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Thriller कामुक अर्धांगनी
bahut khoob likhte ho bhai...thode aur character lao...kuch kamsin ladke..ladkiyan...jinhe ye sex sikhaye
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Bro update fast please
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मधु की कसक अत्यंत चर्म पर पहुँच चुकी थी जब वसंत का सख्त लिंग उसके योनि के अग्रिम भाग से टकरा कर अद्भुत आनंद देता अंदर उसके गुदगुदे चमड़ी पर घिसता जा रहा था ओर उसकी योनि पतझर सी काँपती बरसात की फुसफुसाहट की तरह बरसे जा रही थी और अंघुटे का हिस्सा गांड के छेद मे कंपन करता पूरी तरह आनन्दमयी योवन को भड़का रहा था मानो मधु एक भोग विलास की गुड़िया बन चुकी थी जिसकी सारी मनोकामना एक अन्य मर्द के आधीन पड़ी हुई थी जो मन मुताबिक अपनी गुड़िया को अपने खेल मे खिलाये जा रहा था ।
 
 
उफ्फ्फ बेटा ज़रा तोह तरस खाओ यू तेज़ दर्द न दो अपने माँ को कहती मधु लंबी लंबी साँसे लेती अहह कर रही थी और बेटा अपने लड़ को यू ही रफ्तार मे योनि के अंदर बाहर करते बोलता तेरी ये चूत ऐसी लस लस कर रही कि मेरा लौड़ा अब रुक न सकता न ही धीरे चल सकता है माँ, बस अब मुझे चोदने दे बड़ी देर दूध पिलाई है तूने अब दूध का दम दिखाने दे अपने बेटे को बोलता वसंत अपने लटकते अण्डों को मधु के बदन पर कस कर टकराता जा रहा था और उसके बदन की टकराहट से मधु के बदन पर एक धक्का लगता जा रहा था जो थप थप आवाज़ करते मधु की चिकताक़री को बढ़ाता और वो अहह उफ्फ करती घोड़ी बन खुद के स्तनों को खुद पर टकराते महसूस कर अपने हिलते स्तनों को निहारती बस कामदेव की कामवासना मे गहराई तक समाती ओर अपने केसों को अपने चेहरे पर आ जाने से ऐसे मुँह को हिलती की वो एकदम सी बेबस पर संतुष्ट नज़र आती ।
 
 
 
वहाँ होने के वावजूद मे बस अपनी अर्धाग्नि को निहारता पर हाथ बढ़ा केसों को नही सुलझाता चुकी मुझे उसकी ये झलक देख अजीब आनंद आने लगा था । मधु की बेदर्द ठुकाई से वो पसीने से तरबतर हो चुकी थी पर उसकी हाथों ने अपना जगह नहीं बदला था मानो वो और धक्कों को अपने योनि की गहराई मे लेने को मचल सी रही हो आखिर कौन सी औरत ऐसे मर्द को अपनी आबरू न भेट करे जो यू योनि को लस लस कर दे और झटकों से इतना गर्म करते जए की उसकी योनि गर्म हो कर पानी बरसाने लगे ।
 
वसंत ने अंघुटे को खींच बाहर निकाल कर एक हल्का थपड़ से मधु के गांड पर चाटा जड़ा ओर बोला माँ तेरी चूत बड़ी मस्त है मधु कुछ कहती इससे पहले उसके बेटे ने एक जोरदार थपड़ से अपनी माँ को रुलाते बोला क्या गांड है तेरी उफ्फ्फ मधु छटपटा सी गई और उसके गांड पर लाल निशान उभर आई पर वो घोड़ी बनी रही और उसका बेटा अपनी माँ के दोनों गांड के उभारों को अपने हाथों से लाल करता बोला माँ अगर मेरा बाप नामर्द न होता तो मुझे तेरी ये कमसिन गर्म जवानी न भोग पाता न , मधु अपने एक हाथ से अपने केसों को गर्दन के किनारे करती मेरी और देखते बोली बेटा तेरा बाप नामर्द गांडू सही पर तेरी माँ का सुहाग है और तेरे बाप को पता था माँ की प्यास बेटे से अच्छा कौन बुझा सकता है अब ऐसे थक गई बेटा उप्पर से चोद मुझे ।
 
 
 
 
चल ठीक है उठ कर खड़ी हो जा माँ तुझे दीवार पर टिका के पेलता हूँ ,मधु जैसे है बिस्तर से उतरी उसकी झाघे कांप उठी पर वसंत ने अपने माँ के दूध को हाथों मे भरते बोला क्या माँ अभी से थक गई पर मधु उसके गलों को हाथों से पकड़ खिंचती बोली अभी कहाँ बेटा अभी तो झड़ी भी नही तेरे नाम की पानी बहाई कहा हूँ कहती वो अपने बेटे से चिपक गयी और बेटा ने माँ को बाहों मे भरते ही घुमा कर दीवार पर सटा दिया और उसके गर्दन पर हाथ रख बोला गांड को बाहर निकाल माँ बाकी तू छिपकली बन दीवार से चिपकी रह
 
