Thread Rating:
  • 15 Vote(s) - 2.73 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Romance मोहे रंग दे
आप का नाम

[Image: bride-shalwar-hd.jpg]

ऐसी बात नहीं की इसके पहले लड़के मेरे पीछे नहीं पड़े थे , ... लेकिन मैंने तय कर लिया था मैं लिफ्ट उसी को दूंगी , जिस को देख के मेरे दिल में घंटी बजे ,.. और कल जब बीड़ा मारते समय इस लड़के को देखा था तब से ,... घंटी नहीं , घंटा बज रहा था ,... और पहली बार लग रहा था ,... 

आज ये कुछ भी कहेगा , ..कुछ भी मांगेगा तो मैं मना नहीं करुँगी ,... 

कुछ भी मतलब कुछ भी ,...

 
मैंने बहुत लड़कों को लड़कियों के पीछे पड़ते देखा था , लेकिन इतना सीधा शर्मीला ,...
 
और माँगा भी क्याबहुत हलके से बोला वो , इधर उधर देख कर , बहुत हलके से ,...


अगर आप बुरा माने , ... आप का नाम ,...
 
गुस्सा भी आया और हंसी भी , लेकिन हंसी रोक कर मुस्कराकर उसे छेड़ते मैं बोली ,
 
" अबतक आप को तो पता ही चल गया होगा , ... मैंने तो आप का नाम पता कर लिया , और आपने मण्डप में सुना भी , ... तो बस आप भी पता कर लीजिए मेरा नाम ,.. और नहीं मालूम कर पाइयेगा शाम तक , तो बस शाम को मैं बता दूंगी ,... पक्का प्रॉमिस ,... "
 
शाम को वो मिला , ...

लेकिन उसके पहले भी दिन में भात पर , और भी रस्मों में ,... एकाध बार इधर उधर , ...


बस फरक सिर्फ इतना है , अब हम दोनों एक दूसरे को देख कर मुस्करा रहे थे , \\

[Image: Rakul-Loukyam-Movie-Heroine-Rakul-Preet-...ges-10.jpg]

 वो मुझसे मिलने का मौका ढूंढता ,... उससे ज्यादा मैं ,... 

और ये बात मेरी भाभियों तक को पता चल गयी सब, भाभियाँ , सहेलियां कजिन्स  मुझे उकसा रही थी

' यार उसके बस का कुछ है नहीं , तू ही उसे अरहर के कहते में ले जाकर उसका रेप कर दे ,... वरना कल बारात विदा हो जायेगी और ,.. तेरी चिड़िया ,..."

[Image: Guddi-frnds-Aksha-south-actress-photos-stills-31.jpg]


 मेरी चार पांच सहेलियों की चिड़िया तो कल रात ही उड़ने लगी थी।
 
मिला वो शाम के  पहले ही , वहीँ कोने में ,... जहाँ हम सुबह मिले थे , और  बड़ी मुश्किल से उसके बोल फूटे ,...
 
" जी ,... कोमल जी ,... आप का नाम कोमल जी है ,... "
 
मैंने बस माथा नहीं पीटा ,... लेकिन कड़क आवाज में बोली ,
 
" नहीं , गलत पता चला , आपको ,... " 

[Image: Rakul-loukyam-telugu-movie-stills-gopich...6bc243.jpg]

और मैं जैसे वापस जाने के लिए मुड़ रही थी , बेचारे ने मुझे रोकने की कोशिश की ,
 
" लेकिन , ... बताइये न। "
 
मेरे लिए मुस्कराहट रोकना मुश्किल था , मैं एकदम उससे आलमोस्ट सट के खड़ी हो गयी ,
 
" मेरा नाम कोमल जी , नहीं सिर्फ कोमल है , और ये आप ने आप आप क्या लगा रखी है , आगे से मुझे तुम बोलियेगा , आप से छोटी हूँ मैं। मैं अभी इंटर एक एक्जाम देने वाली हूँ ,.. "
 

[Image: rakul-preet-singh-expressions34.jpg]
वो जैसे घबड़ा गए , बोले 

जी मेरा नाम आनंद है ,...
 
" मुझे पता है , ... कल गाने में आपको पता चल गया होगा की मुझे पता है , लेकिन आपने बुरा तो  नहीं माना ,... " 

हंस के मैं बोली।  अंदर कलेवा की की रस्म चल रहे थी इसलिए इस समय इधर आने का किसी का सवाल नहीं था।
 
" आप बहुत अच्छा गाती हैं। " वो बोले। 
 
 
मुझे नहीं पता था की शादी में , इनकी भाभी , मेरी जेठानी भी आयी हैं।  और मेरा गाना और ढोलक बजाना ,... बस इन दोनों ने मेरी होने वाली जेठानी को मेरा कायल कर दिया था , ... और ये तो विदायी के पहले से ही ,... जेठानी जी को अपनी पसंद बता दी इन्होने।
 
देख तो जेठानी जी ने भी मुझे लिया था।  मैं अपने घर में पहुंची , उसके दो दिन के अंदर इनके यहाँ से सन्देश गया। 
 
मम्मी ने मुझसे नहीं मेरी बहनों से पूछा , ... और उन्होंने मुझसे , मैंने कुछ नखड़ा बनाया , लेकिन हाँ कर दी ,... फोटो भी आयी थी लेकिन वो उनकी सबसे छोटी साली ने अपने कब्जे में ले ली थी , सिर्फ मुझे दिखा दिखा के चिढ़ाती ,...
 
शर्ते बल्कि हमारे यहां से रखी गयीं , शादी गाँव से ही होगी , गाँव की रस्म से तीन दिन वाली , कुंडली मिलनी चाहिए , शादी के बाद भी लड़की की पढ़ाई ,
 
रोड़े अटकाने वाले दोनों ओर से थे , इनकी पढ़ाई नौकरी के बारे मुझे बहुत बाद में शादी के चार पांच दिन पहले इनकी उसी छोटी साली ने बताया ,
 
इनकी ओर से तो खैर , इत्ता पढ़ा लिखा लड़का , बढ़िया नौकरी भी और गाँव में शादी , दहेज़ भी नहीं मिलने वाला ,... लड़की भी अभी इंटर में पढ़ रही ,
 
मेरी ओर से भी कुछ लोग थे , जल्दी क्या है , एक बार कम से कम बी कर ले ,....
 
