Thread Rating:
  • 7 Vote(s) - 1.86 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Misc. Erotica पाँच सहेलियाँ
#81
(07-03-2022, 11:18 PM)Class123 Wrote: Waiting for update Bhai...

Will post update on this weekend..
[+] 1 user Likes Gpoint's post
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
#82
(10-03-2022, 07:25 PM)Gpoint Wrote: Will post update on this weekend..

Thanks Brother. Will wait for it.
Like Reply
#83
Waiting for update...thx
Like Reply
#84
Update pls..
Like Reply
#85
(26-03-2022, 12:58 PM)Class123 Wrote: Update pls..

Year ending ka overload tha, Saturday ko update mil jayega... Thanks
Like Reply
#86
रानू अपने दीदी जीजु से मिलने उनके यहां गई थी, उसे अपनी दीदी से पता चला की जीजु का बॉस प्रमोशन जीजु का ना देकर उनके साथ काम करने वाले को देने वाला है, क्योंकि उसकी बीवी बॉस के साथ चुदवाने को तैयार है। रानू ने जीजु के बॉस की जानकारी ली और जीजु के साथ काम करने वाले की भी। अगले दिन रानू जीजु के ऑफिस जाने के बाद उनके बॉस के घर गई। उसने जीजु से कह दिया था की आपका बॉस ऑफिस आ जाए तो मुझे मैसेज कर देना। जीजु के बॉस के आते ही उन्होंने रानू को मैसेज कर दिया। रानू ने बॉस के घर की बेल बजाई, बॉस के घर में काम करने वाली ने दरवाजा खोला।

रानू: जी काया मैडम से मिलना है (जीजू के बॉस मि अमोल की वाइफ)
नौकरानी: जी आप कौन?
रानू: जी अमोल सर के ऑफिस से आई हूं।
नौकरानी ने फिर कुछ नही पूछा और काया मैडम को बुलाने चली गई,
काया: बोलो क्या काम है?
रानू: Hello Madam, You are looking gorgeous.
(बहुत दिनों बाद काया से अपनी तारीफ़ सुनी थी)
काया: बैठो। (सोफे की और इशारा करते हुए कहा)
रानू: जी आप से एक बहुत जरूरी बात करनी है, अकेले में।
काया: जी बोलो!
रानू: जी मुझे नही पता की आप जादू टोने में विश्वास करती है या नही। पर मुझे लगा कि ये बात आपको बताना चाहिए इसलिए मैं यहा आई हूं। (रानू ने पहले ही जानकारी निकाल ली थी कि काया थोड़ी अंधविश्वासी है, और अमोल इन बातो पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं करता)
काया की नौकरानी पानी लेकर आई, रानू ने पानी लिया और चुप चाप बैठी रही। काया समझ गई को रानू यहां बात करने में घबरा रही है, उसने रानू को अपने साथ अपने बेड रूम में आने को कहा, रानू और काया दोनो बेडरूम में पहुंचे।
काया: अब बोलो क्या बात है?
रानू: जी मेरे जीजु आपके पति के ऑफिस में काम करते है, उनसे बातो बातो में मुझे पता चला की उनके ऑफिस का एक साथी अपनी बीवी के साथ मिलकर आपके पति अमोल पर जादू टोना कर रहे है। जीजु इन सब चीजों से दूर रहते है, वो अपने काम से काम रखते है। पर मुझे लगा कही आपकी और अमोल जी की जिंदगी ना बिगड़ जाए, इसलिए आपसे मिलने आ गई। अगर आपको मेरी बात का बुरा लगा हो तो माफ करना। प्लीज आप अपने पति से मेरे बारे में कोई बात मत करना। मैं चलती हूं।
काया: अरे इसमें बुरा मानने वाली कोई बात नही है, तुम तो मेरे भले के लिए ही बोल रही हूं। मैं अपने पति से कुछ नही कहूँगी क्योंकि इस बात का बिल्कुल भी यकीन नहीं करेंगे। इस बारे में तुम मुझे कुछ और बता सकती हो? कौन है, क्या चाहते है? 
रानू: नही, इतना तो नही पता, हां पर उनका जादू टोना काम ना करे, इस के लिए आपकी मदद कर सकती हूं। जी में एक गुरुजी को जानती हूं, उनसे बात करके आपको उपाय बता सकती हूं।
काया: ohhh... So sweet of you..
रानू: जी अब मैं चलती हूं।
काया: तुम्हारा नंबर तो देते जाओ।
रानू ने उसे अपना नंबर दिया और घर आ गई।
काया को रानू की बात भरोसा नहीं हो रहा था, अमोल पर जादू टोना करके क्या मिलेगा? ये लड़की कौन है और बिना मतलब के मदद क्यों कर रही है? कही ये रुपए लूटने का कोई नया तरीका तो नही है।
काया ने सोचा इन सब सवालों के जवाब के लिए अमोल के ऑफिस जा कर सीधे अमोल से बात करती हूं। काया अमोल के ऑफिस पहुंची। वहा उसने रिसेप्शन पर फूलदान देखा, उस पर कुछ अजीब सा धागा बंधा हुआ था। ये धागा रानू के कहने पर जीजु ने बांधा था और ये फूलदान कुछ दिन पहले उनके साथी की वाइफ शालिनी ने अमोल को दिया था। शक का एक बीज ही काफी है आपकी सोच का जंगल बनाने को, ये फूलदान पहले अमोल के केबिन में था और जीजु ने आज ही बाहर रखा था।
रिसेप्शनिस्ट: hello madam, how are you!!
काया: I'm fine, it's nice flowerpot.
रिसेप्शनिस्ट: थैंक यू, ये सर के केबिन से ही आज बाहर आया है।
काया को पता लगा की ये अमोल के केबिन से बाहर आया है, उसकी धड़कन तेज हो गई। अमोल से केबिन में मिली पर उसे रानू के बारे में कुछ नही बताया ना ही किसी बात का जिक्र किया, उसने अमोल को सिर्फ इतना बताया की वोह मार्केट आई थी तो तुमसे मिलते हुए घर जा रही।
काया ने ऑफिस से बाहर आ कर सीधे रानू को कॉल किया।
काया: हेलो रानू.. काया बोल रही हूं। आज मैंने अमोल के ऑफिस में कुछ अजीब सा देखा, मुझे तो डर लग रहा है।
रानू: आप चिंता मत करिए, हम दोनो मिलकर इसका हल निकाल लेंगे। मैं आपसे शाम को बात करती हूं।
 शाम को जीजु ने रानू के कहने पर बॉस के बैग में कुछ ताबीज सा रख दिया था।  रानू ने शाम को काया को कॉल किया।
रानू: हेलो काया जी, अमन जी आ गए क्या?
काया: अभी नही आए, आते ही होंगे।
रानू: आज आप अमन जी का बैग देखना,  अगर आपको उसमे कुछ भी गलत दिखे तो मैं जैसा बोल रही आप वैसा करना। रानू ने समझाया की क्या करना है।
काया: okay रानू। थैंक यू सो मच।
अमन घर आया और काया ने धीरे से उसकी जानकारी के बिना बैग में देखा की ताबीज जैसा कुछ तो है। उसे रानू की बात याद आई। उसने वो ताबीज निकाल कर पलंग पर तकिए के नीचे रख दिया। रात को सोते समय काया ने एक सेक्सी सी नाइटी पहनी। (रानू ने ही कहा था ऐसा करने को)
अमन: क्या बात है काया.. आज तो सेक्सी लग रही हो।
काया: कुछ भी अमन, पुरानी थी आज पहन ली।
अमन ने काया को हग किया और उसके होठों पर अपने होठ रख दिए। काया ने उसे विशेष रिस्पॉन्स नही दिया। ( रानू ने बोल दिया था की अमन अगर रोमांटिक हो तो तुम एक दम से रोमांटिक मत होना, थोड़ा नखरे करना) अमन का मन अब चुदाई करने का हो गया था, उसने सोचा काया का मूड बनाने के लिए उसे पोर्न मूवी दिखाना पड़ेगी। उसने अपने मोबाइल में पोर्न लगाई और काया के साथ देखने लगा। काया पोर्न देख कर उत्तेजित होने लगी थी। अमन ने मौका देख कर उसके बूब्स पर हाथ रख दिया। काया को भी अच्छा लग रहा था उसने अमन के होठों से अपने होठ मिला दिए। अमन मन ही मन खुश हुआ और काया का साथ दे कर चूमने लगा। काया ने अमन के कपड़े उतारना शुरू किए और अमन ने भी काया के कपड़े उतारे। अमन अंडरवियर और काया पैंटी में थी। अमन काया के बूब्स से खेलने लगा। ( रानू ने समझा दिया था की आज आपको ऐसे चुदवाना है जैसे आपकी सुहाग रात पर आप चुदी थी।) काया धीरे धीरे अमन का साथ देने लगी। दोनो एक दूसरे के बदन से खेल रहे थे। काया अपनी आवाज को रोक नही रही थी जिससे अमन को मजा आ रहा था। उसने काया को नंगा कर दिया और उसकी चुत में ऊंगली करने लगा। काया ने अमन को नंगा किया। अमन समझ गया की काया की चुत को लंड चाहिए। उसने कंडोम लगा कर काया की चुत में लंड डाला और चोदने लगा। बड़े समय बाद दोनो जी भर कर चुदवा रहे थे, दोनो काफी उत्तेजित भी थे। दोनो जल्दी झड़ गए। पहला राउंड उनका जल्दी खत्म हो गया था। दोनो थक भी गए थे, एक दूसरे को हग करते हुए सो गए। आधी रात में काया की नींद खुली उसे रानू की बात याद आई और धीरे धीरे अमन के बदन पर अपनी ऊंगली घुमाने लगी। अमन को अच्छा लग रहा था, पहले  जल्दी चुदाई खत्म हो गई थी, जिससे उसे पूरा मजा नही मिला था। उसने काया के निप्पल पकड़ के हल्के से मसलने लगा। काया एक दम से उत्तेजित हो गई और काया ने अमन का लंड पकड़ लिया और हिलाने लगी। अमन काया के ऊपर चढ़ा और अपना लंड उसकी चुत पर रगड़ने लगा। काया की चुत गीली हो गई थी, अमन ने कंडोम लगा कर एक बार फिर उसकी चुत में लंड डाल दिया। अमन और काया चुदाई के मजे लेने लगे। अमन चुदाई तेज करने लगा, इस बार वो जल्दी नही झड़ना चाहता था। चुदाई की आवाज काया के मजे को बड़ा रही थी। अमन ने काया की चुत से लंड निकाला और पोजिशन चेंज की। उसने काया को घोड़ी बनने को कहा और पीछे से उसकी चुत में लंड डाला। उसकी कमर को पकड़ के लंड अंदर बाहर करने लगा। काया भी साथ देने लगी और अपनी कमर हिलाने लगी। अमन ने काया को मजे लेता देख अपने झटके तेज कर दिए। बहुत सालो बाद दोनो एक लंबी चुदाई का आनंद ले रहे थे। पीछे से चोदते चोदते अमन काया के बूब्स भी पकड़ के मसल देता तो कभी उसकी गांड़ पर एक दो थप्पड़ मार देता। काया को भी इसमें पूरा मजा आ रहा था।
काया: अमन ऐसे ही चोदते रहो,
अमन: yo baby... कुतिया जैसे मजे ले। दोनो जोर जोर से चुदाई के मजे लेने लगे।
काया: आआआआह्ह..... अ...मन... मेरी चुत... Fuckkk baby fuck.... Ohhhh yaaa... I'm coming...
