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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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शादीशुदा बहन का गेट खोला-1
March 10, 2021 HotSexStory.xyz
Shadishuda bahan ka gate khola-1
हैल्लो दोस्तों, में आज आप सभी को अपने जीवन की एक सच्ची घटना को बताने जा रहा हूँ जिसमें मैंने अपनी बहन को एक होटल में ले जाकर चोदा और उसके साथ मस्त मज़े किए. वैसे में यह सब कुछ उसके साथ बहुत पहले से करना चाहता था, लेकिन किसी बात से डरता था और ठीक वैसा ही हाल उसका भी था, जो मुझे उसकी चुदाई करते समय पता चला.
दोस्तों उस दिन मेरे सामने वो सेक्सी मनमोहक द्रश्य आ गया और में उनको देखकर बड़ा चकित रह गया और अब मन ही मन में सोच रहा था कि काश वो नज़ारा एक बार फिर से मेरे सामने होगा, जिसमें मेरी बहन उषा दीदी मेरे सामने अपने सारे कपड़े उतार दे और में कुछ करूँ? जबकि मुझे उस समय तक सेक्स की आदत नहीं थी, लेकिन अब तो क्या वो सब हो पाएगा और यह बात सोचकर में अब अपने कमरे में आ गया.
उसके बाद में कॉफी ऑर्डर करके अपने हाथ मुहं धोने लगा और तभी मुझसे मेरी वो हॉट सेक्सी बहन उषा बोली अरे तुम भी नहा लेते. फिर मैंने उससे कहा कि नहीं दीदी आज गंगा में नहाएगे, वो मुझसे बोली कि तुम मेरी कॉफी को ढककर रख देना, में पहले नहा लूँ और कॉफी में उसके बाद बाहर आकर पी लूंगी और अब में कॉफी की चुस्की लेने लगा और मैंने तब सुना कि पास के उस बाथरूम से दीदी के नहाने की आवाज़ आ रही थी और उसको सुनकर मेरा मन हो रहा था कि में उसी समय बाथरूम में जबरदस्ती घुस जाऊँ और वहीं पर अपनी उषा रानी को चोद दूँ, लेकिन वो कहते है ना कि सब्र का फल हमेशा बहुत मीठा होता है इसलिए में अब कुछ देर तक सब्र करके बैठा रहा.
फिर थोड़ी ही देर में नल से टपकते हुए पानी की आवाज बंद हो गई और मेरे सामने एक सफेद रंग का टावल लपेटकर मेरी दीदी बाहर आ गयी, जिसमें और वो मेरे सामने आकर खड़ी होकर वो अपने बदन को ड्रॉयर से सुखाने लगी.
फिर में उनको देखकर मन ही मन में सोच रहा था कि उनका टावल अब गिरा कि गिरा, लेकिन दीदी ने उनका वो टावल गोरे बदन पर बहुत कसकर बंधा हुआ था और वो अब अपने पैरों को एक एक करके ऊपर उठाकर अपने पैरों को भी सुखा रही थी, जिसकी वजह से मुझे उनके टावल के अंदर का कुछ हिस्सा दिखाई दे रहा था और वो बिल्कुल साफ और चिकना, उनके दोनों पैर अलग अलग दिखाई दे रहे थे और वो बिल्कुल अपने आपमें बड़ी मस्त थी और अब मेरे सब्र का इम्तिहान बहुत हो चुका था और मेरे लंड को खड़ा करने के लिए यह सब बहुत था. अब उसने मुझे उसके कमरे से अपनी ब्रा और पेंटी को लाने के लिए कहा और में एक बिल्कुल शरीफ भाई की तरह उसके एक बार कहने पर ही तुरंत उठकर वो लेने चला गया.
फिर मैंने अपनी दीदी को उसकी ब्रा, पेंटी को लाकर उसको दे दिया और मैंने तभी उसका वो टावल एक जोरदार झटका देकर खींचकर उतार दिया और मेरी इस हरकत की वजह से वो बिल्कुल सन्न बड़ी ही चकित रह गयी और अब वो मेरी तरफ देखकर मुझसे बोली कि वाह भैया तुमने इतने साल लगा दिए अपनी यह हिम्मत दिखाने में, में तो कब से तुम्हारा यह जोश देखना चाहती थी. दोस्तों अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी और मेरा लंड मेरे अंडरवियर से बाहर आने को तड़प रहा था.
वो मेरी तरफ देखकर अब अपने शरारती अंदाज में हंसने लगी और उसने कुछ देर बाद आगे बढ़कर मेरी अंडरवियर का नाड़ा तोड़ दिया और वो मुझसे बोली कि ओह्ह्ह्हह वाह यह तो इतना लंबा है. बहुत अच्छा लगा इसको देखकर और यह मोटा भी और मुझसे इतना कहकर उसने झट से नीचे बैठकर मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया वो मेरे टोपे पर अपनी जीभ को घुमाने लगी थी. वो यह सब किसी बहुत अनुभवी, लेकिन भूखी बिल्ली की तरह कर रही थी, जैसे कि उसको मेरे लंड को चाटने और चूसने में बड़ा मज़ा आ रहा हो और उसके साथ साथ अब उसने मेरी जांघ को भी अपने एक हाथ से दबाना सहलाना शुरू किया और अब मेरा जोश धीरे धीरे बढ़ता जा रहा था इसलिए मैंने भी अब उसके दोनों बड़े आकार के बूब्स को पकड़कर ज़ोर ज़ोर से दबाना शुरू कर दिया.
