21-05-2021, 11:07 PM
कोमल भौजी यू आर ग्रेट। आपसे अच्छा लेखक कोई नहीं हो सकता।
Romance मोहे रंग दे
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21-05-2021, 11:07 PM
कोमल भौजी यू आर ग्रेट। आपसे अच्छा लेखक कोई नहीं हो सकता।
22-05-2021, 07:14 AM
दीदी अपडेट प्लीज् प्लीज्
23-05-2021, 11:02 AM
23-05-2021, 11:03 AM
23-05-2021, 06:55 PM
साजन बने ननदोई
दो चार मिनट वो रुके , फिर बिना बाहर निकाले उन्होंने पोज बदल लिया , उनकी फेवरिट पोज़ में , निहुरा के , कुतिया बना के क्या हचक के चोद रहे थे वो अपनी छोटी ममेरी बहन को , मैं और कम्मो मजे ले लेकर देख रहे थे , आँखों में हाई फाइव कर रहे थे , ... आज है आयी स्साली पहाड़ के नीचे , कुतिया बना के चोदना सारे मर्दों को पसंद होता हैं , एक साथ चूँची , चूत और चूतड़ तीनों का मजा , दोनों हाथ से कस कस के जोबन मीसने रगड़ने का मजा , जड़ तक चूत में हचा हच पेलने का मजा और साथ में छोटे छोटे चूतड़ देखने , सहलाने का मजा , मेरी ननद के जोबन के तो ये कब से दीवाने थे , और आज इनकी मुट्ठी में आये थे , बस कस के दोनों उभार पकड़ के रगड़ते हुए मसलते हुए अपनी बहिनिया की बुर में हचक हचक के धक्के मार रहे थे , वो कभी सिसकती , कभी चीखती , न उसके मजे ले रहे भइया पर कोई फरक पड़ रहा था , न रस ले रही , चिढ़ाती ,छेड़ती दोनों भौजाइयों पर , हाँ मैं साथ में अब उसे दिखा दिखा के उसकी के मोबाइल से स्टिल , वीडियो सब ,... जैसे किसी इंजन का पिस्टन अंदर बाहर हो , उसी तरह उन का खूंटा , एक तो लंबा इतना पूरा बांस , मेरे बित्ते के बराबर , और मोटा भी पूरा बियर का कैन जब रगड़ता घिसटता दरेरता जाता तो उनकी छुटकी बहिनी की , ... लेकिन गुड्डी रानी के चेहरे के देख को लग रहा था की उसे दर्द चाहे जितना हो रहा हो , मजा भी खूब आ रहा था छिनार को इस धकमपेल चुदाई में , एक बार वो झड़ चुके थे , और मुझसे ज्यादा कौन जानता था अबकी वो अच्छा खासा टाइम लेंगे ,... कम्मो भौजी अपने देवर के पास थीं और उन्होंने कुछ इशारा किया , .... और वो , वो रुक गए , आधा पिस्टन अंदर था , ४-५ इंच , बाकी बाहर , उनके दोनों हाथ कस के अब उसकी छोटी चूँचियों को कस के निचोड़ रहे थे , नाख़ून से निप्स को पिंच कर रहे थे , कुछ देर तक वो ऐसे निहुरि रही , फिर झुके हुए मुड़ के उसने इन्हे देखा , मानो कह रही हो , भइया चोदो न , ... उन्होंने एक दो धक्के छोटे छोटे लगाए फिर रुक गए , सिर्फ सुपाड़ा अंदर था , हाँ उनका एक हाथ अब जोबन को छोड़ जाँघों के बीच सीधे अपनी बहन की जादू की बटन पर , मेरे साथ रोजाना ४-५ राउंड कबड्डी पिछले ४ महीने से खेलकर लड़कियों के बदन का भूगोल इन्हे अच्छे तरीके से मालूम हो गया था , बस हल्का सा झटका लगा , एकदम मस्ती की लहर जैसे दौड़ गयी उसके अंदर , पर उन्होंने हाथ हटा लिया , उभारों पर से भी , और