दोनो एक साथ झड़े और बिस्तर पर ढेर हो गए।
सुबह अमन को जल्दी ऑफिस जाना था और जीजू के साथी को हेल्प करना थी जिससे प्रमोशन में कोई प्राब्लम न हो और अमन को शाम को ही शालिनी को चोदने को भी मिल जाए। अमन जल्दी तैयार होकर निकल गया। 
होटल गैलेक्सी में दिन को शालिनी जाती है और रिसेप्शन पर अमन के बारे में पूछती है उसे रूम में जाने का बोल देते है। शालिनी रूम में जाती है, रूम में अंधेरा है है और एक टेबल पर छोटी से लाइट जल रही है, उस टेबल पर एक गिफ्ट रखा हुआ है और एक लेटर भी साथ में है। शालिनी वो लेटर पड़ती है।
हेलो, सेक्सी शालिनी,
तुम्हारे लिए एक ड्रेस है, इसे पहनो और डांस करो, सुना है तुम बहुत ही अच्छा डांस करती हो। तुम्हे सेक्सी डांस करना है और ऐसा डांस करो की मैं तुम्हे चोदने के बेताब हो जाऊ।
अमन।
लेटर पड़ने के बाद शालिनी ने ड्रेस देखा, वो एक छोटा सा स्कर्ट और ब्रा जैसा टॉप था। तभी शालिनी को अमन की आवाज सुनाई देती है। बेबी मजा नही आ रहा, लगता है तुम्हारा मन नहीं है।
शालिनी: ऐसा नहीं है अमन जी, आप सामने आजा ओ, फिर देखो।
अपने हुस्न का जादू दिखाओ और मुझे अपना गुलाम बना लो। अगर तुमसे नही हो रहा तो कोई बात नही,
शालिनी ने वही ड्रेस चेंज किया और धीरे धीरे डांस करने लगी।
फिर से अमन की आवाज सुनाई दी, बेबी सेक्सी डांस,
शालिनी ने सारी शर्म को छोड़ नाचना शुरू किया, सबसे पहले अपने बदन को छूते हुए नाचने लगी। बूब्स को जोर से हिलाती तो कभी अपनी गांड़ मटकाती। शालिनी को फिर से अमन की आवाज आई, अपने कपड़े उतार दो, नंगी हो कर अपने जिस्म से खेलो। शालिनी ने नाचते हुए अपने कपड़े उतार दिए। नंगी होकर नाचने लगी। अपने बूब्स को मसलना शुरू किया, फिर चुचियों को भी मसला। शालिनी अब उत्तेजित हो गई थी। उसने अपनी चुत से भी खेलना शुरू कर दिया। तभी रूम की लाइट ऑन हुइ जैसे ही उसकी नजर गई वो देखती ही रह गई, क्योंकि ये अमन नही, उसके पति का साथी था, मतलब रानू के जीजु वहा थे। ये प्लान काया और रानू ने मिलकर बनाया था। शालिनी को मैसेज काया ने किया था, जब दूसरी चुदाई के बाद अमन सो गया था। उसने वो मैसेज अमन के मोबाइल से डिलीट भी कर दिया था। अमन और शालिनी के मिलने का प्लान शाम का था, पर काया ने शालिनी को दिन में बुलाया। शालिनी अपने नंगे बदन को छुपाने के लिए परदे के पीछे चली गई। बहुत ही गुस्से में उसने जीजु को चिल्लाया की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई यहां आने की।
जीजु ने शालिनी को इशारे से चुप रहने को कहा और उसे मोबाइल दिखाया, उसकी आंखों से आंसू निकलना शुरू हो गए।
जीजु: तुम बोलो तो तुम्हरा ये नंगा नाच में पूरे ऑफिस में भेज सकता हूं।
शालिनी: अमन को पता चल गया तो वो तुम्हे नौकरी से निकाल देगा। मैं तुम्हारे ऊपर रेप केस कर दूंगी।
जीजु: तुम कर सकती हो, तुम्हे यहाँ बुलाने वाला अमन है, होटल की बुकिंग अमन के नाम से है और पेमेंट भी उसके क्रेडिट कार्ड से है। अब तुम चाहो तो सिक्युरिटी को बुला सकती हो और अमन भी साथ में जेल जायेगा। और हां अमन और  सुबह दोनो साथ में यहां आए थे। सीसीटीवी में रिकॉर्ड है (जीजु ने ये जुठ बोला था)
शालिनी सोच में पड़ गई की अब क्या करे, अगर कुछ किया तो अमन भी फस जायेगा और वो फस गया तो मेरे पति की नौकरी भी चली जायेगी।
शालिनी: तुम प्रमोशन ले लो, प्लीज ये वीडियो डिलीट कर दो।
जीजु: मुझे प्रमोशन नहीं चाहिए।
उसने जीजु से पूछा तुम्हे कितना पैसा चाहिए? बोलो.. वीडियो डिलीट कर दो और ये बात यही खत्म करते है।
जीजु: (शालिनी को घूरते हुए) मुझे पैसा नहीं चाहिए।
शालिनी (डरते हुए) तुम्हे... फिर क्या... चाहिए.. (परदे को कस के पकड़ते हुए)
जीजु: ये लो अमन की वाइफ काया से बात करो।
शालिनी की बोलती बंद हो गई उसने काया से बात की और जीजु होटल से चले गए।
इधर शाम को अमन जल्दी से ऑफिस से निकल गया और होटल गैलेक्सी पहुंचा।
रूम में जैसे ही अंदर गया शालिनी ने उसे हग किया और अमन ने भी उसे जोरो से हग किया और एक हाथ से उसके बूब्स दबा दिए।
शालिनी: अरे, इतनी भी क्या जल्दी है
अमन: तुम्हे देख कर कंट्रोल ही नही हो रहा।
शालिनी: सब्र करो, बहुत ही मजा आने वाला है।
अमन ने शालिनी के होठों से होठ मिलाए और उसे बिस्तर पर लेटा दिया और उसके ऊपर चढ़ कर उसे स्मूच करने लगा। अमन ने शालिनी के कपड़े उतारने शुरू किए। शालिनी के बदन पर सिर्फ पैंटी बची थी। अमन शालिनी के बूब्स से खेलने लगा। शालिनी भी गर्म हो गई थी। शालिनी ने  अमन को बिस्तर पर लिटाया। शालिनी ने अमन के हाथ बांध दिए और आंखों पर पट्टी भी।
अमन: ये क्या कर रही हो?
