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Adultery मस्तराम के मस्त किस्से
#21
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Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
#22
(15-02-2022, 10:55 PM)modern.mastram Wrote: Amazon has removed erotic stories from its .in site. You can still find it at Amazon.com

Any other place where we can get your books?
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#23
Please update
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#24
I admire your work. Signed up for this site just to msg you. Can we collaborate on some Stories? Please check your private message.
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#25
(16-02-2022, 02:13 PM)ShaliniShukla Wrote: I admire your work. Signed up for this site just to msg you. Can we collaborate on some Stories? Please check your private message.

You forgot to give your email id! How am I supposed to reach back to you?
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#26
साइमा को तसल्ली हो गया था। उसने कहा "मैं साइमा हूं। रास्ता भटक गई हूं। हम 7 लोगों के ग्रुप में थे। आप प्लीज़ मुझे उत्तरकाशी तक पहुंचने में हेल्प करेंगे? होपफुली वहां मोबाइल नेटवर्क काम करेगा। फिर मैं अपने ग्रुप से कॉन्टैक्ट कर पाऊंगी। हमारा नेक्स्ट हाल्ट उत्तरकाशी ही था।"

"उत्तरकाशी जाने के लिए आप इधर क्या कर रहीं थी? किस टूट ऑपरेटर ने आपको इस रास्ते पर भेज दिया? ये तो उत्तरकाशी ट्रेक का पार्ट नहीं है।"

"दरअसल हम टूर ऑपरेटर के साथ नहीं, खुद से रूट डिसाइड करके ट्रैकिंग कर रहे हैं।"

"व्हाट? आर यू मैड? ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। ये बहुत डेंजरस है। ख़ैर, चलिए आपको उत्तरकाशी पहुंचा दें। हमारे साथ आइए।"

"थैंक यू ऑफिसर्स। आई एम रियली सॉरी फॉर माइ अर्लियर रूड बेहवियर।"

"इट्स आलराइट।"

दो जवान तगड़े घोड़े आगे आगे बढ़े, कबूतरी पीछे पीछे। नदी के किनारे जाता ये रास्ता ऊपर के रास्ते इतना सुगम नहीं था। दुर्गम भी था और जोखिम भरा भी। पैर फिसला तो सीधा नदी में। नदी में गई तो बचने की कोई उम्मीद नहीं थी। अगले दिन उसका लाश हरिद्वार में तैरता हुआ मिलेगा। साइमा को बार बार लुढ़कते, फिसलते देख कर नीरज ने उसका बैग अपने पीठ पर टांग लिया था। आगे आगे राजीव, बीच में साइमा और पीछे पीछे नीरज। कभी राजीव हाथ थाम कर सहारा देता, तो कभी नीरज उसे फिसलने और गिरने से बचाता। खूबसूरत सूरत और मादक जिस्म वाली साइमा के बदन को बार बार छूने के बाद तो देवता की भी वासना जाग जाए, ये तो मृत्युलोक के तुच्छ प्राणी थे। नीरज की नजर नितम्ब पर टिक गई थी तो राजीव मुड़ मुड़ कर कभी साइमा का शक्ल तो कभी साइमा का स्तन देखता।


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#27
(16-02-2022, 02:33 PM)modern.mastram Wrote: You forgot to give your email id! How am I supposed to reach back to you?

Oops! Sorry. Check your message again.
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#28
Nice update. Its heating up now!
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#29
(16-02-2022, 02:45 PM)ShaliniShukla Wrote: Oops! Sorry. Check your message again.

Smile
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#30
(16-02-2022, 07:20 PM)M4masti Wrote: Nice update. Its heating up now!

Namaskar Namaskar thanks thanks
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#31
Only three books are available on that site?
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#32
(17-02-2022, 09:34 AM)ShaliniShukla Wrote: Only three books are available on that site?

More books will be added gradually!
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#33
आगे आई बड़ी चुनौती। एक झरने को पार कर बड़े से चट्टान पर चढ़ना था। चट्टान के एक तरफ तेज़ बहती नदी थी तो दूसरी तरफ दीवार की तरह खड़ी पहाड़। "ये तो बहुत डेंजरस है। कोई और रास्ता नहीं है?"