सिर्फ उसकी पतली कटीली कमरिया दोनों हाथों से पकडे रहे कस के , वो निहुरि , झुकी कातिक की कुतिया की तरह मैं उन दोनों को देख रही थी , तभी ,... मेरी आँखों को विश्वास नहीं हुआ , मैंने कम्मो की और देखा , उसने मुस्कराते हुए मेरी ओर देखा और एक बार फिर उधर देखने का इशारा किया , ये सिर्फ कमरिया पकडे थे और वो बहुत हलके से , सिर्फ खूब ध्यान से देखने पर पता चल रहा था , पीछे की ओर और फिर उसने होंठों को दांत से काटा , पूरी ताकत से पीछे की ओर पुश किया ,... इनके धक्के रुके थे , सूत भर , मुश्किल से एक दो मिलीमीटर , पर वो अपने छोटे छोटे चूतड़ धकेलती रही पीछे की ओर , और अब आधा इंच , धीरे धीरे कर एक इंच पूरा उसने गप्प कर लिया , फिर हल्का सा आगे की ओर , अब मेरी ननद इन्हे चोद रही थी , मैंने कस के कम्मो का हाथ पकड़ लिया , मान गयी मैं उसे , इनकी भौजाई अपनी जेठानी को ,
23-05-2021, 06:57 PM
कम्मो भौजी
अब मेरी ननद इन्हे चोद रही थी , आज सुबह की बात मुझे याद आ रही थी, आज सुबह ही तो, मैंने कस के कम्मो का हाथ पकड़ लिया , मान गयी मैं उसे , इनकी भौजाई अपनी जेठानी को , सुबह मैं कितना परेशान थी , बस कम्मो ने पूछा और मैंने पूरी बात बोली भी नहीं थी की कैसे अपनी ननद के ऊपर इन्हे , वो बोली , ' बस इतनी सी बात , और ये चाँद से मुखड़े पर बादल , मेरे ऊपर छोड़ दे। " मेरी कुछ समझ में नहीं आया , तो वो हलके से हड़काती बोली , " अरे यार बोला न अब ये मेरी जिम्मेदारी है , कैसे कब किस तरह मेरे देवर के नीचे आती है , ये अब मेरी जिम्मेदारी " फिर कुछ रुक के कम्मो ने मेरा काम मुझे पकड़ाया , " लेकिन चिड़िया को पिजड़े में लाने का काम देवरानी तेरा , उसके बाद देवर को ननदोई बनाने का काम मेरा " बस हँसते हुए मैंने अपनी ननद रानी को फोन लगाया , थोड़ा छेड़छाड़ और उलाहना कुछ इमोशनल ब्लैकमेल , और ये बात की उसके भइया भी आज घर पर नहीं हैं उसकी बुआ और बड़ी भाभी भी नहीं बस शाम को , फिर कब मुलाक़ात होगी , दो दिन बाद मैं निकल जाउंगी , ... स्पीकर फोन ऑन था , कम्मो भी सब सुन रही थी , अब वो टीनेजर , उस उम्र की लड़कियां नखड़े न करें तो ,... लेकिन वो मान गयी , ... और कम्मो की ओर देखते मैंने फोन काट दिया। मारे ख़ुशी के अबकी कम्मो ने मुझे गले लगा लिया और बोली , अब आगे की जिम्मेदारी मेरी , ननद रानी कली बनकर आएँगी , फूल बन कर जाएंगी , फिर कम्मो ने जोड़ा , " सुन यार मैं लौंडियों को खूब पहचानती हूँ , ये जितनी सीधी बनती है , जरा से मजाक से भड़क जाती है , चरित्तर दिखाती है न , बस एक बार उसकी नथ उतर जाय , किसी मोटे लौंड़े से इसकी चूत फ़ट जाए , और मेरे देवर ऐसा सांड अगर इसके ऊपर चढ़ जाय न तो बस , देखना ,... पक्की चुदवासी है स्साली , खाली नौटंकी करती है , नंबरी छिनार , बस एकबार फटने की देर है , और अब आज इसकी लिख गयी है , आज अपने