Thread Rating:
  • 1 Vote(s) - 5 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
सेक्सोलॉजिस्ट का रोल निभाएंगी अन्वेशी जैन
#61
Anveshi Jain was born on June 25, 1991, in Khajuraho, Bundelkhand, Madhya Pradesh, India. She grew up there with her Family. Her full name is Anveshi Jain and her nickname is Jain. Her zodiac sign is Cancer.Below the table, you can find more things about her.
Weight
55 kg (121 lbs)
Height
5 Feet 6 Inches (1.63 m)
Hair Color
Black
Eye Color
Black
Body Shape
Slim
Body Measurements
35-28-34 Inches
Breast Size
Update Soon
Waist Size
28 Inches
Hips
34 Inches
Bra Size
33B
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
#62
[Image: ngcb42] lot of celebrities have a pretty good education. They are often seen in the media or on social networking sites with their college degrees framed and hanging up on the wall. Some famous people even go to college after making it big, and some drop out of high college because they could not afford to continue their education. It’s interesting that despite their fame, these celebs still feel the need to educate themselves more by going back to finish what is left unfinished from high college or starting at a university all over again.

Some people ask us about Anveshi Jain educational qualification. People inspired by their favorite person’s activity. In the below section we discuss Anveshi Jain’s educational qualification.


जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#63
[Image: anveshi-jain_164550701910.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#64
[Image: anveshi-jain_164550701960.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#65
[Image: anveshi-jain_164550701940.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#66
[Image: anveshi-jain_164550701930.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#67
[Image: anveshi-jain_164550701900.jpg]

जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#68
[Image: anveshi-jain_16322105112.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#69
[Image: anveshi-jain_16322105117.jpg]

[Image: anveshi-jain_16322105115.jpg]
[Image: anveshi-jain_16322105116.jpg]
[Image: anveshi-jain_16322105103.jpg]
[Image: anveshi-jain_16289284301.jpg]
[Image: anveshi-jain_16289284092.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#70
[Image: anveshi-jain_16249506723.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#71
[Image: anveshi-jain_16249506722.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#72
[Image: anveshi-jain_16249506721.jpg]

जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#73
[Image: anveshi-jain_16249506724.jpg]

[Image: anveshi-jain_16249506725.jpg]
[Image: anveshi-jain_16249506723.jpg]
[Image: anveshi-jain_16245163193.jpg]
[Image: anveshi-jain_16245163194.jpg]
[Image: anveshi-jain_16245163192.jpg]

