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#21
अपनी बहन को कुंवारी माँ बनाया एक सच्ची कहानी
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Jan 8, 2016 Antarvasna, bahan, best friend, bhabhi, bhai, bhai se chudai, choda, chudai, DESI CHUDAI, desi sex kahani, fucked, hard, hardcore, hindi sex kahaniya, Hindi Sex Stories, Hindi Sex Story, home sex, Indian Sex, Kamukta, mai chudi, meri chudai, pahli chudai, pariwar, sex class, Sex Kahani, suck, sucking, teen, Virgin, सगी बहन संग सम्भोग, सेक्स क्लास

मेरा नाम विवेक है, मैं आपसे एक कहानी शेयर कर रहा हु, हो सकता है आपको ये अजीब सा लगे पर ये बात सच है, मैं अपने बहन के बच्चे का पिता हु, और मेरी बहन कुंवारी माँ है, मैं पूरा वाकया आपके सामने पेश करूँगा, मैं भी नहीं चाहता था की मेरा बचा मेरी बहन का बच्चा होगा पर क्या करता, हालत ने ऐसा करवट लिए की ये हो गया, पर मैं बहुत खुश हु, मेरी बहन या तो आप कह सकते है मेरी पत्नी दोनों बहुत खुश है, और हम दोनों एक पति पत्नी की तरह रह रहे है, अब मैं पूरी कहानी पे आता हु,

मेरी बहन का नाम पूजा है, वो अभी २१ साल की है, और मैं २३ साल का, दिल्ली में रहता हु, पर मैं जयपुर का रहने बाला हु, मेरी बहन बहुत ही अच्छी और सुन्दर लड़की है पर अब वो औरत हो गयी है, मेरे मम्मी और पापा नहीं है दोनों उत्तराखंड की त्रासदी में गुजर गए, हम भाई बहन साथ रह गए, हम दोनों को जयपुर का घर ठीक नहीं लगने लगा था तो हम दोनों वह से दिल्ली आ गए थे, और दोनों पढाई करने लगे, मेरे पास काफी पापा का दिया हुआ फिक्स्ड डिपाजिट और जीवन विमा था इस वजह से आज तक किसी चीज़ की कमी नहीं हुयी यहाँ तक की अगर हम काम भी ना करें तो ज़िंदगी पूरी चल सकती है.

हम दोनों मुखर्जी नगर जो की दिल्ली यूनिवर्सिटी के पास है किराये के फ्लैट में रहने लगा, पहले साल भर तो अच्छा नहीं बिता क्यों की हम दोनों को माँ पापा की याद बहुत आने लगी थी, फिर दोनों ने अपने दिल को समझाया और पढाई पर ध्यान दिया, और अच्छे तरीके से रहने लगे ! मेरी बहन बहुत ही खूबसूरत है, उसका फिगर भी काफी अच्छा है, मस्त मस्त चूचियाँ, गोल गांड, होठ गुलाबी, मुझे अच्छा नहीं लगता था जब उससे लड़के देखते थे, जब भी वो बाहर जाती उससे लोग घूर घूर कर देखते क्यों की वो है ही बड़ी खूबसूरत, तो मैंने सोचा ऐसा कुछ हो जाये की मेरी बहन को कोई नहीं देखे, मैं अपने बहन से काफी फ्रेंडली व्यव्हार करने लगा वो भी काफी खुल गयी, अब तो हम दोनों एक साथ घूमने लगे, वो मुझे भैया कहती थी पर मैंने कह दिया देखो तुम मुझे आज से विवेक कहो मुझे अच्छा लगेगा, वो मान गयी और वो मुझे विवेक कहने लगी.
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मैं आपको पहली चुदाई की कहानी बताऊंगा, कैसे मैं पहली बार अपने बहन के साथ सेक्स किया था, 2013 , 31 दिसंबर का दिन था, कल से नया साल आने बाला था, तो हम दोनों ने कनॉट प्लेस के एक होटल में नए साल का जश्न मनाने गया, वह तो हम दोनों खूब डांस किये, बियर भी पि, खूब मस्ती किया, हम दोनों को काफी नशा आ गया था, हम दोनों एक दूसरे की बाहों में झूमने लगे, अब दूरियां खत्म हो चुकी थी उसके स्तन मेरे छाती में सटा हुआ था, मेरे हाथ उसके कमर पे थे और गाने की धून पे थिरक रहे थे, उसके हाथ में मेरे कमर पे थे, दोनों का हाथ एक दूसरे के हाथ में था, वो मेरी आँखों में देख रही थी और मैं उसके आँखों में देख रहा था, अचानक कब मेरे होठ और उसके होठ आपस में मिल गए पता ही नहीं चला और दोनों एक दूसरे को चूमते हुए खो गए.

हम दोनों के जिस्म काफी गरम हो गया था, रात काफी हो चुकी थी, हमने कैब मंगाया और दोनों वापस अपने फ्लैट को चल दिए, हम दोनों एक दूसरे को पकडे हुए थे, हाथ में हाथ एक दूसरे का था, शायद नए साल में सब कुछ हम दोनों के बीच में नया होने बाला था, घर पहुंचे, मैंने अपने बहन को कहा पूजा आज नया साल हो गया है, मैं तुम्हारी बहुत केयर करता हु, मैं ये नहीं चाहता की कोई तुम्हारे ज़िंदगी में आये और मेरी ज़िंदगी में कोई आये क्यों ना हम दोनों साथ साथ रहे एक पति पत्नी की तरह, आज जो वाक्या हुआ डांस के दौरान क्या हम दोनों बरक़रार रख सकते है, वो मुझे देख रही थी, साँसे मेरी तेज थी, मैं उसके जवाब का इंतज़ार कर रहा था, अचानक वो मेरे गले मिल गयी और होठ पे किश करने लगी, बोली आई लव यू डिअर, आज से तुम मेरे हो मैं तुम्हारी, हम दोनों विस्तार पे लेट गए, मैंने उसको किश किये जा रहा था, वो काफी गरम हो गयी थी उसने मेरा शर्ट उतार दिया और जीभ से मेरे छाती को टच करने लगी, मैंने उसके चूची को अपने हाथ में ले लिया और दबाने लगा, फिर मैंने उसके टी शर्ट उतार दिए ब्रा में थी मेरी बहन.

ब्रा के ऊपर से ही उसके चूच को दबाने लगा, फिर ब्रा का भी हुक खोल दिया उसके दोनों गोल गोल बड़ी बड़ी बीच में पिंक निप्पल ओह्ह्ह झूम रहा था, मैं मुह में ले लिया, और पिने लगा, पूजा बोली क्या मिल रहा है मेरी जान तुझे मेरी बूब में निचे तो जाके देख जन्नत मिलेगा, मैं सरक के निचे पंहुचा और पेंट का ज़िप खोल के पेंट उतार दिया, वो ब्लैक कलर की पेंटी में थी, मैंने एक लम्बी गहरी सांस लेके उसके पेंटी को सुंघा क्या मदहोश कर देने बाली खुशबु थी, पेंटी को निचे उतार दिया, टांगो को अलग अलग किया हलके भूरे बाल थे, ऊँगली लगाई तो महसूस हुआ की चूत काफी गरम और गीली हो गयी थी, मुझसे रहा ना गया और मैंने जीभ से चाटने लगा. वो आआह आआअह आआआह आआअह करने लगी.

फिर मैंने उसको उलट दिया बड़ा बड़ा गोल गोल चूतड़ ओह्ह्ह्ह कमाल का मैंने अपना मुझे बीच में रख के उसके गांड के छेद को जीभ से चाटने लगा वो तो पागल सी हो गयी थी, मेरा, वो काफी कामुक हो गयी, वो फिर से वापस लेट गयी मैंने उसके टांग को ऊपर उठा दिया और अपना लण्ड निकाल लिया, चूत के मुह पे रखा और जोर से धक्का लगाया पूजा कराह उठी नहीं नहीं नहीं आआअह्हह्हह बहुत दर्द होने लगा है विवेक प्लीज प्लीज, थोड़ा शांत हो गया और चूचियों को दबाने लगा फिर अपना एक ऊँगली उसके मुह में डाल दिया और अंदर बाहर करने लगा वो भी मजे लेने लगी फिर मैंने दूसरा झटका मारा पूरा लण्ड चूत को फाड़ते हुए अंदर चला गया, बहन के आँख से आंसू आ गए थे, आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है, मैंने रुका नहीं जोर जोर से चोदने लगा जब लण्ड बाहर निकाला तो देखा मेरा लण्ड खून से लतपथ था, मेरी बहन बोली खून मेरे चूत से तो मैंने कहा पहली बार चुदवाने पे चूत की झिल्ली फट जाती है इस्सवजह से खून निकला अब नहीं निकलेगा.

मैंने फिर से पूजा के चूत में लण्ड घुसाया और जोर जोर से चोदने लगा, वो आआह आआअह आआअह आअअहअअअह् कर रही थी, मैं भी उसको गालियां देने लगा ले रंडी ले, मेरा लण्ड ले, आज तेरी चूत फाड़ दूंगा, आज से तुम्हे दुल्हन बनाऊंगा, तू भी तो बड़ी रंडी निकली रे माना की मैं बहनचोद निकला पर तू भी तो रे हाई हाय उफ्फ्फ आआअह ले ले मेरा लण्ड, ऊऊह ओह्ह्ह्ह्ह और मैं झड़ गया, मेरी बहन शांत हो गयी, फिर क्या था रात भर चोदा चोदी का काम चलता रहा सुबह तक मैं उसके चूत को और गांड को पहाड़ डाला था, अब तो रोज का काम हो गया, करीब २ महीने के बाद की बात है एक दिन मेरे बहन के पेट में दर्द होने लगा, तो डॉक्टर के यहाँ पंहुचा, डॉक्टर बोली आप इसके कौन है मैंने कहा मैं मैं मैं, मेरे आवाज लड़खड़ाने लगे थे, फिर मैं बोला की मैं इसका हस्बैंड हु, वो बोली बधाई हो आप बाप बनने बाले है,

फिर हम दोनों वह से मकान खाली कर दिए क्यों की वह के लोग जानते थे की हम दोनों भाई बहन है, पर जहा अब मकान लिया अब वह के लोग जानते है की हम दोनों वाइफ हस्बैंड है,अब मेरा बेटा पा पा पा बोलने लगा है,

आपको ये कहानी कैसी लगी प्लीज स्टार पे रेट करने मुझे और पूजा को अच्छा लगेगा, हां एक बात और बता दू पूजा को नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम बहुत पसंद है, वो रोज पढ़ती है, मैं तो हु ही फैन इस वेबसाइट का. आपको बहुत बहुत धन्यबाद.

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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#22
शादी से पहले चुदवाना पड़ा
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Jan 20, 2016 Antarvasna, chudai, hindi sex kahani, Hindi Sex Stories, Hindi Sex Story, Indian Sex, Kamukta, Sex Kahani, Sex Story in Hindi, sexy kahani, sexy story, xxx story, खड़ा लण्ड, गीली चूत, चुदास, नंगा बदन, लण्ड चुसाई

Chudai में दिखने मे एक सुंदर बड़े बड़े बूब्स अच्छी सी गांड और मेरा फिगर 28, 24, 32 है। दोस्तों ये कहानी एक सच्ची कहानी है जो आज में आप सभी को बताने जा रही हूँ। दोस्तों मेरी दीदी अमृता जो मुझसे दो साल बड़ी है, मुझसे पहले उनकी शादी मनोज के साथ हुई थी, मेरी दीदी मुंबई मे रहती थी और साथ मे जीजू का भाई उनसे एक साल छोटा संजय भी साथ मे रहता था। उनके माता पिता उनसे थोड़ी दूरी पर रहते थे। मैने 12th पास की तभी जीजू दीदी बोले आगे पढ़ाई के लिए तुम भी मुंबई आ जाओ और में भी उनके कहने से मुंबई आ गई, अब मुझे वहाँ पर उन्होंने स्कूल मे एड्मिशन दिला दिया था और मे मुंबई में ही रहने लगी थी।

जीजू का भाई संजय एकदम चिकना और बहुत हेंडसम था। संजय अपने दोस्तो के साथ हर रात बाहर जाता था और बहुत लेट रात मे आता और दीदी और जीजू दस बजे अपने कमरे मे चले जाते थे। जीजू हर रात दीदी को चोदते थे। तभी एक दिन मुझे दीदी की आवाज़ सुनाई दी और में कमरे के पास गयी, शायद वो लोग दरवाजा बंद करना भूल गये थे, तभी मैने देखा कि दोनो बिस्तर पर नंगे थे। जीजू ने कहा कि मेरी जान तू बहुत नमकीन है, अब तो मुझे तेरी चूत का नशा चड़ गया है, में जब तक तुझे चोदूं नहीं मुझे चैन नहीं आता है। अब दीदी कहने लगी कि तू मुझे शादी के बाद से एक भी दिन चोदे बिना नहीं छोड़ता है, तभी जीजू कहने लगे कि तू मेरी बीवी जो है तुझे चोदना मेरा अधिकार है।



तभी जीजू दीदी के ऊपर चड़ गये थे और अपना लंड उनकी चूत मे डालकर लंड को आगे पीछे करके धीरे धीरे चोदने लगे और अपने एक हाथ से दीदी के बड़े बड़े बूब्स को दबा रहे थे और में यह सब देख रही थी, अब मुझे मालूम नहीं कि संजय मेरे पीछे कब आए और उन्होने मुझे खींचकर अपने कमरे मे घसीट कर ले गये, उसके मुहं से शराब और सिगरेट की स्मेल आ रही थी। वो कमरे मे मुझे लाकर मुझसे कहने लगे कि अंजू जो तुम देख रही थी वो आज हम भी करते है और तुम्हे देखने से ज्यादा मजा करने मे आएगा। अब मैने उसे कहा कि प्लीज संजय छोड़ दो मुझे, लेकिन अब संजय मुझे किस करने लगा था और उसने मेरी नाईटी की ज़िप खोल दी, अब में अपने आप को छुडवाने की कोशिश करने लगी, लेकिन में नहीं निकल पाई थी, संजय बहुत स्ट्रॉंग थे।

अब मैने उन्हे कई बार कहा कि छोड़ दो मुझे लेकिन संजय मुझे इतनी जोर से चाटने लगा और कहने लगा कि साली अब सारी जिंदगी तुझे मुझसे ही चूत चुद्वानी है और में ही सारी जिंदगी तुझे चोदने वाला हूँ। क्योंकि में तुझसे ही शादी जो करने वाला हूँ और अब उसने मेरी नाईटी निकाल कर मुझे पूरी नंगी किया और मुझे उठा कर बिस्तर पर लेटा दिया था और अब उसने अपने सारे कपड़े निकाले और अब वो भी पूरे नंगे थे संजय की बॉडी बहुत सेक्सी थी कसी हुई मसल और उस पर उसका लंड भी बहुत लम्बा था।

अब में सोचने लगी कि ये लंड कैसे मेरी चूत मे डालेंगे और तभी अब संजय मेरे ऊपर चड़ गये थे और मुझे होठो पर किस करके चूसने लगे थे और अपने एक हाथ से मेरे बूब्स मसलते रहे। फिर उन्होंने मुझे गर्दन पर किस करते हुए नीचे आए और मेरे बूब्स को चूमने लगे। आह कितने प्यारे है ये मेरी जान तू बहुत सेक्सी और चिकनी है और नमकीन भी मेरे बूब्स को अपने मुहं मे लेकर चूसने लगे थे। अब वो दोनों बूब्स को जोर से चूस रहे थे और साथ मे अपने हाथ से मेरी चूत को सहला रहे थे और बहुत देर तक उन्होंने मेरे बूब्स को चूसा ओर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

अब मेरी बॉडी को चूमते चूमते नीचे आकर मेरी चूत को चाटने लगे और कहने लगे कि क्या सेक्सी चूत है, बिल्कुल साफ और अब मेरी जांघे फैला कर और अब चूत को जीभ से चोदने चाटने लगे। कुछ देर बाद चूत चाटने के बाद उन्होंने लंड को हाथ से पकड़ कर चूत के मुहं पर लगाया और एक ही झटके मे अपना तना हुआ लंड जोर से मेरी चूत मे डाल दिया। अब में बहुत जोर से चिल्लाई, अब उन्होने मेरे मुहं पर अपना मुहं रखा और मेरे मुहं को अपने मुहं से सील कर दिया। अब मुझे बहुत दर्द हो रहा था और अब चूत से खून भी निकल रहा था। अब संजय मुझे ज़ोर ज़ोर से झटके देकर मुझे चोदने लगे थे, अब संजय मुझे जोर से चोदे जा रहे थे।

अब करीब बीस मिनट तक संजय मुझे चोदते रहे और अब थोड़ी देर बाद वो झड़ने लगे थे उन्होंने मेरी चूत मे अपना सारा वीर्य छोड़ दिया था, अब मेरा दर्द थोड़ा कम हुआ था और अब मुझे भी कुछ अच्छा लगने लगा था। लेकिन अब मुझे शादी से पहले चुदाई करना ठीक नहीं लगा था। अब में डर गयी थी क्योंकि में अब प्रेग्नेंट ना हो जाऊं में ये सोचने लगी थी। लेकिन में अभी भी संजय के नीचे दबी हुई थी और वो अब तक मेरे ऊपर ही थे और कुछ टाइम बाद वो नीचे आए और मुझे अपनी बाँहों मे समा लिया और किस करने लगे थे। और अब वो बोले कि मेरी जान बहुत मज़ा आया तुम्हारी चुदाई मे और तुम्हे? अब मैने कहा कि संजय मुझे बहुत डर लगता है, कहीं मे प्रेग्नेंट हुई तो अब वो कहने लगे कि मेरी जान तुझे मेरे ही बच्चे पैदा करने है और में तुझसे ही शादी करने वाला हूँ।

अब संजय ने लाइट ऑफ की और मुझे अपनी बाँहों मे समा कर बोले कि गुड नाईट अब आज के लिए बहुत है और अब हम सोते है। अब मैने कहा कि संजय मुझे अपने कमरे मे जाने दो, वो कहने लगे कि आज से तू मेरे साथ ही सोएगी। अब सुबह को जब हम ब्रेकफास्ट के लिए बैठे थे तभी जीजू ने कहा कि संजय तुम्हारी और अंजू की शादी हमने फिक्स कर ली है।

अब में कुछ बोल ना सकी लेकिन संजय बहुत खुश था, लेकिन मुझे संजय से शादी नहीं करनी थी क्योंकि संजय मुझसे आठ साल बड़ा था और में अपने घर के पास मे रहने वाले एक लड़का जिसका नाम अमित से बहुत प्यार करती थी। अमित दिखने मे बहुत अच्छा गोरा था और संजय बहुत काला था। मुझे बहुत लड़के कॉलेज मे देखते ही रहते थे। मैने दीदी को कहा कि मे ये नहीं चाहती कि में संजय से शादी करूं और अभी मैने शादी के लिए हाँ भी नहीं की है। तभी दीदी कहने लगी कि अब तुझे बाहर भटकना बंद करना होगा और तुझे संजय के साथ शादी करके उसे खुश रखना है।

अब संजय के साथ मुझे घूमने जाना पड़ा संजय मुझे डिस्को लेकर गये डांस करते मुझे चूमा था और बॉडी पर अपना हाथ घुमाते थे। रात को हम घर आए दीदी जीजू अपने कमरे में थे। अब संजय ने जीजू को मोबाइल लगाया और कहा कि हम वापस आ गये है और मे अंजू को आज से मेरे कमरे मे ले जाता हूँ, मोबाइल स्पीकर पर थे जीजू बोले कि ले जाओ, अब कुछ दिनों बाद तुम्हारी शादी होने वाली है, आज नहीं तो कल तुझे ही उसे चोदना है, तू तो चुदाई आज से ही शुरू कर ले। अब संजय बोले कि हमारी चुदाई तो कल से ही शुरू हो गयी है। जीजू बोले कि तो फिर करो चुदाई और मज़ा लो जैसे हम कर रहे है। अब संजय मुझे खींच कर अपने कमरे मे ले गये। मैने अपने आप को छुड़ाने की कोशिश की लेकिन संजय मुझे छोड़ने को तैयार नहीं हुए। अब उनसे कहने लगी प्लीज छोड़ दो मुझे, अब संजय कहने लगे कि मेरी जान अब तो तुझे मुझसे ही रोज चुदवाना है और में तेरा होने वाला पति जो हूँ। अब मुझे कमरे में लेकर आते ही संजय ने मेरे सारे कपड़े निकाल कर मुझे पूरा नंगा कर दिया था और बिस्तर पर लेटा दिया था।

अब संजय ने भी अपने सारे कपड़े निकल कर नंगे हो गये थे और मेरी बॉडी के ऊपर आ गये मेरी जान तू कितनी चिकनी और सेक्सी है, तुझे जब से देखा तब से अपनी बनाने का ही सोचा था। अब में तो रोज़ तुझे चोदूंगा और मुझे किस करने लगे और मेरे बूब्स मसलने लगे और में उनके नीचे दबी हुई थी। अब वो मुझे चूमते चूमते हुए ज़रा नीचे झुके और मेरे बूब्स को चाटने लगे और बूब्स को जोर से मुहं मे लेकर चूसने लगे थे, वाह क्या मेरी जान ये टमाटर कितने प्यारे है एक एक करके उन्होंने मेरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगे थे।

अब वो मुझसे कहने लगे कि मेरी जान मेरा लंड अपने हाथ मे लेकर तुम इसे सहलाओ। मैने कहा कि में ऐसा नहीं कर सकती। अब वो चिल्लाया और मुझे कहने लगा कि में जो कहूँ वैसा करो और तुझे इसके बाद मे लंड को चूसना भी है। अब मैने कहा नहीं, फिर उन्होने मुझे ज़ोर से बैठा दिया, अब कहने लगे कि जो तूने नहीं किया तो में तुझे बहुत पीटूँगा। अब मैने उनका लंड अपने हाथ मे लिया और सहलाने लगी और अब ऐसे ही कुछ टाइम बाद मेरे बूब्स को चूसने के बाद वो उल्टे हुए और अपना लंड मेरे मुहं के सामने रखा और अब कहने लगे कि मेरी जान इसे अपने मुहं मे लेकर चूसो और अब तुम्हे मेरा लंड तो रोज़ ही चूसना है। मुझे अच्छा नहीं लगा फिर भी में उनका लंड मुहं मे लेकर चूसने लगी और वो मेरी चूत चूस रहे थे, मेरी लाईफ मे पहली बार में ऐसा कर रही थी। अब संजय बोले ज़ोर से चूसो में ज़ोर से चूसने लगी थी, अब मेरी चूत से पानी निकलना शुरू हुआ और अब संजय वो सब मस्ती से पीने लगे थे और उन्होने मेरे मुहं मे अपना वीर्य छोड़ दिया। अब मुझे भी वो पीना पड़ा था और अब संजय ने मुझे अपनी बाँहों मे लिया और मुझे चूमने लगे और अब वो कहने लगे कि मेरी जान तू तो बड़े अच्छे तरीके से चूसती है बहुत मज़ा आया अब तो रोज़ इसी तरह लंड को चूसना और में तेरी चूत को चोदूंगा।

अब मैने संजय को कहा कि अब मुझे जाने दो और तभी वो कहने लगे कि मेरी जान अब तो रोज़ हर रात मेरे साथ तुझे एक ही बिस्तर मे गुजारनी है। अब संजय मेरी बॉडी के ऊपर चढ़ गये और अपना तना हुआ लंड मेरी चूत मे ज़ोर से डाल दिया था और अब मेरे हाथो को चूमते चूमते मुझे झटके देकर चोदने लगे। अब ज़ोर ज़ोर से झटके देते ही जा रहे थे और मुझे चोदे जा रहे थे। संजय का लंड मेरी चूत के अंदर घुस घुस कर चुदाई कर रहा था और अब संजय ने अपनी स्पीड बड़ाई और तेज़ी से चोदने लगे थे। उन्होंने करीब आधे घंटे तक मुझे चोदा और उनकी इस चुदाई से मेरी चूत मे बहुत दर्द था। मैने उनको कई बार कहा था लेकिन वो सुनने को बिलकुल भी तैयार नहीं हुए और चुदाई किये ही जा रहे थे अब करीब बीस मिनट बाद में झड़ने लगी थी लेकिन वो नहीं रुके और तभी कुछ देर बाद चुदाई करते करते उनकी स्पीड ओर बड़ गई। अब मुझे लगा कि शायद वो भी अब झड़ने वाले थे और अब वो मेरी चूत मे ही झड़ गये और सारी चूत अपने वीर्य से भर डाली थी। जैसे ही चूत मे लंड से वीर्य गिरा मुझे ना जाने क्या हुआ और में पूरी अकड़ गई थी और अब उनकी स्पीड भी कम हुई।

अब में डर गई, तभी मैने उनसे कहा कि संजय मे प्रेग्नेंट हो गई तो, तभी वो बोले क्या हुआ में भी तुझे प्रेग्नेंट करना चाहता हूँ और तुझे ही तो मेरे बच्चे पैदा करने है। अब अपनी बाँहों मे लिया ओर अब हम सोने लगे। लेकिन उस रात संजय ने एक बार और मुझे चोदा। अब सुबह दस बज गये थे और हम दोनो उठकर बाहर गये, बाहर जीजू दीदी बैठे हुए थे तभी जीजू बोले कि क्या रात को मज़ा आया और तभी संजय बोला बहुत मजा आया। तभी जीजू कहने लगे कि संजय अब तुम आज से इसे तुम्हारे कमरे मे ही अपने साथ सुलाया करो और तुम दोनों साथ मे ही रहा करो और तभी संजय बोले कि हाँ एक बार चुदाई करने के बाद उसका नशा चढ़ जाता है और तभी जीजू बोले कि करो जितना करना है। अब हर रात मुझे संजय चोदता था। करीब दो महीने मे हमारी शादी हो गयी थी और अब हर रोज़ संजय अपना पति होने का अधिकार जताकर मेरी बहुत चुदाई करता है। उसने तो शादी से पहले ही मुझे कई बार चोदा तो अब शादी के बाद वो कहाँ मुझे छोडता। उसने कई बार मेरी चूत फाड़ी और कई बार मेरी गांड भी। लेकिन दोस्तों में आज भी उससे खुश नहीं हूँ ।।

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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#23
दीदी की चुदाई : ब्रा से चूत तक का सफर फिर चुदाई
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Dec 29, 2015 Antarvasna, bahan, didi ki chudai, hot didi, चुम्बन, चूची चुसाई, जीजू, दीदी, नंगा बदन, लण्ड चुसाई

डियर फ्रेंड्स, आज मैं आपको एक अपनी कहानी सुनने जा रहा हू, जो की मेरी बड़ी बहन के बारे मे है, कैसे मैने उनकी चुदाई की यही मैं बताने रहा हू,
मेरी बड़ी बहन का नाम मेखला है और वो मुझसे 3 साल बड़ी है. जब मे कॉलेज के दूसरी साल मे था तब मेखला दीदी की शादी हुई थी. और अपनी शादी के बाद मेखला दीदी जीजू के साथ मुंबई शिफ्ट हो गयी क्यू की जीजू का कारोबार वही पर था. मेखला दीदी की शादी के 2 साल ख़तम होने के साथ साथ मेरी इंजिनियरिंग भी ख़तम हो गयी थी और मैं कोई अच्छी कंपनी मे जॉब करने के लिए ट्राइ करने लगा.

सो मैने सभी जगह पे मेरा रेज़्यूमे भेज दिया था और कई जगह पे इंटरव्यू भी देने गया था, मुझे एक कंपनी से कॉल आया था मुंबई से इंटरव्यू के लिए. मैं मुंबई गया और फाइनली मुझे एक अच्छी जॉब लग गयी. और मैं मंडे से जाय्न भी कर लिया था. मैं बहूत ही खुश था. मैं ये बात अपनी दीदी को बताया वो बहूत ही खुश हुई.

मेखला दीदी: रोहन, तुझे अगर यही पर ही जॉब लगी है तो तू हमारे साथ ही रहने आजा. वैसे यहा मैं और तेरे जीजू ही तो रहते है. और यहा से तेरा ऑफीस भी नज़दीक है तो तुझे कोई प्राब्लम भी नही होगा.

मे: नही मेखला दीदी मैं यहा पर आपको और जीजू को कोई परेशानी देना नही चाहता हू. मैं कही और देख लूंगा. वैसे भी मैंने इंटरनेट पे देखा है बात भी किया है कोई फ्लैट्स रहने के लिए ले लूंगा आप चिंता नहीं करो.

मेखला दीदी: अरे पगले लेकिन हमारा भी तो 2 रूम का फ्लैट है. और रहने बाले हम दो लोग ही है. तो मैं और तेरे जीजू 1 रूम ऑक्युपाइ करते है और दूसरा रूम ऑलमोस्ट खाली ही है तो वो रूम तू उसे कर लेना. मुझे और तेरे जीजू मे से किसी को कोई परेशानी नही होगी.

फिर मैं मेखला दीदी की बात मान गया और वापिस कुछ दिन के लिए होम टाउन के लिए निकल गया मेरा समान लाने के लिए. वाहा पहुंचे ही मम्मी और पापा ने मुझे बधाई दी और खूब सारे आशीर्वाद भी मिले न्यू जॉब के लिए. उसके बाद मैं सनडे अपने घर पे लंच ले कर अपना पॅक किया हुआ समान लेके मुंबई की ट्रैन पकड़ ली. मैं शाम को मुंबई पहुच गया और मुमबई पहुंचेही मैं टैक्सी मे अपना समान डाल के सीधा मेखला दीदी के घर पहुच गया. जीजू भी घर पर ही थे सनडे के कारण तो दोनो ने मुझे वेलकम किया आंड देन इधर उधेर की बात करने लगा, हम दोनो कुच्छ बातों को ही डिसकस कर रहे थे.

उसके बाद कुच्छ गेस्ट आ गये उनके यहा मैने मेखला दीदी को पूछाकी ये कौन है तो वो बताई ये तुम्हारे जीजू के मामा जी और उनकी फॅमिली है, फिर वो लोग उनसे बात करने लगे, मैं वाहा जाके सिर्फ़ नमस्ते कहा और फिर वापस आके टी वी पर मूवी देखने लगा, टीवी देखते देखते एक घंटा कब निकल गया कुच्छ पता ही नही चला. एक घंटे के बाद मेखला दीदी ने सडन्ली मेरे रूम का दरवाज़ा खोला और अंदर आ गयी. मैने मेखला दीदी से पुछा

मे: क्या हुआ मेखला दीदी ?

मेखला दीदी: रोहन प्लीज रूम के बाहर जा थोड़ी देर के लिए. मुझे कपड़े बदलने है.

मे: लेकिन मेखला दीदी आपने जो कपड़े पहेने है वो ठीक ही तो है. क्या खराबी है उनमे ?

मेखला दीदी : प्लीज बाहर जा.. मुझे कोई कपड़े चेंज नही करने यार… मेरी ब्रा का हुक टूट गया है पीछे से तो मुझे सिर्फ़ मेरी ब्रा निकलनी है ब्लाउस के अंदर से.

मेखला दीदी की ऐसी बात सुनके मैं तो हेरान रह गया और चालू एसी मे पसीना आ गया. फिर अपने आप को ठीक करते हुए बोला

मे: मेखला दीदी लेकिन आपके रूम मे जाओ ना… अदरवाइज़ बातरूम मे चली जाओ आप. मुझे क्यू बाहर निकल रही हो आप ?

मेखला दीदी: तेरे जीजू भी आ गये है और वो नहाने गये है बातरूम मे और मेरे बेडरूम मे हू ममाजी सो रहे है तेरे जीजू के और ड्रॉयिंग रूम मे मामी जी और बच्चे खेल रहे है. अब तू प्लीज़ आर्ग्युमेंट्स करना बंद कर और प्ल्स बाहर जा थोड़ी देर के लिए.

फिर मैं कुछ आगेआर्ग्युमेंट्स किए बिना चुपचाप रूम के बाहर निकल गया और बाहर आके जीजू के ममाजी के बच्चो के साथ खेलने लगा. लेकिन दिमाग़ मे से मेखला दीदी ने जो बात बोली वो ही बात मेरे कानो मे गूँज रही थी. और मेरा दिमाग़ मेखला दीदी की ब्रा और उनके बूब्स को इमॅजिन करने लगा था. मैं बहुत परेशान हो गया था क्यू की मेखला दीदी के बारे मे मुझे ऐसा ख़याल या इमॅजिनेशन पहले कभी भी नही हुआ था. हा लेकिन एक बात है की मेखला दीदी ने आज तक मुजसे ऐसे बात भी नही की थी.

ये सब सोच रहा था उतने मे मेखला दीदी मेरा रूम ओपन कर के बाहर आ गई और फिर से किचन की और चली गयी. जब मेखला दीदी किचन मे जा रही थी तब पहली बार मैने मेखला दीदी को लस्टफुल नज़रो से देखा. रियल मे उसने अपनी ब्रा रिमूव कर दी थी क्यू की ब्लाउस की अंदर स्ट्रॅप्स के निशान जो दिख रहे थे वो गायब थे. मेखला दीदी को देख ते ही मेरा पप्पू सलामी देने लगा. मे वापिस अपने रूम मे चला गया और डोर क्लोज़ कर दिया. लेकिन डोर क्लोज़ करते ही मैं दंग रह गया नज़ारा देख कर के. मेरी मेखला दीदी की उतरी हुई क्रीम कलर की 34ब साइज़ की ब्रा मेरे बेड पे पड़ी थी. मैं तो देख के ही पागल हो गया और मेखला दीदी की ब्रा को हाथ मे लिया और सोचने लगा की अगर मेखला दीदी की ब्रा इतनी सेक्सी और सुंदर है तो मेखला दीदी के बूब्स कितने मस्त होंगे.

और फिर मे मेखला दीदी की ब्रा को अपने हाथ मे मसल के सूंघ ने लगा. वाह क्या फ्लॉरल खुश्बू आ रही थी मेखला दीदी के पर्फ्यूम और बॉडी की. मैं एकदम मस्त होके अपनी आखे बाँध कर के मेखला दीदी को इमॅजिन करते हुए उनके ख़यालो मे खो गया और एक हाथ से अपना लंड मसल रहा था.तभी मेरे गाल पर एक ज़ोर का चटा पड़ा. जी हा! वो मेरी मेखला दीदी ने ही लगाया. हवस के ख़यालो मे इतना गहरा चला गया था की कब मेखला दीदी रूम के अंदर आई मुझे कुछ पता ही नही चला था. और मैने डोर सिर्फ़ क्लोज़ ही किया था लॉक करना भी मैं भूल गया था.

लेकिन जबरदस्त चटा पड़ते ही मैं अपने होश मे आ गया और अपना सिर झुका के खड़ा हो गया. मेखला दीदी कुछ नही बोली और मेरे हाथो मे से ब्रा लेकर वो चली गयी और बोला की खाना लग गया है. मैं बहुत घबराता हुआ खाना खाने गया. सब के साथ मैने खाना खाया और वापिस अपने रूम मे आके बैठ गया और सोचने लगा की अगर मेखला दीदी ने जीजू को बोल दिया तो मेरी गांड लाल हो जाएगी. और ये सब सोचते सोचते मैं कब सो गया मुझे कुछ पता ही नही चला.

दूसरे दिन मैं जब सुबह मे उठा तब गेस्ट्स भी जा चुके थे और जीजू नास्ता कर रहे थे. मैं सीधा जीजू और मेखला दीदी को अवॉयड करने के लिए नहाने चला गया और आधे घंटे तक बातरूम मे ही पड़ा रहा. अचानक मेरी मेखला दीदी ने नॉक किया और बोली के बातरूम मे ही पड़ा रहेगा या बाहर भी आएगा. फिर मे फटाफट बाहर आया और तैयार हो कर के डाइनिंग टेबल पर गया नास्टा कर ने के लिए. जीजू तब तक निकल चुके थे अपनी ऑफीस के लिए. मेखला दीदी आई किचन मे से और मुझे ब्रेकफास्ट सर्व किया और वो भी अपनी प्लेट ले कर बैठ गयी ब्रेकफास्ट के लिए. फाइनली मेखला दीदी थोड़ी प्यार भरी नजरो से देखा,

मेखला दीदी: रोहन आई ऍम सॉरी.

