Thread Rating:
  • 6 Vote(s) - 2.67 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
मेरी बहन और जीजू की अदला-बदली की फैंटेसी : चेप्टर 1
#1
01

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम राज है और मेरी उम्र 24 साल है. आज मैं आपके सामने एक सेक्स कहानी प्रस्तुत कर रहा हूं. यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक सोच पर आधारित है. इस कहानी में चार किरदार हैं. आइए उनका परिचय ले लेते हैं.

मैं- राज, उम्र 24 साल, सुंदर आकर्षक देहयष्टि. मैं दिल्ली में रहता हूं और अभी अविवाहित हूँ.

जीजा जी- उनका नाम अविनाश है, उम्र 30 साल है, दिखने में सुंदर और मस्तमौला व्यक्तित्व. जीजा जी का मुंबई में खुद का बिजनेस है.

दीदी- इनका नाम चित्रा है, उम्र 28 साल. अविनाश जीजा जी की बीवी और मेरी बहन हैं. दीदी दिखने में सुंदर और हॉट हैं. कयामत सा फिगर, नशीली आंखें हैं और काफी मॉडर्न हैं.

आलिया- जीजा जी की बहन, उम्र 25 साल, हॉट फिगर, दिखने में अति सुंदर और कातिलाना स्माइल. रहने का स्टाइलिश अंदाज … अभी अकेली है.

यह सेक्स कहानी मुंबई शहर से शुरू होती है. जीजा जी के घर में मेरी बहन और आलिया को मिला कर सिर्फ तीन लोग रहते हैं. जीजा जी और दीदी बहुत खुश थे लेकिन उन दोनों की एक फैंटेसी थी, जिस वजह से यह कहानी शुरू होती है.

वो दोनों अपनी सेक्स लाइफ में बहुत खुश थे, लेकिन वो दोनों स्वैपिंग करना चाहते थे. यही उन दोनों की फैंटेसी थी. उनकी ये फैंटेसी एक वीडियो के जरिए शुरू हुई थी. उसे देखने के बाद वो दोनों किसी कपल के साथ अदला-बदली करना चाहते थे.

एक रात के दस बजे वो दोनों अपने रूम थे और एक दूसरे की बांहों में चिपक कर लेटे हुए बातें कर रहे थे.

चित्रा- सुनो अविनाश, मेरे पास एक आइडिया है, जिससे हम हमारी फैंटेसी पूरी कर सकते हैं.
अविनाश- क्या?

चित्रा- देखो हम स्वैपिंग करना चाहते हैं. मेरा एक भाई हैं और तुम्हारी एक बहन है.
अविनाश- मतलब!
चित्रा- वो दोनों अब जवान हैं, तो क्यों ना हम हमारी फैंटेसी में उन दोनों को शामिल कर लें.
अविनाश- ओह्ह … चित्रा ये तुम क्या बोल रही हो?

चित्रा- देख अविनाश, वो दोनों एक अच्छे दोस्त हैं. अगर हम उन दोनों को शामिल कर लें, तो हमें कोई प्रॉब्लम नहीं होगी. यही एक सेफ रास्ता है, जिससे किसी को पता भी नहीं चलेगा.
अविनाश- तुम बात तो सही कर रही हो, लेकिन मुझे नहीं लगता है कि सम्भव है. वो दोनों कभी इसके लिए राजी नहीं होंगे.

चित्रा- वो दोनों जरूर मानेंगे. बस हमें उनको मनाना पड़ेगा.
अविनाश- चलो माना कि राज मान भी गया, लेकिन आलिया कभी नहीं मानेगी.
चित्रा- तुम्हारी बहन मेरी अच्छी सहेली भी है, उसे मैं मना लूंगी और तुम राज को मना लेना.
अविनाश- ठीक है … बात करते हैं. लेकिन उन्हें मनाएंगे कैसे … तुमने कुछ सोचा है क्या?

चित्रा- नहीं … मैंने अभी इसके लिए कुछ नहीं सोचा है. मैंने पहले इस बारे में तुमसे बात करना ठीक समझा.
अविनाश- ओके.

(फिर वे दोनों सोचने लगे)

अविनाश- हम उनसे झूठ तो नहीं बोल सकते हैं, इसलिए उन दोनों को बातों से फंसाना पड़ेगा.
चित्रा- हां ये तो है. चलो ऐसे ही करते हैं.

दूसरे दिन, जब जीजा जी ऑफिस निकल गए थे. उनके जाने के बाद दीदी और आलिया दोनों टीवी देख रही थीं.

चित्रा- आलिया मैं तुमसे एक बात पूछूं!
आलिया- क्या!
चित्रा- तुम्हें मेरा भाई कैसा लगता है?
आलिया- मतलब!
चित्रा- क्या वो तुम्हें पंसद है?
आलिया- भाभी आप कहना क्या चाहती हैं?
चित्रा- पहले वादा करो, तुम गुस्सा नहीं होगी.
आलिया- पहले आप बताइए.
चित्रा- पहले वादा.
आलिया- ठीक है.
चित्रा- मेरी और तुम्हारे भाई की एक फैंटेसी है.
आलिया- कैसी फैंटेसी?

चित्रा- हम दोनों स्वैपिंग करना चाहते हैं.
आलिया- क्या … आर यू क्रेज़ी? भाभी, आप ये क्या बोल रही हो?
चित्रा- हम चाहते हैं कि तुम दोनों इस फैंटेसी में शामिल हो.
आलिया- भाभी आप पागल हो गई हैं. आप चाहते हैं कि मैं भाई के साथ? … आप ऐसा सोच भी कैसे सकती हो?

चित्रा- देख आलिया, कल तुम किसी से शादी जरूर करोगी. तुम और राज एक अच्छे दोस्त हो. इसलिए हम चाहते हैं कि तुम दोनों हमारी फैंटेसी पूरी करने में हमारी मदद करो.
आलिया- नेवर … नेवर … मैं ऐसा कभी नहीं कर सकती.
चित्रा- देख … अगर हम दोनों दूसरे कपल के साथ मिलकर स्वैपिंग करेंगे, तो प्रॉब्लम हो सकती है. अगर तुम दोनों हमारा साथ दोगे, तो कोई प्रॉब्लम नहीं होगी.
आलिया तेज स्वर में बोली- आप भाई-बहन के स्वैपिंग की बात कर रही हैं. ये किसी भी तरह से सम्भव नहीं है भाभी.

ये कहते हुए आलिया खड़ी होकर अपने कमरे में चली गई. चित्रा उसे जाते हुए देखती रही.

दूसरी तरफ ऑफिस में अविनाश मेरे भाई राज से फोन पर बात करने लगे.

अविनाश- हाई राज.
मैं- हैलो जीजा जी, इस समय कैसे याद किया.
अविनाश- तुमसे थोड़ा काम है.
मैं- हां बताइए जिजाजी क्या काम है.
अविनाश- पहले तुम वादा करो कि मेरी बात पर गुस्सा नहीं होगे.
मैं- अरे जीजा जी … मैं आज तक कभी आपकी बात पर गुस्सा हुआ भी हूं.
अविनाश- मेरा एक दोस्त है, जिसने मुझे एक बात कही है. वो क्या करे, उसे कुछ समझ नहीं आ रहा है … और ना ही मेरे पास उसके सवाल का जवाब है. इसलिए मैंने सोचा कि में तुमसे मदद ले लूं.
मैं- ऐसा कौन सा सवाल है, जिसका जवाब आपके पास नहीं है.
अविनाश- मेरा जो दोस्त है, उसको और उसकी वाइफ की एक अजीब फैंटेसी है, जो वो दोनों पूरा करना चाहते हैं.
मैं- कैसी फैंटेसी?
अविनाश- वो दोनों अपने भाई-बहन के साथ स्वैपिंग करना चाहते हैं.
मैं- क्या … आपका दोस्त पागल तो नहीं हो गया है?

