Thread Rating:
  • 8 Vote(s) - 2.63 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Misc. Erotica काजल, दीवाली और जुए का खेल (completed)
अब बारी थी काजल की, सारे लड़के तो पेक हो चुके थे और सिर्फ़ सारिका की चाल आई थी...अब उसके साथ भला वो क्या मुकाबला करती,इसलिए उसने ब्लाइंड चलने के बदले पत्ते उठाना सही समझा..और पत्ते उठाते ही उसकी आँखे चमक उठी..उसके पास कलर आया था, ईंट यानी डायमंड का, नंबर थे 3,8 और बादशाह..

इतने बाड़िया पत्तों से तो वो अच्छे ख़ासे पैसे जीत सकती थी..पर अपनी ही सहेली से भला क्या खेले वो..फिर भी उसने एक चाल चल ही दी..2 हज़ार बीच मे फेंक कर..

अब अपने छोटे से पत्तों के उपर दूसरी चाल आते देखकर सारिका समझ चुकी थी की काजल के पास भी बढ़िया पत्ते आए हैं...वैसे भी चाल चलने लायक पत्तों में सबसे छोटे पत्ते 2 का पेयर ही होते हैं...इसलिए उसने सरेंडर करना ही बेहतर समझा और 2 हज़ार फेंकते हुए अपने पत्ते नीचे कर दिए और शो माँग लिया..

और दूसरी तरफ काजल को पता था की सारिका जैसी कच्ची खिलाड़ी उसके सामने टिक नही पाएगी...और उसके मुक़ाबले के पत्ते सारिका के पास आना तो नामुमकिन ही था...इसलिए उसकी जीत तो सुनिश्चित थी..और हारने के बाद वो अगर सारिका की जीन्स उतरवाती तो उसमे वो मज़ा नही आता जो वो काम करवाने से आने वाला था जो वो सोच रही थी...

सारिका के पत्ते देखकर वो मुस्कुरा दी और अपने पत्ते सामने रख दिए...उसके पत्तों की सबने तारीफ की और सारिका की तरफ आस भारी नज़रों से देखने लगे..शायद उसकी सुडोल जांघे और नंगी टांगे देखने का टाइम गया था...

लड़की जब एक-2 करके अपने जिस्म के कपड़े उतारती है तो उसे देखकर क्या मज़ा मिलता है वो एक लड़का ही समझ सकता है...और यही मज़ा लेने के लिए इस वक़्त सभी हरामी अपनी आँखे फाड़े बैठे थे वहाँ...वरना जिस तरह की बेशर्मी शुरू हो चुकी थी, उसके बाद तो वहाँ कब का ग्रूप सेक्स शुरू हो चुका होता..उन सभी को पता था की आख़िर में होना वही है,कोई रोकने वाला भी नही है, लड़कियाँ भी तैयार ही हैं...तो क्यों ना पहले मज़े ले-लेकर उनके जिस्म से परत दर परत कपड़े उतरने का मज़ा ले और बाद में पूरे मज़े..

पर काजल के दिमाग़ में जो शैतानी चुकी थी, उसके बारे में तो शायद उन्होने सोचा भी नही था

सारिका जैसे ही शरमाती हुई उठी और अपनी जीन्स के बटन खोलने लगी, काजल ने उसे रोक दिया और बोली : "नही सारिका, ये नही...मुझे तुमसे कुछ और करवाना है..''

ये सुनकर सारिका के साथ-2 सभी चोंक गये..

सारिका ने कांपती आवाज़ में पूछा : " ... क्या करना होगा मुझे ....''

वो सोच रही थी की शायद वो मेरी जीन्स के बदले पहले ब्रा उतारने को कहेगी...ताकि वो भी उसकी तरह टॉपलेस हो जाए और देखने वालों को मज़ा आए..

पर ऐसा कोई विचार नही था काजल के मन में .

काजल बोली : "तुम्हे मेरी स्लेव बनना पड़ेगा...''

सारिका : "स्लेव ???? यानी तुम्हारी गुलाम ....??''
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
Super
Like Reply
Superb...Dekhte hai ye khel aage kya kya karwaane wala hai.
Like Reply
Waiting
Like Reply
(23-04-2019, 08:46 AM)bhavna Wrote: Super

Thank you dear
Like Reply
(23-04-2019, 09:33 AM)Unknown Wrote: Superb...Dekhte hai ye khel aage kya kya karwaane wala hai.

