26-11-2021, 05:29 PM
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Adultery जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी
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26-11-2021, 05:31 PM
जोरू का गुलाम भाग ९८
मेरा सोना मोना हम दोनों सीढ़ी चढ़ रहे थे ,अपने कमरे में जाने के लिए। " तुम बहुत दुष्ट हो " उन्होंने खिलखिलाते हुए मेरे नितम्ब पे एक जोर की चपत मारी और मेरे गाल काटते हुए बोले , " मेरी भौजाई को दारु ,... " और खिलखिलाने लगे। " मॉक टेल ,मास्टर शेफ की अवार्ड विनर , ... असली कारीगरी तो साले तुम्हारी है " और हँसते हुए मैंने उनके पिछवाड़े एक हाथ जड़ दिया। " दीदी ,एकदम प्योर वेज कबाब , लहसुन प्याज भी नहीं पड़ा ,... " मेरी आवाज की नक़ल करते हुए वो खिलखिला पड़े। " दे बुर ,दे बुर , ... देवर मांगे दे बुर " अबकी मैं अपनी जेठानी की आवाज कॉपी करती हुयी हंसती हुयी बोली। वो भी हंसने लगे। " साल्ले माँगा क्यों नहीं बेचारी तुरंत दे देती अपनी बुर , मुझे तेरी कुँवारी नथ सुहागरात में न उतारनी पड़ती " और उन्हें चिढ़ाने के साथ साथ मेरी ऊँगली अब अपने सैयां के नमकीन पिछवाड़े में धंसी , घिस्स मिस्स हो रही थी। " देर आयद दुरुस्त आयद , मांग तो लिया और तेरी जेठानी ने हाँ भी कर दी। " मेरी खूब मीठी सी चुम्मी लेते वो बोले। " चल बुर तू चोदना और कोरी कसी गांड का उद्घाटन मैं करुँगी " उनके शार्ट से निकाल के खूंटे को मुठियाती मैं बोली। लंड उनका एकदम तन्नाया। वो कुछ बोलते उसके पहले ही मैंने करेक्शन जारी कर दिया। लैंड को मुठियाते उनके लंड से ही मैं बोली , " अच्छा चल यार गुस्सा न हो , कोरी अनचुदी गांड मारने का मन कर रहा है तेरा ,चल मार लेना आखिर तुझे भी तो पिछवाड़े वाले छेद में आने जाने का रास्ता मालूम होना चाहिए , चल अपनी भौजाई की गांडफाड़ तू देना ,बाद में जब उनकी सैंडविच बनायंगे , न तो तेरे हिस्से बुर मेरे हिस्से उनकी गांड। फाड़ के रख दूंगी ,इत्ते दिन की गांड मराई जो छिनार ने अपने देवर से बचा के रखी थी। लेकिन मारूंगी तो मैं गांड उस बुरचोदि की जरूर। " बिना बोले उनसे रहा नहीं जाता तो इसलिए उन्होंने बोल दिया , और तब तक हम लोग कमरे में पहुँच गए थे उन्होंने बोल दिया , " लेकिन ,... कैसे " और उन्हें वही पलंग के सहारे निहुरा के मैं बोली, "ऐसे , जैसे अभी थोड़ी देर में तेरी मारूंगी , अरे सब कुछ जानना जरुरी है क्या ,जब मारूंगी तो देख लेना ,ऐसी चिलायेंगी तेरी भौजी जैसे अपनी सुहागरात में फटने पर न चिल्लाई होंगी। " शार्ट मैंने उनकी सरका के नीचे कर दी थी और उनके गोल गोल गोरे चिकने बबल बॉटम पर दो हाथ कस के जड़ दिए ,हलके गुलाबी फूल खिल उठे। मेरी ऊँगली की टिप , पूरी ताकत से उनकी गांड के अंदर ,सटाक। " एक बार में पूरा पेलना मेरी जेठानी के गांड के अंदर ,नो रहम सहम ,चिल्लाने देना , बहुत गांड मटका मटका के तुझे ललचाती थीं न। " गोल गोल ऊँगली की टिप उनकी कसी गांड में घुमाती मैं बोली ,और अगले पल उनकी शर्ट भी मैंने खींच के फर्श पर और उन्हें आगे सीधे , और और बीस पच्चीस चुम्मे तो जड़ें ही होंगे उनके मालपूआ ऐसे मीठे मीठे गाल पे। फिर बोली अपने सजन से , " यार तू न बहुत बहुत अच्छा है ,बहुत मेरा सोना मोना ,खूब मीठा वाला सोना मोना , आज का दिन तो मैं भूल नहीं सकती ,पहले तो मेरी उस नकचढ़ी ननद से , " गुड्डी अपनी चूत दो न मुझे " और एक बार हम दोनों फिर खिलखिलाने लगे और वो कपड़ों के दुश्मन मेरी साडी उतारने में जुट गए और थोड़ी देर में मैं भी उनकी जैसी थी ,वस्त्रहीन। अब उनके मायके में हमलोगो को इस बात का फरक नहीं पड़ता था की दरवाजा बंद है की नहीं ,कहीं खिड़की खुली तो नहीं है ,कोई सुन तो नहीं लेगा , मैं उनकी लीगली वेडेड वाइफ , धर्मपत्नी , मर्जी उनकी जो चाहें करे मेरे साथ ,और किसी से क्या मतलब , मेरा सोना मोना , मेरा मुन्ना। उन्हें अपनी बाँहों में लेकर अपने जोबन उनके सीने पर रगड़ाती मैं बोली , " यार आज तूने मेरा जिस तरह से उस छिनार के होंठो से सीधे लेकर ,... रसीली फांक ,,... साले गांडू तेरे मायकेवालियों की फट के हाथ में आ गयी। " और ये कह के उन्हें मैंने बिस्तर पर धकेल दिया ,और उन के ऊपर चढ़ गयी। " भोंसड़ी के , मादरचोद , जानते हो लेकिन किस बात ने एकदम मुझे तेरी पंखी बना दिया ,... अपने माल को जिस तरह से तूने साल भर के लिए ,और सबसे बढ़ कर उसके घर वालों को भी बस अब चार पांच दिन में ये हमारे साथ , और जानते हो मेरा तो फायदा होगा ही , तुझे तो बंद सील खोलने को मिलेगी ,मंजू बाई ,गीता की मस्ती ,गुड्डी का भी फायदा लेकिन जानते हो सबसे ज्यादा कौन खुश होगा ,... " उनकी आँखों में झाँक के मैंने पूछा। वो मुस्कराते रहे समझ के , और हम दोनों के मुंह से एक साथ निकला , " मम्मी ,... "
26-11-2021, 05:32 PM
गुड्डी के साथ,...