मधु ने अपने उभरी गांड को हल्का नीचे कर बाहर की ओर निकाला और अपने जिस्म को दीवार पर चिपका खड़ी हो गई और बेटा माँ के केसों को हाथों मैं ले कर अपने लड़ को उसके गांड पर घिसते बोला तेरी गांड मारूँगा बोल , वो थूक थूकता गांड पर लड़ रगड़ते बोला तेरी ये गांड तेरे बेटे को मज़ा देगी और मधु अपने दोनों स्तनों को दीवार पर रगड़ती अपने हाथों को ऊँची उठा दीवार की ठंड को महसूस करती तिरछी देखती बोली आराम से बेटा तेरी माँ हूँ वो हँसते बोलने लगा तू मेरी माँ भी है और मेरी रांड भी है कुतिया भी और अपने लड़ को छेद पर रख हल्का दबा कर अपने हाथ को मधु के मुँह पर रखते एक झटका मार गांड मे लड़ डालते बोला उफ्फ्फ माँ बड़ी सख्त गांड है तेरी लड़ की चमड़ी को ऐसे ही छेदों मे जा के मज़ा आता है और मधु कसमसाती अहह करती लाल होने लगी थी ।
 
वसंत ने जैसे ही अपना लड़ गांड के गहराई मे उतारा फिर वो कमर पकड़ झटके मारने लगा जो कि अत्यंत आक्रामक था । उसकी माँ निःशब्द बस आहे भर्ती चीखती चिलाती रही ओर वो अपनी माँ के गांड को अपने लड़ के वॉर से भोगता चला गया नतीज़ा ये हुआ कि उसके माँ की कामुक योवन वाली जिस्म पर अचानक योवन की खुमारी चढ़ उठी और उसके पाव काँपने लगे उसका जिस्म थरथराने लगा और बेटे ने ये देख अपने माँ को दीवार से अलग कर अपने नामर्द बाप की तरफ़ करते हुए अपने हाथ से माँ की चूत को छुवा और माँ की टाँगे छौंड़ी कर अपने दो उँगलियों को डाल हिलाने लगा ओर ये देख मेरा नामर्द जिस्म अकड़ खाता मुझसे बोला देख मादरचोद गांडू देख क्या होती है औरत का असली सुख ।
 
 
मधु की चीख सातवें आसमान पर थी और वो थर थर करती काँपती जा रही थी एक उसके बेटे का लड़ गांड की गहराई मे था और ऊपर से उसका बेटा दो उँगलियों को चूत के अंदर डाल ऐसे हिला रहा था मानो वो अपनी माँ को नहीं एक वैश्या का भोग कर रहा हो आखिर मधु इस भोग के लिए निर्वस्त्र एक कम उम्र लड़के के साथ संभोग कर रही थी उसका चेहरा लाल हो चुका था आँखे खुल नहीं रही थी, स्तनों के निप्पलों पर बेहद कड़क तनाव बना हुआ था जिस्म पर पसीने की बूंदे राज कर रही थी और आखिर मधु बेहद ज़ोर चीखते अपने पैरों पर संभलने की हालत न पाती झड़ने लगी और वसंत ज़ोर से बोला माँ मूत दे तू बेटे के लिए मूत मेरी रंडी माँ मूत दे बस कहता वो उँगलियों को उसके चिपचिपे चूत पर तेज़ रफ़्तार रगड़ता रहा ओर मधु हवस की आग को झेल न सकी और झड़ते झड़ते उसकी टाँगे खुद वो खुद बेजान होने लगी और वो अपने बेटे के हाथों पर लटकी बेशर्म की तरह वही मूतने लगी और बेटा उसके मूत पर हाथ लग थापड़ मारता बोला देखी मेरी माँ मैं ना कहता था तुझे ऐसे चोदूगा की तू खड़ा भी न रह पाएगी बोलता वो निढाल पड़ी मधु को अपने बलिष्ट हाथों से ऊपर करते दीवार पर चिपका कर गांड मारने लगा और मधु बेबस की तरह मुतती दीवार को भिगोती हाँफते बोलने लगी अब खड़ा नही रह सकती बेटा वो उसके बदन को दीवार पर तेज़ दबाता बोलने लगा बस मेरी कुतिया थोड़ी देर रुक तेरे गांड को ज़रा और मार लू ।
 