Surly you will enjoy
Like Reply
उसकी बात सुनकर सभी हैरत से एक दूसरे की तरफ देखने लगे...आख़िर काजल कहना क्या चाह रही थी...अच्छा भला, सीधा साधा सा खेल चल रहा था...स्ट्रीप पोकर में एक दूसरे को नंगा करने का...फिर ये स्लेव बनाने से क्या होगा...इससे अच्छा तो नंगा ही कर दो उसको...

पर जीती वो थी इसलिए मर्ज़ी भी उसकी ही चलनी थी, राणा ने सभी को चुप रहकर आगे का तमाशा देखने का इशारा किया..क्योंकि वो शायद समझ चुका था की काजल का दिमाग़ किस तरफ जा रहा है...और अगर वो सही है तो, काजल जो भी कर रही है, उसमे बहुत मज़ा आने वाला था..

काजल ने सारिका को अपने साथ उपर चलने के लिए कहा..वो बेचारी अपनी आँखों में हज़ारों सवाल लेकर उसके पीछे -2 उपर वाले कमरे की तरफ चल दी..

और उनके जाते ही सभी एक दूसरे से ख़ुसर फुसर करने लगे...और उनके नीचे आने का इंतजार भी..

और करीब 10 मिनट के बाद उनके नीचे आने की आवाज़ सुनाई दी..

सभी टकटकी लगाकर सीढ़ियों की तरफ देखने लगे..

और उन्हे देखकर सभी अपने खड़े हुए लंड के साथ - 2 खुद भी अपनी सीट से उठ खड़े हुए ...

नज़ारा ही कुछ ऐसा था उनके सामने..

काजल ने सच मे सारिका को अपनी स्लेव बना लिया था..उन दोनो ने कुछ अजीब से कपड़े भी पहन लिए थे...जिसमे काजल एक मास्टर और सारिका उसकी स्लेव लग रही थी..

सारिका को काजल ने एक चैन से बाँध रखा था...और वो अपने घुटनो और हाथों के बल किसी कुत्तिया की तरह चल रही थी उसके पीछे..

उन दोनो को ऐसे सेक्सी कपड़ों मे ऐसे मास्टर-स्लेव के किरदार मे आता हुआ देखकर सभी के लंड फटने वाली हालत में गये..

काजल ने काफ़ी इंग्लीश मूवीस देखी हुई थी और उसे बचपन से ही साइट्स पर इंग्लिश स्टोरीस पड़ने का भी शोंक था, और शायद ये आइडिया उसके दिमाग़ में वहीं से आया था, जो शायद वो कब से करना चाहती थी..और आज तो मौका भी था और दस्तूर भी...

ऐसे मौके का फायदा उठाकर वो खेल-2 में सबका मनोरंजन भी कर रही थी और अपने -2 जिस्म की नुमाइश भी...

काजल ने हील वाले सेंडिल पहने हुए थे और उपर से उसकी सेक्सी टांगे नंगी थी...और उसने सारिका को एक सफेद शर्ट पहनाई हुई थी...जिसमें उसके लटक रहे मुम्मों पर चिपके निप्पल काफ़ी ख़तरनाक लग रहे थे..

काजल अपनी स्लेव को लेकर सोफे तक आई


काजल : "दोस्तों....ये है मेरी स्लेव....सारिका ....''

सारिका की शर्ट के 2 बटन खुले होने की वजह से उसके गोरे-2 बूब्स सभी को साफ़ नज़र रहे थे...राणा, बिल्लू और गणेश तो पागल से हो चुके थे...

और उससे भी बड़ी और मज़े की बात ये थी की सारिका को भी उन सबमे बड़ा मज़ा रहा था..

जब उपर जाकर काजल ने सारिका को बताया की वो क्या करना चाहती है तो सारिका को विश्वास ही नही हुआ की उसकी भोली सी दिखने वाली सहेली इतनी ख़तरनाक सोच रखती है...वो नीचे बैठे ठरकियों को पूरी तरह से तडपा-तड़पाकर मजे लेना चाहती थी...और साथ ही उनके पैसे भी...जिसका प्लान काजल ने उसे समझा दिया..