भइया से चुद जाए , उसके बाद मेरे तेरे भइया से भी चुदवायेगी स्साली , खुद अपनी शलवार का नाड़ा खोलेगी , सारे बनारस वालों के आगे ( हम दोनों का मायका ), एक बार लंड घोंट ले तो खुद ये लंड की दीवानी बन के , लंड ढूंढती फिरेगी , ... " " एकदम सही , स्साली आजमगढ़ वालियों ( मेरी ओर कम्मो दोनों की ससुराल वालियां ) का काम ही है शलवार का नाड़ा खोलना , बनारस वालों ( हम दोनों का मायका ) के आगे ," हँसते हुए मैं बोली , और वही कम्मो की बात, सच में पक्की चुदवासी लग रही थी , जिस तरह से वो खुद धक्के मार मार के अपने भइया के लंड को घोंटने की कोशिश कर रही थी सच में कम्मो को सही पहचान थी लड़कियों की और उन्हें शीशे में उतारने का तरीका भी उसे मालूम था , कम्मो का प्लान एकदम सही निकला, कैसे मस्ती से मेरी ननद चुदवा रही है अपने भैया से, एक बार फिर से मेरी निगाह अपनी टीनेजर कमसिन कच्ची कली ननद की ओर मूड गयी. कातिक की कुतिया झूठ बड़ी कोशिश के बाद एक दो इंच वो अपने अंदर , फिर हलके हलके अंदर बाहर , लेकिन अब इनसे नहीं रहा गया , अपनी छोटी बहन की कमर पकड़ के पहले तो कुछ देर उसके धक्के मारने की कोशिश का जवाब देते रहे , साथ देते रहे , जैसे कोई बहुत हलके हलके झूले में पेंग लगाए , दो चार मिनट के बाद , एक बार फिर उन्होंने कस के उसके दोनों उभार पकडे , लंड आलमोस्ट पूरा बाहर किया और क्या करारा धक्का था , एक बार में पूरा बांस अंदर सुपाड़े का जबरदस्त धक्का सीधे उनकी ममेरी बहन की बच्चेदानी पर , उईईईईई उईईईईई , वो जोर से चीखी और साथ में जोर से झड़ने लगी वो , अब तक पांच छह बार तो झाड़ ही दिया होगा उसे इन्होने पर इतनी तेज पहली बार झड़ रही थी , देर तक झड़ती रही , रूकती फिर झड़ना शुरू कर देती , और अबकी उन्होने उसे बहुत सम्हाल कर , जैसे कोई कांच की गुड़िया हो पलंग पर लिटा दिया , उसकी पीठ पलंग पर ये उसके ऊपर एकदम जैसे सावन भादो के बादल धरती के ऊपर छा जाते है , वो फैली हुयी , ये उसके ऊपर , जैसे पहली रात पति पत्नी एकदम चिपक कर , पत्नी के अंदर पत्नी के ऊपर पति चिपक कर , देह से देह चिपकी रगड़ती मिली बस एकदम उसी तरह ,
23-05-2021, 06:58 PM
छुटकी ननदिया
और अबकी उन्होने उसे बहुत सम्हाल कर , जैसे कोई कांच की गुड़िया हो पलंग पर लिटा दिया , उसकी पीठ पलंग पर ये उसके ऊपर एकदम जैसे सावन भादो के बादल धरती के ऊपर छा जाते है , वो फैली हुयी , ये उसके ऊपर , जैसे पहली रात पति पत्नी एकदम चिपक कर , पत्नी के अंदर पत्नी के ऊपर पति चिपक कर , देह से देह चिपकी रगड़ती मिली बस एकदम उसी तरह , धक्के हलके हो गए थे , लेकिन वो भी कोशिश कर रही थी नीचे से चूतड़ उठा उठा के जवाब देने का , हलके पवन के झोंके के की तरह , और अबकी वो जब झड़ी तो कस के उसने इन्हे दबोच लिया , उसके लम्बे लमबे नाख़ून इनके कन्धों में धंसे , और अब साथ साथ ये