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12-02-2022, 02:32 AM
(This post was last modified: 27-03-2022, 08:20 AM by modern.mastram. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
एरोटिक एडवेंचर
साइमा बहुत गुस्से में थी। उसका पिछला एक महीना इमरान के साथ ये ट्रिप प्लान करने में बीता था। साथ क्या? वो बस प्लैनिंग के समय साथ होता। सारा काम तो साइमा ने किया था। साइमा कॉलेज खत्म होने से पहले अपने बॉफ्रेंड के साथ एक एरोटिक एडवेंचर पर जाना चाहती थी। ग्रेजुएशन सेकंड ईयर खत्म हो चुका था। गर्मियों की छुट्टी आने वाली थी। अगर इस छुट्टी में वो नहीं गई तो फिर शायद कभी नहीं जा पाएगी। उसके अब्बू एक रूढ़िवादी ,., हैं। उसे पता था कि कॉलेज ख़तम होने के 2-3 साल के भीतर उसका निकाह कर दिया जाएगा और उसे ये भी पता था कि निकाह इमरान से नहीं होना। साइमा ऊंची जात की * है, पठान है। इमरान नीची जाती का है। अब्बू इस निकाह के लिए कभी राज़ी नहीं होंगे।
पर साइमा इन सब बातों में पड़ कर अपने कॉलेज लाइफ को बोरिंग नहीं बनना चाहती थी। जबतक मस्ती कर सकते हो कर लो। भविष्य का सोच सोच कर वर्तमान क्यों खराब करना? घंटो इंटरनेट पर रिसर्च कर उसने ट्रैकिंग रूट पता किया था। एरोटिक एडवेंचर के लिए बहुत ज़रूरी था कि उस रास्ते पर अधिक लोग न जाते हों वरना रोमांस के लिए प्राइवेसी नहीं मिलेगी। खुले आसमान के नीचे सेक्स करने के विचार से ही साइमा उत्तेजित हो जाती। उसके जांघों के बीच की दरार गीली हो जाती। कई बार रात को अपने कमरे में डेस्कटॉप पर रिसर्च करते करते खुले में संभोग की कल्पना में डूब जाती, कब उसका उंगली पजामा में घुस कर उसकी गहराई में उतर जाती इसका उसे पता भी नहीं चलता। उसे होश तब आता जब ज्वालामुखी में विस्फोट हो चुका होता। फिर बेचारी जांघों के बीच में तकिया दबाए दूसरे तकिए से लिपट कर सो जाती।
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12-02-2022, 10:28 AM
(This post was last modified: 27-03-2022, 08:34 AM by modern.mastram. Edited 5 times in total. Edited 5 times in total.)
दूसरा रिक्वायरमेंट रूट का सेफ होना था। चार पैर वाले जानवरों से बचने के लिए तो उसने रूट को घने जंगलों से दूर रखा था पर इस देश में लड़कियों को चार पैर वाले जानवरों से अधिक खतरा दो पैर वाले जानवरों से है। कई घंटों के संवाद, विवाद और विमर्श के बाद निष्कर्ष निकला कि केवल उन दोनों का जाना सेफ नहीं। उन्हें और कपल्स को साथ ले जाना चाहिए। 3-4 जोड़े अगर साथ हैं तो फिर सुरक्षा कोई मुद्दा नहीं रहेगा। पर किसी भी जोड़े को ले जाना पूरे ट्रिप को बर्बाद कर सकता है। साइमा ने सोच समझ कर केवल उन जोड़ों को ऑफर दिया जिन्हें PDA यानी पब्लिक डिसप्ले ऑफ़ अफेक्शन से कोई आपत्ती और संकोच नहीं था, जो कई बार संभोग कर एक दूसरे से सहज हो चुके थे और जो खुले में संभोग की बात से उत्साहित और रोमांचित थे। अंततः साइमा - इमरान के अलावा तीन जोड़े और जुड़ गए।
