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Adultery बीवी की मस्ती में
#21
एक दम बढ़िया अपडेट ।
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#22
Badhiya
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#23
2-3 हफ़्ते बीत गए और हम ये बात भूल गए। इस बीच आते जाते राजेश और मैं कई बार मिले और हर बार वह बहुत सभ्यता से पेश आया। एक दिन मैं और रेनू शौपिंग के लिए जा रहे थे की राजेश हमें गेट पर ही मिल गया और उसने कहा “हेल्लो, मैंने अपने दोस्त से कुछ ख़ास गार्डन के लिए मंगाए हैं। आप चाहें तो कुछ आप अपने लॉन में भी लगा सकते है। सब फूल देने वाले पौधे हैं।”


“जरूर, क्यों नहीं” मेरे कुछ कहने से पहले ही रेनू ने उसका प्रस्ताव स्वीकार कर लिया।

जीवन एकदम सामान्य चल रहा था लेकिन दो दिन बाद हुई एक घटना ने इसको एक अजीब और कामुक मोड़ दे दिया।

यहाँ मैं बताना चाहूँगा की मेरी बीवी की चून्चिया 38 DD साइज़ की एक दम नेचुरल और टाइट हैं। देखने में वो एक पोर्न स्टार के मम्मे लगते हैं किसी भारतीय गृहिणी के नहीं।

मैं एक सुबह नाश्ता कर रहा था जब अचानक रेनू सीढ़ियों से नीचे भागती हुई आ रही थी, वो मेरे ऊपर चिल्ला रही थी। उसका चेहरा लाल था और वो बहुत गुस्से में थी। 
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#24
“मोनू! तुमने पर्दे खुले क्यों छोड़े!? तौलिया बेड पर पड़ा था और मैं बाथरूम से बाहर निकल आई!”


मुझे तुरंत समझ नहीं आया कि वो इतनी गुस्से में क्यों है, “तो...?” मैंने पूछा

राजेश वहीं था! अपने बेडरूम से वह मुझे घूर रहा था!”

टोस्ट लगभग मेरे गले में अटक गया “ओह शिट। मैं तो देख रहा था की बारिश धीमे हुई या नहीं। शायद वापस बंद करना भूल गया। सॉरी बेबी, तुमने कुछ भी नहीं पहना था क्या?”

रेनू फिर भी चिल्ला रही थी, “बोला तो की कपडे और टॉवल बेड पर था। अब सॉरी बोल कर क्या होगा। तुम्हारे पड़ोसी ने तुम्हारी नंगी बीवी के नंगे बदन को अच्छी तरह नापा!”

मैं ये सुन कर हँसे बिना नहीं रह सका। मुझे हँसते देख रेनू और भड़क गयी “अजीब आदमी हो। कोई आदमी तुम्हारी बीवी को नंगा देख रहा है और तुम हंस रहे हो”

मैंने बोला “यार ये एक एक्सीडेंट था और राजेश तो बेचारा शरीफ आदमी है! तुमने तो राजेश का दिन बना दिया या शायद उसका ये साल ही तुमने खुशनुमा कर दिया! अब ज्यादा परेशान मत हो, ये कोई बहुत बड़ी बात नहीं है”


रेनू परेशान हो उठी और चिढ कर बोली, “वाह, बहुत ख़ुशी की बात है कि यह तुम्हारे लिए कोई बड़ी बात नहीं है! अरे वो रोज आते जाते हमसे मिलता है। हे भगवान, मैं अब उससे आंखे कैसे मिलाऊँगी!” वह उठकर बडबडाते हुए वापस ऊपर चली गई।
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#25
मैं नाश्ता ख़त्म करके ऑफिस के लिए निकला तो देखा की मेरी कार के पास राजेश खड़ा था और उसका चेहरा शर्म से लाल हो रहा था।


मुझे देखते ही वो बोला, “मनीष। I am extremely sorry! देखो, मुझे सच में बहुत खेद है, मैं नहाकर निकला और अचानक मेरी नज़र रेनू पर पड़ गयी और मुझे कुछ समझ आता उससे पहले ही उसने पर्दे बंद किये और मैंने उसकी चीख सुनी, और ...”

