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Thriller कामुक अर्धांगनी
शर्मा जी मुझे लिफ्ट से ऊपरी मंजिल पर ले गए और चोरों की तरह इधर उधर देखने लगे पर उनको वहाँ कोई नही दिखा जिस वजह से वो थोड़े मायूस होते बोले पता नही साली कुतिया किधर घुस गई, मैं हँसते शर्मा जी से बोला भाईसाहब दोनों सामने चुदी है अब भला क्यों चोरी से चुदवाने जाएगी वो दोनों कही घूम रहे है आप चलो नीचे आपको या मुझे क्या फर्क पड़ेगा वो दोनों अगर सारी रात यहाँ हर एक से चुद जाए तोह शर्मा जी थोड़े झेप गए और वापस हम अपने टेबल पर बैठ दारू पीने लगे ।
 
थोड़े ही समय पश्चात दोनों मटकती पहुँच गयी और भाभी ने बोला चलिए उप्पर एक कमरा मिल गया है अब इतना पीने के बाद ड्राइव करना ठीक नही होगा न तो क्यों न ऊपर अच्छे से ख़ातिदारी का मज़ा उठाया जाए ।
 
भाभी की बातों से पता चल गया ये दोनों मर्दो से बात कर आई है अब हम दोनों को कमरे मे बिठा कर रंडी नाच करेगी । हम सब ऊपर कमरे मे पहुँचे, जो एक आलीशान कमरा था जहाँ एक राज भोग विलाश सा बड़ा बिस्तर एक छोटा म्हखाना ओर आलीशान सोफा सेट बड़ी सी टी वी के साथ संयुक्त गुसलखाना था ।
 
शालिनी भाभी बिस्तर पर बैठ मधु का हाथ खिंचती बोली देख पैसे का कमाल ऐसी मखमली बिस्तर पर मर्द चढ़ के बजाए तो कितना मज़ा आएगा ये बोल भाभी ने राज खोल ही दिया कि ये दोनों चुदने आई है बाकी हम दोनों देख सकते है ।
 
मैं शर्मा जी के हाथ को पकड़ कर सोफे पर बैठा कर बोला मधु एक बोतल लगा दो बाकी जो करना है करो पर आँखों से ओझल न होना वो बोतल ला के देती बोली जी आपके सामने चुदने मे जो मज़ा है वो चोरी छुपे कहाँ ,कहती वो हम दो नामर्दों का पेग बना कर भाभी के पास जाती उनके लबों को चूमते बिस्तर पर अठखेलियाँ करने लगी और हम दोनों अपनी अपनी अर्धाग्नि के समलैंगिक सहवास का लुप्त लेने लगे ।
 
दरवाज़े पर दस्तक हुई भाभी बोली कम इन एक तगड़ा मर्द मूछो को दांव देता दाखिल हुआ और भाभी हँसते बोली क्या मैनेजर साहब आज कुछ खाश नही क्या वो मैनेजर मेरी मधु को देख बिस्तर पर बैठ मेरी बीवी की पायल पर हाथ फेरते बोला भाभी जी आपको हमने कभी निराश किया है क्या ,कहते वो बोला पर एक बात है आज ये आपकी देवरानी डिमांड पर है एक शॉट तीस हजार की फिक्स कर आया हूँ ये सुन भाभी जी ने मधु को देख बोली लगता है आज लाखों की कमाई होगी और मेरी क्या रेट है आज मैनेजर हँसते बोला बीस पर ही बात अटक गई भाभी क्या करूँ ।
 
भाभी बोली शॉट पर है तो एक घंटे मे चार भेझ दो एक साथ वैसे भी मधु ऐसा चुस्ती है कि लगता है । आज आपका भी अच्छा टिप हो जाएगा मैनेजर हँसते बोला भाभी मर्द आज ज़्यादा है और माल बस आप ही दो है लगता है रात आपकी ही होगी बोल मैनेजर मधु के झाघो तक हाथ डाल बोला मुझे भी मलाई चखना है भाभी ,शालिनी भाभी बोली चख ले फिर और भाभी ने मधु के झाघो तक साड़ी उठा के बोली मधु एक शॉट दे दे जल्दी से झाड़ता है ये मनेजर ,मधु शर्म से लाल टांग उठा कर बोली भाभी बोलना अंदर न गिरा दे ,भाभी हँसते बोली नही यहाँ सारा मलाई ग्लास मे जाएगा कहती भाभी ने मधु के चूत पर उँगली रगड़ बोली मैनेजर साहब रास्ता रिस रहा है जल्दी खुदाई कर के मर्दो को भेजो और मैनेजर पैंट उतार अपना काला लड़ झटके से पेल बिस पच्चीस धके मार हाँफते एक ग्लास मे मलाई गिरा कर बोला भाभी चूत है तो ताज़ी सुबह चोद कर विदा करना पड़ेगा । भाभी हँसते बोली ज़रूर चलो अब भेझो किसी को ,मैनेजर हँसते पैंट पहन कर भाभी के दूध मसल बोला दो भेझ रहा हूँ दोनों आज ही आए है किसी काम से मस्त मज़ा दे दो दोनों को कहते वो दरवाज़े से बाहर निकल गया और भाभी उठ कर मेरे पास आ कर बोली देखा देवर जी यहाँ छेद की कीमत होती है और मधु की जवानी की कीमत अच्छे पढ़े लिखे अफसर के महीने की कमाई बस चंद झटकों मे निकल जाती है वैसे आज रात भर आप दोनों देखो कैसे कैसे मर्द है बाजार मे रांड तो बस दो ही है ,भाभी हँसते शर्मा जी को बोली आप समझे छेद अगर पति से न सम्हले तो जहाँ तहां टांग खुल जाती है और टांग कीमत पर खुलती है और आज रात भर जो कमाई निकलेगी वो सब आप दोनों के नामर्द होने की कमाई होगी कहती भाभी बोली वह देवरानी उठ आ इधर एक दो जाम मार ले क्या पता कौन सा राक्षस आएगा एक शॉट मे न जाने कितने दिनों का दर्द दे जाएगा ये सुनते मधु बिस्तर से उतर कर साड़ी ठीक करती शर्मा जी की गोद मे बैठकर बोली भाभी मेरी तो मैनेजर की ले के और चूल उठ रही है अच्छा होगा कोई तगड़ा ही आए कहती मेरी अर्धाग्नि ने एक जाम हलक से उतारा और दरवाज़े पर दस्तक हुई और वो खुद कमर मटकती दरवाज़े को खोली और दो पढ़े लिखे से जेंटलमैन अंदर आ कर बोले जी मैं मधु जी से मिलने आया हूँ और दूसरा थोड़ा शर्माता बोला शालिनी जी से मिलना है ।
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Amazing bro bht mst bhai ❤️❤️❤️
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Update Pl.
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शालिनी भाभी ने अपने वाले मर्द को अपने पास आने का इशारा किया वही मेरी अर्धाग्नि ने अपने मर्द के हाथ को पकड़ कर दरवाज़े को बंद करते मटक कर हम दोनों नामर्दों के पास आ कर बैठ गई ,भाभी ने दो ग्लास जाम बना कर मर्दों के हाथों मे देते हुए बोली बिस्तर एक ही है कोई दिक्कत तो नही दोनों को, मधु के पास बैठा मर्द बोला दिक्कत कैसे अगर हम दोनों बदल कर करें तो क्या वो संभव है, भाभी हँसते बोली बस दोनों का रेट अलग है, वो बोला तो थोड़ा हम दे देंगे भाभी बोली ये मेरे पति है इनको ही दे दीजेए बाकी मधु के पति को थोड़ा ज्यादा देना पड़ेगा क्योंकि मधु पहले कभी गैर मर्द का ली नही है उसका आज पहला मौका है , मधु वाला मर्द बोला फिर तो मैं ज़्यादा ही दूँगा क्योंकि मधु है तोह पटाखा बिस्तर पर आग लगाने वाली सी लग रही है कहते दोनों ने पैसे दिए और अपना जाम पी कर मेरी भाभी और बीवी के साथ बिस्तर पर चले गए जहाँ बड़े इत्मीनान से दोनों मर्दो ने अपने अपने रंडी के होंठो का रस पान शुरू करते चुचियों को मसलन देते कार्यकर्म आरंभ कर दिया ।
 
