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Incest दीदी ने पूरी की भाई की इच्छा
(23-11-2021, 02:51 PM)neerathemall Wrote:
abhi to baki hai

Namaskar

Waiting 4 next update
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(24-11-2021, 12:29 AM)gama4u Wrote: Nice story

Namaskar
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Where is update bro ?
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Shy Shy Shy
(29-11-2021, 02:49 PM)Bond 009 Wrote: Where is update bro ?

Exclamation
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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अच्च्छा!. कोई और लड़'की. वही में सोचूँ. के में तुम्हारा लंड हाथ में ले लू ऐसी 'इच्छा' तुम्हारे मन में क्यों होंगी?" अब में संगीता दीदी को क्या बताऊ??. के मेरा लंड सिर्फ़ उसके हाथ में ही क्या.. और कहाँ कहाँ देने की, डाल'ने की 'इच्छा' कित'ने बरसो से मेरे मन में है. में चुप'चाप पड़ा रहा और वो मेरा लंड हाथ में लेकर उसे गौर से देख'ने लगी. उस'ने पह'ले मेरा लंड पकड़'कर उस'का आगे पिछे से परीक्षण किया.

फिर मेरा लंड मेरे पेट की तरफ दबाते मेरे लंड के नीचे के अंडकोष का परीक्षण किया. एक हाथ से मेरा लंड मुठ्ठी में पकड़'कर दूसरे हाथ से मेरी गोटीयों को सहलाया. उसके उप्पर के मेरे झान्ट के बाल अप'नी उंगली में पकड़'कर उन्हे खींच के देखा. बालों को खींच'ने से मेरी गोटीयों की चमड़ी का तनना और छोड़'ने के बाद चमड़ी का वापस पहेले जैसा होना. ये बात उसे काफ़ी दिलचस्प लगी.

मेरी गोटीयों की चमड़ी को उप्पर करके संगीता दीदी उसके नीचे के भाग का परीक्षण कर'ने लगी. उसे मेरे गोटीयों के नीचे का भाग अच्छी तरह से देख'ने को मिले इस'लिए मेने मेरे पैर और फैलाए और उप्पर किए. वो अप'नी उंगली मेरी गोटीयों के निचले भाग पर घुमा रही थी. जब उसकी उंगली का स्पर्श मेरे गान्ड के हॉल को लगा तब में छिटक गया. उसे मेरी गान्ड का हॉल दिख रहा होगा इसका मुझे यकीन था लेकिन दीदी वहाँ पर उंगली लगाएगी ये मेने सोचा नही था. में आश्चर्य से उड़ गया ये देख'कर वो हंस दी और उस'ने मेरा लंड छोड़ दिया. जैसे ही उस'ने लंड छोड़ दिया वैसे ही वो तन के खड़ा हो गया.

फिर संगीता दीदी ने वापस मेरा लंड सूपदे के नीचे मुठ्ठी में भर लिया और सूपदे की चमड़ी नीचे सरका के सूपड़ा खुला किया. सुपारी जैसा कड़ा और चिकना सूपड़ा देख'कर उसे रहा ना गया और उस'ने अप'नी उंगली उस'पर घुमाई. शुपाडे के उप्पर जो छेद था उस'पर भी उस'ने उंगली घुमाई. फिर दो उंगलीयो से उस'ने छेद को फैलाया और उस मूत के हॉल का परीक्षण किया. उस'ने उंगलीया हटाते ही छेद बंद हो गया और उस में से मेरे वीर्य की पानी जैसी बूँद बाहर आई.

उस बूँद को बाहर आते देख संगीता दीदी खिल उठी और मेरी तरफ देख कर हंस दी. फिर नीचे देख'कर उस'ने हलके से उस बूँद को उंगली लगाई और वो बूँद उसकी उंगलीपर आया. उस'ने दोनो उंगली से उस बूँद को मसल दिया और उसके गाढ़ेपन का अंदाज लिया. पूरा समय में संगीता दीदी क्या क्या कर रही थी वो में बड़े मज़े से देख रहा था. आख़िर उस'ने मेरा लंड छोड़ दिया और वो उठ के बैठ गयी.

"कुच्छ भी कहो, सागर. लेकिन. पुरुष का ये भाग कुच्छ अलग ही दिखता है!" संगीता दीदी ने हंस'कर कहा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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"पुरुष का ही क्यों. तुम स्त्रियों का भी वो भाग कुच्छ अलग होता है. ना समझ'ने वाला. किसी पहेली जैसा.. उलझन जैसा."

