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Adultery मस्तराम के मस्त किस्से
Der aaye durust aaye!
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Nice update. Par yaar thoda aur frequently update karo.
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कमरे पर पहुंच कर मनीष ने सबसे पहले मोबाइल चेक किया। "ओह! शिट! तेरह मिस्ड कॉल हैं।"

"मोबाइल नीचे रखो तुम।" शालिनी ने शख्त लहजे में कहा। बेचारे मनीष ने मोबाइल नीचे रख दिया। समुंद्र में नहाने से शालिनी का बदन चिपचिपा हो गया था और पूरे बदन पर बालू के कण चिपके थे। उसने अपना ड्रेस उतारा और नहाने बाथरूम में घुस गई। इस उम्मीद में कि मनीष भी उसके पीछे पीछे साथ नहाने आएगा, उसने बाथरूम का दरवाज़ा खुला छोड़ दिया। पर मनीष नहीं आया। जब वो नहा कर बाहर निकली तो मनीष फोन पर लगा था। शालिनी गुस्से से भरी, नंगी, गीले बदन बाथरूम से बाहर निकली और मनीष के सामने जाकर बिस्तर पर से तौलिया लेकर बदन पोछने लगी। मूर्ख मनीष जेनरल मैनेजर से बात कर रहा था। "सर.. लेकिन मैं शहर में नहीं हूं?"

"सर… पर?"

"यस सर, ओके सर!"

शालिनी अब भी नंगी थी, तौलिया सिर पर लपेटे सामने बिस्तर पर बैठ क्रोधित नयनों से मनीष को निहार रही थी। मनीष अपराधी सा शालिनी की तरफ देख रहा था, उसके कामुक बदन की ऊंचाइयों और गहराइयों को नहीं, क्रोध से लाल उसके चेहरे को। डरता, झिझकता मनीष ने अपराध बोध के साथ शालिनी से कहा "जीएम सर का फोन था।"

शालिनी ने तल्ख हो कर कहा "तो?"

"एक्चुअली एक इंपॉर्टेंट क्लायंट यूएस से बॉम्बे आया हुआ है। उससे मिलना जरूरी है।"

"वेरी गुड। तो चलें वापस?" शालिनी ने टोन कसते हुए कहा।

"देखो, प्लीज़ तुम गुस्सा मत हो। मैं शाम की फ्लाइट से जाता हूं और कल शाम वापस आ जाऊंगा। मैं छुट्टी एक्सटेंड कर लूंगा।"

"तुम्हारे कंपनी में एक तुम ही हो? और कोई नहीं?"

"जीएम सर ने पर्सनली रिक्वेस्ट किया है। इंपॉर्टेंट क्लायंट है, एनुअली 300 करोड़ का बिजनेस देता है।"

"तो क्लायंट से ही शादी कर लेते न। उसी के साथ हनीमून मनाते, मुझे लाने की क्या जरूरत थी?"

[Image: Back-Page-page-0004.jpg]
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Nice!
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pls post more
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Good story. Please update!
[+] 4 users Like Ananya.Thakur's post
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"ओह हो! तुम फिर शुरू हो गई। एक दिन से क्या फर्क पड़ता है? कल शाम को वापस आ ही रहा हूं न।"

"हां, तुम्हें एक दिन क्या एक साल से भी कोई फर्क नहीं पड़ता। अगर काम से इतना प्रेम था तो शादी क्यों की?"

"अरे, मेरी बात सुनो तो।"

"मुझे कुछ नहीं सुनना। तुम्हें जो करना है करो, जहां जाना है जाओ। कौन सी नई बात है। हमेशा अकेली रहती हूं, यहां भी रह लूंगी। तुम अपना ऑफिस संभालो। अग्नि के सात फेरे लेकर जन्म जन्म तक कंपनी का साथ निभाने की कसम खाई है न तुमने।"

मनीष जितना समझाने का प्रयास करता, शालिनी उतना क्रोधित होती। मनीष को एहसास होने लगा था कि समझाना व्यर्थ है। शालिनी को मनाने के चक्कर में फ्लाइट छूट जाएगी। जो मान मनौवल करना है वो लौट कर कर लेगा। "देखो, मेरी फ्लाइट छूट जाएगी। अभी मैं नहाने जा रहा हूं। कल लौट कर आऊंगा तब जितना मन करे झगड़ लेना।"

मनीष बाथरूम में घुस गया। शालिनी की इच्छा थी की जा ही रहा है तो कम से कम नहाते समय ही सेक्स कर ले। पर उस मुरख ने बाथरूम का दरवाज़ा बंद कर लिया था। शालिनी का गुस्सा और बढ़ गया। वो वैसे ही नंगी बैठी रही। मनीष बाथरूम से निकल कर फिर से शालिनी से उलझना नहीं चाह रहा था। वो तैयार होने और अपना कुछ कपड़ा छांट कर बैग में भरने लगा। वो देख कर भी नंगी बैठी शालिनी को अनदेखा कर रहा था और क्रोध की अग्नि से पिघल कर शालिनी की वासना आंसू बन उसके आंखों से बहने लगे थे। मनीष शालिनी को औपचारिक किस करके बैग ले कमरे से निकल गया।

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pls post more..
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[Image: BM01.jpg]