 
भाभी के साथ वाला मर्द भाभी को कपड़ों मे देखने का इरादा नही रहता था जिस वजह भाभी सबसे पहले निर्वस्त्र हुई और वो पागल कुत्ते की तरह भाभी के जिस्म से चिपक चाटने चूसने लगा और भाभी उसके बदन के नीचे हाथ ऊपर उसके बालों को सहलाते एक अच्छी रांड की तरह साथ देने लगी ।
 
 
इधर मेरी कामुक बीवी का मर्द कोई जल्दी मे नही था वो बस मेरे बीवी की लबों का रस पान करते दुधारू स्तनों को निःसंकोच मसलते जा रहा था और मेरी मधु एक प्यासी प्रेमिका रंडी की तरह उसके साथ मज़े लूट रही थी ।
भाभी की टांगें जल्दी ही हवा मे खुल कर ऊपर उठ गई जहाँ भाभी का कुत्ता लप लप उनके चूत का पान करने लगा था और भाभी उसके सर को दबाते कामुक सिसकियों से उसको उकसाए जा रही थी ।
 
 
इधर मेरी बीवी की ब्लाउज के अंदर उसका एक हाथ जा चुका था पर चुम्बन रुकने का नाम नही ले रहा था मानो वो मर्द हज़ारों रंडी चोद मेरी मधु के पास आया हो जो एक मंझे मर्द की तरह बस अपने पैसे वसूल रब था ,यकीनन मेरी मधु की चूत तरबतर होने को बेताब थी और उसको इतना ज्ञान भी था कि वो एक रंडी है जिसका काम मर्द के सुख को देखना है जिस वजह वो भी सब्र करती उसके साथ सहयोग किये जा रही थी ।
 
 
भाभी का कुत्ता चूत चाट अब खुद के वस्त्रों को खोलने लगा था और भाभी की नज़र अपने पहले ग्राहक मर्द को देख रही थी कि आखिर पहला औज़ार कैसा आया है जब भाभी वाले मर्द ने अपना लिंग दरसाया भाभी खुशी से झूमती उठ बैठी और वो लेट कर बस इशारे से बोला चूस मेरी रंडी मेरे लंबे काले लौड़े को पूरे पैसे दिए है मैंने ,भाभी अपने मर्द के टाँगों के बीच घुटने को मोड़ बैठ उसके लड़ को हाथों से सहलाते नीचे झुक के चाटने लगी और वो भाभी के बालों को सहलाता बोला अच्छी तरह चूस मुझे तेरी चूत का स्वाद पसंद आ गया है अब मैं तेरी सवारी डबल करने के बाद है जाऊँगा और भाभी उसके लड़ को मुंह में ले कर चूसने लगी और अचानक से बोली तेरे लिए अगला राउंड हाफ रेट मे दूँगी वो हँसते बोला तू पैसे पुरा ले ले बस ये बता दे महीने मैं दो तीन दिन ही टाइम रहता हैं बोल हर महीने साथ चलेगी मेरे ,भाभी ने शर्मा जी की और इशारा करते बोली मेरे पति से बात कर ले वो बोला बात क्या करना है वो तो पैसे लेगा बाकी तू खुद मर्ज़ी से जाएगी तो बोल यहाँ होटल से अच्छा मेरा फार्महाउस है वहाँ तुझे तीनों दिन नंगे रख कर बजाऊँगा सुबह शाम, बोलेगी तो तेरे लिए तेरे पति को भी रुकने के लिए रूम दे दूँगा । भाभी ने उसके लड़ को पूरा हलक तक डालते चूसना सुरु किया उसकी बोलती बंद हो गई और वो भाभी के सर को लड़ पर दबाते बोला क्या मस्त माल हैं तू शालिनी एक नंबर मज़ा दे रही है ।
 
 
मेरी बीवी की साड़ी झाघो के ऊपर तक उठ चुका था और मर्द का हाथ थिरकते  कोमल चूत के मुहाने छेद के तापमान नाप रहा था और मेरी बीवी का हाथ उसके थरमामीटर पर फिसल रहा था ,दोनों एक दूसरे को देख कर खेल रहे थे मानो रंडी ने अपने मर्द को बसीभूत किया हो, खैर थोड़े पल मे ही मर्द ने मेरी बीवी के रसीले चूत का दरवाजा उँगलियों के चाभी से खोला और टाँगे चौड़ी होने लगी और उसका मुँह मेरी बीवी के चुचियों के बीच दब गया और मधु की नज़र मेरे नज़र से मिलते ही वो हँसते अपने ग्राहक का सर दबाते सिसकी लेते मुझे आँख मार हँसने लगी ।
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Always amzing bhai maza agya kya update diya h jldi do next update bhai
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mja aaya salni e sath madhu aur dono (na)mardo ko bhi farm house bejo lekin un dono ko farm house me Fokatme rhene nhi milega vha din me 10 se sam 6 bje tak kam karna pdega uska pagar har din 100 rupiya milega rat bhar apni Bibi ki chuday dekhe aur mud huva to gand marvaye.
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Awesome
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उंगलियों पर मधु के योनि का चिप चिप करता रस साफ साफ दिख रहा था ओर वो मधु के स्तनों को चूसे जा रहा था और वो उसके बालों को सहला कर खेलते मुझे देख ऐसा मुँह बना रही थी मानो वो अपने गांडू नामर्द पति को चिढ़ा रही हो कि वो अद्भुत सुख भोग रही और मैं बेबस सा देख रहा था ।
 
इधर शालिनी भाभी का मुँह उसके ग्राहक ने चूत समझ हलक तक पेल उनके आँखों मे पानी भर दिया था और भाभी बड़े अनुभवी रांड होने का प्रमाण देती उसके सुख को ऊपर रख अपने मुँह को इश्तेमाल करने कि खुली छूट दे रखी थी ।
 
दोनों मर्दों ने तय कर रखा था कि एक एक पैसे का हिसाब कर के ही कमरे से निकलना है आखिर मर्द गर रंडी के पास जाते है तो पूर्ण रूप से निचोड़ कर ही निकलते है ।
 
