Thread Rating:
  • 2 Vote(s) - 4.5 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Incest दीदी की ससुराल
#41
एक हाथ से उसके बूब्स को दबाए जा रहा था और इधर उसकी जीभ को चाटे जा रहा था. मुझे उसकी जीभ चूसने में बड़ा मज़ा आ रहा था और वो तो मानो बिन पानी की मछली की तरह छटपटा रही थी. फिर मैंने उसके निप्पल को मुहं में भरा और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा. तो अंजू कहने लगी कि खा जा इसे चबा डाल.. मैंने बहुत दिनों से तेरे लिए ही सम्भाल कर रखे थे.. दबा और ज़ोर से दबा.. चूस ले इन्हें.. दबा दबाकर चूस ले इन्हें.
मुझे उसकी ज़ोर ज़ोर की आवाजों से बहुत डर लगने लगा, कि कहीं मेरी माँ ना सुन ले. तो इसलिए मैंने उसके मुहं को एक कपड़े से बांध दिया जो उसने ही मुझे ऐसा करने को कहा था और मैंने अपने काम को जारी रखा और बूब्स चूस चूसकर निप्पल के ऊपर मेरे दाँत के निशान हो गए थे. तो झट से उसने मेरी पेंट के ऊपर से मेरे लंड को पकड़ लिया और दबाने लगी.. तो मैंने उसे पेंट को उतारने को कहा और उसने झट से उठकर पेंट को नीचे कर दिया और अंडरवियर के अंदर छुपे हुए लंड को निकालकर बड़े गौर से देखने लगी. मेरा लंड लगभग 6 इंच लम्बा और 2 इंच मोटा है और कोई भी चूत को संतुष्ट करने के लिए एकदम ठीक है. उसे देखते ही उसके चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कान थी.
उसे पता था कि यह मेरा पहला टाईम है इसलिए वो कोई जल्दी ना करते हुए धीरे धीरे लंड को ऊपर नीचे करने लगी. वो बहुत सीखी हुई खिलाड़ी थी. फिर मैं अपने कंट्रोल से बाहर जा रहा था और मैंने उसे और ज़ोर से लंड को हिलाने को कहा तो उसने और तेज़ी से हिलाना शुरू कर दिया. 4-5 मिनट के बाद मैं झड़ गया और यह जो लम्हा था यारों क्या बताऊँ.. जैसे मुझे स्वर्ग का सुख मिल गया हो.. लेकिन मुझे क्या पता था कि यह तो बस शुरुवात है. फिर सारे वीर्य को उसने अपने हाथ से साफ किया और आज से पहले कभी मेरा इतना सारा वीर्य कभी नहीं निकला था और उसके बाद उसने मुझे फिर किस करना शुरू कर दिया और मैं भी धीरे धीरे मूड में आने लगा था और मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा.. लेकिन इस बार मेरा लंड मुझे कुछ ज़्यादा बड़ा और फूला हुआ लग रहा था. तो अंजू ने इस बात पर गौर किया और में समझ गया कि मुझे आगे क्या करना है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
[+] 1 user Likes neerathemall's post
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
#42
फिर मैंने झट से उसे लेटाया और उसके सुंदर भूरे बूब्स को मसलने लगा.. तो वो मोन करने लगी आअहह विराज कुछ करो.. विराज जल्दी करो और सहा नहीं जाता. तो मैं धीरे धीरे उसके पैरों तक पहुंच गया और चूमने चाटने लगा. फिर धीर धीरे साड़ी को उठाता गया और किस करता रहा और देर ना करते हुए मैंने साड़ी को उसकी कमर तक उठा दिया और पेटिकोट, साड़ी को निकाल कर फेंक दिया.. वो क्या गजब लग रही थी.. मुझे मेरी आँखों पर तो यकीन ही नहीं हो रहा था.. उसकी पेंटी पहले से ही पूरी भीगी हुई थी शायद उसने पानी छोड़ दिया हो और वो बहुत शरमा रही थी और वो अपने दोनों हाथों से उसकी पेंटी को छुपा रही थी. फिर मैंने उसके हाथों को चूमा और अपनी जगह से हटा दिया
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
[+] 2 users Like neerathemall's post
Like Reply
#43