मे: मेखला दीदी सॉरी तो मुझे बोलना चाहिए मेरी ऐसी हरकत के लिए. आई ऍम सॉरी मेखला दीदी. अब ऐसा दोबारा नही करूँगा.

मेखला दीदी: हां ये ठीक है पर मुझे देख हो रहा है क्यों की मैंने तुम्हे थपड मारा.

मे: इट्स ओक मेखला दीदी. थॅंक यू.

मेखला दीदी: क्या मैं तुम्हे एक बात पूछ सकती हु अगर तुम्हे प्रॉब्लम ना हो तो?

मे: हां मेखला दीदी, प्लीज पूछो क्या बात है?

मेखला दीदी: तुम्हारी कोई गर्ल फ्रेंड है ?

मे: पहले थी कॉलेज मैं , अब नही है…

मेखला दीदी: तो क्या उसकी ब्रा के साथ भी तू ऐसा करता था ?

मे तो दंग रह गया ये मेखला दीदी का दूसरा सवाल सुन के और सोचने लगा की क्या आन्सर दू मेखला दीदी को.

मे: नो मेखला दीदी.

मेखला दीदी: क्यू ? वो मेरे जैसी सेक्सी ब्रा नही पहनती थी ? या फिर उसके बूब्स मेरे जैसे सेक्सी नही थे ?

मैं तो फिर हैरान और शॉक्ड हो गया जैसे अनटार्कटिका मे कोई फ्रीज़ हो जाता है वैसे. फिर तोड़ा होश मे आके मेखला दीदी को आन्स दिया

मे: मेखला दीदी ये सब आप क्या बोल रही है मेरी कुच्छ समझ नही आता.

मेखला दीदी: ठीक है पगले तो फिर मैं समझाती हु तेरे को….

इतना बोलते ही मेखला दीदी अपने डाइनिंग चेयर से उठ गई और सीधा मेरे पास आ गयी और मैं कुछ रिएक्ट करू उसके पहले ही मेखला दीदी ने अपने हॉट लिप्स मेरे लिप्स के साथ चिपका दिया और मेरे थाइस पे बैठ गयी और मे भी उनकी सेक्सी अदा के कारण अपने आप को रेज़िस्ट नही कर पाया और मैं भी मेखला दीदी के रसीले होतो को चूसने लगा. किस करते करते मेखला दीदी ने मेरा लेफ्ट हाथ उठाया और उनके बूब पर रख दिया. मैं तो एकदम एग्ज़ाइट्मेंट मैं आ गया मेखला दीदी की ऐसी हरकत के कारण और धीरे धीरे मेखला दीदी के गोल गोल बूब को अपने हाथ मे लेके सहलाने लगा. कुछ देर बाद मेखला दीदी मुझे किस की और कहा

मेखला दीदी: तू अपनी बहन को टेबल पर ही बजाएगा या फिर बेड रूम मैं ?

मे: बेड रूम मैं अच्छा है मेखला दीदी.. वाहा ज़्यादा मज़ा आएगा..

और फिर मैं और मेखला दीदी सीधे बेड रूम मे चले गये. बेड रूम मे घुसते ही मेखला दीदी मैं मेखला दीदी के उपर लेट गया और मेखला दीदी मेरे नीचे. और वापिस किस करने लगा मेखला दीदी के लाल लाल और जूसी लिप को करने लगा. किस करते करते मैं मेखला दीदी के बूब्स दबा रहा था और ब्लाउस के उपर से उनकी निपल ढूँढने की ट्राइ कर रहा था. उतने मे मेखला दीदी ने बोला: “ ब्लाउस निकल दो मेरे भाई.. बिना ब्लाउस और ब्रा नहीं निकाले जाते, आज तक तेरे जीजा के हाथ मे भी नही आई मेरी निपल्स उतनी प्राइवसी है तो तेरे हाथ मे कहा से आएगी”. ऐसा सुनते ही मैं और एग्ज़ाइट हो गया और मेरा लण्ड और भी ज़्यादा सलामी ठोकने लगा.

अब तो मुझे किश करने लगी और मेरे शरीर को सहलाने लगी. फिर मेखला दीदी की नेक पे किस्सिंग करने लगा और ज़ोर ज़ोर से मेखला दीदी को चूमने लगा मैं. फिर धीरे धीरे मेखला दीदी को चूमता हुआ मैं थोड़ा नीचे आया और मेखला दीदी के ब्लाउस के फर्स्ट बटन तक पहुहा. जहा से मेखला दीदी के बूब्स की गॉर्जियस गली शुरू होती थी.

फिर मेखला दीदी के ब्लाउस का वन बाइ वन बटन खोलता गया और उन्हे चूमता गया. ब्लोसे निकलते ही मेखला दीदी मेरे सामने पर्पल ब्रा मे थी. मैने मेखला दीदी की ब्रा भी रिमूव कर दी और मेखला दीदी के गोल मटोल बूब्स देख के इतना पागल हो गया की एक्भूखे बच्चे की तरह मेखला दीदी के बूब्स पे टूट पड़ा और चूसने लगा.साथ साथ मे मेखला दीदी की निपल्स को भी हल्के हकले अपनी टंग से सहला रहा था और अपने दोनो दांतो के बीच मे दबा कर बीते भी कर रहा था. मेखला दीदी पागल सी होती जा रही थी एग्ज़ाइट्मेंट मे आंड शी वाज़ मोनिंग वेरी वेरी हार्ड. उसके बाद मैने मेखला दीदी की साडी भी रिमूव कर दी और उनका पेटिकोट भी. अब मेखला दीदी मेरे सामने सेम पर्पल पेंटी मे थी जो आधे से भी ज़्यादा गीली हो चुकी थी.वो भी मैने रिमूव कर दी.

अब मेरे सामने मेखला दीदी की एकदम बटर जैसी सॉफ्ट लिप्स वाली पिंक चूत थी जो क्लीन शेव्ड थी. मेखला दीदी के दो टॅंगो के बीच का नज़ारा देख के मैं और पागल हो गया और मैने अपने भी कपड़े रिमूव कर दिए फटाफट.

मेखला दीदी मेरा पेनिस देख से ख़ुसी से झूम उठी और बोली के: वाह रे मेरे भाई , तेरा तो तेरे जीजू से बड़ा भी है और तगड़ा भी है. मज़ा आएगा आज के खेल मे तो. ( फ्रॅंक्ली स्पीकिंग फ्रेंड्स, मेरा लंड सिर्फ़ 8 इंचस का है).

फिर मेखला दीदी ने मेरा लॅंड हाथ मे लिया आगे का सूपड़ा मूह मे डाल के चूसने लगी जैसे मेरे लंड को लीप किस दे रही हो. मुझे यकीन नही हो रहा था की मेरी अपनी ही सेक्सी बहन मेरा लंड चूस रही है. थोड़ी देर चूसने के बाद मेखला दीदी ने कहा ही ले अब तू मेरी चूस.

मैने मेखला दीदी को कहा की मैने कभी चूसी नही है. तो मेखला दीदी ने कहा की एक बार चुसले. फिर हर रोज़ चुसेगा तू मेरी चूत. फिर मैने मेखला दीदी की टाँगे फैलाई सूर्ड़ हीरे से मेखला दीदी के चूत लिप्स को खोला और मेखला दीदी की चूत चाटने लगा और उनकी क्लिट चूसने लगा. मेखला दीदी बड़ी ज़ोर ज़ोर से मोन कर रही थी… आआ अया हह हह …… ससस्स सस्स्सस्स ईईईईई ईईईईईई ईईईईई ईईईईई, उूुउउ उउउओ ऊवू हह …… मेखला दीदी की चूत का पूरा मैदान पानी पानी हो गया था. थोड़ी देर चूसने के बाद मैं खड़ा हुआ और मेखला दीदी को बोला की बस मेखला दीदी अब नही रहा जाता. अब मैं डालूँगा अंदर. ये सुनके ही मेखला दीदी हस पड़ी और बोली ठीक है डार्लिंग चोद ले अपनी बहन को आजा मेरे राजा.

फिर मैं मेखला दीदी के उपर आ गया और मेखला दीदी ने मेरे लंड को उनकी चूत की और गाइड किया. मैं अंदर डाल ने लगा धीरे धीरे और मेखला दीदी की खुशी के मारे मोनिंग चालू हो गयी….

यहह …… उफ़फ्फ़ ऑश ओववव ववववव …आआव ववव ववव ववव ……. उउउइ ईईईईईईईई ईईईईईईईई…….. एयाया आआ आआहह हह हह हह … स्शह हीईीईई ईईइ….. और मैं उनको धक्के पे धक्के दे रहा था मेरा लॅंड उनके चूत मे जेया रहा था. उसके बाद मेखला दीदी ने मुझे अपना कम अंदर डालने के लिए मना किया, और बोली तुम अपना कम बाहर ही निकालना. मेखला दीदी गजब की चुदक्कड़ थी वो तो बस चुदवाये जा रही थी, ऐसा लग रहा था वो मुझे खा जाएगी, वो मुझे अपनी छाती में चिपका लेती कभी पैर से राउंड कर लेती और कभी निचे कभी ऊपर, खूब चोदा मैंने पहली बार अपनी बहन को, आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है.

दोस्तों अब मुझे किसी चीज की कमी नहीं है, एक अच्छी जॉब, और घर में चुदाई का पूरा इंतज़ाम, आजकल तो जीजाजी टूर पे ही रह रहे है, आज कल तो पता ही नहीं चल रहा है की मेखला दीदी मेरी बहन की बीवी, थैंक्स एंड टेक केयर माय डार्लिंग,

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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#24
भाई ने चोदा कामसूत्र मूवी दिखाके खूब चुदी उस रात को
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Jan 8, 2016 Andheri rat, Antarvasna, bahan, best friend, bhabhi, bhai se chudai, by girls, car me chudai, chudai, chudai ki kahani, DESI CHUDAI, desi sex kahani, english, first fuck, fuck, fucked, group, hardcore, Hindi, hindi sex kahani, Hindi Sex Stories, home sex, Indian Sex, Kamukta, lesbian, mai chudi, meri chudai, Office, pahli chudai, pariwar, randi, Sex Kahani, sucking, अंधेरी रात, कार में चुदाई

मेरा नाम गौरी है. मैं फाइनल एअर की स्टूडेंट हूँ. मेरा भाई भारतिया सेना मे है. वो काफ़ी सुंदर और बॉडी बिल्डर है. आज जो मैं बात आपसे शेयर कर रही हू वो 100 प्रतिशत सच्ची है, क्यों की मैं खुद अपनी बीती बात को आपसे शेर कर रही हू, क्यों की मैं देखा है नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे सब लोग अपना अपना अनुभव शेयर करते है, तो मैंने सोचा क्यों ना मैं अपनी बात शेयर करूंग जो मेरे और मेरे भाई के बीच में हुआ है. जब मैं मजा ले रही हु दूसरे की कहानी को पढ़कर तो क्यों ना मैं भी अपनी कहानी शेयर करूँ.

अब मैं आप लोगो को अपने बारे मे बताती हूँ. मैं ब्राह्मण परिवार से होने के कारण मेरा रंग गोरा होना स्वाभाविक है पर मैं कुछ ज़्यादा गोरी हूँ. मेरी साइज़ 38 30 38 है. दिखने मे मैं मस्त हूँ. कोई भी मुझे अगर आगे से देखता है वो पीछे से भी जरूर मुड़कर देखता है, आगे से सबकी नज़र मेरी चुचिओं की उभार पर होता है और पीछे वो मेरी मस्त मस्त चूतड़ को हिलते हुए देखता है.

मैं अपने भाई के बारे मे पहले ही आपको बता दिया है की वो इंडियन आर्मी मे है और वो साल दो साल मे छुट्टियों मे घर आया करता था. उसके आते ही गलियों की लड़कियों का हमारे घर आना जाना बहुत बढ़ जाता था.कुछ लड़कियों तो मुझे भी परेशन कर दिया था कहकर की अपने भाई को मेरे लिए पता दे ना. कितनो ने तो ये भी कहा था की एक बार तेरे भाई के हथियार(पेनिस) से मेरा गड्ढा भर जाए तो मे दुनिया की सबसे ख़ुसनसीब लड़की हूँगी.पर इतनी बातों से मेरे मॅन मे मेरे भाई के लिए बुरे ख़याल नही आए थे.

मुझे सेक्स मे इतनी ज़्यादा रूचि तो नही थी पर लड़कों के साथ घूमने मे मुझे बड़ा मज़ा आता था.मेरा सपना था की मैं किसी बॉडी बिल्डर, खूबसूरत लड़के के साथ लॉन्ग ड्राइव पे जाऊ, और लोगो को दिखा साकु. पर ना तो मेरा कोई बॉयफ्रेंड था ना कोई ऐसा दोस्त जो मेरी ये खाविश पूरी करे.

एक बार मैने अपने भाई से कहा की मुझे घर बैठे आलस आ रही है, कुछ दीनो के लिए कहीं घूमने जाना चाहती हूँ, पर मम्मी पापा के साथ नही, तो भाई ने मज़ाक करते हुए कहा की अपने बॉय फ्रेंड के साथ चली जा.( हम दोनो मे ऐसी बातें चलती रहती थी). तो मैने कहा की मेरा कोई बाय्फ्रेंड नही है भैया. तो उसने बड़े प्यार से कहा “तो बना ले पगली”
भाई के इस रिप्लाइ से मे थोड़ी शॉक हो गई पर बात फिर नॉर्मल हो गई और उसने प्रॉमिस किया की वो जब घर आएगा छुटियों मे,तब मुझे कहीं घूमने ले जाएगा.मैं बहुत खुस हो गई और भाई के घर आने का इंतज़ार करने लगी.

दो महीने बाद मेरा भाई गोपाल छुट्टियों मे घर आया.घर के सभी लोग उसे मिलकर बहुत खुस हुए. मैं तो उसे देख कर हैरान हो गई. उसकी बॉडी सेम तो सेम जॉन अब्राहम के जैसी हो गई थी.

फिर हम गले मिले, उसने मुझे एक प्यारा सा गिफ्ट भी दिया. रात को सब खाना खाकर अपने अपने कमरे मे चले गये और मे अपने भाई के कमरे मे जाने लगी. रात के करीब 10 बजे होंगे, मैं जैसे ही दरवाजे के पास पहुचि, मैने देखा की दरवाजा खुला था और भाई कपड़े बदल रहे थे और फोन पर बात भी कर रहे थे.

भाई- यार यहा आए एक दिन भी नही हुआ की मैं तो अभी बोर हो गया हूँ. अब घर पर लगता है रहा ना जाएगा.

(फिर फोन पे सामने बाले की बात सुना)

भाई- अरे नही यार चूत तो यहाँ भी मिल जाएग्गी,पर तुम लोगों के साथ ग्रूप मे चोदना कुछ अलग ही मज़ा है.

मैं ये सुन कर दंग रह गई और थोड़ी हॉर्नी भी हो गई. इसका मतलब भाई आर्मी कॅंप मे अपने दोस्तों के साथ मिलकर किसी को चोदता है. इतने मे उसने अपना अंडरवियर खोला और टवल कमर मे लपेट कर बातरूम की और बढ़ा. उईईई माआअ क्या था वो?????

मेरे भाई का औजार!!!इतना मोटा और लंबा!! मैं बहुत डर गई और तुरंत अपने कमरे मे चली आई.उस नज़ारे को मे पूरी रात भुला ना पाई और सुबह होते होते मुझे नींद आ गई.सुबह मे जब उठी तो भाई मेरे बगल मे बैठे थे.उन्होने कहा की मम्मी पापा कहीं जा रहे हैं ,तुम उनसे मिल आओ बाहर.

मैं तुरंत बाहर आई तो मम्मी पापा कार पर बैठ चुके थे.मैने पूछा की कहाँ जा रहे हो इतनी सुबह सुबह तो पता चला की पापा मम्मी को आँख के ऑपरेशन के लिए दिल्ली जा रहे हैं और शायद एक दो हफ्ते मे वापद आएँगे.मम्मी पापा ने कहा की हमारे आने तक तुम्हारा भाई तुम्हारा ख़याल रखेगा.
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पहले मुझे बहुत गुस्सा आया की मम्मी पापा मुझे अकेले छोड़ के जारहे है पर मारे मान मे जैसे ही कल रात वाली बात याद आई, मे मॅन ही मॅन खुस होने लगी.उस समय तक मे खुद समझ नही पाई थी की मेरे भाई का लंड मुझे भा गया.मम्मी पापा के जाने के बाद मे घर के अंदर आई और नहाने चली गई.फिर मैने नास्ता तैयार किया और हम दोनो बातें करते करते नाश्ता करने लगे.

मे- भैया म्‍म्मी पापा तो चले गये!!! अब तुम मुझे घूमने कब ले जाओगे?

भाई-तो क्या हुआ? हम दोनो को ही जाना है ना घूमने?छसले जाएँगे . एक दो दिन रुक जाओ ,मे कल ही आया हूँ ,तोड़ा आराम कर लू.

मे- भैया !! आपका मॅन तो लग रहा है ना यहाँ?

भाई-अपने घर मे किसका मॅन नही लगता पगली??

मे- नही..यहाँ आप के दोस्त नही हैं ना कोई इसलिए पूछी.

भाई-तुम हो ना मेरी प्यारी सी दोस्त.

मे – वैसे भैया ! मोहल्ले की आधी लड़कियाँ आपसे दोस्ती करना चाहती है.आप किसी को आप्बी दोस्त क्यूँ नही बना लेते..दोस्ती के बाद गफ़ भी बन जाएगी और उसके बाद ससयद आपको बीबी और मुझे भाबी भी मिल जाए.

भाई- इस मोहल्ले की कोई लड़की पसंद नही है मुझे.किसी की नाक टेढ़ी. .किसी की आँखे डरावनी ,कोई कोयले जैसी काली है और कोई भैंस जैसी मोटी.मेरी पसंद ऐसी नही है.

मे- तो आपको केसी पसंद है मेरे प्यारे भैया?

भाई- तुम्हारे जैसी (कहकर तोड़ा मुस्कुरा दिए)

(उनकी इश्स बात से मे तोड़ा सहम गई)फिर थोड़े सेक्सी अंदाज़ मे पूछा..

मे- मुझमे ऐसा क्या है भैया जो उन लड़कियों मे नही??? हां हां बताओ ज़रा.

भाई- अरे तू मेरी बेहन है.तुझे नही बता सकता ऐसी बातें.मेरी गफ़ या दोस्त होती तो बता देता.तू पूछ ना अपने बॉय फ्रेंड से की लड़कों को लड़कियों मे क्या अच्छा लगता है?

मे- मे जानती हूँ भैया की आपको क्या पसंद है.और मे ऐसी लड़की आपके लिए ढूंड निकालूंगी.

(ऐसा कहते हुए मे अपने रूम मे चली गई) थोड़ी देर बाद जब मे वापस डाइनिंग रूम मे आई तो भैया वहाँ नही थे. मैं सीधे उनके रूम की तरफ चली गई और दरवाजे के पास पहुँचे पहुँचते थोड़ी धीरे हो गई. मैने देखा दरवाजा अंदर से बंद था.पर डोर के होल से अंदर का नज़ारा सॉफ दिखाई पड़ता था और वहाँ की लाइट भी ओं थी.

मे ये देख कर हैरान हो गई की मेरा भाई मेरे पेंटी के साथ खेल रहा है. कभी नाक से सूंघटा है कभी अपने लंड मे लपेटता है..ओह ये तो पूरा सेक्स का पुजारी है और अपनी बेहन को निशाना बनाना चाहता है..

मुझे लगा की मैं अपने भाई से चुद सकती हु अगर कोई आईडिया आ जाये तो तभी मैं पेट दर्द का बहाना बनाया, आआह आआआह आआअह जोर जोर से करने लगी बहार भैया तुरंत दौड़कर आये और बोले क्या हुआ बहन, मैंने कहा भैया मेरे पेट में काफी दर्द हो रहा है, तो भैया बोले चलो डॉक्टर के यहाँ ले चलते है तो मैंने कहा नहीं नहीं डॉक्टर से कुछ भी नहीं होगा मेरा ये दर्द अक्सर उठ जाता है, जब ऐसा होता है तो माँ गरम सरसों का तेल मेरे पेट पे मालिश कर देती है,

भैया बोले मैं कर देता हु यार, क्या होगा तुम्हारी दर्द देखि नहीं जा रही है, जब भईया रसोई में तेल गरम करने गए तब तक मैंने अपना कपडा चेंज कर ली, मैंने नाईटी डाल ली नाईटी के अंदर सिर्फ पेंटी पहनी थी अब आप खुद सोचिये मेरा भाई तेल कैसे लगाएगा, मैंने ब्रा भी उतार दी थी. और पलंग पे लेट गयी.

भैया आये बोले अरे यार मैं कैसे लगाउँगा तेल तुम तो नाईटी पहनी है मैंने कहा कोई बात नहीं आप उधर मुह घुमाओ मैं कपड़ा ऊपर कर देती हु भैया उधर मुह घुमाए मैंने नाईटी ऊपर कर दी और अपने पेंटी के ऊपर एक तौलिया धक दिया, और बोला चलो लगाओ, और मैं झूठ मूठ का आह आह आह कर रही थी.

मेरा चौड़ा पेट मोटी मोटी जांघे भैया को लार टपकने पे मजबूर कर रहा था वो तेल लेके जैसे ही पेट को छुआ मैं आऊच कर गयी, मेरे शरीर का रोम रोम सिहर उठा था, मेरे तो होठ दाँतों टेल दबने लगे जैसे जैसे वो तेल लगा रहा था मेरी चूच टाइट होने लगी और मेरे भाई का लैंड खड़ा होने लगा एक बार उसने अपना ऊँगली मेरे बूब को टच किया मैं सरमा गयी फिर वो बार बार टच करने लगा और मैं सोने का नाटक करने लगी, बाद में वो मेरे चूच के दोनों हाथो से पकड़ लिया और उसमे में तेल मालिश करने लगा, फिर वो मेरे पेंटी के निचे भी हाथ डाल के तेल लगाने लगा, तभी मैंने आँखे खोल दी और बोला भैया ये क्या? तो भइया एक ऊँगली होठ पे रखा और बोला श्ह्ह्ह्ह्ह्ह मैंने चुप हो गयी उसने मेरी पेंटी उतार दी. और नाईटी भी बाहर कर दिया वो भी नंगा हो गया और मैंने तो पूरी नंगी थी ही.

मेरे चूत को वो चाटने लगा और अपने हाथो से बूब को मसलने लगा मैंने हॉर्नी हो गयी और बोली अब देर मत कर उसने अपना लण्ड निकाला और मेरे बूर के मुह पे अपने लण्ड का सुपाड़ा रखा और एक ही धक्के में पेल दिया मैंने दर्द से कराहने लगी और वो फिर धीरे धीरे चोदने लगा फिर क्या था उसने लैपटॉप में काम सूत्र का वीडियो चला लिया और उसने काम सूत्र में जिनते पोजीशन थे सब को बारी बार से किया, मुझे रात भर चोदा मैंने सुबह सुबह बहुत हल्का महसूस कर रही थी, भैया बोले बहन तुम नहा लो हम दोनों फिर से कामसूत्र देखने बाले है. आपको ये कहानी कैसी लगी जरूर बताएं, मेरे भैया तो फिर से चले जायेगे अगर कोई मेरी प्यास को बुझा सकता है तो कमेंट करो मैं फ़ोन सेक्स के लिए तैयार हु.

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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#25
भाभी ने लन्ड चूसा
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Jan 20, 2016 Antarvasna, chudai, desi sex kahani, hindi sex kahani, Hindi Sex Stories, Hindi Sex Story, Indian Sex, Kamukta, Sex Kahani, Sex Story in Hindi, sexy kahani, sexy story, xxx story

एक दिन मेरे सारे घरवाले किसी की शादी मे गये थे कुछ दिनो के लिए मे मेरे भैया ओर भाभी ही घर पर रुके थे भैया सरकारी जॉब में है इसलिये वो सुबह ही घर से चले जाते थे घर मे भाभी ओर मे ही रहते थे इसी बीच मे ओर भाभी ज्यादातर बाते करते थे बातो ही बातो मे भाभी के बारे मे बताना ही भूल गया मेरी भाभी का नाम सिमरन है। मेरी भाभी देखने मे सेक्स बॉम्ब है मुझे उनके लिप्स बूब्स और बेक बहुत सेक्सी लगती है मेने एक दो दिन मे देखा की भाभी मेरी तरफ आकर्षित होने लगी थी.

भाभी कभी कभी बातो मे मेरे गालो को पकड़ती तो कभी कभी मज़ाक मे मेरी पीठ पर हाथ मारती उस टाइम सेक्स की समझ ना होने की वजह से मे समझ नही पाया 12वी बोर्ड होने की वजह से मे अपनी पढाई मे बिज़ी रहा ओर मे समझ नही पाया ओर ऐसा ही कुछ दिन चलता रहा ओर मेरी नज़र मे भाभी मेरी प्यास बुझाने वाली नज़र आने लगी फिर घरवाले वापस आ गये ऐसे ही दिन महीने बीतते गये मेने 12वी पास कर लिया ओर बी.सी.ए जॉइन कर लिया बी.सी.ए की पढाई मुझे ज़्यादा कठिन नही लगी ओर मे घर पर ज़्यादा नहीं पढता था इसी बीच अब मे भाभी की तरफ आकर्षित होने लगा भाभी तो पहले से ही मेरी तरफ आकर्षित थी पर मेरे रेस्पॉन्स ना देने की वजह से भाभी खुल नहीं पाई थी.


एक दिन भाभी अपने कमरे मे थी तो मे भी उनके पास चला गया ओर मज़ाक करने लगा मेने मजाक मजाक मे भाभी को क़िस कर लिया तो उन्होने मुझसे कुछ नहीं कहा बस अरे कह कर रुक गई मेने ऐसे ही मज़ाक मज़ाक मे एक दो बार ओर भाभी को क़िस कर लिया तो भाभी कुछ नहीं बोली ओर अपने गाल छुपाने लगी मे जब भी भाभी को किस करने की कोशिश करता भाभी अपने गाल छुपाने लगती मेंने भाभी से कहा भाभी एक किस ओर तो भाभी ने मना कर दिया तो मेने कहा जब तक एक जब तक एक ओर क़िस नहीं दोगी मे नहीं जाऊंगा तो भाभी ने मना कर दिया मे ज़िद पर आ गया तो भाभी मान गई ओर मे क़िस लेकर चला गया अब जब भाभी मुझे अकेले मे मिलती मे उन्हे क़िस करता ऐसे ही किस्सिंग का सिलसिला शुरू हो गया.

एक दिन मे ओर भाभी उनके रूम मे बैठे थे तो भाभी ने मुझसे पूछा की तुम मुझे क़िस क्यो करते हो तो मेने कहा की आप मुझे अच्छी लगती हो भाभी ने कहा तुम्हारी गर्लफ्रेंड अच्छी नहीं है क्या मेने भाभी को इंप्रेस करने के लिए कहा की मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है भाभी ने कहा ऐसा हो ही नहीं सकता की तुम्हारे कोई गर्लफ्रेंड नहीं हो तुम इतने सुन्दर हो मेने कहा कॉलेज मे मुझे कोई लड़की पसंद नहीं है मुझे तो आप बहुत अच्छी लगती हो ओर सेक्सी भी भाभी मुस्कुराने लगी ओर कहा मुझमे तुम्हे क्या सेक्सी लगता है। मेने कहा आपके लिप्स भाभी ओर मेने कहा आपके बूब्स भाभी मुस्कुराने लगी ओर पूछा ओर क्या मेने कहा आपकी बेक तो भाभी हंसने लगी ओर कहा बस करो मेने कहा आप मुझे बहुत सेक्सी लगती हो ओर मेने भाभी के होठो पर क़िस कर लिया ये मेरा पहला किस था भाभी के होठो पर भाभी बोली अरे ये नहीं.

मे फिर भाभी के गाल पर क़िस करने लगा तो भाभी ने कहा कोई आ जायेगा तो मे हट गया ओर इस तरह मे कभी भाभी के गाल पर किस करता तो कभी भाभी के लिप्स पर कभी कभी तो मे भाभी की बेक पर हाथ फेरता रहता था भाभी बस मुस्कुरा देती थी ओर मेरी हिम्मत बडती गयी ओर एक दिन मे किचन मे पानी पी रहा था तभी भाभी आ गई तो मेने हिम्मत करके भाभी के गाल पर क़िस करते हुये भाभी के बूब्स को प्रेस कर दिया भाभी चोंक गयी ओर जल्दी से अपने रूम मे चली गयी मे थोड़ा सा डर गया था की कहीं भाभी किसी से कुछ कह नहीं दे पर भाभी ने कुछ नहीं कहा ओर इस तरह से मे कभी कभी भाभी के बूब्स भी प्रेस करने लगा मेने देखा की भाभी भी इसका मज़ा लेती थी उन दिनो गर्मियो का मोसम था ज्यादातर घरवाले छत पर सोना पसंद करते है और मे भी.

भाभी ओर मम्मी नीचे सोती थी क्योंकि भैया रात मे 11-12 बजे तक आते थे क्योंकी ऑफिस मे ज़्यादा काम चल रहा था मम्मी ओर भैया किसी काम से आउट ऑफ स्टेशन चले गये थे पापा भैया भाभी ओर मे ही घर पर बचे थे दिन भर कॉलेज मे रहने से मे थक गया था ओर घर आकर सो गया जब उठा तो घर के काम मे लग गया इसी वजह से मुझे भाभी के साथ टाइम नहीं मिल पाया शाम को मे अपने दोस्तो के साथ घूमने चला गया जब रात मे आया तो भाभी खाना बना कर सोने चली गईं थी मे भी खाना खा कर छत पर सोने के लिए जा रहा था तो पापा ने कहा आज तुम नीचे सो जाओ भाभी नीचे अकेली है तो मे नीचे सोने के लिए चला गया दिन मे सोने की वजह से मुझे नींद नहीं आ रही थी मे टी.वी देखने लगा अचानक लाइट चली गई तो मे बोर होने लगा था.

अचानक मेरे दिमाग मे भाभी के बारे मे याद आया की मे ओर भाभी नीचे अकेले है तब मेने सोचा क्यो ना आज अपनी किस्मत को टेस्ट किया जाये ओर मेने भाभी के रूम के पास जा कर देखा की भाभी गहरी नींद मे सो रही तो मे भाभी के पास बेड पर जा कर लेट गया मे ज्यादातर सोते टाइम सिर्फ़ शॉर्ट पहनता हूँ ओर कुछ नहीं यहा तक की अंडरवेयर भी नहीं पहनता हूँ मेने धीरे धीरे भाभी के बूब्स को सहलाना स्टार्ट कर दिया कुछ देर बूब्स सहलाने के बाद मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था तो मेने भाभी के कुर्ते को उपर कर दिया भाभी ने ब्रा नहीं पहनी थी ये देख कर मे ओर पागल हो गया.

भाभी दिन भर थकी होने के कारण बहुत थकी हुई गहरी नींद मे सो रही थी ये देख कर ही लग रहा था अब मेने भाभी के एक बूब्स को मुँह मे लेकर चूसना स्टार्ट कर दिया मुझे बहुत अच्छा लग रहा था क्योंकि ये मेरा पहला एक्सपीरियन्स था अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था तो मे भाभी के उपर चड गया ओर ज़ोर जोर से उनके बूब्स चूसने लगा कुछ ही देर मे भाभी की आँख खुल गई ओर उन्होने मुझे अपने उपर से हटा दिया ओर अपने बूब्स को कुर्ते से छुपा लिया

भाभी :- ये क्या कर रहे हो राज.

मे :- भाभी आज आप बहुत अच्छी लग रही थी तो कंट्रोल नहीं हो रहा था.

भाभी :- नहीं राज ये सब इतनी जल्दी नहीं.

मे :- आज नहीं भाभी मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा है.

भाभी :- नहीं राज तुम्हारे भैया आने वाले है.

मे :- अभी नहीं आयेगे क्योंकि अभी सिर्फ़ 10 बजे हुये है.

भाभी :- नहीं राज जाओ ओर जा कर सो जाओ.

मे :- नहीं भाभी आज मे आपको प्यार करके ही जाऊंगा.

भाभी :- नहीं राज प्लीज़ जाओ सो जाओ.

मे :- नहीं भाभी मे आज नहीं सोऊंगा (ये कह कर मेने भाभी को बाहों मे भर लिया ओर किस करने लगा.)

भाभी :- नहीं राज प्लीज़ तुम्हारे भैया आ जायेगे.

मे :- नहीं भाभी आज कोई नहीं आयेगा.

भाभी :- राज आख़िर तुम आज करना क्या चाहते हो.

मे :- आज मे सेक्स करूँगा आपके साथ.

भाभी :- नहीं सेक्स नहीं राज तुम्हारे भैया आ जायेगे.

मे :- देखो भाभी कंट्रोल नहीं हो रहा है.(भाभी को शॉर्ट के उपर से अपना 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड दिखाते हुये जो शॉर्ट मे टेंट बना रहा था.)

भाभी :- जाओ राज इसे अपने हाथ से शांत कर लो.

मे :- नहीं भाभी आज मे इसे अपने हाथ से शांत नहीं करूँगा आज तो इसे आप ही शांत करेंगी.

भाभी :- अच्छा राज मे तुम्हारा लंड अपने हाथ से शांत कर देती हूँ.

मे :- हाथ से तो मे भी अपना लंड शांत कर सकता हूँ तो फिर आपकी क्या ज़रूरत.

भाभी :- अच्छा तो मे अपने मुँह से तुम्हारा लंड शांत कर दूँगी.

मे :- मेने सोचा की आज ये एक्सपीरियन्स भी आज़मा लिया जाए ओर मे राज़ी हो गया.

भाभी :- अपना शॉर्ट उतारो.

मे :- आप अपने हाथो से उतारो (ओर भाभी ने अपने हाथो से मेरा शॉर्ट उतार दिया बाहर आकर मेरा लंड भाभी को सलामी देने लगा मेने देखा मेरा लंड देख कर भाभी का चेहरा लाल हो गया था.)

भाभी :- राज तुम्हारा लंड बहुत ही लंबा ओर मोटा है तुम्हारी बीवी बहुत ही खुश रहेगी (ओर भाभी मेरा लंड मुँह मे लेकर चूसने लगी.)

मे :- आआअहह भाभी ओर प्यार से आआअहह भाभी.

भाभी :- उउन्न्ं आहह.

भाभी मेरा लंड चूस रही थी ओर मे भाभी के बूब्स दबा रहा था मेने देखा भाभी भी गर्म होने लगी थी मे भी बहुत गर्म हो गया था.

भाभी :- बस अब मेरा मुँह थक गया है तुम्हारा लंड चूसते चूसते.

मे :- भाभी बस कुछ देर ओर मे कुछ ही देर मे शांत हो जाऊंगा.

आहह उउउन्न्ञनह

मे :- भाभी जब मेरे लंड से पानी निकले तो सारा पानी अपने मुँह मे ही लेना अपना मुँह हटाना नहीं आअहह मेरा पानी निकलने वाला है.

भाभी :- आआहह उउउहह.