उन्हें अपनी बाँहों में लेकर अपने जोबन उनके सीने पर रगड़ाती मैं बोली , " यार आज तूने मेरा जिस तरह से उस छिनार के होंठो से सीधे लेकर ,... रसीली फांक ,,... साले गांडू तेरे मायकेवालियों की फट के हाथ में आ गयी। " और ये कह के उन्हें मैंने बिस्तर पर धकेल दिया ,और उन के ऊपर चढ़ गयी। " भोंसड़ी के , मादरचोद , जानते हो लेकिन किस बात ने एकदम मुझे तेरी पंखी बना दिया ,... अपने माल को जिस तरह से तूने साल भर के लिए ,और सबसे बढ़ कर उसके घर वालों को भी बस अब चार पांच दिन में ये हमारे साथ , और जानते हो मेरा तो फायदा होगा ही , तुझे तो बंद सील खोलने को मिलेगी ,मंजू बाई ,गीता की मस्ती ,गुड्डी का भी फायदा लेकिन जानते हो सबसे ज्यादा कौन खुश होगा ,... " उनकी आँखों में झाँक के मैंने पूछा। वो मुस्कराते रहे समझ के , और हम दोनों के मुंह से एक साथ निकला , " मम्मी ,... " उनका लंड तो मेरी मुट्ठी में ही था झुक के एक बार सुपाड़ा चूम के मैं बोली , " याद है मम्मी ने तुझसे क्या कहा था। " " एकदम ,मम्मी की बात मैं क्या भूल सकता हूँ और टालने की तो सोच भी नहीं सकता " वो बोले। बात उनकी एकदम सही थी ,और मेरी मम्मी भी कम दलबदलू थोड़े ही अब मुझसे ज्यादा इन्ही की ,किसी बात में हम इनमे कुछ फरक हो तो हरदम अपने दामाद का साथ। " एक बार तू हचक हचक के चोद लेगा अपने कुंवारे माल की चूत को हफ्ता दस दिन ,तो,.. " मैं बोल ही रही थी की मम्मी की बात आगे की उन्होंने पूरी की। " हफ्ते दस दिन के लिए उसे गाँव में , ... तो भेज देंगे न " " तुझे मालूम है गाँव में वो तेरी शहर वाली बहना , सुबह गन्ने के खेत में ,दिन में अरहर के खेत में तो शाम को अमराई में , किसी भी दिन ६-७ से कम नहीं ,मोटे मोटे ,अहिरौटी ,भरौटी , पठानटोला सब को मम्मी ने दावत बाँट दी है एडवांस में। फिर जो तेरी सलहजें लगेंगी ,मेरी भौजाइयां , वो भी कम नहीं ,... " मैंने दो लाइन में गाँव में होने वाले सीन को खिंच दिया। " अरे गाँव में तो जायँगी तेरी ननद तो गाँव का मजा तो लेना ही चाहिए न , अहा ग्राम्य जीवन भी क्या है ,ऐसी सुविधा और कहाँ है " वो हँसते हुए बोले और मेरे निपल सीधे उनकेमुंह में। उनका मुंह तो बंद हो गया लेकिन मेरा खुला था , " और उसके आगे तूने ये भी कबूला था की बस एक महीने के बाद उसे गाभिन करने को ,... " लेकिन खड़ा लंड देख कर मेरा मुंह भी बंद हो गया मैं भी कस क के चूसने लगी। थोड़ी देर में हम दोनों 69 की पोज में। उनका गन्ना चूसने में मुझे बहुत मजा आता है , खूब मोटा ,कड़ा रसीला तो है ही ,लम्बा भी कितना सीधे हलक तक , डीप थ्रोट लेकिन जानते हैं सबसे अच्छी बात क्या हो , मेरा अपना है , एकदम पर्सनल ,मैं उसे चाहे चूमूँ ,चाहे चूसूं चाहे चाटूँ ,किसी को भी क्या ,
26-11-2021, 05:33 PM
मस्ती साजन संग