यह कहानी आप HotSexStory.xyz में पढ़ रहें हैं।
फिर वो अब कुछ परेशान सी हो गयी और वो मुझसे कहने लगी कि अब थोड़ा सा जल्दी से करो में तो पूरे सफर में बस इसके बारे में सोचती हुई आई हूँ इसलिए अब मुझसे बर्दाश्त नहीं होता, प्लीज़ तुम कुछ करो.
फिर मैंने उसको बेड पर पटक दिया और बिना किसी बात को सोचे मैंने एक जोरदार धक्का देकर उसकी चूत में अपना पूरा लंड डाल दिया, जिसकी वजह से वो पूरी तरह से हिल गई और फिर में उसको ज़ोर ज़ोर से धक्के मारकर उसकी चुदाई करने लगा.
फिर वो कुछ देर तक तो मेरे धक्को को बर्दाश्त करती रही, लेकिन फिर वो अब बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी और वो मुझसे बोलने लगी कि बड़ी देर कर दी भैया, नहीं तो बहुत पहले से ही तू बनता मेरा सैया, लेकिन अब भी कुछ ऐसा नहीं बिगड़ा तू आज अपना पूरा दम लगाकर डाल दे अपने लंड को और आज मेरी इस चूत को फाड़ दे ओह्ह्ह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ मेरे प्यारे भैया में कब से इसकी मस्त चुदाई के मज़े लेने के लिए तरस रही हूँ और आज तुम मेरी चूत को चोदकर मेरी प्यास को बुझा दो, मुझे चुदाई के पूरे मज़े दो.
दोस्तों अब उसकी चूत और मेरे लंड का वो असली खेल शुरू हो गया था और आराम से लेकिन जल्दी ही उसमे तेज़ी आ गयी और में भी ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चुदाई करने लगा और वो दर्द से चीख रही थी चिल्ला रही थी और मेरा वो उसकी चुदाई का कार्यक्रम अब भी जारी था.
फिर करीब दस मिनट तक उसको लगातार धक्के देकर चोदने के बाद वो अब धीरे धीरे शांत होने लगी थी, क्योंकि उसकी चूत ने अपना पानी छोड़ दिया था और में भी कुछ देर धक्के देने के बाद अब झड़ गया. फिर मैंने अपने लंड का वीर्य उसकी चूत में पूरा अंदर तक डाल दिया और उसके बाद में थककर वैसे ही एक दूसरे से लिपटकर पड़े रहे और शाम को नहा धोकर पास ही के एक गार्डन की तरफ चले गये और उसके बाद पास के एक मंदिर में जा पहुंचे और हम दोनों देर रात तक घूमते रहे.
फिर वो मेरे कान के पास आकर मुझसे बोली कि मुझे तब बहुत भूख लगी थी इसलिए मैंने खा लिया और इसका असली इम्तिहान तो अब आज रात को होगा.
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फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है उषा दीदी, तभी वो मुझसे बोली कि अब तो तुम मुझे दीदी ना कहो छोटू अब तो तुम्हारा लंड मेरी चूत के अंदर जा चुका है, तो मैंने कहा कि हाँ ठीक है मेरी उषा रानी पहले वो काम तो हम खत्म कर लें, जिसके लिए हम यहाँ पर आए है और अब वो कहने लगी कि अरे छोटू वो तो पंडित जी खत्म कर चुके होंगे, चलो अब उनकी फीस भी दे दी जाए, मैंने कहा कि हाँ ठीक है और हम लोग एक दूसरे की बाहों में बाहें डाले पति पत्नी की तरह घूमते रहे और पंडित जी को कुछ पैसे देकर हम वापस अपने होटल की तरफ आ गये. फिर वहाँ पहुंचकर सबसे पहले हमने खाने का ऑर्डर दिया और साथ में बियर भी ले ली.
फिर खाने के साथ बियर के दो गिलास उषा रानी को और मैंने चार गिलास बियर चड़ा ली और अब हम अपने अगले प्रोग्राम के लिए तैयार होने लगे, तभी उषा बोली कि सबसे पहले परिचय हो जाए और इतना कहकर मेरी पेंट की चेन को खोलते हुए वो मेरे लंड को अपने एक हाथ में लेकर बोली कि छोटू के पास जो कुछ है वो बस यही है और इसको लंड बोलते है, अरे छोटू यह तो बहुत बड़ा हो गया है, पिछली बार जब मैंने देखा था तब तो यह आकार में बड़ा छोटा था एकदम तेरे नाम की तरह. फिर मैंने हंसकर कहा कि हाँ मेरी उषा रानी यह अब सयाना हो गया है पिछले दो तीन साल में इसकी लंबाई और मोटाई तीन इंच और 1.5 इंच बड़ी है हाँ मम्मी भी कभी कभी मेरे लंड को देखकर मुझसे कहती थी कि छोटू का यह हथियार बिल्कुल अपने मामा पर गया है, तो वो चकित होकर बोली कि क्या कहा तूने, क्या मम्मी ने मामा का लंड भी देखा था? तो मैंने कहा कि हाँ उन्होंने ज़रूर उनका लंड देखा होगा तभी तो वो मुझसे यह बात बोल रही थी.
अब उषा कहने लगी अच्छा उनका रिश्ता बहुत पुराना है क्योंकि पहले तो भाई बहन को ऐसे सीधे नहीं चोदते थे, वो कभी अपनी आँखों से तो कभी चोरी छिपे देख लिया करते थे और वैसे उस समय भी बूब्स को दबाना तो आम बात थी, लेकिन आजकल का माहोल कुछ अलग है, तुम्हारी भी अगर इच्छा बूब्स को दबाने की है तो तुम भी मेरे बूब्स को दबा लो, अच्छा है.