मधु की गर्म चूत पर उंगलियों के खेल चलते चलते रुक गया और वो बोला चल मेरे मुँह पर बैठ जा और मेरे लौड़े को चूस मे तेरी चूत का रस पीने आया हूँ कहता वो लेट गया और मेरी कामुक बीवी ने अपने चूत को उसके मुँह पर रखते ही झुक कर उसके लड़ को मुँह मे भरते नज़रों के वॉर से मुझे बेबस कर दिया और शर्मा जी बोल पड़े क्या बीवी मिली दोनों को देख कर आग लग जाती है पर लौड़े की औकात नही इन दोनों की आग बुझा सके बोलते वो चुप हो गए और मधु उसके लड़ को चूसते पूरा मुँह मे डाल कर मज़ा करने लगी और उधर शालिनी भाभी के मर्द ने भी अपना तेवर बदलते भाभी को बिस्तर पर खड़ा करते हुए निचे से जीभ लगा उनके योवन को चाटने लगा और धीरे धीरे उनके झाघो पर जीभ फेरते बोला टंग खोल के हल्का नीचे करो न, भाभी टाँगों को चौड़ा कर के हल्का से घुटनों को मोड़ी और वो नीचे से भाभी के चूत को लप लप कर चाटने लगा जिस वजह भाभी जोश महसूस करती उसके बालों को पकड़ आहे भरने लगी और उनकी टाँगे मोटे गदे पर अब खड़ा रहना मुश्किल होने लगा पर वो भाभी के कमर को पकड़ पूरा चेहरा उनके टाँगों के बीच डाल चाटने मे लगा रहा और भाभी हिलती कसमसाती खड़ी हो कर चूत को बेबस होते महसूस करती रही ।
 
 
मधु के मुँह से थूक लौड़े पर गिरता नीचे उसके मर्द के अंडों पर फैलने लगा और वो ज़ोर से कड़क लड़ को मुखमैथुन का सुख देते आपने होंठो को दबाती अपनी योनि पर उसके दाँतो के वॉर से प्रहफूलित होती सिसकी लेती पूर्ण उतावली होने लगी थी ।
 
 
भाभी के लाख कोसिस के वावजूद उनका पैर टिक नही पा रहा था वो हल्के काँपते जा रही थी जो उनके जिस्म पर दौड़ती योवन की बिजली को दर्शा रही थी कि मर्द ने अपने आप को भाभी के टांग के बीच से पीछे की ओर निकलते उनके गोल गांड को फैलाते बोला थोड़ा झुक जाओ शालिनी तेरी ये गांड नहीं चखी तो जीवन बेकार है ,भाभी किसी तरह थोड़ा झुक कर अपने बड़े मदमस्त चुचियों को नीचे लटका कर अपने झाघो पर हाथों को रख अपने गांड के उभरते हिस्से को बाहर किया और वो दोनों हाथों से गांड को सहलाता घुटनों पर जा कर चूतड़ को खोलते मुँह को दरार पर रख चाटने लगा और भाभी कस कर आहे भर्ती पागल होने लगी ।
 
 
मधु ने लौड़े को पकड़ कर अपने होठों पर घिसते उसके आंड को थूक से सहलाया वो चीखते बोला मधु चाट मेरे आंड और मधु गांड उठा कर थोड़ा नीचे सरक उसके अण्डो को चाटने लगी और मुँह उठा कर मधु के चुत के होंठो को दाँत लगा खिंचने लगा और हवस का रंगारंग दृश्य देख शर्मा जी बोले इतने देर मे न जाने मैं कितनी दफा झड़ चुका होता बोल वो अपने गिलास मे दारू डाल एक स्वास मे गटक कर अपने नामर्द होने का दुख मनाने लगे और उनकी धर्मपत्नी अपने गांड को चटवा कर चुदासी होने लगी थी ।
 
 
मैंने मधु को इशारे से बोला वो मुझे हाँ मे इशारा दे दी और मे उठ कर उस मर्द के अंडों को चाटने लगा और मधु उसके लौड़े को चूसने लगी ये महसूस करते वो बोला क्या तेरा नामर्द पति आ गया है मधु । वो हँसते बोली ये तो हर वक़्त साथ रहते है वो अपने टांग उठा कर बोला गांड भी चटवा दे फिर मुझे , मेरी गांड तेरे मर्द से चट जाए तो मज़ा आएगा ये सुन मधु उसके मुँह पर बैठ गई और उनका हाथ मधु के स्तनों पर चला गया और मे उसके गांड को कुत्ते की तरह चाटने लगा और वो मर्द इतना योवन पा कर बिस्तर पर पानी बिन मछली की तरह छटपटाने लगा मानो वो पागल हो रहा हो ।
 
 
शालिनी भाभी वापस बिस्तर पर लेटी और मर्द ने अपना पूरा बदन उनके बदन पर रखते उनके लबों को चूसने लगा, वही लब जो थोड़े देर पहले उनकी गांड चाट रहा था अभी उनके होंठो को चूस रहा था , भाभी के दोनों हाथ उसके पीठ पर थिरक रहे थे और टाँगे खुली उसके लड़ को अपने कमर पर महसूस कर वो पूरा साथ दे रही थी और उनके पैरों की उंगलियां अकड़ मार रही थी ।
 
 
मैंने उसके गांड को फैला कर चाटा जहाँ बालों की कमी नही थी और बाल टूट कर मुँह मे आते पर गांड का छेद अजीबोगरीब जीभ के लगने से ऊपर नीचे होता जा रहा था ।
 
 
मधु वापस लेट कर मेरे होंठो को चूमते बोली आप बैठ जाओ अब चुदाई बिना मे रह नही सकती बहुत जोर की आग लग गई है आपके बीवी की चूत मे ,मैं मधु को बोला मेरी जान इसलिए तो रांड बन आई हो न जी भर चुद कर प्यास बुझा लो न समय की कोई सीमा है ना ही मर्दों की कोई कमी और मैं वापस बैठ गया और मधु उठ कर अब उसके लड़ पर चूत रख लेट उसके होंठो को चूमने लगी और वो मधु को कस कर दबोच चूमने लगा और मधु की कमर उसके लड़ पर घिसने लगी ।
 
 
भाभी ने टाँगों को ऊपर हवा मे उठाया और वो नीचे सरक कर धीरे धीरे चूत के दरवाजे पर लड़ लगा कर ऐसा झटका मारा भाभी बिस्तर पर ऊपर की और सरक गई और एक मीठा दर्द महसूस करती चित्कारी मारती दोनों हाथों को पलंग के किनारों पर रख अपने टाँगों को उसके कमर पर लगा कर जकड़ गई और वो दोनों हाथों से उनके मदमस्त चुचियों को दबाता बोला तू मेरी बन जा मेरी रंडी तेरे जैसे को मैं रानी बना के रखूँगा, क्या रखा है तेरे भड़वे मर्द मे छोर इस गांडू को और चल मेरे साथ तेरे लिए मेरा लौड़ा है ।
 
 
 
भाभी के योनि पर ताबड़तोड़ झटके लगने लगे वो भाभी के झाघो को ऊपर उठा कर दबा कर जोरदार ठुकाई करने लगा उसके हाथों के दबाने से भाभी के झाघो का नस दर्द से खिंचने लगा पर वो उफ्फ करती बस लेटी रही और वो झटकों की बारिश करता रहा कभी उनके निप्पलों को खींच दर्द देता कभी जोर से दबाता कभी चाटा मार देता पर भाभी सब सहती अपने चेहरे के भाव को एक सुसज्जित रंडी की तरह उसके ग्राहक को जोशीला बनाए रखती जिस वजह वो भाभी से और खेलता और झटके और दमदार होते जाते और भाभी की योनि को वो चरमसुख मिलता जिस सुख के लिए वो विवाहित होते हुए भी एक चरित्रहीन औरत बन पराए मर्द से शारीरिक संबंध बना रही है ।
 