अविनाश- उन दोनों के पास अपनी फैंटेसी पूरी करने के लिए यही एक रास्ता है, वो नहीं चाहते हैं कि उन दोनों का नाम खराब हो. क्योंकि उन दोनों की बहुत इज्जत है.
मैं- जीजा जी आपका दोस्त पागल हो गया है.
अविनाश- उन दोनों को अपनी फैंटेसी पूरी करनी है.
मैं- इसमें मैं क्या कर सकता हूं.
अविनाश- तुम ही कोई सोल्यूशन दो.
मैं- अगर वो अपनी फैंटेसी पूरी करना चाहते हैं, तो किसी दूसरे कपल के साथ कर लें.
अविनाश- उनके पास दूसरा कोई आसान विकल्प नहीं है.

मैं- वैसे आपका ऐसा क्रेज़ी दोस्त कौन है.
अविनाश ने हिचकते हुए कहा- मैं!
मैं- क्या … क्या आप मजाक कर हैं?
अविनाश- नहीं यार, मैं एकदम सीरियस हूँ.
मैं- क्या … जीजा जी … आप क्या बोल रहे हो. दीदी ऐसा कभी नहीं सोच सकती.
अविनाश- मैं सही बोल रहा हूँ.
मैं- जीजा जी, आप गलत बोल रहे हो.
अविनाश- तुम ही हमारी मदद कर सकते हो.
मैं- माफ करना जीजा जी, ये नहीं हो सकता.
अविनाश- क्या तुम हमारे लिए इतना नहीं कर सकते हो.
मैं- मैं अपनी जान दे सकता हूं, लेकिन ऐसा नहीं कर सकता.
अविनाश- प्लीज़ राज … हां बोल दो, तुम्हें तुम्हारी दीदी की कसम.
मैं- लेकिन हम भाई-बहन…
अविनाश- देख राज इसके लिए हम तीनों तैयार हैं. बस तुम्हारी हां चाहिए … प्लीज़!
मैं- तीसरा कौन है.
अविनाश- आलिया.
मैं- क्या … वो कभी हां नहीं कहेगी.
अविनाश- उसकी छोड़ो, तुम बताओ … क्या तुम हमारे लिए इतना नहीं कर सकते हो.
मैं- माफ करना जीजा जी.
अविनाश ने इमोशनल होकर कहा- कोई बात नहीं, मुझे लगा तुम जरूर मदद करोगे.
मैं- जीजा जी, मैं सोचकर बताता हूँ.
अविनाश- ठीक है, मुझे तुम्हारे जवाब का इंतजार रहेगा.

रात को जब अविनाश घर पर थे तब अजीब सा माहौल बना हूआ था आलिया रुठी सी हुई थी अजीब नझर से दोनों को देख रही थी और आलिया खाना खाने के लिए बाहर आती है और खाना खाकर बिना कुछ बोले वो वापस अपने कमरे में चली जाती है.

अविनाश- क्या हुआ?
चित्रा- आलिया नहीं मानी … और राज ने क्या कहा?
अविनाश- आधा काम तो हो गया है, बस आधा काम तुमको पूरा करना है.
चित्रा- मतलब!
अविनाश- अपना फोन दो.
तभी अविनाश ने चित्रा के फोन से मुझे एक मैसेज किया.
चित्रा ने पूछा- क्या मैसेज किया?
अविनाश- तुम खुद ही पढ़ लो.

चित्रा मैसेज पढ़ने लगी- हाय भाई, मैं जानती हूँ कि यह करना गलत है, लेकिन क्या तुम अपनी बहन के लिए इतना नहीं कर सकते. अविनाश के बाद मुझे सबसे ज्यादा तुम ही पंसद हो, प्लीज मान जाओ. अपनी प्यारी बहन के खातिर, प्लीज! हमारी इस फैटेंसी को पुरा करने के लिए मुझे तुमारा साथ चाहिए आज पहली बार एक बहन अपने भाई से कुछ मांग रही है प्लीज भाई हा बोल दो.
चित्रा ने अविनाश की तरफ मुस्कुरा कर देखा.
अविनाश- अब वो जरूर मानेगा.
चित्रा- तुमने तो अपना काम कर लिया, लेकिन आलिया को मनाना बहुत मुश्किल है.
अविनाश- आलिया को मनाने के लिए तुम्हें उसे इमोशनल करना होगा.
चित्रा- देखती हूँ.

फिर अविनाश के जाने के बाद चित्रा आलिया के रूम में गई.

आलिया- भाभी अगर आप उसी बारे में बात करने आई हैं, तो मुझे कोई बात नहीं करनी है.
चित्रा आलिया के पास बैठ गई- हमारे लिए इतना नहीं कर सकती हो?
आलिया- अगर आप दोनों को अपनी फैंटेसी पूरी करने का इतना ही शौक है, तो एक काम करो भाई के कई सारे दोस्त हैं, उनके साथ स्वैपिंग कर लो. लेकिन मैं ऐसा गलत काम नहीं करूंगी.

चित्रा- तुम्हारे भाई ने तुम्हारी हर एक ख्वाहिश पूरी की है. कभी किसी चीज़ की कमी नहीं होने दी है. फिर भी कोई बात नहीं, तुम अपने भाई के लिए इतना भी नहीं कर सकती. एक बात याद रखना सबसे पहले तुम एक लड़की हो और फिर किसी की बहन हो. तुम्हारे भाई तुमसे बहुत प्यार करते हैं. (मायुस होकर) हमें लगा था कि तुम हम दोनों को जरूर समझोगी लेकिन खैर शायद तुम हमें समझना ही नहीं चाहती.

चित्रा इतना कहकर वहां से उठी और अपने कमरे में चली गई. चित्रा ने अपना काम कर दिया था अब चिंंत्रा के जाने के बाद आलिया सोच में पड जाती है. आलिया अपनी भाभी को मायूस देखकर सोच में डूब जाती है.

कुछ मिनट बाद चित्रा के फोन में आलिया का मैसेज आया- ठीक है, लेकिन यह पहली और आखिरी बार होगा.

आलिया का मैसेज पढ़कर चित्रा बहुत खुश हो गई. उसने तुरंत अविनाश को कॉल किया.
अविनाश- यस डार्लिंग?
चित्रा- आलिया ने हां बोल दी है.
अविनाश खुश होकर चहका- रियली!
चित्रा- यस.
अविनाश- राज भी राजी है.
चित्रा- गुड.
अविनाश- तो राज को कब बुलाना है?
चित्रा- परसों.
अविनाश- डन.
चित्रा- सुनो प्रोटेक्शन का सारा बन्दोबस्त कर लेना.
अविनाश- ओके डन.

चित्रा- फाइनली हमारी फैंटेसी अब पूरी होगी. मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा कि हमारी फैंटेसी के चक्कर में दो बहनें अपने भाइयों से चुदने वाली हैं.