शालिनी: चुदाई का मजा दे रही हूं, जो आपको आपकी बीवी ने कभी नहीं दिया। शालिनी ने अमन के कपड़े उतारने शुरू किए और उसको पूरा नंगा कर दिया।
शालिनी: अब मैं तुम्हारे लंड को प्यार करूंगी और शालिनी ने अपनी मुट्ठी में अमन का लंड पकड़ लिया।
अमन: तुम तो सच में बहुत मजा दे रही हो।
अब शालिनी की जगह धीरे से काया ने ले ली और अमन का लंड चाटने लगी। अमन वियाग्रा खा कर आया था, जिस से शालिनी को अच्छे से चोद सके। रानू ने काया को सिखा दिया था की लंड को कैसे चाटना है। काया रानू के बताए तरीको से अमन के लंड को प्यार करने लगी। 
अमन: तुम तो बहुत ही अच्छे से लंड को प्यार करती हो। 
(काया के लिए ये सब कुछ बहुत अजीब था, वो पहली बार कर रही थी।)
अमन: मेरी बीवी ने तो आज तक कभी ऐसे लंड नही चुसा।
काया को ये सुनकर बड़ा बुरा लगा। उसने और जोश से लंड को चूसना शुरू कर दिया।
काया ने बहुत ही अच्छे तरीके से अमन का लंड चूसा। उसने अमन के ऊपर चढ़ कर अपनी चुत में उसका लंड डाला और  धीरे धीरे हिलने लगी। काया ने अपने मुंह पर हाथ रख लिया, जिससे अमन उसकी चुदाई की आवाज ना पहचान सके।
शालिनी और जीजु को इशारे से आगे बुलाया। जीजु ने शालिनी के कान में धीरे से कहा चुदाई की आवाज निकालो। शालिनी को चुप देख जीजु ने उसकी पैंटी के अंदर हाथ डाल कर उसकी चुत में ऊंगली घुसा दी और घुमाने लगे। काया और अमन की चुदाई देख कर शालिनी की चुत गीली हो गई थी, जीजु को ऊंगली घुमाने में कोई दिक्कत नही हो रही थी।
शालिनी: आआह्हह
अमन: तुम्हे मजा आ रहा है।
शालिनी: ohhhh... Yeeee... क्या मजेदार लंड है।
काया ने अपनी स्पीड भी बड़ा दी थी। 
जीजु का लंड शालिनी की गांड़ पर रगड़ खा रहा था। काया ने शालिनी को उत्तेजित करने के लिए दवाई पीला दी थी, अब शालिनी पर दवाई का पूरा असर था, उससे रुका नही जा रहा था। शालिनी जीजु की तरफ घूमी और उसने जीजु के पैंट में हाथ डाल कर उनका लंड पकड़ लिया। उसने फिर जीजु की पैंट उतारी और जीजु के लंड पर कंडोम लगा के उनका लंड अपने चुत में डाल लिया, जीजु कुछ समझ नही पा रहे थे। उन्होंने ने काया की तरफ देखा, काया ने इशारे में समझाया की उन्होंने ही शालिनी को चुदाई के लिए कहा है।
अमन: बहुत ही शानदार शालिनी, तुम तो एक नंबर की चुदक्कड़ हो।
शालिनी: ये तो तुम्हारे लंड का जादू है।
अमन: मैं चुदक्कड़ रानी को चोदते हुए देखना चाहता हूं। प्लीज़ अब खोल दो।
काया ने अमन के हाथ खोल दिए और अमन ने जैसे ही आंख की पट्टी हटाई काया को देख कर उसकी तो गांड़ ही फट गई। उधर शालिनी और जीजु की मस्त चुदाई जारी थी। 
काया: क्या हुआ अमन। तुम्हे मजा नही आया, मैंने अभी तुम्हारा लंड चूसा और तुम्हारे साथ चुदाई की। तुम्हारी बीवी में वो बात कहा है। आओ शालिनी अमन के साथ चुदाई करो। अमन तुम शालिनी के साथ चुदाई करो और मैं इससे चुदवाती हूं (जीजु की और इशारा करते हुए।) तुम भी चुदाई के मजे लो और मैं भी लेती हूं। 
अमन को अपनी गलती का अहसास हो गया था। उसने हाथ जोड़ कर काया से माफी मांगी।
काया: अमन तुमने और शालिनी दोनो ने बराबर गलती की है। शालिनी को उसकी गलती की सजा मिल रही है दूसरे के साथ चुदवाना पड रहा है। अब तुम्हारी सजा ये है कि तुम इन दोनो के सामने अपनी बीवी को चोदो और खुश करो।
अमन का सिर शर्म से नीचे झुका हुआ था। अमन कुछ नही बोल पा रहा था। काया ने तभी उसे बिस्तर पर गिराया और उसके लंड को मुंह में ले लिया। अमन काया के ऐसे बर्ताव से बहुत हैरान था, पर उसके पास और कोई ऑप्शन भी नही था। उसने अपने ऑफिस में काम करने वाले के सामने अपनी बीवी को चोदना था। उसे बुरा तो लग रहा था, पर वो करता भी तो क्या।
एक तरफ अमन और काया की चुदाई चल रही थी। दूसरी तरफ शालिनी और जीजु की। शालिनी को मजबूरी थी चुदाई के मजे लेने की और अमन भी मजबूर था, अच्छे से चोदने को। चुदाई के बाद उसने तीनों से माफी मांगी। काया के पैरों में गिरकर रोने लगा। काया ने अमन और शालिनी को माफ कर दिया। शालिनी को भी समझाया की कभी ऐसे गलत रास्ते पर ना जाना।

Like Reply
#87
Wonderful update bhai...
Like Reply
#88
(05-04-2022, 02:57 PM)Class123 Wrote: Wonderful update bhai...

Thanks  Namaskar
Like Reply
#89
is weekend mein update aayega kya?
Like Reply
#90
Waiting for update bhai....
Like Reply
#91
(13-04-2022, 02:17 PM)Class123 Wrote: Waiting for update bhai....

Thanks for your love & support
Like Reply
#92
शालिनी घर पर आ गई थी पर उसके दिमाग में एक ही बात घूम रही थी की उसे अमन और काया के सामने एक दूसरे मर्द से चुदवाना पड़ा। शालिनी को बुरा इसलिए लग रहा था क्योंकि वो इस चुदाई को अपनी हार समझ रही थी। उसके दिमाग में ये चल रहा था की कैसे इस चुदाई का बदला लिया जाए। शालिनी ने सोचा क्यों न उसकी बीवी (रानू की दीदी) को बताया जाए कि उसका पति (जीजु) और बॉस ने मुझे मजबुर किया और फिर मुझे चोदा। कहानी को ऐसे सुनाना होगा की उसकी बीवी (रानू की दीदी) अपने पति (जीजु) से नफरत करने लगे। अगले दिन दोपहर में शालिनी रानू की दीदी के घर पहुंची। उस समय रानू घर पर थी, उसकी दीदी बाज़ार गई हुए थी। रानू शालिनी कों देखकर समझ गई कि ये जरूर कुछ गडबड करने आई है। रानू ने शालिनी को ये पता नही लगने दिया की वोह रानू है। दोनो बहन की शक्ल आपस में मिलती थी। शालिनी ने रानू को ही जीजु की बीवी समझ कर सारी बात घुमा फिरा कर बताई और फिर ये बताया कि अमन और तुम्हारे पति ने मिलकर मेरे साथ सेक्स किया और अमन की पत्नी भी इसमें शामिल थी। पूरी कहानी बिल्कुल फिल्मी स्टाइल में सुनाई और शालिनी रोने लगी। (रानू मन में सोचने लगी, अच्छा हुआ दीदी यहा नही है, नही तो ये औरत अभी ही तलाक करवा देती। इस औरत को अच्छे से सबक सिखाना पड़ेगा, नही तो बाद में परेशानी खड़ी करेगी।) रानू भी रोने का नाटक करने लगी।

रानू: (रोते हुए) हे भगवान, कैसे दिन आ गए, ऐसा पति मिलेगा, मैने जीवन में कभी नहीं सोचा था। आजकल मुझे प्यार भी नही करते, मुझसे मन भर गया इनका। दूसरी औरतों की जिंदगी बिगाड़ रहे है।
शालिनी: (रोते हुए) अब मैं कैसे अपने पति के साथ रह पाऊंगी। उनको पता चलेगा तो मैं कही कि नही रह जाऊंगी।
रानू: तुम्हारी कोई गलती नही है बहन, तुम्हे रोने की जरूरत नहीं है।
शालिनी: मेरी तो इज्जत ही लूट ली, कैसे मेरे पति के साथ रहूंगी। उन्हे ये बात बता भी नही सकती, अगर मैंने बताया तो तुम्हारा पति और अमन मुझे बदनाम कर देंगे। (और जोरो से रोने लगी)
रानू: पहले तुम रोना बंद करो। तुम चिंता न करो, अब वो तुम्हारा बाल भी बांका नहीं कर सकते। अगर मुझे पहले इस बात की भनक भी लग जाती की ये लोग ऐसा कुछ करने वाले है, मैं ये होने ही नही देती।
(शालिनी को लगा की इसकी बीवी अब पूरी तरह से मेरी बातो में फस चुकी है, उसने अपनी चाल शुरू की)
शालिनी: मैं इन मर्दों को सबक सिखाना चाहती हूं। क्या तुम मेरा साथ दोगी?
रानू: (आंसु पोछते हुए, गुस्से में) इन मर्दों को सबक जरूर सिखाना पड़ेगा। मैं तुम्हारे साथ हूं। तुम रोना बंद करो, मैं तुम्हारे साथ हूं।
शालिनी: (मन ही मन खुश होते हुए, अब बताती हूं शालिनी क्या चीज है)(रोने का नाटक करते हुए) सच में, तुम मेरा साथ दोगी।
रानू: जब तक इन दोनो मर्दों को तड़पा ना दूं तब तक तुम्हारे साथ हूं।
रानू ने शालिनी को गले लगाया ( दोनो ही मन ही मन में खुश हो रही है)
रानू: मैं तुमसे कल दिन में तुम्हारे घर आकर मिलती हूं।
शालिनी वहा से चली गई। (शालिनी को तो यही लग रहा था की अब वो अच्छे से बदला ले सकती है, सब कुछ वैसा ही हुआ जैसा उसने सोचा था। अब उसे आगे की तैयारी करनी थी और वो उसमे लग गई।)
रानू ने काया को कॉल किया और पूरी बात बताई।
काया: तुम ही बताओ अब क्या करना है। अगर कुछ न किया तो ये परेशानी बन जाएगी।
रानू: मैंने कुछ सोचा है, हम इसको इसी के जाल में फसा देंगे। (रानू और काया ने मिलकर प्लान बनाया)
अगले दिन रानू शालिनी के घर गई। शालिनी को देखते ही रानू रोने लग गई। (शालिनी मन में सोचने लगी, लगता है इन दोनो पति पत्नी में झगड़ा हुआ है, अब इस आदमी की जिंदगी में चैन नहीं रहेगा, शालिनी खुश होने लगी)
शालिनी: तुम ऐसे आंसु न बहाओ, तुम्हारी गलती नही है।
रानू: तुम ही बताओ मैं क्या करूं, कैसे उस आदमी के साथ रहूं।
शालिनी: रोना तो उसने है, तुम और मैं मिलकर रुलाएंगे उसे।
रानू: (आंसु पोछते हुए) बोलो क्या करना है?