भी , दोनों साथ साथ झड़ रहे थे , बड़ी देर तक और ये रुके तो फिर दुबारा , और उसके बाद भी ये अपनी बहन के ऊपर दस मिनट तक चिपके पड़े रहे , जब उठे तो गुड्डी की जांघों के बीच कटोरी भर रस मलाई मेरी ननद की बुरिया अपने भइया की गाढ़ी थक्केदार मलाई से ऊपर तक बजबजा रही थी , बुर के साथ उसकी गोरी गोरी चिकनी मक्खन सी जाँघों पर भी उनका वीर्य बह रहा था , कम्मो ने अपनी उँगलियों में सब समेटा और सीधे ननद रानी के मुंह में , " खा ले , खा ले तेरी भइया की ही मलाई है , उनकी मेहनत की कमाई है। " मैं क्यों पीछे रहती मेरे साजन की मलाई मेरी ननद की बिल में , ... मैंने गचाक से दो ऊँगली एक साथ उसकी कच्ची अभी फटी बुर में पेली , और अंदर तक गोल गोल घुमा के , रगड़ के , समेट के थोड़ा उसके मुंह में , बाकी उसके गालों पर , ... वो ननद भौजाई की शरारतें देख रहे , मुस्करा रहे थे। पलंग के किनारे पड़ी बॉक्सर शार्ट उन्होंने उठा कर पहन ली , बड़ी मुश्किल से तकिये का सहारा लेकर गुड्डी भी बैठी , पर बाहर हो रही शाम को देख कर वो अचानक चौक गयी और पलंग पर से उतरने की कोशिश करने लगी , " बुआ के आने का टाइम हो गया न और बड़ी भाभी भी उनके साथ " , घबड़ा के वो शोख बोली। फर्श पर पड़ी उसकी स्कर्ट और टॉप उठा के कम्मो ने उसे पकड़ाया , टॉप पहनने मैंने भी मदद की , वो हिरणी सी अपनी बड़ी बड़ी घबड़ायी आँखों से मुझे देख रही थी , फिर जैसे खुद से बोली , " शाम को ,... बुआ , बड़ी भाभी आने वाली होंगी , ... " उसकी घबड़ाहट मैं समझ रही थी , उस समय कोई भी उसकी हालत को देख कर समझ सकता था उसने क्या क्या किया था , ... मैंने अपना मोबाइल बंद किया जिससे अब तक मेरी ननद की काम क्रीड़ा जस की तस लाइव टेलीकास्ट हो रही थी , मेरे मायके और इनकी ससुराल में और दिखाया , उसकी बड़की भाभी और मेरी जेठानी का , मेरी सास और जेठानी अब कल दोपहर के बाद आ रहे थे , उसकी चेहरे की घबड़ाहट मुस्कान में बदल गयी , और सबसे पहले उसने अपने भैया की ओर देखा , मुस्कराते हुए , लेकिन ये मुस्कान थोड़ी देर ही रही , अब उसकी निगाह घडी पर पड़ी , ६ बज रहे थे , ( पिछले डेढ़ -दो घंटे से तो उसके भइया ही उसकी बजा रहे थे , दो राउंड कच्ची कली का ) एक बार फिर उसने पलंग से उतरने की कोशिश की तो जोर से चिल्ख उठी , मैंने सहारा दिया , मैं समझ रही थी उसकी हड़बड़ी , पहले उसने मजबूरी में जैसे अपने भइया की ओर देखा , जैसे उसका जाने का मन न कर रहा हो पर बहुत मज़बूरी हो , ... फिर मेरी ओर , बकी मैंने उसे मेसेज नहीं दिखाया , बल्कि उसके घर फोन लगाया , ये बताते हुए की मैंने अपनी छोटी ननद को किडनैप कर लिया है और अब कल दिन में ही वापस करुँगी , असल में इस बारे में मेसेज पहले ही मैंने दे दिया था उसके यहाँ से ग्रीन सिग्नल भी मिल गया था , और हँसते हुए उधर से जवाब आया तेरी ननद है जो चाहे करो , ...
