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अब रेनू के पास कोई चारा नहीं था। मैंने जल्दी से अपना सेल फोन उठाया और ऐसा दिखावा किया जैसे मैं कुछ टाइप कर रहा हूँ और खिड़की के पास जाकर खड़ा हो गया। मैंने देखा कि रेनू घबराकर पानी से बाहर निकल रही थी, उसकी खूबसूरत गांड पूरी तरह से दिखाई दे रही थी। उसके बड़े मम्मों के केवल निप्पल ही ढके थे और बिकिनी का कपडा उन पर चिपक कर साफ़ दिखा रहा था की वो उत्तेजना से तन गए हैं।
राजेश की आँखें चौड़ी हो गईं जब उसने देखा कि रेनू ने क्या पहना है, लेकिन अपने को संभाल कर वो बोला। “..बहुत ही सुंदर स्विम सूट है।”
रेनू शरमा गई, उसको समझ नहीं आया की क्या बोले। फिर वो सँभालते हुए बोली, “थैंक्स राजेश। मोनू ने जबरदस्ती मुझे बोला की मैं आज इसे पहनू।”
वो दोनों राजेश के घर की तरफ चल दिए। राजेश ने बोला “बढ़िया है, मोनू का टेस्ट काफी अच्छा है।”, ये बोलकर वो मुस्कुराने लगा।
जब वो राजेश के घर पहुचे तो राजेश रेनू से बोला, “आप दो मिनट रुकिए। मैं एक टॉवल ले आता हूँ वरना आपके गीले बदन की वजह से फर्श गीला हो जायेगा” और रेनू को वही छोड़ कर वो अन्दर चला गया। रेनू कुछ देर परेशान सी वहां खड़ी रही तब तक राजेश एक तौलिया लेकर आ गया। मैंने देखा की उसने जल्दी से खुद को तौलिया से सुखाया और उसे राजेश को वापस कर दिया।
“पीछे गीला रह गया है” राजेश बोला और मौके का फायदा उठा रेनू की पीठ तौलिये से पोछने लगा।
“अरे अरे रहने दीजिये। मुझे दीजिये, मैं खुद पोछती हूँ” रेनू ने उसे रोकने की कोशिश की लेकिन राजेश बोला, “हो गया। अब चलिए अन्दर”
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मैंने अजीब उत्तेजना के साथ देखा, मेरी बीवी अपनी लगभग नंगी गांड को आगे-पीछे उछालती राजेश के साथ उसके घर के अंदर चली गयी।
मैं आगे देखने के लिए हमारी रसोई की खिड़की के पास आ गया और राजेश की रसोई के अंदर देखने लगा। रेनू रसोई में घूम रही थी और राजेश फ्रिज से बर्फ निकाल कर एक बड़े जार में डाल रहा था। रेनू एकदम दिव्य लग रही थी। वो लोग क्या बात कर रहे थे अब मुझे सुनाई नहीं दे रहा था, लेकिन अचानक रेनू और राजेश हंसने लगे और रेनू ने एक गिलास भरकर वोडका उस जार में डाल दी। मैं जो देख रहा था उस पर मुझे विश्वास नहीं हो रहा था, मेरी अधनंगी बीवी लापरवाही से राजेश की रसोई में टहल रही थी और उससे बातें करके हँस रही थी। यह बहुत रोमांचक नजारा था और मैं बता नहीं सकता की मुझे यह देखने में कितना मजा आया।
कुछ ही देर में वो दोनों घर से निकले और सावधानी से जार लेकर वापस मेरे घर पूल के पास आ गए।
मैंने अब अपना फोन सोफे पर फेंका और जल्दी से उन दोनों के पास पहुच गया।
“माफी चाहता हूँ लेकिन वो मेल बहुत जरूरी था।” मैंने दोनों से कहा, लेकिन माफी रेनू के लिए ही थी। उसने गुस्से से मेरी तरफ देखा, लेकिन मैंने पाया कि अब वह अपने सूट को लेकर असहज नहीं थी। अब वो खुद को ढकने की जल्दी में भी नहीं थी।
“कोई प्रॉब्लम नहीं।” राजेश ने जार को हमारी एक टेबल पर रखते हुए कहा, “मैं तुमसे कभी इस बात की शिकायत नहीं करूंगा की तुमने रेनू को मेरी मदद के लिए क्यों भेजा और वो भी इस खूबसूरत बिकिनी में।”
रेनू ये सुन कर शरमा गयी और वापस पूल में चली गयी । राजेश खुलकर रेनू के जिस्म की तारीफ कर रहा था जिससे मैं बहुत खुश था।
मैंने चुटकी ली, “ये तो इसे पहनती ही नहीं। 2-3 सालों से ऐसे ही रखी थी। क्या आप विश्वास करेंगे की आज भी मेरे बहुत कहने पर इन्होने ये पहनी है”
उसने उत्तर दिया, “रेनू ने मुझे बताया, लेकिन मुझे खुशी है कि आपने ऐसा किया। इसी बहाने मेरा भी थोडा फायदा हो गया।”
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हमारी बातचीत से रेनू की बहुत शर्मिंदा हो रही थी और आखिर में वो बोल ही पड़ी, “हेल्लो! मैं यही हूँ और तुम दोनों को सुन रही हूँ! तुम लोग मुझे शर्मिंदा कर रहे हो!”