 
मधु उसके लिंग पर चूत घिसते घुसते अपना दूध चूसा रही थी पर अब मर्द योनि के महासागर मे गोता लगाने को तड़पने लगा जिस वजह वो निप्पल चूसते अपने हाथ को नीचे कर छेद ढूढ़ने लगा पर मधु अटखेलियां करती अपने योवन के छेद को उसके लड़ से दूर रख उसको तड़पा रही थी जिस वजह वो मधु के निपल को दाँतो से खिंचने लगा और मधु थोड़ा कमर उठा कर खुद उसके लड़ को रास्ते का पता देती अपने गुफा मे समाने लगी और वो दोनों हाथों से उसके दूध को पकड़ते बोला मधु तू क्या कमाल की औरत है एक मेरी बीवी है पाँच मिनीट साथ नही देती और एक तू है अपने पति को दलाल बना के सामने मज़ा करती है ।
 
 
मधु घुटनों को मोड़ कर उसके लौड़े पर नाचने लगी वो बोला मधु हाथ ऊपर कर के अपने उछलते दूध दिखाओ वो हाथों उठा कर दूध हिलाती लौड़े पर नाचने लगी और वो देखता देखता बोला अब धीरे धीरे कर मेरी जान पूरा मज़ा ले के जाऊँगा तेरी की एक हफ़्ते बाद जब आऊँगा फिर तुझे बजाऊँगा ये सुन मधु बोली रोज आया करो वो हँसते बोला रोज आऊँगा तो प्यार हो जाएगा मुझे और मुझे मेरी बीवी मार देगी ,मधु हँसते हँसते उसके लौड़े को सुख देती अब चरमसुख के बेहद करीब आ गई थी जो रंडीबाज मर्द महसूस कर चुका था और वो मधु को पलट कर उसके ऊपर चढ़ कर बोला टांग उठा तुझे मस्त मज़ा देना है तुझे और वो मधु के टांग को ऊपर कंधे पर रख कर झटके देने लगा और बोला मेरे लौड़े पर झाड़ेगी आज तू मधु उसके जोश ने रंग दिखाया और मधु आखिरकार झड़ने लगी इधर मर्द का भी सिमाना धर्य खोने लगा और वो भूस्खलन से पहले अपने लड़ को खींच निकाल कर मधु के मुंह मे देते बोला तेरे लिए है पी जा और मधु जोश के साथ चूसते चूसते उसका सारा पानी गटक कर गई और वो बिस्तर पर निढाल हाँफने लगा पर मेरी पत्नी ने अपने योनि को उसके मुँह के ऊपर रख बोली चाट के बताओ कैसी है ।
 
 
भाभी मधु से कही ज़्यादा अनुभवी होने के कारण अभी चर्म पर पहुँच नहीं पाई थी न ही उनका मर्द हतियार डालने वाला था थोड़े देर मे ही उसने भाभी को घोड़ी बना दिया और दूसरे मर्द ने ये देखते ही भाभी के नीचे जा कर स्तनपान करने लगा और मेरी कामुक बीवी उठ कर शर्मा जी की गोदी पर बैठ बोली क्या भाईसाहब एक पेग बनाओ मेरे लिए शर्मा जी मधु के पसीने से भीगे योवन को सूंघ पागल हो झुक कर एक पेग मधु को देते बच्चे की तरह मधु के बदन को चाटने लगे और उधर मर्द ने गांड पर चाटे की बरसात करते भाभी के धर्य को तार तार कर दिया और भाभी काँपती लड़खड़ा झड़ते बिस्तर पर गिरी पर मर्द ने लौड़ा न निकलने दिया और अपनी चुदाई जारी रखते हुए बोला तू एक बार और झड़ जाएगी शालिनी मेरे लिए कहता वो गांड पर थूक दो उँगली डाल दिया इधर भाभी उस दूसरे मर्द के मुंह पर लेती थी वो भाभी के चुचियों से दबा रहा था वो अपने हाथ से नीचे भाभी के झटके खाता योनि को सहलाने लगा जो भाभी के लिए अद्भुत था और ऐसे मे भाभी सच मे गर्म होती दूसरे पल झड़ने लगी और मर्द ने अपने आखिरी झटके बेरहमी वाले लगा कर लड़ खिंच के निकाला और सारा रस उनके गांड पीठ पर डालता आखिरी बूँद उनके चूतड़ पर लगाता बगल मे लेट गया ।
 
 
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Amzing bro maza agya next update do jldi bhai❤️❤️❤️
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शर्मा जी मेरी अर्धाग्नि के पसीने से तरबतर जिस्म को यू चाट रहे थे मानो वो जन्मों के प्यासे हो ओर मेरी बीवी उनके गोदी मे बैठी दिल खोल अपने चुदे हुए जिस्म को चटवाये जा रही थी । शर्मा जी का एक हाथ मेरे बीवी के स्तनों पर थिरक रहा था वही दूसरा हाथ उसके पीठ को सहलाता जा रहा था,  शर्मा जी की जीभ मधु के गर्दन से ले कर उर्वजो पर फिरते जा रही थी और मधु उनके बदन पर ऐसे बैठी थी मानो एक रंडी अपने दलाल के गोदी पर अपने ग्राहक के लिए बैठी हो और शर्मा जी अच्छे दलाल की तरह अपने रांड को नए ग्राहक के लिए तैयार कर रहे हो ।
 
 
खैर शर्मा जी का मनोरंजन काफी देर चल न पाया क्योंकि दोनों ने मधु को एक साथ चोदने के लिए जो रकम मेरे पास जमा की थी उसकी क़िस्त भरने का समय आ गया जब शालिनी भाभी ने बिस्तर छोड़ा दोनों मर्दो ने एक स्वर मे बोला मधु आ जा अब तुझे एक साथ करने का मन कर रहा है और मेरी प्यारी चुदासी बीवी उठ कर शर्मा जी के होठों पर एक चुम्बन दे बोली आती हुँ भाईसाहब इस दफे दोनों का वीर्य अपने बदन पर ले कर आपके लिए ।
 
 
भाभी मटक कर आते मधु से बोली देवरानी दोनों की अकड़ निकाल दे जल्दी ग्राहक ओर भी है , मधु हँसते हुए भाभी के जिस्म को सहलाते बोली बस भाभी कुछ देर ही दोनों चल पाएंगे आप बस देखती जाओ कह मधु बिस्तर पर जा लेट गई ओर दोनों मर्दो ने एक साथ मेरे बीवी के निप्पलों को चूसना शुरू किया और दोनों का हाथ मेरे बीवी के टाँगों के बीच उसके चूत को सहलाने लगा और वो टांग खोल कर बोली सारी रात खेलोगें तो बहुत पैसे लगेंगे ,मैं नए नए मर्दो के लिए धंदा करने आई हूँ इतना समय ले कर करना है तो घर आ जाया करो वहाँ जितना मर्ज़ी खेलों पर यहाँ अगर करना है तो बस आधे घंटे देती हूँ ये सुन एक बोला तू घर पर भी करवाती है क्या , मधु हँसते बोली घर पर मेरे पति तगड़े मर्द ले कर आते है हर रात नए लौड़े की प्यासी बन गई हूं ये सुन एक बोला तो पता दे दे हम हफ्ते में एक दफे आ जाएंगे जो रेट बोलेगी दे देंगे पर हम दोनों साथ रहेंगे और खेलेंगे सारी रात ।
 