 
फर्श पर मधु की मूत फैलने लगी और वो अब निर्बल सुस्त थाकिहारी अबला नारी बनी खड़ी तो थी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं थी । वसंत पूरी ताकत लगा मधु के गांड को मारता जा रहा था और वो अपने चर्म पर पहुँचने से पहले रुक अपने हाथों से मधु के बालों को कस के पकड़ कर बिस्तर पर पटक दिया और चढ़ कर मधु के सूखे होंठो पर लड़ रगड़ता बोला ये पी ले माँ तेरी थकावट दूर हो जाएगी पर मधु अब शक्तिहीन हो चुकी थी जी देख वसंत अपने लड़ को खुद हिलाता रहा और मधु के चेहरे को अपने वीर्य से भिगोता बोला लगता है अब दुकान जाना ही ठीक रहेगा ये रांड तो अब नही उठने वाली बोल वो अपने लड़ की आखरी बूंद उसके बंद आँखों के पलकों पर लगाता उठ खड़ा हुआ और कपड़े पहन कर मुझे बिना बोले दरवाजे से निकल गया ।
 
मैं फौरन दरवाजे की और बढ़ा और दरवाज़ा बंद कर के मधु के पास आया वो गहरे नींद मे समा चुकी थी और उसके चेहरे पर पड़ा वीर्य देख मे लालची हो जीभ लगा चाटने लगा और संपूर्ण वीर्य की बूंदों को चाट कर मे वही लेट गया ।
 
 
कहानी जारी रहेगी ।
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Super update bro you are best please check inbox also
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शाम सूर्यास्त के बाद मेरी आँख खुली चारों तरफ़ अंधेरा पसरा हुआ था और मधु अभी भी गहरी नींद मे सोई हुई थी और उठ कर मे गुसलखाने मे मुँह धो कर जैसे ही हॉल की ओर बढ़ा दरवाज़े पर किसी ने दस्तक दी और दरवाज़ा खुलते ही मनमोहक शालिनी भाभी मुश्काते अंदर आते बोली कहाँ है मेरी देवरानी
 
भाभी अंदर से हँसते निकल आई ओर बोली देवर जी क्या बात है अभी तक सो रही वो, मैंने उनको वसंत वाली बात बताई वो हँसते बोली पक्की रांड बन चुकी है तेरी जोरू देवर जी एक तो रात भर चुदाई फिर अलग से जवान लड़के को बुला के गांड मरवा के सोई है उफ्फ्फ क्या आग है इसके जोवन मे
 
 
वो किचन मे चाय बना कर बाहर कर मेरे पास चिपक कर बैठ बोली देवर जी क्यों कही घूमने चला जाए मज़ा आएगा मैं बोला कहाँ वो बोली वही जहाँ गांडू और रंडी दोनों खुश रहते है ।
 
मेरे ललाट पर हैरानी की लकीरें पढ़ भाभी बोली अरे देवर जी कोई हिल स्टेशन हो आते है ना क्या बोलते है हम दोनों रंडिया थोड़े और मर्दों के साथ ऐश कर लेंगे आप दोनों गांडू को भी नए लौड़े हाथ लग जाएंगे वैसे भी गर्मी के दिनों मे हिल स्टेशनों पर बड़ी अय्याशी होती है और तुम जानते है हो वहाँ बाहर से आए लौंडे शादीशुदा हम जैसी औरतों को सामूहिक चोदते है बाकी ओर क्या चाहिये ।
 
 
 
भाभी मन ही मन अपना सारा प्लान बना के आई थी और वो मेरे झाघो को अपने नर्म हाथों से सहलाती मुझे रिझाने पर आतुर थी और चाय की प्याली जैसे ही मैंने मेज पर रखी वो मेरे गोद पर सवार हो मेरे होंठो को चूमते बोली चलो न देवर जी मेरी बात हो रखी है वहाँ एक पहाड़ो पर मस्त सा कॉटेज है जहाँ का मैनेजर मेरे हुस्न के दीवाना है वो बोल रहा है मस्त इंतज़ाम रहेगा ।
 