राजेश ने मुझे अपने ड्रिंक का एक गिलास देकर हँसते हुए रेनू को जवाब दिया, “आपको शर्मिंदा तो बिकुल नहीं होना चाहिए बल्कि आपको फक्र होना चाहिए और मुझे यकीन है कि मोनू मेरी बात से पूरी तरह सहमत है।”
मैंने एक घूंट लेते हुए सिर हिलाया, “बिलकुल, अरे, यह तो काफी अच्छा है।” मैंने कहा। सुबह से शराब पीने की वजह से अब मैं काफी लापरवाह हो गया था।
“धन्यवाद, मैं इसे सालों से बना रहा हूँ।” ये कहकर वो पूल के किनारे पर चला गया और उसने मेरी बीवी को भी एक गिलास दिया। रेनू ने जल्दी से एक घूंट लिया और उसने भी स्वाद की तारीफ की, “वाह। यह वास्तव में काफी अच्छा है।”
राजेश ने सिर हिलाया, और फिर अपना गिलास भरने लगा। “लेकिन आराम से पीजिये ये अचानक से पंच करती है। अगर जल्दी जल्दी पियेंगे तो तेज़ नशा होता है।”
लेकिन हमने राजेश की बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और जल्दी जल्दी दो गिलास ख़त्म कर दिए। राजेश आराम से पहला गिलास ही पी रहा था। मेरा और रेनू का तीसरा गिलास लेकर मैं पूल में उतर गया अपनी बीवी के साथ तैरने लगा, जबकि राजेश किनारे पर बैठा आराम से ड्रिंक कर रहा था। व्यापार से लेकर खेल-कूद से लेकर मनोरंजन तक की बातचीत चलती रही, और हम तीनों ड्रिंक करते रहे और हम तीनों अच्छे खासे नशे में थे।
रेनू ने अब उस स्विम सूट में ऐसे रम गयी थी जैसे कि यह उसकी त्वचा थी, राजेश की आँखे नशे में बोझिल थी और वो अब मेरी परवाह किए बिना एकटक रेनू को ही देख रहा था। जैसे-जैसे उसका नशा बढ़ रहा था उसकी नज़रों में मेरी बीवी के लिए हवस बढ़ रही थी। ऐसा लग रहा था की वो रेनू के बदन को आँखों से ही खा जायेगा।
मैंने रेनू को पानी से बाहर निकालने का फैसला किया और उससे बोला “डार्लिंग मेरे और राजेश के लिए कुछ स्नैक्स तो ले आओ”
रेनू पूल से निकल कर घर के अन्दर चली गयी और कुछ देर में पनीर पकोड़े और चीज बर्स्ट की एक ट्रे लेकर लौटी। मैंने देखा कि राजेश ने उसके चमकते हुए शरीर पर अपनी नज़रे गडा दी। मैंने सीधे उसके बड़े मम्मों को देखा जिसमें उसके निप्पल साफ़ दिखाई दे रहे थे। एक तारीफ मेरे होंठों से निकल गई, “गॉडडैम बेबी। क्या मस्त चून्चिया हैं।”
“मोनू! हम अकेले नहीं हैं, राजेश भी यहाँ है!” रेनू ने मुझे डांटा, उसके चेहरे पर शर्मिंदगी भरी मुस्कान थी। वह स्नैक्स लेकर राजेश के पास गई।
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राजेश ने जो मैंने कहा था उसे सुना। जैसे ही रेनू उसे स्नैक्स देने के लिए झुकी राजेश ने रेनू के मम्मों को देखते हुए कहा, “बुरा मत मानना लेकिन मैं मोनू से सहमत हूँ और वैसे भी ये टॉप इस समय सिर्फ एक औपचारिकता भर है।” उसके मुंह से यह शब्द निकल जाने के बाद वह शरमा गया, उसे लगा शायद रेनू बुरा मान सकती है।
लेकिन रेनू भी तो नशे में थी, वो उसने प्रतिक्रिया दी, “बस ठीक है! मैं जानती हूँ आप लोग पांच छेह पेग डाउन है इसीलिए कुछ बोल नहीं रही वरना...!”