शालिनी: थोड़ा मुश्किल है, क्या तुम कर पाओगी।
रानू: उसे सबक सिखाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हूं।
शालिनी: तुम्हे डांस करना है।
रानू: डांस..? मैं समझी नहीं।
शालिनी: न्यूड डांस, एक दम नंगा नाच करना है। तुम अपने पति को गंदी गंदी गालियां दोगी। हम तुम्हारा वीडियो बना कर तुम्हारे पति को भेजेंगे।
रानू: उससे क्या होगा?
शालिनी: तुम्हारे पति को पता तो चले, दूसरे की बीवी को नंगा नचाना क्या होता है। (शालिनी पहले अपने नंगे नाच का बदला लेना चाहती थी।)
(रानू मन में सोचते हुए, तु खुद रण्डी बन कर अमन से चुदवाने को तैयार थी)
रानू: मुझे ये सब करना नही आता है।
शालिनी: तुम घबराओ मत मैं हूं ना, तुम्हे सब सिखा दूंगी।
रानू: नाच के बाद क्या करना होगा।
शालिनी: कुछ नही सिर्फ नाच ही करना है, एक नंगा और गंदा।
रानू: ठीक है, जैसा तुम सही समझो।
(शालिनी को लगा जैसे उसकी जीत हो रही है, उसने सोचा इसे अच्छे से नंगा नचाना है, थोड़ी शराब पिला दी जाए। फिर मैं अपने वीडियो का बदला इसका वीडियो बना कर लूंगी, और उसके बाद इसे भी दूसरे मर्द से चुदवाऊंगी)
शालिनी: क्या तुमने कभी ड्रिंक किया है?
रानू: मैने कभी नही किया
शालिनी: मैं तुम्हारे लिए एक ग्लास बनाती हुं। उसको पीने से तुम्हे नाचने में आसान रहेगा।
रानू: बिना पिए नही कर सकते क्या..
शालिनी: तुम्हे अपने पति को गंदी गालियां भी तो देनी है, बिना पिए क्या दो पाओगी। सिर्फ एक ग्लास की तो बात है। थोड़ी देर में असर भी खत्म हो जाएगा।
रानू: मैने आज तक पी नही है, 
(शालिनी किचन में गई, उसने किसी को कॉल किया और धीरे से बात की। एक ग्लास बना कर लाई, उसने उसमे थोड़ी सी नशे की दवाई भी मिला दी थी)
शालिनी: ये लो, इसे पी लो..
रानू ने बहुत ही धीरे से ग्लास उठाया और होठ के पास ले जा कर दूर कर दिया। रानू ने ऐसा दो तीन बार किया
रानू: इसमें से तो smell आ रही है।
शालिनी: अरे मैं बोल रही हूं ना, तुम पी लो, कुछ न होगा।
रानू ने इस बार ग्लास को होठ से टच किया और सिर्फ एक बूंद अपनी जीभ पर टच किया।
रानू: ये तो बहुत ही कड़वा है.. उल्टी जैसा मूंह बना लिया।
(शालिनी सोच रही थी इसे ये कैसे पिलाऊ, रानू ने देखा की शालिनी कुछ सोच रही है, उसने सोचा अब इसे इसके जाल में फसाते है।)
रानू: आपने कभी पी नही है ना, आपको पता नही है, एक दम जहर है। मैं इसके बिना ही नाच भी लूंगी और गाली भी दे दूंगी।
शालिनी: ऐसा नहीं है, मैने एक दो बार अपने पति के साथ पी है। 
रानू: (रानू तपाक से बोली) तुम भी अपने लिए एक ग्लास बना कर ले आओ, शायद तुम्हे पीता देख कर मुझे हिम्मत आ जाए।
(शालिनी ने सोचा ठीक ही बोल रही है, वैसे भी इसे पिलाने के लिए थोड़ी सी पीना भी पड़े तो कोई बात नही।)
शालिनी: रुको मैं अभी अपने लिए एक ग्लास लेकर आई।
(शालिनी जब तक ग्लास लेकर आई, रानू ने काया को मैसेज कर दिया और उसने ग्लास में भरी शराब अपने बैग में रखी नॉर्मल ड्रिंक से बदल दी, जो की शराब जैसी ही दिख रही थी।)
शालिनी ने रानू के सामने एक बड़ा सा घूट लिया और रानू से बोला तुम भी पी लो। रानू भी शालिनी का साथ देने लगी और  ड्रिंक पीने लगी। दोनो ने अपना ड्रिंक खत्म किया। शालिनी ने रानू को दो बहुत ही सेक्सी ड्रेस दिखाई।
शालिनी: अब ये ड्रेस पहन लो।
रानू: ये तो बहुत ही अश्लील है.. मैं इसे कैसे पहन कर नाच पाऊंगी।
शालिनी: तुमने ही कहा था, की तुम मेरा साथ दोगी।
रानू ने एक ड्रेस उठाया और बाथ रूम में कपड़े बदलने चली गई। थोड़ी देर बाद वो बिना कपड़े बदले वापस आ गई।
रानू: शालिनी मुझे तुम्हारी मदद चाहिए।
शालिनी: बोलो,
रानू: एक ड्रेस तुम पहन लो और एक मैं। तुम्हे देख कर मुझे हिम्मत भी मिल जाएगी और जब मैं इन कपड़ो के साथ खुद को एडजस्ट कर लूंगी तब तुम बदल लेना। और हां किचन से मैं अपने लिए एक ड्रिंक और लेकर आती हूं।
शालिनी: मैं ला देती हूं।
रानू: तुम रहने दो, जब तक तुम ड्रेस चेंज कर लो, मैं ड्रिंक लेकर आती हूं। तुमसे और ड्रिंक से दोनो से मुझे मदद मिलेगी।
शालिनी ने सोचा थोड़ी देर की तो बात है, इसके बात तो इसे और इसके पति दोनो को  अपने इशारे पर नचाऊंगी। शालिनी अपने कपड़े बदलने चली गई। शालिनी कपड़े बदल कर आई तो देखा रानू सेक्सी ड्रेस पहने हुए है और बहुत ही सेक्सी भी लग रही है और उसके हाथ में दो ड्रिंक के ग्लास है।
रानू: शालिनी तुम बहुत ही सुंदर लग रही हो, सुनो ना एक ड्रिंक में मेरा साथ दे दो, मैं अकेले नहीं पी पा रही।
शालिनी और रानू ने ड्रिंक खत्म किया। रानू ने तो ड्रिंक जैसी दिखने वाली पी थी, पर शालिनी को उसने वो ड्रिंक दी थी, जो शालिनी ने रानू के लिए बनाई थी। जिसमे नशे की दवाई थी। शालिनी को पता नही था की उसने नशे वाली ड्रिंक पी है।
शालिनी: अब तुम्हे सेक्सी डांस करना है। मैं विडियो रिकॉर्ड करती हूं। 
रानू: वीडियो रिकॉर्ड करने के पहले एक बार मैं तुम्हे नाच कर दिखाती हूं, फिर रिकॉर्ड करेगें।
शालिनी: तुम्हारी बात बिल्कुल सही है।
रानू एक दम नॉर्मल डांस कर रही थी, शालिनी चाहती थी थोड़ा अश्लील नाच हो, उसने एक दो बार रानू से कहा थोड़ा सेक्सी डांस करो पर रानू नॉर्मल हो डांस कर रही थी।
रानू: एक बार आप करके बता दो, फिर मैं वैसा आपको कॉपी कर लूंगी।
शालिनी ने सोचा ठीक है, एक दो स्टेप इसे बता देती हूं, जब तक दवाई का असर भी हो जायेगा, फिर तो ये अपने आप नाचने लगेगी। शालिनी ने रानू को स्टेप बताए और रानू को करने को कहा। शालिनी का मोबाइल बजा, उसने कॉल उठाया, रुको मैं दरवाजा खोलती हूं। शालिनी ने अपने कपड़ो के उपर गाउन डाला। शालिनी दरवाजे के पास गई और दरवाजा खोला। एक हट्टा कट्टा काला आदमी अंदर आया, उसे लेकर शालिनी रानू के पास आई। (इस आदमी को शालिनी ने पैसे देकर बुलवाया था)
रानू ने अपने आप को चादर से ढक लिया था।
शालिनी: इससे मिलो, ये मेरा दोस्त है। ये हमारी मदद करेगा। मैने तुम्हे अभी जी डांस सिखाया वो तुम्हे इसके साथ करना है,
रानू: पर ऐसे कपड़ो में मैं इनके साथ नही नाच सकती।
शालिनी: हमे तुम्हारे पति को सबक भी तो सिखाना है, तुमने ही कहा था, तुम मेरी हर बात मानोगी। 
रानू: पर मुझसे ये नही हो पाएगा। (रानू रोने का नाटक करने लगी और वो रूम से बाहर आ गई)
शालिनी को लगा को कही पूरा खेल न बिगड़ जाए, कुछ तो करना पड़ेगा, शालिनी को अब नशा भी होने लगा है। ये अपनी मर्जी से एक बार इस आदमी के साथ चिपक जाए फिर तो ये इसे चोद कर ही छोड़ेगा।
शालिनी: रानू, बस पांच मिनट की बात है।
(रानू ने देखा की शालिनी की आंखे नशीली हो गई है, रानू ने ऐसा नाटक किया की उसे नशे का असर हो रहा है। जब शालिनी को लगने लगा की अब चिड़िया पूरी तरह से फस चुकी है, उसका जोश और बड़ गया)
शालिनी रानू का हाथ पकड़ के रूम में आई और रानू को बोली देखो ऐसे तुम्हे इसके साथ करना है, और उस आदमी से चिपक के शालिनी ने डांस किया।
रानू: तुमने तो पूरा बदन ढक रखा है। मुझे तो बिना कपड़ो के करना है।
शालिनी पर नशा पूरी तरह से चढ़ चुका था, उसने अपना गाउन उतार दिया और फिर से आदमी से चिपक के डांस करने लगी। शालिनी एक बार फिर किसी गैर मर्द की बांहों में थी और उसके साथ नाच रही थी, शालिनी नशे में थी इसलिए उसे कुछ समझ नही आ रहा था। रानू ने वीडियो रिकॉर्डिंग ऑन कर दी थी। उसने काया को कॉल किया, काया शालिनी के घर के बाहर ही थी। रानू ने काया को शालिनी के घर के अंदर लिया। रानू और काया दोनो शालिनी और उस आदमी का डांस देख रहे थे। वो आदमी तो औरतों को उत्तेजित करने में माहिर था, उसका धंधा ही औरतों को शारीरिक सुख देना था। उस आदमी ने शालिनी को भी उत्तेजित करना शुरू कर दिया था, बाकी का काम तो नशा कर ही रहा था। शालिनी अब उसके साथ नाचने के मजे लेने लगी। उस आदमी ने शालिनी के होठों को चूमना शुरू किया, शालिनी को मजा आने लगा और वो भी चुम्बन में साथ देने लगी। चुम्बन करते हुए वो आदमी शालिनी के बदन से खेलने लगा, शालिनी का बदन तो अध नग्न था ही, उसने उस आदमी के कपड़े उतारना शुरू किए। आदमी के बदन पर सिर्फ एक शॉर्ट बचा था, पर उसमे से उसके लंड का उभार अलग ही दिख रहा था। उसके लंड का उभार देख के रानू और काया की चुत भी गीली होने लगी थी। शालिनी पूर्णतः वासना के आगोश में थी। उस आदमी में शालिनी को नंगा किया और उसे पलंग पर लिटा कर उसके बदन को चूमने लगा। शालिनी भी उसका साथ दे रही थी। वो आदमी शालिनी के बूब्स को चूसने लगा। शालिनी की सिसकारियां बड़ने लगी थी। उस आदमी का कड़क लंड शालिनी अपनी चुत पर महसूस कर रही थी। उसने उस आदमी को नंगा किया और उसका लंड हाथ में पकड़ा। उस आदमी का लंड बहुत लंबा और मोटा था, जैसाकी पोर्न फिल्मों में होता है। उसका लंड देख कर तो रानू और काया की आंखे भी खुली रह गई। दोनो की चुचिया कड़क हो गई। काया ने तो अपना एक हाथ आपने बूब्स पर रख कर दबा भी दिया। उस आदमी ने शालिनी की चुत में जैसे ही अपना लंबा कड़क लंड डाला, शालिनी की चीख निकल गई, शालिनी नशे में थी इसलिए वो उस आदमी को रोक नही पाई और उसने धीरे धीरे झटके देना शुरू कर दिए। धीरे धीरे झटके ही शालिनी के लिए दर्द भरे थे।   इधर रानू से भी कंट्रोल नही हो पा रहा था, उसने काया के बूब्स को मसल दिया, काया एक दम चोक गई।
काया: ये क्या कर रही हो!
रानू: आपको भी चुदाई की जरूरत है, इस आदमी से चुदवाना है या मैं ही आपकी प्यास मिटा दूं। ( रानू ने जोर से उसके बूब्स को दबाते हुए काया के निप्पल मसल दिए।) बहुत मजा आने वाला है, मैडम जी। (काया इस एक और हमले के लिए तैयार नहीं थी, पर उसकी भीगी चुत और कड़क चुचियों ने उसे रानू के आगे मजबूर कर दिया था, उसने रानू का इस बार विरोध नहीं किया।) रानू का हाथ अभी भी काया के बूब्स से खेल रहा था। रानू ने देखा की अब काया कुछ भी विरोध नहीं कर रही, उसने तुरंत उसके कपड़ो के अंदर हाथ डाल कर चुचियों को हल्के से मसलना शुरू कर दिया। काया ने खुद को टॉपलेस किया और रानू के हाथो से बूब्स को प्यार करने का मजा लेने लगी। काया और रानू के सामने एक ऐसी चुदाई चल रही थी जिसे देख कर कोई भी उत्तेजित हो जाए। वो आदमी ने शालिनी को चोदने की गति भी बड़ा दी थी, शालिनी की हालत खराब हो रही थी। रानू और काया दोनो की चुत को भी एक जोरदार चुदाई की जरूरत थी। रानू ने अपना एक हाथ काया के कपड़े में डाल कर उसकी चुत में ऊंगली डाल दी, जैसे ही काया की चुत में रानू ने ऊंगली डाली, काया की चुदाई की तलब और बड़ गई, कपड़ो की वजह से काया को चुत में ऊंगली का पूरा मजा नही आ पा रहा था, पर वो रानू के सामने नंगा भी नही होना चाहती थी। काया ज्यादा देर अपने आप को रोक नही पाई और उसने अपने आप को पूरा नंगा कर लिया और रानू उसकी चुत में तेजी से उंगली करने लगी। उस आदमी की चुदाई से शालिनी को हालत खराब हो रही थी। उस आदमी ने अपनी पोजीशन बदली, वह पहले शालिनी के ऊपर चढ़ कर उसे चोद रहा था, अब वोह शालिनी के साइड में आ गया और शालिनी की टांग ऊंची कर के साइड से उसे चोदने लगा। रानू ने खुद तो टॉपलेस कर लिया था और एक हाथ से खुद के बूब्स दबा रही थी और एक हाथ से काया की चुत की खुजली शांत कर रही थी। काया शालिनी और आदमी की चुदाई देख कर रानू से चिपक गई और उसे नंगा करके उसकी चुत से अपनी चुत रगड़ने लगी। शालिनी की हालत अधमरी जैसी हो गई थी, इतनी खतरनाक चुदाई आजतक नहीं हुए थी। रानू ने देखा की वोह आदमी अब रुक चुका है और शालिनी से अलग हो गया है।
रानू: क्या हुआ, थक गए क्या
आदमी: मैं नही ये थक गई है, इसकी हालत देखो, अब और चुदवाने की हिम्मत नही है इसमें।
रानू: चुदाई नही कर सकते तो क्या हुआ, गांड़ ही मार लो।
आदमी खुश होते हुए, बिल्कुल जी।
काया अब थकने लगी थी, रानू नीचे हुए और उसकी चुत को चाटने लगी। काया ने उसके सर को अपनी चुत से चिपका लिया, उसे बहुत मजा आ रहा था। उस आदमी ने शालिनी की गांड़ पर अच्छे से तेल लगाया और गांड़ में लंड डाल दिया। शालिनी के जीवन में पहली बार गांड़ मे लंड गया था और वो भी एक दम लंबा और मोटा, शालिनी की चीख ही बता रही थी की उसकी गांड़ की हालत क्या होने वाली है। 12—15 झटके में ही उसका चेहरा और गांड़ बुरी तरह से लाल पड़ चुके थे। रानू ने उस आदमी को रुकने को कहा। काया भी अब तक दो बार झड़ चुकी थी, उसे भी एक ब्रेक की जरूरत थी। रानू ने वीडियो रिकॉर्ड को pause किया और काया को पलंग पर बैठाया। उस आदमी को इशारे से शालिनी के पास खड़े होने को कहा। रानू उस आदमी के लंड को पकड़ के हिलाने लगी। जब तुम झड़ने वाले हो तो बताना, तुम्हे इसके मूंह में अपनी मलाई गिराना है, आदमी ने रानू को इशारा किया और रानू ने वीडियो रिकॉर्ड चालू कर दी। वो आदमी ने अपनी पूरी मलाई शालिनी के मूंह पर गिराई और आखरी में शालिनी का मूंह खोल कर अपना लंड उसके मूंह में डाल दिया और उसके लंड पर लगी थोड़ी सी मलाई शालिनी के मूंह में गई। वो आदमी चुदाई के बाद जा चुका था। शालिनी दर्द, थकान और नशे के कारण सो चुकी थी। लगभग चार घंटे बाद उसकी नींद खुली। उसका पूरा बदन दर्द कर रहा था। उसकी चुत और गांड़ में बहुत तेज जलन हो रही थी। इस खतरनाक चुदाई के कारण उसे हल्का का बुखार भी आ गया था, उसने देखा रानू और काया वही है। दोनो ने उसकी मदद की उसके बदन को साफ किया, उसे कपड़े पहनाए। शालिनी की आंखों से सिर्फ आंसू निकल रहे थे, उसके मूंह से एक शब्द न निकला, नही रोने की आवाज। ऐसा लगा जैसे वह गूंगी हो गई हो। जो गड्ढा उसने दूसरे की लिए खोदा था, वो खुद उसमे गिर गई। रानू और काया वहा से चले गए। काया के दिमाग में उस आदमी का लंड ही घूम रहा था, उसने अगले तीन दिन में अमन के साथ पांच बार जबरदस्त चुदाई की। अमन की हालत खराब हो गई चुदाई कर कर के। उसे समझ में आ गया की औरत अपनी वाली पर आ जाए तो आदमी को बर्बाद कर दे। अमन ने कसम खा ली थी की अब वो अपनी बीवी के सिवा किसी दूसरी औरत के बारे में सोचेगा भी नही। रानू अगले तीन दिनों तक रोज शालिनी से मिलती और उसकी काम करने में मदद करती। शालिनी ने अपने पति के साथ दूसरे शहर जाने का फैसला ले लिया। उसने रानू को कहा की वो वीडियो डिलीट कर दे, अब वोह ये शहर छोड़ कर जा रही है।
Like Reply
#93
Super hot update bhai...