लेकिन जल्दी थीइन्हे भी और मुझे भी ,... एकदम नहीं रहा जा रहा था
 
मेरी ओर से मेरी मम्मी , रीतू भाभी और इनकी ओर से मेरी जेठानी , महीने भर के अंदर सगाई हो गयी और ढाई महीने के अंदर शादी , दिसंबर में, लगन खुलने के बाद पहली तारीख को,… और वो भी वही सोच रहे थे , उनसे मिली नजर से लेकर शादी तक ,... उनकी मुस्कराहट साफ़ साफ़ कह रही थी ,
 
मैंने उनकी नाक पकड़ी , और कहा।
 
" तुम पहले भी बुद्धू थे , और अभी भी बुद्धू होखिलखिलाते हुए मैं बोली। 
 
" मुझे बस ये लड़की चाहिए ,... " फिर वो अपनी बात दुहराते बोले ,...
 
मैंने अबकी उन्हें चूम लिया , एक हलकी सी किस्सी , और बोली ,...
 
" मिल तो गयी , .... " और साथ में कस के उन्हें बाँध लिया अपनी बाँहों में ,...
 
" उन्ह , चाहिए मतलब , हर पल , हरदम ,... " बोले वो
 
वो भी एकदम बेसबरे ,
 
लेकिन आज मेरे मुंह से वह निकल गया जो मैंने किसी से नहीं बोला था ,
 
" तुम क्या समझते हो , .... सिर्फ तुम्हे ही चाहिए था ,... मुझे भी ,... यही लड़का चाहिए था , बस यही।  "
 
और मैंने अपनी मुसीबत बुला ली , उनके हाथ , उनके होंठ ,... मेरे दोनों जोबन मसले जा रहे थे , रगड़े जा रहे थे , मेरे गाल , मेर होंठ कस कस के चूसे जा रहे, कचकचा के काटे जा रहे  थे ,


[Image: K-rakul-preet-singh.jpg]
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
The post starts from last page
Like Reply
[Image: Teej-264f0bf5592383050a9608632f270fc4.jpg]



यही लड़का चाहिए




आज मेरे मुंह से वह निकल गया जो मैंने किसी से नहीं बोला था ,

 
" तुम क्या समझते हो , .... सिर्फ तुम्हे ही चाहिए था ,... मुझे भी ,... यही लड़का चाहिए था , बस यही।  "
 
और मैंने अपनी मुसीबत बुला ली , उनके हाथ , उनके होंठ ,... मेरे दोनों जोबन मसले जा रहे थे , रगड़े जा रहे थे , मेरे गाल , मेर होंठ कस कस के चूसे जा रहे, कचकचा के काटे जा रहे  थे ,
 
बदमाशी क्या वही कर सकते थे , मैं कौन कम थी , इनकी सलहज की ननद , इनकी सास की बिटिया ,... मैं इन्हे कस के भींचे तो थीं ही , मेरा एक हाथ , थोड़ी  गलती , थोड़ी शरारत ,... उनके वहां ,
 
ज्यादा जागा , थोड़ा सोया ,.... मेरी उँगलियों ने जैसे गलती से छुआ , सहलाया और हलके से दबा दिया ,

[Image: guddi-holding-cock-slow.gif]
 
मुझे इनकी सलहज का  काम  भी करना था , उन्होंने दस बार याद दिलाया था , लम्बाई और मोटाई ,... उनके नन्दोई का ,...
 
लेकिन मेरी उँगलियों का स्पर्श होते ही वो एकदम फूल कर कुप्पा , खूब मोटा , एकदम कड़ा , टनटनाया ,...
 
मेरी उँगलियों ने इनकी सलहज का  काम कर दिया , अंदाज लगाने का

[Image: holding-cock-tumblr-o050lrr-Zd-H1uk76xgo1-400.gif]
 
पर सलहज के नन्दोई अब नहीं मानने वाले थे , अबकी साइड से ही ,... मैंने खुद ही अपनी टांग उठा के इनके ऊपर , मेरी गुलाबो इनके मूसल से सटी ,..
 
पिछली बार की सारी रबड़ी मलाई , मेरे अंदर ,... और उससे बढ़िया लुब्रिकेंट,.. 

उन्होंने जोर से पुश किया ,... मुझे अब इनकी सलहज की सारी सीख याद गयी थी , टांग जितनी फैला सको , फैला लो , ... ;उसे '   एकदम ढीली छोड़ दो , और कस के उन्हें पकडे रहो , ...

[Image: fucking-love.gif]
 
जोर के धक्के , और पहली बार साइड से   मूसलचंद मेरे अंदर , इनके धक्कों की रफ़्तार कम हुयी   तेजी ,
 
थोड़ी देर में साजन , सजनी के अंदर , एकदम जड़ तक , और हम दोनों एक दूसरे के बाँहों में , ..

. मुझे इस बात का कोई फर्क नहीं पड़ रहा था की रजाई कब की सरक  कर फर्श पर हमारे कपड़ों के साथ , बिस्तर पर हम दोनों पूरी तरह , सिर्फ एक दूसरे को पहने , दिन दहाड़े , ... भले खिड़कियां बंद थी


लेकिन रोशनदान से तो धूप छलक छलक कर पूरे कमरे में , हमारी देह पर फैली हुयी थी ,
 
मेरी शरम लाज सब मेरे कपड़ों की तरह मेरे साजन ने मुझसे दूर कर दी थी ,
 
मेरे अंदर घुसे धंसे , मुझे उन्होंने मेरी पीठ के बल किया , और अबकी बिना उनके कुछ कहे किये , मेरी लम्बी गोरी टाँगे , इनके कंधे पर चढ़ गयी , लगे महावर तो लगे इनके माथे पर , मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता था ,...
 