राजेश और मैं दोनों उसकी बात सुन कर एक साथ हँस दिए और रेनू ने वापस मेरे पास पूल में आ गयी। राजेश और मैं चुपचाप स्नैक्स लेने लगे और रेनू चुपचाप तैरने लगी, अचानक रेनू की तरफ मुड़ी और बोली, “आप भी हमारे साथ पूल में क्यों नहीं आते राजेश, या फिर आप पानी से डरते हैं?”
राजेश ने खाते हुए जवाब दिया, “मेरे पास कोई बाथिंग सूट नहीं है, सच कहूं तो मुझे तैरना भी नहीं आता इसीलिए कभी खरीदा नहीं।”
मैं चुपके से रेनू के पीछे गया और पानी के अन्दर उसकी कमर पकड़ ली। लगभग दो घंटे बीत चुके थे और मैं शराब के साथ साथ उसके अधनंगे शरीर के नशे में बहुत उत्तेजित था। मैं उसे चोदना चाहता था, और मुझे अब राजेश की कोई परवाह नहीं थी। साथ ही मैं ये भी चाहता था कि वह राजेश को एक बार और अपना बदन दिखाए। मैंने पीछे से उसके कान में फुसफुसाया। “तुम अगर अपना टॉप उतार दो तो सच में बहुत मजा आ जायेगा।”
वह मेरी तरफ मुड़ी और धीरे से बोली, “मोनू पागल हो गए हो क्या, राजेश सामने बैठा है। पहले इसे तो जाने दो।” मैंने देखा कि उसकी आँखों में नशे के साथ एक शरारत भी थी।
मैंने उसे चढ़ाया, “उसको बैठा रहने दो बेब। तुम शुरू तो करो, वो बाद में टीज होकर खुद ही भागेगा या फिर मैं ही उसे जाने को बोल दूंगा ताकि हम कुछ मज़े कर सकें।”
रेनू ने अपनी आँखों में सेक्स भरकर मेरी तरफ देखा, फुसफुसाते हुए कहा, “ठीक है, लेकिन सोच लो, बाद में मुझे दोष मत देना। तुम ही मुझे उसको टीज करने को बोल रहे हो। अगर कुछ गड़बड़ हुई तो मुझ पर गुस्सा न करना।”
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ये बोलकर वो अचानक पानी के अन्दर चली गयी और उसने धीरे से अपना टॉप खोल दिया, एक मिनट में ही उसकी बिकनी का टॉप पानी में तैर रहा था जिसे देखते ही मेरे लंड ने एक झटका खाया और जब मुझे लगा कि अब वो ऊपर आयेगी तो वो पानी में और भी गहराई में चली गयी।
अचानक काले नीले कपड़े का एक और गुच्छा पानी की सतह पर आ गया। उफ्फ्फ मेरी बीवी ने अपनी जी स्ट्रिंग पेंटी भी उतार दी थी!
यह देखते ही मेरा लंड लोहे की रॉड की तरह सख्त हो गया उधर रेनू वापस ऊपर आई अपनी आँखों से मेरी ओर देख कर मुझे चिढ़ाया। फिर उसने स्विम सूट पकड़ लिया, और उसे अपनी हथेली में उठा राजेश पर फेंक दिया।
“लीजिये, आपके लिए एक स्विम सूट मिल गया!” उसने राजेश को चिढ़ाया।
मुझे विश्वास नहीं हो रहा था! उसके गीले कपड़े राजेश के सीने में लगे जिससे राजेश भी एक पल के लिए चौंक गया।
राजेश को तुरंत पता चल गया कि मेरी बीवी अब पूरी नंगी है। उसने रेनू की ब्रा पेंटी को अपने शोर्ट की जेब में डाल लिया। “अब ये वापस नहीं मिलेगा, ये मेरे लिये अनमोल तोहफा है ”, वह चिल्लाया।
रेनू और मैं दोनों इस बात पर हँसे लेकिन अब कामुकता की एक हवा चल रही थी जो पूल के आस पास फैल गई थी।
राजेश ने जल्दी से अपना खाली गिलास उठाया और मजाक में हिलाते हुए बोला, “एक और ड्रिंक की तमन्ना थी लेकिन इतना नशे में हूँ की उठ ही नहीं पा रहा। रेनू आपके हाथों एक ड्रिंक मिलेगा क्या?”
