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Adultery पूर्वी दीदी
#41
...................................
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#42
“आखिर चुद ही गयी तू” मैंने कहा

दीदी ने मुझे पास लिटा लिया। फिर मेरे ओंठ पर अपने सेक्सी ओंठ रखकर चूसने लगी। फिर वो मटक कर चली गयी। दोस्तों मेरे सगे जीजा का मकान अब बन गया था। इसलिए राधा बहन की सुसराल में और दिन नही टिक सका। क्यूंकि अब कोई बहाना ही नही बचा था। इसलिए मैं अपने घर लौट आया। अब उनकी जेठानी यानी की पूर्वी दीदी से मेरा फोन सेक्स शुरू हो गया था। दूसरे ही दिन शाम को उनका काल आ गया।

“कैसे हो??” वो पूछने लगी

“बस ठीक हूँ” मैंने बोला
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#43
NNNNNNNNNNNNNNNNNN
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#44
म्हारा नाम ले लेकर कल की रात गुजार दी। सारी रात चूत में ऊँगली करती रही” पूर्वी दीदी कहने लगी

“क्यों जीजा जी ने नही चोदा” मैं इधर से बोला

“नही। वो 2 मिनट में ही झड़ गये। फिर दूसरी तरफ मुंह करके सो गये। मैं तुम्हारे बारे में सोचती रही” पूर्वी दीदी बोली

“मेरे बारे में या मेरे पहलवान लंड के बारे में??” वो हँसने लगी

इस तरह से हर रात उनके साथ फोन सेक्स होने लगा। कई बार पूरी पूरी रात चुदाई वाली बाते होती थी। कुछ दिन बाद मेर राधा बहन मेरे घर आने वाली थी। उनकी जेठानी यानी पूर्वी दीदी भी राधा के साथ घर आ गयी। अब मेरी फिर से बल्ले बल्ले हो गयी थी। अपने घर में और राधा बहन के सामने उनकी पूर्वी दीदी कहकर बुलाता था जिससे किसी को शक न हो जाए की हमारे बीच चुदाई वाला गरमा गर्म जिस्मानी रिश्ता है। मैं मौका देखने लगा की कैसे पूर्वी दीदी को चोदू। शाम के 4 बजे मेरी दीदी और राधा बहन किसी काम से मार्किट चली गयी। अब मेरे पास सही दांव था। मैं सीधा पूर्वी दीदी के कमरे में चला गया। वो कोई किताब पढ़ रही थी। जाते ही मैंने उनकी किताब को पकड़कर दूर फेका और जाकर चिपक गया।

“क्या कर रहे हो भूपेन्द्र?? किसी ने देख लिया तो??” पूर्वी दीदी घबराकर कहने लगी

“कोई नही है घर में। सब लोग मार्केट गये है। चल जल्दी से कपड़े उतार दे” मैं और

पहले तो हम लोग का किस हुआ। क्यूंकि पूरे 4 महीने बाद पूर्वी दीदी आज मेरी बाहों में थी। पहले तो काफी किस हुआ हम लोगो का। उसके बाद वो अपना ब्लाउस और साड़ी खोलने लगी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#45
[Image: verma-tanvi.jpg]
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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#46
Very small update why?
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#47
Nice story
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#48
सब लोग मार्केट गये है। चल जल्दी से कपड़े उतार दे


(06-02-2020, 05:44 PM)neerathemall Wrote: [Image: verma-tanvi.jpg]

(07-02-2020, 08:12 AM)Shree007 Wrote: Very small update why?
[Image: verma-tanvi-789yy.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#49
welcome
[Image: Trp-List-11.jpg]
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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#50
Bakwas
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#51
(08-02-2020, 04:24 PM)Mamtasingh143 Wrote: Bakwas

thanks for your valuable comments
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#52
(06-02-2020, 05:44 PM)neerathemall Wrote: [Image: verma-tanvi.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#53
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#54
(04-02-2020, 04:44 PM)neerathemall Wrote:
पूर्वी दीदी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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