तीसरा शर्त मार्ग का सुगम होना था। साइमा नहीं चाहती थी सफर में इतना थक जाए कि संभोग के लिए ऊर्जा ही न बचे। तीनो शर्तों को पूरा करता हुआ एक सप्ताह का रूट तय करने में साइमा को एक महीना समय लगा था। पर सबसे बड़ी समस्या अम्मी अब्बू से ट्रिप के लिए परमिशन लेना था। अम्मी को मनाना उतना मुश्किल नहीं था बस कुछ तथ्यों को बदलना पर्याप्त था। ट्रैकिंग ट्रिप बदल गया रिसर्च प्रोजेक्ट में, टीम में से लड़के गायब हो गए और तसल्ली के लिए सारी लड़कियों से अम्मी की आमने सामने बात करा दी गई। अब्बू को मनाना बड़ा चैलेंज था। कैरियर की दलील अब्बू के सामने व्यर्थ थी। जब नौकरी करनी ही नहीं तो प्रोजेक्ट, पेपर और मार्क्स का क्या फायदा? कॉलेज बस डिग्री के लिए है, बिना डिग्री अच्छे घर में निकाह मुश्किल होगी। तरकीब साइमा को दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे सिनेमा से सूझी। उसकी किस्मत अच्छी थी कि उसके अब्बू सिनेमा या टीवी नहीं देखते थे। ख़ैर, साइमा को जितना ड्रामा करना पड़ा हो, जितनी तरकीब लगानी पड़ी हो, जितना झूठ बोलना पड़ा हो, उसे इजाज़त मिल गई।
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12-02-2022, 07:38 PM
(This post was last modified: 27-03-2022, 08:35 AM by modern.mastram. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
सारा मशक्कत करने के बाद जब जाने का समय आया तो इमरान की खाला बीमार पड़ गई। इमरान के अब्बू सऊदी में काम करते थे। इमरान की अम्मी इमरान को बोल रही थी खाला के पास ले जाने के लिए। अब-तब मौत वाली स्थिति थी। बेचारा मना नहीं कर पाया। इमरान ने साइमा से प्रोग्राम पोस्टपोन करने की बात की। पर बात चीत के क्रम में दोनों में दोनों में झगड़ा हो गया और जिद्दी साइमा ने आवेश में आकर अकेले ही जाने का फैसला कर लिया। इतनी मेहनत करने के बाद अनिश्चित काल के लिए कार्यक्रम को स्थगित या रद्द करने की बात साइमा को जंच नहीं रही थी। साइमा जानती थी निकाह नामुमकिन है तो उसका इमरान से रिश्ता बहुत जज्बाती नहीं था। इमरान उसका फ़ैशन वाला बॉयफ्रेंड था जिससे कॉलेज के लड़के उसे फिजूल का परेशान नहीं करते और यदा कदा चुदाई का मज़ा भी मिल जाता है।
तीन हंस के जोड़े और एक अकेली कबूतरी बस में बैठ कर देहरादून पहुंचे। हंसों के रोमांस को देख कर साइमा को अपनी गलती समझ आ गई थी। उसे प्रोग्राम कैंसल कर देना चाहिए था। अब पूरे रास्ते सब इश्क करेंगे और उन्हें देख देख कर साइमा तरसती रहेगी। साइमा का सारा उत्साह, सारा रोमांच, सारा जोश उसके अरमानों की तरह नाली में बह चुके थे। साइमा ने सोचा अपना रूट छोड़ कर जो सामान्य ट्रैकिंग रूट है उसपर ही जाते हैं। रास्ते में और लोग होंगे तो कोई ऐसी हरकत नहीं कर पाएगा जिसे देख कर साइमा को इमरान की कमी खले। पर साइमा ने इतने उत्साह से सबको अपने प्लान का डिटेल बताया था कि उसे बदलने के लिए कोई तैयार नहीं था। सब एरोटिक एडवेंचर पर आए थे, ट्रैकिंग पर कोई नहीं आया था। केवल बेचारी साइमा प्रेमी युगलों के बीच में अपने किस्मत को कोसती ट्रैकिंग करेगी।