मेरे नितम्बों के नीचे बिस्तर के सारे तकिये मैं दुहरी ,


[Image: fucking-J-tumblr-o3hzbg-Ns-Pm1v63qa1o1-500.gif]
 
और अब जो धक्के लगाए  उन्होंने ,    मैं चीखी भी , सिसकी भी ,
 
इनके होंठों ने मेरी चीखों को रोकने की कोशिश की , मैंने ,... आखिर ननदोंजेठानियों को मेरा सब राज तो मालूम ही हो गया था ,
 
और इनके दोनों हाथ मेरी कलाइयों पर , दोनों कलाई पकड़ के कस कस के,
 
पायल की रुनझुन , बिछुओं की झंकार , चूड़ियों की चुरुर मुरुर  ,
 
और साथ में कभी मेरी सिसकियाँ तो कभी इनके चुंबन ,
 
बहोत ताकत थी इनके अंदर , रौंद के रख दिया ,... लेकिन अब मेरी देह यही चाहती थी , शादी के पहले जितना मैं डरती थी , अब वही दर्द  मजा दे रहा था। 
 
जब बादल बरसे  , उसके पहले दो बार मैं ,,,,
 
बस बेहोश नहीं हुयी थी, एकदम शिथिल , सिर्फ इनके मोटे दुष्ट मूसलचंद का असर नहीं था , इनकी उँगलियाँ , इनके होंठ कम मुझे नहीं पागल करते थे
 
और तीसरी बार इनके साथ ,... ये झड़ रहे थे , मैं झड़ रही थी , कस के इन्हे अपनी बाहों में भींचे दबोचे ,
 
ये झड चुके थे तो भी मैंने इन्हे नहीं छोड़ा , दबोचे रही कस के अपनी लता सी बाँहों में ,...
 
पन्दरह बीस मिनट वैसे ही , और ऐसी हालत में इन्हे टाइम का अंदाज था मुझे ,... पर श्रीमती टिकटिक , इनसे कौन बच पाया है , मेरी निगाह पड़ी तो पांच बज चुके थे , सवा छह तक मुझे तैयार हो कर निकलना था , पहले मैंने इन्हे खदेड़ा , तैयार होने ,...
 
 सोफे पर पड़ी साडी को जस तस लपेट लिया , ब्लाउज साया ,...

[Image: saree-54.jpg]


उन्हें बस उठा के इनके कपड़ों के साथ ,... अंदर से इनकी आवाज आयी मेरे कपडे
 
और तब मैं समझी , अब इस लड़के का पूरा ख्याल मुझे ही रखना पडेगा , ...
 
" पहले बाहर तो आइये ,.. " मैं हँसते हुए बोली ,
 
 मैं समझ रही थी , उस समय की बात और थी , अब ये एकदम शर्मा रहे थे ,...
एक बड़ी सी टॉवेल लपेटे , किसी तरह ये बाहर निकले



 
...सच में मन तो कर रहा था की झट से उनकी टॉवेल खींच लूँ ,.... पर मेरी निगाहें इनके माथे पर पड़ी , मेरे पैरों की महावर के ताजे निशान , हम लोगों की शाम की शरारत के सबूत ,... 

अभी इनकी भौजाइयां ,... 

एक गीले टॉवेल से , फिर थोड़ा सा मेकअप रिमूवर लगा लगा के ,... मैंने अच्छी तरह साफ़ किया , गाल पर दो जगह मेरी लिपस्टिक के निशान थे , ... 

वो मैंने बस हलके  कर दिए , रगड़ने पर भी साफ़ नहीं हो रहे थे

और कुछ तो रहने चाहिए मेरी जेठानियों के लिए ,... अपने देवर की रगड़ाई के लिए ,...
 
मैंने वार्डरोब खोल के इनके लिए एक डिजाइनर कुरता पाजामा , बनयाइंन चड्ढी निकाल के दी , ... मैंने बोला भी यहीं बदल लीजिये , टॉवेल पहने तो हैं पर , झट से वो बाथरूम  में ,...
 
मैं समझ गयी थी इस लड़के ने अब अपनी पूरी जिंदगी मुझे सौंप दी है , छोटी से लेकर बड़ी तक हर बात का इसके लिए फैसला मुंझे  ही करना होगा। 

फिर कमरे की हालत ठीक करने में मैं जुट गयी , ... घर का तो पता नहीं , पर ये लड़का और ये कमरा अब मेरी ही जिम्मेदारी थी। 
 
बिस्तर पर मेरी चूड़ियां , चादर पर हमारी प्रेम लीला का सबूत , बड़ा सा सफ़ेद धब्बा ,.. चादर मैंने बदली , चूड़ियां समेटी , वैसलीन की शीशी बंद की।  

और तब तक वो निकले ,... साढ़े पांच बज गए थे।  उनके तैयार होकर निकलते ही मैंने उन्हें कमरे से बाहर खदेड़ा ,... उनके रहते हरदम डर रहता , क्या पता उनका फिर मन करने लगे , और अब मैं उनकी किसी बात को मना नहीं कर सकती थी।
 
जैसे मैं फ्रेश होकर निकली

गुड्डो गयी ,... थोड़ा उसने मुझे तैयार होने में मदद की , मायने एक टाइट कोर्सेट पहन रखी थी  , खूब डीपबहार छलक रहे थे , पर उसे पीछे से कस के बांधता कौन , ...

घर पे तो मेरी बहनें थी , मम्मी थी ,... लेकिन यहाँ गुड्डो थी , वही हाईस्कूल वाली।  


और मैं भी उसे खूब उकसा रही थी , उस का भी मैंने खूब हॉट हॉट   मेकअप किया , ... उकसाया , दुपट्टा एकदम गले तक ,...
 
साढ़े छह बजे तक मेरी दो ननदें भी , बाहर चाट पार्टी शुरू हो गयी थी ,...
Like Reply
Wow !!
Like Reply
(03-05-2019, 01:26 PM)kill_l Wrote: Wow !!

thanks for gracing the thread and encouraging words
Like Reply
चाट पार्टी 

[Image: Chaat-Golgappa-images.jpg]






जैसे मैं फ्रेश होकर निकली , गुड्डो गयी ,... 

थोड़ा उसने मुझे तैयार होने में मदद की , मैंने  एक टाइट कोर्सेट पहन रखी थी  , खूब डीप ,  मेरे उभार कस कस के बाहर छलक रहे थे , पर उसे पीछे से कस के बांधता कौन , ...

