28-05-2021, 02:32 PM
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Romance मोहे रंग दे
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28-05-2021, 04:16 PM
28-05-2021, 04:18 PM
छोटा सा ब्रेक,...
जड़ी बूटी , देसी दवाये " हे तुम भी न फालतू में मेरी ननद को डरवा रही हो , उसकी कम्मो भौजी हैं न उसके साथ , बस अभी थोड़ी देर में वो दवा लगाउंगी उसकी चुनमुनिया में , सारा दर्द गायब , थोड़ा सा कम्मो भौजी के हाथ की मालिश फिर देखना जैसे कच्ची कली की तरह आयी थी तिझरिया में , एकदम वैसे ही , समझत का हो हमार ननद को , : तब तक हम दोनों नीचे पहुँच गए थे , बरामदे में एक तख्त पर गद्दा बिछा रहता था , वहीँ हम दोनों ने मिल कर अपनी ननद को लिटा दिया , मैं किचेन में खाना बनाने के लिए और थोड़ी देर में कम्मो भी वहां पहुँच गयी। किचेन में आते ही मैंने पानी चढ़ा दिया एक पैन में थोड़ा सा गुनगुना होने के पर दूध। और दूध गरम होने के साथ ग्लास में दूध में हल्दी का पाउडर , शतावर , एक चम्मच देसी गाय का घी मिला के हिलाने लगी , फिर दो फूल केसर के बीच में कम्मो मेरी ननद रानी को लिटा के किचेन में आके झाँक गयी , फिर पिछवाड़े अपने कमरे की ओर , कुछ देर में अपनी जादू की पिटारी के साथ गाँव की औरतों को जड़ी बूटी , देसी दवाये बहुत कुछ मालूम रहती थी , लेकिन कम्मो को उनसे भी सौ गुना ज्यादा और साथ में थोड़े बहुत टोन टोटके , मंतर टाइप भी , उसकी इस पिटारी में क्या नहीं था , बाघ का नख , उल्लू की आँख , असली शिलाजीत , गदहे का पगहा , उस का कहना था , जिस मर्द को घोल के अमावस को पिला दो , ये गदहे का पगहा , एकदम से खूंटे से बंधा रहता है , वशीकरण , मोहिनी सिन्दूर सब कुछ , ... मैं हल्दी दूध में घोल रही थी , उसने पानी उतार दिया और रुई की दो चार पोटली सी बना के गुनगुने पानी में डाल दी और मुझसे पूछा , ' हम लोगों की होने वाली भावज के लिए दूध हल्दी ,... " मैंने हाँ कहा तो उसने अपनी पिटारी में से कुछ चूरन सा और एक जड़ी तोड़ कर दे दी , कहा इसको भी डाल दो , फिर देखना इसका असर ननद रानी पर ,... मैंने वो भी मिला दिया। फिर उसने दो चार जड़ी , कुछ पाउडर एक खरल में निकाल कर शतावरी और अश्वगंधा के साथ और मुझसे कच्चा दूध और गाय का घी माँगा , मैंने निकाल के दे दिया तब तक कम्मो ने पेटीकोट में खोंसा रुमाल निकाला , और मैं देखती रह गयी , खून लगा था और इनकी मलाई , मुझे याद आ गया , जब मेरी ननद की फटी थी , पहली चुदाई के बाद , कम्मो ने इसी रुमाल से , बल्कि उसकी बिल के अंदर तक डाल कर पोंछा था , " पहली चुदाई का , झिल्ली का फटा ,... और पहली चुदाई में घोंटी मलाई , अगर पहले चार घंटे में ,.... " मैंने घडी की ओर देखा अभी तो साढ़े छह भी नहीं बजे थे ननद की फटे , दो ढाई घंटे ,... कम्मो समझाती रही , देखो इसका असर थोड़ा सा कच्चा दूध इस पर गिराओ , ... और वो सीधे जो जड़ी बूटी उसने कुटी थी उस रुमाल से छनते हुए , और फिर सब कुछ सील लोढ़े से मसाले की तरह , ... मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा था , एक मलहम की तरह बन गया। ऊँगली में लगा के मुझे दिखा के कान में फुसफुसाते बोली , " बस ये अभी अगर एक बार ननद रानी की बिल में जाने की देर है , पहला असर तो ये होगा की उसकी फिर से टाइट हो जायेगी , लेकिन दूसरा असर होगा की अभी घंटे भर में ही बड़े बड़े चींटे उसकी चूत में काटने लगेंगे , लेकिन सबसे बड़ा असर होगा उसकी चूत रानी हरदम पनियाई रहेंगी खुद लंड के लपलायेगी और जितना चुदवायेगी उतना और लंड के लिए भूख बढ़ेगी उसकी। तुम चलो हल्दी दूध लेकर , थोड़ा और पीस कर मैं और सेंकने के लिए पानी लेकर आती हूँ , ... " मैंने अपने पर्स में से एक गोली निकाल ली और बरामदे में लेटी ननद रानी को देती बोली , " ये गोली खा लो , और दूध हल्दी पी लो " गोली हाथ में लेकर वो कुछ देर सोचती रही की मैंने मामला साफ किया , " ये इस लिए है की नौ महीने में सोहर न हो , केहा केहा ,... " बदमाश दुष्ट , दूध से गोली खाते मुझे चिढ़ाते बोली " तभी मेरी भौजी , यही गोली खाती हैं जिससे ननद को नेग न देना पड़े , बेचारे मेरे भइया रोज मेहनत करते हैं लेकिन आप न मुन्ने की बुआ का नेग बचाने के लिए , गोली खा खा कर सब बराबर ,... " तबतक कम्मो गुनगुना पानी , रूई की पोटली और एक कटोरी में उबटन सा जो मलहम उसने बनाया था लेकर आ गयी। "हे चलो ननद रानी स्कर्ट उतारो , " आते ही कम्मो भौजी ने हुकुम सुनाया , जब वो ना नुकुर करने लगी तो मैंने छेड़ा ,
