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होली से दीपावली आ चली है
कोमल भाभी अब तो आना ही होगा
हमारी सुख जाएगी आप की याद में
उम्मीद है आप आओगी जल्दी ही
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aa gayi main, Joru ka gulam khol ke dekhiyege jald hi is post par bhi
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रीत
ये तो घोड़े बेचकर सो गए थे, मैं सोच सोच कर मुस्करा रही थी बीती रात इनकी इनके बहन के साथ कुश्ती लड़ने में बीती, कल की रात मेरी बहन के साथ कुश्ती लड़ने में बीतेगी, ... कल शाम तक हम का घर पहुँच जाएंगे,... मंझली का तो हाईकॉलेज का पेपर चल रहा है, परसो आखिरी पेपर है, ... और सेंटर बनारस में है तो वो तो वहीँ रहेगी, परसों शाम को आ जाएगी, ... होली के पहले,... लेकिन छोटी साली, छुटकी तो कल रहेगी ही इनकी रगड़ाई के लिए , फिर इनकी सलहज, सास. ...
इन्होने जो पेपर, बल्कि कांसेप्ट पेपर भेजा था, मैं उसी को पढ़ रही थी, एक बार तो पहले भी पढ़ चुकी थी, बस दूसरी बार, अबकी थोड़ा ज्यादा ध्यान से देख रही थी, वही कन्वर्जेंस का, आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस, बिग डाटा, क्वांटम कम्प्यूटिंग, नैनो टेक्नोलोजी , और भी बहुत कुछ था,... तभी मेरा फोन घनघनाया, ... फिर दुबारा, जैसे कट जा रहा फिर दुबारा लग रहा हो, ... और जब तीसरी बार यही हुआ तो मैं समझ गयी, और कागज पटक कर, मोबाइल अपना खोल लिया,...
मैं समझ गयी ये आकशवाणी कहाँ से हो रही है, ...
रीत का मेसेज था, और वो बात करना चाहती थी, ...
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रीत
ये तो घोड़े बेचकर सो गए थे, मैं सोच सोच कर मुस्करा रही थी बीती रात इनकी इनके बहन के साथ कुश्ती लड़ने में बीती, कल की रात मेरी बहन के साथ कुश्ती लड़ने में बीतेगी, ... कल शाम तक हम का घर पहुँच जाएंगे,... मंझली का तो हाईकॉलेज का पेपर चल रहा है, परसो आखिरी पेपर है, ... और सेंटर बनारस में है तो वो तो वहीँ रहेगी, परसों शाम को आ जाएगी, ... होली के पहले,... लेकिन छोटी साली, छुटकी तो कल रहेगी ही इनकी रगड़ाई के लिए , फिर इनकी सलहज, सास. ...
इन्होने जो पेपर, बल्कि कांसेप्ट पेपर भेजा था, मैं उसी को पढ़ रही थी, एक बार तो पहले भी पढ़ चुकी थी, बस दूसरी बार, अबकी थोड़ा ज्यादा ध्यान से देख रही थी, वही कन्वर्जेंस का, आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस, बिग डाटा, क्वांटम कम्प्यूटिंग, नैनो टेक्नोलोजी , और भी बहुत कुछ था,... तभी मेरा फोन घनघनाया, ... फिर दुबारा, जैसे कट जा रहा फिर दुबारा लग रहा हो, ... और जब तीसरी बार यही हुआ तो मैं समझ गयी, और कागज पटक कर, मोबाइल अपना खोल लिया,...
मैं समझ गयी ये आकशवाणी कहाँ से हो रही है, ...
रीत का मेसेज था, और वो बात करना चाहती थी, ...
बताया तो था आपको रीत के बारे में , अरे जब ये फॉरेन गए थे अपनी ट्रेनिंग में, कांफ्रेंस में एमस्टर्डम में, इन्होने फोन पर पहले तो इतना ही वहां से बताया था,
" " नाम उसका , ... हाँ , नवरीत देवल , ...एक पक्की पंजाबी जट्टन , लेकिन उसकी आवाज में एकबार मुझे बनारसी बोली की झलक मिल रही थी , ... हम लोग एक कांफ्रेंस में थे बस मैंने पूछ दिया , ... बस , एक जोर की किक , ...टेबल के नीचे से मुझे लगी ,... मेरे कुछ समझ में नहीं आया , ... मीटिंग के बाद , जब हम उठे तो मैं पैर सहला रहा था , ...
वो बोली , " ज्यादा जोर से तो नहीं लगी ,... "
मैं क्या बोलता , वो बोले लगी तो उन्हें जोर से थी , ..ऊपर से हंसती वो लड़की बोली , ... शाम को घर आना , उसने अपना ऐड्र्स दे दिया ,
उनके कुछ समझ में नहीं आया और पूछा तो जोर से डांट पड़ी ,
,
" तुम बहुत हैंडसम हो , स्मार्ट समझते हो , ज्यादा कन्फ्यूजन में मत रहो ,..सात बजे आ जाना , यहाँ तुम्हे जल्दी इंडियन फूड नहीं मिलेगा ,... "
जितने दिन वहां एम्स्टर्डम में रात का खाना उसी के यहां , ...हाँ डांट भी बहुत पड़ती थी , ... और उसने कारण भी बता दिया , ... उसका बनारस से कनेक्शन था
बस वही रिश्ता , मैं भी तो बनारस के पास के गांव की , बस उसी रिश्ते से छोटी बहन , ... और उस रिश्ते से सिर्फ उन्हें नहीं उनकी बहनों को भी खूब गाली मिलती थी लेकिन जाते थे वो क्योंकि खाना अच्छा बनाती थी और उसने ये भी बोल दिया था की आगे से कहीं उसके बनारस के कनेक्शन की बात न करे , वरना वो किक सिर्फ नमूने वाली थी , ...