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13-02-2022, 12:55 AM
(This post was last modified: 27-03-2022, 08:36 AM by modern.mastram. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
साइमा को थोड़ा सुकून तब मिला जब ट्रैकिंग ऑर्गनाइज करने वाले टूरिस्ट ऑपरेटरों ने सबको ट्रेडिशनल रूट न छोड़ने की सलाह दी। उन्होंने रूट छोड़ने के खतरों के बारे में हंसों को समझाने का प्रयास किया। कई जगह मोबाइल नेटवर्क नहीं होगा, कोई बिछड़ गया तो फिर उसे ढूंढना मुश्किल हो जाएगा। ट्रेडिशनल रूट में बाकी लोग हेल्प कर देते हैं, पर आप रूट से दूर होंगे तो कोई मदद करने वाला भी नहीं होगा। पहाड़ के मौसम का क्या भरोसा, कब बारिश होगी, कब लैंडस्लाइड? कोई भी रूट कभी भी बंद हो सकता है। जब ऐसी कोई घटना होती है तो मिलिट्री मदद को पहुंच जाती है। पर आप रूट से अलग होंगे तो मिलिट्री को पता भी नहीं चलेगा।
साइमा को सारे खतरे वास्तविकता से अधिक लग रहे थे और उन वासना से भरे हंसों को सारे खतरे ट्रिप को और रोमांचक, और रोमांटिक बनाने वाले। बहुमत प्लान बदलने के पक्ष में नहीं था। साइमा मन ही मन डेमोक्रेसी को मां बहन की गन्दी गंदी गालियां दे कर बहुमत के साथ हो ली। साथ जाने के लिए कोई गाइड तैयार था नहीं। एक स्थानीय वृद्ध ये आश्वासन देकर कि वो इस इलाके के चप्पे चप्पे से परिचित है, साथ जाने को तैयार हो गया।
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(12-02-2022, 01:01 PM)M4masti Wrote: Wow! Modern Mastram is here?
Sure bro! Its pleasant to find someone who recognises you here!
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(13-02-2022, 12:58 AM)modern.mastram Wrote: Sure bro! Its pleasant to find someone who recognises you here!
38k views in 2 days, you still need proof that people here already recognise you.
But please man, post bigger updates.
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13-02-2022, 07:23 PM
(This post was last modified: 27-03-2022, 08:36 AM by modern.mastram. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
फिर क्या था, एक बूढ़ा कौआ, एक जवान कबूतरी और तीन नख से शिख तक वासना से सराबोर हंस के जोड़ों के साथ कारवां पहाड़ों के दरख्तों में समा गया। जहां भी खूबसूरत नजारा मिलता - झरना हो, घाटी हो, या हरे घास का मैदान हो, कारवां ठहरता, हंस कुछ देर नज़ारा देखते, फिर एक दूसरे को देखते, फिर एकांत का कोना ढूंढ़ कर काम क्रिया में लग जाते। कबूतरी अपने किस्मत पर रोती तो कभी बूढ़े