28-05-2021, 04:18 PM
" चू , चू चू ,... "
तबतक कम्मो गुनगुना पानी , रूई की पोटली और एक कटोरी में उबटन सा जो मलहम उसने बनाया था लेकर आ गयी। "हे चलो ननद रानी स्कर्ट उतारो , " आते ही कम्मो भौजी ने हुकुम सुनाया , जब वो ना नुकुर करने लगी तो मैंने छेड़ा , " हमारी ननद रानी खाली अपने भइया के आगे स्कर्ट उतारती हैं। " " अरे नहीं ऐसा नहीं है , हमारी ननद रानी हमारे भाइयों के आगे भी स्कर्ट उतारेंगी अपनी , अपने हाथ से। बहुत सीधी है मेरी ननद किसी को मना नहीं करती , फिर अब जब एक बार भैया ने कस के फाड़ ही दिया है , तो क्या और किससे बचाना। "कम्मो बोली। जहाँ दो दो भौजाइयां हों , ननद की स्कर्ट बचती है क्या , और वैसे भी कम्मो के उकसाने का कुछ असर कुछ ननद की चढ़ती जवानी का , उसके भइया ने जबरदस्त हचक हचक कर पेला था , रगड़ रगड़ कर ठेला था , दर्द के मारे बेचारी की हालत खराब थी , हिल नहीं पा रही थी और ख़ास तौर से चुनमुनिया में तो आग लगी थी , जैसे किसी ने ओखल में लाल मिर्चा कूट दिया हो , स्कर्ट फर्श पर , ननद रानी गद्दे पर , मैंने पकड़ कर दबा रखा था और गरम गुनगुने पानी में से रुई का फाहा बना कर , कम्मो उसकी गुलाबो पर , ननद रानी की चुनमुनिया एकदम खुली, पर कम्मो की शरारत ,.... उईईई , जल गयी भौजी , थोड़ा कम गरम लगाओ न , मेरी भौजी गुड्डी चीखी। ' कहाँ ननद रानी " उतने ,ही प्यार से कम्मो ने चिढ़ाया। " अरे वहीँ जहाँ दर्द हो रहा है , अच्छी भौजी " ननद रानी मिनती करने पर उतर आयी थीं। " पहले जगह का नाम बताओ ,... " मैं क्यों चुप रहती ,... " चू , चू चू ,... " अभी थोड़ा बहुत शरमा रही थी , लेकिन कम्मो ने मुझसे सिर्फ उसे अपने भाई से हम दोनों के सामने चुदवाने का वायदा नहीं किया था बल्कि उसकी सरम लिहाज सब उतार कर अपने सहर की सबसे नम्बरी छिनार बनाने का भी वायदा किया था , तो वो क्यों मानती। कम्मो ने चिढ़ाया , चू , चू क्या बोल रही हो चिड़िया हो क्या ,... " और फिर धमकाया भी , अबकी तो एकदम गरम वाला लगाती हूँ , बस अबकी ननद रानी के मुंह से साफ़ साफ़ चूत निकल गया , " और अपने भइया के सामने भी यही बोलना , ... भइया हमार चूत चोद दो " कम्मो छोड़ने वाली नहीं थी , " अरे खाली अपने भाई से क्यों , हमरे भाई से भी बोलेंगी , हमार चूत चोद दो। " मैंने भी आग में घी छोड़ा। " और क्या चुदवाना हो तो बोलना तो पड़ेगा ही " अबकी गुनगुने पानी से सेंकते कम्मो बोली। धीरे धीरे दर्द कुछ कम होने लगा , तो मेरा ध्यान गालों पर गया जहां उसके भइया ने कस कस के काटा था , स्कर्ट नहीं तो टॉप क्यों बचे , उफ़ कैसे कस कस के कुतरा था कच्चे टिकोरों को , जैसे आम की डाल पर तोते ठोर मार देते हैं टिकोरों के आते ही , एकदम वैसे ही , मैंने हलके से छू दिया तो दर्द से वो दुहरी हो गयी ,... भाभी , उसकी आँखों में आंसू उतर आये ,... मैं हलके से मुस्करायी ननद की आँख में ये आंसू तो हर भाभी देखना चाहती है , ' चल अभी एक क्रीम लगा देती हूँ , ये भी दर्द कम हो जाएगा , ... " और मैं क्रीम लाने के लिए चल दी , एक पेन किलर ,... ` जब मैं लौटी तो कम्मो उसे चूत , बुर और भोसड़े का अंतर् विस्तार से समझा रही थी।
28-05-2021, 09:35 PM
(This post was last modified: 28-05-2021, 09:46 PM by usaiha2. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
कोमल जी... आपको हार्दिक शुभकामनाएं... एक और अच्छी कहानी के लिए...