मैंने उसे रोका, और हंसते हुए कहा “मैं समझ सकता हूँ राजेश, यह एक एक्सीडेंट था। यह कोई बड़ी बात नहीं है।”

“रेनू पता नहीं मेरे बारे में क्या सोच रही होगी” वो अभी भी घबरा रहा था 

“मैंने रेनू को समझा दिया है। आप बिलकुल परेशान न हों” मैंने उसे दिलासा दिया 

उसने राहत की सांस ली, शायद उसको यह नहीं पता था कि मैं कैसे प्रतिक्रिया दूंगा, उसको लगा था की मैं शायद झगडा करूंगा।
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#26
मैंने माहौल हल्का करने के लिए कहा, “और वैसे भी ऐसा तो कुछ भी नहीं होगा जो आपने पहले नहीं देखा हो।” और मैंने उसकी पीठ थपथपाई।


वह शर्मिंदगी में अपने सिर के पिछले हिस्से को खुजाने लगा फिर मुस्कुरा कर बोला “अरे नहीं, मेरी बीवी भी सुन्दर है लेकिन इतनी नहीं और सच तो ये है ऐसी सुन्दरता मैंने पहले कभी नहीं देखी। आप बुरा मत मानियेगा लेकिन आप बहुत भाग्यशाली व्यक्ति हैं।” बोल कर वो फिर से परेशान हो गया। शायद यह सोचकर कि वो माफ़ी मांगने आया था और अब मेरी बीवी के नंगे जिस्म की तारीफ करने लगा।

उसकी टिप्पणी ने मुझे भी आश्चर्यचकित किया क्योंकि वो एक तरह से कह रहा था की मेरी बीवी उसको सुन्दर लगती है खासतौर पर नंगी उसके रेनू के प्रति आकर्षण की बात स्वीकार करना मुझे काफी उत्तेजित कर रहा थामेरा मतलब है की मैं वैसे भी ये बात समझता था लेकिन पक्का नहीं थाआज राजेश के मुह से ये सुनना बिल्कुल अलग बात थी। लेकिन मैंने बेवजह बात आगे बढ़ाना जरूरी नहीं समझा।

मैंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरी बीवी की तारीफ के लिए शुक्रिया। मुझे पता है की रेनू के मामले में मैं बहुत लकी हूँ।”


अगर उसकी जगह कोई और होता तो मेरी बीवी पर की गयी टिप्पणी शायद मुझे नाराज करती लेकिन किसी वजह से राजेश के मुंह से सुनकर मुझे गुस्सा नहीं आया और मैंने उसको हलके में लिया।
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#27
Nice Update... erotic scene ka besabri se intezar hai.
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#28
Nice update
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#29
Awesome Update
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#30
मैंने तय किया की उस रात रेनू घर का कोई काम नहीं करने दूंगा। मैं ऑफिस से जल्दी निकल आया और मैंने पर्दे खुले छोड़ देने के लिए रेनू से माफी के रूप में एक सरप्राइज डिनर तैयार किया और रेनू का इंतज़ार करने लगा। वैसे मुझे वास्तव में कोई दुःख नहीं था की राजेश ने रेनू को नंगा देख दिया बल्कि मैं खुश था या फिर मुझे एक अजीब तरह का गर्व था।


रेनू अपने तय समय पर वापस आई और मुझे घर में देख कर अचम्भित हुई क्योंकि आम तौर पर मैं हमेशा उसके बाद ही घर आता था। वह थकी हुई लग रही थी, लेकिन हमेशा की तरह बहुत सुंदर दिख रही थी। पहले तो उसने मुझसे नाराजगी दिखाते हुए बात नहीं की लेकिन मेरे माफ़ी मांगने से आखिरकार वो पिघल गई।

सॉरी, मैं सुबह बहुत ज्यादा चिल्लाई थी, मुझे पता है कि वो एक एक्सीडेंट था” उसने माना, “लेकिन मेरी हालत सोचो... पूरी नंगी और सामने से राजेश बेशर्मो की तरह बिना पलक झपकाए एकटक मुझे घूरे जा रहा था।”

मैं मुस्कुराया और उससे कहा, “मैं जब ऑफिस के लिए निकल रहा था तो राजेश मुझसे मिलने आया था।”