उनका गन्ना चूसने में मुझे बहुत मजा आता है , खूब मोटा ,कड़ा रसीला तो है ही ,लम्बा भी कितना सीधे हलक तक , डीप थ्रोट लेकिन जानते हैं सबसे अच्छी बात क्या हो , मेरा अपना है , एकदम पर्सनल ,मैं उसे चाहे चूमूँ ,चाहे चूसूं चाहे चाटूँ ,किसी को भी क्या , ख़ास तौर से उनके मोटे मांसल सुपाडे के पी हॉल ( पेशाब वाले छेद ) में जीभ के टिप से सुरसुरी करने में , जो हालत खराब होती थी उनकी ,जो तड़पन ,उनकी आँखों में जो मजा छलकता था ,वो देखने के लिए तो मैं कुछ भी। आज भी शुरआत उन्ही शरारतों से मैंने की , जीभ की टिप से पेशाब के छेद को सहला के , वो एकदम गिनगीना गए। और फिर गप्प से पूरा सुपाड़ा अंदर। कुछ देर चूसने चुभलाने के बाद , मैंने लंड बाहर निकाल लिया ,बेचारे वो चूतड़ उचका उचका कर ,... कुछ देर उन्हें तड़पा कर ,मेरी जीभ तितली की तरह कभी उस मोटे गन्ने के बेस पे तो कभी बॉल्स पे तो कभी सीधे सुपाड़े ,बस छू कर हट जाती। उनकी तपन बढ़ रही थी ,लेकिन मेरी ननद को भी तो उन्होंने बहुत तड़पाया था , हाईकॉलेज में थी तबसे उसके कच्चे टिकोरों को देख के वो ललचाते थे। और फिर लिक ,पहले छोटी छोटी ,फिर लम्बी ,सीधे उस खूंटे के बेस से लेकर सुपाड़े तक , और एक झटके में आधा लंड गप्प। मेरी कोमल कलाई ने भी अब उस खूंटे के बेस को पकड़ के हलके हलके मुठियाना शुरू कर दिया। दूसरा हाथ उनके कोमल कोमल नितम्बों को सहला रहा था। शरारत की शुरुआत उन्होंने ही की। मस्ती से मेरी रसीली फांको को चूस रहे थे ,सिर्फ मैं ही नहीं मम्मी भी मानती थी उन सा चूत चटोरा दूसरा नहीं हुआ। जिस तरह से वो अपने दोनों होठों के बीच में लेकर एक एक पुत्ती को चूसते थे , लंड भी मात ऐसी चुदाई अपनी जीभ से करते थे। जीभ की नोक जिस तरह से जी प्वाइंट ढूंढ लेती थी ,किसी भो लड़की को दो चार मिनट में झाड़ने की गारंटी , लेकिन आज ये सब करते करते वो पिछवाड़े पहुँच गए, उनकी उंगलिया नितम्बो को फैला के उन्होंने बीच की दरार पे रगड़ घिस्स शुरू कर दी। और मैंने उनकी माँ बहन सब एक कर दी। " स्साले ,भोंसड़ी के , तेरी छिनार माँ को अपने मरद से चुदवाउंगी।उसके भोंसडे में अपने मरद का मोटा लंड पेलवाउंगी , स्साले तेरी भौजाई की कोरी गांड तुझे दिलवाने का वादा क्या किया ,छिनार केजाने ,तू मेरे ही पीछे पड़ गया , " और ये कह के गच्चाक से अपनी मंझली ऊँगली उनकी गांड के अंदर मैंने पेल दी। पूरे दो पोर तक। उनकी जीभ जैसे हजार तितलियाँ एक साथ कभी छू दें ,कभी उड़ जाएँ ,बस उसी तरह मेरे पिछवाड़े के छेद पर ,और जो वो वहां चुम्मी लेते थे तो बस , रिमिंग में एकदम एक्सपर्ट हो गए थे वो , और मेरी तो बस जान नहीं निकलती थी बस सब कुछ हो जाता था , ऊपर से मेरी गालियों का असर ,और उस से भी बढ़ के उनकी नमकीन गांड में मेरी ऊँगली का , उन्होंने अपनी जीभ मेरे पिछवाड़े की सुरंग में ,...सिखाया तो उन्हें ये मंजू बाई ने था लेकिन अब एकदम परफेक्ट हो गए थे , जैसे कोई ऊँगली से करोचे वैसे ही उनकी जीभ गांड की अंदरूनी दीवारों पे , ... मस्ती से मेरी हालत खराब थी। अगर वो कुछ देर और ऐसे करते रहते तो मेरा झड़ना पक्का था ,लेकिन मेरा प्लान तो कुछ और था ,इसलिए मैंने तुरंत पोजीशन बदली ,उन्हें निहुराया और बोली , आँखे बंद ,...