फिर मैंने भी तुरंत हाँ कह दिया और कहा कि मेरी उषा जानू अब आप ठीक कह रही हो, अच्छा अब मेरी बारी कहते हुए मैंने तुरंत ही उसका ब्लाउज उतार दिया और अब पेश है दो नागपुर के बड़े आकार से रसभरे संतरे जिसको चूसने और खाने में भी बहुत मज़ा आता है और साथ में इनको दबाने में भी बहुत मज़ा आता है और यह बात कहते ही मैंने एक बूब्स को अपने मुहं में डाल लिया और में उसके निप्पल को मन लगाकर चूसने लगा और फिर उसके पेटिकोट को खोलकर में बोला कि हाँ तो जनाब अब पेश है इंडिया गेट, उषा इसमे कितने लोग समा जाए कोई पता नहीं, मेरे संतरे चूसने और दबाने से उषा अब धीरे धीरे गरम होने लगी थी और फिर वो मुझसे बोली आह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ प्लीज थोड़ा आराम से करो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है और में कहीं भागी नहीं जा रही हूँ.
मैंने कहा कि हाँ ठीक है मेरी उषा डार्लिंग और उसने कहा कि हाँ ऐसे ही तुम बहुत अच्छे लड़के हो और हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे को अपना परिचय देते रहे और उसके साथ हम मस्ती में भी डूबते तैरते रहे, क्योंकि अब हम दोनों पर वो बियर भी अपना रंग दिखा रही थी और अब उषा ने भी नीचे बैठकर उसी समय अब मेरा लंड अपने मुहं में लेकर चूसना शुरू कर दिया और में हल्के हल्के गरम होने लगा और में भी उसके बूब्स को अपने हाथों से मसल रहा था और निप्पल को दबा रहा था और उस वजह से में भी धीरे धीरे लेकिन बहुत आनंदित हो रहा था.
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वो समय भी आ गया जब उषा मुझसे बोली कि अब तो बेड पर चले ही चले तो अच्छा है मुझे अब ज्यादा देर रुके रहना नहीं हो सकता. फिर मैंने उसको उसी समय अपनी गोद में उठाकर अब बेड पर ले गया और उसको बेड पर लेटाकर में उसके दोनों पैरों को पूरा फैलाकर उसके गोल्डन गेट को अपने एक हाथ से खोलकर मैंने अपने लंड उसके गोल्डन गेट के मुहं पर रख दिया और धीरे धीरे प्यार से धक्के लगाने लगा, जिसकी वजह से धीरे धीरे मेरा लंड इंच बाइ इंच उसके अंदर घुसता जा रहा था और वो अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह आईईईई कर रही थी और जब में कुछ देर बाद अपनी पूरी स्पीड से धक्के देने लगा.
तो वो अब दर्द से चिल्लाने लगी और मुझसे कहने लगी हाँ बहनचोद, चोद दे अपनी दीदी को आह्ह्ह्हह हाँ और भी ज़ोर से धक्के लगा अफ्फफ्फ्फ़ में मर गई हाँ लगा मेरे राजा लगा बहुत देर कर दी मेहरबान आते आते स्सीईईईइ हाँ लगाए जा, ऐसे ही फाड़ दे मेरी इस चूत को, यह मेरी चूत बहुत दिनों से बड़ी प्यासी है आह्ह्ह्ह तूने पहले पहल की होती तो तू ही इस चूत का मलिक होता, अब तो तुझे मेरी चुदी चुदाई मिल रही है मेरे भाई को यह फटी चूत मिलने का मुझे बड़ा दुःख है, लेकिन तू तो बस अब लगाए जा, वैसे भी तो हर 28 दिन में हर चूत दोबारा से नयी हो जाती है उफ्फ्फ्फ़ हाँ लगा मेरे भाई और ज़ोर से धक्के लगा, तेरा लंड तेरे जीजाजी से भी बहुत बड़ा है, लेकिन इसको मेरी चूत आराम से संभाल लेती है चोद मुझे, हाँ और ज़ोर से धक्के देकर चोद, मुझे तेरी इस मस्त चुदाई के इन धक्को के तरीको ने बिल्कुल पागल बना दिया है, में अब बहुत जोश में हो रहा था और वो मुझसे ऐसे ही चिपक रही थी जैसे मेरे अंदर ही घुस जाएगी, लेकिन में अब बड़े ही आराम से धक्के देकर उसको चोदे जा रहा था और फिर वो वक़्त भी आ ही गया जब में ठंडा होने वाला था और में अब झड़ने वाला था. मैंने उससे कहा कि में अपने वीर्य को कहाँ निकालूं?
और वो उस समय ज्यादा जोश में आ गयी और वो मुझसे बोली कि हाँ भर दे तू अब मेरी चूत को अपने इस गरम गरम वीर्य से, साले मुझे लगता है कि तू मन लगाकर चोदता तभी तो तेरे लंड से इतनी गरमी बाहर निकलती है उफफ्फ्फ् अरे बहनचोद बता ओह्ह्ह्हह यह क्या गरम गरम गिर रहा है मेरे अंदर ओह्ह्ह्ह. फिर हम दोनों एक एक करके झड़कर थककर सीधे पड़ गये और हम दोनों दूसरे दिन सुबह तक ऐसे ही पड़े रहे और दोपहर को चलने से पहले एक बार फिर हम दोनों ने चुदाई का मज़ा लिया और उसके बाद होटल का बिल देकर हम दोनों हंसी ख़ुशी अपने घर वापस आ गये.