 
भाभी मेरे सीने को सहलाती मेरे होठो को चूसने लगी और उनका स्तन मेरे बदन पर दबने लगा और वो मेरे सर को पकड़ अपने स्तनों के बीच दबाती बोली देवर जी एक से एक मर्दो से मिलना होगा वहाँ और देखना कैसे तेरी बीवी और मैं एक साथ अनगिनत मर्दो का वीर्य अपने नंगे जिस्मों ओर ले के तुमसे चटवाएँगे कहती वो सोफे पर खड़ी हो कर अपनी साड़ी उठा कर बोली देखो बिना पैंटी आई हूं चाटोगे न कहती वो मेरे बालों पर अपनी चूत रगड़ने लगी जो फिसल कर मेरे चेहरे की ओर आने लगी ओर नाक के पास भाभी ने रोकते बोला तुझे मेरी ये चूत की महक अच्छी लगती है ना मैं दुविधा मे पड़ा रहा वो मेरे नाक पर चूत रगड़ती बोलती रही और अचानक उनकी चूत मेरे मुँह पर आ गयी ओर मेरे जीभ ने अपना काम शुरू कर दिया और वो बालों को झगझोरती अपना चूत चटवाने लगी और बोली देवर जी वहाँ अगर तुम चाहो तो अपनी मधु की दलाली भी कर सकते हो भाव अच्छा मिलता है ,वहाँ बस एक बार भाव हुआ फिर मधु मज़े कर लेगी और कुछ आमदनी भी हो जाएगी सोच के देखो एक हफ्ते रहने पर काफी मोटी रकम हाथों मे रहेगी और क्या चाहिए आपकी बीवी भी खुश और आप भी खुश ,ऐसा बोलती भाभी ने मेरे मुँह से अपनी चूत हटा कर गोद पर बैठ मेरे होठो को चूसते चाटने लगी और न चाहते मेरा हाथ उनके चूत ओर फिसलने लगा और वो बोली एक साथ कॉलेज के आठ दस जवान लड़के जब मधु के साथ रहेंगे वो कितनी खुश हो जाएगी जब बाली उम्र के लड़के उसके चूत को लपालप चोद कर उसको रंडी समझ कर एक एक रुपए वसूल करेंगे और वो अहह करती आपको धन्यवाद बोलेगी ।
 
 
भाभी की बातों को सुन मैंने उनको सोफे पर लेटा कर टाँगे उठा चूत चाटना शुरू ही किया था कि वो बोलने लगी देवर जी पिछली बार मैं वहाँ एक हफ्ते रुक आई थी कुल कितने लड़को ने चोदा याद नहीं पर मैनेजर ने मुझे अपनी कार से यहाँ तक छुड़वाया था सोचो ज़रा ऐसे माहौल मे मधु कितनी ऐश करती रहेगी ।
 
 
भाभी की चूत चाट कर लाल करता मे गंदे ख़यालों मे घिर गया नतीजा ये हुआ कि मेरा लुल्ली तन गया और भाभी के सिरहाने जा कर मैंने उनके मुँह मे लुल्ली डालते बोला भाभी तू चाहती है तेरी देवरानी एक रंडी बने और मुझे तुम दलाल बनाना चाहती हो कैसी भाभी हो तुम बोलता मैं लुल्ली चुसवाने लगा वो मस्त जीभ घुमाती मेरी लुल्ली लॉलीपॉप की तरह चूसते बोली और क्या दलाल तो तुम हो ही वसंत ने ऐसे ही तेरी आँखों के सामने मधु को पटक कर चोदा तूने चुदवाया और सच तो ये है तुम्हें देख कर मज़ा आता है कि तेरी बीवी रंडी है और इतना बोल भाभी मेरी लुल्ली ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी और मैं उनके चूत मे तीन उँगलियों को फसा कर रगड़ने लगा और वो जैसे ही हल्का गीलापन आने योनि पर बरसाई मैं लुल्ली मुँह से निकाल उनके भोसड़े मे डाल कर चढ़ गया वो हँसते बोली देवर जी जितना जोश है तेरे पास सब लगा दो पर तुम खुद भी जानते हो तुम नामर्द हो और तेरे इस मूंगफली से न मधु कभी झड़ी है ना कभी तुम मुझे झड़ने का सुख दे पाओगें इसलिए बात मानो चलो घूमने वहाँ हफ्ते भर जब हम दो रंडियों को चुदते देखोगें तब तब मज़ा आएगा ऊपर से वहाँ मैनेजर को बोल तेरे लिए भी मर्दों के इंतजाम करवा देती हूँ ।
 
भाभी की बातें सच ही थी कि मेरे लड़ से न वो न मेरी अर्धाग्नि खुश रह सकती है परंतु जान बूझ कर रंडी वाली हरकत करने से मन मे थोड़ा दुविधा सा लगने लगा था पर जो भी हो मेरा लुल्ली बड़े मस्त तरीके से तना भाभी के भोसड़े को गुदगुदी दे रहा था जो मेरे लिए अच्छा ही था जब भाभी ने बोला देवर जी एक बात और बता देती हूँ कि वहाँ अगर पसंद के हिसाब से कोई भी लड़की या औरतें काम करती है तो ज़्यादा कमाई हाथ लगती है ।
 
 
पसंद मतलब वो बोली देख मधु अभी जवान है और देखने मे भी बहुत सुंदर है ऐसे मे अगर कोई मर्द उसे एक रात की दुल्हन बनाने को बोले तो एक रात की बीवी इसमें तुम्हें उसको सजा के बस पहुँचना है बाकी सुबह वो वापस आएगी या एक रात कुछ मर्दों के लिए डांसर बन के जाएगी वहाँ नाचेगी और लौड़े पर उछाल मारेगी या किसी ठरकी बूढ़े के लिए बहु बन जाएगी किसी के लिए बेटी किसी गंदे आदमी ने बहन बना लिया कोई कुछ बना के ले जाएगा ऐसा होता है जिसको वो फॉरप्ले बोलते है जो काफी चलन मे रहता है ।
 