वैसे भी ऐसा रोल प्ले करके उन दोनो को अंदर से काफ़ी मज़ा रहा था...वो जब पक्की सहेलियाँ थी तो ऐसे ही रोल प्ले करके वो बंद कमरे में काफ़ी मज़े लेती थी...कभी वो टीचर स्टूडेंट बन जाती थी और कभी इंस्पेक्टर मुजरिम...और आज उसी रोल प्ले वाली गेम को सबके सामने पेश करके वो खुद तो मज़े ले ही रही थी उनकी हालत भी खराब कर रहीं थी..

क्योंकि जो चाल काजल के दिमाग़ में थी, उसके हिसाब से अगली गेम अगर उसके हिसाब से चली तो सबके लंड के साथ-2 वो उनके पैसे भी अंदर ले लेगी..

काजल ने सारिका से कहा : "चलो, जाकर सभी को विश करो...''

काजल किसी मालकिन की तरह उस स्लेव बनी सारिका पर अपना हुक्म चला रही थी..

सारिका अपने हाथों और पैरों पर चलती हुई राणा की तरफ बढ़ने लगी...उसकी शर्ट से झाँक रहे मुम्मे देखकर पहले से ही राणा की हालत खराब थी, उसे ऐसे अपनी तरफ आता देखकर वो तो सुध बुध खोकर उसकी गहरी आँखो में देखता रह गया.



वो धीरे-2 चलती हुई उसकी टाँगो के बीच पहुँची..और उसके खड़े हुए लंड के ठीक सामने जाकर उसने अपने होंठों की गर्म हवा छोड़ी और बोली : "हैल्लो मास्टर....कैसे है आप...''

जवाब मे सिर्फ़ उसके अंडरवीयर में क़ैद लंड ने एक जोरदार झटका मारा...जिसे सारिका ने बड़े ही करीब से महसूस किया...उसका तो मन कर रहा था की उसके अंडरवीयर को नीचे खिसकाए और चूस ले उसे ..पर अभी उसकी मास्टर यानी काजल का ये हुक्म नही था..

इसलिए वो वापिस पीछे आई और उसी तरह बिल्लू और गणेश की टाँगों के बीच जाकर उन्हे भी विश किया.

बिल्लू ने तो उसके सिर पर हाथ रखकर उसे अपने खड़े हुए लंड पर झुकाने की भी कोशिश की पर तभी काजल ने अपने हाथ मे पकड़ा हुआ एक हंटर टाइप का डंडा उसके हाथों पर मारा और बोली : "जब तक मैं नही कहूँगी, वो कुछ भी तुम्हारी मर्ज़ी का नही करेगी...''

खेल सच मे काफ़ी रोचक होता जा रहा था...

उनके मायूस चेहरों को देखकर काजल की हँसी निकल गयी और साथ ही निकला उसकी योजना का अगला चरण....

वो बोली : "अच्छा ठीक है...अगर तुम सभी इससे अपनी मर्ज़ी का कुछ करवाना चाहते हो तो इसके लिए तुम्हे पैसा खर्च करना पड़ेगा...''

सभी की आँखे चमक उठी...अपनी मर्ज़ी से वो उसके साथ कुछ भी कर सकते थे...

सभी एक साथ चिल्ला पड़े...पहले मैं...पहले मैं..

काजल : "पर वो जो भी करेगी , दूर से ही ...तुम इसको हाथ नही लगा पाओगे...''

सभी एक बार फिर से मायूस हो गये..पर फिर भी, जितना मिल रहा था उसे भी वो खोना नही चाहते थे..काजल ने हर एक्ट की कीमत भी उन्हे बता दी, दस हज़ार रूपए ...जिसे देने में उन्हे कोई परेशानी नही थी..

सबसे पहले राणा ने अपने दिल की बात बताई : "सारिका को बोलो की ये तुम्हे पालतू कुतिया की तरह प्यार करे...तुम्हे चाटकार..अपनी जीभ से...''

शायद ये उसकी फेंटसी थी, उसने भी एक मूवी में ऐसे देखा था, और काजल और सारिका को ऐसा करता देखकर उसके मन में वो बात फिर से उभर आई...वैसे तो वो अपने आप को चटवाना चाहता था सारिका से..पर उसके लिए काजल ने मना कर दिया था...इसलिए उसने काजल ऐसा करने को कहा..

काजल भी मुस्कुरा दी...और सारिका की तरफ देखकर उसे अपनी तरफ खींचा..