"आप घबराओ मत, हम हैं न।"

"नहीं बाबा। मैं गिर जाऊंगी। प्लीज़ किसी दूसरे रास्ते से ले चलिए।"

"उसके लिए तो हमें वापस लौटना होगा, फिर ऊपर चढ़ कर जाना होगा। बहुत टाइम लगेगा। बस इतना दूर ही प्रॉबलम है, इसके बाद घाटी फ्लैट हो जाती है। आप चलो, हम इस रास्ते से कई बार आए गए है। हमारे रहते कोई प्रॉबलम नहीं होगी।"

साइमा आगे बढ़ी और लड़खड़ा कर पानी में गिर गई। दोनों ने पकड़ कर उसे उठाया। पर उसका कपड़ा गीला हो चुका था। ढीला ट्रेक सूट गीला होकर साइमा के बदन से चिपक चुका था। सबकुछ ढका हुआ होकर भी सबकुछ दिख रहा था। राजीव आगे के गोलार्धों को घूर रहा था तो नीरज पीछे के। गोलाईयों को देख कर दोनों की लंबाई बढ़ी जा रही थी। राजीव और नीरज की नज़रें मिली, आंखों ही आंखों में वार्तालाप हुई, दोनों का तम्बू खड़ा हो गया। राजीव उस चट्टान पर आसानी से चढ़ गया। पर चट्टान की ऊंचाई साइमा के पहुंच से अधिक थी। गीली साइमा का गीला हाथ, पैर और बदन पत्थर पर फिसल रहा था। राजीव ने मदद को हाथ बढ़ाया तो नीरज ने नीचे से साइमा को हाथ दिया।

राजीव ने साइमा के बांह को पकड़ लिया। साइमा का बदन अभी भी चट्टान से लटका हुआ था। उसे एहसास हुआ कि नीरज का हाथ उसके नितम्ब को दबा रहा है। वो समझ नहीं पा रही थी कि नीरज उसे ऊपर धकेल रहा या उसके नितम्बों से खेल रहा। राजीव ने थोड़ा और ऊपर खींचा तो नीरज उसके जूते उतारने लगा। "अरे, जूते क्यों उतार रहे हो।"

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#34
Nice update
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#35
Bhai chhote chhote updates dete ho!
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#36
Hello! Check your mail. Sent you the first draft.
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#37
(18-02-2022, 02:46 PM)ShaliniShukla Wrote: Hello! Check your mail. Sent you the first draft.

Ok, thanks
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#38
"जूता से पत्थर पर ग्रिप नहीं बन रहा। खाली पैर ऊपर चढ़ने में आसानी होगा।" पत्थर से लटकी साइमा ऐसे डरी हुई थी मानो फांसी से लटकी हो। अगर राजीव ने उसे छोड़ दिया तो वो सीधा झरना के पानी में गिरेगी जहां पानी का फोर्स उसे नदी में धकेल देगा। नदी में गई तो उस बेचारी की अस्थियां बिना दाह संस्कार के ही गंगाजल में विसर्जित हो जाएंगी। जूता उतरने के बाद उसे अपना पजामा सरकता महसूस हुआ। पहले तो उसे लगा कि गीला होकर भारी हो गया है और वजन से फिसल रहा। पर जब उसने देखा कि राजीव ने उसे ऊपर खींचना बंद कर दिया है तो उसे मामला समझ आ गया। तब तक उसका पैंट सरक कर नितम्ब तक आ चुका था। "नहीं! प्लीज, क्या कर रहे हो? छोड़ो मुझे।"

राजीव ने मुस्कुराते हुए कहा "सच में छोड़ दूं?"

"नहीं, प्लीज! क्यों कर रहे हो ऐसे?"

नीरज ने पैंट को घुटने तक सरकाते हुए कहा "क्योंकि तुम एक सेक्सी माल हो।"

"देखो, मैं तुम लोगों के अगेंस्ट फॉरेस्ट डिपार्टमेंट में कंप्लेन कर दूंगी। तुम्हारी जॉब चली जाएगी।" उसका पैंट उतर चुका था। नीरज ने पैंट को नदी में फेंक दिया। साइमा अपने सामने पैंट को नदी में बहती देखती रह गई।

राजीव ने हंसते हुए कहा "तुम्हें सही में लगता है कि हम फॉरेस्ट डिपार्टमेंट से हैं?"

नीरज ने नितम्बों को मसलते हुए कहा "फॉरेस्ट डिपार्टमेंट में न तो वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन फोर्स होता है और न ही उसका कोई एंटी पोचिंग एंड स्मगलिंग यूनिट है। बाय द वे, तुम्हारी गांड मस्त है।"

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#39
Aur update do bhai!
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#40
[Image: SS01.jpg]

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