मैं आपकी लेखनी का बहुत हि बड़ा "पंखा" हुं... और सच्चे पंखों का धर्म है कि रचना कि प्रशंसा करे और अगर पसंद ना आए तो मुक्तकंठ से विवेचना और आलोचना भी करे... आपने एक काम अच्छा किया कि jkg को पुनः लिखना बन्द कर दिया... और यहां पोस्ट कि संख्या बढा दी... मोहे रंग दे का आरंभ अच्छा था पर अब पता नहीं क्यों इस कहानी को पढ कर लगता है कि ये कहानी jkg पार्ट 2 बनती जा रही है... क्योंकि आप ना सिर्फ घटनाएं बल्कि पात्रों कि भी पुनरावृत्ति कर रही हैं... आशा है आप कुछ नवीन रचेंगी... धन्यवाद...
28-05-2021, 09:50 PM
(28-05-2021, 09:35 PM)usaiha2 Wrote: कोमल जी... आपको हार्दिक शुभकामनाएं... एक और अच्छी कहानी के लिए... क्योंकि आपने पूछा है इसलिए मैं ये बता रहीं हूँ ,ये कहानी अपने अंतिम चरण में हैं, शायद दस बारह पोस्ट और,... लगता है आपने इसमें बीच की कुछ पोस्टें मिस कर दीं, जो आपने कहा है उसी पर मैंने चर्चा की थी, हाँ एक बात और, पृष्ठ ५८ ( कन्वर्जेंस ) और पृष्ठ ५५ पर पोस्ट १०९२ से १०९८ तक की कुछ पोस्टें,... अगर आपने उन्हें पढ़ा होगा तो जरूर कुछ नयेपन का अहसास होगा,... हाँ एक बात और कुछ नया लिखने की अच्छा लिखने की बात,... एक बात तो अगर कहने पर कमेंट्स मिले तो कई बार लिखना सकारज नहीं लगता, दूसरी बात बाहर की विभीषिका भी मन को अस्थिर सी कर के रखती है, ... करुण रस के बीच श्रृंगार कभी कभी कठिन सा लगता है,...
28-05-2021, 09:58 PM
एक बात और पात्रों की और तो मेरी यह कहानी तो गिने चुने पात्रों की ही कहानी शुरू से है, नव दम्पति के ही चारो ओर घूमती है, इसलिए घटनाओं की भी सीमा है, हाँ बात मन की है, संवादों की है छेड़छाड़ की है तो कहानी उसी पर आलम्बित है , बस एक फरक ये पड़ा की होली आयी और होली आने पर न मैं रूकती हूँ न मेरी कहानी इसलिए फगुनाहट का असर होली के प्रसंगों पर है,... हाँ मैं सीरियल सेक्स वाली कहानी नहीं लिख पाती की क का पहले ख से, फिर ग से , फिर घ से,... और इस कहानी में भी पात्र से ज्यादा परिवेश मुखर हैं,...
28-05-2021, 10:05 PM
एक बात और , मैंने अभी पिछले कुछ पृष्ठों का पुनरावलोकन किया, २० में से अक्सर पन्दरह सोलह पोस्टें मेरी चार पांच कमेंट की और उनमे भी ज्यादा एक दो की ही ,
अभी मैं लगभग १००० पृष्ठ इस कहानी के लिख चुकी हों. देवनागरी लिपि में १००० पृष्ठ सिर्फ टाइप करना, फिर चित्र ढूंढना, ... और कई बार उम्मीद करना,....