अविनाश- ऐसे तो कई किस्से हैं. जैसे कि दो बहनें अपने भाई से चुदेंगी, एक बीवी अपने पति के सामने दूसरे मर्द से चुदेगी, तो दूसरी बहन अपने भाई के सामने किसी और मर्द से चुदेगी. एक भाभी अपने ननदरानी के सामने अपने भाई से चुदेगी, तो एक ननदरानी अपनी भाभी के सामने अपने भाई से चुदेगी. परसों की रात किसी की बीवी चुदेगी, तो किसी की बहन … तो किसी की भाभी, तो किसी ननदरानी.
चित्रा- अब बस करो.
अविनाश- वैसे प्लान क्या है?

चित्रा- वो तुम घर पर आओगे, तब बताऊंगी.

इसी खुशी की वजह से दो दिन कैसे बीत गए, पता ही नहीं चला. मैं भी खुश था कि मुझे आलिया के साथ सेक्स करने का मौका मिलेगा, बस अपने बहन के साथ सेक्स करना मुझे थोड़ा अजीब लग रहा था. फिर मैंने तीसरे दिन मुंबई जाने के लिए फ्लाईट पकड़ ली.


मैं मुंबई एयरपोर्ट पर शाम को करीब सात बजे पहुंचा, मुझे लेने के लिए जीजा जी आए थे. हम दोनों ने हाथ मिलाए और कार में बैठ गए. फिर हम दोनों इधर-उधर की बातें करने लगे और जीजा जी कार चलाते रहे.
कुछ देर बाद जीजा जी ने एक वाइन शॉप से चार बोटल स्कॉच व्हिस्की की ले लीं. हम चारों ही एक साथ ड्रिंक करते थे … मगर हम खास मौके पर ही ड्रिंक्स करते थे.

जीजा जी का घर एकदम आलीशान था, शहर के शोर शराबे से दूर. जीजा जी का घर एक मंजिला था, जिसमें चार कमरे, एक स्टडी रूम, किचन, हॉल था. जब हम घर पहुंचे, तो वाचमैन ने गाड़ी देख कर गेट खोल दिया. जीजा जी के मेन गेट से मुख्य घर 200 मी दूर है, इसलिए हमें वाचमैन की कोई परवाह नहीं थी.

जीजा जी के हाथ में स्कॉच की बोतलों का बैग था और मेरे हाथ में मेरा बैग था.

हम दोनों घर के गेट पर पहुंचे. जीजा जी ने डोरबेल बजा दी. आलिया आई और उसने गेट खोल दिया. वो मुझे देखकर हाय कहकर मुस्करा दी. मैंने भी उसे मुस्कुरा कर देखा और उसके बुब्स एक कातिल नजर डाली. वो भी ये देख कर शर्मा गई.

हम दोनों अन्दर आ गए और आलिया ने डोर लॉक कर दिया.
आलिया ने जीजा जी के हाथ से स्कॉच का बैग ले लिया और रसोई में चली गई. तभी दीदी रसोई से बाहर आ गई और हम दोनों गले मिलने लगे. आज मुझे अपनी दीदी के कातिलाना बुब्स कुछ अलग ही अहसास दे रहे थे.

 में पिछले दो दिनों से दिदी और आलिया के बारे में ही सोच रहा था. आलिया के साथ सैक्स करने के लिए में उत्सूक था लेकिन अपनी दिदी के साथ सेक्स करना मेरे लिए अजीब है बल्कि पिछले दो दिनों में मेरी नजरिया भी बदलने लगा था. मुझे इधर आकर बहुत अजीब सा लग रहा था माहौल भी अजीब सा था आखिर आज दीदी मुझसे चुदने वाली थीं.

दीदी- राज तुम फ्रेश हो जाओ, तब तक खाना भी तैयार हो जाएगा.
मैं- ओके.

मैं दूसरे कमरे में चला गया और अपने बैग से कपड़े निकाल कर नहाने के लिए बाथरूम में घुस गया. जब मैं बाथरूम में नहाने लगा … तो आज की हसीन रात के बारे में सोचने लगा. अब तो मैं अपनी दीदी के बारे में भी सोचने लगा था. दीदी और आलिया दोनों हॉट माल थीं, जिन्हें देखकर कोई भी मर्द घायल हो जाए.

दोस्तो, इस कहानी की शुरुआत हो चुकी है आप भी मुझे मेईल करके बताना की आप इस कहानी को पढने के लिए कितने ज्यादा उत्सूक हो और आपकी भी ऐसी कोई दास्तान हो तो बिना डरे कमेंट करके जरूर बताना.
मुझे आपके मेईल का इंतजार रहेगा [email=rr532045;]rr532045 @1[/email]