24-05-2021, 11:11 AM
26-05-2021, 08:28 AM
26-05-2021, 08:30 AM
इंटरवल
एक बार फिर उसने पलंग से उतरने की कोशिश की तो जोर से चिल्ख उठी , मैंने सहारा दिया , मैं समझ रही थी उसकी हड़बड़ी , पहले उसने मजबूरी में जैसे अपने भइया की ओर देखा , जैसे उसका जाने का मन न कर रहा हो पर बहुत मज़बूरी हो , ... फिर मेरी ओर , अबकी मैंने उसे मेसेज नहीं दिखाया , बल्कि उसके घर फोन लगाया , ये बताते हुए की मैंने अपनी छोटी ननद को किडनैप कर लिया है और अब कल दिन में ही वापस करुँगी , असल में इस बारे में मेसेज पहले ही मैंने दे दिया था उसके यहाँ से ग्रीन सिग्नल भी मिल गया था , और हँसते हुए उधर से जवाब आया तेरी ननद है जो चाहे करो , ... गुड्डी के चेहरे पर जैसे हजार वॉट का बल्ब जल गया हो , और उससे ज्यादा उनके चेहरे पर , ... मैंने अब मेसेज खोल कर अपनी ननद के आगे कर दिया , मुस्कराते हुए उसने मुझसे पूछा , मतलब जवाब उसने दिया जिसके हाथ में उसकी जवानी और जोबन का मुस्तकबिल था , कम्मो ने , " मतलब ननद रानी ये इंटरवल है , ये सिर्फ ट्रेलर था फिल्म अभी बाकी है। " मैंने अपनी ननद को गले लगा लिया और उसकी ओर से जवाब दिया , " मेरी ननद को समझती क्या हैं आप , डरती क्या है आप के देवर से ,... " लेकिन तबतक जोर का हूटर बजा , और जो जो उसका मतलब नहीं समझते थे , कम्मो और गुड्डी रानी , जोर से उछल पड़े , लेकिन मैं और ये उसका मतलब समझते थे , ये दौड़ कर दीवाल पर टंगी अपनी शर्ट और टाई की ओर हूटर का मतलब था उनकी कांफ्रेंस कॉल , कई सात समुंदर पार देशो में यहाँ जब शाम ढलती है तो आफिस खुल जातें हैं , कहीं सुबह हो जाती है , ... और ये अलार्म उन्होंने सेट कर रखा था २० मिनट की वार्निंग का , मैंने और मुझसे पहले इनकी छोटी साली ने और सास ने कसम धरा रखी थी , जब होली में ये ससुराल में रहेंगे तो कोयो फोन वोन नहीं , मेरी माँ अपनी समधन की रगड़ाई का मौका क्यों छोड़तीं , बोलीं , " ई फ़ोन ,वोन अपनी महतारी के भोंसड़ी में छोड़ के आना समझे " तो अपनी कम्पनी और बाकी सभी लोगों से उन दस दिनों के लिए तो उन्होंने पूरी छुट्टी ले रखी थी , पर यहाँ पर तो ,... हाँ बस २० मिनट की वार्निंग हम लोगों को सेट होने के लिए , ... कांफ्रेंस काल में मैं भी उन्हें छोड़ कर , कमरे में कोई आ जा नहीं सकता था , कमरे के एक कोने में टेबल और लैपटॉप उन्होंने सेट कर रखा था , तो बस मैंने कम्मो और ननद को नीचे चलने के लिए हांका , कम से कम दो घंटे की छुट्टी , गुड्डी ने बस पहला कदम रखा तो दर्द से दुहरी , अपनी जांघ के के पास कस के उसने पकड़ लिया , ... मुस्कराते हुए मैंने और कम्मो ने उसे दोनों ओर से सहारा दिया , मुझे अपनी सुहाग रात के बाद की सुबह आ गयी , जेठानी ने मुझे रात के नौ बजे