Like Reply
#94
(16-04-2022, 11:33 AM)Class123 Wrote: Super hot update bhai...

Thank you so much for your appreciation. आप लोगो का प्यार हमेशा ऐसा ही बना रहे।
Like Reply
#95
Superb going.
Like Reply
#96
Waiting for next update.
Like Reply
#97
(20-04-2022, 09:30 PM)Unknown Wrote: Superb going.

Thankyou Namaskar
Like Reply
#98
(20-04-2022, 09:31 PM)Unknown Wrote: Waiting for next update.

Working on Update.. will post by Sunday or Monday night
Like Reply
#99
(23-04-2022, 06:37 PM)Gpoint Wrote: Working on Update.. will post by Sunday or Monday night

Waiting sir...
Like Reply
आशा अपने नाना घर गई हुए थी। उसके नाना के घर के पड़ोस में एक लड़की रहती है उसका नाम बिंदिया है और वो आशा की हमउम्र है। बचपन में आशा और बिंदिया दोनो साथ में खूब खेलते थे, जब भी आशा नाना घर जाती उससे जरूर मिलती। इस बार भी आशा उस से मिली, आशा में गौर किया की बिंदिया थोड़ी से बुझी बुझी सी है। उसने बिंदिया से इस बारे में पूछा भी पर बिंदिया बात को टाल गई। आशा ने भी ज्यादा जोर नही दिया और उस से मिलकर नाना के घर आ गई। रात को खाना खाने के बाद आशा की पैदल घूमने की आदत है। 10 से 15 मिनट ही घूमती है, उसने सोचा बाहर घूमने से अच्छा है छत पर घूम लेती हूं। नाना का घर बहुत बड़ा है और उनकी छत भी। छत पर रहकर अपनी सहेलियों से बात भी हो जाएगी और घुमना भी। उसने छत पर घुमना शुरू किया और जैसे ही बिंदिया की छत की और नजर गई उसने देखा, बिंदिया अपनी छत के एक कोने पर बैठ कर रो रही है। आशा ने सोचा इसे आवाज दी तो ये शायद नीचे चली जाए। आशा दीवार फांद कर बिंदिया की छत पर चली गई। जैसे ही आशा बिंदिया के सामने आई, बिंदिया चोक गई।

बिंदिया: (अपने आंसु पोछते हुए) आशा तुम यहां कैसे आई?
आशा: सवाल ये नही की मैं यहां कैसे आई, सवाल ये है की तुम यहां बैठ कर क्यों रो रही हो?
बिंदिया: मेरे जीवन में तो रोना ही लिखा है। छोड़ो भी, जाने दो।
आशा: ऐसे कैसे जाने दे, हमारी राजकुमारी की आँखो ने आंसु है।
आशा का राजकुमारी कहना, बिंदिया के दर्द को बड़ा गया।
बिंदिया: राजकुमारी मेरे जैसी नही होती, वो तो हसीन होती है।
आशा: ऐसे घुमा फिरा कर बात करोगी तो मुझे कुछ समझ नहीं आएगा। सीधे सीधे बोलो हुआ क्या है.. किसी लड़के ने दिल तोड़ा है? घर वालो से झगड़ा हुआ है? जब तक साफ साफ बताती नही, मैं तुम्हे छोड़ कर जाने वाली नही। 
बिंदिया के दिल में बहुत लंबे समय से ये बात चुभ रही थी, उसने अब तक किसी को ये बात इसलिए भी नही बताई की उसका मजाक न उड़ाए। कहते है ना हर एक बात की एक सीमा होती है, बिंदिया भी अपने दिल का गुबार निकालना चाहती थी, अब तक हिम्मत नही हुई थी, हिम्मत तो अभी भी नही हुए थी पर भावनाओं के आवेग में आकर वो आशा से बोली
बिंदिया: ऐसी कोई बात नही है आशा, मेरी समस्या है मेरा शरीर। बस इसी को लेकर रो रही हूं।
आशा: (एक दम गंभीर होते हुए) क्या हुआ तुम्हे, क्या कोई बीमारी है?
बिंदिया: ऐसी कोई बात नही है।(अपने विचारो से बाहर आ गई थी, उसने अहसास किया की उसे आशा को नही बताना चाहिए था)
आशा: (बिंदिया को घूरते हुए) फिर घुमा फिरा कर बात कर रही हो, सीधे से बता रही हो या नही।
बिंदिया: (मन ही मन सोचते हुए अब बात तो बतानी ही पड़ेगी) प्लीज तुम मुझे गलत मत समझना और किसी को ये बात मत बताना।
आशा: चिंता ना करो, मुझ पर भरोसा कर सकती हो।
बिंदिया: मैं अपने फिगर को लेकर परेशान हूं। मैं बिल्कुल भी सेक्सी नही लगती।
(आशा को ये बात समझ आई की बिंदिया अपने छोटे बूब्स और चेहरे के मुहासो के कारण परेशान है l आशा चाहती थी की बिंदिया एक बार अपने दिल की पूरी बात बताए, बीच में कुछ कहा तो शायद वो ना बताए)
आशा: सिर्फ यही परेशानी है, या कुछ और भी छुपा है दिल में। आँखों में आँसु सिर्फ इस बात से तो नही है।
बिंदिया: मुझे एक लड़का पसंद है, उसका नाम बबलू है और हम दोनो अच्छे दोस्त भी है। मैंने अपने दिल की बात अभी तक बबलू को नही बताई है। मैने कई बार बबलू को सेक्सी लड़कियों को घूरते हुए देखा है। इसी बात का डर है कि मैं उसे अपने दिल को बात बताऊं और मुझे वो इसलिए रिजेक्ट न कर दे की मैं सेक्सी नही हूं।
(आशा ने बिंदिया की बात सुनी और सोचा, समस्या तो थोड़ी गंभीर है क्योंकि लडको को तो सेक्सी लड़किया आकर्षित करती है। आशा बिंदिया के स्वभाव को जानती थी, बिंदिया थोड़ा ज्यादा ही शर्मीली है। अगर बिंदिया बबलू को दिल की बात बता भी दे और बबलू हा भी कर दे तो ये संभावना है की बबलू बाद में कोई चक्कर चलाए क्योंकि बिंदिया का शर्मिला स्वभाव और छोटे बूब्स उसे कामक्रीड़ा का चरम सुख नहीं दे पाएंगे। आशा ने सोचा बूब्स तो बड़े कर नही सकते पर इसका स्वभाव बदल सकते है, जो इसके साथी को चुदाई का पुरा आनंद दे।)
आशा: (हंसते हुए, क्योंकि वो चाहती थी की बिंदिया सबसे पहले अपनी हीन भावना से बाहर आए) ये भी कोई रोने वाली बात है। पहले ये तो पता करो की तुम जिसकी दीवानी हो, वो तुम्हे कितना प्यार करता है। जो जिस्म से प्यार होता है उसे हवस कहते है,प्यार नही। और एक बात, एक औरत सिर्फ अपने जिस्म से ही सेक्सी नही होती, अपनी अदाओं से भी सेक्सी होती है।
बिंदिया: (बिंदिया को आशा की बात से उम्मीद कि किरण नजर आई, उसने आशा से पूछा) अब तुम बात को घुमा रही हो, साफ साफ कहो, कहना क्या चाहती हो।
आशा: सबसे पहले तो तुम्हे अपने आप को थोड़ा बदलना होगा, तुम्हे आदमी की जरूरतों के बारे में समझना होगा। ये बहुत ही आसान काम है, मैं तुम्हे सीखा दूंगी। अभी तो तुम जा कर आराम करो, कल दिन में बात करते है।
अगले दिन बिंदिया और आशा मिले।आशा: तुमने कभी पोर्न मूवी देखी है?
बिंदिया: कितनी गंदी बाते कर रही हो तुम
आशा: इसमें गंदी बात क्या? तुम शादी बाद सेक्स नहीं करोगी क्या?
बिंदिया: पर इसका मतलब ये तो नही की इस बारे में बात करे हम।
आशा: इस बारे में बात करना बहुत जरूरी है, जब तक इस विषय पर तुम खुल कर बात नही करोगी, अपने जीवनसाथी की जरूरतों को कैसे समझोगी। अब बताओ, देखी है कभी पोर्न मूवी?