02
कहानी जारी है...
[+] 1 user Likes Kahani Master's post
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
#2
Nice concept super
Like Reply
#3
Eagerly waiting for update
Like Reply
#4
Please update bro
Like Reply
#5
Beautiful story
Like Reply
#6
Excellent Story, Waiting for update
Like Reply
#7
02
अब तक की मेरी इस मस्त सेक्स कहानी में आपने पढ़ा कि मेरी बहन चित्रा और उसके पति ने अपनी अदला बदली की कल्पना को साकार करने के लिए मुझे और जीजाजी की बहन आलिया को राजी कर लिया था.
मैं अपनी बहन के पास मुम्बई आ गया था और बाथरूम में अपनी बहन और उनकी ननद आलिया के मादक जिस्मों की चुदाई को लेकर सोच रहा था.
अब आगे:
मैं फ्रेश होकर रूम से बाहर आ गया और जीजा जी के साथ सोफे पर बैठकर टीवी देखने लगा. वो दोनों रसोई में खाना बना रही थीं.
तभी दीदी ने आवाज़ दी और खाना खाने के लिए बुलाया. मैं और जीजा जी वहां डाइनिंग टेबल के पास जाकर बैठ गए.
डाइनिंग टेबल पर मेरे सामने दीदी बैठी थीं, मेरे पास आलिया बैठी थी. दीदी के पास जीजा जी बैठे थे.
दीदी खाना सर्व करने लगीं. मैं उन दोनों लड़कियों को बारी बारी से देख रहा था. उन दोनों इस समय टी-शर्ट और शॉर्ट पहने हुए थीं.
हम चारों खाना खाते हुए एक दूसरे की तरफ देख रहे थे. फिर खाना खत्म हुआ और मैं जीजा के साथ हॉल में आ गया. वो दोनों बर्तन साफ करने रसोई में चली गईं.
इधर हम दोनों टीवी देख रहे थे, तभी आलिया वहां पर आ गई. वो मेरे सामने वाले सोफे पर बैठ गई. दीदी स्कॉच व्हिस्की की बोतल और चार गिलास लेकर आ गईं. वो जीजा जी के पास बैठ कर गिलास में व्हिस्की डालने लगीं.
फिर हम चारों ने गिलास उठाए और चियर्स बोल कर पैग चुसकना शुरू कर दिया. जीजा जी ने एक ही सांस में पैग हलक के नीचे उतारा और दोबारा पैग बनाने लगे. तभी मैंने भी अपना गिलास खाली किया और अपना गिलास भी आगे कर दिया. कुछ ही पल बाद दीदी और आलिया भी दूसरे पैग का मजा लेने लगीं.
जीजा जी का कहना था कि शराब हमेशा खाने के बाद ही लेना चाहिए.
जल्दी ही हम सबने तीन तीन पैग मार लिए. करीब दस बजे तक हम टीवी देखते रहे.
चित्रा ने आलिया का हाथ पकड़ते हुए उसे चलने के लिए कहा- आलिया कम ऑन...हम कमरे में चलते हैं.
फिर वो दोनों गेस्ट वाले कमरे में चली गईं. उनके जाने के एक मिनट बाद हम दोनों भी खड़े होकर उसी कमरे में चले गए.
हम चारों ड्रिंक्स किया था जिस वजह से हम चारों पर शराब का नशा और अदला-बदली का जूनून चडा हुआ था.
जिजाजी - हमारी फैंटेसी पूरी करने के लिए तुम दोनों का धन्यवाद.
दीदी आज दारू के नशे में फुल मूड में आ गई थीं … जिस तरह से वो बात कर रही थीं … उससे मुझे समझ आ गया था कि आज मुझे अपनी बहन का सेक्सी वाला अंदाज देखने मिलने वाला है.
नशे की हालत में मेरी नझर उन दोनों के कातिलाना बूब्स पर जा रही थी और मेरी उत्तेजना बढ रही थी. जिजाजी और दिदी दोनों पुरी तरह से तैयार थे लेकिन हम दोनों इसके लिए झिझक रहे थे और आलिया तो बहुत ज्यादा शर्मा रही थी.
तभी जिजाजी दिदी की ओर देखकर इशारे करते हैं और दिदी जिजाजी का इशारा समझ जाती है.
तभी दीदी आलिया के पास गई और आलिया के होंठों को चूमने लगी. पहले तो आलिया को अजीब लगता रहा, लेकिन फिर नशे की वजह से और जवानी की आग में वो भी दीदी का साथ देने लगी.
जीजा जी मेरी ओर देखकर स्माइल करते हैं और में बिना कुछ बोले चुपचाप देख रहा था और हम दोनों उधर पडी खुरशी पर बेठ जाते हैं.
तभी एक मिनट बाद दीदी रुक गईं और उन्होंने मुझे इशारा कर दिया.
जिजाजी : (मुझे) जाओ.
में खड़ा होकर उनके पास चला जाता हूँ और हम तीनों एक-दुसरे को अजीब नझर से देखते हैं.
दिदी : (स्माइल करके) आज की हसिन रात की शुरुआत तुम दोनों के नाम.
फिर दिदी मेरे पास आकर मुझे धीमे से कान में बोलती है कि
चित्रा दिदी ने नशे की मस्ती में मुझसे कहा- राज डियर … पहले तुम्हारे बारी है. जिस तरह जैसे अविनाश ने तुम्हारी बहन की सील तोड़ी थी, आज तुम उसकी बहन की सील तोड़ोगे. आलिया के साथ शुरुआत एक बेहतरीन किस से करो.
इतना कहकर वो जाकर जिजाजी के पास जाकर बेठ जाती है और मुझे किस करने का इशारा करता है. में आलिया के पास जाता हु वो शमॅ से मुझे देख रही थी.
में आलिया के गदॅन पर एक हाथ रखके उसके नजदीक आ गया वो भी कुछ नहीं बोल रही थी और में बिना संकोच किए आलिया के होठों को चुमने लगा. पहले किस पर मेरे बदन में कंरट दोडने लगा लेकिन मुझे बहुत अच्छा लगा और में जोश में आकर आलिया के गूलाबी होठों को चुमने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगीं.
हम दोनों किस करते इतने खो गए कि हम भुल ही गए कि जिजाजी और दिदी हमें देख रहे हैं.
आलिया भी कामुक होकर मेरा साथ देने लगी थी. आलिया के होंठों को चूमने में मुझे बहुत मजा आ रहा था. मेरे दोनों हाथ आलिया की कमर पर आ गए थे और हम दोनों किस करने में मशगूल हो गए.
हम दोनों को देखते हुए दिदी खड़ी होकर जिजाजी के गोद में प्यार से बेठ जाती है और जिजाजी के गाल पर एक किस करती है.
जब आलिया मेरा साथ देने लगी तो मेरी भी हिम्मत बढ गई और हम दोनों उत्तेजित होने लगते हैं.
हम दोनों की गर्म सांसें एक दूसरे के मुँह को छू रही थीं. हम दोनों मस्त होकर किस करने लगे थे. मैं अपने दोनों हाथों से आलिया की गांड को सहला रहा था, हम इतने मशगूल हो गए थे कि हम यह भूल गए थे कि इस कमरे में हमारे अलावा भी दो और लोग हैं.
दीदी- आलिया, राज की टी-शर्ट निकाल दो.
दिदी की आवाज़ सूनकर हम दोनों होश में आते हैं और शर्मा के उन दोनों की ओर देखते हैं और वो दोनों स्माइल देते हैं.
दिदी : अब शमॅ छोडो और इस पल का मजा लो. आलिया पहले तुम राज की टी-शर्ट निकालो और फिर भाई तुम आलिया की निकालना.
तभी आलिया ने मेरी टी-शर्ट निकाल दी और मैंने भी आलिया की टी-शर्ट निकाल दी. उसने इस समय काले रंग की ब्रा पहनी थी. आलिया ने 34B साईज की  ब्रा पहनी हुई थी.
आलिया के बुब्स एकदम परफेक्ट गोल साईज के टाइट बुब्स देखकर मेरा लंड भी तन जाता है.
उधर अपनी बहन आलिया के कातिलाना बुब्स ब्रा में देख कर अविनाश जीजा जी का लंड भी तन गया था. मैं और आलिया हम दोनों किस करने में लग गए.
दीदी जीजा जी कान में बोलीं- क्या बात है डियर, अपनी बहन का हॉट फिगर देखकर लंड उछलने लगा है क्या!
अविनाश- हां यार, वो है ही इतनी हॉट.
चित्रा- वैसे आज मेरा भाई तुम्हारी बहन को अच्छे से पेलेगा.
अविनाश- जैसे मैं तुम्हें पेलता हूं.
दीदी जीजा जी के होंठों को चूमने लगीं और इधर मैं आलिया के होंठों को चूम रहा था.
चित्रा- अब पूरी रात सिर्फ किस ही करोगे या आगे भी कुछ करोगे?
दीदी की बात सुनकर मैंने आलिया को घुमा दिया और उसकी ब्रा का हुक खोल कर निकाल दिया. अब मैं अपने दोनों हाथ से आलिया के बुब्स को सहलाने लगा. जिससे आलिया मदहोश होने लगती है और बिच बिच में अपनी आंखे बंद करने लगती है.
आलिया दीदी और जीजा जी की तरफ सेक्सी नजरों से देख रही थी. मैं बडे मजे से प्यार से आलिया के बुब्स को मसल रहा था. आलिया बूब्स एकदम टाइट और परफेक्ट थे मेरी जवानी को ओर ज्यादा भड़का रही थी और में उसके कातिलाना बुब्स के निपल को टच करता हु जिससे आलिया ओर ज्यादा मदहोशी में उत्तेजित हो उठती है. कभी-कभी वो कामुक आवाज़ भी निकाल रही थी.
इधर मैं आलिया के बुब्स को मसल रहा था, तो उधर जीजा जी उत्तेजित होकर  कपडे के ऊपर से दिदी के कातिलाना बुब्स को मसलने लगते हैं.
उसी समय आलिया अपने हाथों से मेरे हाथों को रोक कर घूम गई और मुझको किस करने लगी.
ये सब दो ही मिनट हुआ था कि मुझसे कन्ट्रोल नहीं हो रहा था. मैंने आलिया को बेड पर पटक दिया … और आलिया के ऊपर चढ़कर उसके होंठों को चूमने लगा. दीदी और जीजा जी हम दोनों को देख रहे थे.
मैं आलिया के बुब्स को सहलाते हुए उसके पूरे बदन को चूमने लगा. आलिया कामुक आवाज कर रही थी. हम दोनों जवानी के जोश में उत्तेजित हो चुके थे.
मैंने अब उसका शॉर्ट और ब्लेक रंग की गिली पैंटी भी निकाल दिया. मैंने देखा कि आलिया की चुत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी. उधर जीजा जी दीदी के बुब्स को मस्ती से सहलाए जा रहे थे. आलिया की चुत एकदम कसी हुई गोरी चिटी एकदम मस्त थी.
जीजा जी- तुम्हारा भाई तो खिलाड़ी लग रहा है.
दीदी- आखिर भाई किसका है.
मैं जैसे ही आलिया की चुत को चाटने लगा, तो आलिया एकदम से सिसक गई और बेडशीट को पकड़कर कसमसाने लगी. आलिया की चुत बहुत टाइट थी और बड़ी ही मादक थी. आलिया मुझे ज्यादा देर तक बर्दाश्त नहीं कर पाई और उसके शरीर में ऐंठन शुरू हो गई. आलिया इतनी मदहोश हो चुकी थी वो कुछ बोल भी नहीं पा रही थी सिर्फ आंखे बंद करके कामूक आवाज़ कर रही थी.
आलिया- आहह उह ओह आ आहह!
दीदी- राज अब और मत तड़पा … जल्दी से चोद डाल.
मैंने दीदी की तरफ देखा. दीदी जिजाजी के गोद में बेठी थी जिजाजी का हाथ दिदी के बुब्स पर था और वो दोनों मेरी ओर देखकर मुस्कराते हैं.
आलिया अपनी जवानी मुझे सोप चुकी थी में जवानी के जोश में जल रहा था तो अब ज्यादा खुदको रोक नहीं सकता इसलिए बिना देर किए में आलिया के पैर फेलाकर उसके ऊपर आ जाता हु.

