07-05-2019, 12:57 AM
Ok...to ABB reply bhi Nahi aayegi..
Misc. Erotica मजा पहली होली का ससुराल में ,
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07-05-2019, 12:57 AM
Ok...to ABB reply bhi Nahi aayegi..
14-05-2019, 01:33 AM
Waiting for upcoming encounter with Ritu Bhabhi
15-05-2019, 12:48 AM
Waiting komal ji
14-06-2019, 09:00 AM
(This post was last modified: 04-10-2019, 04:18 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
होली ,... जीजा साली
जीजा साली रंगों में डूबे, नहाये, ‘असली होली’ का मजा ले रहे थे। और जब उनकी पिचकारी ने रंग छोड़ा, अपनी प्यारी साली की कच्ची चूत में वो दो बार किनारे लग चुकी थी। थोड़ी देर तक वो दोनों ऐसे ही चहबच्चे में पड़े रहे, खड़े। और फिर जब वो निकले, उनकी सालियों, छुटकी और लीला ने उन्हें घेर लिया। रितू भाभी ने दोनों हाथों से, पकड़कर अपनी छोटी ननद रीमा को निकाला। उसमें जरा भी ताकत नहीं बची थी। निकलते ही वहीं वो आम के पेड़ के नीचे घास पे धम्म से लेट गई। रितू भाभी, अभी-अभी ‘कली से फूल बनी’ अपनी ननद का प्यार से सर सहलाती तो कभी छेड़ते हुए उसके टिकोरे। मैं खाने पीने के इंतजाम में लग गई। मम्मी ने ढेर सारी खाने पीने की चीजें बगीचें में रख दी थी। गुझिया, दहीबड़े, समोसे, ठंडाई (कहने की बात नहीं कि सबमें भांग की गोलियां नहीं गोले थे) और एक आइस बाक्स में चिल्ड बियर के ढेर सारे कैन। होली शुरू होने के पहले ही रितू भाभी ने अपनी सारी ननदों को बियर का एक-एक कैन पिला दिया था (और साथ में भांग वाली गुझिया)। मैंने भी बियर के कैन निकाल के फिर से सबको दिए और एक प्लेट में गुझिया, और खुद दो कैन लाकर रीमा के पास बैठ गई। रीमा ने कुछ देर तक तो ना-नुकुर किया, फिर कैन पकड़ लिया। “क्यों कैसा लगा?” मैंने मुश्कुराकर उससे पूछा। “दीदी दर्द बहुत हुआ…” फिर कुछ रुक के मुश्कुरा के बोली- “लेकिन मजा भी बहुत आया…” उसकी पीठ सहलाते मैं बोली- “अरी यार, पहली बार था न… लेकिन आगे से सिर्फ मजा आएगा…” और थोड़ी देर में उधर रितू भाभी चालू हो गईं, उन्होंने अपनी दोनों छोटी ननदों को उकसाया और थोड़ी देर में सपड़-सपड़, छुटकी और लीला, उनका लण्ड चाट चूसरही थीं। और रितू भाभी तो और… उन्होंने एक बियर का कैन खोला और सीधे उनके आधे, तन्नाये लण्ड पे बूँद-बूँद टपकाना शुरू किया और, नीचे से उनकी दोनों सालियों, छुटकी और लीला ने, घोंटनाशुरू किया। पल भर में उनका लण्ड पागल हो गया। लेकिन रितू भाभी इतनी आसानी से अपने नंदोई को नहीं छोड़ने वाली थी। उन्होंने इशारे से लीला और छुटकी को बुलाया और उनकी चूचियों पर से शराब बूँद-बूँदटपकाने लगीं। अबकी पीने का काम ‘इनका’ था। कुछ देर तक दूर से मैं और रीमा देख रहे थे, फिर हम दोनों पास आ गए। उनका लण्ड इस छेड़खानी से सख्त हो गया था और इसी बीच ननद भाभी की भी छेड़खानी चालू हो गई। हम लोगों ने रितू भाभी को निसूता कर दिया और उन्होंनेमुझे, छुटकी और लीला को। रीमा और वो तो पहले ही। रीमा ने उस लण्ड को जिसने थोड़ी देर पहले ही उसकी झिल्ली फाड़ के हम लोगों के दर्जे में लाकर खड़ा कर दिया था प्यार से देख रही थी और फिर जब नहीं रहा गया तो जोर-जोर से मुठियाने लगी। रितू भाभी ने अपनी ननदों को ललकारा- हे… अब किस साल्ली का नंबर है। आ जा चढ़ जा मीठी शूली पे, मस्त खड़ा है गन्ना। घोंट ले गन्ने को नीचे वाले मुँह में पी जा सारा रस…”