दोस्तों उसके बाद से अब तक पिछले 14 दिनों से में उषा के घर पर ही हूँ और उसको हर कभी जब मेरी इच्छा होती है में उसको चोदता हूँ. मुझे तो उसकी चुदाई करके बहुत मज़ा आया और अब भी आ रहा है.
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मेरी उम्र 25 साल है और मेरी बहन की 28 साल, मेरी बहन की शादी हुए करीब दो साल हो गए हैं।
मेरी बहन देखने में एकदम माल है.. शादी से पूर्व भी मोहल्ले के सभी लौंडे मेरी बहन को चोदना चाहते थे।
मेरी बहन का फिगर 36-25-38 का है। उसके अभी कोई बच्चा नहीं हुआ है।
मैं अपनी बहन को उसकी शादी से पहले से ही चोदना चाहता था.. पर कभी कोई मौका ही नहीं मिला। जब गली के सब लौंडे मज़े ले सकते हैं तो हम घर में ही क्यों नहीं ले सकते..
मैं जानता था कि मेरी बहन का चक्कर बहुत सारे लड़कों के साथ चल रहा था.. जिनमें से कुछ हमारे एरिया के गुंडे टाइप लड़के भी थे। वो आते-जाते भी मेरी बड़ी बहन के साथ मज़े लिया करते थे और मेरी बहन भी उनकी हरकतों में मज़े लिया करती थे।
मैंने कई बार अपनी बहन को लड़कों के साथ मॉल में भी देखा था.. जिसे देख कर मुझे बहुत गुस्सा आता था। फिर मैंने भी सोच लिया कि जब सारा मोहल्ला मेरी माल किस्म की बहन का मज़ा ले सकता है.. तो मैं क्यों नहीं..
पर मैं डरता था कि कहीं मेरे कुछ करने से मेरी बहन मेरी शिकायत मम्मी या पापा से ना कर दे।
फिर एक दिन जब मेरी बहन शादी के बाद हमारे घर आई हुई थी.. तो मुझे वो मौका मिल ही गया.. जिसकी तलाश में मैं बहुत सालों से था।
उस दिन मम्मी और पापा किसी काम से बाहर गए हुए थे। घर में मेरे और मेरी बहन के अलावा और कोई नहीं था।
मेरी बहन करीब दोपहर के दो बजे नहाने के लिए बाथरूम में गई हुई थी और रोज़ की तरह वो आज भी अपने कपड़े बाहर ही छोड़ गई थी। जब वो नहा कर बाहर आने ही वाली थी.. तो उसने मेरे को आवाज़ लगाई और अपने कपड़े देने के लिए कहा।
पर मैंने कोई जवाब नहीं दिया जिस पर मेरी बहन को गुस्सा आ गया और वो बिना कपड़ों के ही बाहर आ गई।
मैं तो अपने कान में इयरफोन की लीड लगा कर मस्त गाने सुन रहा था।
इतने में ही मेरी बहन मेरे कमरे में आ गई जहाँ उसके कपड़े भी रखे थे।
मैं उसको इस हालत में बिना कपड़ों के देख कर खुद पर काबू नहीं रख पाया और अचानक ही खड़ा हो गया।
मेरी बहन मुझ पर चिल्ला रही थी.. पर मैं तो उसके बड़े-बड़े चूचों को देख कर होश ही खो बैठा था।
फिर वो बोली- देखता क्या है.. कपड़े दे मेरे!
पर मैंने कपड़े देने तो दूर उसकी तरफ बढ़ने लगा.. जिससे देख कर मेरी बहन थोड़ा डरने लगी और बोली- तुम ये क्या कर रहे हो?
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मैं बिना कुछ बोले उसकी तरफ बढ़ता रहा और जाकर उसके चूचों को दबाने लगा। जिससे उसने मुझे धक्का दे दिया।
फिर मैंने गुस्से में बोल दिया- जब सारे मोहल्ले से चुदती फिरती है.. तब तो तुझे कोई परेशानी नहीं होती.. आज मैंने थोड़ा सा छू क्या लिया.. बड़ी सती सावित्री बन रही है।
इस बात को सुन कर मेरी बहन को भी गुस्सा आ गया और बोली- तू अपनी बहन को चोद कर बहनचोद बनना चाहता है.. तो ठीक है.. ले कर ले.. जो तुझे करना है।
फिर यह सुनकर तो मुझे भी हरी झंडी मिल गई, इतने में ही मैंने अपने होंठ अपनी बहन के होंठों से लगा दिए।
अब क्या था.. अब तो मेरी बहन भी मेरा साथ पूरी एक रंडी की तरह रह कर देने लगी।
हम दोनों एक-दूसरे के होंठ और जीभ चूस रहे थे।
फिर मैंने अपनी बहन को अपनी गोद में उठा कर बिस्तर पर पटक दिया, मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए।
मेरे लण्ड को देख कर मेरी बहन बोली- अगर मुझे पता होता कि घर में ही इतना मस्त लण्ड है.. तो मैं भला कभी भी मोहल्ले के लड़कों से क्यों चुदती फिरती।
मेरा लण्ड सात इंच लंबा और तीन इंच मोटा है।
अब हम दोनों 69 की हालत में आ गए थे.. मैं अपनी बहन की मस्त चूत चूस रहा था और वो मेरे लण्ड को अपने मुँह में ले कर चूस रही थी।
करीब दस मिनट तक चुसाई करने के बाद मैंने अपनी बहन को सीधा करके बिस्तर पर लिटा दिया।
अब मेरी बहन कहने लगी- अब मुझे और मत तड़पा.. मेरी चूत को अपने बड़े लण्ड से फाड़ दे..