 
मधु बोली जैसे चाहो खेलो मे तो चाहती ही हूँ कोई मेरे बदन से दिन रात चिपक के खेले बाकी तुम दोनों जो खेल खेलने आओगे वैसे मे खेलने दूँगी बोल मधु ने दोनों के बालों को सहलाते एक मर्द को अपने चूत की तरफ जाने के इशारा किया वो नीचे मधु के बदन को चूमता योनि पर मुँह लगा चाटने लगा और दूसरा मर्द मधु के होठो को चूमते दूध सहलाता मस्त होने लगा ।
 
शालिनी भाभी ने मेरे सामने खड़े हो कर बोली क्यू देवर जी मेरे पिछवाड़े चिपकी मलाई चाट नही देखना क्या , बस इतनी सी बात बोल भाभी झुक कर टेबल पर खड़ी हो कर अपनी गांड का छेद मेरे चेहरे पर ले आई और मैं उठ मर्दो का वीर्य नीचे गांड की दरार से ऊपर पीठ तक चाट गटकते बोला भाभी क्या मस्त लग रही थी काँपते जब उसने तुझे खड़ा कर के चाटा,  भाभी हँसते मेरे तरफ घूमती मेरे गोद मे टांग खोल बैठ कर बोली देवर जी जो मज़ा मर्द देते है खास कर जो पैसे दे कर आते है वो मज़ा कही ओर नही मिलता , वो जान रहा था मैं नखरे नही कर सकती क्योंकि मैं उसकी रंडी हूँ इसलिए वो मुझे मन मुताबिक नोच रहा था जो वो अपने बीवी के साथ नही कर पाता वो मेरे साथ करने आया है बोल भाभी मेरे होठों को चूमते बोली तेरी बीवी ने तो ग्राहक बना लिए अब हफ़्ते मे एक रात ये दोनों फिक्स हो गए सोच रात भर मे वो घर को ही रंडीखाना बना लेगी ओर जल्दी ही मोहल्ले की सारी प्यासी रंडी तेरे घर मर्दो की तलाश मे आएगी ।
 
 
 
मधु ने मर्द के बाल को पकड़ कर अपने जिस्म पर खिंचा वो कुत्ते की तरह मधु पर सवार हो गया और मधु उसके होठों को चूमते दूसरे मर्द को आपने टाँगों के बीच जाने को धक्का दे दी वो फाटक से मधु के टाँगों को ऊपर कर चूत चाटने लगा और दूसरा मर्द मधु पर लेटा रहा जिसका लड़ कड़क हो चुका था जो उसके नाभि पर वॉर कर रहा था जो महसूस कर मधु उसके लड़ को पकड़ कर ऊपर खिंच रही थी और मर्द ऊपर जाता उसके दोनों चुचियों पर सवार हो गया और मधु जिस्म को झुका कर उसके लड़ को अपने मुँह के मुहाने ला जीभ निकाल चाटने लगी और वो पलंग को पकड़ थोड़ा और ऊपर चढ़ मधु के मुँह मे लड़ डालने लगा और मधु अपने हाथों को नीचे करते योनि चाटने वाले मर्द के बालों को कस कर खिंचती अपने चूत पर दबाती उसके लड़ को चूसने लगी ।
 
 
नीचे टाँगों के बीच पड़ा मर्द मुँह डाल ज़ोर से चाटे जा रहा था और मधु अपने हाथों से उसके बालों को कस कर खिंचती , उसने टांग अपने कंधे पर रखा, मधु गांड उठा कर अपनी योनि चटवाये जा रही थी और ऊपर मर्द का लड़ वो मुँह उठा उठा कर चूसे जा रही थी । ऊपर की और वाला मर्द अत्यधिक जोश मे आ गया और बोला मधु मुझे तू मुँह चोदने दे अब तेरी चूत मुझे नहीं चाहिए कह कर वो मुँह मे लड़ दबाता हलक तक जा कर बाहर निकाल फिर डालने लगा और पलग के किनारे को पकड़ वो मुख चोदने लगा और इधर दूसरे मर्द ने भी मधु के टांग को अपने कंधों से हटा कर ऊपर की और दबाते अपना लड़ झटके से डाल उसके पैरों के अघुटे को चूसता ताबड़तोड़ ठोकने लगा ।
 
 
 
मधु एक हाथ से अपने चूत के दाने को सहलाती दूसरे से से उसके आडो को सहलाती दोनों को एक साथ चर्म सुख देती पक्की रंडी नाच का मज़ा लेने लगी थी । दोनों मर्दो का वीर्य थोड़े देर पहले ही निकला था जिस वजह से ये तो तय था दोनों का वीर्य जल्दी वापस नहीं बहने वाला ये मधु भी जानती थी और वो इस वजह से खुल कर ताबड़तोड़ ठुकाई का मज़ा ले रही थी ।
 
 
थूक से उसका मुँह भर गया था जो होंठो के किनारे से बहते उसके कानों के पास से बालों पर जा बिस्तर पर फैल रहा था और मधु की आँखे बिल्कुल बंद थी और उसकी दोनों चुचियों का टकराव एक दूसरे से हो रह था और मधु का हाथ अपने ही दाने को बड़े बेरहमी से रगड़ने लगी थी मानो मधु खुद झड़ने को मचल रही हो ।
 
 
खैर कितनी भी बड़ी रात क्यों न हों चाहे कितनी प्यासी बात क्यों न हो औरत जल्दी हतियार नही डालती ,मुख चोदने वाले मर्द का लौड़ा ऐसे थूक से भरे गुदगुदे मुँह को चोद बेसब्र हो गया और वो निढाल होने से पहले मधु के हलक तक लड़ डाल पिचकारी मारते हाँफते मधु के चेहरे को अपने मोठे तोंद के नीचे दबाते झटकों के साथ झाड़ता आखिर हार मान बगल मे लेट गया और दूसरा मर्द उसके हटने के बाद मधु के दोनों चुचियों को निप्पलों समेत हाथों मे जकड़ ऊपर से झटकों पर झटका मारते बोला मधु तेरी ये चूत क्या मस्त है मेरे लौड़े को लग रहा स्वर्ग पहुँच गया है कहता वो मधु को देखने लगा और मधु उस मर्द के वीर्य को अपने थूक से गार्गल करती रंडी की तरह बुलबुले बनाती जा रही थी जो देख सबका मन ऐसे हो उठा कि सबने निगाहें उसके चेहरे पर टिका रखी थी और मधु वीर्य थूक से खेलते गांड उठाने लगी और झटकों के साथ ताल मिलाने लगी और सारा वीर्य अपने ही चेहरे पर थूक कर गांड उठा झड़ने लगी और मर्द का जोश दुगुना होते देर न लगी और कमरे मे फच फचा फच की गूंज भर गई और मर्द ने भी चर्म सुख भोगते मधु के चूत की गहराईयों मे अपना वीर्य त्याग करते हाँफते आखिरी झटके मारता उठ कर खड़ा हो गया और मधु बोली शर्मा जी कहाँ है इधर आ कर मेरे चेहरे को चाट लिजेए न ।
 