[Image: bride-22.jpg]

घर पे तो मेरी बहनें थी , मम्मी थी ,... लेकिन यहाँ गुड्डो थी , वही हाईस्कूल वाली।  


और मैं भी उसे खूब उकसा रही थी
उस का भी मैंने खूब हॉट हॉट   मेकअप किया , ... उकसाया , दुपट्टा एकदम गले तक ,...

 
साढ़े छह बजे तक मेरी दो ननदें भी , बाहर चाट पार्टी शुरू हो गयी थी ,...
……………………….
बाहर निकल के मैंने सबसे पहले अपनी सास का पैर छुआ  ...

और डांट भी पड़ी मुस्कान के साथ ,... 

अपने हाथ से मेरा घूंघट उन्होंने उठा के , सर के भी थोड़ा सा ,... 

अरे  बहुत पर्दा हो गया , तुम सबसे मिल तो चुकी हो , तेरी ननदें , देवर , नन्दोई है , ... जेठानी हैं , किससे पर्दा ,... ज़रा मिलो जुलो , ... और अपनी ननदों की नन्दोई की बात का जवाब खुल के दो , उन्हें लगे तो सही मेरी बहू कितनी ,...
 
और एक बार मुझे सास से ग्रीन सिंग्नल मिल गया , तो फिर ,..
 
नन्दोई जी एकदम मेरे पीछे पड़े थे ,... मैंने बताया था कैसे उन्हें मैंने गुड्डो से सेट कराया ,... उसके बाद मैं उन्हें छोड़कर अपने देवरों की और बेचारे सुबह से ललचा रहे थे।
 
ससुराल का मज़ा , देवर ,ननद और नन्दोई का है। 

नन्दोई से तो मैं अब एकदम खुल गयी थी , आज दिन में ननदों के साथ भी कमरे में, देवर ज्यादा नहीं चार पांच ही थे , एक दो आलमोस्ट मेरी उम्र के बाकी छोटे ,हाईस्कूल , ग्यारहवीं वाले ,... कुछ तो बहुत शर्मीले

सिर्फ एक अनुज , एकदम खुल के बात कर रहा था ,... 

मुझे याद आया इसी के बारे में तो गुड्डो ने   बताया था की उससे लसने की बहुत कोशिश कर रहा था , ... और लग भी मुझे थोड़ा चालू लग रहा था , ... 

थोड़ी देर में बाकी देवर किसी किसी काम से , लेकिन वो अनुज लसा रहा , ... मैंने उससे साफ़ साफ़ पूछ लिया

[Image: bride-b.jpg]
 
" कोई गर्ल फ्रेंड वेंड बनायी है या अभी ऐसे ही , ... "

मैंने उसे चिढ़ाया।
 
" कहाँ भाभी ,... " 

बुरा सा मुंह बनाया उसने।
 
" कोई हो तो बताओ , मैं हेल्प करा दूँ तुम्हारी , ....इस सब काम में भाभी ही हेल्प करती है ,... "  

मैंने उसे और उकसाया ,
 
उसकी निगाहें बार बार गुड्डो की ओर  जा रही थी , और आज वो लग भी हॉट रही थी , जिस तरह मैंने उसकी चुन्नी गले से एकदम चिपका कर सेट कराई थी ,

[Image: Girl10097-362685597174349-271432983-n.jpg]

कच्चे टिकोरे साफ़ साफ़ दिख रहे थे , लिपस्टिक भी खूब डार्क रेड , .. 

उसके गोरे रंग पर ,   काजल भी बड़ी बड़ी आँखों में खूब तीखा
और गुड्डो नन्दोई जी के साथ ,...
 
" वो कैसी लग रही है , चलेगी।

मैंने अनुज से गुड्डो की ओर इशारा कर के पूछा।
 
" चलेगी , नहीं भाभी दौड़ेगी ,... " हंस के अनुज बोला , लेकिन फिर उसने जोड़ दिया ,
 
" लेकिन , भाभी वो भाव नहीं देती ,... "
 
" अरे देवर जी सिर्फ भाव नहीं वो सब कुछ देगी , अब तुम्हारी भाभी तेरे साथ है , ... लेकिन मेरी नाक मत कटाना ऐन मौके पर ,... " 

मैंने उसे चिढ़ाया।
 
तब तक मिली दिख गयी मेरी ननद , नन्दोई जी की फेवरिट साली ,... मैंने उसे अपने पास बुलाया ,


[Image: girl-Pics-17.jpg]
 
" यार ये गुड्डो बड़ी देर से तेरे जीजू को बोर कर रही है , ज़रा जा के अपने जीजू के पास ,... और गुड्डो को बोल देना मैंने बुलाया है। "
 
कुछ देर में एक्सचेंज प्रोग्राम हो गया , गुड्डो इधर और अब नन्दोई जी का एक हाथ  अपनी साली , मिली  के कंधे पर और दूसरा पिछवाड़े ,...
 
गुड्डो अनुज के देख कर जोर से मुस्करायी , सुबह दुलारी की हरकतें , फिर मेरी शिक्षा अब वो भी बोल्ड हो गयी थी ,
Like Reply
गुड्डो - अनुज 


[Image: Girl-3261813af097c3a628127b3d2232c4c3.jpg]

गुड्डो अनुज के देख कर जोर से मुस्करायी , सुबह दुलारी की हरकतें , फिर मेरी शिक्षा 
अब वो भी बोल्ड हो गयी थी ,

 
" यार सुन , ... एक काम करेगी मेरा , ... जिस कमरे में हम लोग सोए थे  न दुपहर में ,... तुम तो मेरे ठीक बगल में ही लेटी थी " 

मैंने गुड्डो को समझाया।
 
"  हाँ याद है मुझे ,... " 

वो बोल मुझसे रही थी लेकिन निगाहें अनुज के साथ कबड्डी खेल रही थीं ,...
 