रेनू ने मेरी तरफ देखा, उसकी आँखें चमक रहीं थीं, शराब के नशे में घुली उत्तेजना उसे अच्छी लग रही थी। उसने मुझ पर हाथ फेरते हुए कहा, “मैंने कहा था की मुझे दोष मत देना।”
ये कह कर जब वह धीरे-धीरे पूल से बाहर निकली तो मैंने उसे बड़े गौर से देखा। उसके मम्मे अब बंधन मुक्त थे, उसके सुंदर गुलाबी निप्पल बेहद सख्त महसूस हो रहे थे। इतनी पास से उसको नंगा देख राजेश का मुह खुल गया। धीरे धीरे रेनू की खूबसूरत गांड पानी से बाहर आई और जब वह मुड़ी तो राजेश को उसकी चूत की एक झलक मिली। मैं अपने जीवन में कभी इतना उत्तेजित नहीं हुआ था। मुझे रेनू के व्यवहार में बदलाव पर विश्वास नहीं हो रहा था, अभी कुछ हफ्ते पहले वह एक रिज़र्व और अलूफ औरतों में से एक थी और जो वो कर रही थी ईसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।
आज वह पूरी तरह से नंगी होकर हमारे आँगन में घूम रही थी, और हमारे पड़ोसी की आँखों को अपने शरीर की दावत दे रही थी। मुझे पता था कि इसके लिए कुछ शराब जिम्मेदार थी, और कुछ मेरा उसको लगातार उकसाना जिम्मेदार था।
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(21-09-2021, 03:30 PM)Rishu Wrote: ये बोलकर वो अचानक पानी के अन्दर चली गयी और
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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राजेश और मैं दोनों उसको एकटक देखते रहे। वो पूल से निकल कर राजेश के पास गयी और उसके हाथ से गिलास लिया फिर वो मेज पर गयी और जार से उसने राजेश के लिए ड्रिंक निकाला और वापस जाकर उसने राजेश को वो ड्रिंक दिया। राजेश ने थूक गटकते हुए उसके मम्मों को हाथ लगाना चाहा लेकिन रेनू फुर्ती से पीछे हो गयी और हँसती हुई वापस मेरे पास पूल में आ गयी। राजेश बेचारा हाथ मलते रह गया और मैंने उसे बडबडाते हुए सुना “उफ्फ्फ! क्या मम्मे हैं !”
रेनू ने मुझे एक जुनून के साथ चूमा और मुझे पता था कि वह अब चुदाई मांग रही थी, मैंने सोचा की अब मैं राजेश को जाने को बोलता हूँ लेकिन तभी रेनू मेरे कान में फुसफुसाई, “क्यों बेबी, मजा आया न।”
ये कहकर वो पानी के नीचे चली गई और मैं कुछ सोच पाता उससे पहले ही उसने मेरे खड़े लंड को स्विमिंग शोर्ट से बाहर निकाल लिया। मेरे लिए ये एक एकदम अप्रत्याशित था, मेरे कुछ कहने से पहले ही उसने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत के अंदर धकेल दिया।
अब कुछ कहने सुनने का वक़्त नहीं था। मैं भी काफी उत्तेजित था। मैंने रेनू को ऊपर उठाया और उसने अपने पैरों को मेरे चारों ओर लपेट लिया। मैंने इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया कि राजेश अब भी वहीं था। मैंने उसे पूल की दीवार से सटाया और नीचे से धक्के मारने शुरू कर दिए। धक्को से उसके मम्मे पानी के अन्दर बाहर हो रहे थे। बाहर से देखने पर साफ़ पता चल रहा था की मैं रेनू को बेतहाशा चोद रहा हूँ और रेनू भी बिना राजेश की परवाह किये जोर जोर से सिस्कारियां लेने लगी।
हम दोनों चुदाई में खोए हुए थे और भूल चुके थे की वहां हमारा पड़ोसी भी मौजूद है। हमने आज से पहले किसी दुसरे इन्सान के सामने चुदाई नहीं की थी। मैं ताबड़तोड़ अपना लंड रेनू की चूत के अन्दर बाहर किये जा रहा था और रेनू हर धक्के के साथ कराह उठती, “येस बेबी आःह्ह्ह और तेज़ आआअह्हह्हह” लेकिन अचानक रेनू ने आश्चर्य से चिल्लाकर मुझे चौंका दिया, “ओह! गॉड ये क्या है!”
वह पूल के किनारे बैठे राजेश की तरफ देख रही थी। अब मैंने भी राजेश की तरफ देखा।
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राजेश रेनू को घूर रहा था और देख रहा था की कैसे मैं उसकी चुदाई कर रहा था। लेकिन रेनू इस बात से नहीं चौंकी थी, जिस बात ने उसे चौंका दिया था वो था राजेश का लंड जिसे राजेश ने अपने शोर्ट से बाहर निकाल लिया था और वो रेनू की चुदाई देख कर उसे हिला रहा था।
उसका लंड मुझसे बड़ा था, शायद आठ इंच या उससे भी कुछ ज्यादा लंबा और काफी मोटा भी। जब उसने मुझे रेनू की चूत में अपना लंड घुसाते देखा तो शायद उससे रहा नहीं गया और वो मुठ मारने लगा। हम दोनों का ध्यान एकसाथ उसके लंड के विशाल आकार पर गया और हम दोनों ही चौंक गए। राजेश ने हमें उसके लंड की ओर देखते हुए देखा, तो बोला “सॉरी... लेकिन मैं क्या करता। रेनू को इस तरह सेक्स करते देख मेरे दिमाग ने काम करना बंद कर दिया। शायद मुझे यहाँ से उठ जाना चाहिए था। मैं माफ़ी चाहता हूँ।” उसने अपने हलब्बी लंड को वापस अपने शॉर्ट्स में भरने की नाकाम कोशिश की लेकिन रेनू ने उसे बीच में रोक दिया।
“डोन्ट वरी!... करते रहो, मुझे कोई फरक नहीं पड़ता...”, बोलते हुए उसकी आँखे लाल हो गई, उसने भी आज से पहले कभी इतना बड़ा लंड नहीं देखा होगा।
वो अचानक पूल से बाहर निकली और राजेश के सामने घास पर लेट कर बोली “आओ मोनू, मुझे चोदो न।” उसने मुझे आमंत्रित किया।
मैं सोचने लगा की यह औरत कौन है? मेरी बीवी तो एकदम बदल गयी है और मैं उसके हुस्न की पूजा करने उसके पास चला गया। मैंने उसकी टांगो को उठा कर अपने कंधे पर रखा और अपना लंड उसकी चूत के मुहाने पर टिका कर एक जोर का धक्का मारा। मेरा लंड पूरा एक बार में ही उसकी चूत में उतर गया और मैं जोश में उसे चोदने लगा। मैंने देखा कि चुदते हुए वह राजेश को घूर रही थी, और राजेश उसे देख रहा था, और केवल इसी बात ने मेरे जुनून को और भड़काने का काम किया।
रेनू जोर-जोर से कराह रही थी, मुझे चिंता होने लगी कि उसकी आवाज दूर तक जा रही होगी। उसके बावजूद मैंने उसके चूतडो को कसकर पकड़ लिया और धक्को की रफ़्तार दोगुनी कर दी।
राजेश मेरी बीवी की लंड अन्दर बाहर लेती हुई चूत में खो गया और मेरी बीवी से बोला, “ओह रेनू, तुमने तो मेरे लंड को एक चट्टान की तरह कर दिया है।” मैंने एक बार फिर से उसके हलब्बी लंड को देखा, मुझे अभी भी यह विश्वास नहीं हो रहा था कि हमारे पड़ोसी का हथियार इतना बड़ा है। जब मुझे लगा कि मैं और अधिक उत्तेजित नहीं हो सकता तभी रेनू की बात सुन कर मेरा लंड फटने को हो आया, रेनू ने राजेश की बात का जवाब देते हुए बोला था, “मैंने आज तक इतना शानदार लंड नहीं देखा राजेश!”
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मैंने आज तक अपनी बीवी के मुह से लंड शब्द पहले कभी नहीं सुना था और आज वो मेरे सामने दूसरे आदमी के लंड के साइज़ की तारीफ कर रही थी। मैं पहले ही झड़ने के कगार पर था लेकिन रेनू के मुह से निकले ये अल्फाज़ सुन कर मुझसे रहा नहीं गया और मैं झटके लेते हुए रेनू की चूत में फूट पड़ा, इसके साथ ही रेनू ने अपनी चूत मेरे लंड के चारों ओर कस ली जैसे वो उसको निचोड़ लेना चाहती थी और एक जोर की कराह के साथ उसकी चूत बह निकली और फिर हमने राजेश की आवाज सुनी।
“बेहतरीन शो था, बहुत सही से चोदा।” अपना लंड हिलाते हुए उसने मुझसे कहा और उसके लंड ने भी पानी छोड़ दिया। हम दोनों उसे झड़ते हुए देख रहे थे, उसके लंड झटके लेते हुए एक वीर्य की एक धार के बाद दूसरी धार छोड़ रहा था, उसके टट्टे काफी बड़े थे और शायद वो काफी दिन बाद खाली हो रहे थे तो वो कामोन्माद में झड़ता गया। आखिरकार हम सब शांत हो गए, और एक सन्नाटा छा गया। अचानक मेरी हँसी छूट गयी, फिर मेरी देखा देखी रेनू भी हंसने लगी और फिर राजेश भी हमारी नकल करके हंसने लगा।
“ओके राजेश, गुड बाय, हम अब अन्दर जा रहे हैं।” मैंने अब उसे अपने घर जाने का इशारा किया।
राजेश बात सुनकर राजेश ने अपना लंड को, जो झड़ने के बाद मुरझा गया था, वापस अपने शॉर्ट्स में डाला और बोला, “ये जो मैंने अभी किया वो पता नहीं कैसे हुआ, समझ नहीं आया?”