सारिका की चूत तो पहले से ही पनिया गयी थी ये सुनकर...वो चलती हुई उसके पास आई और सीधा अपनी जीभ उसकी मोटी जाँघ पर रख दी...

पुर कमरे मे एक नही कई सिसकियाँ गूँज उठी..

एक तो काजल की और बाकी उन तीनों की..

सारिका ने उसकी जाँघ को अच्छी तरह से चाटा ...और फिर धीरे-2 वो नीचे की तरफ जाने लगी...और उसके मखमली घुटनों के बाद उसकी सॉलिड पिंडलियों पर भी उसने अपनी लार से गीलापन छोड़ दिया..

और वो वहीं नही रुकी...उसने काजल के पैरों पर भी अपनी जीभ की कलाकारी दिखाई...ये सब करते हुए उसको खुद भी काफ़ी मज़ा रहा था...

और फिर उसने धीरे-2 अपनी जीभ से उसके लेदर के सेंडिलस को भी चाटा ...जैसा की असली स्लेव करती है...वो तो पूरी कैरेक्टर में घुस चुकी थी...खुद भी मज़े ले रही थी और देखने वालो को भी मज़े दे रही थी...
Like Reply
सभी उसकी ऐसी परफॉर्मेंस देखकर तालियाँ बजाने लगे...

अब बिल्लू की बारी थी...

उसने दस हज़ार रूपए दिए और बोला : "मुझे तो उसको नंगा देखना है...''

वो तो वैसे भी वो हो ही जाती, शायद अगली 2-3 गेम्स में ..पर उसका उतावलापन अपनी जगह सही भी था... सारिका के जवान जिस्म को नंगा देखने की चाहत उसे कब से थी...आज वो पूरी होने जा रही थी..

काजल ने उसे इशारा किया और सारिका अपने पैरों पर खड़ी हो गयी..

वो बिल्लू के सामने आकर बैठ गयी...और अपनी शर्ट को दोनो तरफ से पकड़कर उसने दोनो तरफ खींचना शुरू कर दिया...और एक-2 करते हुए उसकी शर्ट के बटन टूट कर नीचे बिखरने लगे...

अब सारिका सिर्फ़ ब्रा मे बैठी थी उसके सामने...

बिल्लू तो इतनी पास से उसकी ब्रा में क़ैद मुम्मों को देखकर फिर से बावला हो गया..

और फिर सारिका ने हंसते हुए अपनी ब्रा के हुक भी खोले और उसे एक ही झटके मे उतार कर फेंक दिया...

और कमरे मे हर शख्स ने पहली बार उसे टॉपलेस देखा..

एकदम कड़क थे उसके बूब्स...सामने की तरफ तने हुए...भरे हुए, दोनो हाथों मे मुश्किल ही आए..पर ज़्यादा बड़े भी नही...इतने रसीले और बड़े रसगुल्लों को अपने सामने देखकर सभी के मुँह में पानी गया..

पर कोई कुछ कर तो नही सकता था ना..

और फिर सारिका ने अपनी पेंटी को पकड़ा और उसे भी उतार दिया..

और एक ताजी चूत का झोंका बिल्लू के नथुनों से टकराया...ऐसा लगा उसे की उसकी चूत से गर्म भाप छोड़ी गयी है ख़ास उसके लिए..जिसकी खुश्बू में अपनी सुध बुध खोकर उसने अपनी आँखे बंद कर ली...

सारिका पूरी की पूरी नंगी खड़ी थी सबके सामने...क्या तराशा हुआ जिस्म था उसका...उपर से नीचे तक माल थी वो लड़की..

सबने बड़ी ही मुश्किल से अपने आप को रोका हुआ था...भले ही वो कुछ नही कर पा रहे थे, पर इस खेल में उन्हे मज़ा बहुत रहा था.

अब गणेश की बारी थी..

उसने दस हज़ार काजल को सौंप दिए और अपने दिल की इच्छा बताई..

गणेश : "काजल, तुमने जो हंटर पकड़ा हुआ है अपने हाथ मे, उससे तुम इसकी गांड की पिटाई करके इसको लाल कर दो...''

ये सुनकर सभी चोंक गये...

सारिका : "ऐसा क्यो कर रहे हो तुम....मेरे से ऐसी क्या दुश्मनी है जो मेरी लाल करने पर तुले हो...''

वो हंस भी रही थी, की ऐसा क्यो बोल रहा है वो.