" तो बस वही , शायद मेरे बाल का एक काँटा वहीँ तकिये के नीचे , 

हो सकता है न भी हो , ... पर अच्छी तरह देख लेना ,.. " 

फिर मैंने अनुज को बोला
 
" यार तू भी न ज़रा इसके साथ चले जाओ , नीचे एकदम सन्नाटा होगा , 

सब लोग तो ऊपर हैं , ... मैं जेठानी जी से चाभी उस कमरे की मांग के दे देती हूँ , "
 
" अब भाभी कोई बात कहें तो देवर की हिम्मत टालने की ,... " 

वो मुस्कराया , बात वो अच्छी तरह समझ गया था , 

तभी उन दोनों का और फायदा हो गया , लाइट चली गयी , 
ऊपर तो जेनरेटर था नीचे घुप्प अँधेरा ,...
 
" अँधेरे में कैसे ,... " मैंने पूछा तो अनुज ने अपने मोबाइल की टार्च दिखा दी। 
 
दोनों नीचे जा रहे थे की मैंने गुड्डो को बुला लिया ,... 



और फुसफुसा के बोली
 
" दुलारी की बात याद रखना , उस कमरे में गद्दे भी है तकिया भी 
और अगर तुमने जरा भी ना नुकुर किया न , ... और पौन घंटे से पहले ऊपर आयी तो समझ लेना , वैसलीन तो तेरी चुनमुनिया में मैंने शाम को लगा ही दिया था अच्छी तरह , क्या पता कब गुलाबो की लाटरी खुल जाए ,... "
 
 वो मुस्करा रही थी , 

[Image: Girl-4897c4e4fe6559d8aaa42f71ab50672b.jpg]

लेकिन उसके चलने के पहले मैंने उसे फिर रोक लिया 

और अपने बाल में से काँटा निकाल के दे दिया ,
 
" यही कांटा है , बहुत  ढूंढना पड़ा तुझे तब मिला , आधे घंटे के बाद ,... 
और अब शलवार का नाड़ा न खुला न  तो ,... " 

मैंने उसे हड़काया।
 
जेनरेटर चलने में तो टाइम लगता है , 

जब तक छत पर लाइट आयी गुड्डो और अनुज नीचे ,... अँधेरे  कमरे में ,...
 
मैं अपनी बाकी नंदों के साथ उन्हें छेड़ती , ... नन्दोई जी भी आ गए थे ,... खूब मस्ती ,...

[Image: girls.jpg]


लेकिन पौन घंटे नहीं , पूरे एक घण्टे बाद गुड्डो आयी , एकदम थकी , मेकअप हलका सा उतरा , ... टाँगे फैली ,... और उसने मेरा कांटा दे दिया।  

नुज और बाद में आया , खूब खुश

लेकिन तबतक मेरी सासु जी ने एक बार फिर हड़का लिया
मुझे नहीं ननदों जेठानियों को। 
 
" अरे बहू को थोड़ा आराम करने दो , नौ कब का बज गया , ...जाओ बहू तुम आराम करो ,... और तुम लोग अपनी भाभी से बाकी गप्प कल मार लेना , कल वैसे भी रसोई छूने की रस्म  दिन में ,... और रात में गाना बजाना , यहीं छत पर ,.. "
 
नौ बजने में पूरे बीस मिनट बाकी थे , 

सास की आँखे बहुत तेज थीं , नौ बजने के पहले ही वो मुझे मेरे कमरे में भेज देती थी , जब तक मैं ससुराल में रही ,...
 
ये भी नहीं   दिख रहे थे।
 
 मैं कमरे में घुसी तो , ... 

ये पहले से रजाई में घुसे ,... 

शाम की तरह इन्हे दिखा के मैंने दरवाजा अच्छी तरह अंदर से बंद किया , चूनर हटाई , मेरे दोनों जोबन कोर्सेट  से बाहर छलक  रहे थे। 
 


[Image: Teej-e407f59904afd00aa5e9bf607b4dd1c1.jpg]
Like Reply
दूसरी रात 

[Image: bride-111.jpg]


नौ बजने में पूरे बीस मिनट बाकी थे , सास की आँखे बहुत तेज थीं , नौ बजने के पहले ही वो मुझे मेरे कमरे में भेज देती थी , जब तक मैं ससुराल में रही ,...

 
ये भी नहीं   दिख रहे थे।
 
 मैं कमरे में घुसी तो , ... ये पहले से रजाई में घुसे ,... शाम की तरह इन्हे दिखा के मैंने दरवाजा अच्छी तरह अंदर से बंद किया , चूनर हटाई , मेरे दोनों जोबन कोर्सेट  से बाहर छलक  रहे थे। 

[Image: K-blouse-peti-052f977fb415949e912fa8fead...blouse.jpg]
 
और आज मैं आराम से पहले  अच्छी तरह फ्रेश हुयी , मान गयी मैं इन्हे , मेरे आने के पहले इन्होने गीजर आन कर दिया था , फ्रेश टॉवल्स ,...
 
अच्छी तरह मेकअप उतार के , ज्वेलरी , सब कुछ, और मैं जानती थी मैं कुछ भी पहनूंगी ये लड़का पांच मिनट के अंदर उतार कर ,... 


एक छोटी सी पिंक कलर की नाइटी , स्ट्रिंग वाली कंधे पर , बस सरका दो ,...  

[Image: nightie-020-F17-SLP-018-TH-078-e5255630.jpg]

और ब्रा भी नहीं पहनी ,... 


क्यों उस बेचारे से इतनी मेहनत करवाऊं , हाँ एक छोटी सी थांग ,...

[Image: Thong-2ebb52897fbc02abc2131a029a6e26b9.jpg]
 
जब मैं कमरे में पहुंची तो छत पर भी हंगामा ख़तम हो गया था ,सब लोग नीचे ,... 

मैंने दीवाल की और मुड़ कर सब लाइटें बंद की पर नाइट लैम्प ,... 

( फुट लाइट्स थी , सिर्फ फर्श पर पसरी ,... लेकिन बिस्तर पर भी हलकी हलकी ,... )
 
और जब मैंने मुड़ कर उन्हें देखा तो ,.. वो जल्दी से कोई डायरी सी बिस्तर के अंदर छुपा रहे थे।


" दिखाइए न ' मैं उनकी बगल में बैठ कर उनसे बोल रही थी , मेरे बार बार कहने पर भी जब वो नहीं माने तो मैंने खुद गद्दे के अंदर हाथ डालने की कोशिश की पर उन्होंने मेरी कलाई कस के पकड़ ली , मैं उनसे लाख छुड़ाने की कोशिश करती रही पर उनके आगे मेरी क्या चलती , ...
 