कौवे को हसरत से देखती। इस उम्र में इसका खड़ा भी होता होगा? मर्द तो काफी उम्र तक सेक्सुअली एक्टिव रहते हैं। अमेरिका में तो इससे बुड्ढे बुड्ढे मर्द 20-22 की लड़कियों को ट्रॉफी वाइफ बनाते हैं। साइमा कभी कभी अपने हुस्न और जिस्म के ऊंचाइयों और गहराइयों से कौवे को रिझाने का प्रयास करती। फिर सोचती की उसका स्टैंडर्ड इतना भी गिरा हुआ नहीं है कि सड़क चलते एक बुड्ढे से चुदवा ले। कभी कभी वो छिप कर हंसों के संभोग को देखती, कभी अपने उंगली से प्रेम करती, फिर बुड्ढे के बारे में सोचती, फिर अपने स्टैंडर्ड के बारे में, फिर इमरान की खाला को गाली देती, फिर अपने किस्मत को कोसती। जंगल में मंगल करता कारवां आगे बढ़ रहा था और अतृप्त कामना और लिप्सा साइमा को पागल बनाए जा रहे थे।
कहते हैं लड़कियां नक्शा नहीं समझ सकती। जो ट्रैकिंग मैप लेकर साइमा आई थी वो एक नर हंस ने हथिया लिया था और उस कौवे के साथ मिल कर मार्गदर्शक बनने का प्रयास कर रहा था। निराश, उदास साइमा कौवे और हंसों के पीछे पीछे अनमने ढंग से चल रही थी। दो दिन बीत गए थे, हंसों ने कम से कम 7-8 बार संभोग कर लिया था। साइमा कम से कम 20 बार गीली हो चुकी थी। कभी हंसों के क्रीड़ा को देख कर, कभी इमरान के होने पर जो संभावनाएं थी उन्हें सोच कर तो कभी बुड्ढे के बारे में ही सोच कर। 3-4 बार उसने उंगली का सहारा भी लिया पर ज्वालामुखी एक बार भी नहीं फूटा था। दहकते ज्वालामुखी और निराश मन से सबके पीछे चलती साइमा को ज़ोर की पेशाब लगी। सभी जोड़े एक दूसरे में मसगूल थे। साइमा ने सोचा किसी को बताने की क्या ज़रूरत, जल्दी काम खत्म करके तेज़ चल कर उनके साथ हो लेगी। ऐसे तो कोई आस पास था नहीं, वो कहीं भी बैठ कर पेशाब कर सकती थी, पर आदमी आदतों का गुलाम होता है। साइमा रास्ते से हट कर थोड़ा नीचे उतर झाड़ का एक ओट ढूंढने लगी। जब झाड़ मिला तो उसने पीठ पर से बैग उतार कर नीचे रखा और झाड़ के पीछे ट्रेक सूट का पैंट और पैंटी नीचे सरका कर बैठ गई। उसने पेशाब करना शुरू ही किया था कि उसका बैग लुढकने लगा। बैग में उसके कपड़ों के अलावा मोबाइल और कैमरा भी था। साइमा असमंजस में थी, पेशाब करे या बैग पकड़े? पेशाब ज़ोर की लगी थी। बैग को पहाड़ की ढाल पर लुढ़कते देखते हुए साइमा ने पहले अपना काम खत्म किया। फिर ढलान पर संभलते फिसलते उतरते हुए बैग तक पहुंच गई। उतरना तो आसान था पर चढ़ना सचमुच में पहाड़ चढ़ना था।
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(13-02-2022, 07:23 PM)modern.mastram Wrote: फिर क्या था, एक बूढ़ा कौआ, एक जवान कबूतरी और तीन नख से शिख तक वासना से सराबोर हंस के जोड़ों के साथ कारवां पहाड़ों के दरख्तों में समा गया। जहां भी खूबसूरत नजारा मिलता - झरना हो, घाटी हो, या हरे घास का मैदान हो, कारवां ठहरता, हंस कुछ देर नज़ारा देखते, फिर एक दूसरे को देखते, फिर एकांत का कोना ढूंढ़ कर काम क्रिया में लग