गणेश : "अब ये तो मुझे नही मालूम, पर यहाँ जब सभी अपनी - 2 इच्छा बता रहे हैं तो मैने भी बोल दी, वैसे ये काम मैं अपनी बीबी के साथ कब से करना चाहता हू...उसे नंगा करके अपनी गोद में लेकर उसकी भरी हुई गांड पर चपेटें लगाकर उसे लाल करना चाहता हू...और फिर उसे चूमना चाहता हू..पर वो मेरी इस बात को आज तक नही मान सकी...बोलती है की मैं पागल हू...ऐसा कौन करता है भला ...अब वो मना कर देती है तो उसकी मर्ज़ी, ये तो मना नही करेगी ना, इसको तो पैसे दे रहा हू मैं ...''

यानी अपने पैसे के बल पर वो अपने दिल की इच्छा को पूरा करवाना चाह रहा था...राणा और बिल्लू की तो जायज़ सी डिमांड थी, पर ये थोड़ी ख़तरनाक सी थी..

पर अपनी गांड पर हंटर पड़ने की बात सुनकर सारिका काफ़ी गर्म हो चुकी थी...केशव भी अक्सर उसे घोड़ी बनाकर जब चोदता था तो उसकी गांड पर बेतहाशा थप्पड़ मारकर उसे लाल कर देता था..उसे काफ़ी मज़ा आता था उसके हाथों की मार अपनी गांड पर खाकर...इसलिए उसने झट से वो पैसे लिए और अपनी गांड को काजल की तरफ करके खड़ी हो गयी..

जब उसको ही कोई प्राब्लम नही थी तो भला किसी और को क्या हो सकती थी...काजल ने उसे उसी सोफे के हत्थे पर उल्टा लिटाया, जिसपर बैठकर वो पहले खेल देख रही थी और हल्के हाथों से उसकी गोरी गांड पर हंटर बरसाने शुरू कर दिए...


हल्की डोरियाँ लगी थी हंटर के आगे...जो एक रेशमी सा एहसास छोड़ रही थी सारिका की मखमली गांड पर...और वो हर प्रहार से कराह उठती...दर्द से नही, मज़े से...क्योंकि उसे उसमें काफ़ी मज़ा मिल रहा था..

और धीरे-2 उसकी गोरी गांड लाल सुर्ख हो गयी...जिसे चूमकर काजल ने उसकी गर्मी को शांत किया..

और इस तरहा से उसका ये मास्टर-स्लेव वाला खेल वहीं ख़त्म हुआ..

सभी को काफ़ी मज़ा आया था..
[+] 1 user Likes Jyoti Singh's post
Like Reply
अब बेकार का परदा करना बेकार था...देखा जाए तो ये खेल भी एक जुए की तरह ही खेला था काजल ने, सबसे बोली लगवाई और पैसे जीत कर ले गयी..

राणा : "काजल, छोड़ो अब ये सब, असली बात पर आओ..पैसों की चिंता ना करो...''

काजल और सारिका उसकी बात सुनकर मुस्कुरा दी..बाकी के दोनो दोस्त भी उन्हे देखने लगे..सभी समझ गये की आख़िरी बाजी की तैयारी हो रही है..

काजल : "कितने पैसे हार सकते हो आख़िरी गेम में ..''

राणा ने अपनी जेब के सारे पैसे निकाल कर सामने रख दिए...और उसकी देखा देखी बिल्लू और गणेश ने भी अपनी जेबें खाली कर दी...

टेबल के उपर नोटों का ढेर सा लग गया...करीब 70 हज़ार रुपय थे वो...सारिका तो पहले के जीते हुए पैसे उपर वाले कमरे में रख चुकी थी..उन्हे कहाँ रखेगी, यही सोचकर उसकी आँखे चौड़ी होती चली गयी..

काजल ने जैसे ही वो पैसे उठाने चाहे, राणा ने रोक दिया और बोला : "इन्हे ले जाओ..पर अब जो हम कहेंगे वो करोगे तुम दोनो..हमारी मर्ज़ी का...''

काजल ने सारिका की तरफ देखा..और आँखो ही आँखो मे सारिका ने अपनी स्वीकृति दे दी..राणा ने अपने हाथ हटा लिए..और काजल ने सारे पैसे अपनी तरफ कर लिए..