इनके कमरे में छोड़ा था और साफ़ बोल के गयीं थी , सुबह नौ बजे तक के लिए , और ठीक नौ बजे मेरी दो नटखट ननदें आ गयीं थी , नीचे ले जाने के लिए , .... रात भर मूसल चला था , हलाकि मैंने बहुत सम्हला , पर हलकी सी चिलख , 'वहां ' उठ ही गयी , बस झट से मेरी दोनों ननदों ने दोनों ओर से सहारा दिया और लगी छेड़ने , बस जिस तरह से मैंने और कम्मो ने अपनी ननद को सहारा दिया था , लेकिन सीढ़ी पर से उतरते समय , गुड्डी के ' वहां ' जोर से चिलख उठी , ... और फिर मैंने और कम्मो ने , ननदें छोड़ती हैं क्या सुहागरात के बाद भौजाई को चिढ़ाने का कोई मौका जो मैं छोड़ती अपनी ननद को छेड़ने का , दर्द नहीं भी हो तो भी ननदें ये पूछने का मौका नहीं छोड़तीं , ' भाभी बहुत दर्द हुआ क्या भइया के साथ ' बेचारी नयी नवेली दुल्हन तो शर्मा के रह जाती है पर कोई जेठानी अपनी देवरानी की ओर से कुँवारी ननदों की रगड़ाई जरूर करने में लग जातीं , " अरे बोला देतीं हु अपने भाई को , तुम लोग भी ले लो दर्द का मजा , नहीं तो चार दिन बाद चौथी के के नेकी भौजी के भैया लोग आयंगे , ले लेना उनके साथ दर्द का मजा " गुड्डी ने सीढ़ी से जैसे ही उतरना शुरू किया , बहुत जोर से चिलख उठी उसकी जाँघों के बीच , बेचारी ने जिस तरह से मेरी ओर देखा , लग रहा था साफ़ कह रही हो भाभी अब एक सीढ़ी नहीं उतर पाउंगी , बहुत दर्द हो रहा है ,
26-05-2021, 08:31 AM
बेचारी
बेचारी ने जिस तरह से मेरी ओर देखा , लग रहा था साफ़ कह रही हो भाभी अब एक सीढ़ी नहीं उतर पाउंगी , बहुत दर्द हो रहा है , मैंने और कम्मो ने मिल कर उसे दोनों ओर से आलमोस्ट टांग लिया , और बहुत हलके हलके एक एक कर के सीढ़ी पर उसे सपोर्ट कर के पैर रखना शुरू किया , मैंने मुस्करा के कम्मो की ओर देखा और उनकी मुस्कराहट इस बात का इशारा थी की वो मेरा मतलब समझ गयी थी , एक तो मेरी ननदिया उमर की बारी , मेरी छुटकी से भी छोटी , दूजे पहली बार फटी वो भी ऐसे मोटे मूसल लम्बे बांस से , लेकिन ननद रानी की असली दर्द का कारण थीं , उसकी कम्मो भौजी , अपने देवर को चढ़ा कर , उकसा कर , कैसे दुहरा कर के हचक हचक के इन्होने उसे चोदा , उनका मोटा मूसल जहाँ झिल्ली फटी थी वहीँ रगड़ते दरेरते , घिसटते बार बार , जितना वो चीखती थी , उतना कस के वो पेलते थे , " हे मजा मिला अपने भइया के साथ घोंट लिया उनका मोटा मूसल " मैंने अपनी ननद को छेड़ा लेकिन अब रोल बदल गया था , मैं अपनी ननद नो छेड़ रही थी और कम्मो उसकी ओर , ... कम्मो बोली , " अरे तो समझती हो क्या हमारी ननदिया को , जैसे अपने भैया का घोंटा है , वैसे हमारे भैया का भी घोंटेंगी , हँसते हँसते , क्यों ननद रानी " गुड्डी के गोरे गोरे चिकने मुलायम गाल को सहलाते मैंने चिढ़ाया , " इसके गोरे गोरे गाल