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दोस्तों,
आज मैं जो ये कहानी लिख रहा हूँ यह कहानी नहीं बल्कि पूरी सच्चाई हैं, मुझे और सभी की तरह पोर्न मूवी देखने-पढ़ने का बहुत शौक हैं,और सभी तरह की पोर्न मूवी मझे पसंद हैं पर उन सबमें मैं पिसींग व टाॅयलेट स्केट मूवी ज्यादा पसंद करता हूँ । जिसमें औरत मालकिन का रोल अदा करती है व आदमी को गुलाम बना कर उसे टाॅर्चर करती हैं और फिर उसके साथ स्केट सेक्स करती हैं यानि उसे अपनी पेशाब पीने को मजबूर करती हैं व उसके मुंह पर बैठ कर अपनी टट्टी का स्वाद भी चखाती हैं।यह सब देखकर मुझे भी यह करने का मन करता था कि कोई औरत मेरे साथ ऐसा सब कुछ करे,लेकिन हमारे देश में आम तौर पर कोई भी औरत ये सब करना पसंद नहीं करती हैं,इसलिए मैं ऐसे सेक्सi के सपने देखता रहता था और ऐसा ही कोई मौका ढूंढ रहा था।
मेरे आफिस में एक कामवाली आती हैं जोकि पूरे आफिस की सफाई के साथ साथ चाय पानी भी पिलाती हैं ।
उसकी उम्र कोई पच्चीस बरस की होगी, उसका रंग तो काला हैं लेकिन उसके फिचर्स बेहद आकर्षक है व शरीर बेहद सुगठित।
शादीशुदा हैं लेकिन पति शराबी हैं व उसे मारता पिटता हैं इसलिए वह उससे अलग अपने माता पिता के साथ रहतीं हैं एवं जीविका के लिए नौकरी करती हैं ।
कई बार मैं आफिस किसी काम से जल्दी चला जाता तो वो मेरा चैम्बर साफ करती हुई मिलती,तो मैं सफाई होने तक वहीं खडा हो के इन्तजार कर लेता।
कईं बार मैंने उसे जब झुक कर झाडू लगाते हुए देखा तो उसके ब्लाउज में से उसके दो गोले बाहर की ओर झांक रहे थे व बाहर निकलने को बेताब थे।ये देख कर मेरा लंड फनफनाने लगता ।लेकिन शुरू में जैसे ही शीला की नजर मुझसे मिलती वो शरम के मारे नजर नीची कर लेती,व साड़ी का पल्लू उपर कर लेती।बाद में उसे भी समझ में आ गया कि मै क्या चाहता हूँ ।एक बार मौका मिला जब मेरे घर पर मै अकेला था,बीबी बच्चों के साथ माइके गयी हुई थी।मौका पाकर मैने उससे बात करने की सोची।
अगले ही दिन मैं सुबह जल्दी से तैयार हो कर आफिस पहुँच गया,तब शीला मेरे चैम्बर में झाडू ही लगा रही थी...
मुझे जल्दी आया देख थोड़ी सकपकायी फिर नार्मल हो कर अपना काम करने लगी।जब वो झुक कर झाडू लगा रही थी तो मैं उसके ब्लाउज में से झांकते हुए गोलों को निहार रहा था।अचानक उसकी नज़र मेरी नज़र से मिली,शायद वो मेरी मंशा ताड़ चुकी थी।वह अबकी बार नीची गरदन करके साड़ी का पल्लू मुंह पर रख के हल्के से मुस्कराने लगी।....
अब तो मेरी बल्ले बल्ले हो गई।मुझे तो ग्रीन सिग्नल मिल चुका था।मैने तुरंत एक पांच सौ का नोट निकाला और बोला
"शीला ये रख लो,काफी दिनों से तुम्हें कुछ नहीं दिया...जाते वक्त घर के लिए मिठाई लेती जाना।"
........"जी साहब,"
शीला ने हाथ बढा कर मुस्कुराते हुए रूपये ले लिए।
"और हां,मेरे घर पे भी कुछ काम पड़ा हैं,उसे करोगी ?"
"आओगी क्या?" मैंने इस उम्मीद से पूछा कि वो जरूर हाँ कह देगी।
"आप जब बुलाएंगे तब आ जाउंगी" शीला ने नीची निगाह किये हुए मुस्कुराते हुए कहा।
वो ताड़ चुकी थी कि मेरी मंशा क्या है, लेकिन शायद उसकी भी कुछ जरूरतें थी और वो भी उन्हें पूरा करना चाहती थी।
वो अभी भी नीची निगाह किये हुए मुस्कुरा रही थी व अपना काम करती जा रही थी।
मैंने लाईन क्लियर देख कर बनावटी अंदाज़ में बोला "ठीक है शीला वैसे तो मेरे घर से सारे लोग बाहर गये हुए हैं,पर तुम कभी भी आ सकती हो,"
फिर थोड़ा रूक कर उसे टटोलते हुए अर्थपूर्ण अंदाज़ में बोला..."और हो सके तो आज ही आफिस छूटने के बाद आ जाना क्योंकि वैसे तो दिन में टाइम मिलेगा नहीं।"
अब उसके मन में सारा पिक्चर क्लियर हो चुका था...वो भी बनावटी अंदाज़ में बोली.."नहीं साहब आज नहीं.."
"क्यों ?" मैंने पूछा।
वो क्या है साहब कि आज...कहते कहते रूक गयी।
मैंने थोड़ा और नजदीक आकर पूछा.."आज क्या...?
वो भी यह जताते हुए कि उसे मेरी मंशा समझ आ चुकी थी धीरे से शरमा के बोली.."वो क्या है साहब कि आज मैं एम..सी में हूँ।"
व्वाऊ...करंट लगा मुझे...अब तो संशय की कोई गुंजाइश ही नहीं बची.....ये तो सब समझ चुकी हैं और
मामला साफ हैं।
"तो फिर कल आ जाना"मैंने उतावले स्वर में कहा।" उसने तुरंत ही हाँ मे सिर हिला दिया और नीची निगाह करके मुस्कुराने लगी।
अब क्या था....मैं तुरंत आफिस से बाहर निकल आया व अपने आप को नार्मल दिखाते हुए कुछ फाइलों को उलट पलट कर देखने का नाटक करने लगा।
तब तक स्टाफ के लोग आना शुरू हो गए थे।
शेष अगली किस्त में ....क्रमशः
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सफाई होने के बाद मैं चैम्बर में घुसा फिर दिन में ऑफिस के जरूरी व अत्यावश्यक काम पहले ही निपटा कर अगले दिन की प्लानिंग में लग गया।शाम को घर जाते समय नजदीक की एक ज्वेलर्स शाॅप से चांदी के बढिया पाजेब खरीद लिए।
अगले दिन...
सुबह जल्दी ही आॅफिस पहुंच गया,शीला झाड़ू लगा रही थी,व मुझे देखकर शर्म से नजरें झुका कर मुस्कुराने लगी।मैने जल्दी से कागज पे अपना पता व फोन नंबर लिख कर उसे पकड़ा दिया साथ ही कुछ रूपये उसकी हथेली पे रख कर बोला...
..."शाम को छह बजे आ जाना।कोई भी दिक्कत आए तो फोन कर लेना।"
"ठीक है साहब "उसने हां में सिर हिला दिया।
अब क्या था...रोज की तरह ऑफिस का काम करके आज तीन बजे ही घर पहुँच गया।दिल बल्ले बल्ले उछल रहा था,आज तो जवान देसी चूत मिलने वाली थी ।
घर पहुँच कर नहा धोकर फ्रैश हो गया फिर पाँच बजने का इन्तजार करने लगा।पाँच बजते ही मैं उठा,फ्रिज खोल कर वोदका की बोतल निकाली,फिर एक लार्ज पैग बना कर हल्के हल्के घूंट भरने लगा।अब इन्तजार था शीला का जिसकी जवानी का स्वाद मुझे मिलने वाला था।
छह बजने वाले थे,और किसी भी वक्त शीला आ सकती थी।मैंने दो पैग खत्म कर दिए थे व तीसरा बना ही रहा था कि काॅलबेल बज उठी।
सफाई होने के बाद मैं चैम्बर में घुसा फिर दिन में ऑफिस के जरूरी व अत्यावश्यक काम पहले ही निपटा कर अगले दिन की प्लानिंग में लग गया।शाम को घर जाते समय नजदीक की एक ज्वेलर्स शाॅप से चांदी के बढिया पाजेब खरीद लिए।
अगले दिन...
सुबह जल्दी ही आॅफिस पहुंच गया,शीला झाड़ू लगा रही थी,व मुझे देखकर शर्म से नजरें झुका कर मुस्कुराने लगी।मैने जल्दी से कागज पे अपना पता व फोन नंबर लिख कर उसे पकड़ा दिया साथ ही कुछ रूपये उसकी हथेली पे रख कर बोला...
..."शाम को छह बजे आ जाना।कोई भी दिक्कत आए तो फोन कर लेना।"
"ठीक है साहब "उसने हां में सिर हिला दिया।
अब क्या था...रोज की तरह ऑफिस का काम करके आज तीन बजे ही घर पहुँच गया।दिल बल्ले बल्ले उछल रहा था,आज तो जवान देसी चूत मिलने वाली थी ।
घर पहुँच कर नहा धोकर फ्रैश हो गया फिर पाँच बजने का इन्तजार करने लगा।पाँच बजते ही मैं उठा,फ्रिज खोल कर वोदका की बोतल निकाली,फिर एक लार्ज पैग बना कर हल्के हल्के घूंट भरने लगा।अब इन्तजार था शीला का जिसकी जवानी का स्वाद मुझे मिलने वाला था।
छह बजने वाले थे,और किसी भी वक्त शीला आ सकती थी।मैंने दो पैग खत्म कर दिए थे व तीसरा बना ही रहा था कि काॅलबेल बज उठी।
मैं तुरंत दरवाजे की ओर लपका,उस वक्त मैं स्लीपिंग गाउन में था।दरवाजे के आई पीस में से झांक कर देखा तो शीला ही थी।मेरे शरीर के सारे रोएं खडे हो गए,दिल जोरो से धडकने लगा।मैंने तुरंत दरवाजा खोल दिया....
वोदका का सुरूर मेरे सिर चढकर बोल रहा था, शीला के अंदर आते ही मैंने तुरंत दरवाजा बंद कर दिया और बिना देरी किये शीला को अपनी बांहों में जकड़ लिया।शीला ने अपनी आंखें बंद कर ली....
....."आह!"उसके मुंह से निकल पड़ा।
..."शीला" मैनें पुकारा।
...."हाँ साहब"
तुम्हारे जैसी सादगी वाली औरतें मुझे बहुत अच्छी लगती है, इसलिए मैं तुम्हें बहुत पसंद करता हूँ,बहुत दिनों से मैं इंतजार कर रहा था।
....."तो बुला लेते साहब"शीला ने नीची निगाह करके मुस्कुराते हुए कहा।
"वो ही तो मौका नहीं मिला ना।"मैंने कहा।
"चल अपनी जवानी का रसपान करा दे।"
और उसकी ठोड़ी उपर करके उसके होठों को चूम लिया।
उसने मुझे कस कर पकड़ लिया।
मेरे भी तन बदन में आग लग चुकी थी ।मैंने उसके होठों को और जोश में चूमना चूसना शुरूकर दिया,और शीला भी साथ दे रही थी।उसके बदन से पसीने की तीखी महक आ रही थी,लेकिन मुझे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था,बल्कि मजा आ रहा था।
शीला भी सिसकारियाँ भर रही थी।मैंने उससे जीभ देने को कहा तो उसने जीभ तुरंत निकाल दी और मैंने तुरंत उसे मुंह में ले लिया और चूसने लगा।थोड़ी देर इसी तरह चूसते हुए मैंने भी अपनी जीभ उसके मुंह में घुसा दी और चूमने लगा साथ ही साथ उसकी बड़ी बड़ी चूचीयों को सहला रहा था।शीला ने मुझे और कस कर पकड़ लिया।अब मेरे सब्र का बांध टूट गया,तुरंत ही मैंने शीला की साड़ी उतार दी।अब उसके शरीर पर ब्लाउज और पेटीकोट था।मैंने उसे गोद में उठा लिया व बैडरूम में ले गया और फिर उसे बैड पर लिटा के अपना गाउन उतार दिया और शीला का ब्लाउज भी खोल दिया।
शीला के दो बड़ी बड़ी चूचीयाँ एक झटके से ब्लाउज में से बाहर आ गई। काली काली चूचीयाँ एकदम तनी हुई थी व चमक रही थी ,उनके उपर बड़े बड़े निप्पल किसी मंदिर के गुम्बद के उपर झंडे की तरह लग रहे थे व मुझे आमंत्रित कर रहे थे।मैं तो दिवाना हो गया और शीला के उपर झुककर उसके होठों को चूमने लगा और अपनी छाती से शीला की काली काली चूचीयों को रगड़ने लगा।
शीला मेरी बाहों में कसमसा रही थी।
"आ....ह....उ.....ह"
"बोल शीला रानी, मजा आ रहा है?
"उ..ह..हाँ....।"
"चल अब मैं तुझे जन्नत की सैर करवाउंगा।"
इतना कह कर मैंने शीला का पेटीकोट भी उतार दिया,चूंकि उसने अंडरवियर नहीं पहना था इसलिए तुरंत ही उसकी काली काली क्लीन शेव्ड चमकती हुई चूत अनावृत्त हो गई जो किसी पावरोटी की तरह सूजी हुई थी.....एकदम चिकनी...
मेरा लंड तो विद्रोह कर उठा।बस अब मेरे सब्र का बांध टूट गया।और तुरंत जैसे ही अपना अंडरवियर उतारा, एकदम से मेरा आठ ईन्च लंबा व ढाई ईन्च मोटा लंड फनफनाता हुआ किसी मोटी स्प्रींग की तरह झटके से बाहर आ गया,और ऊँचे नीचे झटके लेने लगा।अब तक शीला भी मस्ती में आ गयी थी।इतना बडा लंड देखते ही मुंह पर हाथ रख कर शरमाते हुए मुस्कुराने लगी।
"बोल शीला रानी,कैसा हैं।"मैंने पूछा।
"बहुत बड़ा हैं साहब।"
"चल अब साहब वाहब छोड़ और तू कर के बात कर,आखिर तेरा प्रेमी हूँ मैं ....."ठीक है ना"मैने पूछा।
शीला ने हाँ में सिर हिलाया।
और मैं उसके उपर छा गया।उसके होठ चूमने लगा,उसकी बड़ी बड़ी चूचीयों को सहलाने लगा।
"आ...ह,उ...ह,हा.....य"अब शीला गनगनाने लगी...आssssह,ह..ह"
अब मैंने एक उंगली धीरे धीरे उसकी चूत मे घुसा दी।चूत बड़ी टाईट थी,
शीला की हल्की सी कराह निकल पड़ी.."आssssह,ह..ह"...उफ्फ्फ।अब मैं अपनी उंगली धीरे धीरे उसकी चूत मे अंदर बाहर कर रहा था और वो कराहे जा रही थी...उssss"आssssह,ह..ह"...उफ्फ्फ...उई...माँ....हफ्फ...आsss
शीला की आंखों में अब वासना का नशा साफ झलक रहा था।और मेरा लंड भी फुल टाइट हो चुका था।
"अब लंड का मजा चखाऊँ रानी"
"ह...हाँ ."शीला ने वासना की आग में जलते हुए कहा।
अब मैं जोश में आ गया और लंड पे थूक लगाकर सुपाड़ा चूत की फांको के बीच में रखकर हल्के से धक्का दे दिया।
"उई...माँ....शीला की चीख निकल पड़ी..आssssह,ह..ह".
शीला की चूत बहुत ही टाईट थी और कई महिनों से चुदी नहीं थी,इसलिए मुझे अधिक मेहनत करनी पड़ रही थी..।
अभी सिर्फ सुपाड़ा ही अंदर गया था,और शीला गनगना रही थी ...मैं कुछ देर उसी पोज़ में रहा फिर एक धक्का मारा...
"आssssह,ह..ह".ऊssssह"
अब शीला की चूत पूरी गीली हो चुकी थी इसलिए इस बार आधे से ज्यादा लंड अंदर सरकता चला गया...
आssssह,ह..ह ....म..र..ग..ई
ऊ..ई...ई...ई...ई.ह...ह...हफ्फ
अब मै थोड़ा सा रूका फिर हल्के हल्के धक्के मार कर लंड को अंदर बाहर करने लगा।
आssssह,ह..ह ....म..र..ग..ई
ऊ..ई...ई...ई...उssss"आssssह,ह..ह"...उफ्फ्फ
अब शीला वासना की आग में जल रही थी,और मैंने थोड़ा और तेज धक्के मार कर चोदना शुरू किया
हा..य...ऊ...ह...ओ..ह......क....रो....औ..र...क...रो...क...रो...जो ..र...से...हा..य...फा..ड़ डा..ल...
शीला की आंखों में अब वासना का नशा साफ झलक रहा था।अब वो तू तड़ांग भाषा पे उतर आई।
."हा..य...फा..ड़ ..डा..ल...जो...र...से...चो..द...डा...ल...ते..रे..लं..ड...से..आ..ज.....ब...ड़े...दि...नों...के.......बा..द....म..जा...आ...रहा..हैं ..."
शीला को इस तरह से तू करके बोलते हुऐ सुनकर मुझे अच्छा लगा और मैं तो और जोश मे आ गया,और जोर जोर से चोदने लगा।
शीला अब पगला सी गयी थी...
चो..द...डा...ल.....फा..ड़ ..डा..ल
और मेरी गांड पकड़ कर उपर नीचे करने लगी और खुद भी अपनी गांड उचका उचका के चुदाने लगी।काफी दिनों के बाद उसकी इस तरह से चुदाई हो रही थी।वो जोर जोर से गांड उचका रही थी...चो..द..औ..र..चो...द...फा..ड़ .दे
आ..ज...जी...भ..र के म...जा..दे..दे
चुदाई की जोरदार आवाज़े पूरे कमरे में गूँज रही थी....
फट्ट फट्ट....फट्ट फट्ट....फट्ट फट्ट...
धक्क...धक्क...धक्क...धक्क
तभी शीला ने मेरे बाल कस के पकड़ लिये....ह..रा..मी !! फा..ड़ डा..ल मे..री चू..त को...भो..स..डा... ब..ना दे... मे..रे..रा..जा...मैं...ते..री..रा..नी..
*तू..मे...रा...गु...ला...म*
चो..द औ..र चो..द मैं बो...लू त..ब त..क चो..द
और मै दोहरे जोश से थाप पे थाप लगा रहा था,आज जवान टाईट काली चिकनी चूत का मजा जो मिल रहा था।
तभी शीला ने मुझे कस कर भींच लिया...आ..ह..रा..जा!! ते..री रा..नी झ..ड... र...ही... है..
फट्ट फट्ट....फट्ट फट्ट....फट्ट फट्ट...
धक्क...धक्क...धक्क...धक्क
हा..य...ऊ...ह...ओ..ह...मैं...झ...ड़ ग..यी..."
मेरा भी माल छूटने लगा था,मैंने तेजी से कुछ झटके लगाये और शीला की चूत में ही झड़ गया।
और फिर ...कुछ देर हम दोनों एक ही पोजीशन में पड़े रहे फिर उठ कर मैं शीला का हाथ पकड़ कर बाथरूम में ले गया।
शेष अगली किस्त में ,क्रमशः
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18-07-2021, 12:56 AM
(This post was last modified: 23-07-2021, 10:31 PM by rohitpal. Edited 3 times in total. Edited 3 times in total.)
(17-07-2021, 12:11 PM)Shabaz123 Wrote: Nice start
Thanks dear for boosting up my moral,it is so important for me that it is my first story.so I hope for your same response in future
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18-07-2021, 08:43 AM
(This post was last modified: 18-07-2021, 04:52 PM by rohitpal. Edited 3 times in total. Edited 3 times in total.)
(18-07-2021, 05:04 AM)Montiloat Wrote: Amzing bro maza agya
Thanks bro
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(This post was last modified: 18-07-2021, 04:52 PM by rohitpal. Edited 3 times in total. Edited 3 times in total.)
(18-07-2021, 02:59 PM)Shabaz123 Wrote: Badhiya update bhai
Thanks bhai
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बाथरूम में पहुँच कर शीला ने वाश बेसिन में अपना मुंह धोया व मैंने उसे अपना तौलिया दे दिया,उसके मुंह पोछते ही मैंने फिर से उसे अपनी बांहों में जकड़ लिया।उसके वासना में तपे हुए जिस्म की अग्नि अभी तक मुझे महसूस हो रही थी।
अब तक शीला काफी नार्मल हो चुकी थी।लेकिन मैं चुदाई के वक्त उसका मालकिनों वाला रूप देखकर हैरान भी था और खुश भी था क्योंकि मुझे वो अच्छा लगा और मै ऐसा ही चाहता था।
"अब मुझे जाने दो साहब।"
" अब मैं तेरा साहब नहीं प्रेमी हूँ,और तू तो मेरी मालकिन बन गई है,"मैनें हंस कर एक उंगली उसके गाल से लेकर होंठो तक फिराते हुए कहा।"
वो नीची निगाह करके मुस्कुराने लगी।
"और अभी से जाने का नाम न ले,अभी तो बहुत सारा सेक्स बाकी है।"मैंने अर्थपूर्ण मुस्कान बिखेरते हुए उसे बांहों में लिए हुए ही कहा।
"नहीं मुझे जाने दो साहब मुझे देर हो जायेगी।अच्छा अब मुझे पेशाब तो कर लेने दो"
"तो मूत ले ना "मैंने हंस कर कहा।
"मुझे छोड़ो तो सही,मैं करूँगी कैसे।"
"अरे रानी मेरे मुंह में कर ले,मुझे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।"मै मुस्कुराया।
"धत्त! क्या आप भी।"वो मुस्कुराई।
"अरे हां,मुझे तो अच्छा लगेगा तेरी चूत का पानी पीने में।"
"क्या साहब आप तो मजे ले रहे हो,
"मजे नहीं रानी सच कह रहा हूँ।
"आप तो मजाक कर रहे हैं, ऐसा भी कहीं होता है।"...वो मुस्कराई।
मुझे उसको कन्वेन्स कराना मुश्किल हो रहा था।
"अब मुझे जाने दो,मुझे देर हो जायेगी।"
लेकिन मेरा दिमाग तो कहीं और ही चल रहा था।मैने तो ठान रखी थी उसके साथ पिसींग सेक्स करने की,जैसा मैंने पोर्न मूवी में देखा था।मै दिवाना हो गया था,मुझे उसकी काली चिकनी जवान चूत का पानी पीने का लुत्फ़ उठाना ही था।
"अच्छा अब मुझे कर लेने दो।"
मैंने उसे बांहों से अलग कर दिया।
वो मूतने के लिए नीचे बिठ गई,शायद उसे वैस्टर्न स्टाइल में बैठने की आदत नहीं थी।
"ठीक है लेकिन यहाँ की पाइप लाइन में काम चल रहा है,इसलिए एक दो दिन नीचे पानी नहीं गिराने का है।,
तू एक काम कर,इस मग्गे में मूत निकाल दे,फिर मैं बाद में उसे बहा दूंगा।"मैंने उसे एक मग देते हुए कहा।
"ठीक है ।"उसने हाँ में सिर हिलाया।
और वो उस मग्गे में मूतने लग गई।मै भी झुक कर आंखें फाड़े उसे मूतते हुए देख रहा था।उसकी काली चिकनी चूत की फांकों में से मूत की तेज मोटी धार निकले जा रही थी...उसकी काली चूत की फांकों के बीच में लाल-लाल टीट किसी तिलक की तरह दिखाई दे रही थी,और उसके ठीक नीचे से मूत की धार किसी सीटी की आवाज के साथ निकले जा रही थी ....श्श्श्श्श्श्श्श्शीईईईई...
और मै तो अपनी कल्पना में मुंह खोल कर मूत की उस गर्म धार को अपने मुंह में महसूस कर रहा था।
तभी मूत कर वह उठ खड़ी हुई।मैंने देखा उसके मूत से पूरा मग्गा भर चुका था ।
"अब मुझे जाने दो साहब।"
"ठीक है,लेकिन मैं तेरे लिए कुछ लाया हूँ,वह लेती जाना"
वह किसी कौतूहल से मुझे देखने लगी।फिर हम बाथरूम से बाहर आ गए,और वो अपने कपड़े पहनने लगी।
"एक मिनट,मै अभी आया" ऐसा कह कर मैं फिर से बाथरूम में घुस गया,मुझे वो मग्गा व उसमें वो गोल्डन मूत दिखाई दे रहा था जो अभी अभी शीला ने अपनी प्यारी काली चिकनी चूत की फांकों में से निकाला था,और जिसको मैं पीने के लिए व्याकुल था।आज तो मुझे ये लुत्फ़ हर हाल में उठाना था।तुरंत ही मैंने मग्गा उठाया और थोड़ा सा सकुचाते हुए एक छोटा सा सिप मार लिया।
वाह....मेरे शरीर में सेक्स की एक अजीब सी सनसनाहट होने लगी।मैंने आनंद से आंखें मूंद ली और कल्पना में शीला की काली चिकनी चूत की फांकों में से निकलती हुई मूत की धार महसूस होने लगी।थोड़ा खारा-खारा स्वाद लग रहा था,लेकिन दोस्तों ऐसा जबरदस्त मदमस्त करने वाला स्वाद मैंने पहली बार लिया वो भी एकदम जवान चूत का।
तभी अचानक मुझे ख्याल आया यह तो एक ट्रेलर है,असली मजा तो उसी में है कि शीला अपनी चूत खोल कर उसकी धार सीधे मेरे मुंह में छोड़ दे।
यह विचार आते ही मैंने मग्गा एक ओर रखा और बाहर आ गया।
देखा कि शीला अपने कपड़े पहन चुकी थी, फिर मैंने भी अपना स्लीपिंग गाउन पहन लिया,और फिर शीला को अपनी बांहों में लेकर बोला ...
..."चल आ मैं तुझे कुछ दिखाता हूँ, "
यह कह कर उसे मैंने बैड पर बिठाया,फिर अपने गाउन के साइड पाॅकेट से एक गोल्डन चमचमाता पैकेट निकाला...
"ये तेरे लिए है"
उसने आश्चर्य से पैकेट को देखते हुए ले लिया।
"ये तेरा गिफ्ट हैं, इसे खोल के देख।
शीला मुस्कुराते हुए पैकेट खोलने लगी।पैकेट खुलते ही उसमें चाँदी के मोटे-मोटे पायजेब देख के खुश हो गई।फिर मैंने तुरंत फ्रीज से एक कोल्ड ड्रिंक की बोतल व कुछ वेफर्स एवं स्नैक्स के पैकेट ला के शीला को दे दिए।
"भूख लगी होगी,अब ये खा कर जाना।"
फिर मैंने भी एक पैग बनाया,फिर बैड पर बैठे बैठे ही शीला को अपने बगल में खींच कर उसकी बांहों में बांहे डाल दी और वोदका के हल्के सिप मारने लगा।
अब मुझे दूसरा कोई पैंतरा चलना था,शीला को कन्वेन्स करने के लिए।
"शीला,मेरी गिफ्ट कैसी लगी?"
"बहुत अच्छी"
"ये तो बहुत छोटी सी गिफ्ट हैं,आगे तुझे और भी बहुत कुछ दूंगा।
यह कह कर मैंने बैड के ठीक सामने वाला टीवी आॅन कर दिया,जिसमें मैंने पहले से ही पेन ड्राइव लगा कर कईं पोर्न मूवी सेट कर रखी थी।
"शीला आज तो तेरे साथ जो मजा आया वैसा कभी नहीं आया।"
"चल मैं तुझे कुछ दिखाता हूँ,"
इतना कह कर मैंने एक पोर्न मूवी चालू कर दी जिसमें लडका व लडकी नार्मल सेक्स कर रहे थे। शीला भी बड़े मजे से वेफर्स खाते हुए कोल्ड ड्रिंक का सिप लेते हुए आंखे फाड़े हुए मूवी का मजा लेने लगी।चूंकि समय की कमी थी,इसलिए मैं मुद्दे पर आगया,और पोर्न मूवी को फाॅरवर्ड करने लगा।अब लडका और लडकी 69 पोज में ओरल सेक्स कर रहे थे, लड़की लड़के का लंड मुंह में ले कर उपर नीचे कर रही थी व लड़का लड़की की चूत और गांड चाट रहा था।शीला ये सब आंखे फाड़े देख रही थी।मैने उसे बांहों में जकड़ा हुआ था ।
"शीला ये सब तूने कभी देखा है?"
शीला ने नहीं में सिर हिलाया।
अब मैंने मूवी को और फाॅरवर्ड किया और सेक्स के अलग अलग पोज दिखाने लगा।
"ये सब तो आदमी औरत मजे के लिए खूब करते हैं।"
ये तो सब आम बात है।
अब मैंने एक दूसरी मूवी चालू कर दी।
यह कोई यूरोपीयन मूवी थी,इस मूवी में लड़का एक लड़की की चूत चाट रहा था और लडकी इस पोज में दोनों टांगे फैला कर खड़ी थी कि उसकी एक टांग फर्श पर व दूसरी टांग एक छोटे से स्टूल पर थी,कुछ पल इसी तरह चूत चाटने के बाद वह लडका, लड़की के एकदम नीचे आ के उकडू हो के बैठ गया और फिर लडकी ने अपनी चूत की फांकों को खोलकर मूतना शुरू कर दिया और लडके ने अपना पूरा मुंह खोल कर मूत को अपने मुंह में लेना शुरु कर दिया।
एकदम से जब मुंह में काफी सारा मूत इकट्ठा हो गया तो मुंह में मूत टकराने की गड़ गड़ गड़ आवाज़ आने लगी और लड़का उसी पोज़ में मूत गटकने लगा।यह वाकई सेक्स भड़काने वाला सीन था।
शीला के मुंह से निकल पड़ा....
"उई माँ....और उसने हैरानी से अपने मुंह पर हाथ रख लिया।
मैंने हंस कर कहा "तो इसमें नया क्या है ?" ये तो फाॅरेन में बहुत आम बात है।
शीला आश्चर्य से देख रही थी ।मैनें फिर कहा...फाॅरेन के कई देशों में तो जब प्रेमी प्रेमिका मिलते हैं तो ये तो रिवाज ही है कि पहली चुदाई के वक्त और बाद में भी प्रेमी,प्रेमिका को कोई गिफ्ट जरूर देता है और बदले में प्रेमिका अपने प्रेमी को मूत पिला कर अपने प्यार का इजहार करती हैं और प्रेमी भी मूत पीकर अपने सच्चे प्यार का सबूत देता हैं।
और अब तो हमारे देश में भी यह सब शुरू हो चुका है।
"और मेरी रानी मैं भी चाहता हूँ कि तू भी मुझे ये तोहफा दे"....मैंने एकदम उसका मुंह चूमते हुए कहा।
"मगर ये तो गंदी बात है।"उसने मुस्कुराते हुए कहा।शायद वो धीरे-धीरे कन्वेन्स हो रही थी।
"अरे रानी ये तो प्यार का तोहफा है गंदी बात कैसे, ये कोई जहर थोड़े ही है।"
मेरे इतना कहते ही वो जोरों से हंस पड़ी...लगा कि बात उसे समझ आ गयी।
मैं उसे किस करने लगा,वो भी मेरा साथ देने लगी..
फिर अचानक से अपने आप को अलग करके बोली...
"अब मुझे जाना चाहिए बहुत देर हो गई।"
"अरे अभी कहाँ रानी अपनी चूत का पानी पीला कर प्यार का तोहफा नहीं दोगी।"
"नहीं नहीं मुझे बहुत देर हो जायेगी तो मुझे घर पर मेरे मां-बापू को जवाब देना भारी पड़ेगा।"
अच्छा तो अपने् प्यार का तोहफा कब दोगी ? "
वो कुछ बोली नहीं,सिर्फ मुस्कुराने लगी।
मैंने पूछा ...कल आओगी,...कल आॅफिस की छुट्टी हैं ।
कल थोड़ा जल्दी यानि तीन बजे तक आ जाना।
वो मुस्कुराने लगी और हाँ में सिर हिला दिया।
और फिर मैंने उसे कुछ रूपये पकड़ाये,होठों पे एक चुम्बन दिया और फिर अपनी गाड़ी में ऑटो स्टाॅप से थोड़ी सी दूरी पर छोड़ दिया।
शेष अगली किस्त में.... क्रमशः
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21-07-2021, 12:52 PM
(This post was last modified: 21-07-2021, 12:54 PM by rohitpal. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
जैसा कि मैंने कहानी के आरम्भ में ही बताया था कि ये कहानी नहीं बल्कि पूरी सच्चाई हैं और स्केट व पिसींग सेक्स से प्रेरित है....
"मुझे लगता है कई लोगों को ये स्केट कहानी पसंद नहीं आएगी ।भाइयों, मेंरे लिए आपकी राय बहुत महत्वपूर्ण हैं।अभी आगे और भी बहुत कुछ स्केट सेक्स की घटना बाकी है।"
मुझे लगता है ये कहानी यही समाप्त कर देनी चाहिए।आपकी क्या राय है ?आपकी राय के इंतज़ार में....??
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(21-07-2021, 12:52 PM)rohitpal Wrote: जैसा कि मैंने कहानी के आरम्भ में ही बताया था कि ये कहानी नहीं बल्कि पूरी सच्चाई हैं और स्केट व पिसींग सेक्स से प्रेरित है....
"मुझे लगता है कई लोगों को ये स्केट कहानी पसंद नहीं आएगी ।भाइयों, मेंरे लिए आपकी राय बहुत महत्वपूर्ण हैं।अभी आगे और भी बहुत कुछ स्केट सेक्स की घटना बाकी है।"
मुझे लगता है ये कहानी यही समाप्त कर देनी चाहिए।आपकी क्या राय है ?आपकी राय के इंतज़ार में....?? ऐसा नही है कि आपकी कहानी (सच्चाई) पसन्द नही आ रही है मगर लोग कमेंट करने से बच रहे है।
सिर्फ 3 पोस्ट में कहानी के व्यूज़ हजार के करीब पहुँच गए है, आप सिर्फ इस पर ध्यान दीजिए न कि आने वाले कमेंट्स पर।
ऐसे प्लेटफॉर्म पर स्कैट फेटिस की कहानियां बहुत कम या न के बराबर लिखी गयी है, इसलिए आप अपनी कहानी को आगे बढ़ाइये।
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रेगुलर अपडेट न मिलने पर पाठकों का मन कहानी से हट जाता है।
इसलिए शुरू की तरह रेगुलर अपडेट देने की कोशिश करें मित्र।
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(21-07-2021, 10:59 PM)Nasn3432 Wrote: Mazedaar
Thanks bro
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(22-07-2021, 09:18 AM)Funkguy Wrote: रेगुलर अपडेट न मिलने पर पाठकों का मन कहानी से हट जाता है।
इसलिए शुरू की तरह रेगुलर अपडेट देने की कोशिश करें मित्र। धन्यवाद मित्र,अगला अपडेट आपकी सेवा में शीघ्र प्रस्तुत करूँगा
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अगले दिन सुबह से ही मैं बड़ा उत्साहित था,आज मुझे शीला की जवानी का वो रस मिलने वाला था जो कि मैं सिर्फ ख्यालों में ही लेता था और असल में मैंने कभी लिया ही नहीं था।मैंने अपने छुट्टी के दिन के छोटे मोटे सारे काम सुबह के सेशन में ही निपटा लिए।लंच से लेकर दारू पीने के बीच का टाइमिंग गैप सेट कर लिया। सुबह लंच और नाश्ता एक साथ यानि ब्रंच ग्यारह बजे ही कर लिया,उसके ठीक तीन घंटे के गैप के बाद यानि दो बजे वोदका की बोतल निकाली और फिर एक लार्ज पैग बना कर हल्के हल्के घूंट भरने लगा।
तीन बजने वाले थे,मै दो पैग पी चुका था व तीसरा बना ही रहा था कि अचानक काल बेल बज उठी....
मै उछल पड़ा...व जल्दी से दरवाजे पर पहुंच कर आई पीस में से झांक कर देखा तो शीला ही थी।मैंने तुरंत दरवाजा खोल दिया और शीला के अंदर आते ही मैंने तुरंत दरवाजा बंद कर दिया।वोदका का सुरूर मेरे सिर चढ कर बोल रहा था,मैंने झट से शीला को अपनी बांहों में जकड़ लिया ।
....."आ...ह"!उसके मुंह से निकला।
और नीची निगाह करके मुस्कुराने लगी।
"शीला"...मैंने पुकारा।
उसने नीची निगाह किये ही हाँ में सिर हिलाया।
"एक ही दिन में मैं तेरे कितने करीब आ गया हूँ।अब तो तुझसे दूर रहने की सोंच भी नहीं सकता।रात भर तेरी याद में करवटें बदलता रहा।"
वो मुस्कुराती रही।
अब उसे अपनी बांहों में लेकर बैडरूम में ले आया,फिर फ्रिज में से पानी की एक बोतल निकाली और उसे दे दी।
उसने बोतल हाथ में ली व आधी खाली कर दी,तब मैने उसे और पानी पीने को कहा ....
"इतनी दूर में आयी हैं ,प्यास लगी होगी।"उसे क्या पता था कि मेरे दिमाग में क्या फितूर चल रहा है।
उसने मुस्कुराते हुए पूरी बोतल खाली कर दी।
अब मैंने उसे एक और पानी की बोतल दी,वो मना करने लगी...
"बस अब नहीं।"
"अरे पानी पीने से इतने दूर की थकान सब दूर हो जायेगी।"
और उसके ना-ना कहते हुए भी आधी बोतल पानी और पीला दिया।
अब उसे एक कोल्ड ड्रिंक की बोतल दे दी।
"बस अब नहीं।"वह बोली
वह मना करती रही व मैं उसे बड़े प्यार से अपने हाथों से कोल्ड ड्रिंक पिलाता रहा।कोल्ड ड्रिंक खत्म करके उसे बैड पर बिठाया फिर उसकी ठोड़ी उपर करके उसके होठों को चूम लिया।उसने मुझे कस कर पकड़ लिया।मैनें उसके होठों को चूमना शुरू कर दिया, शीला भी साथ दे रही थी।मैंने उसे जीभ देने को कहा तो उसने तुरंत जीभ दे दी मैंने उसे मुंह में ले कर चूसना शुरू कर दिया फिर मैंने भी अपनी जीभ उसके मुंह में दे दी....शीला अब गरम होने लगी,उसने मुझे भींच लिया।इसी प्रकार हम एक दूसरे को जीभ का आदान-प्रदान करते रहे ,उसकी लार से भीगे होठों से मानों अद्भुत प्यार टपक रहा था,और मैं उसे चूसे जा रहा था।अब मैंने इशारों में उसे थूक बाहर करने को कहा उसने तुरंत थूक होठों से थोडा बाहर किया और मैंने उसे भी बड़े प्यार से मुंह लगा कर चूस लिया।
प्रेम की गंगा बह रही थी।
हम दोनों पूरी तरह से गरम हो चुके थे ।
अब मैने शीला की साड़ी उतार दी और अपना स्लीपिंग गाउन भी उतार दिया।और शीला के उपर छा गया,उसके होठों को चूमते हुए उसकी चूचीयों को मसलने लगा।
शीला भी मस्ती में आ गयी थी।
"ओsssssह"
आsssssह"
अब मैंने अपना अंडरवियर उतार दिया और सीधा लेट गया।
मेरा आठ ईन्च का लौड़ा ठुमके लगा लगा कर ऊँचा नीचा हो रहा था...अब मैनें शीला से कहा...
"शीला मेरे लंड की अपने मुंह पूजा नहीं करेगी क्या।जैसा हमने कल पिक्चर में देखा था।"
उसने मुस्कुराते हुए ना में सिर हिलाया ।
"अरे पगली ये तो सब करते है, ये कोई जहर थोड़े ही है।
मेरे इतना कहते ही वो हंस पड़ी और फिर धीरे-धीरे लंड मुंह में लेने लगी।मै शीला का सिर पकड़ कर लंड के उपर नीचे करने लगा साथ ही अपना लंड भी शीला के मुंह में ठेलने लगा।अब मेरा लंड शीला के मुंह में तेजी से अंदर-बाहर हो रहा था और शीला के मुंह से गों..गों...गों की आवाज़ें निकल रही थी।
अब मेरे लंड को भी मस्ती चढने लगी थी।वो पूरा कुतुबमीनार की तरह तन कर खड़ा हो गया।
अब मैने शीला को सीधे लेटा दिया और जैसे ही उसका ब्लाउज उतारा वैसे ही उसकी चमकती हुई काली कड़क चूचीयाँ झटके से अनावृत्त हो उठी।और मैं उन्हें अपनी छाती से मसलने लगा।
"आ...ह"...उ...ई..ई"
शीला भी कसमसाने लगी।
अब मैं उसकी चूचीयों को चूस चूस कर उनका दूध पीने लगा।
मुझे आज कुछ ज्यादा ही मजा आ रहा था,आज शीला की झिझक मिट चुकी थी और वह खुल कर साथ दे रही थी।
"आ...ह"...उ...ई..ई"
"कैसा लग रहा है रानी"
"उ...ई...माँ.....म..जा...आ...र...हा...है।"
मै और जोर जोर से चूचीयों को चूसने लगा।
अब मैंने उसका पेटीकोट भी उतार दिया और शीला की चमचमाती हुई काली चिकनी चूत अनावृत्त हो उठी।
उसकी चूत की काली फांकों को देखते ही मैं पगला सा गया,और झुक कर चूत की फांकों में जीभ फिराने लगा।
उसकी चूत में से मूत व पसीने की मिलीजुली महक आ रही थी और मैं मदमस्त हो गया,बार-बार उसे किसी कुत्ते की तरह सूंघने लगा।
थोड़ी देर इसी तरह जीभ फिराने के बाद मैंने उसे चाटना शुरू कर दिया और उसकी टीट को मुंह में ले कर चूसने लगा।
वक्त की कोई कमी नहीं थी।और मुझे भी अपनी मंजिल तक पहुँचने की कोई जल्दी नहीं थी।
शीला गनगनाने लगी...
"आ...ह...आsssहह...ऊssssह"...क...रो...औ...र...क...रो...मु...झे....म...जा...आ...र..हा..है...आ..ईsssssऊsssssम ..र...ग...ई
अब मैंने एक उंगली धीरे-धीरे उसकी चूत मे घुसा दी...
"आsssssईssss" वह कसमसा उठी।
और मै धीरे-धीरे उंगली अंदर बाहर करने लगा...
आssssssहहहsssस्स्स्सीsssss...
म...र....ग....ई...
और शीला वासना के समन्दर में गोते लगाने लगी।
"रानी कैसा लग रहा है"मैंने पूछा
"ब..हु..त...अ...च्छा"...वह बोली।
"अ..ब....डा...ल....दो"...वह बिन्दास बोल उठी,शायद कल की चुदाई के बाद उसकी झिझक खत्म हो चुकी थी।
मैं भी जोश में भर गया और तुरंत सीधा हो कर उसकी चूत पे अपना मोटा लंड रगड़ने लगा।शीला की चूत गीली हो चुकी थी...शीला ने मस्ती में आ कर मेरी जांघो को कस कर पकड़ लिया और अपनी ओर खींचने लगी...
"हा..य...अ...ब...डा...ल...भी...दो,औ...र...ना...त..ड़..फा..ओ..."
यह सुनते ही मैंने लंड के सुपाड़े पे थूक लगाया और चूत की फांकों के बीच में रखकर हल्के से धक्का दे दिया।
"ओssss.ह....आssssह"
लंड का आधे से कुछ कम भाग एक ही बार में अंदर चला गया।
उ....फ्फ...ऊsssssह...माँ ...
फिर मैंने लंड को सुपाड़े तक बाहर खिंच कर फिर से एक जोर का स्ट्रोक मारा....
ऊssssssईssssssमाँ...म...र..ग...ईssssss.आsssssह"
अब मेरा लंड पूरा घुस चुका था।फिर मैने शीला के मुंह पर अपना मुंह रख दिया और लंड की जोरदार थाप लगाने लगा....
चूंकि चूत पूरी गीली हो चुकी थी इसलिए लंड अब आसानी से अंदर-बाहर हो रहा था,और चूत लंड के मिलन की आवाज़े आ रही थी
...फच्च...फच्च...फच्च...फच्च....
शीला बड़बड़ाए जा रही थी... "ऊssssssईssssssमाँ...म...र..ग...ईssssss.आsssssह...मे..रे..रा...जा....चो...द...डा...ल...अ..प..नी...रा...नी...को...हाsssssय..मैं ...म..र..ग...ई ....ऊssssssssह...फा....ड़....डा...ल..."
"हाँ मेरी रानी"...मैंने कहा और जोर जोर से थाप पे थाप लगाने लगा।
शीला की आंखों में अब वासना के लाल डोरे दिखाई देने लगे...
"ऊssssssईssssssमाँ...म...र..ग...ईssssss.आsssssह...
..चो...द...डा...ल....हाsssssय..मैं ...म..र..ग...ई ....ऊssssssssह...फा....ड़....डा...ल..."
और उसने मेरे सिर के बाल पकड़कर भींच डाले....
"ऊssssssईssssss. ह...रा...मी...चो...द...डा...ल.....ऊssssssssह...फा....ड़....डा...ल..."मै....मर...गयी ....फा...ड़...के...भो..स..ड़ा...ब...ना...डा..ल...
आ..ज.. जी.. भ..र.. के.. म..जा.. दे.. दे... मैं.. ते...री... रा...नी.. *तू.. मे..रा.. गु...ला...म* चो..द.. औ..र.. चो..द.. मैं.. बो..लू.. त..ब.. त..क.. चो..द.. ब..ड़ा.. म..जा.. आ.. र..हा.. है।
"हाँ... मेरी... रानी...!.. मैं ..तो ..तेरा.. गुलाम.. हूँ.. तू.. जब.. तक.. बोलेगी.. मैं.. तब.. तक.. चोदूंगा.. मेरी.. रानी...।"मैंने थाप लगाते लगाते कहा ।
"लेकिन.. तुझे.. भी.. मुझको.. ईनाम.. देना.. होगा..,अपनी.. चूत.. का.. पानी.. पिलाना.. होगा.. जिसकी.. कल.. बात.. हुई.... थी ।"मैनें फिर से
थाप लगाते लगाते कहा ।
"बोल मेरी रानी मुझे ये इनाम देगी ना।"
"दूं..गी.. स..ब दूं..गी.. जो.. तू.. क..हे..गा.. वो.. दूं..गी।"वह जाने कौन से नशे में कहती चली गयी।
अब मेरे तो जोश का पार ही नहीं रहा,मैंने तो खुशी के मारे बिजली की तेजी से झटके लगाने शुरू किये,उसकी चूत अब वाकई में भोसडा बन चुकी थी।चुदाई की जोरदार आवाज़े पूरे कमरे में गूँज रही थी...
फट्ट फट्ट... फट्ट फट्ट... फट्ट फट्ट...
धक्क धक्क..धक्क धक्क.. धक्क धक्क...
फच्च फच्च... फच्च फच्च... फच्च फच्च...
तभी शीला ने मेरे बाल कस के पकड़ लिए ...
"आ..ह.. रा..जा.. ते..री.. रा..नी.. झ..ड़.. र..ही.. हैं.. ।"
फच्च फच्च... फच्च फच्च... फच्च फच्च...
"हा..य..ऊ..ह..ओ..ह.. मैं... झ..ड.. ग..यी..."
और शीला झड़ गई।
लेकिन मैंने अपने आप को झडने नहीं दिया और पूरा कंट्रोल में रखा,आखिर मुझे तो अभी और भी खेल खेलना था।
मैं और शीला कुछ देर तक उसी पोज़ में पड़े रहे।
फिर मैंने अपना लंड शीला की चूत में से निकाला और कपड़े से साफ किया फिर उठ कर फ्रिज में से एक कोल्ड ड्रिंक की बोतल ले आया और शीला को पकड़ा दी।
"नहीं अब नहीं ।"वो मना करने लगी।
"अरे पी ले रानी सारी थकान दूर हो जायेगी।"
"नहीं मुझे बाथरूम जाना है।"
"हाँ तो चली जाना,ये पी तो ले।"
मेरे जबरदस्ती करने पर शीला ने कोल्ड ड्रिंक तो पी ली पर फिर उठ कर जाने लगी।मैंने फिर उसे बैड पर खिंच लिया।
"कहाँ जा रही है रानी ।"
"मुझे बाथरूम जाना है।"
अच्छा ठीक है पहले एक और खेल हो जाये।फिर साथ ही बाथरूम चलेंगे।और फिर मैंने टीवी आॅन कर दिया और रिमोट से सिलेक्ट करके एक पोर्न मूवी चालू कर दी।इसमें लडका व लडकी 69 पोज में ओरल सेक्स कर रहे थे।
कल तो शीला इतना ज्यादा खुल नहीं पा रही थी पर आज तो ओरल सेक्स में भी कम्फर्टेबल थी,और सारी एक्टिवीटी में साथ दे रही थी।इसलिये मैंने शीला की ओर बांहे फैला कर फिल्म स्टाइल में कहा-
"आजा रानी जैसा ये कर रहे हैं वैसा हम भी करेंगे।"
मेरी इस अदा पे शीला हंस पड़ी।
फिर मैंने उसे अपने ऊपर खिंच कर इस पोज में कर दिया कि उसकी चूत मेरे मुंह पर थी व उसका मुंह मेरे लंड को टच कर रहा था,यानि हम दोनों अब 69 पोज में थे।
"रानी अब मेरा लंड तो मुंह में ले,जैसे वो पिक्चर में कर रही है।"
शीला की झिझक अब मिट चुकी थी और वह अब हर एंगल से साथ दे रही थी।उसने मेरा लंड मुंह में ले कर उपर नीचे करना शुरू कर दिया।तब मैंने भी उसकी चूत पर किसी प्यासे चातक की तरह जीभ फिराना शुरू कर दिया।उसकी काली काली चिकनी चूत और उसकी फांकों के बीच में लाल तिलक और सबसे बीच में वो छेद जहाँ से निकलने वाले सेक्सी जल का मुझे बेसब्री से इंतजार था।मै उसे चूसने लगा।उसकी चूत झड चुकी थी इसलिए इस बार उसमें से झडने की,पसीने की व मूत की मिलीजुली मादक महक आ रही थी।जो मेरे मन को मदमस्त कर रही थी और मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया फिर उसकी गांड चाटने लगा फिर गांड में जीभ घुसा घुसा कर चाटने लगा।शीला भी मेरा लंड मुंह में ले कर उपर नीचे कर रही थी,कि मैंने एक उंगली उसकी चूत मे घुसा दी और अंदर बाहर करने लगा,शीला शायद इसके लिए तैयार नहीं थी,वो तो हाल ही में झड़ चुकी थी और मैनें उसे पानी व कोल्ड ड्रिंक ही इतना पिला दिया था कि वो बार-बार बाथरूम जाने को कह रही थी, बेचारी अपना मूत रोके हुई थी।
जैसे ही मैंने उंगली उसकी चूत मे घुसाइ और अंदर बाहर करने लगा कि शीला अपने को कंट्रोल नहीं कर पायी
व उसका मूत निकल पड़ा...
आ...ह...मुझे तो मन की मुराद मिल गई, मैनें तुरंत ही उसकी काली चिकनी चूत की फांकों में मुंह लगा दिया और और फिर उसके मूत की धार मेरे मुंह में थी...लेकिन यह क्या...अभी मैं उस रस का स्वाद ले पाऊँ उससे पहले ही शीला तुरंत उठ कर बैठ गयी।
मुस्कुरा कर बोली
"क्या आप भी"
"अरे मैंने क्या किया ? जो किया वो तो तुमने किया।"मैने मुस्कुरा कर कहा।
अचानक मूत छूट पड़ेगा शायद इसके लिए वो तैयार नहीं थी।तभी वो उठी और बाथरूम की ओर लपकी, शायद अब उससे और कंट्रोल नहीं हो पा रहा था।मैं भी उसके पीछे लपका, बोला "शीला देख तूने चुदाई के वक्त वादा किया था कि जो मैं कहूंगा वो मुझे ईनाम देगी...मुझे अपनी चूत का पानी पिलायेगी..."
शीला मुंह पर हाथ रख कर हंसे जा रही थी।
तब तक वो बाथरूम में पहुँच कर नीचे बैठने ही वाली थी कि मै बोला "शीला, रूक ! पानी नीचे नहीं गिराना है,वो पाईप लाईन का काम चालू है ना "
तब मैंने वो मग्गा उठा कर उसकी चूत के मुंह पर लगा दिया।बस फिर क्या था शीला को समझ में आ गयी,चूंकि मैंने उसे बैठने का मौका ही नहीं दिया तो वो खड़े खड़े ही मग्गे में मूतने लगी ....श्श्श्श्श्श्श्श्श्श्ईईईईईईई
बस फिर क्या था, मैनें कहा देख रानी तूने वादा किया है ना तोड़ना मत....
ऐसा कहकर मैंने तुरंत मग्गा हटा कर उसकी चूत पे अपना मुंह लगा दिया...और उसके मूत की धार सीधे मेरे मुंह में .....
एक पल को तो आश्चर्य हुआ उसे लेकिन अब वो मेरी जिद्द के सामने नाॅर्मल थी और हँसते हुए उसी पोज़ में खड़ी रहीं।और मेरी तो बल्ले बल्ले हो रही थी, जवान चूत का पानी मेरे मुंह में गिर रहा था...खारा खारा नमकीन सा बड़ा सेक्सी टेस्ट आ रहा था तभी मुंह में चूत के पानी से धार के टकराने की आवाज आने लगी ...गड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़
और वो नीचे ना गिरे इसलिए मैं उसे आंखें मूंद कर बड़े मजे में गटक गया।
अब शीला जब मूत चुकी तो मै प्रसन्न मन से उसे वाॅशबेसिन तक ले गया।
शीला मुंह पर हाथ रख कर मुस्कुराए जा रही थी।उसने आज पिसींग सेक्स का पहली बार लुत्फ़ जो लिया था।
और मै भी बड़ा उत्साहित था कि एक दिन इसी तरह मै शीला को अपनी मिस्ट्रेस बनाकर हर तरह के सेक्स के मजे लूटूंगा।
फिर मुंह हाथ धोकर हम कमरे से निकले,चूंकि मैं झड़ा नहीं था इसलिए हमने एक ट्रिप और लगाई अब हम दोनों पूरी तरह से हल्का महसूस कर रहे थे।
फिर शीला ने कपड़े पहने और जाने लगी।तब मैंने उसे कुछ रूपये पकड़ाये व होठों पे एक चुम्बन दिया और फिर अपनी गाड़ी में ऑटो स्टाॅप से थोड़ी सी दूरी पर छोड़ दिया।
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24-07-2021, 01:45 AM
(This post was last modified: 24-07-2021, 02:06 AM by rohitpal. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
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