एक बात और ,... उसने बोल दिया था ,...जब वो लोग उसके घर हों तो उसे सिर्फ रीत कहें वो , नवरीत देवल नहीं। हाँ बाहर सिर्फ नवरीत।
बाद में तो बहुत कुछ पता चला मेरी एक भाभी हैं बनारस की वहीँ सिगरा की, दुबे भाभी उनकी बड़ी बहन सी थीं और वो दूबे भाभी रीत की,... लेकिन अब बात को शार्ट करती हैं बस ये समझ लीजिये बनारस के रिश्ते से मैं उसकी छोटी बहन हो गयी थी और ये बस बिना गाली वो भी असली गन्दी वाली गाली के इनसे बात नहीं करती थी, ... भले ही छोटे सही, लगे तो उसके जिज्जा ही, ...
लेकिन असली बात थी उसकी दिमाग की, लोग कहते हैं की चाचा चौधरी का दिमाग कम्यूटर से भी तेज चलता है,
और रीत का हर जानने वाला कहता है , की रीत का दिमाग चाचा चौधरी से भी तेज चलता है, ...
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रीत की रीत
बाद में तो बहुत कुछ पता चला मेरी एक भाभी हैं बनारस की वहीँ सिगरा की, दुबे भाभी उनकी बड़ी बहन सी थीं और वो दूबे भाभी रीत की,... लेकिन अब बात को शार्ट करती हैं बस ये समझ लीजिये बनारस के रिश्ते से मैं उसकी छोटी बहन हो गयी थी और ये बस बिना गाली वो भी असली गन्दी वाली गाली के इनसे बात नहीं करती थी, ... भले ही छोटे सही, लगे तो उसके जिज्जा ही, ...
लेकिन असली बात थी उसकी दिमाग की, लोग कहते हैं की चाचा चौधरी का दिमाग कम्यूटर से भी तेज चलता है,
और रीत का हर जानने वाला कहता है , की रीत का दिमाग चाचा चौधरी से भी तेज चलता है, ...
साइबर सिक्योरटी, हैकिंग, ब्लैक हैट व्हाइट हैट से बहुत ऊपर, वो कहती थी साइबर वर्ड की मैं अघोरी हूँ, ... और सच में उसका नाम लेते ही,...
मैं भी न कहाँ,... बात कहाँ की कहाँ पहुँच जाती है,...
तो ये घण्टियाँ रीत का सिग्नेचर ट्यून थीं , और उससे बात करने के लिए मुझे वीपीन, डार्क वेब और ढेर सारी बातें इस्तेमाल करनी पड़ती थीं तो सब से पहले मैंने वर्चुअल की बोर्ड खोला, वरना सबसे पहले फिंगर प्रिंट्स तो की बोर्ड के ही हो जाते हैं,... और ये वर्चुअल की बोर्ड भी एक क्लाउड सर्वर पर आपरेट होता था , यानी डिवाइस को आप लाख उलट पलट लें न तो भी कुछ पता नहीं चलने वाला, उसके बाद बायोमेट्रिक्स और प्रेशर पेड यानी एक किसी ऊँगली का प्रेशर बाकी से कम ज्यादा होने पर अंदाज लगा जाता था की आप अपनी मर्जी से नहीं खोल रहे हो बस , ताला बंद तो बंद.
और डार्क वेब का दरवाजा खुलने पर भी उसने अच्छे खासे तगड़े पहरेदार बैठा रखे थे,... लेकिन जिसे रास्ता पता हो,... साढ़े चार मिनट बाद उसकी आवाज सुनाई पड़ी,
जैसा की परंपरा है , पहले उसने इनको दस गालियां सुनाई और मुझे दस नुस्खे बताये की ससुराल में इनके साथ क्या सलूक किया जाय, असली बात ये थी उसे मालूम था की हम लोग एक दिन बनारस भी जाएंगे और दूबे भाभी से भी मिलेंगे। बस उसने ये बोला की हम लोग दूबे भाभी के यहाँ ज्यादा समय गुजारें, उन्हें रीत के बारे में बस इतना बताएं की वो ठीक है, खुश है और तगड़ी है. और उस से भी बढ़ कर उस के बारे में दूबे भाभी से, उस के बनारस के समय के बारे में ज्यादा न पूछें।
थोड़ी देर हम चुप बैठे रहे, मैं रीत से कभी मिली नहीं थी, लेकिन लगता था हम लोग कितने जन्मों की सहेली हैं,
फिर वो चालू हो गयी, वो पेपर पढ़ा.
अच्छी बच्ची की तरह मैं बोली, हाँ वही पढ़ रह थी।
फोन उसने उसके लिए भी किया था लेकिन मैंने एक सवाल कर दिया , और उस का जवाब उसने खिलखिलाते हुए दिया ,
मैंने अपनी तेरी ननदों के लिए जो खेल खिलौने भेजे थे वो ज़रा ले आओ.
( जब ये एम्स्टर्डम गए थे तो वहां ढेर सारे सेक्स ट्वायज ले आये थे)
डबल डिल्डो, सुपर डिल्डो १२ इंच का, कई साइज के स्ट्रैप आन डिल्डो,..
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खेल खिलौने
थोड़ी देर हम चुप बैठे रहे, मैं रीत से कभी मिली नहीं थी, लेकिन लगता था हम लोग कितने जन्मों की सहेली हैं,
फिर वो चालू हो गयी, वो पेपर पढ़ा.