वह तुरंत शरमा गई, “क्या बोला? हे भगवान। मुझे नहीं पता कि मैं उसका सामना कैसे कर पाऊंगी।”
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#31
“मैंने यह सुबह भी कहा की ये कोई बड़ी बात नहीं है बेबी और वैसे भी इसमें तुम्हारी क्या गलती।” मैंने उसकी शर्म को कम करने की कोशिश की और बोला “पहले तो उसने मुझसे माफ़ी मांगी और फिर बोला कि मैं बहुत भाग्यशाली व्यक्ति हूं।” जैसे ही मैंने ये कहा, मैंने रेनू की ओर देखा, मैं उसकी प्रतिक्रिया के लिए उत्सुक था।


उसने चौकते हुए कहा, “उसने ऐसा नहीं बोला होगा!”

मैंने सिर हिलाया, “उसने बोला। उसने ये भी कहा कि रेनू के पास एक बहुत सेक्सी और सुंदर शरीर है और आपको इस पर बहुत गर्व होना चाहिए” मैंने बोला।  भले ही यह पूरी तरह सच नहीं था, लेकिन झूठ भी नहीं था। उसकी बात का मतलब यही था भले ही उसने इसे ठीक इस तरह न कहा हो।

तुमने क्या कहा!?” उसने लगभग चिल्ला कर पुछा।

मैं मुस्कुराया, “क्या कहता? मैंने उससे कहा कि मैं जानता हूं की मैं बहुत भाग्यशाली व्यक्ति हूं।”


वह शरमा गई लेकिन इस बार उसके चेहरे की लाली में शर्मिदगी के साथ आर भी कुछ था। इतने सालों में यह पहली बार था कि मेरे अलावा उसने किसी दूसरे आदमी को खुले तौर पर उसके नंगे जिस्म की तारीफ करते सुना था। उसके चेहरे की लाली में शर्म के साथ साथ अपनी खूबसूरती पर एक गर्व और उत्साह भी मौजूद था।
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#32
फिर हमने चुपचाप खाना खाया और मिनटों के बाद हम अपने बिस्तर पर नंगे थे और जानवरों की तरह चुदाई कर रहे थे। आज रेनू की चूत ईतनी गीली थी जितनी मैंने काफी लम्बे समय से नहीं देखी थी, और मेरा लंड लोहे की रोड की तरह सख्त था। ऐसा क्यों था मैं ये समझ नहीं पाया। अचानक वो मेरे ऊपर आ गयी और एक काउगर्ल की तरह मेरे लंड की सवारी करने लगी। मैंने उसके बड़े मम्मों को पकड़ लिया और उन्हें जोर से मसलते हुए उकसाया “अरे आज तो तुम्हारी चूत बहुत पानी छोड़ रही है मेरी जान, क्या बात है।”


चुचिया दबाने से वो कराह उठी, उसने अपना सिर पीछे झुका लिया और मेरे कंधों को पकड़ लिया लेकिन कुछ नहीं बोली।

मैं खुद को रोक नहीं पाया और उसे और चिढ़ाया, “मुझे लगता है की तुमको रोज राजेश को अपनी खूबसूरती के दर्शन कराने चाहिए।”

उसने मेरी छाती पर थप्पड़ मारा, “स्टॉप इट” उसका स्वर गंभीर था लेकिन सच में नहीं चाहती थी की मैं रुकूँ। वो भी उत्तेजित हो रही थी, उसके होठ थरथरा रहे थे और वो मदहोशी में सिस्कारिया ले रही थी।

मुझे यकीन है कि वह तुम्हारे खूबसूरत नंगे जिस्म पर एक और नज़र डालने के लिए कुछ भी करने का तैयार हो जायेगा।” मैंने रेनू को फिर से छेड़ा और साथ ही उसके निपल्स को अपनी चुटकी में दबाते हुए कस कर मसला जो उसे बहुत पसंद था।

वह जोर से कराह उठी, वह जोर जोर से मुझ पर उछलने लगी और अचानक मेरे लंड पर जोर से बैठ गयी जैसे मुझे पीस देगी, इसके साथ ही उसकी चूत बहने लगी और वो झड गई।


मुझे लगा की वो इतनी तेज़ कराही है की राजेश ने भी उसकी आवाज सुनी होगी और ये सोचते ही मैं भी उसके अंदर झड गया। ऐसा ओर्गास्म आज बहुत दिनों बाद हुआ था। हम दोनों नंगे एक दुसरे से गुथे हुए लेते रहे और वैसे ही कब सो गए पता ही नहीं चला।
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#33
STORY ka suruat achhi hai... But update thoda bada do agar ho sake to.
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#34
nice one

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#35
कुछ दिन बीत चुके थे और अगला वीकेंड नजदीक आ गया था। मैं शनिवार को देर से उठा और जब मैंने खिड़की से बाहर देखा तो बाहर मुझे आश्चर्य में डालने वाला नज़ारा था क्योंकि मैंने रेनू और राजेश को बातचीत करते देखा। मेरी बीवी जो उस घटना के बाद से राजेश के सामने आने से कतराती थी वो हमारे बगीचे में कुछ पौधे लगा रही थी और राजेश उसकी मदद कर रहा था। हालाँकि रेनू ने सलवार कुरता पहना था लेकिन उन्हें हँस हँस कर बातचीत करते देखकर मेरे अंदर कुछ हलचल मच गई। राजेश ने कुछ दिन पहले ही उसे नंगा देखा था और यहाँ दोनों बॉटनी की बात कर रहे थे।


थोड़ी देर में रेनू अंदर आई, हलके पसीने से उसका चेहरा चमक रहा था।

मैंने मजाक किया, “तुम तो बोल रही थी की अब राजेश से कभी नजर नहीं मिला पाओगी।”।

वह शर्मा गई और बोली “आखिर पडोसी है, सामने पड़ने से कब तक बचा जा सकता है”

मैंने कहा, “ये तो है, वैसे क्या उस दिन के बाद आज उससे मिलना, बातें करना बहुत अजीब था?”

हाँ! शुरुआत में” वह इस विषय पर बात नहीं करना चाहती थी और कुछ घबराई हुई लग रही थी।

उसने क्या कहा?”

कुछ नहीं” बोलते-बोलते वह कांप उठी, उसकी शर्म उसका पीछा नहीं छोड़ रही थी “मैं बाहर टहल रही थी की वो अचानक कुछ पौधे लेकर आ गया और बोला की वो पौधे आ गए है जो मैंने आपके लिए मंगवाए थे। ये आप अपने लॉन में लगा लीजिये। मैंने पौधे ले लिए तो वो बोला की अभी लगा लीजिये वरना मुरझा जायेंगे और जब मैं पौधे लगाने लगी तो वो मेरी मदद करने के बहाने हमारे लॉन में आ गया और इधर उधर की बाते करने लगा। पहले तो उससे बात करना अजीब लग रहा था फिर धीरे धीरे हम सामान्य बातें करने लगे...”


फिर वो रुक गयी और उसने फ्रिज से एक गिलास पानी लेकर पिया। जाहिर था की वो अटपटा महसूस कर रही थी लेकिन मैं पूरी बात जानना चाहता था इसीलिए मैंने पूछा “फिर क्या हुआ?”।
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#36
फिर क्या? उसने जाने से पहले उस दिन के लिए माफी मांगी, लेकिन मैंने उससे कहा कि कोई बात नहीं, गलती मेरी भी थी।” ये बोलकर वह और शरमा गई। “फिर उसने मजाक में मुझसे कहा कि अगर किसी को हर सुबह ऐसे नज़ारे मिलें तो उसको पूरे दिन किसी और नशे की जरूरत नहीं होगी।”


मैं ये सुन कर हसने लगा “देखा! उस दिन तुम बोल रही थी की वो ऐसा नहीं बोल सकता है। तुमने उससे क्या कहा?”

