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Adultery कल हो ना हो" - पत्नी की अदला-बदली - {COMPLETED}
[Image: IMG-20210801-WA0032.jpg]
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Heart 
चूंची खोले बीवियाँ, मियां दिखाते लण्ड ।
बुर अपनी चुदवा रही अदल बदल कर लण्ड । ।

बीवी मेरी चोदिये, जम कर मेरे यार ।
बीवी तेरी चोद लूँ , लण्ड मेरा तैयार । ।

नंगी नंगी चूंचियां , नंगी नंगी गांड ।
नंगी नंगी चूत है , नंगे नंगे लांड । ।

लण्ड पराया हाथ में , क्यों न चुदाऊँ चूत ।
चूत परायी चोद कर, हुआ लण्ड मजबूत । ।

बीवी मेरी चोद कर, तूने किया कमाल ।
मैं भी तेरी चोद कर, किया सुपाडा लाल । ।

तेरी बीवी चोदकर , मेरा लौडा मस्त ।
मेरी बीवी चोदकर, तेरा लौडा मस्त । ।

नंगी नंगी बीवियाँ , देती बुर फैलाय ।
मुझको पहले चोदिये , पड़ी पड़ी चिल्लाय । ।

मोटा तेरा लण्ड है, छोटी मेरी चूत ।
फ़िर भी मैं चुदवाऊँगी, चूत मेरी मजबूत। ।

चोदो सबकी बीवियाँ, मारो सबकी गांड ।
सबकी सब चुदवायेंगी पकड़ पकड़ कर लांड । ।

मियां तुम्हारा बेशरम,चूंची खोली मोर ।
लगा चूसने जोर से, लण्ड मचाये शोर । ।

तीन लण्ड से चुद रही, तेरी बीवी मस्त ।
चूत पड़ी मुश्का रही, लण्ड हो गए पस्त । ।

मेरी बीवी ने लिया, पकड़ तुम्हारा लण्ड ।
तेरी बीवी ने किया , मस्त हमारा लण्ड । ।

इसकी उसकी चूत में, तेरा मेरा लण्ड ।
मस्त पड़ी चुदवा रहीं, चूसे चाटे लण्ड । ।

बुर चोदी सब बीवियाँ , नंगी रहीं चुदाय ।
लौडा सबके पकड़ के , सड़का रही लगाय । ।

चूंची सब चुदवा रहीं, बदल बदल कर लण्ड ।
दोनों हाथों में लिए, चूसें सबके लण्ड । ।

मेरी बीवी दे रही, तुमको अपनी चूत ।
तेरी बीवी दे रही , मुझको अपनी चूत । ।

पेलवा कर लौडा मेरा, तेरी बीवी मस्त ।
मेरी भी चुदवा रही, सब मर्दों से मस्त । ।
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(22-01-2020, 04:22 PM)usaiha2 Wrote: मेरे एक पाठक ने ई-मेल पे पूछा है कि...

महोदय , आप इतनी जल्दी जल्दी पोस्ट क्यों डाल रहे हो...

 हम तो पुरा पोस्ट पढ कर कमेन्ट करना चाहते हैं , उतने में आपके 4 नये पोस्ट आ जा रहे हैं... 


भाई ... पहली बात - जैसा कि मैं हमेशा कहता हूँ कि मैं ओरिजनल राईटर नहीं हुं... और सेव की हुई कहानियों को पैस्ट करता हुं... 

मुझे किसी कि लिखी कहानियों को अपने नाम से छापना या उसका क्रेडिट लेना भी पसंद नहीं है... तो किसी पाठक को अपडेट के लिए वेट क्यों करवाया जाए...


और दुसरा रिज़न ये है कि कुछ चु** पाठक अजीब माँग करने लगते हैं कि ये करवाओ... 

वो करवाओ... ऐसे चुसवाओ... मुत पिलाओ... माँ भेन टिचर से करवा... रोल प्ले करवा

ऐसे करवा... वेसे करवा 

(भाषा का सटीक उपयोग मेरे उपर किया गया है मित्रों)

तुने ये नहीं करवाया... तो हम कहानि नहीं पढेंगे...

और तो और कभी पोस्ट मैं देर हो जाए तो यही चु**, एम. सी. & बि.सि. पाठक थ्रेड पर धमकी भी देते हैं कि कहानी खत्म नहीं करना थी तो शुरू क्यों कि...


अपनी पसंद का कुछ लिखो तो भी इनका पेट दुखता है... और जल्दी जल्दी पोस्ट देने पर तो मेल  पर भी शीकायत करते हैं... 

??

ऐसे सभी सम्माननिय पाठकों से नीवेदन है... ये सभी कहानियां मेने अपने मनोरंजन के लिए नेट से ही कापि पेस्ट कि हैं... और चाहता हूं कि आप भी इनका आनंद लें...

मुझे या अन्य किसी लेखक को परेशान किए बगैर...