अच्छी बच्ची की तरह मैं बोली, हाँ वही पढ़ रह थी।
फोन उसने उसके लिए भी किया था लेकिन मैंने एक सवाल कर दिया , और उस का जवाब उसने खिलखिलाते हुए दिया ,
मैंने अपनी तेरी ननदों के लिए जो खेल खिलौने भेजे थे वो ज़रा ले आओ.
( जब ये एम्स्टर्डम गए थे तो वहां ढेर सारे सेक्स ट्वायज ले आये थे)
डबल डिल्डो, सुपर डिल्डो १२ इंच का, कई साइज के स्ट्रैप आन डिल्डो,...
रीत ने बोला वो दस इंच वाला स्ट्रैप ऑन डिल्डो कमर में बाँध ले, और वो डबल डिल्डो हाथ में ले ले, ... अरे यार मैंने होती न तो तेरी सारी ननदों की और तेरे उस बहनचोद मर्द, अपने भंड़ुवे जीजा की गाँड़ भी जरूर मारती, इन डिल्डो से,
मुझे जोर की हंसी छूटी और मैं खिलखिलाने लगी, रीत दी न एकदम मेरी असली बड़ी बहन, मेरी वैसे तो कई बड़ी बहन नहीं थी पर ये एकदम और असली बनारसी, ससुराल वालों और वालियों दोनों के अगवाड़े पिछवाड़े,
मेरी हंसी रुकती नहीं थी जल्दी, और मैं खिलखिलाती रही, जब तक रीत की डांट ने मुझे चुप नहीं कराया, और फिर मेरा बोलना चालू, और वो भी जल्दी बंद नहीं होता था
" दी आप नहीं थी, पर आप की छोटी बहने तो थीं न, कोई नहीं बचीं, मम्मी रीतू भौजी और मेरी सहेलियों की परफेक्ट प्लानिंग, मेरे गाँव को तो छोड़िए अगल बगल के गाँव जवार के लौंडों मरदों का कल्याण हो गया, मम्मी ने मेरी सास से ख़ास तौर से कहा था , तीन दिन की बरात और हमारी आम की बगिया में और बरात में जितने मरद लड़के उससे ज्यादा लड़कियां औरतें, सब का ख़ास इंतजाम,
और मेरी सास मान गयी. वो तो नहीं आयी, न बुआ सास न चचिया सास उनको लोगों को खोइया का मजा लेना था, रतजगा करना था, लेकिन बाकी सब, मेरी जेठानी भी हाँक कर, एक एक को, सिर्फ ननदें नहीं उनकी सहेलियां भी ,... मर्दों लड़कों का इंतजाम अलग था थोड़ी दूर के एक बाग़ में जहाँ दो दो आर्केस्ट्रा, सब उसी में मगन,
" और लड़कियों औरतों का,... " रीत से नहीं रहा गया,
" अरे हम लोगन क ढाई बिगहा में आम क बाग़ है खूब गझिन
और दोनों ओर गन्ने के खेत,
त उहे अमवा क बगिया में और ओहमें भी औरतों क छोलदारी अलग और लड़कियन क अलग,... भौजी ने साफ़ साफ़ बोला था, जेतन शादी शुदा है कउनो बिना गाभिन हुए न जाएँ और लौंडियाँ कउनो क झिल्ली सलामत न रहे , और वही हुआ , `एक एक पे दो दो तीन तीन, ... आम क बगिया में,अगले दिन दिन दहाड़े गन्ने क खेत में,... और हाँ एक बची थी संगीता उर्फ़ गुड्डी रानी बहुत छटक रही थीं , तो कल रात, उनके भैया से अच्छी तरह फड़वाया,... " मैंने हाल खुलासा अपनी ससुराल वालियों का बयान किया।
अब रीत के हंसने की बारी थी और उनकी हंसी भी एकदम मेरी हंसी की तरह, जल्दी रुकती नहीं थी, वो हंसती रही खिलखिलाती रहीं फिर रुकी तो बोलीं
" सच में कोमलिया तू मेरी असली छोटी बहन है, अरे ननदों के भैया से हम लोग रोज बिना नागा मज़े लेते हैं और वो बेचारियाँ कभी ऊँगली कभी मोमबत्ती तो कभी बैंगन, उनके लिए लम्बू मोटू का इंतजाम कराने का काम तो हम भाभियों का ही है, ... और हमारे भाइयों से ज्यादा कौन अच्छा होगा उन बेचारियों के लिए , उनके भैया हमारे साथ तो हमारे भैया उनके साथ "
तबतक मैंने वो दस इंच वाला स्ट्रैप ऑन बाँध लिया था , और डबल डिल्डो मेरे हाथ में था, मेरे कुछ बोलने के पहले ही रीतू दी ने कुछ और इंस्ट्रकशन दिया, और वो मैंने जस का तस,...