उसकी बात सुन कर रेनू हँसने लगी, और मैंने जवाब दिया, “इट’स ओके, हम सबको मस्ती चढ़ गयी थी लेकिन अब इस पर बात न की जाए तो बेहतर है।”
राजेश खड़ा हुआ और बोला “ठीक है, मैं यह जार सुबह ले लूंगा।” वह अपने घर जाने के लिए मुड़ा और रुक कर बोला, “आप दोनों ने आज जो मेरी वर्ल्ड क्लास खातिरदारी की है उसके लिए बहुत धन्यवाद।” उसने मुस्कुराते हुए कहा, और तेजी से अपने घर चला गया।
राजेश के जाने के बाद मेरी बीवी ने अपनी नशीली आँखों से मेरी तरफ देखा और मुझे जल्दी से बेडरूम में चलने का इशारा किया। वो अभी भी काफी गरम थी और चुदाई का एक राउंड और चाहती थी, मैंने उसे गोद में उठाया और बेडरूम की तरफ बढ़ गया।
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उस दिन के बाद मैंने जान बूझ कर इसके बारे में रेनू से कोई बात नहीं की और न ही रेनू ने इसका जिक्र मुझसे किया। लेकिन उस दिन के बाद हम एक दूसरे के साथ थोडा कम बात कर रहे थे, मुझे लगा की हम दोनों को ही थोडा समय चाहिए ताकि हम उस अनोखे अनुभव से उबर सकें। हालाँकि यह भी सच था कि आज तक हमको चुदाई में इतना मजा नहीं आया जितना की उस दिन पूल में सेक्स करके आया था, और इसकी वजह साफ़ थी, हमारी चुदाई के दौरान वहां राजेश का उपस्थित होना।
करीब 10 दिन बाद एक दिन डिनर करते वक़्त रेनू ने धीरे से मुझसे पूछा, “क्या तुम उस दिन के बारे में बात करना चाहते हो?”।
“यार अब उसमे बात करने के लिए क्या है? हम दोनों ने काफी पी ली थी, राजेश भी नशे में था और तुम्हारी कातिल खूबसूरती ने मुझे और राजेश को बहुत उत्तेजित कर दिया था और नशे में तुम भी पूरा मस्ती के मूड में थी, फिर तो जो हुआ वो होना ही था।” मैं रुका, “अब इस बारे में सोचना छोडो मेरी जान।”
“नहीं, यह ठीक नहीं हुआ। हम लोग शादीशुदा हैं और हमारी सोसाइटी में शादीशुदा लोग इस तरह का व्यवहार नहीं करते हैं।”
“अरे रेनू। आजकल शादीशुदा लोग क्या नहीं करते। उसके मुकाबले तो हमने कुछ नहीं किया। और जो हुआ उसमें तुम भी जिम्मेदार थी, सबसे पहले कपडे तुमने ही उतारे थे लेकिन इसमें कुछ भी गलत नहीं हुआ।” मैंने उसे समझाते हुआ कहा, “तुमको क्या गिल्ट फील हो रहा है... तो ये बेवजह है, थोड़ी सी मस्ती करने में क्या गलत है?”
वह अपनी थाली में खाने को इधर उधर करते हुए बोल रही थी, “पता नहीं, मैं... वो मुझे कुछ सही नहीं लग रहा। राजेश को इतनी छूट...”
मैं उसकी बात बीच में ही काट कर बोला, “मैंने तुम्हें इतना खुश कभी नहीं देखा, तुम एक पूरी तरह से एक अलग औरत लग रही थीं। अब फालतू की बाते मत सोचो और वैसे ही रहो जैसे उस दिन थी, तुम्हारे उस दिन के व्यव्हार में कोई गलती नहीं थी। सच सच बताओ क्या तुम्हे उस दिन मज़ा नहीं आया था”।
मेरे इस सवाल से वह शरमा गई, “...नहीं ये तो मैंने नहीं कहा।” उसने कहा।
मैं उसकी ओर देखकर मुस्कुराया, उसकी जवाब से मुझे राहत मिली, “लेकिन राजेश को उतना मज़ा नहीं आया होगा।”
इस बात से उसका चेहरा थोडा लाल हो गया और वह मुस्कुराई, “क्यों?”