फिर मे भाभी के मुँह मे झड़ गया ओर भाभी ने मेरे लंड का सारा पानी अपने मुँह मे ले लिया ओर मे शांत हो गया कुछ देर बाद मे अपने रूम मे सोने चला गया। आगे की स्टोरी फिर कभी। मुझे आशा है आपको मेरी यह अच्छी लगी होगी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#26
मैं पड़ोस के लड़के से चुदवाई थी रात भर : सच्ची कहानी
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Dec 29, 2015 Antarvasna, antervasna, chudai ki kahani, pados ke sath chudai, padosi ki jamkar chudai, अकेली
मैं पड़ोस के लड़के से चुदवाई थी रात भर : सच्ची कहानी

मेरा नाम सुमति है, अभी मैं 34 की हु, ये कहानी है जब मैं 21 साल की थी, मेरा पति दिल्ली में रहता था, शादी के पंद्रह दिन बाद ही मेरा पति दिल्ली आ गया और मैं रह गई थी अपने बूढी सासु माँ के पास, मेरे घर में मेरा एक देवर है वो भी बाहर ही रहता है. घर में मैं और मेरी बूढी सास दोनों ही रहते थे,

मुझे चुदाई का चस्का लग गया था, शादी के बाद तो मैं खूब चुदी थी, पर जालिम पति मुझे यू ही तड़पता छोड़ गया, पर जाना भी जरूरी था इस वजह से मैं कुछ कह भी नहीं सकती, पर जैसे शेर के मुह में खून लग जाए तो वो शिकार को छोड़ता नहीं वैसे ही मेरे साथ हुआ था, मेरे बूर में लंड जैसे ही गया मैं तो बहुत ही ज्यादा चुदक्कड़ हो गई थी, दोस्तों आप यकीं ना करेंगे जब तक मेरे पति मेरे साथ था मैं दिन में चुदने का बहाना ढूंढते रहती थी, और मौक़ा मिलते ही पति मुझे क्या चोदेगा मैं खुद ही पति को चोद देती, वो कहते ही रह जाता था की सुमति रात में प्लीज रात में, पर मैं नहीं मानती थी.

एक दिन वो दिल्ली अपने काम पे चला गया, मैं बस दुल्हन बनी सिर्फ खिड़की के झांकते रहती थी, घर में कोई और था नहीं जिससे मैं बात करती, सुबह से शाम तक बाहर ही निहारते रहती, उस समय मेरे पास मोबाइल फ़ोन भी नहीं था की पति के साथ बात कर लू, मेरा पति सप्ताह में एक बार मुझे कॉल करता था उसके लिए भी मुझे पड़ोस के चाची के यहाँ जाना पड़ता क्यों की उनके पास लैंडलाइन था. पर वो भी मजे से बात नहीं कर सकती थी, मन मसोस के रह जाती.

मेरे खिड़की के सामने एक और मकान था उसमे एक लड़का रहता था रणवीर, वो ग्रेजुएशन कर रहा था काफी सुन्दर था बहुत भोला भाला लड़का, मैं उसको निहारते रहती थी, फिर वो मुझे देखने लगा, मैं भी हंस देती, वह पे सब लोग मिलजुल कर रहते है सबका एक दूसरे के यहाँ आना जाना रहता है, सच पूछिये तो पूरा मोहल्ला ही एक फैमिली होता था, फिर वो मेरे से बात करने लगा, क्या हाल है भाभी, मेरी सास बोली रणवीर कभी भाभी से मिलने भी आ जाया करो बेचारी बोर हो जाती है, रणवीर ने कहा क्यों नहीं आज ही मैं आता हु,

और रणवीर उस दिन से आने जाने लगा, पर वो मुझसे ज्यादा मजाक नहीं करता था, मैं चाहती थी की वो मुझसे मजाक करे, पर वो हमेशा अच्छी अच्छी बाते ही करता था, मुझे लगा की ये ऐसे नहीं मानेगा, फिर मैंने रणवीर से कहने लगा रणवीर मेरी एक बहन है क्या आप उससे शादी करोगे, तो वो कहता नहीं अभी पढाई कर रहा हु, पर उसका थोड़ा थोड़ा इंटरेस्ट ये सब बातों में होने लगा, वो अब शादी गर्ल फ्रेंड आदि बातों में काफी दिलचस्पी दिखाने लगा, फिर वो मुझसे देर तक बाते करता, रणवीर को देखते ही मेरी चूत में खुजली होने लगती, अब मैं उसको किसी भी बाळात में पाना चाह रही थी, मैं चुदना चाह रही थी.

मेरी सासु माँ अपने मायके गई थी क्यों की उनके भाई का देहांत हो गया था, घर में मैं अकेली थी, पर सासु माँ ने चाची को बोल दी थी की आज रात को आप मेरे घर में ही जाना बहू घर पे अकेली है. गर्मी का दिन था रणवीर कॉलेज से आया था, बाहर तेज धुप थी, जोर जोर से हवा चल रही थी, कही कोई नहीं दिखाई दिया, रणवीर को देखते ही खिड़की से बोली रणवीर, मन नहीं लग रहा है आ जाओ, वो घर गया कपडे चेंज कर खाना खा कर आ गया, मैं खुश हो गई, पता नहीं मुझे लग रहा था आज मैं चुदुंगी, रणवीर से बात करने लगी, मैं दरवाजे के पास ही बैठ गई वो अंदर पलंग पे बैठा था, बात चित चल रही थी, अचानक रणवीर उठा और बोला भाभी अभी आ रहा हु, पर जैसे वो दरवाजे के पास मेरे करीब पंहुचा मैंने उसका लंड छु दी, वो झटक के पीछे वापस कमरे में चला गया.

मैं ठहाका देके हसने लगी, रणवीर बोलने लगा भाभी ये गलत बात है, तो मैंने कहा क्यों कुछ कुछ होता है क्या, या मेरा छूना अच्छा नहीं लगा या की अपने पत्नी के लिए बचा के रखोगे, वो बोला मजाक मत करो प्लीज, और फिर से बाहर जाने लगा, मैंने बैठी थी जैसे ही वो करीब आया, मैंने इस बार लंड को ही पकड़ ली, उसका लंड पहले से ही खड़ा हो चूका था, मैं कास के पकड़ी हई थी, वो खड़ा था और कह रहा था छोडो छोडो और मैंने हंस रही थी, और फिर बाद में छोड़ दी, उसका लंड खड़ा हो गया था, फिर रणवीर बोला अगर मैं भी आपका पकड़ लू तो, तो मैंने कहा पकड़ के दिखाओ, मैं तो चाह रही थी की वो मेरी चूचियों को मसल दे, पर वो कर नहीं रहा था, मैंने फिर से कहा इतनी आपमें हिम्मत कहा,

इतना कहते ही वो मेरे तरफ आने लगा, मैं दौड़कर अंदर चली गई ताकि बाहर ऐसी ना हो कोई घर में आ जाये या कही से देख ले, वो मेरे पीची दौडा मैं कमरे में भागती रही और और मुझे पीछे से पकड़ लिया और हाथ आगे करके मेरी चुचियो को दबाने लगा, मुझे काफी अच्छा लग रहा था पर कह रही थी छोडो ना प्लीज छोडो ना प्लीज, उसका लंड मेरे गांड के बीच में सट रहा था मोटा लंड मुझे महसूस हो रहा था मेरी गांड के बीच में सटा था, इतने में मेरा कपड़ा अस्त व्यस्त हो गया था आँचल निचे गिर गया था, वो ब्लाउज के ऊपर का दो हुक खोलने में कामयाब हो गया, और टाइट ब्लाउज के अंदर चूची को हाथ से पकड़ लिया, मैं शांत हो गयी और वो फिर सारे हुक खोल दिया, मैं ब्रा नहीं पहनी थी उस दिन,

उसके बाद वो आगे आ गया और ध्यान से चूचियों को देखते हुए दबाने लगा शायद वो पहली बार चूची देख रहा था, मैं रणवीर को बहसि निगाहो से देख रही थी, उसके बाद रणवीर ने कहा भाभी चोदने दोगी मैंने कहा हां, मैं चाहती भी यही थी, मैं बाहर आई इधर उधर देखि कोई नहीं था पीछे का दरवाजा बंद कर दी, गर्मी की वजह से कोई भी नहीं दिख रहा था, वापस आई रणवीर लंड पकड़ के खड़ा था, मैं दौड़कर उसमे लिपट गई, और चूमने लगी, मैं खिलाडी थी वो अनाड़ी था, मैं वही खटिया पर सो गई और साडी को ऊपर कर दी,

मेरी चूत में हलकी हलकी झांट थी, थोड़ा पैर फैला दी लाल लाल चूत के बीच का दरार, रणवीर बड़ा ध्यान से देख रहा था मेरी मोती मोती गोिर जाएंगे रणवीर को पागल कर दिया, और वो मेरे ऊपर लेट गया, और मेरे होठ को चूसने लगा, उसके बाद मैंने उसके लंड को पकड़ी और अपनी बूर के ऊपर रख के उसको बोली मार धक्का, और वो धक्का दिया मुझे संतुष्टि मिली, वो अब लंड को अंदर बाहर करने लगा, मैं गांड उठा उठा के चुदने लगी, लंड काफी मोटा था और लंबा था इस वजह से मैं काफी आनंद ले रही थी, और जवान लंड था पहली बार मेरी चूत में गया था, पर वो ज्यादा देर तक नहीं रहा शायद वो नवसिखिया था, ज्यादा देर तक चोद नहीं पाया और वो झड़ गया, पर मैं भी मौके का हालात देख के दो तीन झटके दी और मैं भी झड़ गई, मैं निढाल हो गई, वो उठ कर खड़ा हो गया, मैंने बैठने के लिए बोली, मेरी चूत को जांघ को मेरी चूचियों को वो निहार रहा था,

उसके बाद वो बोला काफी मजा आया मुझे, मैंने कहा किसी को बताना नहीं और रात को आना, आज रात को खूब मजा दूंगी, फिर वो चला गया, रात को मैं इंतज़ार करते करते सो गई, लालटेन जल रहा था, खिड़की खुली तभी, मुझे महसूस हुआ की कोई पत्थर का टुकड़ा मार रहा था, मैं उठ गई देखि रणवीर खिड़की के बाहर मुझे उठाने की कोशिश कर रहा है छोटी छोटी पत्थर को फेककर, मैंने कमरे से बाहर आई, आँगन में मेरी चाची सो रही थी जैसे की मेरी सास उनको बोल के गई थी. फिर मैं पीछे का दरवाजा खोल के रणवीर को अंदर की, और कमरे में लाके दरवाजा लगा ली, मै अपना साडी उतार दी और ब्लाउज भी खोल दिया.

वो मेरी चूचियों को मुह में ले लिया और मैं उसका बाल सहलाने लगी, मैंने खटिया पे लेटने लगी तभी रणवीर बोला नहीं खटिया पे नहीं निचे चटाई बिछा लो, मैं समझ गई की आज इसका मूड कुछ और है उसे पता है की खटिया आवाज करेगा, मैं चटाई पे लेट गई, वो लंड निकला के मेरे चूत पे रख के धक्का देने लगा पर इधर उधर हो रहा था मैं लंड को पकड़ के अपने चूत के ऊपर राखी की वो जोर से धक्का दे दिया, अब क्या बताऊँ दोस्तों आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है. उसके बाद वो मुझे जोर जोर से चोदने लगा, मैं भी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी, इस बार वो मुझे करीब 45 मिनट तक चोदा, तब तक मैं दो से तीन बार झड़ चुकी थी, मुझे काफी आनंद आया था,

इसके बाद तो रणवीर मुझे रोज चोदने लगा, करीब तीन महीने तक उसने मुझे रोज रोज चोदा पर तीसरे महीने मुझे माहवारी नहीं हुई, मैं डर गई गाव समाज था, मैंने एक चाल चली बीमार होने का, और पति को फ़ोन करवाई वो तीन से चार दिन के अंदर आ गया, फिर धीरे धीरे ठीक होने का नाटक की, और पति से चुदी और फिर नेक्स्ट महीने कह दी की मैं माँ बनने बाली हु, और पेट में जो बच्चा था रणवीर का और मैंने पति का नाम दे दी थी, आपको मेरी कहानी कैसी लगी जरूर बताएं प्लीज,


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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#27
मुँहबोली बहन की जबरदस्त चुदाई
ByKamukta Stories
Nov 24, 2015 खुले में चुदाई, गांड, नंगा बदन, बहन भाई चुदाई

दोस्तो, आज मैं आपको एक और सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ जो अनजाने में मुँह-बोली बहन की चुदाई से ख़त्म हुई।
विदर्भ के वर्धा जिले में मेरे दूर के रिश्तेदार रहते हैं, जिनके लड़के की शादी अमरावती से सटे एक गाँव खेड़े में तय हुई थी।
जिस लड़की के साथ शादी तय हुई थी उनका सरनेम और मेरा सरनेम एक ही था जिसके वजह से मैं उसको बहन के नाते से ही बात करता था।
उनकी शादी 2003 में हुई और अभी तक उनको दो बच्चे हैं। वो मुझसे 4 साल छोटी है और उसका का नाम जयश्री है। वो दिखने में एकदम सुन्दर और पूरा सेक्सी फिगर है। उसकी ऊँचाई 5’4”, स्तन 34″, कमर 32″ और कूल्हे 34″ के हैं। मैंने अभी तक कभी उसको बुरी नजर से नहीं देखा था।
जयश्री के पति के साथ मेरा दोस्ताना स्वभाव होने की वजह से हम दोनों भी एक-दूसरे की बीवी के बारे में या चुदाई के बारे में खुलकर बात करते थे।
वो हमेशा अपनी बीबी के बारे में यानि मेरी मुँह-बोली बहन जयश्री के बारे में कहता था कि उसे जबरदस्ती या दर्द देने वाले सेक्स में मजा आता है और साथ ही बहुत ही खुलकर सेक्स का मजा लेती है।
बात अभी की है, 2011 के रक्षाबंधन के समय मैं अपने कार्यालय के काम से वर्धा गया हुआ था।
वर्धा पहुँचते ही मैंने जयश्री के यहाँ फोन करके बता दिया था कि काम ख़त्म करके मैं अमरावती जाने के पहले थोड़े देर के लिए आऊँगा। शाम को करीब 5 बजे मैं उसके यहाँ पहुँचा।
उसने चाय-नाश्ता आदि बनाया और कहने लगी- भैया, मैं भी आपके साथ अमरावती चलूँगी।
रक्षाबंधन के वजह से उसे भी अपने भाई को राखी बाँधने के लिए गाँव जाना था।
मैंने पूछा- क्यों धनराज साथ में नहीं आने वाला क्या?
तो जयश्री बोली- वो चंद्रपुर गए हुए हैं और 2-3 दिन नहीं आएँगे।
तो मैंने ‘ह्ह्म्म…’ करके उसे अपने साथ चलने के लिए ‘हाँ’ बोल दिया। मैंने वहीं पर उनके यहाँ खाना खा लिया और जाने के लिए राह देखने लगा।
रात के करीब 7.30 बजे थे, उसने अपनी छोटी लड़की को अपने साथ में लिया जो एक साल की थी और उसका बैग मैंने पकड़ लिया।
मैं बोला- तेरा बड़ा लड़का नहीं आ रहा क्या?
तो वो बोली- उसका स्कूल है, वो अपने दादी के पास ही रहेगा।
हम लोग 8 बजे बस-स्टैंड पहुँचे और 8.30 वाली बस में बैठ गए, लेकिन त्यौहार होने की वजह से हमें सीट नहीं मिल पाई। हमें मालूम था की सीट नहीं मिलने से आज बहुत ज्यादा तकलीफ होने वाली है क्योंकि ढाई-तीन घंटे का सफ़र था।
बस को चलना शुरू हुए आधा घंटा बीत चुका था, मैं दोनों बैग पकड़ कर और वो लड़की को लेकर खड़ी थी। इतने में एक बुजुर्ग आदमी ने उससे लड़की को लेकर अपने पास सुला लिया और मैंने भी दोनों बैग सीट के नीचे डाल दिए।
समय गुजरता जा रहा था और हर स्टेशन पर से भीड़ बढ़ती ही जा रही थी, जिससे अब ज्यादा ही गर्दी बढ़ गई थी। भीड़-भाड़ होने की वजह से मैंने जयश्री को अपने तरफ बुला लिया और अपने सामने खड़ा कर लिया। अभी और एक घंटे का सफ़र बाकी था इसलिए ड्राइवर ने बस की लाईट बंद कर दी थी।
मेरे सामने जयश्री खड़ी थी, जिससे उसके चूतड़ मेरे लंड से बीच-बीच में चिपक जाती थी। अचानक एकदम से ड्राइवर ने बस के ब्रेक लगा दिए, जिससे मैं पूरी तरीके से जयश्री के बदन से चिपक गया और इसका नतीजा यह हुआ कि वो और भी ज्यादा करीब आ गई। अब मेरा लंड सीधे तौर पर उसकी पिछाड़ी की दरार में लगा हुआ था।
भले ही वो मेरी मुँह-बोली बहन थी, लेकिन इन्सान होने के नाते औरत का स्पर्श और वो भी गांड का स्पर्श होने से मेरा लंड धीरे-धीरे टाईट हो रहा था। अब मेरी वासना जग गई थी। मेरे दिमाग में बार-बार यही आ रहा था कि क्यों ना लंड चिपकाने का मौका मिला है तो उसका फायदा उठाया जाए। अगर जयश्री को बुरा ही लगा तो बोल दूँगा कि भीड़ होने की वजह से ये सब हो गया।
अब मैं जान-बूझकर अपना लंड भीड़ का सहारा लेकर जयश्री की गांड से रगड़ रहा था। अँधेरा होने की वजह से आजू-बाजू वालों को ये सब दिख नहीं रहा था।
धीरे-धीरे मैंने लंड को अपने एक हाथ से पैन्ट के अन्दर से ही सीधा किया और जयश्री के गांड के बीच में सैट कर दिया और लंड से उसकी गांड को हौले-हौले धक्के मारने लगा।
अब तक जयश्री को पता चल गया था कि मैं उसकी गांड में अपना लंड डालना चाहता हूँ। उसने अपना मुँह पीछे घुमा कर मेरी तरफ देखा और हल्की सी ‘मुस्कान’ दी और सामने देखने लगी।
मैं समझ गया था कि जयश्री को भी अच्छा लग रहा है, इसलिए अब मैंने अपना एक हाथ धीरे से उसके पेट के पास लेकर गया और लोगों से निगाह बचा कर हाथों से उसके स्तन-मर्दन करने लगा। वो भी मेरा साथ देने लग गई थी, वो अपनी गांड को मेरे लंड पर घिस रही थी।
रात के 11.30 बज गए और हम लोग अमरावती पहुँच गए। वहाँ से वो स्पेशल ऑटो करके अपने तीन किमी. दूर गाँव जाने वाली थी। लेकिन मैंने उसे मना कर दिया और बोला- जयश्री मेरा लंड अब खड़ा हो गया है और तुम इसे ऐसा ही छोड कर गाँव जा रही हो।
तो वो बोली- तो तुम बताओ क्या करेंगे?
मैं बोला- एक काम करते हैं, आज की रात यहीं पर होटल में रुक जाते हैं। मेरे पहचान वाले का यहाँ होटल है। कोई तकलीफ नहीं होगी। कल सुबह 8 बजे गाँव चली जाना।
तो वो मान गई और हमने एक रूम रात भर के लिए किराये से ले लिया।
हम रूम में पहुँचे और सामान रखने के बाद फ्रेश होकर वापस आ गए। उसकी लड़की अभी भी सो रही थी। मैंने अपना पैन्ट और शर्ट निकाल कर रख दिया। अब मैं बस बनियान और चड्डी में था।
जयश्री भी शरमा नहीं रही थी, इसीलिए मैंने ही पहल करके उसे बोला- क्या ऐसे ही एक-दूसरे को देखते रहेंगे या कुछ करेंगे?
वो बोली- बस में शुरूआत आपने ही की थी तो यहाँ भी आप ही शुरूआत करो।
इतना सुनते ही मैंने उसको अपनी बाँहों में खींच लिया और उसको होंठों को, गर्दन को चूमने लगा। जिससे उसकी दोनों चूचियाँ मेरी छाती से चिपक गई थीं।
मैंने उसके साड़ी का पल्लू नीचे गिरा दिया और पूरी साड़ी को निकाल कर एक तरफ डाल दिया। अब उसकी दोनों बड़ी-बड़ी चूचियाँ लाल ब्लाउज से बाहर निकलने के लिए तैयार थीं। ब्रा और ब्लाउज का कसाव ज्यादा होने की वजह से आधे मम्मे ऊपर की तरफ से बाहर आ रहे थे।
मैंने उसे आधा बेड पर और पैर नीचे रख के लिटा दिया और मैं उसके ऊपर आ गया। अपने दोनों हाथों से उसकी चूचियों को मसलना शुरू किया। जितना जोर से उसके मम्मे दबाता, उतना ही उसे आनन्द आ रहा था। वो भी एक सेक्सी औरत थी इसलिए वो भी मेरा लंड चड्डी में से ही आगे-पीछे कर रही थी।
कुछ देर के बाद मैंने उसके पूरे कपड़े उतार दिए। अब वो पूरी तरह से एकदम नंगी थी। मैंने भी अपनी चड्डी और बनियान उतार दी। वो मेरे से सिर्फ 1″ छोटी थी, इसीलिए मेरा और उसका मुँह, मेरा लंड उसकी चूत बराबर एक-दूसरे के सामने आ रहे थे।
हम दोनों ने एक-दूसरे को बाँहों में भींच लिया और पूरे नग्न शरीर को चूमना शुरू किया। मैं होंठों को, उसकी चूचियों को अपने मुँह में लेकर चूस रहा था। वो भी अपने एक हाथ से मेरा लंड आगे-पीछे कर रही थी। बीच-बीच में मैं उसके चूचकों को अपने दातों से काट रहा था, तो उसे बहुत मजा आ रहा था।
अब उसने मुझसे अपने आप को दूर कर लिया और नीचे पैरों पर बैठ गई, जिससे उसका मुँह और मेरा लंड आमने-सामने थे। मेरे दोनों हाथों को अपने हाथों से पकड़ कर मेरे चूतड़ों के पास दबा कर रख लिया और मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर आगे-पीछे करने लगी।
वो इस तरीके से लंड चूस रही थी, मानों मैं अपना लंड किसी रांड से चुसवा रहा होऊँ। इसका मुझे मजा आ रहा था और मैं भी अपने तरफ से लंड को और आगे-पीछे कर रहा था।
धीरे-धीरे उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी और जोर-जोर से अन्दर-बाहर करने लगी। इसका असर ऐसा हुआ कि मैं अपने पानी को रोक नहीं सका और पूरा पानी उसके मुँह में छोड़ दिया।
अब मेरा लंड 2″ का होकर रह गया था, तो वो बोली- भैया.. सिर्फ इतने से आपका लंड ढीला हो गया..! तो पूरी रात कैसे कटेगी और मेरी चूत की प्यास कैसे बुझेगी? देखना है तो देख लो अभी भी चूत का पानी नहीं छूटा।
मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल के देखी तो सही में पूरी की पूरी चूत सूखी थी।
वो बोली- ठीक है कोई बात नहीं, जैसे आपके लंड को ढीला किया वैसे ही अब इसको टाईट कर देती हूँ। ये सब बोल कर उसने फिर से मेरा ढीला लंड अपने मुँह में भर लिया और लंड को चूसने लगी।
मैंने सोचा क्यों ना मैं भी जयश्री की चूत चाट लूँ, तो मैंने जयश्री को बोला कि हम दोनों 69 की अवस्था में आ गए। वो मेरा लंड चूस रही थी, मैं उसकी चूत चाट रहा था।
थोड़ी देर के बाद मेरे लंड में फिर से वही कड़ापन आ गया। उसकी चूत चाटने की वजह से उसकी चूत भी अब गीली हो गई थी।
अब मैंने जयश्री को अपने लंड पर बैठा लिया और एक ही झटके में पूरा लंड उसकी चूत में पेल दिया। मैं जितना जोर से उसे पेल रहा था, उससे भी ज्यादा जोर से वो अपनी फुद्दी को मेरे लंड पर ऊपर-नीचे कर रही थी। साथ में जोर-जोर से आवाजें भी निकाल रही थी, “… आह्ह्ह… हूहू… आह्ह… हू…!”
ऐसा करीब दस मिनट तक चला। मेरा भी दूसरी बार खड़ा हुआ था, इसकी वजह से पानी नहीं गिर रहा था।
अब मैंने जयश्री को नीचे लिटा लिया और उसके दोनों पैरों को अपने हाथों से दबा कर उसके कंधों को ऊपर से दबा दिया। जिससे उसकी चूत पूरी की पूरी मेरे लंड के सामने थी, मैंने एक ही झटका मारा और पूरा लंड उसकी चूत में समा गया।
वो जोर से चिल्लाई, “उई माँ…मर गई…मारो… और जोर से… फोड़ डालो… ‘कम-ऑन’ भैया… आज रात भर चोद डालो मुझे।
अब मैं भी कहाँ रुकने वाला था। मैं भी पूरी ताक़त के साथ अपने लंड को जयश्री के चूत में घुसा रहा था। वो भी अपने चूतड़ हिला-हिला कर मेरा साथ दे रही थी।
मैं दोनों हाथों से उसके स्तन दबा रहा था। वो भी झड़ने का नाम नहीं ले रही थी और मैं भी झड़ नहीं रहा था।
धीरे-धीरे मैं थकते जा रहा था, तो वो बोली- रुक जाओ दो मिनट.. उसके बाद करेंगे।
दो मिनट के बाद वो कुतिया बन गई और मुझे लंड डालने के लिए बोलने लगी।
मैंने भी अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और उसकी चूत मारने लगा।
ऐसे ही वो मुझे जोर-जोर से चोदने के लिए उकसा रही थी और मैं उसकी बातें सुन कर जोर-जोर से चोद रहा था।
दस मिनट के बाद मैं पूरा पसीना-पसीना हो गया फिर भी हम दोनों झड़ने का नाम नहीं ले रहे थे।
आखिर में जयश्री बोली- चलो अब मैं आपको चोदती हूँ।
उसने मुझे लम्बा लिटा दिया और अपनी मुंडी को मेरे पैरों के तरफ करके मेरे लंड को अपने चूत में डलवा लिया। अब मैं एकदम सुस्त लेटा हुआ था, अब जो कुछ भी कर रही थी वो जयश्री ही कर रही थी।
उसने मेरे पैरों को अपने हाथों से दबा कर रखा और जोर-जोर से अपने चूतड़ को मेरे लंड पर ऊपर-नीचे कर रही थी। जिससे मेरा 6″ का लंड फच-फच करता हुआ उसकी चूत की गहराई तक पहुँच रहा था। वो जोर-जोर से धक्के मारते हुए चिल्ला रही थी।
आखिर में अगले पांच मिनट के बाद मैं झड़ गया फिर भी वो झटके मार रही थी और थोड़ी देर के बाद वो भी झड़ गई।
हम रात भर नंगे ही सोए और सुबह-सुबह हमने फिर से चुदाई का कार्यक्रम जमाया।
इस बार जयश्री ने अपनी गांड भी मरवाई, जो अभी तक कुंवारी थी। जयश्री की आँखों से आंसू निकल आए थे, जब गांड की चुदाई हुई। लेकिन उसका भी वो आनन्द उठा रही थी।
काश जयश्री की सीलबंद चूत मैं तोड़ पाता?
सुबह हम दोनों अपने-अपने घर चले गए।
अब जब भी मैं वर्धा जाता हूँ और जयश्री के घर पर कोई नहीं रहता तो मैं जयश्री चूत चोदे बगैर लौटता ही नहीं हूँ।
आपकी ईमेल की प्रतीक्षा में
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#28
गर्म भाभी की ब्रा और पेंटी का कमाल जमकर चुदाई
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शाहिद है और मेरी लम्बाई 5.10 फिट और मेरे लंड की लम्बाई 7 इंच है. दोस्तों में आज आप सभी को अपनी भाभी की चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ, वैसे में उन्हें चोदने के सपने बहुत देखा करता था और फिर एक दिन मेरा वो सपना सच हुआ और मुझे उनकी चुदाई करने का मौका मिला और आज में उसकी चुदाई की घटना को आप सभी को पूरा विस्तार से सुनाने जा रहा हूँ. यह मेरी पहली
कहानी है और अब में अपनी भाभी के बारे में भी थोड़ा बहुत बता देता हूँ.
दोस्तों मेरी भाभी बहुत सेक्सी है, उनका नाम ऋतु है वो बहुत फिट है और उनकी गांड का साईज 34 और बूब्स और कमर बहुत हॉट, सेक्सी 24 है जिनको देखकर मेरा लंड अपना आकार बदलकर पेंट से बाहर आने लगता था. दोस्तों वैसे में शुरू से ही चूत का बहुत दीवाना लड़का हूँ और मैंने अब तक बहुत सी लड़कियों को चोदा है, लेकिन वो सब की सब मेरी ही उम्र की थी उनमे से बहुत लड़कियों की चूत की सील मैंने तोड़ी थी.
दोस्तों में हमेशा से ही अपनी पड़ोस में रहने वाली सेक्सी भाभी को हवस की नज़रों से देखता था और उनको चोदने के ख्यालों को सोचकर मुठ मारा करता था. में हमेशा सोचता था कि जब में अपनी भाभी को चोदूंगा तो मुझे कितना मज़ा मिलेगा? में सबसे पहले उनकी चूत को चूसूंगा और उनकी गीली चूत का पानी पी जाऊंगा और जब यह सब करने का मुझे मौका मिला तो मैंने उसका पूरा पूरा फायदा उठाया और आज तक भी उठता आ रहा हूँ. दोस्तों यह बात इसी साल की है और उस समय मेरी भाभी के घर पर हम सब रिश्तेदार गए हुए थे और में उनके घर पर ऐसे ही घूम रहा था और जब मैंने देखा कि भाभी ने अपने कुछ कपड़े धोकर सुखा रखे है तभी मैंने देखा कि उन कपड़ो में भाभी की ब्रा और पेंटी भी थी. तो में वहाँ गया और फिर इधर उधर देखकर चुपके से उनकी पेंटी को उठाकर चाटने लगा.
मैंने देखा कि उनके पास बिस्तर गरम करने वाली बहुत सी जालीदार ब्रा और पेंटी थी क्योंकि मैंने उनके बाथरूम में भी ऐसी ही चुदम चुदाई वाली ब्रा देखी थी जिसको देखकर मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया था और उनके पास एक कृत्रिम लंड भी था जो आकार में बहुत बड़ा था शायद वो उसे अपनी चूत में डालकर अपनी चूत को ठंडा करती थी.
फिर मैंने उनकी एक नीले कलर की जालीदार सेक्सी ब्रा उठाई और उसे चाटने लगा. में बहुत देर तक उसे सूँघता रहा और चाट रहा था तो इतने में मैंने पीछे मुड़कर कर देखा कि भाभी मुझे शरारती नज़रों से देख रही थी. दोस्तों मेरी भाभी मुझसे ज़्यादा बड़ी नहीं है, वो मुझसे उम्र में सिर्फ़ 8 साल बड़ी है. अब मुझे इस तरह उनकी ब्रा को चाटते सूंघते हुए देखकर उनकी चूत भी अब गरम होने लगी थी, लेकिन उस समय सब लोग घर पर थे इसलिए भाभी चुपचाप मेरे पास आई और मेरा लंड पकड़कर बोली कि क्यों बहुत गरमी है ना तुझमे, थोड़ी अपनी गरमी मुझे भी दे दे और फिर वो मेरे होठों पर चूमने लगी.
हम बहुत देर तक एक दूसरे को चूमते, चूसते रहे और अब में उनके बूब्स को दबा रहा था. फिर भाभी ने कहा कि इससे पहले कि कोई यहाँ पर आ जाए तुम मुझसे दूर हो जाओ हम इस काम को बाद में लगातार करेंगे. फिर में अपने खड़े लंड को वहां से लेकर बाथरूम में चला गया और मैंने उनके नाम की मुठ मारकर अपने लंड को शांत किया, लेकिन अब हम दोनों एक दूसरे को पूरा दिन हवस भरी नज़रों से देखते रहे और उसके बाद में अपने घर चला गया.
फिर हम जब भी मिलते थे तो में भाभी को उनके घर के बाथरूम में ले जाकर चूमा करता था और उनके बूब्स का दूध मुझे बहुत अच्छा लगता था. हम दोनों घंटों तक लगातार स्मूच किया करते थे और भाभी भी पूरा दिन गरम ही रहती थी क्योंकि भैया अधिकतर समय अपने ऑफिस के कामों से घर के बाहर ही रहते थे जिसकी वजह से वो लंड के लिए बहुत तरसती थी और मुझे उन पर शक भी था कि भाभी किसी पड़ोसी से भी चुदवाती है और अब में उन्हे यह कहकर हमेशा डराता था कि में भैया को यह बता दूँगा कि उनकी चूत कितने पराए लंड अंदर ले चुकी है और में भाभी को यही सब कहकर बातों ही बातों में उनकी पेंटी में हाथ डाल दिया करता था और उनके मुहं में अपना लंड देता था. उनके मुहं को ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदता और में हमेशा अपना वीर्य उनके मुहं में ही डालता था, लेकिन वो मेरा वीर्य जिस तरह से पीती और अपनी जीभ से चाटकर साफ करती थी तो मुझे अब शक होने लगा कि कहीं मेरे भैया ने किसी रांड से शादी तो नहीं कर ली.
भाभी चुसवाते वक़्त पूरे जोश में होती थी और उनकी सिसकियों की आवाज आआहह्ह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह मेरे लंड को खड़ा कर देती थी, लेकिन भाभी कभी भी मुझे चोदने नहीं देती थी, बस वो मेरे साथ स्मूच करती थी और अपने बूब्स को मुझसे दबवाती, चूसने को कहती, अपनी चूत चाटने देती और मेरा लंड चूसती थी, लेकिन अपनी चूत की चुदाई नहीं करने देती थी.
फिर एक रात को में अपने घर पर अपनी पड़ोस में रहने वाली आंटी के बारे में सोच सोचकर मुठ मार रहा था कि तभी भाभी ने मुझे फोन किया और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि तुम्हारे भैया बिजनेस ट्रिप के लिए हांगकांग जा रहे है तो उन्हे एरपोर्ट तक छोड़ना है, लेकिन भाभी बिना कहे मेरा लंड माँग रही थी और में उनका कहना समझ गया था. फिर में उनके घर पर पहुंचा और भैया को एरपोर्ट छोड़कर आया और जैसे ही में घर पर वापस गया तो मैंने देखा कि भाभी अपने कमरे में बिस्तर पर उसी ब्रा और पेंटी में सो रही थी जिसे मैंने चाटा था, उन्हे इस हालत में देखकर मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया और में पीछे से गया और अब पास जाकर उनकी गांड पर अपना लंड रगड़ने लगा और फिर जैसे ही उनकी नींद खुली तो वो भी मेरे लंड को पकड़कर हिलाने लगी और में फिर से उन्हे चूमने लगा. मैंने उन्हे 15 मिनट तक होठों पर स्मूच किया और उनके बूब्स को ब्रा के ऊपर से दबा रहा था, लेकिन बस अब बहुत हो चुका था और अब मुझसे रुका नहीं जा रहा था तो मैंने भाभी की ब्रा को खोला और उनके गरम निप्पल पीने लगा.
मैंने भाभी से कहा कि आज तो में तुम्हे जरुर चोद दूँगा, तो भाभी मुस्कुराकर मुझसे बोली कि हाँ इसलिए ही तो मैंने तुझे आज यहाँ पर बुलाया है, आज तू जी भरकर चोद ले अपनी भाभी को. दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनते ही मेरा लंड तो एकदम से तन गया और उसी वक़्त मैंने भाभी की पेंटी को फाड़ दिया और भाभी को 69 पोज़िशन में अपने ऊपर ले लिया, में उनकी चूत को छू रहा था और वो मेरे लंड को लोलीपोप की तरह चूस रही थी और भाभी की उहहह्ह्ह आआअहह सुनकर मेरी हवस और भी बड़ रही थी.
में बिल्कुल पागल हुआ जा रहा था और वो मुझसे बोली कि साले, मादरचोद, बहनचोद तेरा लंड बहुत मीठा है. तो मैंने कहा कि भाभी आपकी चूत भी कुछ कम खट्टी मीठी नहीं है और 15 मिनट चूसने चाटने के बाद मैंने भाभी को उल्टा करके उनकी भीगी हुई चूत में अपना लंड डाल ही दिया, लेकिन दोस्तों उनकी चूत बहुत बार हर तरह से लंड से चुदने के बाद भी बहुत टाईट थी आहह्ह्ह्हह आईईईईई माँ मेरी थोड़ा धीरे धक्का दे, भाभी बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी और गालियां देने लगी.
दोस्तों जब वो रंडी मुझे हाँ और ज़ोर से चोद साले, मादरचोद, बहनचोद बोल रही थी तब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था जब और जब उन्होंने मुझे अपने हाथों से जकड़ रखा था तब उनके नाख़ून मेरी छाती पर निशान बना रहे थे, लेकिन फिर भी मैंने उनसे कुछ भी नहीं कहा क्योंकि में अब पूरी तरह से भाभी के गरम जिस्म के वश में था और मेरा लंड और खड़ा होता जा रहा था. मैंने भाभी को लेटाकर बहुत देर तक चोदा और जब मेरा लंड उनकी बच्चेदानी पर टकराता तो भाभी की चीख निकल जाती.
भाभी को उछल उछलकर चोदने में जो मज़ा आ रहा था वो मुझे आज तक किसी को चोदने में नहीं आया था. दोस्तों करीब आधा घंटा भाभी को लगातार ठोकने के बाद जब मेरा लंड वीर्य से भर गया तो मैंने अपना लंड उनके बूब्स के बीच में फंसा दिया और उनके बूब्स के बीच में लंड हिलाते वक़्त मेरा वीर्य निकल गया और मैंने वो उनके मुहं में भर दिया और भाभी मेरा वीर्य बहुत प्यार से पी गई उनको वीर्य पिलाने के बाद में फ्री हो गया, लेकिन भाभी अभी भी बहुत जोश में और गरम थी और मुझमें इसके आगे चुदाई करने का दम नहीं था.