 
' क्या है ' मैंने जिद पकड़ ली थी।

[Image: nightie-md-10082-PNKDG-1.jpg]
 
" कुछ नहीं है , ऐसे ही तुम्हारे काम का नहीं है। "
 
 वो भी जिद पकडे थे , और अब मुझे डर लगने लगा था , 

कहीं इनका कोई बचपन का चक्कर , कोई रहा हो , उसकी कोई चिट्ठी विट्ठी , फोटो ,... और आज अचानक उनका मन , उसकी याद ,... 

मेरा सीना धक् धक् करने लगा ,

आज मेरी शादी के बाद की दूसरी रात है और आज के ही दिन, 

शायद मुझे   इतनी ज़िद नहीं करनी चाहिए थी। , पर मन का दूसरा कोना पीछे पड़ा हुआ था।
 
" मान जाओ न यार , मेरी पर्सनल डायरी है , और कुछ नहीं है  उसमें खास ,... " 


वो भी मुझे मना रहे थे और एकदम जिद्द पकडे थे। 
 
" नहीं , मुझे देखना है , ...अच्छा बस एक पेज , फर्स्ट पेज ,... आप और मुझमें अब क्या परसनल ,.. प्लीज देखने दो न " 

मैंने भी हार नहीं मानी।
 
" नहीं तुम समझती नहीं हो ,... तुम गुस्सा हो जाओगी , तुम्हे बहुत बुरा लगेगा। " 


वो डर कर सहमते बोले।
 
अब तो मेरा शक्क और पक्का होने लगा , जरूर कोई लड़की है , मैं घबड़ा रही थी , ... 

कौन होगी ,... 

कोई इनकी रिलेटिव , कजिन ,... साथ पढ़ने वाली।
 
 
 
मेरे मुंह से निकल गया , 

" कोई लड़की है क्या " 

[Image: Guddi-cute-97b26fff76efd2cf850151c4a00ad87c.jpg]


बहुत धीरे से डरते सहमते ,
 
 
और मुझसे भी ज्यादा डरते सहमते , उन्होंने हाँ में सर हिलाया और बड़ी मुश्किल से उनके मुंह से आवाज निकली ,
 
" मैं कह रहा था न तुम गुस्सा हो जाओगी , मेरे ऊपर बहुत नाराज होओगी ,.... लेकिन ,... "
 
मेरी आवाज नहीं निकल पा रही थी , तब भी मैंने जिद कर के बोला ,
 
" नहीं गुस्सा नहीं होउंगी , बस एक पेज फर्स्ट पेज ,... " 


किसी तरह मेरी आवाज निकल पा रही थी और फिर मैंने लड़कियों का आखिरी हथियार इस्तेमाल किया ,
 
" प्लीज मेरी क़सम ,... "
 
और उनकी पकड़ मेरी कलाई पर थोड़ी ढीली हई तो मैंने गद्दे के अंदर हाथ डाला , ... पर उन्होंने खुद निकाल कर ,
 
मेरा शक ठीक था , एक डायरी थी खूब चौड़ी सी , बड़ी।
 
आनेवाले तूफ़ान के डर से उन्होंने एकदम सहम कर आँख बंद कर लिया , ...चारों ओर एकदम सन्नाटा था , ... मैं अपने दिल की धड़कन सुन सकती थी ,
 
मैंने बड़ी हिम्मत कर पहला पन्ना , खोला
 
और मुझे बहुत जोर का गुस्सा लगा , बस धड़कन नहीं रुकी ,
 
 
सच में एक लड़की थी ,... १६ -१७ साल की ,...
 
Like Reply
एक लड़की

[Image: school-3.jpg]






मैंने बड़ी हिम्मत कर पहला पन्ना , खोला

 
और मुझे बहुत जोर का गुस्सा लगा , बस धड़कन नहीं रुकी ,
 
 
सच में एक लड़की थी ,... १६ -१७ साल की ,...
 
लेकिन , और कौन?
 
मैं। 
 
पहले पन्ने पर ही ,.. 

एक खूब सुन्दर  डिजाइन और उसके बीच , हमारे उनके पहले मिलन की निशानी ,... जो बीड़ा मैंने उन्हें मारा था वही , इत्ता सम्हाल के उन्होंने रखा था , एक ट्रांसपरेंट पैकेट में , लैमिन्टेड ,...
 
धड़कते दिल से मैंने अगला पन्ना खोला ,और धक् से रह गयी ,
 
एक स्केच , ... मेरा हूबहू , ...लेकिन मैं इस स्केच में इतनी प्यारी लग रही थी ,  जितना जिंदगी में कभी नहीं लगी रही होउंगी।  

[Image: Girl-download.jpg]
मुझसे मेरी बहनों ने बताया था की उनके जीजू ,... लेकिन मैं सिर्फ चिढ़ाती थी , अरे पेन्सिल से एक दो लाइन खींच लेते होंगे ,
 
मेरे बीड़ा मारते समय का स्केच , ... मेरे चेहरे का एक एक भाव ,  झुकी हुई मैं ,..
 
मेरा गुस्सा रुक नहीं रहा था , अपने पर ,... मैंने सोचा कैसे ,... मेरे अलावा ,
 
पर गुस्सा इनपर भी आ रहा था , ... 

चोर बदमाश डाकू
 
अगले पन्नों पर ,...स्क्रैप बुक की तरह थी डायरी ,... 

मेरी हाईस्कूल की कालेज मैगजीन में मेरी एक ग्रुप फोटो थी , वो ,...

[Image: school-302447-404374452944164-1085512732-n.jpg]
 
क्लास आठ में मेरा एक लेख स्कूल की मैगजीन में छपा था , वो
 
पिछले साल रीजनल रैली में बैडमिंटन और स्वीमिंग में मुझे मेडल मिला था , उस की फोटो ,...
 