फिर मैंने अपनी बहन की टाँगों को अपने कंधों पर रख लिए और अपने लण्ड को धीरे-धीरे अपनी बहन की चूत पर रगड़ने लगा।
मैंने एक ही धक्के में अपना आधा लण्ड अपनी बहन की चूत में उतार दिया.. जिससे वो बहुत ज़ोर से चिल्लाने लगी, उसके मुँह को अपने होंठों से बंद कर दिया।
फिर धीरे-धीरे मेरी बहन को भी मज़ा आने लगा, अब वो अपनी गाण्ड उठा-उठा कर मेरा साथ देने लगी। अब वो बड़ी ही मादक आवाज़ करने लगी थी.. इससे मेरा जोश और भी बढ़ गया और मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी।
लगभग 20 मिनट की धकापेल चुदाई में मेरी बहन दो बार झड़ चुकी थी और मैं भी झड़ने वाला था।
अब मैंने अपनी बहन से पूछा- अन्दर ही निकाल दूँ या बाहर?
इस पर मेरी बहन बोली- अन्दर ही झाड़ दे.. अब तो तूने अपनी बहन को चोद ही लिया है.. क्या फ़र्क पड़ता है.. अब तू मामा बने या बाप..
उसके बाद मम्मी-पापा के आने के पहले हमने कई बार जम कर चुदाई करी और फिर एक साथ नहाए भी..
अब जब भी मौका मिलता है.. तो मैं और मेरी बहन खूब मज़े करते हैं।
शादीशुदा बहन के साथ की चूत चुदाई लीला (Shadishuda Bahan Ke
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एक असंतुष्ट भाभी की चुदाई
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Jan 20, 2016 Antarvasna, chudai, meri chudai, गीली चूत, चुदाई, चुदास, नंगा बदन, पति की गैर मौजूदगी में चुदाई, लण्ड चुसाई
ओह्ह्ह दोस्तों हैडिंग ही पढ़कर आपको मजा आ गया होगा, मैं सभी दोस्तों को स्वागत करता हु अपनी कहानी से, नए यूजर का वेलकम और पुराने यूजर को प्यार भरा नमस्कार, ये मेरी दूसरी कहानी है सेक्सवासना डॉट कॉम पे, पिछली कहानी का बहुत ही अच्छा रिस्पांस मिला था, मेरी कहानी सच्ची कहानी होती है, और आपको पता है की चूत को ढूढ़ने में टाइम तो लगता है, इस बार ४ महीने लग गए है नए चूत का दर्शन करने में, पर चूत मिला बड़ा ही मस्त, मजा आ गया एक बंगाली भाभी की चुदाई ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह क्या बताऊँ दोस्तों लिखते लिखते भी मेरा लैंड मोटा हो रहा है, खैर कहानी खत्म होते ही मूठ मार लूंगा क्यों की भाभी जी भी यहाँ नहीं है वो शिमला गई है घूमने. आपने पिछले कहानी में ही पढ़ा है मैं sexkahani.net का फैन हु, बिना इस वेबसाइट को खोले मुझे रात में नींद ही नहीं आती है, पर आज कल भाभी जी की चूत के बारे में सोच कर ही काम चला लेता हु, पहले मैं आपको अपने बारे में बता दू जिन्होंने मेरी पिछली कहानी नहीं पढ़ी है, मेरा नाम सूर्या है मैं २१ साल का हु, पढाई कर रहा हु, दिल्ली यूनिवर्सिटी में, किराये के फ्लैट में रहता हु, वो भी अकेले, मेरे आस पास सिर्फ फैमिली बालों का ही फ्लैट है, इस वजह से माल की कमी नहीं है, आज तक दो माल को चोद चूका हु, एक तो वर्जिन का सील तोडा और एक जो आज मैं आपको बता रहा हु वो फूली चूत बाली पर अंदर से टाइट भाभी की कहानी है. मेरे फ्लैट के ऊपर के फ्लैट में एक बंगाली कपल रहता है, शादी के ६ साल हो गए है पर उनलोगो को कोई बच्चा नहीं है, भहि सुपर्णा घोष मस्त माल है, गोरी चिट्टी, लम्बी, कमर पतली, जांघे मोटी, गोल गोल गाल, लम्बे लम्बे बाल, लम्बी गर्दन, ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह बात अब चूच पे आ रही है, साइड से ब्लाउज को देखो तो पहाड़ गगनचुम्बी सी ब्लाउज और ब्रा में बंद दो बड़ी बड़ी सुडौल टाइट चूचियाँ, किसी का भी मन खराब हो जाये भाभी को देखकर, ऊपर से गोरे गोरे मुखड़े पे गाल पे तिल, होठ हमेशा डार्क लाल रंग से रंगा हुआ, सिंदूर की लाली मांग के बीचो बीच, बड़ी सी बिंदी और बड़ी पार बाली साडी, गजब की ढाती है दोस्तों, ऊपर से जब वो स्टेर्स (सीढ़ी) पर चढ़ते हुए उनकी कमर जब मटकती है मत पूछो यारो बिना हस्तमैथुन के काम ही नहीं चलता है, करीब चार महीने तक उनकी याद में मैंने मूठ मारा है और करीब २ लीटर वीर्य को बर्वाद किया है, इतने में तो हजार के करीब बच्चे पैदा हो जाता, पर एक दिन वो खुसनसीब पल आ गया है जब भाभी जी खुद आई.