अब ऐसी बात का कोई क्या जवाब देगा, मैं बस हँस कर वहां से वापस आ गयी। यही आज की बातचीत का अंत था।”

हम थोड़ी देर चुप बैठे रहे फिर रेनू ने कहा, “मुझे आश्चर्य इस बात का है कि तुमको उस दिन गुस्सा क्यों नहीं आया।”

मैंने कहा, “बेबी इसमें गुस्साने वाली क्या बात थी, हम दोनों राजेश को जानते है। वह उस तरह का आदमी नहीं है और इसमें उसकी क्या गलती थी। He is Harmless.” मैंने उसे और चिढ़ाया, “और तुमने किसी गैर मर्द को अपना नंगा जिस्म दिखाने का फैसला किया तो इसमें मैं क्या कर सकता था ।”


उसने हँसते हुए मुझे जवाब दिया, “सही बात है!... वैसे मुझे लगता है कि तुमको इस सबमें बड़ा मजा आया और तुमको यह बहुत पसंद है कि लोग मुझे नंगी देखें!”
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#37
मैं पकड़ा गया  लेकिन केवल एक पल के लिए, “ऐसी बात नहीं है वो तो तुमको उत्तेजित देखकर मुझे एक किक मिलती है, बस।” मैंने बिना ज्यादा सोचे आगे कहा, “और तुम जानती हो कि मैं क्या सोचता हूं? मुझे लगता है कि तुमको राजेश को टीज करने में बहुत मजा आता है।”


मोनू!” रेनू नाराज होकर उठ गयी।

ओहो रुको रेनू, यह कोई नाराज होने वाली बात नहीं है। मैं तो तुमसे कहता ही हूँ की तुम एक खूबसूरत महिला हो, तुमको अपने शरीर को और दिखाना चाहिए । मुझे खुशी है कि तुमने आखिरकार मेरी बात मानी।”

कमाल हैं! मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि तुमको लगता है की मैं जान बूझ कर उसके सामने नंगी चली गयी।”


मैं हँसा और उसे कमर से पकड़कर अपनी गोद में खींच लिया। “नाटक बंद करो और मुझे एक किस दो।” उसने जवाब में मुझे किस किया और मुझे लगा की इस बातचीत से वो भी काफी गरम हो गयी है और मैं उसे लेकर अपने बेडरूम में चला गया।
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#38
अगला हफ्ता बिना किसी असामान्य घटना के बीत गया और अगले रविवार को हम दोनों को कुछ दोस्तों ने ब्रंच के लिए बुलाया था। ब्रंच काफी मजेदार था और रेनू और मैंने कुछ ड्रिंक्स भी ले लिए थे।

दोपहर तक हम घर पर वापस आ गए, हम दोनों ही थोड़े नशे में था और अपने लिविंग रूम के सोफे पर पड़े एक-दूसरे को सहला रहे थे।

रेनू ने अंगड़ाई लेते हुए बोला, “पूल में जाने का मन हो रहा है।”

तो चलो पूल में चलते हैं।” मैंने जवाब दिया।

वह उठी और ऊपर जाकर अपनी गुलाबी बिकनी पहन कर वापस लौट आई। मैंने तब तक हम दोनों के लिए स्कॉच के लार्ज पेग बना लिए थे।

अरे ये क्या पहन लिया।” मैंने कहा, “यार जब हम गोवा गए थे तब तुमने एक महंगी बिकनी खरीदी थी, वह इतनी शानदार बिकिनी थी लेकिन तुमने कभी पहनी ही नहीं, फिर इतनी शानदार चीज खरीदने का क्या फायदा।”

हमने एक-दूसरे को एक पल के लिए देखा, और वह धीरे से मुड़ी और ऊपर चली गई।


दस मिनट बाद वह वापस नीचे आ गई, वही जी स्ट्रिंग पहन कर जिसके लिए मैंने उसे बोला था। उसकी बड़ी चून्चिया तो पूरी खुली थी और मुश्किल से उसके निप्पल उस नीले काले कपड़े से छुप रहे थे, उसके चूतड़ पूरी तरह नंगे थे और एक छोटे से कपडे से उसकी चूत ढकी हुई थी। अचानक देखने पर ऐसा लगता था की उसने कुछ भी नहीं पहना हो। वो एक सेक्स की देवी दिख रही थी।

[Image: %24_3.jpg]
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#39
वो बोली “मैं इस तरह बाहर नहीं जा सकती।”


मैंने उसे उसका ड्रिंक देते हुए कहा क्यों डार्लिंग, तुमने एक बिकनी पहनी है जो ख़ास तौर से बाहर पहनने के लिए ही बनाई जाती है। इन्हें लडकिया घर के अन्दर पहनती हों ऐसे तो मैंने नहीं देखा, ड्रिंक ख़तम करो और पूल में चलो, मैं हम दोनों के लिए एक ड्रिंक और लेकर आता हूँ।”

अगर वो पहले से ही नशे में नहीं होती तो शायद कभी मेरी बात नहीं मानती। लेकिन उसने मेरे हाथ से ड्रिंक लिया और एक झटके में ख़त्म करके खाली गिलास मुझे वापस देकर बोली “तुम कहते हो तो मैं जा रही हूँ। लेकिन जल्दी से आओ। यह कहकर वो पीछे के स्लाइडिंग डोर को खोल कर तेज़ी से डेक के पार भागी और जल्दी में पूल में कूद गई।

मैं भी जल्दी से ऊपर गया और स्विमिंग शॉर्ट्स पहन कर नीचे आया और हमारे लिए ड्रिंक बनाने लगा की अचानक मुझे बाहर से हंसने की आवाजें आने लगीं। जब मैं बाहर पंहुचा तो मैंने देखा कि राजेश फिर से रेनू को देख कर मेरे पूल के पास आ गया था और रेनू के साथ बातचीत कर रहा था। रेनू पानी के अन्दर थी इसीलिए बाहर से ये ठीक से नहीं पता चल रहा था कि उसका बदन कितना दिखाई दे रहा था, लेकिन साथ ही, यह जरूर पता चल रहा था कि उसने ज्यादा कपड़े नहीं पहने थे। रेनू के चेहरे पर राजेश से बात करने के दौरान एक अफसोस का भाव था की उसने मेरी बात क्यों मानी और वो सिर्फ अपने चेहरे को पानी से ऊपर रख कर राजेश से बात कर रही थी।


मेरे पहुचते ही राजेश ने मुझे हेल्लो कहा, “अरे मोनू। मैं रेनू से कह रहा था आज मैंने भी वोडका और तरबूज मिला कर मेरा एक स्पेशल ड्रिंक बनाया है। क्या आप लोग उसे चखना चाहेंगे लेकिन वो कह रही है कि आप लोगों ने आज सुबह से ही ड्रिंक्स की शुरुआत कर दी है।”
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#40
मैंने मुस्कुराते हुए कहा, “दरअसल कुछ दोस्तों ने सुबह एक पार्टी से रखी थी तो वही हमने थोडा ड्रिंक कर लिया लेकिन आप यह न समझे की हम दोनों पियक्कड़ हैं। वैसे भी आज रविवार है और दोस्तों के साथ बहुत दिन बाद बैठे थे, लेकिन फिर भी आपका स्पेशल ड्रिंक हम चख तो सकते ही हैं।”


राजेश ने हंसते हुए कहा, “रविवार को तो आप लोग फन डे कहते है ना? मैंने अपनी बेटी को कई बार यह कहते सुना है।”

बिलकुल ठीक कहती है वो सन्डे इज फनडे” मैं मुस्कुराया “हैं न रेनू?”

रेनू ने भी मुस्कुराते हुए अपने कंधे उचकाए और सहमति में बोली “बिलकुल, सन्डे फनडे।”

बढ़िया है।” राजेश बोला, “लेकिन मुझे आपकी थोड़ी मदद चाहिए होगी। जार मैं अकेले यहाँ नहीं ला पाऊँगा। आपको मेरे साथ किचेन तक चलना होगा मोनू?”

मुझे पता नहीं की क्यों लेकिन मैंने बोला, “ओह। मुझे अभी याद आया कि मुझे सुबह ही एक क्लाइंट को एक अर्जेंट मेल भेजना था। बहुत लेट हो गया, बस मुझे दस मिनट दीजिये। बेबी, तुम राजेश के साथ जाकर वो जार यहाँ लाने में इनकी मदद करो तब तक मैं वापस आता हूँ।”


मैंने बिना सीधे रेनू की तरफ देखे बोला और अंदर चला गया और छुप कर बाहर देखा। रेनू को उम्मीद नहीं थी की मैं ऐसे कुछ बोल सकता हूँ। वो समझ ही नहीं पाई की क्या करे लेकिन उसको पूल से बाहर न निकलते देख राजेश ने उससे बोला “चलिए रेनू, बस पांच मिनट लगेंगे”।
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