14-06-2019, 09:02 AM
(This post was last modified: 13-10-2019, 05:58 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
लीला
रितू भाभी ने अपनी ननदों को ललकारा- हे… अब किस साल्ली का नंबर है। आ जा चढ़ जा मीठी शूली पे, मस्त खड़ा है गन्ना। घोंट ले गन्ने को नीचे वाले मुँह में पी जा सारा रस…” लीला ने बहुत नखड़े किये बहाने बनाये, लेकिन अब रीमा और छुटकी ने भी भाभी का साथ दिया और जबरन उसे पकड़कर सीधे तने लण्ड के ऊपर खड़ा कर दिया। नीचे से रीमा लण्ड को पकड़कर छेद को सीधे सुपाड़े के ऊपर सेण्टर कर रही थी, और ऊपर से उसके कंधे को पकड़कर रितू भाभी और छुटकी दबा रही थीं। ये भी अपनी कुँवारी साली की पतली कमर पकड़कर, नीचे की ओर खींच रहे थे। तभी रितू भाभी ने रीमा को जबरदस्त आँख मारी और रीमा ने भी मुश्कुरा के जवाब दिया और फिर सेंटर। लीला बहुत जोर से चिल्लाई। रितू भाभी ने दबाव दूना कर दिया। वो लाख चूतड़ पटकती रही, गाण्ड उचकाती रही, चीखती चिल्लाती रही, लण्ड सूत-सूत करके अंदर घुसता रहा। जितना वो गाण्ड पटक रही थी, उतना ही लण्ड अंदर सरक रहा था। थोड़ी देर में लीला सुपाड़ा गटक चुकी थी। मैंने ध्यान से देखा तो बदमाशी पता चली। लण्ड बजाय आगे के छेद के गाण्ड में घुसा था। जब रितू भाभी ने अपनी प्यारी ननद रीमा को आँख मारी तो, रीमा ने बजाय आगे के छेद के लीला की गाण्ड जोर से फैलाकर लण्ड सीधे गाण्ड पे सेंटर कर दिया। बाकी का काम रितू भाभी ने ऊपर से पूरी ताकत से जोर लगा के कर दिया। लण्ड लेने में वो जो नखड़ा चोद रही थी, उसी पे रीमा और रितू भाभी का ये जवाब था। तभी लीला ने उगल दिया- “मैं कौन सा पहली बार चुदा रही हूँ, रीमा की तरह। आज तक कभी इतना दर्द नहीं हुआ था…” और हम सब खिलखिला के हँसने लगे- “पहले चूत में गया होगा, आज गाण्ड में घोंट रही हो चूत मरानो…” रितू भाभी बोलीं। “अरे जानी, ये मेरे जीजू का गदहा मारका लण्ड है कोई मजाक नहीं…” रीमा, लीला के चूतड़ पे जोर से थप्पड़ मारते बोली। लीला ने कबूला की वो अपने सगे भाई से 8-10 बार चुदवा चुकी है। तब तक आधा लण्ड उसकी गाण्ड घोंट चुकी थी। उसने बहुत हाथ पैर जोड़े कि फिर कभी छिनारपना नहीं करेगी, तो रीमा और रितू भाभी ने लण्ड गाण्ड से निकालकर बुर पे सेट किया। कुछ देर हम सब लीला की चुदाई देखते रहे। अब लीला नीचे थी और ये ऊपर। तभी मुझे आइडिया आ गया और वो भी जबरदस्त।
14-06-2019, 09:19 AM
भाभी एक ननदे तीन
ऐसा बहुत कम होता है की भाभी एक हो और ननदे तीन। मैंने, रीमा और छुटकी की ओर देखा और दोनों ने इशारा समझ लिया और एक ने रितू भाभी का एक हाथ पकड़ा और दूसरी ने, दूसरा, और रितू भाभी की दोनों चूचियां हाथ में थी। जिस तरह से वो अपनी साली की चूचियों का मजा ले रही थीं, उसी तरह मैं उनकी सहलज के जोबन का। कौन सा रंग, पेंट कीचड़ नहीं बचा होगा जो मैंने न लगाया हो भाभी के चूतड़ों और चूचियों पे। मैं ससुराल में अपनी होली से पूरी तरह ट्रेंड होकर आयी थी, इसलिए चम्पा भाभी के यहाँ की होली की तरह, मैंने यहाँ भी, गुलाल भर के कंडोम के दर्जन भर डिल्डो बना रखे थे। और कोई 8” इंच से कम नहीं था। बस वही एक डिल्डो, मैंने थोड़ी देर रितू भाभी की बुर पे पहले बहुत देर तक रगड़ा और फिर घचाक से अंदर। वो लीला को चोद रहे थे, मैं रितू भाभी को। और छुटकी और रीमा, भाभी की चूचियों पे रंग पोत रही थीं। भाभी खूब मस्त गालियां हमको दे रही थी। लेकिन रितू भाभी भी कम नहीं थी, अपने नइहर की पक्की छिनार, उन्होंने रीमा की चूची जोर से पकड़ ली और जब मैं उसे छुड़ाने के लिये उठी, तो बस, उन्हें मौका मिल गया। वो ऊपर, उनकी ननद रीमा नीचे। और अपनी दो उंगलियां, उन्होंने रीमा की चूत में पेल दी- “अरे छिनार, हमार भतार चोदी, तुझे जिल्ला टाप रंडी न बनाया तो कहना, तोहरे लिए तो हमार उंगली ही बहुत है। निक है की तोहरे जीजा की मलायी ऊपर तक भरी है, ले घोंट…” और क्या चुदाई रितू भाभी ने उंगली से की, क्या कोई मर्द लण्ड से करेगा। और मैं ये देखने में मगन थी की, उन्होंने रीमा को छोड़कर मुझे पकड़ लिया और अब की तीन उंगलियां, मेरी बुर में। हचक-हचक, सटासट सटासट, गपागप-गपागप। मैं भी हाथ पैर नहीं पटक रही थी चुपचाप रितू भाभी के नीचे दबी होली का मजा ले रही थी। और मायके में आने के बाद मैं पहली बार झड़ी। रितू भाभी भी मेरे साथ झड़ गईं। लेकिन मैंने मान लिया, रीमा छुटकी की सहेली, एकदम मेरी बहन की तरह ही है। रीमा ने एक सबसे लम्बा डिल्डो उठाया और कचाक से भाभी की गाण्ड में। और उनकी बुर में जो डिल्डो मैंने डाल रखा था वो अभी तक था। मिलकर हम दोनों ने भाभी की सैंडविच बनायीं। और भाभी कि उंगलियां चालू हो गई थीं। थोड़ी देर में हम तीनों फिर झड़ गए। उधर उन्होंने उसी के साथ कटोरी भर मलायी लीला की चूत में छोड़ दी थी।
26-07-2019, 08:52 PM
(This post was last modified: 13-10-2019, 06:24 PM by komaalrani. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
रीतू भाभी
रीतू भाभी एकदम थेथर, थकी हारी पड़ी थी , मैंने छुटकी की सहेली रीमा की ओर तारीफ़ की नजर से देखा , जो काम कभी नहीं हुआ था , वो आज हुआ , हर बार हम ननदों की होली में जबरदस्त रगड़ाई होती थी , बाजी हर बार भौजाइयों के हाथ होती थी , एक तो वो संख्या में ज्यादा होती थीं , हर बार एक साथ दो तीन भौजाइयां एक साथ , एक पहले हाथ पकड़ के पीठ की ओर मोड़ देती थी , फिर तो आराम से शलवार का नाडा खुलता था , टॉप ऊपर उठता था , रंग से शुरुआत जरूर होती लेकिन उसके बाद देह की होली , ... और ज्यादा होने के साथ साथ भौजाइयाँ सब , पक्की ,... मायके की छिनार खूब खेली खायी , देह का भूगोल उन्हें अच्छी तरह मालुम होता था , और दूसरी ओर कच्ची कलियाँ , ... जवान होती ननदें , ... अगवाड़ा पिछवाड़ा कुछ नहीं बचता था , लेकिन आज कैसे हचक हचक के रीमा ने , रीतू भाभी की गांड में मोटा डिलडो पेला , एकदम मजा आगया , आगे से बुर में मैंने पेल रखा था , और पीछे से रीमा ने , और जिस तरह से इनकी सलहज चींखी थीं , मैं समझ गयी , रीतू भाभी की कोरी तो नहीं है लेकिन बहुत मूसल नहीं चले हैं उसमें , भैया को , उनके मरद को लगता है उनके अगवाड़े का स्वाद ज्यादा पसंद है , रीतू भाभी की के नन्दोई की तरह जो बिना नागा मेरे पिछवाड़े बाजा बजाते हैं , और न छेद छेद में भेद करते हैं न लड़के लड़की में , मेरे छोटे भाई की , अपने साले की जबरदस्त गांड मारी उन्होंने और वो भी मेरे सामने , ... वो और लीला , उनकी साली , छुटकी की नौंवे में पढ़ने वाली सहेली भी , , ... लीला की उन्होंने हचक के ली थी , और रीतू भाभी ने भी तो अपनी छोटी ननद के बजाय अगवाड़े के पीछे , ननदोई का मोटा मूसल सेट कर दिया था और कहाँ उनका मोटा कोकाकोला के कैन ऐसा मोटा बांस कहाँ नौवें में पढ़ने वाली कच्ची कली , वो भी पिछवाड़े का छेद ,... पर रीतू भाभी भी , ... लीला चीख रही थी , और इनकी सलहज पकड़ के ठेलवा रही थीं , सच में ननद की चीख तो भौजाइयों के लिए मधुर संगीत होता है , पूरा सुपाड़ा घुसाने के बाद ही इनकी सलहज ने सुपाड़ा निकाल के आगे के छेद में और उसके बाद तो क्या हचक के , चोदा उन्होंने छुटकी की सहेली को , नौवीं में पढ़ने वाली कच्ची कली को , थोड़ी देर पहले ही छुटकी की दूसरी सहेली रीमा की कुँवारी कच्ची कसी चूत वो फाड़ चुके थे इसलिए दूसरे राउंड में तो ज्यादा टाइम लगना ही था , और सुबह नाश्ते में उनकी सास ने शतावर , शिलाजीत गाय का गहि और न जाने क्या पड़ा एक के के बजाय दो दो लड्डू , और एक लड्डू ही फूल डोज वियाग्रा का चौगुना असर करता था ,.. आधे घंटे तक उन्होंने तूफ़ान मेल चलाई थी उस कच्ची कली की चूत में और कटोरी भर मलाई , रीतू भाभी को देख कर मुझे एक शरारत सूझी , जो मजा मोटे लंड में है वो प्लास्टिक के डिलडो में कहाँ , कल रीतू भाभी का साया नहीं पलटा गया था की उनकी पांच दिन वाली छुट्टी चल रही थी , लेकिन वो छुट्टी कल ही ख़तम हो गयी थी इसलिए और उन्होंने ससुराल में साले की गांड का मजा लिया , सालियों की कच्ची कोरी कसी चूत फाड़ने का मजा लिया , सास के रसीले भोंसडे का आनंद लिया लेकिन सलहज की बुर चोदे बिना ससुराल की होली अधूरी ही रहती। और उनकी बाकी दोनों सालियाँ रीमा और छुटकी अब एक बार फिर सोये शेर को जगा रही थीं ,अपनी किशोर उँगलियों से रसीले होंठों से अब आप ही सोचिये , दो दो नयी उमर की नयी फसल , गोरी गोरी छोरियां , नौ में पढ़ने वालियां , जवानी जिन पर बस अभी चढ़ रही हो , छोटी छोटी चूँचियाँ बस उठ रही हों , वो अपने कोमल कोमल हाथों से चर्मदण्ड को ले कर मुठियाएँ तो क्या होगा , ऊपर से रीमा शैतान , जिसकी झिल्ली अभी थोड़ी देर पहले फाड़ कर इन्होने उसे कली से फूल बनाया था , वो शरारती नटखट , बस झुक कर , उसने अपनी जीभ बाहर निकाल कर , बस उनके मोटे सुपाड़े छू भर लिया , और मूसलचंद पागल। उनकी दो सालियाँ छुटकी , मेरी छोटी बहन और उसकी सहेली , रीमा तो उनके पास थीं पर एक साली मेरे साथ , लीला , उनकी सलहज , रीतू भाभी के बगल में बैठी मेरे साथ भाभी की हालत देख रही थी , और जैसा मैंने कहा था की हर बार भाभियाँ होली में २० नहीं २४ पड़तीं थी हम ननदों पर , कल भी तो ,... लेकिन आज रीतू भाभी अकेली , और हम ननदें चार। मैं , छुटकी और उसकी दोनों सहेलियां। अभी कुछ देर पहले ही तो मैंने और रीमा ने मिल कर भौजाई की जबरदस्त सैंडविच बनाई थी , पर अब उनके नन्दोई का मोटा तन्नाया लंड देखकर मेरे मन में कुछ और बदमाशी , ... आखिर उन्होंने अभी होली के बहाने दो सालियों की हम सबके सामने फाड़ी थी , कच्ची कोरी कसी कसी नौवें में पढ़नी वाली सालियाँ ,.. और सलहज अभी तक बची थीं और यही बात लीला के मन में भी , हम दोनों ने आँखों आँखों में इशारा किया , बस , और रही सही बात भौजी ने खुद , इन्हे ललकार कर कहा , " इतना मस्त तन्नाया है , अबकी किसका नंबर है " बस मैंने और लीला ने मिलकर भउजाई के हाथ पैर पकडे और वो रंग भरे चहबच्चे में , बस यह देखते ही उनकी बाकी दोनों ननदें , छुटकी और रीमा भी उसी रंगभरे छोटे से पोखर में ऐसा मौका कहाँ मिलता है , भाभी एक ननदें चार। बस हो गयी रगड़ाई शुरू , एक दो के बस तो होती नहीं भाभियाँ , बस मैंने रीमा के साथ मिल के रीतू भाभी के दोनों हाथ पकड़ कर उनके पीठ के पीछे , बस छुटकी और लीला की तो चांदी हो गयी , दोनों हाथों में रंग पेण्ट कालिख , और भौजी के दोनों जोबना की रगड़ाई , ... हर होली में जो हालत ननदों की होती है , बस वही। कपडे तो सबके बस तार तार हो गए थे , भाभी ने भी अपनी साडी बस लपेट रखी थी , पेटीकोट भी बस ऐसे ही। मैंने लीला को इशारा किया उसने रंग छोड़कर , पहले आराम से धीरे धीरे भौजाई का नाडा खोला , उनकी कलाई तो मैंने और रीमा ने कस के दबोच रखी थी। लीला ने नाड़ा खुलते ही धीमे से पेटीकोट को सरकाया और वो रितू भाभी का साथ छोड़ कर , सीधे रंग भरे चहबच्चे में। लेकिन उसके डूबने के पहले ही लीला ने उसे उठा लिया और आराम आराम से भौजी को दिखाते हुए , पेटीकोट में से नाड़ा निकाल लिया , अब वो उन्हें मिल भी जाता तो बिना नाड़े के ,... पर लीला थी स्मार्ट , उसने वो नाड़ा रीमा को दे दिया। दोनों ही प्रेसिडेंट गाइड थीं , गांठ बाँधने में नेशनल लेवल की , बस उसी नाड़े से भाभी की कलाई मोड़कर , कस के बाँध दी ,... अब वो लाख कोशिश करें , एक बार फिर से रीमा और लीला ने उनके दोनों गदराये जोबन पकड़ लिए , दबाते मीजते बोलीं , ... " भौजी , भैया के पहले कौन कौन दबाया था इसको "
28-07-2019, 08:01 AM
एक बार फिर से रीमा और लीला ने उनके दोनों गदराये जोबन पकड़ लिए , दबाते मीजते बोलीं , ... " भौजी , भैया के पहले कौन कौन दबाया था इसको " . जवाब लीला ने ही दिया , " अरे रीमा , अरे कौन भइया ने ही ,... यहाँ हमारे भइया से दबवाती मिजवाती हैं , वहां अपने भैया से मिजवाती थीं और क्या। " रीमा कौन चुप रहने वाली थी , चालू हो गयी , " लीला , तो तुम कह रही हो , हमारी भाभी बचपन की , पैदयाशी मायके की छिनार हैं " और लीला , एक हाथ और आगे , उसने कस के रीतू भाभी के निपल खींचते खींचते चिढ़ाया " अरे रीमा इसमें बेचारी भाभी का कोई दोष नहीं , अपने ननिहाल में उन्होंने अपने आँख के सामने , इनके मामा इनकी मम्मी के साथ , ... भैया की सास भी तो बचपन की छिनार और अभी तक भी ,... " बेचारी रीतू भाभी , चाह के भी नहीं बोल सकती थी , मैंने कस के उनका गाल दबा रखा था और छुटकी कस कस के उनके दांतों पर कालिख रगड़ रही थी , फिर लाल पेण्ट बी उधर रीमा और लीला ने भाभी के अगवाड़े पिछवाड़े का मोर्चा सम्हाल लिया था। थोड़ी देर पहले ही तो रीमा ने एक मोटा डिल्डो भौजी की गाँड़ में पेला था , अबकी रीमा ने आगे का और लीला ने पीछे का , डिलडो तो नहीं था लेकिन उन दोनों किशोरियों की उँगलियाँ भी कम शरारती नहीं थी , एक झटके में आगे पीछे दो दो ऊँगली , पूरी जड़ तक अंदर रोकते रोकते भी भाभी के मुंह से चीख निकल गयी , लेकिन तब तक ये भी उस रंग भरे चहबच्चे में , तीन तीन कमसिन किशोरियां , दो दो तरुणियाँ वो कैसे पीछे रहते। बस उनकी सालियों को मौका मिल गया , और फिर जहाँ इतना मोटा खूंटा हो , वहां ऊँगली का क्या काम. रीमा और लीला दोनों ने अपनी ऊँगली निकाल ली और अपने जीजू को दावत दी , साथ में भौजी को छेड़ने लगी , " भौजी , बचपन में आपने हमरे भैया के सालों से बहुत मजा लिया होगा , खूब घुसवाया फड़वाया होगा , आज हमारे जीजू से मज़ा लीजिये तो पता चलेगा , असली बांस का मजा। " रीमा बोली। उस चहबच्चे में उनके पीछे खड़ी होकर वो उनके तन्नाए खूंटे को मुठिया रही थी। " क्या रीमा , तू भी न , कहाँ भौजाई के गाँव के वो लिजलिजे केंचुए , और कहाँ यह मोटा कड़ियल नाग , माना की भौजी हमार मायके की छिनार है , लेकिन असली मज़ा तो उन्हें अभी ,... " लीला ने और जोड़ा , और रीतू भाभी की गुलाबो के दोनों पुत्तियों को फैला के खोल दिया , मैं और छुटकी दोनों भौजी को निहुराये थीं , वो एकदम उस रंग भरे चहबच्चे के किनारे पर थी और किनारा पकड़ कर , ... लेकिन वहां भी सीने तक पानी भरा था। जिसने पानी में चोदा चुदवाया होगा उसको मालूम होगा सबसे पहली परेशानी आती है लंड को सही जगह पर सेंटर करने में , ... पर यहाँ दो दो सालियाँ किस काम के लिए थीं , और ननदों के लिए तो भौजी की रगड़ाई करने का मौका तो बहुत कम मिलता है , बस लीला ने भाभी की चूत फैलाई , रीमा ने लंड सेंटर पर किया , थोड़ी देर तक दोनों ननदें सिर्फ सुपाड़े को रगड़ती मसलती रहीं , भौजी के बुर पर , और भौजी ने एक गलती कर दी , अपने नन्दोई को चैलेंज देने की , " अरे नन्दोई राजा , ये आपकी कच्ची सालियाँ नहीं , रसीली सलहज है , देखतीं हूँ ताक्कत , किससे किससे चुदवा के मेरी ननद की सास ने आपको जना है। आपके साले का तो रोज घोंटती हूँ , आज आपका भी घोंट लूंगी। " बस इतना काफी था , और ऊपर से सालियों ने आग में घी डाल दिया , " जीजू , बस इज्जत का सवाल है , आज फाड़ दीजिये , आज हमार भौजी अपने मायके के यारों को भूल जाएँ। " लीला ने रीतू भाभी की बुर फैला रखी थी , और रीमा ने अपने कोमल कोमल हाथों से उनका सुपाड़ा भौजी की बुर में सटा रखा था , उन्होंने कस के अपनी सहलज की कमर कस के पकड़ रखी थी , बस उन्होंने जो करारा धक्का मारा की उनकी सलहज की चीख निकल गयी ,
28-07-2019, 10:03 AM
wow komalrani kay likhti ho yar pura tight karwa deti ho tum yehkahniya padh akr to algt ahai khud whai jake chod dlae aur yeh tumhri gif dalti h yehto aru gajab hai. Bahot mast maja aata hai kahani padh kar.
29-07-2019, 09:25 AM
25-08-2019, 09:50 PM
Iss kahani ko Anzaam tak laiye..iske baad sequel bhi likhna hai
31-08-2019, 08:01 AM
31-08-2019, 12:36 PM
02-09-2019, 09:23 AM
02-09-2019, 11:16 AM
Great
04-09-2019, 08:25 AM
20-09-2019, 10:47 PM
bahut der se dar pe aankhe lagi hai,
huzur aate aate bahut der kar di.............
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
21-09-2019, 12:55 PM
bas dono forum men saath saath update ....ek do post ke baad agle hafte ke asspas
20-10-2019, 09:03 PM
next post now ...nandoi salahj
20-10-2019, 09:05 PM
story is going to start again with full steam and regular posts here ....
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