मेरा भैया चूमेगा ' कसे टॉप को फाड़ते उसके उभारो को सहलाते , छेड़ते कम्मो ने अगली लाइन पूरी की , " इसके गोल गोल बॉल , मेरा भैया बॉलीबाल खेलेगा " और बात स्कर्ट के नीचे वाली की थी , नंबर मेरा था , ... " इसके जाँघों पर का बाल मेरा नउवा छिलेगा " तबतक कम्मो ने न जाने , जान बूझ कर या अनजाने में अपना कन्धा हटा लिया , और मेरी ननद बड़ी जोर से चीखी , लेकिन कम्मो ने एक बार उसे अपना पूरा सपोर्ट दे दिया और समझाते बोली , " अरे बिन्नो , घबड़ा जिन , कुल लड़की घोंटती हैं और पहली बार दर्द होता ही है , लेकिन तोहार कम्मो भौजी हैं न तोहरे साथ , बस दो चार सीढ़ी बची है , उतरी जा , अभी अइसन मनतर करब देखा दस मिनट में तोहरी गुलाबो का कुल दर्द छू मनतर , एकदम गायब ,... " " आधे घंटे में चिड़िया दुबारा चारा मांगने लगेगी , ... " मैंने एक बार फिर उस किशोरी को छेड़ा , " नहीं भाभी अब्ब नहीं , कभी नहीं , बहुत दर्द हो रहा है ,... " वो जोर से चीखी। " अरे अभी तो ट्रेलर हुआ है डेढ़ घंटे का , सोचो पूरी रात बाकी है , बल्कि कल दोपहर तक , चौदह घंटे की चुदाई , ... और अपनी ननद के लिए जो गौने की रात नयी दुल्हिन के लिए बनाते हैं न तुझे भी बहुत पसंद है , दलभरी पूड़ी और बखीर , अभी रात तो बाकी है ," मैंने और आग लगाई। लेकिन पानी डाल कर ठंडा करने के लिए कम्मो थीं न , आज वो गुड्डी को पूरी तरह अपने शीशे में उतारने वाली थी , गुड्डी की ओर से बोली , " हे तुम भी न फालतू में मेरी ननद को डरवा रही हो , उसकी कम्मो भौजी हैं न उसके साथ , बस अभी थोड़ी देर में वो दवा लगाउंगी उसकी चुनमुनिया में , सारा दर्द गायब , थोड़ा सा कम्मो भौजी के हाथ की मालिश फिर देखना जैसे कच्ची कली की तरह आयी थी तिझरिया में , एकदम वैसे ही , समझत का हो हमार ननद को , : तब तक हम दोनों नीचे पहुँच गए थे , बरामदे में एक तख्त पर गद्दा बिछा रहता था , वहीँ हम दोनों ने मिल कर अपनी ननद को लिटा दिया , मैं किचेन में खाना बनाने के लिए और थोड़ी देर में कम्मो भी वहां पहुँच गयी।
27-05-2021, 06:07 PM
waiting for any reactions from readers....
27-05-2021, 09:11 PM
Bhabhi jaan eagerly waiting for next update...
27-05-2021, 09:39 PM
(27-05-2021, 06:07 PM)komaalrani Wrote: waiting for any reactions from readers.... भाभी उफ़्फ़फ़फ़ क्या लिख रही हो मजा आ गया अगली रात की तैयारी का शोर अभी से सुनाई दे रहा है ।। काफी मोहब्बत बरसने वाली है बेड पे आंगन में मैं दिल थाम के बैठी हूँ कब अगला कामुक अपडेट आएगा बखीर की गर्मी महसूस कर रही हूं प्रतीक्षा है भाभी कम दीदी ?
27-05-2021, 11:25 PM
28-05-2021, 12:41 PM
28-05-2021, 02:31 PM
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