 
भाभी की बेबाक बातों को सुन कर मैं रुक कर उनके ऊपर लेट कर उनको कस कर पकड़ के बोला भाभी ऐसे मे मधु तो लड़खोर हो जाएगी न फिर वो कही रोज पैसे के लिए न बाजार घूमने लगे वो हँसते बोली तू इतना कमाता है आज तक क्या कमी रखा है तूने जो वो पैसे के लिए बाहर जाएगी तूने तो उल्टा उसके गर्मी को शांत करने के लिए खुद मर्दो को बुलाया , अरे ऐसा कुछ नही होगा बस एक हफ़्ते तू मस्त दलाल बन के देख कितना मज़ा आएगा वैसे मैं रहूँगी न साथ और मेरा दलाल तो तेरे भाईसाहब ही रहेंगे बोलती वो हँसने लगी और बोली चोद भी अब रुक क्यों गया ।
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bahut khoob bhai...ab madhu pakki randi banegi
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Excellent superb hot update
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Please some hindi kinky and erotic conversations made during their sex session and in normal day to day life.
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भाभी भले ही मुझे चोदने का बोल रही थी पर सच्चाई मे वो मुझे बस रंडी नाच के लिए उकसाने के सिवा ओर कोई इरादा नही था, खैर जब लुल्ली ही सही बिल्कुल अकड़ मे हो तो धक्के मारना क्या गलत है वैसे भी भाभी हो या मेरी जीवनंघ्नी दोनों की चूत मेरे लिए भोसड़ा समान ही था जहाँ असली मज़ा केवल मर्दों को ही आता, मेरे जैसे नामर्दों को तो बस ये सुख रहता कि गर्म योनि मे लुल्ली नहाने का सोच खुदाई कर रही है पर असली झरना बहना तो दूर रिसाव की भी उमीद रखना महज़ खुद को झूठी तसल्ली देने बराबर था
 
 
भाभी के योनि मे थोड़ा बहुत तरल सा था वो भी उनके हिल स्टेशन की पुरानी यादों से रीसा था जो मेरे लुल्ली को चिपचिपा एहसास दिए जा रहा था और उनकी झूठी आहे मुझे बस बरगलाने मे लगी हुई थी भाभी थोड़े देर मे ही अपने तेवरों को बदल बोली देवर जी नीचे लेटो ज़रा चूत रगड़ लेती हूँ तेरे चेहरे पर, झटपट मैं नीचे पसर गया वो अपनी साड़ी उठाए मेरे चेहरे पर अपनी चूत लगा खुद रगड़ मारने लगी और उनका गांड का छेद मेरे नाक पर टिक गया, जब वो बोली देवर जी हामी भर दो सोचो मत ज्यादा कहती , वो बोली ,लंबी साँस लो और अपने फेफड़ों मे जाने दो ये महक मेरे गांड की और एक तेज़ स्वास के साथ भाभी की गांड की महक मेरे तन बदन मे घुलने लगी और वो हँसते बोली जब मेरे दोनों छेदों मे मर्दों की मलाई रहेगी तब स्वास ले के देखना वो गर्म मलाई तेरे नाक से तेरे मुँह मे जाएगी और तुम रोक नही पाओगे अपने आप को बोलती भाभी ने मेरे नाक पर चूत लगा एक घर्षण से हल्की चिप चिप करती मलाई लगाई और बोली अब स्वास लो, जैसे है एक स्वास खिंचा भाभी आह करती अपनी योनि से कुछ तरल बूंदे मेरे नाक से मेरे मुँह मे आ गई और भाभी के ऐसे एहसास दिलाने के बाद मैंने एक एक करके न जाने कितनी बूंदों को आपने नाक से मुँह मे लिया और अद्भुत सहवास युक्त क्रीड़ा करने लगा जब भाभी ने बोला देवर जी ज़रा टांग उठा के मुझे अपनी गांड दिखाओ ।
 
 
बीते कुछ घंटों मे ही भाभी ने मुझे बखूबी पहचान लिया था जिस वजह से वो मेरे हर नब्ज को जान चुकी थी यही कारण था कि मेरे टांगों के उठ जाने के बाद फोरन भाभी ने मेरे गांड पर थूक दिया और बिना किसी देरी के अपनी दो उँगलियों को फसाते मेरी गांड ऊपर की और खिंचते बोली गांडू तेरी गांड भी जल्दी भोसड़े की तरह हो जाएगी क्या मस्त ऊँगली फिसल रही है तेरे इस गांड मे । भाभी ने तनाव से मेरी गांड पर उँगलियों को मोड़ फसा दिया और अपनी गांड उठा कर बोली जीभ से मेरी चूत चाटो ओर मैं तो कुत्ते की तरह चाटने लगा, अपने गांड की नस नस खिंचवाते उधर भाभी बोली दिल तो करता है तेरे मुँह मे मुत दु गांडू देवर ,ये सुनते मैं कुत्ते का पिल्ला बोल उठा मुत दे ना भाभी वो हँसते बोली कुत्ते ही हो तुम और मेरे मुँह को पूरा खुलवा कर वो चूत लगा कर बैठ गई और मेरे मुँह मे मूतने लगी । भाभी की नमकीन गर्म मुत मेरे हलक से नीचे जाते जाते मुझे एहसास दिलाया कि अब भाभी की नज़रों मे मेरी हैसियत बस कुत्ते की रह गई हैं ओर उनका मुत पीने के बाद जब भाभी ने अपने उँगली से मेरी गांड की चमड़ी नोच डाली और मैं तिलमिला उठा पर उनके चौड़े गांड के नीचे से निकल न पाया और उनके अत्याचार को सहता रूवासा हो गया तब वो बोली देवर जी तेरी गांड मस्त है चलो चाट के देखती हूँ बोल वो बाजू मे लेट कर बोली चल जल्दी से चटवा अपनी गांड, मेरी बुद्धि मानो छीन हो चुकी थी समझ नही आ रहा था कि ये मालकिन है या नौकरानी मजे दोनों ओर से कर रही कभी कुत्ता बना के कभी कुतिया बन के । उनके मुँह पर मे गांड टिका कर बैठा वो जीभ से चाटने लगी उफ्फ्फ ऐसा अनोखा मज़ा पा कर मेरी हालत गुलज़ार सी होने लगी थी कि भाभी बोली थोड़ा ऊपर कर ले तेरी ये नामर्द आड़े भी चख लेन दे उफ्फ्फ भाभी मानो मेरी ऊपर कहर बरपाने पर अड़ चुकी थी वो मेरी लटकती अण्डों से साथ मेरी गांड भी लपलप चाट रही थी ।
 
 
 
उनका जोश बढ़ने लगा था वो मेरी गांड मे दो उँगलियों को डाल मेरी आडो को चाटते बोली उछल ले अब लौड़ा कहाँ से लाऊ ऐसे ही मज़ा दे देती हूँ तुझे देवर जी, अपने गांडू देवर को अपने उँगली पर नचाने लगी थी ।
 
 
कहानी जारी रहेगी ।
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bahut khoob bhai...naye naye chudai k tareeke aa rahe h..updates mei
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भाभी की उंगलियों ने मेरे तन बदन मे आग लगा रखी थी और मेरी बेकार लुल्ली बेवजह तमतमाने लगी थी कि भाभी ने तीसरी उँगली अंदर डाल कर मेरे गांड की नस नस हिला दी और मेरा गांडू जिस्म खुद उँगलियों पर नाचने लगा जो देख भाभी बोली चल ले घूमने देखना एक से बढ़ कर एक तगड़े लौड़े दिलाऊंगी तुझे देवर जी ऐसे उछल उछल कर मरवाना तुम अपनी ये प्यासी गांड और मेरी लुल्ली को वो हिलाने लगी मेरी अहह तीव्र होने लगी और भाभी बस यही बोलती चलेगा एक बार बोल दे देवर जी चलेगा अपनी गांड मरवाने उनके उँगलियों की चुदाई से मैं हार गया और बोला हाँ भाभी जाऊँगा ,खा मेरी कसम तू अपनी बीवी संग जाएगा वहाँ और मेरी हर बात मनेगा खा कसम मेरे कुत्ते ,भाभी की बातों ने मुझे बिन सोचे कसम खाने पर मजबूर कर दिया और मैं बोला तेरी कसम भाभी तेरी देवरानी रांड बनेगी और तेरा देवर गांड मरवाएगा तेरे इशारे पर भाभी ये सुनते मेरे गांड मे उँगलियों को फसा कर मेरे लुल्ली को मुँह मे ले ज़ोर से चूसने लगी और मेरी सारी अकड़ चंद मिनटों मे टूट गई और मेरी लुल्ली भाभी के मुँह मे एक एक बूंद करती ढीली होने लगी और भाभी ने लुल्ली के टोपे को यू कस कर चूसा की एक बूंद भी नही बची मेरे अण्डों मे ।
मैं निढाल उनके पेट पर जा गिरा और उनके चूत के ऊपर मुँह रख हाँफने लगा और वो बोली देखना मेरी देवरानी एक हफ्ते मे इतना मज़ा करेगी कि मर्द कम पड़ जाएंगे बोलती वो उँगली निकाल कर अपने चूत पर रगड़ती रही और दोनों ऐसे ही पड़े पड़े हाँफते रहे ।पसीने से लस लस करते भाभी संग देवर गांडू करीबन आधा घंटा सासों को सम्हालने मे लगे रहे तब जा कर कही भाभी ने मुझे अपने बाजू मे पटक कर बोला चाय लाती हूँ जा के मेरी देवरानी को उठा लो आज बाहर खाने चलते हैं हम दोनो परिवार बोल के भाभी ने मुझे फिर पसोपेश मे डाल दिया ।
 
मैं उठ कर अपनी सोती हुई अर्धाग्नि को जगाने लगा वो आँखे मीच बोली क्या हुआ जी मैं बोला भाभी आई है उठो शाम हो गयी है वो थकावट से चूर बिस्तर पर अंगड़ाइयाँ लेते बोली उफ्फ्फ बहुत थक गई थी और वो उठ कर मेरे होंठो पर चुम्बन दे कर बोली चलिए ज़रा नाहा के आई मैं।
 
भाभी चाय बना कर आते ही कपड़े पहन बैठी पर मैं नंगा ही बैठ गया भाभी के कमर को अपने हाथों मैं दबोचे उधर मधु नाइटी पहनी बिना पोछे गीला बदन आ बैठी और चाय की चुस्की लेते बोली दीदी आपने क्यों तकलीफ की मुझे जगा देती मैं चाय बना लेती वो हँसते बोली सुना तू वसंत से ताबड़तोड़ ठुकाई कर के सोई है सोची सोने देती हूँ तेरी नींद क्यों खराब करती और वैसे भी तू सोई थी तोह अच्छा था न गांडू देवर संग खेलने मिल गया और वो मेरे लुल्ली को पकड़ के बोली पूरा चूस के पी हूँ इसका अब जल्दी चाय पियो बाहर खाना खाने चलते है क्या घर पर रोज खाना खाते रहेंगे बोल के शालिनी भाभी ने चाय खत्म कर बोली थोड़े देर मैं तयार हो कर शर्मा जी संग आती हूँ तुम दोनों भी त्यार हो जाओ बोल के भाभी गांड मटकाती निकल गई और मधु बोली अच्छा भाभी संग खेल लिया आपने और वो हँसते बोली चलिए बाहर बहुत दिनों से खाये नही अच्छा हुआ भाभी संग जाने के बहाने थोड़ा लजीज पकवान भी मिल जाएगा बोल के मधु तयार होने चल पड़ी ।
 
 
 
बाह कटी पीछे से दो डोरी आगे से अपने स्तनों को आधे दिखाती हल्के गुलाबी ब्लाउज पहने हाथों मे गुलाबी चूड़ियां माथे मे बालों को अच्छी तरह गूथ कर अपनी माँग मे सिन्दूर डाले गुलाबी बिंदी लगा कर काजल से अपने आँखों को मोहिनी सा सजा के होंठो पर गुलाबी लिपस्टिक लगा कर गले मे एक पतली सोने की चैन और अपने स्तनों के बीचों बीच सुहाग की निशानी यानी मंगलसूत्र डाल कर अपने गालो को न जाने क्या क्या लगा कर मेरी बीवी निखरे जा रही थी जो देख मेरा दिल दहकने लगा कि कही कोई इसे न नोच खाए ,उसने नाक मे चमकीले पत्थर वाली नथुनी डाली और कानों मे एक भारी झुमका डाल अपने कांखों पर खुशबूदार सेंट लगाया और उठ कर कमर पर साड़ी लपेटने लगी देख कर लगा बरसों बाद अपनी अर्धाग्नि को यू सजते संवरते देख रहा हूँ, वो साड़ी के पल्लू को क्लिप लगती ब्लाउज से मिला लेती पर उसकी स्तनों की गहराई पतली आँचल से साफ दिखाई देती ऊपर से आधा स्तन बेबाक खुला रहता और वो कमर पर कमरबंद बांध कर उसके लटकन को तिरछा कर के यू मिलाने लगी कि उसकी गहरी नाभी खुली रहे ,ऐसा लग रहा था कि मधु त्यार हो किसी मर्द के पास जा रही हो ये सोच मेरा मन वापस भाभी को दी हुई कसम की और जाने लगा जो मैंने अब तक मधु से बताई तक नही ।
 
मेरी मधु बिल्कुल मेनका की तरह कामुक्ता को प्रदशित करती त्यार हो कर बोली कैसी लग रही हूँ मैं मधु को जी भर घूरता बोला न जाने कितने मर्द तुझे देख आज चोदने को मचल जाएंगे वो ये सुनते बोली आपकी बीवी हूँ हर मचलते मर्द की प्यास बुझा दूँगी वो ऐसा बोल मेरे पास आ कर बोली जी आप त्यार हो जाइए मे ज़रा भाभी घर से आई बोल वो मटकती चली गई ।
 
 
मैं जीन्स शर्ट पहन के गेट पर बाहर खड़ा ही हुआ था कि शालिनी भाभी मधु के जैसे ही रूपमती बनी आते दिखी उनको देख लगा ही नहीं कि उनकी उम्र अधिक है लगा मानो मधु की बहन हो खैर शर्मा जी ने गाड़ी निकाला और हम दोनों गांडू आगे और दोनों रूपवती पीछे बैठी ।
 
 
भाभी ने शर्मा जी को बोला सबसे बढ़िया वाला जो ढाबा है वहाँ चलिए ,शर्मा जी बोले वो तो बहुत दूर है ना भाभी बोली तो क्या दिक़त है चलिए कौन सा आपको कोई काम करना है ,मैंने शर्मा जी से पूछा कितनी दूर वो बोले वही हाईवे से जो आगे वाला है ना मैं बोला वो तोह बार वाला रेस्टुरेंट है वही न शर्मा जी बोले हाँ वही वहाँ तो बड़ी भीड़ रहती है भाभी टपाक से बोली देवर जी वहाँ अपनी सीट बुक है आपको क्या लगता है देवर जी ऐसे जगह मेरी जान पहचान नही हो सकती ,मैं बोला भाभी आप तो मनमोहिनी है आपको तो शहर का हर कोई जानता है वो हँसते बोली हाँ और अब मधु को भी हर कोई जानेगा कहते भाभी ने स्पष्ट कर दिया कि मेरी बीवी अब न जाने कहाँ कहाँ बिस्तर गर्म करेगी ये पता लगाना भी बेकार है ।
 
एक घंटे बाद कार रुकी भाभी मधु का हाथ पकड़ के बोली चलो चले ये आ जाएंगे और शर्मा जी ने बोला बहनचोद लगता है शालिनी यहाँ चुदवाने आती थी मैं हँसते बोला क्या फर्क पड़ता है वैसे भी हम दोनों गांडू है अब मर्द होते तो यहाँ ला के चोदते नहीं है तो ला के चुदवाते ,शर्मा जी हँसने लगे और दोनों ने सिगरेट की कस लगा कर अपना सत्य स्वीकार करते अंदर दाखिल हुए ।
 
 
काफी भीड़ भाड़ होने की वजह से दोनों दिख नही रही थी तभी वेटर आ कर बोला मैडम ने बोला आपको ऊपर आने ,हम दोनों लिफ्ट से ऊपर पहुँचे दोनों एक आलीशान सोफे पर बैठी थी और वहाँ चारों तरफ एक से एक रईस मर्दो का जमावड़ा था जो मदिरा का मज़ा ले रहे थे जिनमें न जाने कितनों की नज़रे हम दोनों की बीवियों पर थी ये तो बस बीवियों को पता था ।
 
 
भाभी ने मेरे पहुँचते बोला बोलिए देवर जी क्या पिएंगे मैं बोला आप क्या पी रहे है वो हँसते बोली हम देवरानी संग वोदका आप दोनों क्या लेंगे शर्मा जी बोले मैं तो व्हिस्की लूँगा मैं बोला मैं भी और भाभी ने वैस्टर को बुला के आर्डर दिया साथ मे स्नैक्स बोल के भाभी ने मधु के कानों मे क्या बोला पता नही पर मधु हँसते बोली हां भाभी ।
 
 
दो राउंड पीने के बाद शर्मा जी बोले चलो लगी है क्या मैं बोला चलिए दोनों जैसे ही उठे भाभी बोली हम भी चलते है चारों चलने लगे जब शर्मा जी अंदर घुसे भाभी ने बोला देवर जी थोड़ा शर्मा जी को सम्हाल लिजेएगा मैं मधु को यहाँ घुमा लाती हूँ ,मधु की तरफ देखा तो लगा वो उत्सुकता से भरी पड़ी थी और दोनों लिफ्ट से ऊपर चल गई और मैं शर्मा जी संग निवृत हो कर वापस पीने बैठा तो शर्मा जी बोलने लगी पहले जब शालिनी कुतिया संग आया था वो ऐसे ही हल्का होने का बोल के गई थी दो घन्टे लौटीं नही थी ,मैं बोला आज मधु संग है आ जाएंगी वो बोले तुझे की लगता है मधु संग क्यों है ।
 
 
शर्मा जी ने एक घुट मे गिलास खत्म कर के बोले चल पी दिखाता हुँ कहाँ क्या कर रही है दोनों ।
 
 
 
कहानी जारी है ।
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Kamuk update
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Bht hi mazedar bhai new update jldi do bhai
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ohhh very sexy xxxxx
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Update bhai
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मस्त लेखनी है यार मजा आ गया
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जल्दी से अपडेट दीजिए भाई
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[Image: jullianaterremotoo-1621911476005.jpg]

[Image: IMG-20200914-093814.jpg]
Madhu aur kaamini
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Bhai update ???
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Bhai story agr b likho yr
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