मैंने उसकी एक साईड से जांघो को बहुत चाटा और चूमा. फिर उसकी पेंटी को निकाल कर फेंक दिया और मैंने देखा कि उसकी चूत पर हल्के हल्के भूरे बाल थे.. शायद 1-2 दिन पहले ही कटे होंगे. मैंने उसके ऊपर लगे हुए जूस को साफ किया और चूत के ऊपर हल्का सा किस करते ही उसने मुझसे कहा कि यह गंदा है.. लेकिन मैंने कहा कि मैं इसे टेस्ट करना चाहता हूँ और वो बड़ी मुश्किल से मानी. तों फिर और क्या था मैं टूट पड़ा उसकी चूत के ऊपर की तरफ किस करता रहा और धीरे से अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी.. वाह उसकी चूत क्या गरम थी अहह एकदम भट्टी जैसी गरम और फिर मैं चूत को चूमता गया और धीरे धीरे उंगली को आगे पीछे करके चोदता गया
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
[+] 1 user Likes neerathemall's post
Like Reply
#44
फिर वो मेरे सर को उसकी चूत पर दबाए जा रही थी.. शायद उसे मज़ा आने लगा था और मुझे भी उसके जूस का टेस्ट एकदम मलाई के जैसा लग रहा था.. लेकिन थोड़ा नमकीन भी था. फिर उसके बाद मैंने अपनी जीभ को उसकी चूत के अंदर डाल दिया, तो वो सिहर उठी और उसने अपना पानी मेरे मुहं पर छोड़ दिया. फिर मुझे खींचकर मेरे मुहं पर लगा हुआ जूस चाटने लगी और देर ना करते हुए उसने मेरे लंड को पकड़ा और अपनी चूत के पास ले गई. फिर उसने मुझे धक्का लगाने को कहा. तो मैंने एक ही बार में, आधे से ज़्यादा लंड उसकी चूत में डाल दिया.. तो वो चिल्ला उठी उउईईइ माँ मार डाला रे..  साले कमीने.. बहनचोद थोड़ा धीरे धीरे कर.. ऐसे तो मेरी चूत फट जाएगी. फिर मैंने ध्यान दिया कि उसकी बहुत टाईट थी शायद वो बहुत दिनों से चुदवा नहीं रही थी. फिर एक धक्का और पूरा का पूरा लंड उसकी चूत के अंदर..
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
[+] 1 user Likes neerathemall's post
Like Reply
#45
जू : चोदो जान और अह्ह्ह ज़ोर से चोदो आआअहह उफ्फ्फ.
 
मैं : हाँ जान यह लो मेरा लंड.. यह कहकर में और जोरों से चोदने लगा.
अंजू : फाड़ डाल इसे.. फाड़ डालो बहुत अहह परेशान किया हुआ था इसने मुझे. अहहूंम्म आज इसे फाड़ ही डालो.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
[+] 1 user Likes neerathemall's post
Like Reply
#46
फिर मैं अपनी जितनी ताक़त थी सभी को मिलाकर उसे चोदने पर तुला हुआ था और हम दोनों का शरीर पसीने में मानो डूबा हुआ था. उसके बाद मैंने उसके पैरों को अपने कंधे पर लेकर उसे चोदना शुरू किया और अब अंजू भी मेरा बहुत अच्छा साथ दे रही थी. करीब आधे घंटे की चुदाई के बाद मेरा निकलने वाला था और इस बीच उसने जाने कितनी बार अपना पानी मुझ पर छोड़ा होगा. फिर मैंने उससे पूछा कि कहाँ पर छोड़ू? तो उसने मुझे अंदर ही छोड़ने को कहा तो एक मिनट के बाद मैंने अपना सारा माल उसकी चूत के अंदर डाल दिया
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
[+] 1 user Likes neerathemall's post
Like Reply
#47
अंजू : हाँ मेरे राजा बना दे मुझे आज अपनी रंडी और आज से मैं तेरी हूँ जब चाहे जब मुझे चोदना और यह कह कर मुझे अपने गले से लगा लिया और फिर एक घंटे के बाद हम दोनों उठे और बाथरूम से साफ होकर आए और एक दूसरे से चिपक कर सो गये और वो मेरा लंड पकड़े हुई थी और मैं उसके बूब्स को, अगले तीन – चार दिन तक मैंने उसे दिन रात बहुत चोदा ..
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
[+] 1 user Likes neerathemall's post
Like Reply




Users browsing this thread: 2 Guest(s)