 
शर्मा जी मधु के सिरहाने बैठ उसके चेहरे को चाट चाट खाने लगे और मधु के पूरे चेहरे से थूक युक्त वीर्य चटक कर खुद ही उसके चूत को ऊपर उठा चूसने लगे जिस चूत से मर्द का वीर्य बह रहा था और मधु उठ कर उनके मुँह पर चूत लगाती बोली वाह भाभी तू सच कहती है जो मज़ा रांड बन के जीने मे है वो मज़ा गृहणी बन के कहाँ ।
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Amazing ❤️❤️❤️
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ohhhhh super sexy xxxxxxxxx
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शालिनी भाभी ने दोनों मर्दों को दरवाज़े तक छोड़ कुंडी लगा कर वापस बैठ कर पटियाला जाम गटक बोली चल मेरी देवरानी जल्दी से कपड़े पहन लें , मर्दो को नंगी रंडिया पसंद नहीं आती , मर्द खुद कपड़े उतारकर चोदना पसंद करते है , बोल भाभी उठ कर मुझे बोली चलो देवर जी ज़रा अपनी भाभी के साथ , मैं भाभी के साथ गुसलखाने मे गया वो कुंडी लगा बोली क्यों याद है ना हिल स्टेशन वाली बात , देख लिया न अपनी बीबी को अब त्यारी कर लो वहाँ जो मज़ा है वो यहाँ कहाँ कहती भाभी ने मुझे घुटनों पर बिठा कर अपने एक टांग को मेरे कंधे पर रख बोली अब पीना है पी ले नहीं तो बहने दे और भाभी मेरे मुँह मे मूतने लगी इसस करती भाभी दीवार को पकड़ एक धार मारती मुझे गर्म नमकीन मूत पिलाती बोली देवर जी काश तू मेरा मरद होता मैं भरी जवानी खुल कर इतना चुदवाती , सही माईने मे मधु ने पति पाया है ओर एक मेरा पति है अब जा कर उठा है कहती भाभी ने चूत मेरे चेहरे पर रगड़ते मूतति रही और मेरा बदन उनके मूत के गर्म पानी से भीगता महकने लगा और थोड़ा बहुत भाभी के चूत से निकला पानी गटक कर मैंने भाभी को एहसास दिल दिया कि वो मेरे स्पर्पन को स्थायी मान ले और भाभी के मूतने के पश्चात मैंने उनकी योनि को कुत्ते की तरह चाट चाट कर साफ कर दिया और वो मुझे ऊपर उठा कर अपने बदन से रगड़ते बोली देवर जी सहवास का असली मज़ा तब है जब एक दूजे की बदबू भी खुसबू लगे और जो गंदी से गंदी हो वो उतेजना जगाने वाली लगे कह कर उन्होंने मुझे चूमा और मेरे मूत से भीगे जिस्म को अपने जिस्म पर रगड़ते झरने को चला कर बोली आज रात भर तू ही मुझे नहलाना , हर मर्द के खुश होने के बाद तुझे मूत पिलाऊंगी और तेरे साथ ही गर्म हो कर मर्दो की प्यास बुझाऊंगी मेरे गांडू देवर और अगले दस मिनट भाभी ने मनमर्जी से अपने उतावलेपन मे मुझे शामिल कर पागल करती नहाने के बाद कुंडी खोलने से पहले मेरी गांड मे उँगली डाल कर घुमाती बोली सोच लो देवर जी पहाड़ो पर जो साथ गई तुझे एक रात मे इतने लौड़े दिला दूँगी की सुबह तू खुद बोलेगा भाभी यहीं बस जाते है कहती वो उँगली निकाल कर सूँघती मुँह मे ले चूसने लगी और बोली तेरी गांड तोह बड़ी स्वादिष्ट है देवर जी ।
 
 
शर्मा जी का मुँह अब भी मधु के योनि को चाटे जा रहा था जो देख भाभी बोली क्या री और लौड़े नहीं लेगी क्या,  मधु हँसते बोली क्या भाभी ऐसा न कहो बस भाईसाहब को मलाई खिला रही थी , भाभी हँसते बोली चल जा के नाहा ले जल्दी से फिर मनेजर से मिल आते है क्या एक दो लौड़े से मज़ा आएगा चल एक ही बार सबको बुला लेते है दो चार घंटे लगातार ले के देखते है ।
 
 
मधु उठ कर भाभी के पास जा कर बोली क्या दीदी आपने तो मुझे गर्म कर दिया बस यूं गई यू आई कहती वो नहाने चली गई और भाभी ने साड़ी पहनकर ब्रा और पैंटी मुझे दे कर बोली क्या फ़ायदा इस कच्ची और ब्रा का ये तोह नामर्दों के लिए सही रहेगा और शर्मा जी एक पेग मारते बोले बस कर शालिनी कितना जलील करती है तुम हम दोनों को , भाभी हँसते बोली जलील कहाँ कर रही बस बता रही हूँ कहती वो अपने बालों को सवारने लगी और मधु नहा कर वापस आते खुद के गीले जिस्म को पोछती मेरे हाथ मे भाभी का अंगवस्त्र देख बोली क्यों दीदी अंदर से खुला रहना है क्या,  भाभी बोली हॉ तू भी मत पहन , मधु भी बिना ब्रा पैंटी के साड़ी पहन कर बालों को सवार लिपस्टिक लगा कर भाभी के साथ बाहर जाती बोली आती हूँ जी आप लोग मज़े करो ।
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लगता है सभी चाहने वाले मौन हो गए , कहानी अधूरी ही रह जाएगी ।???
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Bro update Hindi font is best please update
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(15-10-2021, 10:26 PM)kaushik02493 Wrote: लगता है सभी चाहने वाले मौन हो गए , कहानी अधूरी ही रह जाएगी ।???

Bhai litna din se wait kar rhe he khani aage badhe uska. mene suzav bhi diyatha. madhu aurSalini ko us customar ke sath uske farm haus pe bhejo. sarmaji aur madhu ka pati bhi athme jaye Lekin Use vha rukne khne pine ke bdleme farm hous ke Watchmen aur Naukro se gand mrvani pdegi. kyo ki salini aur madhu ko to wo farm houska malik aur uske dosto hi chodege.
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Bhai itna late update doge to kisi ko Kya pata rahenga ya to story close kar do nahi to time pe update do
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काफी देर हो गया पर जब मधु नही लौटी तो मैंने शर्मा जी को बोला चल कर देखना चाहिए कहाँ रह गई दोनों ,वो नशे में टल्ली बोलने लगे मरने दे रंडी साली को चुदा कर ,शर्मा जी की बात मुझे समझ नही आई आखिर चोद पाते नही फिर ऐसी अकड़ किस काम की , खैर मैं उनको वही अकेला छोड़ कर कमरे से बाहर निकल पड़ा ,थोड़ी दूर मे मैनेजर साहब सिगरेट का कस लगाते दिख गए, वो मुझे देखते बड़े आदर भाव से बोले क्या ढूंढ रहे है आईए थोड़ा कस मार लिजेए, मैंने उनका साथ देते एक सिगरेट सुलगाई और पूछा मधु नज़र नही आ रही वो हँसते बोले आपकी धर्मपत्नी कमाल की औरत है मुझे लगा था शालिनी से बेहतर कोई नही पर मधु की अदा शालिनी से दो कदम और है बोलते वो बोलने लगे आपकी धर्मपत्नी ने आज सामूहिक सेवा देने के लिए हाँ क्या बोला मर्दों की लाइन लग गई कहते वो बोले शालिनी भाभी ज़रा ख़फ़ा सी लगी कि मधु को ज़्यादा मर्दो ने चुना जबकि भाभी थोड़ा कम मर्दो को पसंद आई बोलते वो मुझे अपने साथ ले गए ।