दिदी : रुक जा भाई.
जीजाजी : क्या हुआ.
दीदी ने झट से उठ कर ड्रावर में से कंडोम का पैकेट निकाल कर मुझे दे दिया.
दिदी : प्रोटेक्शन जरूरी है.
जिजाजी : सही कहा.
मैंने कंडोम पहनकर आलिया की चुत पर लंड सैट किया और फिर धीमे से धक्का लगाया लेकिन लंड फिसल गया तो दोबारा लंड सेट करके धक्का मारा तो दोबारा भी फिसल गया. आलिया की चुत एकदम कसी हुई कूवारी थी तो इसलिए में धीमे से धक्का मार रहा था लेकिन फिर तिसरी बार अच्छे से लंड को चुत पर रखा जिससे आलिया सिहर जाती है और इस बार अच्छे से धक्का लगाया और लंड का थोड़ा सा हिस्सा चुत में घुस गया और आलिया एकदम से चिल्ला उठी मानो किसी ने लोहे का रोड घूसा दिया हो.
आलिया दर्द के मारे जोरों से चिल्ला उठी- ओहह मर गई … उम्म्ह… अहह… हय… याह…
मैंने उसकी चीख सुनी तो डर के मारे आलिया की चुत से लंड निकाल लिया. आलिया की चिंख से असहनीय ददॅ का मुझे अह्सास हुआ.
जीजा जी- साले साहब, धीमे से मेरी बहन को मार मत डालना.
आलिया तड़फ कर कहने लगी- मुझसे नहीं होगा.
दिदी : आलिया पहली बार तो ददॅ होगा ही और तुम्हें बर्दाश्त करना ही होगा.
तभी दीदी ने मुझे किस करने का इशारा कर दिया और मैं आलिया के होंठों को चूमने लगा.
अविनाश- तुम्हारे भाई का लंड तो बहुत बड़ा है जान.
चित्रा- हां यार … इसका बहुत बड़ा मूसल है … पता नहीं आलिया का क्या होगा. मुझे नहीं लगता है कि आलिया झेल पाएगी.
अविनाश : मुझे भी ऐसा लग रहा है.
चिंंत्रा : (स्माइल करके) आज तुमारी बहन की बेंड बझने वालीं है.
अविनाश : अगला नंबर तुमारा ही जान.
वो दोनों धीमे से एक दूसरे से बात कर रहे थे और में आलिया के गूलाबी रसिले होठों को चुम रहा था ताकि आलिया नोमॅल हो.
कुछ देर बाद जब आलिया शांत हो गई, तब मैंने फिर से लंड को सैट किया.
आलिया डरते हुए बोली- धीमे डालना, बहुत दर्द हो रहा है.
मैंने आलिया की बात सुनकर धीमे से धक्का मारा और हल्का सा लंड घुसते ही वो छटपटाने लगती है लेकिन मैं धक्का लगाना जारी रखता हूं जिससे वो दर्द में छटपटाते हुए कामुक आवाज़ निकालने लगती है.
आलिया ददॅ से हल्का सा छटपटा रही थी लेकिन उसका दर्द ओर ज्यादा बढ़ने वाला था क्योंकि में पहली बार सेक्स का मजा ले रहा था अचानक से मेरा जोश बढ जाता है ऊपर से आलिया की चुत बहुत टाइट थी उसके लिए मुझे जोर भी लगाना पडता है.
में अचानक से जोश में आकर्षण जोर से धक्का मारता हु और चुत को चिरते हुए आधा लंड चुत में घुस जाता है और आलिया ददॅ से चिल्ला उठती है.
आलिया : ओह मा..आह मर गई... निकालो...निकालो ददॅ हो रहा है राज प्लीज़ निकालो.
मेंरी उत्तेजना बहुत ज्यादा बढ गई थी मुझे चुदाई के अलावा कुछ नहीं दिखता में अपनी ही दूनिया में खो जाता हु और आलिया को ददॅ को अनसूना करके अपनी आग को शांत करने में लगा था.
आलिया जोरों से चिल्लाने लगी- आहहह राज, स्टॉप इट … आह यू हर्ट मी … राज स्टॉप इट … प्लीज बाहर निकालो … मुझे दर्द हो रहा है.
आलिया की कामुक ददॅ भरी आवाज़ सूनकर मेरा जोश ओर ज्यादा बढ जाता है और में अपनी जवानी के ऊपर से खुदका काबू खो रहा था और में जवानी की आगे बेकाबू हो रहा था.
आलिया का बदन लाल पडने लगा था उसकी सांसे मेरी तरह तेज हो चुकी थी वो दर्द से छटपटा रही थी और आंख में आंसू भी आ चुके थे.
में अपना होश खोकर अपनी दिदी और जिजाजी के सामने आलिया को बिना रुके पुरे जोश में चोद रहा था और वो दोनों भी मुझे इतना जोश में देखकर सदमें आ गए थे.
आलिया को असहनीय ददॅ हो रहा था जिस वजह से वो छटपटाते हुए छुटने की कोशिश कर रही थी लेकिन में उसके ऊपर उसको पुरे जोश में चोद रहा था जिस वजह से वो कुछ नहीं कर पाती.
आलिया : ओह आह राज स्लो डाउन ओह स्टोप इट... आह उह ददॅ हो रहा है.
जीजा जी और दीदी आलिया को असहनीय ददॅ में मुझसे चुदवाते देख रहे थे. वो दोनों भी आलिया को इतने ददॅ में देखना नहीं चाहते लेकिन वो दोनों जानते हैं पहली बार इतना दर्द आलिया बर्दाश्त करना ही होगा.
आलिया ने दोनों हाथों से बेडशीट पकड़ ली थी … मैं पूरी ताकत से आलिया को चोदने में लगा हुआ था. हालांकि कुछ देर बाद आलिया कामुक आवाजें करते हुए एकदम से चुकी थी.
आलिया की बेहोशी की हालत में पहुंच जाती लेकिन उससे पहले ही में चोदते हुए जड जाता हु और एकदम से माल निकल जाता है और में आलिया के ऊपर ढेर हो जाता हु. में बिना रुके करीब छह-सात मिनट आलिया को चोदता हु यह मेरी जिंदगी की पहली चुदाई थी.
आलिया की सांसे तेज हुई थी उसके चेहरे का रंग उडा हुआ था वो दर्द से छटपटा रही थी और जब में शांत होता हु तब में होश में आता हु.
में उसके ऊपर हटते हुए दिदी और जिजाजी को देखता हूं जो में भूल ही चुका था कि वो दौनों भी हमें देख रहे हैं में आलिया को बेरहमी से उसके भाई के सामने चोद रहा था.
में कॉन्डम निकाल कर बिना कुछ बोले आलिया के पास लेट जाता हु क्योंकि में भी थक चुका था.
जिजाजी की छोटी बहन आलिया की शिलपैक चुत का उद्घाटन हो चुका था उसकी चुत में खून लगा था वो दर्द से झल्ला उठी थी.
आलिया असहनीय ददॅ सीत्कार रही थी और तभी दिदी खड़ी होकर आलिया के पास आती है.
दीदी : रिलेक्स … पहली बार ऐसा ही होता है.
में : सोरी आलिया.
आलिया एक नजर मेरी ओर देखती है लेकिन वो कुछ नहीं बोलती है क्योंकि अभी वो कुछ भी बोलने के लायक नहीं थी.
फिर दिदी आलिया को धीमे से खड़ी करती है तबतक जिजाजी कमरें से बाहर जा चुके थे. आलिया खड़ी भी मुश्किल से हो पाई और दिदी के सहारे आलिया लंगड़ा कर बाथरुम में जाती है.
इस तरह से दिदी आलिया को बाथरुम में ले जाती है और में अपने ख्यालो में डूबा हुआ था. तभी जीजा जी व्हिस्की की बोतल लेकर कमरे में आ गए और फिर हम दोनों के लिए पैग बनाते हैं. सबसे पहले जिजाजी मुझे टिश्यू पेपर देते हैं जिससे में अपना लंड साफ करता हु.
जीजा जी ने दोनों के लिए पैग बनाए और पहले मुझे गिलास देते हुए बोले :  लो थकान दूर करो.
में : थेक्स.
जिजाजी : केसा रहा फर्स्ट सेक्स.
में : में तो अपना होश ही खो बेठा था.
जिजाजी : आलिया की हालत देखकर एक पल के में भी डर सा गया था.
में : में खुद पर कन्ट्रोल ही खो चुका था.
जीजा जी- राज, तुमने तो मेरी बहन की बैंड बजा दी.
तभी दिदी भी बाथरुम से बाहर आकर जिजाजी की बात सुनते हुए बोलती है कि
चित्रा- और तुम मेरी बैंड बजाते हो उसका क्या.
इस बात पर वो दोनों एक-दूसरे की ओर देखते हैं और  जीजा जी दिदी को भी पैग बनाकर देते हैं.
जिजाजी : केसी हालत है आलिया की.
दिदी : पुरी तरह से थक चुकी है और ददॅ भी हो रहा है.
में : मेने आलिया को ज्यादा ही ददॅ दिया.
दिदी : तुमारी गलती नहीं है पहली बार होता है ऐसा स्वभाविक है.
अब तो दिदी के सामने में नग्न अवस्था में था मुझे थोड़ा सा अजीब लग रहा था लेकिन अब मेरी शमॅ गायब हो चुकी थी और दिदी भी मुझे कामुक नझरे से देख रही थी. अब में अपनी दिदी को भी कामुक नझर से देख रहा था.
यह कहानी आगे जारी है जिसमें अगले पाटॅ में क्या होने वाला है आपको अंदाजा तो आ ही गया होगा तो बिना देर किए कॉमेंट करके जरूर बताना कि अगले पाटॅ में क्या होगा.
आप सबके लिए एक सवाल भी है क्या आपने कभी किसी को भी किसी के सामने चोदा है तो जरूर बताना कमेंट करके या पसॅनल मेइल पर मेसेज करके.