मैंने हँसते हुए बोला, “उसको हाथ से काम चलाना पड़ा, तुम्हे उसे एक मौका देना चाहिए था, लेकिन तुम्हें तो उसे चिढ़ाने में मज़ा आता है।”
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“ओफ्फो, तुम फिर शुरू हो गए ...” उसने झुंझला कर कहा और फिर उसकी आँखों में लाल डोरे तैर गए और वो बोली “लेकिन मुझे विश्वास नहीं हुआ, उफ्फ्फ उसका कितना बड़ा था।” और फिर से शरमाते हुए चुप हो गई। “सॉरी... मैं”
मुझे तो पता ही था कि राजेश के लंड ने उसे बहुत आकर्षित किया है। “बेबी, मुझे पता है। किसने सोचा होगा कि एक औसत कद काठी वाले राजेश के पास इतना बड़ा लंड होगा, इसीलिए तो बोला की तुम्हे उसको एक मौका देना चाहिए था।”
वह कुछ नहीं बोली बस शरमा गई, और चुपचाप अपना डिनर खाने लगी। धीरे अपना भोजन समाप्त किया और मैं उसे बिस्तर पर ले गया। रेनू की चुदाई करते हुए मैंने फिर से राजेश के लंड का जिक्र छेड़ दिया, मैं उसके मुह से सच्चाई सुनना चाहता था।
“जानेमन बुरा मत मानो, लेकिन उसके लंड को देखकर तुम्हे काफी अच्छा लगा था न, मुझे यकीन है कि तुम्हें वो बहुत पसंद आया।”
ये कहकर मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और एक जोरदार धक्के के साथ जड़ तक अन्दर घुसेड दिया। वो कराह कर बोली, “आःह्ह्ह कक्कक-क्या? उफ्फ्फ्फ़ नहीं- मैं...आआह्ह”
मैंने उसकी गांड पर कसकर तमाचा मारा, “ओह रेनू, जब तक मैं तुम्हें चोद रहा था, तुम उसके लंड को घूर रही थी।”
उसने कराहते हुए कहा, “मैं...वोआआह्ह्ह्ह तोह्ह्ह्ह मैंने कभीईईइ.. ओह!... उफ्फ्फ्फ़ इतना बड़ाआआअ नहीं देखा।”
मैंने नीचे झुक कर उसे चूमा, और धक्को की रफ़्तार बढ़ाते हुए कहा, “हाँ तो तुम्हे पसंद है न।”
वह इस बार जोर से कराह रही थी, और मैंने फिर से लंड बाहर करके एक जोरदार धक्का मारा और बोला, “बस एक बार सच सच बता दो न!”
वह कराह उठी, “उफ्फ्फ्फ़ ओह!” और दाँत पीसते हुए बोली, “इस्स्स्सस्स्स ठीक हैआःह्ह! मुझे उसका लांन्न्नद्द्द पसंद हईई... उफ्फ्फ्फ़ ओह! कितना बबबबबड़ा था... और मोटाहाह्ह, उफफ्फ्फ्फ़ और जोरर्रर्र से करूऊओ!”