वो शनिवार का दिन था, रात के करीब १० बजे मेरे दरवाजे को किसी ने खटखटाया, मैं पढ़ रहा था उठा देखा तो ऊपर बाली वही बंगाली भाभी थी, मैंने कहा भाभी जी आप, सब ठीक है ना, तो बोली मैं अंदर आ जाऊँ, तो मैंने कहा हां हां ये कोई पूछने बाली बात है आईये, और अंदर आ गई, आपलोग को तो पता है स्टूडेंट के पास ज्यादा सामान नहीं होता एक गद्दा जो निचे ही बिछा था एक कमरे में उसी पर बैठने के लिए कहा वो भी बिना सरमाये बैठ गई, मैंने कहा आपको तो पता है मैं अभी पढाई कर रहा हु, इस वजह से मेरे पास अभी सब कुछ नहीं है, जिसपे मैं आपको बैठने के लिए कहता, तो भाभी बोली हां हां मैं समझती हु, आप ऐसा क्यों सोच रहे है, मैं भी कोलकाता में अकेले ही रहकर पढ़ी हु, मैंने फटा फट भाभी जी के लिए चाय लाया बना के वो पि बात करने लगी मुझसे, क्या पढाई कर रहे हो, तो मैंने कहा अभी मैं इंटेर्नन्स एग्जाम का तैयारी कर रहा हु, फिर वो बोलने लगी, मैं एक अच्छे बंगाली परिवार से आती हु, मेरी शादी के हुए ६ साल हुए है, पति का टूरिंग का जॉब है, महीने में १५ दिन ही मेरे साथ होते है, मैं तो तंग आ गई हु, मेरी ज़िंदगी तो बर्वाद लग रही है, सब लोग घूमने जाते है, पति के साथ शॉपिंग करने जाते है पर मेरा पति मेरे साथ नहीं रहता है और रहता भी है तब भी वो ऑफिस के काम में ही बीजी रहता है, तो मैंने कहा भैया आपसे प्यार तो करते है ना भाभी को सर झुका ली, मैंने कहा भाभी आपसे कुछ पूछ रहा हु, तो सर उठाई तो देखा उनके आँख में आंसू थे मैंने पूछा क्या बात है ? तो वो बोलने लगी, क्या बताऊँ आपको सूर्या जी, वो ऑफिस की एक लड़की के साथ समय बिताते है, दोनों का टूरिंग जॉब है और पति के साथ ही टूर करती है, वो अपने सुंदरता की जाल में फसा ली है, उस लड़की के साथ उनका शारीरिक सम्बन्ध भी है, और आज मैं ज्यादा परेशान हो गई हु, क्यों की आज मैं जब उनका सूटकेस साफ़ कर रही थी तो एक रिपोर्ट मिला ये रिपोर्ट उस लड़की है है, पति का नाम इनका है, और वो ३ महीने की प्रेग्नेंट है, मैं उनको फ़ोन कर रही हु तो वो फ़ोन उठा नहीं रहे है, वो बाहर रंगरेलियां मना रहे है और मैं सती-सावित्री बनकर उनकी पूजा और सेवा कर रही हु, जब वो गुलछर्रे उड़ा रहे है तो मैं क्यों नहीं, इसलिए मैं आपके पास आई हु, आप भी अकेले है मैं भी अकेली हु, सच पूछिये तो मैंने आपसे आज सेक्स करने आई हु, अब आपको क्या बताऊँ दोस्तों ये सुनकर तो मेरे मन में लड्डू फूटने लगे, पर ऊपर मन से मैंने कहा भाभी जी ये आप क्या कह रही हो, अगर ये बात आपके पति को पता चल गया तो पता है क्या होगा, तो बोली क्यों वो मुह मार सकता है इधर उधर और मैं मुह मारूंगी तो ऑब्जेक्शन होगा, मैंने अब सोच लिए है सूर्या जी की मैं भी अपनी ज़िंदगी जीऊँगी बहुत हो गया है भारतीय नारी का नाटक, इसके बाद वो मेरे करीब आ गई और मेरी होठ को अपने होठ में ले के किश करने लगी, मैं भी उनके पीठ को सहलाते हुए हुए उसके नरम नरम होठो को चूसने लगा ओह्ह्ह माय गॉड मेरा फेवरेट उनका चूची हाथ लगी गरम था, सहलाने लगा ब्लाउज के ऊपर से ही, तो वो बोली जिस्म को जिस्म से मिलनी चाहिए तब मजा है, शरीर और रूह दोनों मिले तब सेक्स का असल मजा आता है ये सब बोलते बोलते वो अपने आँचल निचे कर दी और ब्लाउज के हुक को खोल दी, मैंने उनके ब्लाउज को उतार के पीछे से ब्रा का हुक खोल दिया, बड़ी बड़ी चूचियाँ निप्पल पिंक कलर का, उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ मैंने तुरंत ही मुह में ले लिया और चूसने लगा, ऐसा लग रहा था की मैं बरसो से प्यास हु, और मुझे अपने बच्चे की तरह पिलाने लगी मेरे सर के बाल को सहलाते हुए. उसके बाद मैंने उनको लिटा दिया और साड़ी निचे से उतार के पेटीकोट खोल दिया वो क्रीम कलर की पेंटी पहनी थी बड़ी ही सेक्सी पेंटी थी, मैंने उतार दिया और दोनों पैर के बीच में बैठ के, चूत को निहारने लगा, फुला हुआ चूत बीच में दरार सा लाइन, थोड़ा चीरने के बाद अंदर लाल कलर और पतला सा छोटा सा छेद, ऐसा लग रहा था की जैसे इनकी ज्यादा चुदाई नहीं हुई हो, मैं कहा भाभी ऐसा लगता है की भैया का लंड ज्यादा आपके चूत में नहीं गया है, तो बोली वो चोद भी अच्छे तरीके से नहीं पाते है मैं बहुत सेक्सी हु, जब तक मैं गरम होती हु उनका झड़ जाता है फिर मैं लात मार के निचे कर देती हु