दोस्तो, इस मस्त सेक्स कहानी को अगले भाग में पूरे विस्तार से लिखूंगा तो मिलते हैं जल्दी ही.
 तब तक आप मुझे मेल कीजिएगा.

I'd : rr532045 @1

कहानी जारी है....
03
[+] 1 user Likes Kahani Master's post
Like Reply
#8
Q. Kya Apne Kabhi Kisiko Kisi Ke Samne Choda Hai To Comments Karke Jarur Bataye ?
Like Reply
#9
Awesome story
Like Reply
#10
Part 3


आपने पिछले भाग में देखा की दिदी और जिजाजी के फैनेटसी के चलते हुए सबसे पहले में आलिया की कमसिन शिलपैक चुत चोदकर अपनी आग बुझाता हु जिसमें आलिया को असहनीय ददॅ झेलना पडता है. 

अबतक मेरी शमॅ दूर हो चुकी थी और में अपनी दिदी के सामने नग्न अवस्था में था और मैं अपनी बहन के मदमस्त जिस्म को वासना से देख रहा था. मेरी तिरछी नझर दिदी की कातिलाना बुब्स पर जा रही थी. 


अब आगे:

जिजाजी : डालिॅग हमारी फैनेटसी की शुरुआत हो चुकी है. 
दिदी :  हम. 

जिजाजी : साले साहब मेरी बहन के साथ तो मजे कर लिए अब अपनी बहन को खूश कर दो. 

हम दोनों भाई-बहन एक-दूसरे की ओर कामूक नझर से देखते हैं. 

दिदी : राज तुम खुश तो हो ने. 
जिजाजी : खुश भला क्यों नहीं होगा. 
में : हम. 

तभी दोनों ग्लास रखकर मेरे सामने एक-दूसरे को चुमने लगते हैं और में उनको देखने लगता हु. दिदी और जिजाजी को देखकर में उत्तेजित होने लगता हु. 

वो दोनों एक-दूसरे के होठों को चुम रहे थे तभी जिजाजी मुझे हाथ के इशारे से बूलाते है. 

में भी सही मौका पाकर बेड से निचे आकर उन दोनों के पास चला जाता हूँ और वो दोनों रुक जाते हैं और दिदी मेरी ओर देखकर सेक्सी स्माइल करती हैं. 

जिजाजी : बेबी अपने भाई को अपने रसिले होठ का टेस्ट करवाओ. 

मैंने दीदी की नशिली आंखें को देखे जा रहा था. तभी दिदी मेरी नजदीक आती है और फिर में हिम्मत करके दिदी के रसिले गुलाबी होठों पर किस करता हु और दिदी भी मेरा साथ देने लगती है. 

मुझे दिदी के होठों को चुमते हुए अजीब भी लग रहा था क्योंकि में अपनी बहन के होठों को चुम रहा था जिस वजह से हम दोनों के बदन भी छू रहे थे और मेरी उत्तेजना बढ जाती है. 