26-11-2021, 05:35 PM
रात बाकी , बात बाकी
ऊपर से मेरी गालियों का असर ,और उस से भी बढ़ के उनकी नमकीन गांड में मेरी ऊँगली का , उन्होंने अपनी जीभ मेरे पिछवाड़े की सुरंग में ,... सिखाया तो उन्हें ये मंजू बाई ने था लेकिन अब एकदम परफेक्ट हो गए थे , जैसे कोई ऊँगली से करोचे वैसे ही उनकी जीभ गांड की अंदरूनी दीवारों पे , ... मस्ती से मेरी हालत खराब थी। अगर वो कुछ देर और ऐसे करते रहते तो मेरा झड़ना पक्का था ,लेकिन मेरा प्लान तो कुछ और था ,इसलिए मैंने तुरंत पोजीशन बदली ,उन्हें निहुराया और बोली , आँखे बंद ,... पहले तो मैं उन्हें ब्लाइंडफोल्ड लगाती थी लेकिन अब बस मेरे होंठ काफी थे और मेरे होंठों ने फेविकोल से भी कस के उनकी आँखे चिपका दीं। उईईईईई , जोर से चीखे वो। अगली बार चीख पहली बार से भी तेज थी उईईई उईईईईईई आह्ह्ह्ह। लेकिन अगर मैं अपने ससुराल वालों /वालियों की चीखों की परवाह करती तो ,... "स्साले गांडू, मादरचोद, मोटे मोटे मेरे सामने घोंट के, दो ऊँगली में ही चीख रहा है, ... बोल है न मादरचोद तू बनेगा न मादरचोद, बोल वरना अभी पूरी की पूरी ," मस्ती से उनका चेहरा तमतमा रहा था , खूंटा एकदम खड़ा मस्ताया, मेरी दो उँगलियाँ जड़ तक उनके पिछवाड़े अंदर तक घुसीं , अंदर बाहर, अंदर बाहर,... दूसरे हाथ से में उनके बॉल्स को कभी हलके से सहलाती तो कभी दबा देती, " हाँ,... " उनके मुंह से आवाज निकली, झुक के प्यार से उनकी पीठ पर चूमते , अपने दोनों कड़े कड़े उभार उनकी पीठ पर सहलाते मैं बोली, " अरे काहें परेशान हो रहा है, ... तेरी सास हैं न अपनी समधन को पटाने के लिए , तुझे तो बस हचक के उसके भोंसडे में ,... मम्मी ने याद है दो शर्तें बताई थी,... " और अबकी मैंने तीसरी ऊँगली भी,... वो जोर से चीख उठे,... " बोल याद है की नहीं " मैंने उनसे कबुलवाया, " हाँ हाँ याद है " चीखते हुए भी वो बोल पड़े,... " तो उसमे से पहली शर्त, तू तूने अपने मायके आने के पहले ही पूरी कर ली थी , और रही दूसरी शर्त ,तो बस आलमोस्ट नांव पार है , तूने उसे पटा के ले चलने का प्रोग्राम तो पक्का कर ही लिया है, बस एक बार गुड्डी रानी पहुँच जाए , बोल करेगा न , मम्मी की दूसरी शर्त पूरी , बोल याद है , दूसरी शर्त,... " मैंने उनके कान में हलके से चुम्मी लेकर धीमे धीमे बोला। मेरी मम्मी की बात , अपना नाम भूल जाएँ लेकिन मम्मी की छोटी से छोटी बात भी ये नहीं भूल सकते थे और टालने की उनकी बात तो सपने में भी नहीं सोच सकते तो उन्होंने मम्मी की दूसरी शर्त खुद बता दी,... " गुड्डी को गाभिन करना है , और नौ महीने के बाद,... " उनकी बात काट के मैं बोली, " तो करोगे न अपनी बहिनिया को को गाभिन बोल, " " हाँ, मम्मी की बात,... टाल सकता हूँ क्या,... " वो मुस्कारते बोले,... पर मैंने एक चपत प्यार से उनके पिछवाड़े लगाई और उँगलियाँ निकाल ली, " स्साले, मादरचोद, गांडू,... ये क्यों नहीं कहते की मेरी सास की बुर चोदने के लिए तू कुछ भी करेगा, पर यार गलती तेरी भी नहीं है , मेरी सास साली है एकदम मस्त माल , ... लेकिन उसके पहले अपनी छुटकी बहिनिया का नंबर लगाना होगा " हम दोनों चुप थे , चार पांच मिनट बाद हलकी सी आवाज आयी भईया 'भैय्या ,... वो आवाज जो सपने में भी वो पहचान सकते थे, मैं भी,... उसकी थी। मैंने उनकी आँखे खोल दी , सामने स्क्रीन पर । गुड्डी थी ,
26-11-2021, 05:36 PM
जोरू का गुलाम भाग ९९
भैय्या, ... 'भैय्या ,... वो आवाज जो सपने में भी वो पहहचान सकते थे मैं भी उसकी थी। मैंने उनकी आँखे खोल दी , सामने स्क्रीन पर गुड्डी। गुड्डी थी , सिर्र्फ उसका भोला चेहरा , उस सारंग नयनी की बड़ी बड़ी कजरारी रतनारी आँखे ,उसमें तैरती चाहत , और उसके रसीले होंठ , पहले तो उस शोला बदन ने अपनी सेक्सी जीभ निकाल के दावत देने के अंदाज में अपने भीगे होंठ हलके से चाट लिए। और फिर अपनी ऊँगली उन गीले होंठों पे बड़ी सिडक्टीव अंदाज में फिराई। और हस्की आवाज , भैय्या , और फिर एक फ़्लाइंग किस , उसके बाद उसकी ऊँगली फिर गुड्डी के होंठो के बीच जैसे वो लॉलीपॉप चूस रही हो ,उस तरह से , किसी के लिए भी ये मंजर पागल बना देने के लिए काफी होता। और फिर उसकी आवाज , शहद में घुली , भैया कैसे हैं मेरे होंठ , एक पुच्ची दो न ,खूब मीठी वाली , हाँ एक और दो ,दो न भैय्या और उन्होंने उस चिंगारी की ओर एक किस उछाल दिया। उन्हह , ओह्ह्ह भैय्या एक और ,दो न तेरी किस्सी कित्ती मीठी है ,दो