यानी बिना खेल खेले वो बाजी काजल और सारिका जीत गयी

उसने सारे पैसे उपर लेजाकर रख दिए और वापिस आकर खड़ी हो गयी उनके सामने...

सभी एक साथ उठे और सबने मिलकर काजल को घेर लिया...

सभी ने एक-2 करके उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए..

गणेश ने वो हंटर उसके मुँह मे ठूस दिया...और पीछे खड़े बिल्लू ने उसके मुम्मे के उपर की ब्रा निकाल कर नीचे कर दी..


वो तीनो उसके जिस्म से जोंक की तरहा चिपके हुए थे...सारिका बेचारी अकेली खड़ी हुई अपनी चूत मसल रही थी..और सोच रही थी की उसका नंबर कब आएगा..

बिल्लू और गणेश ने उसके कपड़े निकालते हुए उसके चेहरे को पकड़ा और उसके और राणा के मुँह को आपस मे मिला दिया...और फिर वो सारिका की तरफ चल दिए, उन्हे एक गहरी स्मूच मे डूबा कर..

राणा ने अपनी उंगलियाँ काजल के मुँह मे डाली , जिसे वो प्यासी चुड़ैल की तरह चूसने लगी..फिर उसने झुक कर उसके मुम्मों पर अपना मुँह रख दिया और उन्हे चूसने लगा...वो तड़प उठी..अपनी जीभ से उसके बदन को चाट्ता हुआ वो उपर आया और ज़ोर से स्मूच कर लिया..

बिल्लू और गणेश ने सारिका को घेर लिया, वो तो पागलों की तरह उसे नोचने लगे..उसके मुम्मों पर बिल्लू ने ऐसा हमला बोला जिसे महसूस करके वो चीखे मारने लगी..और गणेश तो सीधा उसके पीछे गया और मार के कारण लाल सुर्ख गांड पर अपनी जीभ रखकर उसे चाटने लगा...शायद आज उसकी दबी हुई इच्छा पूरी हुई थी..

फिर वो आगे की तरफ आया और उसकी चूत पर मुँह लगाकर ज़ोर-2 से सक्क करने लगा..

सारिका तो हवा ही हवा में अपनी चूत चुस्वाकार डांस करने लगी..

ऐसा मज़ा तो उसने आज तक नही लिया था..

एक से करवाने का मज़ा अलग होता है, पर ऐसे 2-2 के साथ मज़े लेना उसके लिए बिल्कुल नया था, उसके अंदर की रंडी जाग उठी और वो ज़ोर -2 से चीखें मारती हुई चिल्लाने लगी..

''
अहहsssssssssssssssssssssssssssss .... और ज़ोर से चूस साले ..... अंदर तक डाल जीभ को....''

बिल्लू : "साली, इससे चुसवाती ही रहेगी क्या....चल मेरा लंड चूस, बड़ी देर से रोका हुआ है मैने...''

और वो दीवार के सहारे खड़ा हुआ और अपना लंड निकाल कर सारिका के सामने रख दिया...

सारिका ने पहले उसके लंड को अपने मुम्मे पर रगड़ा...

उसपर थूक डाल कर अच्छी तरह से गीला किया..

अपने मुम्मों की दीवारों से उसे अच्छी तरह से रगड़ा..

और फिर एक ही झटके मे उसे अपने मुँह मे लेकर चाट लिया..

बिल्लू सिहर उठा..और अपने पंजों पर खड़ा हो गया..

सारिका ने उसके लंड को चाटा ,चूसा और फिर झुक कर उसकी बॉल्स को भी चाट लिया..

ये बिल्कुल नया था बिल्लू के लिए..

फिर तो सारिका रुकी ही नही...उसने चूस - कर उसके लंड को पूरी तरह खड़ा कर दिया..

फिर उसने गणेश की तरफ देखा...उसका तो पहले से ही खड़ा था..

उसे भी उसने एक बार चूसा और फिर उसे वहीं ज़मीन पर लिटा कर उल्टी होकर उसके उपर बैठ गयी.

और अपनी चूत में उसके लंड को लेकर नाचने लगी...

