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Non-erotic सरफ़ीरी सी लड़की
#1
सरफ़ीरी सी लड़की

जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#2
" इतनी रात तक यहाँ क्या कर रही हो..और ऊपर से रैलिंग के  उस तरफ पैर करके बैठी हो कूदना है क्या!! चल अंदर चल!" खुशबू बालकनी में आते हुए दिशु से बोली।
 
दिशु के हवा में उड़ते हुए बाल उसके चेहरे पे अटखेलियां कर रहे थे पर दिशु ने उन्हें हटाने की जहमत नहीं उठायी। दसवीं मंजिल पे बैठी वह दूर तलक समुन्द्र को देख रही थी।
 
खुशबू कुर्सी खींचते हुए उसके पास ही बैठ गयी और बोली - क्या हुआ दिशु इतनी रात को! नींद नहीं आ रही क्या ..कुछ हुआ है क्या?"
 
दिशु अभी भी वहीं देखते हुए बोली - बहुत कुछ हुआ है!
 
खुशबू - क्या हुआ?
 
दिशु - अरे दी बीच के पास कुछ हुआ है।
 
खुशबू - तू फिर से बातें घुमा रही है! चल ये बता यहाँ क्यों बैठी है।
 
दिशु - शुकुन !!
 
खुशबू - तुझे ऐसे बैठने से शुकुन मिल रहा।
 
दिशु - अरे दी कल न्यू टॉपिक है कहानी के लिए " शुकुन"!
 
खुशबू ने सर पीट लिया - " कभी तो सीरियस हो जाया कर!"
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#3
दिशु अब खुशबू की तरफ घूमी - " सीरियस!! अरे याद आया बगल वाले शर्मा जी हॉस्पिटल में सीरियस है!"
 
खुशबू - सब का पता है ..कभी खुद का सोचा है!
 
दिशु - हाँ बहुत बार!
 
खुशबू - और क्या सोचा है ?
 
दिशु - बहुत बार मेरी फेवरेट की चैन यहीँ से गिर जाती है दी ..दस मंजिल से उतरना पड़ता है!
 
खुशबू - तो लिफ्ट से चली जाया कर बच्चा!! पर अभी बता मेरी चॉक्लेट की कौनसी बात चुभी तुझे ,या कुछ याद आया!
 
दिशु  - एक लड़का गिर गया।
 
खुशबू - क्या !!!
 
दिशु - बीच के पास एक बच्चा गिर गया दी..बहुत प्यारा है।
 
खुशबू उठी और उसे पीछे से गले लगाती हुई बोली - कोई बात बहुत तकलीफ दे रही हैं ना तुझे!!
 
दिशु फिर एकटक देखते हुए बोली - कड़वी !
 
खुशबू - क्या हुआ मेरी क्वीन..क्या कड़वी!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#4
दिशु -आपकी कड़वी कॉफी ..बनाने जा रहीं हूँ लेंगी ना आप!
 
खुशबू थोड़ि खीज गयी -प्लीज दिशु बता ना क्या हुआ है..आखिर हो क्या तुम!
 
दिशु - स्ट्रांग!!
 
खुशबू - जानती हूं मैं!
 
दिशु - स्ट्रांग कॉफी बनाती हूँ मैं बहुत मस्त!! अभी लेकर आयी।
 
खुशबू गहरी साँस लेते हुए हैंगिंग चेयर पे बैठ गयी।उसे किचन से दिशु के गुनगुनाने की आवाज़ साफ सुनाई दे रही थी, वो खुद से बड़बड़ाई  - " क्या करूँ इस लड़की का कभी नहीं बतायेगी की क्या चल रहा इसके मन में!!"
 
तभी दिशु ने उसके सामने कॉफी कर दी। खुशबू ने उसे देखते हुए कप पकड़ लिया।दिशु अब भी खामोशी से गुनगुना रही थी।
 
खुशबू  ने उसे पकड़ा और चेहरे पे हाथ रखते हुए बोली - अब तो बता दे बच्चा क्या हुआ?
 
दिशु अचानक हँसने लगी , खुशबू खीजते हुए बोली - "तेरी सारी हॉरर और सस्पेन्स वाली नॉवेल जला दूँगी सारे दिन पढ़ पढ़ के दिमाग खराब कर लिया है।"
 
दिशु अब शांत हो गयी औऱ कॉफी मग को रखते हुए खुशबू के पास जाकर होले से मुस्कुराते हुए बोली -" इतने प्यार की आदत नहीं है मुझे..जब मिलता है तो डरने लगती हूँ, तो बस कोशिश कर रही थी कि डर छिपा पाउँ!"
 
खुशबू  -" ये क्या पागलपन है दिशु! तू अभी भी बीते कल को क्यों लेकर बैठी है सब ऐसे नहीं होते है..मैं भी तो..!"
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#5
दिशु बीच में - स्ट्रांग हो!
 
खुशबू - हाँ जानती हूँ कॉफी स्ट्रांग है!
 
दिशु - नहीं! आप स्ट्रांग हो!
 
खुशबू खीजते हुए -  तेरा समझ ही नहीं आता है।
 
दिशु मुस्कुराते हुए उठी और गुनगुनाते हुए कप लेकर अंदर चली गयी । खुशबू कुछ सोच रही थी कि तभी अंदर से आवाज आई - ज्यादा सोचिए मत दी..वो लड़का जो गिर गया!! रात काफी हो गयी है बाहर की लाइट बंद करके आना वरना सुबह बल्ब के अंदर गिर के मरे हुए काफी जीव मिल जायेंगे..और फिर उन्हें उठाने आप जाएंगी!"
 
खुशबू तन्द्रा से जागी और उसके गुनगुनाने की आवाज़ सुन फिर से बोली - पूरी पागल है ये लड़की!!"
 
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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