बिंदिया: एक बार देखी थी, 30 सेकंडो भी नहीं देख पाई, मुझे तो देख कर ही अजीब लग रहा था। मुंह वहा ले जाना, पता नही कैसे कर लेते है लोग इतने गंदे काम।
(आशा ने बिंदिया से सेक्स के बारे में ज्यादा बात करना अभी उचित नहीं समझा, पर आशा ये तो समझ गई थी की ओरल सेक्स की कोई पोजिशन देखी है।)
आशा: सेक्स की बात छोड़ो, तुम तो बबलू के बारे में बताओ।
बिंदिया ने बबूल के बारे में बहुत सारी बाते आशा को बताई, बिंदिया ने अपने और बबलू के दोस्ती के किस्से भी आशा को बताए। आशा ने उसकी बात सुनी और उसे कुछ बाते भी समझाई। आशा की बातो से बिंदिया बहुत प्रभावित हुई। बिंदिया को तो आशा एक फरिश्ता लगने लगी। बातो ही बातो में बिंदिया ने ये बताया था की बबलू आज शाम 7 बजे उसके पास से कुछ किताबे लेने आयेगा। आशा ने बिंदिया से कहा मुझे कुछ शॉपिंग करनी है, तुम शाम में 5 बजे मेरे साथ चलना हम 6.30 बजे तक वापस आ जायेंगे। आशा शाम को उसे एक लेडीज गारमेंट दुकान पर ले गई। वहा आशा ने बहुत देर तक तरह तरह के सेक्सी अंडरगार्मेंट देखे, साथ में बिंदिया भी थी। आशा ने 2 अलग अलग साइज के सेक्सी कपड़े लिए। एक साइज तो सुपर सेक्सी फिगर वाली लड़की का लग रहा था और दूसरा साइज बिंदिया जैसी लड़की का।
बिंदिया: (बिंदिया को शंका हुई की कही आशा उसे ये पहनने का ना कहे, घर पहुंच कर उसने आशा से पूछा)  तुमने ये अलग अलग साइज के कपड़े क्यों लिए?
आशा: ये मेरे लिए नही अपनी सहेलियों के लिए है, उन्हे चाहिए है। अपने पति को सरप्राइज़ देने के लिए।
(आशा ने कपड़े ऐसे ही खरीदे थे, बिंदिया की सोच को बदलने के लिए, बिंदिया से सीधे सेक्स की बात नही कर सकती थी, धीरे धीरे उसे इस टॉपिक पर आना था) 
बिंदिया: सरप्राइज़... मतलब..?
आशा: अरे रहने दो, तुम्हारे काम की बात नही है। (आशा ने जानबुझकर ऐसा कहा, जिससे, बिंदिया खुद इस बारे में बात करने के लिए आशा पर दबाव डाले)
बिंदिया: (बिंदिया की शंका तो दूर हो गई थी, पर अब वो जानना चाहती थी की कपड़ो में कैसा सरप्राइज़) आशा बताओ ना, मुझे भी तो समझ आए।
आशा: मेरी सहेलियां अपने पतियों के साथ घूमने जा रही है, वहा पर रात को ये पहन कर अपने पतियों को उत्तेजित करेगी। अपने पतियों को प्यार करेगी और चुदाई का मजा लेगी। (आशा ने जानकर के चुदाई शब्द पर जोर दिया)
बिंदिया: (बिंदिया ने जैसे ही आशा के मूंह से चुदाई शब्द सुना, उसने तुरंत आशा को घूरते हुए कहा) कितनी बेशर्म हो गई हो, कैसी बाते करती हो।
आशा: इसमे बेशर्मी की क्या बात है, पत्नी-पति एक दूसरे के साथ मजे नही करेंगे तो कहा करेंगे! मैंने तो पहले ही कहा था, तुम्हारे काम की बात नही है, पर तुमने ही मुझे बताने को मजबुर किया।
बिंदिया: मैं उन्हे करने का मना नहीं कर रही, तुम ऐसे शब्दो का इस्तमाल न करो, ऐसा बोल रही। 
(आशा ने कॉल लगाने का नाटक किया और अपने सहेली से बात करने का नाटक करने लगी। आशा की बात बिंदिया सुन रही थी, आशा ने अपनी सहेली को वोदका पीने की सलाह दी, आशा ने शराब की बात इसलिए की क्योंकि बिंदिया को इस टॉपिक पर लाना चाहती थी)
बिंदिया: तुम अपनी सहेली को पीने की सलाह कैसे दे सकती हो? तुम्हे तो उसे मना करना चाहिए।
आशा: उसके पति का पीने का मन है, अब वो दोस्तो के साथ बाहर जा कर पिए इससे अच्छा तो ये है की घर पर बीवी उसका पीने में साथ दे दे, ना तो नशा कर के गाड़ी चलाने का टेंशन, ना दोस्तो के चक्कर में ज्यादा पीने का.. पति पत्नी जब जीवनसाथी तो पीने में क्यों नहीं। और..
(आशा इतना कह कर रुक गई, बिंदिया को आशा की बात बिल्कुल ठीक लगी, उसके पास उसकी बात ना मानने का कोई कारण ना था, पर आशा बोलते बोलते रुक क्यों गई, बिंदिया को ये जानना था।)
बिंदिया: और क्या..
आशा: तुम नाराज हो जाओगी, तुम्हारे काम की बात नही।
(बिंदिया समझ तो गई कि आशा सेक्स के बारे में बोलना चाहती है, पर बिंदिया को आशा की जुबान से सुनाना था)
बिंदिया: बोलो भी.. नही नाराज होऊंगी.. पक्का प्रोमिस
आशा: जब पति पत्नी दोनो को हल्का हल्का सुरूर रहेगा, दोनो एक दूसरे के बाहों में रोमांस करेगें।
बिंदिया: पीने के बाद तो इंसान लड़खड़ाने लगे जाता है, रोमांस कैसे करेंगे।
आशा: जब आप जीवन साथी के साथ पीने बैठोगे तो थोड़ा नशा तो मोहब्बत का आपको पहले ही हो जाता है, आपकी साथी की आंखे और होंठ आपको दीवाना बना देते है। आप उसे प्यार करने के लिए तरसने लगते हो, बस तुम्हे तो इतना ही बता सकती हूं
बिंदिया: (पहली बार बिंदिया को सेक्स की बाते रोमांचित कर रही थी, उसे आशा की बाते अच्छी लग रही थी।) क्यों और क्यों नही बता सकती।
आशा: तुम्हारे हिसाब से वो अश्लील बाते हो जाएगी।
बिंदिया: और तुम्हारे हिसाब से..
आशा: मोहब्बत के अल्फाज..
बिंदिया: इन अल्फाजों को हम भी तो सुने।
आशा: सुन पाओगी..?
बिंदिया: बिल्कुल
आशा: जब वो आपकी बांहों में हो तो आप उसके पूरे जिस्म को प्यार करते हो, चूमते हो, चूसते हो। (आशा ने चुसने वाली क्रिया को थोड़ा जोर देकर बोला, बिंदिया आशा को घूरने लगी, आशा समझ गई की बिंदिया को बात पसंद नही आई, पर यही मौका था उसके दिमाग पर चोट करने का)  लो तुम्हारे तो चेहरे का रंग उड़ गया, तुम कैसे लंड, चुत और चुदाई की बाते सुनोगी और मजे लोगी। चलो अब मैं जा रही, वैसे भी तुम्हारे आशिक के आने का समय हो गया।
आशा की बातो ने बिंदिया के दिमाग में कही न कही चुदाई की बात को डाल दिया था।
शाम को 7 बजे बबलू आया, बिंदिया उससे मिलने की जल्दी में सीढ़ियों के आखरी में फिसल कर गिर गई, बबलू ने उसे सहारा दे कर उठाया और उसे उसके रूम तक ले जाकर पलंग पर लेटाया। उसे ज्यादा तो नहीं लगी थी, हल्का सा ही दर्द था। पहली बार बबलू के इतने पास थी, बड़ा ही अजीब फील हो रहा था बिंदिया को, बबलू तो किताबे लेकर चला गया, रात में बबलू का मैसेज भी आया उसका हाल पूछने को, दोनो की बहुत देर बात हुए, बिंदिया पूरी रात सो न पाई। उसे तो बबलू का साथ रोमांचित कर रहा था। 
अगले दिन दोपहर में जब बबलू बिंदिया से मिलने आया, बिंदिया नहा कर तैयार हुई थी। अपने पैरो पर मरहम लगाने के लिए झुकी तो उसे थोड़ी तकलीफ हो रही थी,
बबलू: क्या हुआ बिंदिया, दर्द ज्यादा है क्या?
बिंदिया: नही हल्का सा ही है, एक दो बार मरहम लगाने से ठीक हो जायेगा।
बबलू: लो मैं लगा देता हूं। बबलू ने उसके हाथ से मरहम लेकर बिंदिया के पैर पर लगाने लगा। (बबलू के स्पर्श से बिंदिया के अंदर हलचल होने लगी। बबलू ने जब कमर पर लगाने का इशारा किया, बिंदिया ने बिना किसी विरोध के उसे लगाने की इजाज़त दे दी। इधर बबलू भी उसके बदन को छू कर उत्तेजित होने लगा था। बिंदिया ने आंखे बंद कर ली थी। बबलू का मन अब डोलने लगा था, मरहम लगाते लगाते बिंदिया के बहुत करीब आ चुका था। बिंदिया होश में आई और अपने आप को आगे किया और बबलू को थैंक्स बोल कर दूर हो गई, बबलू कुछ भी बोल नही पाया और वहा से चला गया। औरत का जिस्म आदमी को पागल बना देता है, बबलू के साथ भी वही हुआ, उसे अब बिंदिया एक दोस्त से कुछ ज्यादा लगने लगी, अब ये हवस है या प्यार, ये तो बबलू को भी नही पता)
इधर बिंदिया अपनी सोच में ही डुबी हुई थी, वो ये निर्णय नही कर पा रही थी की उसने बबलू को अपने जिस्म को हाथ लगाने दिया वो सही था या नही, उसके हाथ लगाने से मुझे जो हुआ वो सही था या नही, आज का किस्सा आशा को बताना ठीक है या नही। इन्ही उधेड़बुन में उसने आशा को बताने का निर्णय लिया उसे पुरा यकीन था की आशा ही उसकी मदद कर सकती है । उसने आशा को पूरी बात बताई, आशा मन ही मन खुश हुई की अब बिंदिया को पटरी पर लाना आसान है।
आशा: इसमे परेशानी की क्या बात है, बबलू तुम्हारा दोस्त है, उसने दोस्ती के नाते तुम्हारी मदद की। (आशा चाहती थी की बिंदिया इस बारे में खुल कर उस से बाते करे।)
बिंदिया: उसने मुझे पहली बार छुआ था, मुझे बड़ा अजीब सा लग रहा था।
आशा: (उसकी बात को काटते हुए) तुम्हे बबलू को उसी समय टोकना चाहिए था, उसकी हिम्मत कैसे हुई तुम्हे ऐसे छूने की।
बिंदिया: (आशा को रोकते हुए) तुम गलत समझ रही हो, उसने कुछ गलत नहीं किया, उसका छूना मुझे बुरा नही लग रहा था।
आशा: (बीच में बोलते हुए) क्या बबलू तुम्हे किस करता तो तुम्हे अच्छा लगता? क्या तुम उसे रोक पाती?