पिछे से जिजाजी दिदी के गदॅन को चुमने लगते हैं. में दिदी के गूलाबी होठों को चुम रहा था तो जिजाजी दिदी की मदमस्त गदॅन को चुम रहे थे तभी बाथरुम का दरवाज़ा ओपन होता है और हम रुक जाते हैं. 

आलिया लंगडाते हुए दिदी का टावल लपेट कर बाहर आ जाती है. 

चिंंत्रा : अविनाश तुमारी पाटॅनर भी बाहर आ गई. 
आलिया : नो वेय अभी मुझे आराम करना है. 
अविनाश : कोई बात नहीं बहन आज तुम आराम कर लो चल में तुम्हे अपने कमरे में छोडकर आता हु. 

जिजाजी आलिया के पास जाते हैं और उनका हाथ पकड़कर आलिया को सहारा देते हैं और फिर आलिया को अपने कमरे में छोडने के लिए चले जाते हैं. 

हम दोनों भाई-बहन एक दूसरे की ओर देखकर हल्का सा स्माइल करते हैं और दोनों बिना देर किए किस करने लगते हैं. 

हम दोनों उत्तेजित हो उठे थे इसी चक्कर में दिदी मुझे किस करते हुए बेड पर पटक देती है और बिना देर किए वो मेरे ऊपर आकर मुझे किस करने लगती है. 

में बेड पर लेटा हुआ था दिदी मेरे ऊपर आकर बेठी थी और हम दोनों एक-दूसरे को चुम रहे थे और मेरे हाथ दिदी कमर पर चले जाते हैं. दिदी फिंगर के मामले में एकदम परफेक्ट थी जिसको देखकर किसी का भी लंड खडा हो जाए. 


दीदी के चुम्बन से मेरा लंड एंटीना की तरह खड़ा होने लगा था और मैं बडे मजे से दीदी के गूलाबी होठों को चुम रहा था. तभी दिदी जोश में आकर अपनी टी-शर्ट निकाल देती है जिससे उनकी प्रिन्टेड ब्रा और 34B साइज के कातिलाना बुब्स मुझे मदहोश कर देते हैं. 

मैं दीदी के होंठों को चूमते हुए अपने दोनों हाथों से उनकी गांड को सहलाने लगा. दिदी भी बडे मजे से मेरा साथ देने लगती है और जिजाजी आलिया को छोड़कर आ जाते हैं. 

जिजाजी देखते हैं कि दिदी मेरे ऊपर आ चुकी थी और हम दोनों भाई-बहन मस्त होकर एक दुसरे के होठों को चुम रहे थे. इसलिए वो हमे डिस्टर्ब नहीं करते हैं और खुरशी पर जाकर बैठ जाते हैं. 

मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि मेरी बहन इस समय मेरे ऊपर बैठी है और आज वो मुझसे चुत चुदवाएगी. मेरी ही बहन मुझसे चुदने को बैताब थी. वो भी चाहती है कि उसका भाई उसकी चुदाई करके उसकी फेनेटसी पुरी कर दे और में भी अब अपनी दिदी को चोदने के लिए गर्म हो चुका था. 

दिदी के कातिलाना बुब्स मुझे बहुत ज्यादा विचलित कर रहे थे तो में उनकी पिठ को सहलाते हुए दिदी की ब्रा  की हूक खोल देता हूं दिदी समझ जाती है. 

तभी दिदी खूरशी की ओर देखती है उस ही टाइम हम दोनों की नझर खुरशी पर बेठे जिजाजी पर पडती है और जिजाजी दिदी की ओर देखकर आंख मारते हैं यानी जिजाजी का सिग्नल मिल जाता है. 

फिर दिदी स्माइल करते हुए कामुक नझरो के साथ खूद ही अपनी ब्रा निकाल देती है. दिदी के नग्न बुब्स देखकर मेरा तो लंड एकदम से खड़ा हो जाता है बदन में कंरट  दोड पडता है. 

जिंदगी में पहली बार दिदी के कातिलाना मदमस्त परफेक्ट बुब्स देखते ही मेरा जोश बढ जाता है. में बिना देर किए जोश में आकर दिदी को बेड पर लेटा देता हूं और खुद ही उनके ऊपर आकर दिदी के गूलाबी होठों को चुमने लगता हु और दिदी भी मेरा साथ देने लगती है. 

में दिदी के होठों को चुमते हुए उनके गदॅन को चुमते हुए एक बुब्स पर हाथ रखके धीमे से सहलाने लगता हु जिससे दिदी मदहोश होने लगती है. में भी दिदी की तरह सातवें आसमान पर पहुंच गया था जहाँ हम दोनों रोमांस के पल में मजे ले रहे थे. 

अब मेरी उत्तेजना धीमे-धीमे बहुत ज्यादा बढ चुकी थी तो में दिदी के बदन को चुमने लगता हु और वो मदहोशी में इस पल का मजा लेती है. दिदी अपने भाई को खुदको सोप चुकी थी. 

जिजाजी मन ही मोन सोचते हैं कि "साले साहब तुम बहुत लक्की हो जो मेरी बहन को चोदने के बाद अपनी ही बहन को चोदने का मौका मिला है कास अभी में भी अपनी बहन के ऊपर होता तो मुझे भी मजा आ जाता खैर कल अपनी बहन के साथ मजा करूँगा अभी तो अपनी बिवी को उसके भाई के साथ मजे करते हुए देखता हूं". 

में दिदी के सैक्सी बदन को देखकर खुद पर से काबु खोने लगा था. में अपनी दिदी को बदन को चुमकर पागल कर रहा था दिदी मदहोशी में छटपटा रही थी.  में दिदी की ओर देखता हूं दिदी मुझे कामूक नझर से देखती है तो बिना देर किए मैंने दीदी की शॉर्ट और पैंटी भी निकाल दी.

मुझे लगा था कि जिजाजी ने दिदी को चोदकर दिदी की चुत का भोसडा बना दीया होगा लेकिन दिदी की चुत मेरी सोच से काफी अच्छी थी आलिया की चुत की तरह टाइट तो नहीं थी लेकिन एकदम परफैक्ट थीं. 

अब दिदी पुरी नंगी हो चुकी थी जिसमें वो बहुत ही सैक्सी लग रही थी एकदम परफेक्ट फिंगर वाली दिदी थी. में दिदी की ओर देखता हूं दिदी अपने पैर फेला देती है और में उनकी मदमस्त चुत को चाटने लगता हु जिससे वो अंगड़ाई लेने लगती है मदहोशी सी आवाज़ करने लगती है. 

दिदी : उह ह आह उह ओह...

हमे देखकर जिजाजी भी अपने लंड को ऊपर से ही सहला रहे थे. मैं अपनी दीदी की चुत चाटने में मशगूल था और जीजा जी इस शानदार नज़ारे को कामूक नजरों से देख रहे थे. 

दिदी : भाई रुक जाओ अब बर्दाश्त नहीं हो रहा. 


मैंने भी देर करना उचित नहीं समझा और बिना देर किए दिदी के पैर फैलाकर उनकी ऊपर आ जाता हु. 


लेकिन उसी पल दीदी ने मुझे रोक दिया- भाई पहले कंडोम तो लगा लो, अपनी दीदी को ही प्रेग्नेंट करोगे क्या?
मैं- सोरी. 