उसके ये कहते ही हम दोनों एक लगभग एक साथ की झड गए और मैं उसके ऊपर गिर पड़ा। उसके बाद ये अक्सर होने लगा की मैं चुदाई के दौरान राजेश का जिक्र कर देता और ये हम दोनों में एक उत्तेजना भर देता था।
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ऐसे ही कुछ और दिन बीत गए और मैंने सोचा कि हमने राजेश को उस दोपहर के बाद से नहीं देखा है। मुझे लगा की अब वो भी हमारे सामने आने से बच रहा था तो मैं ऑफिस जाते समय उसके घर चला गया और इत्तेफाक से वो उस समय अपने बगीचे ही था।
“अरे राजेश, कैसे हैं, कई दिन से आप दिखे नहीं तो मुझे लगा की आपके हाल चाल ले लिए जाएँ”
मुझे देख कर वो मेरे पास आ गया और घबराकर कहने लगा, “मैं ठीक हूँ लेकिन उस दिन के बाद आप लोगों के सामने आने की हिम्मत ही नहीं हुई। मेरा उस दिन जो किया वो ठीक नहीं था... आपकी पत्नी के सामने इस तरह...रेनू तो मुझसे काफी नाराज...।”
“नाराजगी कैसी, अरे चिंता की कोई बात नहीं है। रेनू जानती है की हम सभी ने काफी शराब पी रखी थी।” मैंने उसे टोकते हुए कहा, “और सच तो ये है की मैं सालों से रेनू को थोडा ओपन होने को कहता आ रहा हूँ, मुझे लगता है कि अब आपकी वजह से आखिरकार वो थोडा फ्री हो रही है, याद कीजिये सबसे पहले उसने ही अपने कपडे खोले थे तो वो आपसे नाराज क्यों होगी, मैं तो इससे खुश हूँ और आप परेशान हो रहे हैं।”
मेरी बात सुन कर राजेश ने राहत की सांस ली, “तो तुम्हारी बीवी मुझसे नाराज़ नहीं है, वैसे वो है तो कमाल की चीज।” वह रुका, “अगर हर सन्डे ऐसा ही हो जैसा उस दिन हुआ था तो मेरी तो जिदगी जन्नत हो जाएगी।”
“नाराज? अरे सच तो ये है की उसी ने मुझसे कहा की बहुत दिनों से राजेश नहीं दिखे, जाकर देखो क्या बात है” मैंने झूठ बोल दिया और फिर हँसकर बोला, “अगली बार जब हमारा पूल डे होगा तो मैं आपको पहले से बता दूंगा ताकि आपकी जिंदगी जन्नत हो जाए ”।
“तुम्हारा एहसान होगा।” राजेश ने मुस्कुराते हुए कहा। इसी के साथ मैंने उससे विदा ली और दफ्तर के लिए निकल गया।
अगली सुबह जागने पर मैंने पाया की रेनू बाथरूम में शावर ले रही है और उसके कपडे और टॉवल हमेशा की तरह बेड पर पड़े हैं।
मैंने फ़ौरन जाकर अपने बेडरूम के पर्दे खोले तो पाया की राजेश बिना शर्ट के अपने बेडरूम में घूम रहा था। उसने मुझे देख कर हाथ हिलाया जिसका मैंने जवाब दिया और जान बूझ कर पर्दे खुले रहने दिए।
जैसे ही रेनू शॉवर से बाहर निकल रही थी, मैं बाथरूम में चला गया और लापरवाही से बोला “तुम्हार आशिक वहां तुम्हारा इंतज़ार कर रहा है”।
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वो समझी नहीं कि मेरा क्या मतलब है, “हुह?” उसने पुछा।
“राजेश तुम्हारा इंतज़ार कर रहा है। मैंने पर्दे खोल दिए हैं”, मैंने शरारत से मुस्कुरा कर कहा।
“ओफ्फो।” वह बोली, लेकिन नंगी ही बाहर निकल गयी।
उसका चेहरा लाल था, और उसको हिम्मत देने के लिए शराब का नशा भी नहीं था, ये जानते हुए की राजेश उसे देख सकता है फिर भी अपने पूरे होश में वो नंगी रूम में चली गयी। वो बेफिक्री से बेडरूम में घुसी और इधर उधर टहलने लगी, उसके चलने के साथ उसके मम्मों को उछलते हुए देखा जा सकता था। मैं बाथरूम के दरवाजे पर खड़ा ब्रश करते हुए उसे देख रहा था।
“आई थिंक की राजेश के लिए इतना काफी है।” उसने शरारत से कहा, और परदा बंद करने के लिए खिड़की के पास चली गई। जैसे ही वह उन्हें बंद करने वाली थी, वह रुक गई, “ओह।” मैंने उसे धीरे से कहते सुना फिर उसने पर्दे बंद कर दिए।
“क्या हुआ?” मैंने ब्रश करते हुए पूछा। वह धीरे से बिस्तर के किनारे बैठ गई, और अपनी पेंटी पेहेनने लगी।
“कुछ नहीं।” उसने कहा। “बस तुम्हारा पड़ोसी तुम्हारी बीवी को अपना लंड दिखा रहा था।” वह यह कह कर हँसी। ब्रश लगभग मेरे हाथ से गिर ही गया और टूथपेस्ट से भरे मुंह से मैंने बोला, “तुम मजाक कर रही हो।”
“नहीं... जैसे ही मैं खिड़की के पास आई उसने अपना अंडरवियर उतार दिया, और मुझे दिखा कर अपना लंड हिलाने लगा।” वह रुक गई, अपना होंठ काट रही थी। “सच में ... काफी बड़ा है उसका।” आखरी शब्द उसके मुंह से उत्तेजनावश निकल गए।
मैंने फ़ौरन कुल्ला किया और उसके पास जाकर बोला “ठीक है रेनू, अभी कपडे मत पहनो!” मैंने यह कह कर अपनी पैंट उतार दी।
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