न ,स्क्रीन पर से गुड्डी की रसभरी आवाज आ रही थी। और दोनों ओर से चुंबन की झड़ी ,... और कैमरा थोड़ा नीचे आया (असल में वो कैमरे की ओर आगयी ) अब उसकी लम्बी गरदन ,गोरे गोरे गोल गोल कंधे , मख्खन से चिकने सिर्फ दो बहुत पतले स्किन कलर के नूडल स्रिंग , लो हाल्टर टॉप से झांकती उसकी गोलाइयाँ , वो खिलखिलाई और लगा हजार चांदी की घण्टिया एक साथ , और हलकी सी जुम्बिश के साथ उसने,... और बूब्स के साइड स्वेल , खूब कड़े कड़े टेनिस के बाल की साइज के उसके किशोर उभार , जैसे छलक के बाहर आ जाएंगे। भैय्या , एक हलकी सी सिसकती आवाज , और उस परी चेहरा की लम्बी उँगलियों ने उन्हें दिखाते ललचाते अपने कंधो पर से नूडल स्ट्रिंग हलके हलके सरका दिए। जैसे किसी अँधेरे कमरे में १००० , १००० वाट के दो दूधिया बल्ब अचानक जगमगा उठें
26-11-2021, 05:37 PM
नए नए आये जोबन ,
जैसे किसी अँधेरे कमरे में १००० , १००० वाट के दो दूधिया बल्ब अचानक जगमगा उठें , गुड्डी के गदराते , नए नए आये जोबन , उनकी हालत खराब , लेकिन उससे ज्यादा हालत खराब हुयी गुड्डी की रेशमी सरसराती हलकी हलकी सेक्सी आवाज से , " भैय्या ,... कैसे लगे तुझे ये मेरे ,... रसीले , हैं न मस्त , लो न ,... तू न खाली ललचाता रहता है , एक बार कस के , ओह्ह उह्ह्ह ,... " और साथ में गुड्डी की संदली लम्बी उँगलियाँ उसके उभारों के चारो ओर हलके हलके बस छूती ,सहलाती , और बस चीख नहीं निकली उनकी, जब उन उँगलियों ने उरोजों के शिखर को , उसके मिल्क टिट्स को जस्ट फ्लिक कर दिया , फिर तर्जनी से ,गोल गोल और फिर अंगूठे और तर्जनी के बीच निप्स को दबाती रगड़ती मसलती , वो शोला बदन ,उन्हें उकसाती ललचाती बोली , " क्यों भैय्या ,पियोगे दुधु , बहुत मीठा है , एक बार ट्राई तो करो ,.... उह्ह्ह , ओह्ह्ह " गुड्डी सिसक रही थी ,उसकी उँगलियाँ रोल कर रही थीं उसके निप्स को , " नहीं नहीं भैय्या , काटो नहीं ,प्लीज प्यार से , उफ्फ्फ लगता है , भैय्या तू बहुत बदमाश हो गए हो , ... हाँ हलके हलके जस्ट , चूसो न कस के ,लालची ,पागल , लेलो मन भर। और इधर उनका खूंटा एकदम तना। और अब गुड्डी बिना कुछ बोले अपने बूब्स को हलके हलके उन्हें दिखाते ,ललचाते कप कर रही थी जैसे वो ही अपनी बहना की नयी नयी आयी कच्ची अमिया का मजा ले रहे हों। फिर मैं क्यों मौक़ा छोड़ती इस बहन के यार की ऐसी तैसी करने से। मेरी उँगलियाँ इनके पगलाए लंड को बस छू रही थीं ,कचकचा के इनके गाल काटते मैं चालू हो गयी, " स्साले मादरचोद , भंडुए , वो कल की छोरी तुझे ऐसे खुल के दे रही अपनी कच्ची अमिया की दावत और तू , हरामी के, बोल बनाएगा रखैल न उसको ,तेरी माँ का भोंसड़ा मारुं। " " हाँ , " हलके से वो बोले , और जोर से मेरा हाथ उनके चूतड़ पे , " जोर से बोल गुड्डी के सनम , बहनचोद " " हाँ " अबकी वो खुल के बोले , और उनकी निगाह अभी भी अपनी बहन की मस्त चूँचियों पर चिपकी , मैंने अपनी आवाज चेंज कर दिया ,और कोमल की कोमल कोमल आवाज में मैं बोली , " देख छिनार के निप्पल के किते मस्त है , याद है तूने एडवांस बुकिंग दे रखी इन निप्स पे गोल्डन रिंग्स की ,२२ कैरट वाली , फिर तो निप्स हरदम टनटना टन , और उसके टॉप्स से रगड़ते रहेंगे तो इस चूतमरानो की बुरिया भी हरदम गीली रहेगी। बस सटाओ घुसाओ , चोदोगे तो तुम हो ही इसको , याद है मम्मी का वादा।" बिना गुड्डी की छोटी छोटी चूँची से निगाह हटाए वो बोले , " याद है ,... " " गाभिन करना होगा , और हमारे साथ ये जब घर पहुंचेगी बस उस के दो महीने के अंदर , और फिर नौ महीने में दूध की धार पिलवाउंगी इन्ही चूँचियों से " हलके हलके उनके खूंटे को मुठियाती मैं बोली। " एकदम याद है ,मम्मी की कोई बात मैं भूल सकता हूँ , ... " मेरी ओर मुड़ के मुस्करा के बोले। और आगे जोड़ा , " और मम्मी ने ये भी कहा था की आपने सामने मुझसे वो ,...इसको गाभिन करवाएंगी ,दिन मुहूर्त देखकर , तो बस जब जैसे मम्मी कहेंगी " " मम्मी ने एक और काम बोला था अपने सामने करवाने के लिए याद है , ... " मुस्करा के मैंने पूछा " हाँ याद है , ... " उन्होंने हंस के कबूल किया। " तेरी माँ के भोंसडे में अपने हाथ से वो , तेरा लंड घुसवाएंगी। अपने सामने अपनी समधन को अपने दामाद से चुदवाएंगी , बोल स्साले " मैंने उनके निपल कोस्क्रैच करते हुए कहा। " एकदम याद है , ... " हँसते हुए उन्होंने कबूल किया , लेकिन गुड्डी ने तबतक ऐसी हरकत की ,कि ,उनको छोड़िये मेरी हालत खराब हो गयी। कोमल
26-11-2021, 05:39 PM
बंद खजाना
लेकिन गुड्डी ने तबतक ऐसी हरकत की ,कि ,उनको छोड़िये मेरी हालत खराब हो गयी। उस कच्ची उमर की किशोरी ने अपनी पतली सी गुलाबी लेसी पैंटी सरका दी थी ,और एक हलकी सी झलक , उस बंद खजाने की , उस की चुनमुनिया की, गुलाबो की ,, गोरी तो मेरी ननदिया खूब थी ही ,जैसे दूध में कोई दो बूँद ईंगुर की डाल दे , बस एकदम मक्खन मलाई ,चिकनी ,मुश्किल से एक दो रेशम के धागे ऐसे छोटे छोटे बाल , दसहरी के फांक ऐसी रसीली फांके एकदम एक दूसरे से जुडी चिपकी , दरार भी मुश्किल से दिख रही थी। और वो दुष्ट शोख , शरारत से मुस्करा रही थी। अपनी लम्बी उँगलियों से बस हलके हलके ,अपनी निचली आम की फांक के किनारे किनारे सहला रही थी। और उसके भैय्या बेताब , कौन नहीं होगा। एक टीनेजर जिसका अभी इंटर का रिजल्ट् भी न निकला हो , गोरी चम्पई इस तरह अपनी कच्ची कोरी कसी ,... :गुड्डी प्लीज खोल दे न एक बार प्लीज देखने दे न , "वो बोल पड़े। और उधर स्क्रीन पर गुड्डी ,मेरी छुटकी ननदिया , उनके बचपन का माल , बहुत हलके से बोली , "देखो न भइया ,बोल न कैसी लग रही है ,है न मीठी।" और पैंटी गुड्डी ने थोड़ी और सरका दी। कुँवारी अनचुदी कच्ची कसी कोरी चूत ,आलमोस्ट उनकी निगाहों के सामने,... उनकी ऊपर की साँस ऊपर नीचे की नीचे मुश्किल से थूक घोंट पा रहे थे और उधर गुड्डी वार पर वार , उस कातिल ने अपनी संतरे की फांको के बीच ऊँगली घुसाई , इत्ती कसी थी की मुश्किल से एक पोर भी नहीं घुसी होगी , थोड़ी देर आगे पीछे ,ऊपर नीचे अपनी कसी गुलाबो में , और फिर चूत रस से भीगी ऊँगली को उन्हें दिखा के उन्हें ऑफर किया ,ललचाया और अगले पल गुड्डी के मखमली होंठों के बीच जैसे कॉलेज की लड़कियां लॉलीपॉप चूसती हैं उसी तरह। उस छिनार के एक हाथ की ऊँगली तो उसके होंठ के बीच थी पर दूसरे हाथ की उँगलियों से उसने फिर अपनी मखमली घाटी को छुपा लिया और हलके से बोली "बोल भैय्या चाहिए , बोल न" " हाँ हाँ ," जोर से बोल पड़े वो. " उफ्फ्फ क्या चाहिए ये तो बोल न मेरे बुधू , " वो शोख खिलखिलाते हुए हंस पड़ी। " वही ,वही। .. " बड़ी मुश्किल से इनके बोल फूटे। और उसने अब अपनी उँगलियाँ हटा दी , पैंटी एकदम हट गयी थी। मखमली खुली जांघो के बीच कच्ची कसी,... लेकिन गुड्डी का छेड़ना इन्हे चिढ़ाना ,उकसाना कम नहीं हुआ था , जिस तरह कोई लड़की नीचे से कमर उचका के चूतड़ उठा उठा के चुदाई में साथ दे बस उसी तरह चूतड़ उठा उठा के और अब मैं चालू हो गयी। "देख स्साले कितनी आग लगी है तेरी इस बहन की चूत में ,इसे तू सीधी साधी समझता था , मादरचोद , बोल चोदेगा न इस छिनार की चूत। मादरचोद , तेरी माँ के भोंसडे में लाल मिर्चे कुटवाऊं ,तेरी इस रंडी बहन को उसकी गली के गदहों से चोदवाऊं , स्साले ,देख तुझे अपने सारे भाइयों का ,मायके के सारे मर्दों का स्साला बनवाऊंगी। पूरा गाँव तेरा जीजा हो जाएगा ,देख कैसे चूत फैला के , ...तू भी न एकदम घपड़चोंथ, बोल साले रंडी के जने ,बोल चोदेगा न अपनी बहन को ,... " और एक हाथ उनके चूतड़ पे। " हाँ हाँ चोदूगा , हाँ हाँ , " उनकी निगाह गुड्डी की खुली चूत पर चिपकी ,... " अरे स्साले ,इस रंडी के भंडुए ,किसको चोदेगा , खुल के बोल न ,... " मैंने और उकसाया। " इस को , गुड्डी को ,अपनी बहन को ,... " वो खुल के बोले। " तू तो है पैदायशी बहनचोद ,... मेरी मम्मी ने विदाई के पहले ही कहा था की मेरी ससुराल के सारे मर्द बहनचोद हैं और औरतें नम्बरी छिनार , पंच भतारी। चल तेरा इत्ता मन कर रहा है अपनी छुटकी बहिनिया को चोदने का तो मैं क्यों मना करुँगी। अरे अपनी बहन को चोद , तेरी भौजाई , तेरी माँ ,ये मोटा लंड सबके भोंसडे में घुसेगा। और फिर ये गुड्डी भी देखना अब तो तुमने पटा ही लिया है ले चलने को तो देखना कित्ते लौंडे घुसते है तेरी सीधी साधी बहिनिया के बुर में , लेकिन घबड़ा मत इसकी फड़वाउंगी तुझसे ही और गाभिन भी करवाउंगी तुझी से ,... " लेकिन तब तक गुड्डी की स्क्रीन से हलकी हलकी आवाज एक बार फिर आने लगी और मैं चुप हो गयी।सामने स्क्रीन पर गुड्डी सिसक रही थी और उस की , गोरी गुलाबी गीली कसी कसी चूत , रह रह कर अपनी ऊँगली से वो छिनाल अपनी चूत फैलाने की कोशिश करती। लेकिन इतनी कसी , और फिर दोनों हाथों से उस शोख ने अपनी कुँवारी संतरे की फांको को जैसे पूरे ताकत से फैलाया और अब , एक हलकी सी दरार , बहुत पतली सी और फिर उस टीनेजर ने वो हरकत की , कि मेरी हालत खराब , एक ऊँगली सीधे होंठों के बीच पहले छोटी सी किसी और फिर उस ऊँगली को हलके हलके वो बला चूस रही थी , जैसे कोई लड़की अपने यार का मोटा लंड चूस रही हो और देर तक उन्हें दिखाते ललचाते , और फिर घचाक , पूरी ताकत से अपनी थूक में गीली ऊँगली उसने अपनी कुँवारी चूत में डालने की कोशिश की , गप्पांक , ऑलमोस्ट एक पोर ,वो भी बड़ी मुश्किल से तर्जनी का घुसा। और गुड्डी की चीख निकल गयी लेकिन एक बार फिर सटासट ,सटासट और गुड्डी की दावत देती आवाज , " लो न भैय्या ,मुझे मालूम है तेरा बहुत मन करता है न। तो ले ले न ,दे तो रही हूँ , लो न , भैय्या , आवाज उसकी हलकी होती जा रही थी ,पिक्चर भी फेड हो रही थी। "चोदो न भैय्या ,चोद न अपनी बहन को" "चोद न अपनी गुड्डी को ,मेरा बहुत मन करता है भैय्या तुझसे चुदवाने को।" पिक्चर पूरी तरह फेड हो गयी थी लेकिन हलकी हलकी आवाज आ रही थी , "चोदो न भइया , चोदो मुझे" और आवाज भी बंद हो गयी।
26-11-2021, 05:40 PM
उस जादू से निकलने में उन्हें कुछ टाइम लगा , और वो इत्ते तन्नाए की जैसे छूने पे झड़ जाएंगे
लेकिन मुझे उन्हें झड़ने थोड़ी देना था , पहले तो उन्हें मुझे झाड़ना था , और उन का मुँह सीधे मेरी चूत पे। गुड्डी ने जो उन्हें जोश दिलाया था सब फायदा मैं ले रही थी। सच में क्या मस्त चाटते थे वो। और ये सिर्फ मैं नहीं कहती थी ,आखिर मेरे तो 'वो' थे मम्मी और पैदायशी छिनारें ,मंजू बाई और गीता भी, और अभी तो उनकी बहना ने वीडियों के जरिये जो दावत नामा भेजा था उसके बाद तो और पगलाए मस्ताए थे वो। जित्ता मजा लंड से चुदवा के आता था ,उससे कम उनकी जीभ से नहीं आता था। कभी दोनों होंठों से चूत की फांकों को दबोच कर चूसते थे वो तो फिर कभी अपनी मोटी मस्क्युलर जीभ डाल के बुर की बुरी हालत कर देते थे। और आज मैं समझ रही थी चूस वो मेरी बुर की फांके रहे थे लेकिन मन में उनके अपनी उस रसीली बहिना की आम की फांके होंगी ,जो अभी अभी खोल के दिखाई थी उस छिनार ने। और ये सोच के मेरी मस्ती और बढ़ गयी और मैं भी चूतड़ उचका उचका के , लेकिन अगर मेरे वो चूत चाटने से ज्यादा बेहतर कोई काम करते थे तो वो था गांड चाटने का। और बस ज़रा सा कूल्हे उठा के मैंने उन्हें अपनी मन की बात सूना दी , फिर तो , अपने दोनों हाथो से मेरे बड़े बड़े चूतड़ों को फैला के पहले तो वो जीभ से ऊपर नीचे ,ऊपर नीचे क्या जबरदस्त रीमिंग कर रहे थे वो। और बीच बीच में मीठी मीठी गांड के छेद पर किस्सी , बस मैं पागल हो रही थी ,और तभी अपनी बहना के यार ने अपनी जीभ अंदर , उह्ह्ह आह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह ,... मैं उछल पड़ी। लेकिन उन्होंने जीभ और अंदर ,गोल गोल ,जैसे कोई गांड के अंदर ऊँगली डाल के करोंचे। ओह्ह्ह आह्हः उह्ह्ह्हह नहींननं उफ्फफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ ,मैं बस झड़ने के कगार पर थी , " ओह्ह सुन स्साले बहन के भंडुए ,अपनीउस छिनार बहना को भी ऐसे ही मस्त गांड चाटना सिखा देना ," एक पल के लिए मुंह अलग कर के उन्होंने मुस्करा के बोला , " एकदम , मम्मी ने भी कहा था " " सच्ची यार मैं और मम्मी साथ ,तेरी रखैल मेरी गांड चाटेगी और तू मम्मी की ,बद कर कौन पहले झाड़ता है। " " ठीक है " वो बोले और उनकी जीभ अंदर और मेरा झड़ना शुरू। मैं कांपती रही , झड़ती रही और उनकी जीभ मेरे पिछवाड़े , बाहर सावन बुँदियाँ बरसने लगी थी और अंदर , मैं एकदम लस्त पस्त उनकी बाहों में , कुछ देर बाद जब बोलने की ताकत आयी तो मैं ने उन्हें उकसाया , " यार बित्ते भर की लौंडिया , इत्ता गरमागरम मेसेज दे गयी ,तू भी तो कुछ जवाब दे, और एक बार फिर कैमरा मेरे हाथों में , ( आखिर गुड्डी को जो वीडियों उन्होंने देखा था उसकी स्क्रिप्ट राइटिंग ,शूटिंग से लेकर डायरेक्शन तो मेरा ही था ,सिवाय आखिर के चार मिनटों का जिसमें गुड्डी ने पूरी तरह से इम्प्रोवाइज किया था ,बिना मुझे बताये हाँ मेरी उस भोली भाली ननदिया को ये नहीं मालूम था की उसकी शूटिंग हो रही है, उसने डिजिटल कैमरा, मोबाइल सब दूर रखवा दिया था, लेकिन बेचारी को क्या मालूम की लैपटॉप का वेब कैम खुला था और सब ज्यों का त्यों रिकार्ड हो रहा था. जब ये नीचे गए थे अपने दोस्त से मिलने तभी, मैं समझ गयी थी इनकी और मेरी होने वाली रखैल, रोल प्ले में नम्बरी है लेकिन जिस तरह से उसने इन्हे सिड्यूस करने की एक्टिंग की मैं समझ गयी इसमें ज़रा भी ऐक्टिंग नहीं है, स्साली की बिल में मोटे मोटे चींटे काट रहे हैं , बस वही रिकार्डिंग मैंने प्ले कर दी अपने सोना मोना के लिए,... ) गुड्डी की कच्ची अमिया की बातों से लेकर और , उनका खूंटा तो खड़ा ही था ,उसके क्लोज अप्स ,उसे मुठियाते हुए गुड्डी का नाम ले ले के ' अच्छी अच्छी बातें करते हुए 'उसके प्यारे प्यारे सीधे साधे भैय्या। शूटिंग की फ़ीस भी मुझे मिली ,एक बार फिर उनसे झड़वाके। लेकिन उसके बाद हम दोनों सो गए , बाहों में लिपटे। कल बहन उनकी आने वाली थी तो क्या पता , और उसके अगले दिन उनकी भौजाई की हचक के चुदाई भी होनी थी। हाँ आज अलार्म लगा के पहले मैं ही उठी , दो काम थे लेकिन मैंने उन्हें सोने दिया। आज बेड टी पुराने ज़माने की तरह मैंने तय किया था मैं ही बनाउंगी और साथ साथ उनके मोबाइल से भी कुछ शरारतें भी ,...
26-11-2021, 05:42 PM
(10-11-2021, 10:38 PM)shivangi pachauri Wrote: didi ke sabhi pathako me batana chahti hu ki komal ji ne ab //// par upload karna shuru kar diya hai. yaha par post nhi kar rahi dekiye aap ki baat main maan gayi aur yahan aa gayi,ab comment dene ki jimedari aap ki varana bada snaanta lagata hai jab koyi padhta nahi ya bolata nahi ek saath kayi saari posts kar di maine
26-11-2021, 06:01 PM
Hi... Komal,
Welcome after Long long time on your own thread... Hope everything is fine with you... Taking too much time to complete the old stories you wrote already... We are naw want some fresh BREEZE of new story from you... Naw don't want to hear that already a story is in progress... It is too similar to your old story college... Need a fresh story and character (no guddu, reet, champa, chhanda, & nothing related to cuckolding or bdsm)... As per your achieved milestones & your records the lavel of expectations is too high & we know you can give best of your performance to achieve the goal. But now a days your attendance on this site is too low & your new thread is also not that popular in readers... "I may sound like a sales manager"... But you have to a achieve the target you promised. Yours sincerely... With best regards...
26-11-2021, 07:14 PM
(26-11-2021, 06:01 PM)usaiha2 Wrote: Hi... Komal, Thanks for nice words, but tap has almost dried up and it may look up as a lame excuse, but i dont believe in leaving either my stories or friends in lurch. i do like applauds and i know when to pack my bags but a few friends wished me to restart so i will try to keep on posting here. your suggestion is welcome and i always respect your opinion but creative juices work in their own way. thanks again for gracing and responding
26-11-2021, 08:26 PM
कोमल दीदी आप के आगमन पर सब से पहले तो आप का हार्दिक अभिनंदन
इस कहानी से मैंने काम कला की मस्ती को जिया है सीखा है,,इस अवर्णित प्रेम और मस्ती को इतनी खूबसूरती से बयां करना किसी के बस की बात नहीं बिस्तर पर पति पत्नी के उन खूबसूरत पलों को देसी अंदाज ओर शब्दो से उफ्फ जीवंत कर देती हो पति की जीभ ओर सजनी की गांड का छेद ओर ठंडी रात जब वहां चुम्मी पढ़ती है ना जान निकल जाती है उफ़्फ़फ़ आप ने बहुत प्रतीक्षा करवाई पर काम की देवी फिर लौट आई आप की कमी कोई पूरी नहीं कर सकता इस थर्ड को कभी मत छोड़ना JKG एक कहानी मात्र नहीं एक रंगीन दुनियाँ है इस काम कला के उपन्यास को जरूर पूरा लिखना ह्रदय से अभिनंदन
27-11-2021, 04:53 PM
(26-11-2021, 05:40 PM)komaalrani Wrote: उस जादू से निकलने में उन्हें कुछ टाइम लगा , और वो इत्ते तन्नाए की जैसे छूने पे झड़ जाएंगे hello bhabhi ji, kaha gayab ho jate ho, kuchh hamara bhi kahayal karo, ye to jyadti h apne chane walo k saath, hum aapse kadam se kadam mila rahe h aur aap ruk jate ho, doudne ki baat nahi par saath to chaliye, firb is update k liye dil se dhanyawad
28-11-2021, 08:07 AM
28-11-2021, 09:08 AM
Started postings on Mohe Rang de too, please do read, like rate and most importantly comment
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