कमरे में जितने मोबाइल फोन थे, सबकी पहले तो बैटरी निकाल ली, फिर उन्हें आलमारी में कपड़ों के अंदर अच्छी तरह रख दिया, बाथरूम शावर तेजी से चला दिया और मेटल म्यूजिक तेजी से लगा दी, और एक हेडफोन लगा लिया,... और उस डबल डिलडो को ध्यान से देखती रही, कुछ नहीं दिखा,
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Thanku so much komal didi
इतना खुश हूं ना आप को पूरे तेवर में देख के
अब पक्की उम्मीद है सब के नाड़े खुलेंगे ओर कोमल भाभी सब की लेगी
कितनों की सलवार उतरेगी कितनी ही भाभियों की चड्डी सरकेगी ओर कितनों के लहंगे ऊपर होंगे
लगी रहो दीदी 10 इंच उफ़्फ़फ़
मजा आ गया
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(28-11-2021, 02:28 PM)@Kusum_Soni Wrote: Thanku so much komal didi
इतना खुश हूं ना आप को पूरे तेवर में देख के
अब पक्की उम्मीद है सब के नाड़े खुलेंगे ओर कोमल भाभी सब की लेगी
कितनों की सलवार उतरेगी कितनी ही भाभियों की चड्डी सरकेगी ओर कितनों के लहंगे ऊपर होंगे
लगी रहो दीदी 10 इंच उफ़्फ़फ़
मजा आ गया
बस आप साथ निभाती रहिये देखिये
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रीत, वही फागुन के दिन चार वाली , का कहानी में फिर से आगमन
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Didi Agli fuhaar kb tak...
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रीत दी प्रकट- सुपर सीक्रेट कम्युनिकेशन डिवाइस
और उस डबल डिलडो को ध्यान से देखती रही, कुछ नहीं दिखा,
फिर जैसे दी ने कहा था आँख बंद कर के मैं उसे ऊँगली से सहला रही थी , एक जगह बहुत हल्का सा उभरा लगा, मुश्किल से एक सूत रहा होगा, वहां तीन बार दाएं दो बार बाएं घुमाया और आँख खोल दी, एक वर्चुअल की बोर्ड जैसा वहां प्रकट हो गया, ... लेकिन उस पर हिंदी में अक्षर उभरे थे बजाय नंबरों के ,
उसे मैं आँखों के पास ले गयी और घडी देखकर पूरे तीस सेकेण्ड उसे घूरती रही, फिर अपनी ननद का नाम ले ले कर तीन बार गलियां दी,
गुड्डी स्साली, तेरी गाँड़ बनारस के लौंडे मारें, गुड्डी भाईचोद तेरी बुर का भोसड़ा बना दें. मेरे भाई, गुड्डी छिनार, तेरे मुंह में सब बनारस वालों का लंड,... "
और उस वर्चुअल की बोर्ड पर पहले तो गुड्डी फिर उस की उमर और क्लास लिखा, ... और वो वर्चुअल की बोर्ड गायब अब वहां एक छोटा सा स्क्रीन आ गया, अंगूठे के निशान जैसा, उसमें दी लग रही थीं, लेकिन आवाज आयी की मैं उस डबल डिल्डो को मेज पर रख दूँ और स्क्रीन को दीवाल की ओर फेस कर के
बस मैंने वही किया, और दीवाल पर एक बड़ी सी स्क्रीन ५१ इंच के टीवी की तरह उभर आयी और रीत दी प्रकट हो गयीं,
' चल कोमलिया अब हम तुम मिल के गप्प मारते हैं " दी की आवाज दीवाल पर से आयी.
अब मैं समझ गयी थी ये एकदम सुपर सीक्रेट कम्युनिकेशन डिवाइस थी, अगर इनको किसी ने सस्पेक्ट भी किया एम्सटर्डम से सेक्स खिलौने तो लोग आते ही हैं , मोबाइल इनका ये खुद बता ही रहे थे कितनी बार चेक हो गया, पर मान गयी मैं रीत को असल बनारस वाली, दूसरे ये बात सिर्फ मेरी और रीत के बीच थी,
उनके पेपर और उसके बाद जो वो रिसर्च करने वाले थे, मैं जानती थी उसका असर , लेकिन रीत ने ये तरीका सही ढूंढा इनके उस पेपर के बारे में बात करने के लिये ,... और आगे इनकी पोस्ट पर भी मैं और रीत , जहाँ कोई 'ऐसी वैसी ' बात करनी हो , जहाँ स्नूपिंग का ख़तरा हो ये तरीका सबसे अच्छा था सेफ था,
रीत दी सचमुच में रीत दी थीं मेरी असली वाली बड़ी बहन, मेरे मन में उमड़ घुमड़ रहे सवालों का जवाब उन्होंने खुद दे दिया और पहला सवाल था मोबाइल फोन्स को लेकर, ... बैटरी निकालना, कपडे के अंदर तीन तह के रखना, शावर और मेटल म्यूजिक,
" देख मोबाइल से सबसे ज्यादा हैकिंग होती है,... " वो बोलीं और मेरी आदत मैं बीच में ज्ञान बघारने कूद पड़ी, ...
