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Incest शालिनी दीदी
#1
शालिनी दीदी




















............
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#2
ह कहानी मेरे और मेरी तलाक़ शुदा दीदी शालिनी के बीच की है. मेरा नाम अजय है, उम्र २२ साल है. मेरी दीदी शालिनी ३२ साल की एक सेक्सी औरत है. दीदी लम्बी, गोरी और हरे भरे बदन की मल्लिका है. दीदी का फिगर ४०-३२-४० है. बड़ी बड़ी पपीते जैसी चूचियां, पतली कमर और बड़ी सी गांड दीदी को एक चोदनीय माल बनाती है. दीदी का शादी के २ साल बाद डाइवोर्स हो गया.

अब वो हमारे साथ ही रहती है. मैं दीदी का फिगर दिन भर ताड़ते रहता हूँ. कभी कभी वो साड़ी पहनती है तो मुझे ब्लाउज से उनकी बड़ी बड़ी चूचियों के दर्शन हो जाते है.
एक रात काफी लेट मैं टीवी देख रहा था. शालिनी दीदी भी थोड़ी देर बाद सोफे में आ गयी और टीवी देखने लगी. दीदी ने अभी टाइट टीशर्ट पहना हुआ था, दीदी की चूचियां ऐसी लग रही थी जैसे किसी ने दो विशाल पर्वतो को टीशर्ट में कैद कर रखा है. दीदी की सांसो के साथ चूचियां हवा में हिल रही थी. सायद दीदी ने अंदर में ब्रा नहीं पहनी हुई थी. ऐसा मन कर रहा था की चूचियों को पकड़ कर दबा दूँ.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
मैं: क्या दीदी नींद नहीं आ रही है क्या
दीदी: हाँ भाई…चलो कोई मूवी देखते है
फिर हमदोनो मूवी देखने लगे. मेरा पूरा ध्यान दीदी की हिलती हुई बड़ी बड़ी चूचियों पर था. जब वो थोड़ा झुकती तो उनका क्लीवेज दिखने लगता.
मैं: दीदी एक बात पुछु
दीदी: पूछ ना भाई
मैं: दीदी आपका डाइवोर्स क्यू हुआ
दीदी: क्या बताओ भाई… तेरा जीजाजी का किसी और के साथ चक्कर चल रहा था.. इसलिए मैंने छोड़ दिया उन्हें
मैं: ओह्ह्ह्ह … आप जैसी सुन्दर और सेक्सी बीवी की रहते बाहर चक्कर… ये बात समझ में नहीं आयी
दीदी: क्या पता अजय … वो बाहर जाकर दूसरी लड़की चोदता था और मुझे हाथ भी नहीं लगाता था.. उसको दुसरो के चूचियां और गांड ज्यादा पसंद आती थी.
मैं दीदी के मुंह से चुदाई की बात सुन कर दंग रह गया. मैं दीदी को ऊपर से निचे तक देखा और सोचने लगा… कौन ऐसी बीवी को नहीं चोदेगा

जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#4
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#5
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#6
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#7
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#8
मैं: पर दीदी आपकी चूचियां भी बहुत बड़ी बड़ी है

दीदी: पर तेरे जीजाजी को तो पसंद नहीं थी
मैं: पर मुझे तो बहुत पसंद है
दीदी: क्या बोला तूने
मैं: कुछ नहीं दीदी
सायद दीदी ने सुन लिया था, पर अनजान बनी रही.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#9
दीदी: अच्छा मेरी छोड़ अपनी बता … तेरी कोई गर्लफ्रेंड है

मैं: है ना दीदी सोनिया नाम उसका है
फिर मैंने उसको सोनिया की फोटो दिखाई अपने मोबाइल पर.. उसमे एक फोटो में मैं सोनिया को किश कर रहा था. वो दीदी ने देख लिया
दीदी: अरे भाई तू तो जवान हो गया … किश के अलावा भी कुछ किया है क्या सोनिया के साथ
मैं: हाँ दीदी मैं सोनिया को २-३ बार चोद चूका हूँ
दीदी: हाय राम ये काम भी कर लिया है तूने
मैं: हाँ दीदी जवानी क्यू बर्बाद करनी… जब कोई सेक्सी माल मिले तो चोद लेना चाहिए
दीदी: भाई तू कितना बेशर्म हो गया है
मैं: इसमें शर्म की क्या बात है दीदी… जवानी का मजा सबको लेना चाहिए ..एक बात बताओ दीदी तुमको मन नहीं करता की कोई मर्द तेरी इस सेक्सी बदन से खेले…
दीदी: आअह्ह्ह भाई ये सब मत बोल …
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#10
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Lou Lou




Elouisa




जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#11
मैं: दीदी आपको मन नहीं करता की कोई आपकी बड़ी बड़ी चूचियों को नंगा करके चूसे और दबाए

दीदी: उईईईईई भाई बहुत मन करता है.. पर तेरी बहन की किस्मत में ये सुख नहीं है
मैं: है दीदी आप जीजाजी को भूल जाओ और किसी और के साथ मजा लो
दीदी: पर किसके साथ करू
मैं: दीदी मेरे साथ ही कर लो … कसम से पूरा मजा दूंगा
दीदी: हाय राम ये क्या बोल रहा है… तू अपनी बहन को ही चोदना चाहता है
मैं: नहीं दीदी मैं इस गदराये बदन को भोगना चाहता हूँ
दीदी: पर भाई….
मैं: दीदी आप ज्यादा नहीं सोचो… आप एक लड़की और मैं लड़का हूँ .. और हमारा काम है एक दूसरे को चोदना… आपका भाई कब से आपकी इन चूचियों को दबाना चाहता
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#12
मैंने दीदी की चूचियों पर हाथ रख दिया और चूचियों को दबाने लगा… दीदी को भी मजा आ रहा था पर वो पहले झिझक रही थी. पर मैं चूचियों को जोर जोर से दबाने लगा .. जिससे उनका विरोध भी ख़तम होने लगा. मैं दीदी को किश करने लगा और एक हाथ से उनके चुत्तड़ो को मसलने लगा.. आअह्ह्ह्हह उउउउउउउ भाई … की आवाजे आने लगी… मैंने दीदी की टीशर्ट उतार दीं.. अब उनके तरबूज हवा में उछल रहे थे. बहुत ही बड़े बड़े तने हुए आम थे. मैं एक चूची की निप्पल को चूस रहा था और दूसरी चूची को जोर जोर से दबा रहा था.. फिर मैं दूसरी चूची को चूसने लगा… अह्ह्ह्हह उईईईईई भाई.. और दबा … चूस ले इन्हे….

मैंने दीदी की लेग्गिंग उतार दीं और पैंटी भी. अब दीदी की पावरोटी जैसी फूली हुई चुत नंगी मेरे आँखों के सामने थी. मैं बूर को चूसने लगा… दीदी की आँहो की आवाज गुजने लगी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#13
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#14
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#17
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#19
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#20
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