(बिंदिया मन में सोचते हुए, ये कैसा सवाल हुआ? क्या सच में वो मुझे किस करता? क्या मैं उस समय उसे रोक पाती? क्या ये सही होता? किस शादी से पहले? मैं शादी का सोच रही हूं, क्या वो मुझे प्यार भी करता है?)
आशा: (बिंदिया को सोच में डूबा देखा कर ) बिंदिया को हिलाते हुए.. है तुम्हारे पास कोई जवाब..? देखो बिंदिया कुछ बाते समय और परिस्थिति पर छोड़ देना चाहिए। आज शाम को जब वो वापस आए तो उसे गले लगा कर थैंक्यू और सॉरी कहना। 
(आशा को उम्मीद थी की अगली बार  जब बबलू और बिंदिया का सामना होगा तो हो सकता है बबलू बिंदिया को गले लगाए और उसके होठों पर किस करे, बिंदिया को मानसिक रूप से इस परिस्थिति के लिए तैयार करना था। आशा बिंदिया को उलझन में छोड़ गई, आशा चाहती थी की बिंदिया जितना इस बारे में सोचे उतना अच्छा है)
शाम को बबलू आया, बिंदिया और बबलू की नजर मिली पर दोनो कुछ बोल नहीं पाए, दोनो ने नज़रे झुका ली।
बबलू: अब कैसी हो?
बिंदिया: ठीक हूं!
बबलू: ठीक है, चलता हूं।
बिंदिया: तुम्हारी मदद के लिए शुक्रिया
बबलू: (बिंदिया का हाथ, अपने हाथो में लेते हुए) दोस्ती में no thanks no sorry.. 
 बिंदिया नज़रे झुका कर ही खड़ी थी, बबलू बिंदिया के थोड़ा और करीब आया, बिंदिया का चेहरा उठाया, बिंदिया की आंखे बंद थी, बबलू ने बिंदिया की आंखों पर चुम्बन किया और उसे गले लगाया। बिंदिया ने कस के बबलू को पकड़ लिया, जिससे बबलू की हिम्मत बाद गई और उसने बिंदिया के गालों पर भी चुम्बन कर दिया, बबलू ने देखा की बिंदिया ने इसका भी विरोध नहीं किया, उसने बिंदिया के होठों पर अपने होठ रख दिए और बहुत ही आहिस्ता आहिस्ता चूमने लगा। कहते है ना प्यार से बड़ कर कुछ नही होता, बिंदिया के सारे सोच विचार एक तरफ हो गए। उसने बबलू का बिल्कुल भी विरोध नहीं किया, पर ना ही चुम्बन में साथ दिया, वो तो एक मूर्ति को तरह स्तब्ध हो गई। थोड़ी देर तक उसके होठों को चूमता और चूसता रहा। बबलू का लिंग एक दम कठोर हो चुका था, जब बिंदिया ने जब महसूस किया की उसे नीचे कुछ चुभ रहा है, उसका ध्यान इस चुम्बन से हट गया और उसने बबलू को धक्का देकर पीछे किया। बिंदिया भागकर रूम में चली गई और दरवाजा बंद कर लिया। बबलू के समझ में कुछ नही आ रहा था, वो चुप चाप वहा से चला गया। बिंदिया कभी अपने आप को गुनहगार मानती तो कभी बबलू को, वो सोच ही नहीं पा रही थी.की गलती किसकी है।  लगभग 10 मिनट बाद रूम के दरवाजे पर दस्तक हुइ, "दरवाजा खलो बिंदिया", ये आवाज सुनकर बिंदिया चोक गई। उसने दरवाजा खोला।
बिंदिया: आशा तुम यहां, कब आई। (बिंदिया बबलू को ढूंढ रही थी, पर बबलू जा चुका था।)
आशा: बहुत देर हो गई, बबलू था जब से यही हूं।  (बिंदिया मन में सोचते हुए हाय राम ये क्या हो गया, क्या आशा ने मुझे बबलू के साथ देख लिया? ये बात तो मैं कभी भी आशा को बताने वाली नही थी)
(आशा समझ गई की बिंदिया क्या सोच रही है) तुमने तो किस भी अच्छे से नही किया।
बिंदिया: तुमने सब देख लिया।
आशा: कुछ हुआ ही नहीं तो देखती कैसे।
(बिंदिया ने देखा की आशा तो एक दम सामान्य बर्ताव कर रही है, उसने मुझे बबलू के साथ किस करते हुए देखा, फिर भी इसने कुछ नही कहा)
आशा: तुमने बबलू को किस क्यों नही किया, तुम्हे अच्छा नहीं लगा क्या उसका किस करना, या फिर उसके किस करने का तरीका तुम्हे पसंद नही आया। तुम उसे धक्का दे कर रूम में आ गई, उसने जबरन तुम्हे किस किया क्या, तुमने उसे रोका क्यों नही?
बिंदिया: (एक दम से इतने सारे सवाल) बात वो नही है, actually.. (बिंदिया को होश आया की वोह क्या बोल गई और अब आगे क्या बोलने वाली थी, वो एक दम चुप हो गई) (आशा ने उसे घूरा और इशारे में पूछा "क्या हुआ") actually.. बात आगे न बड़े इसलिए मैं उसे धक्का दे कर अंदर चली गई। 
आशा: (आशा इसलिए कारण जानती थी, पर वो बिंदिया के मुह से सुनाना चाहती थी) तुम भी गजब हो, अगर तुम्हे उसका किस करना अच्छा लगा तो उसका साथ क्यों नही दिया और जब उसका किस करना तुम्हे पसंद नही आया तो फिर उसे करने क्यों दिया? ऐसे तो तुम अपने पति को कभी खुश नहीं कर पाओगी। तुम्हारे पति को इधर उधर ही मुंह मारना पड़ेगा। तुम जैसी औरते पहले तो आदमी को प्यार देगी नही और बाद में बदनाम अलग करेगी। कितने अच्छे से तो किस कर रहा था, उसकी जगह कोई और होता तो तुम्हे नंगा करके चोद देता। (आशा की बातो ने बिंदिया को हिला दिया था, उसे लगने लगा था की सच में गलती उसकी है, उसकी आंखों से आंसु बहने लग गए।) अरे अब तुम क्यों रो रही हो?
बिंदिया: मैंने बबलू का दिल दुखाया इसलिए।
आशा: अब रोने से क्या होगा, ये वीडियो देखो, स्मूच करने का वीडियो है, अगली बार ऐसे ही बबलू को स्मूच करना और मुझे शिकायत का मौका मत देना, (बिंदिया के हाथ में मोबाइल देकर आशा चली गई, बिंदिया एक टक मोबाइल में देख रही थी। वीडियो लगभग 3मिनट का था, जैसे ही वीडियो खत्म हुआ और बिंदिया ने उपर देखा, उसकी आंखें फटी रह गई, उसके सामने बबलू था। उस समय बबलू गया नही था, आशा ने उसे छुपने का कहा था और जब आशा रूम से बाहर गई थी तब उसे अंदर भेज दिया था।  बबलू ने बिंदिया को गले लगाया और उसके होठों पर अपने होठ रख दिए, इस बार भी बिंदिया मूर्ति की तरह थी।)
बबलू: मैं किसी पत्थर को प्यार नही करना चाहता, तुम्हे प्यार करना चाहता हुं। अगर तुम्हे पसंद नही तो कोई बात नही, मैं कुछ नही करूंगा।  इतना कह कर बबलू बिंदिया से थोड़ा दूर हो गया और पीछे मुड गया। बिंदिया ने देखा की बबलू जा रहा है, उसने बबलू को पीछे से hug किया
बिंदिया: I'm sorry.. मुझे ये सब करना नही आता।
बबलू: अगर आपकी आज्ञा हो तो मैं आपको सिखा सकता हूं।
इस बार बिंदिया कुछ नही बोली और आंखों से  हाँ का इशारा कर दिया। बबलू और बिंदिया दोनो एक दूसरे से लिपट गए और दोनो के होठ आपस में मिल गए। बिंदिया ने जो वीडियो देखा था, उसी को याद कर के वो बबलू के होठों को चूमने और चूसने लगी। बबलू बिंदिया के गालों को, गर्दन को, चेहरे को चूमता, बिंदिया भी उसका पूरा साथ देती। दोनो इस लंबे चुंबन में ही इतने उत्तेजित हो गए थे की दोनो की चड्डिया गीली हो गई थी। दोनो रूम से बाहर आए, आशा वहा नही थी। बबलू भी वहा से चला गया। 
Like Reply




Users browsing this thread: 1 Guest(s)