''
अहह....उम्म्म्मममममममममममममम''

और फिर सारिका ने गणेश के पैर पकड़े और अपनी गाण्ड उपर नीचे करती हुई चुदवाने लगी....बिल्लू भी साइड में आकर खड़ा हो गया और अपना लंड मसलने लगा उसके चेहरे के पास आकर..इतने करीब से बिल्लू के लंबे लंड को देखकर सारिका का मन उसके लिए ललचा गया...वो उसके लंड को अंदर लेने के लिए तड़प उठी...और एक ही झटके से वो गणेश के ऊपर से उठ खड़ी हुई और नीचे लेट गयी...और बिल्लू की तरफ बाहें करके उसे अपनी तरफ बुलाया..वो भागता हुआ सा आया और अपने खड़े हुए लंड को सीधा लेजाकर उसकी चूत में घोंप दिया..

''
आआआआआआआआआआहह ..... ऊऊऊऊऊऊओह य्ाआआआआआआअ ...... उम्म्म्ममममममम ...कितना बड़ा है तेरा ................... अहह ....''

और उसके लम्बे लंड को अंदर महसूस करते हुए उसने पीछे खड़े गणेश के गीले लंड को अपने हाथ मे पकड़ा और मसलना शुरू कर दिया..
Like Reply
एक साथ दो लंड उसकी गिरफ़्त में थे..एक उसकी चूत में और दूसरा उसके हाथ मे..

दोनो के साथ वो पूरे मज़े लेने के मूड में थी..

पुर कमरे मे सिसकारियाँ गूँज रही थी..

सही मानों में कहे तो ग्रुप सेक्स चल रहा था

चारों तरफ नंगे जिस्म बिखरे पड़े थे..

काजल से भी अब रहा नही जा रहा था.

अपनी सहेली को लंड के मज़े लेती देखकर उसने राणा को नीचे पटका, और उसके उपर सवार हो गयी...

और राणा ने उसकी नशीली आँखो मे देखते-2 नीचे से अपना लंड लेजाकर उसकी मखमली चूत पर लगा दिया

और एक ही झटके मे उसके अंदर दाखिल हो गया.

''
आआआआआआआआआआआआआआहह उूुुुुुुुुुुुुउउफफफफफफ्फ़ ढीईईरीई..... ''



ये सिर्फ़ दूसरा लंड था उसकी लाइफ का जो वो अंदर ले रही थी...अभी कल ही तो ताज़ा-2 चुदाई करवाई थी उसने...पर केशव के लंड से काफ़ी बड़ा था राणा का लंड ..इसलिए थोड़ी तकलीफ़ भी हुई उसे...

पर धीरे-2 उसकी तकलीफ मजेदार सिसकारियों मे बदल गयी.

राणा ने उसके हाथ को उसकी कमर पर रखकर अपने हाथ का दबाव दिया और बाँध सा दिया और नीचे से तेज और लगातार धक्के मारकर ज़ोर-2 से उसकी चुदाई करने लगा..

'
ऊऊऊओ फक ....अहह उम्म्म्ममममममम ...येस्स....... ओह ... अहह ..... उम्म्म्मममममममम और ज़ोर से ...... अंदर तक .............अहह ....सस्स्स्स्सस्स....''

वहाँ सारिका की चूत बज रही थी और यहाँ काजल का बेंड............

और दोनो सहेलियाँ लंड के डंडो की मार पर अपनी कमर थिरका कर क़ेबरे कर रही थी..

सारिका अपने चरम पर थी...और बिल्लू भी....उसने आख़िरी मे जाकर जोरदार झटके मारते हुए अपना सारा माल उसकी चूत के अंदर निकाल दिया..

''
आआआआआआआअहह ओह ...मैं तो गया .................... उम्म्म्मममममममम''

सारिका भी उसके गर्म पानी को महसूस करते हुए ढेर हो गयी..

गणेश भी उठकर जल्दी से उसके आगे आया और सारिका के संभलने से पहले ही अपने लंड को उसकी गीली सुरंग मे डाल कर धक्के मारने लगा...

एक बार फिर से वो मालगाड़ी की तरह हिचकोले खाने लगी..और उसका माल यानी बड़े-2 मुम्मे उपर नीचे हिचकोले खाने लगे..

''
ऊऊऊऊऊऊऊहह ......मार डालोगे तुम दोनो मुझे तो .................उम्म्म्मममममम ....अहह ...... ''

पर उसकी शिकायत का कोई असर नही हुआ गणेश पर और उसने धक्के चालू रखे और जल्द ही वो भी हांफता हुआ उसकी चूत में अपने रस का योगदान देते हुए उसके रुई जैसे मुम्मों पर लुडक गया...