"एकदम दी, इसलिए मैं विज्ञापन वाले और खास तौर से जिसमें कोई लिंक विंक हो, मेसेज या व्हाट्सऐप या मेल एकदम नहीं खोलती जिसमें लिखा हो ५,००० रुपये का इनाम, सुना है खोलते ही कोई वायरस निकलता है और पूरा मोबाइल खंगाल कर,.... मैं तो अननोन नंबर उठाती भी नहीं,... "
लेकिन अब दी की बारी थी बीच में बात काटने की और वो मुस्कराते हुए बोली,
" अरे ध्यान से सुन कोमलिया तेरे फोन में रिकार्ड करने का, और कैमरा तो होगा न,... "
" एकदम दी, आपके बहनोई ने लाकर दिया है , तीन कैमरा वाला फोन एकदम रात के अँधेरे में भी, कल उनकी बहिनिया की उसी से तो खींच खींच कर इनकी सास , सलहज, साली सब के पास भेजी हूँ " मैंने गर्व से बताया, पर जवाब में जो उन्होंने बोला तो मेरे तोते उड़ गए।
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मोबाइल के खतरे
" एकदम दी, आपके बहनोई ने लाकर दिया है , तीन कैमरा वाला फोन एकदम रात के अँधेरे में भी, कल उनकी बहिनिया की उसी से तो खींच खींच कर इनकी सास , सलहज, साली सब के पास भेजी हूँ " मैंने गर्व से बताया, पर जवाब में जो उन्होंने बोला तो मेरे तोते उड़ गए।
" तो सुन जो बोल रही है न वो अब पुरानी बात हो गयी, आज कल तो एक मिस्ड काल आएगी, बस. तुम फोन उठाओ न उठाओ। और आखिर तेरे फोन के कैमरे माइक को तो तुम कमांड देती हों न स्क्रीन पर जा के तो बस वो कमांड दे देगा और उसे वॉयस एक्टिवेटेड बना देगा। फिर तुम उस फोन से बात करो न करो , उस का माइक आफ कर के रखों कैमरा बंद कर के रखो, पर वो अपने आप आन कर देगा, फिर तुम जो भी बात करोगी वो सब फोन में रिकार्ड हो जाएगा , पिक्चर्स भी और ट्रांसमिट भी जाएगा। आज कल मोबाइल के रिसीवर और कैमरे बहुत पावरफुल होते हैं तो तकिये के अंदर, रजाई के नीचे, फुसफुसा के , वो सिग्नल को एम्पलीफाय कर सकता है या वर्ड प्रॉसेसर से उसे लिखे वर्ड में बदल सकता है , तो अगर तेरा मोबायल फोन हैक्ड है या सरवायलेंस पर है भले तो लैंड लाइन पर बात कर रही है , घर में बात कर रही है तो , और आज कल तो ,... इसलिए बैटरी बाहर से किसी भी डिवाइस को एक्टिवेट करना मुश्किल होगा और अगर तब भी कुछ है. तो कपड़ों की तह में उसका सुनना मुश्किल है, और शावर की आवाज मेटल म्यूजिक से जो भी वॉयस सिग्नल होंगे वो इतने कांफ्लिटिंग होंगे ,
रीत दी चुप हो गयी थीं और मैं भी चुप थी, फिर वही बोलीं बल्कि मुझसे जी के टाइप एक सवाल पूछ लिया,
" अच्छा बोल, ये आज कल के जो मॉडर्न फाइटर प्लेन होते हैं अटैकिंग मिसाइल से कैसे डिफेंड करते हैं."
मैं बड़ी जोर से मुस्करायी और पूरा ज्ञान उड़ेल दिया, ...
" दी फाइटर प्लेन, बॉम्ब या मिसाइल छोड़ने के साथ कई फ्लेयर छोड़ते हैं, बस जो उन पर अटैक करने के लिए जो हीट सीकिंग मिसाइल छोड़ते हैं बस वो उन हीट फ्लेयर्स से कन्फ्यूज हो कर,... "
और एक बार फिर दी ने मेरी बात काट के मुझे समझाना शुरू कर दिया,
"एक्जैक्टली,... तो जैसे वो स्क्रीन अपीयर हुयी तेरी स्क्रीन पर न उसी के साथ उसने फाल्स साउंड के सिग्नल भेजने शुरू कर दिए और उसके दो मीटर के दायरे में वही सिग्नल मिलेंगे, हम लोगों की बातचीत स्क्रैंबल हो कर आ रही है. "
लेकिन मेरी अभी भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था, स्ट्रैप आन और ये डबल डिलडो दोनों का इस्तेमाल, ...
और उन्होंने समझा दिया,
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रीत दी चुप हो गयी थीं और मैं भी चुप थी, फिर वही बोलीं बल्कि मुझसे जी के टाइप एक सवाल पूछ लिया,
" अच्छा बोल, ये आज कल के जो मॉडर्न फाइटर प्लेन होते हैं अटैकिंग मिसाइल से कैसे डिफेंड करते हैं."
मैं बड़ी जोर से मुस्करायी और पूरा ज्ञान उड़ेल दिया, ...
" दी फाइटर प्लेन, बॉम्ब या मिसाइल छोड़ने के साथ कई फ्लेयर छोड़ते हैं, बस जो उन पर अटैक करने के लिए जो हीट सीकिंग मिसाइल छोड़ते हैं बस वो उन हीट फ्लेयर्स से कन्फ्यूज हो कर,... "
और एक बार फिर दी ने मेरी बात काट के मुझे समझाना शुरू कर दिया,
"एक्जैक्टली,... तो जैसे वो स्क्रीन अपीयर हुयी तेरी स्क्रीन पर न उसी के साथ उसने फाल्स साउंड के सिग्नल भेजने शुरू कर दिए और उसके दो मीटर के दायरे में वही सिग्नल मिलेंगे, हम लोगों की बातचीत स्क्रैंबल हो कर आ रही है. "
लेकिन मेरी अभी भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था, स्ट्रैप आन और ये डबल डिलडो दोनों का इस्तेमाल, ...
और उन्होंने समझा दिया,
" देख स्ट्रैप आन तेरी बॉडी से टच कर रहा है, और डिल्डो को तुमने अपनी ऊँगली से सहलाया दोनों के बीच कम्युनिकेशन है, दोनों ने तेरी बॉडी डीनए को रीड किया जब दोनों डीनए सेम हुए तभी वो बटन एक्टिवेट हुआ, अगली बार बिना उस स्ट्रैप आन के भी और ये दोनों नैनो पार्टिकल से बने हैं जिसमे कोई भी मेकेनिकल डिवाइस नहीं है इसलिए इन्हे कोई तोड़कर भी देखेगा तो कुछ नहीं मिलेगा, फिर ये कम्युनिकेशन तुम्ही कर रही थी इस के चेक के लिए भी फोर लेवल चेक था, ... अपने बहनोई से मैंने तेरा आधार नंबर,..
" लेकिन दी , आजकल तो सुलभ शौचालय वाले भी आधार कार्ड मांगते हैं तो उससे क्या,... " मैंने फिर बात काटी और वो जोर से हंसी,
" अरे मेरी बहना, उसी नंबर से तो तेरे सारे फिंगरप्रिंट, पुतली के निशान उस ने मैच करा लिया , पहले डीएनए, फिर फिंगर प्रिंट फिर पुतली और फिर वॉयस प्रिंट जो तूने सारे बनारस वालों की रखैल को जो बोला, अगर मैं एक दो शब्द का कोड बताती तो कोई भी समझ सकता था अभी तो कोई भी और उसमें पहले दो शब्द नाम, गाली और चौथा शब्द, शरीर का एक अंग, फिर वर्चुअल की बोर्ड पर तुमने जो नाम लिया था वही लिखा और उसके डिटेल जो मुझे मालूम थे, तो उसके बाद कनेक्शन सिक्योर हुआ है और वो भी पन्दरह मिनट के लिए। "
मैं मान गयी रीत दी
तभी तो बनारस में अभी सभी सब कहते हैं की चाचा चौधरी का दिमाग कम्यूटर से भी तेज चलता है और रीत का दिमाग चाचा चौधरी से भी तेज।
फिर पूरे दस मिनट हम लोगों ने बात की, क्या की , ये बताने की नहीं दी ने कसम धरायी है।
एकदम प्राइवेट और सीक्रेट ,
हाँ ये बता सकती हूँ , बातचीत एकदम सीरियस थी, इनके पेपर से जुडी चीजों के बारे में, थोड़ा बहुत मैं जानती थी लेकिन बाकी कुछ उन्होंने समझाया,... एकदम सीरयस और इसलिए उन्होंने इतना एक्स्ट्रा प्रीकॉशंस बरती थीं
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रीत दी चुप हो गयी थीं और मैं भी चुप थी, फिर वही बोलीं बल्कि मुझसे जी के टाइप एक सवाल पूछ लिया,
" अच्छा बोल, ये आज कल के जो मॉडर्न फाइटर प्लेन होते हैं अटैकिंग मिसाइल से कैसे डिफेंड करते हैं."
मैं बड़ी जोर से मुस्करायी और पूरा ज्ञान उड़ेल दिया, ...
" दी फाइटर प्लेन, बॉम्ब या मिसाइल छोड़ने के साथ कई फ्लेयर छोड़ते हैं, बस जो उन पर अटैक करने के लिए जो हीट सीकिंग मिसाइल छोड़ते हैं बस वो उन हीट फ्लेयर्स से कन्फ्यूज हो कर,... "
और एक बार फिर दी ने मेरी बात काट के मुझे समझाना शुरू कर दिया,
"एक्जैक्टली,... तो जैसे वो स्क्रीन अपीयर हुयी तेरी स्क्रीन पर न उसी के साथ उसने फाल्स साउंड के सिग्नल भेजने शुरू कर दिए और उसके दो मीटर के दायरे में वही सिग्नल मिलेंगे, हम लोगों की बातचीत स्क्रैंबल हो कर आ रही है. "
लेकिन मेरी अभी भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था, स्ट्रैप आन और ये डबल डिलडो दोनों का इस्तेमाल, ...
और उन्होंने समझा दिया,
" देख स्ट्रैप आन तेरी बॉडी से टच कर रहा है, और डिल्डो को तुमने अपनी ऊँगली से सहलाया दोनों के बीच कम्युनिकेशन है, दोनों ने तेरी बॉडी डीनए को रीड किया जब दोनों डीनए सेम हुए तभी वो बटन एक्टिवेट हुआ, अगली बार बिना उस स्ट्रैप आन के भी और ये दोनों नैनो पार्टिकल से बने हैं जिसमे कोई भी मेकेनिकल डिवाइस नहीं है इसलिए इन्हे कोई तोड़कर भी देखेगा तो कुछ नहीं मिलेगा, फिर ये कम्युनिकेशन तुम्ही कर रही थी इस के चेक के लिए भी फोर लेवल चेक था, ... अपने बहनोई से मैंने तेरा आधार नंबर,..
" लेकिन दी , आजकल तो सुलभ शौचालय वाले भी आधार कार्ड मांगते हैं तो उससे क्या,... " मैंने फिर बात काटी और वो जोर से हंसी,
" अरे मेरी बहना, उसी नंबर से तो तेरे सारे फिंगरप्रिंट, पुतली के निशान उस ने मैच करा लिया , पहले डीएनए, फिर फिंगर प्रिंट फिर पुतली और फिर वॉयस प्रिंट जो तूने सारे बनारस वालों की रखैल को जो बोला, अगर मैं एक दो शब्द का कोड बताती तो कोई भी समझ सकता था अभी तो कोई भी और उसमें पहले दो शब्द नाम, गाली और चौथा शब्द, शरीर का एक अंग, फिर वर्चुअल की बोर्ड पर तुमने जो नाम लिया था वही लिखा और उसके डिटेल जो मुझे मालूम थे, तो उसके बाद कनेक्शन सिक्योर हुआ है और वो भी पन्दरह मिनट के लिए। "
मैं मान गयी रीत दी
तभी तो बनारस में अभी सभी सब कहते हैं की चाचा चौधरी का दिमाग कम्यूटर से भी तेज चलता है और रीत का दिमाग चाचा चौधरी से भी तेज।
फिर पूरे दस मिनट हम लोगों ने बात की, क्या की , ये बताने की नहीं दी ने कसम धरायी है।
एकदम प्राइवेट और सीक्रेट ,
हाँ ये बता सकती हूँ , बातचीत एकदम सीरियस थी, इनके पेपर से जुडी चीजों के बारे में, थोड़ा बहुत मैं जानती थी लेकिन बाकी कुछ उन्होंने समझाया,... एकदम सीरयस और इसलिए उन्होंने इतना एक्स्ट्रा प्रीकॉशंस बरती थीं
और दूसरा फोन इंटरनेट वाला ,... मैंने पूछ लिया।
"उसका इस्तेमाल घर में करो न , बैंकिंग का काम या नेट का कोई और काम , बाकी के लिए तो तेरे पास आई पैड है ही, पर उसमें भी बायोमेट्रिक सिक्योरिटी और फोन की तरह मेल आईडी भी ,... जो कॉमन वाली मेल आई डी हो,... हाँ लेकिन मेरे बहनोई से बात करने के लिए उसका इस्तेमाल कभी मत करो , क्योंकि तेरे उस फोन के हैक होने की पूरी संभावना है लेकिन एक फोन होना चाहिए जिसे हैकर्स हैक कर सके, मेसेज वाले मेसेज भेज सकें वरना सब सोचेंगे न की आज के ज़माने की लड़की और मोबाइल नहीं , व्हाटसअप नहीं, तो तेरी ननदों का जो ग्रुप है , सहेलियों का ग्रुप है, उसके लिए तो एक फोन चाहिए अपनी ननदों की अच्छी अच्छी फोटो अपनी भाभियों और माँ से शेयर करोगी तो उसके लिए फोन चाहिए न , हाँ इसके लिए तुम वो तीन कैमरे वाला फोन इस्तेमाल करो. और कभी बाहर ले भी जाना हो तो उसे बंद कर के बैटरी निकाल के, पर्स में। "
रीत दी ने अच्छी तरह समझा दिया , लेकिन साथ में एक वार्निंग भी दे दी ,
" और उस फोन से मेरे बहनोई को तो फोन करना मत और कोशिश करो की जब कभी वो आफिस वाली बात कर रहे हों, या कोई और तुम ही उनसे कोई बात कर रही हो , तो वो फोन कमरे के बाहर हो, या अलमारी में बंद हो "
लेकिन मान लीजिये कभी मुझे आपके नालायक बहनोई से बात करनी ही पड़े ,... " खिलखिलाते हुए मैंने मन की बात पूछ ली.
" अरे तू भी न , इसलिए तो तीसरा फोन बोला था न, लेकिन वो इमरजेंसी फोन की तरह बस आठ दस लोग, और घर वाले रिश्तेदार दोस्त सहेलियां एकदम नहीं क्योंकि फिर वो नंबर वो बांटने लगेंगे और फिर वो ट्र कॉलर पर आ जाएगा। और उस फोन में कोई जीवाणु कीटाणु घस गए तो वहां से तेरे ननद के यार के फोन में ,... "
रीत दी अपने असली रंग में आ रही थीं, मैंने भी उसी तरह जवाब दिया।
दी, मेरी ननद के यारों की कोई गिनती नहीं, उसने खुद कबूला है कुल चौदह भौरें उसके पीछे मंडरा रहे हैं सात का तो व्हाट्सअप मेसेज भी मुझे फारवर्ड भेज चुकी है, हाँ बात ये सही आपके बहनोई ने उसकी झिल्ली फाड़ी है इसलिए यार नंबर वन तो वही हुए न। और फिर उसके बाद तो मेरे आपके , हमारे भाई सब बनारस वाले उसका रस लेंगे चढ़ेंगे उसके ऊपर,... तो वो भी तो उसके यार ही होंगे , मेरा पक्का इरादा है उसकी सेंचुरी बनवाने का। "
" एकदम " ननदों के बारे में मेरी और रीत दी की राय में पूरी तरह से इत्तफाक था , और बल्कि दी बोलीं , " यार ननद के तो आठ दस यार एक साथ, जब तक गैंग बैंग न हो तो क्या मज़ा"
लग रहा था वो जाने वाली हैं फिर रुक गयीं, बोली उस अनारकली ऑफ़ आजमगढ़ का नंबर तो बता ज़रा,... और वो तो मुझे रटा पड़ा था, पल भर के लिए वो अदृश्य हुईं और लौट के बोलीं
स्साली मस्त माल है , एकदम कच्ची अमिया कुतरने लायक कचर कचर,...
दी आपने कैसे देख लिया , मैं चकित हो गयी.
वो हंसने लगी, बोलीं, वही तो तू अकेले ननद का मजा लेगी, फिर सीरियस हो के बोलीं ,
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एक ऐप ऐसा
" ननदों के बारे में मेरी और रीत दी की राय में पूरी तरह से इत्तफाक था , और बल्कि दी बोलीं , " यार ननद के तो आठ दस यार एक साथ, जब तक गैंग बैंग न हो तो क्या मज़ा"
लग रहा था वो जाने वाली हैं फिर रुक गयीं, बोली उस अनारकली ऑफ़ आजमगढ़ का नंबर तो बता ज़रा,... और वो तो मुझे रटा पड़ा था, पल भर के लिए वो अदृश्य हुईं और लौट के बोलीं
"स्साली मस्त माल है , एकदम कच्ची अमिया कुतरने लायक कचर कचर,...
दी आपने कैसे देख लिया , मैं चकित हो गयी.
वो हंसने लगी, बोलीं, वही तो तू अकेले ननद का मजा लेगी, फिर सीरियस हो के बोलीं ,
" देख अभी तो मैंने डिफेन्स सिखाया था, सिक्योर बात हम दोनों के बीच लेकिन अभी मैंने तेरी ननद के फोन में एक जादू डाल दिया है और वही तेरे फोन में भी जब बैटरी लगा के ऑन करेगी, तो आ जाएगा , एक फूडी ऐप ऐसा, बस अब तू अपनी ननद की बात सुन सकती है उसे देख सकती है, यारों के साथ वो फोन आठ दस मीटर दूर भी रहेगी बैग में भी रखेगी तो भी तुझे सुनाई देगा , बाहर होगा तो दिखाई भी देगा वो क्या कर रही है , लेकिन उससे भी बड़ी बात, उसका जो बहनों वाला ग्रुप है न उसमे भी तू सेंध लगा सकती है , सहेलियों , भौरों, के फोन में भी उस ऐप में ४८ नंबर्स को टैग कर सकती है, तो उस ननद रानी के फोन के बाद उसकी जितनी कजिन्स हैं,
मैं फिर टोका उन्हें १४ तो कुँवारी है इनकी सारी कजिन्स और शादी शुदा में मुझे दिलचस्पी नहीं।
" तो बस उन चौदहों को अभी ,... और ज्यादा टाइम नहीं लगता घुसने में, ... और हरदम देखना भी पन्दरह दिन तक की तो वो रिकार्डिंग रखता है तू उसे किसी हार्ड ड्राइव पर सेव भी कर सकती है , पन्दरहवें दिन पुराने सात दिन की रिकार्डिंग डिलीट हो जाती है। "
मैंने मन ही मन दी का जय कारा बोला, मुझे यही परेशानी खाये जा रही थी,कल तो मैं चली जाउंगी और कम्मो की प्लानिंग कभी फेल नहीं होती, उसने होली के अगले ही दिन तीन तीन जबरदस्त पठान के लौंडो को अपने गाँव से बुलाया है, गुड्डी रानी की गाँड़ फाड़ने के लिए और मैं देख भी नहीं पाउंगी,
दुनिया का सबसे अच्छा संगीत चुदती हुयी ननद की चीख सुनना है , और अब वो मैं सुन सकती थी." तो चल मिलते हैं ब्रेक के बाद हाँ अगली बार बस यही डबल डिलडो, स्ट्रैप आन की जरूरत नहीं पड़ेगी , और उन खिलौनों में से पांच जो मैं बता रही हूँ अपने साथ रखना भले बाकी ननदों के लिए छोड़ दे."
उस डबल डिलडो और सुपर स्ट्रैप ऑन के अलावा दो वाइब्रेटर और एक इन्फ्लेटेबल डिलडो था, सब के सब लाल, या काले रंग के थे. बाकी अभी सात आठ बचे थे , मैंने तय किया था की एक १२ इंच वाला कम्मो को दे जाउंगी गुड्डी रानी की फाड़ने के लिए.
रीत अदृश्य हो गयीं।
और अब मैं उस डबल डिलडो को सहला रही थी लेकिन वो उभरी हुयी डाट नहीं महसूस हो रही थी. स्ट्रैप ऑन भी मैंने उतार दिया, पानी और म्यूजिक बंद किया और सारे मोबाइल्स में बैटरी डाली।
यस्स मैं जोर से उछली।
फूडी वाल ऐप था और मेंने उसे ऑन किया तो ननद रानी फोन पर अपने एक भवरे को चारा डाल रही थीं, आवाज एकदम साफ़ सुनाई दे रही थी और वो दिख भी रही थी छोटी सी फ्राक पहने अपने कमरे में अकेले। लेकिन मेरी प्रायर्टी कुछ और थी , मैं उसके व्हाट्सऐप ग्रुप में घुसी और चुन चुन कर उन चौदह कन्याओ को , इनकी कजिन्स के मोबाइल नंबर इकट्ठा करके उसी ऐप में,...
और अब मेरे ऐप पर वो पद्रह कन्याये थी , उनकी फोटुएं , अगर वो कही बात करतीं या मेसेज करती चैट करती तो एक लाइट सी जल जाती और मैं सब सुन सकती थी।
तब तक बाहर से कुछ आवाज आयी , मेरी सास और जेठानी आ गयी थीं।रात भर की जगी मैं थकी थी, निंदासी, बार बार उबासी आ रही थी, लेकिन मेरी सास और जेठानी तो मुझसे भी ज्यादा थकी लग रही थीं,
बताया तो था इनकी एक चचेरी बुआ हैं , आयी थी मेरी शादी में उनकी लड़की भी, मेरी ही उम्र की होगी, नन्दोई जी ने खूब मस्ती की थी उससे, मज़ाक में वो थी भी नंबरी, ... हाँ तो उसी की शादी तय हो गयी थी , शादी तो खैर जाड़े में होगी, लेकिन कोई रसम थी खास तो मेरी सास और जेठानी उसी में गयी थीं. मुझे कल इनकी ससुराल जाना था इसलिए मैं नहीं गयी थी, मैंने खिलखिलाते हुए सासू जी को छेड़ा,
" क्यों कल रात फूफा जी ने सोने नहीं दिया था क्या, ? "
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Kya baat hai कोमल दीदी ओर रीत दीदी कुँवारी छोरियों की लेने के फूल मूड में है
आप दोनों ओर वो बेचारी गुड्डी
दीदी बहुत बहुत मजा आने वाला है
बस रहा नहीं जा रहा है
उफ़्फ़फ़फ़ माँ बस जल्दी ही
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kya baat aapka intezaar tha
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Hlo didi kaha ho updates do naa plz didi bahut man ho raha hai ab to
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