"कौन सी स्त्री का देखा है तुम'ने, सागर? मेरा तो यक़ीनन देखा नही."

"इस'लिए तो कह रहा हूँ. किसी पहेली जैसा. क्योंकी तुम्हारा 'वो' भाग मेने सिर्फ़ उप्पर ही उप्पर देखा है. लेकिन उसे अच्छी तरह से देख'कर ये पहेली सुलझाने की कोशीष मुझे कर'नी है."

"ना बाबा ना.. में नही अप'नी पहेली सुलझाने दूँगी तुम्हें."

"वो तो देख लेंगे हम बाद में, दीदी. चलो अभी. ज़रा मेरे लंड को चूस के मुझे जन्नत की सैर करा दो." मेने हंस'ते हुए उसे कहा.

"तो फिर बताओ मुझे. में कैसे कैसे. क्या क्या कारू. मेरे 'गाइड', वत्सायन!!" उस'ने 'गाइड' शब्द पर ज़ोर देते हुए हंस'ते हंस'ते कहा.

"ओके, दीदी! अब तुम पह'ले जैसी मेरे पैरो के बीच लेट जाओ. हाँ.. ऐसे ही.. अब मेरा लंड ऐसे सीधा पकड़ लो. ऐसेच. अब. धीरे से तुम्हारे होंठो से मेरे लंड के सुपाडे को चूम लो. अहहाहा!!. ऐसेही. आहा!. थोड़ी देर ऐसे ही मेरे लंड को चूम'ती रहो.. यस!. यस!!. अब तुम्हारी जीभ बाहर निकाल'कर मेरे सुपाडे को चाट लो. ऐसे ही. यस!. बिल'कुल लालीपोप चाटते है वैसे. ऐसेही. राइट!. बिल'कुल ऐसेही. अहहा. अब मेरे लंड के सुपाडे का जो छेद है ना.. उसे अप'नी जीभ से चाटो. और खुरेद दो.. आहा!. बिलाकूल ऐसेही, दीदी!. तुम बिल'कुल सही तरह से कर रही हो. ऐसे ही कर'ती रहो. अहहा!!."

मेरे साम'ने का नज़ारा मुझे पागल कर देने वाला था. संगीता दीदी, मेरी सग़ी बड़ी बहन, मेरे पैरो में लेटी थी और में उसे बता रहा था के मेरा लंड कैसे चूसे. वो मेरे लंड का सुपाडा चाट रही थी और बीच बीच में उसके उप्पर के मूत के छेद को जीभ से खुरेद रही थी. मुझे तो कुच्छ अलग ही सेंसेशन अनुभव हो रहा था. मेने मेरे लंड को अंदर से एक झटका दिया और अचानक सुपाडे के छेद से मेरे वीर्य की पतली बूँद उप्पर आई. संगीता दीदी ने शरारती नज़र से मुझे देखा. और वैसे ही मेरी नज़र से नज़र मिलाकर उस'ने अप'नी जीभ से वो बूँद चाट ली. फिर जीभ अप'ने मूँ'ह में लेकर उस'ने मेरे वीर्य का स्वाद चख लिया और झट से मुझे आँख मारी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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में धन्य हो गया!!. मेरा जीवन जैसे सफल हो गया!! मेरी बहन ने मेरे वीर्य का पानी चाट लिया. और उसे उस'का स्वाद पसंद भी आया!!. इस बात से मुझे यकीन हो गया के अगर में उसके मूँ'ह में झाड़ जाउ तो वो मेरा पूरा वीर्य निगल लेगी. इस ख़याल से में खूस हो गया और उत्साह से उसे आगे क्या कर'ना है ये बताने लगा.

"अब, दीदी. तुम अपना मूँ'ह खोल दो और मेरे लंड का सिर्फ़ सुपाडा अप'ने मूँ'ह में ले लो. हाँ. ऐसेही. ओहा. अब. अप'ने होठों से सुपाडे के बेस को जाकड़ लो. और फिर अप'नी जीभ और मूँ'ह के अंदर का उप्परी भाग. इस'के बीच पकड़ा के सुपाडे को ज़ोर से चूसो. अहहाहा!. ऐसेही. ग्रेट!.. ऐसे ही कर'ते रहो. ज़्यादा ज़ोर से मत चूसो. धीरे धीरे.. हाँ. इतना ही. बराबर. चूसो. दीदी. चूसो मेरा लंड.." यकायका मेरा लंड चुसते चुसते संगीता दीदी हंस'ने लगी. वो क्यों हंस रही है ये मेरी समझ में नही आया इस'लिए मेने उसे पुछा,
"क्या हुआ, दीदी? तुम हंस क्यों रही हो??"