मैंने  उन की ओर देखा , 

मारे डर के घबड़ाहट के उनकी आँखे अभी भी बंद थी   जैसे उनकी कोई बहुत बड़ी चोरी पकड़ी गयी हो।
 
और साथ साथ हर दो चार पेज के बाद शादी में जहाँ हम पहली बार मिले थे , ...

 जब मैं चुन चुन के उनका नाम ले के गारी  गा रही थी , ढोलक बजा रही थी ,
 पहली बार बड़ी हिम्मत कर के उन्होंने मेरा नाम पूछा था , ... 

और शाम को मेरा नाम बताया था और मैंने जोर से उन्हें डांटा था , कोमल जी  नहीं कोमल
 
और फोटुएं भी , 

मैंने उनके हाथ में मोबाइल तो नहीं देखा था पर उनकी कजिन्स , फ्रेंड्स ,... बीसों फोटो ,..
 
[Image: bride-shalwar.jpg]
मेरी बचपन की फोटुएं , ... 

[Image: Girl-Y-48ada615d02250cedc475cd7edaa52f9.jpg]

गुस्स्से की तो बात ही थी , मेरी दोनों बहने अपने जीजू से मिल गयी थीं , वरना ये सब फोटुएं उन्हें कहाँ मिलती , 
[Image: Girl-89363813f4eba395b96756be55d0df3d.jpg]

लेकिन इस लड़के ने कितनी मेहनत की  होगी ,...
 
और उसके बाद कवितायें ,... रोज के हिसाब से ,..
 
 
और मेरे बालों से लेकर पैरों तक कोई अंग बचा नहीं था ,... उनका जो सबसे फेवरिट पार्ट , जिसे देख कर वो बेचारा हदम ललचाता रहता था , मेरे किशोर उरोज , ... दर्जन भर , ... देखने में ये एकदम सीधे लगते थे , लेकिन सब की सब ऐसी एरोटिक,
 
वो बोला

रोज तुम मुझे सपने में आकर तंग करती थी। इसलिये जैसा तुम दिखती थी, नख सिख वर्णन, सारे अंगों के…”
 
मैं प्यार से लताड़ के बोली
[Image: Cute-tumblr-pg9gqd-Tfya1rbl6yy-540.jpg]


क्या सारे अंगों के?
 
वो हँसकर बोला


हाँ पढ़ो तो सारे अंगों के। मुझसे क्या छुपाव, दुराव…”
Like Reply
बहुत ही सुन्दर अपडेट है कोमल जी
दिल खुश कर दिया आपने
Like Reply
(14-05-2019, 09:55 AM)Donn Wrote: बहुत  ही सुन्दर अपडेट है कोमल जी
दिल खुश कर दिया आपने

Thanks so much
Like Reply
कवितायें 


[Image: B-W-62dce43fbcdd2ba4a345e52f8901ccdb.jpg]




और उसके बाद कवितायें ,... रोज के हिसाब से ,..

 
 
और मेरे बालों से लेकर पैरों तक कोई अंग बचा नहीं था ,... 

उनका जो सबसे फेवरिट पार्ट , जिसे देख कर वो बेचारा हदम ललचाता रहता था , मेरे किशोर उरोज , ... दर्जन भर , ... 

[Image: ecea9e5fbdac1adca393d709a4e641aa.jpg]

देखने में ये एकदम सीधे लगते थे , लेकिन सब की सब ऐसी एरोटिक,
 
वो बोला

रोज तुम मुझे सपने में आकर तंग करती थी। इसलिये जैसा तुम दिखती थी, नख सिख वर्णन, सारे अंगों के…”
 
मैं प्यार से लताड़ के बोली- क्या सारे अंगों के?
 
वो हँसकर बोला- हाँ पढ़ो तो सारे अंगों के। मुझसे क्या छुपाव, दुराव…”
 
मैंने पढ़ना शुरू किया। पहली कविता थी केश
 
 उन्मुक्त कर दो केश, मत बांधो इन्हें,
 ये भ्रमर से डोलते मुख पर तुम्हारे,
 चांद की जैसे नजर कोई उतारे।
 दे रहे संदेश, मत बांधो इन्हें,
 खा रहे हैं खम दमकते भाल पे,
 छोड़ दो इनको इन्हीं के हाल पे,
 दे रहे आदेश मत बांधो इन्हें।

[Image: Eyes-8d202a08db25670c0b1df3e587e68d21.jpg]
 
और उसके बाद आँखों और फिर होंठों 


और उसके साथ-साथ वो और ज्यादा रसिक होते जा रहे थे। 

मीन सी, कानों से बातें करती, आँखें, ढीठ दीठ, लजायी सकुचायी

मेरे सपने जहां जाकर पल भर चुम्बनों के स्वादों से लदी थकी पलकें

कटार सी तिरछी भौंहें

और सुधा के सदन, मधुर रस मयी अधर, प्रतीक्षारत मेरे अधर 

[Image: Lips-2244534089ea254bf1416fefaa4194aae1e2f61e.jpg]

जिनके स्वाद के, स्नेह के लेकिन सबसे ज्यादा कवितायें जिन पे थीं वे थे मेरे उरोज। 


पूरी 7 और एक से एक और सिर्फ उनपर ही नहीं मेरे निपल्स के बारे में
उसके आस-पास के रंग के बारे में-

[Image: nips-J-tumblr-nso25e9bpw1sajoh5o1-500.jpg]
 
 ये तेरे यौवन के रस कलश, ये किशोर उभार,
 खोल दो घट पी लेने दो मेरे अतृप्त नयन, प्यासे अधर…”
 “व्याकुल हैं मेरे कर युगल पाने को, पागल है मेरा मन,
 ये आंनद शिखर, उन पे शोभित कलश,
 तन भी तेरी देह लता के ये फल चखने को…”


 [Image: sixteen-nips-3.jpg]
मेरा तो मन खराब हो गया इन कविताओं को पढ़ के और मैंने कई पन्ने पलट दिये। 

अब नितम्बों का वणर्न था

कामदेव के उल्टे मृदंग, भारी घने नितंब…”

[Image: rear-end-1a4f6c6d3e24cb5ae004eb2fc49b9cf1.jpg]