29-05-2021, 08:15 AM
कोमल जी मैं पिछले 2 सालों से आप से जुड़ी हुई हूँ जब JKG पुराने फॉर्म पे चलती थी
फिर वो फॉर्म बंद हुआ और बीच मे मेरी आस टूट गयी काफी समय तक आप से जुड़ाव ना हो सका आप का कोई संपर्क सूत्र नहीं ढूंढ पाई फिर दिसम्बर 2020 में आप से इस फॉर्म पर मिलना हुआ तो जो अहसास ओर खुशी मिली बता नहीं सकती आप ने JKG को फिर से स्टार्ट किया पर दुर्भाग्य है मेरा उस कहानी की लेडीज नाईट ओर सास की रगड़ाई मैं पढ़ नहीं पाई ना आप लिख पाई जब इतनी अच्छी लंबी और बढ़िया स्टोरी अधूरी छूट जाए वो भी लगातार 2 बार 2 साल में वो प्रसंग नहीं पढ़ने को मिले जो कहानी के मुख्य हिस्से होते है जिनका सब पाठकों को इंतजार होता है तो बहुत दुःख होता है पर कोई बात नहीं आप जो लिखें, जब लिखें हमेशा स्वागत रहेगा JKG का अधूरापन हमेशा सताएगा मुझे आप की उत्तम लेखनी को हमेशा दिल से प्रणाम आप का लेखन और स्नेहिल व्यवहार हमेशा दिल के पास है धन्यवाद कोमल जी
29-05-2021, 09:49 AM
कुछ तो अब लोग बचे हैं जो अब इस forum पे लंबी कहानी लिखते हैं।
उम्मीद है आप बने रहियेगा और JKG एकदिन समाप्त होगी। हां ये बात तो है अगर कोई आपका पुराना रीडर है तो उसे कभी कभी किसी लाइन्स से आपके पिछले बहुत से कहानी की याद झलक आती है। यह कोई द्वेष नही है यह तो परिस्थितियों का असर है जो लगभग वैसे ही होंगे जो एक आम देवर-भौजाई या ननद - भौजाई में होंगे।
31-05-2021, 11:33 AM
(29-05-2021, 08:15 AM)@Kusum_Soni Wrote: कोमल जी मैं पिछले 2 सालों से आप से जुड़ी हुई हूँ जब JKG पुराने फॉर्म पे चलती थी thanks
31-05-2021, 11:34 AM
(29-05-2021, 09:49 AM)UDaykr Wrote: कुछ तो अब लोग बचे हैं जो अब इस forum पे लंबी कहानी लिखते हैं। Thanks
31-05-2021, 11:39 AM
सेंचुरी
उफ़ कैसे कस कस के कुतरा था कच्चे टिकोरों को , जैसे आम की डाल पर तोते ठोर मार देते हैं टिकोरों के आते ही , एकदम वैसे ही , मैंने हलके से छू दिया तो दर्द से वो दुहरी हो गयी ,... भाभी , उसकी आँखों में आंसू उतर आये ,... मैं हलके से मुस्करायी ननद की आँख में ये आंसू तो हर भाभी देखना चाहती है , ' चल अभी एक क्रीम लगा देती हूँ , ये भी दर्द कम हो जाएगा , ... " और मैं क्रीम लाने के लिए चल दी , एक पेन किलर ,... ` जब मैं लौटी तो कम्मो उसे चूत , बुर और भोसड़े का अंतर् विस्तार से समझा रही थी। कम्मो भौजी लौंडो और लौंडियों दोनों के लिए जादू जानती थीं , ख़ास तौर से नई उमर की नयी फसल टाइप के लिए , मैं देख रही थी उनकी जादुई उँगलियों को किस तरह गुड्डी रानी की दोनों फांकों के बीच , कभी छू कर, कभी सहला कर , तो कभी दोनों फांको को उँगलियों में दबा मसल कर, मेरी कमसिन ननद के गोरे गोरे चिकने मखमली गालों पर उसके भैया के दांतो के निशान थे , जहाँ मैं वो पेन किलर वाली क्रीम लगा रही थी , अभी तो और निशान पड़ने थे , पूरी रात बाकी थी, ... और इस क्रीम की ख़ास बात ये थी की दर्द तो ये कम करती ही, ... नहीं नहीं निशान कम नहीं करती बल्कि उसे और पक्का कर देती थी, आखिर शीशे में देखेगी तो उसे याद रहेगा कैसे उसके भइया ने हचक कर उसकी फाड़ी थी , खेली खायी उसकी सहेलियां चिढ़ाएँगी , कहाँ टांग फैलाई,... कम्मो जो उसे चूत बुर और भोसड़े का फर्क समझा रही थी , उन्हें रोक कर मैंने टोका, " अरे हमार ई प्यारी दुलारी ननदिया कब भोंसड़ी वाली बनेंगी। " " कबौ नाहीं, ... " हँसते हुए कम्मो बोली और एक ऊँगली का एक पोर गचाक से ,... और फिर कुछ मुझे , कुछ मुझसे ज्यादा गुड्डी रानी को , " हमार ई ननद रानी और उनकर ये बुलबुल बहुत ख़ास है , ये कभी भोंसड़ी वाली नहीं बनेगी, ८-१० बच्चे अपनी बुरिया से अपने हमरे तोहरे भाइयन से चोदवाय के उगल देगी तब भी नहीं , बहुते टाइट है , और अंदर तो और ,... " कम्मो की ऊँगली का असर हो रहा था , ननद रानी सिसक रही थीं , मचल रही थीं , " कुछ तो ढीली विली , हर बार उसके यारों को इतना ही मेहनत करनी पड़ेगी , .... " मैंने फिर कम्मो से सवाल किया, ... लेकिन कम्मो ने बात दूसरी ओर मोड़ दिया , " अरे अबकी होली में , होली वाले हफ्ते में कम से कम पंद्रह,... " लेकिन उसकी बात गुड्डी की चीख ने रोक दी , " नहीं भाभी नहीं , एक हफ्ते में पन्दरह बार ,... एक बार में आज जान निकल गयी,... एकदम नहीं " लेकिन मैं और कम्मो भौजी दोनों जोर जोर से खिलखिलाने लगी , और कम्मो ने बात साफ़ की, " अरे पन्दरह बार की कौन कह रहा है , पन्दरह मरद उहौ कम से कम , हफ्ते भर के अंदर, कम्मो का वादा,... अरे रोज चार पांच , " मेरी गणित अच्छी थी , मैंने तुरंत जोड़ दिया , हमरे ननद ऐसी मस्त माल कउनो तीन बार से कम तो करेगा नहीं, तो पन्दरह बार एक दिन में ही , हफ्ते में तो सेंचुरी लग जायेगी ननद रानी,.... " लेकिन ननदे सब पक्की छिनार होती हैं एकदम असली वाली , भाभी को चिढ़ाने का कोयी मौका क्यों छोड़तीं , खिलखिलाते हुए उसने सवाल दाग दिया ,... " भाभी आपकी सेंचुरी कब पूरी हुयी थी,... " मैं थोड़ा सा झिझकी लेकिन फिर मैंने सवाल उसकी ओर मोड़ दिया , अभी तो मिलेगी न अपने भैया से पूछ लेना उन्ही से , फिर मैंने बता ही दिया , आखिर छोटी ननद थी , भौजाइयां नहीं सिखाएंगी तो कौन सिखाएगा , मैंने कुछ जोड़ा फिर दिन तारीख सब बता दी, पन्दरह दिन में ,... गणित मेरी ननद की भी कमजोर नहीं थी , तुरंत जोड़ दिया तो भाभी रोज 6.6666 बार
31-05-2021, 11:40 AM
भौंरे
" भाभी आपकी सेंचुरी कब पूरी हुयी थी,... " मैं थोड़ा सा झिझकी लेकिन फिर मैंने सवाल उसकी ओर मोड़ दिया , अभी तो मिलेगी न अपने भैया से पूछ लेना उन्ही से , फिर मैंने बता ही दिया , आखिर छोटी ननद थी , भौजाइयां नहीं सिखाएंगी तो कौन सिखाएगा , मैंने कुछ जोड़ा फिर दिन तारीख सब बता दी, पन्दरह दिन में ,... गणित मेरी ननद की भी कमजोर नहीं थी , तुरंत जोड़ दिया तो भाभी रोज ६. ६ ६ ६ ६ बार और क्या , रात बाकी है , दो बार तो तू उनसे चुद ही चुकी है , अभी रात बाकी है पांच बार हो गया तो तेरा भी ,... अब सोच अगर तेरे यार कहीं तेरे भैया के आस पास भी हो गए तो हफ्ते भर में सेंचुरी नहीं तेरी डबल सेंचुरी लग जायेगी , अपनी सहेलियों का नंबर डाक जायेगी , मैंने हँसते हुए उसे चिढ़ाया और अब वो भी मेरे साथ खिलखिला रही थी फिर एक बार चिंता के बादल उसके चेहरे पर छा गए और अबकी वो कम्मो से बोली ,... " लेकिन भौजी पन्दरह लोग,... " जवाब मैंने दिया, " मेरा मुंह मत खुलवा , बल्कि मेरा या अपना मोबाइल मत खुलवा, तूने खुद छह भौंरो की बात कबूली थी , और रेनू तो दर्जन की बात कर रही थी , सात आठ के नंबर तो मैंने तेरे मोबाइल में ही देखा है जो कोड में सेव किया है तूने, अभी तेरे फोन से ही उन्हें तेरी अच्छी अच्छी तेरी चुदाई वाली फोटुएं भेजती हूँ ,... " जब उसके भैया उसकी फाड़ रहे थे , तो मैं उसी के फोन से रिकार्ड कर रही थी , वीडियों स्टील सब , और आधे से ज्यादा में ननद रानी का चेहरा एकदम साफ़ साफ़ , और हाँ मेरे उनका सिर्फ अंग विशेष ,... और गुड्डी रानी को भी ये बात मालूम थी, " नहीं नहीं भाभी प्लीज , मेरी अच्छी भाभी ,.... " अब वो औकात पर आ गयी , " तो चल सारे भौरों के नाम बता , कोड नाम , नंबर कब से पीछे पड़े हैं सब , एक पल भी रुकी तो फोटो गयी ,... " उसका फोन पकड़े पकडे मैं उसे हड़का रही थी , कम्मो मुस्कराते हुए हम दोनों की बात सुन रही थी , ... मेरे जाने के बाद ये चिड़िया तो उसे ही पालनी थी. " और हाँ, सबसे पहले अपनी गली से शुरुआत कर , वो जो तेरी गली के बाहर रहता है , गुप्ता बुक स्टोर वाला, ... उसी से ,... " अब मेरी ननद की बारी थी खिलखिलाने की , हँसते हुए वो बोली, ... " वो छोटू , ... वो स्साला, पूरे पौने दो साल से मेरे पीछे पड़ा है , कोई दिन नहीं जब दर्जन भर से कम व्हाट्सऐप आते हों , ... एकदम चिपकू, जब मैं कॉलेज के लिए निकलती हूँ तो हमेशा गली के बाहर, ... " " और वो दो जो तुझ कॉलेज छोड़ने जाते हैं ,... " मैंने बात आगे बढ़ाई, ' आप भी न चुन्नू मुन्नू , बहुत बदमाश है दोनों ऐसे कमेंट करते हैं दोनों , स्वीट बदमाश ,... " उसके बाद मेरी ननद रानी चालू हो गयीं और मैं और कम्मो दोनों गिन रहे थे , जोड़ कम्मो ने ही बताया एक धौल उसे मारके , " स्साली चौदह भौंरे, चौदह चौदह यार पाल रखे हैं और अभी तक चुदी नहीं थी ,... " कम्मो गुड्डी से बोली। " अरे अपने असली वाले यार के लिए बचा रखा था ,अपने भइया के लिए " मैंने चिढ़ाया पर कम्मो मेरी बात अनसुनी कर के गुड्डी से बोल रही थी , " अरे मेरी पन्दरह की गिनती में तो तेरे भौंरे शामिल ही नहीं थे , छिनार , अब इनको भी जोड़ ले तो सच में अगले हफ्ते से , तेरी जबरदस्त ,... " लेकिन तबतक किचेन में से प्रेशर कूकर की सीटी बजी , और मैं वापस किचेन में ,
31-05-2021, 11:41 AM
कम्मो का कॉलेज
cat metaphor poems " स्साली चौदह भौंरे, चौदह चौदह यार पाल रखे हैं और अभी तक चुदी नहीं थी ,... " कम्मो गुड्डी से बोली। " अरे अपने असली वाले यार के लिए बचा रखा था ,अपने भइया के लिए " मैंने चिढ़ाया पर कम्मो मेरी बात अनसुनी कर के गुड्डी से बोल रही थी , " अरे मेरी पन्दरह की गिनती में तो तेरे भौंरे शामिल ही नहीं थे , छिनार , अब इनको भी जोड़ ले तो सच में अगले हफ्ते से , तेरी जबरदस्त ,... " cat metaphor poems लेकिन तबतक किचेन में से प्रेशर कूकर की सीटी बजी , और मैं वापस किचेन में , खाना भी तो जल्दी बनाना था।किचेन में अभी सारा काम पड़ा था और अगले घंटे भर में सब समेट लेना था, मैं काम तो कर रही थी लेकिन कान मेरे कम्मो की बातों में अटके थे, पक्की गुरु थी , गुड्डी को तो उसने अच्छी तरह लपेट लिया था, और एक एक बार गुड्डी रानी , मेरी टीनेज ननदिया ध्यान से सुन रही थी. कम्मो समझा रही थी चल जरा एक बार फिर अपने पंदहों भौंरो के बारे में बताओ। गुड्डी ने सब कुछ बता दिया , सच में कम्मो गले में उंगली डाल के बात उगलवाने की कला जानती थी. कम्मो ने उनको तीन हिस्से में बाँट दिया , देख ये जो तेरी गली के बाहर वाली दूकान पर बैठता है , और दो तुझे जो गली से कॉलेज छोड़ने, लेने जाते हैं पिछले छह महीने से , और वो तेरी सहेली का भाई , और हाँ ये भी बहुत तगड़ा लगता है , जिसकी दूकान है और तुझे पिक्चर के लिए पांच बार बोल चुका है, बस ये पांच सबसे पहले इनके साथ कबड्डी शुरू कर , अरे वही जो आज अपने भैया के साथ खेल रही थी वही वाली, cat metaphor poems " पांच " गुड्डी को विश्वास नहीं हुआ, वो चीखी और कम्मो ने कस के उसकी चूँची मसल दी। " अरे तेरे जैसी जोबन वाली का तो छह सात से कम में काम नहीं चलना चाहिए , ... और फिर कौन रोज , एक दिन दो -तीन के साथ, एक को सुबह दूसरे को दोपहर और तीसरे को शाम , बाकी दो को अगले दिन, कौन रोज रोज , लेकिन ज्यादा इन्तजार भी मत करना , दो तीन दिन ज्यादा से ज्यादा तो पहले हफ्ते इन पांच को ट्राई कर , और ज्यादा लम्बा इन्तजार नहीं बस तीन चार दिन के बाद से ,... फिर तुम्हे पता चल जाएगा कौन नंबरी चोदू है , कौन ज्यादा घुमा फिरा सकता है , ... और हफ्ते बार बाद ये अगले पांच का भी नंबर, गुड्डी पहले तो ध्यान से सुनती रही फिर खिलखिलाने लगी और ये पांच आखिरी वाले, कम्मो भी हंसने लगी फिर समझाया, देख लड़की किसी को भी हाँ नहीं कहती तो किसी को ना भी नहीं कहती , हलकी सी मुस्कान , दुपट्टा सरका के जोबन की एक झलक, कभी होंठ काट लो उसे देख के, मुस्करा के, उन सब को भी ,मालूम हो जाना चाहिए पटेगी भी सटेगी भी। कूकर की सीटी बज रही थी, मैं उसे उतारने में लग गयी , थोड़ी देर बाद फिर मेरा ध्यान कम्मो की बातों की ओर गया , अब वो सीधे , कैसे चुम्मा लेना चाहिए , पहले थोड़ा झिझको शर्माओ, फिर बाद में जीभ मुंह के अंदर डाल , जीभ से जीभ लड़ाओ , वो जीभ डाल दे तो हलके हलके , फिर कस के चूसो , और हाँ साथ में नीचे सहलाओ , फिर पकड़ा कैसे जाता है , सीधे लंड के बेस पर हलके हलके दबाओ सिर्फ दो ऊँगली से फिर पूरी मुट्ठी में हलके हलके , फिर दबाना सहलाना और हलके हलके मुठियाना , हाँ लेकिन याद रहे बीच बीच में आँख सीधे लौंडे की आँख में , मुस्कराते हुए उसे देख कर थोड़ा हलके हलके , जैसे उसे लगे की तुझे भी उसका पकड़ने में दबाने में मजा आ रहा है. cat metaphor poems किचेन में मेरा काम चालू था, ऊपर इनकी कांफ्रेंस चालू थी और बाहर कम्मो का कॉलेज।
31-05-2021, 10:22 PM
01-06-2021, 10:31 AM
Bhabhi app great writer ho itna manmohak lagta hai app ke post ko padana ki jaise romance ab app ke post se hi ata hai romance ko nikalana muskil ho jata ek baar me nahi nikalata hai pura kasam se your are great.
03-06-2021, 09:15 AM
03-06-2021, 12:22 PM
03-06-2021, 08:57 PM
ननद की ट्रेनिंग
whatsapp img थोड़ी देर बाद फिर मेरा ध्यान कम्मो की बातों की ओर गया , अब वो सीधे , कैसे चुम्मा लेना चाहिए , पहले थोड़ा झिझको शर्माओ, फिर बाद में जीभ मुंह के अंदर डाल , जीभ से जीभ लड़ाओ , वो जीभ डाल दे तो हलके हलके , फिर कस के चूसो , और हाँ साथ में नीचे सहलाओ , फिर पकड़ा कैसे जाता है , सीधे लंड के बेस पर हलके हलके दबाओ सिर्फ दो ऊँगली से फिर पूरी मुट्ठी में हलके हलके , फिर दबाना सहलाना और हलके हलके मुठियाना , हाँ लेकिन याद रहे बीच बीच में आँख सीधे लौंडे की आँख में , मुस्कराते हुए उसे देख कर थोड़ा हलके हलके , जैसे उसे लगे की तुझे भी उसका पकड़ने में दबाने में मजा आ रहा है. whatsapp img किचेन में मेरा काम चालू था, ऊपर इनकी कांफ्रेंस चालू थी और बाहर कम्मो का कॉलेज। तभी इनका मेसेज आया, ' बस आधे घण्टे में कांफ्रेस ख़तम हो जायेगी , पांच दस मिनट समेटने में और वो खाली सूप पिएंगे ', बाहर से कम्मो की आवाज आ रही थी , बीच बीच में मेरी ननदिया की खिलखिलाहट कभी हलकी सी चीख, और भौजी अपनी ननद को मुख मैथुन में दक्ष कर रही थीं, " देख पहली चीज, चूसने के पहले, ये होंठ से दांत एकदम अच्छी तरह ढंके रहने चाहिए, छूते समय होंठों से , चूमते चाटते चूसते सिर्फ होंठ लगना चाहिए, होंठ, जीभ और नाचती मुस्कराती खुश खुश आँखे इन तीनो का इस्तेमाल। हाथ, नहीं हाथ नहीं , सिर्फ होंठ , हाँ हाथ का इस्तेमाल और कामों के लिए वो भी कभी कभी , तो सबसे पहले होंठों से हल्के से दबा के सुपाड़े को थोड़ा चूसो, चुभलाओ, फिर होंठों के जोर से सुपाड़ा खोल दो , उसके बाद जीभ, बल्कि बस जीभ की टिप, उससे वो जो छेद होता है , जिससे रबड़ी मलाई निकलती है , गाभिन करती है , बस उसी में सुरसुरी करो, मर्द एकदम पागल हो जाएगा, whatsapp img कुछ देर ऐसे तंग करने के बाद , जीभ से ही सुपाड़े को सहलाओ, साथ में आंख में आँख मिला के चिढ़ाओ छेड़ो , और फिर एक झटके में पूरा सुपाड़ा गप्प, ... whatsapp img उधर कम्मो उसे चूसने चाटने के गुर सिखा रही थी , और इधर मैं सूप की तैयारी कर रही थी , साथ में बखीर की भी , आखिर आज मेरी ननद की फटी है वो भी अपने सीधे साधे भैया से , और आज की रात उसकी सुहाग रात होगी, गन्ने का रस, गुड़ , पुराना चावल और खूब धीमी आंच में, ... बखीर इंटरवल में खिलाने का प्लान था मेरा, whatsapp img बीच बीच में कम्मो की आवाज आ रही थी , चूसते हुए थक जाओ तो जब बाहर निकालो तो बिना रुके लंड को साइड से चाटना, होंठ से नहीं सिर्फ जीभ से और साथ में उँगलियों से बॉल्स सहला सकती हो , धीमे धीमे मुठिया सकती हो और कम्मो की आवाज आनी बंद हो गयी , वो खुद किचेन में आ गयी, whatsapp img इनके लिए बनते सूप को देख के वो बोली बस रुको, मैं आती हूँ , और थोड़ी देर में कम्मो भौजी और उनका जड़ी बूटी का झोला, उसमे से आठ दस जड़ी बूटियां ,भस्म डाल के बोलीं, " ये बकरे को भी सांड़ बना देती हैं, " " अरे आपके देवर तो पहले से ही सांड़ हैं , " मैं खिलखिलाती हुयी उन जड़ी बूटियों को सूप में चलाती मिलाती बोली। whatsapp img " अरे तो दस सांड़ के बराबर ताकत आ जाएगी आज पक्का बहनचोद बनाउंगी उसे , एक बार आज रात अपने भइया से हचक के चुद गयी तो पक्की छिनार बनने से कोई उसे रोक नहीं सकता", एक चुटकी स्वर्ण भस्म और पांच चुटकी लौह भस्म मिलाते वो बोलीं। अब बस पन्दरह मिनट तक धीमी आंच पर सूप पकना था, बखीर पहले ही बन चुकी थी। कम्मो उस लेप को लेने आयी थीं जो उन्होंने गुड्डी रानी के लिए बनाया था , जिसके तीन फायदे थे एक उस की चूत एकदम से कसी कच्ची कुँवारी ऐसी हो जाती , और जो भी कटा फटा था दर्द वो सब दूर , दूसरे गाभिन होने का खतरा ख़तम और असली बात तीसरी थी जो ननद को न कम्मो बताती न मैं , इसके लगाने के बीस पच्चीस मिनट के अंदर इतनी तेज आग उसकी चूत में लगती की खुद वो लंड ढूंढती |
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