फिर में उठकर उनके बाथरूम में गया और उनका कृत्रिम लंड लेकर आ गया. उस कृत्रिम लंड से मैंने भाभी को चोदकर ठंडा किया और उनकी चूत का पानी पिया. दोस्तों भाभी की चुदाई एक घंटे तक लगातार चली और उन्हे चोदने के बाद मैंने उन्हे ब्रा, पेंटी पहनाई और फिर में वहाँ से जाने लगा. तभी भाभी बोली कि अगर तू हर हफ्ते मुझे चोदने यहाँ पर नहीं आया तो में तेरे भैया को बता दूँगी कि तू कितना बड़ा मदारचोद है और तूने मेरी चूत को कितनी बेरहमी से लगातार चोदा है. दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनकर मुझ जैसा मज़ा आ गया था. में भाभी से बोला कि साली रांड तू अब जैसे, जब, जहाँ कहेगी में तुझे जरुर चोद दूंगा और यह बात कहकर में खुशी ख़ुशी वहाँ से निकल गया. दोस्तों आज तक में अपनी भाभी की चूत को चूस, चाट और चोद रहा हूँ और हर सप्ताह शनिवार को में उन्हे चोदता हूँ.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#29
भाभी की जम कर चूत चुदाई
ByKamukta Stories
Jul 28, 2015 चुदास, चूत चुसाई, नंगा बदन, लण्ड चुसाई

Bhabhi ki Jam kar Choot Chudai
दोस्तो, मैं अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ।

मेरा नाम सुमित है, मैं आगरा से 20 साल का जवान लड़का हूँ, मेरा लंड 5.5” लंबा और 2.5” मोटा है।

आज मैं आपको अपनी जिन्दगी में हुई एक सच्ची कहानी के बारे में बताता हूँ.. जो मेरे और मेरी भाभी के साथ हुआ।

मेरी भाभी का नाम रोमा है.. वो और उनकी फिगर तो क्या कहना है… उनकी फिगर का साइज़ 36-30-36 था।

वो बहुत ही सेक्सी और कामुक महिला हैं.. जो भी उनको एक बार देख ले तो बस मूठ मार ले।

मैं भी भाभी को चोदने का मौका ढूँढता रहता था।
वास्तव में मैं भाभी को पाने के लिए बेताब सा हो गया था।
मेरा 5.5 इंच का लण्ड उसको देखते ही कड़क हो जाता था.. उसके मम्मे भी क्या गजब के तने हुए थे।

और फिर एक दिन मेरी किस्मत खुल गई..
मैं कॉलेज से घर आया तो मैंने मम्मी के बारे में भाभी से पूछा इस पर भाभी ने बताया कि सासू माँ जी.. तुम्हारे मामा के यहाँ गई हैं।

मुझे थोड़ी सी ख़ुशी हुई और मैं फ्रेश होकर टीवी चालू करके बैठ गया।

तभी भैया का दोस्त आया और उसने मुझे बताया कि भैया को एक ज़रूरी काम से मुंबई के लिए अर्जेंट भेज दिया है वो कल आएँगे।

यह बात सुनकर मेरे तो बिल्कुल अकेले होने के अहसास से होश ही उड़ गए..
मेरे मन में भाभी को चोदने का ख्याल आने लगा।

रात ठीक 8 बजे हम दोनों खाना खा रहे थे.. तो भाभी काफ़ी उदास लग रही थीं।

तो मैंने पूछा- क्या हुआ है?

तो उन्होंने कुछ नहीं कहा.. मैंने फिर भाभी से दोबारा पूछा- क्या प्राब्लम है?

तो उन्होंने कहा- रहने दो.. तुम्हारे बस का नहीं है।

मेरे ज़्यादा पूछने पर उन्होंने बताया- तुम्हारे भैया मुझसे खुश नहीं रहते हैं बता मैं क्या करूँ..

मैंने भी मज़ाक में कह दिया- भैया आप से खुश नहीं है… सच एक बात कहूँ कि आप को देख कर तो अच्छे-अच्छों का दिमाग़ खराब हो जाता है… आप तो देखने में ही priyanka chopda लगती हो.. सच में भाभी आप बहुत ही सेक्सी और सुंदर हो.. अगर मैं भैया की जगह होता तो आपको बहुत खुश रखता।

वो सुन कर चौंक गईं.. फिर बोलीं- क्या सच में.. मैं इतनी सुंदर और सेक्सी हूँ?

तो मैंने कहा- हाँ.. बिल्कुल…

तो वो हँस पड़ीं।

मैं भी ऐसी ही ताक में था.. मैं जाकर उनके पास बैठ गया और मैंने धीरे से उनके कन्धों पर हाथ रख दिया।

जब उन्होंने कुछ नहीं कहा.. तो मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने उनके मम्मों पर हाथ रख दिया।

फिर वो मुस्करा कर अपने कमरे में चली गईं।

मैं समझ गया कि भाभी की चूत भी चुदने को बेचैन है।

मैं भी यहाँ बेचैन होने लगा और रात को 11 बजे मैं भाभी के कमरे में चला गया।

उफ्फ.. वो सोते समय बहुत ही खूबसूरत लग रही थी.. मैं उसके पैरों के पास बैठ गया।

मैंने अपनी पैन्ट उतार डाली और एक हाथ धीरे से भाभी की साड़ी में डाल दिया और दूसरे हाथ से भाभी के ब्लाउज के बटनों को खोलने लगा।

मैंने अपनी एक उंगली भाभी की पैन्टी के किनारे से अन्दर डाल कर भाभी की चूत में घुसा दी और मैं चूत में उंगली घुमाने लगा..

मुझे पैन्टी की वजह से थोड़ी परेशानी हो रही थी सो मैंने पहले दोनों हाथ से उनके ब्लाउज के सारे बटनों को खोल दिए और पागल होकर मैं भाभी के मम्मे देखने लगा।

इसके बाद मैं साड़ी को ऊपर करने लगा..
फिर मैंने पहले दोनों हाथों से भाभी की पैन्टी नीचे निकाल दी और जब भाभी की चूत के दर्शन हुए तो मैं पागलों की तरह चूत देखने लगा कि इतनी गोरी चूत बिल्कुल नंगी.. मेरे सामने.. मुझे लगा कि जैसे मैं कोई सपना ही देख रहा हूँ।

फिर मैंने एक हाथ से भाभी की चूत को सहलाया और भाभी के दोनों पैरों में अपना सिर डाल कर मैंने अपनी जीभ उसकी चूत से लगा दी और एक हाथ से उसके मम्मे सहलाने लगा।

मुझे चूत को चाटने में बहुत मज़ा आने लगा.. मेरा लण्ड मेरी चड्डी से बाहर आ गया।

मैंने मम्मों को छोड़ कर एक हाथ से अपने लण्ड को रगड़ने लगा और तभी भाभी ने एक हाथ ने मेरे बाल पकड़ लिए और वो मेरा सर नीचे चूत पर दबाने लगी।

तभी मुझे अहसास हुआ कि भाभी की चूत से कुछ चिपचिपा सा निकलने लगा था।

मुझे वो बहुत ही अच्छा लगा।

मैं और ज़ोर-ज़ोर से उस ताकतवर पदार्थ को चाटने लगा.. उसके चाटने से जैसे मुझे नशा सा हो गया हो।

तभी भाभी ने अपनी पकड़ ढीली कर दी.. और चित्त हो कर निढाल लेट गईं।

फिर मैं भाभी के ऊपर चढ़ गया और उनकी चूचियाँ चूसने लगा।

भाभी मस्ती में आ गई थीं।

मेरा लण्ड भाभी की चूत से टकरा रहा था।

तभी भाभी ने मेरे होंठों को चूसना चालू कर दिया।

थोड़ी ही देर में भाभी फिर से गरम हो गईं और उसने कहा- चलो अब चोदो..

तो मैंने अपनी चड्डी उतार दी।

तभी भाभी ने भी अपनी साड़ी और ब्लाउज पूरी तरह से उतार कर फेंक दिए।

भाभी को पूरा नंगा देख कर मैं उनकी तरफ देखते ही रह गया।

भाभी मादक आवाज में बोली- क्या देख रहे हो.. कभी किसी औरत को नंगा नहीं देखा क्या..

मैंने कहा- भाभी सिर्फ़ फिल्मों में नंगा माल देखा था.. आज पहली बार सामने देख रहा हूँ।

भाभी हँसती हुई पीठ के बल लेट गईं और बोलीं- मेरी चूत में गुदगुदी हो रही है.. चल आ.. मैं तो चुदने को तैयार ही हूँ।

मैंने कहा- और मैं चोदने को तैयार हूँ।

मैं भाभी के पैरों में बैठ गया.. भाभी ने अपने हाथों से चूत का मुँह पकड़ लिया और कहा- ले खुल गया गेट.. अब डाल दे।

मैंने अपना लण्ड भाभी की चूत पर सैट किया और एक धक्का मारा तो मेरे लण्ड थोड़ा अन्दर घुस गया।

भाभी ने कराहते हुए कहा- यह तो बहुत ही मोटा है.. मेरी चूत की आज खैर नहीं..

तभी मैंने दूसरा धक्का लगा दिया और भाभी ने अपने नाख़ून मेरे पीठ में गाड़ दिए।

मैंने और एक धक्का लगा दिया और मेरा पूरा लण्ड भाभी की चूत में समा गया.. और मुझे बहुत मज़ा आने लगा।

मैं ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा।

भाभी मस्त होकर मुझे बुरी तरह से चाट रही थीं.. काट रही थीं।

मैं भी भाभी की चूचियों को काट रहा था।

भाभी ‘आहह उउउन्न्ह आअहह’ कर रही थीं..

करीब 20 मिनट बाद भाभी ने मुझे ज़ोर से काटा और अपने ऊपर इतनी ज़ोर से खींचा कि जैसे मैं कहीं भागा जा रहा हूँ और तभी मेरे लण्ड को गीला होने का अहसास हुआ..

मुझे लगा कि मैं भी झड़ने वाला हूँ तो मैंने बहुत ही ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाना शुरू किए और थोड़ी ही देर में मैं भी झड़ गया।

भाभी ने फिर से मुझे ज़ोर से खींच लिया।
मुझे उस वक़्त ऐसा मस्त लगा कि क्या बताऊँ..

करीब 10 मिनट मैं भाभी के ऊपर ही पड़ा रहा.. बाद में मैंने अपना लण्ड चूत से बाहर निकाला तो वो दोनों के वीर्य से तर हो गया था।
भाभी उठीं और उन्होंने मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगीं।

मैं फिर से मस्ती में आने लगा.. भाभी ने लण्ड को चूस कर साफ़ कर दिया।

तभी मेरी नज़र भाभी की चूत पर गई तो चूत से वही तरल और चिपचिपा सा वीर्य बिस्तर पर टपक रहा था।

मैंने भाभी से कहा- चलो अब मैं आपकी चूत चाट कर साफ़ कर देता हूँ।

मैं पीठ के बल भाभी की चूत के नीचे घुस गया और भाभी ने अपनी चूत मेरे मुँह पर रख दी और मैं उसे चाटने लगा।

भाभी फिर से मस्त होने लगीं.. तभी मैं उठ गया और भाभी से कहा- मैं बाथरूम से होकर अभी आया.. बाथरूम से आने के बाद मेरा लण्ड फिर से लड़ने के लिए तन कर तैयार हो गया था।

भाभी ने कहा- अब तुम नीचे आ जाओ..

मैंने कहा- चलेगा…

फिर भाभी मेरे लण्ड के ऊपर बैठ गईं और चोदने लगीं।

उस रात मैंने भाभी को सोने नहीं दिया और भाभी ने मुझे सोने नहीं दिया.. पूरी रात हम चुदाई करते रहे जैसे कि बरसों से प्यासे हों।
सुबह जब हम साथ में नहा-धोकर तैयार होने लगे.. तब देखा कि किसने किसको कितना काटा है…

नाश्ता करने के बाद 8-30 बजे भैया का फ़ोन आया कि वो और दो दिन नहीं आएँगे और फिर दो दिन भाभी ने अपनी चूत का बाजा मेरे लवड़े से बजवाया।

इसके बाद भी जब भी मौका मिला हमारी चुदाई चालू हो जाती.. अब भाभी को एक बेटा है फिर भी भाभी भैया से कम और मुझसे ही ज्यादा चुदती हैं।

आपको मेरी ये सच्ची कहानी कैसी लगी.. ईमेल से अपने विचार जरूर भेजिएगा।

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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#30
स्नेहा भाभी की चूत की मलाई
हैल्लो दोस्तों, ये कहानी मेरी और मेरी भाभी की है. मेरी उम्र 22 साल है और मेरे लंड का साईज़ 7 इंच है. अब में आपको अपनी भाभी के बारे में बताता हूँ, उनकी उम्र 24 साल है. वो बिल्कुल दूध जैसी गोरी, पतली और फिगर ऐसा कि बूढ़े का भी लंड खड़ा हो जाए. उनका फिगर 32-28-34 है और आप जानते ही होंगे कि पंजाबी लड़कियां बॉम्ब होती है. अब में सीधा अपनी स्टोरी पर आता हूँ.

ये आज से 1 महीने पहले की कहानी है जिसने मेरी लाईफ बदल दी. ये मेरी कज़िन भाई की पत्नी है और हमारी फेमिली साथ में ही रहती है. भाई को नौकरी के लिए आउट-ऑफ शहर रहना पड़ता है और भाभी यहाँ अकेली अपने सास ससुर के साथ रहती है. मेरी भाभी से अच्छी बनती है, क्योंकि में उनकी उम्र का हूँ और उन्हें मेरे साथ समय बिताना बहुत अच्छा लगता है.
यह घटना तब हुई जब मेरी माँ मेरी मौसी के घर चली गई और में घर पर अकेला था, क्योंकि मेरे एग्जॉम स्टार्ट होने वाले थे तो में जा नहीं सकता था तो वो चली गई. अब पापा अपनी शॉप पर चले जाते थे और में घर पर अकेला होता था. भाभी ग्राउंड फ्लोर पर रहती है और में फर्स्ट फ्लोर पर रहता हूँ. उस दिन दोपहर में भाभी मेरे पास आई और जब मेरी ताई जी सो रही थी वो मेरे पास आ गई और पूछने लगी कि क्या चल रहा है? तो मैंने कहा कि बस एग्जॉम की तैयारी चल रही है और डर भी लग रहा है. उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और कहा कि इसमें डरने की क्या बात है? सब ठीक होगा. मुझे उनका हाथ बहुत अच्छा लगा था.
फिर मैंने भी मौके का फायदा उठाया और उनका हाथ पकड़कर कहा कि आप हो तो डर नहीं लगेगा. फिर वो बात करते-करते कुछ उदास हो गई तो मैंने पूछा कि क्या हुआ? तो वो बोली कि कुछ नहीं तो मैंने उन्हें फोर्स किया और कहा कि क्या भाई की याद आ रही है? तो वो बोली हाँ और मैंने उन्हें कहा कि भाभी एक बात पूंछू आप नाराज़ तो नहीं होंगी ना, तो वो बोली कि नहीं तो, पूछो. फिर मैंने कहा कि रहने दो आप नाराज़ हो जायेगी फिर वो बोली कि नहीं होउंगी तू पूछ तो सही. तब मैंने हिम्मत करके कहा कि आप बिना भाई के यहाँ अकेली कैसे रह लेती है? वो थोड़ी उदास हुई, लेकिन उन्होंने पूछा कि क्या मतलब? तो मैंने बोला कि आपको उनकी कमी नहीं लगती, आपकी ज़रूरत कैसे पूरी होती होगी? वो मेरी तरफ बड़े ध्यान से देखने लगी और मेरा हाथ पकड़कर बोली कि क्या करूँ मजबूरी है? तब मेरी हिम्मत और बढ़ी तो में बोला कि आपको सेक्स की इच्छा नहीं होती क्या?
फिर वो मेरी तरफ बड़े ध्यान से देखने लगी और बोली कि तुम ये क्या पूछ रहे हो? तब में बोला कि भाभी में भी जवान हूँ और मुझे भी सेक्स की इच्छा होती है और आप तो जानती है कि में मेडिकल साइन्स का स्टूडेंट हूँ. तो वो थोड़ी देर में बोली कि इच्छा तो बहुत करती है लेकिन में क्या कर सकती हूँ? तुम तो जानते ही हो कि तेरे भाई महीने में एक दिन के लिए आते है. अब मेरी हिम्मत बढ़ी और में बोला कि तो बाकी दिन आप कैसे कंट्रोल करती है? तब वो कुछ नहीं बोली.
मैंने कहा कि बताइये ना भाभी आप क्या करती है? तब वो बोली कि में क्या कर सकती हूँ? बस तड़प कर रह जाती हूँ. फिर मैंने उनका हाथ पकड़ा और कहा कि भाभी में भी आपसे बहुत प्यार करता हूँ और आपको जी भर कर प्यार करना चाहता हूँ तो वो नाराज़ हो गयी और बोली कि तुम ये क्या कह रहे हो? में तुम्हारी भाभी हूँ. तब में और थोड़ा उनके पास गया और उनको समझाया कि देखिए में आपसे बहुत प्यार करता हूँ. क्या में आपको पसंद नहीं हूँ? तो वो रुककर बोली कि ऐसा नहीं है, तू भी मुझे बहुत पसंद है जो लड़की तुझे मिलेगी वो खुश किस्मत होगी. वैसे में भी भाभी के नाम की बहुत बार मुठ मार चुका था और कब से उनकी प्यारी सी चूत को चोदने के लिए बेताब था.
फिर में बोला कि तो प्रोब्लम क्या है? वो बोली नहीं ये ठीक नहीं है किसी को पता चल गया तो? अब वो भी चुदवाने को बेताब थी, लेकिन डर रही थी. तब मैंने अपना हाथ उनकी जाँघ पर रखा और धीरे-धीरे उनकी जांघ को सहलाने लगा तो वो कुछ नहीं बोली. अब उन्हें भी मज़ा आ रहा था, अब वो धीरे-धीरे भी बोल रही थी कि मत कर ये ठीक नहीं है. फिर वो उठकर जाने लगी तो मैंने उनका हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया और उनको अपने सीने से लगा लिया. अब में उनको किस करने लगा, पहले तो उन्होंने थोड़ा गुस्सा किया, लेकिन बेचारी सेक्स की प्यासी कहाँ तक अपने आपको रोक पाती. अब वो भी मुझे समर्थन देने लगी और हम दोनों कस कर एक दूसरे को किस करने लगे और अपनी जीभ और थूक एक दूसरे के मुँह में डालने लगे.
ये मेरा पहला समय था, क्योंकि आज से पहले मैंने कभी किसी लड़की के साथ संबंध नहीं बनाया था, अब मुझे तो मज़ा आ गया था. करीब 15 मिनट तक हम लोगों ने किस किया और फिर में उन्हें गर्दन पर किस करने लगा. अब वो तो आउट-ऑफ कंट्रोल हो गयी और ज़ोर-ज़ोर से मौन करने लगी. फिर मैंने अपना एक हाथ उनके सीधे बूब्स पर रखा और ज़ोर-ज़ोर से उनके बूब्स को दबाने लगा और दूसरा हाथ उनकी मोटी भारी हुई जाँघ पर चल रहा था. अब वो तो पागल ही हो गयी और चिल्लाने लगी, आआअहह हमम्म्मम ऊऊहह आज क्या मार ही डालोगे क्या? तब मैंने उनका थोड़ा सा कुर्ता उनके कंधो से नीचे सरका दिया. क्योंकि उन्होंने पंजाबी सूट पहन रखा था और अब में उनके कंधे पर किस करने लगा. अब मैंने अपने हाथ से उनके बूब्स दबाने चालू रखे.
अब वो मेरे बालों को खींच रही थी और मुझे अपनी बॉडी पर दबा रही थी. अब वो चुदने के लिए मछली की तरह तड़प रही थी, लेकिन आज में उन्हें बहुत तड़पाना चाहता था ताकि जब में उन्हें चोदूं तो उन्हें पूरा सुख मिले और वो हमेशा मेरे से चुदवाती रहे. अब मैंने उन्हें बेड पर लेटाया और उनका कुर्ता उतार दिया. वाह अब दो बड़े-बड़े सफेद दूध की डेयरी मेरे सामने थी. अब उन्होंने एक गहरी गुलाबी और काले कलर की बहुत ही सेक्सी नेट वाली ब्रा पहन रखी थी. अब तो में देखते ही पागल हो गया था, लेकिन अब में उनको तड़पाना चाहता था.
मैंने उन्हें ब्रा के ऊपर से ही चूसना स्टार्ट किया और एक हाथ उनकी नाभि में डाल दिया. तो वो आआऊउच करके उछल पड़ी और बोली कि क्या आज मारने का प्रोग्राम है क्या? क्या कोई इतना तड़पाता है? तो में बोला कि ये तो अभी शुरुवात है मेरी जान. फिर वो बोली कि भाभी से सीधे मेरी जान और इतना कहकर वो हंसने लगी और कहा कि मुझे आज के बाद इसी नाम से बुलाना और तुम मेरा नाम ही लिया करो. सॉरी दोस्तों मैंने आपको भाभी का नाम तो बताया ही नहीं, भाभी का नाम स्नेहा है.
अब मैंने उनकी ब्रा के हुक खोल दिए और वाह क्या बूब्स थे? बिल्कुल दूध जैसे सफेद और पिंक निप्पल तो कहर ढहा रहे थे. फिर मैंने सीधे बूब्स को अपने मुँह में लिया और चूसने लगा और लेफ्ट बूब्स की निप्पल को दबाने लगा. तो वो आआऊउचचच आआअहह मेरे राजा उूउउम्म्म्मम की आवाज़ निकालने लगी और अपना हाथ मेरे बालों में घुमाने लगी. अब में थोड़ी देर तक उनके बूब्स चूसता रहा और अब भाभी ने बीच में अपनी चूत को सहलाने के लिए अपना हाथ लगाया तो मैंने उनके हाथ को पकड़ लिया.
अब तक मैंने भाभी की चूत को हाथ भी नहीं लगाया था, क्योंकि मुझे उन्हें तड़पता देखकर बहुत मज़ा आ रहा था. वो बोली कि तू खुद भी उंगली नहीं कर रहा और मुझे भी नहीं डालने दे रहा है. अब में पागल हो जाउंगी, प्लीज कुछ कर, लेकिन मुझे तो अब मज़ा आ रहा था और में उनके दोनों हाथ पकड़कर उनके बूब्स चूसता रहा.
फिर करीब 20 मिनट तक चूसने के बाद में नीचे आया और अपनी जीभ को उनकी नाभि में घुसा दिया और अपनी जीभ घुमाने लगा. अब वो तो अपना सिर ही पटकने लगी और बोली कि ये क्या कर रहे हो? अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है, प्लीज जल्दी कुछ करो, मेरी चूत में आग लगी हुई है उसको बुझाओ. अब ऐसी बातें सुनकर मुझे जोश चढ़ रहा था और अब मैंने उनकी सलवार के ऊपर से ही उनकी जाँघो के बीच में चूसना स्टार्ट किया और खूब दबाया. फिर थोड़ी देर के बाद मैंने भाभी की सलवार का नाड़ा खींचा और उनकी पूरी सलवार उतार दी. अब भाभी मेरे सामने मैचिंग काली और गहरी पिंक कलर की नेट वाली पेंटी पहने हुई थी और में तो देखकर ही पागल हो गया. फिर मैंने उनकी जाँघो को चूसना स्टार्ट किया, वो बोली कि चोद दे, अब तो मेरी चूत की आग मिटा दे, तो में बोला कि रूको मेरी जान मज़ा तो अब आयेगा.
फिर मैंने उनकी चूत की दरार को पेंटी के ऊपर से ही रब करने लगा, क्या मस्त चूत थी मादरचोद? में तो अब पागल ही हो गया था और अब में भूखे शैर की तरह उनकी चूत पर टूट पड़ा और उनकी चूत को दबाने लगा. अब भाभी ने भी चिल्लाना स्टार्ट कर दिया, आआआहह में मर गईई आओउऊउक्क्ककज मारररर डालोंगे क्या? और चूस मादरचोद चूस. ये बात सुनकर तो मुझे और जोश चढ़ गया और अब मैंने उनकी पेंटी भी उतार दी. आज मेरे सामने जन्नत थी जिसके नाम की मैंने आज तक इतनी बार मुठ मारी थी.
अब वो मेरे सामने थी और भाभी अब तक एक बार झड़ चुकी थी. फिर मैंने उनकी चूत को चूसना स्टार्ट किया. अब वो अपना सिर पटकने लगी और इधर उधर मारने लगी. अब वो मौन कर रही थी, आआमम्म्मम ऊऊहह आआआहह आाआईईईईईईईईईई माँ, ये क्या कर दिया तूने, अंदर आग लग गयी है? फिर मैंने उनकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी और एक उंगली भी डाल दी. वो अब आउऊउचचच करके चिल्लाई और बोली कि थोड़ा धीर करो, लेकिन में कहाँ उसकी मानने वाला था. भाभी वर्जिन तो नहीं थी, लेकिन उनकी चूत बहुत टाईट थी.
अब में 20 मिनट तक भाभी की चूत को चूसता रहा और अब तक भाभी 2 बार और झड़ चुकी थी तो भाभी बोली कि अब और मत तड़पा, चोद दे अपनी भाभी को, बना दे मेरी चूत का भोसड़ा, अब में तेरी रंडी हूँ. अब मैंने उन्हें अपना लंड चूसने के लिए कहा तो उन्होंने पहले मना किया, लेकिन मेरे जोर देने पर वो मेरे लंड को चूसने लगी. और अब में तो जैसे सातवें आसमान पर था. वो बहुत अच्छा लंड चूसती थी. अब 10 मिनट तक वो मेरा लंड चूसती रही और फिर मैंने उनको सीधा लेटा दिया और अब मैंने अपना लंड उनकी चूत के पास रखा और उनकी चूत पर रगड़ने लगा. तो वो बोली क्यों तडपा रहा है? डाल ना. फिर मैंने एक धक्का लगाया और मेरे लंड का सुपड़ा एक बार में ही 2 इंच तक उनकी चूत में अंदर चला गया. वो बहुत तेज चिल्लाई, आआईइ माँ में मररर गइईई, निकालो बाहर इसको वो ऐसे चिल्ला रही थी कि जैसे वो पहली बार चुद रही हो.
फिर मैंने कहा कि भाभी आप क्या वर्जिन है? तो वो बोली नहीं तो, तेरे भाई का लंड बहुत छोटा है और वो मादरचोद वैसे भी महीने में एक बार चोदता है और एक बार में ही झड़ जाता है तो में संतुष्ट नहीं हो पाती. फिर मैंने एक और ज़ोरदार झटका मारा और मेरा पूरा लंड भाभी की चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया. अब वो जैसे ही चिल्लाती तो मैंने उनको किस करना स्टार्ट कर दिया और उनके होंठो को लॉक कर दिया और लगातार झटके मारता रहा. फिर वो कुछ देर के बाद शांत हो गयी और अपनी कमर उठाने लगी, में समझ गया कि अब इन्हें भी मज़ा आ रहा है. फिर में उन्हें अपनी फुल स्पीड में चोदने लगा. अब तक भाभी 1 बार फिर झड़ चुकी थी और में फुल जोश में था. अब में भाभी को 25 मिनट से चोद रहा था और भाभी को अलग-अलग पोज़िशन में चोदता रहा. भाभी फिर से एक बार झड़ गयी.
अब में झटके मारता रहा और अब 20-25 धक्के मारने के बाद में भी झड़ने वाला था तो में भाभी को बोला कि भाभी मेरा निकलने वाला है. भाभी बोली अंदर ही निकाल दो मेरी जान, फिर में 10 धक्को के बाद उनकी चूत में ही झड़ गया और भाभी भी मेरे साथ झड़ गयी. अब भाभी की चूत मेरे माल से भर चुकी थी और हम दोनों का माल एक साथ चूत से बाहर आ रहा था. अब भाभी बहुत खुश थी और अब उनके चेहरे पर एक अलग ही चमक थी.
फिर उन्होंने मुझे किस किया और थैंक्स बोला और कहा कि आज से में तेरी हूँ, तू ही मुझे चोदेगा उस मादरचोद ने तो मुझे कभी संतुष्ट किया ही नहीं था. फिर भाभी उठी और अपनी पेंटी पहनने लगी. भाभी जैसे ही नीचे झुकी तो मुझे उनकी मस्त गांड का छेद नज़र आ गया तो मैंने अपने एक हाथ कि उंगली उनकी गांड में डाल दी तो भाभी चिल्ला पड़ी और में हंसने लगा और बोला कि अगली बार इसकी बारी है मेरी जान. तो वो बोली ना बाबा ना मेरी तो गांड ही फट जायेगी. फिर मैंने कहा कि देखते है और फिर मैंने उन्हें 5 दिन तक लगातार चोदा और उनकी गांड भी मारी. फिर 5 दिन के बाद मेरी माँ वापस आ चुकी थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#31
गन्ने के खेत में ठंडी ठंडी रेत में चुदाई
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विक्रांत है. दोस्तों मैंने निष्ठा नाम की एक लड़की को चोदा था और वो भी एक गन्ने के खेत में, क्योंकि वो मेरी खेत वाली पड़ोसन थी तो यह बात उस दिन की है, जब वो खेत पर अपने घर से बिल्कुल अकेली आई हुई थी. फिर मैंने देखा कि वो थोड़ी दूरी पर आगे की तरफ अपने खेत में ही झुककर सरसों का साग तोड़ रही थी और उसे इस तरह झुका हुआ देखकर मेरा देख लंड अकड़ रहा था और फिर मैंने पीछे से उसे आवाज़ देकर पूछा कि आज अकेले कैसे निष्ठा? तो वो बोली कि मेरे सभी घर वाले बुआ की लड़की की शादी में गये हुए है और इसलिए
आज में घर पर अकेले ही हूँ.
दोस्तों उसके मुहं से यह बात सुनकर तो साला मेरा दिमाग बिल्कुल शैतान हो गया और में मन ही मन सोचने लगा कि मेरे भाई आज तो मौका बहुत अच्छा था और ऊपर से वो भी आज कुछ ज्यादा ही मुझे स्माईल दे रही थी. फिर मैंने उससे पूछा कि निष्ठा क्या तेरे पास दराती है? तो वो बोली कि मेरे पास तो नहीं है, लेकिन वो कुए पर रखी हुई है. फिर मैंने कहा कि मेरा ट्रेक्टर स्टार्ट नहीं हो रहा है तो तू ट्रेक्टर के पास ले आ तो वो बोली कि में अभी लाती हूँ. फिर उसने मुझसे पूछा कि वहां पर कौन कौन है? मैंने कहा कि में भी आज एकदम अकेला ही हूँ. वो बोली कि ठीक है में अभी लाती हूँ, तुम चलो.
दोस्तों सही में मुझे आज तो ऐसा लग रहा है कि जैसे सारी भगवान मेरा साथ दे रहा था, क्योंकि आज आप पास के खेतों में भी कोई भी नहीं नज़र आ रहा था, में ट्रेक्टर के पास आग के पास खड़ा था, जहाँ पर मेरा दूध भी गर्म हो रहा था जो कि मैंने अभी तक नहीं पिया था. फिर वो आई और मुझसे बोली कि ये ले लो दराती इसका क्या करना है? फिर मैंने उससे कहा कि यह तुम यहीं पर रख दो और मुझे तुम्हे कुछ दिखाना भी है. दोस्तों वहीं पास में ही एक गन्ने का खेत था तो मैंने उससे कहा कि तुम मेरे साथ आओ गन्ने के खेत में, वहां कुछ है तो मुझे पता नहीं क्या है, वो भी बिना किसी दिक्कत के मेरे साथ चल पड़ी.
जैसे ही वो गन्ने के खेत में घुसी और थोड़ा सा अंदर जाते ही मैंने उसे पीछे से कसकर पकड़ लिया तो वो बोली कि यह क्या कर रहे हो दीपक पागल हो गये हो क्या? में अपने भैया से बोल दूँगी. फिर मैंने कहा कि यार में तुम्हे बहुत पसंद करता हूँ और तुम बड़ी सेक्सी और हॉट हो. फिर वो मुझसे बोली कि पसंद तो में भी तुम्हे करती हूँ, लेकिन यह कोई तरीका थोड़ी है यार? तो मैंने कहा कि आज मत रोको मुझे, कब से पागल हो रहा हूँ तुम्हारे लिए. फिर वो बोली कि तुम सही में पागल हो और किसी ने हमे यहाँ पर ऐसे देख लिया ना तो हम दोनों की पूरे गावं में इज़्ज़त उछल जाएगी. फिर मैंने कहा कि कुछ नहीं होगा और आज वैसे भी तुम्हारे घरवाले तो कोई भी नहीं है और मेरे घर वाले कोई आयेंगे भी नहीं.
फिर मैंने उसे इतना कहने के बाद किस करना शुरू कर दिया और उसके कान के पीछे जो हल्के हल्के बाल थे कसम से उन्हें देखकर तो मेरा लंड और भी बिल्कुल पागल हो रहा था, में उसके बूब्स को भी धीरे धीरे दबाने लगा तो वो बोली कि मुझे दर्द हो रहा है जाने दो मुझे, क्या तुम्हे बिल्कुल भी शर्म नहीं आती, एक अकेली लड़की देखी और बस टूट पड़े उस पर? फिर मैंने इतनी ही देर में उसे नीचे लेटा दिया और फिर उसे लगातार किस करने लगा और हम दोनों की इस हलचल से गन्ने भी हिल रहे थे और जिनसे आवाज़े आ रही थी, में उसके गले, होंठ, गाल और जांघो पर किस करने लगा और उसे भी अब बहुत अच्छा लग रहा था और वो भी अब मुझे कुछ भी नहीं कह रही थी, बस मेरे साथ मज़े ले रही थी.
फिर कुछ देर के बाद वो डरती घबराती हुई मुझसे बोली कि हम दोनों इस समय बिल्कुल किनारे पर ही है और इस वजह से हमारी आवाज बाहर तक जा रही है और कोई हमें सुन लेगा तो हम दोनों के लिए बहुत बड़ी दिक्कत हो सकती है. फिर मैंने उससे कहा कि क्यों तुम मुझे पसंद करती हो ना? तो वो बोली कि हाँ. फिर मैंने कहा कि तो भाग मत जाना, में अभी वहां से एक बोरी लेकर आता हूँ. फिर हम गन्ने के खेत में बहुत अंदर तक जाएँगे और में उससे इतना कहकर जल्दी से भागकर ट्रेक्टर के पास चला गया और वहां से मैंने जूट की एक बोरी ली और जल्दी से गरमा गरम दूध का डब्बा उठाया और तेज़ी से भागकर वापस खेत में आ गया. फिर मैंने वहां पर पहुंचकर देखा तो वो वहीं खड़ी हुई थी, मुझे देखकर वो बोली कि तू बड़ा जल्दी आ गया, हाँ तुझे लग रहा होगा कि में कहीं भाग ना जाऊँ और इसलिए भागता हुआ आ रहा है.
फिर मैंने कहा कि अब ज्यादा बकचोदी मत कर, हम अब अंदर चलते है और अब हम दोनों अंदर गन्ने के खेत में जा रहे थे तो तभी वो बोली कि इस डब्बे में क्या है? फिर मैंने कहा कि इसमें दूध है मेरा छोटा भाई नवीन देकर गया था, अब हम दोनों खेत में बहुत अंदर तक आ गये थे तो वहां से आवाज़ बाहर जाने का मतलब ही नहीं बनता था. मैंने जल्दी से पैरों से आस पास से गन्ने के पेड़ तोड़े और फिर उन पर बोरी डाल दी और दूध का डब्बा वहीं रख दिया तो वो खड़ी खड़ी यह सब देख रही थी.
अब मैंने उसे जल्दी से अपनी गोद में उठाया और बोरी पर लेटा दिया और उसका चेहरा एकदम सुर्ख लाल था साली पटाखा लग रही थी, मेरा लंड तो पिछले बहुत देर से फूलकर मोटा हो रहा था, अब में भी उसके पास में लेट गया और अपना एक पैर उसके ऊपर रखकर उसे किस कर रहा था और साथ साथ उसके बूब्स भी दबा रहा था और अब वो भी मुझे किस रही थी. दोस्तों वो साली एक बहुत छोटे से गावं की होने के बाद भी मुझे ऐसे किस कर रही थी जैसे वो साली दुबई में रहती हो. मैंने उससे कहा कि क्यों तुझे बहुत अच्छा किस करना आता है?
फिर वो बोली कि तुझे क्या में चूतिया लगती हूँ? तो में बोला कि वाह बड़ा दम लग रहा है मेडम में? फिर वो बोली कि लड़ के देख ले कौन जितेगा? बस फिर तो में उस पर टूट पड़ा और उसने सलवार सूट पहना हुआ था और मैंने सलवार सूट पहना हुआ था और अब में उसके ऊपर आ गया और उसे किस करते हुए उसकी चूत पर कपड़ो के ऊपर से ही अपना लंड रगड़ने लगा और अब तक उसके बाल भी खुलकर बिखर गये थे और उसने भी मुझे कसकर पकड़ लिया. मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोलना चाहा तो उसने मेरे हाथ पकड़ लिए और बड़ी सेक्सी सी आवाज़ में बोली कि दीपक मुझे बहुत डर लग रहा है और मैंने आज तक यह सब किसी के साथ नहीं किया है.
फिर मैंने उससे कहा कि ले तू तो अभी से ही हार मान गई. फिर वो बोली कि साले में अभी हारी नहीं हूँ और जब टाईम आएगा तो तू ही रोकर भागेगा, यह सब पहली बार हो रहा है तो इसलिए में डर रही हूँ और एक दिन वैसे मेरी भाभी ने मुझसे कहा था कि इन सब में पहली पहली बार में बहुत दर्द होता है. फिर मैंने उससे कहा कि तू बिल्कुल भी मत डर, क्योंकि में बहुत आराम से करूँगा और मैंने उसका नाड़ा खोला और उसे थोड़ा नीचे सरकाकर देखा. फिर मैंने देखा कि उसने सलवार के नीचे कुछ नहीं पहना हुआ था, लेकिन उसने अपनी चूत के बाल साफ किए हुए थे. दोस्तों उसकी चूत बहुत गोरी थी और जिसे देखते ही मेरा मन ललचाने लगा. मैंने अब उसकी चूत के दाने को सहलाना शुरू कर दिया और फिर उसे किस करने लगा. दोस्तों वो तो अब समझो एकदम पागल सी हो गई और फिर मैंने उसकी पूरी सलवार को उतार दिया और उसकी चूत में एक उंगली डाली, लेकिन मैंने अब महसूस किया कि मेरी उंगली भी बहुत आसानी से चूत के अंदर नहीं जा रही थी, क्योंकि उसकी चूत बहुत टाईट थी और वो अभी तक वर्जिन थी. फिर में समझ गया कि अगर मैंने इसे अभी अपना लंड दिखाया तो यह मेरे लंड का आकार देखकर भाग जाएगी.
फिर मेरे सर पर जो कपड़ा बंधा हुआ था वो मैंने उतारा और उसकी आँखो पर बांध दिया तो वो बोली कि अब यह सब किसके लिए? फिर मैंने कहा कि किस के लिए, क्या मेरी जान बहुत हॉट है और यह सब तो इसलिए कि जिससे तुम्हे और भी मज़ा आए. फिर मैंने धीरे धीरे उसकी चूत में अपनी उंगली को डालकर अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और जिसकी वजह से बहुत हल्का हल्का पानी भी बाहर आ रहा था और उसकी चूत थोड़ी गीली भी हो रही थी और एक ऊँगली बहुत आराम से अंदर बाहर आने जाने लगी थी, उसे भी बड़ा मज़ा आ रहा था और उसके मुहं से सिसकियाँ निकल रही थी और उसने अपने दोनों पैरों को पूरा खोल दिया, जिसकी वजह से उसकी चूत का छेद और थोड़ा साफ दिख रहा था. फिर मैंने उसकी चूत के मुहं पर जल्दी से अपना लंड रखा और फिर थोड़ा घिसने के बाद दूर हटा लिया. फिर वो बोली कि यह क्या था? फिर मैंने कहा कि कुछ नहीं मेरा हाथ था.
फिर मैंने एक हाथ उसके पेट पर रखा और एक बीच की ऊँगली को उसकी चूत में तेज़ी से आगे पीछे करने लगा तो वो तभी मैंने महसूस किया कि अब उसका पेट भी काँप रहा था. फिर मैंने उसे बैठाया और उसका सूट भी उतार दिया, उसने अंदर काली कलर की ब्रा पहनी हुई थी और ब्रा उतारकर मैंने उसे एक बार फिर से नीचे लेटा लिया और अब वो बस ब्रा में ही थी और पूरी नंगी थी. मैंने भी अपनी जेकेट को उतारा और साथ ही साथ सेंडो बनियान भी और उसके बूब्स से अपनी गरम गरम छाती लगा दी और फिर जैसे ही मेरी छाती उससे छुई तो वो मुझसे बोली कि दीपक मुझे आज पहली बार बड़ा अच्छा लग रहा है यार, क्या तुम मुझे बिना तरस खाए कुतिया की तरह चोद सकते हो? गौर से देखो कि मुझे मेरी शक्ल कुतिया से कितनी मिलती जुलती है और अगर तुम कहो तो में भौंककर भी दिखाऊँ?
फिर मैंने उसके दोनों कंधो से उसकी ब्रा को भी नीचे किया और एक बूब्स को चूसने लगा तो वो मेरे सर पर अपनी उंगलियां फेरने लगी. फिर मैंने उसकी ब्रा को पूरी उतार दिया और अपना भी लोवर निकाला और साथ ही अंडरवियर भी निकाल दी, क्योंकि अब मुझसे भी रूका नहीं जा रहा था. दोस्तो मेरा लंड ज्यादा भी बड़ा नहीं है, लेकिन हाँ एक प्यासी तड़पती हुई बैचेन लड़की की चूत को चोदकर संतुष्ट करने के लिए एकदम फिट है और वो अब पूरी गरम हो चुकी थी. तभी मेरे दिमाग में आया कि यार डब्बे में गरमा गरम दूध भी तो रखा है.
फिर मैंने दूध पिया और उसे भी पिलाया. दोस्तों अब गावं में शुद्ध, ताज़ा दूध होता है तो उसे पीने के बाद डब्बे में बहुत सारी मलाई बच गई थी तो वो मैंने नहीं खाई थी. फिर मैंने उसकी चूत पर मलाई रखी और उसे चाटने लगा और अब उसे और भी मज़ा आ रहा था. अब तो मानो वो पूरी ही काँप रही थी और सिसकियाँ भर रही थी और अब कुत्ते का खिताब तो मुझे पहले ही मिल चुका था. फिर मैंने कुत्ते की तरह सारी दूध की मलाई उसकी चूत से चाट ली और वो बार बार बोल रही थी दीपक यार अब जल्दी से मुझे चोद दो, में अब और इंतजार नहीं कर सकती और थोड़ा जल्दी करो.
फिर में उसके ऊपर चड़ गया तो उसने मेरी छाती पर काटना शुरू कर दिया और वो बिल्कुल पागल सी हो गई थी और उसने अपनी आँखो से वो पट्टी भी निकाल दी थी और मेरा लंड उसकी चूत पर लगा था और वो नीचे से धक्के मार रही थी और वो बेसुध होकर पागलों की तरह मुझे किस कर रही थी, उसके बाल भी बिखरे हुए थे और आँखो से आँसू बाहर आ रहे थे और इतनी गरम इतनी गरम सच में दोस्तों अब मैंने उसके दोनों हाथ फैलाए और कसकर पकड़ लिए और अपने दोनों पैरों से उसके दोनों पैरों को खोल दिया और अब में लंड डालने के लिए पूरी तरह से तैयार था.
फिर मैंने लंड को उसकी चूत के मुहं पर रखा और थोड़ा सा दबाव दिया तो वो मुझसे पहले तैयार थी. वो मुझे नीचे से धक्के मार रही थी और पूरी चुद्दो लग रही थी और जबकि सच यह था कि वो अब तक वर्जिन थी और मैंने जब थोड़ा सा लंड अंदर डाला तो वो कसकर मुझसे चिपक गई और मैंने नीचे देखा तो लंड अभी पूरा अंदर भी नहीं गया था और उसकी चूत से खून बाहर आ रहा था, लेकिन वो फिर भी इन सब बातों से बेखबर होकर मज़े कर रही थी और फिर मैंने भी एक अच्छा मौका देखकर एक ही झटके में अपना सारा लंड उसकी चूत में डाल दिया तो वो एकदम ज़ोर से चिल्ला उठी और मुझसे बोली कि अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आईईईईइ बाहर निकाल ले यार उह्ह्हह्ह मुझे बहुत दर्द हो रहा है आह्ह्ह्हह्ह माँ मेरी चूत फट गई, अब तो इसे बाहर निकाल ले उह्ह्हह्ह में अब इस दर्द को ज्यादा देर नहीं सह सकती, तू अभी इसे मेरी चूत से बाहर निकाल उह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह.
दोस्तों फिर मैंने उसकी एक ना सुनी और मैंने लगातार धीरे धीरे धक्के मारने शुरू कर दिए और में उसके पूरे जिस्म को सहलाने लगा. फिर वो थोड़ी देर चिखती, चिल्लाती रही और फिर कुछ देर के बाद उसे दर्द होना बंद हो गया तो वो भी अब अपनी चूत की चुदाई के मज़े अपने चूतड़ को ऊपर नीचे करके लेने लगी और मुझसे ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने का इशारा करने लगी. दोस्तों मुझे गरम गरम दूध पीने से और भी ज्यादा मज़ा आ रहा था. फिर मैंने उसको हर एक तरीके से चोदा, कभी उसे कुतिया बनाकर चोदा तो कभी नीचे लेटाकर तो कभी खड़े खड़े धक्के देकर बहुत देर तक लगातार चोदता ही रहा. फिर करीब तीस मिनट चली और इस चुदाई में उसकी और मेरी हालत बहुत खराब हो चुकी थी. फिर मैंने अपना गरम गरम वीर्य उसकी चूत में डालकर उसकी चुदाई को पूरा किया और जब मैंने अपना लंड बाहर निकाला तो मैंने देखा की उसकी चूत का खून मेरे लंड को पूरी तरह लाल कर चुका था.
दोस्तों फिर जब हम उस गन्ने के खेत से बाहर निकले तो उसने मुझे कसकर अपनी बाहों में भर लिया और फिर वो अपने खेत में चली गई. फिर मैंने उसे पीछे से जाते हुए देखा कि उसे अब चलने में भी बहुत दिक्कत हो रही थी और शायद उसकी चूत में कुछ ज्यादा ही दर्द था. दोस्तों फिर मुझे उसे देखकर लगा कि मैंने सही माईने में बहुत ग़लत कर दिया, लेकिन उसके दूसरे दिन उसने मुझे मेरी चुदाई के लिए धन्यवाद कहा और उसने मुझसे कहा कि तुम अब जब भी चाहो मुझे चोद सकते हो, क्योंकि अब मेरे दिल और दिमाग से मेरी भाभी का दिया हुआ डर का भूत बाहर निकल चुका है और में अब चुदाई के नाम से कभी भी नहीं डरूँगी और फिर उसके बाद मैंने उसको उसकी मर्जी से बहुत बार चोदा और बहुत मज़े किए, क्योंकि वो अब हमेशा बिल्कुल बिंदास होकर मुझसे चुदवाने के लिए तैयार खड़ी रहती थी और में उसका एक इशारा पाकर उसकी चुदाई करने चला जाता था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#32
जन्नत नसीब हुई बड़ी मेहनत के बाद भाग 1
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राज है और मेरी हाईट 5 फुट 6 इंच है। में गोरे रंग का लड़का हूँ और मेरा लंड 6 इंच लंबा और थोड़ा टेढ़ा भी है। आज में आप सबको अपनी एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ जो कि मेरी और मेरी किरायेदार सोनी भाभी की है। ये बात 1 साल पहले की है और मेरा घर उत्तरप्रदेश में है डबल फ्लोर, जिसमें ऊपर हमारी फेमिली रहती है और नीचे किरायेदार। दोस्तों कहानी कुछ इस तरह से है। में साउथ इंडिया के एक कॉलेज से इंजिनियरिंग कर रहा था, मेरी इंजिनियरिंग पूरी हो गई और में अपने घर आ गया। अब घर में बस मेरी माँ रहती है, क्योंकि पापा आर्मी में है ना। अब में रात को 2 बजे घर पहुँचा और चेंज करके फ्रेश होकर कॉफी पीकर सो गया। फिर अगली सुबह उठा
नहा धोकर घूमने निकला तो नीचे उतरते समय एक बहुत खूबसूरत, गोरी, स्लिम औरत पर मेरी नज़र पड़ी तो में मुस्कुरा कर बाहर चला गया।
फिर में घूमकर शाम को आया तो वो मुझे फिर दिखी और मुस्कुराई। फिर मैंने पूछा कि आप शायद हमारी नई किरायेदार है ना तो वो बोली कि हाँ, लेकिन नई नहीं हूँ, में यहाँ 3 महीनों से तो हूँ और में मुस्कुरा कर चला गया। फिर कुछ दिन नॉर्मल चलता रहा और मेरी उनके लिए कुछ ऐसी सोच भी नहीं थी। फिर एक दिन मेरा एक दोस्त मेरे घर आया और उसने भाभी को देखा तो बोला कि क्या माल है राज? तो मैंने ध्यान नहीं दिया और हम घूमने चले गये। फिर एक दिन में अपने दोस्तों के साथ घर के आस पास ही खड़ा था तो तभी सोनी भाभी अपने 1 साल के बेटे देव और पति के साथ बाईक पर कहीं जा रही थी, तभी मेरे दोस्त बोले कि तेरी किरायेदार की वाईफ क्या मस्त है? लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा।
फिर रात को डिनर के बाद जब में बेड पर लेटा तो मेरे दोस्त की उस बात पर ध्यान गया और में सोचने लगा कि सच में सोनी भाभी कितनी सुंदर है? और उनके पति भी कितने लकी है जो इतनी सुंदर वाईफ पाई है। बस इसी दिन से मेरा दिमाग़ और लंड दोनों सोनी भाभी के दीवाने हो गये। उस रात मैंने उनके बारे में सोचकर 2 बार मुठ मारी और सो गया। फिर दूसरे दिन जब वो सुबह 8 बजे दिखी तो मैंने उनसे बात करने के लिए जानबूझ कर बोला कि बड़ी लेट उठती है आप। फिर वो बोली कि रात में सोने में लेट हो जाता है ना। इस तरह धीरे-धीरे हमारी बातचीत शुरू हो गई और अब में उनके पति से भी बात करता था और कभी-कभी उनके यहाँ उनके लड़के को खिलाने जाता था और उनके लिए चॉकलेट भी ले जाता था, अब वो मुझे अक्सर चाय पिलाती थी।
अब उनके यहाँ बैठने से अब थोड़ा बहुत मज़ाक भी होता था, वो लोग भी पंडित थे और में भी पंडित हूँ तो कभी-कभी भाभी मुझसे मज़ाक में अक्सर बोलती थी कि आप मेरी बहन रिया से शादी कर लीजिए, लेकिन में कुछ नहीं बोलता था। अब तो रोज़ में उनके बारे में सोचकर कम से कम 3-4 बार मुठ मार देता था और सोचता था कि काश ये मुझे मिल जाए तो मज़ा आ जाए। अब में उनसे मज़ाक में कभी- कभी जब भैया नहीं रहते तो डबल मीनिंग शब्द भी बोलता था। फिर एक दिन जब में उनके यहाँ बैठा था तब भैया नहीं थे। फिर वो चाय बनाकर लाई और मज़ाक में फिर बोली कि मेरी बहन रिया से शादी करोगे ना। फिर मैंने बोल दिया कि आज आप मुझे रिया की फोटो दिखा ही दीजिए। फिर वो बोली कि पहले चाय तो पी लीजिए। फिर में बोला कि नहीं आप पहले उसकी फोटो दिखाइए तो वो एलबम ले आई और रिया की फोटो दिखाई तो मेरे मुँह से निकल पड़ा कि रिया से अच्छी तो आप है। फिर वो हंसी और बोली कि में तो 1 बच्चे की माँ हूँ। फिर मैंने कहा कि ये मज़ाक नहीं है आप रिया से क्या बल्कि हमारी कॉलोनी की सभी औरतों से बहुत ज्यादा अच्छी दिखती है? अब वो ये सुनकर अंदर से खुश थी, लेकिन बोली कि मुझे ज्यादा चने के पेड़ पर मत चढ़ाओ। फिर में बोला कि भगवान कसम सच बोल रहा हूँ।
फिर थोड़ी देर के बाद वो बोली कि में काम करने जा रही हूँ आप बैठिए, लेकिन में भी ऊपर अपने घर चला गया। फिर मैंने रात में 2-3 बार मुठ मारा और सोचने लगा कि काश भाभी चोदने के लिए मिल जाए और प्लान बनाने लगा। अब में भाभी और उनके लड़के पर और ज्यादा पैसे खर्च करने लगा था। अब जब भैया कभी-कभी ऑफिस के काम से आउट ऑफ स्टेशन जाते तो में भाभी के लिए होटल से डिनर भी पैक करा कर ले आता था और शायद वो ये सब भैया को कभी नहीं बताती थी। फिर एक दिन भैया कहीं आउट ऑफ स्टेशन गये थे तो में भाभी के यहाँ बैठा था। फिर वो बोली कि सितम्बर में देव 2 साल का हो जायेगा। फिर मैंने बोला हाँ अच्छा है ना, आप उसका बर्थ-डे सेलीब्रेट करती है ना तो वो बोली कि हाँ-हाँ हर बार करते है। फिर में बोला और आपका तो वो बोली कि शादी से पहले सेलीब्रेट करती थी, लेकिन अब कहाँ हो पाता है।
फिर मैंने पूछा कि आपका बर्थ-डे कब आता है? तो वो बोली कि निकल गया। फिर मैंने पूछा कि बताओ तो सही तो वो बोली कि 17 मार्च को था। फिर थोड़ी बहुत बात हुई। फिर में ऊपर चला गया और फिर अचानक मुझको आइडिया आया कि क्यों ना आज भाभी का बर्थ-डे सेलीब्रेट किया जाए? और बस शाम को में 7 बजे के करीब मार्केट से एक केक, समोसे और कोल्डड्रिंक लेकर आया। फिर में भाभी के यहाँ गया। फिर वो बोली कि ये सब क्या है? तो मैंने बोला कि आज आपका बर्थ-डे सेलीब्रेट करेंगे। फिर पहले कुछ देर नखरे करने के बाद वो मान गई। फिर उन्होंने केक काटा और पहले मैंने उनको खिलाया और फिर वो बेड पर बैठ गई और फिर हमने साथ में पार्टी की।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#33
जन्नत नसीब हुई बड़ी मेहनत के बाद भाग २
फिर में 8 बजे उन्हें गुड नाईट बोलकर ऊपर चला गया और अब रात को में डिनर के बाद जब बेड पर लेटा तो 10 बजे के करीब मेरा फोन रिंग किया तो मैंने देखा कि भाभी का फोन था। फिर मैंने फोन रिसीव किया तो वो बोली कि राज थैंक्स, आज आपकी वजह से मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ। फिर में बोला इट्स ओके भाभी। फिर में बोला कि भाभी एक बात बोलूँ तो वो बोली हाँ बोलो। फिर में बोला कि नहीं आप कहीं गुस्सा ना हो जाओ। फिर वो बोली कि नहीं होऊँगी, बताओं ना तो में बोला ऐसे नहीं पहले आप अपने देव की कसम खाओ कि गुस्सा नहीं होगी। तभी वो बोली कि ठीक है बाबा देव की कसम में
गुस्सा नहीं होऊँगी। फिर मैंने झट से बोल दिया कि आज में जब आपको पास से केक खिला रहा था तो आप बहुत सेक्सी लग रही थी, मेरा मन कर रहा था कि आपको किस कर लूँ तो वो बोल पड़ी कि तो बताना चाहिए था ना, वैसे भी आज में आपकी वजह से बहुत खुश थी।
फिर में झट से बोला कि अभी आ जाऊँ तो वो बोली कि इतनी रात हो गई है अगर आपकी माँ उठ गई तो, लेकिन मेरी ज़िद करने पर वो बोली कि ठीक है आ जाओ। फिर में बोला कि कहीं आप मज़ाक तो नहीं कर रही हो ना तो वो बोली कि नहीं-नहीं आ जाओ। में बाहर वाले रूम में ही सोता हूँ तो में धीरे से दरवाजा खोलकर नीचे गया तो उनका दरवाजा बंद था तो मैंने धीरे से नॉक किया तो उन्होंने दरवाजा खोल दिया। फिर में अंदर गया तो उनका लड़का सो रहा था। फिर वो अपने गाल मेरी तरफ करके बोली कि लो कर लीजिए। फिर में बोला कि में कोई बच्चा नहीं हूँ मुझे लिप पर करना है। फिर वो बोली कि गाल पर ही करिए, लेकिन में जाने लगा तो वो बोली कि ठीक है करिए। फिर मैंने झट से उनके लिप पर एक बार किस किया। फिर एक बार फिर 1 मिनट तक किया, लेकिन उसने मेरा साथ नहीं दिया और इस तरह 2 बार किस करने के बाद वो बोली कि अब जाओ गुड नाईट। फिर में खुश होकर ऊपर चला गया और मुठ मारकर सो गया।
फिर 1-2 दिन के बाद जब में उनके यहाँ गया तो जब भैया नहीं थे और में बैठा तो भाभी चाय लेकर आई। फिर में चाय लेते हुए बोला कि आप मुझे अब किस करने का तो लाइसेन्स दे दीजिए। पहले तो वो मना करने लगी, लेकिन मेरी रिक्वेस्ट करने पर बोली कि ठीक है जब मन करे और देखने वाला कोई ना रहे तभी किस कर लिया करो। फिर मैंने तुरंत उठकर किस किया, अब में बहुत खुश था कि अब मंज़िल करीब है और कई दिन किस करते-करते ही गुज़र गये। फिर लगभग 7-8 दिन के बाद एक दिन में दोपहर के 1 बजे बाहर से घर आया तो भाभी के बाथरूम से कपड़े धोने की आवाज़ आ रही थी तो मुझे 1 प्लान सूझा तो मैंने भाभी को फोन लगाया तो मुझे आवाज़ सुनाई दी, फोन उनके पास ही था। फिर उन्होंने जैसे ही फोन उठाया तो में धीरे से उनके बेडरूम में घुस गया और दरवाजा खोलकर उनके दरवाजे के पीछे छुप गया और उनसे फोन पर बोला कि में आपके लिए एक गिफ्ट लाया हूँ।
फिर वो बोली कि अच्छा कहाँ है? तो में बोला कि आपके बेड पर रख दिया है तो वो बात करते-करते जैसे ही कमरे में आई, वो पर्पल कलर की नाईटी पहने थी। फिर मैंने उनको बेड की तरफ धीरे से पुश किया तो वो बेड पर गिर गई और में उनके ऊपर चढ़कर उनको किस करने लगा और उनके बूब्स दबाने लगा। फिर लगभग 6 मिनट तक ऐसे ही चलता रहा। फिर में डिसचार्ज हो गया। फिर जैसे ही मैंने नीचे हाथ लगाना चाहा तो वो उठ गई और बोली कि मेरा सारा मेकअप खराब कर दिया। फिर में भी उठा और उन्हें एक किस किया और ऊपर चला गया और चेंज किया। अब मुझे जब भी मौका मिलता है तो में उनके बूब्स दबाता था, लेकिन अब मुझे उनके चूत तक पहुँचने का सुरूर था, अब में सहन नहीं कर पा रहा था। फिर कुछ दिन के बाद जाकर मौका आया जिसके लिए में तड़प रहा था, जब दोपहर के 3 बज रहे थे, उनके पति अपने काम पर गये थे। अब उस दिन मेरा रिज़ल्ट 67% आया था तो में मार्केट से कुछ मिठाई लाया था और उनके रूम पर पहुँच गया और नॉक किया। फिर भाभी ने रूम का दरवाजा खोला तो वो सो रही थी और साईड में उनका लड़का भी सो रहा था।
फिर मैंने उन्हें मिठाई दी तो उन्होंने पूछा कि ये किस ख़ुशी में दे रहे हो? तो में बोला कि मेरा रिज़ल्ट अच्छा आया है। फिर वो मिठाई साईड में रखकर जैसे ही बैठी तो मैंने उन्हें लेटा दिया और उन्हें किस करने लगा और बूब्स दबाने लगा। फिर 5 मिनट तक किस करने के बाद जब मैंने नीचे हाथ लगाया तो वो फिर से मेरा हाथ पकड़ने लगी तो में रुका नहीं बल्कि सीधे उनसे बोला कि आपको मेरी कसम है और आज आप मुझे नहीं रोकेंगी प्लीज और मैंने सीधे अपना चेहरा उनकी नाईटी में डाल दिया, वो पेंटी नहीं पहने थी। फिर मैंने सीधे उनकी चूत पर किस किया और चूसने लगा। उनकी चूत पर हल्के-हल्के बाल थे, जैसे कि 4-5 दिन पहले ही शेव किए हो। अब मैंने उनकी नाईटी और ऊपर उठा दी, अब मुझे उनकी चूत बिल्कुल साफ दिख रही थी, उनकी चूत क्या मस्त पिंक और बिल्कुल गुलाब की पंखुड़ियों की तरह थी?
अब में बहुत देर तक उसे चूसता रहा और अब मेरा लंड बहुत टाईट हो गया था और उनकी चूत से भी पानी आने लगा था। फिर में उठा और अपनी पेंट से अपना लंड बाहर निकाला, तभी भाभी ने थोड़ा उठकर एक तिरछी नज़र से मेरे लंड को देखा और लेट गई। फिर मैंने अपना लंड उनकी चूत पर थोड़ा रब किया। फिर पुश कर दिया और धीरे-धीरे मेरा पूरा लंड उनकी चूत में चला गया और लगभग मात्र 2-3 मिनिट में ही में उनकी चूत में ही झड़ गया और साईड में लेट गया। अब वो थोड़े गुस्से से मेरी तरफ देख रही थी और बोली कि अंदर ही कर दिया ना। फिर में बोला कि सॉरी मेरा फर्स्ट टाईम था तो वो हंसी और बोली कि ऐसा सबके साथ होता है। फिर थोड़ा आराम करने के बाद में फिर से उनको किस करने लगा, अब वो भी मेरा साथ दे रही थी।
फिर मैंने उनकी नाईटी और ब्रा भी उतार दी और उनके बूब्स सक किया और फिर उन्हें चोदने लगा। अबकी बार मैंने 5-6 मिनट तक भाभी को चोदा, लेकिन अबकी बार भी में अंदर ही झड़ गया, लेकिन वो कुछ बोली नहीं। इस तरह मैंने उस दिन उनको 4 बार चोदा। फिर में ऊपर चला गया। फिर में नहाया और बाहर घूमने चला गया। फिर उनका फोन आया कि राज आते टाईम गोली ले आना। फिर मैंने बोला कि ठीक है। फिर मैंने वापस आकर उनको मेडीसीन दी और किस किया और गुड नाईट बोलकर ऊपर चला गया। इस तरह हमारा सेक्स रीलेशन 4 महीने तक चलता रहा। फिर मैंने उनको बहुत सारी पोज़िशन में चोदा, लेकिन मैंने कभी भी अपना लंड उनकी गांड में नहीं डाला, क्योंकि मेरा मन वहाँ डालने का नहीं करता था। फिर वो बोलने लगी कि अगर ये सब चलता रहा तो एक ना एक दिन मेरे पति को सब पता चल जायेगा, इसलिए वो हमारे यहाँ से रूम खाली करके कहीं चली गई ।।
धन्यवाद …
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#34
चुद गई बहन गन्ने के खेत में
हेल्लो दोस्तो मेरा नाम धवल है. दोस्तों मेरी उम्र 23 साल की है मेरी लम्बाई 5.7 है रंग गौरा और में बहुत हेंडसम हूँ. अभी कुछ समय पहले मेरी बाहर नई नई नौकरी लगी थी. में वहाँ से कुछ दिनों कि छुट्टी ले कर घर पर आया था. दोस्तो पहले में आपका परिचय अपनी बहन से करा देता हूँ. दोस्तों मेरी छोटी बहन का नाम प्रिया है. उसकी उम्र 20 साल तक होगी उसके फिगर बहुत बड़े 36 28 34 है. और वो बहुत सुंदर है वैसे तो वो शहर मे रहकर पड़ाई कर रही है.
लेकिन अभी उसकी कॉलेज की छुट्टियाँ चल रही है. और प्रिया जब से शहर से आई है. वो काफ़ी समझदार हो गई है. एक तो वो वैसे ही बहुत सुंदर है उपर से उसके छोटे छोटे कपड़े मे वो तो और सेक्सी लगती है. और उसका फिगर देख कर तो किसी का भी लंड खड़ा हो जाए. क्या फिगर है मोटे और गोरे बूब्स पतली कमर भरी हुई गांड दोस्तो आप तो जानते है की बाहर नौकरी जब कुछ भी नही कर सकते और वहाँ उन्हे कुछ भी देखने को नही मिलता. अब घर पर आकर तो बस मुझसे रहा नही जा रहा था. में हर समय बस यही सोच रहता था की बस किसी की भी चूत मिल जाए चाहे वो चूत प्रिया की ही क्यों ना हो बस मुझे तो चूत कि चुदाई करनी थी.तभी एक दिन की बात है. में बैठ कर प्रिया के बूब्स को निहार रहा था. की तभी माँ ने कहा की बेटा जा कर अपने बाबूजी को खेत पर खाना दे कर आओ. तो मैने कहा ठीक है माँ आप खाने को पैक कर दो तो मैं बाबूजी को दे कर आता हूँ. तभी प्रिया ने कहा की माँ मैं भी भैया के साथ खेत देखने जाउंगी मुझे बहुत दिन हो गये खेत पर गये हुए तो माँ ने कहा की ठीक है. और माँ ने खाना पैक कर के मुझे दे दिया और हम दोनों जाने लगे.मैने एक सायकिल ले ली और प्रिया को आगे बैठने के लिए कहा तो प्रिया आगे बैठ गई. और हम चल दिए और फिर खेत पर पहुंच कर बाबूजी को खाना खिलाया. और फिर हम खेत पर टहलने लग गये. बाबू जी खाना खा के एक मजदूर को घर उसे बुलाने चले गये. और हम दोनों को कहा की में जा रहा हूँ. और हो सकता है कि मुझे थोड़ी देर हो जाएगी तुम लोग टहल कर घर चले जाना. फिर क्या था मैं और प्रिया टहलने लगे वहाँ पर हमारा एक गन्ने का खेत था. में उसमे से एक गन्ना तोड़ कर उसे चूसने लगा था.
तभी प्रिया ने मुझसे कहा की भैया मुझे भी गन्ना चाहिए. तो मैने उसे भी तोड़ कर गन्ना दे दिया. और वो मजे से उसे चूसने लगी कुछ देर के बाद प्रिया ने मुझसे कहा की भैया मुझे टयलेट लगी है. तो मैने कहा की यहीं पर कहीं भी जगह देख कर कर लो. यहाँ पर कोई दरवाजा तो नही है. और मैं आगे की तरफ चला गया फिर मैने एक गन्ने के झुंड के पीछे छुप गया और चुप कर प्रिया को देखने लगा. प्रिया ने अपनी जीस उतारी. और मैने देखा की उसने अंदर एक पिंक कलर की पेंटी पहनी हुई थी उसे भी उतार दी. तब मैने पहली बार प्रिया की गोरी गांड देखी जिसे देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया.
और फिर प्रिया जब खड़ी हो रही थी. अब मैने उसकी गांद का गुलाबी छेद भी देखा जिसे देख कर मुझसे रहा नही जा रहा था. फिर प्रिया ने अपनी जींस पहन कर मुझे आवाज़ लगाई. तो मैं उसके पास गया और मेरे पास आते ही उसकी नज़र मेरे लोवर पर पड़ी. जो की एक टेंट बना हुआ था. अब वो ज़रूर समझ गई थी की मैं उसे टायलेट करते हुऐ देख रहा था. फिर वो मुस्कुराने लगी और उसने मुझसे कहा की भैया मुझे कोई अच्छा सा गन्ना तोड़ कर दो ना.
में पहले तो ये समझ नही पा रहा था. पर मैने कहा की तू यहीं रुक मैं तेरे लिए एक अच्छा से गन्ने का इंतज़ाम करता हूँ. तो प्रिया ने कहा की सच भैया जल्दी करो मुझसे रहा नहीं जा रहा. मुझे प्रिया की बातों मे मुझे कुछ शरारत नज़र आ रही थी. मैं खेत के अंदर चला गया और वहाँ मुझे एक जगह खाली और साफ सी नज़र आई. और अब तो मेरे सामने सिर्फ प्रिया की गोरी गांड ही घूम रही थी. फिर क्या था मैने अपना 8 इंच का लंड बाहर निकल कर मूठ मारने लगा उधर प्रिया काफ़ी देर तक मेरा बाहर इंतजार करने के बाद जाने कब अंदर आ गयी. और मेरी आँखे बंद थी अचानक मुझे किसी और का हाथ अपने लंड पर महसूस हुआ. तभी मैने आँख खोली तो देखा की प्रिया घुटनो के बल बैठ कर मेरे लंड को सहला रही है. मैने उसको कहा की प्रिया ये क्या कर रही हो. तो प्रिया ने कहा की भैया ये आपकी हालत मेरी वजह से हुई है ना तो मैने सोच की इससे ठीक भी मैं ही कर दूँ. फिर क्या था मेरे चेहरे पर मुस्कान थी. और मैंने प्रिया को कुछ नही कहा जिसे उसने मेरी हाँ समझी और उसने मेरा लंड मुहं मे लेकर उसे चूसने लगी मैं उसके सर पर हाथ फिरा रहा था और मेरे मुहं से अहाआ आआआहा की आवाज़ निकल रही थी. प्रिया मेरा लंड को एक गन्ने की तरह चूस रही थी. जैसे कि उसने पहले भी कई बार लंड चूसा हो.
काफ़ी देर बाद मैने प्रिया को खड़ा किया और उसकी टी-शर्ट के उपर से ही उसके मोटे बूब्स दबाए. और मैंने उसे कहा की रूको मैं अभी आता हूँ तो उसने कहा की कहाँ जा रहे हो तुम. तो मैने कहा की बस दो मिनट मे आया और मैं भाग के गया और जिस चादर पर बाऊजी ने खाना खाया था. वो चादर उठा कर लाया और फिर उसे वहाँ पर बिछा दिया. और मैने प्रिया के सभी कपड़े उतार दिये और प्रिया को पूरा नंगा कर दिया. और अपने भी सारे कपड़े उतार लिये. प्रिया के बड़े बड़े बूब्स पपीते की तरह हवा मे झूल रहे थे. मैने प्रिया को लिटा कर उसके बूब्स को मुहं मे लेकर चूसने लगा. और मैने एक उंगली प्रिया की चूत मे डालकर अंदर बाहर करने लगा. काफ़ी देर अंदर बाहर करने से प्रिया की चूत बहुत गीली हो गई थी. और प्रिया ने मुझसे कहा की भैया अब रहा नही जा रहा तो मैने भी अपने लंड पर थूक लगाकर प्रिया की चूत लंड लगाया और जोर से एक धक्का लगाया और मेरा आधे से ज्यादा लंड सरक कर उसकी चूत मे समा गया. और फिर दो चार धक्के मारने के बाद मे पूरा लंड प्रिया की चूत मे समा गया और मैं प्रिया को चोदने लगा. उसे चोदते वक़्त मेरे मन मे एक ही ख़याल आ रहा था. की जिस तरह प्रिया की चूत मे मेरा लंड गया है. इस चुदाई से तो ये साफ हो जाता है की प्रिया पहले भी कई बार चुद चुकी है. लेकिन मुझे इससे कोई फर्क नही पड़ता की मेरी बहन किससे चुद्वाती है. क्योकि वो तो इतनी सेक्सी माल है की उसे चोदने के लिए कोई भी तैयार हो जाए और इसी उधेड़ वन मे प्रिया को करीब 20 मिनट से में ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था. और प्रिया भी खूब आवाज़ निकाल रही थी आआआहाल्ह भैया और छोड़ो मुझे में झड़ने वाली हूँ. तब मैने और तेज़ धक्के मारने शुरू कर दिये. और प्रिया झड़ गई इधर में भी झड़ने वाला था. थोड़ी देर बाद मैं भी झड़ गया. जैसे ही में ने अपना लंड प्रिया की चूत मे से बाहर निकल कर हम खड़े हुए तो हम दोनो के होश उड़ गये सामने बाबूजी खड़े थे. उन्हे देख कर हम दोनो की ज़ुबान पर जैसे ताला लग गया था.
और फिर बाबूजी आगे आए और मुझे समझ नही आ रहा था. की में उनसे क्या कहूँ तभी बाबूजी आगे आए और उन्होने प्रिया की गांड पर हाथ फेरा और कहा की अरे प्रिया तू तो शहर जा कर और भी कड़क माल बन गई हो. इसे सुन कर तो हमारी जान मे जान आई. और फिर क्या था. प्रिया ने झट से घुटनो के बल बैठ कर बाबूजी के लंड को बाहर निकल लिया. बाबूजी का लंड 9 इंच लंबा और दो इंच मोटा है. फिर प्रिया ने बाबूजी का लंड को सहलाते हुए कहा की इतने मोटे ताज़े लंड हमारे घर मे ही है.

और में ऐसे ही बाहर के मर्दो से चुद्वाती रही. और फिर प्रिया ने बाबूजी का लंड मुहं मे ले लिया और चूसने लगी उसे देखा मेरा लंड भी फिर से खड़ा हो गया. और मैं भी प्रिया के सामने जा कर खड़ा हो गया. तभी प्रिया ने मेरा भी लंड हाथ मे ले लिया. और उसे भी चूसने लगी काफ़ी देर के बाद बाबूजी लेट गये. और प्रिया बाबूजी के लंड पर अपनी चूत को लगाकर बैठ गई फिर और बाबूजी धक्के मारने लगे. पहले तो थोड़ी देर तक प्रिया ने मेरा लंड चूसा फिर मैने अपने हाथ मे लेकर अपना लंड सहलाने लगा. और जब मुझे पीछे की वार मिल गया तो प्रिया की गोरी गांड देखकर मेरे मुहं मे पानी आ गया था.
मैने अपने लंड पर तोड़ा सा थूक लगाया. और पीछे से प्रिया की गांद के गुलाबी छेद पर लगाया. तो प्रिया ने पीछे देखकर मुझे एक स्माइल दी तो जैसे उसने हाँ भर दी फिर क्या था. मैने एक ज़ोर दार धक्का मारा और मेरा लंड प्रिया की गांड मे फिसलता हुआ चला गया. फिर हम दोनो ने धक्के मारने शुरू कर दिये और प्रिया आवाज़े निकल रही थी. आआहाआआहहाहा बाबूजी और तेज़ और तेज़ और बाबूजी भी और तेज़ मारने लग गये करीब 30 मिनट के बाद हम लोग बारी बारी से झड़ गये और फिर प्रिया ने मेरा और बाबूजी का लंड चूस कर साफ किया. और फिर हमने अपने कपड़े पहन कर बाहर आ गये. फिर हम दोनो घर आ गये उस दिन रात को भी माँ के सोने के बाद हम तीनो ने छत पर चुदाई की जब तक हमारी छुट्टियां थी हमने चुदाई के खूब मज़े लिए. और फिर प्रिया अपने कालेज चली गई. और में अपनी जॉब पर चला गया. अब भी में रोज़ शाम को प्रिया से फ़ोन पर बात करता हूँ. अभी कुछ दिनो के बाद में दीवाली की छुट्टीयां ले कर घर जाऊंगा और प्रिया भी आएगी तो हम फिर से चुदाई करेंगे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#35
शादीशुदा दीदी का दूध पिया
मेरा नाम राजू है मैं मुंबई का रहने वाला हूँ . दोस्तो आज में अपनी एक सच्ची कहानी आप लोगो को बताने जा रहा हूँ. जब में 20 साल का था. मेरे परिवार में सिर्फ चार लोग थे मै मेरी बड़ी बहन ओर मम्मी पापा. बड़ी बहन जो मुझ से 5 साल बड़ी थी. एक साल पहले उस की शादी हो गई.ओर शादी के 5 महीने बाद दीदी की अपने पति से अनबन हो गई इस लिए वो रूठ कर वापस हमारे घर आ गयी. मेरी दीदी दिखने में बहुत ही खूबसूरत थी. उसका बदन 34-30-36 था. जो भी उसे देख लेता था वो उसे एक बार पलट कर ज़रूर देखता था. उसका रंग एकदम सफेद था ओर उसकी हाइट 5.4 फिट थी. वो बिल्कुल मेडम जैसी दिखती थी. उसका कोमल बदन
शादी के बाद ओर निखर गया था. उनकी मदमस्त जवानी देख कर ना जाने कितने लंड मुठ मारा करते थे.एक दिन उन्होंने मम्मी को बताया की वो 5 महीने की गर्भवती है. उनकी गर्भवती होने की बात सुनकर मम्मी पापा बहुत परेशान रहने लगे. ओर दीदी भी हमेशा खामोश रहने लगी.
में उनको चुप देख कर उनके साथ अच्छा व्यहवार करता था. करीब पाँच महीने बाद दीदी ने एक प्यारी सी बेटी को जन्म दिया. हम लोग इस बात से बहुत खुश थे. करीब दो महीने बाद चार बजे दरवाजे की घंटी बजी उस दिन घर मे मम्मी ओर दीदी दोनों ही अकेले थे. पापा ऑफीस गये थे ओर में भी घर पर नही था. दीदी ने दरवाजा खोला तो देखा सामने जीजाजी खड़े थे. जीजाजी बहुत गुस्से मे थे. वो अपने कुछ दोस्तो के साथ आए थे ओर ज़बरदस्ती बेबी को दीदी से ले कर जाने लगे दीदी ने काफ़ी शोर किया लेकिन वो ज़बरदस्ती बेबी को अपने साथ ले कर अपनी कार मे बैठ कर चले गये.मम्मी ने पापा को फ़ोन कर दिया. एक घंटे बाद पापा आ गये. हम लोगो ने जीजा जी से बात करने की कोशिश की लेकिन वो हम लोगो का फोने नही उठा रहे थे. मम्मी पापा दीदी के ससुराल बेंगलोर जाने का प्रोग्राम बनाने लगे. में भी उन लोगो के साथ जाना चाह रहा था. लेकिन मम्मी पापा ने मुझे मना कर दिया. और मम्मी पापा दीदी के ससुराल चले गये. हमारे घर में तीन कमरे है. एक मम्मी पापा का दूसरा मेरा ओर एक मेरी दीदी का था.
शाम को जब टीवी देख रही थी तो पता चला की हमारे शहर मे दंगे शुरु हो गये हैं. हम ओर भी परेशन होने लगे. दीदी बोली राजू मेरे रूम मे आ जाओ इधर ही सो जाना. मैने कहा ठीक है ओर में दीदी के कमरे में ही सोने आ गया. हम पहले ही परेशन थे उपर से दंगो की बाते सुन कर ओर टेंशन हो गयी.रात के करीब बारह बजे होंगे की दीदी की उहह उफ़फ्फ़ की आवाज़ सुन कर मेरी आँख खुल गयी. लाइट पहले से ही चालू थी. मैने करवट बदल कर देखा तो दीदी के चेहरा से साफ ज़ाहिर हो रहा था की दीदी किसी तकलीफ़ में है. मैने पूछा दीदी क्या बात है?
दीदी बोली बस तुम सो जाओ कोई बात नही. मेरी आँख खुल चुकी थी. मैने ज़िद की तो दीदी ने मुझ से एक पेपर ओर एक पेन लाने को कहा. में जल्दी से ले आया दीदी ने इंग्लीश मे कुछ लिखा जो मे नही पड़ सका. दीदी मुझसे बोली मार्केट जाओ ओर मेडिकल स्टोर से ये ले आओ. मैने कहा ठीक है ओर मैं चला गया. जब मैं मार्केट के लिए निकला तो देखा दंगे के कारण मार्केट बंद हो चुका था. ओर वहाँ पर सभी तरफ पुलिस ही पुलिस थी. उन्होने मुझे घर वापस भेज दिया. घर पहुच कर मैने सारी बात दीदी को बताई तो वो बोली कोई बात नही. सब ठीक हो जाएगा अब तुम सो जाओ.रात के करीब चार बजे दीदी ने मुझे जगाया ओर बोली राजू मेरी मदद करो. मेरी बात ध्यान से सुनो. मेरी बेबी को तुम्हारे जीजा जी ले गये हैं. वो मेरा दूध पीती थी. लेकिन उसके ना रहने से मेरे दूध ज़्यादा हो गया है. उसने अपने एक बूब्स की तरफ इशारा किया. मुझे कुछ समझ मे नही आ रहा था. दीदी बोली अगर मेडिकल स्टोर से वो मिल्क सकर मिल जाता तो मैं तुमसे यह सब नही कहती. मेरे मन में बहुत सारे लड्डू फुट रहे थे. दिल मे घंटिया बज रही थी. लेकिन में मासूम बना रहा ओर बोला जैसे बच्चे दूध पीते हैं वैसे क्या? दीदी बोली हाँ वैसे ही. मैं पागल हो रहा था मैने मन ही मन अपने जीजा जी को धन्यावाद किया जिसे में थोड़ी देर पहले तक गालियाँ दे रहा था.
दीदी बेड पर जैसे अपने बच्चे को दूध पिलाती है. उसी पोज़िशन मे बैठ गयी. दीदी एक काली साडी पहने हुए थी जिसमे वो बहुत ही सेक्सी दिख रही थी. मैं उसके सामने बैठ गया फिर दीदी ने अपनी साडी को अपने ब्लाउज से नीचे गिराया. मेरी पैंट भी अब टाइट हो चुकी थी. मैं क्या बताऊ दोस्तो में तो जैसे कोई सपना देख रहा था. मैने आज अपनी दीदी को चोदने का पूरा मूड बना लिया था.दीदी का ब्लाउज सामने से गीला था. जिससे उसके निप्पल को मैं साफ महसूस कर पा रहा था. साड़ी अलग करने के बाद दीदी ने अपने ब्लाउज को उतारा. दोस्तो आप तो समझ ही रहे होंगे की मेरी नज़रे कहाँ पर ठहरी थी. ये तो मुझे आपको बताने की ज़रूरत नही होंगी. उसके बाद दीदी ने अपनी ब्रा को पीछे से खोल दिया दोस्तो मैं ठंडी साँसे लेता हुआ पागल हुआ जा रहा था. ओर उसके बूब्स को अपने हाथो से दबाने के लिए मचल रहा था. दीदी ने अपनी ब्रा खोल कर मुझे लेट जाने का इशारा किया. मैं तो जैसे इस इशारे का ही इंतजार कर रहा था.समय ना खराब करते हुए में जल्दी से लेट गया. दीदी ने अपने ब्रा को अपने दूध से हटाया ओर मैने उनके बड़े बड़े बूब्स के दर्शन किये. में अपने आप को बड़ा खुशकिस्मत समझ रहा था. ओर अपने प्यारे जीजा जी ओर भगवान को धन्यवाद कह कर रहा था. उनके बूब्स बहुत बड़े बड़े थे ओर बहुत ही अच्छे सुडोल आकार मे थे. गोरे गोरे बूब्स देख कर मेरे तो होश ही उड़ गये थे.
मैने दीदी की गोद मे अपना सिर रख दिया. दीदी ने अपनी ब्रा थोड़ी उपर की ओर एक बड़ा बूब्स निकाला ओर मुझे पीने को कहा जब मैने अपने होंठ बूब्स के पास किए तो मुझे दूध की स्मेल आई ओर जब निप्पल को अपने होंठो से छुआ तो बहुत ही मज़ा ही आ गया. जब मैने चूसना शुरू किया तो मुझे एक अजीब सा अहसास हुआ. मुझे दूध बड़ा ही स्वादिष्ट लग रहा था. मेरी सगी बहन मुझे दूध पिला रही थी. मैने तेज़ी से दूध पीना शुरू कर दिया. करीब 6 या 7 मिनिट बाद जब मैने एक बूब्स खाली कर लिया तो दीदी ने अपना दूसरा बूब्स भी मेरे होंठो के सामने कर दिया.
अब तक दीदी ने अपनी ब्रा को पूरी तरह से उतार दिया था. ओर वो ऊपर से बिल्कुल नंगी हो गयी थी. मेरा लंड एकदम टाइट हो गया था ओर अंडरवेर से बाहर आने लगा था. मेरे दिल की धडकन तेज़ हो गयी ओर मुझे पसीना आने लगा. दीदी के नरम नरम दूसरे बूब्स को अब मैने अपने मुहं मे भर लिया था. मैं उसके बूब्स को बड़े प्यार से सहलाता भी जा रहा था जिसके कारण दीदी भी कामुक हो रही थी. उसने भी अपने हाथ अब मेरी शर्ट के अंदर डाल दिए थे ओर अपने हाथो को उपर नीचे कर रही थी. अब हम दोनो एकदम पुरे खुल चुके थे. भाई बहिन वाली कोई फीलिंग अब हमारे अंदर नही थी. मैं भी बड़े मज़े से उसके बूब्स को सहला रहा था. उसकी निप्पल को किस करता तो वो ठंडी ठंडी साँसे भर रही थी. उसे ये सब बहुत अछा लग रहा था. अब मेरा एक हाथ उसके बूब्स पर था ओर उसने भी मुझे बहुत अच्छे से पकड़ रखा था. मेरी आह निकल गयी. दीदी ने आँखें खोल दी ओर मुझसे पूछा क्या हुआ. पसीना क्यों आ गया?मैने कहा की दीदी गर्मी की वजह से मुझे पसीना आ गया था. और फिर दीदी ने अपनी साड़ी उपर की ओर बोला की राजू तुम थक गये होना. लेकिन एक बात याद रखना तुमने मेरी मदद की और मे तुम्हारी बहन हूँ. ओर तुम मेरे प्यारे छोटे भाई हो ये बात किसी को ना बताना प्लीज़. मैने दीदी को कहा की में आपकी मदद कर के खुश हूँ ये मेरा फ़र्ज़ है.
सुबह उठ कर हम लोगो ने साथ में बैठकर नाश्ता किया फिर दीदी नहाने चली गयी में अभी भी रात के ख़यालो में ही खोया हुआ था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#36
मैंने लिफ्ट दी उसने चूत चुदवा दी
हेलो
तो आल रीडर, मेरा नाम किंजल है और मैं वडोदरा, गुजरात में रहता हु. मेरी यहाँ पर जॉब चल रही है और मेरी उम्र २५ साल है और मेरी हाइट ५’१०” है और मेरा लुक जब तुम मिलोगे तो पता चल जायेगा. ये मेरी पहली स्टोरी है, आई होप आपको पसंद आएगी और अगर कोई गलती हो जाए, तो पहले से ही सॉरी.तो अब मैं स्टोरी पर आता हु. बात एक वीक पहले की है, उस दिन मुझे कंपनी के काम की वजह से शाम तक रुकना पड़ा. वैसे तो मेरी कंपनी का टाइम जनरल शिफ्ट के हिसाब से होता है पर काम ज्यादा होने की वजह से मुझे सात बाज गये थे. अभी गुजरात में ठण्ड शुरू हो गयी है और शाम को थोडा अँधेरा हो जाता है और उस जब मैं कंपनी से निकला और रोड पर मस्त स्लो बाइक चला रहा था. तभी रास्ते में एक लेडी ने हाथ किया. उसकी उम्र कोई २८ साल रही होगी. एक्चुअली वो वो मेरी बाइक के पीछे आ रही थी और उसने ऑटो को हाथ किया था. मुझे मिसअंडरस्टैंड हुआ.
मैं उसके पास गया और बाइक खड़ी करके बोला – मैं सिटी की तरफ ही जा रहा हु, आपको कहाँ जाना है? वो हँसने लगी और बोली – मैं ऑटो वाले को हाथ कर रही थी. हम लोगो को इतनी ही बातो में उनकी ऑटो चली गयी. तो मैने बोला – ठीक है, लेकिन आपको कहीं रास्ते में जाना हो, तो मैं ड्राप कर सकता हु. वो बोली – कब से ऑटो का वेट कर रही हु, जो आया वो भी तुम्हारी वजह से चला गया. मैने बोला – चलो तो फिर और वो मेरी बाइक पर बैठ गयी. रास्ते में हम दोनों के बीच में बातें होने लगी और मैने उनसे उनके बारे में पूछा – तो उन्होंने अपना नाम रेशमा (बदला हुआ नाम) बताया और उनकी उम्र ३२ साल थी. वो एक टीचर थी और उनको उस पेपर चेक करने के वजह से देर हो गयी थी. फिर मैने उनके घर के लोगो के बारे में पूछा – तो उन्होंने बताया, कि उनकी ३ साल पहले शादी हुई थी और वो अपने हस्बैंड के साथ रहती है और उनके साँस-ससुर गावं में रहते है और उनके पति एक बड़ी कंपनी में सेल्स एग्जीक्यूटिव है. सॉरी, मैं उनका फिगर बताना भूल ही गया, वो मेरी हाइट से थोड़ी कम ही थी और उनका फिगर ३६-३०-३४ का था, जो मैने बाद में नापा.
रास्ते में मै बातो ही बातो में, मेरी बाइक की डिस्क-ब्रेक लगाता था, वो मुझसे टकरा जाती और मुझे पीठ में उनके बड़े चुचे गड जाते. मैने उनको बोला – अगर इतनी देर हो गयी थी, तो तुम्हे अपने पति को बुला लेना चाहिए था. वो बोली – वो ३ दिन से आउट ऑफ़ स्टेशन है और नेक्स्ट वीक आने वाले है. इन सब बातो में उनका घर आ गया. वो लोग एक २ BHK फ्लेट में रहते है. मैने उनको वहां ड्राप किया, तो उन्होंने मुझे थैंक्स बोला और मैने उनको भी वेलकम कहकर रिवर्ट किया. जा ही रहा था, तो उन्होंने मुझसे पूछा, कि पानी पीना है तो चलो अन्दर. मैने मन में सोचा, कि रूम पर जाकर क्या करूँगा. थोडा टाइम यहीं पास कर लेता हु. मैं पीजी में रहता हु. उनका फ्लेट ३rd फ्लोर पर था. मैं उनके पीछे उनके फ्लेट में चला गया. उन्होंने मुझे अन्दर बुलाकर डोर को लॉक कर दिया. फिर वो पानी लेकर आई और उसने साड़ी पहनी हुई थी ब्लू कलर की. और डीप गले वाला ब्लाउज. अब रौशनी में, मैं उन्हें घूर-घूर कर देख रहा था. और पानी पीने का बाद कुछ नार्मल बातें की और फिर मैने उनको बोला – आपको बुरा ना लगे, तो एक बात बोलू.
वो बोली – हाँ कहो. मैने कहा – आप एकदम अवीट लग रही हो. किसी किसी का भी मन हो जाए, आपको टाइट झप्पी करने का. तो वो हँसने लगी और नॉटी आवाज़ में बोली – तुमको लगानी है क्या? मैने बोला – इजाजत हो तो. तो उसने मुझे आँख मारी और स्माइल दी. मैं उसके पास चले गया और कसकर बाहों में ले लिया उसे और उसके मुह से अह्ह्ह्हह निकल गयी. मैं हग करते-करते उसकी पीठ में हाथ फेरने लगा. इससे वो कुछ नहीं बोली और मैने उसके ब्लाउज को एक साइड के कंधे से उसकी ब्रा की स्ट्रिप के साथ नीचे करने लगा और उसपर किस्सस करने लगा. वो एन्जॉय कर रही थी स्श्शश्स आआअ कर कर और फिर मैने उसकी आँखों में देखा, तो उसने अपनी साड़ी के पल्लू को गिरा दिया और ब्लाउज में वो क्या कयामत दिख रही थी. मुझसे रहा नहीं गया और मैने उसे सोफे पर लिटाके उसके ऊपर चड़ गया और लिप्स चूसने लगा. मैने अपनी जीभ उसके मुह में डाल दी और उसके बूब्स को ब्लाउज के ऊपर से ही रब करने लगा.
वो मोअनींग कर रही थी आआआआ हूहूहुहू आआअ स्सस्सस्सस मर गयी. मैने उसकी साड़ी किसिंग में ही निकाल कर फेंक दी. और उसके दोनों हाथो को ऊपर की तरफ करके किस करते हुए उसके बूब्स को प्रेस करने लगा. मैने अब किस करते हुए ही उसका ब्लाउज खीचा, तो उसके ब्लाउज के सारे बटन टूट गये और ब्लाउज खुल गया. उसने अन्दर वाइट कलर की फ्लावर वाली ब्रा पहनी हुई थी और अब मैने उसे मेरे ऊपर ले लिया और उसका ब्लाउज निकाल दिया. उसने अब नीचे से मेरी पेंट निकाल दी. वो मुझपर पूरी तरह से हावी थी और मेरे पुरे लिप्स को अपने मुह में लेकर चाट रही थी. मैं उसके पेटीकोट को ऊपर करने लगा और कमर तक ला दिया. उसकी एकदम मख्खन जेसी गांड पर हाथ फेरने लगा. क्या मस्त गांड थी उसकी. मैं उसपर जोर से चमाटे मारने लगा.
उसकी वाइट पेंटी जो अब तक पूरी गीली हो चुकी थी, वो निकल दी और साथ में ही उसकी पीठ पर हाथ फेरते हुए, उसकी ब्रा का हुक भी भोल दिया. अब उसने मेरी पेंट और अंडरवियर निकाला. तो वो एकदम खुश हो गयी और मेरे लंड को चूमने लगी और मैने पूछा – क्या हुआ? तो वो बोली – आज मज़ा आएगा, तुम्हारा मेरे पति से बड़ा है यार. वो ब्लो जॉब करने लगी, मैं उसकी बॉडी पर हाथ फेर रहा था और बोल रहा था, खा जा पूरा दर्लिन्गग्ग्गग्ग्ग्ग पूरा का पूरा अहहहः और लंड चूस-चाट कर पूरा चिकना कर दिया. अब मैने उसको ऊपर खीचा और हॉट किस करने लगा. अब मैने बोला – मुझे तुम्हारा दूध चुसना है. वो बोली – आओ ना राजा, तुम्हे मना थोड़ी करुँगी. और मैने जैसे ही चूसने गया, तो उसने मुझे रोक दिया और बोली – वेट और फिर जाके फ्रिज में से आइसक्रीम लेके आई और उसके अपने बूब्स पर डाल दी और बोली – चलो मेरे बेबी,सारा चाट जाओ और खा जाओ मेरे बूब्स को. मै उसे बाईट कर करके चुसना चाटने लगा.
वो बहुत एक्साइट हो चुकी थी तो मै उसके निप्पल को अपनी जीभ से चाट रहा था और उसकी चूत के दाने को भी रब कर रहा था. वो मेरा मुह दबा-दबा के बूब्स चुसवा रही थी. थोड़ी देर उसने अपना बहुत सारा पानी छोड़ दियाऔर वो मुझे बोली – तूने तो मुझे इतने में ही सेटइसफाई कर दिया. मैं बोला – अभी तो बहुत कुछ बाकी है मेरी जान. फिर मैने अपना लंड उसके मुह में दे दिया और उसके ऊपर भी आइसक्रीम लगा दी और वो फुल्ली एन्जॉय करके मेरे लंड को चूस रही थी और मै उसके बूब्स और गांड बारी-बारी से प्रेस कर रहा था. अब मेरा भी निकलने वाला था. तो मैने उसको बोला – मेरा निकलने वाला है. वो बोली – मेरे मुह में ही निकाल दो पूरा. और वो फ़ास्ट हिला-हिलाकर चूसने लगी. मैने उसके बूब्स को मसल डाला और मेरा पूरा माल उसके मुह में छोड़ दिया और उसने एक ड्राप भी वेस्ट किये बिना पूरा चाट लिया. अब तक ९ बज चुके थे. फिर मैने उसे किस और वो बोली – आज की रात यहीं रुक जाओ, पूरी रात चुदाई करेंगे.
मैने बोला ठीक है डार्लिंग पर अभी मुझे अपने रूम पर जाना पड़ेगा और फ्रेंड को कुछ बहाना बताके आऊंगा, तेरी चूत और गांड मारने. इस बात में मैने फिर से उसके बूब्स मसल डाले और वो बोली ठीक है, मैं इंतज़ार करुँगी. फिर मैने कपडे पहने और उसे एक लोंग किस किया और हग करके अपने रूम पर चले गया.
मैं रात को उसके घर से अपने रूम के लिए निकल गया. उसने बोला था. कि तुम कहीं डिनर मत केर लेना. मै बनाकर रखूंगी और जल्दी आना, तो मैं अपने रूम पर आया और फ्रेश होकर अपने रूममेट को बोल आया – किसी काम से बाहर जा रहा हु, कल शाम तक वापस आऊंगा और मैने नेक्स्ट डे के ऑफिस के लिए कपडे भी ले लिए और निकल पड़ा.
रास्ते में मैने मेडिकल शॉप से २ पैकेट कंडोम के ले लिए और ४ सिल्क चॉकलेट ओर ये सब करते, मैं रात को १०:३० बजे उसके घर पर पंहुचा. मैने डोरबेल बजायी, तो उसने पूछा कौन है? मैं बोला – किंजल हु और उसने दरवाजा खोला, तो मेरे तो होश ही उड़ गये. वो सिर्फ नाईटइ में थी. वो उसकी गांड तक की थी और देख कर ही पता चल जाता था, कि उसने अन्दर कुछ भी नहीं पहना था. उसका फिगर ही ऐसा था, कि उसकी कोई भी चीज़ उसमे से छुपी नहीं रह सकती थी. मैं उसे देखे ही जा रहा था तो वो बोली – अन्दर आ जाओ. मैं अन्दर गया और वो जैसे ही डोर बंद करके मुड़ी, मैने एकदम ही हमला कर दिया और उसको डोर पर ही लगाकर किस करने लगा और साथ ही साथ उसके बूब्स मसलने लगा. वो बहुत मोअनींग कर रही थी अहहहहः अहहहः ऊऊऊऊ खा जाओ मुझे आज रात .. ऊऊऊ …आज की रात मुझे मस्त चोदना किंजल …. अहाहहः
ये सब सुनकर मैं भी जोश में आ गया था और उसकी जीभ मैने अपने मुह में ली और चूसने लगा. उसने अपने हाथ को मेरी पेंट में डाल दिया और मैने भी उसकी ड्रेस को कंधो पर से सरका दिया. उसकी ड्रेस अब उसके बूब्स पर थी. मैने अब अपनी जीभ उसके मुह में डाल दी. वो क्या मस्ती में उसको चूस रही थी. अब मैने उसकी ड्रेस को उसके बूब्स पर से नीचे सरकाई, तो वो पूरी नीचे गिर गयी. मैं उसके बूब्स को बहुत जोर से मसलने लगा. इतना मसलने लगा, कि उसने मेरी जीभ को थोडा सा काट लिया और अब हमने करीब २० मिनट तक किस किया. फॉर वो बोली – चलो मैने तुम्हे खाना नहीं है. मैने बोला – डार्लिंग, मन कर रहा है, कि तुझे खा जाऊ. तो वो हँसने लगी और बोली – अच्छा बाबा, मुझे जो चाहो वो करना; पर पहले खा लो. तुम्हारे लिए मैने कितने प्यार से बनाया है. फॉर वो ऐसे ही नंगी किचन में गयी और मुझे सोफे के पास छोटे टेबल लाने को बोली. मैं टेबल ले आया और फिर वो सारी चीज़े लायी और प्यार से अपने हाथो से खिला रही थी.
उसने पनीर की सब्जी बनायीं थी और साथ में स्वीट में गुलाबजामुन भी बनाये थे. वो मुझे खिला रही थी और मैं उसकी पीठ, उसके बूब्स, उसकी कमर, जांघे, मुह, होठ, चूत सब पर हाथ फिरा रहा था, जैसा की मैने पहले बताया था. वो मुझे जानती थी और मैं ये बात नहीं जानता था. वो मुझे बोली – मैंने तुम्हारी बॉडी पहले भी देखी हुई है, मैं थोडा सा चौका, तो वो बोली – तुम जहा रहते हो, उसके सामने वाले फ्लेट में मेरी स्कूल की फ्रेंड रहती है. कल जब मैं उसको स्कूल के लिए लेने गयी थे, तो मैने तुमको वहां देखा था. तुम तभी-तभी नहाकर निकले थे और सिर्फ टॉवल में ही थे और कपडे सुखा रहे थे. इसलिए मैने तुमसे लिफ्ट ले ली थी. वरना मैं हर किसी लिफ्ट थोड़ी लेती हु. तो मैने उसको बोला – वही बता देना था, वरना वहीँ चोद देता था. फिर मैने एक गुलाबजामुन उठाया और उसकी चाशनी उसके दूध पर लगा दिया और उसको चाटने लगा. उसके निप्पल एकदम कड़े हो चुके थे और उसकी चूत अभी से गीली हो चुकी थी.
वो बोली – अब रहा नहीं जा रहा है. मैने थोडा सा पानी पिया और उसे वही सोफे पर लिटा के उसके ऊपर आ गया और उसको किस करने लगा. वो मेरी बेक पर हाथ फिरा रही थी और मेरे बम्म भी दबा रही थी. अब मैं सीधा हो गया और वो समझ गयी और मेरे लंड पर गुलाबजामुन वाली चाशनी लगाकर चाटने लगी और उसने अपने थूक से पूरा लंड चिपचिपा कर दिया. वो मेरे लंड को अपने मुह में पूरा लेने की ट्राई कर रही थी, लेकिन मेरा लंड पूरा अन्दर नहीं जा रहा था. एक दो बार तो वार्मइट जैसा हुआ, फिर भी उसने मेरा लंड चाटना नहीं छोड़ा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था आआआआ ऊऊऊओ. अब मैने कंडोम निकाल लिया. वो मुस्कुराई और बोली – इससे क्यों लाये. मैने कहा – पगली, अभी तुझे माँ थोड़ी बनाना है. तो वो जोर से हँसने लगी और कंडोम लगा कर मेरे लंड के ऊपर चड़कर बैठ गयी. जैसे-जैसे मेरा लंड उसकी चूत में जाता, वो जोर से चिल्लाने लगती थी. मैने सामने उसके बड़े-बड़े बूब्स थे. मैं उनको मुह में लेकर चूसने लगा और उसे और भी एक्साइट कर दिया. उसके निप्पल पर बहुत जोर से जीभ से चाटने लगा और उसने मेरा पूरा लंड अन्दर ले लिया.
अब वो ऐसे ही रही थोड़ी देर मुझे किस करने लगी तो मैने उसकी गांड पकड़ ली और दबाने लगा और धीरे-धीरे मै उसकी गांड ऊपर नीचे करने लगा. वो किस किये जा रही थी. अब मैने उसकी गांड को ऊपर नीचे करना फ़ास्ट कर दिया. वो भी जोश में आ गयी और उछल-उछल कर चुदवाने लगी. अहहहः ऊऊऊ अहहहः सेक्सी मज़ा आ रहा है, ये सब बोल रही थी. वो मुझे बोल रही थी – वोव्वव्व्वो, राजा चोद मुझे ..आज की रात मुझे जमकर चोद … और तेज चोद और मेरी चूत का भोसड़ा बना दे.. मेरी जान. ये सब सुनकर मैने उसे सोफे पर पटक दिया और उसके ऊपर चढ़ कर चोदने लगा. शॉट पर शॉट मारने लगा और वो चिल्लाने लगी – ओर्र्र्रर्र्र्र तेज्ज्ज्जज्ज्ज्जज …तेज्ज्जज्ज्ज्जज्ज्ज. जोर से और जोर से चोदो और फिर मुझे अपनी बाहों में जकड लिया. मैं उसे चोदे जा रहा था. इतने में मुझे हॉट-हॉट फील हुआ और मैने उससे पूछा – तो उसने बोला कि उसका पानी निकल गया है और वो बहुत हैप्पी होकर मुझे किस देने लगी तो मैने भी उसे किस करते-करते उसके बूब्स को पकड़ लिया और फटाफट शॉट मारते हुए झड़ गया.
और मैने अपना लंड बाहर निकाला और उसके ऊपर ही लेट गया. वो मेरे हेड और गांड पर किस किये जा रही थी. मैं थोड़ी देर ऐसे ही लेटा रहा और फिर उसने मुझे साइड में किया और मेरे लंड से कंडोम निकाला और एक प्लास्टिक बेग में डाल दिया. मैने उससे पूछा – तुम्हारा फिगर क्या है? तो वो बोली – खुद ही नाप लो और उसने मुझे मेजरिंग टेप लाकर दे दी. पहले तो मैने उसके बूब्स को दबाया और फिर नापा तो वो ३६ के थे और उसकी कमर ३० की और फिर पहले उसकी गांड पर चाटा लगाया और किस किया और फिर नापा तो वो ३४ की थी. फिर मै उसके दूध चूसने लगा और हम पुरे पसीना-पसीना हो गये थे. फिर वो फ्रीज़ में से शरबत ले आई एनर्जी के लिए. मैने उसका एक सिप लिया और उसके हेयर पकड के नीचे की और खीच लिया. उसका मुह ऊपर की ओर हो गया. मैने उसके होठो पर अपने होठ रख के शरबत की पिचकारी उसके मुह में मारी, तो वो वो उसे पी गयी. फिर उसने सिप ली और किस से मुझे पिलाया. ऐसा करते हुए हम पूरा शरबत पी गये और फॉर से वो मेरे लंड पर बैठ गयी. मेरा लंड तो उसकी अदा देखकर ही खड़ा हो गया.
वो इतने सेक्सी एक्सप्रेशन दे रही थी, कि मुझसे तो रहा ही नहीं जा रहा था. तो मैने उसे सिल्क चॉकलेट दी और वो खुश हो गयी और बोली – मुझे ये बहुत पसंद है. मैने बोला – इसीलिए तो लाया हु डार्लिंग. वो बोली – अब तो मैं इसे अपने छोटे राजा पर लगाकर खाऊँगी और उसने पूरी चॉकलेट मेरे लंड पर लगा दी और उसे खाने लगी और चाटने लगी. वो चाटते हुए, मुझे आँख मार रही थी और मेरी चेस्ट पर हाथ फिरा रही थी. मुझे तो बस जन्नत का अहसास हो रहा था. दोस्तों, उसने करीब २० मिनट तक चाटा, मेरे लंड को. वो ऐसे चाटते हुए, पूरी चॉकलेट खा गयी और कभी-कभी मुझे भी चटा रही थी अपनी जीभ से मेरी जीभ को सटाकर. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. अब मैने उसको साइड में ले कर लंड चूसने को बोला, ताकि मैं उसकी गांड पर हाथ फिरा सकू. उसकी गांड एकदम गोरी-गोरी और स्मूथ थी और उसपर हाथ फिराते हुए मै उस पर थपलिया मार रहा था, वो भी एन्जॉय कर रही थी. तो मैने उसकी गांड पूरी लाल कर दी थी. फिर मैने उसकी गांड अपनी गोद में आये ऐसे लिटाया और उसकी गांड पर किस और काटने लगा.

वो आगगुछ्ह्हह्ह औचुचुचुह ईई ऊऊऊऊओ कर रही थी और साथ में, मैने अपनी २ उंगलिया उसकी चूत में डाल दी. वो बोल रही थी – fasssstttttt ..करो ना जान. मै उसकी गांड पर किस कर रहा था और उसको अपनी उंगलियों से चोद रहा था. वो फिर से झड़ गयी. मैने उसे कहा – अब मेरा तेरी गांड मारने का इरादा है. तो वो बोली तुम्हारे लिए सब हाज़िर है मेरे राजा. पर मैने कभी मरवाई नहीं है, तो तू आराम से डालना. वरना तेरा लंड मेरी गांड फाड़ देगा. मैने बोला – गांड फाड़ने के लिए ही तो मार रहा हु और उसे किस दे दिया. वो स्माइल करते हुए डौगी हो गयी. मैने उसे दूसरा कंडोम दिया, तो वो बोली – धत, गांड तो ऐसे ही मरवाने में मज़ा आएगा, डिअर. तो मै उसके पीछे आ गया और उसकी कमर पकड के लंड को उसकी गांड में डालने लगा. उसकी गांड बहुत टाइट थी. लेकिन उसकी गांड इतनी गोरी थी, कि रहा ही नहीं जा रहा था और मैने पूरी जान लगाकर एक जोर का धक्का मारा, तो मेरा लंड का टॉप वाला हिस्सा अन्दर चले गया. वो चिल्लाई ऊऊऊय्य्यीईईईइ .. मा. मर गयी. रुक जाओ प्लीज.
तो मैं रुक गया और उसे पीछे से चिपक गया और उसके लटके हुए बूब्स हाथ में ले खेलने लगा और साथ ही साथ उसके कंधे पर किस करने लगा और उन पर काटने लगा. अब वो धीरे-धीरे आगे पीछे होने लगी और मैं उसके बूब्स मसल रहा था. वो अपने आप गांड मरवाने लगी. इससे मेरा लंड आधा अन्दर चले गया और फिर मैने उसकी कमर पकड़ कर जोर से शॉट मारा तो पूरा अन्दर चला गया और उसकी गांड मारने लगा. उसकी गांड खूब मारी और करीब २०-२५ मिनट हो गये थे. वो २ बार झड़ी थी. मेरा निकलने वाला था. मैने उसे पूछा, तो वो बोली कि अभी मेरी गांड बहुत प्यासी है, मेरी गांड में ही निकाल दो, मेरे राजा. ये सुनकर मैने फुल स्पीड में उसकी गांड मारनी शुरू कर दी और अब मेरा माल निकलने वाला था तो मैं उस से चिपक गया और उसके बूब्स को जोर से मसल दिया और मेरा सारा माल उसकी गांड में छोड़ दिया. अब हम बहुत थक चुके थे. वो बोली – चलो अब सो जाते है. मैने उसको बोला – मैं तो २ पैकेट लाया हु कंडोम के.
तो वो बोली – क्या आज ही ख़तम करोग? मैं बोला – तेरे जैसी जन्नत सामने हो, तो दो क्या ५ खाली कर दू. फिर उसने मुझे हग कर लिया और मुझे प्यार से समझाया, कि सुबह स्कूल जाना है डिअर. तो मैं बोला – ठीक है और फिर हम उसके बेड में आके एक चादर में एक दुसरे से पूरा चिपक कर सो गये. सुबह ६ बजे, उसने मुझे उठाया और फिर हमने बाथरूम में सेक्स किया डिफरेंट-डिफरेंट पोजीशन में. फिर उसने मुझे ब्रेकफास्ट खिलाया. उसके बाद, ७:३० बजे मैं उसको स्कूल छोड़कर आया. वो आधा घंटा लेट हो गयी थी. वहां से मैं अपनी कंपनी चले गया. शाम को उसके घर पर कोई गेस्ट आने वाला था, तो उसने मुझे फ़ोन करके मना कर दिया. अब उसका हस्बैंड भी वापस आ गया है. अब ना तो मैं उससे कांटेक्ट करने की कोशिश करता हु और ना ही वो मुझसे. वो बस हम दोनों का एक अच्छा सेक्स एक्सपीरियंस
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#37
जोगिंग पार्क में जमकर चुदाई
मेरी शादी हुए दो साल हो चुके हैं, शादी के बाद मैंने अपनी चुदाई की इच्छा को सबसे पहले पूरी की। सभी तरीके से चुदाया… जी हाँ… मेरे पिछाड़ी की भी बहुत पिटाई हुई। मेरी गांड को भी चोद-चोद कर जैसे कोई गेट बना दिया हो। सुनील मुझे बहुत प्यार करता था। वो मेरी हर एक अदा पर न्यौछावर रहता था। अभी वो कनाडा छः माह के लिये अपने किसी काम से गया हुआ था। मैं कुछ दिन तक तो ठीक-ठाक रही, पर फिर मुझ पर मेरी वासनाएँ हावी होने लगी।
मैं वैसे तो पतिव्रता हूँ पर चुदाई के मामले में नहीं… उस पर मेरा जोर नहीं चलता ! अब शादी का मतलब तो यह नहीं है ना कि किसी से बंध कर रह जाओ? या बस पति ही अब चोदेगा। क्यूँ जी? हमारी अपनी तो जैसे कोई इच्छा ही नहीं है?

मेरे प्यारे पाठको ! शादी का एक और मतलब होता है… चुदाई का लाईसेंस !! अब ना तो कन्डोम की आवश्यकता, ना प्रेगनेन्सी का डर… बस पिल्स का सेवन करिये और अपने को नियोजित रखिये। जी हाँ, अब मौका मिलते ही दोस्तों से भी अपनी टांगें उठवा कर खूब लण्ड खाइये और खुशनुमा माहौल में रहिये।
इसे धोखा देना नहीं कहते बल्कि आनन्द लेना कहते हैं। ये खुशनुमा पल जब हम अकेले होते हैं, तन्हा होते हैं… तो हमें गुदगुदाते हैं… चुदाई के मस्त पलों को याद करके फिर से चूत में पानी उतर आता है…। फिर पति तो पति होता है वो तो हमें अपनी जान से भी अधिक प्यारा होता है।
“अरे नेहा जी… गुड मॉर्निंग…!” मेरे पीछे से विजय जोगिंग करता हुआ आया। मेरी तन्द्रा जैसे टूटी।
“हाय… कैसे हो विजय?” मैंने भी जोगिंग करते हुये उसे हाथ हिलाया।
“आप कहें… कैसी हैं ? थक गई हो तो चलो… वहाँ बैठें?” सामने नर्म हरी घास थी।
मैंने विजय को देखा, काली बनियान और चुस्त स्पोर्ट पजामे में वो बहुत स्मार्ट लग रहा था। मेरे समय में विजय कॉलेज में हॉकी का एक अच्छा खिलाड़ी था। अभी भी उसका शरीर कसा हुआ और गठीला था। बाजुओं और जांघों की मछलियाँ उभरी हुई थी। चिकना बदन… खुश मिज़ाज, हमेशा मुस्कराते रहना उसकी विशेषता थी और अब भी है।
हम हरी नर्म घास पर बैठे हुये थे… विजय ने योगासन करना शुरू कर दिया। मैं बैठी-बैठी उसे ही निहार रही थी। तरह तरह के आसन वो कर रहा था।
उसकी मांसपेशियाँ एक एक करके उभर कर उसकी शक्ति का अहसास करा रही थी। अचानक ही मैं उसके लण्ड के बारे में सोचने लगी। कैसा होगा भला ? मोटा, लम्बा तगडा… मोटा फ़ूला हुआ लाल सुपाड़ा। मैं मुस्करा उठी। सुपर जवान, मस्त शरीर का मालिक, खूबसूरत, कुंवारा लडका… यानी मुझे मुफ़्त में ही माल मिल गया… और मैं… जाने किस किस के सपने देख रही थी, जाने किन लड़कों के बारे में सोच रही थी… इसे पटाना तो मेरे बायें हाथ का खेल था… कॉलेज के समय में वो मेरा दोस्त भी था और आशिक भी … लाईन मारा करता था मुझ पर ! पर उसकी कभी हिम्मत नहीं हुई थी मुझे प्रोपोज करने की। कॉलेज की गिनी-चुनी सुन्दर लड़कियों में से मैं भी एक थी।
बस मैंने ठान ली, बच के जाने नहीं दूंगी इसे ! पर कैसे ? उसके योगासन पूरा करते ही मैंने उस पर बिजली गिरा दी… मेरे टाईट्स और कसी हुई बनियान में अपने बदन के उभारों के जलवे उसके सामने बिखेर दिये। वो मेरे चूतड़ों का आकार देखता ही रह ही गया। मैंने अनजान बनते हुये उसकी ओर एक बार फिर से अपने गोल-गोल नर्म चूतड़ों को उसके चेहरे के सामने फिर से घुमा दिया। बस इतने में ही उसका पजामा सामने से तम्बू बन गया और उसके लण्ड का उभार स्पष्ट नजर आने लगा। इतना जादू तो मुझे आता ही था।
नेहा जी, सवेरे आप कितनी बजे जोगिंग के लिये आती हैं?”
आह्ह्ह्… तीर निशाने पर लगा। उसकी नजर तो मेरी उन्नत छातियों पर थी। मुझे अब अफ़सोस हो रहा था कि मैंने लो-कट बनियान क्यों नहीं पहना। पर फिलहाल तो मेरे चूतड़ों ने अपना कमाल दिखा ही दिया था।
“तुम तो वहाँ कोने वाले मकान में रहते हो ना…? मैं सवेरे वहीं आ जाऊँगी, फिर साथ ही जोगिंग करेंगे।” मैंने अपनी तिरछी नजर से एक तीर और मारा…
वो विचलित हो उठा। हम दोनों अब जूस पी रहे थे। हमारी आँखें एक खामोश इशारा कर रही थी। दिल को दिल से राह होती है, शायद हमारी नजरों ने कुछ भांप लिया था। मैंने अपनी स्कूटी उठाई और घर आ गई।
हमारा अब यह रोज का कार्यक्रम हो गया। कुछ ही दिनों में हम घुलमिल गये थे। मेरे सेक्सी जलवे हमेशा ही नये होते थे। उसका तो यह हाल हो गया था कि शायद मुझसे मिले बिना अब चैन ही नहीं आता था। उसका लण्ड मेरे कसे हुये चूतड़ों और चिकनी चूचियों को देख कर फ़डफ़डा कर रह जाता था… बेचारा… !
उसे पागल करने में मैंने कोई गलती नहीं की थी। आज भी लो-कट टाईट बनियान और ऊंचा सा स्कर्ट पहन कर ऊपर से शॉल डाल लिया। सवेरे छः बजे मैं उसके घर पहुँच गई।
उसका कमरा हमेशा की तरह खुला हुआ था। वो अभी तक सो रहा था। सोते हुये वो बहुत ही मासूम लग लग रहा था। उसका गोरा बलिष्ठ शरीर किसी को भी अपनी ओर आकर्षित कर सकता था। मैंने अपना शॉल एक तरफ़ डाल दिया। मेरे स्तन जैसे बाहर उबले से पड़ रहे थे। मुझे स्वयं ही लज्जा आ गई। वो मुझे देख बिस्तर छोड़ देता था और फ़्रेश होने चला जाता था। आज भी वो मेरे वक्ष को घूरता हुआ उठा और बाथरूम की ओर चला गया। पर उसके कड़कते लण्ड का उभार मुझसे छिपा नहीं रहा।
‘नेहा, एक बात कहना चाहता हूँ !” उसने जैसे ही कहा मेरा दिल धड़क उठा।
उसके हाव भाव से लग रहा था कि वो मुझे प्रोपोज करने वाला है… और वैसा ही हुआ।
“कहो… क्या बात है…?” मैंने जैसे दिल की जान ली थी, नजरें अपने आप झुक गई थी।
“आप बहुत अच्छी हैं… मेरा मतलब है आप मुझे अच्छी लगती हैं।” उसने झिझकते हुये मुझे अपने दिल की बात कह दी।
“अरे तो इसमें कौन सी नई बात है… अच्छे तो मुझे आप भी लगते हैं… ” मैंने उसे मासूमियत से कहा… मेरा दिल धड़क उठा।
“नहीं मेरा मतलब है कि मैं आपको चाहने लगा हूँ।” इतना कहने पर उसके चेहरे पर पसीना छलक उठा और मेरा दिल धाड़-धाड़ करने लगा। यानि वो पल आ गया था जिसका मुझे बेसब्री से इन्तज़ार था। मैंने शर्माने का नाटक किया, बल्कि शरमा ही गई थी।
“क्या कहते हो विजय, मैं तो शादी-शुदा हूँ… !” मैंने अपनी भारी पलकें ऊपर उठाई और उसे समझाया। दिल में प्यास सी जग गई थी।
“तो क्या हुआ ? मुझे तो बस आपका प्यार चाहिये… बस दो पल का प्यार… ” उसने हकलाते हुये कहा।
“पर मैं तो पराई…?… विजय !” मैंने नीचे देखते हुये कहा।
उसने मेरी बांह पकड ली, उसका जिस्म कांप रहा था। मैं भी सिमटने लगी थी।
पर मेरे भारी स्तन को देख कर उसके तन में वासना उठने लगी। उसने अपनी बांह मेरी कमर में कस ली।
“नेहा, पाप-पुण्य छोड़ो… सच तो यह है… जिस्म प्यार चाहता है… आपका जिस्म तो बस… आग है … मुझे जल जाने दो !”
“छोड़ो ना मुझे, कोई देख लेगा… हाय मैं मर जाऊंगी।” मैंने अपने आपको छुड़ाने की असफ़ल कोशिश की। वास्तव में तो मेरा दिल खुशी के मारे खिल उठा था। मेरे स्तन कड़े होने लगे थे। अन्दर ही अन्दर मुझमें उत्तेजना भरने लगी। उसने मेरी चूचियों को भरपूर नजरों से देखा।
“बहुत लाजवाब हैं… !”
मैं जल्दी से शॉल खींच कर अपनी चूचियाँ छिपाने लगी और शरमा गई। मैं तो जैसे शर्म के मारे जमीन में गड़ी जा रही थी, पर मेरा मन… उसके तन को भोगना भी चाह रहा था।
“हटा दो नेहा… यहाँ कौन है जो देखेगा… !” मेरा शॉल उसने एक तरफ़ रख दिया।
मेरे अर्धनग्न स्तन बाहर छलक पड़े।
“चुप ! हाय राम… मैं तो लाज से मरी जा रही हूँ और अ… अ… आप हैं कि… … ” मेरी जैसे उसे स्वीकृति मिल गई थी।
“आप और हम बस चुपके से प्यार कर लेंगे और किसी को पता भी ना चलेगा… आपका सुन्दर तन मुझे मिल जायेगा।” उसकी सांसें चढ़ी हुई थी।
मैं बस सर झुका कर मुस्करा भर दी। अरे… रे… रे… मैंने उसे धक्का दे कर दूर कर दिया,”देखो, दूर रहो, मेरा मन डोल जायेगा… फिर मत मुझे दोष देना !”
विजय मेरे तन को भोगना चाह रहा था।
“हाय विजय तुम क्या चाहते हो… क्या तुम्हें मेरा चिकना बदन … ” मैं जैसे शरमा कर जमीन कुरेदने लग गई। उसने मुझे अपनी बाहों में लेकर चूम लिया।
“तुम क्या जानो कि तुम क्या हो… तुम्हारा एक एक अंग जैसे शहद से भरा हुआ … उफ़्फ़्फ़्फ़… बस एक बार मजे लेने दो !”
“विजय… देखो मेरी इज्जत अब तुम्हारे हाथ में है… देखो बदनाम ना हो जाऊँ !” मेरी प्रार्थना सुन कर जैसे वो झूम उठा।
“नेहा… जान दे दूंगा पर तुम्हें बदनाम नहीं होने दूंगा… ” उसने मेरा स्कर्ट उतारने की कोशिश करने लगा। मैंने स्वयं अपनी स्कर्ट धीरे से उतार दी और वहीं रख दी। वो मुझे ऊपर से नीचे तक आंखें फ़ाड फ़ाड कर देख रहा था।
उसे जैसे यह सब सपना लग रहा था। वो वासना के नशे में बेशर्मी का व्यवहार करने लगा था। मेरी लाल चड्डी के अन्दर तक उसकी नजरें घुसी जा रही थी। मेरी चूत का पानी रिसने लगा था। मुझे तीव्र उत्तेजना होने लगी थी। उसका लण्ड मेरे सामने फ़डकने लगा था। मैंने शरमाते हुये एक अंगुली से अपनी चड्डी की इलास्टिक नीचे खींच दी। मेरी चूत की झलक पाकर उसका लण्ड खुशी के मारे
उछलने लगा था। उसने मेरी बाहें पकड़ कर अपने से सटा लिया। मैंने उसका लण्ड अपने हाथों से सहला दिया। हमारे चेहरे निकट आने लगे और फिर से चुम्बनों का आदान-प्रदान होने लगा। मैंने उसका लण्ड थाम लिया और उसकी चमड़ी ऊपर-नीचे करने लगी। उसने भी मेरी चूत दबा कर अपनी एक अंगुली उसमें समा दी। उत्तेजना का यह आलम था कि उसका वीर्य निकल पड़ा और साथ ही साथ अति उत्तेजना में मेरी चूत ने भी अपना पानी छोड़ दिया।
“यह क्या हो गया नेहा… ” उसका वीर्य मेरे हाथों में निकला देख कर शरमा गया वो।
“छीः… मेरा भी हो गया… ” दोनो ने एक दूसरे को देखा और मैं शरम के मारे जैसे जमीन में गड़ गई।
“ये तो नेहा, हम दोनों की बेकरारी थी… ” हम दोनों बाथरूम से बाहर आ गये थे। मैंने अपने कपड़े समेटे और शॉल फिर से ओढ़ लिया। मेरा सर शर्म से झुका हुआ था।
उसने तौलिया लपेटा और अन्दर से दो गिलास में दूध ले आया। मैंने दूध पिया और चल पडी…
“कल आऊँगी… अब चलती हूँ !”
“मत जाओ प्लीज… थोड़ा रुक जाओ ना !” वह जैसे लपकता हुआ मेरे पास आ गया।
“मत रोको विजय… अगर कुछ हो गया तो… ?”
“होने दो आज… तुम्हें मेरी और मुझे तुम्हारी जरूरत है… प्लीज?” उसने मुझे बाहों में भरते हुये कहा।
मैं एक बार फिर पिघल उठी… उसकी बाहों में झूल गई। मेरे स्तन उसके हाथों में मचल उठे। उसका तौलिया खुल कर गिर गया।
मेरा शॉल भी जाने कहाँ ढलक गया था। मेरी बनियान के अन्दर उसका हाथ घुस चुका था। स्कर्ट खुल चुका था। मेरी बनियान ऊपर खिंच कर निकल चुकी थी। बस एक लाल चड्डी ही रह गई थी।
मैं उससे छिटक के दूर हो गई और…
मैं हिम्मत करके उसके लण्ड का स्वाद लेने के लिये बैठ गई और उसे पास बुला लिया।
उसका सुन्दर सा लण्ड का सुपारा बड़ा ही मनमोहक था। पहले तो शरम के मारे मेरी हिम्मत नहीं हुई, फिर मैंने उसे सहलाते हुये अपने मुख में ले लिया।
“नेहा.. छीः यह गन्दा है मत करो !”
“विजय, कुछ मत कहो … तुम क्या जानो, मेरा पानी निकालने वाला तो यही है ना… प्यार कर रही हूँ !”
वो छटपटाता रहा और मैं उसके लण्ड को मसल मसल कर चूसती रही। उसका मोटा लम्बा लण्ड मुझे बहुत भाया।
“नेहा… आओ बिस्तर पर चलें, वहीं प्यार करेंगे… ” लगता था कि उससे अब और नहीं सहा जा रहा था।
हम दोनों अब बिस्तर में थे, एक दूसरे के शरीर को सहला रहे थे, अधरपान कर रहे थे। वो मेरी चूचियाँ और चुचूक मसल रहा था। मैं उसका लण्ड हाथ में लेकर सहला रही थी और हौले हौले मुठ मार रही थी।
मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी। मेरी चूत गरम हो चुकी थी। चूत बेचारी मुँह फ़ाडे लण्ड का इन्तज़ार कर रही थी। जीवन में नंगे होकर इस प्रकार मस्ती मैं पहली बार कर रही थी थी।
मैंने नंगापन छिपाने के लिये पास पड़ी चादर दोनों के ऊपर डाल ली। कुछ ही देर में विजय का लण्ड मेरी गीली और चिकनी चूत में दबाव डाल रहा था। उसके सुपारे की मोटाई अधिक होने से पहले तो चूत के द्वार में ही अटक गया। मुझसे और बर्दाश्त नहीं हो रहा था। दोनों जिस्मो का संयुक्त जोर लगा तो लण्ड फ़ंसता हुआ घुस गया।
हाय इतना मोटा…
फिर तो विजय का बलिष्ठ शरीर मेरे पर जोर डालता ही गया। मेरी चूत की दीवारें जैसे लण्ड को रगड़ते हुये लीलने लगी।
अभी अभी तो लण्ड घुसा ही था … पर मेरी धड़कन तेज हो उठी। अचानक उसने अपना बाहर खींच कर फिर से अन्दर तक उतार दिया। मैंने आनन्द के मारे विजय को जकड़ लिया। चुदी तो मैं खूब थी… पर ऐसे कड़क लण्ड की चुदाई पहली बार ही महसूस की थी। धीरे धीरे चुदाई रफ़्तार पकड़ने लगी। ऐसा मधुर अहसास मुझे पहले कभी नहीं हुआ था। मैंने अपने हाथ और अपनी टांगें पूरी पसार दी थी। इण्डिया गेट पूरा खुला था। ओढ़ी हुई चादर जाने कहां खो गई थी। मेरी चूचियों की शामत आई हुई थी। विजत उन्हें दबा कर मसल रहा था, घुण्डियों को खींच-खींच कर मुझे उत्तेजना की सीढ़ियों पर चढ़ा दिया था। मैं नीचे दबी बुरी तरह चुद रही थी। विजय का बलिष्ठ शरीर मुझे चोदने में अपने पूरे योगाभ्यास के करतब काम में ले रहा था। दोनों ही जवानी की तरावट में तैर रहे थे। उसके लण्ड की साथ साथ मेरी चूत भी ठुमके लगा रही थी।
अचानक मेरे अंग कठोर होने लगे…
मैंने विजय को अपनी ओर भींच लिया।
“विजय… आह्ह्ह्ह विजय… ” मेरा तन जैसे टूटने को था, लगा कि मेरा पानी अब निकल पड़ेगा।
“मेरी नेहाऽऽऽऽऽऽऽ… … मैं भी गया… ” उसका लण्ड जैसे भीतर फ़ूल उठा।
“मेरे राजा… ये आह्ह्ह … हाय बस कर… विजय… ” मेरी चूत पहले तो कस गई, फिर एक तेज मीठी सी उत्तेजना के साथ मेरा पानी छूट पडा। मेरी चूत में मीठी-मीठी लहरें चल पड़ी। मैं झड़ रही थी। उसके मोटे लण्ड ने भी एक फ़ुफ़कार सी भरी और चूत के बाहर आ गया। विजय ने अपने हाथो से लण्ड को बेदर्दी से हाथ से दबा डाला और उसमें से एक मधुर पिचकारी उछाल मारती हुई निकल पड़ी… कई शॉट्स में लण्ड अपना वीर्य मेरे पर निछावर करता रहा। मैंने वीर्य को अपनी चूचियों पर व नाभि पर मल लिया। कुछ ही देर में वीर्य ने मेरे जिस्म पर एक सूख कर एक पर्त बना ली। यह मेरी चिकनी और नर्म चूचियों के लिये एक फ़ेस पेक की तरह था।
मेरा दिल अब विजय से बहुत लग चुका था। शायद मैं उसे प्यार करने लगी थी। हम लगभग रोज ही मिलते थे और बिस्तर में घुस कर खूब प्यार करते थे, चुम्मा-चाटी करते थे। दोनों के शरीर गरम भी हो जाते थे। फिर मन करता तो अपने शरीर एक दूसरे में समा भी लेते थे। मैं मस्ती से चुद लेती थी।
फ़िर एक दिन मैं जब सवेरे विजय के यहाँ गई तो वहाँ उसका एक दोस्त और था। मैं उसे नहीं जानती थी… पर वो मुझे जानता था। उसने अपना नाम प्रफ़ुल्ल बताया था, पर लोग उसे लाला कहते थे। मुझे वहाँ रोज आता देख कर वो भी विजय के यहाँ आने लगा था। शायद वो मेरे कारण ही आता था। धीरे धीरे वो भी मेरे दिल को छूने लगा था लेकिन लाला के कारण हमारा खेल खराब हो चला था।
एक दिन शाम को विजय मेरे घर आ गया…
मेरे घर में एकांत देख कर उसने राय दी कि यहाँ मिलना अच्छा रहेगा। पर हमें जगह तो बदलनी ही थी, उसके घर के आस पास वाले अब हम दोनों के बारे में बातें बनाने लग गये थे।
अब हम दोनों मेरे ही घर पर मिलने लगे थे। पर मुझे लाला की कमी अखरने लग गई थी तो उसे मैंने पार्क में ही मिलने को कह दिया था। अब हम तीनों ही पार्क में जॉगिंग किया करते थे। मैं लाला से भी चुदना चाहती थी… मेरी दिली इच्छा थी कि दोनों मिल कर मुझे एक साथ चोदें।
यहाँ से अब लाला की कहानी भी शुरू होती है। मेरी फ़ुद्दी रह रह कर उसके नाम के टसुए बहा रही थी। वैसे भी जिसके साथ भी मेरी दोस्ती हो जाती थी, वो मुझे भाने लगता था और स्वयमेव ही चुदाने की इच्छा बलवती होने लगती थी।
मैं विजय की गोदी में बैठी हुई थी, एक दूसरे के अधरों को रह रह कर चूम रहे थे। विजय का लण्ड मेरी चूतड़ों की दरार में फ़ंसा हुआ था। मैं लाला को पटाने का माहौल बना रही थी। मैंने उसी को आधार बना कर वार्ता आरम्भ की।
“विजय कभी तुम्हारी इच्छा होती है कि दो दो लड़कियों को एक साथ बजाओ?” मैंने बड़े ही चालू तरीके से पूछा।
“सच बताऊँ, बुरा तो नहीं मानोगी… ? इच्छा किसकी नहीं होती एक साथ दो लड़कियों को चोदने की, मुझे भी लगता है दो दो लड़कियाँ मेरा लण्ड मसलें और मुझे निचोड़ कर रख दें… मेरा जम कर पानी निकाल दें…”
“आ… आ… बस बस… सच कहते हो… मेरी सहेली पूजा को पटाऊँ क्या? साली की चूत का भोंसड़ा बना देना !” उसे लालच देती हुई बोली।
“यह पूजा कौन है? उसे भी जोगिंग के लिये ले कर आओ… फिर तो पटा ही लेंगे दोनों मिल कर… फिर देखो कैसे उसकी पूजा करते हैं !”
“कितना मजा आयेगा, हम दोनों मिल कर तुमसे प्यार करेंगे और फिर तुम्हारा माल निकालेंगे… फिर देखो मुझे चूतिया बना कर गोल मत कर देना?”
“अच्छा ! तुम बताओ… तुम्हें अगर दो दो मस्त लण्ड मिल जायें तो… बहुत बड़ी-बड़ी बातें करती हो…”
“हटो, मेरी ऐसी किस्मत कहाँ है… एक तो तुम ही बड़ी मुश्किल से मिले हो… दूसरा लौड़ा कहाँ से लाऊँ?” मैंने बड़ी मायूसी से कहा।
मैं तो लाला की बात कर रहा हूँ… उसकी नजर तो तुम पर है ही ! हो गये ना हम दो… ” यह सुन कर मेरा मन खुशी से भर गया।
“अरे नहीं रे… मैं तुम्हारा दिल नहीं दुखाना चाहती हूँ…।” मैंने विजय को चूमते हुये उसे अपनी बातो में ले लिया और उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी।
“नेहा, तुम कोई मेरी बीवी तो हो नहीं, अगर तुम साथ में लाला से भी मजे ले लो तो मेरा क्या जाता है… बल्कि तुम्हें तो दो दो लौड़ों का मजा ही आयेगा ना?” वो मुझे समझाने लगा।
“सच विजय, यू आर सो लवली, सो स्वीट… मैं भी पूजा को ले आऊँगी… तुम उससे मजे लोगे तो सच में मुझे भी बहुत अच्छा लगेगा।” पूजा मेरी नौकरानी थी, मैंने सोचा उसे जीन्स पहना कर कॉलेज गर्ल बना कर विजय से चुदवा दूंगी।
अब हम दोनों प्यार करते जा रहे थे और लाला को पटाने की योजना बनाने लगे।
सोच समझ कर हमने आखिर एक योजना बना ही डाली। इसमे विजय भी मेरी मदद करेगा। मेरा दिल खुशी के मारे उछलने लगा। लाला और विजय का लण्ड अब मुझे एक साथ मेरे जिस्म में घुसते हुये महसूस हुए। मैंने जोश में उसका लण्ड अपनी गाण्ड में घुसा लिया। उस दिन मैंने अपनी गाण्ड खोल कर विजय से मन से चुदाया।
मुझे चोद कर विजय चला गया। शाम को पूजा को मैंने विजय की बात बताई। पूजा बेचारी रोज छुप छुप कर मुझे चुदते देखती थी, वो सुन कर खुश हो गई। मैंने विजय को मोबाईल पर फ़ोन करके शाम को बुला लिया और उसे पूजा से मिलवा दिया।
“विजय यह मेरी खास सहेली है… इसे जरा मस्ती से चोदना… बेचारी बहुत दिनों से नहीं चुदी है…देखो, कहीं यह बदनाम ना हो जाये…”
“नेहा… यह मेरी भी खास बन कर ही रहेगी… पूजा आओ, बन्दा आपको आपको सिर्फ़ आनन्द ही आनन्द देगा।”
मैं उन दोनों को अपने बेडरूम में ले गई और कमरा बाहर से बन्द कर दिया। कुछ ही देर में अन्दर से सिसकियाँ और आहें भरने की उत्तेजनापूर्ण आवाजें आने लगी। मैंने अपनी चूत दबा ली और रस को अपने रूमाल से पोंछने लगी।
करीब आधे घण्टे के बाद उन्होंने बाहर आने के लिये दरवाजा खटखटाया। मैंने दरवाजा खोल दिया। पूजा की आँखें वासना से लाल थी, जुल्फ़ें उलझी हुई थी, जीन्स भी बेतरतीब सी थी, टॉप चूचियों पर से मसला हुआ साफ़ नजर आ रहा था, साफ़ लग रहा था कि उसकी मस्त चुदाई हुई है।
विजय भी मुस्कराता हुआ बाहर आया जैसे कि किसी कि कोई मैदान मार लिया हो। मैंने पूजा को चूम लिया।
“बेबी… मस्ती से चुदी है ना… तेरा चेहरा बता रहा है कि मजा आया है… अब तू जा… जब मन करे चुदने का तो विजय को बुला लेना !”
एक तीर से दो काम करने थे मुझे। विजय यूँ तो मुझे चोदता ही… मेरे पति के आने पर पूजा को मेरी जगह चोदता… तब मैं सुरक्षित रहती।
आज तो दिन को ही लाला विजय के यहाँ आ गया था। उसे पता था कि वो थोड़ी देर में मेरे घर जायेगा। मुझ तक पहुँचने के लिये उसे विजय की चमचागिरी तो करनी ही थी ना।
“लाला, भोसड़ी के ! एक बात बता… तुझे यह नेहा कैसी लगती है?” विजय अपनी लड़कों वाली भाषा का प्रयोग कर रहा था।
“जवानी की जलती हुई मिसाल है… मुझे तो बहुत प्यारी लगती है… चालू माल है क्या?”
“एक बात है यार… मुझे भी वो मस्त माल लगती है… तू कहे तो उसे पटायें…”
“कह तो ऐसे रहा है जैसे कोई लड्डू है जो खा जायेगा… दोस्त है, दोस्त ही रहने दे… कहीं दोस्ती भी हाथ से ना निकल जाये?”
“कब तक यार उसे देख देख कर मुठ मारेंगें … कोशिश तो करें… अगर पट गई तो दोनों मिल कर साली को चोदेंगें।”
“चल मन्जूर है, देख अपन साथ ही चोदेंगे… देख विजय … मुझे धोखा ना देना…यार देख मेरा तो लण्ड अभी से जोर मार रहा है।”
मुझे विजय का फोन आया कि लाला मुझे चोदने के लिये तड़प रहा है। मुझे अब लाला से चुदने की तैयारी करनी थी। मैंने पलंग को एक कोने में कर दिया और जमीन पर मोटा गद्दा डाल दिया। जमीन पर बिस्तर पर खुल कर चुदा जा सकता था।
जैसे ही बाहर दो मोटर साईकल रुकी, मेरा दिल धड़क उठा। मैंने बाहर झांक कर बाहर देखा। विजय और लाला ही थे। दोनों आपस में कुछ बाते कर रहे थे। तभी मेरे मोबाईल पर विजय का मिसकॉल आया। यह विजय का इशारा था। मेरा दिल अब जोर जोर से धड़कने लगा था। मुझे पसीना आने लगा था।
दोनों अन्दर आए तो मैं लाला को देख कर बोली- अरे तुम कैसे आ गए?
विजय बोला- मैं ले आया इसे अपने साथ ! तुझे चोदना चाहता है !
लाला कभी विजय को तो कभी मुझे देख रहा था हैरानी से कि विजय कैसे खुल्लमखुल्ला बोल रहा है।
लाला को इस तरह अपनी ओर देखते हुए विजय बोला- क्या देख रहा है बे? मैं तो इसे कई बार चोद चुका हूँ। और इसी साली ने तो मुझे कहा था कि दो लण्ड एक साथ लेना चाहती है तो मैं तुझे पट कर ले आया। तेरी नजर भी तो थी ही ना इस पर !
मैं शरमाते हुए बोली- विजय, क्या बकवास कर रहे हो?
मुझे नहीं पता था कि विजय इस तरह मेरी पोल खोल देगा।
लाला ने आगे बढ़ कर मुझे दबोच लिया।
“लाला… अरे… दूर हटो… क्या कर रह हो?” पर सच कहूँ तो मुझे स्वयं ही इसकी इच्छा हो रही थी।
“तेरी माँ दी फ़ुद्दी… ऐसी मस्त गाण्ड और चूत कहां मिलेगी !” लाला जैसे अपना आपा खो चुका था। उसके अंग अंग फ़ड़क उठे। मेरे स्तन उसने मसल दिये। उसने मुझे अपनी बाहो में उठा कर नीचे गद्दे पर पटक दिया, मेरे ऊपर आकर मुझे दबा लिया, उसके शरीर का दबाव मुझे बड़ा मोहक लगा।
“साली की मस्त चूत चोद डालूँगा !” वो बड़ी कुटिलता से मुस्करा कर अपनी पैन्ट खोल रहा था जैसे मैदान मार लिया हो।
इतने में विजय को पुकारते हुए मैं बेशरमी से बोली- विजय, मुझे बचा लो… देखा लाला मुझे चोदने पर तुला है…
लाला मेरी मैंने विजय को आँख मारी। विजय ने मेरी मैक्सी उठाते हुए मेरे गले से निकाल कर फ़ेंक दी। अन्दर मैंने कुछ पहना ही नहीं था तो मैं अब मादरजात नंगी हो गई थी।
“साली को छोड़ूंगा नहीं… मां कसम चिकनी है… चूत मारने में बहुत मजा आयेगा।”वो वासना में जैसे उबल रहा था।
मैं अभी भी नखरे दिखाने को मचल रही थी जैसे उससे छूटना चाह रही हूँ। तभी विजय ने मेरी टांगे पकड़ ली और दोनों ओर खींच कर मेरी चूत भी खोल दी। मैंने भी चूत अपनी फ़ाड़ कर खोलने में सहायता की।
“विजय तुम भी… हाय अब क्या करूँ… लगता है मेरी फ़ुद्दी की मां चोद देंगे।”
“विजय बोला- भोसड़ी की मस्त माल है , जरा जम के चोद डाल इसे… फिर मैं भी इसकी चोदूँगा।
“थेंक्स विजय… मेरे दोस्त… मुझे नेहा जैसा मस्त माल को चोदने में मेरी मदद की… भेन दी लण्ड !”
तभी लाला का फ़ौलादी लण्ड मेरी चूत में घुस पड़ा। मेरे मुख से आह्ह निकल गई। मैंने धीरे से विजय को आंख मार दी।
“लाला। मर गई … हाय राम… ये क्या किया तूने… अब तो छोड़ दे… घुसेड़ दिया रे !” और मैंने लाला की बाहे अब जकड़ लिया। मस्ती से मेरे दांत भिंच गये।
विजय ने भी अपने कपड़े उतार लिये और लण्ड मेरे मुख के समीप ले आया,”चल चूस ले मां की लौड़ी … जरा कस कर चूसना… निकाल दे मेरा माल …”
“दोनों साले हरामी हो… देखना भेन चोदो… तेरे लण्ड का भी पानी ना निकाल दूं तो कहना !” मेरे मुख से भी जोश में निकल पड़ा।
“यह बात हुई ना… मादर चोद … रण्डी… छिनाल साली… तेरी तो आज फ़ोड़ के रख देंगे।” उसकी गालियाँ मेरी उत्तेजना बढ़ा रही थी। मुझे किसी ने आज तक ऐसी मीठी मीठी… रसभरी गालियाँ देकर नहीं चोदा था। विजय का मस्त लण्ड मेरे मुखद्वार में प्रवेश कर चुका था। आज मेरे दिल की यह इच्छा भी पूरी हो रही थी- दो दो जवान चिकने लौंड़ो से लण्ड लेने की इच्छा…।
किसकी किस्मत में होता है भला दो दो लण्ड से एक साथ चुदाना। मुझे पता था कि अब मेरी आगे और पीछे से जोरदार चुदाई वाली है। लाला का लण्ड मेरी चूत को चीरता हुआ गहराई में बैठता जा रहा था। मेरी सिसकियाँ निकल रही थी। दुसरी और विजय का लण्ड मुख को चोदने जैसा चल रहा था। मैंने विजय को बेकरारी में आँख मारी… वो समझ गया।
“लाला, इस मां की लौड़ी को अपने ऊपर ले ले… मैं भी जरा प्यारी सी नेहा की गाण्ड बजा कर देखूँ !” मैं विजय की बात पर मुस्करा उठी। लाला ने मुझे दबा कर पलटी मार दी और मै उसके ऊपर आ गई… मैंने लाला के लण्ड पर जोर मार कर फिर से उसे चूत में पूरा घुसा लिया और अपने चूतड़ खोल दिये। मेरा शरीर सनसना उठा कि अब मेरी गाण्ड भी चूत के साथ साथ चुदने वाली है।
तभी मेरी चिकनी गाण्ड में विजय का लौड़ा टकराया। मैं लाला से लिपट पड़ी।
“लाला देख ना विजय ने अपना लौड़ा मेरी गाण्ड में लगा दिया है… क्या यह मेरी गाण्ड मारेगा?”
“देखती जाओ, मेरी छम्मक छल्लो … हम दोनों मिल कर तेरी क्या क्या मारते हैं… भोसड़ी की… चूतिया समझ रखा है? क्या तू बच जायेगी… साली को फोड़ के नहीं रख देंगे।”
“अरे जा… बड़ा आया चोदने वाला… हरामी का लण्ड तो खड़ा होता नहीं है… बाते बड़ी बड़ी करता है।”
“विजय… गण्डमरी को छोड़ना नहीं… दे साली की गाण्ड में लौड़ा…” विजय तो जानता था कि मैं जोरदार चुदाई चाहती हूं, इसलिये मैं लाला को भड़का रही हूँ।
विजय का लण्ड भी मेरी गाण्ड में घुसता चला जा रहा था। आह्ह्ह्…… मस्त दो दो लण्ड… कैसा अद्भुत मजा दे रहे थे। मुझे आज पता चला कि चूत और गाण्ड के द्वार एकसाथ कैसे खुलते है और लण्ड झेलने में कितना मजा आता है। मेरी अन्तर्वासना की सखियो … मौका मिले तो जरूर से दो दो लण्डों का आनन्द लेना।
आह्ह्ह रे दोनों लण्ड का अहसास… मोटे मोटे अन्दर घुसते हुये … मां री … मेरा जिस्म आनन्द से भर गया। पूरे शरीर में मीठी सी लहर उठने लगी। मेरे कसे हुये और झूलते हुये स्तन विजय ने पीछे से थाम लिये और दबा लिये।
मेरी स्थिति यह थी कि मैं अपने चूतड़ दोनों ओर से दबे होने कारण उछाल नहीं पा रही थी। अन्ततः मैं शान्ति से लाला पर बिछ गई और बस दोनों ओर से लण्ड खाने का आनन्द लेने लगी। कैसा अनोखा समा था। दोनों के लण्ड टनटना रहे थे…फ़काफ़क चल रहे थे… मैं दोनों के मध्य असीम खुशी बटोर रही थी। मन कर रहा था कि ऐसी मस्त चुदाई रोज हो। हाय रे… मेरी चूत और गाण्ड दोनों ही चुद रही थी … ईश्वर से प्रार्थना कर रही थी कि काश यह लम्हा कभी भी खत्म ना हो बस जिन्दगी भर चुदती ही रहूँ।
तभी विजय के मुख से कराह निकली और उसका वीर्य गाण्ड की कसावट के कारण रगड़ से निकल पड़ा। उसने अपना लण्ड बाहर निकाला और बाकी बचा हुआ वीर्य लण्ड मसल मसल कर निकालने लगा। तभी दोनों ओर की चुदाई के कारण मैं अतिउत्तेजना का शिकार हो गई और मेरा रज भी छूट गया। मैं झड़ने लगी थी। कुछ ही पल में लाला भी झड़ गया। मेरी चूत के आस पास जैसे लसलसापन फ़ैल गया, नीचे गंगा जमुना बह निकली। मैं लाला के ऊपर पड़ी हुई थी। विजय उठ कर खड़ा हो गया था और मेरे चूतड़ों को थपथपा रहा था।
कुछ ही समय के बाद हम अपने कपड़े पहन कर सोफ़े पर बैठे हुये चाय पी रहे थे।
लाला आज बहुत खुश था कि आज उसे मुझे चोदा था। ये कार्यक्रम मेरा मस्ती से छः महीनो तक चलता रहा। पूजा अब लाला से भी चुदवाने लगी थी। तभी कनाडा से सूचना आई कि मेरे पति दो दिन बाद घर पहुंच रहे हैं।
मैंने विजय और लाला को इस बारे में बताया कि अब ये सब बन्द करते है और मौका मिलने पर फिर से ये रंग भरी महफ़िल जमायेंगे। पर हां जोगिन्ग पार्क मे हम नियम से रोज मिलेंगे। पूजा दोनों के लण्ड शान्त करती रहेगी। वो उदास तो जरूर हुये पर पूजा ही अब उनका एक सहारा था। पूजा भी बहुत खुश नजर आ रही थी कि अब उसकी चुदाई भरपूर होगी…अपनी लाल चड्डी भी उतार दी। विजय तो पहले ही नंगा था, उसका लण्ड तन्ना रहा था, चोदने को बेताब था…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#38
गर्मी की दोपहर में भाभी की मस्त चोद डाला
मेरा नाम मुख़्तार है, मेरी उम्र 23 साल है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। यह कहानी जो मैं लिख रहा हूँ, सिर्फ दो महीने पहले की है। मेरी खाला (मौसी जी) के लड़के की नई-नई शादी हुई, तो मम्मी ने उन्हें कुछ दिनों के लिए घर पर बुला लिया।
हम बहुत खुश हुए क्योंकि घर में नई-नई भाभी जो आई हैं। वो बहुत सेक्सी थीं और उनका फिगर 28-24-30 का था।

एक दिन मैं और भाभी बात कर रहे थे, भाभी भी मुझ में मज़ा ले रही थीं तो बात करते-करते मेरा हाथ उनके पेट पर चला गया, उन्होंने मेरी तरफ देखा और कुछ नहीं कहा।
मुझको अजीब से करंट लगा, पर मैं बात करता रहा, मुझे ऐसा महसूस हुआ कि भाभी को मेरी जरुरत है।
फिर वो अपने घर चली गईं। वो भी दिल्ली में रहती हैं। कुछ दिनों बाद मैं उनके घर गया और सप्ताह में एक दिन ज़रूर जाने लगा।
मैं कभी फल कभी मिठाई ले कर ज़रूर जाता। इस तरह मैं हमेशा फ़िराक में रहता था कि कभी तो भाभी खाली हों और घर पर कोई न हो।
इस तरह समय गुजरता गया। दो महीने पहले की बात है, मैं भाभी से के घर गया तो देखा की घर पर कोई नहीं है, भाभी घर पर अकेली थीं।
मैं बहुत खुश हो गया, मुझे लगने लगा कि आज ऊपर वाला मेहरबान है।
हम बात करने लगे। मन तो कर रहा था कि चोद डालूं साली को… पर भाभी होने के कारण डर रहा था।
बात करते-करते कब दोपहर हो गई, पता ही नहीं चला। अब भाभीजान मेरी जांघ पर अपना सर रख के लेट गईं, बस मुझे लगा मुझको चूत मिल गई।
फिर कुछ देर बाद भाभी ने बोला- मैं गेट की चिटकनी लगा आऊँ दोपहर में मालूम नहीं पड़ता कि बाहर क्या हो रहाहै, कौन आ जा रहा है।
वो चिटकनी लगा कर आईं और बोलीं- कुछ देर सो जाओ।
भाभी सो गईं पर मुझको क्या सोना था, मैं भाभी को देख रहा था, मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी कि कुछ करूँ, पर हिम्मत करके मैंने उनके पेट पर हाथ रख दिया।
उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। फिर धीरे-धीरे मैंने उनके मम्मों पर अपना हाथ फेरा।
मेरे पूरे शरीर में कंपकपी सी हो रही थी।
फिर मैंने उनके आमों को दबाना शुरु किया, भाभी अचानक उठीं और ज़ोर से बोलीं- मुख़्तार, यह क्या कर रहे हो, चुपचाप सो जाओ..!
मुझसे कह कर उन्होंने अपने आँचल को और हटा कर फिर सो गईं।
हालांकि मैं बुरी तरह डर गया था, पर उनके मस्त आमों को देख कर मुँह में पानी आ रहा था सो कुछ देर कुछ नहीं किया, फिर शुरु हो गया।
अबकी बार भाभी ने कुछ नहीं कहा। मैंने उनके होंठों पर अपना होंठ रख दिए और ज़ोर-ज़ोर से चूमने लगा। उनके होंठ इतने प्यारे थे कि कुछ और करने का मन ही नहीं कर रहा था।
धीरे-धीरे भाभी गरम होने लगी और मुझसे भी ज्यादा ज़ोर-ज़ोर से होंठ चूस रही थी।
फिर मैंने उनका ब्लाउज खोला और अन्दर से फड़फड़ाते हुए वक्षों को ब्रा से आजाद कर दिया। कभी मम्मों को दबाता तो कभी उन्हें पीता, फिर मैंने भाभी की साड़ी को उतार दिया और वो बस चड्डी में रह गई थीं।
मैंने पहली बार उनकी चूत का दर्शन किया और अपने होंठों से चाटने लगा जैसे कोई आइसक्रीम चाट रहा हो। फिर क्या था भाभी ज़ोर-ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगीं।
मैं तो चूत चाटने में मस्त था, भाभी के चेहरे से लग रहा था कि भाभी को मुझसे ज्यादा आनन्द आ रहा है।
फिर अचानक उन्होंने मुझे हटा दिया और मेरे कपड़े उतारने लगीं। मेरा लंड को देख कर वो हैरान हो गईं।
पौने सत इन्च लंबा लंड मानो उन्होंने पहली बार देखा हो और वे लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं।
मेरा मज़ा बहुत ज़ल्दी निकल आया और मैंने उनके मुँह में ही वीर्यपात कर दिया।
फिर थोड़ी देर बाद मैंने उनकी चूत में अपना लंड डाला और मेरी तो डालने में ही फट गई थी, उनकी चूत इतनी टाइट थी कि लंड छिल गया था।
मैं हल्के-हल्के धक्के मार रहा था, फिर अचानक भाभी ज़ोर-ज़ोर से ऊपर उठने लगीं और मैंने कई स्टाइल से भाभीजान की चूत मारी।
भाभी मुझसे पहले रस निकाल चुकी थीं।
बाद में मेरा भी निकल गया और भाभी के ऊपर ही लेट गया। थोड़ी देर बाद मैं उठा और चला गया।
उस दिन से भाभी मेरी दीवानी सी हो गईं, अब वो मुझे हमेशा चुदाई के लिए बोलती हैं और मैं भी मौका देख कर आराम से मजा करता हूँ।
मेरे भाई को भी अभी तक नहीं मालूम है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#39
दीदी की सहेली पिंकी को चोदा
मैं दीदी को कई बार चोद चुका था। एक दिन दीदी को मैं अपनी बाईक पर ले जा रहा था, दीदी को बाजार जाना था। रास्ते में दीदी ने एकदम से मुझसे बोला- राज जरा बाईक रोक…
मैंने बाईक रोक दी, दीदी एकदम चिल्लाईं- पिंकी..!
मैंने देखा सड़क की दूसरी तरफ़ एक लड़की खड़ी है। दीदी उसके पास जाकर उसके गले मिलीं और उससे बात करने लगीं।

मैं दूसरी तरफ़ बाईक के पास खड़ा था। वो शादीशुदा थी, उसने लाल रंग का सलवार-सूट पहन रखा था। दूर से ही एकदम मस्त लग रही थी।
कुछ देर में दीदी उससे बात करके आईं और बोलीं- चल…
मैंने बाईक चालू की और हम चल दिए। दीदी ने बाजार से अपनी जरुरत का सामान लिया और हम घर आ गए।
रास्ते में मैंने दीदी से पूछा- दीदी वो लड़की कौन थी?
दीदी बोलीं- वो पिंकी थी.. मेरी कॉलेज की सहेली..
मैंने कहा- इतनी मस्त!!
दीदी बोलीं- उसकी कुछ ही महीने पहले शादी हुई है और उसका पति आर्मी में है।
बातों-बातों में हम घर आ गए।
दोस्तो, रात को मेरा लन्ड चुदाई के लिए फ़नफ़नाने लग जाता है। पापा और मम्मी अपने कमरे में सो रहे थे और हम तीनों भाई और दीदी अपने लड़के को लेकर एक अलग कमरे में लेटते हैं।
मैंने रात को दीदी को आहिस्ता से जगाया और ऊपर छत पर चलने के लिये इशारा किया और मैं ऊपर चला गया।
कुछ देर में दीदी भी छत पर आ गई और हम एक-दूसरे को चूमने लगे। दीदी मेरे लन्ड को निक्कर के ऊपर से ही मसल रही थी।
यह हमारा रोज का काम था।
मैं दीदी के होंठ चूस रहा था, मैंने दीदी की मैक्सी को ऊपर उठा कर दीदी को दीवार के सहारे खड़ा कर लिया और मैं दीदी की गाण्ड को चौड़ा करके गाण्ड को चाटने लगा।
मुझे दीदी की गाण्ड चाटने की तो जैसे लत ही लग गई है। दीदी मेरे सिर के बालों को पकड़ कर अपने गाण्ड के छेद को चटवा रही थी। जब मैं दीदी की गाण्ड चाट रहा था तो मुझे दीदी की दोस्त पिंकी की याद आई।
मैंने दीदी से बोला- दीदी आपकी सहेली पिंकी बहुत मस्त है, उसको मैंने जब से देखा है मुझे उसकी गाण्ड ही नजर आ रही है… दीदी किसी तरह उसकी गाण्ड चटवा दो।
दीदी बोली- अभी तू मुझे तो चोद… उसकी बात बाद में करना।
मैंने दीदी को खूब चोदा दीदी की चूत को भी चाटा। दीदी ने मेरे लन्ड को भी मस्त चूसा। फ़िर हम कमरे में आकर सो गए।
अगले दिन रविवार था, सब लोग घर पर ही थे।
दोपहर में सब एक कमरे में सो गए और मैं और दीदी टेलीविजन देख रहे थे।
मैंने दीदी से कहा- दीदी… आप से मैंने रात में आपकी सहेली पिंकी के बारे मे कुछ कहा था?
दीदी ने कहा- राज, देख में उससे बात करती हूँ अगर उसने मना कर दिया या कुछ उल्टा हुआ तो फ़िर तू देख लियो।
मैंने कहा- दीदी, आप पहले किसी और तरीके से बात करना अगर आपको लगे कि बात बन सकती है तो ही आगे बात करना… वरना मत करना।
दीदी ने उससे उसका फ़ोन नम्बर ले लिया था मैंने कहा- आप उसे फ़ोन करो।
दीदी ने पिंकी को फ़ोन किया और कहा- पिंकी कल में तुझसे मिली, पर तुझसे बातों-बातों में तुमसे ये पूछना तो भूल ही गई कि तुम कहाँ रह रही हो।
पिंकी ने बताया कि वो और उसकी सासू गाजियाबाद में विजय नगर में एक फ्लैट में रहते हैं और उसने कहा- कभी आओ।
दीदी ने कहा- कभी गाजियाबाद आना होगा तो आऊँगी।
उन्होंने बात करने के बाद फ़ोन काट दिया।
दीदी बोली- किसी दिन चलना उसके घर… तब बात करते हैं।
मैं दीदी के होंठों को चूम कर बोला- शुक्रिया दीदी।
फ़िर एक दिन हम गाजियाबाद गए, दीदी ने मुझ से कहा- तू शिप्रा मॉल चला जा और मैं जब तक फ़ोन ना करूँ, तब तक मत आना।
मैंने कहा- दीदी मैं आपके साथ क्यों नहीं चल सकता?
दीदी ने कहा- मेरे दिमाग में एक योजना है तू समझा कर।
मैं चला गया। मैंने मॉल में जा कर थोड़ा घूमा। करीब दो घन्टे के बाद दीदी का फ़ोन आया और मैं दीदी की बताई जगह पर पहुँच गया। मैंने दीदी से पूछा- क्या हुआ?
दीदी बोली- घर चल… काम हो गया, पर घर चल कर बताऊँगी।
मैं बहुत खुश हुआ और दीदी को घर ला कर दीदी से पूछा- बताओ न क्या हुआ.. दीदी कैसे बात की आपने?
दीदी ने बताया- उसका पति फ़ौज में है और शादी को आठ या नौ महीने हुए हैं। इन महीनों में वो सिर्फ़ दो बार ही घर आया है। जब बातों-बातों में मैंने उससे पूछा कि सेक्स का दिल नहीं करता.. तो उसने कहा कि यार मैं कर ही क्या सकती हूँ इतना तो सब्र करना ही पड़ता है। मैंने कहा मुझ से तो नहीं होता मैं तो घर वाला नहीं तो बाहर वाला। तो वो बोली क्या मतलब, मैंने कहा कि जब वो कुछ दिनों के लिए कहीं जाते हैं तो मैं तो कालबॉय बुला लेती हूँ, तो वो बोली कि यार ये तो गलत है तो मैंने बोला कि यार हमारी सोसायटी में तो यही होता है और किसी को पता भी नहीं चलता।
मैं बोला- फ़िर दीदी?
तो दीदी बोली- काफ़ी देर बाद साली ने बोला कि तू किसे बुलाती है, तब मैंने उसे तेरा नम्बर दिया है और सुन तू उसे अपना नाम राहुल बताइयो।
मैंने कहा- ठीक है दीदी।
दोस्तो, उसका कई दिनों में फ़ोन आया, उसने पूछा- आप राहुल बोल रहे हो?
मैंने कहा- हाँ.. जी, बोलो.. मैं राहुल ही बोल रहा हूँ.. बोलो?
वो बोली- मुझे आप की सर्विस लेनी है।
मैं बोला- हाँ जी, आप अपना नाम और पता बताओ और आप को कब सर्विस लेनी है?
मैं भी सब योजना के अनुसार किया हुआ ही बोल रहा था जो दीदी ने मुझे समझाया था।
उसने मुझे मंगलवार को बुलाया, उसने बोला कि मैं उसके घर ठीक दोपहर को बारह बजे पहुँच जाऊँ।
उसका फ़ोन रविवार को आया था और मुझे एक दिन काटना भारी हो गया।
मैं मंगलवार को ठीक बारह बजे उसके घर पहुँच गया।
मैंने दरवाजे को खटखटाया तो एकदम से एक आवाज आई- रुको आती हूँ!
दरवाजा खुला तो मेरे सामने दीदी की वही दोस्त पिंकी थी।
उस दिन मैंने उसे दूर से देखा था और आज वो मेरे एकदम सामने थी। क्या गजब की बला थी.. एकदम दूध की तरह गोरी.. उसने काले रंग की कुर्ती और नीचे जीन्स पहनी हुई थी। उसके चूतड़ों का साईज और चूची का साईज एकदम आयशा टकिया की तरह था।
मैं तो उसे देख कर वहीं दरवाजे पर ही खड़ा रह गया, एकदम उसने कहा- हैलो राहुल… अन्दर आ जाओ।
मैं अन्दर आ गया।
उसने कहा- घर तलाशने में कोई दिक्कत तो नहीं हुई?
मैंने कहा- नहीं।
फ़िर उसने कहा- आज मेरी सासू माँ जी कहीं गई हैं और वो रात को ही आएंगी। मैं एक हाऊस-वाईफ़ हूँ और आप एक कॉल-बॉय हैं तो आप अपनी फीस सर्विस के बाद लेना।
मैं उसकी बात सुनकर सोफ़े से उठा और उसको पकड़ कर बोला- ठीक है..
मैंने उसके होंठों को मुँह में भर लिया।
उसने मुझ से कहा- पहले आप कुछ चाय वगैरह तो ले लो।
मैंने कहा- सब बाद में।
मैं उसके होंठों को चूसने लगा वो भी मेरा साथ दे रही थी।
थोड़ी देर में उसने कहा- अन्दर कमरे में चलो… और आज मुझे इतना प्यार करो राहुल कि मैं आपको भूल ना पाऊँ।
मैंने उसे गोद में उठाया और कमरे में बिस्तर पर लिटा दिया। मैंने उसको लिटा कर उसके होंठों को प्यार से पिया… उसके होंठ एकदम लाल थे, उन्हें चूसने का मजा और उसके जिस्म की महक एकदम मुझे मदहोश कर रही थी।
एक हाथ से मैं कुर्ती के ऊपर से ही उसके चूचे दबा रहा था… एकदम टाईट दूध थे, पिंकी भी मेरा साथ दे रही थी।
हम दोनों सातवें आसमान पर थे।
मैंने उसकी कुर्ती को निकाल दिया, अन्दर गुलाबी रंग की ब्रा पहनी हुई थी, मैंने पिंकी को बहुत चूसा, कभी उसके गाल, कभी होंठ तो कभी गरदन पर चुम्बन… माहौल गर्म था।
उसने मेरी शर्ट को निकाल दिया, थोड़ी देर में ही हम दोनों नंगे थे।
मैंने उससे कहा- पिंकी, आप मेरा लण्ड चूसो।
तो उसने मना कर दिया- नहीं.. मुझे लण्ड नहीं चूसना।
मैंने ज्यादा नहीं बोला और उसके पैरों के बीच आ गया। मैंने उसके पैरों को फैला कर उसकी एकदम साफ़ चूत पर अपने होंठ लगा दिए और चूत को चाटने लगा, चूत रसीली हो रही थी, मैंने चूत को मुँह में भर कर खूब चूसा।
दोस्तों मुझे चूत का नमकीन सा स्वाद बहुत मस्त लगता है। मैंने चूत को करीब दस मिनट तक चूसा। कभी जीभ को चूत के अन्दर, कभी चूत के दाने को मुँह में भर कर, कभी कुत्ते की तरह चाटा।
इस दौरान पिंकी एक बार झड़ चुकी थी।
फ़िर उसने कहा- अब अन्दर डालो..
मैंने कहा- पिंकी जी अभी नहीं.. अभी तो चुदाई में बहुत कुछ होना बाकी है।
मैंने पिंकी को नीचे फर्श पर खड़ा किया और एक पैर बिस्तर पर और दूसरा फर्श पर रखा। मैं पिंकी के नीचे बैठ गया और गाण्ड को चौड़ा कर मुँह घुसा दिया और गाण्ड को चाटने लगा।
पिंकी मुझसे बोल रही थी- राहुल, आप मुझे पागल कर दोगे अह्ह अह्ह्ह छ्ह्ह्ह म्म्मऊऊउ ऊऊओआ हाँ चाटो मूऊउ..!
कमरे में एक मधुर आवाज गूँज रही थी। पिंकी बिस्तर पर उलटी लेट गई, पैर नीचे लटका कर और मैं गाण्ड को चाट रहा था। गाण्ड के छेद को चाटता कभी तो कभी जीभ अन्दर डाल देता।
अब मैंने पिंकी को सीधा लिटाया और अपना लण्ड चूत पर लगा कर एक धक्का मारा, पिंकी की चूत कई महीनों से नहीं चुदी थी, इस वजह से पिंकी को थोड़ा दर्द हुआ पर दूसरे धक्के में लन्ड चूत में अन्दर तक चला गया, पिंकी ने मुझे कस कर जकड़ लिया और लण्ड के अन्दर जाते ही दूसरी बार झड़ गई।
पिंकी ने कहा- अब आराम-आराम से चोदो।
मैं मस्ती से चुदाई करने लगा। थोड़ी देर बाद वो भी नीचे से अपनी गाण्ड को हिला-हिला कर चुदवाने लगी। मैंने चुदाई की गति तेज कर दिया इस तरह करीब 20 या 25 मिनट तक चुदाई चली।
जब मेरा निकलने को हुआ तो मैं लण्ड को बाहर निकालने लगा पर उसने मुझे जकड़ लिया और मेरा सारा माल अन्दर ही निकल गया और मेरे साथ ही पिंकी भी तीसरी बार झड़ गई और हम दोनों इसी तरह एक साथ लेटे रहे।
पिंकी मुझे चुम्बन कर रही थी और बोल रही थी- आपने अब तक कितनी लड़कियों को चोदा है?
मैंने कहा- आप से पहले एक को सिर्फ़..!
मेरी बात सुन कर पिंकी चौंक गई और बोली- झूट मत बोलो।
मैंने कहा- कसम से, आप दूसरी हो जिसको मैंने चोदा है।
तो पिंकी ने कहा- मेरी दोस्त को आप कैसे जानते हो?
तो दोस्तो, मैंने उस से झूट बोल दिया कि वो मेरी पहली ग्राहक है।
उस दिन मैंने उस को चार बार चोदा। फ़िर मैं शाम को 7 बजे वहाँ से घर के लिए निकला। जाते समय उसने मुझे 3000 रुपये दिए और मुझे चूम करके विदा किया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#40
बुआ की वासना की आग बुझाई
प्यारे दोस्तो, मैं एक नार्मल सा लड़का हूँ। मेरी उम्र 23 साल है। यह कहानी मेरी और मेरी बुआ की है जिनका एक साल पहले तलाक हो गया था। मेरी बुआ जी दिखने में गोरी, उठे हुए चूतड़ और बदन थोड़ा सा मोटा है, पर दिखने में स्मार्ट हैं। उस टाइम उनकी उम्र 32 साल की रही होगी।
वो मुझे अक्सर चुम्बन कर लेती या मेरी गर्दन में दांत से काट लेती थीं, पर इससे मुझे किसी तरह की कोई प्रॉब्लम नहीं होती थी। जब मैं 23 साल का हुआ तो एक
बार मैं अपनी बुआ से मिलने गया जहाँ पर वो मेरे साथ बाजार की सैर करने के लिए बाइक पर निकलीं। उन्होंने मुझे बड़े प्यार से एक बार नहीं बल्कि कई बार मेरी गर्दन पर दांत से काट लिया और मेरी कमर पर हाथ रख कर अजीब ढंग से बैठी हुई थीं। मुझे बहुत अजीब लग रहा था, पर बहुत मज़ा भी आ रहा था, मेरा दिल धड़क रहा था। हमने शॉपिंग की और घर वापिस आ गए।
रात को मुझे कुछ थकान हो रही थी और जगह न होने की वजह से जहाँ मेरी बुआ अपने दो साल के बेटे के साथ लेटी थीं, मैं वहीं उनके बेड पर ही लेट कर उनसे बात करने लगा। बातें करते-करते बुआ जी और मैं दोनों वहीं सो गए। करीब रात के 3 बजे मेरी आँख खुली तो देखा बुआ जी की का मुँह मेरी ओर था और उनकी गरम साँसें मेरी साँसों से टकरा रही थीं। मेरा दिल जोरों से धड़कने लगा.. मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूँ..! मेरे दिमाग पर काम-वासना हावी हो रही थी।
फिर मैंने बड़ी हिम्मत करके बुआ की कमर पर हाथ रख दिया और सोचने लगा कि शायद उन्हें ये बुरा नहीं लगेगा, पर पता नहीं कैसे बुआ मेरे और नजदीक आ गईं और मेरा लौड़ा ना चाहते हुए भी खड़ा हो गया..! अब मेरा सब्र टूटता जा रहा था और दिल की धड़कनें बढ़ती ही जा रही थीं। मैंने धीरे से अपना हाथ उठा कर उनके मम्मों पर रख दिया और सोचा कि अगर वो अचानक से उठीं तो कह दूँगा कि नींद में था सो पता नहीं लगा। पर ऐसा नहीं हुआ, वो चुपचाप लेटी रहीं और मैं धीरे से उनके मम्मों को मसलने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने महसूस किया कि उनके निप्पल कड़क हो गए हैं ! मेरे दिल ने कहा कि शायद वो यही चाहती हैं और मैं उनके साथ धीरे से आ कर चिपक गया..!
अब मेरा लौड़ा भी खड़ा होकर उनके पेट से टकरा रहा था और मेरी सांसें बिल्कुल उनकी साँसों से टकरा रही थीं। मेरा दिल पागलों की तरह धड़क रहा था। मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उनका सूट ऊपर किया और उनकी कमर पर हाथ रख कर सहलाना शुरू कर दिया। एक हाथ मम्मों पर था और दूसरा हाथ उनकी कमर को सहला रहा था। उनकी साँसे और तेज और गरम होती जा रही थीं। मैंने हिम्मत की और उनकी पजामी का नाड़ा ढीला कर दिया और धीरे-धीरे अपना हाथ उनकी पैन्टी के अन्दर डालने लगा।
मैंने महसूस किया कि वो कसमसा रही हैं और उनकी कमर तेजी से ऊपर-नीचे हो रही थी। शायद वो तड़पने लगी थीं।
जैसे ही मेरे हाथ ने उनके चूत के बालों को छुआ.. बुआ ने मेरे हाथ को अपने हाथों से दबा लिया और मेरे हाथों को रोकने एक नाकाम सी कोशिश करने लगीं। मैं समझ गया कि आग दोनों तरफ लगी है। मैंने धीरे से बुआ का हाथ हटाया और चूत में उंगली डाल दी और अन्दर-बाहर करनी शुरू कर दी। वो तड़पने लगी और अपनी कमर को ऊपर-नीचे करने लगीं। मैं उठ कर बैठ गया और धीरे से उनकी पैन्टी नीचे की और अपनी जीभ उनकी चूत पर लगा दी। वो बच्चों की तरह उछल पड़ीं और अपने दोनों हाथ मेरे सर पर रख कर दबा दिया।मैं पागलों की तरह उनकी चूत चाटता रहा और पता नहीं कब उनका सारा पानी निकल कर मेरे होंठों से टकरा गया।
फिर बुआ ने मुझे अपनी ओर खींच लिया और मेरे साथ जोर से चिपक कर सो गईं। उस रात मैं बुआ को चोद नहीं पाया और बुआ से एक भी लफ्ज़ की बात नहीं हुई। बस आँखों ही आँखों में हम एक-दूसरे को प्यार कर बैठे। उस रात पहली बार किसी लड़की ने मेरा लौड़ा हाथ में ले कर मसला था और मेरा सारा पानी निकाल दिया था। अगले दिन बुआ और मुझे दोनों को ही चुदाई की आग लगी थी। शाम से ही समय नहीं कट रहा था। वो मुझे बड़ी प्यासी नजरों से देखती थीं और मैं उनको भूखी नजरों से देख रहा था, पर न ही मैंने कुछ कहा और न ही उन्होंने मुझसे कुछ कहा।
रात हुई तो मैं खुद ब खुद उनके बेड पर जाकर उनके बगल में लेट गया। जैसे ही उनका बच्चा सोया, वे मेरी तरफ घूम गईं।
मुझे जैसे इसी बात का इन्तजार था। मैंने उन्हें अपनी बांहों में भर लिया और वे भी मेरी महबूबा की तरह मेरे आगोश में खो गईं। धीरे-धीरे कब कपड़ों ने हम दोनों का साथ छोड़ दिया मालूम ही नहीं पड़ा। वासना का झंझावत अपने पूरे चरम पर बह रहा था। कब मेरा हथियार उनकी चिकनी चमेली में पेवस्त हो गया मुझे मालूम ही नहीं पड़ा। दो उन्मत साँडों की तरह लगभग 45 मिनट तक हमारी चुदाई चलती रही और एक साथ कब झड़ गए कोई होश ही नहीं था।
चुदाई के बाद थक कर निढाल हो कर हम दोनों नंगे ही एक-दूसरे से चिपक कर कब सो गए कुछ याद ही नहीं रहा।

उस दिन के बाद से दिन में तो हम जैसे बुआ और भतीजा बात करते हैं और वैसे ही रहते थे, पर रात को हमारा रिश्ता बदल जाता था। मैंने कभी भी अपनी बुआ जी से गन्दी बातें नहीं की, पर अब जब भी मिलने जाता हूँ उनके साथ नंगा सोकर आता हूँ और कई बार रात में 3 या 4 बार चुदाई हो जाती है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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