मैनेजर साहब के केबिन मे दाखिल होने के बाद वो कमरा बंद करके लाइट बुझा कर मुझे अपने साथ एक शानदार मखमली सोफे पर बिठाकर न जाने कैसा रिमोट का बटन दबाया की सामने का दीवार खिड़की सी खुलने लगी और काँच के दूसरे तरफ मुझे मेरी अर्धाग्नि पूर्ण नंग कई गैर मर्दों के बीच दिखने लगी जबकि दूसरे तरफ शालिनी भाभी घुटनों पर मर्दों के लड़ को चूसते नज़र आई ।


मैनेजर साहब ने एक ग्लास मेरे हाथ पर देते बोला आपकी पत्नी ने कुल बारह मर्दों के समूह को एक साथ सुख देने का बोल के कमरे मे दाखिल हुईं है जबकि भाभी को बस पांच मर्दो का साथ मिला कहता वो बोला मैंने लगभग आधे घंटे मधु को एक एक मर्दो का लड़ चूसते देख पागल होने लगा था उसके जिस्म से एक एक अंगवस्त्र वो खुद उतारती उनको अपने यौवन का दर्शन करवाती ऐसा दीवाना बना रही थी कि दो मर्दो ने तो फरोंन अपने वस्त्र त्याग कर अपने अतिउत्सुख फम्फनाते लड़ को सहलाते मधु के आगे पीछे चिपक गए जबकि मधु ने बड़ी अदा के साथ दोनो मर्दो का लड़ साथ मे सहलाती दोनों को अपने जवानी पर दबाने लगी जिस अदा से आपके अर्धाग्नि ने दोनों को सुख दिया वो पागल की तरह उसके जिस्म को चाटने लगे बाकी सब मर्दो ने दूर से मधु के अदाओं का दीदार किया और एक एक करके सब मर्द नग्न होते चले गए और आपनी धर्मपत्नी सभी बारह मर्दों के बीच एक अकेली चिपक कर सबके जिस्म पर अपने जिस्म को मसलती प्यासी औरत की तरह प्यार लुटाने लगी ,कभी इसका कभी उसका सबका लड़ सहलाते वो हर एक ग्राहक को समान्तर प्यार देती सबको मोहित करने लगी और खुद एक एक मर्दों को घुटनों पर बैठ अपने होंठो से लिंग पर चुम्बन दे आहे भरने पर मजबूर कर दी वो भी ऐसा मजबूर की हर एक मर्द उसके चेहरे पर अपना लड़ रगड़ने लगा और मधु एक एक करके हर लड़ चूसने लगी ।

मैनेजर बोलने लगा मैंने एक से बढ़ कर एक कामुक औरतों को यहाँ मर्दो के साथ संभोग करते देखा है पर मधु जिस तरह के जलवे बिखेरी जा रही थी देख के लगा वो बिल्कुल स्वतंत्र भाव से योवन सुख मे डूबी हुई है जिसका मतलब आपने अपने धर्मपत्नी को खुल कर मस्ती करने की आज़ादी दे रखी है ,मैं जबाब देता पर मैनेजर साहब बोल पड़े मधु ने जब हर एक मर्द को अपने मुंह मे झड़ने पर विवश कर दिया उस वक़्त महज बिस मिनट गुज़रा था और बारह के बारह मर्द का लड़ वो अदाओं से निचोड़ कर गटक चुकी थी और सब मर्द एक एक करके अपने लड़ को एक सुख दे कर मधु को बिस्तर पर लेटा कर उसके योवन का एक एक हिस्से को चख रहे थे और मधु बस आँखों को मूंदे हाथों से बिस्तर के सिरे को पकड़ कर खुद को हवस के बिस्तर पर ढीला छोड़ कर लूट रही थी मानो वो लूटने के लिए ही बिस्तर पर लेटी हुई हो ।
मैनेजर साहब अपने लड़ को एक हाथ से मसलते हुए अपने को सहलाते आहे भर बोलने लगे सच कहूँ मुझे मधु के योवन के साथ एक संपूर्ण रात जीना है कहते वो बोले क्या पत्नी पाया है एक मदमस्त जवान जिस्म के साथ प्यास मर्दों को खुश करने वाली ।

खैर मैनेजर साहब की बातें मुझे खुद पर अभिमान करने पर विवश करते जा रही थी कि थोड़े है देर मे मधु बिस्तर पर गांड उठा कर अकड़ने लगी जिस वजह से उसके चूत पर जिस मर्द का मुँह लगा हुआ था वो भी ऊपर की और उठकर उसके योनि को लप लप चाटने मे लगा रहा और मधु एक अकड़ के साथ अपने हवस को चर्म पर ले जा कर वापस बिस्तर पर निढाल हो गई और उस मर्द ने मधु के योनि का एक एक स्वादिस्ट रस चट चट कर चाटने लगा और बाकी मर्दो ने वापस उसके जिस्म को अपने होंठो से चूमते रहे और थोड़े देर बाद वो चूत का रस पिया मर्द मधु के बगल मे लेट कर दूसरे मर्द के लिए उसकी योनि छोड़ दिया ऐसे करके हर एक मर्द ने मधु के चूत का दिल भर स्वाद चखने के बाद मधु खुद एक लेटे हुए मर्द के कड़क लड़ को चूस कर अपनी प्यासी गांड के छेद पर टिका कर उसके लड़ को अपने गांड की गहराइयों मे लेती उसके जिस्म पर लेट कर अपने चूत को सहलाते मर्दो को देखने लगी जिस पर एक मर्द ने मधु के टांगों को अपने हाथों से फैला कर उसके चूत मे लड़ घिस कर अंदर डालते अपने दोनों हाथों से उसके चुचियों को दबाता ऊपर सवार हो गया जो देख बाकी मर्दो ने अपना अपना लड़ सहलाते मेरी अर्धाग्नि के हवस को सलाम करते अपने बारी का इंतज़ार करने लगा ।
एक लड़ गांड की गहराईयों मे एक चूत के गहराई पर वार करने लगा था जो देख मैनेजर साहब जोश पूर्ण होने लगे थे उधर मर्दों मे एक ने अपने आपको बिस्तर पर खड़ा कर के मधु के बालों को हाथों से जकड़ कर ऊपर करते अपना लड़ उसके मुँह मे डालते आहे भरता लड़ चुस्वते अत्यंत कामुक मुद्रा मे अपने पसंद की कामुक रांड का मन मुताबिक सुख लेते भावविभोर होते मधु के मुख को तेज झटकों के साथ चोदने लगा उधर दोनों मर्द मिल के बारी बारी बारी उसकी गांड और योनि पर वॉर करते हवस का समा को बांधने लगे जो देख मैनेजर साहब अत्यंत उतावले होने लगे ।

मैनेजर साहब का उतावलापन ऐसे बढ़ गया कि वो पैंट की बटन खोल हल्का नीचे सरका कर अपने जांघिये से लड़ निकाल कर सहलाने लगे उनका बलिस्ट लड़ तन कर फन फन कर रहा था और उनके मुठी मे उनका लड़ जकड़ के पड़ा था और उनकी निगाहें मेरे धर्मपत्नी को घूर रही थी मानो वो मन ही मन उसके साथ सहवास कर रहे हो जो देख मेरा बदन पुनः गांडू की तरह प्यासा होने लगा और मैंने ग्लास साइड पर रख कर मखमली सोफे पर गांड ऊपर कर लेट कर उनके हाथ को उनके लड़ से हटाते अपने मुँह मे ले लिया और वो अहह करते मेरे सर को दबाते बोले मुझे मधु चाहिए मुझे मधु की जवानी का रस चाहिए कहता वो मेरे जीभ को अपने लड़ पर फेरता महसूस करते बड़बड़ाने लगा और उसका लड़ मैंने धीरे धीरे चूसते गांड हिलाया वो अपने हाथ को मेरे गांड की दरार पर दबाते छेद को भेदने लगा मानो वो मेरी गांड नोच खाएगा ।
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Wah 3 Mhina bad Super UP date. maja AAya. Madhu aur salini ka vo farm house vala trip krvao jisme sarmaji aur madhu ke pti ki gando ko bhi lahuluhan kiya jaye.
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मैनेजर साहब दम लगा कि मेरे मुह को चूत समझ मज़े लेने लगे और मेरी गांड की आग उनके कुरेतने से बढ़ने लगीं । वो मेरी अर्धांगनी के सामूहिक सहवास को देख मानो उसको पाने के लिए तड़पते जा रहे थे जिस वजह से मेरा मुँह उनको मेरी ही पत्नी का योनि लग रहा था जो वो हाथों से मेरे सर को दबाते अपने लंड को मेरे हलक तक उतारने लगे थे ।

वो अचानक से रुक कर मेरे सर को लड़ पर दबा के हलक तक उतार कर बोले क्या दिख गया मधु को तेरे जैसे नामर्द मे काश मुझे मिली होती उसको ऐसे बजाता अकेले की मेरे घर आने के लिए तड़पती रहती और रोज नए अंदाज से मेरे लिए इंतज़ार करती और मैं थक हार कर घर जाते ही नंगा हो के पहले मधु को गुसलखाने मे कपड़ो के साथ खिंच कर ले जाता और भीग कर उनको इतना चोदता की वो पागल हो जाती कहते मैनेजर साहब ने मेरे सर को छोड़तें अपना लड़ मेरे मुँह से खींच कर बोले सच यार तेरे जैसे नामर्दों को ही क़यामत मिलती है और आखिर ऐसी क़यामत मेरे होटल के कमरों मे अपनी प्यास बुझाती है कहते वो सिगरेट सुलगा कर बोले देख गांडू तेरी मधु की अकड़ आखिर इस तरह वो तेरे साथ अकड़ लेती तो आज इतने मर्दो को मज़ा कैसे मिलता कहते वो बोले सुबह साथ ले चल मुझे अपने घर मुझे मधु के साथ दिन भर बिताने दे तुझे मैं अलग से पैसे भी दूँगा और तेरी बीवी के लिए ऐसे ऐसे मोटे मर्दो की लाइन लग दूँगा की वो एक रात मे इतना कमाने लगेगी की तू सोच नही सकता ।
मैं मैनेजर का लोडा चूसते बोला आप चलो या जब मन करे घर आ जाना पर मेरी बीवी को बाजारू मत समझो ,पैसे नही प्यास की लड़ाई है ,पैसे नही चाहिए बस मेरी मधु मेरे सामने मर्दो से खेले और मैं उसके मलाई से भरे जिस्म को चाट कर उसे चूमे यही मेरे लिए अद्भुत आनंद है कहते मैंने मैनेजर के लड़ पर थूक कर उसका लड़ सहलाते उठ कर उसके लड़ पर गांड लगा कर बैठने लगा वो मेरे कमर को पकड़ कर अपने लड़ को मेरे गांड पर जाते महसूस करते बोला मादरचोद तू तो लौंडिया जैसे कर रहा हैं, क्या मस्त गांड है तेरी अहह करते मैं उसके लड़ को गांड मे लेते उनके हाथ से सिगरेट लेते बोला जानते हो सालों से मेरी मधु प्यासी रही है पर अब वो एक रात प्यासी नही सोने वाली इसके लिए मैंने अपनी मधु को एक स्वतंत्र औरत बनाया और खुद लड़ चूस कर उसके चूत पर लगा कर बोला आज से तेरी जवानी मस्त रहेगी ,मैनेजर साहब मेरी मधु लाखों मे एक अर्धाग्नि है वो मेरे नामर्द लुल्ली से बरसों खुश रही तभी वो आज एक आज़ाद औरत बन कर लड़ की सवारी कर रही ,आपकी बीवी आपके लड़ से तो खुश है पर आपसे नही क्योंकि आपने उसके जिस्म को मज़ा दिया उसे नही पर मैंने मधु को मज़ा दिया तभी वो  मेरे पीठ पीछे अपनी जिस्म को लुटाई नही कहते मैं उनके लड़ पर उछलने लगा और इतना उछला की बेचारा मैनेजर मेरे गांड के गर्मी से पस्त होते झड़ने लगा और बोला मादरचोद तू मधु से कम नही मेरा भी निकाल दिया कहते वो पागल  होने लगा।
 मैनेजर पूरी तरह पसीने से लथपथ हो चुका था और मैं उठ कर उसकी मलाई से भरी गार्ड को सौंफे पर टिका दिया और मैनेजर ने मुझे अपने हाथों से सहलाते बोला क्या तुम सच में मुझे घर ले चलेगा मैं बोला हाँ चिंता मत करो कल सारे दिन मधु की जवानी से खेलने दूंगा यह सुनते ही मैनेजर ने लूल्ली को पकड़ा और अहिस्ता अहिस्ता सहलाते बोला तू झड़ेगा नहीं मैं बोला बस मेरी मधु ही मेरे लड़ का पानी निकाल सकती है । इतना सुनते ही मैनेजर ने कुछ ऐसा किया जिसकी कल्पना मैंने कभी नहीं की थी वो झुककर मेरे लूली को चाटने लगा मैंने मैनेजर से पूछा क्या कर रहे हो वो बोला बस चुप होजा तू मुझे मधु देगा तो मैं तेरी लुल्ली से हर वक्त मलाई निकाल लूँगा कहते हुए मेरे लौंडा को चूसने लगा ।
मैनेजर चूत की आग में बिल्कुल पागल हो चुका था। उसने इस अंदाज से मेरा लड़ चूसना सुरु किया कि मेरा लड़ अकड़ कर तंबू सा हो गया और उसके मुँह मे फूलने लगा और वो बोला मस्त है तेरा तो लॉलीपॉप कहते वो बेशर्मी से चुस्ते रहा और उधर शिशे के पार मेरी मदमस्त मेरी रानी मेरी जान मधु ने दूसरे दफ़े सारे मर्दो को खुश कर के टाँगे खोली बिस्तर पर पस्त लेटी हपस रही थी और सारे थके मर्द वही मधु के आस पास लेटे तृप्ति का एहसास करते बड़े खुश नजर आ रहे थे ।
मेरी मदमस्त शालिनी भाभी भी धकों पर टिकी पड़ी थी पर उनका उत्साह कम सा जान पड़ रहा था शायद वो अपने ही देवरानी के बढ़ते भाव से ज़रा सी आघात थी ।
बड़े समय के बाद खुद का लड़ चुस्वते मुझे अच्छा लग रहा था और मेरी गांड से मैनेजर साहब की मलाई उनकी मखमली सोफे को भिगो रही थी ।
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