[Image: anveshi-jain_16245163181.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#74
हर स्त्री या पुरुष की अपनी एक सोच होती है, आप सब के भी अपने-अपने मत होंगें पर मेरा मानना है कि असल में कहीं ना कहीं यह साइट्स औरतों के साथ होने वाले दुराचार को एक हद तक कम करती हैं।
आप अवशय जानना चाहेंगे कैसे परंतु उससे पहले मैं आपको बताना चाहूँगी कि पेशे से मैं एक डॉक्टर हूँ। एक सेक्सोलॉजिस्ट!!
भगवान की दया है कि मैं अपने कार्य में प्रवीण हूँ; कारण है भगवान का और बडो का स्प्रेम आशीर्वाद और अपने विषय में जानने की मेरी अदद लालसा!!
हलाकी कलयुग में युवा वर्ग में बढ़ते यौन रोग भी मेरे कार्य को सुचारू ढंग से चलाने में सहायक हैं…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#75
तो सबसे पहले तो मैं आपको यह बताना चाहूँगा कि लिंग का उठान या योनि में होने वाले काम रस का प्रवाह एक प्राकृतिक क्रिया है। यह आज से इस युग से, द्वापर, त्रेता या सत युग से नहीं अपितु आदि अनादि काल से है।
असल में हमारी धरती पर जीवन का यही मूल भूत स्वरूप है।
हम सभी यह जानते हैं; आप मैं और सभी महिला या पुरुष असल में संभोग का ही परिणाम हैं। यदि सेक्स ना हो तो आप और मैं भी ना हों।
नहीं, इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं वासना में डूबे कुछ राक्षस महिलाओं के साथ दुराचार करें;
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#76
सोचिए, अगर आपका पेट भरा हो और कोई कहे कि आप पकवान खा लें तो आप यक़ीनन मना कर देंगें। ठीक इसी तरह यदि पुरुष घर पर ही कुछ उत्तेजक चीज़ें पढ़ कर या देख कर हस्तमैथुन कर ले तो बाहर जाने पर किसी महिला के साथ दुराचार की संभावनाएँ बढ़ेंगी या कम होंगी।
जवाब आप ही सोचें। हाँ, सोचते वक़्त यह अवशय याद रखें: यहाँ हम बात एक आम इंसान की कर रहे हैं।
यदि हम साँप या बिछु से यह अपेक्षा रखें की अपनी ज़हरीली प्रवृति छोड़ दे तो यह असंभव है। ठीक इसी तरह राक्षसी प्रवृति वाला पुरुष तो ऐसे कृत करेगा ही उन्हें रोकने की लिए हम महिलाओं की सुरक्षा के अलावा कुछ नहीं कर सकते।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#77
मित्रो, किसी भी महिला को देख कर पुरुष का आकर्षित होना या पुरुष को देख कर महिला का आकर्षित होना एक सामान्य क्रिया है परंतु बिना किसी की भी सहमति के किसी भी तरह का संबंध कायम करना एक राक्षसी क्रिया है जिसकी किसी लोक में माफी नहीं।
खैर, अब हम इस विषय को यहीं विराम देते हैं और चलते हैं दूसरे विषय की और यकीन मानिए यह आपको ज़रूर रोमांचक लगेगा।
परंतु इससे पहले हम आगे बड़े मैं यह कहना चाहूँगा आपने जो कुछ पढ़ा वह मेरे विचार थे, हर किसी की अपनी सोच होती है और मैं किसी की भावना को आहत नहीं करना चाहता।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#78
जैसा की आप लेख में समझ ही गये होंगें महिलाओं के साथ दुराचार करने वाले को मैं पुरुष नहीं अपितु राक्षस मानती हूँ…
तो अब मैं आपको अपने पेशे में हुए कुछ तजुरबों के बारे में बताना चाहूँगी।
अक्सर मेरे पास ऐसी महिलाएँ आती है जो मुझसे यह कहती हैं कि उन्हें अपने पति या साथी के साथ यौन सुख नहीं मिलता। कारण पता चलता है बस रोज़ वही चीज़ होती है, जिससे वह अब उब गईं हैं।
सच कहूँ तो मैं भी उनसे सहमत हूँ और इसीलिए आपको कुछ बताना चाहती हूँ।
क्या आपने कभी सोचा लेखक “*******88” पर अपनी कहानियाँ क्यूँ प्रकाशित करते हैं। मैं बताती हूँ कारण अनेक हो सकते हैं पर कहीं ना कहीं एक कारण यह है कि क्यूंकी वह आपसे वो शेयर करना चाहते हैं जो आम जीवन में किसी से नहीं कर पाते।
आपने अक्सर कहानियों में पढ़ा होगा लेखक लिखते हैं – फाड़ दे मेरी चूत, बना दे मेरी चूत का भोसड़ा!!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#79
सच तो यह है कि हर लड़का और मर्द संभोग के दौरान अपनी गर्ल-फ्रेंड या अपनी पत्नी से कुछ ऐसे शब्द सुनना चाहता है…


सोचिए अगर आप अपने साथी से ही सब बातें कर लें, तो।
ठीक उसी तरह जिस तरह जब घर पर बिरयानी ना मिलने पर हम बाहर खाना खाने जाते हैं। पर अगर हमें घर पर ही लाजवाब बिरयानी मिले तो…??
खुद से पूछ कर मुझे बताएँ, क्या मैं ग़लत हूँ। मैं फिर याद दिला दूँ हम अभी भी बात आम इंसान की कर रहें हैं।
थोड़ी सी व्यस्तता के कारण मुझे लेख को यहीं विराम देना होगा पर जल्द ही आपसे फिर रूबरू होऊँगी।
इसी विषय पर हम आगे बात करेंगे, उम्मीद तो यही करती हूँ कि लेख पढ़ कर आपको ऐसा नहीं लगेगा कि मैंने आपका समय व्यर्थ किया।
यदि ऐसा है तो आप सभी से तहे दिल से माफी चाहती हूँ।

................................................................आपकी अपनी
..................................................................अंवेशी  .
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#80
(14-03-2022, 04:39 PM)neerathemall Wrote:
[Image: anveshi-jain_16249506724.jpg]

[Image: anveshi-jain_16249506725.jpg]
[Image: anveshi-jain_16249506723.jpg]
[Image: anveshi-jain_16245163193.jpg]
क्स

[Image: anveshi-jain_16245163192.jpg]

[Image: anveshi-jain_16245163181.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply




Users browsing this thread: