीचे बैठ गई. पहले तो उसने मेरे लंड को सहलाया और अपने होंठों पर जैसे ही लगाया, मुझे तो मस्त मजा आने लगा. उसे भी लंड पसंद आ गया था या साली ड्रामा कर रही थी. जो भी हो, उसने अगले ही पल में मेरे लंड को मुँह में लेकर अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया था. कुछ ही देर में मैं उसका सर पकड़ कर अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा, तो मेरा लंड उसके मुँह में ज्यादा ही अन्दर चला गया था. एकदम से वो खांसने लगी और उसने लंड को मुँह से बाहर निकाल दिया. वो सांस लेती हुई बोली- आह … अब नहीं करूंगी. मैंने उसको अपनी गोद में उठा लिया और बिस्तर पर ले गया. उधर मैंने उसको पीठ के बल लेटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया. फिर उसके होंठों को चूमते हुए मैं उसके चूचों को चूसने लगा. अब उसकी आवाज और जोर से निकलने लगी थी. कुछ देर तक उसके दोनों चूचों को चूसने के बाद मैं बेहद उत्तेजित हो गया था. मैं थोड़ा नीचे उसकी नाभि पर अपनी जीभ को गोल-गोल घुमाने लगा. शिल्पा की मादक सीत्कारें ‘ऊओ ऊओ आअह्ह … आहह्ह आहह्ह … आआह्ह …’ माहौल को कामुक बनाने लगी थीं. मैं उसकी पूरी बॉडी पर अपना हाथ चला रहा था. अगले ही पल में मैं चूत पर आ गया. मैं शिल्पा की जांघों पर हाथ से सहलाता रहा और साथ ही साथ उसको चूमता भी रहा. ये सब शिल्पा को और भी अच्छा लगने लगा था. फिर कुछ ही देर में मैंने जैसे ही उसकी चूत के दाने को अपनी जीभ से कुरेदा … वो सिहर गई. मैं चूत चाटने लगा और शिल्पा आवाज निकालने लगी ‘आअह्ह ऊओह ऊओह्ह आआह …’ उसको अब और भी अच्छा लगने लगा था. शिल्पा ने अपने दोनों हाथ मेरे सर पर रख दिए और गर्म आवाजें निकालती हुई कहने लगी- आह यश चाटो … और जोर जोर से चाटो … आहह्ह आज पहली बार इतना मजा आ रहा है. मैं और जोर जोर से उसकी चूत के दाने को चाटने लगा. जब मैंने देखा कि उसकी चूत काफी गीली हो गई है तो मैं उसकी चूत में जीभ डालकर अन्दर से रस चाटने लगा. मेरी खुरदुरी जीभ को अपनी चूत के अन्दर पाकर शिल्पा जोर जोर से सांस लेने लगी और वो अपनी गांड भी उठाने लगी थी ‘ऊऊह हह आआह ऊओ हह …’ उसकी चूत को चाट चाट कर मैं लाल कर दिया था. वो मेरे सर के बालों को सहला रही थी और अपनी गांड को भी मस्ती में इधर उधर कर रही थी. शिल्पा बहुत गर्म हो चुकी थी और उसकी चूत भी बहुत गीली हो चुकी थी. मैंने देर न करते हुए उसकी चूत में अपनी दो उंगलियां डाल दीं. अभी उंगली अन्दर गई ही थीं कि शिल्पा ने अपनी गांड उठा कर पीछे कर लिया. मैंने भी उसकी टांग को पकड़ कर नीचे की तरफ खींचा और उंगलियों को अन्दर बाहर करने लगा. कुछ ही पल में मेरी पूरी उंगलियां चूत के अन्दर तक जाने लगी थीं. जैसे जैसे मेरी उंगलियां चूत में अन्दर बाहर हो रही थीं, वैसे वैसे शिल्पा की सिसकारियां भी बढ़ती जा रही थीं. वो मुझे लगातार चुदाई के लिए कह रही थी. फिर मैं उठा और अपना लंड शिल्पा की चूत से रगड़ने लगा. इससे शिल्पा को और भी अच्छा लगने लगा. कुछ पल ऐसे ही करते हुए हो गया था शिल्पा लंड चूत में अन्दर पेलने के लिए लगभग गिड़गिड़ाने लगी थी. मैंने भी बहुत देर से अपने आप को रोक रखा था. इतने में शिल्पा के मोबाइल पर कॉल आया. मैंने देखा तो अंजलि भाभी का कॉल था. शिल्पा ने मुझसे रुकने का कह कर कॉल उठाया. अंजलि भाभी ने पूछा- कहां हो? वो थोड़ा घबराने लगी. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
23-05-2022, 03:17 PM
मैंने इशारे से उसे बताया कि कह दो कि कमरे में हूँ.
शिल्पा बोली- दीदी, मैं ऊपर कमरे में हूँ. अंजलि भाभी बोलीं- तुम चाय बना कर रखना, मैं दस मिनट में आ रही हूँ. शिल्पा बोली- ठीक है दीदी. फोन कट गया. एक बार के लिए तो हम दोनों ही डर गए थे कि अंजलि भाभी कहीं ऊपर तो नहीं आ गईं. शिल्पा बोली- अभी रहने दो … बाद में कभी मौका मिला तो कर लेना. मैं जानबूझ कर मान नहीं रहा था कि कहीं ये बाद में मना ना करने लगे. अभी तो इसको चोदा तक नहीं है. मैंने कहा- बस अभी हो जाएगा. शिल्पा बोली- मैं पक्का वादा करती हूं यश … तुम जब बोलोगे, तो कर लूंगी. मैं उसे अपना लंड को दिखा कर बोला- इसका क्या करूं? वो बोली- अच्छा चलो इसको हाथ कर देती हूँ. मैंने कहा- नहीं, करना है तो मुँह में चूस कर ढीला कर दो. उसने ज्यादा समय खराब करना ठीक नहीं समझा, वो बोली- हां कर दूंगी ठीक है … पर अभी उठो. मैंने कहा- ठीक है. शिल्पा उठी और नीचे बैठ गई और मैं खड़ा हो गया. शिल्पा मेरे लंड को अब हाथ में लेकर जोर जोर से चूसने लगी. मुझे भी बहुत मजा आ रहा था और मैं उसके सर को पकड़ कर लंड पेल रहा था. मैं ज्यादा अन्दर तक लंड नहीं पेल रहा था … बस आधा अन्दर तक ही डाल कर निकाल ले रहा था. उसके हाथों से मेरे लंड को छूने से और चूसने से मुझे भी बहुत मजा आ रहा था. जब वो अपनी जीभ से मेरे लंड को चाटती तो मुझे और भी ज्यादा मजा आ रहा था. अब वो जोर जोर से मेरे लंड को पकड़ कर चूस भी रही थी और आगे पीछे भी कर रही थी. कुछ देर में मुझे लगा कि अब बस हो जाएगा, तो मैंने उसको बताया नहीं. वो बार बार पूछती- तुम्हारा हुआ या नहीं? मैं भी ना बोल देता. अगले ही पल में मैंने सारा माल उसके मुँह में निकाल दिया. जैसे ही उसके मुँह में मैंने माल निकाला, उसका मुँह भर गया. उसने झट से वीर्य उगल दिया और जल्दी ही बाथरूम में जाकर सब साफ करके बाहर आ गई. शिल्पा ने अपने कपड़े पहने और थोड़ा गुस्सा होते हुए बोली- ये जो किया है ना … वो अच्छा नहीं है. मैं कुछ नहीं बोला. वो जल्दी से नीचे चली गई. मैंने भी जल्दी जल्दी सब साफ किया और थोड़ी देर बाद नीचे चला गया. दोस्तो, आपने भी समझ लिया होगा कि शिल्पा मेरे लंड से फंस चुकी थी. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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