जाते। कबूतरी अपने किस्मत पर रोती तो कभी बूढ़े कौवे को हसरत से देखती। इस उम्र में इसका खड़ा भी होता होगा? मर्द तो काफी उम्र तक सेक्सुअली एक्टिव रहते हैं। अमेरिका में तो इससे बुड्ढे बुड्ढे मर्द 20-22 की लड़कियों को ट्रॉफी वाइफ बनाते हैं। साइमा कभी कभी अपने हुस्न और जिस्म के ऊंचाइयों और गहराइयों से कौवे को रिझाने का प्रयास करती। फिर सोचती की उसका स्टैंडर्ड इतना भी गिरा हुआ नहीं है कि सड़क चलते एक बुड्ढे से चुदवा ले। कभी कभी वो छिप कर हंसों के संभोग को देखती, कभी अपने उंगली से प्रेम करती, फिर बुड्ढे के बारे में सोचती, फिर अपने स्टैंडर्ड के बारे में, फिर इमरान की खाला को गाली देती, फिर अपने किस्मत को कोसती। जंगल में मंगल करता कारवां आगे बढ़ रहा था और अतृप्त कामना और लिप्सा साइमा को पागल बनाए जा रहे थे।
कहते हैं लड़कियां नक्शा नहीं समझ सकती। जो ट्रैकिंग मैप लेकर साइमा आई थी वो एक नर हंस ने हथिया लिया था और उस कौवे के साथ मिल कर मार्गदर्शक बनने का प्रयास कर रहा था। निराश, उदास साइमा कौवे और हंसों के पीछे पीछे अनमने ढंग से चल रही थी। दो दिन बीत गए थे, हंसों ने कम से कम 7-8 बार संभोग कर लिया था। साइमा कम से कम 20 बार गीली हो चुकी थी। कभी हंसों के क्रीड़ा को देख कर, कभी इमरान के होने पर जो संभावनाएं थी उन्हें सोच कर तो कभी बुड्ढे के बारे में ही सोच कर। 3-4 बार उसने उंगली का सहारा भी लिया पर ज्वालामुखी एक बार भी नहीं फूटा था। दहकते ज्वालामुखी और निराश मन से सबके पीछे चलती साइमा को ज़ोर की पेशाब लगी। सभी जोड़े एक दूसरे में मसगूल थे। साइमा ने सोचा किसी को बताने की क्या ज़रूरत, जल्दी काम खत्म करके तेज़ चल कर उनके साथ हो लेगी। ऐसे तो कोई आस पास था नहीं, वो कहीं भी बैठ कर पेशाब कर सकती थी, पर आदमी आदतों का गुलाम होता है। साइमा रास्ते से हट कर थोड़ा नीचे उतर झाड़ का एक ओट ढूंढने लगी। जब झाड़ मिला तो उसने पीठ पर से बैग उतार कर नीचे रखा और झाड़ के पीछे ट्रेक सूट का पैंट और पैंटी नीचे सरका कर बैठ गई। उसने पेशाब करना शुरू ही किया था कि उसका बैग लुढकने लगा। बैग में उसके कपड़ों के अलावा मोबाइल और कैमरा भी था। साइमा असमंजस में थी, पेशाब करे या बैग पकड़े? पेशाब ज़ोर की लगी थी। बैग को पहाड़ की ढाल पर लुढ़कते देखते हुए साइमा ने पहले अपना काम खत्म किया। फिर ढलान पर संभलते फिसलते उतरते हुए बैग तक पहुंच गई। उतरना तो आसान था पर चढ़ना सचमुच में पहाड़ चढ़ना था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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(13-02-2022, 12:55 AM)modern.mastram Wrote: ,
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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(14-02-2022, 10:09 AM)Mastibaaz Wrote: Are you the same modern mastram who wrote bus ka safar?
Guilty as charged!