कई इंग्लिश में भी थीं।
 
तब तो वो बोले- पन्ने पीछे पलटो- वो तो तुमने छोड़ ही दिया जिसके बारे में पूछ रही थी…”
और वास्तव में नितंब के पहले, नाभी के बाद थी वो- रस कूप, मदन स्थान
 
 करती रहोगी तुम नहीं नहीं, शर्माती,
 इठलाती और बल पूवर्क खोल दूंगा मैं हटाकर लाज के सारे पहरे, पर्दे,
 छिपी रहती होगी जो किरणों से भी,
 रस कूप, गुलाबी पंखुड़ियों से बंद आसव का वो प्याला।


[Image: pussy-v2.jpg]
 
पढ़ते-पढ़ते मेरी आँखें मस्ती से मुंदी जा रहीं थी। 

मैं सोच भी नहीं सकती थी कि शब्द भी इतने रसीले हो सकते हैं। 

मैं वहां भी गीली हो रही थी, मेरे रस कूप एक बार फिर रस से छलक रहे थे। 

और जहां तक उनकी हालत थी, मुझे तो लगने लगा था की जब तक मैं उनके पास रहती थी, उनका तो वो खड़ा ही रहता था। 

मैंने उनसे कहा

आपने ने जो मेरे बारे में वो मैं आपके मुँह से सुनना चाहती हूँ…”
 
उन्होंने डायरी के पन्ने खोले तो शरारत से मैंने उसे बंद कर दिया और बोली

ऐसे थोड़ी, तुरंत बना के आशु कवि ऐसे जो भी आपके मन में आये…” 

तभी मुझे ध्यान आया, पढ़ने के बहाने उन्होंने लाईट जला दी थी

और निवर्सना मैं, मेरा सब कुछ शर्माकर मैंने उनकी आँखें अपनी हथेली बंद कर दीं।
 
वो बोले- अरे देखूंगा नहीं, तो बोलूंगा कैसे?
 
मैंने उनका हाथ अपने सीने पे रखकर कहा- उंगलियों से देख के…”

फिर मैंने कहा- मुझे अपनी प्रशंसा सुनना अच्छा लगता है और वो भी आपके मुँह से…”
 
वो बोलने लगे-
 
 तेरे ये मदभरे, मतवाले, रस कलश,
 किशोर यौवन के उभार, रूप के शिखर,
 डोम्स आफ ज्वाय, जवानी की जुन्हाई से नहाये जोबन,
 प्यासे हैं मेरे अधर, इनका रस पाने को,
 छू लेने को चख लेने को, छक लेने को सुधा रस।
 
और मेरी आँखें भी मस्ती में बंद हो गईं। 

[Image: nip-suck-18602421.gif]

मैंने खुद उनके प्यासे अधरों को खींचकर अपने जोबन के उभारों पे लगा दिया। 


और अब उनकी उंगलियां भी सरक के और नीचे सीधे मेरे रस कूप पे 

और वो बोले जा रहे थे-
 
 तेरे ये भीगे गुलाबी प्रेम के स्वाद को चखने को बैचेन होंठ,
 थरथराते, लजाते, ये गुलाबी पंखुड़ियां किशोर खिलने को बेताब ये कली
 (उनकी उंगलियां अब मेरे भगोष्ठों का फैलाकर अंदर घुस चुकी थीं),
 ये संकरी प्रेम-गली, मेरे चुम्बनों के स्वाद से सजी रस से पगी,


[Image: pussy-fingering-tumblr-n1ciai-Jq-DH1rw5um0o1-r1-400.gif]
 स्वागत करने को बेताब, भींच लेने को, कस लेने को, सिकोड़ लेने को,
 अपनी बांहो में मेरा मिलन को उत्सुक बेचैन उत्थीत काम-दंड।
 
हम दोनों रस से पगे बेताब हो रहे थे।
 
 
हमारी शादी के फोटो और स्केच ,.. और सबसे आखिरी पन्ने पर , 

जो मेरी चूड़ियां टूटी थीं , पहले मिलन में , जो गुलाब की , चमेली की पंखुड़ियां ,

 इन्ही सब को जोड़ के क्या जबरदस्त कोलाज़ इन्होने बनाया था 

और वो बात लिख दी , 

जिसे कहने की आज तक ये लड़का हिम्मत नहीं जुटा पाया ,
 
आई लव यू। 
 
अभी भी मारे डर के उनकी  आँखे बंद थी ,
 
' सजा तो तुम्हे मिलेगी , चोर डाकू , बदमाश।  " 

मैं बोली और अब वो थोड़ा सा मुस्कराये।
 
और उन मुस्कराते होंठों पर होंठ रख के कस के मैंने चुम्मी ले ली। 
 
Like Reply
क्या बात कोमाल जी।
शब्द नहीँ है प्रशंसा के लिए।
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
Like Reply
Jaan daar shaandar update
Like Reply
आपकी लेखनी में जादू है कोमल जी
Like Reply
Waiting 4 next update....
बर्बादी को निमंत्रण
https://xossipy.com/thread-1515.html

[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
https://xossipy.com/thread-2651.html

Hawas ka ghulam
https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750
Like Reply
(16-05-2019, 10:51 PM)Black Horse Wrote: क्या बात कोमाल जी।
शब्द नहीँ है प्रशंसा के लिए।

Thanks ...so much
Like Reply
aap ki likhani me jaddo hai Komal ji.jis Tarah saddo ka chayan rahta hai wah lagabab hai aur sath me ek nayapan hota hai esa lagta hai ki samne koi Film chal rahi hai sare seen dikhai de rahe hai
Like Reply
(16-05-2019, 10:51 PM)Black Horse Wrote: क्या बात कोमाल जी।
शब्द नहीँ है प्रशंसा के लिए।

आपकी ज़र्रानवाज़ी है , वरना मैं क्या , मेरी कहानी क्या।  साथ बनाये रखिये
Like Reply
Thumbs Up 
(18-05-2019, 11:01 AM)komaalrani Wrote: आपकी ज़र्रानवाज़ी है , वरना मैं क्या , मेरी कहानी क्या।  साथ बनाये रखे
फिर से निशब्द कर दिया आपने। ।
साथ हमेशा रहेगा
अगली कड़ी की प्रतिषा में।।
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
Like Reply




Users browsing this thread: 5 Guest(s)