उधर राणा की ट्रेन तो पूरी गति से भागी जा रही थी..

और काजल भी हारने का नाम नही ले रही थी..

उसके हर झटके मे इतना ज़ोर था की हर बार ऐसा लगता की पहली बार लंड अंदर गया है उसके.

सारिका खिसक कर उसी सोफे पर गयी, जिसपर काजल की चुदाई चल रही थी...

शायद ये सोचकर की शायद दो लड़कियों को देखकर राणा जल्दी झड़ जाए और अगले राउंड की तैयारी हो..

काजल ने अपनी बगल मे लेटी हुई सारिका के मुम्मे चूसना शुरू कर दिया..और सारिका अपनी चूत मे इकट्ठे हुए माल को रगड़ती हुई फिर से सिसकने लगी..


राणा अब पूरी तेज़ी से काजल की चूत में अपना लंड पंप कर रहा था...बगल मे लेटी हुई सारिका को देखते हुए..

और जल्द ही उसने भी हार मान ली...

एक जोरदार झटके से उसके लंड की पिचकारियाँ भी काजल के अंदर जाने लगी

और वो बुरी तरह से झड़ता हुआ उसके नंगे बदन से लिपट गया..

''
अहह ..... ओह कााआआआजल .............. उम्म्म्मममममममममम ... मैं तो गया................ ....''

और फिर वो भी अपने सुस्ता रहे दोस्तों के पास जाकर सिगरेट के सुट्टे मारने लगा..

और दोनो सहेलियाँ एक दूसरे की गुल्लक मे हाथ डालकर ये जाने की कोशिश करने लगी की किसमे कितना माल इकट्ठा हुआ है..



अभी तो पूरी रात पड़ी थी..

पूरी रात मे कैसे-2 वो चुदाई करवाएँगी..ये सोचते-2 दोनो के चेहरे पर एक अलग ही हँसी गयी..

और ये सिलसिला पूरी रात चला..

बाहर लोग दीवाली के पटाखे जला कर सो चुके थे

पर अंदर इन तीनो ने इन पटाखो को पूरी रात बजाया..

और दीवाली के पूरे मज़े लिए..

***********
समाप्त.
***********
[+] 1 user Likes Jyoti Singh's post
Like Reply
Hey Friends !! now we reached to the end of the story. I hope you enjoyed this. May be many of you not liked this story so i have to finish this as quickly as possible. If you one of them who like this story plz like this, comment/reply after this thread, give me reputation for my update because few of you given me that. 
If you not like then its ok to say that but please reply, its give us motivation to write more interesting. 

God bless you.

welcome welcome welcome welcome welcome welcome welcome
 
Your Dear Friend 
Jyoti Singh
Like Reply
EK adhurapan lagta h jab log kahani ko appreciate nhi krte... shayad ye kahani aap logo ko pasand nhi aayi h.. agar aayi h to plz jrur jrur bataye.. apke response ka hamesha intezar rahega.
Like Reply
Fantastic story Jyoti!???
आपसे आशा करतें हैं कि जल्दी ही कोई ऐसी ही गरमागरम कहानी पढ़ने को मिलेगी। धन्यवाद।।
Like Reply
(02-05-2019, 09:08 AM)bhavna Wrote: Fantastic story Jyoti!???
आपसे आशा करतें हैं कि जल्दी ही कोई ऐसी ही गरमागरम कहानी पढ़ने को मिलेगी। धन्यवाद।।

Thank you for your appreciation.... itna jaldi to new story nhi but kosis krungi.
Like Reply
Nice Story
Like Reply
(02-05-2019, 10:37 AM)Unknown Wrote: Nice Story

thanks for your appreciation.
Like Reply
Nice story ....
Like Reply
Awsome one bro thanks. Write more like these games and teasing type
Like Reply
Maza aagya... pr is kahani ko please aage badhao... pure tym chut masalti reh gyi
Like Reply
Thode alag angle mein jaise kajal ko thoda evil bnao... apne bhai ko cuckold kre.. waise bhi uski gf aur behen dono hi uske dosto se chudh gyi h... aur bhi gandi harkato se chudhai krwao.. bhut kuch ho skta h isme.. lekin bhut maza aaya.. thank you
[+] 1 user Likes sakshi's post
Like Reply




Users browsing this thread: 1 Guest(s)