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14-02-2022, 07:41 PM
(This post was last modified: 27-03-2022, 08:37 AM by modern.mastram. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
जैसे तैसे साइमा जब ऊपर आई तो कारवां बहुत आगे निकल चुका था। वो दौड़ती हुई बढ़ने लगी पर आगे जाकर एक रास्ता सीधा जा रहा था, एक ऊपर चढ़ रहा था तो एक नीचे घाटी की तरफ जा रहा था। पहाड़ के टेढ़े मेढे पैदल रास्ते में साइमा बहुत आगे तक नहीं देख पा रही थी। उसने हंसों में से 2-3 लोगों को आवाज़ लगाई। पर कोई जवाब नहीं। उसने खुदा पर भरोसा करते हुए नीचे घाटी की तरफ का रास्ता चुना। जल्दी जल्दी कुछ देर चलने के बाद साइमा को एहसास होने लगा कि उसने गलत रास्ता चुन लिया है। वो वापस आई, पर उसे वो मोड़ नहीं मिला जिससे उसने नीचे का रास्ता चुना था। साइमा रास्ता भटक गई थी। उसे टूरिस्ट ऑपरेटरों की तमाम हिदायतें याद आने लगीं। मोबाइल निकाल कर उसने देखा, सिग्नल नहीं मिल रहा था।
घबराई साइमा इधर उधर चल रही थी। कभी किसी रास्ते को पकड़ती, कभी किसी और रास्ते को। उसे समझ नहीं आ रहा था क्या करे, किधर जाए? बेचैन साइमा को दूर, नीचे घाटी में दो आदमी आते दिखे। वो नीचे उतरने लगी। पर जब वो निकट पहुंची तो वो ठिठक गई। वो अकेली लड़की थी, वो कैसे पता करे कि वो दोनों आदमी हैं या दो पैर वाले जानवर? साइमा किंकर्तव्यविमूढ़ सी खड़ी हो गई। वो भटक चुकी थी, अकेला यहां से निकालना असंभव था। पर उन दोनों का भरोसा कैसे करे? अगर उन्होंने उसके साथ कुछ उल्टा सीधा हरकत किया तो वो क्या करेगी? इस वीराने में वो किसी से मदद भी नहीं मांग सकती थी। इसी उधेड़बुन में खड़ी साइमा को उन दोनों ने देख लिया। पास आकर उसमे से एक ने पूछा "आप रास्ता भटक गई हैं?"
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(14-02-2022, 04:39 PM)modern.mastram Wrote: Guilty as charged!
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15-02-2022, 08:31 PM
(This post was last modified: 27-03-2022, 08:37 AM by modern.mastram. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
साइमा ने अकड़ कर जवाब दिया "नहीं। मैं यूं हिं घूम रही हूं।"
"आप यहां की लोकल तो नहीं लगती। फिर इधर क्या कर रही हैं?"
"तुमसे मतलब? गवर्नमेंट ने यहां घूमने पर रोक लगाया है? तुम अपना काम करो।"
"हम तो बस आपकी मदद के लिए पूछ रहे थे, आप फिजूल ही गुस्सा हो रही हैं। आपको जहां घूमना घूमिए, बस अंधेरा होने से पहले यहां से निकल जाइएगा, इस इलाके में जंगली जानवर घूमते हैं।"
साइमा को लगा उसे डराने के लिए वो ऐसा बोल रहे। उसने व्यंगात्मक अंदाज़ में कहा "हां क्यों नहीं? आप तो जंगली जानवरों के एक्सपर्ट होंगे?"
"एक्चुअली जानवरों का नहीं, आप हमें जंगल का एक्सपर्ट कह सकती हैं।" उसमें से एक आदमी ने मुस्कुराते हुए कहा।
"अच्छा! तो आप बोटनिस्ट हैं?" साइमा का टोन अभी भी वैसा ही था।
उस व्यक्ति ने हंसते हुए कहा "नहीं मैडम, बोटनिस्ट नहीं, हम फॉरेस्ट डिपार्टमेंट से हैं।"
साइमा के तल्खी में थोड़ी कमी आई पर वो अभी भी संतुष्ट नहीं थी "फिर यहां वीराने में पैदल क्या कर रहे?"
दूसरे आदमी ने समझाते हुए कहा "दरअसल हम फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन फोर्स के एंटी पोचिंग एंड स्मगलिंग यूनिट के ऑफिसर्स हैं। मैं नीरज कश्यप और ये राजीव ठाकुर। शिकारी और स्मगलर अकसर ऐसे ट्रैकिंग रूट्स यूज करते हैं जिसपर कम लोग आते जाते हैं। उन्हीं को ट्रैक करने के लिए हम रेगुलरली ऐसे रास्ते को पैट्रोल करते हैं। आप देखने से ही भटकी हुई टूरिस्ट लग रहीं थीं वरना हम ऐसे बातें नहीं कर रहे होते, आपके सिर पर रिवॉल्वर होता और हम आपके बैग की तलाशी ले रहे होते।"
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(15-02-2022, 02:31 PM)M4masti Wrote: Like your wordplay man!
Thanks!
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(15-02-2022, 09:58 AM)Mastibaaz Wrote: Woww! Big fan.
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