"कुच्छ नही रे, सागर." संगीता दीदी ने अपना सर उठाते हुए कहा,

"तुम'ने मुझे धीरे से चूस'ने के लिए कहा तो मुझे थोड़ी देर पहेले की बात याद आई. तुम भी मेरी चूत ऐसे ही ज़ोर से चाट रहे थे और मुझे भी पह'ले पह'ले थोड़ी तकलीफ़ हुई. इस'लिए अब उस'का बदला लेने के लिए में तुम्हें ज़ोर से चूसूंगी." ऐसा कह'कर हंस'ते हंस'ते वो वापस मेरा लंड चूस'ने लगी. मेने डराते हुए उसे कहा,

"अरे नही, दीदी. वैसे ज़्यादा ज़ोर से मत चूसो.. उस से मेरे लंड को तकलीफ़ होगी. बहुत ही नज़ूक होता है लंड.. तुम्हारी चूत जैसा नही होता है."

"नही रे, सागर!. में तो मज़ाक में कह रही हूँ.. में कैसे तुम्हें तकलीफ़ दूँगी? डरो मत..! में धीरे से चूस'ती हूँ तुम्हारा लंड!!."

"ओहा "थॅंक्स, दीदी!.. अहहाहा.. ऐसेही, दीदी.. ऐसेच. क्या बताउ तुम्हें, दीदी.. कित'ना अच्छा लगा रहा है.. अब. तुम मेरा पूरा लंड. अप'ने मूँ'ह में.. लेने की कोशीष करो.. हम. ऐसेही नीचे जाओ. और नीचे. और. अप'नी नाक से साँस लो.. ज़ोर ज़ोर से. जिस'से तुम्हें आना ईज़ी फील नही होगा. जाओ. और नीचे जाओ."
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मेरे लंड का लग'भाग सत्तर, अस्सी प्रतिशत भाग संगीता दीदी के मूँ'ह में गायब हो गया था. अभी और थोड़ा अंदर जाना बाकी था. मेरे लंड के सुपाडे का उसके गले के उप्परी भाग को हो रहा स्पर्श में अनुभव कर रहा था. मेने उसके सर के पिछे हाथ रख और कुच्छ पल उसके बालो को सहलाया. फिर में उस'का सर मेरे लंड पर नीचे धीरे धीरे दाब'ने लगा और उसे कह'ने लगा,

"अप'नी नाक से साँसे ले लो, दीदी. अब ले लो मेरा बाकी लंड अप'ने मूँ'ह में.. ले लो.. और ले लो.. जाओ नीचे. तुम्हारा सर थोड़ा उप्पर करो. हाँ. ऐसेही. बराबर. अब दबाओ अपना मुँह और नीचे. और. मेरे लंड का सुपाडा जा'ने दो अप'ने गले में. जा'ने दो. और. बराबर. ऐसेही. और थोड़ा. एसा.. डॅट्स इट.. ग्रेट!. यू आर ग्रेट, दीदी!."
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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Super update

.. please update more
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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Please give big update
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(30-11-2021, 09:22 PM)gama4u Wrote: Please give big update

Namaskar Namaskar Namaskar
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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(30-11-2021, 05:49 PM)Suryahot123 Wrote: Super update

.. please update more

(30-11-2021, 06:08 PM)neerathemall Wrote: thanks

(30-11-2021, 09:22 PM)gama4u Wrote: Please give big update

Namaskar
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Mast kahani...plz update regularly..aur isse aur jyada kamuk banao.
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(02-12-2021, 07:59 AM)sandy4hotgirls1 Wrote: Mast kahani...plz update regularly..aur isse aur jyada kamuk banao.

cool2 
































Namaskar
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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मस्त।
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Plz update soon.
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(04-12-2021, 01:50 AM)bhavna Wrote: मस्त।

(04-12-2021, 11:08 AM)sandy4hotgirls1 Wrote: Plz update soon.

Namaskar
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Story ke sath pics or gifs bhi add karo so it will be more excited ??
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