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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सर्दी मे भाभी की चुत ठुकाइ
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Jan 20, 2016 कुँवारी चूत, चुदाई, चुम्बन, चूत, चूत चुसाई, पति की गैर मौजूदगी में चुदाई, लण्ड चुसाई
दोस्तो मेरा यानी योगी का सभी लन्डो और चुत की देवियो को नमस्कार यह मेरी sexkahani.net पर पहली कहानी है जो कुछ गलती हो माफ़ किजियेगा मै इस साइट पर बहुत दिनो से कहानी पड read कर रहा हू तो मैने सोचा मै भी अपनी कहनी आप लोगो से share करू पहले मै अपने बारे मे बताता हू
मै बनारस (varanasi) का रहने वाला हू मेरी age 21 है मेरे लन्ड size 7″ लम्बा और 3″मोटा है मै इस समय इंजिनियर की पढ़ाई कर रहा हूँ
यह कहानी मेरा और मेरी भाभी की चुदाइ का है जिनका फिगर 32 30 34 है उनका नाम प्रिया है मै अपनी भाभी को कभी गलत नजर से नही देखा था अचानक ये घटना घटी
मेरे घर मे मेरे भैया सबसे बडे और मै सबसे छोटा हू भैया की शादी को 8 बर्ष हो गये और उनके 2 बच्चे भि है फिर भी मेरी भाभी मस्त माल दिखती है उनकी बूब्स और गान्ड़ को देख कर किसी के भी लन्ड से पानी निकल सकता है टाइम बेस्ट ना करते हुए मै सीधे कहानि पर आता हू
बात उन दिनो की है जब मै high college मे था (3ईअर पहले की बात है ) सर्दी का मौसम था मेरे भैया और भाभी मे कुछ झगडा हो गया था मेरी भाभी अपने रूम मे सोने नही गयी (भैया भाभी छत पर सोते थे ) मै अपने बिस्तर पर कम्बल ओढकर सोया था भाभी भी 1 कम्बल लेकर आयी और मेरे बगल मे सो गयी हम अलग 2 कम्बल मे सोये थे सिंगल बेड होने की वजह बेड पर जगह कम था जिससे कम्बल बार2 नीचे गिर जा रहा था तब भाभी बोली 1ही मे आ जाओ मैने अपना कम्बल बगल मे रख कर उंकि कम्बल मे चला गया पास मे जाकर सो गया सर्दी लगने के कारण मै उनसे सट के सो गया ओ कुछ नही बोलि उंकी गान्ड से मेरा लन्ड टच होरहा था जिसके कारण मेरा लन्ड खडा हो गया था और उनकी गान्ड मे घुसने की कोसिस कर रहा था वो थोडा सा पीछे हटि मै डर गया मै सीधे होकर सो गया
रात को करीब 2 बजे मेरा निंद खुला तो मै भाभी से और सट गया उंकी तरफ़ से कोइ बिरोध ना होने की वाजह से मेरी हिम्मत बडी तो मै अपने हाथ को उंकि पेट पर रखकर साहलने लगा कुछ देर तक साह्लने के बाद मैने भाभी के हाथ को अपने लोवर के ऊपर रखा और अपने लन्ड को सहलाने लगा कुछ समय बाद मैने उनके हाथ को अपने लोवर कि अंदर डाल दियाऔरसाह्लने लगा कुछ देर बाद वो मेरे लन्ड को पकड़ ली मुझे लगा वो सोयी है लेकिन सोने का नाटक कर रहि थी फिर वो मेरे लन्ड को पकड़ कर साह्लने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मुठ मारते 2 भाभी की चूत गीली हो गयी थी अब मै 1 हाथ से उनकी चुचियो को मसल रहा था और दूसरे हाथ को चूत मे उँगली करने लगा कुछ समय बाद अपने 2 उँगली को चुत मे डाल कर उँगली करने लगा उनके मुख से हल्की 2 आवजे आ रही थी
यह कहानी आप ननवेज स्टोरी पर पड रहे है
अब उनसे रहा नही गया वो अपने साडी को उपर करके मेरा 7″ का लौडा अपने चूत मे डाल ली और हल्का हल्का हिलने लगी मेरा लन्ड पहली बार किसी चू त मे गया था मै तो जन्नत की सैर कर रहा था मै भी गान्ड को तेजी से आगे पीछे कर रहा था करीब 8-10 मिनट की चुदाइ के बाद भाभी और मै साथ मे झड़ गये
अगले दिन मै भाभी से नजर नही मिला पा रह था जब घर मे कोइ नही था तब भाभी मुझसे बोली हमने जो किया बहुत गलत है फिर भाभी मेरे पास सोने नही आयी मै उस दिन के बाद जैसे पागल सा हो गया मेरे दिमाग मे सिर्फ भाभी ही रहती थी