धन्यवाद


  [Image: Namaskar.png]

[+] 1 user Likes jacky's post
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too hot a story, and amazing narration. thanks a lot for sharing
[+] 1 user Likes koolme98's post
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(26-12-2019, 06:22 PM)usaiha2 Wrote: श्रेया ने अपर्णा को गले लगाकर कहा, "मेरी प्यारी छोटी बहना। बस अब शांत हो जा। जो हुआ वह तो होना ही था। मेरे पति को मैं भली भाँती जानती हूँ। वह जो कुछ भी ठान लेते हैं वह कर के ही छोड़ते हैं। तेरी बिल्ली तो मरनी ही थी।" दोनों बहने एक दूर के गले मिलकर काफी भावुक होकर काफी देर तक एक दूसरे की बाँहों में लिपटे हुए खड़ी रहीं। फिर अपर्णा ने श्रेया के गालों में चिमटी भरते हुए कहा, "मेरी बिल्ली मरवाने में आपका भी तो बहुत बड़ा योगदान है। आप भी तो दाना पानी ले कर मेरे पीछे ही पड़ गयीं थीं की मेरे पति से चुदवाले। अब मैं करती भी तो क्या करती? एक तरफ आप, दूसरी तरफ मेरे पति और बाकी कसर थी तो वह तुम्हारे रोमांटिक पति जीतूजी ने पूरी कर् ली। उनका तो माशा अल्ला क्या कहना? सब ने मिलकर मेरी बेचारी बिल्ली को कहीं का नहीं छोड़ा।"श्रेया जी और अपर्णा दोनों कुछ देर ऐसे ही लिपटे रहे और बाद में अलग हो कर दोनों ने यह तय किया की उसके बाद वह एक दूसरे से कोई पर्दा नहीं करेंगे। अपर्णा ने जब अपनी सारी कहानी सुनाई तो सुनकर श्रेया जी तो दंग ही रह गयीं। कैसे अपर्णा को वह राक्षशी मोटू परेशान करता रहा और आखिर में जीतूजी ने उन्हें कैसे मार दिया और कैसे अपर्णा को जीतूजी ने बचाया, यह सुनकर श्रेया भी भावुक हो गयी। आखिर में अपर्णा ने अपने आपको कैसे जीतूजी को समर्पण किया वह अपर्णा ने विस्तार पूर्वक अपनी बड़ी बहन को बताया।


******


बाकी के उनदिनों की याद सब के लिए जैसे एक मधुर सपने के समान बन गयीं। हर रात, श्रेया जी रोहित के बिस्तर में और अपर्णा जीतूजी की बाँहों में सम्पूर्ण निर्वस्त्र होकर पूरी रात चुदाई करवाते।
 
कभी दोनों ही बिस्तर पर लेट कर एक दूर के सामने ही एक दूसरे के पति से या फिर अपने ही पति से चुदवातीं।
 
कभी दोनों बहनें अपने प्रेमियों के ऊपर चढ़ कर उनको चोदतीं तो कभी दोनों बहने एक दूसरे से लिपट कर एक दूसरे को घना आलिंगन कर एक दूसरे में ही मगन हो जातीं।
 
दिन में काफी चल कर पहाड़ियों में घूमना। रास्ते में जब आसपास कोई ना हो तो एक दूसरे से की छेड़छाड़ करना और शामको थक कर वापस आना। पर रात में मौज करने का मौक़ा कभी नहीं चूकना। यह उनका नित्यक्रम बना हुआ था।

देखते ही देखते हफ्ता कहाँ बीत गया कोई पता ही नहीं चला। आखिर में वापस जाने की घडी आगयी। वापस जाने के लिए तैयार होने पर सब निराश दिख रहे थे। जो आनंद, उत्तेजना और रोमांच उन सबको सेना के उस कैंप में आया था वह अब एक ना भूलने वाला अनुभव बन कर इतिहास बन गया था। 

वापस जाने के लिए तैयार होते हुए श्रेया, रोहित, जीतूजी और अपर्णा सब के जेहन में एक ही बात थी की जो समय उन्होंने उन वादियों, झरनों, घने बादलों, और जंगल में बिताया था वह एक अद्भुत रोमांचक, उत्तेजना पूर्ण और उन्मादक इतिहास था। रोमांच, उत्तेजना और उन्माद के वह दिन वह दोनों जोड़ियां कभी भी नहीं भूल पाएंगीं।


समाप्त!!!

Nice Story. Really Good.
[+] 1 user Likes sam69ver's post
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Good one.
[+] 1 user Likes RJ668's post
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to hot
[+] 1 user Likes raj500265's post
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bhai ji mast story hai iska pdf mil jayega kay
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too good and too hot.... thanks for sharing
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mast kahani hai yaar
yourock
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बधिया कहानी पढ़ने को मिली हे।thanks ???
[+] 1 user Likes asha10783's post
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भाई साहब इस स्टोरी का पीडीएफ डाल दो
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yaar iska pdf dalo na yourock
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