में जिजाजी की ओर देखता हूं और वो मेरी ओर दैखकर आंख मारते हैं और फिर मैं खड़े होकर ड्रावर खोला तो देखा कि उसमें कंडोम के कई सारे पैकेट रखे थे. हर तरह के फ्लेवर्स के कंडोम थे और कुछ दूसरी टेबलेट भी रखी थीं. उनमें से में एक स्ट्राबेरी फ्लेवर्स का कंडोम लेकर लंड पर चढ़ाया और वापस दीदी के ऊपर चढ़ गया.

दिदी : धीमे डालना. 

दिदी ने आलिया की चुदाई अच्छी तरह से देखी थी उसको अंदाजा आ गया था. दिदी के कामुक बातों से एक बात तो तय है कि जिजाजी का लंड मेरे लंड से छोटा होगा. 

मैंने अपने लंड को अपनी बहन की चुत पर सैट किया और एक धक्का लगा दिया मगर मेरा लंड फिसल गया. मैंने फिर से चुत की दरार में लंड को सैट किया और इस बार अच्छे से दबाव बनाकर धक्का लगाया और हल्का सा चुत में घूस गया. 

दीदी के मुँह से आवाज निकल गई- उम्म्ह… अहह. 

दिदी की चुत में लंड जाते ही मेरी उत्तेजना ओर ज्यादा बढ जाती है में थोड़ा जोर लगाता हु और आधा लंड फच करते हुए दिदी की चुत में घूस जाता है और दिदी चिख उठती है. 


दीदी- आहह राज … यू आर सो हार्ड … आह मर गई … आ उह.

दीदी की मादक आवाज सुनकर मैंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी.

तो दीदी बोली- राज, यू आर सो फास्ट … जरा धीरे करो मेरे भाई … आहह ओह राज … प्लीज राज स्लो करो … मुझे दर्द हो रहा है.

तभी जिजाजी अपना लंड सहलाते हुए : रुकना नहीं राज ओर जोर से चोद अपनी बहन को आज अपनी दिदी की चुत में पूरा लंड घूसा दे. 

दिदी : नहीं. स्लो डाउन. 

में दिदी की चुदाई में मस्त हो गया था कि जिजाजी की ओर नहीं देख पाया लेकिन उनकी बात मुझे ओर ज्यादा जोश देती है. 

दिदी : उह आह भाई...ओह ह उह यहह आह.. यू हटॅ मी... स्लो डाऊन. 


दीदी की आवाजें सुनकर मुझे अहसास हो गया था कि मेरा लंड जीजा जी के लंड से बड़ा है.दिदी की बात सूनने के बदले वो मुझे ओर ज्यादा उत्तेजित कर रही थी. में अपनी स्पीड बढाते हुए एक लंबा सा जोर का झटका मारता हु और फच करते हुए आधा से ज्यादा लंड चुत में घूस जाता है दिदी की चिंख निकल जाती है और दिदी ददॅ से छटपटाने लगती है 


मेरे लंड से मेरी दीदी को दर्द हो रहा था. फिर भी वो मेरे हर धक्के को झेल रही थीं क्योंकि वो मुझसे आज पूरी तरह से चुदना चाहती थीं.

दिदी को ददॅ हो रहा था लेकिन वो दर्द को बर्दाश्त कर रही थी वो भी अपने भाई के लिए. 

दीदी- आहह राज …यू आर सो फास्ट.. … आहह ओह फक फक...

इस समय कमरे में कामुक आवाजें और फच फच फच की आवाजें गूंज रही थीं. में बिना रुके दिदी को चोद रहा था उनका बदन हिल रहा था उनके चेहरे का रंग उड चुका था दिदी अपने भाई के दिए ददॅ को झेल रही थी. 

दिदी : जल्दी भाई.. ओह आह...अब बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है बर्दाश्त नहीं हो रहा... 


मेने देखा की दिदी थोड़ी ढिली पड गई है वो सिर्फ मेरा साथ दे रही है मतलब वो जड चुकी थी और इधर मेरी स्पीड अब टोप गियर में चली जाती है. में अपनी ही बहन को जोरो से चोद रहा था और दिदी ददॅ बर्दाश्त कर रही थी. 

कुछ देर बाद मैं भी झड़ गया और हांफते हुए दीदी के ऊपर ही गिर गया. दीदी भी सीत्कार रही थी उनकी सांसे तेज हो गई थी बदन में पसीना हो चुका था.

उसके बाद मैं लंड से वीर्य भरा कंडोम निकाल कर डस्टबिन में फेंक कर दीदी के पास लेट गया. दिदी कराहते हुए अपनी चुत में उंगली करती है और एक नझर मेरी ओर देखती है. दिदी का चेहरे का रंग उडा हुआ था. 

तभी जिजाजी तूंरत बाथरुम में चले जाते हैं और में थोडी राहत पाता हु. हम दोनों भाई-बहन थक चुके थे और में तो बहुत ज्यादा थक चुका था. 

मैं- आई लव यू दीदी.
दीदी- आई लव यू टू हनी.


तभी जिजाजी खुदको ठीक करते हुए बाहर आते हैं और स्माइल करते हैं और दिदी के पास आकर दिदी के गाल पर लपैट जाते हैं. 

जिजाजी : जिंदगी पहली बार अपनी बिवी को उसके भाई से चुदतेे हुए देखकर खुद ही लंड को हिलाकर माल निकाला. 

हम कुछ नहीं बोलते हैं और बस चुपचाप लेटे थे. 

जिजाजी : राज केसा लग रहा है. 
में : अच्छा. 
दिदी : डालिॅग लाइट बंद करो दो बहुत रात हो चुकी है. 
में : में अपने कमरे में चला जाता हूँ. 

फिर में अपने कपड़े लेकर अपने कमरे में जाकर थकावट की वजह से सो जाता हु. 


अबतक की कहानी आपको केसी लगी कमेंट करके जरूर बताना और आप अपनी कोई भी चुदाई की दास्तान मेईल के जरिए मुझे बता सकते हैं और वो बाते पुरी तरह से हमारे बिच सिक्रेट रहेंगी. 

rr532045 @1 
कहानी जारी है 

04...
[+] 1 user Likes Kahani Master's post
Like Reply
#11
क्या किसी ने कभी अपने जिजाजी-दिदी की चुदाई देखी है तो बिना किसी डर के जरुर बताान ?

अगर आप इधर नहीं बता सकते तो मुझे मेईल करके बता सकते हैं ?

rr532045 @1
[+] 1 user Likes Kahani Master's post
Like Reply
#12
Jinko Lagta Yeh Kahani Sachi Hai Unko Bata Du Ki Yeh Kahani Kalpnik Hai Jo Dusre Logo Ke Saath Chat Karne Ke Baad Likhi Hai
Like Reply
#13
Kya Kabhi Kisi Ne Apni Didi Aur Jijaji Ki Chudai Dekhi Hai To Comment Karke Apni Baat Jarur Bataye !!!!
Like Reply
#14
Great update, keep it up
Like Reply
#15
Kisi Ne Abtak Swal Ka Javab Nhi Diya !!!
Like Reply
#16
Super sir
Like Reply
#17
(29-07-2021, 04:47 PM)Never seen Kahani Master Wrote: Kya Kabhi Kisi Ne Apni Didi Aur Jijaji Ki Chudai Dekhi Hai To Comment Karke Apni Baat Jarur Bataye !!!!
Like Reply
#18
Update please super concept
Like Reply
#19
Super clps
Like Reply
#20
Nice one
Like Reply




Users browsing this thread: