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Incest दीदी ने पूरी की भाई की इच्छा
(06-12-2021, 08:08 AM)Bond 009 Wrote: Story ke sath pics or gifs bhi add karo so it will be more excited ??

next time .thanks
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Waiting for the naughty n kinky mega updates.
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(06-12-2021, 05:30 PM)sandy4hotgirls1 Wrote: Waiting for the naughty n kinky mega updates.

Namaskar
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Update dear
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(06-12-2021, 08:36 AM)neerathemall Wrote: next time .thanks

(06-12-2021, 05:30 PM)sandy4hotgirls1 Wrote: Waiting for the naughty n kinky mega updates.

(07-12-2021, 08:57 AM)neerathemall Wrote:
Namaskar

(09-12-2021, 03:07 PM)sandy4hotgirls1 Wrote: Update dear

Namaskar Namaskar Namaskar
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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(25-04-2019, 06:39 AM)Ghaintjatt1 Wrote: update

(23-08-2019, 02:52 AM)Kba1981 Wrote: Pure kari kahani fantastic  hai

(24-08-2019, 05:04 AM)asha10783 Wrote: Bahot achhi kahani he

(03-09-2019, 10:07 AM)bhavna Wrote: उपडेट दीजिये प्लीज।

(18-11-2020, 05:28 PM)Kiran1980 Wrote: Dear story pura complat kijiye

(19-11-2020, 12:16 AM)bhavna Wrote: अपडेट चाहिए। खंडाला में क्या क्या हुआ और कैसे कैसे सब कुछ किया गया।

(19-11-2020, 03:33 PM)neerathemall Wrote:
[Image: d9edf7377713e2b34796431ddedb48dc.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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(18-10-2021, 05:14 PM)neerathemall Wrote: उस सम'य मुझे लगा के में संगीता दीदी को बता दूं. मेरी 'इच्छा'. मेरा सपना. मेरी कल्पना.. यानी एक ही!! 'संगीता दीदी तुम्हें चोदना!!'.. लेकिन अगले ही पल मेने सोचा के 'नही' ये वक्त ठीक नही है इस'लिए मेने सिर्फ़ इतना कहा,

"फिलहाल तो मुझे याद नही आ रहा है मेरा कोई सपना. लेकिन जब  कुच्छ पहना नही था इस'लिए मुझे उसकी ब्रेसीयर और पैंटी नज़र आ रही थी. जब वो बॅग में कपड़े रख'ने के लिए नीचे झुक ... तो मुझे उसके अंदर पह'नी हुई काले रंग की पैंटी नज़र आई.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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(18-10-2021, 05:14 PM)neerathemall Wrote: उस सम'य मुझे लगा के में संगीता दीदी को बता दूं. मेरी 'इच्छा'. मेरा सपना. मेरी कल्पना.. यानी एक ही!! 'संगीता दीदी तुम्हें चोदना!!'.. लेकिन अगले ही पल मेने सोचा के 'नही' ये वक्त ठीक नही है इस'लिए मेने सिर्फ़ इतना कहा,

"फिलहाल तो मुझे याद नही आ रहा है मेरा कोई सपना. लेकिन जब  कुच्छ पहना नही था इस'लिए मुझे उसकी ब्रेसीयर और पैंटी नज़र आ रही थी. जब वो बॅग में कपड़े रख'ने के लिए नीचे झुक ... तो मुझे उसके अंदर पह'नी हुई काले रंग की पैंटी नज़र आई.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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Story Pura kare
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(22-12-2021, 10:19 AM)Kiran1980 Wrote: Story Pura kare

Namaskar
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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[Image: 0f7b1376fb03429569b0d2fe2f9dfbe4.gif]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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[Image: QrHmVw8R_o.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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[Image: pq6aJafK_o.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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[Image: lkkQ0Fc0_o.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Plz update de do bhai
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(23-12-2021, 12:07 PM)sandy4hotgirls1 Wrote: Plz update de do bhai

Namaskar Namaskar Namaskar Namaskar
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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(06-12-2021, 08:36 AM)neerathemall Wrote: next time .thanks

Angry Namaskar Sleepy
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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(06-03-2019, 03:55 AM)neerathemall Wrote:
Heart दीदी ने पूरी की भाई की इच्छा Heart
................

......................................


































Heart


Heart





Heart Heart Heart
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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(23-12-2021, 12:47 PM)neerathemall Wrote:
Namaskar Namaskar Namaskar Namaskar
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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मुझे तो यकीन ही नही हो रहा था!! . मेरी बहन ने मेरा पूरा लंड अप'ने मूँ'ह में निगल लिया था. मेरे लंड का सुपाड़ा उसके गले में उतरा था. उसके होंठ मेरे लंड के बेस को स्पर्श कर रहे थे और वहाँ के मेरे झान्टो के बालो को गुदगूदी कर रहे थे. वो नाक से साँस ले रही थी जिस'से उसकी गरम साँसों की हवा मेरे लंड के बेस'पर मुझे अनुभव हो रही थी.
 
"ओह ! दीदी. मे डियर, दीदी. यू आर ग्रेट!.. तुम'ने मेरा पूरा लंड अप'ने मूँ'ह में लिया.. थॅंक्स!. थकयू वेरी मच!.. आय लव यू, दीदी.. आय लव यू वेरी मच!.." "अब. तुम्हारा मूँ'ह मेरे लंड'पर उप्पर नीचे करो. ऐसे." उस अनोखे सुख की भावना से अप'ने आप मेरी आँखें बंद हो गई और मैं उस'का संगीता दीदी का सर पकड़'कर उसे मेरे लंड'पर उप्पर नीचे कर'ने लगा.
 
"ऐसेही. बराबर. अप'ने होठों से मेरा लंड जाकड़ के मूँ'ह में पकड़'कर रखो.. ऐसेही. हम. अब करो उप्पर नीचे ऐसेही.. डॅट्स इट!.. अब ऐसेही कर'ते रहो. बीच में ही मेरा लंड उप्पर नीचे जीभ से चाट लो. फिर मूँ'ह में लेकर चूसो.. अब सिर्फ़ सुपाड़ा चूसो. अब एक के बाद एक. ऐसे ही कर'ते रहो. जो तुम कर रही हो. एस. ऐसेही.. येस. ओहा.या."
 
मेरा लंड लोहे की तरह कड़ाका हो गया था. मेरी बहन अप'नी पूरे ताक़त के साथ मेरा लंड चूस रही थी. वो कुच्छ अलग ही फिलींग था!!
 
इत'नी अलग भावनाएँ जो मेने पह'ले कभी अनुभव नही की थी. संगीता दीदी ने लंड चूसना बहुत ही जल्दी सीख लिया. मेरे बताए हुए सभी तरीक़ो का इस्तेमाल वो कर रही थी. कभी वो मेरे लंड का सुपाड़ा चाट'ती थी तो कभी उसके उप्पर के मूठ के छेद से खेल'ती थी. कभी मेरा लंड उपर से नीचे और आगे से पिछे चाट'ती थी. कभी मेरा पूरा लंड अप'ने मूँ'ह में भर'कर अप'ने गले तक लेती थी. बड़े ही प्यार से मेरी बहन मेरा लंड चाट रही थी, खा रही थी.
 
"अब, दीदी. अपना सर तिरछा कर के मेरा पूरा लंड चाटो. ऐसे. बराबर. उप्पर नीचे.. उप्पर नीचे. अब अप'ने होंठो में मेरा लंड पकड़ लो. अब ऐसे ही पकड़ते पकड़ते नीचे जाओ. और नीचे. और नीचे. अब मेरे बाल्स चाट लो. हाँ. इसे ही बाल्स कह'ते है, गोटीया कह'ते है.. चाटो उसे. उसकी चमड़ी अप'ने होंठो में पकड़ा लो. और खिँचो थोड़ा सा. ऐसे. अहहा!. ज़्यादा ज़ोर से नही. धीरे. धीरे. बहुत नाज़ुक होती है गोटीया.. बिल'कुल धीरे से चाटो. अब अपना पूरा मूँ'ह खोल के मेरी गोटीया मूँ'ह में भर लो. लो ना, दीदी. बैठेगी वो तुम्हारे मूँ'ह में.. ओहा या.. ऐसेही. बराबर. धीरे धीरे अब उन्हे चूसो. ओहा. यहहा. अब ज़रा उप्पर मेरी तरफ देखो, दीदी.. ऐसेही. मेरी गोटीया चुसते चुसते उप्पर देखो.. वाऊऊऊओ!. क्या सेक्सी लगा रही हो तुम, दीदी!! ."
 
जिंदगी में कभी नही भूलूंगा ऐसा वो द्रिश्य था!! मेने मेरा लंड अप'ने हाथ से मेरे पेट की तरफ दबाया था और उसके नीचे संगीता दीदी मेरी गोटीया अप'ने मूँ'ह में भर'कर चुसते चुसते मेरी तरफ उप्पर देख रही थी. मेने इत'नी देर तक कैसे सब्र किया है इसका मुझे ताज्जुब था. वो तो खैर में बाथरूम में जाकर मूठ मार के आया था वारना जब संगीता दीदी के होठों ने मेरे लंड को छुआ था तभी में झाड़ जाता था. वैसे तो मेरा लंड एक दो लड़कियो ने पह'ले भी चूसा था लेकिन जिंदगी में पह'ली बार कोई मेरा लंड इत'ने इतमीनान से चूस रही थी. और वो भी कौन चूस रही थी??? मेरे सपनो की रा'नी.
 
मेरी कामदेवी.. मेरी लाडली बड़ी बहन.. मेरी संगीता दीदी. जो मेरा लंड चूस रही है ऐसा सपना मेने हज़ारो बार देखा था जो अब ह'कीकत में बदल गया था.
 
इन्ही सब ख्यालो से में लिमिट के बाहर उत्तेजीत हो गया था. मेरा सब्र अब टूट'ने लगा. मुझे लग'ने लगा के अब किसी भी सम'य मेरा पानी छूट जाएगा और में झाड़ जाउन्गा. मेने झट से संगीता दीदी का सर पकड़ लिया और मेरे लंड के सुपाडे पर लाया. वो वापस मेरे लंड का सुपाड़ा चूस'ने लगी. कुच्छ पल मेने उसे चूस'ने दिया और फिर में उस'का सर अप'ने लंड पर दाब'ने लगा. वो अब सर उप्पर नीचे कर के मेरा लंड चूस'ने लगी.
 
धीरे धीरे में अप'नी कमर हिला'ने लगा और उसके मूँ'ह में धक्के मार'ने लगा. जैसे के में उस'का मूँ'ह चोद रहा हूँ!!
 
"दीदी.. ओ, दीदी. में फिनीश हो रहा हूँ. आहा. उहा.." ऐसे कुच्छ बड़बदाते मेने उस'का सर मेरे लंड पर दबा के रखा. संगीता दीदी अपना सर उठा'ने की कोशीष कर'ने लगी लेकिन मेने उस'का सर ज़ोर से मेरे लंड पर दबाया था. उसके मूँ'ह में मेरा लंड था इस'लिए उसे बोलना नही आता था. वो मूँ'ह से "उम. उम." ऐसी आवाज़े निकाल'कर उसे छोड़'ने का इशारा कर'ने लगी लेकिन मेने उसकी एक ना सुनी. में पागल हो गया था. मेरे अंदर काम वास'ना की ज्वालाएँ भड़क उठी थी. मेरी कनपटिया गरम हो गई थी. में अब कमर ज़ोर ज़ोर से हिला'ने लगा और उसके मूँ'ह में धक्के देने लगा. उस'का सर तो एक जगह पर था और मेरे धक्के से मेरा लंड उसके मूँ'ह में अंदर बाहर हो रहा था. धक्के देते देते मेरा लंड तो थोड़ा ही बाहर आता था लेकिन अंदर जाते सम'य वो लग'भग पूरा उसके मूँ'ह में धसता था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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