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शालिनी वैसे ही दोनों पैर बिस्तर से नीचे लटकाए लेट गई। गोरा कमसिन बदन, फैली जांघों के बीच से झांकती चिकनी गुलाबी चूत। वहां अगर कोई मर्द होता तो इस दृश्य को देखकर कर है मदमस्त हो शालिनी को सांड की तरह चोदने लगता। पर शालिनी प्यासी लेटी थी। गीलापन अब उसकी चूत पर नहीं, उसकी आंखों में थी। दोनों आंखों के कोने से अश्रूधारा बह कर चादर को गीला कर रहे थे। शालिनी निर्जीव की तरह घंटो वैसे ही लेटी रही। फिर कमरे में बने मिनी बार से व्हिस्की पिया, टीवी ऑन करके चैनल बदलती रही। शराब के नशे और नंगे बदन ने शायद शालिनी को उत्तेजित कर दिया था। वो सोफे पर बैठ गई और सेंटर टेबल पर दोनों पैरों को रख कर अपने पैरों को फैला दिया। एक हाथ में मोबाइल रख कर उसपर पॉर्न चला दिया। म्यूट करके नहीं, फूल वॉल्यूम पर। दूसरे हाथ से उसने पहले अपने स्तन को मसला, फिर चूत को। कभी क्लिट को मसलती तो कभी उंगली अंदर डालती।

फिर शालिनी उठ कर इधर उधर देखने लगी, बाथरूम में गई, वहां से एक टूथब्रश ले आई। फिर वैसे ही बैठ कर चूत में ब्रश घुसा कर अंदर बाहर करने लगी। पर शायद ब्रश से उसे तृप्ति नहीं मिल रही थी। थोड़ी देर में वो फिर उठी, अपने बैग को खोल उसमें से कंडीशनर का बोतल निकाली। ये मोटा था। पहले बोतल को उसने अपने चूत और क्लिट पर रगड़ा। फिर अपना थूक डाल कर बोतल को गीला किया और बोतल अंदर घुसाने लगी। थोड़ी देर बोतल अंदर बाहर करने के बाद उसने बोतल को गुस्से में फेंक दिया और बिस्तर पर जा कर तकिए से लिपट फूट फूट कर रोने लगी। रोते रोते वो कब सो गई उसे पता ही नहीं चला। पर अभी उसे जोरों की पेशाब लगी थी।
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Hot update bro!
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Wow!!!
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Brilliant piece!
[+] 2 users Like ShaliniShukla's post
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Badhiya dost!
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Aaj ka update kab aayega?
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Please update
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(03-03-2022, 07:46 AM)ShaliniShukla Wrote: Nice!
Thank you!
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शालिनी उठी। फर्श पर प्लास्टिक की कंडीशनर की बोतल फूट गई थी और कंडीशनर फर्श पर बह रहा था। टेबल पर व्हिस्की की बोतल खुली थी, थोड़ी व्हिस्की गिलास में अभी भी थी। टेबल पर शालिनी का फोन पड़ा हुआ था। शालिनी ने फोन चेक किया। पॉर्न साइट का पेज अभी भी खुला था। मनीष का 21 मिस्ड कॉल। व्हाटसएप पर मनीष के मेसेज की, एमोजी की, सॉरी वाले जीआईएफ इमेज की, फिर गुडमॉर्निंग मेसेज की, फिर आई लव यू मेसेज की बौछारें थी। शालिनी ने फोन वापस टेबल पर रख दिया। बाथरूम में गई। नित्यक्रियाओं से निवृत्त हो नंगी बाथरूम से बाहर आई। उसे दरवाज़े के नीचे एक लिफ़ाफ़ा दिखा। उसने लिफ़ाफ़ा उठा कर देखा। लिफ़ाफ़ा रिजॉर्ट का था। सामने गुड मॉर्निंग छपा था, पीछे कलम से "कॉल मि" लिख कर एक मोबाइल नंबर लिखा था।

शालिनी ने लिफ़ाफ़ा खोल कर देखा तो उसके होश उड़ गए। उसके अंदर शालिनी की तस्वीरें थीं। शालिनी की नंगी तस्वीरें। उसके नहाने की तस्वीरें, बिस्तर पर नंगी बैठ कर रोती हुई तस्वीरें, टांग फैला कर नंगी लेटी हुई तस्वीरें, सोफे पर बैठ कर चूचियां मसलती तस्वीरें, चूत में टूथब्रश करती तस्वीरें, चूत में बोतल घुसी तस्वीरें, बेसुध हो नंगी सोई तस्वीरें। शालिनी ने झट से तौलिया से अपने बदन को ढका। शालिनी ने फोन उठा कर उस नंबर पर कॉल किया। "गुड मॉर्निंग शालिनी जी।" दूसरे तरफ से एक शिष्ट, शालीन, विनम्र ध्वनि ने शालिनी का अभिवादन किया। ध्वनि की शीतलता ने शालिनी के आक्रोश को थोड़ा ठंडा कर दिया था। "कौन हो तुम? मैं अभी पुलिस में कंप्लेन करती हूं। तुम मुझे जानते नहीं, मेरे पापा महाराष्ट्र पुलिस में डीआईजी हैं। तुम्हें और तुम्हारे रिजॉर्ट दोनों को मैं बंद करवा दूंगी।"
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story is going hot.. but v small updates...
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(05-03-2022, 06:32 AM)Ananya.Thakur Wrote: Wow!!!

Namaskar Namaskar Namaskar
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