उस दिन के बाद मै भाभी से खुल कर बात करने लगा
कुछ दिन घर मे कोइ नही था मै अपने बेड पर सोया था भाभी आयी और बोलि क्या हुआ मै भाभी से कहा मेरा लन्ड बहुत दर्द कर रहा है तो उसने कहा चोट तो नही लगी है मै बोला पता नही फिर ओ बोलि मै देखती हू ओ मेरे पैंट को खोलकर नीचे की और मेरे लन्ड लन्ड को देखते ही बोलि कितना बडा है तुम्हारे भैया से फिर उसके बाद ओ मेरे लन्ड को उपर नीचे करके देखने लगी कहि भी कुछ नही दिखा उंके हाथ लगने से मेरा लन्ड खडा हो गया और ध्यान से देखने लगी और साह्लने लगी मुझे भी मजा आने लगा मै भी अपने आंखे बंद कर कर मजा लेने लगा उसके बाद मै अपने हाथ से उनकी चुची को ब्लाउज के उपर से ही दबाने लगा वो भी धीरे धीरे गर्म होने लगी भाभी को मै बोला 1बार अपने बुर मे लन्ड डाल लिजिये लेकिन वो मना करने लगी वो कहि नही ये सब गलत है बडि मुस्किल सि मैने उंको मनाया वो हा बोलि मेरी तो खुसी का ठिकाना न रहा मै उंको अपने बाहो मे भरकर किस करने लगा और उंकि चुचियो को ब्लाउज के उपर से ही मसल्ने लगा फिर मै उंकी साडी को खोलकर अलग कर दिया और kiss करते हुए फिर मैने उनके कपडे को कब अलग कर दिया पता ही नही चला ओ मेरे सामने खडी थी मै पहली बार किसी औरत को नन्गा देखा था मुझे बहुत अच्छा लग रहा था फिर मैने भाभी की चुचियो को अपने मुह मे लेकर चुसने लगा और 1हाथ से भाभी के बुर को मस्ल्ने लगा वो अपने मुख से aaह्ह्ह्ह उआहह्हकी हल्की आवज निकाल रहि थि मै अपने हाथ से उंके बुर को मसल रहा था और अपनी उँगली को उंके चूत डाल दिया ओ मच्लने लगी फिर मैने भाभी को बेड पर लेटा दिया और उनके पैरो को फैला कर चुत के दानो को मुह मे लेकर चुसने लगा वो अपना गान्ड उठा कर चूत चुसवा रहि थी वो बोलि पहली बार मेरा किसी ने चुसा है तुम्हारे भैया तो कभी भि नही चुसते करीब 10मिनट तक मैने उनकी चुत को चुसा और वो झड गयी मै उंके namkin चुत के पानी को पि गया और उंके गान्ड़ मे उँगली डालकर अंदर बाहर करने लगा फिर मैने भी अपने कपडे निकाल दिये मै भाभी से बोला मेरा लन्ड भी अपने मुह मे लिजिये वो मना कर रही थि बोलि मै तुम्हारे भैया का कभी मुह मे नही लिया है फिर मनाने पर वो मेरे लन्ड को अपने मुह मे लेकर लोलिपोप की तरह चाटने लगी फिर हम 69 की पोजीसन होकर इक दूसरे का गुप्तान्ग चुसने चाटने लगे 5 मिनट के बाद भाभी बोली अब मत तडपाओ मैने अपने लन्ड को उंकी चूत पर रखा और जोर से धक्का मारा भाभी कि मुह से चिखे निखल गयी बोली बाहर निकालो मै भाभी के चुची को चुसने और काटने लगा जब उंका दर्द कम हुया तो मैने धक्के देना सुरू किया रहा कुछ समय बाद वो भी अपनी गान्ड़ उठा उठाकर चुदवाने लगी मै भी पुरी स्पिड़ मे धक्के दे रहा था फिर मैने उंको उठाया और डोगी बनने को कहा तब मै पीछे से उंकी चूत मे अपना लन्ड का सुपाडा रखा और धक्का लगा दिया कुछ समय तक ऐसे चुदाई करने के बाद भाभी को गोद मे उठाया और अपने लन्ड पर बैठा दिया वो मेरे लंड पर उपर नीचे होने लगी मै मुह मे chuchi को बारी बारी चुसने लगा मुझे बहुत मजा आ रहा था करीब 6 -7 मिनट की चुदाइ ke बाद भाभी का शरीर अकडा और वो दुबारा झड़ गयी वैसे ही मैने 5 मिनिट तक चुदाइ की वो फिरमेरा आने वाला था मैने भि अपना स्पिड़ तेज किया और भाभी को नीचे उता रा और मुह मे मुठ मारने लगा और झड़ गया भाभी मेरे माल को जीभ से चाटने लगी और मेरे लन्ड को भि चाट के साफ़ कर दी
वो बहुत खुश थी भाभी बोली आज पहली बार लगता है मै चुदी हू
उसके बाद तो भाभी मेरी लन्ड की दिवानी हो गयी उसके बाद मैने कई बार उनकी चुत और गाड़ मारी है
मै भाभीको सभी घरो मे अलग 2 तरिके से करीब 50से ज्यादा बार चोद चुका हू मैने भाभी को ट्रेन मे भी चोदा है (उसको फिर Share कभी करूँगा )
जब भी मौका मिलता हम अब भी चुदाई करते है
धन्यवाद
आप अपनी राय जरुर भेजियेगा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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